RE: vasna story मेरी बहु की मस्त जवानी
मै - बहु सिर्फ इतनी बात होती तो मैं उन्हें घर से बाहर नहीं निकालता।
सरोज - तो फिर कैसी बात थे बाबूजी बताइये।
मै - बहु मैंने शमशेर को तुम्हारी फोटो पे मूठ मारते हुए देखा था
समधि जी - क्या? ये आप क्या कह रहे हैं समधी जी?
सरोज - मुट्ठ मारना मेरी फोटो देख कर? मैं समझी नही। (बहु जानबूझ कर अपने पापा के सामने अन्जान बनने की कोशिश कर रही थी)
सरोज - मुझे बताइये पापा मुट्ठ मारने का क्या मतलब होता है?
समधि जी - बेटी, मुट्ठ मारना मतलब वो बहनचोद शमशेर तुम्हारी नंगी फोटो देख कर अपना लंड रगड रहा था और तुम्हारी नंगी फोटो पे अपने लंड का सफ़ेद पानी गिराया। इसको बोलते हैं मुट्ठ मारना
(समधी जी का अपनी बेटी के सामने लंड शब्द का यूज करना काफी शॉकिंग था।)
सरोज - छी: पापा ये आप क्या कह रहे हैं शमशेर अंकल ऐसा नहीं कर सकते।
मै - बहु सिर्फ इतना ही नही वो रात में तुम्हारी यूज की हुई पैन्टी ले जाते थे ताकि उसे सूंघ कर अपनी वासना शांत कर सकें
सरोज - मेरी यूज की हुई पैन्टी? ओह माय गॉड़।
समधि जी - बेटी, गलती तुम्हारी है। तुम अपनी यूज की हुई पैन्टी क्यों शमशेर के सामने रखती थी। ऐसे तो किसी भी मरद की वासना जाग जयेगी।
सरोज - मुझे मालूम नहीं था पापा सॉरी।। मेरे पास तो बहुत सारी पैन्टी और ब्रा हैं मैं उनको धोती नही। सभी इकठ्ठा होने के बाद मशीन में धुलने के लिए डाल देती हूँ। इधर देखिये मेरे बिस्तर पे कल रात की मेरी पहनी हुई पेंटी ऐसे ही सामने पड़ी है। मुझे नहीं मालूम की मर्दो को पेंटी एक्साइड करती है
समधि जी - हाँ बेटी, गलती तुम्हारी नहीं है। तुम्हारी सास नहीं है न तुम्हे ये सब बताने के लिये। समधी जी आपको ही सास का फ़र्ज़ निभाना होगा और मेरी बेटी को ये सब बात बतानी चाहिए ताकि वो अनजाने में ऐसी गलती न करे
मै - मैं समझ सकता हूँ समधी जी, लेकिन में इसका ससुर हू। मुझे बहु को ये सब बताने में शर्म आती थी।
समधि जी - मैं जानता हूं, लेकिन कोई और ऑप्शन भी तो नहीं है। मुझे माफ़ कर दो बेटी मैंने गुस्से में तुम्हे डाँटा और मेरे मुह से गाली भी निकल गई तुम्हारे सामने।
सरोज - इटस ओके पापा, (वो अपने पापा के गले लग गई)
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