XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
03-02-2021, 03:16 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
फिर दिदी मेरे पास बैठ गयी और फिर बहुत सारी बातें की हमणे..सेक्स लाइफ के बारे में भी.

"तू घर आया कर ना,क्यूँ कुछ प्रॉब्लम हे क्या...?

दीदी के सवाल में साफ़ प्यासी वासना थी.

"जरूर आऊंगा, पर फिर अपने आप को रोक नहीं पाऊंगा, इसीलिए नहीं आता. आप घर पे अकेली होती है..तो फिर कुछ गलत हो जायेगा..

मैंने अच्छा बच्चा बनने की कोशिश की.

"कुछ गलत नहीं होगा..तु अगले संडे आ रहा हे..जो होगा अच्छा ही होगा,डोंट वरी..

और फिर में कुछ नहीं कह सका. दीदी के साथ मस्त टाइम पास हो गया और फंक्शन भी ख़त्म होने को था लेकिन अभी एक घंटा बाकि था की माँ वापस मेरे पास आई और कहा

"रेशु..चल अभी चलते हे...

"क्यूँ मोम...?

"अरे अभी सब इम्पोर्टेन्ट काम ख़त्म हो चुका हे..और मुझे निकलना भी हे.....

और फिर हम निकले..पर जाते जाते भी दीदी ने संडे को आने को कहा. आते टाइम मस्त अँधेरा हो रहा था और माँ भी बड़े अच्छे मूड में थी. वो बिना कहे ही..मुझसे चिपक के बैठ गयी..और मैंने बाइक चला दी. थोड़ा सा अजीब लग रहा था माँ से ऐसे सेक्सी बिहेव करना पर सच कहूँ तो बड़ा मज़ा आ रहा था वैसे भी मेरा तो इतना ही लॉजिक था.सारे गैर मर्द मेरी माँ को देख के एन्जॉय करे, तो में भी तो मर्द हू, मेरा भी लंड माँ को देखके उठता हे, तो इसमें गलत क्या हे..अगर माँ सिड्यूस हो जायेगी..तभी तो आगे कुछ करूंगा..अगर वो न कहेगी तो कुछ नहीं होगा. ये सोचते सोचते हम घर पहुंचे. शाम के ६ बज रहे थे..और माँ को निकलना था..मोम सीधी कामरे में गयी और में भी उनके पीछे पीछे चला गया..मोम ने शायद सोचा नहीं होगा की में उनके पीछे पीछे आ जाऊंगा..तो उन्होंने अपनी साड़ी जाते ही उतार दी.और पल्लो निचे गिरा दिया..फिर पल्टी तो में वहीँ पे खड़ा था पर फिर समझ के में बाहर चला गया..और थोड़ी देर में माँ ने पुकारा और में वापस कमरे में गया..तो माँ फिर से बैठी थी, और मेरे जाते ही कहा.

"उफ़ रेशु, कितना टाइट बांधा हे नेकलेस..अभी खोला नहीं जा रहा..

और में सब समझ के सीधा माँ की और चला और माँ से फिर से वैसे ही चिपक गया. माँ का नेकलेस तो आसानी से निकल गया था लेकिन मैंने थोड़ा टाइम लगाया..और कहा.

"माँ ये डोरी भी खोल दून क्य...?

"हमंम... और मैंने धीरे से डोरी खींचि और वो खूल गयी..अब मेरा काम ख़त्म था..पर मैंने माँ के ब्लाउज को छोड़ा नहीं और माँ के ब्लाउज की डोरी खोलने के बाद मैंने माँ के ब्लाउज की डोरी को पूरा बैक से हटा दिया..जिससे माँ की बैक टोटल न्यूड हो गयी, और हलके से ब्लाउज को भी साइड में कर दिया.. फिर मैंने माँ की ब्रा को अपने हाथ में लिया..मोम ने सुबह जल्दी में ब्रा ऐसे ही बेड पे छोड़ दी थी, तो मैंने उसे पकड़ा और जाते जाते उसे माँ के पास रख दिया.और निकल गया.

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03-02-2021, 03:16 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
शाम के ६ बज रहे थे..और माँ को निकलना था..मोम सीधी कामरे में गयी और में भी उनके पीछे पीछे चला गया..मोम ने शायद सोचा नहीं होगा की में उनके पीछे पीछे आ जाऊंगा..तो उन्होंने अपनी साड़ी जाते ही उतार दी.और पल्लो निचे गिरा दिया..फिर पल्टी तो में वहीँ पे खड़ा था पर फिर समझ के में बाहर चला गया..और थोड़ी देर में माँ ने पुकारा और में वापस कमरे में गया..तो माँ फिर से बैठी थी, और मेरे जाते ही कहा.

"उफ़ रेशु, कितना टाइट बांधा हे नेकलेस..अभी खोला नहीं जा रहा..

और में सब समझ के सीधा माँ की और चला और माँ से फिर से वैसे ही चिपक गया. माँ का नेकलेस तो आसानी से निकल गया था लेकिन मैंने थोड़ा टाइम लगाया..और कहा.

"माँ ये डोरी भी खोल दून क्य...?

"हमंम... और मैंने धीरे से डोरी खींचि और वो खूल गयी..अब मेरा काम ख़त्म था..पर मैंने माँ के ब्लाउज को छोड़ा नहीं और माँ के ब्लाउज की डोरी खोलने के बाद मैंने माँ के ब्लाउज की डोरी को पूरा बैक से हटा दिया..जिससे माँ की बैक टोटल न्यूड हो गयी, और हलके से ब्लाउज को भी साइड में कर दिया.. फिर मैंने माँ की ब्रा को अपने हाथ में लिया..मोम ने सुबह जल्दी में ब्रा ऐसे ही बेड पे छोड़ दी थी, तो मैंने उसे पकड़ा और जाते जाते उसे माँ के पास रख दिया.और निकल गया.
फिर कुछ देर में बड़ी चाची और चाचा आ गये..और उन्होंने माँ को रात में अकेले जाने से मना कर दिया..और माँ ने कहा की उन्हें जाना पडेगा..तो चाचा ने कहा की रात में चार घंटे की लोंग जर्नी हे..और अकेले जाना ठीक नही..तो उन्होंने मुझसे कहा
“रेशु..तुम चले जाओ..वैसे भी आज थर्सडे हे..तो तुम दो दिन रुक के संडे को वापस आ जाना..
और में तो खुश हो के रेडी हो गया और माँ भी मान गयी. थोड़ी ही देर में मैंने पैकिंग कर ली और हम निकल गये..लकिन जब तक हम निकले तब तक ७ तो आलरेडी बज चुके थे.. निकलते ही माँ ने कहा
“अच्छा हुआ..तुम रेडी हो गये..वरणा सच में बड़ा लेट तो हो ही गया हे...
“हाँ माँ ७ बज रहे हे..वैसे इतना कल इम्पोर्टेन्ट कौनसा काम हे.?
“अरे कल मेरे क्लिनिक के कुछ डॉक्यूमेंटेशन का काम हे.. और माँ ने फिर बातें छोड़ के ड्राइविंग पे कंसन्ट्रेट किया..मोम सच में बड़ी रफ़ ड्राइव कर रही थी..उन्हें बड़ी जल्दी थी,मैने उन्हें दो तीन बार रोका और कहा.
“मोम अब डरणे की कोई बात नही..आप आराम से चलाये..
पर वो थोड़ी देर के बाद फिर से स्पीड पकड़ लेती..मैने कहा
“मोम इंजन में प्रॉब्लम हो जायेगा..
पर वो नहीं मान रही थी.

उन्हें शायद बेवजह ही जल्दी थी. वो थोड़ी स्पीड में जा रही थी, मुझे भी अच्छा लग रहा था मैं माँ को देखे जा रहा था माँ मुझे नोटिस कर रही थी, पर कुछ कह नहीं रही थी. पिछलीबार में और माँ जब सूरत से अहमदाबाद आ रहे थे, तब भी माँ को में देखे जा रहा था तब माँ अपने आप को धीरे धीरे अपने पल्लू को ठीक कर रही थी, लेकिन माँ आज किसी भी तरह का अपने बदन को छूपाने का ट्राय नहीं कर रही थी.
ऐसे ही माँ को देखते देखते ही हमने आधा सफर कर लिया और ९ बज रहे थे तो हम एक होटल पे रुके और डिनर करने के लिये. आराम से डिनर निपटते निपटते भी १ घंटा निकल गया और १० बाजे हम निकले. मानसून था और रोड पे काफी कम व्हीकल्स चल रहे थे, माँ अच्छे से कार चला रही थी, रोड पे ट्रैफिक कम होने से स्पीड में कार जा रही थी, और अभी सूरत आने में अब बस ३० की.मि. बचे थे, की कार बंद हो गयी, और अन्धेरे में मुझे भी इंजन में पता नहीं चल रहा था माँ काफी टेंशन में आ गयी थी..
“रेशु..क्या हुआ...?
“कुछ पता नहीं चल रहा.माँ”
“अब क्या करेंगे हम रेशु...?
“डोन्ट वर्री माँ.मेरे कुछ फ्रेंड्स को कॉल कर के देखता हू..कुछ फ्रेंड्स हे जो बाहर घुमते हे..
मैंने माँ को आईडिया सुझाया.
“हाँ.हां रेशु, ट्राय कर के देख..वरणा मुझे तुम्हारे पापा को बुलाना पडेगा..
मों ने एक लास्ट ऑप्शन बाकि रक्खा था.

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03-02-2021, 03:16 PM,
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मैने अपने एक फ्रेंड को कॉल लगाया, जो पार्टी करने का शौक़ीन था और वो भी फार्महाउस पे, तो उससे बात हो गयी. उसने कहा की वो नजदीक में हे, तो आ सकता हे. तो मैंने उसे लोकेशन बता दिया..उसने कहा की वो १० मिनट में आ जायेगा. मेरा तो काम बन गया, मैंने माँ को बता दिया..मोम भी खुश हो गयी. १० मिनट में वो आ गया..उसने मेरे साथ मेरी माँ को देखा तो उसने मुझे पहले अपने पास बुलाया..फिर में माँ के पास गया.
“माँ शायद पापा को बुलाना पडेगा..
“क्यूं..क्या हुआ?
“माँ इसके स्कार्पियो में आलरेडी ६लोग हे, और सब के सब ड्रंक हे...
“रेशु..ऐसे कैसे तुम्हारे दोस्त हे...?
“मोम..वो तो ठीक हे, और कह रहा हे की उन ६ लोग में से कोई मिस्बेहावे नहीं करेगा..
“तो फिर चलते हे ना...
माँ ने कुछ टाइम सोच के कहा.

फिर हम स्कार्पियो के पीछे का डरवाजा खोला और वहा पे एक सीट पे दो लोगों के लिए जगह खाली थी, पर सामने एक कपल बैठा था हम उनके सामने बैठ गये, और माँ अंदर की साइड और में दरवाजे की और. फिर कार चल पडी, लेकिन लोचा तो अभी होना था मैंने गौर से देखा तो हमारे सामने वाली सीट पे जो लड़का लड़की थे, वो अपना होश गंवा चुके थे, दोनों थोड़ी ही देर में एकदूसरे को किस करने लगे, जैसे ही मैंने उन्हें देखा, तो माँ की और देखा. माँ भी उन्हें देख रही थी, फिर माँ और मैंने एक दूसरे की और देखा. लेकिन मैंने थोड़ा सा असहज हो के दूसरी और देखा, लेकिन मेरा मन उन्हें देखने को कर रहा था कार में अँधेरा था पर मेरी नजर उन पर ही थी. माँ भी उनकंफर्टबले फील कर रही थी. बार बार इधर उधर देख रही थी, और सामने बैठा कपल तो अब खुल के किस कर रहा था धीरे धीरे मैंने देखा की लड़के का हाथ लड़की की चुत के पास था और सहला रहा था बॉस माँ की और देखने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी, फिर धीरे से लड़के ने लड़की के जीन्स के पैंट की चाईं खोली और अंदर हाथ दाल दिया. मेरा हाथ भी अपने लंड पे चला गया, और जैसे ही मैंने अपने लंड को सहलाया की माँ ने मेरी और देखा और मैंने अपना हाथ लंड से हटा लिया..

माँ के साथ बैठ के ऐसे देखना..थोड़ा सा एम्बैरस्मेंट तो लगता हे..लकिन जितना में ऑड फील कर रहा था उससे ज्यादा माँ फील कर रही थी, फिर थोड़ी ही देर में सूरत सिटी आ गया, तो माँ ने मुझसे कहा की कार को स्टोप करवाओ. और मैंने मेरे फ्रेंड से कहा और उसने कार साइड में रोकि, में और माँ उतरे, लेकिन उस दोस्त ने माँ से कहा.
“सॉरी आंटी..लेकिन रेशु ने कहा की वो प्रॉब्लम में हे, और ये लोग भी ना ड्रिंक के बाद पता नहीं क्या क्या करते हे..आई एम सॉरी हाँ....
“ईट्स फाइन..रेशु वो सामने से रिक्शा ले के आओ..
मैं फ़टाफ़ट रिक्शा ले के आया, फिर हम अपने घर को चल दीये, पूरे रस्ते मे में और माँ बिना एकदूसरे से बात किये बैठे रहे फिर हम घर पहुंचे तब तक साढ़े बारह हो गये थे, माँ ने कहा की वो थक गयी हे तो वो अपने रूम में चलि गयी..दुसरे दिन में उठा तो माँ और पापा नाश्ता कर रहे थे, फिर पापा नहाने चले गयी, में और माँ अकेले बैठे थे.

“माँ कल रात के लिए सोर्री, मुझे फ़ोन में उसने बताया नहीं था की उसके साथ उसके फ्रेंड्स भी हे..
मैंने बात स्टार्ट करने के लिए कल का ही टॉपिक छेडा.
“बेटा..उसमे तुम्हारी कोई ग़लती नहीं थी, तो फिर तुम सॉरी क्यों कह रहे हो? तुम्हारी माँ इतनी तो समझदार हे की पता चले की किसकी ग़लती हे और किसकी नही...
और वो नोर्मल्ली हंस पडी और में भी मुस्कुरा बैठा. फिर हंसने के बाद माँ ने पूछ
“अच्छा ये तो बता, कब से ऐसे तेरे दोस्त हे? स्कूल के बाद से तो तू यहाँ रहा ही नही...
“क्या मम्मी आप भी..अभी हो जाते हे..फ्रेंड्स..लकिन टाइम पे काम तो आते हे..
मैंने माँ के सवाल का जवाब तो नहीं दिया..पर माँ अब खुलने लगी थी. ऐसे माँ से कभी मैंने बात नहीं की थी. अब में भी थोड़ा सा ओपन होना चाहता था फिर माँ ने नाश्ता निपटा लिया तो बाद में मुझसे कहा
“बोलो रेशु..कुछ और चहिये..चाई कोफ्फी ….?

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03-02-2021, 03:17 PM,
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मुझे जो चाहिए था वो मिल गया और मैंने कहा
“अरे माँ आप तो बस दूध ही दे दीजिये.मज़ा आ जायेगा..
टोटली किसी को पता भी ना चलता हो वो भी समझ सके ऐसे धीरे से मैंने क्लिअर्ली माँ की और देखते हुये कहा..माँ मेरी हिम्मत पे मर गयी. बॉस एक दो सेकंड के लिए तो वो चौंक ही गयी, फिर अपने आप को सम्हाला मुझे लगा की शायद बनवटी गुस्सा करेगि..पर माँ ने कहा.

“देती हू..दूध पीना वैसे भी अच्छा हे...
हालाँकि माँ को ये लाइन बोलने की कोई जरूरत नहीं थी. पर उन्होंने कहा और ठीक वैसे ही जैसे मैंने डबल मीनिंग में कहा था वैसे ही कहा. फिर वो अपनी प्लेट्स उठाने लगी, और किचन में चलि गयी. इतने में पापा नहा के वापस आ गये और माँ ने मुझे गिलास दिया. मम्मी केके बिहेवियर से पता तो चल रहा था की माँ को अभी भी सेक्स के लिए हंगर हे, और वो मेरे साथ डबल मीनिंग भी खेल रही हे..पर क्या वह वाक़ई मेरे साथ सेक्स के लिए रज़ि होंगी..य वो एन मौके पे इंकार कर देगी. माँ का मन तो था पर क्या वो मानेंगी या नही..में इसी सोच में था और पापा अपने क्लिनिक को निकल गये और माँ अपने रूम में रेडी होने चलि गयी..तभी मेरे दिमाग में आईडिया आया..इसके लिए माँ का मेरे सामने रहना जरूरी था तो में माँ के आने का इंतज़ार करने लगा.

माँ मस्त रेशमी डार्क ब्राउन और ऑरेंज कलर की साड़ी पाहन के आयी..माँ को मैंने ऐसे ही दो चार पल देखा..फिर माँ अपने बाल पीछे बाँधती हुई आई और में अभी भी डाइनिंग टेबल बैठा हु. माँ मेरे सामने पडी एक्स्ट्रा प्लेट्स उठा रही थी और कहा.
“अरे रेशु..कितनि देर, फ़टाफ़ट फिनिश करो... बस इसी बात का इंतज़ार था और में आखरी चेयर पे था तो में हडबडी में उठने गया और में डाइनिंग टेबल के कोने से टकरा गया..पूरा डाइनिंग टेबल हिल गया..माँ एक पल के लिए चौंक गयी..की क्या हुआ.

मै वहीँ अपना लंड पकड़ के बैठ गया. माँ ने अपने हाथ में पकड़ी प्लेट्स वहीँ पे छोड़ दी और
“क्या हुआ..रेशू... कहती मेरे पास आयी, और मेरे पास बैठ के मुझे संभालने लगी, लेकिन में उठने गया और भूल गया की में ठीक उसी कोने के निचे था तो उठते टाइम वो कोना असल में मेरे सर पे लग गया.. तो माँ ने अपना हाथ मेरे सर पे रख दिया और कहा
“अरे रेशु..क्या कर रहा हे...
फिर मेरे सर पे हाथ घुमाने लगी.. और मेरा हाथ भी लंड से हट के सर पे चला गया. फिर में जैसे तइसे उठा और अपने रूम में माँ के साथ आ गया. लेकिन जब में आ रहा था तब फिर से मैंने अपने लंड को पकड़ लिया. मैं अपने रूम में बेड पे बैठा और माँ मेरे पास में बैठ के मेरे सर को सहला रही थी, और उसमे देख भी रही थी. माँ ने मेरे हाथ को देखा की वो मेरे लंड पे है.. और में अपना दर्द छूपाने की कोशिश कर रहा हू, तो माँ ने फिर शर्म को हटाते हुए कहा.

“रेशु..ज्यादा लगी हे...?
मैंने जवाब नहीं दिया बस दर्द दिखाते हुए दूसरी और मुँह कर लिया.
“ला दिखा तो...
मुझे जो चाहिए था वो ही हो रहा था पर मैंने कहा.
“नहीं मम्मी आई एम फाइन...

“अरे शर्मा मत.ला दिखा, कहीं ज्यादा तो नहीं लगी. देखना तो पड़ेगा ना...
माँ ने ऐसा कहते मेरे हाथ पे अपना हाथ रख दिया..और मैंने फिर हलके से लंड से अपना हाथ हटा दिया..और माँ के हाथ में मेरा लंड आ गया. माँ के छूते ही बॉस मानो एक करंट सा लग गया हो. मेरा लंड तन्ने लगा, मुझे बड़ी शर्म आ रही थी, अगर माँ ने पुछ लिया की ये बड़ा क्यों हो रहा हे तो क्या जवाब दूंगा, पर मैंने बड़ी मुश्क़िल से अपने आप पे कण्ट्रोल रक्खा. मम्मी मुझसे चिपक के बैठी थी. माँ को भी बड़ी अजीब सी फीलिंग हो रही थी, मैंने जैसे ही अपना हाथ हटाया और जैसे ही उनके हाथ में मेरा लंड आया तो एक पल के लिए तो वो अपना हाथ हटाने जा रही थी पर फिर उन्होंने हटाया नही. और ऐसे ही दो चार पल के लिए रहने दिया.

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03-02-2021, 03:17 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
माँ के छूते ही बॉस मानो एक करंट सा लग गया हो. मेरा लंड तन्ने लगा, मुझे बड़ी शर्म आ रही थी, अगर माँ ने पुछ लिया की ये बड़ा क्यों हो रहा हे तो क्या जवाब दूंगा, पर मैंने बड़ी मुश्क़िल से अपने आप पे कण्ट्रोल रक्खा. मम्मी मुझसे चिपक के बैठी थी. माँ को भी बड़ी अजीब सी फीलिंग हो रही थी, मैंने जैसे ही अपना हाथ हटाया और जैसे ही उनके हाथ में मेरा लंड आया तो एक पल के लिए तो वो अपना हाथ हटाने जा रही थी पर फिर उन्होंने हटाया नही. और ऐसे ही दो चार पल के लिए रहने दिया.
फिर होश में आते हुए माँ ने कहा
“रेशु..एक काम कर तू लेट जा, पैर ऐसे ही निचे रहने दे..
“नहीं मोम... और माँ ने फिर हक़ से मेरे सीने पे हाथ रक्खा और मुझे निचे सुला दिया. मेरे लेटते ही बॉस में खुश हो गया. माँ को पता लग गया था की अब मेरे चेहरे पे दर्द के कोई एक्सप्रेशन नहीं है, बस में शर्मा रहा हू, तो वो भी रिलैक्स लग रही थी. फिर माँ ने फिर से मेरे लंड पे हाथ रक्खा और दबाया.
“बेटा दर्द हो रहा हे..क्या.?
“थोड़ा सा लग रहा हे..लकिन मम्मी लगता हे में ठीक हू..
मैंने एक बार फिर उठने की कोशिश की पर माँ ने फिर से मेरे सीने पे हाथ रख के मुझे उठने नहीं दिया और कहा.
“रेशु..चुपचाप लेटे रहो….दर्द हो रहा हे ना तो देखना पड़ेगा.और ऐसे शर्माने से नहीं चलेगा.कल को डॉ. को दिखाने जितना सीरियस हो गया तो...? और फिर माँ को भी लगा की में इतना शर्मा रहा हूँ तो कहीं खड़ा ना हो जाऊं तो उन्होंने मुझसे बात करने के बजाए, मेरे ट्रैक पैंट पे अपने दोनों हाथ रख दिये और कमर की साइड में से दोनों को पकड़ लिया. और निचे उतरने लगी, पर गांड के उठाये बिना हो नहीं सकता था फिर उन्होंने मेरी और देखा और मैंने बिना कुछ कहें अपनी गांड ऊपर की और माँ ने धीरे से मेरे पैंट को सरका के नीचे तक उतार दिया..फर माँ ने मेरी बनियन ऊपर कर दी और मेरे अंडरवेअर में बंद आधे उठे हुए लंड की और देखने लगी..उनके मन में भी हलचल थी और मेरे मन में भी. फिर माँ जैसे ही मेरे लंड पे हाथ रखने जा रही थी की मैंने माँ से कहा.

“माँ प्लीज मुझे शर्म आ रही हे..प्लीज आपको किसी इम्पोर्टेन्ट काम से जाना था….
लेकिन माँ ने मेरे मुँह पे अपना हाथ रख दिया और मेरी और झुकी..और कहा.
“रेशु..तुम प्लीज चुप रहोगे... माँ ने सच में कोई एक्ट्रेस सिड्यूस कर रही हो ऐसे कहा और में तो देखता ही रह गया और समझ गया की माँ अब देखे बिना नहीं छोडेगी..मुझे शर्म आ रही थी क्यूँकि मुझे इरेक्शन होने लगा था और माँ ने अगर छु लिया तो वो तो तन ही जाएगा. फिर माँ ने अपना चेहरा मेरे नैवेल के पास ही रक्क्खा जैसे की वो मेरा लंड चूसने वाली हो. फिर उन्होंने अपने दोनों हाथ से मेरे अंडरवेअर के दोनों सिरो को पकड़ा और निचे की और उतार दिया और मेरा लंड आज़ाद हो गया. माँ की आँखें ही फैट गयी होंगी. फिर माँ ने मेरे लंड पे अपना कांपता हाथ रक्खा और उसे अपनी मुट्ठि में पकड़ लिया. जिस पल के बारे में सोचते सोचते कितनी बार मूठ मारी थी वो आज हकीकत में हो रहा था माँ ने मेरे लंड को छुआ और उस करंट से ही मेरे लंड में सनसनी होने लगी. मेरा लंड उठने ही वाला था की मैंने अपने आप को कण्ट्रोल किया और माँ नार्मल हो के मेरे लंड को टटोलने लगी और फिर मेरे लंड को दबाने लगी और हर जगह को दबा दबा के पूछ रही थी की कहाँ दर्द हो रहा हे..फिर माँ ने मेरे ऊपर के पिंक पार्ट को टच कर के उसे दबाने लगी और मैंने माँ से छुटने के लिए में आडा तेडा हो गया. फिर माँ ने मेरे दोनों बॉल्स को भी पकड़ा और दोनों बॉल्स को भी दबाने लगी और दर्द के मारे मेरे मुँह से चीख़ निकल गयी. माँ ने मेरी और देखा और फिर मेरे लंड को सहलाने लगी और फिर मेरी और देखा और कहा.

“सब ठीक हे..रेशु”

और में उठ गया..में शर्म से अपने लंड को देखा और अपने दोनों हाथ से उसे छूपाने लगा, फिर माँ ने मुस्कुराते हुए मेरे सर पे हाथ रक्खा और सहलाया और कहा.
“शर्माओ मत रेशु, बड़े शर्मीले हो तुम”
और फिर वो उठी और झुक के मेरे गाल पे कस किया और बाहर जाने लगी, और दरवाजा बंद करते टाइम माँ ने जाते जाते कहा.
“और हा..रेशु, प्लीज कम से कम बाल तो साफ़ कर लिया करो...
और वो मुस्कुराते हुई और शरमाते हुई भी.दरवाजा बंद कर के चलि गयी और में ख़ुशी में आ के दो चार बार अपने आप को यस यस कहा और ऐसे ही नंगा हो के डांस करने लगा.

अगला अपडेट बहुत जल्द दूंगा कहानी में थोड़ा विस्तार करना चाहता हु जो आपको जरूर पसंद आएगा....सतीश
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03-02-2021, 03:18 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
नेक्स्ट डे, पापा के जाने का इंतज़ार करने लगा, मुझे आज माँ से फिर से एक बार और लंड चुसवाना था पर कैसे ये में सोच रहा था आज में पापा से पहले रेडी हो गया था..और सोफ़े पे बैठे बैठे माँ को ऑब्सर्व कर रहा था माँ ने आज वाइट साड़ी विथ डार्क पर्पल डिज़ाइन और डार्क पर्पल कलर का ब्लाउज पहना था..और सच में बड़ी सेक्सी लग रही थी. माँ के बॉब्स ब्लाउज में कैद थे, पर देखने में मज़ा आ रहा था मेरी नजरें माँ के बॉब्स और गांड की और ही घूम रही थी, माँ ने भी एक दो बार नोटिस किया पर फिर उसे अनदेखा कर दिया. इतने में पापा रेडी हो गये और हम नाश्ता करने बैठे, फिर पापा चले गये और में और माँ अभी डायनिंग टेबल पर बैठे थे.
"क्या हुआ..रेशु?
कल से बड़े चुप चुप लग रहे हो.?
माँ भी मुझे कल से ऑब्सर्व कर रही थी और अभी मौका मिलते ही उन्होंने पूछ लिया.
"कुछ नही..मोम, आई एम फाईन...!
फिर पता नहीं माँ ने ज्यादा पुछा नहीं और उठ के किचन में काम करने लगी, फिर वो अपने क्लिनिक जाने को रेडी थी, तब में ड्राइंग रूम में सोफ़े पे बैठा था तो वो जाते जाते मेरे पास आयी,..और फिर से कहा
"रेशु..कुछ बात हो तो तुम मुझे बता सकते हो..!
माँ ठीक से अपना पल्लू ठीक करते हुए मेरे सामने बैठी और मेरे जवाब की राह देख रही थी. अब मैंने खूल के कहना ठीक समझा और मैंने कहा
"मोम..वो कल .कल जो हुआ.ना,,,बड़ा अच्छा लगा...!
और मैंने माँ की और देखा तो वो शर्म के मारे मुझसे नजरें चुराने लगी, पर मेरी बात में हाँ कहने के लिए हम्म्म कहा और मैंने आगे कहा
"मम्मी..क्या ओ..एक बार फिर हो सकता हे प्लीज...?
शायद माँ मेरे मन में क्या चल रहा था वो ठीक से समझ रही थी. फिर भी मैंने ऐसे ओपनली माँ से कह दिया तो माँ थोड़ा सा डिस्टर्ब हो गयी, और उन्होंने कहा
"रेशु..बिहेव युवर सेल्फ...!
माँ ने बड़ा सोच के मुझे पे गुस्सा किया.और वो जितने टाइम सोच रही थी, उतना ही मेरा यकीन बढ़ता जा रहा था की माँ सेक्स के लिए रेडी हे..बस थोड़ी सी मेहनत करनी पडेगी.
"रेशु.देखो तुम अच्छे लड़के हो.और कल जो कुछ भी हुआ वो क इलाज था कोई फैंटसी नही..!
और फिर माँ इतना बोल के शांत हो गयी..और अब उन्हें एहसास हो रहा था की वो कुछ ज्यादा ही गुस्सा कर रही हे, तो वो अब ढीले मूड में आ गयी. मैं माँ को गुस्सा करते देख निचे देख रहा था.फिर माँ उठी और मेरे पास आ के बैठी और मेरे सर पे अपना एक हाथ रख के सहलाने लगी और कहा
"रेशु.तुम क्या सोच रहे हो.मुझे पता नही, पर प्लीज कुछ गलत मत सोचो..तुम अच्छे बच्चे हो, प्लीज अभी इन सब बातों के बारे में मत सोचो.और हाँ प्लीज कल जो हुआ उसका किसीसे जिक्र मत करना"
और फिर मेरे गाल को पकड़ा और एक मस्त किस दिया और क्लिनिक के लिए चलि गयी. फिर मैं रिलैक्स हो के बैठा और सोचा.मुझे लगा था की माँ मना करेगि, पर ठीक से कहूँगा और दो चार बार फाॅर्स करुँगा तो मान जाएंगी..पर ऐसा नहीं हुआ..और ग़ुस्से के बारे में तो मैंने सोचा नहीं था लेकिन चलो एक बात तो माँ के मन में साफ़ हो गयी की में उनके साथ सेक्स करना चाहता हू.
शाम को माँ आयी..पर आज उनके साथ उनकी एक दोस्त आई थी, उनको कुछ काम था माँ ने रूम में एंटर किया और आते ही मेरी और देखा..मैने भी माँ की और देखा, फिर माँ ने मेरे लंड की और देखा और में समझ गया की माँ को सुबह की बात अभी भी याद हे..पर इतने में उनकी सहेली भी उनके साथ एंटर हुई और वो दोनों अपनी बातें करने लग गयी. माँ फिर उनकी सहेली के लिए कुछ बनाने किचन में गयी और फिर में भी उनके पीछे पीछे किचन में चला गया. माँ की बैक मेरे सामने थी. माँ के खुले बाल माँ की गांड तक लम्बे हो रहे थे.
"मोम...!
"हा..रेशु. माँ मेरी और पल्टी और में जैसे कोई गैर हूँ ऐसे अपने पल्लो को ठीक किया और अपने बॉब्स को छूपाने लगी,.जैसे हर आम औरत करती हे.
"माँ सुबह के लिए.आई एम सोर्री...!
"अरे रेशु..अभी इन सब बातों का सही टाइम नहीं हे,तुम बाहर जाओ, में बाद में बात करूंग़ी, अभी मुझे कोई बात नहीं करनि...!
फिर में बाहर आ गया, और इतने में पापा भी आ गये..फिर माँ की सहेली चलि गयी, अभी पापा के सामने कोई बात हो नहीं सकती थी. तो में अपने रूम में गया और फ्रेश हो के डिनर के लिए आ गया. डिनर के वक़्त भी में माँ को देख रहा था और माँ मुझे.हाँ पापा से बच के, पर माँ की आँखों में मुझे लस्ट तो लग रही थी. फिर पापा डिनर निपटा के अपने रूम में लैपटॉप पे बैठे और हम दोनों अब अकेले थे.
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03-02-2021, 03:18 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
मैं कुछ कहूँ इससे पहले ही माँ ने कहा
"रेशु..अच्छा लगा की तुमने सुबह की ग़लती के लिए सॉरी कहा..पर मुझे सुबह से ही लग रहा था की तुम कोई ऐसी ही डिमांड करोगे.."
"माँ आपको पता था..?
"हाँ.मुझे लग ही रहा था.जब तुम खोये खोये बैठे थे, तभी लगा था कि तूम कल के बारे में सोच रहे हो..!
"हा..मोम, पर में क्या करू.वो कल वाली बात मेरे दिमाग में से जा ही नहीं रही.आपको देखता हूँ और वो सब याद आ जाता हे.कल रात को नींद भी नहीं आई.और आज आपके जाने के बाद भी में आपके बारे में ही सोच रहा था"
"रेशु..प्लीज ऐसे मत सोचो.ये सब गलत हे...!
अब माँ मेरे झाँसे में आ गयी थी, जैसे ही मैंने अपनी प्रॉब्लम्स सुनाइ की में कल रात से सोया नही..और दिमाग से उनका ख्याल जाता नहीं..अभी माँ पिघलने वाली थी.
"हाण..लेकिन मोम, में जितना ध्यान भटकाने के बारे में सोचता हू, उतना कल का सारा सीन याद आ जाता हे. लेकिन एक बात कहूँ माँ,कल सच में बड़ा अच्छा लगा था,माँ प्लीज,क्या एक बार,प्लीज एक बार नहीं हो सकता.. ?
"उफ्फ्फ.रेशु..नही हो सकता.तुम भी ना, ऐसे प्लीज प्लीज बोल के मुझे कामजोर कर रहे हो.प्लीज रेशु तुम समझो,.कल जो हुआ वो तुम्हारे लिए जरूरी था.. .!
"मोम..एक बर, प्लीज..आपको भी मज़ा आएगा.एक बार ..बस आखरी बर... अब माँ हार गयी..और उन्होंने कहा,
"अच्छा ठीक हे..लकिन मुझे इसके बारे में सोचने दे मैं अभी हाँ नहीं कह रही..पर में सोचूँगी..!
और इतने में पापा माँ को आवाज़ लगाते लगाते बाहर आये और कहा की उनका प्रेजेंटेशन एक नेशनल कांफ्रेंस के लिए सेलेक्ट हो गया हे, तो उन्हें लेक्चर देणे के लिए कल दो दिन के लिए दिल्ली जाना हे,
और जैसे ही पापा ने ये कहा तो बॉस मुझे लगा की भगवान भी मेरे साथ हे. और पापा के ये कहते ही माँ ने मेरी और देखा और उनके फेस पे ना चाहते हुए भी स्माइल आ गयी. और मैंने भी रीटर्न में स्माइल दी.
नेक्स्ट डे..पापा शाम को क्लिनिक से जल्दी घर आ गए और माँ भी..मोम पापा की पैकिंग में मदद कर रही थी. फिर पापा अल्विदा कह के शाम को ७ बजे निकले, नेक्स्ट डे उनका लेक्चर था पापा निकले तभी मैंने सोच लिया था की चाहे कुछ भी हो जाए..मोम को कन्वेन्स तो करना ही हे. फिर माँ भी किचन में चलि गयी, और तब मैंने माँ को डिस्टर्ब नहीं किया..फिर से हम खाना खाने बैठे और आमने सामने बैठे. मैं इससे पहले की लंड चूसने के बारे में कुछ पुछू, माँ ने अलग ही बात छेड़ी और कहा
"रेशु..आज तुम मेरे कमरे में शिफ़्ट हो जाव..अकेले बंद कमरे में थोड़ा सा ऑड लगता हे...!
में समझ गया की माँ शायद सारा प्लानिंग कर के बैठी हे. फिर माँ अपने कमरे में चलि गयी, और में भी उनके पीछे पीछे उनके कामरे में चला गया.
मोम भी मेरी बेक़रारी देख के मुस्कुरा पडी और फिर में माँ के साथ बेड पे बैठा. मैं तो बस माँ का इंतज़ार कर रहा था की कब माँ कुछ कहें और बात आगे बढे. मैं और माँ ऐसे ही चुप चुप बैठे..फिर माँ ने कहा,
"रेशु..तुम नहीं मनोगे...?
माँ ने साइलेंस ब्रेक किया और मुझसे पूछा मुझे अच्छा लगा की माँ में पहल करने की हिम्मत तो हे. और वो भी बड़े अच्छे से माँ ने सीधे सीधे मुद्दे पे आते हुए कहा
"ऐसी कोई बात नहीं हे मोम, और वैसे भी सब आपके ऊपर हे, अगर आप एक बार कल को दोहरायेगी तो सच में बड़ा अच्छा लगेगा...!
साला इमोशनल डायलगा मारने में तो मुझे लगता हे कोई मुझे हरा नहीं सकता. और मुझे पता था की अब माँ ना नहीं कहेंगी. और माँ भी मेरे डायलगा सुन के और मेरी बेकरारी देख के फिर से उनके फेस पे स्माइल आ गया.
"अच्छा ठीक हे, पर तुम किसी से नहीं कहोगे..!
"ऑफ़ कोर्स मोम... मैंने बेड से उठते हुए कहा मैं बेड से उतर के माँ की और गया और माँ के पास जा के खड़ा रह गया.
"अरे मुझे चेंज तो करने दे...!
"नहीं मोम..आप इस साडी में बड़ी अच्छी लग रही हे, बाद में चेंज करना...!
और जैसे ही मैंने कहा की आप इस साडी में अच्छी लग रही हे, तो मेरी नज़र माँ के बॉब्स पे अटक गयी और में माँ के बॉब्स को देखने लगा, तो माँ ने फिर शरमाते हुए, मेरी और देखा. मैं अभी भी माँ के बॉब्स को देख रहा था मस्त क्लीवेज दिख रहा था माँ बेड पे बैठी थी और में उनके ठीक सामने खड़ा था फिर माँ ने मेरी और देखते देखते हुए ही अपने हाथ से साड़ी का पल्लू पकड़ा और ठीक से अपने क्लीवेज को छुपा लिया.
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03-02-2021, 03:18 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
माँ को अच्छा नहीं लग रहा था पर फिर कुछ देर बाद माँ मॉनिंग करने लगी थी, अब उन्हें भी अच्छा लग रहा था और रेजिस्टेंस बंद हो गया था फिर मैंने माँ को पकड़ के अपनी स्पीड और भी बढा डी..और माँ तो हैरानी के मारे देख रही थी की में अभी झड़ क्यों नहीं रहा. कुछ देर बाद माँ को समझ आया की मेरी कैपेसिटी बहुत ही ज्यादा हे, तो वो भी अब साथ देणे लगी और देखने लगी की में कितनी देर तक चोद सकता हू. और में तो हरा सिग्नल पा के अपने पे कण्ट्रोल कर के माँ के मुँह को चोदने लगा. और अब माँ को नशा होने लगा था धीरे धीरे माँ के दोनों हाथ मेरे जाँघ से होते हुए मेरे गांड तक आ गए और धीरे धीरे मेरी गांड को सहलाने लगी और कुछ देर बाद मेरे गांड को धक्का लगा के माँ मेरे लंड को और भी अपने मुँह में लेने के लिए प्रयास कर रही थी. माँ को अब कुछ ध्यान नहीं था और वो मस्त होये जा रही थी. फिर मुझे लगा की अब में झड़नेवाला हूँ तो मैंने अपने स्ट्रोक्स और बढा दिया और कुछ देर बाद मैंने माँ के सर को पकड़ के फिर से माँ को अपना पूर लंड मुँह में दाल दिया और फिर ऐसे ही झड दिया..एक बार ऐसे झड़ने के बाद भी माँ ने कुछ रेजिस्टेंस नहीं दिखाया, तो में समझ गया की माँ पूरा रस पीना चाहती हे, पर मैंने फिर तुरंत अपने लंड को बाहर निकाला और माँ के मुँह पे रस बिखरने लगा, और फिर आखरी रस मैंने सोच समझ के माँ के ठीक क्लीवेज पे डाला और बॉब्स पे भी अपने रस को गिरा दिया.
मोम की आँखें तो कुछ पल के लिए बंद थी, पर फिर माँ उठी और फिर अपने आप को देखा और फिर मेरी और देखा, में अभी भी उनके सामने खड़ा था फिर माँ अपने आप को देखके कपडा ढूँढ़ने लगी थी, तो मैंने झट से माँ से कहा,
"माँ एक मिनट.. और साइड से नैपकिन उठा लिया..और माँ के चेहरे को साफ़ करने लगा, चेहरे पे कुछ ख़ास नहीं था फिर मैंने माँ के होठो पे कपडा घूमाते घूमाते निचे चिन के बाद मैंने माँ के गले से हो के माँ के सीने तक आ गया और उधर साफ़ करने लगा, पूरा माँ को सिड्यूस करने के लिए आराम से हाथ घुमा रहा था माँ मेरा बिहेवियर देख रही थी, और अभी भी उनकी साँसे तेज़ थी, तो उनके बॉब्स, बॉस मस्त ऊपर निचे हो रहे थे और मैंने फिर माँ से कहा
"माँ साँसे काफी बढ़ गयी नही...
मोम ने शर्मा के कुछ कहा नही..और मैंने इस टाइम पे माँ के क्लीवेज पे कपडा रक्खा और माँ के क्लीवेज में ब्लाउज के अंदर भी हाथ डाल दिया..हालाँकि अंदर तो वीर्य के जाने का सवाल नहीं था फिर मैंने धीरे से हाथ को बाहर निकाला और साइड में बॉब्स के ठीक ऊपर हाथ घुमा के सब साफ़ किया और फिर से एक बार माँ के ब्लाउज में अपनी दो ऊंगलियां डाली और जैसे ही साइड में बॉब्स पे हाथ ले जानेवाला था की माँ ने अपने हाथ से मेरे हाथ को रोक लिया और फिर उठ के बाथरूम में जाने लगी.
"अरे माँ कहीं कुछ रह तो नहीं गया..देखने तो दो...!
और माँ ने बाथरूमका दरवाजा बंद करते हुए कहा की
"में खुद देख लूंग़ी"
फिर वो बाथरूम से बाहर आई और अभी वो नार्मल थी, आ के बेड पे बैठी और मेरे साइड में लेट गयी और मेरी और देखा और फिर प्यार से मेरे सर पे हाथ फेरा और मेरे सर पे किस किया और मुस्कुरा के मेरे साइड में लेट गयी. कुछ भी कहा नही, पर आँखों में प्यार साफ़ दिख रहा था फिर माँ ने नाइटलैम्प ऑफ किया और सो गयी, फर मैंने भी माँ को रात में ज्यादा परेशान नहीं किया और सो गया.

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03-02-2021, 03:18 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
कल वापस जाना था और में सच में बिलकुल खुश नहीं था सुबह में उठा तब माँ सो रही थी, में जल्दी उठा था अभी ६.३० बज रहे द. माँ के उठने के का टाइम तो हो गया था में माँ की और खिसका और माँ के गाल पे मस्त किस किया और माँ हल्का सा हीली..शयद वो उठ गयी थी, फिर मैंने दूसरे गाल पे किस किया और फिर माँ को देखते ही वहा पे बैठ गया और फिर माँ के लिप्स पे किस करने का मन किया..मैने दो बार सोचा पर माँ को मस्त सोता देख, और रेड रेड लिप्स को देख, और कुछ सोचा नही. फिर में माँ की और झुका और माँ के लिप्स पे अपने लिप्स से एक हलकी सी चुम्मी ले ली, जैसे क्याजुअली हम गाल पे करते हे ऐसे..और माँ उठ गयी, जैसे की मुझे शक़ था की माँ पहली बार में ही उठ चुकी थी. पर माँ ने कुछ कहा नहीं और ऐसे लेटे लेटे ही मेरे गाल पे हाथ फे फिराया और में माँ के सीने पे सर रख के लेट गया और माँ अपने हाथ से मेरे बाल सहलाने लगी, में माँ के बॉब्स को फील कर रहा था और माँ भी..फिर कुछ देर बाद मैंने माँ की और देखा और माँ के गाल पे फिर से किस किया और थैंक्स कहा और माँ भी बाद में मुस्कुराते हुए, बाथरूम में चलि गयी.

फिर हम नाश्ता करने बैठे और माँ का और मेरा मन खाने में बिलकुल नहीं था माँ को भी पता था की अभी में जानेवाला हूँ और मेरा भी मन माँ से अलग होने का नहीं हो रहा था ऐसे ही हमने बिना बात किये नाश्ता किया..कभी कभी हमारी नजरें मिल भी जाती तो नजरें चुरा लेते थे. फिर में अपने रूम में गया और अपने आप को समझाया की रेशु अभी जाना तो पडेगा. और फिर इतने में माँ भी मेरे रूम में मेरे कपडे ले के आई और अरेंज करने लगी. फिर मैंने नार्मल होते हुए कहा .ही मॉम... और माँ के पास जा के बैठ गया. मम्मी नार्मल नहीं थी, पर फिर मुझे ठीक देखते हुए माँ ने कहा
“रेशु..सच में चले जाओगे..?
“हा...मॉम जाना तो पड़ेगा ना...!
और जैसे ही मैंने कन्फर्म किया तो माँ के फेस पे एक अजीब सी हताशा दीखि और वो निचे मुँह कर के मेरे कपडे अरेंज करने में लग गयी.
“मॉम..कल के बारे में कुछ पुछू.?
मॉम ने मेरी और देखा और फिर शर्मा के अपनी लट को कान की पीछे करते हुए कहा,
“हाँ हा..पुछो? ना...!
“मॉम कल मैंने कुछ ज्यादा तो नहीं कर दिया था ना...?
में माँ के सामने से खिसक कर माँ के ठीक बगल में बैठ गया और माँ के कंधे पे अपना सर रख दिया..ये इसीलिए किया था क्यूँकि जब भी बच्चे ऐसा करते हे तो मम्मी के दिल में प्यार उमड आता हे..और माँ के साथ भी ऐसा ही हुआ..और उन्होंने कहा,
“हम्म..ठोड़ा सा ज्यादा था, पर इट वास् फाइन...!!
माँ ने आराम से अपना हाथ घुमाके मुझे अपने करीब करते हुए अपने बगल में ले लिया और अपना हाथ घुमा के मेरे नाक के करीब रक्खा, तो मैंने भी अपना मुँह माँ के बॉब्स पे रेस्ट करने दिया और हल्का सा प्रेशर भी दिया.
“मॉम आप नाराज़ तो नहीं हे ना...?
“थोड़ी सी हुई थी, पता नहीं तुम्हे कल क्या हो गया था जब तुम मेरे मुँह के साथ सेक्स कर रहे थे..सच में बड़ा गुस्सा आ गया था मुझे..पर....!!
“पर आपको भी अच्छा लग रहा था है ना माँ...?
माँ सेंटेंस नहीं पूरा कर पा रही थी तो मैंने सामने से पुछ लिया.
“हा...!
माँ ने टाइम लिया और फिर हाँ कहा.और वो भी मेरे गाल पे हलके से थप्पड़ लगाते हुए.
“मॉम पापा ऐसे करते हे क्या...?
“रेशु….तुम कुछ ज्यादा ही पुछ रहे हो….!!
माँ अपनी सेक्स लाइफ बारे में बात नहीं करना चाहती थी, क्यूँकि उनकी कोई सेक्स लाइफ थी ही नही. माँ का हाथ मेरे सर पे रुक गया. मैं समझ गया की माँ को परेशानी हो रही हे,ओर शायद गुस्सा भी आ सकता हे. तो मैंने कहा,

“मॉम तो में क्या करूँ..जब आप साथ में होती हो तो बस आपके बारे में ही ख्याल आते हे, कसम से आप है ही इतनी खूबसूरत,की कोई ना चाहते हुए भी आपके बारे में सोचेगा ही….!!!
“रेशु..प्लीज ऐसे मत बातें करो,ठीक नहीं लगता… ऐसे कोई माँ बेटा बात नहीं करता वैसे भी तुमने प्रॉमिस किया था की अब तुम कुछ ऐसा वैसा नहीं करोगे...!!

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03-02-2021, 03:18 PM,
RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
“आई ऍम सॉरी माँ..में..मैंने प्रॉमिस…!!
“ह्म्मम्...!!
“मॉम मुझसे प्रॉमिस टूट गया ...!!
“क्यूं..क्या हुआ….क्या किया तुम्हने...?
“मॉम.व..व.वो आअज सुबह मैंने आपके..लिप्स को छुआ था….!!
“व्हाट..?
माँ ने मुझे अपने सीने से हटाया और में उनके सामने बैठ गया. मैं अब कुछ बोलने की पोजीशन में नहि था माँ बस मेरी और शेरनी की तरह घूरे जा रही थी,उनके फेस पे गुस्सा साफ़ था फिर माँ ने अपने बाल बाँधते हुए, और पल्लू ठीक करते करते पुछा.
“बोलो तुमने ऐसा क्यों किया..?
“रेशु.प्लीज लिमिट क्रॉस मत करो की मुझे कुछ करना पडे….प्लीज तुम अपनी पढाई पे ध्यान दो…..!!
“मॉम आई एम सॉरी......!!
माँ ने मेरी बैग रेडी कर दी थी, और चैन बंद कर रही थी. माँ ने मेरी बात सुन के कुछ रियेक्ट नहीं किया,ओर मेरी समझ में नहीं आ रहा था की आगे क्या कहूँ.मेरे तो होश ही उड़ गये थे, में तो डर के मारे माँ की और देखे जा रहा था फिर माँ ने चैन बंद कर के मेरे सहमे चेहरे को देखा और फिर बैग उठा के बेड के निचे रख दी और फिर मेरी और देख क़र, मुस्कुरा के कहा
“अच्छा बाबा, अब डर मत…..मैं मज़ाक़ कर रही थी...!!
मैंने हेरान हो के माँ की और देखा और माँ ने फिर से कहा..
“अरे में तो नाटक कर रही थी... और माँ हंस पडी और मैंने ऐसे पहली बार माँ को खुल के हँसते देखा.
“तो माँ आप जानती थी..हम्म….!!
“हा...!!
और माँ ने हँसते हँसते हाँ कहा. और वो मेरा मज़ाक़ बना रही थी, और उनकी हँसी नहीं रूक रही थी,मेरा सहमा हुआ चेहरा देख के. और फिर थैंक्स टू माय ईविल माइंड..मेरे दिमाग में एक आईडिया आया और मैंने एक बच्चे की तरह अपना हाथ पछाडते हुए माँ पे गुस्सा करते माँ पे गिरा और माँ को पकड़ के बेड पे लिटा दिया..और माँ के ऊपर लेट के माँ को पकड़ लिया.

ओर माँ को जैसे ये भी पता हो ऐसे वो अब भी मेरी और देख के हंस रही थी, मैंने माँ के दोनों हाथों को पकड़ा और धीरे धीरे उन दोनों हाथों को माँ के सर के पीछे ले गया. माँ छुटने की कोशिश कर रही थी..पर में भी स्ट्रांग था माँ के बारे में तो लिखा ही नही…...माँ ने आज ब्लैक कलर की साड़ी पहनी थी और वो भी रेड एंड ब्लैक मैचिंग ब्लाउज के साथ और बॉस वो क्या लग रही थी…..
“रेशु.. छोडो मुझे.....!!
“नही..माँ, पहले सॉरी कहो….!!
मैंने माँ के चेहरे के ठीक सामने अपना फेस लाते हुए कहा जैसे की में उनका रेप करने वाला हू, माँ अगर इतनी प्यारी ना होती तो शायद में रेप भी कर देता….

माँ फिर हँसी और मेरी और एकदम स्ट्रांग बनते हुए देखा और कहा…
“वैसे कुछ भी खो..तुम हो तो बड़े सीधे, क्यूँकि अपने आप जो क़बूल कर लिया... माँ ने अपनी कमर हिला के खिसक ने की कोशिश की, पर मेरा पेट् माँ के पेट् से सटा हुआ था और मैंने दोनों पाँव से माँ के दोनों पाँव पे कब्ज़ा करके रक्खा था माँ के बॉब्स भी मेरे सीने को फील हो रहे थे.
“मॉम में तो सीधा ही हू, जो मन की बातें तो कह देता हू, पर कुछ लोग अपने मन की मन में ही रखते हे..और चाहते हे की सामनेवाला खुद समझ जाए…..!!
मैंने डबल मीनिंग में माँ से कह दिया की मुझे पता हे माँ आपको सेक्स की जरूरत हे और में आपके सामने ही हू. माँ को समझ तो जाना था की मैंने क्या कहा, और वो समझ भी गयी. जैसे ही मैंने कहा माँ एकदम से सन्न रह गयी और उन्होंने मेरी आँखों में देखा और अब उन्हें शर्म आ गयी, बाकि अब तक एकदम झाँसी की रानी की तरह मेरे सामने लड़ रही थी, पर अब वो शांत हो गयी और छूटने की ट्राय करना भी छोड़ दिया.
“रेशु..प्लीज छोडो मुझे.. आई एम सॉरी….!! अब तो माँ ने सॉरी कह दिया और प्लीज भी. अब तो छोड़ना बनता ही था पर मुझे लगा की माँ को छोडना ठीक नही, तो मैंने कहा.

“मॉम एक बार फिर लिप्स को छुने दो ना..प्लीज….!
“नही..रेशु, तुम प्लीज मुझे छोडो, तुम्हारा दिमाग घूम गया लगता है, मुझे छोडो अब तो मैंने सॉरी भी कह दिया….!!
माँ ने टेंशन में आते कहा. माँ के चेहरे पे हल्का सा पसीना आ गया था तो मैंने मस्त एक ठण्डी सी फ़ूंक मारी माँ के चेहरे पे और फिर कहा..
“मॉम प्लीज तो में भी कह रहा हू, और सॉरी भी बाद में कह दूंगा….!!

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