XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
08-18-2021, 12:07 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

उर्वशी भाभी का गर्भाधान


नैना फ़ौरन उठी और बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर बाद चूत को धो पौंछ कर वापस आई, आते ही बोली – यह क्या किया छोटे मालिक? मैं फंस जाती ना अगर अभी तुम्हारा वीर्य साफ़ नहीं किया होता?मैं घबरा कर बोला- सॉरी नैना डार्लिंग, वो क्या है, मुझ से रहा नहीं गया क्यूंकि बहुत दिनों से छुटाया नहीं था ना!नैना हँसते हुए बोली- जाने दो छोटे मालिक, कहीं ऐसे ही रति की चूत में ना छूटा देना, नहीं तो वो बेचारी फंस जायेगी.
अब नैना ने कहना शुरू किया- देखो छोटे मालिक, अब तुम अपना सारा ध्यान रति के साथ प्रेमालाप को सफल बनाने में लगाओ ताकि तुम उसको जितने जल्दी हो सके, चोद सको और साथ ही उसकी भाभी को भी चोदना है उसके गर्भाधान के लिए!मैं बोला- वो तो ठीक है नैना रानी, लेकिन भाभी को कैसे मनवाओगी मेरे से चुदवाने के लिए? वो नहीं मानेंगी मेरे साथ करने के लिए क्यूंकि मैं उनकी नज़रों में उनकी ननद का कॉलेज का मित्र हूँ!
नैना बोली- वो आप सब मुझ पर छोड़ दो, मैं भाभी को मना लूंगी क्यूंकि मुझको भाभी की आँखों में काफी चाहत बच्चे के लिये दिखी है और वो यकीनन तुम्हारे जैसे खूबसूरत जवान लड़के से चुदवाना पसंद कर लेगी.मैं थोड़ा शर्माते हुए बोला- अच्छा? तुमको लगता है कि मैं काफ़ी खूबसूरत लड़का हूँ?नैना हंस पड़ी- रहने दो छोटे मालिक, अब ज़्यादा इतराओ ना! तुम्हारी यह ख़ूबसूरती किसी काम की नहीं अगर तुम्हारा लंड अकड़ू ना होता.
मैं बोला- चलो लंड की वजह से ही सही, मेरी ख़ूबसूरती में कुछ तो है जो लड़कियों और औरतों को अपनी तरफ खींचता है.यह कह कर मैंने नैना को पकड़ लिया और उसकी साड़ी को फिर ऊँचा करने लगा लेकिन नैना छिटक कर दूर भाग गई.

अगले दिन रति को कोठी से लिया तो वो बड़ी ही मुस्करा रही थी और मैंने जब उससे मुस्कराने का कारण पूछा तो बोली- भाभी तुम्हारी आशिक हो गई है सतीश! बार बार पूछ रही थी कि सतीश कब आएगा और अब भी जब मैं तुम्हारी बाइक पर बैठी तो वो खिड़की से झाँक रही थी.मैं मुस्कराते हुए बोला- अच्छा तुम्हारी भाभी है बहुत क्यूट यार! तुम्हारे भैया बड़े लकी हैं.
रति थोड़ी सी उदास होकर बोली- लेकिन किस्मत तो देखो, भाभी अभी तक माँ नहीं बन सकी. नैना से बात करके भाभी काफी खुश लग रही थी, शायद नैना आंटी उनको ठीक कर सके?मैं बोला- हाँ, ज़रूर ठीक कर देगी, अगर भाभी और तुम उस पर विश्वास रखो तो!
आज मैंने नोटिस किया कि रति आज मुझसे बिल्कुल चिपक कर बैठी थी और उसके सॉलिड स्तन मेरी चौड़ी पीठ पर पूरी तरह से चिपके हुए थे और दो तीन बार बाइक पर से धक्का लगने पर उस का एक हाथ मेरे लंड पर जा टिका था और वो हाथ को वहीं रख कर थोड़ी देर तक बेसुध सी बैठी रही.अब मुझ को रति के साथ बाइक का सफर बड़ा ही सुहाना लगने लगा.
जल्दी ही हम कॉलेज पहुँच गए और लंच रिसेस में भी हम दोनों साथ साथ ही थे और फिर छुट्टी के बाद डांस प्रैक्टिस में हम दोनों एक दूसरे को काफी मस्ती भरी निगाहों से देख रहे थे.डांस करते हुए मेरा हाथ कई बार रति के चूतड़ों पर जा लगता था और उसका हाथ मेरे पैंट में छिपे लौड़े पर आ लगता था लेकिन यह सब जानबूज कर नहीं हो रहा था, यह महज़ एक इत्तेफाक था कि ऐसा कई बार हो गया.
छुट्टी के बाद पहले रति को उसकी कोठी में छोड़ने के लिए रुका और जैसे ही वो अंदर जाने लगी कि चौकीदार ने उसको बताया कि मालकिन तो हमारी कोठी में गई हैं.फिर रति ने मुझ को भी अंदर आने के लिए कहा.
जब हम बैठक में पहुंचे तो रति का पैर कार्पेट में फंसा और वो गिरने लगी तो मैंने लपक कर उसको अपनी बाहों में पकड़ लिया और गिरने से बचा दिया.हम दोनों एकदम हक्के बक्के से एक दूसरे की बाहों में पड़े रहे और फिर मैंने थोड़ा सा साहस दिखाते हुए उसके लबों पर एक कामुक चुम्मी जड़ दी और उसको अपनी बाहों में भींच लिया.रति भी बेसुध हुई मेरी बाहों में मेरे साथ आलिंगनबद्ध हो गई.
हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे और फिर अपने आप ही हमारे होंट एक बार फिर एक दूसरे से चिपक गए.अब रति एकदम से जोश में आकर मुझको ताबड़तोड़ चूमने लगी जैसे कई सालों की प्यास को बुझाने का अथक प्रयत्न कर रही हो.हम दोनों एक दूसरे से चिपके हुए आलिंगनबद्ध थे लेकिन तभी बाहर रिक्शा के रुकने की आवाज़ से चौंक कर एकदम से अलग हो गए और अपने आप को संयत करके बैठ गए.
जैसे ही भाभी आई तो उनको प्रणाम करके मैं जाने लगा लेकिन भाभी ने आग्रह कर के रोक लिया और थोड़ा जलपान करवा कर ही जाने दिया.मैं जाने लगा तो रति और भाभी दोनों ही मुझको कोठी के गेट तक छोड़ने आई और मैंने महसूस किया कि आज भाभी की नज़रों में मेरे लिए ख़ास निमंत्रण था और रति की नज़रों में एक बहुत ही गर्म सन्देश था.
जब घर पहुंचा तो नैना बैठक में मुझंको मिली और बोली- छोटे मालिक, आज कुछ देर हो गई लौटने में? वो रति की भाभी आई थी, उनसे सारी बात हो गयी है, भाभी तुमसे चुदवाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और वो कह रही थी जितने जल्दी यह काम हो सके तो ठीक है, वैसे वो हर तरह से गर्भाधान के लिए तैयार हैं.
मैं बोला- अगर रति को पता चल गया तो? हम दोनों का इश्क तो खत्म हो जाएगा ना?नैना बोली- रति कहीं नहीं जायेगी, यह मेरी गारंटी है, वो तुम पर पूरी तरह से आशिक है और हर हाल में वो तुमसे भी चुदवा लेगी यह मेरा वायदा रहा!मैं बोला- कब का प्रोग्राम रखा है?नैना बोली- कल का प्रोग्राम है तुम्हारे कॉलेज से आने के बाद!मैं बोला- जैसे तुम कहो नैना रानी, वैसे में रति को नहीं खोना चाहता.
अगले दिन डांस प्रैक्टिस के बाद मैंने रति को उसकी कोठी में छोड़ा और बिना रुके अपनी कोठी में आ गया.नैना ने मेरे लिए स्पेशल दूध बना कर रखा हुआ था, सबसे पहले वो पिया और फिर कपड़े बदल कर मैं अपने कमरे में लेट गया.इंतज़ार करते हुए ना जाने कब मेरी झपकी लग गई और नैना ने जब जगाया तो भाभी और नैना मेरे सामने खड़ी थी.
ना जाने सोये सोये कब मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और मेरे पायज़ामे में एक पूरा टेंट का खम्बा बन रहा था जिसको देख कर भाभी साड़ी का पल्लू मुंह के आगे रख कर मंद मंद हंस रही थी.तभी नैना ने मुझको जगाया और कहा- उर्वशी भाभी जी आई हैं आपसे मिलने!
मैं घबरा कर उठ बैठा और अपने खड़े लंड को छिपाने की बेहद नाकाम कोशिश कर रहा था लेकिन नैना ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- रहने दो छोटे मालिक, भाभी ने आपका खज़ाना देख लिया है, वो उनको बहुत ही पसंद है.यह कहते हुए नैना ने मेरा पायजामा लंड के ऊपर से नीचे खिसका दिया और लंड को पूरा नंगा कर दिया ताकि उर्वशी भाभी अच्छी तरह से उसके दर्शन कर सकें.
भाभी की आँखें विस्मय से फटी की फटी रह गई और वो थोड़ा शरमाती हुई आगे बड़ी और लंड को अपने हाथों में ले लिया.फिर उन्होंने मेरे लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया, कभी लंड के शिखर को देखती थी और कभी उसको ऊपर नीचे करती थी.
अब नैना ने भाभी को खड़े होने के लिए कहा और फिर उनके कपड़े एक एक करके उतारने लगी. पहले उनकी गुलाबी बनारसी सिल्क की साड़ी उतार दी और फिर उनके टाइट सिल्क ब्लाउज को भी उतार दिया और उनके सुडौल मम्मे सिल्क की पिंक ब्रा में छुपे रह गए.फिर एक झटके से भाभी के पेटीकोट के नाड़े को खींच कर खोल दिया और एक सरसराहट से पेटीकोट भी नीचे खिसक गया और अब भाभी की काले बालों से ढकी गुलाबी चूत दिखने लगी और अब मैंने आगे बढ़ कर भाभी की ब्रा को भी खोल दिया और भाभी एक सुंदरता का मुजस्समा बनी हुई मेरे सामने एकदम अल्फ नंगी खड़ी थी और मेरे पायज़ामे का टेंट और भी तनता जा रहा था.
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08-18-2021, 12:08 PM,
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भाभी को नंगी करके नैना ने अब मेरी तरफ ध्यान देना शुरू किया लेकिन इससे पहले कि वो मेरे शरीर के किसी कपड़े को छू पाती, भाभी ने उसको रोक दिया और वो स्वयं ही मुझ को निर्वस्त्र करने लगी.मेरा कुरता उतारने के बाद जैसे ही वो मेरे पजामे की तरफ बढ़ी और उसके नाड़े को खोल कर नीचे किया, वैसे ही मेरा फनधारी नाग एकदम उछला और भाभी के नाक को हल्का प्यार भरा छू कर सीधा सलामी की मुद्रा में खड़ा हो गया.
भाभी थोड़ी सी भौंचक्की हुई लेकिन जल्दी ही सम्भल गई और मेरे लौड़े को चूमने लगी.मैंने भाभी को प्यार से उठाया और उनको गले लगा लिया और उनके होटों पर एक ज़बरदस्त कामुक चुम्मी जड़ दी..
फिर मैंने भाभी के सॉलिड और गोल मुम्मों को चूसना शुरु किया और उनके चूचुक को धीरे धीरे अपने होटों में गोल गोल घुमाया और चूसा. एक हाथ भाभी की चूत में डाला और महसूस किया तो वो एकदम गीली हो चुकी थी.
मैं झुक कर भाभी की चूत में मुंह डाल कर उनकी चूत के लबों को चूसने लगा और उनकी भग को थोड़ा चूसा.भाभी ने अपने दोनों हाथ मेरे सर और बालों में फंसा रखे थे और ज़ोर से मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत में फंसा रखा था और मैं भी मस्ती में उनकी चूत में भग को चूस रहा था.
अब उनको तैयार हुई देख कर मैं भाभी को लेकर बिस्तर पर आ गया और उनको चित लिटा कर जल्दी से उनकी खुली टांगों में बैठ कर अपने लंड को भाभी की टाइट चूत के मुंह पर रख कर एक हल्का धक्का दिया और धीरे धीरे लंड को पूरा अंदर डाल कर थोड़ी देर रुक गया.
अब भाभी की चूत अंदर से सिकुड़ने लगी और मैं समझ गया कि भाभी शीघ्र ही छूटने वाली हैं, मैंने धक्कों की स्पीड तेज़ कर दी. जल्दी ही भाभी का शरीर एक हल्की सी कंपकंपाहट के साथ हिलने लगा और मैंने कस कर भाभी को अपने से चिपटा लिया.भाभी हाय हाय करते हुए झड़ गई लेकिन मैंने फिर धीरे धीरे से भाभी को चोदना शुरू किया और साथ ही अपने मुंह को भाभी के मोटे मुम्मों पर टिका कर चूचियों क चूसना जारी रखा.
अब भाभी को चुदाई का बहुत आनन्द आने लगा और वो चूतड़ उठा उठा कर हर धक्के का जवाब दे रही थी और अपनी आँखें बंद किये हुए ही मेरे से चिपक चिपक कर चुदवा रही थी.अब मैंने धक्कों की स्पीड तीव्र कर दी, उर्वशी भाभी अपना सर हिलाते हुए फिर एक बार स्खलित हो गई.
नैना ने इशारा किया और तब मैं भी अपना छुटाने के लिए तैयार हो गया और लंड द्वारा भाभी के गर्भाशय द्वार को ढून्ढ कर अपने लंड पिचकारी छोड़ दी.नैना ने जल्दी से भाभी के चूतड़ों के नीचे एक तकिया रख दिया और उनकी चूत पर एक मोटा तौलिया भी रख दिया ताकि वीर्य सारा का सारा चूत के अंदर ही रहे जिससे गर्भाधान की सम्भावना बढ़ जाती है और भाभी की टांगें भी हवा में ऊपर कर दी कुछ समय के लिए!
भाभी के साथ मैं थोड़ी देर के लिए लेट गया और उनके शरीर पर हल्के हल्के हाथ फेरने लगा जिससे मुझको बड़ा ही आनन्द आ रहा था.थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और फिर भाभी ने आँखें खोली और मुझको ताबड़तोड़ लबों पर चूमने लगी और मैं भी उनके जवाब में भाभी को चूमता रहा.
अब भाभी का एक हाथ मेरे लौड़े पर पड़ा हुआ था और वो उसको सहलाने की कोशिश करने लगी ताकि वो फिर से खड़ा हो जाए लेकिन मेरा लंड तो अपने आप खड़ा था तो भाभी को ज़्यादा ज़हमत नहीं उठानी पड़ी.मेरे अकड़े हुए लेकिन गीले लंड को नैना ने तौलिये से साफ़ किया और कहा- भाभी को घोड़ी बना कर चोदो.
भाभी बोली- यह घोड़ी कैसे बनना होता है? मैं तो पहले कभी घोड़ी बन कर नहीं चुदी. ठाकुर साहिब तो सिर्फ इसी तरीके से चोदा करते हैं जैसे सतीश ने अभी चोदा… वैसे ही चोदते आये हैं आज तक!मैंने भाभी से पूछा- क्या तुम कभी घोड़ी बन कर नहीं चुदी? क्या तुम्हारा कभी चूत से पानी नहीं छूटा?
भाभी बोली- नहीं तो कभी पानी नहीं छूटता लेकिन आज सतीश से चुदा कर तो बहुत ही आनन्द आया और मुझको लगा कि मेरे अंदर से कुछ पानी छुटा है, लेकिन वो गया कहाँ?नैना ने भाभी को उठा कर बैठाया और बिस्तर पर पड़े पानी के दाग भी दिखाए.भाभी एकदम हैरान हुई देख रही थी.
तब नैना बोली- लगता है आप कभी भी अपने पति से संतुष्ट नहीं हुई थी. क्यों सच है ना?भाभी कुछ सोचते हुए बोली- हाँ, ठीक कह रही हो तुम शायद, मुझको आज तक ऐसा आनन्द नहीं आया जैसे कि सतीश ने आज मुझको दिया है.
अब नैना ने भाभी को घोड़ी बना दिया और मुझको इशारे से कहा कि चढ़ जाऊं पीछे से और मैं भी जल्दी ही भाभी के चूतड़ों के पीछे से भाभी की चूत का निशाना बनाया और हल्के से धक्का मारा और भाभी की टाइट चूत में लंड को घुसेड़ दिया और भाभी एक बार बिदकी और जब लंड पूरा अंदर समा गया तो वो सामान्य हो गई तो मैं भी हल्के धक्कों से शुरू कर तेज़ स्पीड पर आ गया.भाभी भी आनन्द लेती हुई चूतड़ों को आगे पीछे करने लगी.
दस पंद्रह मिनट की चुदाई के बाद भाभी बहुत ही ज़ोर से झड़ गई और उनका सारा शरीर एक झनझनाहट से हिलने लगा. मैंने अब काफ़ी तेज़ी से घुड़दौड़ शुरू कर दी और फिर लंड को पूरा निकाल कर फिर अंदर डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी और भाभी और भी तेज़ी से मेरे हर धक्के का जवाब देने लगी.
अब नैना के इशारे पर मैंने भाभी की चूत में उनकी बच्चेदानी का मुंह ढूंढ कर ज़ोरदार वीर्य की पिचकारी मार दी.इससे पहले कि भाभी पलंग पर लेटती मैंने कस कर उनके चूतड़ों को पकड़ लिया और उनको ऊपर ही उठाये रखा और नैना ने उनके पेट के नीचे मोटा तकिया रख दिया.भाभी आँखें बंद कर के पेट के बल चित लेटी रही.
मैं उठा और बाथरूम में जाकर अपनी सफाई करके आ गया.नैना ने फिर भाभी को पलंग पर लिटा दिया और उनसे आहिस्ता से बातें करने लगी और मैं दोनों को छोड़ कर बैठक में आ गया.

कहानी जारी रहेगी.
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08-18-2021, 12:08 PM,
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रति की अजीब बिमारी


नैना ने भाभी को पलंग पर लिटा दिया और उनसे आहिस्ता से बातें करने लगी और मैं दोनों को छोड़ कर बैठक में आ गया.बैठक में आकर बैठा ही था कि अचानक रति धड़धड़ाती हुई बैठक में आई और उसके पीछे पारो भी उसको रोक रही थी लेकिन वो किसी की भी ना सुने बिना अंदर आ गई और चिल्ला कर बोली- सतीश मेरी भाभी कहाँ है?
मैं हक्का बक्का हुआ उसको देख रहा था लेकिन वो बहुत ही गुस्से में थी.मैंने उसको रोक कर पूछा- क्या हुआ रति? इतने गुस्से में क्यों हो?रति बोली- जब से मैं घर आई हूँ तुम्हारे साथ, भाभी घर से गायब है, मेरे खाने का कोई अता पता नहीं? कहाँ गई होगी भाभी?मैं बोला- बस इतनी सी बात है? पारो अभी रति के लिए कुछ खाने के लिए लाइए. गर्म गर्म परांठा और साथ में सब्ज़ी, फ़ौरन लाइए.
पारो अंदर चली गई तो मैंने रति को बताया- भाभी तो अंदर नैना के साथ है कुछ ख़ास काम कर रही हैं.फिर मैं धीरे धीरे चलता हुआ रति के पास चला गया और उसको बाहों में भर लिया.पहले तो वो कसमसाई लेकिन फिर वो अपने आप मेरी बाहों में आ गई और मैं उसको हल्के हल्के प्यार से चूमने लगा.पहले उसके गालों पर थोड़ा चूमा फिर उसकी आँखों पर प्यार की चुम्मी लगाई और फिर उसकी गर्दन के आस पास थोड़ी देर चूमा और फिर उसके रसीले होटों का निशाना बनाया.
रसोई से पारो के आने की आहट सुन कर मैं पीछे हट गया और रति भी सोफे पर बैठ गई.पारो रति के लिए गर्म गर्म खाना ले आई थी और रति एकदम उस पर टूट पड़ी.
अभी खाना खत्म भी नहीं हुआ था कि उर्वशी भाभी और नैना भी मेरे बैडरूम से निकल कर आ गई और रति को देखते ही भाभी को याद आया कि आज तो वो उसके लिए खाना बनाना ही भूल गई थी.नैना जल्दी से रसोई से भाभी के लिए भी खाना ले आई.

खाना खाने के बाद दोनों चली गई और तब मैंने नैना से बोला- आज तो फंस जाते अगर में बैठक में ना आ जाता तो! रति ने पकड़ लेना था आज रंगे हाथों.
अगले दिन हम दोनों फिर साथ साथ ही कॉलेज पहुँचे और डांस क्लास में फिर मिलन हुआ.आज हम को मिलजुल कर अलग अलग पार्टनर्स के साथ डांस करना था.मेरे साथ एक नई लड़की डांस करने के लिए चुनी गई और वो भी देखने में बेहद ही खूबसूरत थी, लम्बा कद और अच्छा भरा हुआ जिस्म कुल मिला कर काफी स्मार्ट और चुस्त लड़की थी, उसका नाम था सलोनी लेकिन सब उसको लोनी कह कर बुलाते थे और वो पहले दिन से ही मेरे से बड़ी घुल मिल गई थी.
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08-18-2021, 12:08 PM,
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सलोनी के डांस करने का ढंग बड़ा ही बेबाक था और वो झूम झूम कर मेरे आगे पीछे होकर डांस कर रही थी. ऐसा करते हुए दो तीन बार उसके मम्मे मेरे बाजुओं से टकरा चुके थे और एक दो बार मेरा भी हाथ उसके चूतड़ों को छू चुका था.हम दोनों बड़े ही मज़े से एक दूसरे के साथ डांस कर रहे थे और मैंने तभी नोट किया कि रति हमारे हर डांस स्टेप को बड़े ध्यान से देख रही थी.
लोनी के बाद मैंने और रति ने फिर साथ साथ डांस शुरू कर दिया और डांस के दौरान रति कुछ ज़्यादा ही बोल्ड हो गई थी और काफी खुल कर डांस कर रही थी और वो भी बार बार मेरे जिस्म को छूने की कोशिश कर रही थी, उसने कई बार मेरे लंड को पैंट के ऊपर से फील किया और मैंने भी उसके मम्मों को हल्के से दबा दिया, रति जवाब में थोड़ा मुस्करा दी थी.
डांस करते हुए मुझे और रति को बड़ा ही आनन्द आ रहा था वो भी ख़ास तौर पर शरीर के छुआ छुअन में!
थोड़ी देर बाद लोनी फिर आ धमकी और जान बूझ कर उसने रति को परे धकेल दिया और मेरे साथ चिपक कर डांस करने लगी.हमारी डांस की टीचर ने यह सब देखा और वो हमारे पास आई, उसने लोनी को डांट दिया और रति और मुझको कहा- मैं चाहती हूँ आप दोनों अपने डांस स्टेप्स की प्रैक्टिस थोड़ी और ज़्यादा करें ताकि आप दोनों एकदम से सही डांस कर सकें. क्या आप दोनों घर में डांस की प्रैक्टिस एक साथ कर सकते हैं?
रति बोली- मैडम हम दोनों के घर साथ साथ ही हैं, हम साथ में प्रैक्टिस कर सकते हैं.मैं बोला- मैडम, मेरी कोठी तो खाली है, वहाँ हम और अन्य छात्र प्रैक्टिस कर सकते हैं अगर उनकी इच्छा हो तो!
मैडम ने सब डांस मेम्बर्स को इकट्ठा किया और कहा- आप में से कोई जोड़ी भी छुट्टी वाले दिन में सतीश की कोठी में डांस प्रैक्टिस कर सकता है क्यूंकि उसके पास काफी जगह है.सभी डांस ग्रुप वालों ने मेरे घर में संडे वाले दिन में डांस की प्रैक्टिस करने के लिए हामी भर दी और मेरा एड्रेस भी लिख लिया.
जब हम घर के लिए चले तो रति थोड़ी उदास लग रही थी.पूछने पर कुछ बोली नहीं लेकिन मैं समझ गया कि उसको मेरे घर में डांस वालों का प्रैक्टिस करना अच्छा नहीं लगा.कोठी पहुँच कर मैंने रति को उसके घर में छोड़ा और खुद अपनी कोठी में आ गया.
खाना खा कर उठे ही थे कि रति आ गई, आते ही बोली- सतीश, चलो डांस प्रैक्टिस शुरू करते हैं.मैं भी खुश हो गया और उसको लेकर मैं अपने कमरे में आ गया, वहाँ पहुँच कर रति ने मुझको होटों पर एक गर्म चुम्बन दे दिया और बड़ी ही कसी जप्फी में मुझको बाँध लिया.मैंने भी उसको आलिंगन में बाँध कर एक गर्म चुम्मी उसके होटों पर जड़ दी.
रति अब कॅाफ़ी बोल्ड हो चुकी थी, उसने बिना किसी हिचक के मेरे लौड़े को पैंट के बाहर से पकड़ लिया और उस पर धीरे धीरे हाथ फेरने लगी.अब मुझसे रहा नहीं गया, मैं भी उसके सख्त मम्मों को सहलाने दबाने लगा.
रति ने अब मेरे लंड को पैंट के बाहर निकाल लिया और उसके अकड़े हुए रूप को देख कर उसके मुंह से यकलख्त निकल गया- हाय माँ, कितना बड़ा है सतीश तुम्हारा तो?? उफ़्फ़ कैसे अंदर जाएगा यह साला? मेरी तो बड़ी टाइट है..
मैं बोला- रति, यह क्या कर रही हो? अभी कोई नौकरानी आ जायेगी?रति बोली- आ जाने दो किसी को भी, मैं तो आज तुमको चोद कर ही दम लूंगी.मैंने कहा- रुको, मैं नैना को बोल आता हूँ कि हम अपनी डांस प्रैक्टिस बिस्तर पर कर रहे हैं, तो किसी को अंदर नहीं आने दे.
मैं नैना के पास गया और उसको सारी बात बताई और पूछा- अब क्या करूँ?नैना बोली- वाह छोटे मालिक, आज चूत आपके सामने खड़ी है और आप घबरा रहे हैं? मैं आऊँ क्या?मैं बोला- नहीं, शायद रति तुम को देख कर झिझक जाए… तुम थोड़ी देर बाद अपने आप ही आ जाना. क्यों, यह ठीक है ना?नैना बोली- ठीक है, मैं दस मिन्ट बाद ही आ जाऊँगी.
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08-18-2021, 12:08 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
मैं अपने कमरे में लौटा और रति को अपनी बाहों में फिर से बाँध कर उसकी सलवार पर हाथ डाला.फिर जब उसकी सलवार को उतार दिया तो मैंने उसकी कमीज भी उतार दी और फिर उसकी ब्रा भी उतार दी, उसका दमकता हुआ नंगा बदन देख कर मैं एकदम कामुकता से भर गया और उसके मम्मों को चूसना और चूचुकों को मुंह में गोल गोल घुमाना शुरू कर दिया.
रति ने मेरी पैंट में हाथ डाला और उसको जल्दी से उतार दिया और फिर मेरी शर्ट भी उतार दी.अब मैं और वो आमने सामने नंगे खड़े थे और हम दोनों एक दूसरे के शरीर को देखने में व्यस्त हो गए.
रति का एक हाथ मेरे लंड पर था और वो उसको आगे पीछे कर रही थी जैसे मुठ मार रही हो.मैंने उसकी चूत में हाथ से महसूस किया तो वहाँ एकदम सूखा छाया हुआ था.यह देख कर मैं हैरान रह गया क्यूंकि रति की चूत में ज़रा भी गीलापन नहीं आया था.
फिर मैंने उसको पलंग पर लिटा दिया और उसकी संगमरमर जैसी जांघों के बीच में बैठ कर अपना मुंह उसकी सूखी चूत पर लगा दिया.मैं धीरे धीरे अपनी जीभ से रति की एकदम फ्रेश चूत को चाटने लगा और जीभ को उसकी चूत में डाल कर गोल गोल घुमाने लगा, फिर हल्के हल्के उसके भग को मुंह में लेकर गोल गोल घुमाने लगा लेकिन इस सारी प्रक्रिया के बाद भी रति की चूत में कोई गीलापन नहीं आया और ना ही उसमें कामुकता का वेग जगा!
मैं हैरान था कि ऐसा पहले तो कभी किसी लड़की या औरत के साथ नहीं हुआ था, जीभ और मुंह की चुसाई से लड़की फ़ौरन तैयार हो जाती थी और मुझको काम क्रीड़ा करने में कोई दिक्क्त नहीं आती थी लेकिन आज तो कमाल हो रहा था, इतनी देर की चूत चुसाई के बाद भी रति में काम क्रीड़ा के लिए कोई उत्सुकता नहीं दिख रही थी.
मैं अब उसके मम्मों के चूचुकों को भी चूसने लगा एक एक कर के, फिर भी कोई असर नहीं होता दिखा रति के शरीर में!मैंने रति से पूछा- रति क्या बात है? क्या तुम को चुदाई पसंद नहीं?रति कुछ बोले बिना फफक कर रोने लगी.
इतने में कमरे का दरवाज़ा खटका और नैना धीरे से कमरे में आ गई और रति एकदम चौंक कर अपनी सलवार को अपने ऊपर डाल कर अपने को ढकने लगी.नैना बोली- रति, घबराओ नहीं, मैं तुम्हारी नैना आंटी हूँ.
तब कहीं रति को तसल्ली हुई और फिर मैंने नैना को सारी कहानी सुनाई.नैना बोली- छोटे मालिक आप घबराओ नहीं रति को कुछ नहीं हुआ, वो जल्दी ही ठीक हो जायेगी.
मैं अभी भी घबरा रहा था, मैंने बड़ी मासूमियत से नैना से पूछा- यह क्या हो रहा है रति के साथ?नैना कुछ देर सोचते हुए बोली- छोटे मालिक, रति को भी एक तरह से एक बिमारी है, इस कारण कई औरतें काम क्रीड़ा के लिए ठंडी पड़ जाती हैं. इसको इंग्लिश में FRIGIDITY कहते हैं.
कहानी जारी रहेगी.

रति की समस्या का हल
नैना कुछ देर सोचते हुए बोली- छोटे मालिक रति को भी एक तरह से एक बिमारी है इस कारण कई औरतें काम क्रीड़ा के लिए ठंडी पड़ जाती हैं. इसको इंग्लिश में FRIGIDITY कहते हैं!
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08-18-2021, 12:08 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
यह कह कर नैना ने रति की चूत को बड़े ध्यान से देखना शुरू कर दिया. फिर उसने रति की चूत में अपनी दो उंगलिययों को डाल कर देखा और फिर उसकी भग का निरीक्षण किया.फिर नैना ने रति को उल्टा लिटा कर उसकी गांड का भी अच्छी तरह से निरीक्षण किया और फिर उसके पास बैठ गई और उससे पूछताछ शुरू की.
इससे पहले रति कुछ जवाब देती, नैना ने मुझको बाथरूम में नंगे ही भेज दिया ताकि वो उससे कुछ प्राइवेट बातें कर सके.

दस मिन्ट के बाद में मुझको बाहर आने को कहा और फिर बोली- देखो छोटे मालिक, रति अभी सेक्स के लिए तैयार नहीं है, उसकी पहले ट्रीटमेंट होगी और फिर मैं चेक करूंगी कि यह प्रेमालाप के लिए पूरी तरह से तैयार है या नहीं! और दूसरी बात यह है कि रति अभी सील बंद कुंवारी लड़की है, इसके साथ कुछ भी करने से पहले उसकी भाभी को सब बताना पड़ेगा. तो अभी कुछ दिन ठहर जाओ, फिर देखेंगे की रति सेक्स के लिए तैयार है या नहीं.
मैंने कहा- ठीक है, जैसे तुम कहो वही ठीक है, हम वैसे ही करेंगे.तब नैना ने रति से पूछा- अच्छा रति, यह बताओ क्या तुमने कभी किसी को सेक्स करते देखा है या नहीं?रति शर्माते हुए बोली- मैंने कभी किसी स्त्री पुरुष को सेक्स करते नहीं देखा, लेकिन हाँ, कुत्तों को आपस में करते हुए देखा है और एक दो बार गाँव में गाय के ऊपर सांड को चढ़ते देखा है.
नैना ने फिर रति से पूछा- क्या तुम किसी स्त्री पुरुष के बीच सेक्स होते हुए देखना चाहती हो?रति शरमा गई और फिर आहिस्ता से उसने हाँ में सर हिला दिया.नैना बोली- अगर मैं और छोटे मालिक आपस में तुम्हारे सामने सेक्स करें तो तुमको बुरा तो नहीं लगेगा?
रति का मुंह हैरानी से खुला का खुला रह गया और टूटे हुए शब्दों में बोली- आप दोनों?तब मैं बोला- सुनो रति, नैना मेरी टीचर है हर मामले में, जिसमें सेक्स भी शामिल है. वो मेरे बचपन से मेरे साथ है और उसकी निगरानी में बड़ा हुआ हूँ और सेक्स के दाव पेच सीखा हूँ. नैना मेरी हर मामले में खास उल ख़ास है, उसकी सलाह हर मामले में मेरे लिए बहुत ज़रूरी है.
रति बोली- लेकिन नैना आंटी आपकी सेक्स पार्टनर कैसे हो सकती हैं?मैं बोला- देखो रति, कामकला के बारे में जो नैना को पता है वो बड़े बड़े डॉक्टरों को भी नहीं पता होगा. उसने कई बाँझ औरतों को गर्भवती बनाने के लिए इलाज किया है और आज तक वो कभी फेल नहीं हुई है.
रति हैरान होकर बोली- तो क्या नैना आंटी मेरी भाभी को ठीक कर सकती हैं? क्या वो कभी माँ बन सकती हैं?नैना बोली- तुम्हारी भाभी मेरे पास इस बात का ही इलाज करवाने तो आती हैं. ईश्वर ने चाहा तो वो जल्दी ही माँ बन जायेंगी.रति खुश होकर बोली- अच्छा नैना आंटी, आपको विश्वास है ऐसा हो सकता है क्या?नैना बोली- देखो रति, हम लोग कोशिश कर सकते हैं, आगे सब तो ईश्वर के हाथ में है.
रति बोली- ऐसा हो जाये तो कितना अच्छा हो जाएगा. अगर नैना आंटी को कोई ऐतराज़ नहीं तो वो सतीश से सेक्स कर सकती हैं.नैना बोली- यह सतीश के साथ सेक्स हम दोनों सिर्फ तुम्हारे इलाज के लिए कर रहे हैं, क्यूंकि मैं समझती हूँ तुम्हारे अंदर सेक्स के बारे में काफी गलत धारणा बन चुकी है जिसको मिटाना बहुत ज़रूरी है, वरना तुम सेक्स से हमेशा से डरती रहोगी और तुम्हारा सारा जीवन बेकार हो जायेगा.
रति बोली- अगर सेक्स का काम सिर्फ मेरे इलाज के सिलसिले में कर रहे हो, तो वो ठीक है. आप दोनों एक दूसरे से प्यार कर सकते हो और यह देख कर मुझे बहुत ही ख़ुशी होगी.मैं रति से बोला- अब तुम नैना आंटी के कपड़े उतारो और फिर देखना कि हम कैसे एक दूसरे को कामकला के लिए तैयार करते हैं.
रति ख़ुशी ख़ुशी नैना के कपड़े उतारने लगी और नैना भी इस मौके का फायदा उठाते हुए रति के खूबसूरत लेकिन कुंवारे शरीर के साथ खेलने लगी.रति ने नैना का ब्लाउज उतारा तो नैना ने रति के मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और उसके निप्पलों को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और साथ में एक हाथ उसकी चूत पर फेरना शुरू कर दिया.
अब रति ने नैना की ब्रा को उतार दिया तो नैना ने रति की नाभि में अपनी जीभ डाल दी और उसको गोल गोल घुमाने लगी. उसके ऐसा करने से रति में थोड़े आनन्द की लहर दौड़ गई तो नैना ने उसकी भग को रगड़ना जारी रखा और साथ ही उसकी नाभि में जीभ को घुमाना जारी रखा..
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08-18-2021, 12:08 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
रति ने अब नैना की साड़ी उतार दी और उसके पेटीकोट के नाड़े को पकड़ा ही था कि नैना ने रति के होटों पर अपने गर्म होंट रख दिए और अपनी जीभ को उसके मुंह में डाल कर रति की जीभ से खेलने लगी.रति ने अब नैना की साड़ी भी उतार दी और जैसे ही नैना अल्फ नंगी हुई तो रति के मुंह से हाय निकल गया.
रति कुछ शर्माते हुए बोली- वाह नैना आंटी, आपका शरीर तो बहुत ही सुंदर है, अब से मैं आपको नैना आंटी नहीं बोलूंगी क्योंकि आप का शरीर बहुत ही जवान और सुन्दर लग रहा है बिल्कुल मेरे जैसा.यह कह कर रति भी नैना के मुम्मों को चूसने लगी और उसके गोल चूतड़ों को मसलने लगी.
अब मुझसे यह सब नहीं देखा गया और मैं भी जंग के मैदान अपने खड़े लौड़े को लेकर कूद पड़ा.मैं भी रति के पीछे खड़ा होकर अपने लौड़े से उसकी गांड को छूने लगा और कभी थोड़ा सा लंड गांड के अंदर डालने की कोशिश करने लगा लेकिन रति गांड के एक झटके से मेरे लंड को हटा देती.
फिर नैना रति को साथ लेकर बिस्तर पर लेट गई और मैं नैना के साथ लेट गया.नैना की चूत पर हाथ लगाया तो वो एकदम गीली हो चुकी थी और अब मैंने रति के हाथ को नैना की चूत पर रख दिया और उसको नैना की गीली चूत का अहसास करवाया.
नैना ने एक हाथ से रति की चूत को हाथ लगा कर देखा तो उसमें थोड़ा सा गीलापन आ रहा था.अब नैना ने मेरी तरफ देखा और आँख मार कर इशारा किया कि मैं चुदाई शुरू करूँ.
नैना सीधी टांगें सिकोड़ कर लेटी थी और मैं नैना की टांगों के बीच बैठ कर अपने लंड को नैना की चूत के मुंह का निशाना लगाया और एक धक्के में अपने मोटे लौड़े को अंदर धकेल दिया.लंड के गीली चूत में प्रवेश पर एक हल्की सी सिसकारी नैना के मुंह से निकली और उसने अपनी टांगें उठा कर मेरी कमर के चारों और घेर कर रख दी.
मैंने चोर नज़रों से रति को देखा, वो बड़े ध्यान से चूत और लंड का यह खेल देख रही थी और अपने हाथ से मेरे चूत के अंदर जाते हुए लंड को फील कर रही थी.ऐसा करते हुए उसके चेहरे के भाव देखने लायक थे, वो ऐसा दिखा रही थी वो कि जैसे उसको भी लंड का चूत में अंदर जाने से पूरा आनन्द आ रहा था.
नैना ने अब मुझको इशारा किया और मैं रुक गया चुदाई करते हुए और नैना को घोड़ी बना दिया और पुनः लंड को उसकी उभरी हुई गीली चूत में डाल दिया और रति को इशारे से समझाया कि वो देखे कैसे घोड़ी की चुदाई होती है.
रति अब अपने आप हमारे बहुत ही निकट आ गई और बड़ी तल्लीनता से चुदाई का यह काण्ड देखती रही.नैना ने रति का एक हाथ मेरे लौड़े पर रख दिया और रति ने उसको गोल कर दिया और मेरा लंड को उसके बीच में से नैना की चूत में आते जाते महसूस करवा दिया.
मैंने पूरा ध्यान नैना की चुदाई में केंद्रित कर दिया और उसकी चूत में नैना के छूटने के आसार देख कर मैंने रति को नैना की चूत पर हाथ रखने को कहा ताकि वो महसूस कर सके कि कैसे चूत से पानी छूटता है.
नैना का जब छूटा तो वो बड़े ज़ोर से हुंकार भरने लगी और उसकी चूत में से पानी का फव्वारा छूट पड़ा जो रति ने अपने हाथ में ले लिया.अब नैना बिस्तर पर पूरी लेट गई और उसने रति को अपने साथ सीधे लिटा लिया और तब मैंने रति की टांगें चौड़ी करके उनके बीच में बैठ गया और अपने लंड को रति की चूत के मुंह पर रख कर हल्के हल्के अंदर बाहर करने लगा.
लंड की सिर्फ टिप ही अंदर जा रही थी जिससे रति की चूत में अपने आप कुछ और ज़्यादा गीलापन आना शुरू हो गया.मैंने तीन चार बार ही ऐसा किया कि रति अपनी कमर नीचे से उठाने लगी और मेरे लंड को पूरा अंदर जाने के लिए उकसाने लगी.लेकिन नैना ने मुझको रोक दिया और कहा- अभी कुछ मत करना, कल इसकी भाभी से सलाह करके ही आगे बढ़ेंगे.

कहानी जारी रहेगी.
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08-18-2021, 12:09 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

रति की कुंवारी चूत का शीलभंग


मैंने तीन चार बार ही ऐसा किया कि रति अपनी कमर नीचे से उठाने लगी और मेरे लंड को पूरा अंदर जाने के लिए उकसाने लगी लेकिन नैना ने मुझको रोक दिया और कहा- अभी कुछ मत करना, कल इसकी भाभी से सलाह करके ही आगे बढ़ेंगे.
अगले दिन हम फिर कॉलेज साथ साथ ही बाइक पर बैठ कर गए.डांस रिहर्सल में रति फिर पूरे जोश से मेरे साथ चिपक कर डांस कर रही थी और दूसरी लड़की सलोनी (लोनी) भी बार बार मेरे निकट आने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं काफी सम्भल गया था तो उसको ज़्यादा भाव नहीं दे रहा था.
फिर डांस टीचर के कहने पर मैंने लोनी और 2 अन्य लड़कियों के साथ मिल कर डांस किया और लोनी ने फिर मेरे लंड और चूतड़ों पर हाथ फेरने की कोशिश की, मैंने भी उसको रोका नहीं.डांस के दौरान दो अन्य लड़कियाँ भी मेरे करीब आने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं उनको कोई मौका ही नहीं दे रहा था.

अगले दिन रविवार था, तकरीबन 6 जोड़ों ने मेरी कोठी में डांस प्रैक्टिस के लिए हामी भर दी थी और हमको यह प्रैक्टिस दोपहर 3 बजे से शुरू करनी थी.जब मैं रति को लेकर घर पहुँचा तो नैना बोली- रति को उसके घर में ही छोड़ दो, क्यूंकि उसकी भाभी उस का इंतज़ार कर रही है.
घर वापस आने पर नैना बोली- खुशखबरी है, भाभी ने रति की सील तोड़ने की अनुमति दे दी है और वो स्वयं भी प्रेग्नेंट हो गई है और बड़ी खुश लग रही थी.मैं भी खुश होकर बोला- चलो, अच्छा है, भाभी की मुराद पूरी हो जाए तो अच्छा है लेकिन यह बात रति को नहीं पता चलनी चाहिए, क्यूंकि अगर उसको पता चल गया तो भाभी और आने वाले बच्चे के लिए उसके मन में इज़्ज़त और प्यार कम हो जाएगा.नैना बोली- वाह छोटे मालिक, कभी कभी आप बहुत ही सुलझे हुए विचार बताते हैं.
मैं बोला- वो तो ठीक है नैना रानी लेकिन कल हमारे बंगले में 10-12 कॉलेज के छात्र आने वाले हैं डांस प्रैक्टिस के लिए… उनके स्वागत में कुछ कमी नहीं रहनी चाहिए. शाम का वक्त होगा तो उनके लिए चाय नाश्ते का ही इंतज़ाम करना होगा.
नैना मेरे पास आ कर मुझ को बड़ी ही कामुक जफ़्फ़ी डाली और बोली- आप बेफिक्र रहो मेरे आका, यह बांदी आपके हुक्म की ग़ुलाम है, पता नहीं आज आप मुझको बहुत ही सुंदर और कामुक लग रहे हो, जी चाहता है कि आप को चोद दूँ.मैं बोला- तो देख क्या रही हो? चोद दो ना!
नैना थोड़ी सीरियस होते हुए बोली- आज तो रति की चुदाई का समय फिक्स किया है ना… अभी आप थोड़ी देर आलखन कर लो, फिर बाद में आपको काफी काम करना है. मैं रति को पीने के लिए एक दवाई उसकी भाभी को देकर आई हूँ. देखो, उसका क्या नतीजा निकलता है?मैं बोला- कोई ख़ास किस्म की दवाई है क्या?नैना बोली- हाँ छोटे मालिक, यह दवाई पीने के बाद हर औरत और जवान लड़की में फ़ौरन उबाल आ जाता है और वो बहुत ज़्यादा ही कामातुर हो जाती है! देखो रति को क्या होता है?
हम ये बातें कर ही रहे थे कि रति तकरीबन भागते हुए हमारी बैठक में दाखिल हुई और आते ही मुझ को बड़ी ही टाइट जफ़्फ़ी डाल दी और अपने शरीर के सारे अंग मेरे शरीर से रगड़ने लगी.मैं कहता ही रहा ‘यह क्या कर रही हो रति?’ लेकिन वो तो बिल्कुल बहरी हुई मुझसे और भी ज़्यादा ही चिपकने लगी और मुझको धकेलते हुए वो मेरे कमरे में ले गई.
वहाँ पहुँचते ही रति ने पागलों की तरह से मुझ को चूमना शुरू कर दिया, कभी होटों पर और कभी गालों पर और कभी गर्दन पर.फिर रति का ध्यान मेरे कपड़ों की तरफ गया और वो जल्दी जल्दी मेरे कपड़े उतारने लगी और एक मिनट में ही उसने मुझको अंडरवियर तक नंगा कर दिया और नीचे बैठ कर उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाला और जैसे ही उसको नीचे किया उसमें से उछलते हुए लौड़ा उसके मुंह की ओर लपका लेकिन मैंने ऐन वक्त पर अपने शरीर को पीछे कर लिया ताकि नई दुल्हनिया को चोट ना लगे.
रति ने झट से लोहे की सलाख के समान अकड़े हुए और लाल सुर्ख हुए लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसको बेतहाशा चूसने लगी.नैना यह सब देख कर एकदम दंग रह गई क्यूंकि उसको कतई यह उम्मीद नहीं थी कि रति ने जो दवाई पी थी, उसका इतना गहरा असर होगा इतनी जल्दी.
नैना ने रति को पकड़ा और उसके कपड़े उतारने लगी और रति पूरी तरह से अपने को नंगा करने में नैना की मदद कर रही थी.लेकिन नैना ने रति को कस कर पकड़ा हुआ था और वो उसको धीरे धीरे बिस्तर की तरफ ले गई, उसको लिटा दिया और उसकी चूत में उंगली डाल कर रति के गीलेपन की जानकारी लेने की कोशिश करने लगी.
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08-18-2021, 12:13 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
यह करके नैना उठी और मुझको आँख मारी- रति तैयार है तुम्हारे लिए!.
अब मैं आगे बढ़ा और रति के लबों पर एक अत्यंत कामुक चुम्मी दे डाली और उसकी बगल में चित लेट गया और झट एक हाथ रति की चूत में डाला.और यह देख कर मैं हैरान हो गया कि रति की चूत एकदम लबालब पानी से भरी हुई थी और रति अपने चूतड़ों को उठा उठा कर अपनी कामुकता का प्रदर्शन कर रही थी.
मैंने नैना की तरफ देखा तो उसने जल्दी से रति की चूत के अंदर और बाहर बहुत ज़्यादा कोल्ड क्रीम लगा दी और रति के चूतड़ों के नीचे एक तौलिया भी बिछा दिया ताकि रति की चूत से निकलने वाले खून से चादर खराब ना हो.
ये सब तैयारी के बाद नैना ने फिर इशारा किया और मैंने झट रति की टांगों के बीच बैठ कर अपने लंड को रति की गरम चूत के मुंह पर रख दिया, एक हल्का धका लंड का मारा और उसकी टिप चूत में बिना किसी रुकावट के चली गई.रति नीचे से अपने चूतड़ों को ऊपर उठा कर लंड को पूरा अंदर लेने के लिए अधीर हो रही थी. लेकिन नैना की ट्यूशन के मुताबिक कुंवारी चूत में लंड को डालने की कभी जल्दी नहीं करनी चाहिए, धीरे धीरे चूत को मनाते हुए, उसको फुसलाते हुए लंड को अंदर प्रवेश करवाने का काम ही ठीक ढंग का माना जाता है. (वात्स्यायन लिखित काम शास्त्र पृष्ठ संख्या 110 के अनुसार)
जैसे ही लंड मैंने फिर से अंदर डाला तो उसको आगे रुकावट का सामना करना पड़ा और अब मैंने धीरे धीरे लंड का प्रेशर चूत के अंदर स्थित झिल्ली पर डालना शुरू किया और दो तीन धक्कों में छर से अंदर कुछ फटने की हल्की सी आवाज़ आई और रति एकदम दर्द से कराह उठी लेकिन नैना ने उसको कस कर बिस्तर पर लिटाये रखा.
मैंने भी धक्के मारने रोक दिया और लंड को चूत की तह तक डाले हुए ही मैं रति के ऊपर लेटा रहा.फिर जब रति का कांपना थोड़ा कम हुआ तो मैंने धक्कों की स्पीड आहिस्ता से बढ़ा दी और धीरे धीरे नार्मल स्पीड पर आ गया और अब रति के चेहरे पर मुस्कान आने लगी और उसको चुदाई का मज़ा आने लगा.
हालाँकि रति की चूत से काफी खून गिरा था झिल्ली के फटने से लेकिन नैना वो साथ ही साथ साफ़ कर रही थी और मेरा लंड भी उसने चुदाई के दौरान ही साफ़ कएर दिया था.
मैं अब इस कोशिश में था कि रति का एक दो बार छूट जाए तभी हमको तसल्ली होगी कि रति की बिमारी कुछ ठीक होती दिख रही है या नहीं.इस लिए मैं अपनी सारी काम कला के ज्ञान को इस्तेमाल करते हुए रति को कभी धीरे और कभी तेज़ चोदने की कोशिश करने लगा और जल्दी ही इन कोशिशों के कारण रति बहुत आक्रामक तरीके से अपनी चरम सीमा पर पहुंची.
जैसे ही वो छूटने वाली हुई तो उसने मेरे होटों को अपने लबों में लेकर ज़ोर से दांतों से मुझको काट लिया और मैं बिलबिला कर चिल्ला पड़ा और छूटने के बाद रति को अपनी गलती का अहसास हुआ तो वो मुझसे माफ़ी मांगने लगी और साथ ही उसने मेरे लबों को चूम चूम कर खून को साफ कर दिया और फिर मुझ से बड़ी गहरी जफ़्फ़ी डाल दी.
तब नैना ने रति को मुझसे अलग किया और हम दोनों साथ साथ लेट गए और रति ने लेटते ही मेरे लंड पर कब्ज़ा किया. वो उसके साथ मज़े मज़े से खेल रही थी, कह रही थी- वाह यार लंडम लाल, ज़िंदगी का मज़ा दे दिया मुझ कुंवारी कन्या को! मेरी चूत का तो हलवा बना ही लेकिन जो आनन्द तुमने दिया है वो ब्यान नहीं किया जा सकता. फिर कब करोगे मोहन प्यारे?
रति की बातें सुन कर नैना और मैं हंसी के मारे लोटपोट हो रहे थे.मैं भी रति की सिल्की बालों से भरी चूत के बालों से खेलता रहा.
कोई दस मिन्ट के खेल के बाद ही रति फिर चुदाई के लिए ज़िद करने लगी और मैं नैना के इशारे पर फिर उसको चूमने लगा और उसके मम्मों को चूसने के बाद ही उसकी चूत में हाथ लगाया तो वो फिर बेहद पनिया रही थी.
अब नैना ने रति को घोड़ी बनाया और मैंने उसके पीछे बैठ कर लंड को चूत के अंदर डाला तो वो बहुत अधिक टाइट महसूस हुई और बड़ी मुश्किल से लंड को अंदर घुसेड़ पाया.रति भी ‘आह उह…’ कर रही थी क्यूंकि चूत के अंदर से छिल गई थी और मेरे लंड पर भी खराशें पड़ गई थी लेकिन मैं भी दर्द बर्दाश्त करते हुए रति को बड़े प्यार से हल्के हल्के धक्कों से चोदने लगा.
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08-18-2021, 12:13 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
कोई दस मिन्ट के खेल के बाद ही रति फिर चुदाई के लिए ज़िद करने लगी और मैं नैना के इशारे पर फिर उसको चूमने लगा और उसके मम्मों को चूसने के बाद ही उसकी चूत में हाथ लगाया तो वो फिर बेहद पनिया रही थी.
अब नैना ने रति को घोड़ी बनाया और मैंने उसके पीछे बैठ कर लंड को चूत के अंदर डाला तो वो बहुत अधिक टाइट महसूस हुई और बड़ी मुश्किल से लंड को अंदर घुसेड़ पाया.रति भी ‘आह उह…’ कर रही थी क्यूंकि चूत के अंदर से छिल गई थी और मेरे लंड पर भी खराशें पड़ गई थी लेकिन मैं भी दर्द बर्दाश्त करते हुए रति को बड़े प्यार से हल्के हल्के धक्कों से चोदने लगा.
रति को अब बहुत ही अधिक आनन्द आने लगा और वो अस्फुट शब्दों में कह रही थी- सतीश यार फाड़ दे इस साली चूत को, बहुत ही तंग करती थी मुझ को ! ज़ोर के धक्के मार मेरे लंडम लाल… उफ़, मैं फिर मर रही हूँ… ओह्ह्ह मैं गई रे… ओह्ह्ह… कुछ छूटा अंदर से? आअहाअ!यह कहते हुए रति अपने सर को इधर से उधर मारने लगी और उसकी गांड ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड पर आगे पीछे होते हुए मेरे पेट से टकराने लगी.

और फिर रति के मुंह से एक ज़ोर से हुंकार निकली और उसकी चूत के अंदर खुलना और बंद होना शुरू हो गया.फिर रति बिस्तर पर ढेर हो गई और मैं भी उसके साथ लेट गया.मेरा लंड अभी भी तन्ना खड़ा था जिसको देख कर रति थोड़ी हैरान हो रही थी और साथ में खुश भी हो रही थी.नैना के इशारे पर मैं बिस्तर से उठा और अपनी सफाई की और कपड़े पहन कर बाहर बैठक में आकर बैठ गया.
थोड़ देर बाद उर्वशी भाभी भी आ गई बैठक में और आते ही उसने मुझको एक कसके जफ्फी मारी और एक हॉट किस भी मेरे होटों पर जड़ दी और मैं भी उसके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा.गोल और सॉलिड चूतड़ थे भाभी के, और जब वो निर्वस्त्र होती थी तो वो एकदम ख़ूबसूरती का मॉडल लगती थी..
मेरा बैठा हुआ लंड फिर खड़ा होना शुरू हो गया और भाभी ने मेरी पैंट में उभरते हुए लंड को पकड़ लिया, उसके साथ खेलने लगी.तभी नैना थोड़ा ज़ोर से बोली- छोटे मालिक, रति के लिए कोकाकोला तो गिलास में डाल लो, वो बड़ी प्यासी हो रही है.
मैं और भाभी फ़ौरन संभल गए और कुछ समय बाद ही रति और नैना बैठक में आ गए लेकिन भाभी को देख कर रति एकदम शरम से लाल हो गई और दौड़ कर भाभी से लिपट गई.
उर्वशी भाभी ने उसको गले लगाया और उसके कान में चुपके से कहा- क्यों री? काम हो गया तेरा?रति ज़रा और शरमा गई और हाँ में सर हिला दिया और फिर आकर मेरे पीछे खड़ी हो गई.हम सब कोक पीने लगे और छोटी मोटी बातें करने लगे.
तब मैं बोला- कल हमारी कोठी में कॉलेज के डांस ग्रुप का डांस रिहर्सल है, शाम को काफी रौनक रहेगी. रति ने भी आना है क्यूंकि वो तो हमारे कॉलेज ग्रुप की जान है उर्वशी भाभी!भाभी यह सुन कर बहुत खुश हुई.
फिर नैना उर्वशी भाभी को लेकर कमरे में चली गई और दस मिन्ट बाद जब वापस आई तो उर्वशी भाभी बहुत ही खुश थी.मेरे को देख कर नैना ने भी हाँ में सर हिला दिया और मैं समझ गया कि नैना ने उर्वशी भाभी की दोबारा जांच की है, प्रेग्नेंट होने की खबर पक्की है.
थोड़ी देर बाद भाभी और रति अपने घर लौट गई और मैं जल्दी से अपने कमरे में पलंग पर लेट गया क्यूंकि मुझको लंड में काफी दर्द हो रहा था.जब नैना कमरे में आई तो मुझको इस तरह लेटे देख कर वो मेरे पास आई, पूछने लगी- क्या बात है छोटे मालिक? क्या कुछ तकलीफ है आपको?
मैं बोला- हाँ नैना, मुझ को मेरे लंड पर काफ़ी दर्द महसूस हो रहा है, शायद चुदाई में लगी रगड़ ज़्यादा ही गहरी हो गई थी?नैना आगे बढ़ कर मेरी पैंट को नीचे सरका कर लंड को देखने लगी.लंड जो बैठा हुआ था धीरे धीरे से फिर अकड़ने लगा.
नैना ने देख कर कहा- रुको छोटे मालिक, मैं अभी इस पर एक मलहम लगा देती हूँ, जल्दी ही ठीक हो जाएगा.नैना के मलहम लगाते ही मेरा दर्द कम होना शुरू हो गया.मलहम लगा कर नैना जाने लगी तो मैंने पूछा- भाभी का गर्भ ठीक है ना?
नैना बोली- कसम से छोटे मालिक, आपके अंदर पैदा होने वाले कीड़े एकदम मस्त और ताकतवर हैं, आज तक कोई नहीं बची जो आपके कीड़ों के हमले से गर्भवती ना हुई हो! आप चाहें तो सैकड़ों बच्चो के बाप बन सकते हो!मैं कुछ हैरान होकर बोला- ऐसा क्या है मेरे स्पर्म में नैना?
नैना बोली- जो मैंने आयुर्वेदिक पुस्तकों और यूनानी चिकत्सा पुस्तकों में पढ़ा है उन सबने केवल इसी बात पर ज़ोर दिया है कि स्त्री के अण्डों और पुरुष के स्पर्म के मिलन से ही बच्चा उत्पन्न होता है और यह बात सदियों से मानी जा रही है और इस बात का सबूत अब विदेशी चिकत्सा पद्धति में हो रही खोज में पूरी तरह से मिल रहा है.मैं तो अपनी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार ही केवल नब्ज़ देख कर ही अंदाजा लगा लेती हूँ कि कोई स्त्री गर्भवती हुई या नहीं जबकि एलोपैथिक चिक्तिसा पध्दति के अनुसार यह बात गर्भ ठहरने के एक महीने बाद ही पता चलती है जब स्त्री का मूत्र टेस्ट किया जाता है.लेकिन जब आपके स्पर्म का मैंने लैब में टेस्ट करवाया था तो लैब के टेक्नीशियन यह देख कर हैरान रह गए थे कि आपके कीड़े बड़े ही शक्तिशाली और तीव्र गति वाले हैं जो बहुत ही कम दिखाई देता है. यही कारण है आपके द्वारा वीर्यदान एकदम सक्षम होता है किसी भी तंदरुस्त स्त्री को गर्भवती बनाने में! जय हो छोटे मालिक.
मैं केवल मुस्करा दिया और करवट बदल कर सोने की कोशिश करने लगा.

कहानी जारी रहेगी.
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