11-30-2020, 12:43 PM,
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desiaks
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RE: Thriller Sex Kahani - अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म )
पुलिस इंसपैक्टर चालीसेक वर्षीय, ऊंचे कद और आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी था। उसके साथ बावर्दी एस. आई. भी था।
लाश का मुआयना करके दोनों बाहर निकले।
-“किसी औरत का चक्कर लगता है, सर।” एस. आई. कह रहा था- “आप तो जानते हैं मनोहर कैसा आदमी था।”
-“जानता हूँ।” इन्सपैक्टर बोला।
दोनों राज के पास आ गए।
-“तुम ही उसे यहाँ लाए थे?” इन्सपैक्टर ने पूछा।
राज खड़ा हो गया।
-“हाँ।”
-“तुम अलीगढ़ में ही रहते हो?”
-“नहीं विराट नगर में।”
-“आई सी।” इन्सपैक्टर ने सर हिलाया- “तुम्हारा नाम और पता?”
-“राज कुमार, 4C, पार्क स्ट्रीट, विराट नगर।”
एस. आई. ने नोट कर लिया।
-“मैं इन्सपैक्टर ब्रजेश्वर चौधरी हूँ। यह एस. आई. दिनेश जोशी है।” इन्सपैक्टर ने परिचय देकर पूछा- “तुम काम क्या करते हो?”
-“प्रेस रिपोर्टर हूँ।”
-“किस पेपर में?”
-“पंजाब केसरी।”
-“हाईवे पर क्या कर रहे थे?”
-“ड्राइविंग। अपनी कार में विशालगढ़ से विराट नगर लौट रहा था।”
-“लेकिन अब तुम्हें यहीं रुकना होगा। आजकल परोपकार करना महंगा पड़ता है। इस केस की इनक्वेस्ट में हमें तुम्हारी जरूरत पड़ेगी।”
-“जानता हूँ।”
-“क्या तुम दो-एक रोज यहाँ रुक सकते हो? आज वीरवार है.... शनिवार तक रुकोगे?”
-“अगर रुकना पड़ा तो रुकूँगा।”
-“गुड। अब यह बताओ, उस तक तुम कैसे पहुंचे?”
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