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RE: Behen ki Chudai मेरी बहन-मेरी पत्नी
उन तीन या चार घंटों में, (जब तक रात होती और हम दोनों बिस्तर पर जाते ) मैंने अमृता के साथ सारे मजे लिए- कभी तो मै उसे सोफे पर लेटा कर किस्स करता, कभी नीचे जमीन पर ही लेटाकर उसपे चढ़ जाता, कभी खड़े-खड़े ही बाहों में ले कर चूसने लगता तो कभी उसकी स्कर्ट उठा कर उसके कुल्ल्हे सहलाने लगता |
अमृता भी पूरे मूड में थी- कभी तो वो मेरा लंड पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगती, कभी किस्स करने लग जाती , कभी लिप्स टू लिप्स करती तो कभी लंड पेंट में से बहार निकल कर दो-तीन चुसके मार लेती और वापिस अंदर कर देती |
इस तरह पूरी शाम हम दोनों भाई बहन ने मस्ती करते हुए गुजारी मगर दोनों ने इस बात का पूरा-पूरा ख़याल रखा कि न तो हम दोनों में से कोई झड सके और न ही सुरूर ख़तम हो सके |इसलिए हम दोनों एक दुसरे के साथ बातें भी करते रहते और बीच बीच में उतेजित हो कर प्रेम भी करने लगते |
रात का टाइम हुआ तो अमृता रसोई में खाना बनाने गयी | रसोई में अमृता को काम करता देख कर मेरा दिल बार बार कर रहा था कि काश मेरी अमृता से ही शादी हो सकती होती और अमृता जीवन भर मेरे लिए ऐसे ही खाना बनती और मै उसे ऐसे ही निहारता रहता |
मैंने अमृता से अपने दिल की बात कही जिसे सुनकर उसका भी मन मेरी तरह अशांत हो गया और माहोल कुछ ग़मगीन सा होने लगा | माहोल को बदलने के लिए मैंने अमृता से कहा-
अमृता आज तक मैंने तुझे सिर्फ अपने ही कमरे में प्यार किया है, आज मै तुझे यही रसोई में ही प्यार कर लूँ? मगर अमृता ने उसके लिए भी मन कर दिया और कहा कल कर लेना (शादी की बात से अमृता का मूड अभी भी ख़राब हो रहा था) |
मैंने कहा -अच्छा चूत मत दे मगर मजा तो ले लेने दे- ये कहते हुए मै अमृता को पीछे से बाहों में भर कर उसके बूब्स दबाने लगा |और इस तरह मै अमृता का मूड बदलने की कोशिश करने लगा |अमृता भी मेरा सहयोग करने लगी और पीछे मुड़कर बीच बीच में किस्स देने लगी | मै भी खाना बनती हुई अमृता को कभी तो किस्स करने लगता, कभी उसकी चुचिया दबाने लगता तो कभी उसकी गांड से अपना लंड रगड़ने लगता |इस तरह मैंने अमृता के साथ रसोई में वो मजा ले लिया जो एक पति अपनी नयी नवेली दुल्हन के साथ लेता है |खाना बनाने के बाद अमृता ने अपने हाथों से मुझे खाना खिलाया और मैंने उसे अपने हाथों से |
रात हो चुकी थी अब समय बिस्तर पर जाने का था | अमृता ने कहा कि वो सोने से पहले अडल्ट फिल्म देखना चाहती है मेरे साथ इसलिए मैंने फिल्म चला दी और मै बीयर कि बोतल लेकर उसके बराबर में लेट गया |
मैंने अमृता से कहा कि उसने जो ब्रा और पेंटी खरीदीं है वो उन्हें पहन ले और फिर मेरे साथ बैठ कर फिल्म देखे |मगर अमृता ने हँसते हुए कहा-
“भईया आप मेरे बदन पे अब कोई कपडा छोड़ोगे भी ये फिल्म देखने के बाद ? जितना समय मुझे कपडे बदलने में लगेगा उतने समय से पहले तो आप मेरे बदन से सारे कपडे उतर कर शुरू हो जाओगे |”
मुझे भी अमृता की बात सही लगी और मै जानता था कि पूरे दिन बरदाश्त करने के बाद मै अब और बरदाश्त नहीं कर सकूँगा | मुझे भी पता था कि बीयर पीने के बाद और अडल्ट फिल्म देखने के साथ साथ मै अमृता के बदन पर एक भी कपडा बरदाश्त नहीं कर सकूँगा और चाहे चूत मारने में जल्दबाजी करूँ या न करूँ मगर उसे नंगा करने के लिए तो उतावला ही रहूँगा | और हुआ भी ठीक ऐसा ही |
अभी मैंने फिल्म लगायी ही थी मुश्किल से दो-तीन मिनट हुए थे कि मैंने अमृता को नंगा करना शुरू कर दिया था | अमृता भी जानती थी कि इस समय मुझे रोकना बेकार होगा इसलिए वो भी चुप-चाप मेरा सहयोग कर रही थी | मै बीयर पीता जा रहा था और एक एक करके उसके कपडे नोचता जा रहा था |उधर अमृता भी मेरे कपडे उतरती जा रही थी |कुछ ही पलों में हम दोनों भाई बहन बिस्तर पर हमेशा की तरह नंगे थे | अमृता का नंगा बदन मुझे हमेशा बेसुध कर देता है | उसकी खुली हुई गोल-गोल चूचियां, गोल-गोल चुचियों पे हलके से ब्राउन रंग के निप्पल,गोरा-गोरा बदन, चूत पर थोड़े-थोड़े बाल सब कुछ पागल बना देता है | सबसे बड़ी बात ये है कि अमृता को पता है कि मुझे उसकी चूत पर बाल अच्छे लगते है, इसलिए वो कभी भी उन्हें साफ़ नहीं करती है बस कैंची से काटती रहती है |मुझे ना तो बहुत ज्यादा बालों वाली चूत पसंद है और न ही चिकनी चूत | मुझे बस ऐसी ही चूत पसंद है जैसी मेरी बहन अमृता की है |
क्रमशः........
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RE: Behen ki Chudai मेरी बहन-मेरी पत्नी
गतांक से आगे...................................
अमृता को नंगा करके मेरे दिल को तस्सली हो गयी और मै उसके बराबर में लेट गया |अब अमृता अडल्ट फिल्म देख-देख कर हैरान हो रही थी कि कैसे ये लड़कियां कैमरे पर ये सब कर लेती है और साथ ही साथ फिल्म देख कर गरम भी होती जा रही थी | अमृता मेरा लंड लेकर सहला रही थी और मै बीयर पीते पीते उसकी चुचियों से खेल रहा था |
मैंने थोड़ी सी बीयर उसकी चूची पर पलट कर पीनी शुरू कर दी | अमृता भी गरम होती जा रही थी उसे भी मेरा ये सब करना अच्छा लग रहा था |
अमृता ने कहा कि वो भी थोड़ी सी बीयर पीना चाहती है | मेरी पहली बोतल तो ख़तम हो चुकी थी मैंने फ्रिज में से दूसरी बोतल निकली और अमृता के साथ बाँट कर पीने लगा | थोड़ी दे के बाद अमृता भी मेरी नक़ल करते हुए मेरे लंड पर बीयर पलट कर पीने लगी और मेरा लंड चूसने लगी | मुझे भी अगल ही मजा आ रहा था |
अमृता मुश्किल से पांच या सात मिनट कि फिल्म ही देख सकी होगी और इतनी गरम हो गयी कि खुद ही मेरे साथ फिल्म बनाने लगी | अब कमरे में टीवी पर फिल्म चल जरुर रही थी मगर हम दोनों अब अपनी ही फिल्म की शूटिंग में मस्त थे |
अमृता पलंग की ओट के सहारे टेक लगा कर बैठ गयी और मै उसके सामने खड़ा हो गया |मेरा लैंड अमृता के चेहरे के ठीक सामने था और अमृता बीयर पलट-पलट कर मेरे लंड से बीयर पी रही थी |वैसे तो अमृता रोज ही मेरा लंड चूसती है मगर उस दिन उसे के स्थान पर बीयर का स्वाद आ रहा था, इसलिए अमृता और अंदर तक ले कर मेरा लंड पी रही थी |मुझे भी रोज के मुकाबले ज्यादा मजा आ रहा था इसलिए मै खुद ऊपर से बीयर अपने लंड पे गिराता और फिर रूक कर अमृता के लंड चूसने का मजा लेता |जब लंड पे से बीयर का मजा खत्म हो जाता अमृता मेरी तरफ देखती और मै दुबारा से बीयर गिरा देता |
अमृता आज पहली बार ही बीयर पी रही थी, मगर मजे मजे में उसने आधी बोतल बीयर पी डाली थी |इसलिए मैंने उसे और बीयर पिलाने से मन कर दिया क्योकि मै नहीं चाहता था की वो बेहोश हो जाए और मेरी रात काली हो जाए |
बीयर खत्म होने के बाद मैंने अपना लंड उसके मुहं में डाला और जोर-जोर से झटके देने लगा | मै अमृता के मुहं में लंड डालकर झटके भी दे रहा था और जोर जोर से उसकी चुचियो को भी दबा रहा था |और वो भी आज पूरे दिल से मेरा लंड पी रही थी | रोज तो वो थोड़ी ही देर तक लंड चूस कर छोड़ देती थी कि कही मेरा लंड उसके मुहं में पानी न छोड़ दे, मगर आज उसे इस बात का भी दर नहीं था (अमृता को वीर्य पीना पसंद नहीं है, वो मेरी ख़ुशी के लिए लंड मुहं में तो ले लेती है मगर ज्यादा देर तक चूसती नहीं है) | आज तो वो मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे मुहं में ही झाड देगी |
थोड़ी देर मेरा लंड चूसने के बाद अमृता रूक गयी शायद उसे लगा कि अब मै ज्यादा ही जोश में आ गया हूँ तो झड़ने वाला हूँ | अमृता के रुकते ही मै उसकी चूत की तरफ लपका |मैंने उसकी टांगो से उसे खीचते हुए, उसे बिस्तर पे लेटा लिया और उसकी टाँगे खोलकर उसकी चूत को चूसने लगा |हमेशा की तरह अमृता मेरे बालों में हाथ फेरने लगी और जब जब मै उसकी चूत के अंदर तक अपनी जीभ घुमाता वो सिसकी लेते हुए बोलती- भईया आराम से करो, बहन हूँ आपकी-वो भी सगी | कुछ तो तरस खाया करो | आप तो ऐसे चूसते हो जैसे फाड़ ही डालोगे |
उस दिन भी यही हो रहा था मै उसकी चूत का मजा ले रहा था और वो बार बार- "भईया कुछ तो तरस खाओ अपनी सगी बहन पे".............."भईया बस करो अब और मत चूसो प्लीज"......................."
भईया मै पागल हो जाउंगी, बस करो प्लीज" .................."भईया अपनी ही बहन की फाड़ डालोगे क्या?" ये सब बोले जा रही थी | जितना वो तड़प रही थी, उतना ही मुझे मजा आ रहा था | आखिरकार अमृता उठकर बैठ गयी
उसकी इस बात से तो मुझे और भी नशा चढ़ गया और मै और भी जोर-जोर से उसकी चूत को चूसने लगा |मुझे अमृता कि चूत मारने से भी ज्यादा मजा उसकी चूत को चूसने का आता है क्योकि इस समय मुझे उसका पूरा बदन साफ़-साफ़ दिखता है और साथ ही साथ अमृता के मुहं से निकलने वाली सिसकियों के साथ उसका बार बार "बस करो भईया " या "आराम से करो न भईया", बहुत मजा देता है |जब जब वो सेक्स करते समय मुझे "भईया" बुलाती है, मेरा नशा दुगना हो जाता है और मै और भी ज्यादा जोश में आ जाता हूँ |
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RE: Behen ki Chudai मेरी बहन-मेरी पत्नी
आखिरकार अमृता उठ कर बैठ गयी और बहुत ज्यादा अनुरोध करते हुए बोली-
"भईया , बस अब और बर्दाश्त नहीं होता अब इसे डाल दो (और ये लहते हुए उसने मेरा लंड पकड़ लिया ) मुझे भी लग रहा था कि अब मई भी बहुत ज्यादा देर तक रुका नहीं रह सकता |अगर और ज्यादा इन्तजार करूँगा तो शायद मै भी बिना चूत मारे ही झड जाऊँगा इसलिए मै अमृता को किस्स करते हुए उसकी टांग फैलाकर (अपने पसंदीदा पोज़ में ) उसके ऊपर चढ़ गया और अपना लैंड उसकी चूत में डालकर मजे लेने लगा | हमेशा कि तरह मै अमृता के ऊपर चढ़ा हुआ उसकी चूत मार रहा था और साथ साथ उसके होंठ पीते हुए, अपने दाए (राईट हैण्ड से ) उसकी चूचियां दबा रहा था |
लेकिन जितना लम्बा समय मैंने उस दिन अमृता के बदन के साथ खेलने में लगाया था वो आज तक का सबसे लम्बा समय था | यूँ तो मै बहुत ज्यादा देर तक उसकी चूत का मजा नहीं ले सका और जल्दी ही झड गया (क्योकि अमृता बहुत देर तक मेरा लंड पी चुकी थी, इसलिए मेरा आधा काम तो पहले ही हो चूका था | थोड़ी देर अमृता की चूत का मजा लेने के बाद मै झड गया और हमेशा की तरह मैंने अपने लंड का पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया |
वैसे तो मैंने उस दिन अमृता के साथ पूरा दिन मजे लिए और वो सब किया जो मै मम्मी की मजुदगी में नहीं कर सकता था | मैंने उस दिन अमृता के जिस्म का जितना मजा लूटा उतना तो इन दो सालों में भी नहीं लूटा था लेकिन एक बात की कमी रह गयी थी-
मैंने सोचा था की मै आज किसी नए अंदाज में उसकी चूत मारूंगा मगर जोश में आ कर रोज की तरह अमृता को नीचे डाल कर उसपे चढ़ गया| और जैसे ही मै उसकी चूत में झड गया , मैंने उसे कहा-
उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ यार मैंने तो सोचा था आज कुछ नया ट्राई करूंगा मगर फिर वैसे ही चढ़ गया मै तेरे पे |
अमृता ने मेरे बालों में हाथ फेरते हुए ऐसे प्यार से कहा जैसे कोई किसी बच्चे को बहलाते हुए कहता है-
तो क्या हुआ दुबारा कर लेना, मै कौनसा कही जा रही हूँ, यही तो हूँ- आपके पास, आपकी बाहों में | जब दिल करे दुबारा ले लेना |
मैंने अमृता से कहा मै अभी एक ट्रिप और लूँगा उसकी, इसलिए वो कपडे नहीं पहने और मेरे बराबर में लेटी रहे- सोये नहीं |
वैसे तो जब भी हमें दूसरी ट्रिप लेनी होती है हम लोग पहली ट्रिप के बाद कपडे पहन कर ही सोते है और दुबारा मन करने पर दुबारा कपडे उतर कर प्यार करते है (ताकि कोई रिस्क न रहे) मगर आज तो घर पर हम दोनों अकेले थे, इसलिए मैंने अमृता को कपडे नहीं पहनने दिए ये सोच कर कि मै थोड़ी देर में नए अंदाज में दूसरी ट्रिप लूँगा | मगर बातें करते करते कब हम दोनों की आँख लग गयी., पता ही नहीं चला | जब मै सुबह उठा तो दस बजने वाले थे |और मेरी बहन मेरे बिस्तर पर बिलकुल नंगी सो रही थी | उसकी टंगे भी खुली हुई थी , जिसके कारण उसकी चूत साफ़ दिखाई दे रही थी | मैंने आज तक अमृता को रात के अँधेरे ये सिर्फ कम रोशनी में ही नंगा देखा था मगर आज दिन की रोशनी में उसके नंगे बदन को निहारने का मौका मिला था | मेरे दिन की शुरुआत बहुत अच्छी थी- सुबह सुबह ही अमृता मेरे बिस्तर पे नंगी थी और वो भी टाँगे खोलकर |
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RE: Behen ki Chudai मेरी बहन-मेरी पत्नी
मैंने पहली बार देखा कि अमृता की चूत के बाल सुनहरे रंग के जैसे थे, जबकि रात की कम रोशनी में तो मुझे उसकी चूत पर बाल काले रंग के दीखते थे |मुझे अमृता के बदन को तस्सल्ली से निहारना बहुत अच्छा लग रहा था और मै जी भर के बहुत देर तक अपनी बहन के नंगे बदन को निहारता रहा |
रात तो बीयर का नशा था या पूरे दिन की शरारत का असर ये तो मुझे नहीं पता, मगर रात अपनी बहन की दूसरी ट्रिप लेने से पहले ही मेरी आंख लग गयी और मै सो गया था |
मगर जब मै सुबह उठा तो मैंने पहली बार दिन की रोशनी में अपनी बहन को नंगा देखा था (वैसे तो मै उसे दो साल से नंगा देख रहा था, मगर मैंने उसे सिर्फ रात की कम रोशनी में ही देखा था )|
अमृता मेरे बराबर में गहरी नींद सो रही थी |शायद वो भी कल की बीयर और दिन भर की मस्ती के कारण थक गयी थी , वरना वो तो सुबह मुझसे पहले उठ जाती है | मगर उस दिन दस बजने वाले थे और अमृता अभी तक सो रही थी | मुझे भी सोती हुई अमृता इतनी प्यारी लग रही थी की मैंने भी उसे उठाना उचित नहीं समझा और सोती हुई अपनी नंगी बहन को निहारने लगा |
उसका बदन बहुत नशीला लग रहा था |सोते समय उसकी चूचियां फैली हुई थीं और टाँगे खुली हुई थी, जिसके कारण उसकी चूत भी साफ़ दिखाई दे रही थी | उस दिन पहली बार मैंने ध्यान से देखा तो मुझे पता चला की उसकी चूत पर जो बाल थे वो सुनहरापन लिए हुए थे वरना रात के अँधेरे में तो चूत के बाल काले ही दीखते थे |उसकी गोरी-गोरी चूचियों पर हल्से से ब्राउन रंग के निप्पल क़यामत ढा रहे थे |कुल मिला कर कहूँ तो मेरी सुबह बहुत हसीन हो गयी थी | मेरी बहुत सी रातें तो हसीन रही थी, मगर वो पहली सुबह थी जो इतनी हसीन थी |
अपनी सोती हुई बहन को जी भर के निहारने के बाद मेरे दिल में शरारत सूझी और मैंने सोचा क्यों न मै उसकी सुबह की शुरुआत भी मस्ती के साथ करवाऊं | इसलिए मै उसकी खुली हुई टांगों के बीच में आ कर बैठ गया और उसकी चूत को देख कर अपने हाथ से सहलाते हुए अपने लंड को अच्छे से खड़ा करने लगा (वैसे तो मेरा लंड खड़ा ही था मगर मै उसे और सख्त करना चाहता था )| अपने लंड को और सख्त करने के बाद मै धीरे धीरे अपनी बहन के ऊपर इस तरह लेट गया की मेरा लंड उसकी चूत से टकरा जाए और अपने एक हाथ से उसकी चूची को पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए (ये सब मैंने बहुत धीरे धीरे किया ताकि उसके किस्स करने से पहले उसकी नींद ना टूट जाए )|
अमृता के ऊपर लेटकर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगडा, उसकी लेफ्ट वाली चूची को अपने राईट वाले हाथ से दबाया और उसके होंठो पर किस्स कर दिया | जैसे ही अमृता ने आँख खोली मैंने उसे कहा -
"हमारे प्यार की पहली सुबह मुबाकर हो मेरी जान "
उसने भी बदन में अंगडाई लेते हुए अपनी बाहे मेरे गले में डाली और मेरे होंठो पे किस्स करते हुए बोली-
"आपको भी जानू "
उसके बाद हम दोनों किस्स करने लगे |किस्स करते करते कभी मै अपने लंड को उसकी चूत पे रगड़ देता (मगर अंदर नहीं डालता था ) तो कभी वो अपनी कमर उठा कर मेरे लंड पे अपनी चूत की रगड़ मार देती थी | बहुत मजा आ रहा था |
क्रमशः........
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RE: Behen ki Chudai मेरी बहन-मेरी पत्नी
गतांक से आगे...................................
जब मै ज्यादा देर तक अमृता को किस्स करता रहा तो अमृता को लगा कि मै उसकी चूत मारना चाहता हूँ इसलिए उसने अपनी दोनों टंगे फैला कर अपने पैर मेरी कमर पे लगा दिए ताकि उसकी चूत पूरी तरह खुल जाए और मेरा लंड आराम से अंदर जा सके | उसे शायद लगा कि मै रात वाली दूसरी ट्रिप अब पूरी करना चाहता हूँ या अपने दिन की शुरुआत उसकी चूत मार कर करना चाहता हूँ|
मगर मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था |मै उसे उसी पुराने अंदाज में चोदना नहीं चाहता था |मुझे तो अब कुछ नया करना था |इस पोज में तो मै उसकी रोज लेता था फिर भला मम्मी के जाने और हमारे हनीमून का अर्थ ही क्या रह जाता अगर हमें वही सब करना था जो हम रोज करते है?
इसलिए मैंने उसकी चूत में अपना लंड नहीं डाला और उसे जगा कर उसके बराबर में लेट गया |
जब अमृता ने देखा कि दस से ज्यादा बज चुके है, वो तुरंत उठ गयी और बोली की जल्दी से कमरा संभाल लो क्योकि थोड़ी देर में कामवाली आने वाली है |अमृता उठी और उठ कर सबसे पहले अपनी ब्रा और पेंटी उठा कर पहने लगी मगर मैंने उसके हाथ से ब्रा और पेंटी छीन ली |मैंने उसे कहा की आज वो सारा काम नंगी ही करे और मैं उसे देखूंगा |मगर अमृता ने ये कह कर मना कर दिया कि उसे ये सब करने में शर्म आती है |मेरे बहुत कहने पर भी अमृता नहीं मानी तो मैंने कहा कि वो अगर चाहे तो एक तोलिया लपेट ले मगर मै उसे कपडे नहीं पहनने दूंगा |अमृता ने एक तोलिया लपेटा (और मैंने भी तोलिया लपेट लिया ) और वो कमरा सँभालने लगी -बीयर की खली बोतले और हमारे उतरे हुए कपडे बिखरी हुई चादर आदि सब उठाकर कमरा साफ़ करने लगी (ताकि कमरे को देखकर कोई हमारी रात की कहानी ना पकड़ ले) |
मुझे लगता था की अमृता नंगी ज्यादा सेक्सी लगेगी मगर तोलिया लपेट कर तो वो कयामत ढा रही थी | तोलिये में तो वो पहले से भी ज्यादा सेक्सी लगने लगी |उसके उभरे हुए बूब्स के कारण तोलिया भी फूल कर खड़ा हो रहा था |मेरे लंड का तो हाल बुरा होने लगा था और मैंने बेकाबू होते हुए उसके पकड़ा ही लिया | मैंने उसे पीछे से पकड़ कर दिवार के सहारे लगा दिया और गाली देते हुए बोला-
"बहनचोद..........तूने मेरा जीना मुश्किल कर दिया है |साली तुझे नंगा रखूं तो मुश्किल, कपडे से ढक दूँ तो मुश्किल |बहन की लोडी क्या करके मानेगी ? इतना तो कोई अपनी बीबी को भी नहीं रगड़ता होगा जितना मैंने तुझे रगडा है, फिर भी दिल नहीं भरता |"
जोश में होश खोते हुए मैंने उसका तोलिया उठाया और -अपना लंड उसकी गांड के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया |खुद मुझे ये होश नहीं था की मै अपनी बहन को क्या अनाप-शनाप बक रहा था |मै तो उसे तोलिये में देख कर पागल सा हो गया था |
अमृता ने मुझे धक्का सा देते हुए पीछे धकेला और पलट कर दिवार के सहारे खड़ी हो गयी (मेरी तरफ मुह करके )| मै दुबारा उसकी तरफ लपका और उससे चिपक गया |मुझे अपनी बाहों में लेती हुई बोली-
"भईया, क्या आप चाहते हो आपका दिल मुझसे भर जाए? आज तो आपने ये बात कह दी मगर आज के बाद ये बात कभी मत कहना | मै आपके बिना अब जी नहीं सकती हूँ | रही बात बीबी की तरह रगड़ने की तो आप जितना चाहो मुझे उतना रगड़ लेना, जैसे चाहो मुझे वैसे रगड़ लेना, मै उफ़ तक नहीं करुँगी ...............मगर मुझे कभी छोड़ना नहीं |"
ये कहते हुए वो भी मुझे पागलो की तरह लिप्स तो लिप्स करने लगी |
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RE: Behen ki Chudai मेरी बहन-मेरी पत्नी
मैंने अपना लड़ उसकी चूत पे लगाया और अंदर धकेलने लगा |अमृता ने जोर से सिसकी ले और बोली-
"भईया क्या कर रहे हो? इस टाइम लोगे क्या ? ?"
मैंने कहा- "हाँ"
बोली - "चाहिए तो ले लो मै रोकूंगी नहीं | मगर अभी काम वाली आने वाली है | ज्यादा टाइम नहीं है अगर अभी लेनी है तो जल्दी जल्दी लेनी पड़ेगी, मजा नहीं आएगा .............सब खेल पांच-सात मिनट में ख़तम हो जायेगा | मुझे किसी बच्चे की तरह समझाते हुए बोली- अगर सब्र कर सको तो थोड़ी देर रुक जाओ ............कामवाली को हो कर जाने दो फिर अच्छे से लेना |आपको भी मजा आएगा और मुझे भी |"
अमृता की यही अदा मुझे दीवाना बना देती है और मै उसकी बात टाल नहीं पाटा हूँ |
मैंने भी बच्चों की तरह कहा- ठीक है.......बाद में ले लूँगा | मगर लूँगा ऐसे ही खड़े करके -दिवार के सहारे |"
वो भी लाड प्यार वाले अंदाज में बोली- " ओह्ह्हह्ह मेरा बच्चा..........ठीक है दिवार के सहारे ले लेना मगर अभी तो छोडो|"
मैंने अमृता को छोड़ दिया और वो अलमारी से कपडे निकलने लगी |उसने सलवार कमीज और साथ में वही ब्रा-पेंटी निकली (जो जो काले रंग की सेक्सी वाली मैंने उसे खरीदने के लिए कही थी) |
कपडे ले कर वो बाथरूम में जाने लगी तो मै भी उसके पीछे बाथरूम में जाने लगा |मगर अमृता ने फिर से मुझे समय की कमी के कारण मना कर दिया |मैंने कहा कि मै उसके साथ नहाना चाहता हूँ मगर अमृता ने एक बार फिर से मुझे वही सब कह कर बहला दिया जो उसने पहले कहा था -समय की कमी के कारण मजा नहीं आएगा और वो मुझे कल अपने साथ नहलाएगी |
मैंने उसकी बात मान ली और कहा कि ठीक है मै उसके साथ नहीं नाहूँगा मगर उसे मेरी एक शर्त माननी पड़ेगी - उसे दरवाजा खोलकर नहाना पड़ेगा ताकि मै उसे नाहाते हुए देख सकूँ |अमृता ने कहा वो दरवाजा खोलकर नहा लेगी मगर उसकी भी एक शर्त है कि मै उसे नाहते हुए न तो छूऊंगा और न ही छेडूंगा ,बस देख सकूँगा | मैंने भी अमृता की ये शर्त मान ली |
अमृता बाथरूम में नहाने के लिए चली गयी (ये बाथरूम हमारे कमरे के अंदर ही बना हुआ है ) और मैंने उसके सारे कपडे (सलवार-कमीज,ब्रा-पेंटी और उसका तोलिया ) अपने बिस्तर पर ही रखवा लिए तथा मै खुद बाथरूम के बहार कुर्सी डाल कर बैठ गया | अमृता ने शोवर (फुव्वारा ) खोला और नहाना शुरू कर दिया |
मै बहुत गौर से उसे नाहते हुए देखने लगा |उसके बदन पे गिरता हुआ पानी मेरे दिल में आग लगाने लगा |उसकी गोल-गोल चुचियों से बह कर गिरता हुआ पानी ऐसा लग रहा था जैसे पहाड़ की छोटी से झरना बह रहा हो |पानी से भीगा हुआ उसका बदन क़यामत ढा रहा था | ख़ास तौर से उसकी चुचियों पर गिरने वाला पानी मोती के सामान लग रहा था | उसकी गोल-गोल गोरी-गोरी चुचियों पर गिरता हुआ पानी किसी को भी मदहोश कर देने के लिए काफी था | मै अमृता को नहाता हुआ देख कर उत्तेजित होने लगा और धीरे धीरे अपने लंड को (हलके से ) सहलाने लगा | मै उसे देख कर बीच-बीच में अपने लंड को हलके से झटका दे देता और फिर रूक जाता | अमृता मुझे ये सब करता हुआ देख कर मुस्कुराने लगी |वो जानती थी कि इस समय मेरी क्या हालत हो रही है | शायद उसे अपनी जवानी का एहसास था, और अपने नशीले बदन पे इतराते हुए वो मुझे तडपाना चाहती थी |
लेकिन असली क़यामत तो तब आई जब अमृता ने अपने बदन पे साबुन लगाया |उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ क्या लग रही थी उस समय वो...........आज भी याद करता हूँ तो लंड खड़ा हो जाता है |जब अमृता ने अपने बूब्स पर साबुन लगाया था और साथ में अपनी चूत को साबुन लगा कर साफ़ किया था ................मेरे बरदाश्त से बहार हो गया था एक बार तो दिल में आया कि उससे किया हुआ वादा तोड़ दूँ और अभी इसी वक्त पेल दूँ साली को |मगर फिर लगा कि अगर बीच में ही सुनीता (हमारी कामवाली ) आ गयी तो सारा मजा खराब हो जायेगा | इसलिए मैंने अमृता को देखते हुए मुठ मारनी शुरू कर दी थी | उधर अमृता नहा रही थी और इधर मै उसे देख कर मुठ मारने लगा |
जब अमृता ने मुझे मुठ मारते हुए देखा तो वो नाराज हो कर बोली-
"भईया ये क्या कर रहे हो? मैंने कहा था न आपको सुनीता (हमारी कामवाली ) को जाने दो, मै करवा दूंगी आपका काम |थोडा सा तो सब्र किया करो भईया |"
लेकिन मैंने कहा- "देख अमृता , तुने मुझे कहा था कि मै तुझे छुऊँ नहीं | इसलिए मैंने तुझे छुआ नहीं है |मगर मै तुझे नहाते हुए देख कर और कण्ट्रोल नहीं कर सकता हूँ | शायद तू खुद नहीं जानती कि तू इस समय क्या चीज लग रही है?
अमृता भी मुस्कुराते हुए बाथरूम से बहार निकल कर आ गयी और घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड को मुह में ले कर चूसने लगी और बोली- मेरे रहते हुए आपको मुठ मारनी पड़े तो लानत है मेरे पे |उसके बाद अमृता ने मेरा लंड चूस चूस कर झाड डाला |मै कुर्सी पर बैठे बैठे उसकी चूची सहलाता रहा और अपने हनीमून के मजे लेता रहा |
मेरा लंड झाड़ने के बाद अमृता वापिस बाथरूम में गयी और नहा कर बहार आ गयी |
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RE: Behen ki Chudai मेरी बहन-मेरी पत्नी
सच कहता हूँ दोस्तों जो मजा अपनी बहन को नंगा नहाते हुए देखने का है उसका बयान शब्दों में नहीं किया जा सकता है |
उसने अपना तोलिया उठाया और मेरे हाथ में दे कर अपना बदन साफ़ करवाने लगी |मैंने अच्छे से उसका बदन तोलिये से साफ़ किया-खास तौर से उसकी चूचियां और चूत को |उसके बाद मुझे पेंटी पहनाने को कहा जो मैंने उसे पहना दी |बाद में उसने मुझे ब्रा दी और पहनाने के लिए कहा |
सच कहता हूँ दोस्तों मैंने बहुत कोशिश की मगर मै उसे ब्रा नहीं पहना सका |मै जितनी बार भी उसे ब्रा पहनाने की कोशिश करता ,उसकी चूचियां ब्रा में से निकल जाती थीं |मैंने बहुत कोशिश की-आगे से-पीछे से, मगर मै उसे ब्रा नहीं पहना सका | आखिरकार अमृता नाराज होते हुए बोली- "भईया, आपको तो सिर्फ ब्रा खोलनी आती है पहननी नहीं| खोलने में तो एक सेकंड भी नहीं लगता है आपको ?पहनाते हुए क्या हो रहा है ?"
मैंने भी अपनी इज्जत बचने के लिए कहा-" देख बहन , जो काम जिसका हो उसे ही करना चाहिए |मेरा काम तो इसे उतरने का है, मै उतर लेता हूँ, तेरा काम पहनने का है-तू पहन ले |"
काले रंग की ब्रा और सेक्सी पेंटी में उसका गोरा बदन बहुत सुंदर लग रहा था, अगर अभी अभी चूस-चूस कर झाडा न होता तो एक ट्रिप लगा लेता मै उसके ऊपर |
अमृता ने अपनी ब्रा खुद पहनी और उसके बाद मैंने उसे सलवार पहनाई | मगर जैसे ही मै उसे कमीज पहनने लगा था कि कामवाली ने दरवाजा खटखटा दिया |अमृता ने जल्दी से अपनी कमीज खुद पहनी |मगर मेरी नजर उसकी चुचियों पे टिकी हुई थी |कमीज पहनने के बाद भी उसकी चुचियों की गोलाई साफ़ दिखाई दे रही थी- ये शायद नयी ब्रा का कमाल था | उस ब्रा की फिटइंग इतनी अच्छी थी कि कमीज के अंदर भी उसकी चूचियां गोल-गोल और सुंदर लग रही थी | दुसरे शब्दों में कहूँ तो मैंने जो पैसे अपनी बहन को ब्रा खरीदने के लिए दिए थे वो उसकी चुचियों की गोलाई देख कर वसूल हो गए थे |
कामवाली -सुनीता लगभग डेढ़ घंटे तक काम करती रही और इन डेढ़ घंटों में मै अमृता के गोल-गोल बूब्स को देख देख कर समय बिताता रहा | ये तो अच्छा हुआ था कि अमृता ने नहाते हुए मुझे चूस कर झाड दिया था वरना उस दिन डेढ़ घंटा बिता पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो जाता |
जब तक सुनीता काम कर रही थी मै नहा कर तैयार हो गया था |सुनीता का काम खत्म होने वाला था | मैंने अमृता पर पूरी नजर रखनी शुरू कर दी थी |जैसे ही सुनीता घर से बहार निकली और अमृता ने उसके जाने के बाद दरवाजा बंद किया, मै उसे पीछे से पकड़ कर बाहों में भर लिया और दरवाजे के सहारे ही टिका दिया |मैंने उसके हाथ फैला कर पकड रखे थे और मेरा लंड उसकी गांड पे था और चेहरा उसके कंधे पे |अमृता बार बार कह रही थी- "छोडो .......छोडो न भईया ..........अब क्या दरवाजे पर करोगे? कोई आ गया तो आवाज बहार चली जायेगी .............अन्दर चल कर कर लो जो कुछ करना है |"
मगर मैंने उसकी बात को अनसुना कर दिया और वहीँ उसकी गर्दन के पास, उसकी कमर पर किस्स करने लग गया | थोड़ी देर किस्स करने के बाद ही अमृता भी गरम होने लगी थी |अब उसने विरोध करना छोड़ दिया था और उसके मुह से सिसकियाँ निकलने लगी थी | वो खुद मदहोश हो कर- "भईया ...........उंह भईया .........." बोलने लगी थी |
मैंने उसकी कमीज उठा कर उसकी कमर पे किस्स करना शुरू कर दिया |अमृता ने झटके लेने शुरू कर दिया |जब मै उसे बिस्तर पे लेटाकर चूमता हूँ तो वो उछल-उछल कर सिसकियाँ लेती है मगर इस समय अमृता खड़े खड़े झटके ले रही थी |मेरा भी लंड बेकाबू हो रहा था |मैंने अपना लंड बहार निकला और उसके हाथ में दे दिया |अमृता बिना मुड़े ही मेरा लंड हिलाने लगी |मुझे सुरूर चड़ने लगा था, मैंने उसका कुर्ता उतर दिया और उसकी नंगी कमर पे ब्रा के स्टेप के पास किस्स करने लगा | अमृता को सबसे ज्यादा झटके या तो ब्रा के स्टेप के पास आ रहे थे या फिर जब मै उसकी बगल के नीचे से होते हुए उसके बूब्स पर किस्स करता था, तब आते थे |इसलिए मै इन्ही दोनों जगहों पर बार बार किस्स कर रहा था | थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी सलवार भी खोल दी और अब अमृता सिर्फ ब्रा-पेंटी में रह गयी |अमृता ने फिर से मुझे कमरे में चलने के लिए कहा मगर मैंने कहा कि मै उसकी यही दिवार के सहारे लगा कर लेना चाहता हूँ| अमृता मुझसे वादा कर चुकी थी कि सुनीता के जाने के बाद मै जैसे चहुँ उसकी ले सकता हूँ इसलिए अब वो बेबस थी |अब उसके पास मेरी बात मानने के अलावा कोई रास्ता नहीं था | मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी के अंदर डाला और दुसरे हाथ से उसके बूब्स मसलने लगा | अमृता अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी |अब वो खड़े खड़े अपनी टाँगे खोलती जा रही थी |मुझे समझ में आ गया कि अब अमृता पूरी तरह से तैयार हो चुकी है अब मुझे देर नहीं करनी चाहिए और अपना लंड अब उसकी चूत में डाल ही देना चाहिए |मैंने फटाफट उसकी ब्रा-पेंटी उतारी और उसे पूरी तरह से नंगा करके खुद भी नंगा हो गया |
क्रमशः........
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