--sexy pakistani hindi sex stories -- जादुयी जेली का कमाल
09-01-2016, 10:49 PM, (This post was last modified: 11-29-2018, 02:25 AM by sexstories.)
#1
--sexy pakistani hindi sex stories -- जादुयी जेली का कमाल
यह कहानी नहीं बल्कि मेरी सच्ची दास्तां है।

इसे लिखने का उद्देश्य किसी पाठक की यौनेच्छा को जागृत करना नहीं बल्कि उन्हें इस समाज की घिनौने सच्चाई को बेनक़ाब करना है, उन्हें यह बतलाना है कि आज इस समाज में किस तरह से लोग अपने दोस्तों की भोली-भाली, कमसिन बेटियों को फुसलाकर, उसके यौनेच्छा को जगा कर उसके साथ यौन दुराचार करते हैं।

पाठकों से मेरी एक विनती है कि इस दास्तां को पढ़कर कृपया हस्तमैथुन न करें, इससे मेरी संवेदना आहत होगी।

अब मैं अपनी दास्तां सुनाती हूँ।
मेरा नाम रितु झा है और मैं 19 वर्ष की हूँ और यह बात पहले की है।

मेरे पड़ोस में मेरे पापा के दोस्त रमेश गुप्ता रहते थे, उनकी बेटी पूजा मेरी सहेली भी थी।

मैं रोज शाम को उनके घर पर पूजा के साथ खेलने और अंकल से कम्प्यूटर पढ़ने जाती थी।


पूजा के साथ खेलने बाद मैं उनके घर के थर्ड फ्लोर पर अंकल से कम्प्यूटर पढ़ने चली जाती थी।

अपने घुटनों में गठिया होने के कारण आंटी सीढ़ियों पर चढ़ नहीं पाती थी इसलिए वो ग्राउंड फ्लोर पर ही रहती थी।

अंकल मुझे बहुत ही मानते थे, मुझे अक्सर अपनी गोद में बिठाकर मुझे चॉकलेट खिलाते थे।

उनकी गोद में बैठने के थोड़ी देर के बाद मुझे अपनी नितम्ब में कुछ कड़ापन महसूस होने लगता था, शुरू में तो मैंने इस बात पर ज्यादा नोटिस नहीं किया पर बाद में मैं समझ गई थी कि अंकलजी के गोद में बैठने के बाद उनके लिंग में तनाव आ जाता है।

मुझे गोद में बिठाने के पहले वो अपना पायजामा उतार कर लुंगी पहन लेते थे।

मुझे गोद में बिठाने के पहले अंकल मुझे बोलते थे कि तुम अपनी स्कर्ट को उठाकर मेरी गोद में बैठो, इससे तुम्हें ज्यादा गर्मी नहीं लगेगी।

अंकल मुझे गोद में इस तरह से बिठाते थे कि उनका मोटा लिंग मेरे नितम्ब के दरार में फँस जाता था।

मुझे गोद में बिठाने के बाद अंकल मुझे धीरे-धीरे आगे-पीछे हिलाते थे, हिलाने के थोड़ी देर के बाद मेरी जाँघ में कुछ चिपचिपा सा लग जाता था।

मुझे यह समझ में नहीं आया कि अंकल ऐसा क्यों करते हैं।

एक दिन मैं जब अंकल के गोद में बैठ रही थी तो अंकल ने मेरी स्कर्ट को ऊपर उठाने के बाद कहा कि रितु तुम्हारी पैंटी सिकुड़ गई है, इसे मैं ठीक कर देता हूँ।

ऐसा कहते हुए अंकल ने बहाने से मेरी पैंटी के कपड़े को थोड़ा हटा के उसमें अपने लिंग की केवल सुपारी को घुसाते हुए मुझे बोला कि पूजा अब तुम बैठ जाओ।

मेरे बैठने से लिंग मेरी चूत से रगड़ाते हुए मेरी पूरी पैंटी में घुस गया था।

मुझे कुछ अजीब सा लगा तो मैंने अपनी पैंटी को छू कर देखा तो मुझे वहाँ पर बहुत फुला हुआ मोटा सा कुछ महसूस हुआ, हाथ को थोड़ा और ऊपर किया तो मेरे हाथ को अंकल का सुपारी टच कर गया।

उनका अत्यन्त बड़ा लिंग होने के कारण सुपारी पैंटी के ऊपर से बाहर निकल गया था।

मैंने अंकल से पूछा- अंकलजी, लगता है की मेरी पैंटी में आपका वो घुस गया है।

यह सुनकर अंकल ने कहा- बेटी, वो गलती से तुम्हारे पैंटी में घुस गया है, तुम कोई टेंशन मत करो, वो घुसा रहने से कोई हर्ज़ नहीं है।
यह सुनकर मैं चुप हो गई।

उस वक़्त मुझे इतनी समझ नहीं थी कि मैं गलत और सही का अन्तर समझ सकती।

उस समय मेरी चूत में एकदम बाल नहीं निकले थे, एकदम चिकनी चूत होने के कारण से मैं अपनी चूत में अंकल के मोटे लिंग का स्पर्श अच्छी तरह से महसूस कर रही थी।

मेरी छोटी सी चूत अंकल के मोटे लिंग से पूरी तरह ढक चुकी थी।

मेरे बैठने के बाद अंकल ने धीरे-धीरे मुझे आगे-पीछे हिलाना शुरू कर दिया।

हिलाने के कारण मेरी चूत की फाँक अंकल के लिंग से पूरा रगड़ खा रही थी।

फिर अंकल ने मेरी टांग को थोड़ा फैला दिया जिससे मेरी चूत की फाँक और खुल गयी और उसके बाद अंकल ने मुझे आगे-पीछे करना शुरू कर दिया।

बीच-बीच में अंकल अपनी हाथों से मुझे चॉकलेट भी खिला देते थे।

थोड़ी देर के बाद मेरे चूत और अंकल के लिंग से कुछ चिकना सा निकलने लगा, इस चिकनेपन के कारण अंकल का लिंग ज्यादा तेजी से ऊपर-नीचे होने लगा।

अंकल जानते थे कि मेरी चूत छोटी है और उसमें उनका लिंग नहीं घुस पायेगा इसलिए वो मेरी चूत पर अपना लिंग सटाकर उसे रगड़कर ही मजा ले रहे थे।

अंकल लम्बे चौड़े आदमी थे, करीब छह फीट लम्बे होंगे और मैं उनके सामने दुबली-पतली सी लग रही थी। मेरी छोटी सी पैंटी में उनका लिंग बहुत ही भारी-भरकम लग रहा था।

अंकल के लिंग का मेरी चूत में रगड़ा जाना थोड़ी देर के बाद मुझे अच्छा लगने लगा था।

अपने लिंग को रगड़ते हुए अंकल ने पूछा- बेटी, तुम्हारी पैंटी में घुसा हुआ मेरे सुस्सू से तुम्हें कोई दिक्कत नहीं न हो रही है?

मैंने कहा- नहीं अंकलजी।

अंकल खुश होते हुए बोले- रितु बेटा, तुम्हारी सुस्सु में मेरी सुस्सु सटने से कैसा लग रहा है?

मैं- अच्छा लग रहा है अंकलजी पर आपका सुस्सु बहुत बड़ा है, वो मेरी पैंटी के ऊपर से बाहर निकलकर मेरे पेट में सट रहा है और उसमें से कुछ चिकना सा निकल कर मेरे पेट में लग गया है।

अंकल- जरा अपनी स्कर्ट ऊपर उठाकर दिखाओ तो, मैं देखूं कि चिकना सा क्या बाहर निकला है?

मैंने जब अपना स्कर्ट ऊपर उठाया तो अंकल का मोटा सा, फुल हुआ सुपारी दिख रहा था। अंकल ने आगे झुककर मेरी पैंटी को देख कर बोला- बेटी, जरा सुपारी को अलगा कर दिखाओ।

तो मैंने अपने हाथ से पकड़कर अलगाया तो अंकल ने कहा- इसमें घबराने की कोई बात नहीं है बेटी, इसे तुम बाद में धो लेना।

अंकल का सुपारी पकड़ने के कारण मेरी चूत एकदम सिहर उठी थी।

पूजा के आने की आवाज़ सुनकर अंकल ने मुझे झट से अपने से अलग कर कर दिया।

अगले दिन जब मेरे पापा, मम्मी के साथ अपने गाँव अपने अपने बीमार पिताजी को देखने चले गए और मुझे अंकल के घर पर ही छोड़ दिया क्योंकि वो अगले दिन वाले थे।

मुझे देखकर अंकल एकदम खुश हो गये और बोले- तुम रात में मेरे कमरे में ही सो जाना, वहाँ एक और बिस्तर है।

सुनकर आंटी ने अपनी मूक सहमति जता दी।

रात करीब 11 बजे मैं अंकल के रूम में सोने गई तो पहले उन्होंने मुझे डेयरी मिल्क चॉकलेट खिलाया और फिर मुझे अपनी गोद में बैठने को बोला। अंकल ने मुझे अपनी गोद में बिठाने के पहले मुझसे पूछा- बेटी, मेरी गोद में वैसे ही बैठोगी या कल की तरह अपनी पैन्टी में मेरा सुस्सु घुसवा कर बैठोगी?

मैंने कहा- अंकल, मैं कल के तरह ही बैठूँगी।

यह सुनकर अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा- कल उस उस तरह से बैठने में तुम्हें अच्छा लगा था न?

मैंने कहा- हाँ, अच्छा लगा था अंकलजी।

अंकल ने पूछा- बेटी, तुम यह सब किसी से नहीं न बोलोगी? मैं तुम्हें बहुत सारे चॉकलेट खिलाऊँगा।

मैंने कहा- नहीं अंकलजी, यह बात मैं किसी से नहीं बोलूँगी।

यह सुनकर लग रहा था कि अंकल का हौंसला कुछ बढ़ गया था और उन्होंने कहा- ठीक है बेटी, अब मैं तुम्हारे पैन्टी में अपना वो घुसाते हुए बैठाता हूँ।

ऐसा कहकर अंकल ने कुर्सी पर बैठकर अपनी लूँगी खोल दी, अंकल बहुत बड़ा, काफी मोटा लिंग देखकर मैं थोड़ी देर के लिए डर गई, फिर उसे बहुत गौर से देखने लगी।

अंकल जब देखा कि मैं उनके लिंग को बहुत गौर देख रही हूँ तो उन्होंने कहा- बेटी, डरो मत… इसे अपने हाथ में पकड़ कर देखो।

तो मैंने झिझकते हुए हौले से अपनी छोटे हाथों से अंकल का लिंग पकड़ लिया, मेरे नाजुक हाथों में अंकल का मोटा लिंग और भी बड़ा दिख रहा था।

फिर अंकल ने कहा- बेटी, इसकी टोपी भी खोल कर इसकी सुपारी को देख लो।

तो मैंने धीरे से टोपी को खोल दिया।

मुझे याद है उस वक़्त मुझे अंकल का मोटा, फ़ूला हुई सुपारी देखने में बहुत अच्छा लगी थी।

फिर अंकल ने पूछा- ॠतु, मेरी सुपारी तुम्हें देखने में कैसी लगी?

तो मैंने कहा – बहुत सुन्दर और प्यारा लग रहा है।

अंकल- थैंक यू बेटी, तुम्हें यह पसंद आया?

मैंने कहा- बहुत पसंद आया अंकलजी!

तो अंकल ने कहा- तुम्हें बहुत पसंद है तो इस पर किस ले लो।

फिर मैंने अपने नाजुक होंठों से उस पर चुम्बन ले लिया।

चुम्बन लेने से मेरी होंठों पर कुछ चिपचिपा सा लग गया तो मैंने पूछा- अंकलजी, ये चिपचिपा सा क्या लग गया है?

अंकल- बेटी, यह मेरे लिंग की जूस है, इसे चाट कर देखो, बहुत टेस्टी है।

ऐसा सुनकर मैं अंकल के भयंकर सुपारे को चाटने लगी।

फिर अंकल ने कहा- बेटी, इसे थोड़ा अपने मुँह के अन्दर लेकर चूसो।

तो मैं उतने बड़े सुपारे को बहुत दिक्कत से अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।

फिर अंकल ने अपना लिंग और मेरे मुँह में घुसा दिया और सिर पीछे से पकड़ कर अपना लिंग अन्दर-बाहर करने लगे।

ऐसा करने पर मेरे छोटे से मुँह में दर्द होने लगा तो मैंने लिंग से अपना मुँह बाहर निकाल लिया और अंकल से बोला- दर्द हो रहा है।

तो अंकल ने अपना लिंग बाहर निकल दिया।

फिर अंकल ने मुझे कहा- ॠतु बेटी, अब मैं तुम्हें अपनी गोद में बिठाता हूँ।

मैं उनके गोद में बैठने लगी तो अंकल ने बोला- बेटी, आज गर्मी बहुत है, तुम्हारी पैन्टी उतार देता हूँ।

ऐसा बोलकर अंकल ने मेरी पैन्टी को उतार दिया, मेरी पैंटी उतारते ही मेरी बिना बालों वाली, गोरी-गोरी, एकदम चिकनी चूत को देख कर अंकल का लिंग एकदम फनफना कर खड़ा हो गया था।

मेरी पैंटी को उतारने के बाद बोला- चलो तुम्हारा स्कर्ट भी उतार देता हूँ।

ऐसा बोलकर उन्होंने मेरी स्कर्ट को भी उतार दिया, फिर उन्होंने मेरी टी-शर्ट को भी उतार दिया।

उस वक़्त मैं ब्रा नहीं पहनती थी क्योंकि मेरी उभार केवल नींबू इतनी बड़ी थी।

मुझे एकदम नंगी करने के बाद अंकल ने कहा- ॠतु, तुम्हारे मम्मे तो अभी बहुत ही छोटे हैं।

ऐसा बोलकर अंकल मेरी छाती की उभार को सहलाने लगे, उसे अपनी चुटकियों में मसलने लगे।

मुझे भी मजा आने लगा।

मेरी छाती कुछ देर तक दबाने के बाद अंकल ने मुझे बिस्तर पर लेटाकर मेरी टांगों को फैला दिया और मेरी कोमल, चिकनी चूत को सहलाने लगे।
फिर मेरी चूत को चीरकर उसे चाटने लगे।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

कुछ देर चाटने के बाद उन्होंने मेरी छोटी सी चूत की अत्यन्त संकरी छेद में ऊँगली घुसकर उसे अंदर-बाहर करने लगे।

थोड़ी देर के बाद मेरी चूत से पानी निकलने लगा, मुझे ऊँगली का अन्दर-बाहर होना बहुत अच्छा लग रहा था, आनन्द के कारण मेरे मुँह से सी-सी की मादक आवाज़ भी निकल रही थी।

थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद अंकल ने अपने लिंग का सुपारी खोल कर उसे मेरी चूत पर रगड़ने लगे।

अंकल के लिंग की सुपारी इतनी बड़ी थी कि उससे मेरी पूरी चूत ही ढक गई थी।

अंकल बीच-बीच में अपने सुपारी को मेरी चूत पर हौले-हौले से पटकते भी थे।

मैं समझ गई थी कि अंकल मेरी चूत पर केवल अपना लिंग क्यों रगड़ रहे हैं, चूत के छेद में उसे क्यों नहीं घुसा रहे हैं।
क्योंकि अंकल की जितनी बड़ी सुपारी है, उतनी बड़ी तो मेरी चूत ही थी तो फिर कहाँ से उनका मोटा लिंग मेरी छोटी सी चूत में घुसता।

अंकल का लिंग बहुत ही मोटा था और करीब सात इंच लम्बा तो था ही।

मेरी चूत पर अपना लिंग कुछ देर तक रगड़ने के बाद अंकल ने मेरी चूत को फैला कर उसमें अपनी सुपारी को घुसाने का प्रयास किया पर वो घुस नहीं पाया तो अंकल ने अलमारी से एक बोतल निकाली जिस पर K-Y Jelly लिखा था।

उस बोतल के लम्बे नॉजल को अंकल ने मेरी चूत में घुस कर ढेर सारा जेली मेरी चूत में उड़ेल दी और अपने लिंग पर भी खूब सारी जेली थोप ली और उसके बाद अंकल कुर्सी पर बैठ गए और मुझसे बोले- बेटी ॠतु, अगर तुम मेरे सुस्सु पर अपने सुस्सु का छेद रख कर बैठोगी तो मैं तुम्हें Sony का PlayStation दिला दूँगा।

तो मैंने कहा- पर अंकलजी, आपके सुस्सु के सुपारी इतनी बड़ी तो मेरी पूरी सुस्सु है, इसमें यह कहाँ घुस पायेगा।

यह सुनकर अंकल ने कहा- धत पगली, तुम नहीं जानती हो कि लड़कियों का सुस्सु कितना लचीला होता है, इसमें से तो बच्चा तक निकल जाता है।

यह सुनकर मैंने कहा- ठीक है अंकलजी, आप ट्राई कर लीजिये, मुझे PlayStation दिला दोगे न?

अंकल- ॠतु बेटा, तुम इसकी चिंता बिल्कुल मत करो, वो मैं तुम्हें पक्का दिला दूँगा।

ऐसा बोलकर अंकल लेट गये और अपने लिंग को खड़ा करके उसे पकड़ लिया और मुझे बोला- बेटी ॠतु, अब तुम इस पर अपने सुस्सु का छेद रख कर धीरे-धीरे बैठो।

मैंने अपनी टांगों को फैला कर अपनी चूत की अत्यंत छोटे, संकरे छेद को अंकल के भयंकर सुपारे पर रख कर बैठने का प्रयास करने लगी।
मेरे चूत में अंकल का मोटा सुपारा नहीं घुस पा रहा था।

ऐसा देखकर अंकल मेरी कमर को पकड़ कर उसे जोर लगाकर नीचे की ओर दबाने लगे, जेली के कमाल से लिंग धीरे-धीरे मेरी चूत में घुसना शुरू हो गया था।

थोड़ी देर में अंकल का सुपारी मेरी चूत में घुस गया था।

जेली के कारण घुसने में मुझे ज्यादा दर्द नहीं हुआ।
मेरी चूत में अंकल की सुपारी घुस जाने के बाद अंकल थोड़ी देर रुक गये और फिर उसके बाद मेरी कमर को पकड़ कर उसे धीरे-धीरे नीचे की ओर उसे दबाना शुरू कर दिया और मेरी चूत में धीरे-धीरे अंकल का मोटा लिंग घुसने लगा।

तभी अचानक मुझे जोर का दर्द हुआ और मेरी योनि से थोड़ा खून निकलने लगा पर मस्ती के कारण अंकल इसकी परवाह किये बगैर मेरी कमर को नीचे दबाते ही चले गये।

मैं दर्द से करहाते हुए मम्मी-मम्मी बोल रही थी।

थोड़ी देर में अंकल का पूरा लिंग मेरी चूत में समा चुका था।

मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिस लड़की का चूत ही अंकल के सुपारी जितना बड़ा हो, उस लड़की के चूत में अंकल का पूरा सात इंच लम्बा लिंग कैसे घुस गया।
मेरे ख्याल से यह K-Y Jelly का ही कमाल था।

उस वक़्त यदि कोई व्यक्ति अंकल के विशालकाय शरीर पर मुझ जैसे दुबली-पतली लड़की को, अपने चूत में पूरा सात इंच लम्बा लिंग घुसाए हुए बैठे देख लेता तो उसे बहुत ही अजीब सा लगता।

मेरी चूत में पूरा लिंग घुसने के बाद अंकल थोड़ा सुस्ताने लगे, मेरा दर्द भी बहुत कम हो गया था।

अब अंकल ने मेरी कमर को पकड़ ली और उसे उसे ऊपर-नीचे करते हुए बोले- ॠतु, तुम्हारी चूत तो बहुत ही टाइट है, तेरी कमर को ऊपर-नीचे करने में मुझे बहुत ताकत लगानी पड़ रही है, लग रहा है कहीं मेरा सुपारा न छिल जाये।

मेरे और अंकल दोनों के मुँह से आह-ऊह की आनन्दभरी सिसकारी निकल रही थी।

अंकल का दैत्याकार सुपारा मेरी चूत की अत्यंत संकुचित दीवार से बुरी घर्षण कर रहा था।
मुझे दर्द और आनन्द दोनों का मिला-जुला एहसास हो रहा था।

अंकल मेरे कूल्हों को पकड़ कर उसे तेजी से ऊपर-नीचे कर रहे थे।
करीब दस मिनट के बाद मेरी चूत में गर्म-गर्म फ़व्वारा छुटने लगा।

अंकल ने रात भर मेरी जबदस्त चुदाई की।

सुबह में मुझे लंगड़ाते हुए चलते देखकर आंटी ने पूछा- बेटी, तुम लंगड़ाकर क्यों चल रही हो?

तो मैंने बहाना बनाते हुए कहा- आंटी, मैं बाथरूम में गिर गई थी, ज्यादा चोट नहीं लगी है, अंकल ने iodex लगा दिया है।

ऐसा सुनकर आंटी ने फिर कुछ नहीं कहा।

अंकल ने तो मुझे PlayStation तो दिला दिया पर मुझे उसकी एक बहुत ही बड़ी कीमत चुकानी पड़ी, अंकल ने मुझे रोज चोद-चोद कर कर मेरी चूत को एकदम शादीशुदा औरत जितनी बड़ी चूत बना दिया, मेरी चूत के दोनों ओंठ एकदम झालरदार होकर झूलते रहते हैं।

आज मैं अपने 19 वर्ष की उम्र में एक अत्यंत ही बड़ी चूत की मालकिन हूँ, अन्तर्वासना का कोई भी पाठक मेरी इतनी विशाल चूत को देखकर एकदम हैरान और हक्का-बक्का रह जायेगा।

Free Savita Bhabhi &Velamma Comics @
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02-06-2022, 12:08 PM, (This post was last modified: 02-07-2022, 01:35 PM by desiaks.)
#2
RE: --sexy pakistani hindi sex stories -- जादुयी जेली का कमाल
Heart Ohhh Ritu Kya mast kahani hai please dikha do na apni chuteri mail ID me mail karke chut ki picture my ID
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