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RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
जब जब स्मृति अपनी नशीली आँखे उपर करके देखती तो कुशल और भी पागल हो जाता था. उसकी आँखे आज कुच्छ डिफरेंट ही लग रही थी.
सीने को अच्छे तरीके से किस करके वो नीचे लंड तक पहुँचती है, अब वो उसके शॉर्ट को उतारने के लिए उसे बेड से उठती है. कुशल तो जैसे रिमोट कंट्रोल से कंट्रोल हो रहा था. कुशल की आँखो मे देखते हुए स्मृति उसके शॉर्ट को उतारती है. इन सारे आक्षन्स से कुशल का एग्ज़ाइट्मेंट सातवे आसमर पर था और वो स्मृति के इस वाइल्ड रूप से इंप्रेस भी था.
कुशल का शॉर्ट उतारता है और उसका 8 इंच का मोटा लंड बाहर आ जाता है. स्मृति टाइम ना वेस्ट करते हुए अपने गीले और गुलाबी होंठ उसके लंड पर रख देती है.
“ आहह………….मेरी जाआअंन्न………मेरी रातो की राणिीईईईईईईई…………. आअज्जजज्ज्ज्ज चोद्द्द्द्द्द्द्द दूँगा तुझीए…….उफफफफफफफ्फ़….सेक्शययययययययययी…………………..और चूस……ऐसे ही चूस………………” कुशल आज उसके लंड चूसने के तरीके से भी इंप्रेस था. अपना पूरा मूँह खोल कर वो उसके लंड को चूस रही थी. चूस क्या रही थी लंड को मूँह के कोने कोने मे ले जा रही थी. इतना बड़ा लंड होने के बावजूद वो उसे अपने मूँह के पूरा अंदर ले जाना चाह रही थी.
कुशल के लिए एक अड्वेंचर था कि कैसे स्मृति आज उसके लंड को चूस रही थी. मूँह के साइड तक को जगह मे वो लंड को घुमा घुमा कर ले जा रही थी.
“ओह……….डार्लिंग……तू गजब है…….चूस…..ऐसे ही चूस…..आआहह” कुशल के हाथ अब स्मृति के बालो मे पहुँच गये थे और उसकी गर्दन को पकड़ पकड़ कर वो खुद ही आगे पीछे कर रहा था.
“उफफफफफफ्फ़…….कितनी सेक्सी है तू डार्लिंग…….म्*म्म्मह…..ऐसे हीईीईईई……………इतना……..मज़ा…..तो पूरी लाइफ मे नही आया…………………………….” कुशल का एग्ज़ाइट्मेंट बढ़ता ही जा रहा था.
स्मृति यहीं नही रुकी, उसके लंड को अच्छे से गीला करने के बाद वो उसकी बॉल्स तक पहुचि. स्मृति उसके लंड को उपर करके और उसकी बॉल्स को किस करने लगती है. क्या सीन था, इंडियन एन्वाइरन्मेंट मे ऐसे हर्डली ही नसीब होता है.
कुशल तो जैसे होश मे नही था, लंड के साथ उसकी गर्दन भी उपर आसमान की तरफ हो चुकी थी. स्मृति अब उसके बॉल्स को चूस रही थी
कुशल को वैसे ही प्रीति ने बहुत गरम कर दिया था और वो नही चाहता था कि स्मृति की कोई भी ख्वाहिश आज अधूरी रह जाए नही तो वो उसे खा जाएगी. इसीलिए उसे अहसास हो रहा था कि अगर और थोड़ी देर स्मृति ने उसकी बॉल्स चूसी तो उसका सारा माल निकल जाएगा.
“उफफफफफफ्फ़……ग्रेट……..यू आर आ रियल सकर………………….. आहह……..नाउ इट ईज़ माइ तुर्न…………..” कुशल धीरे से अपने लंड को स्मृति के मूँह से हटाने लगता है.
स्मृति अपने आप को सेट करते हुए खड़ी होती है और धीरे धीरे चल कर सामने वाले सोफे पर दोनो हाथ टिका कर डॉगी स्टाइल मे खड़ी हो जाती है. पीछे से एक हाथ ले जाते हुए वो एक फिंगर अपनी चूत मे घुसा देती है –“ लाइयन……….आआआ….चूस ईसीईए………….खा जा मेरी चूत को…….बहुत प्यार है ना तुझे इससे…………” स्मृति कुशल की तरफ गर्दन करते हुए कहती है.
कुशल वाकई मे आज इस रूप से अंजान था. स्मृति के रूप मे उसके घर मे एक सेक्सी स्लट रह रही थी. कुशल आगे बढ़ता है और घुटनो के बल उसकी गान्ड के पीछे बैठ जाता है, टाइम बिना वेस्ट करे वो अपने मूह को उसकी चूत पर रख देता है –
“आआहह………..लाइयन…………यू मदरफकर लिक्क माइ पूस्सयी…….चाट मेरी चूत को………….” स्मृति की इस सॉलिड आवाज़ से कुशल एक बार को दहल ही जाता है लेकिन उसकी पुसी को चाटना चालू रखता है. अपनी गान्ड को वो और भी ज़्यादा पीछे कर लेती है जिससे कि उसकी चूत और भी खुल कर कुशल के मूँह मे आ सके.
“ उफफफफफफफफफफ्फ़………..लाइयन………………..घुसा अपनी जीभ अंदर…………………..” कुशल पूरी ताक़त के साथ लगा हुआ था और उसकी चूत चाट रहा था. स्मृति भी अपनी कमर को धीरे धीरे हिला रही थी. उसकी चूत से निकलने वाला रस कुशल को और पागल कर रहा था.
स्मृति अपने हाथ को भी अपनी चूत पर ले जाती है और उपर के हिस्से को छेड़ने लगती है, पानी और भी ज़्यादा निकलने लगा था.
“म्*म्म्ममह……ग्रेट…………यू फकर………………….आहह…….” स्मृति अपनी गान्ड को और भी ज़्यादा हीला रही थी.
ऐसा बस कुच्छ मिनिट और लगा कि स्मृति और भी ज़्यादा वाइल्ड रूप मे आ गयी –
“ फक मी लाइयन……फक मी बस्टर्ड……..शो मी युवर पवर………आहह…….यू मदरफकर……………..फक मे………………मार मेरी चूत को……..फाड़ दे ईसीईई……………” स्मृति अब चुदने को तैयार थी.
चुदने से पहले एक बार फिर से स्मृति पीछे मुड़ती है और उसके लंड को चूसने लगती है. कुशल की हालत खराब थी, वो चोदने के लिए तैयार था लेकिन स्मृति की एक्सपेक्टेशन्स आज कुच्छ ज़्यादा ही थी.
जैसे वो लंड को चूस्ते हुए उपर देख रही थी तो कुशल और भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रहा था. उसके लंड को अच्छे चूसने के बाद वो फिर से डॉगी स्टाइल मे आती है और कुशल को इन्वाइट करती है आ और कर दे मेरमेरा काम.
कुशल आगे बढ़ता है और अपना लंड उसकी चूत पे टिकाता है “ घुसा दे इसे पूरा…….पहुँचा दे इसे एंड तक…..फक मी हार्ड टुडे…….” स्मृति की ये बात सुन कर वो एक जोरदार धक्का लगाता है और 8 इंच का मोटा लंड स्रर्र्ररर से अंदर घुस जाता है.
“ लाइक तट……….आआअहह” स्मृति आज जैसे रुकने का नाम ही नही ले रही थी. लेकिन कुशल भी अपने अंदर की पवर को जगा रहा था.
कुशल ने तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए थे और उधर स्मृति भी अपनी चूत को हीला हीला कर धक्के लगवा रही थी. चूत मे लंड के घुसने वाला साउंड, और उन दोनो के बॉडी के टकराने वाला साउंड दोनो ही ही रूम का टेंपरेचर बढ़ा रहे थे.
“ आअहह…. फक मी…फक मी हार्ड……फक मी…………….खोल दे आज मेरी चूत को………….हार्ड…..हार्ड…….म्*म्म्ममह” स्मृति भी खूब उच्छल उच्छल कर धक्के लगा रही थी.
“आहह………….यू……माइ बिच…………….आइ विल फक यू………यू सो टेस्टी…………………” कुशल की भी आवाज़े निकालने लगी थी.
पूरा रूम फक्किंग साउंड से भर गया था. स्मृति अपने एक्सपीरियेन्स का पूरा फ़ायदा उठा रही थी और लंड को बार बार अंदर लेने मे सक्सेस्फुल हो रही थी.
स्मृति की चूत से निकलने वाला रस धीरे धीरे कुशल के बालो तक भी आ चुका था. गजब का घर्षण हो रहा था.
“ओूऊऊऊऊऊ……..लाइयन…….फाड़ दे मेरी चूत………………मार इसको……………..ग्रेट………..”स्मृति के चिल्लाने से ही पता लग रहा था कि वो आज कितनी मस्त हो चुकी थी.
कुशल भी पूरी ताक़त के साथ धक्के लगा रहा था. स्मृति की पूरी बॉडी काँप रही थी और कुशल उस पर अपने मोटे और तगड़े लंड से दबा दबा के धक्के लगा रहा था. बहुत ही गजब सीन चल रहा था.
“ लाइयन………….यू अमेज़िंग…………..और मार मेरी चूत को…….ग्रेट………आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्व्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……यू आर माइ ड्रीम फकर………आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…….आअहह…आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” और स्मृति के हाथ सोफे पर कस जाते है. उसका रस निकल गया था.
कुशल को प्रीति वाला इन्सिडेंट याद आ गया और वो और तेज तेज धक्के लगाने लगा. कुच्छ ही सेकेंड्स मे वो अपना लंड बाहर निकालता है और उसकी पिचकारी से स्मृति की पूरी पीठ भर जाती है.
स्मृति के चेहरे का तेज देखते ही बनता था.
“थॅंक्स फॉर मेकिंग मी सॅटिस्फाइड….. लाइयन…….अब तुम जब चाहो वो कर सकते हो जो तुम्हारी ख्वाहिश है.” स्मृति का इशारा अपनी गान्ड की तरफ था. कुशल का अभी तो एंडिंग पॉइंट हुआ था और उसे थोड़ा टाइम चाहिए थे संभलने के लिए की तभी -
“कुशल……..कुशल….कुशल…..कुशल………” उपर से प्रीति की चिल्लाने की आवाज़ आती है. शायद वो जाग गयी थी.
दूसरी तरफ –
सिचुयेशन तो काफ़ी चेंज हो चुकी थी लेकिन वहीं से शुरू करते है जहाँ से छोड़ा था. जैसे की आप जानते है कि आराधना ने नयी ब्रा पैंटी पहन ली थी अपनी चुदाई के बाद और पंकज उसे घूरता है –
पंकज की निगाहे फिर से आग उगलने लगी थी और वैसे सीन भी कुच्छ ज़्यादा ही कामुक था "क्या अभी भी मन नही भरा जो ऐसे देख रहे है.???" आराधना अपनी पैंटी को पूरा उपर चढ़ाने के बाद और पंकज की तरफ देखते हुए बोलती है
पंकज का मूँह खुला का खुला था. उसने कभी आराधना को इतना सेक्सी नही देखा था, हाँ आइडिया लगता था कि वो सेक्सी है लेकिन आराधना के इन मोस्ट एरोटीक ब्रा आंड पैंटी ने पंकज के दिमाग़ की तारो को झकझोड़ दिया था.
जब आराधना ने पंकज से वो सवाल किया तो पंकज ने कोई जवाब नही दिया और मूँह खोल का ऐसे ही देखता रहा. पैंटी पूरा उपर चढ़ाने के बाद आराधना पंकज की तरफ बढ़ती है और एक चुटकी उसकी आँखो के सामने बजाते हुए स्माइल करती है.
“ डॅड…… यू ओके?” बहुत प्यारी स्माइल के साथ वो अपने डॅड को जागती हुई नींद से जागती है. पंकज हड़बड़ा जाता है.
“ओह्ह्ह…. यस… यस” और ये बोल कर वो अपना चेहरा दूसरी साइड कर लेता है. पंकज को अहसास हो गया था कि आराधना ने उसे पकड़ लिया है. पंकज अब धीरे धीरे रूम के कॉर्नर मे चल कर चेर पर बैठ जाता है, ये वोही चेर है जिस पर बैठ कर और आराधना को अपने उपर बिठा कर उसके जवान जवान यौवन के तारो को छेड़ दिया था.
पंकज अब आराधना के सामने बैठा था और काफ़ी सीरीयस लग रहा था. वो अपने सिगरेट बॉक्स को उठाता है और एक सिगरेट को बाहर निकाल कर अपने लाइटर से जलाता है. आराधना अब खुद जाकर अपने बेग से एक ट्रॅन्स्परेंट शिफ्फॉन टॉप निकालती है और उसे पहन ने लगती है.
“ डॅड…. . सीरीयस लग रहे हो…… सब ठीक तो है ना…….?” आराधना उस टॉप को पहनते हुए बोलती है. वो टॉप बिल्कुल ट्रॅन्स्परेंट था, और आराधना ने अंदर की ब्रा पैंटी उसमे क्लियर दिखाई दे रही थी. आराधना का ये बोल्ड अंदाज़ बिल्कुल नया था.
“ नही….. बस ऐसे ही……….” पंकज फिर से सीरीयस रहते हुए जवाब देता है. आराधना ये सुनकर धीरे धीरे उसके पास बढ़ती है. उसके पास पहुँच कर उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलती है –
“ क्या…..आप अपसेट है? बताओ ना कि क्या बात है…… क्या…आपको अच्छा नही लगा……?” आराधना थोड़ा हेज़िटेट हो होती है लेकिन फिर भी पंकज की आँखे मे देखते हुए बोल देती है.
पंकज खड़ा होता है और आराधना को हग करता है. “ऐसा कुच्छ नही है……. तुम्हारे साथ बिताए आज के पल से तो मैं अपनी जवानी के बेस्ट टाइम भी भूल गया हू…… अच्छा मेनटेन किया है तुमने अपने को….. काफ़ी टाइट हो…..” और ये बोलते हुए वो आराधना की गान्ड पर एक चिकोटी काट देता है.
“ ऊूउउ….” आराधना उसकी इस आक्टिविटी से चोंक जाती है क्यूंकी वो मेंटली प्रिपेर्ड नही थी इस सिचुयेशन के लिए लेकिन उसे अच्छा भी लगता है.
“ कसम से आप बड़े नॉटी रहे होंगे….अपनी जवानी मे……..” और ये बोलते हुए आराधना उसके कंधे पकड़ कर उसे फिर से चेर पर बिठा देती है.
“ जवानी मे तो हर कोई नॉटी होता है…. देखो आज तुम भी कितनी नॉटी रही….. तुम्हारी वाय्स तो तुम्हारी मोम से भी सेक्सी है……” पंकज थोड़े फन्नी वे मे आराधना से बोलता है.
“ डॅडी…… आप बहुत वो हो…..” और आराधना उसके सीने मे प्यार से दो मुक्के जमा देती है. और फिर उसी की गोद मे बैठ जाती है.
पंकज उसे अपने सीने से लगा . है. आराधना के ग्लोयिंग चीक्स बता रहे थे कि कैसे उसे लंड का इंजेक्षन लगा और कैसे उसकी बॉडी चेंज हो रही है.
“ डॅड… आपने ये क्यू बोला कि जवानी का बेस्ट टाइम भूल गया…. क्या आपको मोम प्यार नही करती थी…..” आराधना उसके सीने मे मूँह छुपाए बोलती है.
“ मोम की कौन बात कर रहा था…. जवानी तो शादी से कई साल पहले शुरू हो जाती है……..” पंकज उसे बिना झिझके ये बात बता देता है.
आराधना उसकी ये बात सुन कर चोंक जाती है और सीने से मूँह उठा कर उपर देखती है. “ ओह माइ गॉड….. तो इसका मतलब आप…..आप शादी से पहले भी………शादी से पहले भी कुच्छ कर चुके थे……..” आराधना को थोड़ी शरम तो आ रही थी ये बात पुच्छने मे लेकिन वो पुच्छ ही लेती है.
पंकज आराधना का एक हाथ पकड़ता है और उसकी चूत के सामने से ले जाते हुए अपने लंड पर रख देता है. “ पता है जब ये बड़ा होता है ना तो सोने नही देता…. शादी तक कहाँ इंतेज़ार होता है. अगर शरीफ बन कर इंतेज़ार भी करो तो सर मे दर्द रहता है और कहीं मन नही लगता. उपर वाले ने हमे बनाया ही इस तरीके से है की टाइम बाइ टाइम नीड्स बदलने लगती है… इसकी नीड तो तुम जानती ही हो…..” पंकज आराधना के हाथ को अपने लंड पर दबाते बोलता है.
आराधना के हाथ जैसे ही लंड पर पहुँचे उसको समझ आ गया कि वो फिर से तैयार होने वाला है. “ तो इस जनाब का अभी पेट नही भरा……” आराधना पंकज की गोद से खड़ी होती हुई और उसके लंड की तरफ देखते हुए बोलती है.
“ पेट ऐसे भर जाता तो बात ही क्या थी………” पंकज भी आराधना की तरफ देखते हुए रोमॅंटिक अंदाज़ मे बोलता है. आराधना ये बात देख कर समझ जाती है और वो स्माइल करके पंकज से दूर खड़ी हो जाती है.
“ तो आप रसिया रहे हो जवानी मे……. मोम से . पहले ही आप काम कर चुके थे….. लेकिन अगर मोम को पता चल जाता तो……” आराधना सिचुयेशन को कॉनवर्ट करने के लिए ऐसा बोलती है.
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RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
“ तुम्हारी मोम को आते ही हम ने इतना डोज़ दिया कि उसका माइंड इधर उधर की बाते ही ना सोचे……. औरत का माइंड तभी शक करता है जब उसे पूरी खुराक नही मिलती. और वैसे भी शादी के बाद से मैने किसी भी पराई लेडी के साथ कोई रीलेशन नही बनाए….. हाँ आज……” पंकज इससे पहले की अपनी बात ख़तम करता तो आराधना बीच मे ही बोलने लगती है – “ मैं पराई नही हू…..अब आगे बताइए….” आराधना सीरियस्ली उसे आँखे दिखती हुई बोलती है
“ हाँ तो बस मैं यही कह रहा था कि तुम्हारी मोम को दिन रात प्यार किया हम ने….. किचन, बाथरूम, बेडरूम या छत… जहाँ भी मौका मिला वहीं पर ये खिला दिया उसे………” पंकज फिर से अपने लंड पर हाथ फिराता हुआ बोलता ..
“ तभी तो मोम बॅक साइड से……. हे हे हे हे हे” आराधना अपने दोनो हाथो को फेलाते हुए दिखती है क्यूंकी स्मृति की गान्ड काफ़ी ब्रॉड है.
“ ये नॉर्मल बात है….. कोई भी लेडी कैसे ठुकी है ये आइडिया आप उसकी बॅक को देख कर ही लगा सकते हो….. आदमियों की जान बस्ती ही एक सेक्सी बॅक मे. हर आदमी चाहता है कि उसकी वाइफ की बॅक ऐसी ही हो जैसे कि मेरी वाइफ की है……..” आराधना पंकज की ये बाते सुनकर थोड़ा जेलस फील करती है लेकिन कुच्छ बोलती नही है.
“ काफ़ी रोमॅंटिक रहे है आप भी….. मोम ईज़ सो लकी……” आराधना उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलती है.
“ हाँ ये तो है….. लेकिन तुम्हारे लिए कुच्छ ज़्यादा सही नही है नही तो देल्ही जाने पर कोई भी आइडिया लगा लेगा कि क्या हुआ है. लड़की की बॉडी मे रॅपिड चेंजस आते है जैसे ही उसके साथ सेक्स होता है……” पंकज आराधना को ये समझाना चाहता था कि ज़्यादा चुदाई से उसकी गान्ड ज़्यादा फेल सकती है और इससे लोगो को शक हो सकता है.
“ सॉफ सॉफ बोलिए ना कि……… आपका…आपका माइंड अभी भी कहीं और ही है….. या उनकी याद आ रही है जिन्हे आप शादी से पहले ही…….” आराधना उसकी बात से थोड़ा सा नाराज़ हो जाती है और अपना मूँह दूसरी साइड कर लेती है.
पंकज चेर से खड़ा होता है और आगे बढ़कर फिर से आराधना को हग करता है और उसके गालो पर किस करता है –“ तुमहरे जैसा तो कोई हो ही नही सकता…. लड़की होने के बाद भी तुम्हे ये अहसास नही है कि तुम क्या हो…….. आटम बॉम्ब से भी ज़्यादा डेंजर हो तुम…” पंकज की ये बात सुनकर आराधना की हँसी छूट जाती है.
“ ऐसे ही बातो से लड़किया पटाते थे आप शादी से पहले………..?” आराधना स्माइल करते हुए पंकज से पूछती है.
“ ये ब्लड मे ही होता है….. कुच्छ इंसानो मे खास. शायद मेरे फादर मे भी होगा…… जिनकी हर बात और हर आइटम स्ट्रॉंग होता है………….” पंकज फिर से आराधना का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है लेकिन आराधना को पता नही उसकी ये बात सुन कर क्या होता है.
वो अचानक पंकज की इस बात के दूसरी ही दुनिया मे पहुँच जाती है. ये चीज़े ब्लड मे ही होती है……… इनके फादर मे भी ऐसा था…… यानी… यानी कुशल का भी………. ये बाते सोच कर आराधना का चेहरा पता नही क्यूँ लाल हो जाता है. लेकिन पंकज को लगता है कि वो शरम से लाल हो रहा है.
“ आरू…… तुम्हारे और मेरे रीलेशन के बारे मे कहीं तुमने कोई हिंट सिमरन को तो नही दिया ना…………………” पंकज आराधना से पूछता है.
“ नही…. नही तो….. मैं भला क्यूँ बताउन्गि…….. मुझे तो खुद नही पता था…… कि हमारे बीच ऐसा हो जाएगा…….” आराधना बात को छुपाना चाहती थी.
“ क्या तुमने कभी मेरे बारे मे ऐसा नही सोचा………?” पंकज आराधना से पुछ्ता है
आराधना उसकी इस बात से थोड़ा घबरा जाती है और उससे मूँह फिराते हुए बोलती है –“ मुझे….. मुझे नही पता……………” आराधना की जैसे साँसे लड़खड़ा रही थी तो उसका सीना भी उपर नीचे हो रहा था. अब आराधना की गान्ड पंकज की तरफ थी.
“ क्या मैं कभी तुम्हारे सपनो मे नही आया…… क्या मुझे सोच कर कभी तुमने मास्टरबेशन नही किया…….. क्या तुम्हारी पुसी मेरे बारे मे सोच कर गीली नही होती………………” पंकज ये बात बोलते बोलते अपने हाथ को नीचे ले जाते हुए उसके टॉप के अंदर ले जाता है. और सीधा उसकी चूत पर रख देता है.
आराधना की चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी और उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी. पंकज उसकी पैंटी को साइड करके अपनी एक उंगली उसकी चूत मे घुसा देता है. स्रर्र्ररर से उंगली उसकी चूत मे घुस जाती है.
“ आआहह……….” और पता नही क्यू इन लस्टी और सेक्सी साउंड के साथ वो वहाँ से हट कर वॉर्डरोब पर अपनी पीठ टिका कर खड़ी हो जाती हो है. उसके बूब्स उपर नीचे हो रहे थे और साँसे तेज तेज चल रही थी.
वो पंकज की तरफ देखती है और एक स्माइल के साथ भाग कर बाथरूम मे घुस जाती है. उसकी इस अदा का गहरा असर होता है पंकज पर.
पंकज भी धीरे धीरे बाथरूम की तरफ चल देता है और आकर बाथरूम के गेट पर खड़ा हो जाता है. वो कुच्छ बोलता नही है और बस गेट पर खड़ा रहता है. अंदर फिर पानी चलने की आवाज़ आती है जैसे पानी किसी चीज़ के अंदर गिर रहा हो.
पंकज कुच्छ मिनिट ऐसे ही खड़ा रहता है और पानी की आवाज़ रेग्युलर आती जा रही थी. जब वेट करते करते कुच्छ ज़्यादा ही मिनिट हो जाते हो पंकज गेट को नॉक करता है.
“ गेट ईज़ ओपन…. कम इन डॅड……..” आराधना के ये बोलते ही पंकज को ये अहसास हो जाता है कि गेट सिर्फ़ बंद था लेकिन लॉक नही था. वो धीरे से गेट को ओपन करता है और फिर अनएक्सपेक्टेड सिचुयेशन….. आराधना बाथ टब मे लेट चुकी थी और उसने कुच्छ नही पहना था. नीचे की बॉडी तो पानी मे कवर थी लेकिन उपर से विज़िबिलिटी थी. आराधना उस टाइम पर कुच्छ ऐसी दिख रही थी –
आराधना इन बाथ टब
पंकज उसे ऐसी हालत मे देख कर और पागल हो जाता है लेकिन अपने जज्बातो पर कंट्रोल रखता है. आराधना पंकज के अंदर आ जाने के बाद भी अपने आप को ऐसे ही रखती है, उसकी बोल्डनेस धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी.
“ आपने ये क्यू पुछा था कि सिमरन को कुच्छ पता है या नही……….?” आराधना बाथ टब मे लेते हुए पंकज से ये सवाल करती है.
“ मैने….मैने ये सवाल क्यू किया……….. हाँ…..गुड क्वेस्चन….. आक्चुयल मे सिमरन इन मॅटर्स मे ज़्यादा इंटेलिजेंट लगती है मीन ये लगता है कि उसे सेक्स की अच्छी नालेज है. और फिर वो तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड भी है………” पंकज भी अपनी साइड को एक्सप्लेन करता है.
“ हर लड़की की अपनी खुद की लाइफ होती है…… ना मैं उससे कुच्छ पूछती और ना उसे कुच्छ बताती…. हाँ वो खुद ही बताती रहती है कि आज उसके साथ ये हुआ और ये हुआ………..” आराधना धीरे धीरे अपनी बॉडी पे पानी गिराते हुए बोलती है.
“ अच्छा चलो छोड़ो……. ये बताओ कि कल का क्या प्लान है… कॉलेज कितने बजे जाना है?” पंकज आराधना से वॉश बेसिन के सहारे खड़े रहते हुए पुछ्ता है.
“ मुझे…… ह्म्*म्म्ममम…. कल तो कॉलेज नही जाना. कल ईव्निंग मे फोन करके पता करना है कि नेक्स्ट डे कितने बजे जाना है” आराधना को कुच्छ समझ नही आया तो वो यही बोल देती है.
“ तो कल तुम क्या करोगी….. ऐसे तो होटेल रूम मे बोर हो जाओगी……?” पंकज आराधना को इनफॉर्म करता है.
“ आपके साथ चलूंगी ना……….” आराधना स्माइल करते हुए बोलती है
“ मेरे साथ कहाँ जाओगी बेटा….. मैं तो वैसे ही इस बिज़्नेस डील के चक्कर मे परेशान हू…….” पंकज अपने आप की परेशानी बताते हुए बोलता है.
“ बिज़्नेस डील मे परेशानी???? बात क्या है सब सही तो है ना……………?” आराधना भी सीरीयस होते हुए बोलती है.
“ कुच्छ भी सही नही है…… साला एक और कॉंट्रॅक्टर आया हुआ है. वो किसी नेगोशियेशन के लिए तैयार ही नही है. डेली सोचता हू कि कांट्रॅक्ट साइन हो जाएगा लेकिन उसके चक्कर मे नही होता. एक मन तो करता है कि इस कांट्रॅक्ट को भूल कर सीध घर चलु……. लेकिन फिर ख्याल आता है कि इतना बड़ा कांट्रॅक्ट ऐसे ही नही मिल जाता ” पंकज अपने दिल की सारी बाते बता देता है.
आराधना अपने डॅड को परेशान हालत मे देखती है तो बाथ टब से खड़ी होती है. जैसे ही वो पानी से बाहर आती है तो जैसे उस बाथरूम का टेंपरेचर और बढ़ जाता है, उसने कुच्छ नही पहना था और बॉडी पूरी पानी मे भीगी हुई थी. आराधना आगे बढ़ती है और पंकज को हग कर लेती है.
“ सब सही हो जाएगा….. आप टेन्षन ना ले…….” आराधना का भीगा और गथीला बदन, उसके बदन की खुसबु, उसके टाइट बूब्स की पंकज के सीने मे चुभन और इस रोमॅंटिक माहौल मे पंकज एक बार फिर से पिघल जाता है.
वो आराधना के बाल पकड़ कर खींचता है जिससे कि आराधना का चेहरा आगे की तरफ आ जाता है. पंकज अपने होंठ फिर से उसके होंठो पर रख देता है.
आराधना भी अपने आप को नही रोक पाती और पंकज का साथ देने लगती है. बाथरूम मे तो जैसे दोनो लिप्स एक दूसरे को खाने को तैयार हो रहे थे. दोनो लिप्स एक सेकेंड के लिए एक दूसरे से अलग होते है और दोनो एक दूसरे को देखते है और फिर से एक दूसरे से मिल जाते है.
पंकज अपना हाथ नीचे आराधना की चूत पर ले जाता है और और उसके उपर से ही हाथ फिराने लगता है. आराधना भी अपने हाथो को पंकज के सीने पर फिरा रही थी. आराधना के होठ पंकज को और भी ज़्यादा रसीले लग रहे थे.
लिप्स जैसे ही अलग होते है, पंकज फोरप्ले स्टार्ट करता है और आराधना की गर्दन पर किस करना शुरू कर देता है.
“ ओह……लव मी डॅड……… मुझे बहुत प्यार चाहिए…….ह्म्*म्म्मममममममममम” आराधना फिर से एक बार गरमा रही थी.
उसका बदन बहुत ज़्यादा गरम हो चुका था और पंकज भी एक अनिमल की तरह उसे चट रहा था. उस होटेल के एक रूम मे ये टाइम थमने का नाम ही नही ले रहा था. लाइफ मे पता नही कितने ही राज ऐसे होते है जिनका कभी किसी को कुच्छ पता नही चलता और ये उन्ही मे से एक है जहाँ एक जवान और बेहद गरम लड़की अपने ही डॅड की बाँहो मे मचल रही थी.
पंकज उसे प्यार करते करते नीचे पहुँच चुका था. वो उसकी पतली कमर को थामते हुए उसकी गोरी और गहरी नाभि पर किस करता है और धीरे धीरे नीचे उसकी चूत तक पहुँचता है. वो आराधना की थाइस को पकड़ कर उन्हे थोड़ा सा फेलाने का इशारा करता है. पूरी तरह से गरमाई हुई आराधना उसके इशारो पर बंद आँखो से अपनी टांगे फेला लेती है.
पंकज अपना मूँह फिर से उसकी चूत पर लगा देता है. “ह्म्*म्म्मममम……………उफफफफफफफफफ्फ़…………क्या…..आग लगती है इसमे……………” आराधना का इशारा अपनी चूत की तरफ था. पंकज भी अपने घुटनो के बल बैठा हुआ था और उसकी चूत चाट रहा था. एक बार चुदने से चूत बेहद ही मस्त हो चुकी थी. रंग और भी ज़्यादा गुलाबी हो चुका था, उसकी चूत के लिप्स के बीच की दूरी थोड़ी और बढ़ गयी थी जिससे कि वो और भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी.
“ह्म्*म्म्मम………….ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ…….इस्शहस्शसशसशहस्शसशससश्” खुले हुए माहौल मे जहाँ उन्हे कोई जानता भी नही था तो दोनो बहुत अच्छे से मज़े ले रहे थे.
करीबन ऐसे ही बहुत डेट तक पंकज उसकी चूत को चाटने मे लगा रहा…..” नही रहा जा रहा है……. प्लीज़ इसकी आग बुझा दो………………..उफफफफफफफफफफफ्फ़……….” आराधना का अपना एक हाथ भी अपनी चूत पर पहुँच चुका था.
“ तुम……….. दूसरी बार ले पाओगि ना……………??” पंकज अपना मूँह उसकी चूत से हटा कर पुछ्ता है, वो धीरे धीरे अपने शॉर्ट को भी उतार रहा था. लेकिन आराधना तो जैसे होश मे ही नही थी.
“ प्लीज़………. मैं दूसरी बार क्या………..मैं पूरी रात ले पाउन्गि………………….” आराधना की आवाज़ और भी सेक्सी होती जा रही थी. पंकज खड़ा होता है और उसे अपनी गोद मे उठाता है. आराधना पंकज की गोद मे आते ही अपनी दोनो बाँहे पंकज की गर्दन मे डाल देती है और अपने होंठ उसके होंठ पर लगा देती है. पंकज अनएक्सपेक्टेड उसे फिर से बाथ टब मे ले जाता है और फिर से वहाँ ले जाकर खड़ा कर देता है. एक ही झटके मे फिर अपनी टीशर्ट उतार देता है. अब फिर से दोनो बदन पूरी तरीके से नंगे थे.
आराधना को समझ नही आ रहा था कि आख़िर पंकज का प्लान क्या है और वो बेड पर जाने की बजाय फिर से बाथटब मे आ गया था. लेकिन बाथ टब मे काफ़ी जगह थी और पंकज के पूरे पाँव उसमे आ रहे थे. उसमे लेटने के बाद और अपने सारे कपड़े उतारने के बाद वो आराधना का हाथ पकड़ कर खींचता है. आराधना को इतना तो समझ आ जाता है कि पंकज उसे अपने उपर चढ़ाता है. ठीक वैसे ही आराधना पंकज के उपर बैठ जाती है, बैठते ही आराधना को उसके खड़े लंड का अहसास हो जाता है जो कि काफ़ी विकराल हो चुका था.
पंकज आराधना को थोड़ी सी गान्ड उपर उठाने के लिए बोलता है और ठीक उसी के कहने से आराधना अपनी गान्ड को उठाती है. आराधना की चूत अभी भी पानी के अंदर ही थी, पंकज अपना हाथ ले जाकर ठीक अपने लंड को पकड़ता है और सीधा उसकी चूत पर लगाता है. आराधना एग्ज़ाइटेड थी इस बाथटब सेक्स के लिए…….. पंकज उसके सोचने से पहले ही पानी मे छप से उसे नीचे करता है और लंड आधा अंदर.
“आआअहह….. पेन होता है………….आराम से………….” आराधना पानी के अंदर ही एक मुक्का पंकज के सीने मे जमा देती है.
दोनो का बस उपरी हिस्सा पानी से बाहर था. आराधना की चूत मे लंड घुस भी चुका था लेकिन ठंडा पानी उसकी चूत की सर्फेस पे रहते हुए आराम भी दे रहा था. नही तो अगर ये झटका उसे बेड पर लगता तो शायद उसे संभालना बड़ा मुश्किल होता आराधना के लिए.
करीब दो मिनिट पंकज कोई मूव्मेंट नही करता और उस ठंडे पानी मे ऐसे ही आराधना को अपने सीने से चिपका कर रखता है. फिर धीरे धीरे से नीचे हाथ ले जाकर आराधना की गान्ड को उठाता है जिससे कि लंड बाहर आ जाता है और फिर से नीचे टिका देता है. पानी मे भी छप्प की आवाज़ आती है.
धीरे धीरे पंकज स्ट्रोक लगाने शुरू कर देता है. पानी भी ऐसे हिल रहा था जैसे की पता नही कौन सा तूफान आ रहा था पानी मे. थोड़ा थोड़ा पानी हर झटके के साथ नीचे भी गिर जाता था.
“हमम्म्मममममममम……………… लव……..यू…………….प्लीज़ फकक्क्क्क्क मी……….”आराधना की मोनिंग शुरू हो चुकी थी, अपने आप को लकी भी समझ रही थी कि पहले सेक्स बेड पर और दूसरा बाथटब मे हो रहा है तो पता नही तीसरा कहाँ होगा.
बाथ टब के अंदर ही पंकज के दोनो हाथ आराधना की गान्ड पर थे जोकि हर धक्के के दौरान उन्हे उपर उठाते और फिर नीचे लाते. आराधना की आँखे बस मस्ती मे बंद थी.
“आआहहहहहहहः………….म्*म्म्मममह…………………..एसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स……….सस्शसशह………” आराधना की ये आवाज़े शुक्र है कि होटेल मे आ रही थी नही तो किसी घर मे ये आवाज़े किसी के भी कानो मे जा सकती थी.
धक्को की स्पीड धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी…… पानी मे भी छप छप ज़्यादा तेज होने लगी थी..
“ कितना………………अछ्ह्ह्ह्ह्ह्हाआअ……लगता……..हाईईीजज़ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज……………..फक मी……प्लीज़………………” पंकज के सामने जब भी आराधना उपर नीचे होकर धक्के लगा रही थी तो उसके बूब्स बेहद ज़्यादा हील रहे थे, ये सिचुयेशन पंकज को और भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड कर रही थी. उसका मोटा लंड आराधना की स्वीट सी चूत मे बार बार अंदर जा रहा था और बार बार बाहर आ रहा था.
“ आआअहह…..आअहह…….आअहह…………..” आराधना अपने लिप्स से और भी सेक्सी वाय्स निकाल रही थी और शायद वो नॅचुरल ही थी.
करीबन 3 मिनिट और बाद आराधना की बॉडी अकड़ने लगती है और उसके नेल्स खुद बे खुद पंकज की छाती को नोच देते है. आराधना को इस ऑर्गॅज़म का अहसास भी नही था, उसे सेक्स का रियल टेस्ट अभी पता चला था. “आआअहह……..आहहहहहहाहा…..आइ………एम्म्म……कमम्मिंग्ज्ज………………” उसकी चूत बार बार खुलने और बंद होने लगी थी, एक अलग ही सेक्सी नज़ारा था ये.
आराधना की चूत अपना सारा रस छोड़ चुकी थी और पंकज अभी भी उस बाथटब के पानी को छेड़ते हुए धक्के लगा रहा था.
आराधना की सिचुयेशन अभी ऐसी ही थी क्यूंकी पंकज के धक्को से अभी भी उसके बूब्स उपर नीचे हो रहे थे. क्यूंकी आराधना अभी नयी लड़की थी तो पंकज उसकी चूत की केर भी कर रहा था और यही सोच कर उसने अपने एक्सपीरियेन्स को यूज़ करते हुए अपने को भी फाइनल अंजाम तक पहुँचाता है.
“ आअहह…….आअहह” और ये होते हुए पंकज आराधना को नीचे झुकाता है और अपने होठ उसके होंठो से लगा देता है.
बाथ टब मे पानी का मूव्मेंट अब थम गया था, ऐसा माहौल हो गया था जैसे कोई तूफान आकर थम गया हो. आराधना की आँखे जैसे ही मिलती है पंकज से वो शरमा जाती है और धीरे से उठ कर बाथटब से बाहर आ जाती है. पंकज के सामने अब उसकी गान्ड थी. आराधना बिना पीछे मुड़े टवल उठाती है और अपने आपको ढक कर बाहर चली जाती है.
कुच्छ ही मिनिट्स के बाद पंकज भी एक टवल लपेट कर बाहर आ जाता है. आराधना बेड पर उस टवल को लपेट कर ही बैठी थी, लेकिन उसकी निगाहे नीचे की तरफ थी. उस रूम मे अभी शांति का माहौल था.
पंकज आगे बढ़ कर अपने बालो को टवल से पुच्छने लगता है. टवल जैसे ही उसकी बॉडी से हट जाता है तो फिर से उसकी नंगी बॉडी पंकज के सामने थी.
“ मॉर्निंग मे आप कितने बजे बाहर जाओगे………….?” आराधना साइलेन्स को तोड़ते हुए पंकज से पूछती है.
“ करीबन 10 बजे…..” पंकज मिरर मे ही देखते हुए रिप्लाइ करता है.
“ और आओगे कितने बजे………..?”
“ डिपेंड करता है कि सिचुयेशन क्या है. अगर सेकेंड कॉंट्रॅक्टर मान जाए तो शायद ज़्यादा जल्दी आ जाउ नही तो ईव्निंग भी हो सकती है…….” पंकज अब तक अपने बाल पोन्छ कर बेड पर आ जाता है और आराधना के साइड मे बैठ जाता है.
“ तो दूसरा कॉंट्रॅक्टर कहाँ देल्ही का ही है…………?” आराधना पंकज से पूछती है
“ ये तो पता नही कहाँ से है लेकिन इसी होटेल मे रूका हुआ है. अब तक ये डील मेरी हो चुकी होती अगर वो ना होता लेकिन किस्मेत ही साथ नही दे रही……” पंकज फिर से सीरीयस हो चुका था.
“ आप टेन्षन ना लीजिए….. मुझे पूरा यकीन है कि सब सही हो जाएगा. अब आप आराम कर लीजिए……….” आराधना पंकज के सर मे हाथ फिराते हुए बोलती है.
पंकज बेड पर बिना कपड़ो के ही लेट जाता है और नींद के आगोश मे थोड़ी देर मे ही चला जाता है. क्यूंकी वो ड्रिंक भी कर चुका था और आराधना ने अच्छे से सॅटिस्फाइड भी कर दिया था. आराधना आज पंकज को देख कर बहुत हॅपी थी और वो भी पंकज के बराबर मे ही लेट जाती है.
दूसरी तरफ
सिचुयेशन काफ़ी बदल चुकी थी लेकिन वहीं से शुरू करते है जहाँ से छोड़ा था.
कुशल स्मृति को अच्छे से फक कर चुका था और तभी उपर प्रीति जाग जाती है.
“कुशल……..कुशल….कुशल…..कुशल………” उपर से प्रीति की चिल्लाने की आवाज़ आती है. शायद वो जाग गयी थी. एक तरफ आज स्मृति ने कुशल को अपपना दीवाना बना लिया था और वो अब उसको बॅक साइड से फक करने का वेट कर रहा था लेकिन प्रीति के इस रिक्षन से वो डर जाता है.
“ प्रीति ऐसे क्यूँ चिल्ला रही है…. ? जा उपर जाकर देख………..” स्मृति कुशल को समझाती है. कुशल अपने कपड़े पहन कर उपर की तरफ भागने लगता है. अभी उसका लंड सही से बैठा भी नही था और वीर्य की बूंदे अभी भी उसमे थी.
प्रीति शॉक्ड थी कि कुशल उसे खुद उसी के रूम मे बंद करके कहाँ भाग गया और वो भी बाहर से गेट बंद करके गया था. विंडो से प्रीति देखती है कि कुशल भाग कर नीचे से आ रहा है, उसको शक होता है की ये इतनी रात मे कहाँ से आ रहा है.
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12-01-2018, 02:48 PM,
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RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
कुच्छ ही पलो मे दोनो लड़कियाँ प्रीति और आराधना कली से फूल बन चुकी थी.
नेक्स्ट मॉर्निंग
“ आरू……..आरू……………” आराधना जब सुबह नींद के घेरे से बाहर निकलती है तो पंकज उसे जगा रहा था. अपनी आँखो मे हाथ फिराते हुए आराधना नींद से जागती है तो देखती है कि पंकज तो जाने के लिए तैयार हो चुका था.
“ आप….आप इतनी जल्दी तैयार हो गये…………????” आराधना होश मे आते हुए बोलती है.
“ जल्दी नही 10 बज चुके है…….. अब मैं जा रहा हू और ईव्निंग तक आ जाउन्गा. तुम आराम करना और ब्रेकफास्ट कर लेना. कोई ज़रूरत हो तो फोन कर लेना. लंच कल की तरह ही लॉबी मे कर लेना. अगर कहीं बाहर घूमने का मन करे तो मे अपना क्रेडिट कार्ड भी छोड़ कर जा रहा हू………..” पंकज अपनी तरफ से जितना सपोर्ट कर सकता था वो कर रहा था और डॅड होने का पूरा फ़र्ज़ निभा रहा था.
“ थॅंक यू सो मच डॅड…. बाहर जाने का तो कहीं मूड नही है. बस आप ईव्निंग मे जल्दी आ जाना…..” आराधना स्माइल करते हुए कहती है
“ ओके देन…टेक केर आंड बाइ……” ये बोल कर वो होटेल रूम से बाहर चला जाता है
आराधना फिर से सो जाती है, कल रात की मस्त चुदाई का खुमार अभी तक नही उतरा था. वो करीब दोपहर को उठती है और वॉशरूम मे जाकर फ्रेश होती है. रूम मे ही वॉटर बाय्लर के सहारे चाइ बनाती है और फिर नीचे जाकर लंच करती है.
अब आराधना लंच करके अपने रूम मे फिर से आ जाती है. थोड़ी देर बैठ कर टीवी देखती है लेकिन उसको बोरियत हो रही थी. वो पंकज को फोन मिलाती है –
“ हाई आरू….. लंच कर लिया……….??” पंकज फोन पर पूछता है
“ हाँ डॅड कर लिया है….. बस रूम मे मन नही लग रहा है. आप कितने बजे तक आओगे???” आराधना उससे बहुत भोला बन कर पूछती है.
“ वैसे मैं होटेल के करीब ही हू तो थोड़ी देर मे आ जाउन्गा……..इतने तुम कैसे भी टाइम पास कर लो…….ठीक है??”
“ ओके डॅड… आप आइए मैं वेट कर रही हू……” और फिर कॉल डिसकनेक्ट हो जाता है. आराधना तो ऐसे एग्ज़ाइटेड हो रही थी जैसे कि उसके डॅड नही उसके हज़्बेंड आ रहे हो.
वो कुच्छ सोचती है और सोच कर एग्ज़ाइटेड हो जाती है “ क्यू ना आज डॅड को सर्प्राइज़ दे दू……….” वो अपने मन मे सोचती है और भाग कर अपने बॅग के पास जाती है. उसको ये अहसास था कि पंकज जल्दी ही आने वाला है तो वो बॅग से एक नाइट ड्रेस निकालती है.
“ आज डॅड को अपना वो रूप दिखाउंगी कि वो सपनो मे भी मुझे ही देखेंगे…….” ये सोच कर वो बाथरूम मे घुस जाती है.
अपनी फुल स्किल्स को यूज़ करती है वो कुच्छ ही मिनिट्स मे अपने आप को वो एक सेक्सी लुक दे देती है. हेर स्टाइल, लिप्स, आइज़ सब को अच्छे तरीके से उसने मेक अप किया था और उपर से वो डार्क पिंक कलर का नाइट ड्रेस. एक्सट्रा क्लीवेज से वो और भी सेक्सी लग रही थी, शायद इतनी कयामत वो पहले कभी लगी हो. अपने आप को मिरर मे देखने के बाद वो खुद भी शरमा रही थी.
बाथरूम से बाहर आकर वो ड्रेसिंग टेबल के सामने बार बार घूम कर देखती है. उपर वाले का शुक्रिया अदा भी करती है कि उसने उसे इतने सुंदर जिस्म का मालिक बनाया.
एक एक मिनिट भारी कट रहा था उसके लिए…. वो काफ़ी एग्ज़ाइटेड थी अपने इस रूप को दिखाने के लिए वो बेकरार थी. अभी वो अपने बालो को अपने माथे से हटा ही रही थी कि तभी डोर बेल बजती है –
त्रिंगगगगगगगगग……त्रिंगगगगगग………. आराधना के दिल की धड़कने बढ़ जाती है. वो गेट खोलने के लिए आगे बढ़ती है. अपनी ड्रेस को थोड़ा सा और नीचे करती है ताकि पंकज को और भी ज़्यादा दर्शन हो पाए. वो आगे बढ़ कर गेट के करीब पहुँचती है और सर झुका कर गेट खोलती है.
वो शॉक्ड रह जाती है जब अपना सर उठाती है. उसके हाथ अपने आप अपने मूँह पर चले जाते है, उसके सामने एक करीबन 40 साल का आदमी और एक सेक्सी लेडी खड़ी थी. उस लेडी की एज भी 35 के करीब होगी लेकिन देखने मे काफ़ी सेक्सी थी.
आराधना की तो जैसे जान ही निकल गयी क्यूंकी वो थी ही ऐसी कंडीशन मे, एक ही पल मे उसकी आँखो के सामने तारे छा गये लेकिन उसने हिम्मत नही हारी. सेकेंड्स मे ही वो सोचती है कि आख़िर ये कौन है और ये क्या सोचेंगे कि ऐसी ड्रेस को पहन कर मे किसका वेट कर रही हू.
“ जी मिस्टर. ग्रोवर है??” आदमी बड़े ही जेंटल तरीके से पुछ्ता है.
“ वो बाहर गये है, शायद थोड़ी देर मे आ जाएँगे…” आराधना भी थोड़ी हिम्मत जुटा कर जवाब देती है.
“ आप…………??” आदमी आराधना से पूछना चाहता है लेकिन इससे पहले कि आराधना जवाब देती कि उस आदमी के साथ वाली लेडी बोल पड़ती है.
“ ओफफ्फ़ ऊओ…….आइडिया नही लगा सकते कि उनकी वाइफ है…..” वो लेडी आराधना की ड्रेस की तरफ इशारा करती है. आराधना को तो नकली स्माइल करनी पड़ रही थी लेकिन वो ये भी नही बोल सकती थी कि वो पंकज की बेटी है नही तो और बहुत सारे इश्यूस जेनरेट हो सकते थे.
“ बट ही ईज़ वेरी लकी…… वेरी सेक्सी वाइफ…….” सामने खड़ी लेडी एक स्माइल के साथ ये बोलती है.
“ थॅंक यू…… अंदर आइए ना………” आराधना उन्हे अंदर इन्वाइट करती है.
“ नही….शायद आप लोगो का प्रोग्राम कुच्छ और है…. वैसे भी हम उनसे बाद मे मिल लेंगे. हम इसी होटेल मे और इसी फ्लोर पर रुके है….” वो आदमी फिर से जवाब देता है.
“ चलिए ठीक है….. वो आएँगे तो उन्हे बता दूँगी………..” आराधना के ये बोलते ही वो दोनो हाथ पकड़ कर चल देते है. आराधना भी ये आइडिया लगा लेती है कि वो दोनो हज़्बेंड वाइफ है.
जाते जाते वो लेडी आराधना को पीछे मूड कर देखती है और एक प्यारी सी स्माइल देती है और आराधना भी बदले मे उसे स्माइल देती है. आराधना उन दोनो को जाते हुए देखती रहती है और वो लेडी बार बार पीछे मूड कर देख रही थी.
उस फ्लोर पर और कोई नही था. आराधना के रूम के थोड़ी ही दूरी पर वो दोनो अपने रूम मे एंटर हो जाते है, रूम मे एंटर होते होते वो लेडी फिर से पीछे देखती है और आराधना को एक स्माइल देती है. आराधना खुद शॉक्ड थी कि आख़िर ये हो क्या रहा है और ये क्या ड्रामा हो गया.
वो दोनो रूम मे एंटर हो जाते है और ये सब आराधना अपने रूम मे खड़े खड़े ही देख रही थी. रूम मे एंटर होने के टाइम वो अपने गेट को बंद नही करती, आराधना सोच रही थी कि आख़िर ये लेडी बार बार पीछे क्यू देख रही है. पता नही सही था या नही लेकिन आराधना अपना एक दुपट्टा उठाती है और उसे लपेट कर धीरे धीरे उनके रूम की तरफ चल देती है. उस फ्लोर पर और कोई नही था.
कुच्छ कदम बढ़ाने के बाद ही उनका रूम आ जाता है, आराधना चुप से एक कॉर्नर मे खड़ी हो जाती है. अंदर की फुसफुसाहट से अहसास हो रहा था कि अंदर जाते ही वो दोनो लिपट गये थे एक दूसरे से….
“ ओह..ऊऊऊऊ…. छोड़ो प्लीज़….क्यू गरम हो रहे हो उस सूपर सेक्सी वाइफ को देख कर……..” ये शायद उस लेडी की आवाज़ थी. आराधना सोच रही थी कि ये सब ये गेट खोल कर कैसे कर सकते है लेकिन वो समझ गयी थी कि वो लेडी उसी के बारे मे बात कर रही थी.
“ वैसे सिम्मी….. इस साले ग्रोवर ने कहाँ पत्थर से हीरा खोज कर निकाला है. कसम से हिला दिया उस लड़की ने तो……..” ये उस आदमी की आवाज़ थी.
“ .… तो वो हीरा है….चलो अब मे थोड़े हीरे अपने अंदर भी दिखाती हू……….” ये उस लेडी की सेक्सी वाय्स थी. आराधना को ये बात ज़्यादा परेशान कर रही थी कि अब अंदर हो क्या रहा है. वो थोड़ा आगे बढ़ कर अंदर झाँकती है. उसकी नज़र सीधी उस लेडी पर पड़ती है
लेडी को देखते ही समझ जाती है कि अब इनके बीच चुदाई होने वाली है. आराधना देखती है कि वो लेडी आगे बढ़ रही है और आगे बढ़ कर वो उस आदमी की पॅंट खोलती है –
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RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
“ओह्ह्ह तो आज ये इतना आक्टिव उसी के बारे मे सोच कर हो रहा है………” उस लेडी का इशारा शायद आराधना की तरफ ही था. आराधना थोड़ा और ज़्यादा झुकती है……..ओह्ह्ह माइ गॉड……… उसे एक विकराल लंड दिखाई देता है. आराधना इससे पहले की और कुच्छ देर उसे देख पाती कि वो लेडी उसे मूँह मे भर लेती है
इस सीन ने आराधना की चूत को हिला कर रख दिया था और वो ये सोच कर एग्ज़ाइटेड थी कि खुद उसके रूप को देख कर ही उस आदमी का लंड ऐसा खड़ा हो गया था. आराधना और ज़्यादा देखना चाहती थी लेकिन तभी उसे मोबाइल की बेल सुनाई देती है जोकि उसी के रूम मे था. उसने वहाँ से हटना ही सही समझा और वो भाग कर अपने रूम मे आ जाती है.
फोन पंकज का ही था. “ हेलो डॅड………” आराधना पूछती है.
“ आरू….हाँफ क्यू रही है…..सब ठीक तो है ना………..?” पंकज को आराधना की सांसो से आइडिया लग जाता है कि वो हाँफ रही है.
“ नही वो बाथरूम मे थी और भाग कर बाहर निकली हू…………… आप कहाँ है??” आराधना पूछती है.
“ मैं बस पास मे ही हू… कुच्छ चाहिए तुम्हे…..?” पंकज पुछ्ता है.
“ नही बस आप आ जाइए…..” आराधना की इस बात से फोन डिसकनेक्ट हो जाता है. फोन काटने के बाद भी आराधना का माइंड पता नही उस रूम मे हो रही आक्टिविटीस पर था लेकिन अब पंकज आने वाला था तो उसने रूम मे रुकने का डिसिशन लिया…..
दूसरी तरफ
कुशल सोकर उठता है और अपने बेड पर हाथ फिराता है लेकिन उसे प्रीति दिखाई नही देती. वो समझ जाता है कि वो उठ चुकी है. कुशल भी अपने बेड से खड़ा होता है और गॅलरी मे आता है.
गॅलरी मे आते ही एक मीठी खुसबु उसकी सांसो से टकराती है, वो नज़रे घुमाता है तो जैसे प्रीति को देखकर बेहोश ही हो जाता है. वो एक डीप नेक टीशर्ट पहन कर कहीं जाने की तैयारी कर रही थी, उसकी टीशर्ट इतनी डीप नेक थी कि उसकी ब्रा भी दिख रही थी. ब्रा क्या उसके बूब्स भी ज़्यादा छिप नही रहे थे,
“कहाँ चली सुबह सुबह…………..?” कुशल प्रीति से पूछता है
“ तुझसे मतलब……” और प्रीति स्टाइल मे अपने बाल झटकते हुए आगे बढ़ने लगती है.
“ क्या हमारी याद तभी आती है जब छूट मारनी होती है……………..” कुशल पीछे से उसे ताना मारता है.
प्रीति रुकती है, उसकी गान्ड अभी कुशल के सामने थी. वो स्टाइल मे पीछे मुड़ती है और बालो मे हाथ फिराते हुए फिर से कुशल की तरफ बढ़ती है.
“ तुझे सुबह सुबह ये गंदी बाते करने के सिवाय कुच्छ और काम नही है……. क्या मैं कहीं अपने काम से नही जा सकती”. प्रीति कुशल की आँखो मे देखते हुए जवाब देती है
कुशल आगे बढ़ता है और उसकी चेहरे के करीब आते हुए बोलता है कि –“ऐसे रूप मे बाहर जाएगी तो पुच्छना ही पड़ेगा ना…..वैसे कसम से सुबह सुबह एक राउंड हो जाए तो तेरी जवानी मे निखार आ जाए……” कुशल अपने लिप्स प्रीति के लिप्स की तरफ बढ़ाता है.
प्रीति उसके लिप्स अपने लिप्स के करीब आते ही उस पर एक उंगली रख देती है और कहती है – “ तू उसकी जवानी पे निखार ला जिसके लिए कल तू मुझे बंद कर के भाग गया था….. सुबह सुबह राउंड भी उसी के साथ कर……..” और ये बोल कर प्रीति वापिस घूम कर नीचे की तरफ जाने लगती है.
“ अब अपना दिल काट कर तो तुझे यकीन नही दिला सकता कि मैं मास्टरबेशन ही कर रहा था……… और तुझे यकीन नही है तो मत कर…..” कुशल पीछे से एमोशनल डाइलॉग मरता है.
“ दिल तो क्या तू कुच्छ भी काट कर दिखा दे…….. मुझे यकीन है कि कल तूने किसी और के भी साथ……… लेकिन मुझे इस बारे मे कोई बात नही करनी……” और ये बोल कर प्रीति धीरे धीरे नीचे उतर जाती है.
अब प्रीति घर से बाहर आ चुकी थी. अभी तक कुशल को भी आइडिया नही था कि इतना सेक्सी बन कर वो कहाँ जा रही है. आक्च्युयली मे आज प्रीति का प्लान कहीं बाहर घूमने का था वैसे भी वो घर से बाहर कहीं नही जाती है जबसे उसके एग्ज़ॅम ख़तम हुए है.
वो आज सीधा आराधना के कॉलेज पहुँचती है. अभी तक भी कुच्छ आइडिया नही था कि आख़िर उसके माइंड मे क्या चल रहा है, कॉलेज मे एंटर होती है. कॉलेज मे एंटर होते ही उसकी चाल ऐसी हो जाती है जैसे कोई मॉडेल रॅंप पर चल रही हो, उसकी चाल मे एक मेचुरिटी थी जो कि अच्छी अच्छी सेक्सी लड़कियो मे भी नही होती है. एंट्रेन्स से ही कॉलेज के लड़के उसको ऐसे देखने लगे जैसे कॉलेज मे कोई बिजली कड़क रही हो, प्रीति को खुद भी इस बात का अहसास था तभी तो आज इतना सेक्सी मेक अप करके आई और उसका पूरा फ़ायदा उठना चाहती थी.
लड़कियो को अपने रूप से उतनी ही शांति मिलती है जितना की बाकी लड़के उसे देखते है, और प्रीति ने तो आज कॉलेज मे वो माहौल कर दिया था की हर लड़का उसी को देख रहा था. कुच्छ लड़को ने कॉमेंट भी गये जिन्हे प्रीति ने हंस कर टाल दिया.
प्रीति अभी कॉलेज मे एंटर होकर थोड़ी दूर ही चली थी एक रोमॅंटिक सी विज़ल उसके कानो से टकराती है. प्रीति उसे कानो से सुनती तो है लेकिन मूड कर देखती नही –
“ क्या बात है…..?” उसके कानो मे फिर ये आवाज़ टकराती है. प्रीति रुकना तो नही चाहती थी लेकिन सेकेंड के हजारवे हिस्से से आवाज़ आई कि ये तो किसी लड़की की आवाज़ है. हाँ ये तो किसी लड़की की आवाज़ है……. उसका माइंड फिर बोलता है. ये सोचते ही वो मुड़ती है –
“ हाई दीदी………….” प्रीति को सिमरन दिखाई देती है, आक्च्युयली प्रीति की तरफ विज़ल बजाने वाली और वो आवाज़ देने वाली सिमरन ही थी. वो भी क्या गजब रूप मे थी, अल्ट्रा लो वेस्ट जीन्स और टॉप. टॉप भी बहुत शॉर्ट था, जिससे उसकी नेवेल क्लियर दिख रही थी. बाल खुले हुए थे और एक मस्त सेक्सी खुसबु आ रही थी उसमे से, उसकी लिप स्टिक का कलर ज़्यादा डार्क नही था लेकिन लिप्स को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे उन पर हनी पड़ा हो
“ हाई प्रीति…….. स्वीटी आज यहाँ कैसे बिजली गिरा रही है….” सिमरन आगे बढ़ प्रीति को हग करते हुए बोलती है. सिमरन एक मस्त लड़की थी तो हग करने के टाइम वो अपने बूब्स से प्रीति के बूब्स को थोड़ा सा प्रेस कर देती है लेकिन प्रीति उसकी इस आक्टिविटी को इग्नोर करती है.
“ दीदी बिजली तो आप गिरा रही हो…..कसम से……..क्या बताऊ मैं आपके बारे मे कि कैसी लग रही हो…….” प्रीति सिमरन को उपर से नीचे तक देखते हुए बोलती है.
“ अबे तू तो ऐसे देख रही है जैसे लड़के भी नही देखते…….हे हे हे हे. एनीवे ये बता कि क्या अपनी बहन की कमी पूरी करने आई है क्या कॉलेज…….” सिमरन प्रीति से पूछती है.
“ नही तो मेरी एक….. एक फ्रेंड है इस कॉलेज मे….सोचा कि उससे मिल लू………..” प्रीति की आवाज़ मे लड़खड़ाहट थी.
“ ओये होये……ऐसी कौन सी फ्रेंड आ गयी स्वीटी अचानक इस कॉलेज मे…. जिससे मिलने तू ये टी-शर्ट के बटन खोल कर आई है…………” सिमरन भी कोई नादान लड़की नही थी और वो समझती थी कि प्रीति कुच्छ छिपा रही है.
“ दीदी…… क्या बताऊ……बटन बंद ही नही होते…… हा हा हा हा हा” प्रीति भी रोमॅंटिक अंदाज़ मे इस बात को टालते हुए बोलती है. खैर दोनो बात करते करते कॅंटीन मे आ जाती है और एक कॉर्नर मे आकर बैठ जाती है.
“ अच्छा अब बाते ना बना और ये बता कि क्या खाएगी………” सिमरन उठ कर कुच्छ लाने के लिए जाते हुए पुचछती है.
“ वोही जो कल रात तूने खाया था मेरे भाई से……….” प्रीति बहुत ही लो वाय्स मे बोलती है जिसे उसके सिवाय कोई और नही सुन सकता था.
“ क्या कहा तूने……?” सिमरन रुक कर पूछती है.
“ वो दीदी मैं तो बस जूस लूँगी……….” प्रीति उसे रिप्लाइ करती है. सिमरन वापिस मूड कर काउंटर पर चली जाती है. प्रीति की निगाहे उसकी मतकती हुई गान्ड पर जाती है जोकि लो वेस्ट जीन्स मे और भी गजब ढा रही थी.
“ साली ने कुशल से मरवा मरवा कर देखो क्या सेक्सी फिगर कर ली है………” प्रीति अपने मन मे सोचती है. दर असल उसे पूरी रात ऐसा लगता रहा जैसे की कुशल रात सिमरन के साथ ही था और वैसे भी दोनो घर आस पास ही है.
सिमरन जूस लेकर आती है और प्रीति के सामने चेर पर पाँव पर पाँव रख कर बैठ जाती है –
“ दीदी क्या खा रही हो आज कल….फिगर बहुत गजब कर रखा है……” प्रीति जूस का ग्लास अपने हाथ मे लेते हुए बोलती है.
“ मैं खाती भी हू और पीती भी……..” सिमरन प्रीति के करीब आते हुए और बहुत ही रोमॅंटिक अंदाज़ मे बोलती है. आक्च्युयली ये उसका नेचर ही था.
“ क्या…??” प्रीति उसकी ये बात सुनकर पूछती है.
“ खाना खाती हू और जूस पीती हू…… क्यू तूने क्या सोचा….??” सिमरन अपनी आँखो को बड़ा करते हुए प्रीति से पूछती है.
“ नही……कुच्छ नही….. आप भी ना… बहुत फन्नी हो……..” प्रीति जूस पीते हुए बोलती है.
“ अच्छा चल अब सच सच बता की कॉलेज का राउंड कैसे लगा…. कोई बॉय फ्रेंड वॉय फ्रेंड का तो चक्कर नही है. अगर है तो मुझे बता दे, आज ही तेरा टांका फिट करा देती हू………………” सिमरन फिर से मज़ाक मे बोलती है.
“ नही दीदी… ऐसी बात नही है. मुझे ऐसा कोई पसंद नही है………..” प्रीति भी उस बात को टलने के लिए जवाब दे देती है.
“ क्या……तुझे लड़के पसंद नही…………..??” सिमरन भी अपने बटन बंद करते हुए आक्टिंग करते हुए बोलती है.
“ नही… नही ऐसी बात नही है. मुझे पसंद है लेकिन अभी तो कोई नज़र मे नही है…… और वैसे भी अभी तो बच्ची हू मे……..” प्रीति भी शरमाते हुए बोलती है.
‘ ओह्ह्ह… शुक्र है. मैं तो डर गयी की कहीं हमारी प्रीति को लड़कियाँ तो पसंद नही आने लगी… हे हे हे हे हे”.
“ हा हा हा हा….. मज़ाक बहुत करती हैं आप….. आप बताइए कि आपको क्या पसंद है. लड़की कि लड़के……….” प्रीति पूछती है.
“ आज सुबह तुझे देखा तो लगा कि लड़कियो को पसंद करना ही शुरू कर दू……….. सच मे ग्रेप्स से ऑरेंज बनती जा रही है.” सिमरन प्रीति के बूब्स की तरफ देखते हुए बोलती है.
“ दीदी….. अब ये चीज़े हमारे हाथ मे तो होती नही………” प्रीति का इशारा था कि बूब्स का इतना बढ़ना तो नॅचुरल है.
“ हाँ भाई ये हमारे हाथ मे नही…. ये तो उसके हाथ मे है जिनके हाथो मे ये होते है…. हा हा हा हा हा” सिमरन भी कहीं पर मज़ाक करने से नही चूकती थी.
“ वेरी फन्नी…….” प्रीति भी हंस कर उसकी बात को टाल देती है.
“ चल छोड़ और बता घर पे सब कैसे है…. कुशल कैसा है… मोम कैसी है?” सिमरन पूछती है
“ मुझे पता था यू बिच कि पहले तू कुशल के बारे मे ही पुछेगि……………” प्रीति अपने मन मे ही सोचती है
“ वो तो सब वैसे ही है जैसे आपने छोड़े थे……” प्रीति का मतलब था कि वो सब वैसे ही है जैसे कि आपने कल रात छोड़े थे.
“ गुड….” सिमरन जूस के सीप लेते हुए बोलती है.
“ गुड तो बोलेगी ही……..” प्रीति फिर से मन मे सोचती है.
“ और सुना……. क्या चल रहा है लाइफ मे…. कोई मिला या नही अभी तक…..” सिमरन बात को आगे बढ़ाती है.
“ मुझे कोई नही मिला अभी तक तो…….” प्रीति उसे जवाब देती है.
“ तो रात को कैसे सोती है मेरी स्वीटी…………… नींद आ जाती है…………..” सिमरन उसके गालो को खींचते हुए बोलती है.
“ आप कैसे सोती हो रात मे…………” प्रीति तो बस उसके मूँह से पता नही क्या सुन ना चाहती है.
“ मेरी मत पुच्छ यार……. मैं तो रात को सोती ही नही हू…………… लेकिन किसी और रीज़न से………… हे हे हे हे हे” सिमरन तो आज भी पहले की तरह ही मस्त थी.
“ सोएगी कैसे जब कुशल से सारा काम कराएगी तो…..” प्रीति अपने मन मे सोचती है.
“ तो फिर क्या करती हो रात को आप……..” प्रीति भोला बन कर पूछती है.
“ मैं………ह्म्*म्म्ममममममम……….क्या बताऊ…… तुझे आराधना बता देगी कि मैं क्या करती हू…………….” सिमरन उसे बताती है.
“ ओह्ह कहीं आराधना दीदी ने ही तो कुशल और सिमरन का कनेक्षन तो नही करा दिया… बड़ी पहुँची हुई निकली आराधना दीदी तो…….भाई और सहेली दोनो का भला करा दिया और मुझे भूल गयी………” प्रीति अपने मन मे सोचती है.
“ मेरे लिए तो आप भी आराधना दीदी जैसी ही हो…. आप ही बता दो ना कि क्या करती हो रात को आप…………………” प्रीति फिर से भोला बनते हुए बोलती है.
“ क्या बात है प्रीति……. बड़ी बेताब है जान ने के लिए………….. कहे तो प्रॅक्टिकल करके बता दू…………..” सिमरन ने ये बात भी मज़ाक मे ही कही थी.
“ बता दो ना…………” प्रीति भी बड़े रोमॅंटिक अंदाज़ मे सिमरन की तरफ देखते हुए बोलती है.
“मजबूर हू……. मेरे पास एक चीज़ मिस्सिंग है नही तो बता देती कि मैं रात को क्या करती हू………….” सिमरन फिर से जूस पीते हुए बोलती है.
प्रीति उसकी बात का मतलब समझ कर शरमा जाती है. वो ये भी सोचती है कि इतनी मस्त लड़की आराधना दीदी की फ्रेंड कैसे है.
“ तो तू शरमाती भी है……… मेरी जान लाइफ एक है. और वैसे भी इन सब बातो से कौन बच पाता है………..” सिमरन बोलती है.
“ तो आप अभी तक बची हुई हो या नही………….” प्रीति का इशारा था कि चुद चुकी हो या नही.
“ आज के टाइम मे कौन बचा होता है….. और सच बोलू…….. बचा के करना भी क्या है……….. हा हा हा हा हा हा…….” सिमरन हंसते हुए बोलती है.
“ कसम से दीदी मस्त हो आप भी…… आराधना दीदी आपकी कैसे फ्रेंड बन गयी…………..” प्रीति उसकी आँखो मे देखते हुए बोलती है.
“ वाकई मे यार आराधना तो कई बार मुझे भी बोर कर देती है लेकिन अब धीरे धीरे लाइन पर आ रही है……” सिमरन प्रीति को बताती है.
सिमरन खड़े होते हुए बोलती है.
“ दीदी आपको कहीं क्लास वग़ैरा तो नही जाना है ना…..” प्रीति सिमरन से पूछती है.
“ क्लास तो मैं तब भी नही लेती जब आराधान कॉलेज मे होती है. कॉलेज क्लास लेने के लिए नही बना, हाँ बाकी बहुत कुच्छ है यहाँ लेने के लिए……” सिमरन फिर से मज़ाक करते हुए बोलती है.
प्रीति भी अब खड़ी हो जाती है और दोनो कॉलेज की कॅंटीन से बाहर आ जाते है. कॉलेज की गॅलरी मे वॉक करते करते दोनो बात करने लगते है. प्रीति का मेन टारगेट था कुशल और सिमरन के बीच की मिस्टरी को जान ना था.
“ दीदी आपको लड़के कैसे पसंद है……..?” प्रीति साइलेन्स को तोड़ते हुए बोलती है.
“ मुझे…… ह्म्*म्म्मम…. हाइट होनी चाहिए…… चेस्ट मे थोड़ा दम होना चाहिए…. और सबसे खास बात कि वो बेड मे बेस्ट परफॉर्मर होना चाहिए…….” सिमरन अपने पर्स से सिगरेट बॉक्स को बाहर निकालती है और एक सिगरेट को लाइटर से जलाते हुए बोलती है.
“ तो इसने इसीलिए कुशल को चुना……. सहेली का घर भी नही छोड़ा इसने…..” प्रीति अपने मन मे सोचती है.
“ तो आपको कुशल जैसे लड़के पसंद है…………..” प्रीति आख़िर बोल ही देती है.
“ कुशल………ह्म्*म्म्म… हाइट है…..ह्म्*म्म…. चेस्ट भी है………… अबे हाँ यार लेकिन तेरे मन मे कुशल का ख्याल अचानक कैसे आ गया जानी. कहीं लाइन तो नही मार रही है तू अपने भाई पे……. वैसे सही कहा तूने, पर्सनॅलिटी सही है. लेकिन मेरे सामने हमेशा छोटा रहा तो इस नज़र से कभी देखा ही नही…” सिमरन स्मोकिंग करते हुए काफ़ी सेक्सी लग रही थी.
“ मैं क्यू लाइन मारने लगी उस पे…… मैं तो घर के बाहर नही जाती ज़्यादा तो इसीलिए पुच्छ लिया कुशल के बारे मे. आख़िर वो ही तो एक लड़का है जिसे मे देखती हू…………..” प्रीति उसको रिप्लाइ करती है.
“ लाइन मारियो भी मत….. नही तो ये भोले भाले भाई सब कुच्छ मार लेते है……….. हे हे हे हे” सिमरन हंसते हुए बोलती है.
“ आपके भाई ने भी कोई हरकत की है क्या…………??” प्रीति बड़े गौर से पूछती है.
“ क्या बात है आज बड़ी एंक्वाइरी कर रही है…. चल घर चलते है वहीं बात करते है…….” सिमरन प्रीति का हाथ पकड़ कर कॉलेज के गेट की तरफ चलते हुए कहती है.
“ स्मोकिंग करती है तू…..?” सिमरन प्रीति की तरफ देखते हुए बोलती है.
“ करी तो नही है लेकिन ऐसा भी नही है कि मुझे कुच्छ परहेज़ है…….” प्रीति जवाब देती है.
“ ये हुई ना फ्रेंड्स वाली बात……. ये ले…….” और सिमरन उसे सिगरेट बॉक्स मे से एक सिगरेट ऑफर करती है.
अभी तक दोनो चलते चलते पार्किंग एरिया मे आ चुके थे. प्रीति जैसे ही सिगरेट मूँह मे लगाती है तो सिमरन अपने दोनो हाथो मे लाइटर लेकर हाथ आगे बढ़ती है और उसकी सिगेरेट जलाती है. इसी दौरान सिमरन के हाथ प्रीति के बूब्स से टच हो जाते है वैसे भी उपर से तो काफ़ी ओपन टी-शर्ट थी उसकी.
“ वेरी सॉफ्ट……” सिमरन प्रीति के बूब्स के टच को रियलाइज़ करते हुए बोलती है. प्रीति भी उसके टच से थोड़ी सी हैरान थी.
सिमरन कार मे आकर बैठती है और दूसरी साइड से प्रीति, दोनो हॉट गर्ल्स स्मोकिंग कर रही थी. सिमरन कार स्टार्ट नही करती और विंडो ग्लास खोल कर बैठ जाती है.
“ तेरे स्मोकिंग स्टाइल से लगता नही है कि तूने कभी स्मोकिंग नही करी है………..” सिमरन प्रीति से बोलती है.
“ स्कूल टाइम मे कभी कभी कर लेती थी…. आप तो समझती ही है कि फ्रेंड्स नही मानती……….” प्रीति उसका जवाब देती है.
“ तेरा साइज़ क्या है????” सिमरन के इस सवाल से प्रीति शॉक्ड हो जाती है, उसको आइडिया नही था कि सिमरन उससे ऐसी बात कहेगी.
“ क्या…. क्या पुच्छा आपने…….” प्रीति शुवर होना चाहती थी कि जो उसने सुना वो सही है या नही.
“ तेरा साइज़ क्या है……….??” सिमरन और भी क्लियर शब्दो मे बोलती है
“ 34 सी………..” प्रीति उसकी आँखो मे देखती हुई जवाब देती है.
“ अनटच है या……….???? सिमरन ये पुच्छना चाहती थी कि किसी ने उसके बूब्स को टच किया है या नही.
प्रीति उसकी इस बात का कुच्छ जवाब नही देती या और वो सोच रही थी कि क्या जवाब देगी. वो विंडो के बाहर देखते हुए स्मोकिंग करती रहती है.
“ खामोशी बता रही है कि हमारी रानी साहिबा काम करा चुकी है…………” सिमरन फिर से मज़ाक करते हुए कहती है.
लेकिन प्रीति अभी भी कुच्छ नही बोलती. सिमरन उसकी बात से थोड़ा सा इरिटेट होती है और अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख कर दबाते हुए बोलती है –
“ सुन रही है स्वीटी……” सिमरन के इस तरीके से बूब्स पे एक बार फिर हाथ रखे जाने से प्रीति शॉक्ड हो जाती है.
“ हाँ दीदी सुन रही हू………..” प्रीति की आवाज़ मे एक कंपन्न थी और चेहरा भी लाल हो चुका था.
“ ओये मेरे टच से ही तू तो ऐसी हो गयी….. क्या बात है…..” सिमरन प्रीति की आँखो मे देखती हुई बोलती है.
“ टच तो टच होता है दीदी…… पता नही कैसा फील होता है…” प्रीति की आइज़ बहुत नशीली हो रही थी.
सिमरन कार स्टार्ट करती है और आगे बढ़ जाती है. प्रीति भी थोड़ी हैरान थी कि पता नही सिमरन ने उसकी इस बात का जवाब नही दिया.
“ दीदी आपके घर मे कौन कौन है….. कभी आराधना दीदी से पुछ्ने का तो टाइम मिला नही………” प्रीति सिमरन से पूछती है
“ मोम, डॅड, मी आंड माइ ब्रदर…. छूटा परिवार आंड खुशियाँ अपार……” सिमरन हंसते हुए बोलती है.
“ आपका एक भाई भी है…… आपने कभी बताया नही…….. आपसे छोटा है या बड़ा है” प्रीति थोड़ा एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.
“ बहुत क्रेज़ी हो रही है… मेरा भाई तेरा भी भाई लगता है…. हे हे हे हे हे… जस्ट किडिंग…. मुझसे दो साल बड़ा है. डॅड के बिज़्नेस मे हेल्प करता है…. काफ़ी हॅंडसम भी है………” सिमरन भी हॅपी होते बताती है.
“ दीदी आप तो ऐसे एक्सप्लेन कर रही हो जैसे अपने बॉय फ्रेंड के बारे मे बता रही हो….. कहीं भैया पे लाइन तो नही मार रही हो…….. हे हे हे हे हे” प्रीति भी सिमरन की पहली बात का बदला ले लेती है.
“यार बाते बड़ी बड़ी कर रही है…… चल अब टॉपिक छिड़ ही गया है तो एक बात पुछु माइंड तो नही करेगी…….?” सिमरन प्रीति से पूछती है.
“ आप भी कैसी बाते करती हो…… पुछो जो पुच्छना है. आइ आम ऐन ओपन गर्ल………..” प्रीति भी उसके दिल से बात निकलवाना चाहती थी.
“ अच्छा घर मे कभी ऐसा हुआ है कि ग़लती से तुझे कुशल का वो दिखाई दे गया हो………..” सिमरन को ऐसी बाते करना बहुत पसंद था
“ वो क्या दीदी…..?” प्रीति भी अंजान बनते हुए बोलती है.
“ अबे एक तरफ तो बोलती है कि ई आम आन ओपन गर्ल और दूसरी तरफ ये सब भी नही समझती है वो यानी…….लंड…….” सिमरन भी आख़िर खुल के बता ही देती है.
प्रीति आक्टिंग करती है मूँह पे हाथ रख कर जैसे सिमरन के मूँह से ऐसी बात सुन कर वो शॉक्ड हो गयी हो.
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RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
“ ओह्ह्ह्ह…. दीदी आप ऐसी लॅंग्वेज उसे कर लेती हो……….” प्रीति भी ज़्यादा ही बन कर दिखा रही थी.
“ ओये होये….. दीदी आप ऐसी लॅंग्वेज यूज़ कर लेती हो…………. टांगे खोल कर लड़किया पूरा अंदर ले सकती है लकिन उसका नाम नही बोल सकती. ऐसी नही हू मैं…. चल अब बता कि देखा है कभी कुशल का ग़लती से.” सिमरन फिर से पूछती है.
“ कुशल का……. ह्म्*म्म्मम…… हाँ आराधना दीदी को देखा है………………..” प्रीति कुशल की बात टाल रही थी.
“ तूने तो कमाल ही कर दिया….. उसको देख लिया जो कभी कुच्छ नही दिखाती…………… कैसी थी उसकी पुसी बता ना……………… छोटी सी होगी वो भी स्टाइलिश…………. हेरी थी क्या???” सिमरन एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.
“ पुसी नही देखी मैने…. बस बूब्स ही देख पाई…………” प्रीति फिर से मासूम बनते हुए बोलती है.
“ ये लो…. खोदा पहाड़ निकला चूहा…… तो आज तक कभी किसी की पुसी भी नही देखी………..?” सिमरन प्रीति से पूछती है.
“ देखी है ना……….??” प्रीति बोलती है.
“किसकी……..?” सिमरन उसकी तरफ देखते हुए पूछती है.
“ अपनी…. हे हे हे हे…….” प्रीति हंसते हुए बोलती है.
“ वेरी फन्नी………” ये बोलते हुए सिमरन अपने घर के अंदर पार्किंग लगती है. और प्रीति के साथ अपने घर के अंदर एंटर हो जाती है.
एंटर होने के बाद सिमरन प्रीति से पूछती है –
“ चाइ या कॉफी…….??”
प्रीति – “ कॉफी चलेगी……..”
सिमरन – “ चल ठीक है मैं लेकर आती हू……………” सिमरन ये बोल कर चली जाती है और प्रीति उसके रूम मे ही बैठ जाती है. जैसे ही सिमरन बाहर जाती है तो प्रीति उसका मोबाइल उठती है और एक प्लान बनाती है. वो कुशल को एक मेसेज टाइप करती है सिमरन के मोबाइल से –
हाई जानू, व्हाट्स दा प्लान टुनाइट????? और ये मेसेज वो कुशल को सिमरन के मोबाइल से भेज देती है. उसका टारगेट था कुशल का रेस्पॉन्स देखना. वो इस मेसेज को भेज कर इस मेसेज को डेलीट कर देती है. कुच्छ मिनिट वो रेस्पॉन्स देखती है लेकिन शायद कुशल घर पे किसी और काम मे बिज़ी था.
“ हियर ईज़ दा कॉफी…….” ऑर ये बोल कर सिमरन रूम मे एंटर होती है. प्रीति उसका मोबाइल साइड मे रख देती है. प्रीति और सिमरन एक दूसरे के आमने सामने बैठ जाते है कॉफी लेकर.
“ तो आपने अपनी पुसी देखी है……… क्या मेडम…??” सिमरन फिर से उसी टॉपिक को छेड़ देती है.
“ मैं तो मज़ाक कर रही थी…. अपनी तो हर कोई देखता है………..” प्रीति उसे रिप्लाइ करती है.
“ किसी और की देखने का मन करता है………….” सिमरन उसके साथ आकर बैठते हुए बोलती है. प्रीति उसके इस बिहेवियर से थोड़ा सा सर्प्राइज़ थी. प्रीति कुच्छ जवाब देती इससे पहले की सिमरन फिर से बोलती है.
“ प्रीति तेरे लिप्स बहुत पिंक और जुवैसी है….. तेरा बॉय फ्रेंड बड़ा लकी होगा…………..” सिमरन उसके करीब आते हुए बोलती है.
“ थॅंक यू दीदी………….” प्रीति कॉफी पीते हुए बोलती है.
“ क्या एक बार इन्हे मैं किस कर सकती हू………….” सिमरन प्रीति की आँखो मे ऐसे देखती है कि प्रीति भी खुद एक बार को सब भूल जाती है. सिमरन अपने होंठ आगे बढ़ाती है, प्रीति कुच्छ नही बोलती लेकिन अपनी आँखे बंद कर लेती है.
सिमरन अपने सॉफ्ट और पिंक लिप्स, प्रीति के लिप्स पर रख देती है. उफ्फ क्या नज़ारा था….. दो सेक्सी सुंदरियाँ एक दूसरे के होंठो का रस पान कर रही थी. प्रीति को तो अहसास भी नही हुआ कि ये सब कब शुरू हो गया लेकिन जब सिमरन ने उसे किस करना शुरू किया तो उसे भी अच्छा लगा.
कुच्छ ही सेकेंड्स मे दोनो की जीबे एक दूसरे के मूँह मे घूमने लगी थी. दोनो एक दूसरे के सॉफ्ट लिप्स को पूरी जान से चूस रही थी. सिमरन का हाथ प्रीति के बूब्स की तरफ बढ़ता है, पहले तो वो उन्हे उपर से ही टच करती है और फिर टी-शर्ट को नीचे से पकड़ कर उपर करने लगती है. प्रीति के लिए ये सब बहुत जल्दी हो रहा था.
इससे पहले की प्रीति कुच्छ समझ पाती, दोनो के होंठ अलग होते है और सिमरन उसकी टी-शर्ट उतार देती है. अब प्रीति के मस्त बूब्स बस उसकी ब्रा मे क़ैद थे, पॅडेड ब्रा मे उसके दोनो बूब्स और उपर हो रहे थे. अनएक्सपेक्टेड सिचुयेशन होने से प्रीति के बूब्स भी उपर नीचे हो रहे थे क्यूंकी उसकी साँसे तेज चल रही थी.
सिमरन प्रीति को हग करती है और अपने दोनो हाथ पीछे ले जाकर झट से उसकी ब्रा के हुक्स खोल देती है. दोनो के बीच मे साइलेन्स था लेकिन आक्टिविटीस अभी भी चलती जा रही थी.
सिमरन फिर से उसको कस के हग करती है और फिर से अपने लिप्स उससे जोड़ देती है. प्रीति अभी उपर से न्यूड थी और उसके बूब्स अब सिमरन के बूब्स से मिले हुए थे.
सिमरन अब अपना एक हाथ नीचे ले जाती है और उसकी जीन्स का बटन खोलने लगती है. प्रीति भी उसे पूरा सपोर्ट कर रही थी, दोनो की लिप स्टिक शेअर हो चुकी थी. लिप्स को चूसने मे इतनी ताक़त लगा रहे थे दोनो कि इतना तो बॉय ओर गर्ल भी नही लगाते.
प्रीति की जीन्स का बटन खुलता है और ज़िप भी खुलती है, प्रीति उसे खुद सपोर्ट करती है और उस जीन्स को नीचे कर देती है.लेकिन जीन्स अभी उसके पैरो मे ही थी, सिमरन अपने एक हाथ को उसकी चूत के पास ले जाती है और मसलने लगती है.
“ आअहह…… दीदी…… मैं पागल हो……….जाउन्गि……..” लिप किस से जैसे ही हट ते है तो प्रीति की सिसकारियाँ शुरू हो जाती है.
सिमरन अभी तक उसकी पैंटी के उपर से ही उसकी पुसी को सहला रही थी और तभी वो एक फिंगर पैंटी के अंदर घुसा देती है.
“ आऐइयाीईईईईईईई…..म्*म्म्मममममह… दीदी……. ये क्या कर रही हो……..उफफफफ्फ़…….मैं पागल हो जाउन्गि………………” ये बोलते बोलते प्रीति खुद अपने होंठो को आगे बढ़ा कर सिमरन के होंठो को चूसने लगती है
सिमरन अपनी उंगली को प्रीति की पैंटी के अंदर घुसा कर उसकी पुसी को खिला रही थी. प्रीति एग्ज़ाइटेड होकर उसके होंठो को चूस तो रही थी लेकिन ऐसे हो रही थी जैसे उसकी हालत खराब है. सिमरन इस बात को समझ रही थी, वो होंठो को अलग करती है और प्रीति को दूसरी तरफ घूमती है.
टाइम वेस्ट ना करते हुए सिमरन प्रीति को थोड़ा सा झुकती है और खुद नीचे झुक कर उसकी चूत पर अपना मूँह लगा देती है. पोज़िशन को समझना थोड़ा डिफिकल्ट है
“ उफफफफफफफ्फ़……..डीडीिईईईईईईईईई………..ऐसे ही चाटो प्लीज़……………………… ह्म्*म्म्मममममममममम………उफफफफफफफफ्फ़….इश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह………………” प्रीति पागल हुए जा रही थी, सिमरन बीच बीच मे अपनी एक उंगली भी उसकी चूत मे घुसा देती थी.
प्रीति फड़फड़ाने लगी थी, वो अपनी टाँगो को ऐसे हिला रही थी जिससे कि उसकी जीन्स जल्दी से नीचे उतर जाए. प्रीति अपने पैरो की ही मदद से जीन्स को बाहर निकाल देती है. अब वो बस पैंटी मे थी, पता नही कि वो करने क्या आई थी और हो क्या रहा था उसकी लाइफ मे.
प्रीति सिमरन के सर पर हाथ लगा कर इशारा करती है कि पैंटी भी नीचे कर लो और सिमरन अपना मूँह उनकी चूत से हटा कर अपने दोनो हाथो से उसकी पैंटी को नीचे करने लगती है. प्रीति के बदन से जैसे ही कपड़े अलग होते है वो आगे बढ़ कर सिमरन के भी कपड़े उतारने लगती है. थोड़े ही सेकेंड मे दोनो सेक्सी गर्ल्स बिल्कुल न्यूड थी, और वो दोनो फिर से एक दूसरे के होंठो को चूसना शुरू कर देती है
दोनो खूबसूरत बदन एक दूसरे से पूरे तरीके से लिपटे हुए थे. दोनो एक दूसरे के होंठो को चूसने मे लगे हुए थे, बॉडी लॅंग्वेज बता रही थी दोनो कि वो दोनो कितनी एग्ज़ाइटेड है.
लिप किस से जैसे ही दोनो अलग होती है, सिमरन अपना मूँह नीचे करके प्रीति के बूब्स को चूसने लगती है. “ आअहह…….दीदी………..यू आर मेकिंग मी वाइल्ड……..उफफफफफफफफफफफ्फ़………………” प्रीति का बदन तो जैसे जले जा रहा था. चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी उसकी,सिमरन उसके बूब्स को किस करते हुए अपने हाथ को फिर से नीचे ले जाती है और अपने हाथ को चूत के उपर फिरती रहती है.
प्रीति की चूत एक दम क्लीन थी और ठीक इसी तरीके से सिमरन की भी. प्रीति की आँखे बंद थी और होंठ काँप रहे थे, ये उसके लिए एक अलग अनुभव था.
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RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
“ मैं मर जाउन्गि………….दीदी कुच्छ करो प्लीज़…..” प्रीति एग्ज़ाइट्मेंट मे चिल्लाते हुए बोलती है.
सिमरन उसके बूब्स से अपना मूँह हटाती है और सीधी खड़ी होती है. प्रीति अपनी आँखे धीरे धीरे खोलती है और सिमरन से आँखे मिलते ही शरमा जाती है. वो आगे बढ़ कर सिमरन को हग कर लेती है –
“ बहुत तड़प रही है रानी……….” सिमरन उसके कान मे आराम से बोलती है.
“ प्लीज़ आप ऐसी बाते ना करो………… आपके बदन की हीट मुझे और जला रही है.” प्रीति भी उसके कान मे ऐसे ही बोलती है.
“ प्रीति तू चुद चुकी है ना…………..???” सिमरन उसके कान मे फिर से बोलती है लेकिन इस बात से प्रीति के होश उड़ जाते है. वो सिमरन के गले से हट जाती है और पूछती है –
“ क्या पुछा आपने दीदी……..?” प्रीति उसकी आँखो मे देखती हुई बोलती है.
“ तू चुद चुकी है ना……… लंड ले चुकी है ना………..” सिमरन उसकी आँखो मे देखती हुई बोलती है.
प्रीति के तो चेहरे की हवा उड़ जाती है लेकिन वो हिम्मत से काम लेती है.
“ ये… ये आप….क..कैसी बाते कर रही है……आई….ऐसा तो कुच्छ नही है…………….” प्रीति हकलाते हुए बोलती है.
“ चल तू बोलती है तो मान लेती हू….. नही तो तेरी चूत के खुले हुए होंठ तो ऐसे ही बता रहे है कि किसी तगड़े लंड से ठुकी है तू……… लेकिन छोड़ मेरी रानी और मुझे प्यार कर………….” सिमरन सोफे पे लेट जाती है और अपनी टांगे फेला कर प्रीति को इन्वाइट करते हुए बोलती है.
सिमरन की टांगे जैसेही खुलती है तो उसकी गुलाबी चूत प्रीति के सामने आ जाती है. प्रीति टाइम ना वेस्ट करते हुए नीचे बैठती है और अपनी उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसा देती है. सिमरन की चूत खुली हुई थी.
“ ओूऊऊऊ…..मेरी जान ऐसे ही……खा जा मेरी चूत को…………..” सिमरन तो जैसे कुच्छ ज़्यादा ही वाइल्ड लड़की थी. उसके मूँह से निकलने वाली आवाज़ से ही कोई भी मर्द झाड़ जाए.
“ उईईईईईईईई………………..चाट मेरी पुसी को…….हीईीईईई………म्*म्म्मममममह…………………….यू बिच……….चोद अपनी जीभ से ऐसे ही………….” सिमरन की चूत पर प्रीति पूरी ताक़त के साथ मेहनत कर रही थी.
प्रीति बीच बीच मे अपना मूँह भी लगा देती थी उसकी चूत मे जिससे सिमरन और भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो रही थी. दूसरी तरफ खुद प्रीति भी पागल हो रही थी तो अपने उल्टे हाथ को वो अपनी चूत पर ले जाकर खुद भी सहलाने लगती है.
“म्*म्म्मह………….उउफफफफफफफफ्फ़…………..” अब ये साउंड दोनो तरफ से आ रहा था क्यूंकी दोनो गर्ल्स मस्त हो चुकी थी.
प्रीति अपनी उंगलियाँ उसकी चूत मे चला रही थी और खुद अपनी चूत को भी सहला रही थी. सिमरन की चूत खूब सारा पानी छ्चोड़ रही थी.
“ हईईए……………….उफफफफफ्फ़……ऐसे हीइ…………….फाड़ दे मेरी चुत्त्त्त्त्त्त्त कूऊव…..उफफफफफफफ्फ़…फफफफफफफफ्फ़………..” सिमरन कुच्छ ज़्यादा ही गरम हो चुकी थी. कुच्छ ही मिनिट और होने के बाद सिमरन अपना सारा पानी छोड़ देती है.
इतने मे प्रीति भी अपने आप को काफ़ी गरम कर चुकी थी. सिमरन झड़ने के बाद प्रीति को डॉगी स्टाइल मे आने की सलाह देती है. प्रीति उसके इन्स्ट्रक्षन्स को फॉलो करती है और ठीक वैसी ही पोज़िशन मे आ जाती है. सबसे पहले सिमरन उसकी चूत मे अपनी एक फिंगर घुसाती है
“ दीदी………..और तेज……..चलो फिंगर को……………. उफफफफफफफफफफफफ्फ़.फ…….घुसा दो अंदर……..और अंदर…………उफफफफफफफ्फ़…….स्शह…………………” प्रीति पागल होकर अपनी गान्ड पीछे को उच्छाल रही थी.
सिमरन अपनी फिंगर स्पीड को बढ़ा देती है और साथ ही साथ अपनी दूसरी फिंगर भी घुसा देती है….
“ उफफफफफ्फ़….उफफफफफफफ्फ़…………….दिदीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइ…….” और इस सिसकी के साथ प्रीति भी अपना पानी छोड़ देती है.
दोनो सेक्सी लड़किया काफ़ी देर तक बेड पर ऐसे ही पड़ी रहती है. फिर धीरे धीरे दोनो कपड़े पहनती है. सिमरन बड़े गौर से प्रीति की ओर देख रही थी.
“ आप ऐसे क्या देख रही हो……….मुझे शरम आती है……..” प्रीति सिमरन की तरफ देखते हुए बोलती है.
“ कसम से तूने मुझे इतना मज़ा दिया तो अपने बॉय फ्रेंड को कितना मज़ा देगी तू….. मस्त घोड़ी है तू……. लेकिन पता नही ऐसा क्यू लगता है तेरी चूत को देख कर कि ये ले चुकी है……….” सिमरन फिर से प्रीति के नीचे के हिस्से की तरफ देखते हुए बोलती है.
“ छोड़ो भी दीदी……… ले तो आप भी चुकी हो… मुझे पता है………” प्रीति भी अपना कॉमेंट करती है.
“ तो मेरी रानी……… मैं तो बोल ही रही हू कि मैं ले चुकी हू नहीं तो नींद नही आती…….” सिमरन भी पानी पीते हुए बता देती है.
“ तो किसने किया आपकी पुसी का उद्घाटन……” प्रीति स्माइल करते हुए बोलती है.
“ तो अब फॉर्म मे आ रही है लड़की…………. है कोई लेकिन तू जान कर क्या करेगी……. तू ये बता कि तू तो घर से ज़्यादा बाहर भी नही जाती तो तूने किसके साथ करा लिया…………. कहीं ऐसा तो नही की कुशल को ही अपनी मस्त बॉडी दिखा कर काम करा लिया हो…………… “ सिमरन हंसते हुए बोलती है.
“ क्या आप अपनी बॉडी अपने बड़े भैया को दिखाओगि तो वो आपका काम कर देंगे??? आप बताइए……………” प्रीति उसकी बात का जवाब ना देते हुए उससे पूछती है.
“ तुझे एक बात बताऊ??” सिमरन सीरीयस होते हुए बोलती है.
“ हाँ….हाँ क्यू नही…. बताओ मुझे……” प्रीति एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.
“ क्या मैं तुझ पर भरोसा कर सकती हू……………” सिमरन सीरीयस होते हुए बोलती है.
“ अपना सब कुच्छ तो खोल कर दिखाया आपको……… इतना क्लोज़ तो मैं कभी किसी के भी नही गयी….. और अगर आप अब भी मुझ पर भरोसा नही करेंगी तो मुझे दूख होगा……” प्रीति भी उसे एमोशनल ब्लॅकमेलिंग करती है.
“ सच मे बता दू….?” सिमरन फिर से पूछती है.
“ प्लीज़ बताओ ना और टेन्षन ना लो………..” प्रीति उसे रिलॅक्स करते हुए बोलती है.
“ मेरे रीलेशन मेरे भाई के साथ ही है…………………” सिमरन की इस बात से फिर से प्रीति के होश उड़ जाते है.
“ क्य्ाआआआआआआअ…………….. डू यू मीन कि आप भाई बहन सेक्स कर चुके हो…….ये कैसे हुआ…… वेरी इंट्रेस्टिंग……..मुझे बताओ ना कि ऐसा क्या हुआ कि आपके भाई ने आपके साथ ये सब किया………. लेकिन आराधना दीदी तो बताती है कि आपका कोई बॉय फ्रेंड है……..” प्रीति एक ही साँस मे सारे सवाल पुच्छ लेती है. आक्च्युयली मे वो एग्ज़ाइटेड थी सिमरन के मूँह से ये बात सुन कर……..
“ यार ये एक लोंग स्टोरी है. मैने कभी नही सोचा था कि मुझे चोदने वाला मेरा भाई होगा और ना ही मेरे भाई ने कभी सोचा था…………. रही बात मेरे बॉय फ्रेंड की तो वो कोई और नही सिर्फ़ मेरा भाई है. जब आराधना और तुम सारी फॅमिली शॉपिंग करने गये थे तो मैं तुम्हारे घर उसी के साथ गयी थी….. तुम्हारे घर पर भी हम ने खूब दबा कर चुदाई की…..” सिमरन उसे बताती है.
“ लेकिन आप अपने घर पर भी तो कर सकते थे….. आपको तो पूरा टाइम मिलता होगा तो ये हमारे घर पे प्लान करने की क्या ज़रूरत थी….” प्रीति सिमरन से पूछती है.
“ हर किसी की अपनी फॅंटेसी होती है, मेरा भाई मुझे नयी नयी जगह पे चोदना चाहता है…… पहले मैं भी भोली भोली हुआ करती थी. इन्फेक्ट लड़की को तो जब तक लंड नही मिलता तो वो भोली ही रहती है…..” सिमरन एक्सप्लेन करती है.
“ दीदी प्लीज़ बताओ ना कि कैसे आपने अपने भाई को फँसाया…….. मैं जान ने को बेकरार हू…….” प्रीति एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.
“ यार ये कोई वन डे स्टोरी नही है…… रिलिटी जान ने के लिए तुझे ध्यान से सुन ना पड़ेगा और इसके लिए टाइम चाहिए………” सिमरन प्रीति को बोलती है.
“ अच्छा इतना तो बता दो कि क्या आप भी चाहती थी कि आपके भाई के साथ आपका सेक्स हो जाए या फिर बस आपके भैया ही चाहते थे…….” प्रीति फिर से एक क्वेस्चन करती है.
“ चाहता तो कोई भी नही था………. ये इंसान का शरीर है ही ऐसी चीज़……….. कभी पाँव पिसल जाते है पता ही नही चलता. होश आता है तो चुदाई हो चुकी होती है और एक बार खून मूँह लग जाए तो फिर रहा नही जाता… लेकिन सब कुछ मेरे बारे मे ही पूछती रहेगी. अपने बारे मे भी बता ना कि तेरी चूत ऐसी क्यू है जैसे तू चुद चुकी है….. सच सच बता मुझे नही तो कट्टी………” सिमरन एमोशनल ब्लॅकमेल करते हुए बोलती है.
“ हाँ दीदी मैं करवा चुकी हू…………..” प्रीति अपनी निगाहे नीचे करे हुए बोलती है.
“ ओह……माइ गॉड….. ऑर तू इतनी बड़ी बात मुझसे छुपा रही है…. बोल…बोल… कौन है वो………जल्दी बोल….” सिमरन प्रीति को हग करते हुए बोलती है.
“ कुशल…………….” प्रीति आख़िर बोल ही देती है.
“ वाउ……मेरी जान मुझे तो पहले ही पता था…………. गजब………….. दुनिया के सामने उसे मारती है और दुनिया के पीछे उससे मरवाती है……… बता ना कैसा है उसका……..” सिमरन और भी एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.
“ आप क्यूँ पुच्छ रही हो……आपने तो खुद देखा है उसका……. रात को आप भी तो मिलती हो उससे….” प्रीति अंधेरे मे तीर छोड़ती है.
“ ये क्या नयी बकवास सुना रही है…. मैं मिल रही हू उससे…. लेकिन कब और कहाँ…………तुझे ऐसा किसने कहा…. कुशल ने??” सिमरन शॉक्ड होते हुए बोलती है.
“ दीदी प्लीज़ मुझे सच बताओ…. क्या आप नही थी कल रात उसके साथ…… अगर आप थी तो मुझे कोई परेशानी नही है बस आप बता दो मुझे……” प्रीति उससे रिक्वेस्ट करती है.
“ प्रीति ये क्या बोल रही है….. मैं डर कर कुच्छ करने वालो मे से नही हू…. अगर मे उसके साथ कुच्छ करती तो बता देती…. लेकिन तू मुझ पर शक क्यूँ कर रही है…….” सिमरन फिर से पूछती है.
“ दीदी…….मेरे साथ सेक्स करने के बाद वो कहीं बाहर चला गया….. आक्च्युयली मे मैं पहले झाड़ गयी और उसका काम नही हो पाया था…….. सेक्स करने के बाद मुझे उसके ही रूम मे नींद आ गयी थी….. जब मैं जागी तो रूम बाहर से बंद था… मैने आवाज़े लगाई तो वो उपर आया…….. मैने गुस्से मे उसका हथियार चेक किया तो वो गीला था… उसे चूस कर भी देखा तो उस पर किसी की पुसी का रस चढ़ा हुआ था….. मुझे पूरा यकीन है कि वो किसी के साथ सेक्स करके आया था… मैने बहुत पुछा लकिन उसने नही बताया कि वो किसके साथ था…. और तो कोई लड़की हमारे यहाँ नही आती तो मेरा शक आप गया…….. लेकिन अगर आप भी मना कर रही है तो किसके साथ था वो…..” प्रीति सोचते हुए बोलती है.
“ हा हा हा हा हा हा……. अभी भी नही समझी………..” सिमरन हंसते हुए बोलती है.
“ क्या…??” प्रीति उससे पूछती है.
“ पागल वो तेरी मा को चोद रहा है…….. वैसे भी तेरी मा है ही इतनी हॉट की कोई भी चोद दे………. देख लेट नाइट कोई और तो तेरे घर नही आ सकती यहाँ तक मैं भी नही…… उसने तेरा गेट भी इसीलिए बंद किया कि कहीं तू आकर देख ना ले………..” सिमरन प्रीति को समझाती है.
“ ओह….माइ गॉड…….उसने मा को भी फँसा लिया… लेकिन कभी ऐसा लगा नही कि दोनो के बीच ऐसा हो सकता है……. और मोम को क्या ज़रूरत है कुशल से करने की. डॅड तो है ना………..” प्रीति फिर से कुच्छ सवाल करती है सिमरन से.
“ सुन….. लेडी कभी बोलती नही लेकिन वो भी टेस्ट चेंज करना चाहती है. एक बात को तो अब मैं यकीन के साथ कह सकती हू कि कुशल का लंड दम दार है नही तो वो शादी शुदा लेडी उससे नही फँसती….. क्या साइज़ होगा उसके लंड का……..” सिमरन प्रीति से पूछती है.
“ मैने कभी नापा तो नही लेकिन 8 इंच से कम नही होगा……. मोटा बहुत है… पहली बार मे तो जैसे मैं मर ही गयी थी……. “ प्रीति बताती है.
“ मेरी जान बहुत लकी है तू…. लड़के मिल जाते है लेकिन अच्छे लंड नही मिलते….. तेरी मा को पता चल गया कि कुशल का लंड धान्सु है और इसीलिए तेरे डॅड के जाते ही उसने अपना काम करा लिया…..” सिमरन उसे समझाती है.
“ लेकिन अब मैं क्या करू…. मैं चाहती हू कि वो मुझ पर ध्यान दे……. ऐसा कैसे चलेगा…..” प्रीति परेशान होते बोलती है
“ कम ऑन स्वीटी… चियर अप. दिमाग़ से काम ले और अपना काम निकाल……. तुझे कौन सा हमेशा घर रहना है… एक दिन शादी करके चली जाएगी और दबा दब लंड खाएगी…. तो सीरीयस मत हो और कुशल को खुद भी आज़ादी दे कि जिसे चाहे उसे चोद सके वो…… लड़को को ऐसी पाबंदी पसंद नही होती है…… उसकी एक अच्छी दोस्त बन कर रह… खुद चुद भी और उससे औरो को भी चुदवा. ऐसे ही तेरा फॅन हो जाएगा वो…. हाँ लेकिन सेक्सी लुक मेनटेन करके रह….. हुस्न की बिजलिया गिराती रह……….” सिमरन उसे और ज्ञान देती है.
“ तो क्या आपके भाई भी किसी और के साथ करते है…………?” प्रीति सिमरन की आँखो मे देखते हुए पूछती है.
“ वो क्या मुझे मौका मिले तो मैं भी कर लू किसी और के साथ…. इसमे बुराई क्या है. मेरा भाई ओपन माइंडेड है…… अक्सर पार्टी वग़ैरा मे बजा देता है लड़कियो को और मुझे बता भी देता है….. मैं तो बुरा नही मानती….” सिमरन उसे और समझाती है.
“ प्लीज़ बताओ ना कि कैसे आपके और आपके भाई के रीलेशन बने……. बड़ा एग्ज़ाइट्मेंट है मेरे दिल मे ये जान ने के लिए……” प्रीति फिर से रिक्वेस्ट करती है.
“ तो एक काम कर….. तू एक रात के लिए यहाँ रहने आजा तो तुझे सारी कहानी सुनाउन्गा…………” सिमरन प्रीति को इन्वाइट करती है.
“ लेकिन क्या आपके भाई घर पर नही होंगे…………?” प्रीति पूछती है.
“ अगर एक रात नही चुदुन्गि तो क्या तूफान आ आ जाएगा…… तुझसे ही प्यार कर लूँगी जैसे आज किया है…..” सिमरन स्माइल करते हुए बोलती है.
“ लेकिन मैं घर पर क्या बोलूँगी……….?” प्रीति सिमरन से फिर से क्वेस्चन करती है.
“ मेरी जान…….. तुझे कोई नही रोकेगा…. तेरी मा तुझे खुद ही हाँ कर देगी क्यूंकी कुशल जैसे जवान लड़के का लंड मिल रहा है उसे………… तेरे जाने से उनका काम आसान हो जाएगा… तू मेरा नाम लेकर आजा…..” सिमरन उसे समझाती है.
“चलो मैं देखती हू…….” प्रीति स्माइल करते हुए बोलती है.
“ लेकिन फिर तभी कुशल और अपनी स्टोरी बताएगी कि कैसे बात बनी तुम दोनो की….. ओके?” सिमरन अपनी शर्त रखती है.
“ पक्का…. प्रॉमिस. अच्छा अब मुझे चलना चाहिए……” प्रीति खड़े होते हुए बोलती है.
“ चल मैं तुझे घर छोड़ देती हू………….” सिमरन भी उसके साथ खड़े होते हुए बोलती है.
दूसरी तरफ
सिचुयेशन तो बदल चुकी थी लेकिन हम वहीं से शुरू करते है जहाँ से छोड़ी थी.
आराधना बस अब पंकज का इंतेज़ार कर रही थी और उसने अभी अभी वो ही सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी लेकिन थोड़ी परेशान भी थी. डोर बेल बजती है – ट्रिन्न्नन्न्न्न…….
इस बार गेट खोलने से पहले वो हॉक आइ मे से देखती है तो पंकज ही था. वो अपने बालो को फिर से सही करती है… दुपट्टा हटाती है और बूब्स की विज़िबिलिटी को बढ़ाते हुए गेट खोलती है –
“ हाई डॅड……” और कस कर पंकज को हग करती है. उसके टाइट बूब्स पंकज के सीने मे घुस जाते है. लेकिन पंकज शो नही करता.
पंकज कुच्छ खाने का सामान लाया था जिन्हे वो चेर पर रखता है.
“ डॅड….आपको पुच्छने एक फॅमिली आई थी….” आराधना इन्फर्मेशन पंकज को देती है.
“ कौन लोग थे…? पंकज पूछता है.
“ पता नही लेकिन वो इसी होटेल मे रूके है और इसी फ्लोर पर है……” आराधना उसे बताती है.
“ ओःह्ह्ह… तो वो यहाँ आया था….. वो ही तो कमीना सेकेंड कॉंट्रॅक्टर है जो मुझे कांट्रॅक्ट लेने नही दे रहा है……….” पंकज गुस्सा होते हुए बोलता है.
“ डॅड वो अपनी वाइफ के साथ आया था और…..और……” आराधना आगे बताते हुए थोड़ी घबरा जाती है…..
“ और क्या..?? बताओ मुझे…..” पंकज पूछता है.
“ उन्होने मुझे ऐसे कपड़ो मे देखा तो ये समझा कि मैं आपकी वाइफ हू…. और घबराहट मे मैं उनकी किसी बात का जवाब नही दे पाई…. वो यही सोच रहे है कि हम हज़्बेंड वाइफ है…….” आराधना सारी बात बता देती है.
“ ओह्ह्ह्ह…. नो…. अब तो हम ये भी नही बोल सकते कि हमारा असली रीलेशन क्या है… खैर वो हमे जानता तो है नही……. कुच्छ दिन अब हमे हज़्बेंड वाइफ बन कर ही रहना पड़ेगा……….” पंकज परेशान होते हुए बोलता है.
लेकिन आख़िर क्या बात थी कि तुमने इतनी सेक्सी ड्रेस ये दिन मे ही पहन ली……” पंकज मुस्कुराते हुए आराधना से पुछ्ता है.
“ सेक्सी ड्रेस की बात नही है…. पता नही बॉडी मे ही क्या हो रहा है कि हर कपड़ा मुझ पर सेक्सी लगता है…….” आराधना ने भी सेक्सी वाय्स मे पंकज से कहा.
दोनो मे शान्ती रहती है और पंकज अपनी शर्ट के बटन खोलने लगता है क्यूंकी वो उसे उतारना चाहता था. आराधना धीरे धीरे उसके पास पहुँचती है और खुद ही उसके बटन खोलने लगती है. बटन खोलने के टाइम आराधना की सॉफ्ट सॉफ्ट उंगलियाँ पंकज के बालो भरे सीने मे टच हो रही थी. अभी ना तो रात थी और ना ही दिन लेकिन फिर भी पंकज का लंड खड़ा होने लगा था.
पता नही क्यू वो आराधना से शरमा सा रहा था. शर्ट के सारे बटन खोलने के बाद आराधना उसे खुद उतारती है. उतारने के लिए उसे थोड़ा सा आगे होने पड़ता है क्यूंकी पंकज की बाजू मे से शर्ट को बाहर निकालना था. जैसे ही आराधना थोड़ा आगे होती है तो उसके बूब्स भी पंकज के सीने मे चुभने लगते है और दूसरी तरफ उसकी डीप नेक नाइटी मे उसके गोरे गोरे और मोटे मोटे बूब्स क्लियर दिखाई दे रहे थे.
पंकज का तो मूँह खुला का खुला रह जाता है और आराधना ये सब देख कर हँसी आ रही थी. खैर उसकी शर्ट उतारने के बाद आराधना उसे टी-शर्ट देती है और शर्ट को बाथरूम मे टाँग देती है कि लौंड्री बॉय को बुला कर दे दूँगी.
“ डॅड, आज कहीं घूमने चले……” आराधना शर्ट को बाथरूम मे डालने के बाद पंकज से पूछती है.
“ कहाँ चलना है घूमने………?” पंकज टीशर्ट पहनते हुए बोलता है.
“ कहीं पर भी…. मुझे तो देल्ही के बारे मे कुच्छ पता ही नही है…..” आराधना भी एक प्यारी सी स्माइल के साथ बोलती है.
“ चलो मैं कुच्छ अच्छी जगह देखता हू…. और फिर चलते है…………..” पंकज की इस बात को सुन कर आराधना भाग कर उसे हग कर लेती है.
दोनो की नज़रे मिलती है तो शरमा कर आराधना की हँसी कम हो जाती है. अभी आराधना के होंठ पंकज के होंठ के बिल्कुल करीब थे… आराधना के लिप्स पर लगा हुआ लिप ग्लॉस इतना जुवैसी बना रहा था उसके लिप्स को कि पंकज भी ये देख कर पागल हो रहा था. दोनो के लिप्स धीरे धीरे एक दूसरे की तरफ बढ़ते है …..
ट्रिन्न्नन्नन्नन्न्न……… डोर बेल फिर से बजती है. दोनो फिर से होश मे आते है और लग हो जाते है. आराधना एक जोड़ी कपड़े लेकर बाथरूम मे घुस जाती है और पंकज गेट खोलता है.
पंकज आगे बढ़ कर गेट खोलता है तो देखता है कि सामने वो ही खड़ा हुआ था जो पहले आया था.
“ नमस्कार ग्रोवर जी…….” सामने खड़ा हुआ आदमी पंकज को हाथ जोड़ कर नमस्कार करता है.
“ नमस्कार शेट्टी जी……” पंकज भी उसको हाथ जोड़ कर नमस्कार करता है और उसे अंदर आने के लिए जगह देता है.
वो इंसान अंदर आकर चेर पर बैठ जाता है. और फिर बात करना शुरू करता है –
“ मैं पहले भी आया था…… बताया नही आपकी वाइफ ने…..” वो आदमी पुछ्ता है.
“ मेरी वाइफ…….??? ओह्ह्ह येस….. हाँ बताया उन्होने लेकिन बस मैं अभी कुच्छ 5 मिनिट पहले ही आया हू………” पंकज कन्फ्यूषन से बाहर निकलते हुए बोलता है.
“ अभी दिखाई नही दे रही है मेडम……..” वो आदमी रूम मे देखता हुआ बोलता है.
“ नही वो बाथरूम मे है………….??” पंकज आर्टिफिशियल स्माइल करते हुए कहता है.
“ कुच्छ भी कहो ग्रोवर जी, अच्छा ग्रो किया है आपने बिज़्नेस मे…. ऐसी वाइफ ढूँढ ली कि अंबानी को भी जलन हो जाए…..” उस आदमी ने ये बात थोड़ी लाउड वाय्स मे की और ये आवाज़ आराधना भी सुन रही थी जो कि बाथरूम मे इस आदमी के जाने का इंतेज़ार कर रही थी.
“ वाइफ तो आपकी भी कम नही है शेट्टी जी……..” पंकज भी उसे बोलता है. आक्चुयल मे पंकज इस बात को बस ख़तम करना चाहता था.
“ इसीलिए तो बस अभी काम कर के आ रहा हू…..क्या करू बहुत फुदक्ति है बेड पे…. हा हा हा हा हा” शेट्टी हंसते हुए बोलता है और पंकज भी उसकी बात मे हंस देता है.
आराधना अंदर ये सब सुन रही थी और हैरान थी कि क्या मर्द लोग अपनी वाइफ के बारे मे ये सब बाते कर लेते है. वो इस बात से भी हैरान थी कि कैसे पंकज भी उसकी वाइफ के लिए ये बोल रहा है कि वो भी कम नही है.
“ और बताइए कैसे आना हुआ…..?” पंकज ग्लास मे विस्की डालते हुए शेट्टी से पुछ्ता है और फिर वो ग्लास शेट्टी को ऑफर करता है.
“ पता चला कि आप इसी फ्लोर पर रहते हो तो सोचा की मिल लू……. रूम पर आया तो आपकी हॉट वाइफ से मुलाकात हो गयी………….” शेट्टी अपने हाथ मे विस्की का ग्लास पकड़ते हुए बोलता है.
“ नही आक्चुयल मे…. कांट्रॅक्ट के सिलसिले मे बाहर गया था…..” पंकज अपने लिए भी एक ग्लास मे विस्की डालते हुए बोलता है.
“ अरे ग्रोवर साहिब, क्या करोगे इतना पैसा कमा कर……. उपर वाले ने इतनी खूबसूरत बीवी दी है…. थोड़ा टाइम वहीं गुजारो……..” शेट्टी पंकज के साथ चियर्स करते हुए बोलता है.
“ नही शेट्टी जी…. लाइफ मे आगे बढ़ना भी कोई चीज़ है बाकी सब तो चलता रहता है. अब आप ही को लीजिए, आपकी वाइफ भी कम हॉट नही है लेकिन आप भी तो अपना हाथ इस कांट्रॅक्ट से नही खींच रहे है……..” पंकज भी धीरे धीरे मैं पॉइंट पर आ जाता है.
“ ग्रोवर जी.... हम तो अपने जहाज़ को कई सालो से उड़ा रहे है. आपको तो पता ही है कि इंसान किसी भी चीज़ से इतना जल्दी बोर नही होता जितनी जल्दी चूत से हो जाता है. लेकिन आपने ने तो एकदम नयी चूत ढूंढी है…. कब की शादी आपने……………?” शेट्टी अपना पेग लगाते हुए बोलता है.
पंकज को गुस्सा भी आ रहा था कि वो आराधना के लिए ऐसे बोल रहा था लेकिन वो कुच्छ रिक्ट नही कर रहा था शायद कांट्रॅक्ट के सिलसिले मे.
“ अभी 6 महीने हुए है………” पंकज भी अपने पेग को पीते हुए झूठ बोल देता है.
“ तो अभी तो सही से खुली भी नही होगी………” शेट्टी हंसते हुए फिर से आराधना की चूत के बारे मे बोलता है. आराधना ये सब सुन रही थी लेकिन वो आराम से बाथरूम मे थी और इंतेज़्ज़र कर रही थी कि कब शेट्टी जाए और वो बाहर आए.
“ और सूनाओ…..आज का क्या प्लान है…… क्यू ना कहीं डिन्नर पर चले……” शेट्टी पंकज से पुछ्ता है.
“ आज नही……. हम ने कहीं बाहर घूमने का प्लान बनाया है…… फिर कभी देखेंगे….” पंकज फिर से बात को टालते हुए बोलता है.
“ ओह… रियली?? कहाँ घूमने जा रहे हो…… हम भी आपके साथ ही चलेंगे….. रूम मे पड़े पड़े उसकी चूत मार मार कर बोर हो गया हू………” शेट्टी फिर से अश्लील शब्द यूज़ करता है.
“ अभी प्लान तो नही बनाया है…. मैं अपनी वाइफ से पुच्छ कर बता दूँगा कि कहाँ जा रहे है……….” पंकज फिर से इस मॅटर को ख़तम करना चाहता था.
“ नेकी और पुच्छ पुच्छ…. अभी पुच्छ लेते है…….” ये बोल कर शेट्टी अपनी चेर से खड़ा होता है और बाथरूम की तरफ बढ़ जाता है. पंकज को इतना टाइम भी नही मिलता की वो कुच्छ सोच पाए…..
“ भाभी जी….. ओ भाभी जी……..” शेट्टी बाथरूम के गेट पर खड़े होकर आराधना को आवाज़ लगाने लगता है.
पहले तो आराधना कोई आवाज़ नही देती लेकिन फिर उसके बार बार बोलने पर आवाज़ दे ही देती है.
“ जी भाई साहिब……… बोलिए क्या बात है…..” आराधना रूखी सी आवाज़ मे अंदर से आवाज़ देती है. आक्चुयल मे वो सारी स्टोरी सुन रही थी.
“ ग्रोवर जी ने बताया कि आप दोनो कहीं घूमने जा रहे है….. हम भी चलते है ना. अच्छी कंपनी मिल जाएगी आपको……. हमारी मेडम भी आप जैसी खूबसूरती से मिल कर खुश हो जाएँगी.
“ मुझे तो देल्ही के बारे मे कुच्छ आइडिया नही है…. जहाँ भी ले जाएँगे डॅडी ही…… मेरा मतलब होने वाले बच्चो के डॅडी ही ले जाएँगे…” आराधना तो जैसे बाल बाल पकड़े जाने से बची.
“ तो चलो मैं उन्ही से पुच्छ लेता हू…. अगर दोनो फॅमिली कहीं साथ चले तो आपको तो कोई परेशानी नही है ना…….” शेट्टी फिर से क्वेस्चन करता है आराधना के साथ.
“ मुझे…. मुझे भला….. क्या परेशानी होगी………” आराधना इसके सिवाय और कुच्छ बोल भी नही सकती थी.
शेट्टी अपनी बेशर्मी से आराधना की हां करा चुका था. और इसके बाद पंकज भी कुच्छ नही कर सकता था.
“ तो ग्रोवर जी, अब तो गवर्नमेंट ने भी हाँ कर दी है…… बताएए कि अब कहाँ घुमा कर ला रहे है……..” शेट्टी फिर से चेर पर बैठते हुए बोलता है.
“ अब तो आप ही बताएए कि क्या प्लान है….. कहाँ चलना है चल देंगे………..” पंकज भी और क्या कर सकता था.
“ क्यूँ ना ईव्निंग मूवी चले……. और फिर डिन्नर करने चलेंगे………. क्यूँ क्या सोचते हो….?” शेट्टी पंकज से पुछ्ता है.
“ हाँ… शायद यही ठीक है….चलो तो आप रेडी हो जाओ नही तो ईव्निंग शो मिस हो जाएगा…….” पंकज उसे रूम से बाहर भेजने की ये एक ट्रिक और इस्तेमाल करता है.“ हाँ आप ठीक कहते हो….. मैं भी अपनी मेडम से बोलता हू कि जल्दी से तैयार हो जाए.” ये बोल कर वो बाहर चला जाता है. पंकज गेट बंद करता है और आराधना का बाथरूम का डोर नॉक करता है.
“ आरू.. गया वो अब गेट खोलो…..” पंकज आवाज़ लगाता है.
आराधना गेट खोल कर फिर से बाहर आ जाती है.
“ क्या हुआ डॅडी……. ?” आराधना पंकज से पूछती है.
“ नही… कुच्छ नही बेटे… तुम तैयार हो जाओ और हम चल रहे है.
“ लेकिन कहाँ…….?” आराधना ऐसे बनते हुए बोलती है जैसे उसे कुच्छ अंदर सुनाई नही दे रहा था.
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12-01-2018, 02:50 PM,
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RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b]दीप्ति –“ साड़ी काफ़ी अच्छी है तुम्हारी……. बहुत क्यूट लग रही हो….” दीप्ति आराधना की सारी को टच करते हुए बोलती है.
आराधना – “ आप भी काफ़ी अच्छी लग रही है अपनी ड्रेस मे……. मुझे ऐसी ड्रेसस बहुत पसंद है………” आराधना स्माइल करते हुए कहती है.
दीप्ति – “ अच्छा चलो अब ये तो बताओ कि मूवी कौन सी देखनी है. ?”
आराधना – “ आप ही बताएए ना कि कौन सी मूवी देखे………?”
दीप्ति – “ जिस्म 2 ही सही लग रही है मुझे….. क्यू?”
आराधना – “ जैसा आप ठीक समझे………” आराधना उसकी बात को टालना चाहती थी.
इतनी छोटी बातो मे ही चारो लोग पार्किंग एरिया मे पहुँच जाते है जहाँ पंकज अपनी कार को अनलॉक करके सबसे आगे बैठ जाता है. शेट्टी अपनी वाइफ के लिए डोर खोलता है और उसके बैठने के बाद वो दूसरी साइड आने लगता है. दूसरी साइड आराधना पीछे बैठने के लिए गेट खोल चुकी थी. जैसे ही शेट्टी उसके पास से गुज़रता है तो आराधना शॉक्ड हो जाती है क्यूंकी उसे ऐसा लगता जैसे किसी ने उसकी गान्ड पर चिकोटी काटी. वो घूम कर देखती है तो जब तक शेट्टी आगे वाला गेट खोल चुका था आगे बैठने के लिए.
आराधना को यकीन नही हो रहा था कि उसकी फादर की उम्र का इंसान उसके साथ ऐसे कर सकता है. वैसे आराधना श्योर नही थी लेकिन उसका दिल कर रहा था कि उसका मूँह नोच लू…..
शेट्टी के बैठते ही गाड़ी सिनिमा की तरफ चल देती है.
दूसरी तरफ
सिचुयेशन को थोड़ा थोड़ा फॉर्वर्ड करना पड़ा है. दट ईज़ दा डिमॅंड ऑफ दा सिचुयेशन.
इधर प्रीति जम कर चुद चुकी थी और अब सिमरन के घर जाने की प्लॅनिंग कर रही थी. वैसे भी उसे अपनी मोम की पर्मिशन मिल चुकी थी. पता नही क्यूँ सिमरन के लिए भी वो सूपर हॉट बन कर जाना चाहती थी.
प्लॅनिंग कर ही रही थी कि तभी सिमरन का फोन आता है और प्रीति फोन को पिक करती है.
सिमरन - हाई स्वीटी. कैसी है?
प्रीति - दीदी मैं ठीक हू. आप कैसी है.
सिमरन - बस यार तेरा इंतेज़ार हो रहा है. कब तक आ रही है?
प्रीति - आप बताओ कि कब तक आ जाउ....?
सिमरन - ये भी कोई पुच्छने की बात है. जब चाहे आजा और अभी आ जाए तो और भी अच्छा है.
प्रीति - ठीक है तो मैं थोड़ी देर मे निकलती हू औट वैसे भी घर तो पास ही है.
सिमरन - थ्ट्स ग्रेट...... छोटी सी पार्टी भी करेंगे....... अच्छा फन करेंगे.... आख़िर एक ही रात के लिए तो आ रही है तू तो तेरा ख्याल रखना पड़ेगा.
प्रीति - वो सब तो ठीक है लेकिन मैं एग्ज़ाइटेड हू ये जान ने के लिए कि कैसे आपके भाई और आपके बीच........
प्रीति ये लाइन बोलकर बीच मे चुप हो जाती है.
सिमरन - मेरे भाई और मेरे बीच मे क्या???? अच्छा चुदाई कैसे शुरू हुई..... मेरी जान बड़ी उतावली है ये जान ने के लिए. चल तू टेन्षन ना ले और अब जल्दी से आ जा. तुझे आराम से सुनाउन्गि सारी कहानी. लेकिन तुझे भी बताना पड़ेगा कि कैसे कुशल का लंड लिया तूने.
प्रीति - दीदी आप भी कमाल हो. चलो अब फोन रखते है और मैं घर से निकलती हू.
सिमरन - ओके चल आराम से आ जा.
फोन काटने के बाद प्रीति तैयार होती है. बालो को अच्छे से धोकर ड्राइयर से ड्राइ करती है. स्टाइलिश मेक अप और चेक की शॉर्ट शर्ट पहनती है जिसे बूब्स से नीचे ही टाइ कर दिया जाता है. उसके नीचे उसने अल्ट्रा लो वेस्ट जीन्स पहनी. यानी अब उसके बूब्स और कमर के बीच का सारा हिस्सा विज़िबल था.
स्मृति को बोल कर वो आराम से घर से निकल जाती है. क्यूंकी सिमरन का घर करीब ही था तो प्रीति पैदल ही चली जाती है.
सिमरन का घर आने पर प्रीति डोर बेल बजाती है. दो बार डोर बेल बजाने के बाद डोर खुलता है.
डोर खोलने वाला एक लड़का था, उसने संडो बनियान पहनी हुई थी और शॉर्ट. वो पसीने मे भीगा हुआ था क्यूंकी शायद एक्सर्साइज़ कर रहा था.
प्रीति - भैया नमस्ते...... मैं सिमरन दीदी की फ्रेंड हू.
बॉय - सिमरन की फ्रेंड भी हो और दीदी भी बोल रही हो. एनीवे मैं उसका भाई हू विशाल.
प्रीति - हा हा हा हा. भैया बात अच्छी पकड़ते हो. आक्चुयल मे वो मुझसे थोड़ी बड़ी है ना तो इसलिए मैं उन्हे दीदी कहती हू.
वो लड़का प्रीति को उपर से नीचे तक देखता है और कहता है.
बॉय - वो तुमसे बड़ी है लेकिन कहाँ से..
लड़के का इशारा शायद प्रीति के बूब्स की तरफ था जोकि सिमरन के जैसे ही थे. प्रीति इस बात को ताड़ जाती है कि वो क्या कहना चाह रहा है.
प्रीति - वेरी फन्नी..... आप बताएए कि दीदी कहाँ है.......
बॉय - वो उपर अपने रूम मे है. सीधा उपर जाकर लेफ्ट.
और ये बोल कर वो लड़का प्रीति को अंदर जाने के लिए रास्ता देता है.
प्रीति सीधा उपर जाती है और सिमरन के रूम मे एंटर करती है. सिमरन बेड पर बैठ कर नेल पैंट लगा रही थी.
" हाई दीदी......." प्रीति ये बोल कर आगे बढ़ती है और सिमरन को हग करती है.
" हाई प्रीति....... ग्रेट यार एक दम सूपर हॉट मॉडेल लग रही है. गजब यार....." सिमरन प्रीति को देखते हुए बोलती है.
" कहाँ दीदी.... आप भी कुच्छ ज़्यादा ही बता रही हो...... गजब तो आप हो........" प्रीति भी सिमरन की तारीफ मे दो शब्द बोल देती है.
" यार तेरे लिप्स बड़े जुवैसी लग रहे है. गिव मी आ क़िस्स्स......" और ये बोलकर सिमरन अपना चेहरा प्रीति की तरफ बढ़ाती है और प्रीति अपनी आँखे बंद कर लेती है.
सिमरन एक अच्छा वाला स्मूच लेती है. दोनो एक दूसरे के होंठो को अच्छे से चूस्ते है और फिर अलग हो जाते है.
" चल यार..... आज की रात हमारी है....... खूब मस्ती करेंगे......." सिमरन अपने फ्रीज़ से बियर की दो कॅन निकालते हुए बोलती है.
" लेकिन दीदी वो भैया....... नीचे है..... वो बियर पीते देखेंगे तो कुच्छ कहेंगे नही...." प्रीति उसके भाई के बारे मे पूछती है.
" अबे उसी ने तो मुझे पीना सिखाया है...... और वो ही तो लाकर ये फ्रीज़ भरता है..... तू उसकी टेन्षन ना ले और एंजाय कर......" सिमरन ये बोलते हुए लाइट म्यूज़िक ऑन कर देती है.
" दीदी मैं यही तो जान ना चाहती हू कि कैसे आपके और आपके भाई के बीच मे ऐसी रिलेशन्षिप बन गयी कि आप इतने फ्रॅंक हो. प्लीज़ बताइए ना.........." प्रीति ज़िद करने लगती है.
" चल बियर तो पी और ये ले सलाद... मैं तुझे आराम से बताउन्गि. बोर तो नही होगी ना तू......" सिमरन प्रीति से पूछती है.
" दीदी कैसी बाते कर रही हो........ ओके नाउ लेट्स चियर्स आंड स्टार्ट युवर स्टोरी."
दोनो अपनी बियर की कॅन को टकराती है और सिमरन अपनी कथा सुनानी शुरू करती है.
"ये कहानी तब शुरू होती है जब मैं बस -- साल की थी. मैं एक बहुत ही सिंपल लड़की थी जो एक को एड स्कूल मे पढ़ती थी. मेरा भाई भी मेरे साथ मेरे ही स्कूल मे पढ़ता है. हमारा स्कूल काफ़ी मॉडर्न स्कूल था जहाँ बच्चे काफ़ी जल्दी बड़े हो जाते है. मैं एक लंबी चोटी करने वाली एक सिंपल लड़की थी और जो कभी फेस पर कुच्छ भी नही लगाती थी. मुझे उस टाइम तक कुच्छ भी नही पता था कि आख़िर ये दुनिया क्या है. स्कूल से घर और घर से स्कूल. स्कूल मे वैसे भी मेरा बड़ा भाई हुआ करता था तो मुझे हमेशा इस बात का ख्याल रखना होता था कि मैं हमेशा अपनी लिमिट मे रहू. मेरी फ्रेंड्स अच्छी लड़किया, बुरी लड़किया, ओपन माइंडेड लड़किया, नॅरो माइंडेड लड़किया और सभी तरह की लड़कियाँ हुआ करती थी.
प्रीति -" ओके......"
सिमरन -" घर मे वो ही माहौल जो हर घर मे होता है. भाई बहन के लड़ाई झगड़े और फिर से प्यार. स्कूल मे इज़्ज़त की वजह से मैं कभी अपने भाई से नही लड़ी लेकिन घर मे हमेशा महाभारत होता था. मा बाप के राज मे तो हर किसी को आज़ादी महसूस होती है तो मैं भी खूब लड़ती थी अपने भाई से और वो भी कोई कमी नही छोड़ता था."
प्रीति -" हाँ सच बात है. कुशल और मेरी भी यही कहानी है.... फिर क्या हुआ." प्रीति को बहुत इंटेरेस्ट आ रहा था स्टोरी मे.
सिमरम -" धीरे धीरे मुझ मे भी वो चेंजस आने लगे जो कि हर लड़की ने आते है. बूब्स निकलने शुरू हुए, पुसी और अंडरआर्म्स मे बाल आने शुरू हुए और आवाज़ धीरे धीरे भारी हो रही थी. ठीक ऐसा ही मेरे भाई के साथ भी हो रहा था, यानी कि हम दोनो ही बड़े हो रहे थे. लड़की जवान हो रही है इसका अहसास तो आस पास के लोग ही करा देते है. मोहल्ले के लोग ऐसे घूर घूर कर देखते है जैसे कि कोई अपराध कर दिया हो हमने. लेकिन लड़को की लाइफ ऑपोसिट होती है और वो वैसे ही आज़ाद रहते है. ब्रा पहन नी शुरू करी और शुरू मे तो बड़ा गुस्सा आता था लेकिन धीरे धीरे आदत पड़ी. साइज़ जब तक 32 हुआ तो मेरे भाई को हल्की दाढ़ी मूँछ आ चुकी थी."
सिमरन धीरे धीरे बियर पीते हुए फिर शुरू करती है. प्रीति उसकी बातो को गौर से सुन रही थी.
" क्यूंकी मेरे भाई के और मेरे रूम करीब ही थे तो मुझे आइडिया मिलता रहता था कि वो क्या कर रहा है. मुझे पता चला कि उसने स्मोकिंग शुरू कर दी है और अक्सर उसके रूम से सिगरेट की स्मेल आने लगी. ठीक वैसी ही जैसे डॅड के रूम से आती थी."
प्रीति -" ओके....."
सिमरन -" एक बार इतिफाक से मैने उसे स्मोकिंग करते हुए देख लिया और हमारी नज़रे मिल गयी. वो थोड़ा डरा और उसने सिगरेट फेंक दी. वो मुझसे बात करने आया और बड़े प्यार से बात की. मैं समझ गयी कि ये मुझे अपनी राजदार बनाना चाहता है. मैने भी यही सोचा कि बाय्स तो करते ही है तो इसमे हर्ज क्या है."
प्रीति -" हाँ सही कहा आपने....."
सिमरन -" धीरे धीरे उसने मेरी हेल्प लेनी शुरू कर दी और मैं डॅड के रूम से उसे सिगरेट चुरा चुरा कर लाकर देती थी. लेकिन वो अपनी मस्त लाइफ जी रहा था और काफ़ी हॅंडसम हो गया था "
प्रीति -" हाँ मैने देखा उन्हे नीचे. वाकई मे काफ़ी हॅंडसम है वो तो......"
सिमरन -" 10थ क्लास तक आते आते एक लड़की ने मेरे भाई पर लाइन मारनी शुरू कर दी जिसका नाम एकता था. वो हमारे स्कूल की सबसे सेक्सी लड़की थी. कम उम्र मे ही भगवान ने ऐसी बॉडी दे दी कि शिल्पा शेट्टी फैल हो जाए."
प्रीति -" तो क्या भैया की गर्ल फ्रेंड बन गयी वो....."
सिमरन -" लड़की सेक्सी हो तो क्या नही कर सकती. और वो ही एकता ने किया.... छोटे छोटे कपड़े पहन कर आना. अंजाने मे अपनी बॉडी को मेरे भाई से छुआ देना. मेरा भाई जवान हो चुका था और ये शरीर की आग कैसे भुजति है उसे पता नही था. वो एकता के बारे मे ही सोचता रहता. एक दिन मेरे भाई ने बोला कि सिमरन तू एकता की फ्रेंड बन जा ना. फिर जो कॉन्वर्सेशन स्टार्ट हुई वो कुच्छ ऐसे थी -
सिमरन'स ब्रदर - सिमरन यार तू एकता से दोस्ती कर ले ना.
सिमरन - मैं क्यू करू दोस्ती. वो मुझसे सही से बात तो करती नही.
सिमरन'स ब्रदर - यार ऐसा होता है लेकिन वो शायद अच्छी लड़की है. मुझे लगता है कि तुझे ऐसी लड़किया दोस्त बनानी चाहिए.
सिमरन - तो आप ही बना लो उसे दोस्त. मुझे अच्छी नही लगती, कितने छोटे कपड़े पहन कर आती है और सीधे मूँह बात नही करती.
सिमरन'स ब्रदर - हा हा हा हा. तेरा भाई उसका दोस्त तभी तो बनेगा जब मेरी बहन उसकी दोस्त बनेगी. कर दे ना इतनी हेल्प अपने भाई की.
" मेरे भाई ने इतने प्यार से रिक्वेस्ट की तो मैने उसकी बात मान ली और जैसे तैसे मैने एकता का मोबाइल नंबर अपने भाई के लिए अरेंज कर दिया".
प्रीति -" फिर क्या हुआ???" प्रीति अपनी बियर को पीती जा रही थी.
सिमरन - " फिर क्या होना था. मुझे कुच्छ आइडिया नही मिला कि क्या हो रहा है लेकिन मेरा भाई अपने रूम मे ही फोन पर बिज़ी रहता. धीरे धीरे स्कूल मे मेरे भाई और एकता के अफेर के चर्चे होने लगे. मेरी फ्रेंड्स मुझसे मज़ाक करती कि अब तू भी कोई बॉय फ्रेंड बना ले. लेकिन मैं इन सब चीज़ो के बारे मे नही सोचती थी क्यूंकी मेरा बड़ा भाई खुद उस स्कूल मे था.
प्रीति -" ओके फिर क्या हुआ......."
सिमरन - " मेरे भाई ने सबसे डिस्टेन्स बनाना शुरू कर दिया. मुझे तो ये भी लगने लगा था कि मेरे भाई और उस एकता के बीच सेक्स हो चुका था लेकिन एक दिन मैं अपनी क्लास मे जा रही थी तो स्पोर्ट्स रूम के करीब दोनो की आवाज़े आ रही थी जोकि मैने सुनी. मॉर्निंग मे स्कूल के उस तरफ कोई नही आता था तो दोनो खुल कर बाते कर रहे थे. उस दिन की बातो मे मुझे बहुत सारी बाते क्लियर हुई. "
प्रीति -" बताओ ना.... बताओ ना कि क्या बाते हो रही थी......"
सिमरन - " वो बाते कुच्छ ऐसे हो रही थी. पहली आवाज़ मैने एकता की सुनी -
एकता - कम ऑन अभिनव.... तुम एक ही एक्सक्यूस अपनी गर्ल फ्रेंड को डेली नही दे सकते. मेरी सारी फ्रेंड्स कितनी लकी है जो कभी अपने बॉय फ्रेंड के साथ कहीं रात गुजार कर आती है और कभी कहीं. उन्हे बताने मे भी शरम आती है मुझे कि रात बिताना तो छोड़ो अभी तक मैं कुँवारी हू.
माइ ब्रदर - जितना दिल तुम्हारा करता है तो उससे कहीं ज़्यादा मेरा करता है. पूरी रात खड़ा रहता है तुम्हारी याद मे लेकिन क्या करू कोई जगह नही है जहाँ हम मिल पाए.
एकता - खड़ा होता है..... खड़ा होता है और खड़ा होता है. ये बाते ही सुनती आ रही हू. बॉय फ्रेंड क्या रेस्टोरेंट मे खाना खाने और सिनिमा मे मूवीस देखने के लिए बनाए जाते है. बॉय फ्रेंड के और भी फ़र्ज़ होते है और वो है कि अपनी गर्ल फ्रेंड की फिज़िकल नीड्स का ख्याल रखना. तुम कोई प्लान क्यूँ करते. अगर कहीं और नही तो अपने घर पर ही.
माइ ब्रदर - यार मेरे घर मे मेरी सिस्टर है. और उसका रूम मेरे रूम के बराबर मे ही है. वो क्या सोचेगी?
एकता - वाह वाह....... वो क्या सोचेगी? दूध पीती बच्ची है क्या वो? उसे पता नही कि अगर मैं तुम्हारे रूम मे जाउन्गि तो तुम मेरे साथ क्या करोगे? देखते नही हो लगता है गौर से उसे, खुद लेने को तैयार हो रही है वो.
माइ ब्रदर - वो ऐसी नही है. उसका ध्यान इस तरफ नही जाता है.
एकता - एक भाई की नज़र से देखना बंद करो और गौर से देखो कि कैसे चुदने के लायक हो चुकी है. तुम उसके भाई हो इसलिए वो अपने असली रूप मे नही आती. वैसे मैं क्यू सफाई दू...... मुझे नही पता बस.....
सिमरन - और ये सब बोलकर वो भाग जाती है गुस्से मे. मुझे पहली बार अहसास हुआ कि लड़कियो की खुद की भी कुच्छ इच्छा होती है. एकता भी वोही चाह रही थी लेकिन उसने आज वो बीज बो दिया जो बाद मैं बहुत भारी साबुत हुआ.
“ दीदी वाकई मे एकता तो बहुत आगे निकली. उसकी कोई फोटो दिखाइए ना…… अगर है तो” प्रीति के पुच्छने पर सिमरन एकता का एक फोटो अपने मोबाइल मे दिखाती है
प्रीति - " अच्छा फिर क्या हुआ दीदी......." प्रीति फिर से एग्ज़ाइटेड होते हुए पूछती है. वो अपनी बियर की कॅन भी ख़तम कर चुकी थी.
सिमरन - " होना क्या था...... उस एकता की आग ने मेरे भाई के माइंड मे बहुत सारे चीज़े डाल दी...... मुझे अहसास नही हुआ लेकिन शायद मेरे भाई ने उसके कहने पर मेरी बॉडी को अब्ज़र्व करना शुरू कर दिया. मुझे अहसास था कि अगर एकता को मेरा भाई जल्दी ही नही ठोकेगा तो वो उसे छोड़ देगी और ये सिचुयेशन मेरे भाई को डिस्टर्ब कर सकती थी.
प्रीति -" ओके...... गुड....... दीदी........ वाकई मे काफ़ी इंट्रेस्टिंग है...... आगे बताइए ना......."
सिमरन - " मेरे भाई ने धीरे धीरे मुझे मनाना शुरू किया एकता को घर पर बुलाने के लिए. मीठी मीठी बाते करता और मेरे लिए गिफ्ट लेकर आता था, ना मुझसे कोई लड़ाई और बस प्यार से ही बाते करता था. लेकिन मैं ये सब समझती थी. "
प्रीति -" काफ़ी इंटेलिजेंट हैं आपके भाई...... आगे बताइए क्या हुआ....." प्रीति धीरे धीरे और करीब आ रही थी सिमरन के.
सिमरन अपनी बियर के कॅन को बार बार पीते हुए बोल रही थी.
सिमरन -" एक दिन ईव्निंग मे मेरे भाई ने मुझे बात की जो की कुच्छ ऐसे थी -
सिमरन'स ब्रदर - सिम्मी........ यार एक हेल्प करेगी तू मेरी
सिमरन - बोल भाई क्या बात है.
उसका बोलने का तरीका मुझे बता रहा था कि वो बहुत मक्खन लगा रहा है.
सिमरन'स ब्रदर - वो सिम्मी.... आक्चुयल मे ना एकता को पढ़ाई मे मेरी हेल्प चाहिए तो वो एक रात यही रुकना चाहती है.
सिमरन - कमाल है, वो तुमसे पढ़ना चाहती है. एनीवे तो मेरी हेल्प क्या चाहिए तुम्हे.....
सिमरन'स ब्रदर- वो.... अगर डॅड पुच्छे तो तू बोल दियो कि एकता तेरी फ्रेंड है. आक्चुयल मे तू तो जानती है कि डॅड मुझसे थोड़ा गुस्सा रहते है......
सिमरन - तो ठीक है आप एकता को मेरे रूम मे ही पढ़ा लेना.... मैं डॅड को संभाल लूँगी..... ओके?
सिमरन'स ब्रदर - अरे नही यार..... तू मेरी प्यारी बहन है. तेरी नींद क्यू खराब करूँगा भला मैं. उसे तो मैं अपने रूम मे ही पढ़ा लूँगा..... बस तू डॅड को संभाल लियो......
सिमरन - बड़ा प्यार आ रहा है मुझ पे....... लेकिन चलो तुम भी क्या याद करोगे कि किसी रईस से पाला पड़ा है. मैं डॅड को संभाल लूँगी.....
सिमरन'स ब्रदर - वूव्ववव........ थ्ट्स लाइक माइ स्वीट सिस्टर..... मुआअहह
"पहली बार मेरे भाई ने मुझे हग किया और गाल पर किस किया. उसकी मजबूत बाँहो मे जैसे मे पिघल ही गयी थी. मेरे बूब्स उसकी छाती मे गढ़ गये थे. लेकिन उस टाइम मे इतनी बोल्ड नही थी तो चुप चाप भाई से अलग हो गयी. मेरा भाई बहुत हॅपी था और उससे अपनी खुशी हजम नही हो रही थी"
सिमरन ये सारी स्टोरी प्रीति को जैसे सुना रही थी तो प्रीति का चेहरा भी लाल होता जा रहा था.
प्रीति - " फिर क्या हुआ दीदी....... बताओ ना."
सिमरन - " बताती हू लेकिन तू बिना बियर के क्यू बैठी है. जा फ्रीज़ से और ले ले......"
प्रीति - " सच मे दीदी आपने तो मेरे दिल की बात छीन ली....... दिल कर रहा है कि बियर पीती रही हू और आपकी ये रियल लाइफ स्टोरी सुनती रहू......." प्रीति बेड से उतरते हुए बोलती है.
प्रीति बेड से उतरती है और फ्रीज़ से एक बची हुई बियर ले आती है. उसे खोल कर पीने लगती है.
" आप शुरू करो दीदी...... बताओ मुझे कि क्या हुआ फिर......" प्रीति बेड पर दोबारा बैठते हुए बोलती है
सिमरन -"उस दिन मेरा पूरा ध्यान इसी बात पर लगा रहा कि मेरा भाई कैसे एकता को ये खबर देता है. स्कूल पहुँची तो उनको फॉलो करती रही और मेरा भाई खुद एकता को ढूँढ रहा था. एकता उसे साइन्स लब के पास मिली और वहाँ पर भी उस पीरियड के दौरान स्टूडेंट कम ही होते थे. मेरा भाई उसे एक कॉर्नर मे ले जाता है और फिर जो उनकी कॉन्वर्सेशन हुई वो ऐसे है" -[/b]
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12-01-2018, 02:50 PM,
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RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b]सिमरन'स ब्रदर- एकता...... माइ स्वीटी एक अच्छी खबर है.
मेरा भाई हॅपी होते हुए उसे बताता है.
एकता - बोलो जल्दी क्या बात है. मुझे जाना है.
एकता का बिहेवियर काफ़ी रूखा था उस दिन.
सिमरन'स ब्रदर - पता है मैने सिमरन को राज़ी कर लिया है तुम्हे घर बुलाने के लिए..... और वो मान गयी है.......
एकता - ऊऊऊओह रेअलल्ल्ल्ल्ल्ल्लययययययी....... आइ लव यू अभिनव........
मुझे आइडिया नही था कि एकता इतनी हॅपी हो जाएगी. वो मेरे भाई से ऐसे लिपट गयी जैसे उसी मे समा जाएगी. उसने अपने जुवैसी लिप्स मेरे भाई के लिप्स पर रख दिए..... जवान मैं भी थी और ये सीन देख कर जो मेरी हालत हुई वो मुझे ही पता है. इसके बाद एकता फिर से बोलना शुरू करती है -
एकता - देखा मैने कहा था न कि वो देखने मे छोटी है लेकिन चुदाई के बारे मे सब जानती है.
सिमरन'स ब्रदर - यार तू हमेशा ग़लत मत समझा कर.... उस बेचारी को तो ये पता है कि तू पढ़ने आ रही है.
एकता - ओये होये मेरे भोले हीरो. वो तुम्हारी बहन है तो तेरे से थोड़ी ना बोलेगी कि बुला ले और चोद दे अपनी गर्ल फ्रेंड को. लेकिन छोड़ो तो आज रात मैं आ रही हू और फिर ढेर सारी मस्ती.
सिमरन'स ब्रदर - बिल्कुल ठीक कहा मेरी जान. आज के बाद तेरी कोई सहेली तेरा मज़ाक नही उड़ाएगी कि तू कुँवारी है.
"और इसके बाद वो दोनो अलग हो गये. मैं एक कच्ची जवान लड़की थी. ये सारी बाते सुनकर पागल हुए जा रही थी लेकिन इस एज मे लड़की अपने दिल की बात किसी से शेअर नही करती है. "
सिमरन भी पूरे दम के साथ अपनी आप बीती सुना रही थी. अब सिमरन की बियर ख़तम होती है तो वो भी एक और लेने के लिए फ्रीज़ के पास जाती है.
" श शिट. अभी पूरी रात बाकी है और बियर भी ख़तम......" सिमरन दूख मनाती हुए बोलती है.
" दीदी पहले ये जो एक मिली है इसे तो पी लो. और बताओ ना कि फिर क्या हुआ....." प्रीति फिर से ज़िद करते हुए बोली.
" तो सुन..... हम दोनो स्कूल से आ गये... मेरा भाई बहुत हॅपी था उस दिन.... और होना भी चाहिए क्यूंकी आख़िर उसकी लाइफ मे वो होने जा रहा था जिसका इंतेज़ार सभी को होता है जवानी मे...." सिमरन अपनी बियर खोल कर फिर से शुरू करते हुए बोली.
प्रीति -" ओके.... फिर क्या हुआ......"
सिमरन -" उस दिन आफ्टरनून मे डॅड ने मुझे एक फंक्षन मे ले जाने के लिए बोले. मेरे पास एक येल्लो सूट हुआ करता था जो कि मैने पिच्छले एक साल से नही पहना था. मैने आज वो ही पहन ने का फ़ैसला किया लेकिन उस दिन पहना तो मुझे अहसास हुआ कि लड़की का शरीर कैसे बदलता है. मेरे बूब्स जैसे उसमे समा ही नही रहे थे. खैर जैसे तैसे अपने उभरते हुए बूब्स को दुपट्टे से छुपाया लेकिन क्लीवेज बहुत ज़्यादा था."
प्रीति - " मैं समझ सकती हू....... आपकी बॉडी है ही ऐसी.... एक दम हॉट........ आप आगे बताएए......" प्रीति पर भी रात का और बियर का पूरा असर हो रहा था.
सिमरन -" लाइट मेक अप और स्ट्रेट हेर थे मेरे उस दिन...... स्लीवलेस सूट, उभरते बूब्स और पॅडेड ब्रा, शायद लड़की कुच्छ अलग ही लग रही थी मैं. शौक मे आकर हाइ हील सॅंडल्ज़ पहने और अपने रूम से बाहर निकली और लड़खड़ा कर गिर पड़ी....... अनफॉर्चुनेट्ली मेरा भाई सामने ही खड़ा था. जवानी का वो रूप शायद उसने मुझमे तो क्या शायद कहीं भी नही देखा होगा. अपनी जवान होती बहन के गले को जो सही से नही देख पाया था, उस दिन उसने वो देखा जिसके लिए बाय्स सबसे ज़्यादा मरते है यानी कि बूब्स. मैं गिरी ही ऐसे तरीके से थी कि मेरे अनटच बूब्स उसकी आँखो से हट ही नही रहे थे."
प्रीति - " क्या आपने तो कतल ही कर दिया लगभग अपने भाई का....... फिर क्या हुआ......... जल्दी बताओ..... ये लो ये बियर भी ख़तम हो गयी........ रात तो अभी शुरू भी नही हुई...." प्रीति भी थोड़ी अपसेट हुई अपनी बियर की खाली कॅन देख कर....
सिमरन उसके करीब जाकर फिर से उसे एक मस्त वाला लिप किस करती है. प्रीति भी उसे स्ट्रॉंग होल्ड करके किस करती है. कुच्छ मिनिट के बाद दोनो के होंठ फिर से अलग होते है.
प्रीति का चेहरा बिल्कुल लाल हो चुका था.
" तू टेन्षन क्यू लेती है...... बियर चाहिए.....?" सिमरन प्रीति की आँखो मे देखते हुए बोलती है.
" दीदी पूरी रात बाकी है और आज तो मे पूरी रात जीना चाहती हू......" प्रीति भी मदहोशी वाली बाते कर रही थी.
" तो सामने जा और मेरे भाई के रूम से लेकर आ जा............" सिमरन प्रीति को सजेस्ट करती है
" दीदी प्लीज़ आप ही ले आओ ना...... " प्रीति सिमरन से रिक्वेस्ट करती है.
" आबे तुझे तो अब सारी कहानी पता है. मैने बियर पी है और मेरा भाई भी कुच्छ ना कुच्छ पी ही रहा होगा...... मैं नही चाहती कि मैं वहाँ जाउ और पूरी रात तू मेरा इंतेज़ार करती रहे....." सिमरन की बात मे दम था.
" तो सच मे मैं जाउ........?" प्रीति क्वेस्चन भरी निगाहो से पूछती है.
" जा ना, टेन्षन क्यू लेती है...... " सिमरन प्रीति को हॉंसला देती है.
प्रीति रूम से बाहर निकलती है और धीरे धीरे अभिनव के रूम की तरफ बढ़ती है. रूम का डोर थोड़ा सा खुला हुआ था तो प्रीति उसे नॉक करती है -
" कम इन......." अंदर से आवाज़ आती है.
प्रीति डोर खोलती है और अंदर देखती है. अंदर सिमरन का भाई सिर्फ़ बनियान और शॉर्ट मे चेर पर बैठे हुए स्मोकिंग कर रहा था.
प्रीति गेट पर खड़े होकर एक स्माइल के साथ पूछती है -
" सॉरी भैया लेकिन कुच्छ बियर्स मिलेंगी....... सिमरन दीदी की ख़तम हो गयी है......" प्रीति मुस्कुराते हुए पूछती है. उसकी शर्ट मे उसका क्लीवेज भी विज़िबल था.
एक बार को तो सिमरन का भाई शॉक्ड ही रह गया… हालाँकि उसने आते हुए भी प्रीति को देखा था लेकिन अब नशीली आँखो को देख कर और ज़्यादा हैरान हो गया-
“ क्या सिमरन ही बियर पी रही है……? आँख तो तुम्हारी भी कह रही है कि बियर तुमने भी पी है…….” सिमरन का भाई बोलता है
“ आँखो को अच्छा पढ़ लेते हो भैया…… मैं भी कोई बच्ची नही हू सो मैने भी पी ली है….” प्रीति भी स्टाइल मे बोलती है.
“ ठीक है फ्रीज़ से ले लो…..” सिमरन के भाई की निगाहे प्रीति से हट नही रही थी.
प्रीति आगे बढ़ती है और रूम के कॉर्नर मे रखे फ्रीज़ को खोलती है. झुकने से उसकी लो वेस्ट जीन्स और लो हो जाती है. उसकी पिंक पैंटी की स्ट्राइप भी दिखने लगती है. प्रीति 2 बियर निकालती है और रूम से बाहर जाने लगती है.
“ क्या 2 बियर काफ़ी है……?” सिमरन का भाई प्रीति से पूछता है.
“ अगर ज़रूरत होगी तो दोबारा आ जाउन्गि ना भैया…………..” ये बोलते हुए मस्त तरीके से अपनी गान्ड को मटकाती हुई रूम से बाहर चली जाती है.
प्रीति फिर से सिमरन के रूम मे आ जाती है और बिना टाइम वेस्ट करे अपनी बियर खोलती है और पीने लगती है और एक बियर सिमरन को दे देती है.
“ हाँ तो दीदी आगे बताइए ना कि क्या हुआ जब आप गिर पड़ी……… रहा नही जा रहा सुने बिना…..” प्रीति और भी एग्ज़ाइटेड होते हुए बोली.
“ उस दिन मेरे भाई को मुझसे बहुत ज़रूरी काम था तो मेरे लिए केरिंग भी बहुत था….. दूसरी तरफ मेरे सूट ने उसे हिंट दे दिए थे मेरे कुवर्व्स के बारे मे…… वो मेरे पास आया और अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ाया…… काफ़ी अलग सीन था ये……. अपने भाई के हाथ मे जब उस दिन मैने हाथ दिया तो ऐसे लगा कि मेरा हाथ मेरे भाई ने नही बल्कि मेरे बॉय फ्रेंड ने पकड़ा हो……… मैं उठी और सूट टाइट होने की वजह से और गिर कर उठने की वजह से मेरी साँसे उपर नीचे हो रही थी….. दुपट्टा नीचे ही गिरा रह गया था तो सूट से मेरे बूब्स छुपाये नही छुप रहे थे……..” सिमरन अपनी एक और बियर खोल चुकी थी.
“ ओह्ह्ह दीदी….. बताइए ना कि फिर क्या हुआ……..” प्रीति भी बहुत गरम होती जा रही थी.
“ मेरा भाई खुद नीचे झुका और मेरा दुपट्टा उठा कर मुझे ऊढाया……… उसे ऊढाने के लिए मेरा भाई मेरे साइड मे आया और मेरे करीब आकर दुपट्टा ऊढाने लगा……… वो मेरे बहुत करीब था. तभी मुझे अहसास हुआ कि साइड मे कुच्छ चुभ रहा है…. ओह माइ गॉड…… मेरी तो जैसे साँसे ही रुक जाती उस दिन क्यूंकी ये समझते हुए मुझे टाइम नही लगा कि मेरे भाई का लंड खड़ा हो चुका था. तब तक मैं कच्ची कली थी, लंड को देखा भी नही था. बस सुना था, लेकिन एक मामूली से टच ने मेरी पूरी बॉडी को रोमांचित कर दिया………” सिमरन भी खुद बताते बताते बहक रही थी.
“वाउ दीदी….. वॉट आन एनकाउंटर वित ब्रदर’स कॉक……… एनीवे आगे बताइए………” प्रीति पूछती है.
“ मेरी हालत खराब हो चुकी थी….. अगर मैं वहाँ रुकती तो पता नही क्या हो जाता. मेरे पाँव खुद मजबूर होकर आगे बढ़ने लगे…… और मैं घर से बाहर चली गयी. वो एक ऐसा दिन था जब मुझे बस होश नही था…… हाँ मे घर से बाहर थी लेकिन बस मेरी बॉडी ही बाहर थी वरना मेरा मन तो मेरे घर पर ही था….” सिमरन अब अपनी टी-शर्ट उतार रही थी. शायद वो ज़्यादा गरम हो रही थी.
“ गुड दीदी…. फिर क्या हुआ, आप कब वापिस आई घर पर…….?” प्रीति फिर से एग्ज़ाइट्मेंट मे पूछती है
“ मुझे घर आते आते ईव्निंग हो गयी थी…. मैं घर आई तो जैसे मेरा सर बहुत भारी था और बुखार जैसा फील हो रहा था. मैं आई और अपने रूम मे आकर लेट गयी. लेट ईव्निंग मे मेरे भाई ने ही मुझे जगाया……… उसने मुझे चाइ भी दी…… सच मे समझ नही आ रहा था कि हो क्या रहा है…. उस दिन मैं गरम पानी मे नहाई तो थोडा चैन मिला……… रात करीबन 9 बजे मेरा भाई फिर से मेरे पास आया और बोला कि एकता नीचे आ चुकी है और मुझसे रिक्वेस्ट की कि उसे उपर लेकर आ जा नही तो डॅड बहुत सारे सवाल करेंगे………..” सिमरन बोलती जा रही थी. इस टाइम वो बस ब्रा पहन कर बैठी थी.
“ तो फिर आप नीचे गयी तो क्या हुआ……..?” प्रीति अपनी आँखो को बड़ा करते हुए पूछती है.
“ मैं उसकी बात मान कर नीचे गयी… घर के मेन डोर से बाहर निकली और थोड़ी ही दूरी पर खड़ी थी वो……… माइ गॉड उसे देख कर अहसास हुआ कि सेक्सी लड़की क्या होती है. कसम से उसके उस रूप को मैं कभी नही भूल सकती…… उसको देख कर तो मेरी भी बॉडी मे कुच्छ होने लगा था. सेक्सी से भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी वो कसम से……. उसने एक शॉर्ट टॉप पहना था और लो वेस्ट जीन्स, उसने बाल स्ट्रेट किए हुए थे और बूब्स की लाइन टी-शर्ट से बाहर आ रही थी.
मैं उसके पास पहुँच गयी और उसे हग किया….. और उसने भी मुझे हग किया. उसकी बॉडी से उठती खुसबु मुझे आज भी याद है. उस दिन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे की शायद वैसे तो मेरे भाई की वाइफ भी बन कर नही आ पाएगी………..” सिमरन एक ही झटके मे अपनी आधी बियर
और पी गयी.
“ देखा लड़की के गट्स को दीदी………….. बताओ ना आगे क्या हुआ…..?” प्रीति फिर से पूछती है.
“ मैं उसे अंदर लेकर आई और जैसे ही उपर पहुँची तो जैसे मेरा भाई तो उसे देख कर बेहोश ही हो गया……… और होता भी क्यू नही…….. मास्टरपीस बन कर जो आई थी वो. मेरे ही सामने दोनो ने एक दूसरे को हग किया… मुझे लगा कि कुच्छ पल के लिए तो वो मेरे रूम मे आएँगे लेकिन दोनो मेरी तरफ देखे बिना ही भाई के रूम मे चले गये…………” सिमरन की साँसे ये बाते बताते हुए और भी तेज हो रही थी.
“ इतनी जल्दी चले गये अपने रूम मे…… तो क्या उन्होने काम शुरू कर दिया……..” प्रीति फिर से पूछती है.
“ काफ़ी टाइम मैने इंतेज़ार किया लेकिन कोई बाहर नही निकला, मेरे सर का दर्द बढ़ता जा रहा था…….. ना चाहते हुए भी लग रहा था कि पता नही वो दोनो क्या कर रहे होंगे अंदर…….. जब मेरे कंट्रोल से बाहर हो गया तो मैने गेट को नॉक करा. गेट लॉक नही था लेकिन बंद था, मैने धीरे से खोला तो देखा की वो चुड़ैल एकता बेड पर बैठी सिगरेट के स्मोक को हवा मे उड़ा रही थी और मेरा भाई उसकी गोद मे सर रख कर बैठा था. उसको स्मोकिंग करते हुए देख कर अजीब लगा लेकिन वो जिस टाइप की लड़की थी तो समझ आ रहा था कि आज रात वो बस एंजाय करने के मूड मे है…….. जब दोनो का ध्यान मेरी तरफ नही गया तो मैने एक बार खांसने की कोशिश की….. मेरा भाई मुझे देख कर उठ कर बैठ गया और बुक हाथ मे ले ली लेकिन वो बिच अभी भी स्मोकिंग ही कर रही थी. उसके उपर कोई फ़र्क नही पड़ा……….” सिमरन सीरीयस भी हो रही थी और उस एकता के लिए जेलस उसके चेहरे पर दिख रहा था.
“ फिर क्या हुआ दीदी… बताओ ना जल्दी………” प्रीति का ध्यान बस यही जान ने पर था कि आगे क्या हुआ.
“ मेरे भाई ने मुझसे पुछा कि क्या बात है तो मैने कहा कि मुझे नींद आ रही है और मैं सोने जा रही हू, अगर कुच्छ चाहिए तो अभी बता दो……. लेकिन मेरे भाई ने कहा कि कुच्छ नही चाहिए और तू जाकर सो जा……… मैं बाहर आ गयी, लेकिन मेरी आँखो मे नींद दूर दूर तक नही थी. मैं बाहर आकर गेट के साइड मे ही खड़ी हो गयी……. दरवाजे की झिर्री मे से फिर देखना शुरू किया तो अगली आवाज़ एकता की थी –
एकता –“ देखा कैसे जासूसी करती फिर रही है…….”
मी ब्रदर –“ अब तू शक करना बंद कर……”
एकता –“ तुम मानो चाहे मत मानो, ज़्यादा दिन चुदे बिना नही रह पाएगी ये……. एक लड़की हू मैं और पहचान सकती हू……….”
मी ब्रदर –“ तू ये सब टेन्षन ना ले और आजा मेरी बाँहो मे आजा……………..”
“और यहाँ से उन दोनो की रास लीला शुरू हो गयी……. एकता आगे बढ़कर मेरे भाई को गालो को पकड़ती है और अपने लिपस्टिक लगे होंठ उसके होंठो पर रख देती है…………. मुआााहाहहह…..उसने ऐसा किस किया कि मेरे भाई के होंठो से तो जैसे खून ही निकल जाता….. अब मेरा भाई भी तेश मे आ गया और उसने एकता के बाल पकड़ कर अपनी तरफ खींचे और…..उफफफफफफफफफफ्फ़………..” खुद सिमरन की बताते बताते चूत पानी छोड़ने लगी थी. और उसकी आवाज़ बहुत हकला रही थी अभी.
प्रीति की भी हालत खराब थी. वो सिमरन के बहुत करीब आकर उसके बूब्स पर हाथ फिराने लगती है और पूछती है – “ बताओ ना दीदी की फिर क्या हुआ……
"उस दिन मैने महसूस किया कि जवानी क्या चीज़ होती है और उसे संभालना कितना मुश्किल है. अभी सिर्फ़ एकता ने मेरे भाई के होंठो को चूसा था और मुझे ऐसा फील होने लगा था कि जैसे मेरे शरीर को कुच्छ चाहिए लेकिन क्या चाहिए ये नही पता था.
एकता की बॉडी लॅंग्वेज मेरे लिए ऐसी थी जैसे कि अगर मुझे पता भी चल जाए कि उसकी चुदाई हो रही है तो उसपे कोई फ़र्क नही पड़ेगा. बहुत ही डिफरेंट और बोल्ड लड़की थी वो."
" उफ़फ्फ़ दीदी बताओ ना कि आगे क्या हुआ......" प्रीति की आवाज़ मे कंपन्न थी.
" मैं अंदर का सीन देख कर फुल हॉट हो रही थी लेकिन कर भी नही सकती थी कुच्छ और. उस दिन मैं समझ गयी कि कोई भी जवान लड़का या लड़की ऐसे सीन को देख कर नही रुक पाएगी. एकता अपनी फॉर्म मे आ रही थी लेकिन जैसे मेरा भाई अभी अनाड़ी की तरह पेश आ रहा था. एकता एक पल के लिए अपने होंठ हटाती है, अपने बाल पीछे करती है और फिर से अपने होंठ मेरे भाई से चिपका देती है."
" वॉवववव......." प्रीति का खूद का हाथ अपने बूब्स पर पहुँच गया था.
" मेरे भाई ने भी अब एकता के होंठ चूसने शुरू कर दिए थे. ये शायद उन लोगो के लिए वॉर्म अप राउंड था तभी तो दोनो ने अभी तक कपड़े नही उतारे थे. उनका ये वॉर्म अप राउंड मुझे बहुत भारी पड़ रहा था लेकिन कंट्रोल कर रही थी. किस्सिंग के दौरान ही मैने देखा कि एकता मेरे भाई का सीधा हाथ पकड़ती है और उस को अपने बूब्स पर रख देती है. उसकी बोल्डनेस देख कर मैं हैरान हो रही थी लेकिन साथ ही ये देख कर भी हैरान थी कि लड़की मस्त है और एंजाय करने के लिए वो कुच्छ भी करेगी. एकता की पीठ मेरी तरफ थी लेकिन मुझे सॉफ अहसास हो रहा था कि मेरा भाई उसके बूब्स बढ़िया तरीके से दबा रहा है. दोनो के होंठ एक दूसरे से गूँथे हुए थे लेकिन फिर भी एकता के मूँह की सिसकारियाँ सांसो मे महसूह हो रही थी."
" डीडीिईईईईईई.......बताती जाओ प्लीज़........" प्रीति भी मस्ती मे अपनी आँखे बंद कर चुकी थी.
" कुच्छ मिनट के बाद दोनो के होंठ अलग हुए तो मैने देखा कि मेरे भाई के होंठो पे अलग शाइन थी और हो भी हो क्यू ना, इतने सॉफ्ट और पिंक लिप्स जो चूस रहा था वो. लिप्स अलग होने के बाद एकता अपनी टी-शर्ट खुद ही उतारने लगती है. उसको देख कर मेरा भाई भी टीशर्ट उतार देता है. मेरे भाई ने टीशर्ट के नीचे कुच्छ नही पहना था, उसकी चेस्ट पर हल्के हल्के बाल आए हुए थे, मेरी पूरी बॉडी मे झन झन हो रही थी और कान लाल हो रहे थे ये सब देख कर. क्यूंकी एकता की पीठ मेरी तरफ थी तो सिर्फ़ उसकी ब्रा की स्ट्राइप ही मुझे दिख रही थी लेकिन ब्रा की स्ट्राइप से मुझे आइडिया लग रहा था कि आगे बूब्स काफ़ी टाइट पॅक्ड है. उसके बाद एकता मेरे भाई से बोलती है -[/b][/b]
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