06-05-2017, 03:23 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
जब मैने आंटी की चूत खाली कर दी तो आंटी को छोड़ दिया और आंटी भी मेरा सिर छोड़ कर मेरे बाजू मे बैठ गई…
मैं- क्या आंटी…इतनी जल्दी झड गई…
आंटी- अरे बेटा..आहह..बोला था ना कि तेरे अंकल ने गरम कर दिया ऑर सो गये…
मैं-हाँ..तो आप झड़ी नही थी क्या…
आंटी- अरे तेरे अंकल की चुदाई मे अब झड़ती ही नही…इसी लिए
मैं- ह्म्म्मे..अब खुश हो ना..
आंटी- हाँ बेटा…तेरे अंकल का लंड झड नही पाया ऑर तूने तो जीभ से ही झडा दिया…
मैं- ह्म्म..आपको खुश जो रखना है…
आंटी- तभी तो अब मैं तेरी हो गई…तू ही मुझे अच्छे से चोद बस…
मैं-ओके आंटी..पर आअज आपकी गान्ड मारने का मन है…
आंटी- मेरा भी बेटा..उस दिन से गान्ड मे खुजली होने लगी...आज अच्छे से मिटा दे..
मैं- तो अब आप देखो ..आज मैं कैसे आपकी गान्ड फाड़ता हूँ,,,,
आंटी- फाड़ दे बेटा..जैसी मर्ज़ी चाहे फाड़…पूरी रात चोद बस…
मैं- पूरी रात …कोई आ गया तो..
आंटी- कोई नही आयगा..सब सोए हुए है…ऑर आता है तो आए..तू तो बस गान्ड फाड़ ..बाकी सब भाड़ मे जाने दे…
मैं- तो आजा मेरी रानी …
और मैने आंटी को अपनी गोद मे बैठा लिया ऑर हम जोश के साथ एक दूसरे के होंठ चूसने लगे,,,,,
आंटी नीचे से नंगी थी ऑर मैने आंटी का टॉप बूब्स के उपर कर के बूब्स दावाना शुरू कर दिया ऑर साथ मे हम होंठो की चुसाइ मे बिज़ी हो गये….
थोड़ी देर बाद हम अलग हुए ऑर मैने आंटी के बूब्स दबाते हुए बोला…
मैं- तो अब आप शुरू हो जाओ…और मैने आंटी की गान्ड पर थप्पड़ मार दिया…
आंटी- आह…ऐसे ही गान्ड फाड़ना…
आंटी मेरा इशारा समझ गई ऑर मेरी गोद से उतर कर मेरा अंडरवर उतारा….और कुतिया के पॉज़ मे आई ऑर मेरी टांगे फैला कर लंड को मुँह मे भर के चूसने लगी…
आज आंटी तेज़ी के साथ मेरे लंड को चूस रही थी जैसे जन्मो की प्यासी हो..शायद कुछ दिन से चुदाई नही की इसलिए….
आंटी-सस्स्स्सुउउउप्प्प…ऊओंम्म….उउउंम्म….सस्स्रर्र्र्र्रप्प्प्प
मैं-आआहह…अओंती….क्कक्या चूस्ति हो….ऑर तेज,…हहाअ …ऐसे ही
आंटी-सस्स्स्र्र्ररुउउप्प्प…..ऊओंम्म….उउउंम्म…सस्स्रररुउउप्प
मैं-आअहह…..ऐसे ही….ओर तेज…मेरी रानी…आअहह…
आंटी-सस्रररुउुउउप्प्प्प्प्प….सस्स्स्र्र्ररुउुउउप्प्प…..उूुउउम्म्म्ममनममम….सस्स्र्र्ररुउउउप्प्प्प
मैं-आंटी …मज़ा आ गया…आअहह
थोड़ी देर की लंड चुसाइ मे मेरा लंड अपनी औकात पर आ गया और अब मैं आंटी की गान्ड को सहलाते हुए इशारा करने लगा की बस करो..अब गान्ड फाड्नी है….
आंटी भी मेरी बात समझ कर रुक गई और लंड को मुँह से निकाल के बोली….
आंटी- आहह ..कितने दिन बाद…मज़ा आ गया…
मैं- ह्म्म्म ..अब आओ…आपकी गान्ड की खुजली मिटा दूं…
आंटी मेरे कहते हुए कर मेरी गोद मे आई ओर अपनी गान्ड पर लंड सेट कर के बैठ गई...
आज आंटी पूरे जोश मे थी ....आंटी ने दो झटके मे ही मेरा पूरा लंड गान्ड मे घूँसा लिया ...
आंटी-आहह….उउउफफफ्फ़..म्माआ….
मैं- बड़ी जल्दी है ना…
आंटी-आहह…हाँ..बेटा…तू बस..गान्ड मार…ऐसे ही..आहह
मैने भी आंटी के कहते हूँ उनकी गान्ड को पकड़ा ऑर तेज़ी से दहक्ते मारते हुए उन्हे उपर नीचे उछालने लगा……ऑर गान्ड मारने लगा...
आंटी-आअहह….आआहह..ऊहह..माँ..
मैं-मज़ा आया
आंटी-आअहह…बहुत….मार बेटा…अहहह
आंटी बोल ही रही थी कि मैने लंड बाहर तक निकाल कर एक जोरदार झटका मारे ऑर आंटी की गान्ड मारने लगा…
आंटी-आआहह…..म्म्म्मा आररररर द्दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआ
मैं-यीहह…ऑर तेज मारू,….हाँ..
आंटी-अया..आअहह..आहह…आहह..आहह…अहह
मैं-ययईएह….ययईईहह…यी…ल्ल्लीए…ऑर टीज़्ज..हा..
आंटी-ऊओ….म्म्माूआ…आआहह….अहहाा
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06-05-2017, 03:24 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
रात भर आंटी की गान्ड मारने के कारण आज मुझे ज़्यादा ही नीद आ रही थी …फिर भी आज मुझे काम बहुत थे तो मैं कुछ देर बाद ही मन मार के उठ गया और फ्रेश हो कर रेडी हो गया…
मैं रेडी हुआ ही था कि संजीव रूम मे आ गया…
संजू- भाई रेडी हो पाया कि नही
मैं- क्यो साले दिखता नही क्या…रेडी हूँ
संजू- ओक..चल नाश्ता कर ले फिर स्कूल जाना है…
मैं-स्कूल …किस लिए
संजू- भाई एग्ज़ॅम का टाइम टेबल लेने…
मैं- तुझे कैसे पता कि टाइम टेबल सेट हो गया..
संजू- यार वो अकरम का कॉल आया था..उसी ने बताया…
( यहाँ मैं आपको बता दूं कि अकरम हम दोनो का खास फ्रेंड है….वो कुछ टाइम के लिए आउट ऑफ टाउन गया हुआ था इसलिए उसका ज़िक्र नही आया….इस स्टोरी मे अकरम का इंपॉर्टेंट रोल है…वो आगे पता चलेगा…)
मैं- ओह्ह..अकरम आ गया…??
संजू- हाँ भाई…बहुत घूम आया साला…आज मिलेगा तो ट्रीट लेगे..
मैं- ओके…चल फिर….
मैं संजू के साथ नीचे आया ऑर नाश्ता करने लगा….
आज फिर नाश्ते की टेबल पर रक्षा मुझे खा जाने वाली नज़रो से घूर रही थी ऑर बाकी सब बाते करते हुए नाश्ता कर रहे थे…
मैं समझ ही नही पाया कि रक्षा की आख़िर प्राब्लम क्या है…क्या यही है वो जो मेरा लंड चूस्ति है….पता करना होगा…वो भी जल्दी….
दूसरी तरफ आंटी ने मुझे देख कर स्माइल कर दी….वो बिल्कुल फ्रेश नज़र आ रही थी…लग ही नही रहा था कि आंटी पूरी रात दमदार गान्ड मरवा कर आई है…मैने भी आंटी को स्माइल पास कर दी …ऑर नाश्ता करना लगा…
नाश्ते के बाद सब लोग अपने काम मे लग गये….अनु, रक्षा ऑर पूनम स्कूल निकल गई अपनी फ्रेंड के साथ…अंकल लोग शॉप पर और आंटी लोग घर के कामो मे…
मैने आंटी से पारूल को घर छोड़ने का बोला तो आंटी ने कह दिया कि जब तक तू यहाँ है तो पारूल भी यही रुकेगी ऑर मेरी हेल्प करेगी….
मैने भी आंटी को ओक बोलकर संजीव के साथ स्कूल निकल आया….
स्कूल पहुँच कर हमने कार को पार्क किया ओर हमेशा की तरह अपनी फेव क्लास मे जाने लगे …फेव क्लास मतलब कॅंटीन …हाहाहा
हम कॅंटीन मे आए ऑर कॉफी ऑर्डर की फिर बैठ कर अकरम का वेट करने लगे…
थोड़ी देर बाद अकरम भी आ गया ऑर हम आपस मे गले मिले ऑर बैठ कर कॉफी पीते हुए बाते करने लगे…
मैं- भाई तू कहाँ घूम रहा था…
अकरम- अरे यार…पहले हम सब मनाली गये थे…वहाँ से वापिस आना था पर डॅड की इंपॉर्टेंट मीटिंग सेट हो गई तो हम सब डॅड के साथ दुबई चले गये और फिर कल ही वापिस आए है..
मैं- दुबई…वाउ…तो मस्त मज़े मारे 1 महीने
अकरम- हाँ यार मज़ा तो बहुत आया…
संजू- अच्छा , ये बता कि मज़े किसके साथ मारे….
अकरम- क्या यार ..तुम भी…कोई नही था…मेरी तो गर्लफ्रेंड भी यही थी…
मैं- अच्छा…तो कौन –कौन था तेरे साथ…
अकरम- कोई नही..बस फॅमिली थी….डॅड मोम…सिस्टर्स…और मौसी….
( अकरम की फॅमिली मे 6 लोग है ..अकरम के मोम-डॅड..अकरम…उसकी 2 दीदी..और एक मौसी…जिन्होने अभी तक शादी नही की और वो अकरम के घर ही रहती है…)
संजू - ओके…तो तेरी गर्लफ्रेंड के क्या हाल है…??
अकरम- ठीक है…
मैं- चल ये बता कि ट्रीट कब दे रहा है..
अकरम- भाई ट्रीट क्या..पार्टी होगी..वो भी 2 दिन बाद
मैं- पार्टी…
संजू- पार्टी किस चीज़ की
अकरम- यार दो दिन बाद मेरे घर पर पार्टी है…तुम लोगो को भी आना है..हाँ
मैं- ओके
संजू- ज़रूर आएगे…बस कोई माल भी बुला ले पार्टी मे..
मैं- ये साला माल ही देखता रहेगा….अकरम ये बता कि तेरी सीबीआइ की तैयारी तो ठीक चल रही है ना…
( अकरम सीबीआइ इनस्पेक्टर बनना चाहता था ऑर तैयारी भी कर रहा था….)
अकरम- हाँ यार..चल तो रही है…नेक्स्ट मंथ शायद जगह निकल आए सीबीई मे…
मैं- ट्राइ करता रह….ज़रूर सीबीई इनस्पेक्टर बनेगा
अकरम- थॅंक्स यार..लगा तो हूँ ही
संजू- अब चलो भी सीबीआइ बाद मे अभी टाइम टेबल ले आए
मैं- हाँ चल ना….
अकरम-चलो…फिर घूमने चलते है…ओके
संजू- हाँ, पर कहाँ जाना है…
मैं - वही चलते है ..अपने अड्डे पर...
अकरम- ह्म्म्म…आज वही चलते है…मुझे कुछ बताना भी है...
मैं-ओके
इसके बाद हमने कॅंटीन का बिल दिया ऑर क्लास मे निकल गये….
क्लास मे जा कर हमने अपना टाइम टेबल लिया ऑर वापिस आ कर मेरी कार से हम सब घूमने के लिए निकल गये…जहाँ हम हमेशा घूमने जाते थे…
मैं , संजीव और अकरम कार से सहर के आउटर मे बने प्ले ग्राउंड पहुँच गये…उस ग्राउंड मे एक तरफ कुछ एक्सरसाइज़ करने के पाइप्स लगाए गये थे….वही पर बैठ कर हम बड़े आराम से दिल की बातें किया करते थे,….
ये हमारा बेस्ट अड्डा था…यहाँ हम हर तरह की बात करते थे पर ज़्यादातर हम चुदाई की बाते यही आकर करते थे…क्योकि यहा किसी के सुन लेने का कोई भी चान्स नही था…क्योकि यहा बहुत ही कम लोग आते थे…
जैसे ही हम वहाँ पहुँचे तो अकरम ने अपने बेग मे से सिगरेट निकाल ली और पीने लगा…
मैं- भाई तू ये सिगरेट छोड़ दे ना….
संजू- हाँ यार तुझे सीबीआइ ऑफीसर बनना है ना...तो सिगरेट छोड़ दे ...
अकरम- हाँ यार छोड़ना तो मैं भी चाहता हूँ..बट साली छूटे तब ना...
मैं- तूने ट्राइ किया..???
अकरम- हाँ यार…और अब काफ़ी कम हो गई है…नही तो तुम तो जानते ही हो कि मैं कितनी पीता था…
संजू-हाँ ये तब तू तो चैन स्मोकर हो गया था..
मैं- ह्म्म..अब बिल्कुल बंद कर दो…ओके
अकरम- ओके भाई …1 मंत मे सब बंद हो जायगी …प्रोमिस..
इसके बाद हम बाते करते हुए घूमने लगे …पर अकरम मुझे पहले की तरह नही दिख रहा था..सिगरेट पीते हुए वो सीरीयस हो गया था…
मैं- अरे अकरम..कोई बात है क्या…सीरीयस क्यो दिख रहा ..
अकरम- न..नही तो..ऐसा कुछ नही….
मैं- नही बोलना तो मत बोल ….मैं फोर्स नही करूगा..
संजू- हाँ भाई..कोई प्राब्लम हो तो बता…
अकरम- अबे सालो कुछ नही है….एक काम कर संजू ..तू बियर ले कर आ जा..ये ले पैसे
मैं- बियर …अचानक…चल मेरे घर चल के पीते है…
अकरम- अरे अभी मन कर रहा है…जा संजू ले कर आ..
मैं समझ गया कि अकरम संजू के सामने कुछ बताना नही चाहता इसलिए उसे भेज रहा है ,नही तो अकरम को बियर का कोई खास शौक है ही नही…
संजू- अरे बाद मे पी लेना ना…
मैं- संजू…चुप कर…जा बियर ले आ…ये ले चाबी
मैने संजू को कार की चाबी दी ऑर अकरम ने पैसे ..तो संजू बियर लेने निकल गया...और मैने अकरम की तरफ घूम कर कहा..
मैं- ह्म्म…तो अब बता, क्या चल रहा है तेरे माइंड मे…
अकरम- मतलब् ...???
मैं- देख, मुझसे मत छिपा ..अच्छे से समझता हूँ तुझे....
अकरम(सीरीयस होकर)- हाँ भाई ..पर पहले ये सुन लो कि ये बात हमारे बीच मे ही रहेगी…
मैं- हाँ भाई…आज तक किसी को कुछ बोला क्या…??
अकरम- नही, पर ये बात मेरी फॅमिली की है
मैं(अकरम के कंधे पर हाथ रख कर) - देख अकरम जो भी बात है दिल खोल कर बता…मैं किसी को नही कहूँगा…बोल
अकरम- ओके..आ बैठ के बात करते है
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06-06-2017, 09:52 AM,
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RE: चूतो का समुंदर
मैं-क्या..साले…चूत कैसे दिख जाएगी…पैंटी होगी…
अकरम- भाई इसी लिए तो शक यक्कीन मे बदल गया…
मैं- एक मिनट…मतलब तेरी मोम पैंटी नही पहने हुई थी…
अकरम- हाँ भाई..सिर्फ़ पैंटी ही नही..ब्रा भी नही पहने हुई थी..
मैं- ये कैसे पता..
मैने- भाई जब मैने मॉम को आवाज़ दी तो वो पलट कर बैठ गई पर उनकी ड्रेस उनके बाजू पर सरक गई…वहाँ ब्रा की पट्टी नही थी..
मैं- तुझे कैसे पता…कि वहाँ होती है..
अकरम- भाई मैने मोम की ब्रा की पट्टी कई बार देखी है..इसलिए..
मैं- मतलब ..तू ये कहना चाहता है की तेरी मोम..उस दिन चुदाई करवा कर आई थी ऑर ब्रा-पैंटी वही छोड़ कर आ गई थी..
अकरम( रोते हुए)- हाँ..भाई…उस दिन मुझे पता चला कि मेरी मोम रंडी हो गई है…
मैने अकरम को गले लगया ऑर चुप करा कर बोला…
मैं- भाई अगर ऐसा है तब तो पता करना होगा…नही तो बदनामी हो सकती है…
अकरम- हाँ भाई..यही बात मुझे खाए जाती है…मैने सोचा था कि घूमने के बाद मोम शायद पहले जैसी हो जाय पर ऐसा कुछ नही है…
मैं- क्यो…वहाँ से तो तुम लोग कल रात मे ही आए हो…इतनी जल्दी क्या हो गया..
अकरम- आज मैने मोम को फ़ोन पर बात करते सुना था..कि , अकरम स्कूल जाने वाला है, बस इसके डॅड निकल जाय फिर आती हूँ…मुझे भी प्यास बुझानी है…
मैं- ऐसा क्या..
अकरम- हाँ भाई..डॅड अपने फ्रेंड के घर गयी होगे..और मेरी मोम किसी का लंड खा रही होगी….अब बता क्या करू..
अकरम फिर से रोने लगा…और मैने अकरम को चुप करने लगा......
थोड़ी देर तक मैने अकरम को चुप कराया ऑर फिर कहा..
मैं- अकरम…डॉन’ट वरी..मैं सब पता कर लूँगा…ऑर फिर उस आसिक़ की बॅंड बजाएगे..
अकरम- ह्म्म..पर एग्ज़ॅम के बाद मैं फिर से 2 वीक के कॅंप पर जा रहा हूँ…
मैं- तो क्या हुआ…मैं हूँ ना…तू टेन्षन छोड़ ऑर एग्ज़ॅम दे..एग्ज़ॅम के बाद हम सब कर लेगे..बस तू रोना मत..ऑर अपनी मोम को शक मत होने देना कि तुझे सब पता है..
अकरम- हाँ..वैसे भी पार्टी के बाद मोम-डॅड गाँव जा रहे है दादा जी के पास…एग्ज़ॅम के बाद ही आएगे..
मैं- तब तो अच्छा है..अब आराम से एग्ज़ॅम देते है ऑर एग्ज़ॅम के बाद सब देख लेगे…
अकरम- थॅंक्स भाई…मैं जानता था तू मेरी प्राब्लम समझ सकता है और तू ही मेरी हेल्प कर सकता है....
मैं- हेल्प तो करूगा ही...बट कैसे करू , तूने कुछ सोचा क्या..???
अकरम -भाई…तेरे डॅड की वजह से तेरी भी पहचान बहुत है तो प्ल्ज़्ज़ पता कर भाई…मोम को इस रास्ते पर बढ़ने से रोक दे भाई….
मैं- ओके भाई...मैं करूगा...अपने तरीके से...ओके
अकरम - थॅंक्स भाई....थॅंक्स...
और अकरम मेरे गले लग गया..ऑर सुबकने लगा...
हम गले मिल ही रहे थे कि संजू आ गया,…कार ले कर…
मैं- अकरम रोना बंद कर..संजू आ गया...
अकरम- ह्म्म...उसे पता नही चलना चाहिए...
अकरम ने अपनी आँखे सॉफ की और फिर हम अलग हुए.....
संजू- भाई मैने कुछ मिस तो नही किया..क्या बातें हो रही थी...
मैं- नही बे...हम ऐसे ही गप्पे मार रहे थे....
अकरम- हाँ भाई...अब तू इंक्वाइरी छोड़ और बियर पिला....
ओर हम संजू की लाई हुई बियर पीने लगे….
फिर हम गप्पे मारते हुए बियर पीने लगे...और बियर ख़त्म करके हम घर निकल आए...
फिर हमने अकरम को घर ड्रॉप किया ओर मैने आँखो से उसे कूल रहने का बोला ओर फिर उसके घर पार्टी मे आने का बोल कर…हम निकल आए मेरे घर की तरफ…
संजू- भाई..अब कहाँ चल रहे है…???
मैं- मेरे घर…
संजू- कोई काम है क्या…???
मैं- हां…चुदाई करने का मूड है…
संजू- भाई..मेरा भी कुछ करवाओ…
मीयन- ह्म्म..चल आज तेरा भी मूड बना देता हूँ…
संजू -थॅंक्स यार..तू ही मेरा भाई है..
मैं- अब मस्का मत बार..चल ऐश करते है…
इसके बाद मैने अपने घर पर कार रोकी और हम अंदर आ गये.....
अंदर आते ही मेरे सामने सब चेहरे आ गयी...अभी हाल मे सविता, उसका बेटा, रेखा, हरी और रश्मि बैठे हुए टीवी देख रहे थे,,,मेरे अंदर आते ही सब मेरे पास आ गये ओर हम बाते करने लगे...
सविता- अरे बेटा कल आए थे तो रुके क्यो नही...
मैं- तुम सब कहाँ थे तब..सारे लोग गायब थे,,,,
सविता- वो हम सब थोड़ा बाहर गये थे…कैसे हो..ठीक हो ना…??
मैं- ह्म्म..ठीक हूँ…
हरी- सर मैं चलता हूँ…बड़े सर ने ऑफीस जाने को बोला था ..
मैं- ओके….
हरी के निकलते ही रेखा ने कहा…
रेखा- सर आप सदी मे इतने डूब गयी कि हमे ही भूल गयी..
मैं(मुस्कुरा कर)- अरे नही..मुझे सब याद है..बहुत मिस किया..तुम सब को…
सविता- बेटा आप लोग रूम मे जाओ..मैं कॉफी भिजवाती हूँ..
सविता किचेन मे चली गई....
मैं- ह्म्म..रश्मि…तुम कॉफी ले आना..
रश्मि(खुश होकर)- जी सर..
रेखा- मुझे भी आपसे काम है थोड़ा..
मैं- ओह…अच्छा…तो तुम भी रश्मि के साथ आ जाना ओके…
फिर मैने सविता के बेटे को कहा..
मैं- सोनू , तेरा क्या चल रहा है आज कल…
सोनू- कुछ नही भैया..बस पढ़ाई...
मैं- ह्म्म्म ..तो पढ़ाई किया कर..फालतू मत घूमा कर...
सोनू- जी भैया...
मैं- और हाँ...मुझे कुछ बात करनी है तुझसे....
सोनू- क्या भैया..
मैं- अभी नही…फ्री होउंगा….तब बताउन्गा…अब जा कर पढ़ाई कर…
सोनू मेरी बात मान कर अपने रूम मे पढ़ाई करने चला गया ऑर रश्मि और रेखा को जल्दी आने का कह कर मैं संजीव के साथ अपने रूम मे आ गया…
मैं- संजू…आज हम दोनो..एक साथ चुदाई करते है …
संजू- ओके….तो बुला ना…किसे बुला रहा है..
मैं- सबर कर साले…बुलाउन्गा तो देख लेना कि किसे चोदना है…
फिर मैने फ़ोन निकाल कर एक मेसेज किया ओर संजू से बात करते हुए कॉफी का वेट करने लगा….
थोड़ी देर बाद ही सविता कॉफी ले कर आई…
मैं- रश्मि कहाँ है...उस से कहा था कॉफी लाने का...
सविता- वो कुछ काम मे बिज़ी है रेखा के साथ ..आप कॉफी पीओ ..वो आ जाएगी..
मैं- ओके…आप जा कर…सोनू(सविता का बेटा) को पढ़ाई करवाओ..ऑर जब मैं कहूँ..तभी उसे छोड़ना ..ओके
सविता(मुस्कुरा कर)- समझ गई…मैं जाती हूँ…
सविता के जाने के बाद हमने कॉफी ख़त्म की और फिर मैने रश्मि को कॉल किया..
( कॉल पर)
मैं- हाँ रश्मि क्या कर रही हो..
रश्मि-आपने मेसेज किया था ना…वही काम कर रही हूँ…
मैं-ओक..ऑर तुम्हारी भाभी…
रश्मि- हम साथ मे है…एक दूसरे की सफाई कर रहे है…
मैं-ह्म्म..तो एक काम करो..गेट ओपन करो..हम वही आ रहे है…
रश्मि-हाँ आ जाइए..भैया भी नही है…मैं गेट खोल दूगी
मैं- तू अभी गेट खोल और अपना काम कर….मैं आ जाउन्गा...ओके
कुछ सेकेंड बाद ही...
रश्मि-ओके…खोल दिया…अब हम बाथरूम मे जा रहे है…
मैं-ओके…
मैने फिर फोन कट कर दी….रश्मि को मैने चूत चिकनी करने का मेसेज किया था…और रश्मि रेखा के साथ मिलकर चूत की ही सफाई कर रही थी…
मैने सोचा कि क्यो ना वही जा कर दोनो को देखा जाय और वही चुदाई भी कर लेगे…...
मैं-चल संजू…तुझे चूत दिलाता हूँ..
संजू-वाह भाई चल…
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06-06-2017, 09:52 AM,
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RE: चूतो का समुंदर
हम दोनो फिर नीचे आकर एक रूम मे आ गये..जो मैने रश्मि ऑर रेखा को रहने दिया था...ये रूम भी काफ़ी बड़ा था और यहाँ ज़रूरत का हर सामान भी था...
हम जैसे ही रूम मे आए तो गेट तो ओपन था ही..साथ मे बाथरूम का गेट भी ओपन ही था ऑर सामने का नज़ारा कुछ ऐसा था...कि देखते ही लंड झटका मारने लगा,,,,,
सामने बाथरूम के अंदर बाथटब मे रश्मि और रेखा एक दूसरे की चूत ऑर गान्ड को साबुन लगा कर सॉफ कर रही थी….
हम बाथरूम के बाहर से देख ही रहे थे कि रश्मि बोली…
रश्मि- डोर से क्या मज़ा ले रहे है…आ जाइए…
मैं- नही...तुम दोनो अपना काम पूरा कर लो..ऑर हम तुम्हे देख कर गरम होते है , क्यो संजू...???
संजू- हाँ भाई…ऐसे तो हम जल्दी गरम हो जाएगे…
इसके बाद रश्मि और रेखा अपने आप मे बिज़ी हो गई और दोनो एक दूसरे को साबुन लगाने लगी…
रेखा – रश्मि…चूत को ठीक से सॉफ करना…सर को चिकनी चूत पसंद है…
रश्मि- हां, भाभी…चिकनी चूत तो मुझे भी पसंद है…पूरी सॉफ करूगी….
रेखा- तुझे क्या करना है चूत का…तू तो लंड खाएगी..
रश्मि- अरे भाभी..आज तुम्हारी चूत देख कर इसे चूसने का मन कर रहा. है…सच मे बड़ी चिकनी दिख रही है…भाभी इसे खोल के तो दिखो…
रेखा- तू भी ना…ये ले खोल दी देख ले...
रेखा ने अपना एक पैर बाथटब के किनारे पर रख दिया तो उसकी चूत खुल कर रश्मि के सामने आ गई...
रश्मि ने एक उंगली रेखा की चूत मे डाली ऑर बोली...
रश्मि-भाभी...सच मे आज तो ये चूत चुदने मे ज़्यादा ही मज़ा देगी...
रेखा- हाँ मेरी प्यारी ननद …..सर चोदेगे तो मज़ा तो आयगा ही…तेरी उंगली से ही मैं गरम हो गई..आहह
रश्मि ने रेखा की चूत मे उंगली आगे पीछे करना शुरू कर दिया,,,ऑर रेखा भी मस्ती मे अपने बूब्स अपने हाथ से मसलने लगी…..
आख़िरकार कुछ मिनट की मेहनत के बाद रश्मि ने रेखा को झाड़ा ही दिया…
रेखा- आहह..आह..म्म्मा़यन..आइी…ऊहह रश्मि…आऐईइ
रश्मि- ओह भाभी…मेरे मुँह मे…मुझे पीना है तुम्हारा पानी….
रेखा—आजा कुतिया…पी ले …जल्दी आहह…
रश्मि ने जल्दी ही झुंक कर रेखा की चूत पर मुँह लगा लिया ओर रेखा ने रश्मि के सिर अपनी चूत पर दवा कर झड़ना शुरू कर दिया...
रेखा- आहह...आहह...ले कुतिया..आहह पी जा...
रश्मि- सस्ररुउपप..सस्ररुउउप्प..उउंम्म...उउंम..
ऐसे ही आवाज़ो के साथ रेखा झाड़ गई ऑर रश्मि रेखा का चूत रस पी गई..और उसके बाद दोनो ने एक दूसरे को नहलाया ऑर बात तुम से निकल कर हमारे पास आ गई...
मैं- ह्म्म..तो अब क्या ख्याल है..
रेखा और रश्मि ने एक दूसरे को देखा और रेखा बोली
रेखा- तो मेरी प्यारी ननद....लंड खाने को तैयार है...
रश्मि- ओह मेरी रंडी भाभी…मैं तो हमेशा रेडी ही रहती हूँ…
मैं- तो फिर शुरू हो जाओ...
मेरी बात सुनते ही रश्मि नीचे बैठी ओर मेरे पेंट को ओपन कर के अंडरवर के साथ नीचे किया ऑर मेरे आधे खड़े हुए लंड को चूमना चाटना शुरू कर दिया…
दूसरी तरफ रेखा ने भी सोनू का लंड निकाल कर चाटना शुरू कर दिया…और अब दोनो ननद-भाभी हम दोनो के लंड कड़क करने लगी…
मैं- ऊहह…रश्मि….तू कमाल है
संजू- हाँ...रेखा भी कम नही....
रेखा- सस्स्रररुउउप्प्प..सस्रररुउपप..सस्र्र्ररुउप्प्प
रश्मि-सस्रररुउउप्प..सस्रररुउउप.सस्रररुउउप्प
मैं- श..मेरी कुतिया...चूस ना...क्या चाट कर ही झडायेगी....
रश्मि ने मेरे बोलते ही लंड को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया ....और दूसरी तरफ रेखा ने भी संजू का लंड मुँह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया...
मैं- आहह…चूस …फिर तेरी फादू….
संजू-आहह…तीज्ज….आहह
रेखा - ह्म्म्मल…सस्स्रररुउउप्प्प…सस्स्ररुउउउप्प…सस्ररुउउप्प
रश्मि- उउंम..उउंम..उउंम..
मैं- आहह…क्या चूस्ति है…मस्त…
रश्मि- सस्ररुउउप्प…सस्ररुउउउप्प्प..सस्रररुउउप्प
संजू- हमम्म..रेखा …अब बस कर…आहह
रेखा – उउंम…उउंम…उउंम..उउंम्म..
थोड़ी देर मे ही संजू चुदाई के लिए रेडी हो गया और उसने रेखा के मुँह से लंड निकाला ऑर नीचे से नंगा हो कर नीचे लेट गया ऑर रेखा से बोला
संजू- अब जल्दी आ…चुदाई करू…ऑर नही रुक सकता…
रेखा- ह्म्म…तो कर लो ना…मुझे भी सवारी करने का मन था…
संजू- हाँ आजा , सवारी करा दूं लंड की…ऑर तेरी गान्ड भी देखूं…
इसके बाद रेखा संजू के लंड पर उल्टी हो कर बैठी ऑर गप्प से संजू का लंड चूत मे भर के गान्ड घुमाने लगी...ऑर थोड़ी देर मे ही रेखा संजू के लंड पर उपेर नीचे होने लगी.....
( यहा मैं और संजू एक ही टाइम चुदाई कर रहे है पर मैं सीन को अलग- अलग लिख रहा हूँ...)
संजू- अहहह...रेखा..मेरी जान...ज़ोर से.,,,आअहह
रेखा-आहह.....हम्म...श..ऊहह...
संजू- यस...ज़ोर से....आहह...ओर तेजज्ज़...आअहह
रेखा- हां....सर...ये लो...मज़े..करो..आहह....
संजू-आहह...आहह...मान गये.,...क्या चूत है....मज़ा ही आ गया...
रेखा- चोद ले..आहह...ये ले...आ..आहह
रेखा तेज़ी से संजू के लंड पर उपेर नीचे होने लगी ओर संजू चुदाई के रंग मे डूबने लगा...
संजू- अहहह...मेरी जान,,,,क्या सवारी करती है.....ज़ोर से..उछल.....आहह
रेखा- उउंम..आहह..आहह...हमम्म...ऊहह..म्माआ
संजू- तेरी गान्ड...आअहह..मस्त है...
रेखा- आहह…हमम्म्म….म्म्म्र्र..लेना….आहः…आभीी चुत…पेलो...
...अहहह
संजू – आज तो गान्ड ही मारूगा….अभी चूत मार लूँ…
रेखा- हां…मार ले….आअहह…आहह…
संजू और रेखा अपनी चुदाई मे बिज़ी थे.....
दूसरी तरफ मैं रश्मि को रूम मे ले आया ओर उसे सोफे पर बैठा कर लंड को चूसने का इशारा किया….ऑर रश्मि मेरा लंड चाटने लगी....
मैं- हाँ..मेरी कुतिया…चाट ,ऐसे ही..अह्ह्ह्ह
रश्मि -सस्रररुउपप..सस्ररुउउप्प..स्ररुउउप्प..उउम्म्म्म
और थोड़ा चाटने के बाद रश्मि ने लंड को मुँह मे भर लिया ऑर प्यार से चूसने लगी….
रश्मि - उम्म्म…उउउम्म्म्म…सस्सुउुऊउग़गग…सस्रररूउउग़गग
मैं- आह…ऐसे ही…ज़ोर .से…आहह
रश्मि - उउउंम्म…उउउंम्म..सस्स्रररूउग़गग..सस्रररगगगगगग..सस्ररघ्ज्ग
मैं- आहह…ओर तेजज…टीज़्जज…आहह…
रश्मि - उउउंम..उउंम्म..उउंम..सस्ररूउग़गग…सस्ररूउग़गग…
मैने रश्मि का मुँह पकड़ा और उसके मुँह को तेज़ी से चोदने लगा…
रश्मि ने भी मस्ती मे अपनी उंगलियाँ अपनी चूत मे डाल दी...
मैं अपने लंड को रश्मि के गले की गहराई मे ले जाते हुए उसके मुँह को चोदे जा रहा था ….ऑर रश्मि तेज़ी से अपनी चूत को उंगली से चोद रही थी....थोड़ी देर मिस्टर रश्मि के मुँह से थूक निकलने लगा और उसकी आवज़े गले मे ही रह गई….
रश्मि- उउंम..सस्ररूउउगग..क्क्हूम्म..सस्सुउउंम्म
मैं-आहह…अब…मज़ा…आया ..आहह…
रश्मि-उउंम..उउंम्म..उउंम..कक्ख़्हूंम्म…क्क्हूम्म
मैं- ये ले साली …चूस अब…आअहह
रश्मि- ख़्हूंम्म..क्क्हूम्म..सस्सुउऊइगगगग...सस्स्रररूउगग..उउउंम्म
रश्मि ऐसी ही आवाज़ो के साथ झड़ने लगी और मैं भी उसके मुँह मे झड़ने लगा....
मैं- ओह्ह रश्मि ....मैं आया...आअहह
और इसी के साथ मैने अपने लंड रस से रश्मि का मुँह भरना शुरू कर दिया ...
मैने पूरा झड़ने तक रश्मि का मुँह चोदता रहा ओर जैसे ही उसके मुँह को हाथ से छोड़ा तो वो खाँसते हुए सासे लेने लगी....और उसके मुँह से लंड रस टपक कर उसके गले पर फैलने लगा...
वहाँ संजू और रेखा भी झाड़ कर शांत हो गये और यहाँ रश्मि और मैं भी झाड़ गये....
रश्मि ने नॉर्मल होते ही अपने आप को सॉफ किया और फिर से मेरा लंड चूस कर सॉफ कर दिया ...और फिर से लंड को खड़ा करने लगी...
दूसरी तरफ...संजू रेखा को बेड पर ले आया और रेखा संजू का लंड चूस कर फिर से खड़ा करने लगी....
थोड़ी देर मे ही रेखा और रश्मि की मेहनत रंग लाई जिस से मेरा और संजू का लंड चुदाई के लिए रेडी हो गया...
संजू ने जल्दी से रेखा को रोका और उसे कुतिया बना कर उसकी गान्ड मे लंड डाल दिया और गान्ड मारने लगा....
मैने भी रश्मि को बेड पर ले जा कर पटक दिया ऑर उसके साइड मे लेट कर पीछे से उसकी चूत मे लंड डाल कर चोदने लगा....
अब मैं और संजू एक ही बेड पर ननद- भाभी को साथ मे चोद रहे थे ऑर दोनो चुदाई मे मस्त हो कर आवाज़े निकाल रही थी.....
रेखा- आहह..आहह..आहह..आअहह..म्मा
रश्मि- ऊहह …आहह…आहह…आह
संजू- यस…तेरी गान्ड …मे तो आहह..मज़ा आ गया…
मैं- आअहह….रश्मि…..ये ले…..ज़ोर से…
रश्मि- ऊहह...डालो...आहह....आहह
रेखा- फाहह....फ्दाड़...दो आहह
संजू- अहः ..यस....यस...
रश्मि-भभजी..अहहह..गान्ड ...मरवा ली...आह.....
रेखा-आहह...आअहह...हाा...गान्ड...मरवाने...का....आहह...मन...था....
रश्मि- फाड़ दो..इसकी आअहह...गान्ड...आहह
संजू- हाँ..ये ले...आभीइ....फाड़ता हूँ.....
रेखा-आहह...सर...इसकी..चूत...फाड़..दूँ...साली..आहह....कुतिया....
मैं- हाँ...ये ले...आहह..अहहह
रश्मि-आहह..माँ.......तेज..ऑर तीज्ज्ज....
मैं- ये ले...साली...ऑर ले....
संजू-ये…मेरा भी…आहह…फटी ना….आहह
रेकाः- डाअल…ज्जॉर्रसे…आहह
मैं- रेखा….मैं आउ क्या….??
रेखा-हां..सिर….गान्ड…मार लो…अहहह…आप…आऊ…ये..छोटा है…
संजू-साली रंडी…छोटा है..ये ले…आह
रश्मि- हाँ सर..आह..फाड़...दो इसकी गान्ड....मैं छोटा ले लुगी,,,,अहह..
थोड़ी देर बाद संजू ने रेखा को छोड़ दिया ऑर मैने रश्मि को...
मैं- अब मैं रेखा की गान्ड फाड़ता हूँ...
रेखा- ओह्ह...हाँ सर आप ही फाडो..आहह
रश्मि- अब मेरी भी फाडो ना...
संजू- रश्मि तू मेरे पास आ...
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06-06-2017, 09:52 AM,
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RE: चूतो का समुंदर
फिर मैं जा कर बेड पर लेट गया ऑर रेखा को गोद मे बुला कर उसकी गान्ड मे लड़ डाल दिया...दूसरी तरफ संजू मेरे बाजू मे लेट गया और रश्मि को अपनी गोद मे बैठ कर उसकी चूत मारने लगा...
अब दोनो ननद भाभी हम दोनो दोस्तो के लंड की सवारी करने लगी और रेखा ने जोश मे आकर रश्मि के बूब्स को चुंसना शुरू कर दिया ……
मैं- आहह…..रेखा…अब मज़ा आया..
रेखा-उउंम..आहह..सर…फाड़,दो..आ..सस्ररुउपप….
रश्मि- आहह..भाभी….चूस …आहह…संजू सर…ज़ोर से..मारो….
संजू-आहह…ये ले…ये ले…यीहह
मैं रेखा की गान्ड तेज़ी से मारे जा रहा था ओर उतनी ही तेज़ी से रेखा रश्मि के बूब्स को चूसने लगी.....रश्मि भी फुल मूड मे संजू के लंड को उछल-उछल कर चुदवाने लगी ऑर संजू नीचे से तेज शॉट मारे जा रहा था,,,,,
पूरे रूम मे बस चुदाई ओर चुसाइ की आवाज़े गूज़्ने लगी ओर साथ मे गान्ड ऑर जाँघो की टक्कर की आवज़े भी....
मैं- आहह….अहयीहह….यह…
रेखा- उउंम..अहहह…आ..उउंम
रश्मि- ऊहह….भाब हिी..आअहह…ज़ोर से…..
संजू- यीह यह यहह
रेखा -आअहह…आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्माबआ….उूउउफ़फ्फ़…म्म्मा्….फ़फफादद्ड़..दद्दूव…आअहह...उूउउफ़फ्फ़..म्म्माम.....आाऐययईई.....म्म्मा आ...आअहह
मैं- आहह..ईएहह….एस्स..एस्स….ये..ले…
रश्मि - आअहह…आअहह…ऊररर…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्माहआ….उूउउफ़फ्फ़…माआ…म्माईिईन्न्न…..म्म्माु…आआईइ……आअहह…ऊओह
संजू- यीह ये ले…ये ले... ओर तेजज्ज़ डालु..
रेखा -आअहह….दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल…द्ददी…..आआअहह…फासस्थटत्त…आअहह
..यस…यस..यस…आअहह....तीएजज्ज़....ऊओरर..त्त्तीज्ज्ज....आहह...उउफफफ्फ़...आआहह
मैं-यस बेबी..ये ले..…ये ले
रेखा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जॉर्र्र..ससी..आहहह..
संजू -यस बेबी यस
रश्मि - अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एस्स्स्स्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…म्माईिईन्न्न,….आआईयइयाय …आअहहहह…ऊओ…म्मा….ऊहह…ऊहह..ऊहह
चुदाई का महॉल अपनी चरम सीमा पर आ गया ऑर आवज़ो से शोर मचना शुरू कर दिया…रश्मि झड़ने लगी और मैने भी रेखा की चूत को मसलना शुरू कर दिया तो वो भी झड़ने लगी…
रेखा आहह…..स्शहहह..आहह…त्ततुनूउप्प्प…कचूनूप्प्प….
.ईएहहाअ…आहह…त्ततुनूउप्प्प…त्ततुनूउप्प्प….फ़फफूूककचह…फ़फफूूककच….ऊओ…ईीस्स…यईीसस…आअहह….ऊओ……
फफफफकक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प…आहह
फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..तीज़्ज़ज्ज…हहाअ…उउउफफफ्फ़
यएएसस्सस्स…आअहह…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह…आअहह
मैं भी झड के रेखा की गान्ड लंड रस से भरने लगा...और संजू रश्मि की चूत मे झड़ने लगा....इसी तरह हम चारों झाड़ गयी...
रेखा झड़ने के बाद मेरे होठ चूसने लगी और दूसरी तरफ रश्मि झड़ने के बाद संजू के उपर ही लेटी थी ऑर संजू उसके बूब्स सहला रहा था…
करीब 10 मिनट के बाद हम सब नॉर्मल हुए ऑर बाते करने लगे…
मैं- क्यो मज़ा आया ना…
संजू- मस्त मज़ा भाई..
रेखा- बहुत आया सर
रश्मि- सच मे सर मस्त मज़ा आया...
मैं- ह्म्म..अब नहा ले संजू फिर तेरे घर चलना है
संजू- हाँ या...नहाना तो पड़ेगा ही
रेखा- क्यो ना हम साथ मे नहाए…
रश्मि- हाँ सर…चलो साथ मे नहाते है
मैं- ओके , चलो फिर
इसके बाद हम चारो साथ मे बाथरूम मे घुस गयी और मस्ती करते हुए नहाया…फिर रेडी हो कर मैं सबको बाद मे आने का बोल कर…संजू के साथ उसके घर जाने निकल आया…
जब हम संजीव के घर पहुँचे तो…संजीव के घर मे इस वक़्त सिर्फ़ उसकी मोम , उसकी आंटी और पारूल ही थी….
संजीव चुदाई से थक गया था तो वो सोने का बोल कर अपने रूम मे निकल गया और आंटी मेरे लिए कॉफी बनाने किचन मे चली गई….अब वहाँ मैं और पारूल ही बचे थे…
पारूल – एक बात पूछूँ सर…???
मैं- नही…अगर भैया से पूछना हो तो पूछ सकती हो…
पारूल- ओह माफ़ करना , भैया एक बात पूछूँ…
मैं- ह्म्म…आगे से भैया ही निकलना मुँह से ओके....अब पूछो...
पारूल(आजू-बाजू देख कर)- भैया कल आप किस के साथ थे..*???
मैं- कल मतलब किस टाइम..???
पारूल-(मेरे पास मुँह लाकर)- रात मे…
मैं(मुस्कुरा कर)- तू क्यों पूछ रही है…
पारूल- ऐसे ही…
मैं- ह्म्म..ऐसे ही हाँ, तो कल रात मे तो मैं संजीव के रूम मे सो रहा था…
पारूल-झूट….
मैं- अच्छा , मैं झूट नही बोलता…
पारूल- भैया आप झूट बोल रहे हो…मैने अपने कानो से सुना था…
मैं(मान मे)- मैं जानता था कि पारूल और पूनम चुदाई की आवाज़ ज़रूर सुन लेगी…पर पूनम ने कुछ नही पूछा…क्यो…???
पारूल-अब आप सच बताएँगे…???
मैं- ह्म्म..तुझे क्या जान ना है…ये बताओ…
पारूल(शर्मा कर)- आप किसी की चुदाई कर रहे थे ना…???
मैं- हाँ…तो
पर्यूल- वो …कौन थी ..???
मैं- ह्म्म..बताउन्गा…पर बाद मे…पक्का…पर अभी मुझे कुछ पूछना है तुमसे…
पारूल- जी भैया...पूछो..
मैं- कल रात मे पूनम ने भी आवाज़ सुनी होगी ना..उसने कुछ नही कहा तुमसे..
पारूल- कहती तो तब, जब कुछ सुनती....
मैं- मतलब…वो कहाँ थी…???
पारूल- अरे भैया ..रात मे पूनम दीदी अपने कानो मे हेड फ़ोन लगा कर गाना सुनते हुए ही सो गई थी…तो उन्हे कुछ सुनाई ही नही दिया होगा…
मैं- ओह्ह…तभी…तो ये बता कि तूने क्या सुना..
पारूल- सब कुछ..वो भी सॉफ-सॉफ..
मैं- ह्म्म..तो फिर क्यो पूछ रही थी कि किसकी छुदाई कर रहा था…
पारूल(मुस्कुरा कर)- बस ऐसे ही…कि आप क्या बोलते है…
मैं- अरे मेरी गुड़िया..तुझे जब भी कुछ पूछना हो , पूछ लेना ...मैं हमेशा सच ही बताउन्गा...
पारूल- तो बताइए कि कौन थी…
मैं(पारूल के गाल खींच कर)- तू सब जानती है मेरी रानी….अब नाटक बंद कर...
पारूल-ओह भैया..छोड़ो ना...पता है...वो रजनी आंटी थी...
पारूल के कहते ही रजनी आंटी पीछे से बोली...
आंटी- रजनी आंटी क्या थी...ह्म्म, क्या बाते हो रही है मेरे बारे मे...
उनकी आवाज़ सुनकर हम दोनो एक दूसरे को देखने लगे…और पारूल तो डर से काँप ही गई…मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या कहूँ…फिर सोच कर बोला…
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