RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
छोटी चाची घर में आयी, और घर में आ के सोफ़े पे बैठी और अब उन्हें शर्म आ रही थी, बात करने में, क्यूँकि जब में वहा से निकला तो वो गुस्सा थी, लेकिन अब तो गुस्सा पिघल चुका था पर अब वो चाहती थी की में उन्हें मनाने जाऊ. पर अब में थोड़ा सा रिजर्व हो चुका था में अब कोई आगे से हरकत नहीं करेवाला था. अब अगर वो शुरुआत करें तभी में कुछ करुँगा और वो भी अपनी मरजी से, अरे यार हाद हे..एक तो इन्हे मनावो, फिर सेक्स के लिए राज़ि करो, और फिर सेक्स करने के बाद वो ऊपर से गुस्सा भी करें.कब तक सहन करूंगा..
ये सोच के मैंने चाची का वेलकाम किया, फ़ोन पे तो बड़े आराम से बात कर रही थी, पर अभी कुछ बोल नहीं रही थी. कोई भी बात नहीं की, उन्होंने और फिर रात को डिनर निपटा के छोटी चाची ने बड़ी चाची से कुछ बात की और बड़ी चाची ने मुझसे कहा, की रेशु छोटी चाची तेरे साथ सोयेंगी, और मैंने उनका सामान अपने साथ ले लीया. रात में में अपने कामरे में था और चाची काम निपटा के मेरे रूम में आयी.
“रेशु..केसी चल रही हे पढ़ाई...?
“ठीक हे चाची...”
उन्होंने कैजुअल पुछा तो मैंने भी ऐसे ही जवाब दे दिया.
फिर उनसे रहा नहीं गया, में जानता था की अब उनके बर्दाश्त करने की लिमिट आ गयी हे, तो उन्होंने भी बेशर्म बन के पूछ ही लिया, लेकिन वो भी इनडायरेक्ट..
“नाराज़ हो...? मैंने उनकी और देखा, और सोचा की क्या कहूं, सच सच कह दू या फिर बात को घुमा दुं, पर में भी साफ़ साफ़ कह दिया,
“पहले आप बतओ..आप नराज़ हो.? मैंने भी उनके सवाल का जवाब सवाल से दिया.
“में..में क्यों भला नराज़ होने लगी...? उन्होंने साफ़ कर दिया की वो मेरी हरकत से नाराज़ नहीं हे, तो मैंने भी उनसे कहा
“तो में भी नराज़ नहीं हू... बातों की इस हेरा फेरी को अब चाची से सहा नहीं जा रहा था तो उन्होंने और भी सीधे सीधे पूछा.
“रेशु, में जिस के बारे में पूछ रही हू, तुम वहीँ बता रहे हो ना...
“हाँ चाची आप जो पूछ रही हे, में समझ रहा हूँ और में भी सीधे सीधे कह रहा हू..पर जब तक आप कुछ नहीं कहेंगी या करेंगी, में आपके ही स्टाइल में आपको फॉलो करूंगा..”
अब चाची को पता चल गया की में नराज़ तो नहीं हू, पर हाँ शुरुआत में नहीं करूंगा.
तो चाची ने मेरे हाथ से किताब ले ली और उठ के साइड में टेबल पे रख दि, और फिर रूम के दरवाजे और खिड़कियाँ बंद कर दि, और फिर से मेरे साथ मेरे बेड पे आ गयी, और मेरे पास बैठ के मेरे कान में कहा.
“रेशु..प्लीज बेगिन मि,आई वांट यु...”
फिर वो मेरी और और भी आ गयी और मेरे लिप्स को अपने लिप्स से भर दिया..
“आहह… अब उनके साथ सेक्स में और भी मज़ा आ रहा था उनके किस करने से पता चल रहा था की वो कितनी पैशनेट थी,या फिर यूँ कहो की मेरे साथ सेक्स करने के लिए.फिर मैंने चाची को अपने ऊपर से हटा के अपने निचे ले लिया और में भी मस्ती से उन्हें किस करने लगा.दोस्तों अब ऐसा सोच ही लिया था की सामने से बस एक दो बार ट्राय करने का..फर गरज़ होगी तो सामने से भी रिस्पांस करेगि..वरना हसीनो की कमी नहीं हे, हिन्दोस्तान मे.. हम दोनों के लिप्स मानो एक दूसरे में गुम ही हो गए थे, जुबान भी एक दूसरे से मस्त लिपट रही थी, मैंने अपने हाथ से आंटी के बाल भी खोल दिये, और मेरे हाथ चाची के फोरहेड से सरकते सरकते चाची के बॉब्स की और जाने लगे, मैंने अपना राईट हैंड चाची के बॉब्स पे रक्खा, चाची की आँखें बंद थी, और जैसे ही मैंने अपना हाथ चाची के बॉब्स पे रख के हल्का सा दबाया की चाची की आँख खुल गयी, अभी भी उनके मन में एक इंडियन औरत की तरह गैर मर्दो से सेक्स न करने का रेजिस्टेंस तो था हि, क्या करें सब कॉन्ससियस मे भी कुछ तो कण्ट्रोल करता हे अपने पर..लकिन फिर उन्हें एहसास हो गया की ये में ही हूँ तो उनका मेरे हाथ को रोक्ने के लिए उठा हाथ रुक गया और उन्होंने मेरे हाथ को रोक्ने के बजाय अपने हाथ को मेरे बैक पे ले लिया और मेरे बैक को सेहलाने लागी, में भी इस बात से खुश हो गया.
फिर मैंने चाची से लिप्स अलग किये और चाची की और देखा.. चाची तो अभी भी चूसना चाहती थी पर मैंने लिप्स अलग किये,, और चाची को निहारने लगा, चाची की आँखें बंद थी, उनको मस्त नशा होने लगा था बिलकुल वैसे जैसे राजा हिन्दोस्तानी में करिश्मा कपूर किस करने के बाद भी आँखें बंद कर के उत्तेजाना फील करती हे..वाईसे उनकी आँखें बंद थी.. लेकिन उनके हाथ मेरे बैक पे वो सहला रही थी, पर आँखें बंद थी और ऐसे ही उन्होंने कहा
“रेशु.. प्लीज कोई जल्दी मत करना आज,जो करना हे वो करो, पर मज़ा आ जाये ऐसे करो...
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