RE: Hindi Sex Stories याराना
हम दोनों की तेज चुदाई से बाथटब का पानी छपाछप करने लगा। हमारी चुदाई इतनी तेज थी कि बाथटब का पानी बाहर तक बहने लगा। अब हम दोनों अपने कूल्हों का इस्तेमाल करके एक दूसरे के अंदर समाने का प्रयत्न करने लगे। काफी देर तक इस तरह चुदाई करने के बाद मैंने अपनी सेक्स पोजिशन बदलनी चाही किंतु उपासना इस चुदाई से इतनी उत्तेजित हो गई थी कि उसने मुझे छोड़ा ही नहीं और मेरे लिंग पर लगातार उचकती रही। इसी तरह की अवस्था में हम एक-दूसरे से बेहद जकड़न वाला आलिंगन करके एक दूसरे के अंदर समाते हुए झड़ गए।
करीब 5 मिनट तक हम बाथटब में अपनी थकान मिटाते रहे। उसके बाद हल्का सा शावर लेकर गीले बदन ही अपने बिस्तर पर पहुंचे। उपासना आकर मेरे सीने से चिपक गई और हल्की सी मुस्कुराहट के साथ आंखें बंद करके सो गई। थोड़ी देर के बाद उसे थकान होने के कारण गहरी नींद आ गई थी।
रात के करीब 3:00 बजे थे। विक्रम और तृप्ति के कमरे से आने वाली चुदाई की आवाज भी रुक गई थी। शायद वो दोनों भी सो गए थे।
इस तरह आज भाइयों ने अपनी बीवियों को बदल कर भोगा था, देवर ने भाभी और जेठ ने बहू की चूत चुदाई की। यह सोच कर ही मन रोमांचित हो रहा था। मैं लेटे-लेटे सोचने लगा कि अब कल क्या होगा? अब तो ये खेल शुरू हो गया है। अब तो सीमा और श्लोक की तरह ही रोजाना अदला-बदली करके इस चुदाई के आनंद को काफी समय तक भोगना है।
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इस तरह के याराना के अब हम कुल 8 यार हो गए थे जिन्होंने अपनी साथियों को बदल कर याराना में भोगा था। मेरा मन यह कल्पना करने लगा कि क्या हमें कभी रणवीर-प्रिया, सीमा-श्लोक को यहां बुला कर आठ लोगों की सामूहिक चुदाई का कार्यक्रम का आयोजन करना चाहिए? वह पल कितना सुखद होगा जब एक ही लंड को अपनी बीवी के साथ चार अन्य लोगों की बीवियां मुंह में लेकर चूसेंगी और अपनी चूत में ग्रहण करेंगी। कुछ इस तरह की कल्पना करते हुए मेरी आंख लग गई और मैं गहरी नींद में सो गया।
प्यारे दोस्तो, याराना के इस अध्याय पर यहीं विराम लगाते हैं...
THE END
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