06-06-2017, 10:31 AM,
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RE: चूतो का समुंदर
थोड़ा रेस्ट करने के बाद रक्षा उठ कर मेरे उपेर आई और अपने दोनो पैरे मेरे दोनो साइड करके बैठ गई और मेरा लंड अपनी चूत पर सेट करके अंदर लेने लगी....
मैं- लंड की सवारी करनी है...
रक्षा- ह्म्म..आप लेटो...मैं आपकी चुदाई करती हूँ...
मैं- ओके..छुरि खरबूजे पर गिरे या खरबूजा छुरी पर...कटेगा तो खरबूजा ही....करो..करो...
रक्षा ने मेरा लंड चूत मे लेकर बैठना शुरू किया और जब पूरा लंड अंदर गया तो वो सिसक उठी...
रक्षा- आअहह...
मैं- दर्द हुआ क्या..??
रक्षा- आहह..आहह...हाँ...थोड़ा सा....
मैं- ह्म्म..आराम से कर...
रक्षा – आहह..हा…आप चोदिये ना….
मैं रक्षा की बात समझ गया ओर उसको नीचे से प्यार से धक्के मारने लगा…रक्षा झुक कर मेरे उपेर आ गई और मैने उसकी गान्ड पकड़ कर उसकी चुदाई शुरू कर दी......
मैं- यीहह….यस…बेबी..यस...
रक्षा-आअहह..आहह..आह…अफ…आहह
मैं-.यीहह..जंप बेबी...
रक्षा- आहह..अह्ह्ह्ह…आह…हाअ…जजूर्र ससी…आहह
मैने कमर उछाल –उछाल कर रक्षा को चोद रहा था और रक्षा पूरा दिल लगा कर अपने जिस्म को उछाल-उछाल के मुझसे चुदवा रही थी…
रक्षा- आहह…ज़ोर सी,,,,,आअहह…यस…...ज़ोर..से…फाड़…दूं..आहह
मैं- उउंम्म…आह…ये ले…..लंड खा…ये ले….उउम्म्म्मम
रक्षा- हाँ…ऐसे ही,….ऑश...म्मा…..फादद्ड़…..आहहाहह…..उउफ़फ्फ़…
मैं थोड़ी देर तक रक्षा को चोदता रहा ऑर फिर रक्षा खुद ही उछल-उछल कर लंड को लेना शुरू कर दिया…
रक्षा-आअहह…आहह...आहह…उउउफ़फ्फ़….हहाअ
मैं-यस बेबी…जंप….याआ..एस
रक्षा-आअहह…आहह…हहा…हाअ…आहह
मैं- एस…जंप…ज़ोर से..यस..बेटा..
रूम मे अब आवाज़े बढ़ने लगी थी...
फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए..हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…
..तीज़्ज़ज्ज…हहाअ…उउउफफफ्फ़..एसस्सस्स…आअहह…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह…आअहह
मैं-यस बेबी यस
रक्षा- अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…म्माईिईन्न्न,….आआईयइयाय …आअहहहह…ऊओ…म्मा….ऊहह…ऊहह..ऊहह
ऐसे चिल्लाते हुए रक्षा झड़ने लगी ऑर उसका चूत रस मेरे लंड से मिलके फुकछ-फुकछ की आवाज़े करने लगा…
रक्षा झड़ने के बाद भी उछलती रही....मैं भी झड़ने के करीब था तो मैने फिर से रक्षा को लिटाया और उसके मुँह के सामने लंड कर दिया...
रक्षा ने तुरंत लंड मुँह मे भर लिया और चूसने लगी...
रक्षा- उउंम्म..उउंम..उउंम..
मैं- एस..बेबी ....कमिंग...येह्ह..यह...
मैं रक्षा के मुँह मे झड गया और इस बार रक्षा पूरा लंड रस पी गई...पर उसकी लाख कोशिश के बाद भी थोड़ा लंड रस उसके मुँह से निकल कर उसके गले और सीने पर आ गया....
दमदार चुदाई के बाद हम रेस्ट करने लगे ...
थोड़ी देर बाद मैने रक्षा को उसके रूम मे रेस्ट करने भेज दिया और मैं भी फ्रेश हो कर रेडी हो गया...
तभी मेरे सेल पर एक अननोन कॉल आ गया...जैसे ही मैने कॉल लिया तो पता चला कि ये तो उसी लड़की का कॉल है जो पहले भी आया था....
और मैं सोचने लगा कि आख़िर ये है कौन और मेरे पीछे क्यो पड़ी हुई है.....
मैने कॉल पिक की
(कॉल पर)
मैं- हेलो...
अननोन- हेलो...हाउ आर यू ??
मैं - फाइन...हू आर यू ...??
अननोन- आप बताओ...
मैं- मैने कैसे बता सकता हूँ मेडम...
अननोन- अरे..पहचानो ना...
मैं(गुस्से मे)- मैं कैसे पहचानू...तुम ही बोलो...नही तो मैं फ़ोन रखता हूँ....
अननोन- मुझे तो लगा था कि आप स्मार्ट हो...पर आप तो...हहहे...
मैं- क्या मतलब...हँसने वाली क्या बात है...अब मैं क्या सबको पहचानू क्या....
अननोन- ह्म्म..पर कुछ लोगो को तो पहचानो...जिनसे आप मिल चुके हो...
मैं- ये ज़रूरी नही..ओके
अननोन- ओके...तो आज के बाद किसी से ये मत कहना कि..."हम वो है जो दिल मे बसना जानते है, दिल तोड़ना नही..."....ओके...बाइ...
सामने वाली ने अपनी बात बोलकर फ़ोन कट कर दिया...और मैं सोचने लगा कि इसने ऐसा क्यो कहा...क्या मैं इससे मिला हूँ और मैने ही इससे ये लाइन कही....
पर किससे बोला था ये...बोला तो कई बार है...पर उनमे से ये कौन हो सकती है....
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06-06-2017, 10:32 AM,
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RE: चूतो का समुंदर
रक्षा जाग चुकी थी और पढ़ रही थी...मुझे देखते ही वो शर्मा गई...
मैं- तुझे याद नही था कि कल पेपर है...??
रक्षा- पता था...
मैं- फिर भी तुमने....क्यो...??
रक्षा- क्योकि मैं आपके प्यार के लिए और वेट नही कर सकती थी.....
मैं- पर तुम्हारी पढ़ाई...और दर्द..
रक्षा- डोंट वरी भैया...मैने टॅबलेट खा ली है और पढ़ाई भी हो चुकी थी...थोड़ा अभी पढ़ लूगी...सब ओके है....
मैं- ओह..तू तो स्मार्ट है...
रक्षा- बेहन किसकी हूँ....असर तो होगा ही...
मैं- ओके मेरी गुड़िया...अब पढ़ाई कर...फिर रेस्ट करना ओके...और दर्द तो नही हो रहा...
रक्षा- आप दवा दे दो तो बिल्कुल नही होगा....
रक्षा की बात सुनकर मैं मुस्कुराने लगा...फिर मैं उसे किस कर के वापिस आ गया और पढ़ाई करने लगा.....
फिर रात मे कुछ खास नही हुआ...हम ने डिन्नर किया पढ़ाई की और सो गये.....
अनु को मैने रात को ना आने का बोल दिया था तो अब वो भी नही आती थी...हाँ थोड़ी देर तक मैं कुसुम और उसके पति के बारे मे सोचने लगा ...और फिर मुझे वो अननोन नंबर. वाली की बात याद आई...पर मुझे अभी उसके बारे मे कुछ याद नही आया था.....
ऐसे ही सोचते हुए मैं सो गया...सुबह हम ने एग्ज़ॅम दिया....अकरम से बात की...उसने मुझे 2 दिन बाद अपने घर बुलाया....बोला कि उसकी दीदी मुझे बुला रही थी....
इसके बाद मैने बाकी सब को घर ड्रॉप किया और वहाँ से सीधा कामिनी के घर चला गया....
कामिनी का घर आलीशान था...उसकी हवेली की तरह.....गार्ड ने कन्फर्म कर के मुझे अंदर जाने दिया...
अंदर हॉल मे कई लोग थे जिसमे मैं सिर्फ़ सुषमा, पायल, और काजल को जानता था....
उनसे थोड़ी बात की पर काजल ने मुझसे कोई बात नही की...बस मुझे अजीब तरह से देखती रही....
उन लोगो को बाद मे मिलने का बोल कर मैं कामिनी के रूम मे निकल गया....
कामिनी अपने रूम मे मेरा ही वेट कर रही थी....
कामिनी- आइए-आइए, आपका ही इंतज़ार था...
मैं- सच मे...आपको कैसे पता कि मैं आने वाला हूँ...??
कामिनी- वो तो मेरे गार्ड ने बता दिया था...
मैं- ओह्ह..तो ऐसा ...वेल कैसी है आप..??
कामिनी- मैं तो ठीक हूँ...मुझे क्या हुआ ..
मैं- मैने तो सुना था कि आपका आक्सिडेंट हुआ है...
कामिनी- तो आप मेरे आक्सिडेंट की खबर सुनकर आए है...चलो इसी बहाने हमारी याद तो आई...
मैं- नही, ऐसी कोई बात नही है...आप जब याद करेगी..हम हाजिर हो जायगे...
कामिनी- पक्का...या फिर हमें फिर से आक्सिडेंट करना होगा...हहहे...
मैं- नही...इसकी कोई ज़रूरत नही होगी...वैसे, कैसी है आप...कोई चोट तो नही आई..??
कामिनी- नही...अपनो के प्यार ने बचा लिया....और आप खड़े क्यो है...आइए, बैठिए ना...
मैं बेड के पास पड़ी चेयर पर बैठने लगा तो कामिनी ने मुझे बेड पर आने को कहा...और मैं कामिनी के साथ बेड पर बैठ गया...
मेरे बैठते ही कामिनी मेरे करीब आ गई...
कामिनी- बहुत इंतज़ार करवाया आपने...और आए भी तो तब..जब घर मे सब मौजूद है..
मैं- मतलब..आपको खुशी नही हुई..मेरे आने की...
कामिनी- अरे..मतलब ये कि अभी आपको खुल के प्यार भी नही कर सकती..
मैं(मुस्कुराते हुए)- कोई नही...प्यार करने के लिए तो जिंदगी पड़ी है....कर लेगे...
कामिनी- जिंदगी का क्या पता...कब ख़त्म हो जाए ..है ना..
मैं(मन मे)- जानता हूँ ...तू मेरी बात कर रही है...पर मैं तुझे ऐसा झटका दूगा कि तू जीते जी मर जायगी...
कामिनी- हेलो...अभी तो जिंदगी बाकी है...अभी सोच मे टाइम वेस्ट मत करो...
मैं- ओके...वैसे भी मैं लाइफ के बारे मे सोचता नही....जब तक लाइफ है, तब तक खुल के जिओ...यही मेरा मानना है...
कामिनी- गुड...तो इंतज़ार किस बात का...हुष्ण भी है...प्यास भी है...तो प्यास बुझा लो ना...
मैं- पर..घर मे कई लोग है...
कामिनी- डोंट वरी...थोड़ा सा प्यार तो कर सकते है ना...
मैं- ओके..बस थोडा सा...
इतना बोलते ही कामिनी ने अपने होंठ मेरे होंठो से लगा दिए और हम एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे...
करीब 5-6 मिनट से हम होंठ चूस रहे थे कि तभी गेट पर किसी ने आवाज़ दी...
सेरवेंट- अयू हु...मेडम...
हम ने किस ख़त्म किया और कामिनी बोली...
कामिनी(गुस्से से)- बिना बुलाए क्यो आई...??
सेरवेंट- मेडम वो...
कामिनी- वो क्या...??
सेरवेंट- पोलीस आई है...आपको बुला रहे है...
कामिनी- ओके तू जा..और मुँह बंद रखना...यहाँ जो देखा वो किसी को पता ना चले..समझी...
सेरवेंट - जी मेडम...
सेरवेंट चली गई ....और थोड़ी देर बाद हम दोनो भी नीचे आ गये...
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