XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी
04-05-2020, 01:28 PM,
#1
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हाई , फ्रेंड्स मैं शाज़िया आपकी खिदमत मे एक और कहानी शुरू कर रही हूँ . और उम्मीद करती हूँ मेरी ये कोशिस आपको पसंद आएगी .

कहते है ना कि कुछ चीज़े ज़रूरत होती है और कुछ इंसान अपनी कमज़ोरी सी बना लेता है अपने हिसाब से.
मेरे साथ भी ये ही हुआ कहानी पढ़ कर आप डिसाइड करो
कि ये मेरी कमज़ोरी थी या ज़रूरत.

नाम सरोज उमर 44 साल दो बच्चो की माँ
बेटी नेहा उमर 22 साल
बेटा राज उमर 21 पिछले महीने बालिग हुआ है
और मेरे पति उमेश उमर 50
शराब जितनी मन करे पिला दो और उसके बाद नाटक चालू और जब तक नही पी तब तक एक अच्छे पिता और पति.

पैसो की कोई कमी नही कुछ फॅमिली प्रॉपर्टी और खुद गवर्नमेंट जॉब सॅलरी 50 हज़ार
नेहा ग्रॅजुयेशन करने के बाद एमबीए कर रही है और राज ने फर्स्ट एअर मे अड्मिशन लिया है

और हम तीनो माँ और बच्चे अपने पति और पिता से शराब की बजह से परेशान है क्यूँ कि कई बार वो मुझे शराब के नशे मे मरते है जिस
की वजह से बच्चे डर जाते है और अब तो हमारी ज़िंदगी ऐसे ही गुजर रही है नेहा की उमर शादी की हो गई है पर कोई टेन्षन नही है उसके बाप को .

लेकिन कहते है ना कि उपर वाला सूब देख रहा है
और शायद मेरे साथ भी यही हुआ मुझे वो सब मिला जिसकी मुझे उम्मीद नही थी पर क्या ये ग़लत है या सही आप डिसाइड करो.
04-05-2020, 01:31 PM,
#2
RE: XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी
उमेश: शादी की सारी शॉपिंग हो गई

मेरे भाई के लड़के की शादी थी 4 दिन बाद वहाँ हम सब को जाना था उसी की बात कर रहे थे मेरे पति
सुबह का टाइम डाइनिंग टेबल पे
रात को तो नशे की हालत मे बात कर नही सकते और वैसे भी बिना शराब के ही ये अच्छे पति और पिता है
नेहा : हाँ पापा नाश्ता करते हुए हमारी तो हो गई बस मम्मी की रह गई है
उमेश: क्यूँ सरोज क्या हुआ
मे: कुछ नही बस मन नही है कुछ खरीदने का
उमेश: भाई के लड़के की शादी है तुम्हारे मायके की
मे: पता है पर आप को फ़ुर्सत हो तो शॉपिंग करने चलो पर आप को तो अपनी शराब से फ़ुर्सत मिले तब ना
उमेश: अरे भाई बच्चे अब बड़े हो गये है उनके साथ कर लो
हम तो बुड्ढे हो गये है बच्चो की पता होता है लेटेस्ट डिज़ाइन और फॅशन का
क्यूँ बच्चो
राज : हाँ माँ आप मेरे साथ चलो मे दिलाता हूँ आप को
मे: बड़ा आया अपनी जीन्स तो पसंद कर नही पाया मुझे अपनी माँ को दिलवाएगा.
उमेश: अरे बाबा सही तो बोल रहा है आप मेरा बेटा बालिग हो गया है और कॉलेज भी जाता है
और नही तो नेहा को ले जाओ
मे: उसे अपनी फ्रेंड्स और इन्स्टिट्यूट से फ़ुर्सत कहाँ है
नेहा : मोम ऐसा नही है आप को मेरी चाय्स पसंद नही आती तो मे क्या करूँ
उमेश: ओके मेरा तो हो गया अब आप लोग डिसाइड करो क्या करना है
मेरा काम था पैसे देना वो दे दिए और टिकेट्स बुक करवा दी है सॅटर्डे को रेडी रहना
मे: और आप के कपड़े
उमेश: मेरे पास है मुझे नही लेने तुम अपना देख लो
और उमेश अपने ऑफीस के लिए निकल जाता है और नेहा भी उसके साथ ही निकल जाती है
और अब घर पे रह जाते है राज और में
मे: तुम कॉलेज नही जा रहे राज
राज : माँ जाना तो है पर मन नही है आज
मे: क्यूँ
राज : बस ऐसे ही
मे: डिन्निंग टेबल पे से बर्तन उठाते हुए
तो क्या तू सच मे मेरे साथ शॉपिंग करने जाना चाहता है या बस पापा कर सामने बोल रहा था
राज : माँ सच मे मे आप के साथ चलना चाहता हूँ पर आप ही मना कर रही थी
मे: तो क्या करूँ जो काम तेरे पापा का है तो वो काम तू क्यूँ करेगा.
राज : माँ आप को पता है पापा कैसे है फिर भी आप उनसे उम्मीद करती हो फिर दुखी होती हो
तो मेरे हिसाब से वो काम करना ही नही चहाइए जिस से आप दुखी हो
मे: बड़ी बातें करना सीख रहा है
राज : ऐसा नही है माँ बचपन से देख रहा हूँ आप को और पापा को .इस लिए बोल रहा हूँ
मे: चल ठीक है मे काम ख़तम करती हूँ फिर चलते है
देख ते है क्या दिला ता है अपनी माँ को अपनी पसंद के कपड़े.
राज : ओके माँ मे भी रेडी हो जाता हूँ
और मे बर्तन उठा कर किचन मे आ जाती हूँ और काम ख़तम करती हूँ
शायद राज सही कह रहा था
उम्मीद ही दुखो का कारण है
ना किसी से कोई उम्मीद करो ना दिल टूटेगा ना दर्द होगा.
और काम ख़तम करने के बाद मे और राज घर से शॉपिंग के लिए निकल जाते है
बाहर आ कर ऑटो रिक्क्षा कर के मार्केट पहुँच जाते है
04-05-2020, 01:32 PM,
#3
RE: XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी
मेरा शरीर भरा हुआ था कद 5.3 था और फिगर
36ब: 32: 36 था
और राज की हाइट 5.7 थी और कुछ कुछ यंग लड़को की तरह दिखता था जिस से कोई भी लड़की इंप्रेस हो जाए.
और नेहा भी भरे हुए शरीर की थी बिल्कुल रंभा हेरोइन की तरह
मार्केट पहुँच कर राज ने काफ़ी सारी शॉप्स पर आ कर मेरे लिए साड़ियाँ पसंद की जो कि मे पहनती थी
मुझे और कुछ पहनने की पर्मिशन नही थी अपने पति की तरफ से.
राज ने रियली काफ़ी मेहनत की थी मेरी साड़ियाँ पसंद करने मे
और शॉपिंग करने के बाद हम घर आ गये
और जब रात को मेने अपनी साड़ियाँ नेहा को दिखाई तो
नेहा : रियली नाइस मॉं क्या पसंद है राज की
और मेरे पति तो आस यूषुयल पी के टल्ली थे और इस वक़्त उनसे बात करने का मतलब दीवार मे सिर मारना.

और ऐसे ही दिन निकल गये पॅकिंग करने मे और घर के काम मे और सॅटर्डे भी आ गया जब हमे निकल ना था शादी के लिए.
हम सब रेडी थे निकल ने के लिए और टॅक्सी भी आ गई और हम स्टेशन भी पहुँच गये
स्टेशन पे
उमेश: मे अभी आया ट्रेन आने मे अभी टाइम है
और वो चले गये
मे पूछ ती रह गई कहाँ जा रहे हो
ना आज तक जवाब दिया और ना अभी
मुझे गुस्सा आ रहा था तभी
राज : माँ फिर से उम्मीद और फिर दुखी होना
और मे राज की तरफ देखते हुए
मे: नही कर रही ओके
राज : ओके माँ ,माँ जूस पीओगी
मे: नही राज
नेहा : मे पीउँगी राज
राज : अभी लाया
और वो हम दोनो के लिए मिनिट मेड पालपी ले आया ऑरेंज फ्लेवर मे
मे: मना किया था ना
राज : पर मे ले आया
और मेरे हाथ मे बॉटल पकड़ा दी और हम तीनो जूस पीने लगे कुछ देर बाद राज के पापा आ गये और उनकी कंडीशन से सॉफ पता चल
रहा था कि उन्होने ड्रिंक कर रखी है
मे कुछ बोलने वाली थी कि
नेहा और राज ने चुप रहने का इशारा किया और मे राज की तरफ देख कर चुप हो गई
और थोड़ी देर बाद हमारी ट्रेन आ गई और हम ट्रेन मे बैठ गये
राज के पापा ने कॅबिन बुक किया था
राज ने अपने पापा को नीचे वाली बर्त पे लिटा दिया और दूसरी वाली बर्त पे हम बैठ गये.
पूरी रात का सफ़र था अभी रात के 8 बज रहे थे.
मे: इनका का क्या करूँ
नेहा : मोम प्लीज़ छोड़ो उनको और बोल कर ऊपर वाली बर्त पे चढ़ गई .
मे और राज नीचे रह गये.
और मे राज की तरफ देख कर रोने को हुई
राज : प्लीज़ माँ आप को पापा की आदत पता है फिर क्यूँ
मे: मेरी पूरी लाइफ ऐसे ही गुजर गई पता नही और कितना बर्दास्त करना है.
राज : माँ सिर्फ़ पॉज़िटिव सोचो सब अच्छा लगेगा
मे: मेरी लाइफ मे पॉज़िटिव सिर्फ़ तुम दोनो हो
राज : तो हमारे बारे मे सोचो बाकी छोड़ दो
मे: बहुत बड़ा हो गया है तू
राज : हाँ लास्ट मंत ही 18 का हुआ था
और उसकी बात सुन कर मेरे चेहरे पे हसी आ जाती है.
नेहा : मोम देख राज ने हसा दिया ना
नेहा ऊपर से बोली
मे: हाँ वो
तभी कॅबिन के डोर पे नॉक होता है
राज डोर खोलता है गेट पे डिन्नर लेके डेलिवरी बॉय खड़ा था
और हम सब ने डिन्नर किया पर राज के पापा ऐसे ही सोते रहे.
और डिन्नर के बाद राज ऊपर वाली बर्त पे चला गया और मे नीचे वाली बर्त पे लेट गई
काफ़ी देर लेटे रहने के बाद भी मेरी आँखों मे नींद नही थी.
और तभी मेरी नज़र ऊपर लेटे राज पे गई उसका चेहरा दिख रहा था कितना मासूम था पर बात कितनी अच्छी करने लगा था एक दम मेच्यूर वाली और कितना ख्याल रख ने लगा है मेरा
समझ नही आ रहा था कि क्या हो रहा है मे काफ़ी देर तक राज के चेहरे को देखती रही और पता नही कब आँख लग गई और ऐसा लगा मुझे कोई हिला रहा है
जब आँख खोली तो सामने राज खड़ा था
मे: क्या हुआ बेटा
राज : माँ उठो स्टेशन आने वाला है पापा और नेहा फ्रेश होने गये है आप भी उठ जाओ
मे: अंगड़ाई लेते हुए कितने बज गये
राज : माँ 8 बज चुके है 30 मिनिट मे स्टेशन आ जाएगा
और मे एकदम से उठ गई
और मे कुछ बोलती उससे पहले राज के पापा आ गये.
मे कुछ बोलने वाली थी उनको तभी राज ने इशारे से मना कर दिया और मे भी उठ कर फ्रेश होने चली गई.
04-05-2020, 01:35 PM,
#4
RE: XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी
ट्रेन अपने टाइम पे स्टेशन पहुँच गई और हम भी एक घंटे मे अपनी मंज़िल पे पहुँच गये
मेरे भाई के घर पे मेरे भाई जो मुझे से 6 साल बड़े थे भाभी उनका बेटा जिस की शादी थी और उनकी एक बेटी थी जिस की शादी हो चुकी थी
घर पहुँच कर सब ने अच्छे से वेलकम किया और हम को एक रूम दे दिया गया रहने के लिए.
और भी रिलेटिव आ चुके थे क्यूँ कि शादी ट्यूसडे को थी और आज सनडे हो चुका था
पर पता नही इस मुझे समझ नही आ रहा था कि मे आज जो खुशी महसूस कर रही हूँ वो अपने घर आने की खुशी है या कुछ और
और वो और क्या है समझ नही आ रहा था
पर तभी राज की आवाज़ आई और मे समझ गई वो खुशी राज की है जो पिछले तीन दिन से राज के नेचर ने मुझे खुश रहने मे हेल्प की है
इसी लिए मैं आज खुस हूँ.
मे: हाँ बेटा
राज : नीचे मामी बुला रही है
मे: तुम चलो मे आती हूँ
और मे नीचे आ गई
पूरा दिन ऐसे ही निकल गया रात को संगीत का प्रोग्राम था उसके बाद सब अपने अपने रूम मे सोने चले गये
हमारे रूम मे एक डबल बेड था
जिस पर राज के पापा लेटे थे और नेहा भी बेड पे लेटी हुई थी
पर राज रूम मे नही था
मेने उसके मोबाइल पे कॉल किया
मे: कहाँ है रात के 11 बज रहे है
राज : माँ बस अभी आया भाई के साथ हूँ
मे: ज़ल्दी आओ और कॉल डिसकनेक्ट कर दी
नेहा उठ बेटा नीचे सो जा
नेहा : मॉम सोने दो ना
मे: बेटा नीचे सो जा ऊपर राज सो जाएगा
नेहा : सोने तो ना मोम राज नीचे सो जाएगा.
और वो करवट ले कर सो जाती है
अब कैसे समझाऊ उसे कि अब बच्ची नही है जो अपने पापा के साथ सो रही है जवान हो गई है 22 साल की कहीं ग़लती से हाथ इधर उधर लग जाए उनका
तभी राज आ जाता है
मे: मिल गया टाइम आने का
राज : माँ आप संगीत मे थे और पापा और नेहा दी सो गये थे तो मे अकेला क्या करता
मन मे सही तो कह रहा है अकेला क्या करता
मे: चलो अब चेंज कर लो और सो जाओ
राज : कहाँ लेटु नेहा दी तो पापा के साथ
मे: तो क्या हुआ तुम मेरे साथ सो जाओ
और राज और मे चेंज कर के नीचे लेट गये
कम से कम आज 5 साल बाद मे राज के साथ लेटी थी एक साथ .
और मे राज को देख रही थी
राज : क्या देख रही हो माँ
मे: देख रही हूँ वक़्त कितनी ज़ल्दी पास हो जाता है जैसे कल की ही बात है जब तुम मेरी गोदी मे सोने के लिए रोते थे और आज मेरे साथ
लेटे हुए हो वो भी नेहा अपने पापा के साथ लेट गई इस लिए नही तो तुम्हे मेरे साथ सोने मे अब प्राब्लम होती है
राज : ऐसा नही है मा बस कभी चान्स ही नही मिला
और जब आज मिला है तो देखो आप के साथ लेटा हूँ
पर हाँ अब आप की गोदी मे नही लेट सकता क्यूँ कि अब मे बड़ा हो गया हूँ
मे: राज बच्चे कितने भी बड़े हो जाए पर माँ के लिए
बच्चे ही रहते है और बात गोदी की है तो अगर तुम चाहो तो अब भी अपनी माँ की गोदी मे लेट सकते हो
पर अगर तुम चाहो तो
राज : पर कैसे माँ
और मेने उठ कर पहले रूम की लाइट बंद कर देती हूँ
फिर नीचे बैठ कर राज के सर को अपनी गोदी मे रख लेती हूँ
और उसके बालो मे उंगली फेरने लगती हूँ.
और राज ऐसे ही लेटे रहता है
थोड़ी देर मे हम दोनो की आँखे अंधेरे मे अड्जस्ट हो जाती है
और हम दोनो एक दूसरे की आँखों मे देखते हुए
मे: आ गया ना अपनी माँ की गोदी मे
राज : हाँ माँ आ गया आप की गोदी बहुत बड़ी है माँ हो हो
और अपने दोनो हाथों को मेरी कमर पे लपेट लेता है और अपना मूह मेरे पेट से लगा कर सोने की कोशिश करने लगता है
और मे उसके बालों मे उंगली फेरती रहती हूँ
और पता नही राज और मेरी आँख लग जाती है.
04-05-2020, 01:35 PM,
#5
RE: XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी
अगली सुबह मेरी आँख खुलती है राज अभी भी मेरे से चिपक के सो रहा था
मुझे पता नही क्या हुआ उसको मेने अपने आप से और चिपका लिया और उसके माथे पे एक किस कर दी.

तभी राज कुन्मूनाते हुए उठने लगा और मेने उसको छोड़ दिया
राज : गुड मॉर्निंग माँ

मे उस से अलग होते हुए
मे: गुड मॉर्निंग बेटा नींद कैसी आई

राज : माँ आप की गोदी मे पता ही नही लगा कब मे सो गया

और मेने उसको मेरा बच्चा कहते हुए अपने गले से लगा लिया.
जब मन करे अपनी माँ की गोदी मे सो जाया कर

राज : पक्का माँ

मे: हाँ राज जब मन करे

राज : थॅंक यू माँ और वो भी मेरे गले लग जाता है.

तभी राज के पापा की आवाज़ आती है तो मे और राज अलग हो जाते है
और थोड़ी देर मे हम सब फ्रेश हो कर नीचे आ जाते है
क्यूँ कि हमारा रूम फर्स्ट फ्लोर पे था.
और फिर सब जैसे शादी का घर होता है वैसे बिज़ी हो जाते है पर पता नही मेरा मन अब राज के बिना नही लग रहा था क्यूँ पता नही
ईव्निंग मे नेहा और काफ़ी सारी लाड़िकियाँ ब्यूटी पार्लर जाने लगती है

तभी पता नही राज मेरे पास आ कर

राज : माँ आप भी जाओ ना ब्यूटी पार्लर

मैं : पागल हो क्या अब कोई मेरी उमर है ब्यूटी पार्लर जाने की

राज : क्यूँ जब मामी जा सकती है है तो आप क्यूँ नही

मे: पर राज मे पिछले 15 साल से नही गई ब्यूटी पार्लर अब कैसे

राज : क्यूँ कोई काम दोबारा सुरू नही हो सकता

मे: ज़िद मत कर राज

राज : क्यूँ ना करूँ

मे' समझा कर राज तुमने देखा है भाई भाभी से कितना प्यार करते है और तेरे पापा को ड्रिंक करने से फ़ुर्सत नही है तो मेरे ब्यूटी पार्लर जाने और ना जाने से क्या फ़र्क पड़ता है

राज : हम अपनी खुशी के लिए नही जा सकते

मैं : राज

राज : हाँ माँ क्यूँ आप खूबसूरत नही दिखना चाहती
क्या आप का मन नही करता ,क्या पूरी लाइफ एक इंसान के हिसाब से गुजारनी है

मे: राज वो

राज : आप जा रहे हो ब्यूटी पार्लर आंड दट'स फाइनल

मे: किसके लिए

राज : फिर वही किसके लिए अपने लिए

मेरे लिए

मे: क्या कहा दोबारा बोलो

राज' आप को अपने लिए नही जाना तो मेरे लिए चले जाओ

मे: तुम्हारे लिए

राज : हाँ अपने बेटे के लिए ,
जाओगे ना

मे: अच्छा बाबा सिर्फ़ तुम्हारे लिए
और राज खुश हो गया

मे: किसके साथ जाऊ सब चले गये

राज : मे हूँ ना आप का बेटा
और राज मुझे अपने साथ ब्यूटी पार्लर ले गया जहाँ मे आज 15 साल बाद दोबारा जा रही हूँ
और राज को बोल कर कि वो घर चला जाए मे ब्यूटी पार्लर के अंदर आ गई .
और करीब एक घंटे के बाद जब बाहर आई तो राज वही खड़ा था

मे' क्या हुआ गये नही

राज : जब साथ लाया था तो साथ ले कर जाउन्गा ना अपनी ब्यूटिफुल माँ को

मे: ब्यूटिफुल मतलब

राज : आप बहुत ब्यूटिफुल लग रही हो

मे: चलते हुए घर की तरफ
मतलब मेकप के बिना मे खूबसूरत नही लगती
मे समझ नही पा रही थी कि मे राज की इतनी बात क्यूँ मान रही थी और उसके ऐसी बात क्यूँ कर रही थी

राज : नही ऐसा नही है पर आज पहली बार मेने आप को ब्यूटी पार्लर मे देखा है इस लिए
और सच मे आप बहुत खूबसूरत लग रही हो जब पापा आप को देखेंगे तब देखना

मे: देखते है और बात करते हुए हम घर आ गये
और मुझे किसी ने नोटीस नही लिया.
ना नेहा ने और ना राज के पापा ने
और मे राज की आँखों मे देखते हुए
मेरी आँखों से आँसू आ गये

राज : माँ आप की मेरी कसम आप रोए तो

मे: देख लिया किसी को कोई फ़र्क नही पड़ा

राज : आप ब्यूटी पार्लर किस के लिए गई

मे :तुम्हारे लिए

राज : मेने नोटीस किया ना

मे' हाँ

राज : तो फिर अब किसको दिखाना
मे: उसको देखते हुए

मैं ; किसी को नही मेरे बेटे को दिखाना था वो उसने देख लिया

राज : ये हुए ना राज की माँ की बात

और ही सब ने खाना खाया और सोने आ गये
आज राज और उसके पापा बेड पे और मे और नेहा नीचे सोए.
04-05-2020, 01:44 PM,
#6
RE: XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी
अगले दिन सुबह शादी का दिन था
सब अपने अपने काम मे बिज़ी थे
और लॅडीस हमेशा की तरह अपने मेकप मे बिज़ी

लड़के की शादी थी पर लड़की वाले वही आ गये थे तो शादी के लिए भाई ने पास मे ही हॉल बुक किया था और शादी के डेट फंक्षन्स वही थे

तभी राज मेरे पास आते हुए

राज : माँ नेहा दी ब्यूटी पार्लर जा रही है रेडी होने आप भी उनके साथ चले जाओ

मे: कल गई तो थी रेडी मे खुद हो जाउन्गि

राज : कम ऑन माँ फिर वही सब हो रहा है तो आप भी चले जाओ

मे: अच्छा बाबा जाती हूँ ओके अब खुश

राज : हाँ खुश

और वहाँ से चला जाता है
और मे भी नेहा के साथ ब्यूटी पार्लर जाने के लिए रेडी होती हूँ

नेहा: मोम क्या लग रही हो

मे: चुप कर बदमाश

नेहा: नही माँ रियली आप बहुत खूबसूरत लग रही हो

मे: थॅंक्स बेटा

नेहा: मोम आप अपना ख्याल नही रखते

मे: हाँ वो तो है पर अब से रखूँगी क्यूँ कि लाइफ तो ऐसे ही चलनी है फिर दूसरो के लिए अपनी लाइफ क्यूँ स्पायिल करना

नेहा: दट'स दा स्पिरिट मोम और
दोनो घर आ जाते है
और पता नही घर आ कर मेरी नज़र राज को ही ढूंड रही थी पर वो नज़र नही आया पर उसके पापा ने मुझे देख लिया

उमेश: क्या बात है क्या लग रही हो

मे: फ़ुर्सत मिल गई

उमेश: फ़ुर्सत ही फ़ुर्सत है हमारे पास

मे: पता है कितनी फ़ुर्सत है एक बार ड्रिंक स्टार्ट तो सब कुछ भूल गये कि कोई बीवी भी है

उमेश: ऐसा नही है सरोज

तभी वहाँ राज आ गया
राज : माँ आप आ गये

मे: हाँ
पर मेरे मेकप के बारे मे कुछ नही बोला

राज : माँ मेरे कपड़े निकाल दो मे भी रेडी हो जाता हूँ

मे: अभी रूको
और राज के पापा वहाँ से चले जाते है
और उनके जाने के बाद

राज : देखा माँ कितना चेंज आ गया आप मे

मे: हाँ बताया नेहा ने

राज : तो क्या डिसाइड किया आप ने

मे: मतलब

राज : मतलब वही दोबारा पापा की बजह से टेन्षन मे

मे: जैसे तुम कहोगे वैसे रहूंगी अब मे

राज : प्रॉमिस

मे: पक्का प्रॉमिस बेटा

और राज कपड़े ले कर बाथरूम मे चला जाता है
और मे समझ नही पा रही थी कि मैने राज से ये क्यूँ बोला कि जैसे वो कहेगा मे वो करूँगी और उससे प्रॉमिस भी कर दिया मे सोच ही रही
थी कि नीचे नेहा की आवाज़ आई

नेहा : माँ मामी बुला रही है कुआँ पूजन के लिए जाना है
और मे नीचे आ गई
और फिर वही सारी शादी की रस्मे हुई और शादी भी अच्छे से हो गई
पर पूरी शादी मे मैं राज को ही देखती रही और जब उसकी नज़र मुझ पर पड़ती तो वो भी मुझे देखकर मुस्कुरा देता
क्या हो रहा था पता नही पर कुछ तो था जो मुझे अपने बेटे राज की तरफ खिच रहा था
और फिर हमारा जाने का टाइम हो गया और हम सब अपने घर की ओर निकल लिए टाइम पर ट्रेन मिल गई
और पूरे रास्ते राज मेरा ख्याल रखता आया .
और मे अब अपनी ज़रूरत के लिए ना नेहा को बोलती ना उसके पापा को जो भी कहना होता उसको बोलती यहाँ तक कि जब ट्रेन मे
वॉशरूम जाना था तो मैने राज को बोला ना कि नेहा को
और राज ने मना भी नही किया और वो मेरे साथ वॉशरूम तक साथ आया और फ्रेश होने के बाद साथ ले कर गया

ट्रेन लेट नही थी और हम अपने टाइम पे घर पहुँच गये.

थके होने के कारण किसी ने कुछ नही खाया और सब सो गये और अगले दिन उठ कर सब अपने अपने काम पे लग गये
राज के पापा ऑफीस
नेहा और राज कॉलेज
और मे अपने घर के काम मे पर एक चेंज था और वो ये अब मुझे आज रात को अपने पति की ड्रिंक वाली हरकत के बारे मे ना सोच कर
पॉज़िटिव सोच रही थी और ये सब था राज की बजह से हिज़ ने मुझे खुश होना सिखाया.
04-05-2020, 01:44 PM,
#7
RE: XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी
मोबाइल चेक किया तो राज का व्हाट्स अप मेसेज था

राज : हाई माँ

मे: क्या हुआ राज

राज : कुछ नही माँ

मे: आज मेसेज कैसे किया तुम तो कभी मेसेज नही करते

राज : वो पीरियड खाली था तो बस आप को मेसेज कर दिया

मे: ऊवू मतलब फ्री हुए तो माँ की याद आ गई

राज : नही माँ ऐसा नही है

मे: अच्छा चलो बताओ कब आ रहे हो घर

राज : बस दो घंटे बाद

मे: ओके आ जाओ तभी खाना बनाती हूँ

राज : ओके माँ बाइ टेक केर

मे: यू टू बेटा
और मोबाइल रख के लंच की प्रिपरेशन्स करने लगी
और काम करते करते आज पहली बार राज ने मुझे मोबाइल लेने के बाद मेसेज किया है क्या चल रहा है उसके दिमाग़ मे समझ नही आ रहा था

और ये सब सोचते सोचते राज और नेहा दोनो कॉलेज से आ गये और हम सब ने लंच साथ किया और उसके बाद हम थोड़ा दिन मे सो जाते थे और तीनो सोने चले गये.

और जब उठे तो मुझे घर का कुछ समान लाना था
जब नेहा से बोला तो मना कर दिया

और राज से कहा तो
राज : एनी टाइम माँ
और हम दोनो शॉपिंग करने चले गये

कभी ऐसा टाइम था कि राज बाज़ार नही आता था और आज मेरे साथ घर जा समान लेने आया था

राज के मंन मे क्या था मुझे नही पता पर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था क्यूँ कि अब मुझे लग रहा था कोई तो है जो मेरी केर करता है और
वैसे भी बेटा माँ की तरफ और बेटी बाप की तरफ ज़्यादा जूझती है
और हम घर आ गये

इसी तरफ दिन गुजरने गये और राज और मे एक दूसरे के और पास आते गये मतलब एक दूसरे की ज़रूरत बनते हुए गये

पर कहते है ख़ुसी ज़्यादा दिन नही रुकती और वही हुआ

एक रात राज के पापा ज़्यादा ड्रिंक कर के आए और उस वजह से मेरी उनसे आर्ग्युमेंट हो गई और उन्होने मुझे मारना सुरू कर दिया और ये सब पहले भी हुआ था पर पता नही क्यूँ आज राज ने अपने पापा का हाथ पकड़ लिया और उन्हे धक्का दे कर मुझे वहाँ से अपने रूम मे ले गया.

ये पहली बार था कि राज ने ऐसा किया

इस बजह से राज के पापा काफ़ी गुस्सा हुए पर काफ़ी देर बाद अपने रूम मे चले गये नेहा ने मुझे राज के रूम मे खाना ला कर दिया पर मेने नही खाया

नेहा काफ़ी देर मुझे समझाती रही और अपने रूम मे चली गई

थोड़ी देर बाद राज खाना ले कर मेरे पास आया और अपने हाथ से खिलाने लगा

मे: मुझे नही खाना

राज : क्यूँ


मे: मंन नही है

राज : मेने भी नही खाया है

मे: तुम खा लो

राज : नही पहले आप

मे: ज़िद मत करो बेटा

राज : ज़िद नही है बोल रहा हूँ कि मुझे भूक लगी है

उसके इस इनोसेंट बात पर मुझे हसी आ गई और हम दोनो ने साथ खाना खाया.

मे: चलो. अब सो जाओ काफ़ी रात हो गई है मे चलती हूँ

राज : कहाँ आप यहाँ ही सो जाओ

मे: नही आज जो तुमने किया है कल देखना बहुत प्राब्लम होगी और अगर यहाँ सो गई तो और भी ज़्यादा होगी
और मे अपने रूम मे आ गई जहाँ मेरे पति सो चुके थे

और मे बेड पे आ कर लेट गई पर आज जो हुआ सही नही हुआ
कल क्या होगा

आज से पहले राज ने कभी अपने पापा के साथ ऐसा नही किया था पर अब क्यूँ फिर एक सवाल मेरे मंन मे चल रहा था
राज चेंज हो रहा है पर क्यूँ
और कब आँख लग गई पता नही

अगली सुबह जैसे कुछ हुआ ही ना हो नेहा अपने कॉलेज और राज के पापा ऑफीस और राज भी कॉलेज चला गया.

04-05-2020, 01:44 PM,
#8
RE: XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी
पता नही आज क्या हुआ मुझे अपना मोबाइल ले के मेने राज को व्हाट'स अप किया

मे: क्या कर रहे हो

रिप्लाइ कुछ देर बाद आया
राज : कुछ नही माँ

मे: मतलब

राज : वो क्लास मे था

मे: सॉरी बेटा डिस्टर्ब किया

राज : नही मा वैसे भी क्लास ख़तम हो गई

मे: ओके

मुझे समझ नही आ रहा था कि क्या बात करूँ अपने बेटे से
तभी मोबाइल पे बीप हुई
राज : क्या हुआ माँ
मे: कुछ नही ठीक है अपनी क्लास मे जाओ
राज : अभी फ्री हूँ माँ कुछ काम था
मे: नही बस ऐसे ही खाली थी सोचा तुम से बात कर लूँ
राज : बोलो माँ
मे: कल तुम ने ऐसा क्यूँ किया राज
राज : क्या माँ
मे: वही अपने पापा के साथ
राज : माँ मुझे अच्छा नही लगता जब पापा आप के साथ ऐसा बिहेवियर करते है और कल तो उन्होने आप पे हाथ उठाया
मे: कोई नई बात तो नही थी पहले भी किया है
राज : पर अब नही माँ
मे: पर राज तेरे पापा अब चेंज तो होने वाले नही है फिर
राज : होना पड़ेगा उनको चेंज नही तो मे फिर से उनको रोकुंगा
मे: पर क्यूँ राज
राज : मुझे नही पता पर मे फिर रोकुंगा उनको
मे: चल ओके रोक लेना गुस्सा मत हो
राज : मे गुस्सा नही हूँ पर
मे: ओके बाबा बोला ना रोक लेना ओके
चलो बताओ कब आ रहे हो
राज : वही अपने टाइम पे
मे: ओके बाइ वेट कर रही हूँ तुम्हारा
राज : ओके माँ बाइ
और उसके बाद लंच बनाती हूँ और फिर राज और नेहा आ जाते है और फिर वही सब रुटीन वाला सब कुछ.
उस दिन रात को सब काम ख़तम करने के बाद पता नही मे क्यूँ राज के रूम मे चली गई
दरवाजे पे नॉक लिया
राज : खुला है
मे अंदर आई
राज : अरे माँ आप
मे: क्यूँ आ नही सकती
राज : नही ऐसा नही है
मे: क्या कर रहे हो सोए नही
राज : नही माँ नींद नही आ रही
मे: क्यूँ क्या हुआ
गर्ल फ्रेंड की याद आ रही है
राज : माँ ऐसा नही है मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है
मे: अरे क्यू नही है मेरा बेटा तो कितना हॅंडसम है
राज : नही है बस
मे: क्यूँ कोई पसंद नही करती मेरे बेटे को
राज : ऐसा नही है माँ
मे: इसका मतलब कोई है
राज : नही है माँ क्यूँ कि मुझे कोई पसंद नही आती
मे: क्यूँ कॉलेज मे सारी लड़कियाँ बेकार है
राज : माआ प्लीज़ मुझे नही पता
मे: ओहो मेरे राजा बेटा तो शरमा रहा है अपनी माँ से
राज : माआआ
मे: ओके ओक चलो सो जाओ
पर कोई प्राब्लम तो नही है
राज : किस बात की
मे: कि कोई लड़की पसंद नही आती
राज : माआआ
मे: ओके ओके जा रही हूँ गुड नाइट
और मे अपने रूम मे आ गई
पर पता नही राज से जब उसकी गर्लफ्रेंड का पूछा तो मुझे थोड़ा डर लगा क्यूँ पता नही
पर जब उसने बोला कोई नही है तो बड़ा अच्छा लगा
पता नही क्या हो रहा था मुझे
सोचते सोचते सो गई
04-05-2020, 01:47 PM,
#9
RE: XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी
अगले दिन सुबह सब अपने अपने जॉब पे चले गये
और मैं अपने काम मे लग गई
और फ्री होने के बाद मैं राज से चट्टिंग करने लगी और वही गर्लफ्रेंड वाली बात पे राज फिर से गुस्सा हो गया
मे राज से बात कर रही थे कि मे गेट पे नॉक हुआ
गेट खोला तो राज के पापा थे
मे: अरे आप इतनी ज़ल्दी
उमेश: हाँ कुछ दिन के लिए बाहर जाना है बॅग लेने आया हूँ
और अंदर आ कर पॅकिंग करने लगे और मे उनके लिए लंच बनाने लगी
उमेश: राज का कंप्यूटर चालू है ना
मे: हाँ मुझे पता नही क्यूँ क्या है
उमेश: कुछ मेल चेक करनी है मे अपना लॅपटॉप ऑफीस छोड़ आया हूँ
मे: देख लो पता नही
और वो राज के रूम मे चले गये
और मे किचन मे
थोड़ी देर बाद
उमेश: सरोज यहाँ आना चीखते हुए
और मे भाग कर राज के रूम मे गयी
और अंदर आ कर
उनके हाथ मे कोई लॅडीस पैंटी थी
उमेश: ये क्या है
मे: क्या है
उमेश: ये लॅडीस कच्छी
मे: ये यहाँ क्या कर रही है
उमेश: वही तो मे तुम से पूछ रहा हूँ तुम घर पर रहती हो
मे: जब मे पास पहुँची तो एक दम से मेरी सांस अटक गई
उमेश: बोलो क्या है ये राज के रूम मे क्या कर रही है
किसकी है ज़रूर कोई लड़की का चक्कर है
ज़रूर लड़की घर लाता है
मे: नही ऐसा नही है मैं घर पे होती हूँ नेहा भी होती है अगर कोई आती तो पता तो चलता
मैं मन ही मन कोई कैसे आएगी क्यूँ कि ये पैंटी तो मेरी थी क्यूँ कि मे अपनी पैंटी को अच्छी तरह पहचान ती हूँ
उमेश: मुझे उससे बात करनी पड़ेगी
मे: आप रहने दे मे पता लगाती हूँ
उमेश: तुम उससे क्या बात करोगी उसको ये कच्छी दिखाओगी
मे: नही ऐसा नही है मे तो बोल रही थी हो सकता है
किसी दोस्त ने मज़ाक किया हो उसके साथ
और उसने किसी बजह से यहाँ छुपा दी हो
क्यूँ कि घर मे कोई नही आता और कॉलेज से भी वो टाइम से आता है
और मुझे यकीन है मेरा बेटा ग़लत काम नही कर सकता.
तभी उनका मोबाइल बजता है
उमेश: ठीक है उस पर नज़र रखना
और बोल कर चले जाते है
और मे उस पैंटी को देखती हूँ
क्यूँ कि वो मेरी पैंटी थी पर सवाल वही था कि राज के रूम मे मेरी पैंटी क्या कर रही है
तभी मुझे ख्याल आया कि मे राज से चट्टिंग कर रही थी
और जब मोबाइल देखा तो काफ़ी मेसेज थे
मे: सो तुम्हारे पापा आ गये थे इस बजह से मेसेज रिप्लाइ नही किया
राज : ओके माँ
मे: तुम घर कब आ रहे हो
राज : अपने टाइम पे
मे: थोड़ा ज़ल्दी आ जाना
राज : क्यूँ कोई काम है
मे: हाँ तुम आ जाना
राज : ओके माँ आता हूँ बाइ

मैने ज़ल्दी आने को बोल तो दिया पर बात क्या करूँगी समझ नही आ रहा था क्यूँ कि मुझे ही समझ नही आ रहा था कि मेरी पैंटी राज के रूम मे क्या कर रही है.
04-05-2020, 01:48 PM,
#10
RE: XXX kahani नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी
थोड़ी देर बाद राज आ गया
राज : क्या कही जाना है जो आप ने ज़ल्दी बुलाया
मे: क्यूँ बुला नही सकती
राज : ऐसा नही है माँ आप बुला सकते हो मे तो सिर्फ़ ये पूछ रहा हूँ कि कही जाना है
मे:नही कही नही जाना
बस ऐसे ही बुलाया कुछ बात करनी थी
राज : बोलो माँ
मे: जो पूछूंगी सच बोलोगे या झूठ
राज : आप पूछो तो सही
मे: प्रॉमिस मे सच बोलोगे
राज : प्रॉमिस माँ सच बोलूँगा
मे डिसाइड कर चुकी थी राज से सब खुल कर पूछूंगी कि मेरी पैंटी उसके रूम मे क्या कर रही है शरम तो लग रही थी पर सच जानना भी ज़रूरी था
राज : पूछो माँ
और मैने पैंटी को टेबल पर रख दिया
मे: ये क्या है
पैंटी देख कर राज की आँख फटी की फटी रह गई और उसके मूह से कुछ नही निकला
मे: बोलो ये क्या है और किस की है
मुझे पता था कि मेरी पैंटी है पर जानना चाहती थी उसे पता है किसकी है या ग़लती से उठा ली है या नेहा की समझ कर ले गया है क्या चल
रहा है इसके मंन मे
बोलो राज ये क्या

राज : माँ वो वो मुझे नही पता आप क्या बोल रही हो और ये क्या है

मे: तुम्हे अच्छे से पता है क्या है ये मे सिर्फ़ पूछ रही हूँ तुम्हारे रूम मे क्या कर रही है ये
तुम्हारे पापा को मिली है तुम्हारे रूम से
वो तो तुम्हे बुला रहे थे मैने मना कर दिया
अब बताओ क्या है और तुम्हारे रूम मे कहाँ से आई और किसकी है
राज : माँ वित सॉरी
मे: सॉरी नही बेटा क्या है ये और क्यूँ किसी गर्ल फ्रेंड की है


राज : माँ आप को बताया था कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है

मे: फिर किसकी है

राज : माँ वो

मे: तुम ने मुझे प्रॉमिस किया था सच बोलोगे अब तुम्हारी मर्ज़ी है सच या झूठ तुम्हारी चाय्स है अगर ट्रस्ट तोड़ना नही चाहते तो सच सच बोलोये तुम्हारे रूम मे क्या कर रही थी

रोते हुए राज

राज : माँ ग़लती हो गई हम जब शादी मे गये थे तो जब आप से कपड़े ले कर चेंज करने बाथरूम गया था तो ये बाथरूम मे पड़ी थी तो पता नही क्या हुआ मैने इसको अपने पास रख लिया और तब से ये मेरे पास है.

मे: पता है किसकी है

राज : हाँ

मे: किसकी है\

राज : वो माँ ......

मे: बोलो किसकी है

राज : प्लीज़ माँ सॉरी

मे: मैं पूछ रही हूँ किसकी है

राज : आप की
और नज़र झुका कर बैठा रहा


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