03-20-2021, 08:23 PM,
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desiaks
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RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़
अपडेट—9
मीनू दीदी को गाय भैंसो के तबेले मे जमकर चोदने के बाद मैं हाथ पैर धोकर अंदर खाना खाने आ गया....सीमा चाची के पास बैठ कर
खाना खाने लगा और बीच बीच मे उनकी हिलती गान्ड भी देख लेता था
राज—चाची मैं आज कल्लू के साथ रात मे रहूँगा तो घर नही आउन्गा आप माँ को बता देना
सीमा—क्यो रात मे तो अपने घर मे रहा कर...दिन भर तो तेरा पता रहता नही है ……कहाँ घूमता रहता है
राज—चिंता मत करो चाची..जल्दी ही मैं बड़ा आदमी बनूंगा..तब देखना सब को खूब सारी शॉपिंग कराउन्गा
सीमा—जीता रह…तुझसे ही तो अब उम्मीदे हैं…तभी तो सब को तेरी फिकर लगी रहती है
राज—ठीक है चाची….आज मैं जाउ कल्लू के घर
किंजल (मन मे)—कल्लू की मम्मी तो गाओं गयी है….मुझे सुबह गाओं मे मिली थी जाते हुए वो….पक्का ये सांड़ उसकी बहन को पेलने के चक्कर मे हैं आज रात
सीमा—ठीक है जा…मैं दीदी को बता दूँगी
मैं चाची को बता कर खाना खाने के बाद घर से निकल गया कल्लू के घर.....चंपा भी आ गयी थी.....कजरी ने मुझे अंदर बुला कर दरवाजा बंद कर लिया
कजरी—राज तुम यहाँ कल्लू के रूम मे सो जाना और चंपा मेरे साथ सो जाएगी
राज—मुझे अकेले सोने की आदत नही है…
चंपा—तो क्या अब कजरी को सुलाएगा अपने साथ….?
राज—क्या हम एक कमरे मे नही सो सकते…? बड़ा मज़ा आएगा
कजरी—ठीक है तू भी मेरे कमरे मे आ जा….मैं नीचे बिस्तर लगा देती हूँ…सब नीचे सोएंगे आज.......क्यो चंपा...
चंपा (मुश्कुरा कर)—ठीक है
कजरी ने अपने रूम मे नीचे बिस्तर लगा दिया...मैं उसके रूम मे जाकर लेट गया....दोनो बाहर निकल कर आपस मे खुसुर फुसर करने
लगी....मैने कजरी की ओर देखा तो उसने मेरी तरफ देख कर आँख मार दी
थोड़ी देर बाद दोनो हँसते हुए आकर लेट गयी….चंपा की कुवारि बुर चोदने के ख्याल से ही मेरा लंड खुशी से बल्लियो उछल्ने लगा था
राज—चंपा तुम्हारे घर मे कौन कौन है.... ?
चंपा—दीदी, मम्मी, पापा, चाची, चाचा,एक बुआ,एक छोटी बहन , एक भाभी , भैया और मैं
राज—अब तो तेरी दीदी और बुआ की तो शादी हो गयी होगी
चंपा—अभी नही हुई है….
राज (खुश होकर)—अच्छा...शादी लायक तो हो गयी होंगी ना..... ?
चंपा—हाँ…वो तो मुझसे बड़ी हैं तो शादी लायक क्यो नही होंगी
राज—तुम सुंदर हो..चंपा…तुम्हारी शादी जल्दी हो जाएगी
कजरी—तू कर ले ना शादी चंपा से
राज—कर तो लूँ पर मैं पहले अच्छे से चेक करने के बाद ही सोचूँगा
कजरी—तो चेक कर ले ना...चंपा आज रात यही तो है...जितना चेक करना है कर ले
राज—मुझे तो चंपा मे कमी लग रही है
कजरी—कैसी कमी…?
राज—वही कमी जो इसकी घर की बाकी लड़कियो मे है…मैने एक बार देखा था इसकी दीदी और बुआ को
चंपा—क्या कमी है मुझ मे…..?
राज—रहने दो तुम बुरा मान जाओगी
चंपा—नही मानूँगी तू बता
राज—नही तू मान जाएगी
चंपा—नही मानूँगी ना...बोल तो दिया..चल बता अब
राज—तू पहले कजरी को देख और फिर खुद को...कुछ अंतर दिखा.... ?
चंपा—ना...मुझे तो कुछ नही दिखा..तू ही बता
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