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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम भाग ५१
मिसेज मोइत्रा की कबूतरियां ,
मिसेज मोइत्रा की कबूतरियां , मुझे मालुम है आप क्या जानना चाहते हैं , लेकिन सब चीज मैं बता भी तो नहीं सकती।
ओके ओके बुरा मत मानिए , बस ये समझिये की मेरी छुटकी ननदिया , अरे वही इनकी ममेरी बहन गुड्डी से भी थोड़ी छोटी,
जुड़वां, खूब गोरी चीठ्ठी ,एकदम मिसेज मोइत्रा पर गयी हैं दोनों ,एकदम बंगाली रसगुल्ला।
लेकिन गड़बड़ भी वही ,एकदम अपनी माँ की तरह संस्कारी, सिर्फ पढने से काम , ड्रेस सेन्स हो या मिक्सिंग या एकदम कंजरवेटिव ,
सुपर कंजरवेटिव।
बस ये समझिये अभी हाईस्कूल में गयीं हैं इसी साल , अब हाईस्कूल में गयी लड़कियों की , ...
अब आगे तो आप समझ ही गए होंगे , अंदाज लगा सकते हैं ,...
और जब बात मिसेज मोइत्रा की चल रही थी तो सुजाता ने ही उनकी कबूतरियों का जिक्र किया। किसी ने बोला की दोनों अभी छोटी हैं तो अगले ही दिन सुजाता फोटोग्राफिक और मेडिकल एविडेन्स के साथ आ गयी।
दोनों की गोरी गोरी जाँघों के बीच छोटे छोटे रेशम के धागों सी , बहुत छोटी लेकिन , आ गयी है जवानी की पहचान कराने वाली केसर क्यारी
, और मेडिकल एविडेन्स , पौने दो साल साल पहले दोनों के पीरियड्स शुरू हो चुके है।
फिर क्या था मिसेज खन्ना ने फरमान जारी कर दिया ,
मिसेज मोइत्रा के साथ उनकी दोनों जुड़वां कबूतरियों को भी 'सुसंस्कारी' बनाने का,
और ये मिशन सुजाता को ही सौंपा गया
लेकिन साथ में उतनी ही जिम्मेदारी मुझे भी दी गयी।
और आज सुबह कल रात की 'लेडीज ओनली ' पार्टी से लौटते हुए मैंने मिसेज मोइत्रा की कबूतरियों का जिक्र किया तो मुझे जोर की डांट पड़ गयी।
" तुम भी न यही तो उमर होती है ,और कच्चे टिकोरों का मजा ही और है।
इस उमर में अगर उन दोनों को गन्ना चूसने का शौक लग गया तो फिर जवानी बन जायेगी दोनों की।
छोटी वोटी कुछ नहीं , खाली सही संगत ,सही ट्रेनिंग और सही संस्कारों की जरुरत है दोनों को। सुजाता एकदम सही कहती है, ...'
मम्मी ने एकदम जोर से हड़का लिया मुझे
वैसे उस पार्टी में मम्मी की सहेली ने जो एक्सक्लूसिव पार्ट आफ पार्टी थी ,उसमें जो ' कन्या भोग ' हुआ
( और जिसका खुल के मजा मैंने भी लिया ) आधी से ज्यादा तो मिसेज मोइत्रा की कबूतरियों की ही उमर की थीं ,
दो चार मेरी ममेरी ननद की उमर की होंगी ,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम भाग ५१
कन्या भोग
वैसे उस पार्टी में मम्मी की सहेली ने जो एक्सक्लूसिव पार्ट आफ पार्टी थी ,उसमें जो ' कन्या भोग ' हुआ ( और जिसका खुल के मजा मैंने भी लिया ) सब की सब कच्ची कलियाँ , बिना भोगी ,... मिड टीन्स ,
,आधी से ज्यादा तो मिसेज मोइत्रा की कबूतरियों की ही उमर की थीं ,दो चार मेरी ममेरी ननद की उमर की होंगी ,
मेरे अलावा ज्यादातर लेट थर्टीज ( मेरी मम्मी की एज वाले ग्रुप से ) और कुछ फार्टिज में,
सब की सब पक्की एम् आई एल ऍफ़ वाली , ...
और कच्ची कलियाँ मैंने बताया न , आधी से ज्यादा मिसेज मोइत्रा की कबुतरियों की तरह हाईस्कूल वाली , कुछ मेरी ममेरी ननद, इनके माल गुड्डी की तरह इंटर , ... उससे बड़ी कोई नहीं , ... सब की सब एकदम कच्ची कलियाँ ,
और दो चार को छोड़ के , बाकी कभी ' भोगी' भी नहीं गयी।
मेरे हवाले जो की की गयी , एकदम नयी बछेड़ी , ... ,
हाथ पैर भी बहुत फेंक रही थी जब उससे कहा गया की कपडे उतारने पड़ेंगे ,
मौसी बोलीं ,
देख आज की तू खास गेस्ट है , इसलिए सबसे कमसिन तुझे दे रही हूँ , लेकिन सुबह तक इसे एकदम ,...
मैं मौसी से हँसते बोली , मौसी आप और मम्मी वाली के कान काटेगी ये ,...
शिल्पा नाम था उसका , ...
एक झंझट और , वो पूरी तरह से तोपी ढाँकी , शलवार कुरता , चुन्नी भी चौपत के , जैसे गाँव की मिडिल स्कूल की लड़कियां ,
ऐसा नहीं था की मैंने लड़कियों के साथ , ...
बोर्डिंग में कितनी बार मैंने , ... रैगिंग में तो सब जूनियर्स के कपडे उतरवाने में , ... और उसके बाद ,
पुरुष के मामले में यह पहले और अकेले थे अबतक , लेकिन कन्या रस जब मैं इंटर में थी तभी से ,...
बस शुरुआत मैंने दुप्पटे से की , ...
वो सोच रही थी मैं शलवार का नाडा खोलूंगी और वो दोनों हाथों से उस कस के दबोचे थी जैसे पता नहीं कौन सा खजाना वहां छुपा हो , ...
जबतक वो सम्हले सम्हले उसका दुपट्टा मेरे हाथ में ,
फिर तो जैसे शेरनी किसी हिरणी के बच्चे को दबोचती है ,
मैंने सिर्फ कस के उसे दबोच कर पूरी ताकत से उसे चार पांच मिनट सिर्फ दबा के रखा , ... वो छुड़ाने की कोशिश करती रही , हाथ पैर फेंकती रही ,
मैं बीच में थोड़ी ढील दे देती और उसकी हरकते बढ़ जातीं , लेकिन न मैं नाडा खोलने की कोशिश करती , न उसका कुरता उतारने की ,
हाँ , हाथ बार बार ले जरूर जाती कभी उसकी जाँघों के बीच ,
बस वो पूरी ताकत से मुझे धकेलने की कोशिश करती , हटाने की जुगत लगाती ,
मैं दोनों अपनी टाँगे फैलाकर उसके ऊपर चढ़ कर बैठ गयी थी , और बस उसे उठने नहीं दे रही थी ,
कुछ देर में वो अपनी कोशिशों से जब थक गयी , तो मैंने पहले तो अपने दोनों हाथों से उसकी कलाइयों को दबोचा ,
फिर मेरे घुटने उसके कंधे पर थे , और एक हाथ से उसकी दोनों फसी हुयी कलाई पकड़ कर ,
उसी के दुपट्टे से दोनों कलाइयाँ कस के बाँध दी , अब वो लाख उछले कूदे ,
उसके हाथ मेरे रास्ते में बाधा नहीं बन सकते थे ,
फिर पहले कुरता खुला , छोटी सी ब्रा भी हटी ,
एकदम मस्त चूजे , २८ नंबर के जस्ट आ रहे थे ,
उसे लगा की लड़कों की तरह मैं वहां हाथ लगाउंगी , लेकिन मैं भी ,
पहले प्यार से मैंने उस हल्के हलके चूमना शुरू किया वो भी होंठों और गालों पर नहीं , कानों के नीचे गले पर ,
कंधे पर और फिर गालों और होंठों पर ,
जब उसने मेरे किस का हलके हलके जवाब देना शुरू किया तो मैंने नए आ रहे कबूतरों से दोस्ती करनी शुरू की , ...
उसकी बॉडी टेंशन से स्टिफ हो गयी ,
तो मैंने वहां से उँगलियाँ हटा ली और फिर सिर्फ उँगलियों के सिरे से कभी उसकी पीठ पर कभी पेट पर जस्ट टैप कर रही थी मारे
कुछ देर बाद मेरे होठ उन नए आ रहे जवानी के फूलों के चारो ओर , ... और अबकी जब मेरी उँगलियाँ ,
निप्स बस समझिये ढूंढने पड़ते ,... जैसे मटर की नयी आ रही कच्ची फलियों में मटर के दाने होते हैं न उसी की साइज के
लेकिन बड़े सेंसिटिव , जैसे मैंने निप्स पर जीभ की टिप से फ्लिक करना शुरू किया , ... वो सिसकने लगी , ...
और मुझे खजाने की चाभी मिल गयी , चाहे मर्द हो या औरत , चाहे कोई खूब खेली खायी चार चार बच्चों की माँ हो या एकदम कच्ची कली , ... सब की देह में एक दो प्वाइंट ऐसे होते हैं जो उसके शरीर के , मन के तिलस्म के बटन होते हैं ,
कितना भी हाथ पैर मारे वो , अगर एक बार उस जगह हाथ लग गया तो खुद टाँगे फैला देगी ,...
और वो बटन मुझे मिल गया था ,
लेकिन लड़का हो या लड़की पहले खूब तड़पाना चाहिए , ... तो मैंने भी,
बस जीभ की टिप बस छुला के हटा लेती , ... और जब वो खुद उचकने लगी तो मैंने बस होंठों के बीच दबा दबा कर खूब हलके हलके उन्हें चूसना शुरू किया ,
ऐसा नहीं था की उसका हाथ पैर पटकना बंद हो गया , ...
हाथ तो खैर मैंने उसी के दुपट्टे से कस के बांधे थे , ... लेकिन जब मैंने शलवार का नाडा पकड़ा तो एक बार फिर से
उसने अपनी दोनों जाँघों को भींच लिया , ...
नाडा खोलने की किसे जल्दी थी ,
मेरे होंठ निप सक कर रहे थे , और मेरा एक हाथ उस कच्ची कली , नए आ रहे उभार को सहला रहा था ,
दूसरे हाथ से मैंने उसकी जाँघों के ऊपरी हिस्से को शलवार के ऊपर से सहलाना शुरू किया , ... बस थोड़ी देर में उसकी भिंची जाँघे ढीली पड़ने लगीं , ... जैसे नेचुरली सरक कर मेरा हाथ पहले तो जाँघों के बीच
सीधे उसकी सोन चिरैया के ऊपर , शलवार के ऊपर से ही
न मैंने दबाया न सहलाया , बस ऐसे ही हाथ रखे रही और एक बार फिर से अपना पूरा ध्यान उसके निप्स पर ,
अब मैं हलके से नहीं बल्कि कस के चूस रही थी , और मेरा हाथ भी नयी आयी चूँचियों को मसल रहा था रगड़ रहा था ,
और वो सिसक रही थी , कस कस के , ...
जाँघों के बीच वाला हाथ भी अब चालू हो गया , शलवार के ऊपर से उसकी सहेली को सहलाने दुलराने में , ... अपनी टाँगे उसकी टांगों के बीच डालकर मैंने फंसा रखी थी , वो लाख कोशिश कर डाले , अब उसकी जाँघे दूर दूर ही रहनी थी।
एक हाथ शलवार के ऊपर से सहला रहा था , और अब मेरे होंठों ने निप बदल लिया , हाथ दूसरे हाथ की सहायता करने ,
शलवार का नाडा बड़े आराम से खुला , ...
उसने थोड़ा चूतड़ उचकाए , लेकिन तबतक शलवार सरक कर उसकी जाँघों के नीचे ,
और पहली बार उसकी गुलाबो पर किसी का हाथ पड़ा , बस जस्ट टच , खूब हलके से पूरी हथेली मेरी ,...
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
कच्ची कली
शलवार का नाडा बड़े आराम से खुला , ... उसने थोड़ा चूतड़ उचकाए , लेकिन तबतक शलवार सरक कर उसकी जाँघों के नीचे ,
और पहली बार उसकी गुलाबो पर किसी का हाथ पड़ा , बस जस्ट टच , खूब हलके से पूरी हथेली मेरी ,...
झांटे बस आयी आयी थीं , हलके हलके मैंने हथेली से दबाना शुरू किया , दूसरा हाथ उस कच्ची कली की गोरी गोरी मांसल जाँघों को बस हलके हलके सहला रहा था
दस मिनट बाद , ...
चुसुक चुसुक , ...
वो मचल रही थी , उचक रही थी , तड़प रही थी , सिसक रही थी , ... पर
जैसे किस मरद का सूपड़ा किसी कच्ची चूत में घुस जाए , और फिर तो लड़की लाख हाथ पैर पटके , बिना चुदे वो बच नहीं सकती ,
बस यही हालत 'कन्या भोग ' में भी है , अगर एक बार भोगने वाली के होंठ कली के गुलाबी कली पर पड़ गए , अपने होंठों के बीच उसने दबोच लिया , फिर तो बिना झाड़े , पूरा रस लिए वो छोड़ेगी नहीं ,
मैं कस के उसकी कच्ची चूत चूस रही थी , पहले तो जीभ को दरारों के ऊपर से , ...
ऊपर से नीचे तक बस हलके हलके हलके चला रही थी , और फिर गुलाबो की फांको को फैला के , जीभ की नोक अंदर , ...
चुदने की बात तो छोड़ दीजिये , किसी भौजाई या सहेली ने अभी अपनी ऊँगली भी उसके अंदर घुसाने की कोशिश नहीं की थी ,
बोर्डिंग में तो मैं तीन मिनट में लड़कियों को चूस के झाड़ देती थी , पर यहाँ मेरा पर्पज उसे झाड़ना नहीं तड़पाना था ,
देह के सारे रस से परिचित कराना था , जिससे वो खुद टाँगे खोल दे , खुद बेताब हो , कन्या रस की मस्ती के लिए , ...
जैसे ताले की चाभी बनाने वाले , एक मास्टर की से ताले के सारे कब्जे , जोड़ से परचित हो जाते हैं , और फिर झटाक से कोई भी ताला , बड़ा से बड़ा खुल जाता है ,
मेरी जीभ भी वही काम कर रही थी ,
हर लड़की के देह का सबसे बड़ा जादू का बटन ,... जी प्वाइंट , ...
बस जरा सा योनि की सुरंग में ऊपरी भाग में ही उठा हुआ , ... सारी नर्व एंडिंग्स भी चूत के ऊपरी हिस्से में होती हैं , ...
मिल गया वो जी प्वाइट
बस मैंने तिहरा हमला बोल दिया ,
मेरा एक हाथ उसके निप्स पर , दूसरे हाथ का अंगूठा उसके क्लिट पर ,
और जीभ चूत के अंदर , जी प्वाइंट पर
मिनट भर के अंदर वो पागल हो गयी , जो लड़की दस मिनट पहले दुपट्टा नहीं उतारने दे रही थी ,
खुद चूतड़ पटक रही थी , सिसक रही थी , चूत एकदम गीली हो गयी थी
वो एकदम झड़ने के कगार पर थी , ... और मैंने हाथ जीभ सब हटा दिए ,... मैंने भर आंख उसकी ओर देखा ,
वो मुस्करा रही थी , लेकिन एक हल्की सी शिकायत ,... बिन बोले ,
' रुक क्यों गयी "
और जहाँ जीभ थी , वहां अब मेरी मंझली ऊँगली घुस गयी ,
थोड़ी देर आगे पीछे , गोल गोल , सिर्फ एक पोर ,... और फिर सीधे जी प्वाइंट पर ,
मेरे होंठों ने उसके मुस्कराते गुनगुनाते होंठों को दबोच लिया
और अब मैं किस नहीं कर रही थी ,
कस कस के उन कुंवारे होंठों को चबा रही थी , खा रही थी , मेरी जीभ उस के मुंह में पूरी तरह अंदर घुसी हुयी
मेरा हाथ क्या कोई मर्द किसी लौंडिया की चूँची दबाएगा , उस तरह उसे रगड़ मसल रहा था ,
तीन बार मैं उसे झाड़ने तक ले गयी लेकिन झड़ने नहीं दिया ,...
पांच मिनट बाद मैं उसके ऊपर बैठी , मेरी गुलाबो सीधे उसके होंठों पर , और अब वो चुसुक चुसुक चूस रही थी ,
मुझे अब कोई जल्दी नहीं थी , मैंने उसके हाथ खोल दिए थे , उसका सर पकड़ के मैंने उस नयी बछेड़ी को गाइड कर रही थी , सिखा रही थी
मेरी गुलाबो में वो अपनी जीभ कैसे डाले , कैसे जीभ गोल गोल घुमाये ,
एकदम क्विक लर्नर थी वो ,...
पौन घंटे बाद जब मौसी जी मेरे पास आयीं , हम दोनों अभी भी चिपके थे ,
वो मुझे चूस चूस कर दो बार झाड़ चुकी थी , दो बार वो खुद भी झड़ी थी
और जब मौसी जी आयी तो मैंने उसके चेहरे को फिर से सरका कर बजाय आगे के पीछे वाले छेद पर सेट कर दिया था ,
वहां भी वो चुसुक चुसुक कर ,...
घण्टे भर बाद पार्टनर बदल दिए गए ,
अब मेरे पास जो लड़की आयी इनकी ममेरी बहन की उम्र वाली , इंटर वाली , वो इस मजे से अपरचित नहीं थी ,
अबकी मैं सोफे पर बैठी रही , और वो नीचे से मेरी दोनों जाँघों के बीच बैठकर धीमे धीमे चूस रही थी ,
फिर थोड़ी देर में हम दोनों बेड पर थे 69
उसके बाद इंटरवल , ..एक से एक ड्रिंक्स , व्हिस्की , वाइन ,
मैंने एक मस्त आइडिया दिया , बैटल आफ लूजर्स
उन कलियों की चार जोड़ी बनाई गयी , 69
जो पहले झड़ा वो हारा , चार हारी हुयी लड़कियों की दो जोड़ी , और फिर फाइनल , जो हारेगी , उसपर पहले राउंड की जीती चारों लड़कियां , कुछ भी कर सकती हैं , पन्दरह मिनट तक , ... अगवाड़ा पिछवाड़ा कुछ भी ,
खूब मस्ती हुयी , मैंने जिसे ट्रेंड किया था वो फर्स्ट राउंड में तो हार गयी लेकिन सेकंड राउंड में बच गयी।
पक्की लेस्बियन रेसलिंग ,
और इंटरवल के बाद फिर से एक बार
उस रात चार लड़कियों के साथ , दो तो कबुतरियों के ही उमर की थीं , एक गुड्डी की और एक मिसेज मोइत्रा की कबुतरियों से भी छोटी ,...
और मजा वो भी ले रही थीं , ... सुबह सात बजे तक ,
अगर एक बार वो कबूतरियां दोनों चुग लेंगी तो हम सब को भी मजा ,
अरे सिर्फ मैं ही नहीं , सुजाता भी कन्या रस की प्रेमी थी और सबसे बढ़कर मिसेज खन्ना हम सब की नेता , वो तो ऐसे रगड़ रगड़ कर लेंगी दोनों की ,...
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05-06-2021, 03:24 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम भाग ५२
कबूतरियां और जाल
अगर एक बार वो कबूतरियां दोनों चुग लेंगी तो हम सब को भी मजा ,
अरे सिर्फ मैं ही नहीं , सुजाता भी कन्या रस की प्रेमी थी और सबसे बढ़कर मिसेज खन्ना हम सब की नेता ,
वो तो ऐसे रगड़ रगड़ कर लेंगी दोनों की ,...
तो मम्मी की बात में दम तो था
और ये तय हुआ की आज इनके आफिस जाने के बाद करीब तीन बजे मैंने सुजाता को बुला लूँ ,
सुजाता को तो आप सब जानते ही हैं ,एकदम मेरी पक्की सहेली , हम लोगो के क्लब की ' बेबी ,यंगेस्ट ' ५-६ महीने पहले ही शादी हुयी है, इनकी मुंहबोली साली
लेकिन सबसे बढ़कर मम्मी की एकदम असली वाली बेटी बन गयी है वो।
अगर मुझसे ज्यादा मम्मी किसी को प्यार करती हैं तो सुजाता को। उनलोगों के हर मुद्दे में विचार भी मिलते हैं ,
और आज की मीटिंग में विचार का विषय था ,
मिसेज मोइत्रा की गोरी गोरी कबूतरियों को दाना कैसे चुगाया जाय ,
उन्हें संस्कारी से 'सुसंस्कारी' कैसे बनाया जाय
सुजाता ने जैसे ही अपने टैब पे ,
स्कूल ड्रेस में दोनों कबूतरियों की फोटो दिखाई ,मम्मी की तो बस लार ही टपक पड़ी,
क्लास मेट्स के साथ थीं
गोरी चिट्ठी भरे बदन की किशोरियां,
आ रही जवानी के निशान साफ़ साफ़ उनदोनो की देह से छलक रहे थे ,चाहे गालों की लुनाई हो या हलके हलके गदराये जोबन के उभार,
लेकिन जब सुजाता ने अपने टैब में से वो फोटुएं दिखाई जिसने मुझे भी उसका मुरीद बना ,
दोनों के सीधे , ' खजाने ' की तस्वीर
बस हलकी हलकी आ रही सोने के तार ऐसी नयी नयी मुलायम झांटे और उन के बीच में एकदम चिपकी हुयी
मम्मी की तो हालत खराब हो गयी ,और मेरी भी।
अब आपरेशन की कमांड उन्होंने अपने हाथ में ले ली , और हम दोनों ,मैं और सुजाता उनकी लेफ्टिनेंट।
और वो इतना बड़ा बिजनेस इम्पायर चलाती थीं ,उनके लिए तो बस अब ये ,
एक स्ट्रेटेजिक मीटिंग हो गयी।
और उन्होंने अपना फेवरिट फार्मूला शुरू कर दिया ,
स्वाट ,स्ट्रेंथ ,वीकनेस, ऑपर्च्युनिटी ,थ्रेट।
और उनके पूछने के पहले ही सुजाता ने
स्ट्रेंथ गिनानी शुरू कर दी,
१. वो दोनों जिस स्कूल में हैं ,अभी सुजाता उसकी इंचार्ज है और हेड मिस्ट्रेस के साथ ,दोनों कबूतरियों की क्लास टीचर ,
स्पोर्ट्स टीचर और काफी लोग ,सुजाता के इंटिमेट पर्सनल फ्रेंड हैं।
२. मिस्टर मोइत्रा अभी बाहर गए हैं और महीने दो महीने तक उनके आने का कोई चांस नहीं है। मिसेज मोइत्रा भी अभी शाक में हैं।
३. मिसेज मोइत्रा को अभी कोई शक भी नहीं है उनकी दोनों कबूतरियां हम लोगों के टारगेट पर हैं।
४. दोनों कबूतरियों के क्लास में काफ़ी लड़कियां ' फन लविंग ' हैं और उनका पियर प्रेशर काफी स्ट्रांग है।
वीकनेस गिनाने की जिम्मेदारी मेरी थी। थी भी मैं डेविल्स एडवोकट,
१ बचपन से ही मिसेज मोइत्रा ने उन्हें 'संस्कारी' बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है , फ़िल्में देखना तो दूर फिल्मों के बारे में बात भी करना वहां बुरा है।
२ दोनों के बिहैवियर पैटर्न में कोई भी चेंज होने से उन्हें शक हो जाएगा।
३ दोनों कबूतरियां सिर्फ स्कूल के लिए बाहर निकलती हैं और फिर सीधे घर , फ्रेंड्स के घर भी महीने में एक दो बार ही वो भी पूछ कर और शाम को वापस।
४ ड्रेसेज भी वो दोनों बहुत ढीली ढाली पुराने फैशन की पहनती हैं , और उन का सिर्फ एक टारगेट है कालेज में टॉप करना।
सुजाता ने एक पल सोचा फिर ऑपर्च्युनिटीज गिनवाने लगी ,
१. घर के अलावा स्कूल में ही उन दोनों का समय गुजरता है ,और वहां पर सुजाता का पूरा कंट्रोल है , इसका सबूत वो पिक्चर है जो चेंजिंग रूम के अंदर कैमरे लगवा के उसे इकट्टा की और उन दोनों कबूतरियों के पीरियड्स के डिटेल मेडिकल सेक्शन से लिए।
२ अभी मिसेज मोइत्रा के स्टार्स डाउन है तो पहले वो अपने ही डिफेन्स में रहेगीं , और जितना जल्दी हम लोग इस पीरियड में स्ट्राइक करें उतना अच्छा है।
३ मिसेज मोइत्रा स्कूल के कंट्रोल बोर्ड में थीं और अभी भी है ,इसलिए उन्हें स्कूल के लोगों पर पूरा भरोसा है। पर उन्हें पता नहीं की स्कूल के लोगों को ये अच्छी तरह अंदाज लग गया है की पावर इक्वेशन अब एकदम चेंज हो गया है और अब टॉटल कंट्रोल सुजाता के पास है। दूसरे मिसेज मोइत्रा ने अपने राज में बहुत से लोगों को, स्पेशली स्पोर्ट्स सेक्शन और कई ' फन लविंग ' टीचर्स को अपना दुश्मन बना लिया है।
४ वो दोनों टॉप तो करना चाहती हैं लेकिन अभी तीसरे चौथे पर ही रहती हैं।
हम सबको आशा की किरणे दिखनी लगी ,लेकिन थ्रेट तो बताना ही था तो मैंने कुछ बोल दिया ,
१ अगर हम लोगों को कुछ देर हो गयी तो मिसेज मोइत्रा के डिफेंसेज स्ट्रांग हो जाएंगे ,
२ अगर दोनों कबूतरियों के संस्कारी से सुसंस्कारी बनने के दौरान उन्हें कुछ शक हो गया तो वो उन्हें बोर्डिंग में कहीं बाहर शिफ्ट कर सकती हैं।
और अब मम्मी की बारी थी ,लेकिन उन्होंने कुछ फैसला सुनाने के पहले एक सवाल सुजाता से पूछ लिया,
" उन दोनों कबूतरियों के क्लास में कोई 'सुसंस्कारी' लड़की है या , ... "
उन का बाकी सुजाता की खिलखलाहट में डूब गया , और जब सुजाता हंसती थी तो बस हंसी के दौरे चालू हो जाते थे उसे। मुश्किल से रुकी ,
" आप भी न ,आज के जमाने में , ....लड़कियों की झांटे बाद में आती हैं लेकिन चार चार कंट्रासेप्टिव पिल के नाम उन्हें पहले याद हो जाते हैं। अरे आधी से ज्यादा उसने क्लास की लड़कियों की चिड़िया कब से उड़ रही है फुर्र फुर्र।
सिर्फ वही दोनों माहौल खराब कर रही है , लेकिन मैं आप की बात समझ गयी ,
एक लड़की है जो सुसंस्कारी ही नहीं परम सुसंस्कारी है , छंदा सेन. ड्रिंक ,ड्रग्स,स्मोक कोई चीज बची नहीं उससे /
एक साथ चार पांच आशिक रखती है ,
और सिर्फ लड़के ही नहीं , वो जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में भी विश्वास नहीं रखती।
उसके क्लास की ही तीन चार लड़कियां उसकी सेविकाएं हैं।
कबूतरियों के क्लास में पिछले तीन साल से है , पास होती तो अब ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर में पहुँच जाती। "
मम्मी सुजाता की बाते बहुत ध्यान से सुन रही थी और उन के मन में कोई स्ट्रेटजी तैयार हो रही थी।
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
छंदा सेन
और अब मम्मी की बारी थी ,लेकिन उन्होंने कुछ फैसला सुनाने के पहले एक सवाल सुजाता से पूछ लिया,
" उन दोनों कबूतरियों के क्लास में कोई 'सुसंस्कारी' लड़की है या , ... "
उन का बाकी सुजाता की खिलखलाहट में डूब गया ,
और जब सुजाता हंसती थी तो बस हंसी के दौरे चालू हो जाते थे उसे।
मुश्किल से रुकी ,
" आप भी न ,आज के जमाने में , ....लड़कियों की झांटे बाद में आती हैं लेकिन चार चार कंट्रासेप्टिव पिल के नाम उन्हें पहले याद हो जाते हैं। अरे आधी से ज्यादा उसने क्लास की लड़कियों की चिड़िया कब से उड़ रही है फुर्र फुर्र।
सिर्फ वही दोनों माहौल खराब कर रही है , लेकिन मैं आप की बात समझ गयी ,एक लड़की है जो सुसंस्कारी ही नहीं परम सुसंस्कारी है ,
छंदा सेन.
ड्रिंक ,ड्रग्स कोई चीज बची नहीं उससे / लड़के एक साथ चार पांच आशिक रखती है , और सिर्फ लड़के ही , वो जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में भी विश्वास नहीं रखती। उसके क्लास की ही तीन चार लड़कियां उसकी सेविकाएं हैं।
कबूतरियों के क्लास में पिछले तीन साल से है , पास होती तो अब ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर में पहुँच जाती। "
मम्मी सुजाता की बाते बहुत ध्यान से सुन रही थी और उन के मन में कोई स्ट्रेटजी तैयार हो रही थी।
सुजाता ने अपने टैब से छंदा की फोटो दिखा दी,
वाउ एकदम मस्त माल लग रही थी ,कैशोर्य की आखिरी पायदान पर , लेकिन मेरे मन की बात मम्मी ने कह दी ,
"मस्त है एकदम नम्बरी छिनार , तुम कह रही थी , दो बार फेल हो चुकी है ,इसी क्लास में ,.. "
" हाँ लेकिन शहर के सबसे बड़े बिजनेसमैन की एकलौती बेटी है ,उनके पोलिटिकल कनेक्शन भी बहुत हैं इसलिए , कालेज से, ... "
मम्मी ने सुजाता के जवाब को आलमोस्ट इग्नोर करते दूसरा सवाल दागा ,
" तुम्हारी कुछ उस लड़की से जान पहचान है क्या ,... "
" हाँ है थोड़ी बहुत , मिली हूँ ,लेकिन जो उस की स्पोर्ट्स टीचर और टेनिस कोच है वो दोनों मेरी पक्की सहेलियां है और , उन दोनों से वो बहुत चीजें शेयर करती है। "
" ब्वाय फ्रेंड्स ,गर्ल फ्रेंड्स भी क्या , "
मैंने उत्सुकता से पूछा। पूछा तो सुजाता से ,लेकिन मम्मी की घूरती निगाहों ने मुझे चुप करा दिया।
उनका प्लान तैयार हो गया था ,कम से कम पार्ट प्लान ,
बहेलिये ने दाना फेंकने की तैयारी कर ली थी ,बस कबूतरियों को दाना चुगना बाकी था।
और मम्मी ने प्लान का पहला हिस्सा बता दिया ,
" क्या नाम बताया था तूने ,उसका ,हाँ छंदा ,
बस उसे पटा तू।
इस साल से तो उसके बजाय बोर्ड के इंटरनल एक्जाम होंगे न तो बस उसे प्रामिस कर की वो सिर्फ पास ही नहीं होगी बल्कि मार्क्स भी अच्छे आएंगे। वो ही लड़की चाभी है। मुझे मालूम है की उस की उन कबूतरियों से दोस्ती नहीं होगी ,
लेकिन ये जिम्मेदारी छंदा की है उन्हें पटाने की। दोनों कबूतरियां टेनिस भी खेलती हैं न ? "
सुजाता ने हामी भरी और ये भी बोला की बस सो सो हैं दोनों टेनिस में।
" तो क्या हुआ ये तो तुम्हारे हाथ में है , अगले तीन चार दिनों के अंदर किसी बाहर के शहर में टेनिस टीम भेजो
जिसमें दोनों कबूतरियां और वो छंदा जाएंगी।
मुझे मालूम है मिसेज मोइत्रा पहले हिचकिचाएंगी लेकिन उन्हें यही बोलना की साथ में स्पोर्ट्स टीचर और टेनिस कोच भी जाएंगी।
लास्ट मिनट पे स्पॉर्ट्स टीचर कैन ड्रॉप और कोच बजाय लड़कियों के साथ रुकने के कहीं और ,...
लेकिन ये ध्यान रखना होगा की शुरू में वो छंदा अपने को एकदम कंट्रोल में रखे और उनका ट्रस्ट जीते।
हाँ आखिरी दिन जितने के बाद जरूर एंड दे मस्ट विन , ऐट लीस्ट कम सेकेण्ड। हाँ अवॉर्ड में एक बात , गिफ्ट हैम्पर ,कूपन्स फार सम फैशनेबल ड्रेसज और छंदा उन्हें ज़रा ज्यादा 'सुसंस्कारी' ड्रेसेज उनसे दिलवा सकती है।
टेनिस के लिए ड्रेसज तो कालेज देगा न तो बस उनमें उनकी टेनिस बॉल्स ज़रा अच्छी तरह छलकनी चाहिए।
और टेनिस की जीत की ख़ुशी में तीनो बच्चियों का सोमरस का स्वाद लेना तो बनता है न. . और जीत की ख़ुशी शेयर करने के लिए दोनों का फेसबुक अकाउंट खुलना ,सोशल नेट्वर्किंग ज्वाइन करना , तो बस ' सुसन्कारी' होने का पहला पाठ शुरू।
मैंने और सुजाता ने बस ताली नहीं बजायी।
इतनी अच्छी ,तगड़ी प्लानिंग तो हम सोच नहीं सकते थे। हम दोनों बस मंत्रमुग्ध होकर उनकी ओर देख रहे थे।
लेकिन मम्मी ने आगे का स्टेप भी बता दिया,
" एक बार वो दोनों छंदा के चंगुल में फंस गयी तो उन्हें आगे भी बढ़ाना होगा।
तुमने क्या बताया था वो क्लास में फर्स्ट आना चाहती हैं न हाँ तो बस स्कूल के बाद , एक एक्स्ट्रा क्लास , जिसमें दोनों कबूतरियों के साथ छंदा और चार पांच और छंदा की चमची सुसंस्कारी बच्चिया , अपने आप ढंग के गुण दोनों सीखने लगेंगी। "
इतनी जबरदस्त प्लानिंग न मेरे दिमाग में घुसती न सुजाता के।
मम्मी ने तो पूरा खाका ही बना के हम दोनों को दे दिया था और बस अब उसे इम्पलीमेंट करने की जिमेदारी हम दोनों की थी।
जाल बुना जा चूका था , बस दाना डालना था ,जाल फेंकना था और दोनों कबूतरियां जाल में।
कैशोर्यावस्था में पीयर प्रेशर से बढ़ कर कुछ नहीं होता , और बस मम्मी ने वही दांव खेला था
और फिर मिसेज मोइत्रा जो उन दोनों कबूतरियों की पहरेदार थीं ,उनकी निगाह से दूर , दूसरे शहर में ,
और छंदा जैसी खेली खायी होशियार लड़की पटानेवाली, ...
मेरा और सुजाता का दूर दूर तक हाथ नजर नहीं आता , न मिसेज मोइत्रा को न दोनों कबूतरियों को।
लेकिन मम्मी का हाथ तो बार बार सुजाता के टैब से खेल रहा था ,
वो बार बार एक कबूतरी की बॉटमलेस पिक्चर को , जिसमें उसकी संतरे की फांकों ऐसी रसीली एकदम चिकनी , ...
एकदम चिकनी तो नहीं ,छोटी छोटी झांटे , केसर के फूल जैसी , ,...
तारीफ़ की नजर से उन्होंने सुजाता की ओर देखा और बोल उठीं ,
" ये मस्त पिक्चर कैसे खींची , "
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05-06-2021, 03:25 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
मिसेज मोइत्रा की कबूतरियां और जाल
तारीफ़ की नजर से उन्होंने सुजाता की ओर देखा और बोल उठीं ,
" येमस्त पिक्चर कैसे खींची , "
सुजाता मुस्करा उठी।
" सिम्पल , स्कूल में सी सी टीवी लगने थे ,वो भी आई पी बेस्ड , और अब मैं इंचार्ज हूँ तो बस मुझे ही फाइनल करना था , सिक्योरटी एजेंसी भी मैंने नयी अप्वाइंट की थी , तो टेनिस कोर्ट के गर्ल्स लाकर रूम में , ...
जहाँ लड़कियां स्पोर्ट्स ड्रेस में चेंज करती है , और इस कैमरे को ज़ूम भी कर सकते हैं , पोजिशन भी चेंज कर सकते हैं , रिमोट कंट्रोल जो मेरे मोबाईल से भी आपरेट हो सकता है। इस कैमरे का कंट्रोल सिर्फ मेरे पास है , बस। "
और कुछ देर में वो सिक्योरिटी वाला हमारे घर में था।
अब मैं समझ गयी क्यों वो आँख मूँद कर के सुजाता की सब बाते मानता था , मुश्किल से २१ -२२ का ,लेकिन हैकिंग से लेकर सरवायलेन्स हर चीज में एक्सपर्ट ,
और सुजाता को देखकर उसके मुंह में ऐसे पानी आ रहा था की बस ,
इस उम्र के लड़कों को पटाना ,अपनी ऊँगली पर नचाना ,सुजाता के बायीं ऊँगली का खेल था।
जो जो बातें मम्मी ने सुजाता को समझाई थीं ,सब सुजाता ने उसे बता दीं।
मिसेज मोइत्रा के पूरे घर में सरवायलेन्स किट , कैमरे , फोन पर टैप और ख़ास तौर पर दोनों कबूतरियों के बेड रूम का एक एक कोना और टॉयलेट , ...
बहाना ये था की उनके घर में वाल्स में इलेक्ट्रिक करेंट लीक होने की शिकायत मिली थी ,इसलिए सभी दीवालें चेक करनी थी।
वो अपने मिशन में गया , और तबतक जो मैंने सिखा पढ़ा के उन्हें आफिस भेजा था ,उसका असर हो गया।
मिसेज मोइत्रा की चमची नंबर तीन का फोन आया ,
बस वो रो नहीं रही थी , क्या क्या माफियां नहीं मांगी उसने।
मिसेज मोइत्रा के खिलाफ पचास बातें , मेरी लिए कुछ भी करने को तैयार , बस बार बार एक बात , मैं उसे माफ़ कर दूं वो कुछ भी करेगी मेरे लिए , दस मिनट तक लगातार,...
मैंने स्पीकर फोन आन कर रखा था, मम्मी और सुजाता ने किसी तरह अपने को खिलखिलाने से रोक रखा था।
मैंने उन्हें ( चमची नंबर तीन को ) समझाया ,बताया , की मिसेज मोइत्रा हमारी सीनियर हैं , और अब मिस्टर मोइत्रा भी नहीं है यहाँ तो हमारी जिम्मेदारी बनती है ,मिसेज मोइत्रा का अच्छी तरह ख्याल रखने की ,उन्हें कंपनी देने की।
हम लोग एकदम भी मिसेज मोइत्रा के खिलाफ नहीं है बल्कि उनकी रिस्पेक्ट करते हैं।
वो थी तो चतुर चालाक ,एकदम लोमड़ी। मेरी बातों का असली मतलब समझ गयी और अपना रोल भी।
एक घंटे के अंदर सुजाता के दीवाने उस सिक्योरिटी वाले ने कन्फर्म कर दिया कैमरे और स्पीकर फोन लग गए।
और उसका सबुत भी मिल गया ,सुजाता के फोन पर वो चमची नम्बर तीन , दिख रही थी ,
कब मिसेज मोइत्रा के घर गयी ,क्या क्या बातें की उन लोगो ने ,
सब की सब जैसा मैने उसे सिखाया था , यहाँ तक की दोनों कबूतरियों के कमरे में भी वो गयी और उन के बाथरूम में भी ,
कैमरे में सब कुछ कैप्चर हो रहा था। इसी के साथ कैमरे ,वायस टेप भी चेक हो गए।हम तीनो ने हाई फाइव किया।
अब कबूतरियों का हर पल हमें पता लग सकता था , और उनकी माँ का भी.
लेकिन सबसे ज्यादा ख़ुशी इस बात की थी की वो चमची नंबर तीन मिसेज मोइत्रा की ख़ास चमची , अब एकदम टर्नराउंड कर गयी थी।
और उससे भी बड़ी बात थी की वो एकदम चतुर चालाक सुजान थी ,
और मिसेज मोइत्रा को भनक भी नहीं लगने वाली थी की कब उनके पैरों के नीचे से जमीन सरक गयी।
यही तो हम सब चाह्ते थे और हमसे बढ़कर मिसेज खन्ना।
मम्मी और सुजाता कुछ गन्दी गन्दी बातें करने लगी लेकिन मेरा दिमाग कहीं और लगा था ,
मैंने उन्हें चमची नंबर १ और दो के हबीज के बारे में मसाला दिया था ,इसके बारे में तो मेरी बॉबी जासूस ने कुछ किया ही नहीं था ,तो ये कैसे मेरी चरणों की दासी पूरी भक्त हो गयी।
और तभी फोन घनघनाया।
उन्ही का था ,आफिस से और सारा मामला शीशे की तरह साफ़ हो गया।
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05-06-2021, 03:25 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम भाग ५२
चमचा नंबर तीन
और तभी फोन घनघनाया। उन्ही का था ,आफिस से और सारा मामला शीशे की तरह साफ़ हो गया।
………………………….
ये मैदान उन्होंने ही मारा था।
चमची नम्बर तीन के
'उनको ' मेरे ' उन्होंने ' आफिस में तलब किया ,उसकी पैंट उतार ली ,
और अगर मम्मी की शब्दावली में कहूँ तो बस बिना तेल लगाए उन्होंने , उसकी गांड मार ली।
पहला ऑफर उन्होंने दिया , ट्रांसफर का
जहाँ मिस्टर मोइत्रा गए हैं ,दंडकारण्य में , लेकिन उसे यहाँ फेमिली रखने की परमिशन नहीं मिलेगी ,अपनी मिसेज को भी ले जाना होगा और रहने के लिए सिर्फ एक पोटा केबिन है बिना टॉयलेट के।
टेबल पर उन्होंने तीन फाइलें भी रखी थी ,जो चमची नम्बर तीन के वो डील करते थे।
चमचा नंबर ३ मिस्टर मोइत्रा , बल्कि मिसेज मोइत्रा का ख़ास था , ... और उसकी बीबी तो , ..एकदम मिसेज मोइत्रा से क्लब में ,...
यहाँ तक की उससे दो दो तीन तीन रैंक सीनियर लोगों की बीबियां पहले उसे नमस्ते करती थीं।
चमची नंबर ३ एकदम छैलछबीली , सिर्फ लेडीज क्लब की मेंबर ही नहीं बल्कि कितने आफिसर जो उसके हबी से बहुत सीनियर थे , उससे लसने की कोशिश करते थे, भाभी जी भाभी जी कह कर , और उस के कई कारण थे ,
एक तो छमक छल्लो , लो कट टाइट ब्लाउज , और आँचल हरदम छलकता रहता था , और उसे भी अच्छा लगता था जब सीनियर आफिसर उसके आगे पीछे ,
दूसरे , सिर्फ वो मिसेज मोइत्रा की ख़ास नहीं थी बल्कि , उसके चक्कर में उसके हबी , मिस्टर मोइत्रा के, ... जितने इम्पोर्टेन्ट काम सब उसी के जिम्मे
उस दिन , जब लेडीज क्लब की सैक्रेटरी का सेलक्शन होना था , सबसे ज्यादा वही ,...
जो न्यूट्रल वोट थे उन्ही लेडीज के बीच में बैठ के , किसी की हिम्मत थी जो उस की बात टालें ,...
अगर किसी लेडीज ने उसकी बात पर हामी जम के नहीं भरी तो अगले दिन मिस्टर मोइत्रा पक्की उसके हस्बैंड की जम के क्लास लगाते, कभी टेबल शिफ्ट हो जाती तो कभी मेमो मिल जाता ,
और हम ' बच्ची पार्टी ' ( बच्ची पार्टी यानी जिनके बच्चे न हों , शादी के साल दो साल हुए हों ) के तो एकदम , सब जहरीले तीर यही छोड़ती थी , मिसेज मोइत्रा तो हम लोगों से बात करना शान के खिलाफ समझती थीं , लेकिन ये और वैसे मिसेज मोइत्रा एकदम रिजर्व लेकिन ये डबल मीनिंग डायलॉग की मास्टरनी, तो जो बोलना होता था यही बोलती
तो बस उस के चक्कर में सारे वोट हमारे खिलाफ जा रहे थे
और उस को तोड़ने में उन्हें सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ी , जिस तरह मैंने चमचा नंबर १ और २ का पत्ता काटा था , वो कोई भी ट्रिक नहीं चली।
एक तो वो टूर पर नहीं जाता था , तो होटल के बिल में कोई गड़बड़ी का कोई सवाल नहीं था ,
फिर उस का उस की बीबी का चमची नंबर ३ का अकाउंट , पैन नंबर आधार फोन नम्बर से लिंक कर के अकाउंट चेक किये , एकदम महीने की सैलरी से एक नया पैसा , सारा अकाउंट सैलरी अकाउंट से मैच खाता था , लिविंग स्टाइल भी एकदम सिम्पल था ,
कहीं कुछ भी नहीं पता चल रहा था ,
लेकिन वो भी न ,... एकदम मेरी ऐसे बॉबी जासूस की संगत में रह कर , ...
उन्होंने सोशल मिडिया खंगालना शुरू किया , चमचा नंबर एक का तो कोई फेस बुक या कोई भी सोशल मीडिया में था ही नहीं पर ,
चमची नंबर ३ के फेसबुक पेज पर उसकी लड़की दिखी , और फिर उन्होंने उसी को पकड़ा , ... आज कल के लड़के लड़कियों का फेसबुक पेज न हो ,..
बस उस के फेसबुक पेज से पता चला की वो लड़की देहरादून के मशहूर बोर्डिंग में पढ़ती है , और उस के पेज पर , एक से एक पिक्चर्स , लाइफ स्टाइल वाली ,
११ वी में पढ़ती थी , कबुतरियों से साल भर बड़ी ,...
और फिर उन्होंने स्कूल से पता किया की फ़ीस किस अकाउंट से जाती है , क्योंकि चमचा नंबर ३ के अकाउंट में उसका कोई जिक्र नहीं था ,
यूरेका ,
और स्कूल से अकाउंट पता चल गया , और उन्होंने एक खोजी को लगा कर उस अकाउंट को खंगाल लिया
कुछ क्लियर नहीं हो रहा था ,
उस अकाउंट में हर महीने कई बार कई बड़ी रकम , २० से ५० लाख तक जमा हुयी , लेकिन हर महीने नहीं , कभी कई महीने कुछ भी नहीं , ... और कोई पैटर्न नहीं था एक बार कम
लेकिन जमा होने के दस पन्दरह दिन के अंदर उस अकाउंट से ७० से ७५ % दो तीन अलग अलग एकाउंट में ट्रांसफर हो जाता था ,
तभी उन का दिमाग ठनका ,
हाई वैल्यू टेंडर , मिस्टर मोइत्रा कमेटी के चेयर मैन थे , टेंडर कमेटी के पेपर भी यही चमचा नंबर ३ चेक करता था ,
उन्होंने पिछले साल भर के टेंडर कमेटी की मीटिंग की डेट्स निकाली और फाइनल अप्रूवल के भी ,
उस की एक्सल शीट बनाई और उस एकाउंट से मैच कराया
एकदम मैच कर गया ,
अमाउंट भी
टेंडर अमाउंट का १० % जमा होता था , दो बार , ... पहली बार मीटिंग के बाद , जब टेंडर का स्टेटमेन्ट बन जाता था और मेजर अमाउंट जब मिस्टर मोइत्रा अप्रूव करते थे उसी दिन ,
२५ % चमचे के अकाउंट में बचता था बाकी , साफ़ था मिस्टर मोइत्रा
उन्होने आधे घंटे और खुरपेंच किया ,
चमचा नंबर की तीन की लड़की के बारे में और पता किया ,
उसे स्कूल के हॉस्टल में एक बार ड्रग के लिए वार्निंग मिल चुकी थी और के बार लेट आने के लिए , उस के फेस बुक पेज से उस के दोस्तों के बारे में पता कर के उन की भी हालचाल उन्होंने पता किया
पहले तो वो हिलने को तैयार नहीं , न किसी टेंडर के बारे में,
तो उन्होंने उस की उस ग्यारह में पढ़ने वाली लड़की की फोटो उस के सामने रखी , ...
हॉट पेंट में वो एकदम हॉट लग रही थी , टाइट टॉप में बूब्स एकदम छलक रहे थे ,
" कौन है , ... " उन्होंने थानेदार की तरह कड़क के पूछा ,
' मेरी बेटी " उसी तरह तन कर अकड़ कर वो बोला ,
" ये किधर से पैसा उगलती है , आगे से या पीछे से , .... "
उन्होंने बहुत ठंडी आवाज में पूछा।
गुस्से से चमचे नंबर ३ का चेहरा तमतमा गया ,...
लेकिन वो कुछ बोलता , उसके पहले उन्होंने उस लड़की के नाम के सारे बैंक स्टेटमेंट आगे कर दिया
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05-06-2021, 03:25 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
आखिरी चमचा
" ये किधर से पैसा उगलती है , आगे से या पीछे से , .... " उन्होंने बहुत ठंडी आवाज में पूछा।
गुस्से से चमचे नंबर ३ का चेहरा तमतमा गया ,... लेकिन वो कुछ बोलता , उसके पहले उन्होंने उस लड़की के नाम के सारे बैंक स्टेटमेंट आगे कर दिया
" कहाँ से , किस चीज के लिए कौन देता था इसे ये पैसा , ... नाम तो इस एकाउंट में इसी का लिखा है , और बाप का नाम तेरा , ... पैन कार्ड आधार कार्ड भी मैच कर रहा है ,... "
ये अकाउंट उसकी की ओर सरकाते बोले , ...
थोड़ा उसकी कड़क कम हुयी , पर उसने फिर कुछ जवाब देने की कोशिश की , लेकिन उनके पास और हथियार थे , ...
" और ये पैसा किस अकाउंट में जाता था , ... ये भी डिटेल है हमारे पास ,... "
एकदम झूठ , ... ये उनके पास नहीं था लेकिन उन्होंने अंधेरे में तीर चलाया जो चल गया।
" और सबसे बड़ी बात नेट बैंकिंग से उस लड़की ने ही ट्रांजैक्शन किया है , सिम भी उसी के नाम की रजिस्टर्ड है , के वाई सी भी उसी की है। "
ये भी अँधेरे में तीर था जो फिर चल गया .
अब उस चमचे की हालत खराब , लेकिन ब्रम्हास्त्र अभी बाकी था , ...
" ये तीन फाइलें देख रहे हो , जिस दिन कांट्रैक्ट हुआ उसी दिन तेरी उस बेटी को पैसा मिला , ... मैंने उन कम्पनीज से बात कर लिया है , ... तीनो प्रॉडक्ट डिफेन्स कांट्रैक्ट के थे। मैं चाहता तो नहीं था , लेकिन मुझे बताना पड़ा , अब इ डी के लोग इंक्वायरी कर रहे हैं , ... आपका नाम तो कहीं नहीं था , लेकिन ये अकाउंट आपकी पुत्री के नाम है इसलिए अब ई डी उसी से पूछताछ करेगी , आज रात को ही शायद पूछताछ के लिए ले जाएंगे , मुझे मालूम है वो अभी बालिग़ नहीं है। इसलिए जेल तो नहीं ले जाएंगे पर जुवेनाइल होम में रखेंगे , और पांच छह दिन तो कम से कम , ... नेशनल सिक्योरटी का मामला है ,... मैं बीच में नहीं पड़ने वाला , ... मैं तो चाह रहा था , तुम्हारी बेटी मेरी बेटी , लेकिन ,... "
उस की हालत खराब , तभी मिसेज डिमेलो आयीं , उस का चमचे का फोन लेकर
"इनकी बेटी का फोन है , बहुत परेशान है , इनसे बात करना चाहती है। "
कोई भी मिलने आता था तो पहली बात तो मिसेज डी मेलो के कमरे से होकर , दूसरे उसे अपना मोबायल वहीँ छोड़ना पड़ता था ,
स्पीकर फोन नहीं ऑन था लेकिन लड़की के सुबकने की तेज तेज आवाज आ रही थी , ये साफ़ साफ़ पता चल रहा था की उसे बोला गया है की वो हॉस्टल से बाहर नहीं जा सकती है , और शाम को छह साढ़े बजे एक पुलिस की टीम और दिल्ली से आये कुछ आफिसर उससे इंक्वायरी करने आएंगे , हो सकता है उसे इंक्वायरी के लिए बाहर भी ले जाएँ ,
मिसेज डी ने और आग में घी डाला ...
आज कल कहने को जुवेनाइल होम , अरे सब रंडियों को पकड़ के उसमें रखते हैं और उस के साथ लड़की को ,..एक रात में ही ऐसी दुर्गत कर देंगी बेचारी की , और जमानत भी कल परसों छुट्टी है ,
लड़की के सुबकने की आवाज और तेज हो गयी।
मिसेज डी मेलो ने उसके हाथ से फोन छीन लिया और वापस अपने कमरे में चली गयीं।
अब वो एकदम टूट गया ,
वहीँ फर्श पर बैठ कर सुबकने लगा ,
लेकिन इन्होने जानबूझ कर उसकी ओर अब ध्यान नहीं दिया , वो कोई फ़ाइल करने लगे फिर फ़ाइल ,
बीच बीच में वो चमचा नंबर तीन बोलने की कोशिश करता लेकिन ये उसकी बात पर ध्यान नहीं दे रहे थे ,
तभी मिसेज डी मेलो ने बोला , इ डी के ज्वाइंट डायेक्टर का फोन आया है ,
उन्होंने फोन उठा के बोल दिया ,
" थैंक्स सो मच , मेरे ख्याल से हमारे इंटरनल इन्वेस्टिगेशन से काम चल जाएगा , कोई सिक्योरटी के इसुज नहीं लग रहे हैं , नहीं नहीं उस लड़की को , अच्छा आप लोग पंहुच गए हैं , ... नहीं नहीं , हम लोग रिजॉल्व कर लेंगे , मैं आधे घंटे में बात करूंगा , ... और नहीं होगा तो फिर आप के मेथड्स है मैं नहीं रोकूंगा। पर अभी कुछ मत करियेगा , मैं आधे घंटे में फोन करूंगा। "
अब एक बार खड़ा हो के सिर्फ हाथ जोड़े , ...
और उन के फोन रखते ही वो चालू हो गया ,...
" नहीं नहीं सर , उस लड़की की कोई गलती नहीं है , वो सब मैंने ही , वो सिम मैंने ही उसके नाम से , वो अकाउंट भी मैं ही आपरेट करता था ,...
इन्होने रिकार्डिंग ऑन कर रखी थी ,
पता ये चला की मिस्टर मोइत्रा का कुछ खास हाथ नहीं था , ये टेंडर के पहले मिसेज मोइत्रा के साथ मिल कर , ...
पार्टी भी उसी के साथ , मिसेज मोइत्रा से ,.. और रात में मिसेज मोइत्रा मिस्टर मोइत्रा को इंस्ट्रकशन देती थीं , उसी तरह टेंडर पेपर बनते थे , ... और पैसा उस अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता था , जो उस लड़की के नाम से था , फाइनल पेमेंट होने के बाद , ... ये खुद नेट बैंकिग से ५ अकाउंट बेनामी थे , जो मिसेज मोइत्रा के लिए वही आपरेट करता था ,
इन्होने उसके फोन से वो सारे नेट बैंकिग के फोन एकाउंट चेक करवाए , ... सब बातें उसकी सही थीं , ...
फिर उससे फोन लेकर सारे नेट बैंकिंग के पासवर्ड चेंज किये , फेवरिट क्वेस्चन चेंज किये , अब मिसेज मोइत्रा उसे एक्सेस नहीं कर सकती थीं , न ही वो चमचा एक्सेस कर सकता था ,
फिर आधे घंटे तक वो गाता रहा , मिसेज मोइत्रा की बेनामी प्रापर्टी के सारे डिटेल्स , किस कम्पनी से क्या डील्स होती थीं ,
उन्होंने फोन उठा का इ डी को फोन किया
नहीं उस लड़की से पूछताछ की जरूरत नहीं , हाँ वो लोग बड़ी रिगरस इंटरनल इंक्वायरी करेंगे , उस लड़की से भी वो खुद पूछताछ करेंगे , बस हफ्ते भर के अंदर , हाँ इ डी क्वेश्चनेयर भेज दे तो वो उस खुद लड़की से सवाल पूछेंगे , वीडयो रिकार्ड ई डी को दे देंगे , अब उसे गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं।
वो चमचा उन के पैर पर गिर गया।
असल में कोई इ डी था ही नहीं ,
दोनों बार फोन पर दूसरी ओर कोई नहीं था , सिर्फ मिसेज डी मेलो ने रिंग करके उन्हें बोला था ,
उस लड़की के हॉस्टल में भी मिसेज डी मेलो ने किसी के जरिये बस एक फोन करवाया था , ...
अब वो पूरी तरह टूट गया थाऔर उसे लगा की उसकी बेटी को इन्होने ही बचाया , ...
हाँ ये इन्होने बोला की हफ्ते भर के अंदर अपनी बेटी को बुला दे , एक दिन वो अच्छी तरह से पूछ ताछ करेंगे ,
जिससे फ़ाइल बंद हो।
उसने तुरंत हाँ कर दी , और मिसेज मोइत्रा की एक एक बात ,
लेकिन उन्होंने उसे समझा दिया , सब मामले वो सम्हाल लेंगे , लेकिन ,...
उनके कहने के पहले ही एक बार फिर वो नतमस्तक हो गया
नहीं सर , एकदम नहीं सर आप मेरी ओर से मैडम से भी माफ़ी मांग लीजियेगा , ... मेरी वाइफ ने , मिसेज मोइत्रा के चक्कर में ,..
वो एकदम ,...
और उन्होंने आखिरी चमचा भी तोड़ लिया था और अब मिस्टर और मिसेज मोइत्रा का एक एक राज उनके कब्जे में था ,...
बस वो दंडवत हो गया।
मिस्टर मोइत्रा के बारे में क्या क्या गाना नहीं गाया उसने।
और ये भी की हर चीज के पीछे असल में मिसेज मोइत्रा थीं।
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05-06-2021, 03:25 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम ५३
खुशखबरी
और उन्होंने आखिरी चमचा भी तोड़ लिया था और अब मिस्टर और मिसेज मोइत्रा का एक एक राज उनके कब्जे में था ,...
बस वो दंडवत हो गया।
मिस्टर मोइत्रा के बारे में क्या क्या गाना नहीं गाया उसने। और ये भी की हर चीज के पीछे असल में मिसेज मोइत्रा थीं।
उन्होंने ये भी बोला की एक घण्टे बाद उन्होंने बाकी दोनों चमचियों के हसबैंड को भी बुलाया है।
.....इनकी सास की समधन
बस मैने ताली नहीं बजायी लेकिन इसके बदले में मैंने उन्हें भी एक खुशखबरी सुनाई ,
" मेरे पास उससे भी बड़ी एक खबर है ,असली खश खबर। "
और साथ में मैंने वार्न भी कर दिया ,
"खुश खबर तो है लेकिन ये नहीं की तुम आफिस में ही मारे ख़ुशी के जिप खोल के अपना खूंटा निकालो और वहीँ मुट्ठ मारने लगो।
लेकिन असल में खबर है ऐसी ही। "
उत्सुकता के मारे उनकी हालत खराब हो गयी।
" बोल न क्या बात है। "
उनके पूछने में भी ख़ुशी छलक रही थी।
और मैंने उनको साफ़ साफ़ सुना दिया ,
" मेरी छिनार सास, तुम्हारी सास की चूतमरानो समधन और तुम्हारी बेटाचोद,... आज से ठीक २२ दिन बाद यहाँ आएँगी।
और बचने का उनका कोई चांस नहीं है , तेरी सास खुद जाके उन्हें ले आएँगी , तारीख भी पक्की हो गयी है।
आज से ठीक २२ दिन बाद। "
ख़ुशी उनकी आवाज से झलक रही थी और थोड़ा बहुत अविश्वास भी था।
" सच्ची , मैं मान नहीं सकता। "
उनकी आवाज से उनकी हालत का अंदाज लग रहा था।
मैंने स्पीकर फोन आन कर रखा था ,सुजाता ,उनकी सास सब उनकी आवाज सुन रहे थे।
कहो तो मैं उनकी पूरी रिकार्डिंग सुना दूँ , अरे उनकी बिल में सुबह की तेरी सास की बातें सुन के इतने मोटे मोटे चींटे काट रहे थे। उनका बस चलता तो,
लेकिन अभी तो उन्हें तीरथ पे जाना है , गंगा नहाना है , तो ,...
बस अभी कुछ दिन बाद जब हम तेरे मायके जाएंगे और तेरी उस मस्त ममेरी बहन से तेरा संगम हो जाएगा न और उस को ले के हम यहाँ आएंगे बस , उसके ठीक दस दिन बाद मम्मी जाएंगी अपनी समधन के पास ,
और उन्हें अगले दिन ले आएँगी ८-१० दिन के लिए यहाँ ,... "
मैंने हाल खुलासा सुना दिया।
सुजाता और मम्मी किसी तरह अपनी खिलखिलाहट दबा रही थीं।
गणित तो उनकी तेज थी ही , उन्होंने झट से तारीख भी बता दी। और ये भी की उस दिन शुक्रवार है और उसके बाद एक लांग वीकेंड भी,...
" एकदम अभी से लाल निशान लगा दो उस तारीख पे। ये सोचो की मम्मी ने अबकी उन्हें फोन नहीं किया था ,खुद उनका फोन आया था , और खुद उन्होंने मम्मी से बोला। एक बात और ,मम्मी ने अभी से उनसे साफ़ साफ़ बता दिया है की जिस रात वो यहां आएँगी , उस रात, रात भर उनकी ओखली में खूब मूसल चलेगा , और यहाँ तेरे अलावा तो कोई और मूसलचन्द तो है नहीं ,,... जानते हो क्या जवाब दिया मेरी छिनार सास ने , "
मैंने और आग लगाई।
" क्या बोला , बोलो ,... "
मम्मी की ट्रेनिंग का या चिढाने का अब उन्हें कोई भी झिझक नहीं लग रही थी ,बल्कि उत्सुकता से वो परेशान थे।
" यही की पास में ओखली हो तो मूसल से क्या डरना ,और इतने मूसल चल चुके हैं है तो एक और सही। "
और सुजाता ,मम्मी अब अपनी हंसी नहीं रोक सकी।
बिचारे के पास फोन बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं था
लेकिन रखने के पहले उन्होंने बता दिया की आज आफिस से वो थोड़े लेट आयँगे आठ साढ़े आठ तक।
वो मुझे अंदाज था ही इत्ते दिन बाद आज वो गए थे ,
फिर मिस्टर मोइत्रा का भी काफी काम उनके पास और सबसे बढ़ के चमचियों के हस्बैंड्स को आज उन्हें ठिकाने लगाना था।
" कोई बात नहीं हम लोग पिज्जा आर्डर कर लेंगे। सुजाता भी है। "
मैंने जब तक उन्हें बताया , उन्होंने फोन रख दिया।
लेकिन उसके पहले मैंने वो बात कह दी ,जो मैं कहना चाहती थी और वो सुनना चाहते थे ,
" खुश तो बहुत होंगे मादरचोद की अब तेरी माँ को ,चोदने की तेरी तारीख पक्की हो गयी है। है न। लेकिन एक बात की गारंटी मेरी तरफ से ,जितने तेजी से धक्के तू मारेगा न उसके दूनी तेजी से तेरी छिनार माँ अपने मोटे मोटे चूतड़ उठा उठा के जवाब देगी। जितना तुझे मजा आएगा उस भोंसडे में घुसने में जिससे तू निकला है ,न उससे ज्यादा मेरी सास को मजा आएगा ,मेरे खसम को अपना खसम बनाने में।
और सारी मलाई अपनी माँ की बच्चेदानी में ही डालना ,क्या पता ठीक ९ महीने बाद उसका भोंसड़ा ,एक मेरी छिनार ननद ही उगल दे। "
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05-06-2021, 03:26 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
शर्तें
९ बजे उनका मेसेज आया की वो आफिस से निकल रहे हैं।
सुजाता तब तक चली गयी थी।
और उनके घर पहुँचने के पहले मेरा मेसेज उन्हें मिल गया,
अगर तू सच में अपनी माँ को चोदने के लिए बेताब हो रहा है न तो ये काम करना ,
१. बाथरूम का दरवाजा पीछे से खुला है , वहीँ से अदंर आ जाना।
नहा के फ्रेश हो के तैयार होके , वहां पर वोदका की आधी बोतल है उसे पूरी तरह खाली कर देंना।
२ वोदका पीते हुए अपनी माँ का नाम ले ले के जोर से सड़का मारना, लेकिन झड़ना नहीं। लंड जब पूरा खड़ा हो जाए ,सुपाड़ा एकदम खुला हो तो ,
३ वहां रखा हुआ ब्लाइंड फोल्ड अपनी आँखों पर बाँध लेना कस के।
४ और बोलना मैं हूँ पक्का मादरचोद ,मुझे मेरी माँ का भोंसड़ा मारना है।
५ ,बस , बाथरूम से जो दरवाजा हमारे बेडरूम में खुलता है बस उससे अंदर चले आना।
और अगर अपनी माँ को चोदने का मन न कर रहा है तो बस , सीधे अंदर आ जाना और गेस्ट रूम में सो जाना।
मैं और मम्मी अपने बेडरूम में रहेंगे।"
मम्मी बल्कि मना कर रही थीं की ये ऑपशन न दो ,
अगर कही वो गेस्ट रूम में सो गया तो ,हम लोगो की इतनी दिन की प्लानिंग
,मम्मी ने इतनी मुश्किल से अपनी समधन को पटाया था यहाँ आने के लिए और अब ये बात तो मेरी सास की आवाज से मुझे पता चल गयी थी की चींटे तो उनकी भी फुद्दी में जबरदस्त काट रहे हैं , और उसके बाद अगर कहीं वो , ...
लेकिन मुझसे ज्यादा उन्हें कौन जानता था , उनके मन की बात ,उनके तन की आग ,
दस मिनट बाद बाथरूम के पीछे के दरवाजे के खुलने की आवाज आयी।
मैं और मम्मी दोनों बेडरूम ही थे , पहले से पूरी तरह तैयार।
आल लाइट्स आफ , नाइट लैम्प भी।
और करीब पंद्रह मिनट बाद , उनकी आवाज आयी मेरी सास का नाम ले ले के जोर जोर से सडका मारने की और साथ में उह्ह्ह ओह्ह ,एकदम गरम थे वो।
मैंने मुस्करा के माँ की ओर उनकी सास की ओर देखा ,
और थोड़ी देर बाद जब बाथरूम से बेडरूम का दरवाजा खुला , वो सिर्फ ब्लाइंड फोल्ड पहने
और औजार एकदम पागल ,पूरी तरह खड़ा ,
मैं दरवाजे के बगल में ही थी ,
उन्हें पकड़ के सहारा देकर सीधे डबल बेड पर लाने के लिए ,
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