Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
08-30-2020, 03:32 PM,
RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
95 पूछताछ

टीना जी के झटकते नितम्बों को जकड़े हुए, राज उनकी योनि को भूखों के समान चाटता और चूसता जा रहा था। उसे ज्ञात था कि उसकी बहन और मम्मी चूसते वक़्त किस प्रकार की क्रियायों से अधिक सुख अनुभव करती हैं.. सो अपने अनुभव वश, वो टीना जी के आनन्दोपार्जन के लिये ठीक उसी रीति में मुख मैथुन करने लगा। बार-बार अपनी जिह्वा से उनके चोंचले को पुचकारता, फिर जितना गहरा घुसती, जिह्वा को उनकी खुली योनि के भीतर घुसेड़ डालता। राज की मैथुन शैली अचूक सिद्ध हुई, क्योंकि शीघ्र ही टीना जी लाचार होकर राज के आतुरता से चूसते मुख में रिसने लगीं।

राज चटखारे ले लेकर उनकी योनि से टपकती हर एक बून्द को निगलता गया। उनकी स्वादिष्ट योनि में उसने अपनी जिह्वा को मरोड़-मरोड़ कर कुरेदा, उनके कड़े चोंचले को चूसा, और उनकी हवस के मारे सूजी हुई योनि के इन्च - इन्च को चाटा।

टीना जी राज के द्रवों से चुपड़े चेहरे पर अपनी योनि को ऊपर-नीचे उचकाने लगीं, और कस के रगड़ने लगीं। वे अपने हाथों से राज के सर को पकड़े हुए, उसके मुंह को अपनी ज्वलन्त योनि पर कस के कुचलती जा रही थीं।

“मैं झड़ने वाली हूँ, राज !”, वे चीखीं। “उहहहह, मुझे झड़ा दे! मैं तेरे चेहरे पर, तेरे मुँह पर झड्गी! ले चूस मेरी चूत, डार्लिंग! ऊऊह, बेटा चूस मेरी भीगी चूत को! ::अंम्म्म! चूस मेरे चोंचले को चोद इस रन्डी चूत को और ओहहहहह, कस के, और दम लगा !” | टीना जी मस्त घोड़ी जैसी सरपट फुदक रही थीं, उनके स्तन झूम रहे थे और केश लहरा रहे थे।

राज ने उनके कूल्हों पर अपनी जकड़ कायम रखी थी, जब वे परम दैहिक आनन्द की अनुभूति करने लगीं तो उसका मुँह टीना जी की फड़कती योनि पर चिपका रहा। तीव्र आनन्द की लहरों पर लहरें उनकी योनि को लबालब करने लगीं। उनके जीवन का सबसे सशक्त ऑरगैस्म उनकी हाँफ़ती, थरथराती देह में अच्छादित होने लगा।

ओह, बेटा! कमाल कर दिया! क्या ट्रेनिंग दी है तेरी मम्मी ने तुझे, ऐसी बढ़िया चूत - चटायी तो मेरी जिन्दगी में किसी मर्द ने नहीं की !”

राज ने अपने द्रवों से सने चेहरे को उनकी योनि पर से उठाया और मुस्कुराया। * शर्मा अंकल से भी बढ़िया?” उसने पूछा, और हाथ बढ़ा कर उनके कंपकंपाते स्तनों को सहलाने लगा।

बिलकुल ! ::: मुझे गलत मत समझना। वैसे तो तुम्हारे अंकल और जय दोनो ही माहिर चोद्दे हैं, पर चूत - चटायी के मामले में तेरा जवाब नहीं, मेरे पहलवान आशिक़ !”

“शुक्र है भगवान का कि ये हुनर मुझ नाचीज को बख्शा, वैसे मैंने आज तक किसी औरत को शिकायत का मौक़ा नहीं दिया !”, राज हँसा।

“अरे, शिकायत तो अब हम औरतों के शौहरों को होगी! • और क्या डॉली भी तुझसे अपनी चूत चटवाती है ?” ।

“बिलकुल चटवाती है! हमारी शब्बो तो मुझसे अपनी गरम चुतिया चटवाकर पागल हो जाती है। सुबह-सुबह ऐसी चीखती है, कि आस-पड़ोसी जाग जायें ।”

*और तेरी मम्मी: ?” “आँटी, लगता है आप पहले से ही सब कुछ जानती हैं !”, राज हँसा।

“अब पड़ोसियों की खोज - खबर रखना तो मेरा फ़र्ज है !”

“अब मालूम हुआ कि सोनिया ने होशियारी कहाँ से सीखी है।” मुझे लग रहा था, कि ये सब सोनिया का किया धरा है :..", टीना जी मुस्कुरायीं।

*आपको पछतावा तो नहीं हो रहा है ?” ।

कैसा पछतावा, सोनिया की वजह से तो मुझे आज तेरा कटुवा लन्ड नसीब हुआ है !” टीना ने बढ़कर राज के लिंग को हाथों में लिया और अपनी मुट्ठी मे दबाकर उसकी चिकनी सतह और अद्भुत् लम्बाई पर ऊपर और नीचे मालिश करने लगीं। इससे पहले कि वो उसे उनकी योनि में भोंक दे, टीना जी उसके मादक पुरुषत्व का अपने होठों के बीच अनुभव करने को बेताब हो रही थीं।

म्म्म्म्म , ओह, वाह! ::. ओहहह, बहुत बढ़िया! :: जोर से रगरिये!”, राज कराहा, और अपने लिंग के विकराल भार को बेहदगी से टीना जी के हाथों में झुलाने लगा।
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08-30-2020, 03:33 PM,
RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
*आपको पछतावा तो नहीं हो रहा है ?” ।

कैसा पछतावा, सोनिया की वजह से तो मुझे आज तेरा कटुवा लन्ड नसीब हुआ है !” टीना ने बढ़कर राज के लिंग को हाथों में लिया और अपनी मुट्ठी मे दबाकर उसकी चिकनी सतह और अद्भुत् लम्बाई पर ऊपर और नीचे मालिश करने लगीं। इससे पहले कि वो उसे उनकी योनि में भोंक दे, टीना जी उसके मादक पुरुषत्व का अपने होठों के बीच अनुभव करने को बेताब हो रही थीं।

म्म्म्म्म , ओह, वाह! ::. ओहहह, बहुत बढ़िया! :: जोर से रगरिये!”, राज कराहा, और अपने लिंग के विकराल भार को बेहदगी से टीना जी के हाथों में झुलाने लगा।

टीना जी ने अपनी मुट्ठी को किशोर राज के लिंग की सम्पूर्ण लम्बाई पर ऊपर और नीचे रगड़ा, प्रतीत होता था उनके हाथ में एक मोटी मूसल हो जिसे वे ओखली में कूट रही हों। और टीना जी प्रेमपूर्वक उसके सुपाड़े को निचोड़ती रहीं। है दैय्या, कैसा राक्षसी लन्ड था! मोटा तो इतना की उसके तने का व्यास उनकी उंगलियों में नहीं समाता था। लम्बा इतना कि उनकी ठोड़ी से शुरू होकर उनके माथे के तीन इन्च ऊपर फ़हराता था। और कोबरा नाग जैसा काला - कलूटा, जिसके ऊपर लाल फननुमा कटुवा सुपाड़ा, जो किसी भी पल विशैला वीर्य-दंश मारने को तैयार लगता था!

जब वे उसके लिंग को सहला रही थीं, राज के हाथ उनके अंग-अंग पर घूम रहे थे, उनके गोरे-गोरे स्तनों और नितम्बों की भरपूर चिकनी माँसलता की मालिश कर रहे थे, और उनकी सिहरती नग्न देह को अपनी देह से आलिंगन करा रहे थे। टीना जी ने अपने नये हमबिस्तर प्रेमी के होठों का चुम्बन लिया, और अत्यंत कामुकता से उसके कानों में फुसफुसायीं ...

जानेमन , तू कहे तो पहले तेरे लन्ड को चुसू ?” ओह, जरूर, जरूर !” उखड़ी हुई साँसों में राज बोला, उसका लिंग टीना जी के हाथों में फुर्ती से फड़क रहा था। टीना जी ने नीचे सर झुकाकर लिंग को देखा।

म्म्म्म्म्म्म , देख तो कैसा दनदना कर फूल गया है, बेटा, लगता है चूसने की जरूरत ही नहीं, खुद-ब-खुद झड़ जायेगा मादरचोद !”

* उहहहह, प्लीज !??! चूसिये ना !! :: :: जरा देर मुँह में लेकर चूस लीजिये ना !” टीना जी फिसल कर उसकी टाँगों के बीच पहुँचीं और राज के लिंग के विकराल उभार पर अपनी आँखें जमा दीं। अपने दोनो हाथों में लिंग को लेकर, अपने मुंह को उसके सिरे के ठीक उपर रखकर, टीना जी ने नजरें ऊपर कर राज के उल्लासित चेहरे को देखा। उनके नेत्र कोरी वासना के मारे सुलग रहे थे।
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08-30-2020, 03:33 PM,
RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
96 पड़ोसन को मिला पहलवान
ठीक है राज ! चूस लूंगी तेरा लन्ड पर उसके बादः ..

जिस प्रकार टीना जी की अंगारों जैसी आँखें उसपर वासना के ताप को फेंक रही थीं, राज कामलोभ के मारे सिहर उठा। उनका मुख उसके सुपाडे के इतना निकट आ चुका था, कि राज को अपने उत्पीड़ित लिंग पर उनकी साँसों की गर्माहट का आभास हो रहा था।

क्या? ::. उसके बाद क्या करना होगा?” राज अपने कूल्हे उठा कर उखड़ी साँसों में बोला।

सुन मेरे आशिक़ : उम्मीद करती हूँ कि तूने इन गोल-गोल मोटे टट्टों में दो-चार लीटर वीर्य स्टोर कर रखा हैक्योंकि तुझे अपने मुँह में झड़ाने के बाद, मैं फिर इस लन्ड को चूसुंगी, और जब तेरा मादरचोद लन्ड फिर से फूल कर खड़ा हो जायेगा, तो इसे मेरी टपकती गरम चूत की अच्छी खातिर करनी है . . ?

टीना जी की पसीने से सनी हथेली में राज का लिंग धड़क-धड़क कर बेतहाशा झटके दे रहा था। उनके स्तन राज की निचली जंघाओं पर दबे हुए थे और अपनी बात कहते हुए वे अपने आग्नेय योनिस्थल को उसपर संकेतात्मक रूप में रगड़ती जा रही थीं।

“या खुदाः आँटी आपकी बातें सुनकर मेरे लन्ड की गर्मी बढ़ रही है! :::: अब तो आपको चोदे बिना नहीं रहा जाता !” टीना जी कुटिलतापूर्वक मुस्कुरायीं।।

तू क्या मुझे चोदेगा मादरचोद, आज मैं तुझे चोदूंगी! तेरे इस लट्ठ जैसे मोटे लौड़े के ऊपर उचक-उचक कर तेरी घोड़े जैसी सवारी करूंगी! ::: तू बस मेरे मम्मों को थामे रहनाः '' तेरे इन जवान टट्टों को सुखा देंगी मादरचोद, निचोड़ लूंगी अपनी चूत से, तेरे लन्ड की सारी पहलवानी निकल लूंगी, फिर घूमना अपने लंगड़े लन्ड और सूखे नीम्बू जैसे टट्टों को! ::: बोल है हिम्मत ? चढ़ मादरचोद ? घबराता है तो अब भी बोल दे! फिर मत कहना कि मम्मी मेरा लटका लन्ड देखकर नाराज हो रही हैं। वरना मेरी चूत तेरे हरे-भरे लन्ड को ऐसा निचोड़ेगी बच्चू कि तेरी मम्मी और बहन मिलकर भी खड़ा नहीं कर पायेंगे !”

“ऊ ऊह, भगवान क़सम हाँ! ऊपर वाले!::: मैं तैयार हूँ!::: क़सम ईमान की आज तेरी चूत को चोद चोद कर भोसड़ी बना दूंगा!”, राज चीखा।

“ये हुई मर्दो वाली बात, डार्लिंग !”, टीना जी मुस्कायीं। “पर मैं चाहती हूँ कि जब तेरे लन्ड को चूसूं , तो तू मेरी चूत की खातिर करे। बेचारी कब से तरस रही है, कोई मर्द इसकी गर्मी को ठंडा करे।”

ठीक बात है आँटी!”, राज हाँफ़ा। “आप जरा घूम जाइये।”

टीना जी खिसक कर सोफ़े पर राज के पास ऐसे लेट गयी कि उनका सर उसके पेड़ के निकट और पैर उसके सर के निकट हो गये। वे अपनी बगल पर लेटी हुई थीं और अपनी चिकनी दूधिया टाँगों को फैलाने लगीं, उन्होंने अपने घुटनों को मोड़ कर चौड़ा फैलाया, ताकि राज सरलता से उनकी चमचमाती लाल योनि तक पहुँच पाये। टीना जी ने उसकी ओर मुंह फेरा और उनकी आँखों में एक कुटिल चमक कौंध गयी।

“जानेमन मैं तेरा लन्ड चूसती हूँ, तब तक तू मेरी चूत की सेवा कर ! :: और सुन मादरचोद, तू मुझसे क्या-क्या करवाना चाहता है, खुद अपने मुँह से बोलना जैसा मन कहे खुल कर बोल! बेहिचक बता दे! मैं तेरी जबानी तेरी चाहतें सुनना चाहती हूँ राज '' क्योंकि आज रात तेरी सारी मुरदें मैं पूरी कर दूंगी ::: तेरा एक-एक सपना मैं सच कर देंगी मादरचोद !”

राज जोर से कराहा, जब टीना जी ने अपने सर को झुका कर अपने तप्त और नम होठों में उसके लिंग के सिरे को चूस लिया। फिर कुछ सेकन्ड तक उसके सूजे हुए सुपाड़े को चूसने के उपरांत टीना जी ने अपने मुंह को खोला और अपने होठों को धीरे-धीरे उसके लिंग की लम्बाई पर सरकाने लगीं, और अपनी पूर क्षमता से किशोर राज के ठोस लिंग को निगलने लगीं।
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08-30-2020, 03:33 PM,
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पहल-पहल तो वे राज के सम्पूर्ण लिंग को अपने मुख में ले ही नहीं पायीं, पर एक बर जब उनका गले में तनाव कम हुआ और वे ठीक प्रकार से राज के लिंग के आकार की आदी हो चुकीं, फिर वे आसानी से राज के लिंग को अपनी गर्दन की गहनता में निगल कर उस फड़कते स्तम्भ के तने तक निगल कर दक्षता से मुख-मैथुन का आनन्द प्रदान करने लगीं। उनके होंठ राज के सुंघराले झाँटों पर सटे हुए थे। अपनी ठोड़ी पर वे उसके अण्डकोष की उष्मा का अनुभव कर रही थीं, और उनका मुख बुरी तरह से ठंसा हुआ था।

टीना जी ने अपनी उंगलियों को उसकी जंघाओं पर फेरा और उसकी ठोस व सुडौल माँसपेशियों को सहलाने लगीं। फिर उसके नग्न नितम्बों को अपनी हथेली में भर कर, वे अपने मुख को आतुरता से अपने किशोर प्रेमी के लिंग पर ऊपर और नीचे चूस - चूस कर चलाने लगीं।

राज को तो पल-पल स्वर्गतुल्य आनन्द प्राप्त होता प्रतीत होता था! ::: वो तो सातवें आसमान में परवाज हो गया था! टीना जी के हाथ उसके भिंचे हुए नितम्बों को निचोड़ रहे थे और उनका नम और तप्त मुख किसी कसैल योनि की भाँति उसके लिंग पर कसा हुआ था, क्या विलक्षण तालमेल था! राज ने एक हुँकार भरी और फिर अपने लिंग को टीना जी के चाटते हुए खुले मुख के भीतर जोश से ठेलने लगा।

“चूस, रन्डी !”, वो गुर्राया। “चूस मेरा मोटा कटुवा लन्ड! ::: ऊहहह, आहहहह.. आज तेरा पाला असली मर्द के लन्ड से पड़ा है, चूस साली! चाट- चाट कर चूसती जा रन्डी, फिर तो तुझे अपने बड़वे शौहर के लन्ड से ही गुजारा चलाना है !”

टीना जी जोर-जोर से कराहने लगीं और किशोर राज का लिंग हर ठेले के साथ उनकी गर्दन में और नीचे धकेलने लगा। उन्होंने अपने होठों के बीच उसके लिंग को कस कर दबोच रखा था और उनकी जिह्वा राज के पौरुष स्तम्भ को अपने मुँह के ऊपरी भाग पर दबाये दे रही थी, जिसके फलस्वरूप राज के लिंग पर उनकी जकड़ यथाचेष्ट मजबूत हो गयी थी। राज के मादक पुरुष हॉरमोनों के प्रभाव से उनकी लार टपक रही थी, उन्हें यह आभास हो रहा था कि पुरुष लिंग पर मुख-मैथुन करने की उनकी कितनी तीव्र आसक्ति थी। खासकर किशोर लिंग पर! ‘वर्जित हरकतों से ही सैक्स का परम आनन्द प्राप्त होता है, उन्होंने मुस्कुरा कर सोचा।

| राज के उत्कृष्ट जवान लिंग को देख कर उन्हें अपने सगे पुत्र जय का स्मरण होता था। यूं तो टीना जी ने अपने जीवन में अनेक लिंगों पर मुख-मैथुन किया हुआ था, परंतु जवाँ तन्दुरुस्त किशोरों के दबंग लिंगों में जो बात थी वैसी अन्य किसी में नहीं। राज का लिंग भी इसी क्षेणी में आता था। वही तरो-ताजा नमकीन स्वाद, जैसे ही वे उसे अपने मुख के भीतर निगलतीं, टीना जी के नथुनों में वही जानी-पहचानी किशोरत्व की गन्ध भर जाती थी। उस मोहक गन्ध के कारणवश उनकी योनि फड़कने लगती और वे अपने नितम्बों को ऐंठ- ऐंठ कर कसमसाने लगती, उन्हें कस भींचतीं, और अपने तन को उसकी भुजाओं पर दबा कर उससे अपनी योनि को स्पर्श करने की मूक यातना करतीं ::: ताकि वो उनकी कामाग्नि का अनुभव कर अपने प्रति उनकी कामेच्छा को जान ले।
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08-30-2020, 03:33 PM,
RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
| राज के उत्कृष्ट जवान लिंग को देख कर उन्हें अपने सगे पुत्र जय का स्मरण होता था। यूं तो टीना जी ने अपने जीवन में अनेक लिंगों पर मुख-मैथुन किया हुआ था, परंतु जवाँ तन्दुरुस्त किशोरों के दबंग लिंगों में जो बात थी वैसी अन्य किसी में नहीं। राज का लिंग भी इसी क्षेणी में आता था। वही तरो-ताजा नमकीन स्वाद, जैसे ही वे उसे अपने मुख के भीतर निगलतीं, टीना जी के नथुनों में वही जानी-पहचानी किशोरत्व की गन्ध भर जाती थी। उस मोहक गन्ध के कारणवश उनकी योनि फड़कने लगती और वे अपने नितम्बों को ऐंठ- ऐंठ कर कसमसाने लगती, उन्हें कस भींचतीं, और अपने तन को उसकी भुजाओं पर दबा कर उससे अपनी योनि को स्पर्श करने की मूक यातना करतीं ::: ताकि वो उनकी कामाग्नि का अनुभव कर अपने प्रति उनकी कामेच्छा को जान ले।

अब तक टीना जी की कामाग्नि इस कदर भड़क चुकी थी, कि उनकी जाँघों का भीतरी भाग उनके योनि-द्रवों से पूरी तरह सन चुका था, उनके योनि स्थल पर उनके रोम भीग कर उनकी लालिम लिसलिसी योनि के चारों ओर चिपक गये थे। राज को शीघ्र ही इन संकेतों का आशय समझ में आया, और वो नीचे की ओर झुका, और अपनी दो उंगलियों को उनकी चुपड़ी हुई योनि के भीतर डाल दिया।

। “म्म म्म म्म म्म म्म! म्म म्म! म्म म्म म्म म्म !”, टीना जी कराहीं, उनके मुँह में भरे विशालकाय लिंग के कारण बेचारी कुछ कह भी नहीं पा रही थीं।

“साली, खूब मजा ले रही है! पक्की पैदाइशी रन्डी है !”, राज हाँफ़ता हुआ बोला। “अपनी रन्डी चूत में उंगल चोदी करवाने का बड़ा शौक़ है तुझे , हरामजादी ?”

97 कुश्ती टीना जी का उत्तर उनके मुख में ही कहीं लुप्त हो गया :: उनका मुँह सरपट गति से अपने पड़ोसी लड़के के थूक से सने कठोर लिंग पर वार कर रहा था। जिस प्रकार वो अपनी उंगलियों को टीना जी की आतुर व ज्वलन्त योनि के भीतर घोंप रहा था, उससे चुपड़-चुपड़ की बेहदी आवाजें निकल रही थीं. उनकी योनि को जरा ढीला होते देख , उसने तुरन्त अपनी तीसरी उंगली को भी अंदर घुसा डाला।

ऊपर वाले, उम्मीद से कहीं टाइट हैं आप !” राज कराहा, और अपनी उंगलियों को टीना जी की जकड़ती योनि के भीतर हिला-हिला कर गुदगुदाने लगा।

“पसन्द आयी ना आँटी की चूत ! एक बार चोद कर देख , फिर भूल जायेगा अपनी माँ को चोदना !”, टीना जी ने कह कर संकेतात्मक लहजे में मुस्कुराया और उसे आँख मारी।।

फिर अपने भूखे मुंह को नीचे कर उसके लिंग पर अपना ध्यान पुनः केन्द्रित कर दिया। एक बार फिर उनके होंठ उसके लिंग पर कस गये, और अपने दोनो हाथों को उसके नितम्बों पर जकड़ कर टीना जी राज को उनके मुख से सम्भोग करने के लिये उकसाने लगीं। राज ने उनके लाल लिपस्टिक लगे हुए भरपूर मोटे होठों को अपने लिंग पर जकड़ते हुए देखा। देखकर वो अपने लिंग को उनके गले में ठेलने लगा, और अपनी नग्न पड़ोसन के गले से उत्पन्न होती फच्च-गलच्च - सड़प्प सी बेहूदी आवाजों को सुनता हुआ, उनकी कस कर कुलबुलाती योनि के भीतर अपनी चारों उंगलियों से हस्त-मैथुन करने लगा।
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08-30-2020, 03:33 PM,
RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
टीना जी के कुछ मिनट और राज के भीमकाय लिंग को चूसना जारी रखा, वे अपनी योनि के भीतर जवान राज के टटोलते हाथ के अनुभव का आनन्द लेती रहीं। पर शीघ्र ही, उनकी आग्नेय योनि की तड़प में अद्भुत वृद्धि हुई! राज की रगड़ती उंगलियों पर उनकी योनि फड़क - फड़क कर फुदकने लगी, उनकी योनि राज के मोटे लिंग स्तम्भ, जिसे उसने उस समय उनके निगलते मुख के भीतर दूंस रखा था, से मिलन की आतुरता के मारे तड़प उठीं।।

अचानक, टीना जी ने अपने मुंह के भीतर से राज के विशाल लिंग को उखाड़ निकाला, और उठ कर बैठ गयीं। राज की उंगलियाँ उनकी तंग रिसती योनि से एक गीली प्लॉप्प की आवाज के साथ बाहर निकलीं। वे अब बेहद उत्तेजित तथा कामातुर हो चली थीं, किसी लिंग को प्राप्त करने के लिये तड़प रही थीं. टनाटन जवान लिंग! टीना जी अच्छी तरह जानती थीं कि इस उमर में राज पूरी रात भी उनसे सम्भोग करता रहे, तो भी पौ फटने तक उसके पौरुष बल में कोई घटाव नहीं होने वाला है। यही तो वे चाहती थीं ... को वो अपने प्यारे युवा लिंग से उनकी तड़पती योनि को भर डाले, ढूंस-ठूस कर उनकी योनि में अपने पुरुषत्व द्वारा कामानन्द की असीम आनन्द लहरें उडेल दे..

उनके नेत्र कामेच्छा से विह्वल हो चले थे और पुतलियाँ अंगारों सी सुलग रही थीं। वे अपनी जाँघे चौड़ी पाट कर राज के ऊपर सवार हुईं। टीना जी अपने सामने लेटे हट्टे-कट्टे बलिष्ठ नौजवान से सम्भोग करने के लिये इतनी लालायित हो रही थीं कि उन्हें हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था। वे लपक कर उसके कूल्हों पर सवार हुईं,और नौजवान राज के कठोर लम्बे लिंग के सुपाड़े को अपनी टपकती योनि के ठीक नीचे दाग लिया। राज का लिंग खासा दस इन्च लम्बा तना हुआ था, एक उग्र लाल भाले के समान फहरा रहा था, उनके योनि को भेदने के लिये एकदम तैयार! टीना जी के खुले मुँह से जीभ लटक रही थी और वे आँखें फाड़ कर उसके लिंग के विशाल आक्रामक तेवर को एकटक देख रही थीं।

“अब देख कैसे चोदती हूँ, रन्डी की औलाद !”, वे गुर्रायीं, और किशोर राज के मोटे फड़कते लिंग को एक हाथ में दबोच कर बोलीं। “आज तेरी माँ की जगह मैं तेरे मादरचोद लन्ड पर सवार होकर तेरी जम के चुदाई करूंगी, आई समझ में, मेरे पहलवान ?”

ओहहह! ऊपर वाले क़सम! क़िस्मत खुल गयी! चलिये आँटी हो जाये चुदाई !”, राज उनके विशाल फूले स्तनों की ओर देखकर हकला कर बोला। जब वे आगे को झुकीं और अपनी योनि को उसके लिंग पर दबा कर बैठीं, तो उनके स्तन राज के मुख के बिलकुल निकट झूल रहे थे। टीना जी ने उसके लिंग के सूजे हुए सुपाड़े को अपनी योनि की खुली कोपलों के बीच में रगड़ना चालू कर दिया। इस विलक्षण घर्षण के कारणवश दोनो के तन-बदन में छायी काम की तड़प और तीक्षण होने लगी।

“ऊपर वाले, मजा आ रहा है !”, राज ने एक आह भरी। “आँटी आपकी चूत कितनी लिसलिसी और गर्मा-गरम है! उम्मम्म! घिसती रह! कर मेरे लन्ड की सवारी! :: : क्या चटके मार रही है तेरी चूत, साली अब घुसा भी ले मेरे लन्ड को इसके अन्दर !”

“तेरा लन्ड भी साला क्या आग उगल रहा है! जरूर अपनी मम्मी जान को चोदने का सवाब है! हाय रे, रजनी जी ने क्या लन्ड जना है अपनी कोख़ से ! मारी जावाँ तेरी मर्दानगी पर, मेरे आशिक़ !” टीना जी इस प्रकार कराह कर बोलीं, और अपनी जाँघों को और भी चौड़ा फैला डाला। “सुन मेरे पहलवान, जब मैं चूत नीचे दबाऊं तो तू भी अपने चूतड़ों को ऊपर उचकाना। इस चुदाई के लिये, तेरा लन्ड जितना अंदर घुसता है, घुसना, ठीक है ?”

* समझ गया आँटी!”, राज ने उनके माँसल नितम्बों को मजबूती से पंजों में दबोच कर कहा।

टीना जी के कंठ की गहरायी से एक कराह निकली और उन्होंने उसके लिंग को धर दबोचा, फिर अपनी जंघाओं के बीच तना कर साध लिया। फिर, उसके लाल मोटे कटुवे सुपाड़े को अपनी योनि की पटी कोपलों के बीच डालकर हौले-हौले नीचे की ओर सरकाते हुए उसे निगलती चली गयीं। उनकी टपकती तंग योनि उसके लिंग को इतमिनान से ग्रहण करती गयीं। आखिरकार जब उन्हें अपनी योनि की सूजी हुई कोपलों पर राज की झाँटों का स्पर्श अनुभव हुआ, तो उन्हें ज्ञात हुआ कि उसका लिंग सम्पूर्ण रूप से उनकी योनि में प्रविष्ट हो चला है, तब कहीं जाकर टीना जी रुकीं। उन्हें अपनी योनि भरी-पूरी प्रतीत होने लग रही थी, खिंच कर पूरी तरह से खुल चुकी थी, और एक बार फिर एक जवाँ-मर्द के फड़कते लिंग से ठुस चुकी थी।
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08-30-2020, 03:34 PM,
RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
टीना जी के कंठ की गहरायी से एक कराह निकली और उन्होंने उसके लिंग को धर दबोचा, फिर अपनी जंघाओं के बीच तना कर साध लिया। फिर, उसके लाल मोटे कटुवे सुपाड़े को अपनी योनि की पटी कोपलों के बीच डालकर हौले-हौले नीचे की ओर सरकाते हुए उसे निगलती चली गयीं। उनकी टपकती तंग योनि उसके लिंग को इतमिनान से ग्रहण करती गयीं। आखिरकार जब उन्हें अपनी योनि की सूजी हुई कोपलों पर राज की झाँटों का स्पर्श अनुभव हुआ, तो उन्हें ज्ञात हुआ कि उसका लिंग सम्पूर्ण रूप से उनकी योनि में प्रविष्ट हो चला है, तब कहीं जाकर टीना जी रुकीं। उन्हें अपनी योनि भरी-पूरी प्रतीत होने लग रही थी, खिंच कर पूरी तरह से खुल चुकी थी, और एक बार फिर एक जवाँ-मर्द के फड़कते लिंग से ठुस चुकी थी।

ऊह शाबाश! :: बहुत अच्छे मेरे पहलवान ! मादरचोद, देख तो, कितना गहरा घुसा डाला तूने अपना कटुवा लन्ड !”, टीना जी चीखीं, और अपनी योनि हो शक्तिशाली अंदाज में कसमसाने लगीं।

राज ने अपने कूल्हों को ऊपर की दिशा में उचका रखा था, जिसके प्रभाववश उसके लिंग से घुपी हुई वयस्का के मुख से सुकून भरी अनेक आहें निकल रही थीं। इसी मुद्रा में टीना जी कईं सेकन्ड तक उसपर सवार रहीं, अपनी योनि में राज के ठोस जवान लिंग को उसके अण्डकोष तक गड़ाये हुए। इस मुद्रा में उन्हें लिंग का आकार सामान्य से कही अधिक प्रतीत होता था, और उस पल तो राज का युवा लिंग अति विकराल प्रतीत हो रहा था! फ़िलहाल, टीना जी अपनी योनि को उस विकराल लिंग के आकार का आदी होने देने से ही सन्तुष्ट थीं। वे आगे झुककर उसके करीब आयीं, और कामुक शैली में अपने भरे-पूरे स्तनों को उसके सीने पर घसीटने लगीं।

“कैसा लग रहा है, मेरे पहलवान ?”, टीना जी ने हाँफ़कर पूछा। “कैसा लगता है अपनी रन्डी आँटी की चूत के अन्दर अपने लौड़े को घुसेड़कर ?”

“गर्मा-गरम ! ::: गजब की गर्मी और चिकनापन है, और हरामजादी एकदम टैइट है !”, राज कराहा और उनके निप्पल चूसने के ध्येय से उनके स्तनों को खींच कर अपने पास ले आया।

“आँटी तेरी पसन्द खूब जानती है, तभी तो तेरे लिये अपनी गरम और चुदने के लिये एकदम तैयार चूत हाजिर की है, है ना मेरे पहलवान आशिक़ ?”

“ऊपर वाले क़साम हाँ! :: : या भगवान अब और सब्र नहीं होता ... आपका टट्टू तैयार है टीना आँटी, चलिये हो जाइये सवार, और शुरू कर दीजिये मेरे लन्ड पर अपनी मीठी रिसती चूत की हरकत ! :: अपना पूरा दम लगाकर चोदिये मुझे, मेरी रन्डी आँटी !”

टीना जी नवयौवना की तरह खिलखिलायीं, और उस लड़के के लिंग के ऊपर और नीचे उचकने लगीं, वे उत्कृष्ट रूप से उसके युवा लिंग के वज्र से कठोर स्तम्भ पर अपनी योनि को पेल रही थीं। टीना जी सीधी तन कर बैठ गयीं, और अपने दोनो हाथों में अपने स्तनों को दबोच लिया। वे अपनी पूरी शक्ति से किशोर राज के लिंग पर दबाव डाल रही थीं।

“तू बस देखता जा राज ! ... देख कैसे तेरा लन्ड मेरी चूत में भर गया है !”, वे चीखीं। “देख कैसे चोदती है। तेरी रन्डी आँटी तुझे, मेरे पहलवान !”
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08-30-2020, 03:34 PM,
RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
राज ने निगाहें नीची कर के टीना जी की गोरी दूधिया जाँघों के बीच देखा, अपने द्रवों से चुपड़े कठोर लिंग को बार-बार उनकी कस के जकड़ती योनि के दरम्यान लुप्त होते देखकर, इस वासनामय दृष्य के कारणवश उसकी आँखें फटी की फटी रह गयीं। टीना जी के कूल्हों के साथ समन्वय में उसके कूल्हे भी गतिशील थे, उसकी कठोर पुरुषांग को उनके तड़पते जनन मार्ग में यथाशक्ति तीव्रतापूर्वक ठेलते जा रहे थे। टीना जी के एक जोरदार चीख निकाली फिर ऊपर और नीचे फुदकने लगीं, उनकी गति लगातार बढ़ती ही गयी। वे अपनी योनि को राज के पेलते लिंग के तने पर थपेड़ने लगी थीं। अपने कूल्हों को बस इतना उचकातीं कि केवल उसका सुपाड़ा भर अंदर रह जाता, फिर कस के नीचे पटक देतीं, और अपने फूले हुए चोंचले को किशोर राज के गुप्तांगों पर कस-कस कर रौन्दती जातीं।

वासना के मारे टीना जी भारी आहें भर रही थीं और राज के लिंग के संग सम्भोगरत हो रही थीं।

“आहहहह आँहहह! अँहह ऊहहह! ऊपर वाले के वास्ते मार अपना लन्ड मेरी चूत में मेरे पहलवान ! दे पीट अपने मोटे काले मादरचोद लन्ड को मेरी हरामजादी चूत में, एक इन्च भी बाहर नहीं छुटे, साले आज तू मुझे अपनी मम्मी समझ कर चोद !!”

“चोद मुझे मेरे पट्टे! निकाल अपने टट्टों का वीर्य! अपनी कोख में तेरे पिल्ले पालुंगी !”

98 मुँहबोला पुत्र किसी दरिया की भांति उनकी योनि से द्रव प्रवाहित हो रहे थे, जो राज के लिंग के तने पर सफ़ेद झाग बनाकर इकट्ठे हो चुके थे और उसके युवा अण्डकोष को गाढ़े मलाईदार झाग से चुपड़ चुके थे। मारे आनन्द के टीना जी बड़बड़ा रही थीं और मजे से सिसकियाँ भर रही थीं, उन्होंने अपने स्तनों को कस के जकड़ रखा था। उन्माद के मारे वे पीठ ताने हुए राज पर सवार थीं, और उस नौजवान के साथ अपनी सम्पूर्ण शारीरिक बल का प्रयोग कर सैक्स क्रीड़ा कर रही थीं।

“ऊह, पहलवान, कमाल कर दिया तूने !”, वे बिलबिलायीं। “हे राम, क्या लन्ड पाया है! कितना मजबूत::: और इतना लम्बा! साला हराम की औलाद घुस कर मेरी कोख़ में खटखटा रहा है! चोद मुझे, मेरे पहलवान ! जैसे घर पर अपनी मम्मी की चूत को चोदता है, बस वैसे ही मेरी चूत को भी चोद! तुझे तेरी माँ की चूत की क़सम, भर दे आँटी की चूत को अपने वीर्य से, आँटी तेरे लिये पिल्ले जनेगी! कब से मेरा अरमान था, कि कटुवे लन्ड से चुदकर हराम के पिल्ले जनू ! बो दे अपने लन्ड से मेरी चूत में अपने हराम का बीज, मादरचोद !”

“ला चोदूं तेरी चूत मेरी रन्डी आँटी !”, वो चिल्लाया। “आज दिखाता हूँ तुझे कि ये मर्द कैसे चोदकर तेरे जैसी रन्डियों को अपने हरम की लौन्डी बनाता है!::: बस ऐसे ही मेरे लन्ड पर फेंक अपनी टाइट टपकती चूत को, फिर देख कैसे तेरी रात रंगीन करता हूँ! साली तुझे मेरी माँ बनने का शौक़ है ना, आ, बन मेरी मम्मी, बस ख़याल रखाना, कि मैं ख़ानदानी मादरचोद हूँ, अपनी माँ को चोद चोद कर अपने टट्टों से हराम का बीज उसकी चूत में बो देता हूँ। माँ की कोख में वीर्य बहाकर पिल्ले बनाऊंगा, जन मेरे पिल्ले, मेरी रन्डी माँ!”
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08-30-2020, 03:34 PM,
RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
टीना जी अपनी बाहें सीधी कर के आगे झुकीं और अपने आशिक़ के सर के दोनो तरफ़ बिस्तर पर हथेलियों का सहारा लेकर नयी मुद्रा अख्तियार कर ली। वे अपनि नितम्बों को इधर से उधर फटक रही थीं, और अपनी योनि को उसके उचकते लिंग पर मल-मल कर रौंद रही थीं।

“चूस मेरे मम्मे, राज !”, टीना जी हाँफ़ीं। “चूस अपनी नयी माँ के मम्मों को, बेटा, तू चूस, मैं तुझे चोदती हूँ
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लड़के ने कहे अनुसार ही किया, उनके झूलते स्तनों को चाटता हुआ, राज अपने तप्त मुख में उनके कड़क निप्पलों को चूसने लगा। टीना जी आँखें मूंदे हुए वेगपूर्वक प्रणय क्रिया करने लगीं, उनकि योनि में आग लगी हुई थी. अपनी जाँघों के बीच स्थित नौजवान राज के प्रति अवर्णनीय वासना के मारे योनि प्रज्वलित हो रही थी। हे भगवान, कैसा काम- प्रवीण पुरुष था राज ! :: : उनके संग कामकला में जिस कौशल का वो प्रदर्शन कर रहा था, पृथ्वी लोक पर तो कोई अन्य पुरुष उसका सानी हो ही नहीं सकता था! उन्होंने आव देखा ना ताव, अपने एक हाथ को योनि पर ले गयीं, और अपने सूजे हुए चोंचले को लगीं मसलने और रगड़ने :: साथ-साथ अपनी योनि को उसके विशाल लिंग से ठूसने लगीं। उनके नग्न नितम्ब बेतहाशा उछल रहे थे, कभी आगे, कभी पीछे, फिर ऊपर और नीचे ... बस बेलगाम कूदते ही जा रहे थे।

राज ने अपने दोनो हाथों से टीना जी की माँसल जाँघों को पकड़ रखा था, उसके अंगूठे उनकी योनि के निकट दबाव डाल रहे थे ••• फटी आँखों से वो उस स्त्री की रोम-मंडित योनि को अपने लिंग को निगलते हुए देख रहा था। जैसे टीना जी की योनि उसके घुपे हुए स्तम्भ पर ऊपर और नीचे रगड़ रही थी, वो केवल आहें भरता और कराहता ही जा रहा था। वे ऐसे विलक्षण बल का उपार्जन कर रही थीं, कि पूरा सोफ़ा कम्पायमान हो रहा था। उनकी योनि ऐसी टाइट तथा ज्वलन्त थी, कि राज अब अधिक देर तक अपने युवा अण्डकोष में उठते लबाबदार उबाल को रोक नहीं सकता था। टीना ने भी आगामी स्खलन का अनुभव किया तो एक हाथ अपने कूदते नितम्बों के पीछे बढ़ाया और उसके फूले अण्डकोष को धर दबोचा, फिर लगीं निचोड़ने और खींचने तानने।

राज ! ओहहह, मेरे पहलवान, कितने भारी हैं तेरे टट्टे! कितने लीटर वीर्य भर रखा है इनमें !”, उन्होंने आह भरी। “उड़ेल दे अपना वीर्य, बेटा! • • • मार मेरी रन्डी चूत में पिचकारी अपने कटुवे लन्ड से ! :: : झड़ जा आँटी की चूत में निकाल वीर्य मादरचोद, नहीं तो उखाड़ दूंगी तेरे इन टट्टों को !”

क्या आप झड़ने वाली हैं टीना आँटी ?”

हाँ बेटा! :: अब झड़ने वाली हूँ मैं ::: तू भी मेरे संग झड़ जा राज बेटा !” टीना जी फिर से सीधी उठ कर बैठीं, उनके नितम्ब अतिरिक्त वेग से उछलने लगे। एक विचित्र उन्माद से वे अपनी योनि को उसके लिंग पर फटक रही थीं, और अपनी योनि को उसके पौरुष पर मसल रही थीं, और बेसुध होकर सूअरनी की तरह जोर-जोर से बिलबिला रही थीं। एक बार फिर उनके हाथ उठकर उनके झूमते स्तनों पर
आ टिके और उन्होंने अपनी उंगलियों को अपने गुदगुदे माँस में गाड़ कर कस के अपने स्तनों को निचोड़ा। उनके उंगलियों के बीच से उनके नटखट निप्पल झाँक रहे थे। जैसे ही उन्हें अपने स्नायुओं में से ऑरगैस्म की तरंगों के उबाल का अनुभव हुआ, उनका पूरा बदन अकड़ गया और वे जोर से चीख पड़ीं।।

“आहहहह! चोद मुझे ! ओ ओहः ओहहह राज , मुझे चोद मादरचोद कहीं के! ले बेटा, तेरी रन्डी आँटी झड़ रही है !”
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08-30-2020, 03:34 PM,
RE: Vasna Story पापी परिवार की पापी वासना
“आहहहह! चोद मुझे ! ओ ओहः ओहहह राज , मुझे चोद मादरचोद कहीं के! ले बेटा, तेरी रन्डी आँटी झड़ रही है !”

“मैं भी आँटी! :: उँहहह ... उँह! ऊपर वाले, क्या ऐंठती है इसकी चूत ! .. या भगवान, चुदास रन्डी कुतिया! ::: झड़ साली! :: झड़ मेरे लन्ड पर, टीना आँटी! ::' मा 'दर: ‘चोद! मैं भी झड़ रहा हूँ !”

जैसे उन्होंने शीर्षानन्द प्राप्त किया, टीना जी की फड़कति योनि ने बलखाते हुए राज के लिंग को जकड़ना प्रारम्भ कर दिया। जैसे काम-तृप्ति की सुहावनी अनुभूतियाँ उनकी मचलती योनि में प्रवाहित होने लगीं, उनकी योनि अपने नौजवान आशिक़ के लिंग को कुलबुला - कुलबुला कर निचोड़ती और चूसती रही।

टीना जी दहाड़े मार-मार कर चीख रही थीं, वे अपने सर को इधर से उधर फटकाती हुईं, किसी रणचन्डी की तरह, अपने लम्बे काले केशों को पाश्विकतापूर्वक हवा में झटक-झटक कर लहरा रही थीं। राज ने अपने हाथों को नीचे, टीना जी के कूल्हों पर सरका कर उनके मरोड़ते नितम्बों को धर दबोचा, और हंकार भर कर वीर्य स्खलन प्रारम्भ कर दिया।

वो अपने गाढे मलाईदार वीर्य को टीना जी की लिंग से ठुसी हुई योनि की गहराईयों में उडेलने लगा। जैसे ही उसके कन्धे और सर स्वतः बिस्तर से ऊपर उठे, टीना जी ने अपने एक स्तन को उसके मुँह में दे डाला। राज बेहद वहशियाना अंदाज में उनके गुदगुदे गुलाबी निप्पल को चूसने लगा, उसकी उंगलिया टीना जी की तप्त गुदा के भीतर गड़ने लगीं। उसका लिंग टीना जी की योनि के भीतर प्रचुर वीर्य की धाराएं प्रवाहित कर रहा था, टीना जी को लगा शायद रुकेगा ही नहीं। वे लम्बी-लम्बी आहें भर-भर कर चीत्कार कर रही थीं, उनके तन में कामानन्द की लहरें और अधिक वेग से उमड़ रही थीं, उनकी योनि निरंतर राज के लिंग के तने को निचोड़ती जा रही थी।

“चूस आँटी के मम्मे, मेरे आशिक़ !”, वे बिलबिलायीं। “चूस इस रन्डी के मम्मों को और बहा दे अपने टट्टों का वीर्य इस हरामजादी चूत में !”

राज ने एक-एक कर के उनके दोनो स्तनों को चूसा और फिर अपने अण्डकोष को उनकी मधुर कामोन्मादित योनि के भीतर खालि करने लगा, फिर, जैसे ही उसके वीर्य की अंतिम बौछार ने उनकी भूखी योनि की क्षुधा को तृप्त कर लिया, टीना जी आगे गिर कर ढेर हो गयीं, और अपने नौजवान प्रेमी को अपने थरथराते बदन के तले कुचल डाला। उनकी सिहरती योनि की क्रमवार सिकुड़नें अब भी उसके शीथील पड़ते लिंग को प्रेमपूर्वक पुचकार रही थीं।

कुछ मिनटों के उपरांत , राज ने टीना जी के मूर्छित बदन के भार को अपने तन पर से हटा कर अलग किया।
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