RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
वशाली और ममता विनय को छेड़ते हुए उसकी टाँग खेंच रही थी…उधर किरण भी किचन मे खड़ी विनय की तरफ देख कर मुस्करा रही थी…विनय वहाँ से उठ कर अपने रूम मे चला आया….विनय को गुस्से मे रूम की तरफ जाते देख…किरण भी उसके पीछे चली गई…विनय ने अपने रूम की लाइट ऑन की और मिरर के सामने खड़े होकर अपने गाल को देखने लगा….उसके गाल पर किरण की लिपस्टिक से बना हुआ किरण के होंठो का निशान था…विनय ने खीजते हुए उसे अपने हाथ से सॉफ करना शुरू कर दिया….गाल सॉफ करने के बाद वो जैसे ही बाहर जाने के लिए मुड़ा तो, किरण रूम मे आ गई…”क्या हुआ विनय….इतने गुस्से मे क्यों हो….”
विनय: वो कुछ नही…यहाँ पर आपकी वो वो लिपस्टिक का निशान बन गया था… सब मुझ पर हंस रहे थे…
किरण: तो क्या हुआ…हँसने दो सब को…कह देना था कि मामी ने प्यार दिया है….
किरण विनय के पास आई….”ला ज़रा दिखा तो सही निशान तो बाकी नही है..” किरण ने उसकी चिन पकड़ कर देखते हुए कहा…और फिर से उसके गालो पर अपने होंठो को लगा दिया….विनय बिदक कर पीछे हो गया…”क्या मामी…” किरण हँसते हुए बाहर चली गई…मामी जिस तरह उससे लगाव दिखा रही थी….विनय के मन मे उसके प्रति जो नफ़रत थी….वो अब वैसे-2 ख़तम होती जा रही थी…विनय ने अपने गाल को सॉफ किया और बाहर आ गया…
रात को खाना खाने के बाद जैसे-2 किरण ने अरेंज किया था…वैसे-2 सब लोगो अपने अपने रूम्स मे जाकर सोने लगे….किरण ने वशाली को पहले अपने रूम मे सोने के लिए भेज दिया…और विनय को अपने साथ काम मे लगाए रखा…करीब 30 मिनट बाद किरण ने विनय को भी रूम मे जाकर सोने के लिए….विनय के जाने बाद, किरण ने जल्दी-2 काम निपटाया और अपने रूम मे चली गई…रूम मे पहुँच कर उसने डोर को अंदर से लॉक किया….और बेड की तरफ बढ़ी…
वशाली पहले ही सो चुकी थी…पर विनय अभी सोया नही था….”क्या हुआ नींद नही आ रही है….?” किरण ने लाइट बंद करके, 0 वॉट का बल्ब ऑन करते हुए कहा…फिर किरण बेड पर आकर वशाली और विनय दोनो के बीच मे लेट गई….उसने विनय की तरफ करवट बदली, और विनय के गाल को अपने हाथ सहलाते हुए धीरे से बोली…..”विनय आज के बाद तुम मुझसे कभी नाराज़ नही होना….नही तो तुम्हारी मामी मर जाएगी…” विनय मामी की बात सुन कर भावुक हो गया….और किरण की आँखो मे झाँकते हुए बोला. “प्लीज़ मामी जी आप ऐसी बात मत करो…मे आगे से कभी भी आपसे नाराज़ नही होउंगा…” विनय की बात सुन कर किरण विनय की तरफ खिसक कर उसके और करीब हो गई. और अपनी एक बाजू को उसके पीठ पर कसते हुए, उसके गाल पर अपने दहकते हुए होंठो को लगा दिया….
विनय का गाल चूमने के बाद किरण पीछे हुई, तो विनय की नज़र मामी की लिपीसटिक लगे होंठो पर पड़ी….और उसे शाम वाली घटना याद आ गई…विनय जल्दी से अपनी गाल को सॉफ करने लगा तो, किरण हँसने लगी….”क्या हुआ…?” किरण ने विनय से हंसते हुए पूछा….”वो शाम को सब मेरा मज़ाक उड़ा रहे थे…” विनय ने किरण के आँखो मे देखते हुए कहा…
.”उड़ाने दो मज़ाक…वो क्या समझेंगे…ये तो मेरा प्यार है..मेरे शोना के लिए…और वैसे भी अब सब तो सो चुके है…कॉन देखेगा….” ये कहते हुए उसने फिर से विनय के गाल को चूम लिया…विनय फिर से अपने गाल को हाथ रगड़ते हुए सॉफ करने लगा…दोनो के फेस एक दूसरे के बिकुल करीब थी. किरण ने वासना से भरी नज़रों से विनय की तरफ देखा और फिर विनय को अपनी बाहों मे कसते हुए, उसके गालो को चूमने लगी…उसने विनय के गालो को चूमते हुए हल्का सा उसके होंठो को भी चूम लिया….
विनय मामी की इस हरक़त से एक दम चोंक गया…मामी की गरम साँसे उसके फेस पर टकरा कर उसके बदन मे सिहरन पैदा कर रही थी…उसका लंड आज भी फिर मामी के आगोश की गरमी से खड़ा होने लगा था…शॉर्ट्स मे तन रहे विनय के लंड को किरण अपनी साड़ी के ऊपेर से चूत पर महसूस करके एक दम से रोमांचित हो गई… उसने अपनी एक टाँग उठा कर विनय की कमर पर रख ली…और अपनी कमर को आगे की तरफ सरकाते हुए, अपनी साड़ी के ऊपेर से चूत को विनय के लंड के साथ सटा दिया… किरण का हाथ अब और तेज़ी से विनय के पीठ पर चल रहा था….और वो विनय के माथे को चूम रही थी…तभी दोनो की नज़रें आपस मे टकराई, तो मानो कुछ पलों के लिए वक़्त ठहर सा गया हो…दोनो एक दूसरे की उखड़ी हुई गरम सांसो को अपने चेहरे पर महसूस कर रहे थे….
पर तभी अचानक किरण के पीछे लेटी वशाली ने करवट बदली, तो दोनो एक दम से हड़बड़ा गए…किरण विनय से अलग होकर पीठ के बल सीधी लेट गई…उसका दिल रोमांच और डर के मारे जोरो से धड़क रहा था…वो तिरछी नज़रों से बार शॉर्ट्स मे तने हुए विनय के लंड को देख कर ठंडी आहे भर रही थी….पर दिल मे ये भी डर था कि, कही वशाली उठ ना जाए…अगर वो कुछ देख लेती, तो लेने के देने पड़ जाते. करीब वो 1 घंटे तक वासना के आग मे तड़पती रही…विनय का भी हाल बुरा था…नींद उसके आँखो मे भी नही थी…वो सिर्फ़ आँखे बंद किए हुए लेटा हुआ था….
किरण ने विनय और वशाली दोनो की तरफ देखा….दोनो की आँखें बंद थी…किरण ने समझा कि विनय भी अब सो चुका है….किरण की चूत मे आग बहुत ज़्यादा दहक रही थी…किरण ने धीरे-2 अपनी साड़ी और पेटिकोट को अपनी कमर तक ऊपेर उठा लिया. और अपनी वाइट कलर की पैंटी मे हाथ डाल कर अपनी चूत को अपनी उंगलियों से मसलने लगी…..उसकी हल्की-2 सिसकारियाँ जैसे ही विनय के कानो मे पड़ी, तो विनय ने जैसे ही आँखे खोल कर देखा, तो विनय के दिल की धड़कने थम गई… किरण अपनी पैंटी मे हाथ डाले हुए तेज़ी से अपनी चूत को मसल रही थी….
उसके आँखे मस्ती मे बंद हो चुकी थी….और उसके होंठ कामुकता मे काँपते हुए गजब का नज़ारा पेश कर रहे थे….
विनय वैसे लेटे -2 अपनी मामी को अपनी चूत मसलते हुए देखता रहा…उसका बस नही चल रहा था…नही तो वो मामी का हाथ उसकी कच्छि से निकाल कर उसकी चूत मे अपना लंड डाल देता…पर उसका पिछला अनुभाव मामी के साथ बहुत बुरा रहा था..इसीलिए विनय की कुछ करने की हिम्मत नही हुई….जब उंगलियों से भी किरण की चूत की आग ठंडी नही हुई तो, वो तड़प कर रह गई….
अगली सुबह विनय जब उठा, तो उस वक़्त वो रूम मे अकेला था….किरण किचन मे सब के लिए नाश्ता तैयार कर रही थी…विनय उठ कर मामी के ड्रेसिंग टेबल के सामने गया….और अपने गालो पर लगे मामी के होंठो के निशान को सॉफ करके बाहर आया…और फ्रेश होने के लिए चला गया…जब वो फ्रेश होकर बाहर आया तो किरण डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगा रही थी….उसने विनय को भी नाश्ता करने के लिए कहा….तभी बाहर से अजय और किरण के पापा आए…वो सुबह-2 कही गये थे…”पापा आप लोग सुबह-2 कहाँ से आ रहे हो…?” किरण ने अपने पापा से कहा….”वो बेटा सामने जो मकान खाली पड़ा है ना….उसको एक 15 दिन पर किराए पर लिया है…उसी की बात करने गए थे….”
किरण : पर उसकी ज़रूरत ही क्या थी….
अजय: मेने भी कहा था….पर पापा माने ही नही….
“वो बेटी शादी मे बहुत सारे मेहमान आने वाले है….इसलिए किराए पर मकान ले लिया…नही तो बाद मे . होती….” किरण के पापा और अजय भी डाइनिंग टेबल पर बैठ कर नाश्ता करने लगे….आज सब लोग शॉपिंग के लिए जा रहे थी….अंजू सुबह 11 बजे घर का सारा काम निपटा कर चली गई थी….ममता ने किरण को भी साथ मे चलने के लिए कहा तो, किरण ने मना कर दिया….किरण और विनय को छोड़ कर सब शॉपिंग के लिए चले गए…किरण ने कुछ पैसे देकर वशाली को भी साथ मे भेज दिया….ताकि वो अपने लिए कुछ शॉपिंग कर सके….और उसे विनय के साथ घर पर अकेले रहने का मोका मिले….सब लोग अब शाम से पहले वापिस नही आनने वाले थे. सब के जाने के बाद किरण ने गेट बंद किया और मूड कर हाल मे वापिस आई तो, देखा विनय हॉल मे बैठा हुआ टीवी देख रहा था….
वो सीधा किचन मे चली गई…..और परात मे आटा डाल कर पानी के साथ ले आई. उसने परात को नीचे रखा और आटे मे पानी डाल कर उसके गॉन्ठने के लिए नीचे पैरो के बल बैठ गई…किरण ने ऑरेंज कलर की साड़ी पहनी हुई थी… बैठने से पहले उसने अपनी साड़ी का पल्लू कंधे से हटा कर अपनी कमर मे फँसा लिया था….और अपनी साड़ी और पेटिकोट को अपनी जाँघो तक ऊपेर उठा लिया था… टीवी देख रहे विनय का ध्यान जैसे ही किरण पर पड़ा…तो विनय की आँखे खुली की खुली रह गई…किरण का गोरा बदन उस ऑरेंज कलर की साड़ी मे और भी ज़्यादा गोरा लग रहा था….उसकी चुचियाँ उसके कसे ब्लाउज मे से बाहर आने को तड़प रही थी.. और उसकी गोरी-2 मांसल जांघे देख विनय का कलेजा मुँह को आ गया…
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