09-19-2020, 12:48 PM,
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desiaks
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RE: Thriller Sex Kahani - मिस्टर चैलेंज
कालिज के लम्बे - चौड़े प्रांगण में उस स्थान के चारों तरफ चॉक से एक दायरा बना हुआ था जहां सत्या श्रीवास्तव ने अंतिम सांसे ली दी । दायरे के अंदर खुन बिखरा पड़ा था । मगर मेरी निगाह खून पर नहीं CHALLENGE पर थी । यही शब्द मुझे यहां तक खीच लाया था । इस शब्द का अर्थ जितना अंधेरे में मेरे लेखन कक्ष में था , उतना ही इस वक्त भी था । जैकी ने अपनी स्पीच के अंत में मेरा परिचय दे दिया था । ज्यादातर स्टूडेन्ट्स मेरे पाठक और प्रशंसक थे । मुझे अपने बीच पाकर बेहद रोमांचित और खुश हुए थे । कई ने आटोग्राफ लिये । कई ने कहा ---- " आप बेहद दिमागदार उपन्यास लिखने है । अब .... जवकि आप इस केस की इन्वेस्टिगेशन के लिए निकले हैं तो हमें पूरा विश्वास है , सत्या मैडम का हत्यारा चाहे जितना चालाक हो ---- आप उसे खोज निकालेंगे । " आई.ए.एस. कालेज के मेरे पाठकों ने जो आशाएं मुझसे बांधी थी ---- मेरी पूरी कोशिश उन पर खरा उतरने की थी मगर अभी तक मेरा दिमाग यह सोचने से ज्यादा और कुछ नहीं सोच पा रहा था कि ---- मरते वक्त सत्या ने CHALLENGE क्यों लिखा ? हमारे चारों तरफ स्टूडेन्ट्स की भीड़ थी । मैंने चेहरा उठाकर उस टैरेस की तरफ देखा जहां से सत्या का नीचे गिरना बताया जा रहा था । यहा से एक स्थान का रेलिंग उखड़ा हुआ था । रेलिंग पूरी तरह टूटकर सत्या के साथ नहीं गिरा था बल्कि दीवार , के सहारे लटका रह गया था । मैंने प्रिंसिपल से पूछा ---- " जिस वक्त सत्या वहां से गिरा , उस वक्त आप कहां थे ? " " प्रांगण में ही । " बंसल ने अंगुली से एक तरफ इशारा किया --- " वहां ! " " आप प्रांगण में क्यों थे ? " " हम इस सवाल का मतलब नहीं समझे " " सुना है जो मीटिंग यहां होने वाली थी , यह आपके खिलाफ थी । इस समस्या पर विचार किया जाना था कि यदि आप चन्द्रमोहन का रेट्रीकेशन नहीं करते है तो क्या कदम उठाया जाये ? मेरे ख्याल से ऐसी मीटिंग में आपको आमंत्रित नहीं किया गया होगा ? "
आपका ख्याल दुरुस्त है । हमें नहीं बुलाया गया था । "
" इसीलिए सवाल किया , आप यहां क्यों थे ? " हमने सोचा ---- स्टुडेन्टन और प्रोफेसर को यह बताना जरूरी है कि चन्द्रमोहन का रेस्ट्रीकेशन किसी समस्या का हल नहीं है । चन्द्रमोहन थोड़ा बिगड़ा हुआ सही , लेकिन हम सबकी नजर में वह वैसा ही होना चाहिए जैसे दूसरे स्टूडेन्ट्स हैं । " " इस बारे में विस्तार से बाद में बात करेंगे । फिलहाल तय है कि आप् यहीं थे । " " वहां ! " प्रिंसिपल ने फिर उसी तरफ अंगुली उठाई जिस तरफ एक बार पहले भी उठा चुका था ।
" क्या देखा आपने ? " " वही , जो सबने देखा । " मैने अपना लहजा थोड़ा सख्त किया ---- " मैं आपसे पूछ रहा हूँ । " प्रिंसिपल ने लगभग वहीं दोहरा दिया जो अखबार में छपा था । मैंने यह जॉचने की कोशिश की कि वह सुनी - सुनाई बातें दोहरा रहा है या घटना का प्रत्यक्षदर्शी था ?
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