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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
सिग्नल
" सही कह रही हो मैं डर रहां था की कहीं , लेकिन वो कुछ ज्यादा ही चुलबुली लग रही थी , और एक बार किसी काम के चक्कर में उसने मुझे छत पे बुलाया ,शादीकी गहमागहमी में सब लोग नीचे थे और हम दोनों छत पर एकदम अकेले , उसने आँख नचा शरारत से मुझसे पूछा
,
" भैया कल रात को आप को लगता है ठीक से नींद नहीं आ रही थी। "
मैं तो घबड़ाया लेकिन वो बहुत अदा से बोली ,
" कोई बात नहीं , मुझे भी ठीक से नींद नहीं आ रही थी। "
और जब तक मैं कुछ और बोलता , सीढ़ी से सीधे नीचे वो।
" कुछ और तो नहीं बोला था "
मैं खोद खोद के पूछ रही थी।
वो थोड़ी देर चुप रहे जैसे कुछ सोच रहे हों , और फिर बोले ,
"हाँ ,सीढ़ी पे वो रुक गयी थी और जब मैं उसके पास पहुँच गया तो , हलके से मुस्करा के बोली ,
" आप बहुत सीधे हो , जितना मैं सोचती थी , उससे भी ज्यादा "
और ये कहके हंसती हुयी नीचे उत्तर गयी।
और मैं समझ गयी उसका मतलब। सच में इतने सिगनल , फिर भी इंजन भरतपुर के स्टेशन पे नहीं घुसा।
" दिन में देर तक , मैं उसकी सहेलियों के साथ मिल के कभी डेकोरेशन , कभी शॉपिंग , हाँ एक बात और , जब मैं शॉपिंग के लिए जा रहा था तो वो मुझसे अकेले मेंआके बोली ,उसकी केयर फ्री खत्म हो गयी है , मैं ले आऊं ,
लेकिन बाजार में पहुंचा ही था उसका एक एस एम एस आया, ढेर सारी स्माइलिज और
' रहने दो , अब जरूरत नहीं है। छुट्टी खत्म। '
मेरा तो मन हुआ माथा पीट लूँ।
और मैंने बोल ही दिया ,
" यार तुम बास्तव में बुद्धू हो। ये उसका कहने का तरीका था की उसके ' वो दिन ' खत्म हो गए हैं और वो रेड़ी है।
उस दिन तो लड़की को वो खुजली मचती है कीबस , और उससे बढ़ के वो एकदम सेफ दिन होता।
तुमसे ज्यादा तो वो ही , अच्छा जाओ जरा हमलोगों का वेडिंग एलबम ले आओ। "
वो ले आये।
मैंने एक फोटो निकाल ली आपने वेडिंग एल्बम से , एकदम मस्त माल लग रही थी।
झूम झूम के वो नाच रही थी।
इस फोटो में उसकी चुन्नी नीचे सरक गयी थी ,
और उसके छोटे छोटे कड़े कड़े ,नए आये उभार एकदम साफ दिख रहे थे ,और हलका सा क्लीवेज भी।
" कित्ते मस्त लग रहे हैं न उसके जोबन , एकदम दबाने लायक "
मैंने उनकी आँखों में आखें डाल कर कहा।
उनकी आँ
खे भी अपनी उस मस्त ममेरी बहन के उभारों से चिपकी थीं।
मैंने उनकी ऊँगली पकड़ कर , उसके कच्चे टिकोरों पे रख दीं।
" दबाओगे ने , इसे बोल न "
मैंने और उकसाया।
ललचाई नज़रों से उसके उभारों को देखते उन्होंने स्वीकारा , " हूँ ,.... हाँ, …"
" उस दिन रात में उसके मम्मे छूने में ,सहलाने में मजा आया था न "
मैंने पूछा। [/
ललचाई नज़रों से उसके उभारों को देखते उन्होंने स्वीकारा ,
" हूँ ,.... हाँ, …"
" उस दिन रात में उसके मम्मे छूने में ,सहलाने में मजा आया था न "
मैंने पूछा।
वो उस रात की यादों में खोये हुए थे जब यही उभार उनकी मुट्ठी में थे।
" हाँ बहुत , खूब अच्छा लग रहा था। " ख्यालों में डूबे वो बोले।
" फ्राक के ऊपर से ही दबाया था न "
मैंने हलके से उनके कान में फुसफुसाया।
" हाँ पतली सी ,कॉटन की फ्राक थी , बहुत अच्छा लग रहा था दबाने में। " वो खोये खोये बोले।
" हाँ उसके टिकोरे हैं ही बहुत मस्त , अबकी मायके चलोगे न अपने तो दिलवा दूंगी उसकी खोल के ,बोल दबाओगे न "
उनकी शलवार का नाड़ा खोलते हुए मैंने पूछा।
जवाब उनके औजार ने दिया , एकदम टनाटन।
खूब कड़ा ,तना।
" सिर्फ उसके जोबन , चूंचियां दबाने में मजा आया था , या उसकी घुन्डियाँ भी पकड़ने में "
मैंने हलके हलके मुठियाते पूछा।
" घुन्डियाँ भी , मटर के दाने ऐसी थीं कड़ी कड़ी। "
वो बोले।
अब मैंने उनका औजार उनके हाथ में पकड़ा दिया और एक दो बार ऊपर नीचे करके , फिर बोला ,
" चल न दिलवा दूंगी उसकी लेकिन अबकी मत शरमा के बीच में , पहले उाकी हलके हलके पकड़ के छूना , सहलाना , खूब हलके से जैसे उस रात कर रहे थे , फिरधीरे धीरे दबाना। "
हूँ हलके से वो बोले और उन्होंने अपना मुठियाना शुरू कर दिया था।
" बहुत मजा अायेगा उसके मम्मे दबाने में ,सच्ची , फिर जोर जोर से दबाना ,रगड़ना ,मसलना "
मैं हलके से उनके कान में बोली।
वो एकदम खोये खोये थे आँखे बंद , " लेकिन अगर वो मना करे तो :
बहुत धीमे से वो बोले।
मैं हूँ न तुम काहें चिंता कर रहे हो , मैं दिलवाऊँगी उसकी , सीधे से न माने तो जबरन , इत्ते दिन से तुम्हे अपने उभार दिखा दिखा के ललचा रही है , पहले तो खूब चूंची दबाना , फिर घुंडी भी।
और एक घुंडी मुंह में ले के हलके हलके चूसना चुभलाना , बहुत रस है साली के जुबना में। "
जवाब उनका हाथ दे रहां था , मुठियाने की स्पीड बढ़ गयी थी।
" हाँ , हूँ "
उनकी आँखे आधी बंद थी , वो सिसक रहे थे।
" और थोड़ा बहुत छिनालपना करे न ,नखड़ा दिखाए न तो जबरदस्ती करना , कस कस दबाना ,मसलना उसकी चूंची , देखना कुछ देर में ही खुद ही साल्ली ,छिनारबोलेगी , ' हाँ भइया , और जोर से दबाओ , कस कस के मसलो ,रगड़ो मेरी चूंची। ' छोड़ना मत उसको। "
मैं उनको और जोर से चढ़ा रही थी।
वह कल्पना की दुनिया में खो गए थे , और मुठियाने की रफ्तार तेज हो गयी थी।
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05-04-2021, 12:07 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
बिसरी बातें , गुड्डी की यादें
मैं हूँ न तुम काहें चिंता कर रहे हो , मैं दिलवाऊँगी उसकी , सीधे से न माने तो जबरन , इत्ते दिन से तुम्हे अपने उभार दिखा दिखा के ललचा रही है ,
पहले तो खूब चूंची दबाना , फिर घुंडी भी। और एक घुंडी मुंह में ले के हलके हलके चूसना चुभलाना , बहुत रस है साली के जुबना में। "
जवाब उनका हाथ दे रहां था , मुठियाने की स्पीड बढ़ गयी थी।
" हाँ , हूँ " उनकी आँखे आधी बंद थी , वो सिसक रहे थे।
" और थोड़ा बहुत छिनालपना करे न ,नखड़ा दिखाए न तो जबरदस्ती करना , कस कस दबाना ,मसलना उसकी चूंची ,
देखना कुछ देर में ही खुद ही साल्ली ,छिनार बोलेगी , ' हाँ भइया , और जोर से दबाओ , कस कस के मसलो ,रगड़ो मेरी चूंची। ' छोड़ना मत उसको। "
मैं उनको और जोर से चढ़ा रही थी।
वह कल्पना की दुनिया में खो गए थे , और मुठियाने की रफ्तार तेज हो गयी थी।
" देखना , वो तेरा माल इतना मस्त हो जाएगा न की खुद टाँगे फैला देगा चुदवाने को। चुदवासी तो वो तबसे हो गयी है ,,,,,
अब तो अच्छी खासी गदरा गयी है , इंटर में पहुँच गयीं है।
बिना चोदे मत छोड़ना उस को, भले ही लाख चीखे चिल्लाये।
हाँ और जोर से ,हचक हचक के पेलना लंड उसकी कच्ची चूत में , जब फटेगी तो बहुत चिल्लाएगी , लेकिन बिना फाड़े मत छोड़ना। "
अब मैंने गियर चेंज कर दिया था और वो भी ,
खूब तेजी से मुठिया रहे थे , आँखे बंद ,
जैसे सोच रहे हों कैसे अपने बचपन के माल की नथ उतारेंगे।
" अरे और जोर से धक्के मारों न कच्ची चूत है , बहुत कसी , झिल्ली भी फाड़नी है , और ,… और जोर से ,…हा पूरी ताकत से "
मैं हलके हलके कान में उनके बोल रही थी , गाल सहला रही थी ,आग और भड़का रही थी।
पुराने जमाने में ६०-६१ गिनने तक , उनकी फुस्स हो जाती थी ,लेकिन आज फुल स्पीड में ८४ -८५ हो चुका था और उनकी स्पीड कम नहीं हो रही थीं।
उनके दूसरे हाथ में उनकी ममेरी बहन का वो स्नैप था ,
" चोद साले , चोद ,चोद अपने बहिन को चोद बहनचोद ,एक बार उसकी कसी चूत चोद दे फिर उसके बाद बहन चोद तुझे ,… "
मेरी आँखे घड़ी पर टिकी थीं , टू मिनट वंडर तो वो कभी नहीं थे , क्विकी भी उनकी आठ दस मिनट लेकिन , आज तो
पन्दरह मिनट - अट्ठारह मिनट ,...
उनके मुट्ठ मारने की स्पीड पूरी तेजी पर थी , मैं गिनती भी गिन रही थी ,
१८०- १८१ - १८२
और ये बोलने के साथ मेरा नाखून उनके सुपाड़े के पी होल पे , फिर तो सफेद ज्वालामुखी फूट पड़ा।
खूब ढेर सारी गाढ़ी सफेद थक्केदार मलाई , सीधे उनके माल के जोबन पे ,
" हाँ हाँ और पहले बहनचोद , … फिर,.... मादरचोद "
मैंने बहुत हलके से कहा ,लेकिन उसका असर हुआ की अबकी पहले से भी ज्यादा जोर से
खूब ढेर सारी मलाई रबड़ी फिर अबकी पहले से भी ज्यादा ,
फोटो पूरी तरह उनके सफेद मलाई से लिपटी थी।
" बहुत खुश होगी , जब उसे पता चलेगा की उसके बारे में सोच सोच के उसके प्यारे भैया का ये हाल हुआ। ज़रा चख तो लो ,
और उस फोटो से उठा के मैंने सीधे उनके होंठों पे ,
उन्होंने चाट लिया।
" ये समझ लो , अगली बार सारी मलाई सीधे तेरे माल की बुर में जायेगी "
और फोटो मैंने उनके होंठों से लगा लिया और उन्होंने सब कुछ चाट लिया।
ये कहने की बात नहीं , मैंने सारी हरकत अपने स्मार्ट फोन पे रिकार्ड कर ली और एक छोटा सा वीडियो भी।
स्नैप्स सारे मम्मी को व्हाटसऐप हो गए।
और मैंने एक क्लोज अप ले लिया , उनके होंठ सीधे , अपने माल के बूब्स पे।
ये वही फोटो थी ,मैंने बोला था न हमारी शादी के तीन चार दिन बाद मैंने अनजाने में कंडोम अपने अल्बम में रख दिया था , इसी फोटो के साथ।
वो इतने नाराज हुए की ,कंडोम तो उन्होंने हटा के झटके से फ़ेंक दिया , फोटो कितनी बार साफ की , रात भर बोले नहीं। मेरी ओर पीठ कर सो गए।
मम्मी का मेसेज आया।
और मैंने स्काइप आन कर दिया।
मैं उनका नाड़ा बाँधने की कोशिश कर रही थी तभी स्काइप पे वो अवतरित हुईं।
वो बिचारे बहुत झेंपे ,लेकिन ,…
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05-04-2021, 12:07 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम भाग १८
मम्मी और बर्थडे ब्वाय ,
मेरे बालम
स्नैप्स सारे मम्मी को व्हाटसऐप हो गए।
मम्मी का मेसेज आया।
और मैंने स्काइप आन कर दिया।
मैं उनका नाड़ा बाँधने की कोशिश कर रही थी तभी स्काइप पे वो अवतरित हुईं।
वो बिचारे बहुत झेंपे ,लेकिन ,…
" कैसा है बर्थडे ब्वॉय ,मेरा मुन्ना ,… "
मम्मी पूरे रंग में थीं।
" अरे मम्मी , बिचारे नाड़ा नहीं बाँध पा रहे हैं। अपनी माँ बहनों का नाड़ा खोल खोल कर बचपन से नाड़ा खोलने की तो प्रैक्टिस हो गयी लेकिन, आपकी समधन ने उन्हें नाड़ा बंद करना सिखाया ही नहीं ".
मैंने भी बहती गंगा में हाथ धोया।
मम्मी भी ,वो मुझसे ज्यादा अपने दामाद का पक्ष लेती थीं , बोलीं
" अरे तो मेरे बिचारे सीधे साधे मुन्ने को क्यों दोष देती हो , अपनी सास को दोष दो न। "
फिर एक ठंडी सांस लेकर बोलीं ,
" लेकिन बिचारी समधन जी भी क्या करें , एक बार उनका नाड़ा खुल गया तो छैले बाँधने नहीं देते , एक के बाद एक , और अभी तो हैं भी तो टनाटन मॉल।
नहींबिश्वास हो तो उस छिनार के पूत से पूछ लो , क्यों मुन्ना है न सही बात , उनकी तलैया में गोता खाने वालो की लाइन लगी रहती हैं न। अच्छा बस एक बात बताओ, जब मेरी समधन का नाड़ा खुला था , खुला तो अक्सर ही रहता है , तो तूने उनकी बुलबुल तो देखी होगी न , कैसे लाल लाल चोंच चियारे रहती है ,चारा खाने केलिए। बोल न। "
मैं जोर जोर से खिलखिलाने लगी और उनको कुहनी मार के उन्हें छेड़ते हुए , उकसाते हुए बोली
" अरे मम्मी कुछ पूछ रही हैं ,बोल न। क्या लौंडियों की तरह शर्मा रहे हो , आखिर तेरे मातृभूमि के बारे में पूछ रही हैं। तुम्हे अपनी मातृभूमि से प्यार नहीं है क्या ,
और फिर आज तेरी बर्थडे है , तो जहाँ से निकले थे , उसे याद करने का , देखा तो होगा , बताओ न मम्मी को , …
मेरी सास की चिरैया के बारे में , कैसी है ,"
मम्मी भी उस हमले में शामिल हो गयीं ,
"अरे मेरी बिटिया सही तो कह रही है , सोच न आखिर मेरी समधन ने न जाने कितनो से अपने गद्दर जोबन मिजवाये होंगे , कितनो के पास जाके चुदवाया होगा , फिर वो गाभिन हुयी होंगी , फिर उनकी चूत से तू निकला होगा , इसमें शरमाने की क्या बात हैं।
तो आज तो उस मातृभूमि को याद करने का दिन है न जिसमें कितनोका लंड गया होगा , किसी की सफल चुदाई के बाद उनकी चूत से तू निकला होगा , और मातृभूमि क्या साफ साफ क्यों नहीं बोलती उस पंचभतारी ,छिनार के पूत सेअपनी माँ के बुर ,… "
मम्मी अब एकदम फुल स्पीड में चालू हो गयी थीं।
वह जोर जोर से ब्लश कर रहे थे , लेकिन मुझे पता था की उन्हें कितना मजा आ रहा है।
" अरे क्यों लौंडिया की तरह शर्मा रहे हो , मम्मी सच तो कह रही हैं , बोलो न खुल के ,मम्मी की बात का जवाब दो न "
मैंने उन्हें छेड़ा।
" अरे शर्मायेगा क्यों मुन्ना मेरा , " मम्मी बोलीं और जोड़ा ,
" इसकी मां बहने तो शरमाती नहीं, पूरे मोहल्ले को , हिन्दुस्तान -पाकिस्तान बांटती फिरती हैं तो मेरा मुन्ना क्यों शरमाएगा , बोल गिफ्ट कैसी लगी। "
वो बिचारे और जोर शर्माए लेकिन मैंने जब जोर से घूरा तो घबड़ा के बोले ,
" अच्छा है ,मम्मी ,पसंद है मुझे। "
उनकी निगाह उस दुपट्टे पे थी जो मम्मी की गिफ्ट थी।
" कलर एकदम मैचिंग हैं न "
मम्मी ने फिर पूछा
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05-04-2021, 12:09 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
मम्मी की समधन
" अरे शर्मायेगा क्यों मुन्ना मेरा , " मम्मी बोलीं और जोड़ा ,
" इसकी मां बहने तो शरमाती नहीं, पूरे मोहल्ले को , हिन्दुस्तान -पाकिस्तान बांटती फिरती हैं तो मेरा मुन्ना क्यों शरमाएगा , बोल गिफ्ट कैसी लगी। "
वो बिचारे और जोर शर्माए लेकिन मैंने जब जोर से घूरा तो घबड़ा के बोले ,
" अच्छा है ,मम्मी ,पसंद है मुझे। "
उनकी निगाह उस दुपट्टे पे थी जो मम्मी की गिफ्ट थी।
" कलर एकदम मैचिंग हैं न " मम्मी ने फिर पूछा।
"हाँ मम्मी ," अब वो एकदम खुल के मम्मी से बोल रहे थे। उनकी झिझक बहुत कम हो गयी थी।
"जोबन तो तेरे मस्त लग रहे हैं , "
मम्मी बोली और उन्हें दुपट्टा कैसे ओढ़ें की उभार दिखें ज्यादा ,छुपे कम ,समझाने लगी। लेकिन फिर उन्होंने अचानक एक सवाल दाग दिया ,
" तुम इत्ते मस्त चिकने हो ,नमकीन, बचपन में लड़के तेरे पीछे बहुत पड़े रहते होंगे। "
अब तो उन्होंने ऐसे ब्लश की जैसे कोई गौने की दुल्हन , जिसके मायके के राज उसकी सास को पता चल गए हों।
और मैं भी मम्मी के साथ ,
" अरे बोल न , क्या शरमा रहे हो ,मम्मी से कोई बात छिपाता है क्या।
" अरे तेरी माँ बहन सारे मोहल्ले को बांटती फिरती है , उसमे बुराई थोड़े ही है ,कोई पैसे थोड़े लेती हैं बस सब का दिल रखती हैं , तो अगर तुमने भी दो चार का दिल रख दिया तो क्या बुरी बात है। "
मम्मी बोलीं और हम दोनों खिलखिलाने लगे।
लेकिन इनकी शरम देख के मुझे दया आ गयी और मैंने बात बदलने के लिए मम्मी से कहा ,
" अरे मम्मी न जाने किससे किससे चुदवा के आज के दिन आपकी समधन ने बच्चा जना था तो कुछ सोहर वोहर तो होना चाहिए न। "
गाने के लिए तो मम्मी से कहने की बस देर है है और खास तौर से जब वैसे वाले गाने हों ,
बस उन्होंने एक छोटी सी शर्त लगा दी ,
" तुम लोगों की भी गाना पडेगा साथ साथ "
मैंने उनकी ओर देखा और मम्मी चालू हो गयीं ,
दिल खोल के मांगो समधन ,जो मांगो सो दूंगी।
चोली मत मांगो समधन ,देह का सिंगार रे ,
कहे सुने जो चोली दूंगी , बंध लुंगी काट रे ,
" दिल खोल के मांगो समधन ,जो मांगो सो दूंगी।
बरतन मत मांगो समधन ,रसोई का सिंगार रे ,
कहे सुने जो बटला दूंगी , पेंदा लूंगी काट रे।
दिल खोल के मांगो समधन ,जो मांगो सो दूंगी।
सैयां मत मांगो समधन ,सेज का सिंगार रे।
अरे सैयां के बदले , अरे सैयां के बदले ,
दामाद दूंगी , चोदी चूत तोहार रे ।
" दिल खोल के मांगो समधन ,जो मांगो सो दूंगी।
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05-04-2021, 12:09 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
सोहर , मम्मी और
बर्थडे ब्वाय , मेरे साजन
सैयां मत मांगो समधन ,सेज का सिंगार रे।
अरे सैयां के बदले , अरे सैयां के बदले ,
दामाद दूंगी , चोदी चूत तोहार रे ।
" दिल खोल के मांगो समधन ,जो मांगो सो दूंगी।
और फिर एक बार फिर मैं और मम्मी खिलखिला के हँसे पड़े , मैंने माम से कहा ,
" मम्मी आपने तो इन्ही को चढ़ा दिया , मेरी सास के ऊपर। "
" और क्या ,पूरे गाँव देहात को बाँटती रहती हैं ,समधन जी और मेरा मुन्ना बिचारा भूखा प्यास मुंह देखता रहता है , अच्छी बात है क्या। फिर उनको भी तो मजाआएगा एक जवान मर्द चढ़ के हचक हचक के , दोनों जुबना पकड़ पकड़ के , .... "
फिर मम्मी ने सवाल का रुख उनकी ओर किया ,
" क्यों मुन्ना लेगा न मेरी समधन की ,दिलवाने की जिम्मेदारी मेरी। "
और जवाब उनके बदले मैंने दिया।
आखिर सब पावर आफ अटार्नी , उन्होंने लिख दी थी मेरे नाम।
" अरे मम्मी आप की कोई बात आज तक टाली है उन्होंने जो ये टालेंगे , एकदम। "
मम्मी खुश और अपने समधन के लिए दूसरा गाना उन्होंने शुरू कर दिया ,
एक से एक ,
अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में , अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में ,
सब का काटे अगली बगली ,सब का काटे अगली बगली
अरे मुन्ना के अम्मा को , हमरी समधन को काटे भोसड़िया में।
अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में , अरे बिच्छी चुभ गए कोना अटरिया में ,
सब का काटे अगली बगली ,सब का काटे अगली बगली।
.......
मुन्ने की अम्मा छिनार , हमार समधन छिनार ,
जो तेल लगाए वो भी छिनार , जो दूध पिलाये वो भी छिनार
अरे तोरी अम्मा छिनार , तोरी बहना छिनार ,
....
अरे कहाँ से आई सोंठ ,कहा से आया जीरा ,
अरे किसने चोदी जच्चा रात मेरी गोइयां।
मुन्ने के मामा ने चोदी जच्चा , रात मेरी गोइयाँ।
....
एक के बाद एक , माम के पास तो ऐसे गानों का जखीरा था।
और फिर मैं भी शामिल हो गयी बहती गंगा में हाथ धोने में , अपनी सास और ननदों का हाल चाल बताने में ,
कामदानी दुपट्टा हमारा है ,कामदानी ,
अरे मुन्ने की अम्मा ने हमारी सासु ने , एक दो किया साढ़े तीन किया ,
हिन्दू मुसलमान किया ,तुर्क पठान किया ,
भंगी ,चमार किया ,सारा पाकिस्तान लिया।
अरे नौ सौ ,हो जी नौ सौ , पण्डे बनारस के,
अरे नौ सौ छैले लखनऊ के , नौ सौ।
( लखनऊ हमारा शहर था )
मुन्ने की बहनी ने , गुड्डी छिनार ने
ननदी छिनार ने , एक किया दो साढ़े तीन किया
हिन्दू मुसलमान किया ,तुर्क पठान किया ,
अरे नौ सौ भडुवे बनारस के , नौ सौ गदहे ऐलवल के
( ऐलवल , मेरी ननद का मोहल्ला )
उनकी हालत खराब थी ,लेकिन मम्मी इत्ती आसानी से छोड़नी वाली नहीं थी और हम दोनों ने , हम दोनों का ज्वाइंट भजन शुरू हुआ ,
गंगा जी तुम्हरा भला करे , गंगा जी तुम्हरा भला करे ,गंगा जी।
तोहरी बहना क बुरिया , तोहरी अम्मा क बुरिया ,
पोखरवा जैसी , तालवा जैसे ,गढ़हिया जैसी ,
ओहमें ९०० गुंडे नहाया करे , डुबकी लगाया करें ,
गंगा जी
तोहरी बहना क बुरिया , तोहरी अम्मा क बुरिया ,
बटुलिया जैसी , पतिलवा जैसी जिसमें ९ मन चावल पका करे
गंगा जी …
फिर मैंने एक शुरू किया , मम्मी का फेवरिट ,
हमरी सासु जी की बिलिया में क्या क्या अमाये,क्या क्या समाये ,
मुन्ने की अम्मा की बुरिया में क्या क्या जाए , क्या समाये।
गदहा जाए ,घोड़ा जाए ,ऊंट बिचारा गोता खाए ,
मुन्ने के मामा जांय ,कमर पकड़ के धक्का लगाएं
मुझसे ज्यादा जोश से मम्मी उन्हें छेड़ छेड़ के गा रही थीं ,
और मैंने उन्हें और चिढ़ाया ,
" क्या मम्मी इनके मामा भी मेरी सासु के साथ ,… "
मम्मी ने मेरी बात अनसुनी करते हुएजैसे वो कुछ सोच रहीं हों , फिर अचानक बोली ,
" वो जो इसकी ममेरी बहन आई थी ,मस्त माल , जिसके टिकोरे देख के सारे लौंडे दीवाने हो रहे थे ,क्या नाम था उसका ,?"
मेरे कुछ बोलने के पहले ही उन्होंने बोल दिया ,
" मम्मी ,गुड्डी। "
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम भाग १९
गुड्डी
मेरे कुछ बोलने के पहले ही उन्होंने बोल दिया ,
" मम्मी ,गुड्डी। "
" गुड्डी , हाँ वही " ,
मम्मी ने बात जारी रखी
" तभी मैं कहूँ , उस छिनार से इनकी शक्ल क्यों मिलती है। तेरे मामा और समधन का , पुराना चक्कर होगा बचपन से फँसी होंगी इसलिए। तभी तेरी और गुड्डीकी शकल , इतनी मिलती है। "
फिर मम्मी कुछ रुक के सीरियसली बोलीं ,
" सुन उस ने तेरी माँ चोद दी , तू उसकी बेटी चोद दे हिसाब बराबर। "
खिलखलाते मेरी हालत खराब हो गयी , मैंने किसी तरह हंसी रोक के बोला ,
" मम्मी ये तो आपने इनके मुंह की बात छीन ली। ये तो खुद उसे चोदना चाहते ,… "
मेरी बात काटके मम्मी तुरंत अपने दामाद की ओर से बोलीं ,
" तो क्या गलत चाहता है , बिचारा मेरा दामाद।
वो तेरी ननद खुद हाथ में लेके टहल रही है ,तो बिचारे मेरे सीधे साधे दामाद को क्यों दोष देती है। "
कुछ देर रुक कर फिर उन्होंने रुख उनकी ओर मोड़ दिया ,
' तेरे घर में दो दो माल ,एक कच्ची कली और एक भोसड़े वाली , तो भी तुम भूखे प्यासे , इतने दिन तक,
अभी भी ज्यादा बिगड़ा नहीं ,है चढ़ जाओ। "
" अरे मामा की मुलगी ,.... तो चलता है यार। "
मैंने भी तड़का लगाया।
मम्मी की बातों का पता नहीं चलता उन्होंने तुरंत पैतरा बदल के दूसरा मोर्चा खोला , उनका फेवरिट, उनकी समधन।
" सुन तू सुबह ,समधन के मस्त जोबन के बारे में बात कर रहा था , बोल क्या साइज होगी , उनकी। ये मत कहना की देखा नहीं।
कभी तो रगड़वाते ,मिजवाते,दबवाते तो देखा होगा , इत्ते तो यारों की लाइन लगी रही है , दूधवाला , धोबी , … "
मैंने भी मम्मी की हाँ में हाँ मिलायी।
"मम्मी,सच तो कह रही हैं ,बोलो न क्या साइज होगी , नहीं पकड़ा होगा तो अंदाज से बोल न "
बिचारे , सिर्पफ ब्लश कर रहे थे।
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05-04-2021, 12:10 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
मेरी सास , मम्मी की समधन, उनकी ...
मैंने भी मम्मी की हाँ में हाँ मिलायी।
"मम्मी,सच तो कह रही हैं ,बोलो न क्या साइज होगी , नहीं पकड़ा होगा तो अंदाज से बोल न "
और पूछा।
बिचारे , सिर्पफ ब्लश कर रहे थे।
" अच्छा चल मेरा बोल , सुबह तो तूने वहां दो चुम्मी ली थी , बोल मेरे कैसे लगते हैं , देख के बोल। "
मम्मी ने दूसरी लाइन पकड़ी।
अबकी आँख उठा के स्काइप पे मम्मी की ओर देखा उन्होंने , मन के उनके कमल खिल उठे , और शरमाते लजाते बोले ,
" मम्मी ,अच्छा है ,बहुत अच्छा है। "
" अरे खुल के बोल न , आज तेरी बर्थडे है तो मान लो मैं मान जाऊं , तो पहले बोल क्या अच्छा लगता है , फिर मिल जायेगे तो क्या करेगा "
मम्मी पीछे पड़ गयीथीं .
" मम्मी आपके जोबन , बहुत , .... कड़े , बहुत , बहुत रसीले हैं। "
मम्मी एकदम खुश हो गयीं और फिर उकसाया ,
" दिया तुझे , आज तेरी बर्थडे पे , बोल तो क्या करेगा जब तूझे मिल जाएंगे ये कड़े , रसीले "
" पकडूँगा , छुऊँगा ,दबाउंगा। " मम्मी ने उनकी झिझक और शर्म बहुत कम कर दी थी।
" अरे तो समधन के भी तो मेरे ऐसे ही तो हैं , उनके भी खुल के दबाना , पकड़ना ,मीजना रगड़ना। "
मम्मी ने प्वाइंट स्कोर कर लिया था।
मुझे लगा मम्मी अब चलने वाली हैं तो मैंने एक बार उनको देखा और फिर स्काइप पे मम्मी को और बोली ,
" मम्मी , आज जाने से पहले इस बर्थडे ब्वॉय की बर्थडे विश तो ग्रांट कर दीजिये। "
मम्मी की आँखे एकदम चमक गयीं ,
"हाँ बोल न , क्या है मेरे मुन्ने की बर्थडे विश "
वो एकदम कन्फ्यूज ,वो मेरी ओर आँखे फाड़ के देख रहे थे। उन्हें कुछ नहीं समझ में आ रहा था ,
और मैंने मॉम से अर्जी लगा दी ,
" सिम्पल ,मम्मी। बर्थ डे के दिन दिन उनकी सिम्पल विश है।
बस जिस भोसड़े से आज के दिन निकले थे ,उसी भोंसड़े में जाना चाहते हैं। "
मम्मी ने बहुत प्यार से उनकी ओर देखा और एवमस्तु की मुद्रा में हाथ उठा दिए।
फिर मुस्करा के बोलीं ,
" अरे इतनी सिंपल सी बात , अभी मैं समधन को फोन लगाती हूँ , साफ साफ कहती हूँ ,मेरा दामाद , … "
उनकी तो एकदम फट के , लेकिन मैं आ गयी मैदान में और बोली ,
" अरे नहीं मम्मी , बिना आपके कैसे , आप कुछ कर के , .... "
" चल तुझे बना दूंगीं , मादरचोद। बहुत जल्दी। तुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है अब सब मेरी जिम्मेदारी , हाँ और अब तू ऐन मौके में मना मत करना , "
और फिर रुख मेरी ओर मोड़ दिया
" चल तू इसे जल्दी से पहले बहनचोद बना और फिर मादरचोद बनाने की जिम्मेदारी मेरी , महीने दो महीने के अंदर "
और स्काइप से वो फुर्र हो गयीं।
उनका खड़ा खूंटा ,मम्मी के बातों की हामी भर रहा था।
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
मम्मी की समधन , मेरी सास और ये,... उर्फ़ एम् आई एल ऍफ़
दोपहर ढल रही थी।
रात की थकान और खुमारी कुछ मेरे ऊपर तारी हो रही थी , कुछ उनके ऊपर भी , और आज फिर रतजगा होना था।
लेकिन उनका खूंटा अभी भी , ...
नाड़ा खुला हुआ था और तना वो , उसके अंदर से झांक रहा था।
प्यार से मैंने उनके गाल पे जोर से चुम्मी ली और हलके से काट लिया,
"मादरचोद , बहुत मजा आएगा जब मेरी सास के भोंसड़े में ये जाएगा , सटासट, सटासट।"
और हलके से उनके खूंटे को दबाते मैं पलंग से उठ गयी।
वो उठने की कोशिश कर रहे थे लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया और ,
कुछ देर में दो स्ट्रांग बीयर के एकदम चिल्ड लार्ज कैन ले आई।
उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने चुप करा दिया और उन्हें कैन पकड़ाती बोली ,
"यार , पहले सोचना था न। अब मम्मी ने एक बार बोल दिया तो अब ये न मेंरे हाथ में है न तेरे अब तो स्साला ये मोटा खूंटा जाएगा ही तेरे माँ के भोसड़े में , पेलना हचक हचक कर , ... फिर तेरी सास की की बात कभी खाली नहीं जाती , आज तेरा बर्थ डे है , जिस भोसड़े से निकले थे उसे याद करने का दिन , समझे भोंसड़ी वाले , अब तो वो तुझे मादरचोद बना के ही रहेंगी , बस अब तू सोचना शुरू कर दो। कैसे क्या ,क्या। "
हम दोनों बियर गटक रहे थे।
ए सी फूल ब्लास्ट पर था।
दोनों एक बड़ा सा कम्बल ओढ़े , और मैंने एक फ़िल्म चला दी।
एम आई एल फ वाली।
हैं ना मेरी सासु ऐसी।
मैंने उन्हें चिढ़ाया।
लेकिन मेरी बात में दम था , उसी तरह दीर्घ नितम्बा ,
भारी + साइज बूब्स ,लेकिन एकदम कड़े , बिना ब्रा के भी जरा भी सपोर्ट की जरूरत नहीं ,
वो एकदम ध्यान से देख रहे थे ,और मैं उन्हें देख रही थी।
" अच्छा बाबू चल स्साले तू अपनी सास से सरमा रहा था , अपनी माँ की चूँची की साइज नहीं बता पा रहा था , मुन्ना , मुझे तो बता दे ,... "
" वो , वो ,... " वो अभी शर्मा रहे थे , पर मैं ये थी न उनकी झिझक छुड़ाने के लिए उनकी सास की बेटी ,...
" अच्छा चल मैं तुझे हिंट देती हूँ , तेरे उस माल की , गुड्डी की साइज तो मालूम ही है तुझे न , ३२ ,... मेरी ३४ सी , और चल मैं तुझे तेरी सास की बता देती हूँ , तू मुझे मेरी सास की बता दे, ठीक ,... तेरी सास की है ३६ डी डी , तो तेरी माँ की , वो पिक्चर वाली जो है सामने उसकी देख ,"
उनकी निगाह पिक्चर पर ही चिपकी थीं , एक एम् आई एल ऍफ़ , अनीसा केट की ,
मॉम लव्स सन , माँ बेटे के सेक्स की ,... "
" मम्मी से थोड़ी बड़ी , हाँ एकदम इस पिक्चर वाली की तरह खूब बड़ी बड़ी , लेकिन एकदम कड़ी , मस्त ,... ३८ डी डी होगी ,... '
उनके बोल फूटे और मुझे उनकी रगड़ाई का मौका मिल गया ,
" यार तब तो तेरे खूब मजे हो गए , इत्ती बड़ी बड़ी रसीली चूँचियाँ , कड़ी कड़ी ,मस्त , बहुत मजा आएगा न मींजने मसलने में , चूसने में ,...
तेरी माँ की ,... "
हलके से उनके मुंह से निकल गया ' हाँ ' ,
और
असल में मुझे तो पता ही था , .. कैसे चैट रूम में घूम घूम कर बड़ी उमर की औरतों के साथ ,.. और वो सब भी इनकी खूब ,
एम् आई एल ऍफ़ , ( मदर आई लव टू फक ) इनकी जबरदस्त फैंटेसी थी , ... तो बस ,
फिल्म में अनीसा कैट अपनी बुर मसल रही थी , अपने लड़के को देख कर गरमा रही थीं ,
" देख मेरी सास भी ऐसी ही , तुझे देख देख के गर्माती होंगी , अब तो मम्मी ने बोल दिया है , तो मुन्ना , तेरे तो मजे हो गए , ऐसी मस्त भोसड़ी वाली मिल गयी , है न , बस सास की बात मान , मेरी सास तुझे पक्की मिल जायेगी ,... "
देख वो पिक्चर रहे थे , पर उनके होंठों से हलके से हाँ निकल गया ,
पर होंठों से ज्यादा उनकी हालत उनका खूंटा बता रहा था , पिक्चर में वो खुद अपने लड़के के मूसल के ऊपर ,
देख एकदम मेरी सास , वो भी ऐसी गर्मायी रहती हैं , बोल चोदेगा न उन्हें , ... "
हलके हलके मुठियाते मैंने पूछा
" हाँ हाँ एकदम जरूर "
अब वो जोर जोर से बोल रहे थे , अपने को पिक्चर के लड़के से आइडेंटिफाई कर रहे थे और अनीसा से मेरी सास को ,...
मैंने बियर का दूसरा कैन खोल कर उन्हें पकड़ा दिया ,
एकदम हॉट फक सीन्स चल रहे थे एक के बाद एक
और मैंने कस के उनके खूंटे को पकड़ रखा था , और अब पूरी तेजी से वो धक्के मार रहे थे ,
मैं जान रही थी वो क्या समझ के धक्के मार रहे हैं , और बीच बीच में उन्हें साफ़ साफ़ बोलती भी थी , उनसे बुलवाती भी थी ,
" अरे जरा जोर से से धक्का मार , भोसड़े में , , हाँ और कस के फ़ाड़ दे छिनार का भोंसड़ा ,... "
एक डॉगी पोज़ में बड़ी हाट फकिंग चल रही थी
" हाँ ऐसे जरूर चोदना , बहुत मजा आएगा , तुझे भी , ... "
कुछ मम्मी ने मेरी सास का नाम ले के जो चिढ़ाया , और फिर ये फ़िल्म , ....
ऐस फक , टिट फक,सब कुछ।
" तूने कहा था की तेरी माँ की चूँचियाँ
एकदम इस पिक्चर वाली की तरह हैं "
मैंने कुरेदा।
" हाँ एकदम इसी तरह , खूब बड़ी बड़ी , लेकिन एकदम कड़ी मस्त , ... साइज तो पक्की यही है , "
अब वो खुल के बोल रहे थे
" देख उसका लड़का कितने मजे से अपनी माँ की चूँची चोद रहा है , तू भी चोदेगा न , ... "
मैंने हलके से उनके कान में बोला ,
" हाँ एकदम , बहुत मजा आएगा , ..बड़ी बड़ी कड़ी कड़ी चूँचियों को पकड़ के , सच में मेरा बहुत मन करता था टिट फक का ,... "
फिर एक सीन पिछवाड़े वाला भी था ,
" अच्छा एक चीज तेरी माँ के बारे में मुझे अच्छी तरह मालूम है , पूछो क्या ,... "
" वो भोंसड़ी वाली , गाँड़ खूब मरवाती होगी , तभी तो उनके चूतड़ इतने चौड़े चौड़े हैं , सच में बहुत मजा आता होगा , उनकी गाँड़ मारने में ,... "
मैंने हलके से बोला
पूरे ४० मिनिट की पिक्चर थी , हम दोनों ने पांच पांच बियर के कैन खाली कर दिए , और उसका असर भी हो रहा था ,
पूरे पिक्चर भर उनका टनटनाया रहा , मैं मुठियाती रही , ...
हाँ जहाँ मुझे लगता की ये कहीं किनारे पर न पहंच जाए ,
मैं रुक जाती पर लगातार उसने उनकी माँ के बारे में एक से एक रसीली बातें कहलवाती रही
मम्मी की बातें एकदम सही थी , जिस तरह से वो रियेक्ट कर रहे थे।
फिल्म पूरे ४० मिनट की थी , पूरी एम् आई एल ऍफ़ ,
अनीसा केट को देख देख कर ये सिर्फ मेरी ,....
और ऊपर से हम दोनों ने पांच पांच कैन बीयर के खाली कर दिए थे ,...
और मैंने कम्बल सर तक खींच लिया ,और हम दोनों लेट गए , वो मेरी ओर पीठ कर के।
शायद उस एम आई एल फ को देख कर खड़े लंड को छुपाने के लिए।
घुटने तक , कपड़ा खुल गया था उनका।
मैं ने भी उनके औजार को नहीं छेड़ा , थोड़ी देर पहले ही अपनी ममेरी बहन के नाम पे जिस तरह उन्होंने मुट्ठ मारा था , मैंने उसे थोड़ी देर आराम करने दिया आखिर आज रात को फिर ,
मैं उनके भरे भरे गदराये बबल बॉटम सहला रही थी। मस्त चूतड़ थे ,लौंडिया मात।
और वो सिहर रहे थे , काँप रहे थे।
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
" तुम मम्मी से तो शर्मा कर बच गए , मुझसे तो बता दो ,इसमें कुछ गया है क्या , कितनी बार। "
" धत्त ,… " जोर से शरमाये वो।
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
जोरू का गुलाम भाग २०
पिछवाड़े की हालचाल
मेरी उंगली दोनों नितम्बों के बीच की दरार को हलके हलके सहला रही थी।
मुझे एक शरारत सूझी और ऊँगली की टिप सीधे गांड में प्रेस कर दिया , और हलके से उनके नमकीन गाल काटते बोली ,
" तुम मम्मी से तो शर्मा कर बच गए , मुझसे तो बता दो ,इसमें कुछ गया है क्या , कितनी बार। "
" धत्त ,… " जोर से शरमाये वो।
" अरे यार इसमें शर्माने की क्या बात है , अब तक भी तो तुम इतने चिकने नमकीन लगते हो , जरूर बचपन में किसी न किसी ने यहाँ घुसाया होगा , बोल न। "
मेरी ऊँगली पिछवाड़े में गोल गोल घूम रही थी।
शरमाते हुए उन्होंने नहीं में सर हलके से हिलाया।
…….
मेरा एक हाथ उनके पिछवाड़े लगा हुआ था और दूसरा बहुत प्यार से उनके गाल को घने घने बालों को सहला रहा था। जैसे किसी लौंडिया के शलवार में घुसने के लिए लोग सहलाते है।
मैंने फिर समझाया ,
" यार मान लो तुम ने मरवाया ,तो इसमें कोई बुरी बात थोड़े ही है ,कमल जीजू को तुम जानते ही हो , चीनू दी के हसबैंड , वो तो अभी तक , उन्होंने मुझसे खुद कबूला था की पहली बार उन्होंने एक लड़के के साथ , वो नौवें में थे और लड़का आठवें में , उसके बाद तो लगातार।
यहां तक की अभी भी , शादी के दो तीन साल हो गए हैं ,लेकिन शायद ही कोई महीना नागा जाता हो , जब वो दो तीन लड़कों की न लेते हों , और चीनू दी को भी मालूम है,वो बुरा भी नहीं मानती ।
यहाँ तक की चीनू दी की भी हर हफ्ते एकदो बार पिछवाड़े का बाज बज ही जाता है। "
फिर कुछ याद करते हुए मैंने कहा ,
" अरे यार वो तो तेरे ही स्कूल में पढ़ते थे , तुम्हे तो अच्छी तरह मालूम होगा। और फिर तुम्हारा स्कूल तो मशहूर था लौंडेबाजी के लिए ,कीते सीनियर थे "
अब वो खुले।
" मुझसे ४ साल सीनियर थे वो ,कौन नहीं जानता उनके बारे में , मैं जब नौवें में गया तब वो १२ में थे। एकदम मशहूर थे ,सब डरते थे उनसे। "
मैं समझ गयी अब , थोड़ा सा प्रेस करूँ तो शायद और , .... मैंने बात मोड़ी।
मैंने पूछा ,
" डरते थे मतलब ,क्या मार पिटाई करते थे ,ऐसे तो नहीं लगते। "
" अरे नहीं यार कैसे तुम्हे समझाऊं , जो नए लड़के आते थे न बस उनके पीछे , गनीमत थी जिस साल मैं आया , उसके अगले साल वो बारहवीं पास कर के , ....जो लड़का के बार उनके चंगुल में पड़ा न ,
बस उसकी दो दिन की छुट्टी , एकदम , उनका ,… वो, …साइज ,… इसलिए , सब डरते थे। "
वो धीमे से बोले।
" साफ साफ समझाओ न , सच में मुझे नहीं समझ में आ रहा है ,वो,साइज क्या मतलब , किस चीज के बारे में बात कर रहे हो "
मुस्कान दबाते मैंने पूछा।
" उप्फ कैसे समझाऊं , वो वही , …पूरा बालिश्त भर का , और कलाई इतना मोटा , जो एक बार उनके चक्कर में पड़ गया , दो दिन आ नहीं पाता था स्कूल। लेकिन जो वैसे लड़के थे वो तारीफ भी करते थे और उनका मन ललचाता ,… "
मैंने उनकी बात काटी और बनावटी गुस्से से घुड़कते हुए उनके कान का पान बनाया और बोली ,
" तू पिटेगा मेरे हाथ से , कित्ती बार समझाया ,मुझसे खुल कर एकदम देसी जुबान में। बोलो खुल के क्या बड़ा था ,कमल जीजू का। "
" वो वही , उनका लंड ,
खूब लम्बा पूरा बालिश्त भर का और वो बिना पूरा अंदर किये बिना ,मोटा भी इतना था की , लग जाती थी जिसकी लेते थे। "
वो अब थोड़े मूड में आ रहे थे।
" तो कमल जीजू ने तेरे साथ भी ,.... "
मैंने पुछा और अब वो खुल के बात करने के मूड में आ गए।
" नहीं यार , एक तो हमेशा कोई मुझे घर से छोड़ने लेने आता था , उसकी साइकिल पे मैं आता था। स्कूल खत्म होने के पहले ही वो आ जाता था। फिर एक साल ही हम , अगले साल ही वो इंजीनियरिंग कालेज में चले गए।
लेकिन बात तुम्हारी सही है , जब मैंने स्कूल ज्वाइन किया न तो सीनियर लड़के और कुछ तो मेरे क्लास वाले भी ,एक से एक खुल के कमेंट करते , मुझसे दोस्ती करने की कोशिश करते। होली में मेरी टायटल भी मिली ,है शुकर की तू है लड़का।
केमिस्ट्री लैब में तो , जैसे मैं पहुंचता था सब के सब एच सी एल ,एच सी एल बोलने लगते। "
लड़कों की टर्मिनोलॉजी मुझे नहीं मालूम थी , इसलिए मैंने साफ साफ पूछ लिया।
" एच सी एल , बोले तो "
" हाई क्लास लौंडा "
वो बोले और फिर बात आगे बढ़ाई ,
" वैसे तो बहुत , लेकिन एक दिन मेरे क्लास का ही लड़का ,चंदू मेरे घर आया था। हम लोग मिल के होम वर्क कर रहे थे, घर में सब लोग बाजार गए थे। फिर इधर उधर की बात शुरू हो गयी , उसने पूछा की मैं एच पी करता हूँ की नहीं , फिर उसने खुद ही अपना हाफ पेंट नीचे सरका के , अपना खोल के दिखाया ,
और जब तक मैं उसे मना करूँ ,.....उसने मेरी निकर भी सरका दी। "
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05-04-2021, 12:11 PM,
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RE: XXX Kahani जोरू का गुलाम या जे के जी
फ़ट ,...नहीं नहीं , बच गयी
" वैसे तो बहुत , लेकिन एक दिन मेरे क्लास का ही लड़का ,चंदू मेरे घर आया था। हम लोग मिल के होम वर्क कर रहे थे, घर में सब लोग बाजार गए थे। फिर इधरउधर की बात शुरू हो गयी , उसने पूछा की मैं एच पी करता हूँ की नहीं , फिर उसने खुद ही अपना हाफ पेंट नीचे सरका के , अपना खोल के दिखाया , और जब तकमैं उसे मना करूँ उसने मेरी निकर भी सरका दी। "
" कितना बड़ा था उसका ,"
मैं अपनी उत्सुकता नहीं रोक पायी।
" करीब ५ इंच का रहा होगा , दो चार बार उसने आगे पीछे किया अपना और उसका खड़ा हो गया था ,फिर वो मेरा पकड़ के ,… "
उम्र के हिसाब से ५ इंच काफी बड़ा था , इसका मतलब।
उन्होंने बात जारी रखी ,
" उसने पूछा की मैंने किसी के साथ किया की नहीं , तो मैंने बता दिया की नहीं। वो बोला की हमारे क्लास में ज्यादातर लड़के कर चुके है , फिर समझाया की कौनलड़का किसके साथ , कई तो टीचरों से मरवाते हैं। "
" फिर क्या हुआ , आगे बोलो न "
मुझे लग रहा था कुछ हुआ होगा।
वो एक पल के लिए रुक गए , थोड़ा जिझके फिर थूक घोंटा और आगे की बात ,
" चंदू ने कहा ,की , … वो दो चार लड़कों के साथ कर चुका है ,और चाहे तो वो मुझे सीखा देगा। उसने कहा की मैं उसके साथ पहले कर लूँ , मैं हिचक रहा था , झिझक रहा था तो उस ने कहा की , अगर तू घबड़ा रहा है तो वो पहले मेरे साथ कर लेगा , फिर मैं उसके साथ। "
उनकी आवाज एकदम हलकी हो गयी थी ,और साँसे भी भारी भारी ,
" फिर ,"
मेरी भी हालत खराब थी। बचपन के बुद्धू , वो इनकी मार लेता फिर अंगूठा दिखा देता।
" बिना मेरे कुछ बोले उसने मुझे पेट के बल लिटा दिया , और मेरे पीछे आके ,थोड़ा सा मुझे घुटने के बल उठाया , और फिर पीछे सेंटर पे , थूक उसने अपने ,अपने ,… लगाया और मेरे छेद पे भी। "
दूसरा समय होता तो मैं हड़का लेती , साफ साफ लंड और गांड क्यों नहीं बोलते। लेकिन डर था की कहीं असली बात बीच में ही न रह जाए।
" गया की नहीं। "
मैंने पूछ लिया।
" नहीं , चंदू का बहुत मोटा था , दर्द भी हो रहां था मुझे , लेकिन चंदू ने हिम्मत बंधाई और अपने दोनों हाथों के अंगूठे के जोर से मेरा छेद फैला के सेट कर दिया , फिर एक बार ढेर सारा थूक ले के उसने वहां लगाया। "
वैसलीन लगाना चाहिए था न, लड़के भी बुद्धू होते हैं। सट्ट से जाता।
मैंने सोचा , फिर पूछा ,
" घुस पाया क्या। "
" ज़रा सा , लेकिन तब तक रिक्शे की घंटी की आवाज आई। मम्मी बाजार से लौट आई थीं। हम दोनों ने जल्दी से नेकर ठीक की , और मैंने पिछले दरवाजे से चंदूको बाहर कर दिया । "
तो बच गयी तेरी गांड , और रोकते रोकते भी मेरे मुंह से गाली निकल पड़ी ,
" अपने तो पूरे मोहल्ले से घूम घूम के मरवाती हैं और जब तेरा नंबर आया तो ऐन मौके पे , "
लेकिन मेरी बात अनसुनी करके उन्होंने अपनी बात चालू रखी। [/
" उसके बाद तो और सब ,मेरे पीछे पड़ गए , एक से एक कमेन्ट , और कुछ दिन बाद , तब तक मैं टेंथ में पहुँच गया था। उस दिन , मेरा पियन साइक्लि लेके नहींआया।
और रानू ने बोला की मैं उसके साइकिल पे चल चलूँ , रानू भी मेरी तरह ,
उसके पीछे भी सब पड़े रहते थे . एक दो लड़कों के साथ तो उसका कुछ था भी। उसकी साइकिल पे आगे बैठ मैं चल दिया उसके साथ। "
" फिर , मुझे लगा अबकी तो फट गयी होगी उनकी।
'रानू एक नए रास्ते से ले जा रहा था। बहुत संकरी सी एकदम सूनसान गली थी। बोला , शार्टकट है।
लेकिन तभी दो लड़के , बड़े, तगड़े और वो दोनों उसी के लिए बदनाम थे। तुम्हारे कमल जीजू इतने तो नहीं , पर थोड़े बहुत उन से , लड़के उन से भी डरते थे। "
मैं साँस रोके सुन रही थी।
" रोक साले , उतर मादरचो,… चल इधर " दोनों एक साथ बोले ,
और मारे डर के रानू ने साईकिल रोक दी। एक ने रानू का हाथ पकड़ा और दूसरे ने मेरा , जबरदस्ती खींचते हुए , पास में एक घनी बाग़ थी , उसमे एक टूटा फूटाकमरा था , वहां , लेगए।
" चल उतार जल्दी , "
जिसने रानू को पकड़ा था , जोर से बोला , और रानू ने न सिर्फ नेकर उतार दी बल्कि निहुर भी गया।
( मैं समझ गयी , रानू की पहले से उन दोनों से सेटिंग रही होगी और उन्हें जान बूझ कर उस रास्ते से ,… जहाँ वो दोनों पहले से )
डर के मारे हालत ख़राब थी। हम दोनों काँप रहे थे। आज बचने का कोई रास्ता नहीं लग रहा था।
मैं निगाहें झुकाये खड़ा था।
तबतक एक तमाचे की आवाज आयी ,मैंने कनखियों से देखा , रानू के चूतड़ पे एक जोर का हाथ , एकदम लाल होगयी थी उसकी गांड। वो गरजा ,
" फैला साल्ले गांड ,ढीली कर ,वरना टेंटुए दबा दूंगा। "
उसका औजार खूब मोटा था , लंबा भी रहा होगा ६ इंच से ज्यादा ही।
और वो उसे रानू के पिछवाड़े सटाये हुए था ,फिर उसने रानू की कमर पकड़ के जोरदार धक्का मार और उसका वो ,उसका वो , …वो,… सुपाड़ा पूरा अंदर धंस गया।
रानू बहुत जोर से चीखा ,दर्द के मारे उसकी आँख से आंसू छलक आये थे। लेकिन जो उसकी मार रहा था एक हाथ से उसने रानू का मुंह दबा दिया।
" अरे चिल्लाने दो साल्ले को , यहाँ कौन उसकी चीख सुनता है। चीख पुकार में तो मजा है। "
और जब मैंने उसकी ओर देखा तो , बड़ी जोर की डांट पड़ गयी मुझे।
" भोंसड़ी के , अबतक नेकर नहीं उतारी। साले पूरे स्कूल में आग लगा रखी है। किसके लिए बचा के रखा है , तुझे तो मैं अपना पक्का ख़ास लौंडा बना के रखूँगा। रोज यहीं आके मरवाना। चल उतार जल्दी। "
वो और खूंखार लग रहा था और उससे भी ज्यादा खूंखार था उसका औजार , पहले वाले से भी ज्यादा लम्बा भी और मोटा भी। वो उसे हाथ में ले के जोर जोर सेआगे पीछे कर रहा था।
' निहुरता है की लगाउ एक लात तेरी गांड पे , जिस गांड के पीछे हजारों मरते हैं न आज तो मैं उसकी ,… "
फिर चिल्लाया और मारे डर के मैंने भी निकर घुटने तक सरकाई और रानू की तरह निहुर गया।
कनखियों से मैंने देखा , रानू ने ऑलमोस्ट पूरा घोंट लिया था ,और अब उसके चेहरे पे दर्द भी नहीं था। जो उसकी मार रहा था वो खूब जोर जोर से धक्के लगा रहाथा।
" और तुम्हारा वाला , … "
मुझसे नहीं रहा गया।
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