09-16-2017, 10:35 AM,
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RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
खलू को देख कर मैं मुस्करा दी, खाला फिर बोली, हा आओ आओ ऐक तुम्हारी ही कमी थी, ये मैं ने क्या सुना है, कल रात तुम ने कामी को साथ मिला कर गाज़ल की चुदाई करी है, खलू मुस्कराते हुए करीब आगाये और बोले, अरे बेगम तो इस मे बुराई किया है, मर्द का बच्चा अगर चुदाई ना करे गा तो क्या करे गा? ये कह कर खलू ने मुझे खाला से अलग किया और मुझे लिपटा कर खाला के सामने ही मुझे किस करने लगे, खाला गुस्से से बोली, नरेन के अब्बा कुछ तो शरम करो, कुछ मेरा ही लिहाज़ करो अभी मैं यहा मोजूद हूँ, खलू ने मेरे कंधों पर दबाब डालते हुए बोले, तो तुम क्यूँ यहा हो, तुम जाओ और बाकी लोगों का ध्यान रखो ज़रा मैं गाज़ल से दो दो हाथ कर लूँ, ये कह कर खलू ने मेरे कंधों पर दबाब डाल कर मुझे घोटनों के बल बिठा दिया. मैं खलू का मतलब समझ गई और मैं ने खलू की शलवार का अज़रबंद खोल दिया और उनका लंड बाहर निकाल लिया, फिर मैं ने उसे मुँह मे लिया और मज़े से कुलफी की तरहा चूसने लगी, खलू ऐक सिसकारी ले कर बोले, हमारा शेर कामी किधर है, खाला बड़बड़ाती होई बोली, वो बाथरूम मे छुपा हुआ है, आप लोगों ने तो बेशर्मी की हद करदी है, ये कह कर खाला बड़बड़ा कर कमरे से चली गई जब के खलू ने ने मुझे खड़ा किया और अपना लंड मेरी चूत मे डाल कर मुझे अपनी गौद मे उठा लिया, इतनी देर मे कामी ने बाथरूम से झाँका तो खलू हंस कर बोले, चल आजा गधे की ओलाद किया बाथरूम मे छुपा हुआ है, खलू की झाड़ सुनकर कामी ने अपने दाँत निकाल दिए. फिर वो भी बाथरूम से बाहर आगेया और उसने आकर पीछे से अपना लंड मेरी गंद मे डाला और फिर दोनो बाप बेटे ने मिल कर मेरी ज़बरदस्त तरीके से चुदाई शुरू करदी और कमरा मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियों से गूंजने लगा. हम तीनो कमरे से 40 मिनिट बाद निकले, अब्बू नाश्ते की टेबल पर कुछ दोसरे मेहमानों के साथ बैठे थे, हम तीनो भी उनके साथ शामिल होगये. आज वालिमा था इस लिए सब ही अपनी अपनी तय्यारियों मे लग गये. दिन भर खलू ने तो मेरे साथ कुछ नही किया अलबाता कामी को अब अपनी मा का डर नही था इस लिए वो जब भी मुझे अकेला देखता या फिर मैं अकेली खाला के साथ होती तो वो कभी मेरे बूब्स दबाता कभी मुझे किस कर लेता कभी मेरी चूत या गंद मे उंगली कर देता, जब भी कामी खाला के सामने कोई हरकत करता तो खाला सिर्फ़ मुँह बना कर रह जाती थी और मैं मुस्करा देती थी.
क्रमशः.......
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RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
खाला के घर में--4
गतान्क से आगे.....
वालीमे मे भी मैं ने काफ़ी टाइट सूट पहना था जिस से मेरे बड़े बड़े बूब्स नुमाया थे और मैं काफ़ी लोगों की निगाहों का केन्द्र थी और कामी और खलू का हाल भी इस से कम नही था, फिर जब खाना खोला गया तो सब ही खाने के चक्कर मे लग गये, खलू ने ये मोका देख कर मुझे इशारा किया, मैं उनके पीछे पीछे जेंट्स बाथरूम मे आगई, कामी ने मुझे खलू के साथ बाथरूम मे जाते हो देख लिया था इस लिए वो भी पीछे पीछे अंदर आगया, खलू ने कामी को देखा तो मुँह बना कर बोले, गधे की ओलाद तुम हर वक़्त मेरी जासूसी मे ही लगे रहना, कामी अपने दाँत निकालता हुआ बोला, पापा मैं भी आप ही का बेटा हूँ, जब आप को खुमारी चढ़ सकती है तो किया मुझे नही चढ़े गी, कामी की बात सुनकर मेरी हँसी निकल गई, खलू मुझ से बोले, गाज़ल इस वक़्त सब ही खाने के चक्कर मे हैं और मुझ से बर्दाश्त नही होरहा है, मैं मुस्कराई और बोली, मेरे प्यारे खलू जान कुछ घंटे और इंतिज़ार कर ले घर जाकर जितना दिल चाहे मुझे चोद ली जिए गा, खलू बोले, नही जब तक मुझ से सबर नही होगा, वो मुझसे लिपटने लगे तो मैं बोली, खलू मेरे सूट पर निशान पढ़ जाएँगे, मैं ने आज फिर शरारा और ब्लाउस पहना होवा था, मेरे ब्लाउस थोडा छोटा था जिस से मेरा पेट झलक रहा था. खलू ने मेरी कमर पर लगी ब्लाउस की ज़िप खोल दी, पूरा ब्लाउस ज़िप पर ही टिका हुआ था, ज़िप खोलते ही वो पूरा खुल गया और खलू ने ब्लाउस को मेरे बदन से अलग कर दिया, मेरे शरारे मे अलस्टिक थी इस लिए खलू ने वो खींच कर उतार दिया, अब मैं सिर्फ़ अंडरवेर और ब्राज़ेर मे थी, कुछ देर बाद मेरे बदन पर ब्राज़ेर और अंडरवेर भी नही रहा, खलू ने मुझे दीवार से लगा कर मेरी ऐक टांग उठा कर बाशबेसन पर रख दी जिस की वजा से मेरी चूत के लब खुल गये, कामी ने फॉरन ही नीचे बैठ कर मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया, जब के खलू मेरे बूब्स को दबाते हुए मुझे किस करने लगे. अभी हमे कुछ देर ही हुई थी के बाथरूम का दरवाजा खुला और कोई अंदर आगेया, हम तीनो ही घबरा गये, आने वाले 2 मर्द थे, मैं तो उन्है नही जानती थी पर खलू उनको जानते थे, वो दोनो खलू के दोस्त थे ( मुराद साहिब और शकील साहिब ), वो दोनो भी अंदर का मंज़र देख कर चोंक गये थे, फिर मुराद साहिब बोले, वाह खालिद (मेरे खलू का नाम खालिद है) दोनो बाप बेटे मिल कर मज़े कर रहे हो, खलू क्या बोलते शर्मिंदा सी हँसी से बोले, यार वो बस वो मैं ये, खलू के मुँह से सही से अल्फ़ाज़ नही निकल रहे थे. फिर शकील साहिब बोले, अरे यार कोई बात नही मगर अकेले अकेले मज़े करना कोई अछी बात तो नही है तेरे यार दोस्त क्या करेंगे. खलू अब संभाल कर बोले, यार अभी तो नही फिर कभी. मुराद और शकील साहिब भी करीब आगे और बोले, ये फिर कभी की बाते ठीक नही, ये कह कर वो दोनो भी मेरे बूब्स को दबाते हो मेरे जिस्म को सहलाने लगे, खलू बोले, यार ऐसा ना हो जेसे तुम लोग आए हो कोई और ना आजाये, बाद मे वादा तुम लोगों को भी मोका दूँगा, खलू की बात दोनो को समझ आगई और उन लोगों ने मुझे छोड़ दिया, मैं ने जल्दी जल्दी कपड़े पहन कर अपना हुलिया ठीक किया मगर मुझे जाने से पहले सब को लिपट लिपट कर किस देना पड़ा था. पहले मुराद और शकील साहिब गये, फिर कामी और उसके बाद खलू, थोड़ी देर बाद मे भी बाहर निकली तो बाहर अभी तक खाने का हंगामा चल रहा था और किसी ने नोट ही नही किया के मैं जेंट्स बाथरूम से निकल कर गई हूँ, किसी ने नोट ना करने पर मैं ने शुरकर आड़ा किया. वालीमे का ये हंगामा रात 2 बजे तक चलता रहा, फिर जब हम सब घर पहुचे तो इतने थक गये थे के जाते ही सोगये. दोसरे दिन नाश्ते के बाद जो चंद ऐक मेहमान घर पर रह गये थे वो भी चले गये, कुछ देर बाद अब्बू ने भी अपना समान पॅक कर लिया, खाला अब्बू से कहने लगी, भाई साहिब आप तो जा रहे हैं पर मैं गाज़ल को अपने पास कम से कम महीने दो महीने रखूँगी . अब्बू मुस्कुराए और बोले, गाज़ल आप ही की बेटी है इस को जब तक रखना है अपने पास रखै मैं बीच मे बोलने वाला कोन होता हूँ. अब्बू की बात पर खाला और खलू मुस्करा दिए. थोड़ी देर बाद अब्बू अपना समान लेकर चले गये. अब्बू के जाते ही कामी ने याहूऊ का नारा मारा और मुझे पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया, कामी की हरकत से खलू तो मुस्करा दिए जब के खाला ने मुँह बना लिया. थोड़ी देर मे ही कामी मुझे नंगा कर चुक्का था, मेरा नंगा जिस्म देख कर खलू भी मेरे पास आगाये और फिर खलू और कामी ने अपने अपने कपड़े उतार दिए और मुझ पर टूट पड़े, खाला बड़बड़ाती होई उठी और ये कहती होई कमरे से चली गई के नरेन के अब्बा तुम ने तो घर को रंडी खाना बना दिया है. कामी और खलू पर खाला की बात का कोई असर नही हुए और वो दोनो मेरे जिस्म को चूमते और चाटते रहे, थोड़ी देर बाद ही वो दोनो मुझे कुत्तों की तरहा चोद रहे थे और कमरा मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियों से गूँज रहा था, फिर मुझे चुदवाते चुदवाते दोपेहर होगई, फिर जब खाला हमे खाने के लिए बुलाने आई तो भी दोनो मुझे चोद रहे थे. खाला गुस्से से बोली, बस अब बस भी करे आप दोनो ने तो हद ही करदी है, कुछ गाज़ल का ही ख़याल करे, क्या इसकी हालत खराब करनी है. फिर खलू कुछ कहते मैं बोल पड़ी, रहने दीजिए खाला मुझे कुछ नही होगा आप इन दोनो को अपनी हसरत पूरी करने दे.
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09-16-2017, 10:36 AM,
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RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
मेरी बात पर खाला बड़बड़ाती होई चली गई के जब लड़की ही इतनी बड़ी चुड़दकड़ हो तो मर्द केसे अपने आप को रोके गा. खाला की बात पर हम तीनो ही मुस्करा दिए. आधे घंटे बाद जब हम खाना खाने आय तो हम नंगे ही थे, हम तीनो की हालत देख कर खाला ने कुछ नही कहा और सिर झुका कर खाना खाने लगी. उस दिन खलू और कामी ने मुझे पूरे दिन और रात मे भी 4 बजे तक चोदा. दोसरे दिन नरेन अपने हज़्बेंड के साथ 1 मंत के लिए हनी मून पर चली गई जब के खाला ने भी फ़ैसला किया के वो यहा से चली जाए ताकि खलू और कामी पूरी आज़ादी से मुझे चोद सकैं. खाला ने अपनी ऐक सहेली से बात करी जो के मुल्तान मे रहती थी और खाला दोसरे दिन अपनी सहेली के पास महीने भर के लिए चली गई. अब घर मे मैं थी और खलू और कामी, अब दोनो को आज़ादी थी इस लिए मेरी खूब चुदाई होने लगी. खलू ने अपने वादे के मुताबिक मुराद साहिब और शकील साहिब को भी खूब मुझे चोदने का मोका दिया, और रोज़ खलू का कोई ना कोई दोस्त घर मे आजाता और खलू और कामी के साथ मिल कर मेरी चुदाई करता. ऐक महीने के दोरान खलू ने अपने 11 दोस्तों से मुझे चुदवाया. खलू रोज़ अपने किसी ऐक ही दोस्त को बुलाते थे कभी कभी ही ऐसा हुआ के खलू के 2 या उस से ज़ियादा दोस्त ऐक साथ घर आए हो. अलबत्ता महीने के 26 वे दिन खलू ने अपने तमाम 11 के 11 दोस्तों को ऐक साथ घर बुला लिया था, वो दिन मेरी चुदाई का सब से बेहतरीन और दर्द वाला दिन था क्यूँ के ऐक साथ 13 लोगो से चुदवा कर मेरी चूत और गंद बुरी तरहा से सूज गई थी. आफ्टर वन वीक खाला भी वापिस आगाई तो खलू के दोस्तों का घर आना बंद होगया, खलू और कामी भी मुझे चोद चोद कर बोर होगये थे इस लिए उन दोनो ने भी मुझे और दिन तक रोकना मुनासिब नही समझा और मैं वन वीक और खाला के घर मे गुज़ार कर वापिस अब्बू के पास लाहोर आगाई. मैं अपनी ये कहानी यही पर ख़तम करती हूँ पर मेरी सेक्सी लाइफ यहा ख़तम नही होती है अभी मेरे पास आप लोगों को बताने के लिए बोहत कुछ है. मैं अपनी न्यू स्टोरी ले कर आप लोगों की खिदमत मे जल्द ही हाज़िर हो जाउन्गि,
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09-16-2017, 10:36 AM,
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RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
हेलो दोस्तो वैसे आप मुझे जानते ही है फिर भी नये पाठकों को अपना इंट्रो दे रही हूँ फ्रेंड्स मेरा नाम ग़ज़ल अहमद है, मैं एक प्रोफेशनल रंडी हूँ, मैं पहले रंडी नही थी पर मैं आप लोगों को बताना चाहती हूँ की मैं रंडी कैसे बनी, सब से पहले मैं अपना और अपनी फॅमिली का इंट्रोडक्षन दे दूं. मैं ग़ज़ल अहमद उम्र 29 साल और मैं अपने वालिदो की इकलौती औलाद हूँ, इस वक़्त मेरी उमर 29 साल है पर जब मैं ने पहली बार चुदवाया था उस वक़्त मैं मेट्रिक मे थी. मैं कराची की रहने वाली हूँ. मेरे अब्बू रेलवे मैं काफ़ी अच्छी पोस्ट पर जॉब करते हैं. अब्बू की कई शहरो मे पोस्टिंग होती रही है इस लिए मुझे कई शहरो मे रहने का मोका मिला है. मेरी अम्मी का मेरे बचपन मे ही इंतिक़ाल हो गया था. ये मेरी पहली कहानी है अगर आप लोगो ने मेरी कहानी को पसंद किया तो मैं अपनी चुदाइयो की और कहानियाँ भी आप लोगो को बता उंगी. दोस्तो मुझे हिंदू लंड बहुत पसंद हैं क्योंकि मेरी पहली चुदाई एक हिंदू ने की थी. अब आती हूँ कहानी की तरफ ये उन दिनो की बात है जब मेरे मेट्रिक के पेपर होने वाले थे. हुआ कुछ यू कि मैं अपनी तबीयत खराबी की वजह से वन वीक स्कूल नही जा सकी. वन वीक बाद जब मैं स्कूल गई तो मुझे मेरे क्लास टीचर सर राज शर्मा ने बहुत डांटा और कहा कि पेपर करीब हैं और अब जो तुम्हारी पढ़ाई का हर्ज हुआ है तुम उसका क्या करोगी. मैं कहने लगी सर प्लीज़ आप कुछ मेरी हेल्प करो तो सर ने कहा कि तुम सनडे वाले दिन सुबह 10 बजे मेरे घर आ जाओ मैं ने कुछ और स्टूडेंट्स को भी बुलाया है तो मैं तुम सब तो अपने घर मे पढ़ा दूँगा तो मैं राज़ी हो गई. सनडे वाले दिन मैं ने अब्बू से कहा कि मैं सर की घर पढ़ने जा रही हूँ क्यूँ कि पेपर करीब हैं और मेरी पढ़ाई का भी काफ़ी हर्ज हो गया है. ये कह कर मैं ने अपनी बुक्स उठाई और सर राज शर्मा के घर आ गई.
सर का फ्लॅट हमारे घर के करीब ही था. सर का फ्लॅट आख़िरी फ्लोर मे सब से कोने वाला था. मैं ने सर के फ्लॅट के सामने खड़े होकर बेल बजाई तो वो बजी नही शायाद वो खराब थी मैं ने दरवाजे पर हाथ रखा तो वो खुल गया. मैं अंदर आकर सर को आवाज़ देने लगी मगर सर की तरफ से जवाब नही आया मैं कई कमरो से होती हुई उनके बेडरूम मे आ गई वॉशरूम का दरवाज़ा बंद था और अंदर से पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी अभी मुझे खड़े हुए कुछ देर हुई थी की वॉशरूम का दरवाज़ा खुला और सर तोलिया से सर को पोंछते हुए कमरे मे आ गये. मैं सर को देख कर हक्का बक्का रह गई क्यूँ कि उन्हो ने कुछ भी नही पहना हुआ था उनका 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड फुल खड़ा हुआ था और वो सर के चलने की वजह से बुरी तरह से हिल रहा था. सर ने भी मुझे देख लिया और उन्हो ने जल्दी से अपने गिर्द तोलिया लपेट लिया, उनके खड़े लंड की वजह से तोलिया सही से नही लिपटा और वो खुल कर गिर गया तो मेरे होंटो पर मुस्कराहट आ गई और मैं मुस्कराती हुई कमरे से बाहर आ गई और ड्रॉयिंग रूम मे आकर बैठ गई. (घर मे अकेले होने की वजह से मैं सेक्सी फिल्म्स शौक से देखती थी और मेरे दिल मे भी ख्वाहिश थी कि मुझे भी कोई चोदे). थोड़ी देर बाद सर कमरे से बाहर आए तो उन्हो ने कमीज़ शलवार पहनी हुई थी. मैं सर को देख कर मुस्करा दी. सिर मेरे पास आकर बैठ गये मुझे मुस्कुराता हुआ देख कर वो कुछ रेलेक्ष हो गये थे. (सर के लंड को देख कर मैं फ़ैसला कर चुकी थी की आज चाहे जो भी हो जाए मैं आज सर से लाज़मी चुदवा कर जाउन्गि). मैं ने पूछा सर बाकी के स्टूडेंट्स कहा हैं तो सर ने कहा कि बाकी के स्टूडेंट्स ने आने से मना कर दिया था तो मुझे तुम्हे बताना याद नही रहा. सर की बात सुनकर मैं मुस्कराई और बोली ये तो अच्छा हुआ, सर अब मैं आ गई हूँ तो आप मुझे पढ़ा दो. सर ने कहा की फिर मुझे दोबारा दोबारा पढ़ाना पड़ेगा. मैं कहने लगी सर अब मैं आ गई हूँ तो कुछ पढ़ कर ही जाउन्गि. ये कह कर मैं मुस्कारने लगी अब सर भी मेरा इशारा समझ गये थे और वो मेरे कुछ और करीब हो गये और बोले अगर मैं तुम्हे सेक्स की बारे मे पढ़ा दूं तो क्या तुम पढ़ो गी. मैं मुस्कुराइ और बोली सर अगर मैं मना कर्दू तो क्या आप मुझे नही पढ़ाएँगे . मेरी बात सुनकर सर मुस्कराए और बोले अगर तुमने मना किया तो मैं ज़बरदस्ती तुम्हे पढ़ा उँगा. मैं हँसी और बोली तो ज़बरदस्ती ही मुझे पढ़ा दो सर आप को कॉन रोकने वाला है. मेरा सॉफ इशारा सुनकर सर से अब ज़्यादा बर्दाश्त नही हुआ और उन्हो ने मेरी कमर मे हाथ डाल कर मुझे अपनी तरफ घसीट लिया और मेरे होंटो से अपने होन्ट मिला दिए. मेरे तो दिल की ख्वाहिश पूरी हो रही थी इसलिए मैं भी उनसे लिपट गई सर बेतहाशा मेरे होंटो को चूम रहे थे और मैं मज़े से बहाल हुई जा रही थी मैं ने उनके गले मे अपने हाथ डाल दिए तो सिर ने मुझे ज़ोर से भीच लिया तो मेरे मम्मे उनके सीने के साथ लग कर दब गये.
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RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
फिर वो मुस्कुराते हुए बोले क्यूँ ग़ज़ल मेरी जान दर्द हो रहा है? मैं ने एकरार मे सर हिला दिया तो सर हँसे और बोले बर्दाश्त करो मेरी जान बर्दाश्त करो तुम्ही ने तो कहा था कि ये मेरी मलकियत है और अब मैं जो चाहो इसके साथ करू. ये कह कर ज़ोरदार झटको के साथ मुझे चोदने लगे और मेरा दर्द था कि ख़तम होने का नाम ही नही ले रहा था और मैं अब तक 4 बार झाड़ चुकी थी. सर किसी जानवर की तरह मुझे चोद रहे थे. फिर आहिस्ता आहिस्ता मेरा दर्द ख़तम होने लगा और अब मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं मज़े मे सिसकने लगी ऊFफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्
फ्फ आहह ऊऊऊऊऊऊीीईईई मैं मर गई उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सर मुझे बहुत मज़ा आ रहा है प्लीज़ और तेज झटके मारो सर आज फाड़ डालो मेरी चूत को उफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआअहह और ज़ोर से सर और ज़ोर से. सर हंसते हुए बोले जानेमन क्या अब दर्द नही हो रहा क्या? मैं सिसकते हुए बोली नही सर आप के होते हुए मुझे दर्द कैसे होसकता है आज आप ने मुझे खरीद लिया सिर उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ और ज़ोर से मुझे चोदो. सर ज़ोर ज़ोर से मेरी चुदाई करने लगे. 45 मिनट तक लगातार झटके मारने की बाद उन्हो ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और आकर मेरे मुँह से लगा दिया मैं ने फॉरन अपना मुँह खोल दिया अब सर मेरे मुँह को चोदने लगे फिर सर झाड़ गये और उनके लंड से निकलने वाले वीर्य से मेरा मुँह भर गया जिसे मैं ने मज़े मज़े से पी लिया. सर थक कर मेरे उपर गिर गये. मैं ने खुशी के आलम मे उन्हे लिपटा लिया और उन्हे चूमने लगी. काफ़ी देर तक हम दोनो इसी तरह लेटे रहे फिर जब मैं उठी तो मैं ने देखा कि बेडशीट मेरी चूत से निकलने वाले खून से लाल हो गई थी. मैं कहने लगी देखिए सर आपने कैसा खून ख़राबा किया है. सर ने मुझे लिपटा लिया और बोले मेरी जान इस खून ख़राबे से ही तो मज़ा आया है. मैं मुस्कुराइ और बोली हा सर पहले तो मुझे बहुत तकलीफ़ हुई मगर फिर उस से भी ज़्यादा मज़ा आया और अब मैं ये मज़ा दोबारा लेना चाहती हूँ. सर मुस्कुराए और बोले क्यूँ नही मेरी जान मगर पहले मैं ये मज़ा तुम्हारी गंद को दूँगा उसके बाद चूत का नंबर आए गा, क्या तुम तैयार हो अपनी गंद मरवाने के लिए. मैं मुस्कुराइ और बोली सर आप ने मुझे इतना मज़ा दिया है की मैं आप को मना कर ही नही सकती वैसे भी अब मैं आप की गुलाम हूँ, आप जो चाहें मेरे साथ करो मैं बोलने वाली कॉन होती हूँ. मेरी बात सुनकर सर ने मुझे चूम लिया इतनी देर मे सर का लंड फिर से खड़ा हो गया था फिर मैं सर के कहने पर डोगी स्टाइल मे खड़ी हो गई. सर मेरे पीछे आए और उन्हो ने अपना लंड मेरी गंद मे फिट किया और बोले ग़ज़ल डार्लिंग बहुत दर्द होगा. मैं मुस्कुराइ और बोली सर आप इसकी परवा ना करो. अब आपने एक ही झटके मे अपना लंड मेरी गंद मे घुसाना है. चाहे मैं चीखू या चिल्लाऊ आप मेरी परवाह नही करिए गा. मेरी बात सुनकर सर ने अपनी पूरी ताक़त से झटका मारा और उनका पूरा का पूरा लंड मेरी गंद को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया मैं बहुत ज़ोर से चीखी और दर्द के मारे मेरी आँखों से आँसू निकल आए. सर ने जब दूसरा झटका मारा तो मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया. सर बुरी तरह झटके मार कर मेरी गंद मारने लगे. मैं बुरी तरह से चीख रही थी और दर्द के मारे अपना सर इधर उधर मार रही थी. सर ने मेरी हालत देखी तो कहा, ग़ज़ल अगर दर्द बहुत हो रहा है तो मैं आहिस्ता से गंद मारु? मैं बमुश्किल बोली, ऊवूऊवूयूवूऊवयफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ नही सर आप मेरे चीखने की परवाह ना करो और अपनी पूरी ताक़त लगा कर झटके मारो, अभी आप का लंड मेरी गंद के लिए नही है तो दर्द हो रहा है कुछ देर बाद नही होगा. सर ने मेरी बात सुनी और बोले, अगर ये बात है तो फिर बर्दाश्त करो मेरे ज़ोरदार झटको को. ये कह कर सर अपनी पूरी ताक़त से झटके मारने लगे.
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RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
गतान्क से आगे......................
मेरी बातो से शरद ओला साहिब का जोश और बढ़ गया और वो अपनी पूरी ताक़त से झटके मारने लगे उन्हो ने 30 मिनट तक मेरी चूत मारी और इस दौरान मे 4 बार झड़ी फिर उन्हो ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर मेरी गंद मे डाला और ज़ोरदार झटको से मेरी गंद मारने लगे. 25 मिनट तक मेरी गंद मारने के बाद उन्हो ने अपना लंड मेरी गंद से निकाल कर मेरी चूत मे डाला और मेरी चूत को चोदने लगे. फिर 35 मिनट तक मेरी चूत चोदने के बाद उन्हो ने अपना लंड मेरी गंद मे डाल दिया. शरद ओला साहिब अभी तक नही झाडे थे जबकि मेरी हालत बुरी हो गई थी और मैं 22 बार झाड़ चुकी थी. सिर राज शर्मा हंसते हुए बोले अबे शरद ओला गंदू अब तो माफ़ कर्दे ग़ज़ल को तू ने तो इसको चोद चोद कर इस का कबाड़ा कर दिया है. मैं सिसकियाँ भरते हुए बोली, नही सर: शरद ओला साहब को ना रोकिए मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. शरद ओला साहिब भी हँसे और बोले, जानेमन ये तो शुरूवात है अभी तुम देखती जाओ मैं किस किस तरह तुम्हारी चुदाई करता हूँ. मैं सिसकियाँ लेकर बोली, उउउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्
फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ शरद ओला साहिब तो आप को मना किस ने किया है, आप चोदो और चोदो मुझे खूब चोदो चोद चोद कर मेरी चूत और गंद को फाड़ डालो. मेरी बात सुनकर शरद ओला साहिब मुस्कुराए और वो और तेज़ी से झटके मार कर मुझे चोदने लगे. शरद ओला साहिब ने तकरीबन 50 मिनट तक और मेरी चूत और गंद मारी तब कही जाकर वो फारिग हुए. इस चुदाई से मेरा जोड़ जोड़ हिल गया था और मैं लेट कर लंबी लंबी साँसे लेने लगी. 15 मिनट आराम करने की बाद उन दोनो ने मुझे एक साथ चोदने का फ़ैसला किया. शरद ओला साहिब ने मुझे गोद मे उठा कर अपना लंड मेरी चूत मे डाला और सर राज शर्मा ने पीछे से आकर अपना लंड मेरी गंद मे डाल दिया और फिर वो दोनो एक साथ झटके मार कर मुझे चोदने लगे. इतने मोटे मोटे लंड एक साथ मेरी चूत और गंद मे जा रहे थे जिस से मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा मिल रहा था और उन दोनो के झटके मारने की रफ़्तार इतनी तेज थी कि मेरे हलक से ना चाहते हुए भी चीखें निकल रही थी.
फिर शाम 7 बजे तक उन दोनो ने चोद चोद कर मेरी चूत और गंद को सूजा दिया. उन दोनो ने दिल खोल कर मेरी चुदाइ की थी. मेरी चूत और गंद सूज कर फूल गई थी और मैं इतनी ज़बरदस्त चुदाई के बाद सही तरह से चल भी नही पा रही थी. मैं सर से कहने लगी, सर अब मैं घर कैसे जाउन्गि और अब्बू को तो मेरी हालत देख कर शक हो जाए गा. सर राज शर्मा कहने लगे, घबराओ नही मैं तुम्हे घर छोड़ने जाउन्गा और मैं सब संभाल लूँगा. शरद ओला साहिब तो चले गये जब की सर राज शर्मा अपनी कार मे मुझे घर छोड़ने आए. घर पहुचि तो सर राज शर्मा कहने लगे, ग़ज़ल मैं बहुत शर्मिंदा हूँ कि हम दोनो ने चोद चोद कर तुम्हारा ये हाल कर दिया है. मैं मुस्कराई और बोली सर आपको शर्मिंदा होने की ज़रूरत नही है जो हुआ अच्छा हुआ बल्कि मुझे तो बहुत मज़ा आया है. सर मुस्कुराए और बोले जानेमन तुम तो बहुत ख़तरनाक लड़की हो. फिर सर मुझे सहारा दे कर गेट तक लाए और दरवाज़े की बेल बजाई. अब्बू ने मेरी ये हालत देखी तो पूछने लगे कि क्या हुआ? सर राज शर्मा ने अब्बू से बहाना बनाया कि मैं सीढ़ियों से फिसल गई थी और मेरे पावं मे मोच आ गई है. सर राज शर्मा की बात सुनकर अब्बू को ज़रा भी शक ना हुआ कि उनकी बेटी क्या गुल खिला कर आई है. मेरी हालत बहुत खराब थी इस लिए मैं 4 दिनो तक स्कूल नही जा सकी. पाँचवे दिन जब मैं स्कूल पहुचि तो सर राज शर्मा मुझे देख कर मुस्कराने लगे. हाफ टाइम के बाद मेरा स्टाफ रूम मे जाना हुआ तो वाहा सिर्फ़ सर राज शर्मा थे. सर ने मुझे पकड़ कर अपने आप से लिपटा लिया और मुझे चूमते हुए बोले, ग़ज़ल डार्लिंग अभी मेरा तुम्हे चोद कर दिल नही भरा है मैं तुम्हे और चोद्ना चाहता हूँ. मैं मुस्कुराइ और बोली, सर जो आप ने शरद ओला साहिब के साथ मिल जो कबाड़ा किया था उसका क्या. सर ने मुझे ज़ोर से भींचा और बोले, तुम खुद तो कह रही थी कि तुम मेरी गुलाम हो. मैं मुस्कुराइ और बोली, नही सर मैं तो मज़ाक कर रही थी बल्कि मैं तो खुद आप से और शरद ओला साहिब से और चुदवाना चाहती थी. अब मैं तो रोज़ रोज़ आप के घर नही आ सकती अब आप ही कुछ इंतज़ाम करो क्यूँ कि जो मज़ा आप ने मुझे दिया था उस के बाद तो मेरी भूक और बढ़ गई है. सर बोले, एक आइडिया है मे रात को तुम्हारे घर आउन्गा फिर देखना हम रोज़ मज़े कर सकेंगे. मैं ने पूछा कि क्या आइडिया है पर सर ने नही बताया. फिर सर ने थोड़ी देर तक मेरे जिस्म से खेला और फिर मुझे छोड़ दिया.
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09-16-2017, 10:37 AM,
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RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
रात को जब मैं और अब्बू खाना खा रहे थे तो सर राज शर्मा घर आ आ गये और अब्बू से कहने लगे अहमद साहिब (मेरे अब्बू का नाम अहमद अली है) ग़ज़ल के पेपर नज़दीक हैं और इस की बीमारी की वजा से इसकी पढ़ाई का काफ़ी हर्ज हो गया है. एक टीचर होने के नाते मेरा फ़र्ज़ है की मैं अपने हर स्टूडेंट का पूरा ख्याल रखू और उनकी पढ़ाई का हर्ज ना होने डून. मैं चाहता हूँ की स्कूल के बाद मैं अलग से ग़ज़ल को पढ़ा दिया करू ताकि बीमारी की वजा से जो इसकी पढ़ाई रह गई है वो रिकवर हो सके. अब्बू सर राज शर्मा की बात सुनकर बोले, राज शर्मा साहिब ये तो मेरी बेटी की खुश नसीबी है कि इसको आप जैसे उस्ताद मिले हैं जो खुद अपने स्टूडेंट की पढ़ाई का ख्याल रख रहे हैं. मैं दिल ही दिल मे मुस्कुराइ की सर को किस वजा से मेरा ख्याल है. अब्बू सर राज शर्मा से बोले, आप ग़ज़ल को किस वक़्त पढ़ाओगे. सर राज शर्मा बोले, देखिए अहमद साहिब मैं बिल्कुल अकेला रहता हूँ और स्कूल के बाद बिल्कुल फारिग होता हूँ मैं सोच रहा था कि स्कूल के बाद ही ग़ज़ल को 1 या 2 घंटे पढ़ा दिया करू. अब्बू ने कहा,मिस्टर राज शर्मा साहिब मैं तो पूरा दिन ऑफीस मे होता हूँ और अक्सर लेट होजाता हूँ. मैं चाहता हूँ की आप ग़ज़ल के साथ वापसी मे यहा घर ही आ जाया करो और इसे पढ़ा दिया करो. सर राज शर्मा बोले, मुझे तो कोई ऐतराज नही है. अब्बू ने फिर कहा, अगर हो सके तो आप मेरे आने तक यही रह कर ग़ज़ल को पढ़ा दिया करो ताकि ये अच्छी तरह अपनी तैयारी कर सके. सर राज शर्मा ने कहा वैसे तो मुझे दिन भर और कोई काम नही होता इस लिए मुझे पूरा दिन पढ़ाने मैं कोई मसला नही है आप ग़ज़ल से पूछ लो कि ये पूरा दिन पढ़ पढ़ कर बोर ना हो जाए. अब्बू कहने लगे, अरे कैसे नही पढ़ेगी अब तो इस के पेपर नज़दीक हैं इस को तो हर वक़्त पढ़ना चाहिए और आप की सोहबत मे रहे गी तो ज़्यादा अच्छी तरह इस की तैयारी हो जाए गी. अब्बू मुझ से बोले, ग़ज़ल क्या तुम्हे कोई ऐतराज है. मुझे क्या ऐतराज होना था मुझे तो पूरा दिन चुदाई करवाने का मोका मिल रहा था तो मैं मना क्यूँ करती. मैं बोली नही अब्बू मुझे क्या ऐतराज हो सकता है. मेरी बात सुनकर अब्बू सर राज शर्मा से बोले, अब आप कल से स्कूल के बाद ग़ज़ल को लेकर यही आजाइये गा. अब्बू की बात सुनकर सर राज शर्मा ने मुझे देखा और अब्बू की नज़र बचा कर मुझे आँख मारी तो मैं मुस्कराने लगी. जब सर राज शर्मा जाने लगे तो अब्बू ने सर राज शर्मा का शुक्रिया अदा किया तो राज शर्मा बोले अहमद साहिब ये तो मेरा फ़र्ज़ है कि मैं अपने स्टूडेंट्स को अच्छी तरह पढ़ाऊ और मैं तो ये चाहता हूँ कि ज़्यादा से ज़्यादा अपना इल्म अपने स्टूडेंट्स तक पहुचाऊ. मैं सर की बात सुनकर मुस्कराने लगी की वो कॉन सा इल्म मुझे देना चाहते हैं. इस तरह अब्बू ने खुद ही सर राज शर्मा के हाथो मेरी चुदाई का सामान कर दिया था.
दूसरे दिन अब्बू मुझे स्कूल छोड़ते हुए अपने ऑफीस चले गये अभी स्कूल नही लगा था क्यूंकी अब्बू मुझे काफ़ी पहले ही स्कूल छोड़ गये थे मैं स्टॅफरुम मे आई तो वाहा सर राज शर्मा अकेले बैठे थे मुझे देख कर उन्हो ने मुझे लिपटा लिया और मेरे किस लेने लगे हम दोनो इतने मशगूल हो गये थे कि दूसरो के आने का पता ही नही चला. हमे होश जब आया जब मेरी ही क्लास के 2 टीचर सर अभिषेक प्रियदर्शी और सर अशोक स्टाफ रूम मे आए. सर राज शर्मा उन्हे देख कर मुझ से अलग हो गये. सर अशोक बोले तो स्कूल टाइम से पहले इस लिए आया जाता है ताकि मज़े किए जाए. सर राज शर्मा मुस्कुराए और बोले यार वो स्कूल मे कोई नही था इस लिए ये सब हुआ है. सर अभिषेक प्रियदर्शी भी बोले अब तो हमे भी शामिल करना होगा. सर राज शर्मा बोले, हा हा क्यूँ नही स्कूल के बाद हम सब ग़ज़ल के घर चल्लेन्गे फिर तीनो भाई मिल कर ग़ज़ल का बाजा बजाएँगे. फिर सर राज शर्मा मुझ से बोले ग़ज़ल तुम्हे तो कोई ऐतराज नही है. मैं मुस्कुराइ और बोली सर आप ने कह दिया बस काफ़ी है मैं ऐतराज करने वाली कॉन हूँ. मेरी बात सुनकर सब मुस्कुरा दिए और फिर उन तीनो ने कुछ देर तक मेरे साथ मस्तियाँ की और मुझे छोड़ दिया.
स्कूल के बाद सर राज शर्मा अपनी कार मे हम सब को लेकर मेरे घर आ गए. घर पहुच कर किसी से भी सबर ना हुआ और वो तीनो मुझ पर टूट पड़े मैं अरी अरे करते ही रह गई. थोड़ी देर मे ही मैं उनके सामने नंगी लेटी हुई थी. सर राज शर्मा मेरे होंटो को चूम रहे थे सर अशोक मेरे मम्मो को चूस रहे थे और सर अभिषेक प्रियदर्शी मेरी चूत को चूम और चाट रहे थे. मुझे तीनो तरफ से मज़ा मिल रहा था और मैं मज़े के आलम मे सिसक रही थी. वो तीनो जगह बदल बदल कर मेरे जिस्म को चूम रहे थे.
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