12-13-2018, 01:43 PM,
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sexstories
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RE: Maa ki Chudai मा बेटा और बहन
मेने जैसे ही शुमैला की चूत को चूमा शुमैला की तो जैसे जान ही निकल
गई उस ने गांद उठा कर अपनी चूत को मेरे मुँह पे और दबा दिया. मम्मी इतने
मे शुमैला के पहलू मे आ गई और शुमैला की चूचियाँ चूसने लगी.
मेने ज़ुबान निकाल कर शुमैला की चूत के लबो पर फैरनी शुरू कर दी
शुमैला की चूत का ज़ायक़ा मेरी ज़ुबान पे आने लगा और मे भी दीवाना हो
गया. आज तो बहुत मज़ा आ रहा था. अकेले मे तो खूब चाटा था पर आज मम्मी
के सामने ही मज़ा ज़्यादा आ रहा था. मम्मी उसकी चूचियों को चूस रही थी.
शुमैला तड़प रही थी मस्ती से. मे और ज़ोर से शुमैला की चूत चाटने लगा.
शुमैला भी अपनी गांद उठा उठा कर मेरी ज़ुबान को अपनी चूत के और अंदर
लेने की कोशिश कर रही थी. उस के मुँह से हल्की हल्की आवाज़ मे तेज़ तेज़
सिसकियाँ निकालने लगीं.
मम्मी ने शुमैला को बुरी तरह कसमसाते हुए महसूस कर के कहा, "आमिर बेटा
बस करो तेरी बहन मज़े से मर जाएगी. उठो अब मे बताती हूँ क्या करना
है." मम्मी ने मेरे सिर मे हाथ फेरते हुए मुझे शुमैला की चूत से
उठाया.
मे मम्मी की तरफ देखने लगा. मेरे गालो पे शुमैला की चूत का सारा पानी
लगा हुआ था. मेने उसकी चूत से मुँह हटाया तो
शुमैला ने कसमसाना बंद कर दिया लेकिन उस की आँखूं मे से आँसू निकलने
लगे थे.
"उपेर आओ, इस की टाँगो के दरमियाँ और शुमैला की चूत पे अपना लंड
रखो." मम्मी के मुँह से ये सुन कर ऐक बार तो मुझे यकीन नही हुआ कि आज दिल
की मुराद पूरी होगी. मे बहुत खुश था कि आज बहन को चोद्ने का मौका मम्मी
दे रही हैं. फिर मे अपने घुटनो के बल उपर आ गया. अब मेरा लंड शुमैला
की चूत के बिल्कुल सामने था. मम्मी ने हाथ बढ़ा के मेरा लंड पकड़ा और
शुमैला की चूत के लबो पे फैरने लगी. शुमैला की चूत पे मेरा गरम
गरम लंड जैसे ही लगा उस ने ऐक झरजरी सी ली. मुझे भी इस मे बहुत मज़ा
आ रहा था. मम्मी को तो कई बार चोदा था पर शुमैला की कुँवारी चोद्ने का
पहला मौका था. मे थोड़ा और झुक गया अब मम्मी मेरा लंड शुमैला की चूत
की फांको के बीच ऊपर से नीचे फेरने लगी. शुमैला की गीली गीली चूत
मे गुदगुदी करने लगी.
"अया ह आअहह आ ह्म्म्म्मम." शुमैला के मुँह से बाक़ायदा सिसकियाँ निकलने
लगी.
"अरे बेटी मज़ा आने पर ऐसे ही होता है. अभी तू आहिस्ता आहिस्ता सिसक रही है
जब भाई का लंड अंदर जाकर तुझे चोदेगा तो मज़े से चिल्लाने लगेगी तू. मज़ा
आरहा है ना तुम दोनो को?" मम्मी ने शुमैला की तरफ मुँह कर के कहा.
मेने हां किया और शुमैला ने भी सर हिला दिया.
मे और शुमैला दोनो ही सरूर की दुनियाँ मे डूब चुके थे. मे ज़रा सा
अनबॅलेन्स हुआ और मेरा हार्ड लंड शुमैला की चूत के छेद मे घुस गया.
शुमैला ने बड़ी ही मुश्किल से अपनी चीख अपने होंठो मे दबाई लेकिन फिर
भी ज़रा सी निकल ही गई. मम्मी का हाथ भी मेरे लंड के साथ शुमैला की
चूत को जा लगा था.
"बस इतनी सी बात थी बेटी. आमिर आहिस्ता आहिस्ता अब और नीचे जाओ, और अंदर करो
अपना लंड अपनी बहन की चूत मे. लेकिन देखो आहिस्ता करना पहली बार है.
क्यों बेटी आज पहली बार चुद्वा रही हो ना?" मम्मी ने हाथ दोनो के बीच से
हटा कर मेरे सिर पे फेरते हुए कहा.
"जी मम्मी आज पहली बार भाईजान का अंदर जा रहा है." शुमैला ने अब खुलकर
बिना शरम के कहा.
अब मे आहिस्ता आहिस्ता अपने मोटे लंबे लंड को शुमैला की चूत मे अंदर केरने
लगा. शुमैला अपना सिर इधेर उधेर मारने लगी. उस ने आँखे ज़ोर से बंद कर
लीं थीं और टाँगो को बंद केरने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी टाँगों
के बीच मे था.
"बाअस्स्स!!! अया आह अह्ह्ह्ह!!!" शुमैला के मुँह से निकला वो दर्द से मरी जा रही
थी.
"रूको." मम्मी ने मुझ से कहा.
मे मम्मी की बात सुन वहीं रुक गया. शुमैला तेज़ तेज़ साँसे ले रही थीं.
उस की चूचियाँ उस के सीने पे पूरी तरहा फूल और पिचक रही थी. मम्मी उस
के सिर मे हाथ फैरने लगी.
"मम्मी भाई जान से कहो अपना लंड मेरी चूत से निकाले नही तो मे मर जाऊं
गी. आ आ." शुमैला ने मम्मी की तरफ देखते हुए कहा.
"बेटी यही दर्द तो लड़कियों को वह मज़ा देता है जिसके लिए लड़कियाँ कुच्छ भी
कर सकती हैं. तुम बहुत खुशनसीब हो जो तुमको तुम्हारा भाई ही तुम्हे यह
पहला दर्द दे रहा है. अभी मज़ा आएगा. अब कुछ नही हो गा. पहली बार होता है
मुझे भी हुआ था. ये बर्दाश्त कर लो तो समझो बोहत मज़ा आए गा, ज़रा सी देर
और." मम्मी ने शुमैला के बालो मे हाथ फेरते हुए उस समझाइया.
"नही, नही!!! बाकी फिर कभी इसे कहो निकाल ले,आह आह आहह!!" शुमैला ने सिर
हिलाते हुए कहा.
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