RE: vasna story मेरी बहु की मस्त जवानी
सरोज - हाँ चुसती थी हर रोज (बहु शरमाते हुए और खुल कर बोली) बिना चुसवाए वो मुझे कोई काम नहीं करने देते थे। गले तक अपना मोटा सा लंड डाल देते थे और मैं १५ मिनट तक उनका लण्ड चुसती रहती थी। इतना बड़ा लंड मैंने कभी नहीं देखा।
समधि जी -हा हा, आखिर बेटा किसका है। तुम्हारे ससुर जी इतने हट्टे कट्टे है। दमाद जी का वो भी तो उनही पे गया होगा। और जब बेटा का इतना बड़ा है तो सुसुर का तो और भी मोटा और मस्त होगा। और समधी जी का मुट्ठ भी मनीष से ज्यादा निकलता होगा। है न समधी जी? इस फोटो में अगर मनिष की जगह तुम्हारे ससुर जी होते तो तुम्हारा पूरा मुह इनके मुट्ठ से भरा होता।
सरोज - प्लीज पापा, ससुर जी आपको टीज किये तो आप अब उनको टीज कर रहे है। मगर कमसे कम मुझे लेकर टीज मत करिये। कोई और लड़की भी तो हो सकती है
मै - हाँ समधी जी ये क्या बात हुई? आप मेरी बात का बदला ले रहे है।
समधि जी - अच्छा , अब नहीं बोलता मैं कुछ (समधी जी ने अपनी कान पकड़ते हुए कहा, मैं और बहु हंसने लगे )
समधि जी - अच्छा बेटी अब दूसरी फोटो तो देखने दो। (समधी जी ने जब दूसरी फोटो देखी तो जोर जोर से हंसने लगे)
सरोज - क्या हुआ पापा?
समधि जी - ये तुम सोफ़े पे क्या कर रही हो? खुद ही देखो।
(बहु उस फोटो में सोफ़े पे बिलकुल नंगी सिर्फ पेंटी पहने बैठी थी)
सरोज - ओह पापा क्या है आप भी न, अब मत देखिये मेरी फोटो।
समधि जी - हाँ लेंकिन बताओ तो तुम ये क्या कर रही हो?
सरोज - वो मेरी पेंटी ट्रांसपेरेंट थी न तो जब मेरे हस्बैंड फोटो ले रहे थे तो मैं शर्म से अपना वो छुपा ली थी।
समधि जी - ओह मुझे लगा।।।
सरोज - क्या लगा?
समधि जी - नहीं जाने दो मुझे कुछ दुसरा लगा।
सरोज - बोलिये न पापा
समधि जी - मुझे लगा की घर पे कोई है नहीं और तुम एक्साईटमेंट में अपने वहां पर ऊँगली कर रही हो।
सरोज - छी: पापा, मैं ये सब नहीं करती ?
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