RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 49
उसके जाने के बाद चाची को पता नहीं क्या हुआ, उन्होंने मुझसे कहा की रेशु तुम अपने गीले कपडे ही पेहन लो अब हम घर चलते हे.
फिर में भी समझ गया की चाची अब सैटिस्फाइड न होने से फ्रस्टेड और एक्साइट दोनों हो चुकी हे, तो मैंने भी फ़टाफ़ट से कपडे पेहन लिए और बिना चाची की और देखे में सीधा क्लिनिक से बाहर निकल गया और चाची के आने की वेट करने लगा.
थोड़ी ही देर में चाची बाहर आई और लॉक करके जैसे वो दो स्टेअर निचे उतरि की एक बार फिर से बारिश होने लगी,
काफी देरी हो रही थी, लेकिन फिर से वो ऊपर चड़ने लगी तो मैंने कहा की
"चाची बारिश तो आती रहेंगी और वैसे भी बड़ा लेट हो चुक्का हे तो चलो अब घर चलते हे".
चाची को भी यह मुनसिब लगा और वो भी मेरे साथ आ कर बारिश में भिगने लगी.
हम दोनों अब घर आ रहे थे, काफी अँधेरा हो चुक्का था और रास्ते पर कोई भी नहीं दिख रहा था रस्ते भर चाची ने मेरे से बात नहीं की और वो काफी जल्दी में भी लगी,
पूरे रस्ते वो मुझसे आगे आगे चल रही थी, में अब पढ़ नहीं पा रहा था की चाची को आखिर डिस्टर्ब किसने किया मेरे लंड ने या फिर मेरे सामने उस औरत की बातों ने.
लेकिन एक बात क्रिस्टल क्लियर थी की चाची को मैंने एप्रोच किया तो चाची को चोदा जा सकता हे,
शायद थोड़ा सा नाटक या थोड़ी जबरदस्ती करनी पडे,
लेकिन चाची १०० % पटेगी. फिर हम घर पहुंचे और मैंने रस्ते में चाची को परेशान नहीं किया, या फिर यूँ कहिये चाची ने मुझे यह मौका ही नहीं दिया की में कोई बात छेडू, क्यूँकि वो खुद काफी परेशान थी.
शायद उनके लिए यह फर्स्ट टाइम था की वो किसी एम्ब्रासमेन्ट वाली सिचुएशन में थी, लेकिन मेरे लिए नहीं था इसीलिए मुझे ये पता था की थोड़ा टाइम वो खुद को देगी तो सच में ठीक हो जायेगी और ऐसा ही हुआ,
हम घर पहुंचे और फ्रेश हो गये, और में जब बाथरूम में से बाहर आया तो चाची अब शायद ठीक लग रही थी, पर इतने में चाची को एक कॉल आया, वो चाचा का था और उन्होंने कहा की वो शायद एक घंटा लेट हो जाएंगे, बारिश की वजह से उनकी कार बिगड गयी हे, तो चाची ने कहा की चलो रेशु खाना निपटा लेते हे, तुम्हारे चाचा को आने में वक़्त लगेगा, में भी रेडी हो गया और हम खाना खाने बैठे.
हम खाना खा रहे थे और में चाची के ख़यालों में ही खोया हुआ था पता नहीं क्यों पर दोपहर को जो मैंने मन बनाया था उसी पे से मैंने मन बदल लिया और में अब चाची के साथ सेक्स के बारे में सोचने लगा.
मैं चाची के बॉब्स को ही स्टेर कर रहा था और मस्त मस्त रेड लिप्स को बॉस चाची ने मुझे दो तीन बार पक़डा, पर कुछ बोली नहीं वो बस अपना डिनर करती रही, में भी खाना खा रहा था पर अचानक मैंने देखा तो चाची का पल्लू सरक गया था और अब तो और भी क्लीवेज दिख रहा था बॉस मेरे तो हाथ ही रुक गये, डिनर करते करते, दो सेकंड के लिए तो में देखता ही रहा और फिर चाची ने मेरी और देखा और मैंने सट से अपना फेस थाली में लगा दिया, लेकिन चाची मुझे दो तीन बार पकड़ चुकी थी, अब चाची ने अपना पल्लू ठीक किया और में खाना खाने लगा, लेकिन अब में यह सोच रहा था की आखिर चाची का पल्लू अपने आप सरका कैसे..
कहिं चाची मुझे तो सिड्यूस नहीं करना चाहती..? फिर हमने जैसे तइसे खाना निपटाये और अपने रूम में सोने के लिए जाने लगे,
पर चाची अब तक शाम के इंसिडेंट के बारे में कुछ बोल नहीं रही थी, तो मैंने सोचा की चलो में ही बात शुरू करू, शायद चाची भी मेरी ही पहल चाहती हो.
फिर हम अपने अपने रूम में जाने लगे और मैंने डिसाइड किया की अगर अभी नहीं बात की तो मौका चला जायेगा और फिर उतनी इम्पैक्ट नहीं रहेगि, तो में जैसे अपने रूम में गया था की चाची के पीछे पीछे उनके रूम में गया, चाची अपने बाल सवार रही थी और उन्होंने मुझे अपने रूम में देखते ही कहा
“कहो रेशु..कुछ काम हे...?
“अम्म..चाचि आपसे एक बात करनी थी”.. मैंने चाची के सामने नहीं देखा यह कहते वक़्त.
“हा..बोलो न क्या कहना हे”.
“वो ..चाचि आई ऍम सॉरी.सॉरी चाची”
“सॉरी...सॉरी किसके लिए.?
“वो चाची शाम वाले इंसिडेंट के लिये, मेरी वजह से आप उस औरत के सामने खुल के बात नहीं कर पा रही थी..
अब शरमाने की बारी छोटी चाची की थी, वो थोड़ा सा अनकंफर्टबले फील कर रही थी पर शायद अब वो शाम के मुक़बले ठीक थी.
उन्होंने कहा
“रेशु इसमें तुम्हे सॉरी कहने की कोई जरूरत नहीं हे, इसमें तुम्हारा कोई क़सूर नहीं हे,
वैसे भी वो अपनी ही गाँव की हे तो में उसे बाद में समझा दूंग़ी और रही तुम्हारी बात तो तुम्हे थोड़ी पता था उसके आने के बारे में, इसीलिए आराम से सो जाओ अब..
चाची ने सारा ब्यौरा दे दिया. लेकिन कहीं सेक्स के बारे में कोई जिक्र नहीं किया.
“चाची और एक बात पुछू..?
“एक काम करो आराम से बेड पर बैठ जाओ और पुछौ”. चाची को ऑफकोर्स मेरी कंसर्न थी.
“चाची.. क्या वो औरत सही कह रही थी..? क्या थोड़ीउमर के बाद वाकई मर्द लोग वो नहीं कर पाते?
मैं चाची के ठीक सामने बैठा था और चाची मेरी और देख रही थी और में पता नहीं निचे देखकर क्यों बात कर रहा था
“रेशु तुम्हे इन सब बातों के बारे में अभी जानने की कोई जरूरत नहीं हे,
तुम अभी जाओ और अभी बस अपनी पढाई के बारे में सोचो.. इतने में चाचा की कार का हॉर्न सुनाइ दिया और चाची एक दम से खड़ी हो गयी और मुझसे कहा,
“रेशु अभी तुम जाओ, हम बाद में बात करेंगे”.
मै उठकर अपने रूम में आ गया और चाची चाचा को खाना खिलने लगी, में अपने रूम में यह सोच रहा था की साला यह तो मुश्किल हो गया,
साला जिस चाची को में पटाना आसान समझ रहा था वो तो बड़ी मुश्क़िल टेढ़ी चीज़ लग रही थी अभि, और जिस दीदी के बारे में में हार्ड समझ रहा था वो दो ही दिन में पट गयी.
फिर अपने आप से कहा, बॉस चाची को पटाना मुश्क़िल तो पड़ेगा, पर फिर अपने आप से ही एक चैलेंज भी हो गयी, की अब तो चाची को पटाना ही पडेगा.
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