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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण भी मस्ती मे खोने लगा. वो जैसे ही उसकी गहराइयों मे पहुचा सुप्रिया के पैर उसकी कमर के चारो ऑर कस गये. अरुण उसको अपनी बाहों मे लेकर बेड से उतर दिया और दीवार से सट कर उसे उपर नीचे करने लगा.
मस्ती मे सुप्रिया के मूह से शब्द निकलना ही बंद हो गये बस घुटि घुटि मस्ती की आहें निकल रही थी. दोबारा झड़ने को हुई तो उसने अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया और कस के उससे चिपट गयी. अरुण उसके शरीर मे हर धक्के से चिंगारिया पैदा कर रहा था.
आख़िरी धक्का मारते ही अरुण झड गया. "ओह..फक," उसने चिल्लाया और कस के दो बार लंड को अंदर तक पेल दिया. उसके आँखो के आगे धुन्ध्लापन छाने लगे, तो वो थोड़ा डगमगाता हुआ उसे बेड तक ले गया और लंड को उसके अंदर डाले डाले ही लेट गया. सुप्रिया उसके जिस्म से चिपकी पड़ी साँसें ले रही थी. कुछ देर बाद अरुण ने हाथ उपर करके उसके मूह से कपड़ा हटा दिया और अपने होंठो से उसके होंठों का रस्पान करने लगा.
"आइ लव यू," वो बोला.
सुप्रिया ने वही कहने की कोशिश की लेकिन उसके मूह से कुछ और निकला जो अरुण को समझ नही आया तो वो हंस दिया.
"सो जाओ दी. वी'ल्ल टॉक टुमॉरो."
सुप्रिया ने सिर हिला दिया और एक बड़ी सी स्माइल के साथ अपने प्रेमी के उपर होके लेट गयी. जब वो सो गई तो अरुण ने प्यार से उसे साइड मे लिटा दिया और खुद बाथरूम मे जाकर शवर लेकर अपने रूम मे चला गया.
रूम खोलकर वो बेड पर गया तो आज उसे बड़ा सूनापन लगा क्यूकी सोनिया नही थी उसके पास. लेकिन फिर बाकी सब बातें सोचकर कि कैसे वो सबको एक एक करके सर्प्राइज़ देगा सोने लगा.
"अब आएगा मज़ा."
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"उठ जा चूतिए! बहुत काम है!" आवाज़ ने अरुण को जगाया
अरुण ने अंगड़ाई लेते हुए आँखे खोली और ध्यान करने लगा कि सच मे उसे काफ़ी काम है.
वो नीचे किचन मे गया तो सुप्रिया सींक पर थी. अरुण ने चारो तरफ देखा कोई नही था तो जाके उसे पीछे से पकड़ लिया और दूध दबाने लगा.
"उहमम्म्म, गुड मॉर्निंग, स्वीतू.." सुप्रिया उसका सहलाते हुए धीरे से बोली.
"मॉर्निंग दी," उसने गर्दन को चूमते हुए कहा.
सुप्रिया के हाथ उसके लंड पर पड़े तो तुरंत ही वो अलग होने लगा.
"ना, कोई आ जाएगा. रिमेंबर, रिवेंज.." अरुण एक शातिर मुस्कान के साथ बोला.
सुप्रिया ने बुरा सा मूह बना दिया.
"खैर, ये बताओ कल हुआ क्या? एक दम कैसे याद आ गया?" सुप्रिया काम पर लग गयी.
अरुण ने खुद के लिए सीरियाल निकाल लिए और वही पास मे बैठकर खाने लगा.
"डेट वाज़ गुड. वी टॉक्ड अबाउट 'यूएस'. उसके बाद जब मैं उसे किस कर रहा था तभी मुझे बहुत तेज सिर मे दर्द हुआ और तभी सब याद आ गया." अरुण ने आवाज़ वाली बात छोड़ दी.
किस की बात सुनके सुप्रिया थोड़ा झेप गयी लेकिन जब उसे ध्यान आया कि उस वक़्त उसे कुछ याद नही था तो थॉट को मन से निकाल दिया.
"तो एश से क्या कहोगे अब जब तुम्हे सब याद आ गया है?" सुप्रिया ने प्लेट को साइड मे रख कर कहा.
अरुण अपना सिर खुजाने लगा.
"डॉन'ट नो, दी. लेकिन कुछ तो सोचना ही पड़ेगा. आंड आइ डिड्न'ट वॉंट टू हर्ट हर." अरुण ने कहा. तब तक उसे सीढ़ियों पर किसी की आहट सुनाई दी तो जाके टेबल पर बैठ गया. कुछ ही देर मे सोनिया और आरोही हंसते हुए वहाँ आ गये, सोनिया ने वही फटी हुई टी-शर्ट और पैंटी पहनी थी, और आरोही स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट्स मे थी.
"पकड़ कर चोद डाल दोनो को!" आवाज़ ने अरुण को उकसाते हुए कहा
"सीरियस्ली?"
"सॉरी, ओवरएग्ज़्साइट्मेंट मे निकल गया. बहुत दिन हो गये ना." आवाज़ ने अपनी सफाई दी
उन्हे देख कर अरुण ने तक़लीफ़ वाला चेहरा बनाकर चेहरा घुमा लिया लेकिन अंदर ही अंदर हंस पड़ा. तब तक स्नेहा भी रूम से आ गयी.
नाश्ते के वक़्त सबके बीच केवल अरुण की डेट की ही बातें होती रही. अरुण उन्हे सब कुछ बताता चला गया एक्सेप्ट याददाश्त वापस आने के.
सुप्रिया खा के जल्दी ही एप्रन को उतार के अपने रूम मे चली गयी. जैसे ही उसके रूम का दरवाजा बंद हुआ आरोही अपने भाई बहनों की ओर झुकी. "तो आज दी के बर्तडे के लिए क्या प्लान है?"
"शिट, मैं तो भूल ही गया था कि उनका बर्थ'डे है आज. मुझे कुछ अच्छा सा देना पड़ेगा." अरुण बोला.
"सर्प्राइज़ पार्टी?" सोनिया ने अपना आइडिया दिया.
स्नेहा ना मे सिर हिलाने लगी. "ना, मुझे नही लगता अच्छा आइडिया है, आख़िर मे वही ज़िद करने लगती हैं सफाई की और खुद ही सफाई करने लगेगी."
"तो बिग पार्टी कॅन्सल, फिर." आरोही बोली.
अरुण ने उन सबकी ओर देखा. "मुझे ऐसा क्यू लग रहा है तुम सबने पहले ही गिफ्ट्स चूज़ कर लिए हैं?"
"एप." तीनो ने एक साथ कहा.
अरुण सोचने लगा कि आख़िर लड़कियों को ये चीज़े याद कैसे रहती हैं.
"शायद दूधो का कोई कनेक्षन होता होगा." आवाज़ ने हंस कर कहा
फिर तीनो खाकर वहाँ से चली गयी. अरुण भी खाना ख़त्म करके अपने रूम मे चला गया. कपड़े पहेन के और वॉलेट उठा के वो बाहर जाने लगा.
"जब तेरी पॅंट मे पहले से ही बहतेरीन गिफ्ट है तो और कुछ ढूढ़ने की क्या ज़रूरत!?" आवाज़ ने कहा
"नाइस ट्राइ लेकिन लड़की को लंड के अलावा भी कुछ चाहिए होता है."
"चूत." आवाज़ ने कहा
"शट अप."
अरुण बाहर निकलकर कार मे बैठा और मार्केट चल दिया. वो रास्ते मे जा ही रहा था कि एक जगह उसकी नज़र पड़ी और उसके चेहरे पर स्माइल आ गयी.
जब वो घर पहुचा तो स्नेहा उपर से नीचे आ रही थी, उसने शायद ब्रा नही पहनी थी और सफेद टॉप मे उसके दूध उपर नीचे हो रहे थे.
अरुण ने तुरंत ही चेहरे पर शिकन लानी शुरू कर दी.
"अगर तूने जल्दी इन्हे नही पकड़ा तो मैं पागल होने वाला हूँ..हम्म." आवाज़ ने अधीर होते हुए कहा
स्नेहा ने अरुण के चेहरे पर शिकन देखी तो अंदर ही अंदर खुश होने लगी.
शाम को वो हॉल मे टीवी देख रहा था कि सोनिया और आरोही दोनो जिम वाले कपड़ो मे थी और बाहर जाने को थे.
"रन्निंग के लिए चलोगे?"
"नही. अभी भी थोड़ा पेन होता है." अरुण ने कहा और उपर चला गया. अगर पेन नही हो रहा होता तो वो पक्का जाता, ये बात सोचने लगा. उपर जाके वो नॉवेल पढ़ते पढ़ते सो गया.
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आरोही ने अपना सिर अरुण के कमरे मे घुसाया, 3 घंटे हो चुके थे तबसे अरुण सो रहा था. चुपके से वो अंदर घुसी और उसके शॉर्ट्स मे बने तंबू को देखकर स्माइल करने लगी.
"कोई सपना देख रहा होगा," उसने वही देखते हुए सोचा. वो सोचने लगी कि एक ही साल मे उनकी रिलेशन्षिप कितनी चेंज हो गयी. पहले भी अरुण उसे अट्रॅक्टिव लगता था लेकिन अब तो बात ही अलग थी. मानो एक दम से कोई स्विच ऑन हो गया उसके अंदर. उसे ध्यान आने लगा कि कैसे अभी कुछ महीने पहले अरुण पूल की सफाई के बाद शर्ट उतार कर अपने शरीर को भिगो रहा था. उसकी मसल्स हल्की हल्की चमक रही थी. वो भी उसको और सोनिया को देखकर काफ़ी उत्तेजित हो गया था.
उसी दिन से उसने मास्टरबेट करते समय उसके बारे मे सोचना शुरू कर दिया था. उसने अपने विचारो से लड़ाई नही करी थी, उसने बस इस बात को मान लिया था कि वो अपने भाई की तरफ अट्रॅक्टेड है. ऐसा नही था कि मास्टरबेट करते समय उसके मन मे सिर्फ़ अरुण ही आता था, बाद मे उसके मन मे सुप्रिया, स्नेहा, सोनिया सबने अपनी जगह बना ली. सोनिया उसके उपर चढ़ के उसकी चूत चाट रही होती और स्नेहा उसके मूह पर बैठी होती.
यही सोचते सोचते वो पास की चेयर पर बैठ गयी और शॉर्ट्स के उपर से ही चूत को दबाने लगी. पहले उसे अपनी इस सेक्स ड्राइव से थोड़ा डर लगता था लेकिन फिर उसने खुद को समझाया कि घर मे तो ठीक है लेकिन बाहर ये सही नही होगा.
अरुण नींद मे ही हिला तो उसके शॉर्ट्स के छेद मे से लंड बाहर आ गया.
"फक," आरोही बोली और उसके हाथ अपने आप ही उसके शॉर्ट्स मे घुसकर चूत को रगड़ने लगे.
वो जानती थी कि ये ठीक नही है लेकिन उसकी इच्छा उस पर हावी होने लगी. "अगर जाग गया तो?" वो सोचने लगी और उसके लंड को देखते हुए उसकी उंगलियाँ और तेज़ी से क्लाइटॉरिस को रगड़ने लगी.
उसने अपने शॉर्ट्स से हाथ निकाला और मूह मे रख के उंगलियाँ गीली करने लगी और फिरसे नीचे हाथ करके उंगली अंदर डाल दी. अरुण के मूह से हल्की सिसकी निकली और वो नींद मे ही मुस्कुराने लगा. "आरू.." उसने नींद मे कहा.
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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
आरोही ने तुरंत ही अपनी हँसी रोकने के लिए मूह पर हाथ रख लिया. वो उसके बारे मे सपना देख रहा था! वो उसके पास बढ़ी और चूत को मसल्ति रही. अगर पुराने वाले अरुण ने पकड़ लिया तो कितनी मस्त सज़ा देता, ये सोचकर उसके हाथ और तेज़ी से चलने लगे और वो झड़ने के करीब पहुचने लगी. आरोही ने देखा कि पलकों के नीचे अरुण की आँखें बार बार इधर उधर हो रही थी. वो सही मे उसके बारे मे सपना देख रहा था.
उसकी नज़रे जब फिरसे लंड पर पड़ी तो उसके मूह मे पानी आने लगा, वो बस तुरंत ही उसे मूह मे रखके उसके रस का स्वाद लेना चाहती थी. और जब उसकी चूत लंड से टकराएगी, उःम्म्म्ममम. अपनी चुदाई की बात सोचते ही वो झड़ने लगी और उसके पैर काँपने लगे, उसकी स्पीड क्लाइटॉरिस पर और तेज हो गयी. उसने अपनी आवाज़ को रोकने के लिए अपने होठ को दाँतों तले दबा लिया.
ओरगस्म ख़त्म होते ही उसने नीचे देखा तो अरुण अब भी उसी पोज़िशन मे था और उसका लंड बिल्कुल सीधा खड़ा हुआ था. वो मन मायूस करके बाहर जाने लगी और सोचने लगी कि काश अरुण की यादास्त जल्दी वापस आ जाए.
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सुप्रिया सिर नीचे करके लेटी थी, उसका पीछे का हिस्सा टवल से ढका हुआ था और एक खूबसूरत सी लड़की उसकी स्किन पर तेल मसल रही थी. लड़की के हाथ पीठ पर घूमते ही सुप्रिया आराम से सिसक पड़ी.
"फील्स सो गुड," उसने खुद से कहा.
उस लड़की ने कुछ नही कहा बस उसकी पीठ को मसाज करती रही, और सुप्रिया की सिसकी आती रही.
"मुझे इसके बदले मे आरू के लिए भी कुछ अच्छा सा करना पड़ेगा," उसने एक शातिर मुस्कान के साथ सोचा. "अरुण तो अभी मदद नही कर सकता लेकिन आरू पक्का मेरी हेल्प कर सकती है."
कुछ देर बाद वो लड़की चुपचाप रूम छोड़कर चली गयी और सुप्रिया कुछ देर बाद कपड़े पहेन कर घर को वापस चलने लगी. वापस आते टाइम वो सोचने लगी कि उसके बाकी बहने और अरुण उसके लिए क्या लेकर आए होंगे. पार्टी तो वो लोग देंगे नही क्यूकी उन्हे पता था कि आख़िर मे वही सब कुछ समेटने लगती है.
उसने गॅरेज मे कार खड़ी करी तो अरुण की कार भी वही थी. घर का गेट खोला तो अंदर से स्नेहा के खाने की महक उसे अच्छा फील करवाने लगी.
वो किचन मे पहुचि तो स्नेहा पलटी उसकी ओर और उसे गले लगा लिया.
"तो स्पा कैसा था, दी?" आरोही ने पीछे से आके पूछा.
"गॉड, इट वाज़ सो गुड." वो आँखें बंद करके आह भरके बोली. "उस लड़की को सही मे मसाज करना आता है." फिर उसने आरोही को अपने गले से लगा लिया. "थॅंक यू सो मच, आरू."
"हॅपी बर्थ'डे, दी." आरोही ने उसे कस के पकड़ते हुए कहा. "आपको पता है आप अगले साल हाफ फिफ्टी हो जाओगी?" आरोही ने वापस हटते हुए कहा और तुरंत ही उसके हाथ पर हाथ पड़ा.
"आरू!" सुप्रिया चौन्कते हुए चिल्लाई. "अब तू पिटेगी!" वो उसके पीछे चिल्लाते हुए भागी.
आरोही हंसते हुए पीछे हटने लगी तेज़ी से.
"रुक ज़रा!" सुप्रिया चिल्लाई.
आरोही वापस मूड कर तेज़ी से हॉल की तरफ भाग खड़ी हुई. भागते ही एक दम से वो किसी से टकराई, जो कि अरुण था. अरुण ने जल्दी से उसको दोनो हाथ को पीठ की तरफ करके पकड़ लिया और हँसने लगा.
"दी, जल्दी आओ!" अरुण हंसते हुए बोला.
"अरुण, मेरे प्यारे भाई, छोड़ ना.." आरोही छूटने की कोशिश करते हुए बोली. "हम दोनो एक साइड होते हैं यार," वो मिन्नत करते हुए बोली तब तक सुप्रिया उसके पास आके उसे गुदगुदी करने लगी.
आरोही बेतहंशा हँसने लगी सुप्रिया के हाथ अपने पेट पर पड़ते ही. "फिफ्टी," उसने आरोही की पसलियों के पास उंगली चलाते हुए कहा.
आरोही कुछ ज़्यादा ही कूदने लगी तो अरुण ने उसे ज़मीन पर कर दिया और पलटकर उसके सीने पर बैठ गया.
"ओह..." आरोही साँस भरते हुए बोली. "कितने मोटे हो गये हो तुम," उसने कहा तो अरुण ने अपने चुतड़ों को उसके सीने पर और घुमाया तो आरोही हाँफने लगी.
सुप्रिया हंसते हुए पीछे हटी तो अरुण भी आरोही के उपर से उठ गया. "थॅंक्स फॉर हेल्प, स्वीतू."
"एनिटाइम, दी." अरुण ने हाथ बढ़कर आरोही को खड़ा करते हुए कहा. आरोही ने मौके का फ़ायदा उठाकर अरुण के गुदगुदी करनी शुरू कर दी. अरुण भी हंसते हुए और दर्द से ज़मीन पर बैठ गया लेकिन आरोही उसपर बिना रहम खाए अपनी उंगलियाँ चलाती रही और उसके सीने पर बैठ गयी.
"ओके, ओके, मैं हार गया.." अरुण हान्फते हुए बोला.
"अभी नही, मेरे पास तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है," आरोही हंसते हुए बोली.
और तभी उसे हल्की सी पादने की आवाज़ सुनाई पड़ी. अरुण नाक सिकोड़ने लगा, "आहः, आरुउउ..." वो अपने मूह पर हाथ रखते हुए बोला और बाकी सब हंस रहे थे.
"अब अगली बार मेरी साइड रहना, नही तो." आरोही हंसते हुए उठ खड़ी हुई. अरुण बेचारा नाक भौ सिकोडते हुए उठा.
आरोही ने आगे बढ़के उसके गाल पर किस कर दिया और उसे सोफे पर बिठा दिया.
फिर सब लोग डिन्नर करने लगे. सभी हँसी मज़ाक करते हुए खाने लगे. सुप्रिया ने तो बिल्कुल ऐसे खाया जैसे जिंदगी मे पहली बार स्नेहा के हाथो का खाना खा रही हो. खाने के बाद सोनिया उसके लिए गिफ्ट के रूप मे एक डीवीडी लेकर आई जिसे वो लोग बाद मे देखने वाले थे.
तब अरुण मुस्कुराते हुए खड़ा हुआ. "तो, अब मेरी बारी. लेकिन एक बात, मैने सिर्फ़ सुप्रिया दी के लिए ही गिफ्ट नही खरीदा बल्कि सबके लिए लिया है." अरुण उपर अपने रूम मे गया और वापस आया तो उसके हाथ मे बड़ा सा बॉक्स था जिसमे काफ़ी होल्स थे उपर की तरफ.
"अवव, अरुण," सुप्रिया ने बॉक्स के रॅपिंग देख कर कहा.
"ये पक्का इसने ही चढ़ाया है," आरोही बोली.
सुप्रिया ने जल्दी से बॉक्स टेबल पर रखा और रॅपर छूटा कर होल्स के अंदर देखने लगी.
अंदर से हल्की सी आवाज़ आई तो सभी क्यूरियस हो गये. अरुण ने बॉक्स खोला तो सभी एक साथ उछल पड़े.
"ओह माइ गॉड," सभी चिल्ला कर बॉक्स मे से पप्पीस को निकालने लगी. "सो क्यूट!" सोनिया एक के पेट मे नाक रगड़ते हुए बोली.
"मैने इन्हे शॉप पर देखा और किस्मत देखिए ये 5 ही थे तो मैने सोचा सबके लिए हो जाएगा."
सभी ने एक एक पप्पी को उठा लिया था और उनके साथ अजीब अजीब मूह बनाकर खेल रहे थे.
"तुम्हारे लिए मैं अच्छा सा नाम ढूंढुगी," सोनिया ने अपने पप्पी को उपर उठाते हुए कहा.
आरोही ने अपने पप्पी को बिल्कुल अपने करीब करके उसे किस कर रही थी. "दिस वन ईज़ सो क्यूट," उसने धीरे से बोला. "ओह्ह्ह,,क्यूटी पिए..क्यूटी.."
बाकी सब उसकी ओर देखने लगे तो आरोही रुक गयी.
"व्हाट?" उसने पूछा.
"नही बस मुझे पता नही था आरोही लड़की की तरह हरकते भी कर सकती है," अरुण ने कहा और तुरंत ही एक हाथ उसके सीने पर पड़ा.
"थॅंक यू सो मच," सुप्रिया खड़ी होते हुए बोली.
"दी, अभी रात ख़त्म नही हुई, हॉल मे चलो." सोनिया बोली तो सुप्रिया आगे आगे चलने लगी.
अरुण सोफे के बीच मे बैठ गया और सभी पप्पीस को उसकी गोद मे रखके सभी उसके आस पास बैठ गये. सोनिया ने डीवीडी को डीवीडी प्लेयर मे लगाया और रिमोट उठाकर सुप्रिया की ओर देखने लगी.
"जबसे मोम डॅड, गुज़रे हैं, आपने हम लोगो को इतना प्यार दिया है. थॅंक यू फॉर दट. आइ होप यू एंजाय," सोनिया बोली और प्ले करके आरोही से सॅट कर बैठ गयी. अरुण के दोनो तरफ आरोही और सुप्रिया थे, सोनिया का सिर आरोही के कंधे पर और स्नेहा का सिर सुप्रिया के कंधे पर था. और सुप्रिया और आरोही अरुण से चिपक कर बैठी थी.
डीवीडी प्ले होते ही उनकी फॅमिली की फोटो थी. पिक्चर हटी तो अरुण के एक फुटबॉल गेम की फुटेज थी. सुप्रिया वीडियो मे अरुण के लिए चियर कर रही थी.
"वो रहा रोहित," अरुण ने टीवी की तरफ इशारा करते हुए कहा. वो दोनो वीडियो मे एक दूसरे को बॉल पास करते हुए आगे बढ़ रहे थे. "और वो रहा मैं," अरुण ने मुस्कुराते हुए कहा.
गोल के पास पहुचे तो रोहित ने बॉल को आगे की तरफ किक किया अरुण शूट करने के लिए आगे बढ़ा लेकिन अरुण तुरंत ही फिसला और मूह के बल फील्ड पर गिर पड़ा. आरोही और बाकी सब वीडियो मे हंस रहे थे, जब अरुण उठा और उसके पूरे चेहरे पर मिट्टी और घास लगी हुई थी.
उसके बाद वीडियो चेंज हुआ तो उसमे सुप्रिया थी, काफ़ी छोटी और स्कूल मे ड्रेस कंपेटीशन के लिए परी बनी हुई थी लेकिन उसका चेहरा उतरा हुआ था. "मुझे ये ध्यान है, मैं..." सुप्रिया बोली.
स्क्रीन पर छोटी सी सुप्रिया ने चिल्ला कर कहा रोते हुए, "मुझे प्रिन्सेस बनना है, परी नही." सभी हँसने लगे. वीडियो इस बार चेंज हुआ तो स्नेहा चश्मा पहने डॅन्स कर रही थी, छोटी सी स्नेहा बहुत ही क्यूट लग रही थी. स्नेहा ने रिमोट उठाने के लिए हाथ बढ़ाया तो सभी ने उसका हाथ पीछे कर दिया.
इस बार वीडियो चेंज हुआ तो अरुण के चेहरे पर बड़ी मुस्कान आ गयी. अरुण, आरोही और सोनिया के बीच चेयर पर बैठा हुआ था, वो मुश्किल से 6 साल का होगा और आरोही और सोनिया उसे हॅंडसम बनाने की कोशिश कर रही थी.
"सच्ची? ये भी दिन थे." आवाज़ ने पूछा.
"मोम कितनी नाराज़ हो गयी थी तुम दोनो पर," अरुण मुस्कुराते हुए बोला. आगे के सीन थोड़े छोटे छोटे थे, सोनिया का पहला मेकप, सुप्रिया श्रुति और एक लड़की के साथ अपने रूम मे डॅन्स कर रही थी, आरोही का रेस करते समय गिरना और आगे वाली लड़की को पीटना.
अगला सीन आया तो सभी ज़ोर से हंस पड़े. उनके डॅड रेकॉर्ड कर रहे थे और वीडियो मे उनकी मोम की आवाज़ सुनी जा सकती थी जब वो आरोही को समझा रही थी कि वो कितनी अच्छी लग रही है. कॅमरा का फोकस बाथरूम की ओर हुआ तो 8 साल की आरोही गुस्से से वहाँ खड़ी थी. वो गुस्से से अपनी मोम के देखे जा रही थी, उसकी थयोरी चढ़ि हुई थी और उसने सुप्रिया की परी वाली ड्रेस पहेन रखी थी.
सीन मे अरुण आया और आरोही की तरफ उंगली करके बड़ी तेज़ी से हँसने लगा.
"आरू, तू कितनी क्यूट लग रही है," उनकी मोम ने कहा.
"लेकिन मुझे निंजा बनना है!" आरोही गुस्से से चीखती हुई अरुण के पीछे भागी जो तुरंत ही हंसते हुए आगे आगे भागने लगा.
20 25 मिनिट तक सब एक दूसरे के एम्बररासिंग वीडियो देखकर हंसते रहे. जब डीवीडी रुकी तो सभी की आँखो मे थोड़े आसू थे. सुप्रिया ने सभी को गले लगा लिया.
"थॅंक यू."
सोनिया ने मुस्कुराते हुए कहा और अपने आसू पोछ लिए. "दी, यू'आर दा बेस्ट मोम वी कुड हॅव होप्ड फॉर. मैने सोचा किसी बेकार सी फिल्म से अच्छा यही है कि हम अपने बचपन के दिनो को याद कर ले."
"इट'स पर्फेक्ट," सुप्रिया ने उसका गाल चूमते हुए कहा.
फिर वो लोग ऐसे ही बातें करते हुए पप्पीस के साथ खेलने लगे तो अरुण उठा और एक बॉक्स को लेकर आया. उसे काटकर उसने बास्केट की तरह कर दिया और उसके अंदर एक टवल रख दी. फिर सबको दिखाने के लिए ले आया.
"ये तब तक तो काम चला ही देगा जब तक तुम लोग कुछ ढूँढ नही लेते."
सुप्रिया ने हंसते हुए सिर हिला दिया. "मेरे रूम मे रख दो, मैं आज रात इनका ख़याल रख लूँगी."
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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण जब सुप्रिया के कमरे से निकला तो सभी अपने अपने पप्पी के साथ खेल रही थी. सुप्रिया ने पलटकर उसे देखा तो उसने फ्लाइयिंग किस कर दी और फिर सबको गाल पर किस करके उपर चला गया.
रूम मे पहुचते ही उसने सुप्रिया को मेसेज कर दिया कि जब सब सो जाए तो उसके रूम मे आ जाए. एक और गिफ्ट देना है उसे. विंक की स्माइली लगा के उसने एसएमएस सेंड कर दिया.
काफ़ी देर बाद उसे अपने रूम के गेट की दराज से बाहर की लाइट ऑफ होते दिखी. फिर उसके 20 मिनिट बाद उसके दरवाजे पर हल्के से नॉक हुआ तो उसने दरवाजा खोल दिया. दरवाजा लॉक करके दोनो एक दूसरे के शरीर से कपड़े उतारने लगे लेकिन थोड़ी सावधानी से और फिर अरुण उसे लेकर बिस्तर पर गिर पड़ा और उसे उसका गिफ्ट देने लगा.
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अगली सुबह, अरुण उठा तो उसके मन मे एक शातिर आइडिया घूम रहा था. सुप्रिया थी नही उसके बिस्तर पर यानी कि रात मे ही चली गयी थी. वो उठा और चुपके चुपके आरोही के रूम मे पहुचा. उसने अंदर झाँक कर देखा तो अपनी अच्छी किस्मत की दाद देने लगा, सोनिया आज अपने रूम मे ही सो रही थी और आरोही अकेली थी. आरोही की पीठ नंगी थी और नीचे चादर पड़ी हुई थी.
अरुण ने चुपके से दरवाजा लॉक किया और उसके पास आके अपने शॉर्ट्स को उतार दिया, थोड़ी चहेल पहेल सुनके आरोही नींद मे ही पलटी. जैसे ही वो पीठ के बल लेटी अरुण ने पैर को दूसरी तरफ कर के सीने पर बैठ गया और अपने लंड को सीधे उसकी गर्दन पर रख दिया.
आरोही इस सब से जागी तो एक दम से उसकी आँखो मे डर आ गया. "हे भगवान, अरुण!" वो चिल्लाते हुए बोली लेकिन तभी उसकी नज़र अरुण के लंड पर पड़ी जो उसके चेहरे के इतना करीब था. उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी.
"आइ रिमेंबर," उसने मुस्कुराते हुए कहा.
आरोही ने तुरंत ही मूह खोलकर लंड को अंदर डाल लिया.
"बट, आइ हॅव रूल्स," अरुण ने उसके हाथ को लंड से हटाते हुए कहा, जो उसकी जीभ लगने से और ज़्यादा कठोर हो गया था.
"मैं सबको धीरे धीरे एक एक करके बताने वाला हूँ. तो यू हॅव टू रिमेन साइलेंट अबाउट दिस." वो आगे झुककर उसके कान के पास पहुच गया. "मैं जैसा कहूँगा, तुम बिल्कुल वैसा ही करोगी. बाकी सब के सामने तुम बिल्कुल कल वाली आरोही ही रहोगी. अगर तुमने कुछ गड़बड़ की तो अगले एक महीने तक कोई ऑर्गॅज़म नही." अरुण ने चेतावनी दी.
"आइ अग्री." आरोही अपना सिर हिलाकर बोली.
अरुण उसके उपर से हटा तो आरोही ने झट से उसे खुद से लगा लिया. "आइ'म सो हॅपी."
अरुण ने भी हंसते हुए अपने होठ उसके होंठो के करीब कर दिए. "ध्यान रहे, बिल्कुल शांत रहना है."
आरोही ने इसका जवाब उसके होंठो के अंदर अपनी जीभ डाल के दिया.
"मैं जब तक ना कहूँ तब तक तुम पैंटी नही पहानोगी," अरुण ने कहा.
"ओके," आरोही की चूत यही सुन के गीली होने लगी.
"गुड गर्ल," अरुण ने नीचे उसकी गर्दन चूमते हुए कहा. "अब आराम से लेटो और अपना गिफ्ट एंजाय करो," वो नीचे की ओर जाते हुए बोला. आरोही के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गयी और उसके पैर खुद ही खुलते चले गये. अरुण ने भी बिल्कुल देर ना करते हुए उसकी चूत को अपने होंठो से छू लिया और तुरंत ही अपनी जीभ को चूत के अंदर घुसेड दिया. कुछ सेकेंड्स के लिए क्लाइटॉरिस को मूह मे छेड़कर और चूस्कर उसने आरोही को मचलने पर मजबूर कर दिया. क्लाइटॉरिस को छोड़कर उसने जीभ को सीधा सीधा पट करके चूत पर रख दिया और फिर आराम से चाटने लगा, आरोही के पैर उसके सिर को दबोचने लगे.
"फक! आइ वॉंट यू सो फक्किंग बॅड. आइ प्रॉमिस....ओम्म..जो कहोगे..वही करूँगी."
अरुण ने हंसते हुए एक एक करके दो उंगली चूत मे डाली और हुक की तरह करके अंदर कुरेदने लगा और साथ मे जीभ से क्लाइटॉरिस पर हमला कर दिया.
"ओमम्म्म," आरोही ने धीरे से काँपति आवाज़ मे कहा. तभी आरोही की एक दबी सी चीख निकली, उसने अपनी चीख रोकने के लिए अपने दोनो हाथ मूह पर रख लिए, जैसी ही उसकी चूत ने सिकुड़ना सुरू किया. उसने हाथ से अरुण का सिर अपनी चूत पर कस के दबा दिया और झड़ने का मज़ा लेने लगी. अरुण ने भी उंगली निकालकर सीधे पूरी जीभ चूत मे डाल दी और उसके रस को पीने लगा.
कुछ देर बाद जब वो पैरो से बाहर निकला तो उसका चेहरा थूक और उसकी चूत के पानी से भीगा हुआ था.
"मेरा चेहरा सॉफ करो," अरुण बोला. आरोही हंसते हुए आगे आई और अपनी जीभ को उसकी गर्दन पर रख के चाटने लगी, गर्दन से बढ़ते हुए वो उसके जबड़े तक पहुच फिर उसके होंठो और जीभ फिर गाल फिर पूरे चेहरे पर उसने अपनी जीभ फिरा दी.
सॉफ होके अरुण ने उसे दूर किया. "अपने घुटनो पर," ज़मीन की ओर इशारा करते हुए अरुण बोला.
आरोही तुरंत ही किसी अग्याकारी बच्चे की तरह फर्श पर बैठकर उसकी ओर देखने लगी.
"अब क्या करूँ?"
"मेरा लंड चूसो," उसने बेड पर बैठकर कहा और पैर नीचे कर दिए. आरोही ने हंसते हुए अपना मूह खोला, और अपनी जीभ पर होठ फेरने लगी, और लगातार उसकी आँखो मे देखती रही.
"गॉड यू आर सो फक्किंग सेक्सी," अरुण ने कहा और उसका सिर आराम से पकड़कर लंड को होंठो पर रगड़ने लगा. "अब," उसने बोला तब तक आरोही उसके सुपाडे को हल्के हल्के चूस रही थी,"जितनी ताक़त से चूस सकती हो चूसो,"
आरोही के होठ उसके लंड के इर्द गिर्द कसते चले गये, और उसने अपनी पूरी ताक़त से लंड को चूसना शुरू कर दिया. अरुण के चेहरे को देखकर लग रहा था कि वो मज़े मे है, और वो मस्ती मे अपनी कमर को हिलाने लगा.
"ओह्ह," अरुण उसकी तरफ देखते हुए बोला. "आगे से जब भी तुम मेरा लंड चुसोगी तो इसी तरीके से चुसोगी,"
आरोही ने जवाब मे और कस के अंदर खीच लिया तो अरुण सिसक उठा.
"और तेज," उसने कहा. आरोही ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी से अपने मूह को आगे पीछे करने लगी और अपने हाथ से उसके टट्टो को सहलाती रही.
"गुड..उःम्म्म," अरुण झड़ने के करीब आते ही बोला. उसने नीचे देखा तो वो उसकी तरफ ही देख रही थी. "आह, आइ लव यू,," अरुण बोला और तुरंत ही लंड ने गर्म गर्म वीर्य उसके गले मे उतारना शुरू कर दिया. आरोही तब तक लंड को चुस्ती रही जब तक की आख़िरी बूँद तक उसमे से गटक नही ली.
आरोही झड़ने के बाद भी लंड को उपर से नीचे तक जीभ से चाटती रही.
"और कुछ," आरोही ने आख़िरी बार लंड पे किस करके कहा.
"आरू, तुम इतनी अच्छी कैसे हो गयी इस काम मे?" अरुण ने सिर को पकड़ते हुए कहा.
"अगर तुम चाहो तो मैं जिंदगी भर तुम्हारा लंड चूस सकती हूँ," उसने उसके टट्टो को मूह से निकालकर कहा.
"साउंड्स नाइस, लेकिन आज कॉलेज भी जाना है."
आरोही वही बैठकर पाउट फेस दिखाने लगी लेकिन फिर नॉर्मल हो गयी जब अरुण पर इस का कोई असर नही हुआ. "एनीवे, आइ'म ग्लॅड यू'आर बॅक टू नॉर्मल." वो उछलते हुए बोली.
"मी टू," अरुण ने उसके माथे को चूमकर कहा.
फिर अरुण अपने रूम मे चला गया.
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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
कुछ देर बाद जब वो नीचे आया तो सभी लोग अपने अपने पप्पीस के साथ खेल रहे थे और बात कर रहे थे.
"मैं तो कोई बढ़िया सा नाम रखूँगी इसका," सुप्रिया बोली.
"ऐसा क्या?" आरोही बोली.
"अभी तक नही डिसाइड किया," अरुण ने पास मे बैठते हुए पूछा.
"कहा," सुप्रिया बोली. "तुमने क्या सोचा."
"मॅक्स," अरुण बोला.
"मेरे वाले का आइनस्टाइन," स्नेहा बोली.
आरोही हँसने लगी. "सही ही दी, जैसा मालिक वैसा ही नाम."
अरुण भी हंसकर सिर हिलाने लगा. उसने सोनिया की ओर देखकर पूछा. "तुमने क्या सोचा?"
सोनिया ने मुस्कुराते हुए कंधे उचका दिए. "मैं तो हमेशा से किसी को "प्रिन्सेस" कहना चाहती थी, तो 'प्रिन्सेस' डिसाइडेड."
आरोही अपनी आँखें घुमाने लगी. "यू'आर सो प्रिडिक्टबल," तो सोनिया हंसते हुए अपने पप्पी को सहलाने लगी.
कुछ देर बाद, अरुण और आरोही साथ मे कॉलेज के लिए निकले, उनके पीछे सोनिया और स्नेहा.
कॉलेज पहुचे तो वो लोग क्लास की ओर जा ही रहे थे कि पीछे से किसी ने अरुण को बुलाया. अरुण पलटा तो एश उसकी ओर आ रही थी. मुस्कुराते हुए दोनो गले मिले.
"हे," अरुण बोला, और उसके मन मे चलने लगा कि अब उससे बात कैसे करे वो, जब उसे सब ध्यान आ गया है.
"हाउ आर यू?"
एश ने साथ मे चलते हुए पूछा.
"आइ'एम ओके. आइ जस्ट..काफ़ी कुछ एक साथ हो रहा है."
एश उसे गंभीर नज़र से देखने लगी. "मैं कुछ हेल्प कर सकती हूँ?"
"नाह, आइ जस्ट नीड टाइम." अरुण ने कहा.
"आइ अंडरस्टॅंड अरुण," एसा ने उसका हाथ दबाते हुए कहा. "आइ रियली डू. अगर हम लोग एक दूसरे के लिए कुछ और हो ना हो, दोस्त तो हैं."
अरुण ने सिर हिला दिया. "थॅंक्स, एशू."
अरुण एश को उसकी क्लास के बाहर छोड़ के आगे बढ़ गया. उसने मन मे ठान लिया कि कुछ भी हो वो पलट कर पीछे नही देखेगा. उसे तभी एश के बारे मे सोचकर बुरा लगने लगा लेकिन फिर उन विचारो को मन से निकल दिया. आख़िर उसके साथ इतना कुछ हुआ है, शी डिज़र्व गुड. उसने ठान लिया कि बैठकर वो अपनी बहनों से पहले इस बारे मे बात करेगा फिर एश को सब कुछ समझाएगा.
आरोही उससे आगे चल रही थी और क्लास के बाहर खड़ी होकर थोड़ा गुस्से से उसे देख रही थी.
"अब क्या हुआ?" अरुण ने पूछा.
"उसे अब क्या चाहिए?" आरोही गुर्राते हुए बोली.
"क्या वो सिंपल हाई भी नही बोल सकती?" अरुण ने भी इरिटेट होते हुए कहा.
आरोही ने कोई जवाब तो नही दिया लेकिन अरुण को महसूस हुआ कि उसकी गुस्से भरी नज़रे उसी को देख रही थी.
"तुम कभी कभी सच मे इंसानियत तक भूल जाती हो," अरुण गुस्से से बोला.
आरोही कुछ देर उसे देखती रही फिर उसके पास आके बैठ गयी और उसका हाथ पकड़ लिया. "सॉरी, मैं बस थोड़ा अपसेट हो गयी थी. मुझे नही पसंद कि कोई मेरे बाय्फ्रेंड को छीनने की कोशिश करे."
उसने जिस लहज़े मे ये बात कही, अरुण खुद को मुस्कुराने से रोक नही पाया.
"बाय्फ्रेंड? हुहम?" अरुण ने हंसते हुए पूछा.
आरोही भी शरमा गयी. तब तक क्लास मे प्रोफेसर आ गये.
कॉलेज के एंड मे जब अरुण अपनी कार के पास पहुचा तो आरोही पहले से ही वहाँ थी. "आइ'म सो फक्किंग हॉर्नी," आरोही ने उसके कान मे कहा और जल्दी से कार मे बैठ गयी.
कार स्टार्ट करके दोनो घर की ओर चल दिए.
"लिसन, आइ वॉंट टू अस्क सम्तिंग?" अरुण ने कहा.
"यू कॅन फक माइ आस.." आरोही तपाक से बोली.
अरुण तुरंत ही हंसते हुए कार को रोकने लगा. काफ़ी देर तक हँसने के बाद उसने खुद को संभाला. "हुह, नही..यार..मेरे कहने का ये मतलब नही था."
"अववव," आरोही मायूसी से बोली.
"मुझे सभी से ये बात पूछनी है, लेकिन मैं सोनिया और स्नेहा दी को अभी ये बताना नही चाहता कि मेरी यादास्त वापस आ गयी है.
"क्या?" आरोही अपने बॅग मे कुछ ढूढ़ते हुए ओली.
"अभी नही घर चलो, दी और तुमसे साथ मे डिसकस करते हैं."
"कोई सीरीयस बात है?"
"अरे नही. बस ऐसे ही."
घर पहुचे तो आरोही उछलते हुए घर के अंदर चली गयी और अरुण उसकी मटकती गान्ड को देखता रहा. वो घर के अंदर पहुचा ही था कि सोनिया और स्नेहा तय्यार होकर कही जा रही थी.
"हम लोग शॉपिंग करने जा रहे हैं, ओके." सोनिया बोली.
उन दोनो को बाइ बोलकर वो अंदर पहुचा तो सुप्रिया हॉल मे ही थी.
"दी, अभी कुछ देर मे आरू के रूम मे आ जाना. ज़रूरी बात है." अरुण ने कहा, तो सुप्रिया ने हां मे सिर हिला दिया.
अरुण आरोही के कमरे पहुचा तो वो अपने बॅग मे से बुक निकाल रही थी. अरुण चुपचाप उसके बेड पर बैठ गया और उसे देखने लगा.
तब तक सुप्रिया रूम मे आई और अरुण के पास बैठ गयी.
"ओके, कुछ चीज़े हैं अभी मेरे दिमाग़ मे," अरुण ने आरोही को इशारे से पास मे बैठने को कहा. "पहली, आरू को सब पता चल गया है," उसने सुप्रिया को बताया. "और मुझे ये बात उन दोनो से छुपानी है, तो तुम दोनो को हेल्प करनी पड़ेगी." "नो प्राब्लम, स्वीतू," सुप्रिया बोली.
"दूसरा, जब सबको पता चल जाएगा कि मैं ठीक हो गया हूँ, तो कुछ चेंजस करने पड़ेंगे. हम सब सोनिया को तो जानते ही हैं, उसे समझाना पड़ेगा कि तुम सबका मुझ पर बराबर का हक है."
आरोही और सुप्रिया दोनो प्यार से उसे देखने लगी.
"नेक्स्ट, मुझे एश के बारे मे अड्वाइज़ चाहिए."
"छोड़ दे उसे, और क्या." आवाज़ ने अपना तीर फैंका
अरुण ने उसे इग्नोर कर दिया. "आइ लाइक हर," उसने कहा तो दोनो के चेहरे उतर गये. "लेकिन, उतना नही जितना मैं तुम सबको चाहता हूँ. अगर मेरे अंदर तुम लोगो के लिए प्यार का समुद्र है तो उसके लिए छोटी सी बूँद. अगर मुझे सिर्फ़ तुम लोगो के प्यार के सहारे जीना पड़े तो मैं हंसते हंसते सब कुछ छोड़ दूँगा."
"क्या लड़कियों जैसा डाइलॉग है." आवाज़ ने कमेंट पास किया
"शट अप," अरुण ने सोचा. फिर बात जारी रखी. "लेकिन इसका ये मतलब भी नही कि मैं उसे बिल्कुल इग्नोर कर दूं. मैं बस उसे सॉफ सॉफ बताना चाहता हूँ कि मैं उसके साथ रिलेशन्षिप मे नही जा सकता. और मैं ये भी नही चाहता कि वो ये सोचे कि इसका रीज़न वो है जो कुछ उसने यूएस मे किया. और मेरे मन मे सिर्फ़ एक ही बात है कि "आइ'म डेटिंग माइ सिस्टर्स, इसलिए मैं तुम्हारे साथ नही हो सकता,". लेकिन मैं ये बात तो उसे बता नही सकता. और मैं उसके साथ दोस्ती भी नही तोड़ना चाहता."
दोनो अपना सिर हिला रही थी. "नो, तुम उसे हम लोगो के बारे मे नही बता सकते," आरोही बोली.
"गिव अस सम टाइम. हम लोग कुछ ना कुछ सोच लेंगे," सुप्रिया ने उसके गाल पर किस करके कहा. फिर बाहर जाने लगी तभी पलटी.
"रोहित सिंगल है ना? वो और एश डेट कर सकते हैं?" सुप्रिया बोली.
अरुण सिर हिलाने लगी. "नोप, एश रोहित की जानी दुश्मन थी. और अब भी उसे पसंद नही करती होगी शायद."
"क्या पता, हम लोगो को तो ये भी लगता था कि वो कभी ऐसे काम नही कर सकती जैसे कि उसने ********* मे किए." आरोही ने कहा.
"थिंक, शायद कुछ हो जाए." सुप्रिया ने उसकी बात का समर्थन करते हुए कहा.
"तुम लोग कह रहे हो तो पॉसिबिलिटी हो सकती है." अरुण ने जवाब दिया.
"आइडिया. हम लोग कॅमपिंग पर चलते हैं तो उन दोनो को भी इन्वाइट कर लेते हैं," आरोही बेड पर लेट गयी.
अरुण ने सिर हिला दिया और उठाने लगा.
"एक मिनिट. ******** मे उसके साथ हुआ क्या, एग्ज़ॅक्ट्ली?" सुप्रिया ने पूछा. फिर दरवाजे की तरफ बढ़ के उसे लॉक कर दिया और बेड पर आरोही के कान मे कुछ बोली.
"वेल," अरुण ने बोलना शुरू किया.
आरोही हंसते हुए सुप्रिया की ओर देखने लगी. "ओके,"
आरोही बैठ गयी और अरुण के लंड को पॅंट के उपर से ही सहलाने लगी.
"तुम बोलते रहो," सुप्रिया ने अरुण से कहा.
"वो.." अरुण अटकते हुए बोला.
"अब?" आरोही ने सुप्रिया की ओर देखा.
"जब हम दोनो अलग हुए तब वो वर्जिन ही थी."
"लंड को बाहर निकालकर उसे सहलाती रहो, मूह मे मत रखना," सुप्रिया बोली. आरोही ने वही किया जो उससे करने को कहा गया और उसके लंड को बाहर निकालकर उपर नीचे करने लगी.
"तुम बोलते रहो, स्वीतू," सुप्रिया बोली.
अरुण ने खांस कर अपना गला सॉफ किया और सिर हिला दिया. "वहाँ उसे एक लड़का मिला और.."
"तुम्हे जलन हुई इस बात से?" सुप्रिया ने पूछा.
अरुण एक सेकेंड के लिए सोचने लगा और बड़ी मुश्किल से अपने दिमाग़ को आरोही के हाथ से हटा पाया जो उसके लंड को सहलाने मे लगा हुआ था.
"कितना भी अजीब हो, लेकिन मज़ा आ रहा है."
"हां," अरुण ने जवाब दिया."
"आगे बोलो,"
"तो उसे लगा कि वो अछा लड़का है, और दोनो ने डेटिंग स्टार्ट कर दी. उसके काफ़ी कहने पर वो ..."
"सेक्स के लिए राज़ी हो गयी," सुप्रिय बीच मे बोली
अरुण ने सिर हिला दिया और एक बार आरोही की मस्ती भरी आँखो मे देखा.
"उसने कहा कि उसके साथ सेक्स करने मे उसे मज़ा आने लगा."
"उसे मज़ा आया उसका लंड लेके?" आवाज़ ने फिर से कमेंट पास किया
अरुण ने सिर को उपर नीचे कर दिया. "फिर धीरे धीरे उसने एश से और भी चीज़े करने को कहा."
"जैसे?"
"ब्लोवजोब, हॅंजब के अलावा उसने...अनल के लिए भी राज़ी कर लिया."
"क्या तुमने मन मे उसकी गान्ड को चुदते देखा?" सुप्रिया ने पूछा
अरुण दो पल के लिए खामोश हो गया.
सुप्रिया ने अपना सवाल दोबारा दोहराया. "क्या तुमने मन मे खुद को उसकी गान्ड मारते देखा जब उसने तुम्हे ये सब बताया?"
अरुण ने तुरंत ही हामी भर दी. "हां,"
"लंड को मूह मे रखो, आरू," सुप्रिया बोली. "हाथ से उपर नीचे भी करती रहो. तुम बोलते रहो," सुप्रिया अपना लोवर उतारते हुए बोली.
"उसके बाद, कुछ ना कुछ रोज अलग होता रहा."
"क्या उसने उसके स्पर्म को मूह मे भी लिया?"
"पता नही, लेकिन शायद लिया ही होगा," अरुण बोला. "एक दिन, वो घर पर एक और लड़की लाया और उसे थ्रीसम के लिए मना लिया."
"तुमने मन मे क्या सोचा जब उसने तुम्हे ये बात बताई?"
आरोही की सिसकी दोनो के कानो मे पड़ी जो लंड को चूस रही थी.
"गॉड," अरुण बोला. "मैने देखा कि वो आरू की चूत चाट रही है, डॉगी स्टाइल मे और मैं पीछे से उसे चोद रहा हूँ." आरोही फिर सिसक पड़ी और वो भी उसकी बताई तस्वीर सोचकर उत्तेजित होने लगी.
"और," सुप्रिया ने अपना टॉप निकालकर अपने निपल मरोड़ते हुए कहा.
"फिर उनका ये रोज का काम हो गया, रोज नयी लड़की के साथ सेक्स करना. कभी कभी तो वो जिम या क्लास से एक साथ काफ़ी लड़कियाँ ले आता और वो सब लोग मिलकर सेक्स करते. उसने बताया कि बाद मे वो उसके दोस्त के साथ सेक्स के लिए भी राज़ी हो गयी."
"तब तुमने क्या सोचा मन मे?" सुप्रिया ने पूछा
"मैने देखा कि 4 5 लड़के उसे साथ मे चोद रहे हैं."अरुण ने जबाब दिया
"और चूसो, आरू," सुप्रिया आरोही से बोली. "हाथ हटाओ, इतनी जल्दी उसे नही झड़ने देना है. क्या तुमने अपनी प्यारी पवित्र एशू को अंजाने लड़को से चुदते देखा?"
"काइंड ऑफ," अरुण ने सहमति दी.
"क्या तुम्हे मज़ा आया जब तुमने उसको आरू की चूत चाटते देखा?"
अरुण और आरोही दोनो एक साथ सिसक उठे.
"यॅ, मुझे बहुत मज़ा आया."
"कीप गोयिंग," सुप्रिय हल्की आवाज़ मे बोली, उसका हाथ अपने निपल से होता हुआ पैंटी पर पहुचा जिसे उसने तुरंत ही निकालकर फर्श पर फेक दिया और अपनी क्लाइटॉरिस को रगड़ते हुए सिसकारी लेने लगी.
"उसने बताया कि उसने क्लास जाना भी छोड़ दिया. वो बस हर वक़्त सेक्स करना पसंद करती और जो कुछ वो चाहता वो सब करती. उसने बताया कि ऐसा कुछ नही था जो उसने नही किया. अनल सेक्स, एक साथ कयि लोग, लड़की, लड़का सब कुछ एक खेल था.
सुप्रिया ने आरोही को फिर हटने को कहा. "अब इसके उपर चढ़ कर चोदो,"
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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
आरोही तुरंत ही अरुण के उपर चढ़ गयी और अपनी चूत को उसके लंड पर रखने लगी. लंड अंदर जाते ही उसकी मस्ती की आह निकल गयी.
"बाद मे ...आह.." अरुण बोला. "एक दिन वो एक पार्टी मे गयी..उःम्म,,वहाँ उसने थोड़ी ज़्यादा पी ली तो बेहोश हो गयी. जब उसे होश अयाय..यस...तो बहुत से अंजान लड़के उसके हर छेद मे लंड डाले खड़े उसे चोद रहे थे. उसने कहा कि उसे इसमे मज़ा आया और जब अगली सुबह उसकी नींद खुली तो कॅंपस से अपने रूम तक वो सिर्फ़ ब्रा पैंटी मे गयी. तब जाके उसे अहसांस हुआ कि वो कितना नीचे गिर गयी है अगले ही दिन वो वापस आ गयी."
"क्या तुम अपनी पवित्र एशू की चूत पहली बार फाड़ना चाहते थे?"
सुप्रिया अपनी चूत को कस के रगड़ रही थी और आरोही उसके लंड पर कस कस के कूद रही थी. "फक," आरोही बोली जैसे ही वो झड़ने लगी.
"हां," अरुण ने अपनी इच्छा जाहिर की. "आइ विश मैं होता पहली बार उसके साथ."
सुप्रिया ने एक हाथ से अपने निपल रगड़ लिए. "लेकिन तुम तो हम लोगो के हो," वो सिसकी लेकर बोली. "मेरे, आरू के, स्नेहा के और सोनिया के. ये बात भूलना मत. वो अपनी उंगली को चूत के अंदर बाहर करते हुए बोली और साथ मे झड़ने लगी. उसने अरुण की ओर देखा तो वो भी झड़ने के करीब था.
"आरू, उतर और मुझे तुम दोनो का रस पीने दे," उसने कहा तो आरोही साइड मे हटकर लेट गयी. जल्दी से बढ़ कर सुप्रिया ने लंड को मूह की गिरफ़्त मे ले लिया और अपनी बहेन और भाई का मिलाजुला रस ग्रहण करने लगी.
अरुण झड़ने के बाद आँखें बंद करके लेट गया और सुप्रिया लंड को अच्छे से चाटने के बाद पास मे लेट गयी.
"इट वाज़ सो गुड." आरोही बोली.
********
अरुण कुछ घंटो बाद नीचे आया तो सुप्रिया किचन मे थी. उसने पप्पीस के बारे मे पूछा और उसके रूम चला गया.
स्नेहा तब तक किचन मे आई उसके हाथ मे किचन का कुछ समान था. उसने देखा कि अरुण उसके रूम मे बिज़ी है तो सुप्रिया की चूत को रगड़ दिया.
सुप्रिया एक दम से कूद पड़ी. "क्या हुआ ये दम से तुझे?"
"दी, आइ'म रियली हॉर्नी राइट नाउ. कुछ तो करो प्लीज़?"
सुप्रिया एक दम से बताने को हुई कि चिंता की क्या बात है अरुण तो है ही लेकिन तभी उसे ध्यान आया कि अरुण ने मना किया है तो बस हंस दी.
"कोई नही आज रात मैं तेरा ख़याल रखूँगी."
"कॅंट वेट." स्नेहा पानी पीते हुए बोली.
सुप्रिया हंसते हुए डिटरजेंट लेकर वॉशरूम मे चली गयी. स्नेहा भी उसके पीछे पीछे वहाँ पहुचि और सुप्रिया को अपनी ओर घुमा कर अपनी टी-शर्ट को उपर कर दिया. उसने ब्रा नही पहनी थी तो निपल खड़े हुए थे, सुप्रिया ने तुरंत ही अपनी जीभ बाहर निकालकर निपल को छेड़ दिया. स्नेहा अपने होठ काटकर अपनी सिसकी को दबाने लगी. सुप्रिया भी मस्त होकर उसके पूरे दूध को चूसने लगी.
"दी, आप सोच नही सकती इस वक़्त मेरा मन कर रहा है अभी बस आपके उपर टूट पडू या फिर अरुण के उपर," स्नेहा मस्ती मे बोली
तभी पीछे आवाज़ हुई तो दोनो हट गयी. सुप्रिया डिटरजेंट को उपर रखने लगी और स्नेहा कपड़े फोल्ड करने लगी.
"वो गंदे कपड़े हैं, नॉटी गर्ल," आरोही की आवाज़ आई. "फोल्ड करने से पहले धोना है उनको."
सुप्रिया मुस्कुराते हुए पलटी. "तूने तो जान ही निकाल दी थी,"
"आप दोनो पागल हो गयी हो क्या?" आरोही आक्टिंग करते हुए बोली. "अगर मेरी जगह अरुण होता तो?"
"तो मेरे अंदर इस वक़्त वो होता," स्नेहा गुर्राते हुए अपने होठ काटने लगी.
"ओह शिट, दी, इन्हे क्या हुआ?" आरोही ने स्नेहा की हालत देखते हुए पूछा.
"मुझे बस इस वक़्त कुछ चाहिए.." स्नेहा गुर्राते हुए बोली.
"स्नेहा बड़ी हो गयी है, अब. और बदल भी गयी है. इसने बताया कि जब ये एग्ज़ाइट होती है तो कोई ताकतवर चीज़ इस पर कब्जा कर लेती है." सुप्रिया ने बताया.
"वो तो दिख रहा है," आरोही ने कहा.
तब तक स्नेहा अपने रूम की ओर जाने लगी. "स्वीटी, आज रात ओके." सुप्रिया उसके पीछे बोली.
आरोही सुप्रिया को छेड़ने लगी. फिर किचन मे पानी पीने लगी. तब तक अरुण पीछे आया. "हे, आज रात मूवी देखने चले?"
"यॅ, वी कॅन ऑल गो."
"नही, वो सोनिया अपनी फ्रेंड के घर गयी है, कल आएगी. दी से पूछो," आरोही बोली.
"मेरा टेस्ट है तो मैं नही चल पाउन्गी," पीछे से स्नेहा की आवाज़ आई. "सॉरी,"
"मेरा मूड नही है स्वीतू, तुम दोनो चले जाओ." सुप्रिया ने भी बहाना बना दिया और अरुण की ओर आँख मार दी.
अरुण बात को समझकर मुस्कुरा दिया.
"ओके," अरुण ने कह दिया और अपना फोन निकालकर मूवी की टिकेट्स बुक करने लगा.
तब तक स्नेहा बॅग्स मे से समान निकालने लगी किचन का. अरुण स्नेहा को देख कर ही समझ गया कि काफ़ी उत्तेजित है. वो अपने चेहरे पर कोई भी भाव नही लाया जिससे स्नेहा को शक हो कि उसे सब याद आ गया है. थोड़ा तड़पाने के लिए, वो उसके पीछे गया और आराम से उसके कंधे मसाज करने लगा.
आअह भरते हुए स्नेहा के हाथ से बॉटल टेबल पर छूट जाती है. "उम्म्म, दट फील्स गुड," वो बोलती है और जल्दी से कुछ पकड़ने के चक्कर मे प्लास्टिक के पाउच को दबोच लेती है.
अरुण के हाथ उसकी स्किन मे आराम से छू कर धँस रहे हैं. तभी उसे एक आइडिया आता है.
"लो, हो गया," वो उसकी गर्दन को चूमते हुए कहता है. "आइ'म गोयिंग टू वर्क आउट," फिर अपने रूम की ओर चल देता है.
"फक, क्या उसने वर्काउट के बारे मे कुछ कहा," स्नेहा बोलती है तो सुप्रिया हँसने लगती है.
अरुण वापस आता है, शॉर्ट्स और एक वाइट टी-शर्ट मे और बॅकयार्ड मे चला जाता है. "आरू थोड़ी हेल्प कर दे.." अरुण आवाज़ देता है तो आरोही उपर जाके चेंज करने चली जाती है.
स्नेहा अरुण के अलावा कहीं भी फोकस करने की कोशिश करती है और सुप्रिया उसकी उत्तेजना देख कर हँसती जा रही है. अरुण वेट बेंच के पास बढ़ा जो किचन से सॉफ सॉफ दिखती है.
वहाँ उसने थोड़ी स्ट्रेचिंग करी और आगे झुककर धीरे धीरे अपनी टी-शर्ट उतारने लगा.
"फक," स्नेहा हॉल की ओर बढ़ते हुए कहती है.
अरुण बैठकर अपने डंब्बल्स से सेट लगाने लगता है. उसके बाइसेप्स तुरंत ही फूल जाते हैं. दोनो हाथो से बदल बदल कर वो सेट्स लगाता रहता है.
"फक दिस ऑल," स्नेहा बॅकयार्ड के दरवाजे की ओर बढ़ने लगती है. "मैं अभी सब बताने वाली हूँ, मुझे बस अब वो चाहिए," उसके हाथ हॅंडल से कुछ ही इंच की दूरी पर होते हैं कि सुप्रिया और आरोही उसे पीछे खीच कर सोफे पर बिठा देते हैं.
"स्नेहा, कंट्रोल," सुप्रिया अपनी हँसी दबा के कहती है.
स्नेहा आरोही को देखती है तो उसकी आँखो मे हवस की आग निकलने लगती है. आरोही टाइट शॉर्ट्स और छोटी सी स्पोर्ट्स ब्रा मे है. "आप टेन्षन मत लो दी, मैं उसे अच्छे से तडपाउंगी," वो आँख मार कर कहती है.
आरोही बाहर जाती है और अरुण बेंच प्रेस पर वेट्स अड्जस्ट करने लगता है. आरोही उसके पीछे पहुचती है और अरुण की आँखो के जस्ट उपर अपनी चूत लेकर खड़ी हो जाती है. अरुण भी अपना रोल अच्छे से निभाते हुए चेहरे पर शिकन ले आता है और धीरे से सिर हिला देता है जैसे कि तस्वीर को अपने मन से निकाल रहा हो.
"दी, जाने दो ना. दोनो मे से किसी के साथ तो होने दो, प्लीज़."
अरुण ने बार को अपने सीने तक रखा और फिर उपर करने लगा. पूरा सेट करने के बाद वो आरोही को अपनी जगह दे देता है. वो उससे कुछ कहता है जिसके जवाब मे आरोही सिर हिला देती है. दोनो तरफ से कुछ वेट्स निकालने के बाद वो उससे कुछ और कहता है. आरोही सिर हिलाकर वही लेट जाती है और अरुण उसके सिर के उपर खड़ा हो जाता है.
आरोही अपनी हँसी रोकने की भरपूर कोशिश करती है क्यूकी उसके शॉर्ट्स मे से खड़ा लंड जस्ट उसके मूह के उपर है और अंदर दो लोग उन दोनो को देख रहे हैं.
"आइ..नीड..इट..आहह" स्नेहा तड़पते हुए बोली.
सुप्रिया आक्टिंग करते हुए उसे किचन मे ले जाने लगी. "आइ होप ही गेट्स बेटर सून,"
अंदर हलचल देखकर अरुण ने जब देखा तो कोई नही था, आरोही अब खुलकर हँसी लेकिन फिर कंट्रोल कर लिया हँसी को.
स्नेहा गुस्से मे आलू काटने लगी. सुप्रिया आके पीछे से उसके कंधे पर सिर रख देती है. "वो जानबूझकर थोड़ी ना कर रहा है. और वैसे भी, आज रात तेरी दी तेरा अच्छा ख़याल रखेगी."
"अगर आपने कुछ नही किया ना, दो देख लेना रात मे ही मैं उसका रेप कर दूँगी," वो थोड़ा मज़ाक मे बोली. "तो अपने अपने पप्पी का क्या नाम रखा?"
सुप्रिया कुछ देर सोचती रही. "बाकी लोगो ने क्या रखे हैं?"
"मेरा आइनस्टाइन, अरुण का मॅक्स, सोनिया ने प्रिन्सेस, और आरू का पता नही.
कुछ देर सोचने के बाद. "उम्म, तुफफी. यॅ, तुफफी."
कुछ देर बाद अरुण और आरोही अंदर आए और दोनो किचन मे पानी पीने लगे.
"आरू, तूने क्या नाम रखा अपने पप्पी का?" सुप्रिया ने पूछा.
"बिस्कट" वो चिल्लाते हुए बोलती है जैसे कि उसे बुला रही हो.
ऐसे ही बातें करने के बाद अरुण टीवी देखने लगा जाके. शाम हुई तो वो शवर लेकर तय्यार हो गया और टेबल पर आ गया खाना खाने.
"तो, कुछ याद आया अरुण?" स्नेहा बड़ी उम्मीद से पूछती है.
अरुण कंधे उचका देता है. "ओह, नही दी." वो अपनी नज़रे एक बार भी सुप्रिया या आरोही की तरफ नही घुमाता. "मुझे एक साल पहले की ही बातें याद हैं और अभी जो कुछ हुआ, उसके बीच का कुछ नही."
"चूतिए, सच बता देता तो हम लोग उसे अभी चोद रहे होते.." आवाज़ ने गुस्से से कहा
अरुण ने उसे इग्नोर कर दिया.
खाने के बाद आरोही बाहर जाने के लिए चेंज करने चली गयी तो अरुण भी वॉलेट उठाने अपने रूम मे गया.
"दी, अब कंट्रोल नही होता," स्नेहा सुप्रिया से बोली.
"कम डाउन, स्वीटी."
अरुण और आरोही जानबूझकर इतना टाइम लगा रहे थे.
"डॅम इट!" स्नेहा पैर पटक कर बोली. उसके मन मे आ रहा था कि बस उपर जाए और या तो अपने भाई का रेप कर दे या अपनी बहेन का या फिर दोनो का. अनंत काल के इंतेज़ार के बाद वो दोनो नीचे आए और बाहर चले गये.
"बाइ," स्नेहा ने हाथ हिलाकर कहा और जैसे ही कार घर से कुछ दूर गयी. "फाइनली," उसने उछलते हुए कहा.
सुप्रिया हंसते हुए किचन की ओर जाने लगी. "मैं बस बर्तन..." उसने बोला ही था लेकिन उससे आगे नही बढ़ पाई. स्नेहा ने पीछे से उसे पकड़ लिया था.
"आप कहीं नही जा रही हो," स्नेहा ने मदहोश आवाज़ मे कहा और हाथ बढ़ाकर उसके दूध दबाने लगी.
सुप्रिया भी पलटकर उसे तेज़ी से किस करने लगी. दोनो किस करते हुए सुप्रिया के रूम मे चले गये.
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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
थियेटर पहुचने पर उन लोगो ने पीछे की सीट ली. उनके पीछे एक आदमी था और आगे की ओर 7 8 कपल्स और थे.
अरुण आरोही के साइड मे बैठ गया. मूवी स्टार्ट होने पर लाइट्स ऑफ कर दी गयी. अरुण ने कनखियो से देखा तो आरोही उसी को देखकर अपनी साँसें उपर नीचे कर रही है. आरोही ने अपना हाथ अरुण की जाँघ पर रख दिया तो अरुण ने भी अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया और सहलाने लगा. कुछ देर यूही जाँघ सहलाने के बाद आरोही की मुस्कान और कुटिल होती गयी. वो आगे की ओर बढ़ी और झुककर अरुण की जिप खोलने लगी, अरुण ने ध्यान से पीछे देखा तो पीछे बैठे आदमी की नज़रे स्क्रीन पर ही थी. तब तक आरोही ने उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया था. पब्लिक मे ये सब करने की उततेज़ना उन दोनो के मज़े को और बढ़ा रही थी. अरुण अपनी सीट मे हल्के हल्के हिल रहा था.
अरुण की नज़र नीचे की लाइन मे हल्की सी हलचल पर पड़ी. उस लाइन मे भी एक ही कपल था और उसे देखकर अचंभा हुआ कि वहाँ भी यही खेल चल रहा था. कुछ देर तक यूही चूसने के बाद आरोही सीट पर वापस आ गयी और दोनो एक दूसरे की जाँघो को सहलाते हुए मूवी देखने लगी, क्यूकी मूवी थोड़े इंट्रेस्टिंग पॉइंट पर पहुच गयी थी. एक सीन आने पर काफ़ी तेज रोशनी हुई तो आरोही की नज़र भी आगे वाले आदमी पर पड़ी जिसकी गोद मे कोई हल्के हल्के कूद रहा था. जब उसने उसकी शकल देखी तो आरोही की आँखे फटी की फटी रह गयी. उसने तुरंत ही अरुण का हाथ खिचकर सामने इशारा किया तो अरुण भी चौंक गया.
उसके बाद मूवी एंड हुई तो दोनो बाहर निकले. कार तक पहुचने तक दोनो को रोहित कहीं नही दिखा. घर जाते हुए आरोही ने ये बात छेड़ी तो अरुण ने कह दिया,"उससे इंतजार नही हुआ होगा, तो अपनी डेट को घर लेकर गया होगा, छोड़ो उसे अब."
*********
रोहित बार बार अपना सिर हिला रहा था. "मैं बता रहा हूँ, उन लोगो ने हम लोगो को नही देखा. अब जल्दी यहाँ आओ और काम पूरा करो. आइ वान्ट टू फील दोज़ लिप्स अगेन," उसने अपने लंड की ओर इशारा करते हुए कहा.
निशा ने अपनी आँखें तरेरि और उसके कंधे पर तेज़ी से मारा. "सुन, रोहित, तू एक बार पहले ही झड चुका है और तूने प्रॉमिस किया था कि इसके बाद मेरी बारी है. अगर तू नही चाहता कि मैं किसी और को ढूँढ लूँ तो चुपचाप अपना काम करो," निशा हंसते हुए बोली.
"ओके ओके, लेकिन काफ़ी मुश्किल होगी कार चलाते हुए चूत मे उंगली करना," रोहित ने कहा तो निशा गुस्से से देखने लगी.
कुछ सेकेंड्स बाद रोहित ने उसे देखकर अपने लंड की ओर दोबारा इशारा कर दिया. निशा ने भी गुस्सा छोड़कर स्माइल कर दी. "फाइन, लेकिन इसके बदले मे काफ़ी मेहनत करनी पड़ेगी," वो आगे झुकते हुए उसकी पॅंट खोलने लगी. उसके होंठ लंड से जुड़ते ही उसके सिर पर हाथ आ गया और वो उसे दबाने लगा.
"उम्म्म," निशा उसके हाथ को महसूस करते हुए बोली.
घर पहूचकर दोनो ने देखा कि सुप्रिया नंगी ही किचन से अपने रूम जा रही थी. उन दोनो को देखकर वो हंस पड़ी और वो दोनो भी हंस पड़े.
"तो कैसी गयी रात?" अरुण ने आँख मार पूछा.
"तुम्हे उसे जल्दी ही बताना पड़ेगा. वो दिन ब दिन अग्रेसिव ही होती जा रही है." सुप्रिया उससे चिपक के बोली. तभी चटाक़ से उसके चूतड़ पर एक हाथ पड़ा.
"वाउ, दी क्या मस्त चूतड़ है आपके," आरोही मारने के बाद सहलाते हुए बोली.
"ओके, वैसे भी अब स्नेहा दी की ही बारी है. गुड नाइट," अरुण ने उसके दूध को हाथ से दबाकर और किस करके कहा. आरोही ने भी उसकी चूत को एक बार छुआ और किस करके अरुण के साथ चली गयी.
सुप्रिया अपने रूम मे गयी और स्नेहा के पास लेट गयी, जो आराम से सो रही थी. स्नेहा ने अपने हाथ उसके दूध के साइड मे रखे और आराम से सोती रही.
अरुण आरोही भी एक दूसरे के जिस्मो से खेलते हुए सोते चले गये.
*********
आरोही जब अरुण के होंठो के हमले से जागी तो उसे पता चला कि अरुण के साथ जागने मे इतना मज़ा क्यूँ है. काफ़ी किस्सिंग, और हाथ पैर बॉडी पर घुमाने के बाद अरुण बाथरूम चला गया और आरोही अपने रूम मे कपड़े लेकर.
*********
शहेर के दूसरे हिस्से मे, रिया रस्सी से बँधी हल्की हल्की चुलबुला रही है और उसका भाई रस्सियों की नाट को चेक कर रहा है.
"आर यू श्योर यू'ल्ल बी ओके?" उसने सौवि बार उससे पूछा.
रिया ने पलटकर उसकी ओर देखा. "मैं आख़िरी बारबता रही हूँ, हां. अब जल्दी से यहाँ आओ और मेरे मूह मे गॅग बांधो और फिर चोदो मुझे."
"तुझे पक्का पता है ना कि मोम जल्दी नही आने वाली?"
"रोहन, अगर तूने अभी जल्दी ही अपना लंड मेरी चूत मे नही डाला तो मैं सबको चिल्ला चिल्ला कर बता दूँगी कि तू मुझे चोदता है."
हंसते हुए रोहन आगे बढ़ा और उसके मूह मार गॅग बाँध दिया और कस के टाइट कर दिया. उसने आँखो पर भी पट्टी बाँध दी और नीच बढ़कर उसकी चिकनी गान्ड को चूम लिया और चूमते चूमते चूत की ओर बढ़ने लगा. उसने उसकी ओर देखा तो उसकी साँसें तेज हो रही थी, उसके बाल एक पोनीटेल मे बँधे हुए थे. उसकी जीभ चूत पर पड़ते ही वो गॅग मूह मे रखे ही चीखी.
फिर उसने खड़े होकर दोबारा सब कुछ चेक किया और अपने शॉर्ट्स उतार कर उसके पीछे आ गया.
पीछे से उसने उसकी गान्ड पर कस के एक मारा तो रिया ने अपनी कमर पीछे कर.
"ओह, तो मेरी चुदासी बहेन को इसमे मज़ा आता है?"
उसने दोबारा मारा तो फिर उसकी दबी आवाज़ आई. रोहन ने उसके बाल पकड़कर पीछे खिचा और अपने लंड को चूत से लेकर गान्ड तक रगड़ा और गान्ड पर रख के अंदर डाल दिया. एक इंच अंदर जाते ही रिया सिसक पड़ी और कराहने लगी. एक इंच और अंदर गया तो फिर गान्ड अपने आप ही जगह बनाते हुए लंड को अंदर आने का न्योता देने लगी. वो कराहते हुए मस्ती मे सिसकी ले रही थी. रोहन के दो ही तीन झटकों के बाद वो झाड़ गयी.
रोहन बाहर निकालकर लंड को दोबारा गान्ड के अंदर डालने लगा. एक ऑर्गॅज़म के तुरंत बाद ही रिया दोबारा झड़ने लगी. रोहन तब तक गान्ड के अंदर ये खेल खेलता रहा जब तक उसकी गान्ड पूरे तरीके से उसके स्पर्म से भर नही गयी फिर उसने गॅग और पट्टी को निकाल दिया.
"मैं चला नहाने," उसने उसके हाथ खोलते हुए कहा. "रूको, लौट के खोलता हूँ." उसने आँख मार कर बीच मे ही रस्सी छोड़ते हुए कहा.
रिया ने हंसकर अनुमति दे दी.
रोहन बस पानी के नीचे खड़ा ही हुआ था कि मेन दरवाजे पर चाबियो की आवाज़ सुनी.
"फक, रोहन!" रिया तेज़ी से चिल्लाई.
"क्या?" उसने बाथरूम से ही आवाज़ दी.
"मोम!"
**********
अरुण बाथरूम के अंदर घुसा और खुद को शीशे मे निहारने लगा. अभी भी जगह जगह चोट के हल्के निशान थे. तभी दरवाजे पर नॉक हुआ और स्नेहा का सिर अंदर आया.
"यू ओके?"
अरुण ने सिर हिला दिया.
"यॅ, बस अपनी चोट देख रहा था."
वो अंदर घुसी और दरवाजे को बंद कर दिया. उसने अभी तक बाल नही बनाए थे जिसकी वजह से वो और सेक्सी लग रही थी. वो एक पतला सा टॉप पहने थी जिसमे से निपल्स सॉफ दिख रहे थे.
"हुह, सही है, हम क्यूँ उसके निपल्स चूसना चाहेंगे."
स्नेहा ने उसे ना देखने की कोशिश करते हुए देख लिया. "कमऑन अरुण, तुमने तो जैसे कभी किसी लड़की को देखा ही नही है जैसे," और सामने बैठकर ब्रश करने लगी. अरुण ने सिर हिलाकर शवर ऑन किया और अंदर जाकर शवर के नीचे खड़ा हो गया.
उसके मन मे एक आइडिया आया तो उसने तुरंत ही अपने बॉक्सर्स नीचे कर दिया और उसका लंड आधी खड़ी हालत मे आज़ाद हो गया. अरुण तभी शवर से निकलकर टवल उठाने लगा तो स्नेहा बस उसके पेट के नीचे हिस्से को ही देखे जा रही थी. जैसे ही अरुण टवल को पकड़कर शवर की ओर मुड़ा स्नेहा बाहर चली गयी.
कुछ ही पल बाद आरोही अंदर आई.
"अगर तुमने उन्हे जल्दी नही बताया तो पक्का तुम्हारा या घर मे किसी और का रेप हो जाएगा."
"आइ लव युवर फॅमिली, मॅन."
अरुण मुस्कुरा दिया. "उनकी बारी आ रही है. मैं बस अपनी जुड़वा बहेन के साथ थोड़ा टाइम स्पेंड करना चाहता हूँ."
आरोही ने हंसकर सिर हिला दिया और उसके साथ ही शवर के नीचे खड़ी हो गयी. अरुण उसके पीछे गया और अपने लंड को रगड़ने लगा और हाथ से उसके निपल को मरोड़ने लगा. उसका दूसरा हाथ नीचे जाते हुए चूत पर चला गया और तुरंत ही एक उंगली भी उसके अंदर जाने लगी.
अरुण फिर तुरंत ही नीचे बैठ गया और अपना मूह सीधे उसकी चूत पर रख दिया, और अपनी गर्म जीभ पानी से भीगी चूत पर रख दी.
"ओह, फफफुकक,," उसकी आवाज़ आई. उसने अपनी जीभ को लकीर के अंदर अंदर चलाया और उसकी क्लाइटॉरिस को मूह मे भरकर चूस लिया.
"लगता है कल रात भूख नही मिटी..हहह.."
"नही मिट गयी. लेकिन तुमसे इच्छा नही भारी.."
"अवव, हहहह,हूंम्म."
अरुण अपनी जीभ से उसकी चूत पर प्रहार करते हुए उसे झडाने लगा. आरोही की कमर काँपते हुए नीचे होने लगी तो वो खड़ा हुआ और उसको दीवार से सटकर सीधे अपने लंड को उसकी चूत पर रख दिया.
"ओमम्म,आहह..उम्म्म." लंड अंदर बाहर होते ही आरोही सिसकने लगी. अरुण ने उसकी एक टाँग को उपर कर दिया और कस के धक्के मारने लगा. पूरा बाथरूम दोनो की आवाज़ो से भर गया. उसने अपने हाथ से अरुण के खाली हाथ को पकड़ा और सीधे अपनी गान्ड पर रख दिया. "एक उंगली डालो," उसने कहा.
अरुण ने भी देर ना करते हुए अपने अंगूठे को उसकी गान्ड पर दबाया. फिर आराम से एक उंगली धीरे धीरे गान्ड मे घुसाते हुए धक्के मारने लगा. "ओह..फक..उम्म्म," आरोही बोली. एक और धक्के के साथ ही अरुण की उंगली आधी गान्ड के अंदर घुस गयी. उसने लंड को अंदर रखे रखे ही उंगली को थोड़ा बाहर निकाला और फिर से अंदर डाला तो आरोही मस्ती मे उससे चिपक गयी. उसने उसकी जाँघो को पकड़कर अपनी कमर के चारो तरफ़ पैर कर दिए और लंड को सीधे उसकी चूत मे डालने लगा. आरोही अपने होठ काटते हुए उसे लंड पर लगातार उपर नीचे होने लगी, पानी दोनो के शरीर से होता हुआ चप छाप की आवाज़ कर रहा था. जैसे ही वो झड़ने लगी उसकी आँखें बंद होती चली गयी और उसने कस के अरुण को गले से लगा लिया. जब अरुण का गर्म रस उसके अंदर पहुचा तो वो भी साथ मे झड गयी और दोनो वही पानी के नीचे खड़े उस संगम का आनंद लेते रहे.
कुछ देर बाद दोनो अलग हुए तो आरोही ज़मीन पर बैठ गयी और उसका लंड मूह मे भर लिया.
"कितना प्यारा लंड है," उसने चाटते हुए कहा.
अच्छे तरीके से लंड सॉफ करने के बाद दोनो नहा लिए और अरुण शवर बंद करके टवल उठाने लगा और अपने सीने को पोछ रहा था उसने पलट कर देखा तो आरोही नंगी ही अपने बालो को तौलिए से पोछ रही थी. वो देख कर मुस्कुराने लगा.
"क्या हुआ?" वो बोली.
अरुण ने सिर हिला दिया और कहा,"आइ लव यू."
आरोही भी मुस्कुरा दी. "आइ लव यू टू."
अरुण फिर अपने रूम मे चला गया.
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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
नाश्ते के बाद सभी कॉलेज चले गये. कॉलेज से लौट कर आए तो अरुण ने उससे स्विम्मिंग के लिए पूछा.
"नंगे होने के लिए कहना." आवाज़ ने अरुण से कहा
"क्या स्विमस्यूट पहनु?" आरोही ने एक नॉटी स्माइल के साथ पूछा.
तब तक बाथरूम से स्नेहा निकली, उसने सिर्फ़ बातरोब पहना था क्यूकी उसका क्लीवेज सॉफ सॉफ दिख रहा था. उसने दोनो को ही बोला और अपने रूम मे चली गयी.
अरुण का जवाब पाकर आरोही भी अपने रूम मे चेंज करने के लिए चली गयी. अरुण भी अपने रूम से चेंज करके नीचे आया और सीधे पूल मे कूद पड़ा. जब वो पानी से उपर आया तो आरोही दरवाजे से निकल रही थी और उसने बहुत ही सेक्सी बिकिनी पहेन रखी थी. अरुण उसे लगातार देख रहा था.
"आराम से, स्नेहा दी किचन मे ही हैं, पता चले आज ही भंडा फुट जाए." आरोही पास आके बोली और पानी मे कूद पड़ी.
कुछ देर स्विम्मिंग करने के बाद दोनो साथ मे कुर्सियों पर आकर बैठ गये. अरुण उसे देखता रहा.
"यू रियली आर सेक्सी."
"बटरिंग हां," आरोही आइब्राउस उपर करके बोली.
"तो तुम्हे वो उंगली पसंद आई?" अरुण ने एक मुस्कान के साथ कहा.
"आइ गेस," आरोही ने जवाब दिया.
"तुमने कहा था.." अरुण ने अपना बचाव करते हुए कहा.
"अरे मेरे कहने का मतलब है कि उंगली की जगह तुम्हार लंड होता तो और मज़ा आता," आरोही आगे झुककर उसके कान के पास बोली. तो अरुण तेज़ी से हंस पड़ा.
"मैं पता करना चाहती थी कैसा लगता है, तो मैने सोचा छोटी चीज़ से शुरुआत करूँ, बड़ी चीज़ आज़माने से पहले."
"तो मज़ा आया?"
"फक यस,"
अरुण कुछ देर उन दोनो के बीच के साइलेन्स को एंजाय करता रहा. आरोही पेट के बल लेट गयी.
"तो कल मज़ा आया?" अरुण ने पूछा.
"विच पार्ट?"
"सब कुछ,"
"हां, थियेटर मे लंड चूसना वाज़ अवेसम, और दी के साथ थ्रीसम इट वाज़ ग्रेट. पता नही कब दोबारा मौका मिलेगा."
अरुण हंस दिया. तब तक सुप्रिया वहाँ अपने स्विमस्यूट मे आ गयी. "क्या बातें हो रही हैं?"
"कुछ खांस नही, बस सेक्स." आरोही बोली.
"माइ फॅवुरेट," सुप्रिया ताली पीटते हुए बोली और पास मे बैठ गयी.
"दी, अपने कभी अनल के बारे मे सोचा है?" आरोही बोली.
सुप्रिया सोचने लगी. "नही, लेकिन श्रुति ने ट्राइ किया है और वो बता रही थी कि काफ़ी मज़ा आया. एक सेकेंड तुम दोनो ने अनल कर लिया क्या?"
"नही दी, बस आज सुबह जब अरुण मुझे शवर मे मज़े दे रहा था तो मैने उंगली डालने को कही, आंड टू टेल यू ट्रूथ, इट वाज़ गुड. तो मैं सोच रही हूँ."
अरुण ने अपने शॉर्ट्स मे से लंड को ठीक किया.
"कोई दिक्कत, स्वीतू?"
"नही कुछ नही. बस मेरी दोनो बहने अनल सेक्स के बारे मे बातें कर रही हैं वो भी इतने सेक्सी स्विमस्यूट पहने हुए."
"सीरियस्ली? मुझे तो हवस चढ़ि हुई है."
"तुझे सार्कॅज़म समझ नही आता ना?"
अरुण की बात सुनके दोनो हंस पड़ी. तब तक दोबारा गेट खुला और स्नेहा और सोनिया अपने अपने स्विमस्यूट मे सेक्सी बन के आई. अरुण अपनी चेयर से उठा और दोनो के पास जाके साथ मे गले लगा लिया.
"हाई," सोनिया बोली.
स्नेहा ने अरुण की शातिर मुस्कान देखी तो पीछे हटने लगी. "नही.."
"यप," अरुण ने तेज़ी से कहा और दोनो को कमर से पकड़ा और पानी मे कूद पड़ा. सुप्रिया और आरोही हंसते हुए उनको अरुण पर चिल्लाते हुए देखने लगे.
"अब तो तुम गये, भाई." सोनिया गुस्से से बोली. अरुण पूल की दूसरी साइड तेज़ी से तैरते हुए गया, पीछे से वो दोनो भी आ गयी, अरुण बस उपर चढ़ने ही वाला था कि स्नेहा ने उसकी कमर पकड़ ली, और उसके दूध हिलने के कारण अपनी क़ैद से आज़ाद होकर उसकी पीठ पर धँसने लगे. सोनिया तब तक पहुचि और अरुण के गुदगुदी करने लगी. अरुण तुरंत ही हंसते हुए नीचे गिर पड़ा और सोनिया एक दम से पीछे हट गयी. अरुण पानी से उपर होके सोनिया के पीछे गया और उसको पकड़कर गुदगुदी करने लगा. स्नेहा थोड़े साइड मे खड़े होकर हंस रही थी. अरुण ने तब तक सोनिया को नही छोड़ा जब तक उसकी साँस नही टूटने लगी. फिर वो स्नेहा की ओर पलटा, और उसके निपल को इग्नोर करते उसके पीछे गया, भागने की कोशिश मे अरुण के हाथ सीधे उसके निपल पर पड़े लेकिन फिर पेट पर पहुच उसे गुदगुदी करने लगे.
जब अरुण ने कुछ देर बाद उसे छोड़ा तो स्नेहा ने अरुण की नज़रो का पीछा किया और उसकी नज़रो को अपने निपल पर पाया जो बिकिनी टॉप से बाहर आ गया था. उसने मुस्कुराते हुए टॉप को ठीक कर लिया. उसके कुछ देर बाद ही सुप्रिया और आरोही भी आ गये और वो लोग काफ़ी देर तक यूही मस्ती मे डूबे रहे.
"मैं तो थक गया हूँ, मैं चला नहाने," अरुण बोला.
"मैं खाना बनाने," सुप्रिया बोली.
आरोही स्नेहा के पास पहुचि और उसके कान मे बोलने लगी. "दी, कुछ ज़्यादा ही नही मस्ती सूझ रही है इसे. चलो खाने के वक़्त इसकी अच्छी खबर लेंगे."
स्नेहा हंस दी. "ओके. प्लान क्या है."
आरोही स्नेहा की कमर मे हाथ डाले साथ मे अंदर चलने लगी. "पहले, आज ब्रा मत पहनना. और.."
अरुण नहा कर अपने रूम मे चेंज करने चला गया और फिर नीचे आकर टीवी देख रहा था. कुछ देर बाद स्नेहा उसके पास आई और बताने लगी कि खाना तय्यार है. अरुण ने उसे देखा तो उसका मूह खुला का खुला रह गया. स्नेहा ने बहुत ही ढीला सफेद टॉप पहना था जिसमे से एक तो उसका आधे से ज़्यादा क्लीवेज दिख रहा था और उपर से ब्रा नही पहनी थी तो उसके निपल लगभग उसे दिख ही रहे थे. नीचे उसने डेनिम शॉर्ट्स पहने थे जो कुछ ज़्यादा ही शॉर्ट्स थे और उसमे से उसकी चिकनी सुडौल जंघे अपनी रंगत दिखा रही थी.
स्नेहा ने कुछ कहा लेकिन अरुण को सुनाई नही पड़ा. उसने कंधे पर हल्के से मारा तो अरुण एक दम से सपने से बाहर आया और उसे देखने लगा.
"अरुण, खाना, चले.." वो अपनी हँसी छिपाते हुए बोली.
"ओह...माइ..गॉड.." आवाज़ ने ललचाते हुए कहा
"सही कहा."
"मुझे नही पता आज ही इसे चोद, मुझे बस ये चाहिए है." आवाज़ ने अरुण की मनुहार की
अरुण ने उसे इग्नोर करते हुए अपने प्लान को मन मे दोहराया और साथ मे चल दिया. आरोही भी टेबल पर आई और इशारे से स्नेहा की ओर देखने लगी. अरुण ने आरोही की आँखो को चिढ़ते हुए देखा तो अपना सिर हिलाने लगा.
"मैं बता रहा हूँ, इसी ने कुछ किया है..पक्का."
स्नेहा को देखकर सोनिया हंसते हंसते रुकी ओर पीछे से आकर बैठ गयी. अरुण बस एक टक अपनी प्लेट पर देखने की भरपूर कोशिश करने मे लगा हुआ था लेकिन उसकी नज़रे बार बार स्नेहा के क्लीवेज पर जा रही थी जिसमे से उसके निपल सॉफ दिख रहे थे जब वो झुक कर सर्व कर रही थी. सुप्रिया भी आकर पास मे बैठ गयी. आख़िरकार स्नेहा भी बैठ गया और सभी खाना खाने लगे.
"अरुण, चिकन?" स्नेहा ने पूछा.
अरुण ने हां मे सिर हिला दिया.
"ब्रेस्ट ऑर थाइ?" उसने वही मासूम सी शक्ल बना कर पूछा.
आरोही से कंट्रोल नही हुआ और वो ठहाके मार कर हँसने लगी.
अरुण भी तुरंत ही खांसने लगा और पानी पीने लगा.
"सॉरी, मुझे बूब...ब्रेस्ट्स.." उसने खाँसते हुए कहा.
सुप्रिया और सोनिया अपने मूह पर हाथ रख के हंस रहे थे.
स्नेहा ने लेकिन अपनी मासूम छवि बनाए रखे हुए चिकन ब्रेस्ट्स उसकी प्लेट पर रख दिया.
उसके कुछ देर बाद तक सिर्फ़ सबके खाने की ही आवाज़ आती रही. अरुण के मन मे बस एक ही अलाप चल रहा था. "चोद डाल उसे,"
अरुण बस बार बार चुपके से उसके बूब्स को निहारता और फिर खाने की तरफ ध्यान लगा देता. स्नेहा वही पुरानी मासूम सी स्नेहा की तरह इग्नोरेंट बन कर खाना खाने मे लगी हुई थी.
आख़िर अरुण भी उसके दूधो मे खो कर बस उन्ही को निहारने लगा और खाना बहुत ही धीरे धीरे उसके मूह मे जा रहा था.
"संभाल कर,"
अरुण ने जब ध्यान दिया कि वो लगभग 2 मिनिट से लगातार उसके क्लीवेज को ताड़ रहा है तो उसका ध्यान बाकी सब की तरफ गया. सब उसे ही घूर रहे थे और स्नेहा को छोड़ कर सबके चेहरे पर एक मुस्कान थी. अरुण का चेहरा लाल हो गया और उसने बिना कुछ कहे सीधे नज़रे प्लेट मे की और खाना ख़त्म करने लगा.
आरोही अपनी जगह से ग्लास लेकर उठी और आगे बढ़ी तो शायद उसका पैर मूड गया और उसके हाथ से ग्लास छुटकर नीचे गिरा लेकिन पानी सारा स्नेहा के उपर गिर पड़ा था. आरोही ने तुरंत ही संभलकर अपने हाथ अपने मूह पर रख दिए.
"आइ'म सो सॉरी दी." वो बोली.
अरुण ने उस तरफ देखा तो बस उसकी सिट्टी पिटी गुम. स्नेहा के दूध सॉफ सॉफ उस पतले सफेद टॉप से दिख रहे थे भीगने के कारण. टॉप भीगने के कारण वो दूधो से चिपक गया था और उसके दोनो निपल दूधों से सॉफ सॉफ नज़र आ रहे थे.
"मुझे नही पता, अब तो तुझे चोदना ही पड़ेगा..." आवाज़ ने जैसे अरुण को ऑर्डर दिया
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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
उस वक़्त सुप्रिया और सोनिया कुछ ज़्यादा ही खाने मे इंट्रेस्टेड थी क्यूकी दोनो बस प्लेट की तरफ मूह करके सिर को हिला रही थी.
आरोही तुरंत ही किचन से टवल उठा के लाई और स्नेहा को पोछने लगी. उसके चेहरे, गर्दन को पोछने के बाद वो नीचे बढ़ी और टॉप को नीचे करते हुए दूध को सॉफ करने लगी. टॉप नीचे होते ही उसका गुलाबी निपल अरुण की नज़रो के सामने आ गया और उसका गला वहीं सुख गया. आरोही ने उस तरफ ध्यान ना देते हुए यही सीन दूसरे दूध के उपर भी ट्राइ किया.
"अगर तूने कुछ नही किया तो मैं कुछ कर डालूँगा." आवाज़ ने गुस्सा होते हुए कहा
अरुण ने एक गहरी साँस लेकर सिर को हिलाया और कसम खाई कि सिर्फ़ प्लेट की तरफ देखेगा. लेकिन 3 सेकेंड बाद ही उसके आँखें अपने आप ही स्नेहा की ओर उठ गयी. स्नेहा उठी और दूसरी टवल से टेबल पर पड़े पानी को झुककर सॉफ करने लगी.
"लो हद हो गयी. ये पक्का हमें पागल करके छोड़ेगी." आवाज़ ने सेक्सी अंदाज मे कहा
"सही कहा भाई." अरुण ने मन मे कहा
"यार यही वक़्त है, ये बदला छोड़ और चुदाई शुरू कर बस.." आवाज़ ने अधीर होते हुए कहा
अरुण ने उसकी बात को इग्नोर किया और नीचे प्लेट को देखने लगा. कुछ देर बाद जब सुप्रिया कॅमपिंग के बारे मे पूछने लगी तो उसने दिल ही दिल मे उसे थॅंक यू कहा.
"अगर तुम सब लोग रेडी हो तो कल ही चलते हैं, मैने रोहित से बात कर रखी है. याद है ना उसका कॅबिन है वहाँ झील के पास.."
"ये!" सुप्रिया खुस होकर बच्चो की तरह ताली बजाने लगी.
"अच्छा पहले ही बता दो कौन कॅबिन मे सोने वाला है कौन बाहर टेंट मे?" अरुण बोला.
वो कॅबिन रोहित के डॅड का का था, जो कि जंगल के थोड़ा अंदर एक झील के पास था. वो लोग पहले भी वहाँ गये थे कॅमपिंग के लिए और काफ़ी मज़े किए थे.
वो लोग जब भी जाते, अरुण, आरोही और रोहित हमेशा बाहर ही सोते जबकि निशा, स्नेहा, सोनिया, और सुप्रिया अंदर. बाकी तीनो पूछते भी थे कि जब अंदर ही सोना है तो इसे कॅमपिंग क्यूँ कहते हो. अरुण ने एश से भी पूछा था.
"मैं तो अंदर ही सोउंगी." सोनिया बोली.
"मैं बाहर कीड़े मकोड़ो मे नही सो पाउन्गी, बाबा," स्नेहा बैठी तो उसके दूध और चिपक गये टॉप से.
आरोही ने देखा कि अरुण की नज़रे से प्लेट से दूध की ओर बार बार जा रही है तो उसने उसकी तक़लीफ़ कम करने के लिए स्नेहा के रूम से दूसरी शर्ट ला दी.
"ये लो दी, ज़्यादा देर भीगना अच्छी बात नही." उसने आँख मारते हुए कहा.
"ओह..थॅंक यू, आरू." स्नेहा खड़े होकर बोली.
फिर अंदर गयी और पीठ टेबल की तरफ करके अपने टॉप को उपर कर दिया.
"मुझे नही चाहिए बदला, मुझे बस ये चाहिए.."
अरुण ने तुरंत ही नज़रे टेबल पर कर दी.
"मैं बाहर," आरोही बोली.
"ओके,"
"तू चोदने वाला है कि नही?" आवाज़ ने कहा
"नही, नाउ शट अप." अरुण ने अपने मन मे कहा
"मैं भी अंदर," सुप्रिया की आवाज़ आई.
अरुण मुस्कुरा कर खाना ख़त्म करने लगा तब तक स्नेहा शर्ट पहेन कर आई और अपना खाना खाने लगी. खाने के बाद अरुण सीधे अपने रूम मे चला गया. उसे ध्यान आया कि अगले दिन उसका टेस्ट था तो उसके लिए पढ़ने लगा. कुछ देर बाद उसे ध्यान आया कि उसके कुछ नोट्स आरोही के पास हैं तो रूम से बाहर निकला.
नीचे किचन मे हँसने की आवाज़ें आ रही थी जिसमे आरोही की आवाज़ भी शामिल थी. "दी, आपने तो उसकी जान ही निकाल दी. आइ'म श्योर उसे जल्दी ही सब याद आ जाएगा."
"तुम दोनो से हद है..सही मे." सुप्रिया हंसते हुए बोली.
स्नेहा ने अपने हाथ फोल्ड कर लिया. "उसकी ग़लती है. पता है कल सुबह उसने बाथरूम मे मेरी परवाह किए बगैर अपने शॉर्ट्स उतार दिए और उसका लंड..गल्प..मेरी आँखो के सामने था और मैं कुछ नही कर पाई. "
***********
अरुण काफ़ी देर तक अपने टेस्ट के लिए पढ़ता रहा. कुछ देर के लिए सुप्रिया और सोनिया आए थे लेकिन जब उन दोनो ने देखा कि वो पढ़ रहा है तो डिस्टर्ब नही किया.
रात के 11 बजे उसकी पलके जब अपने आप बंद होने लगी तो वो किताब रखे सोने लगा. पहले उसने सोचा कि मेसेज करके किसी को बुला ले लेकिन फिर ख़याल छोड़ कर सो गया.
***********
अरुण ने एक बार आरोही की ओर देखा. "ऑनेस्ट्ली, मुझे ये वाला अच्छा लग रहा है," उसने उंगली करते हुए कहा. उसे हमेशा दिक्कत होती थी जब भी उसकी कोई बहेन उससे पूछती कि वो किस कलर या कपड़ो मे अच्छी लगेगी. आरोही दो अलग अलग टॉप्स लिए उसके सामने खड़ी थी, माना कि दोनो के रंग अलग थे दोनो से उसकी खूबसूरती बढ़नी ही थी.
अरुण सुबह उठकर नाश्ता करने नीचे आया तो उसे देखकर आरोही ने जल्दी से अपना ब्रेकफास्ट ख़त्म किया और दौड़कर अपने रूम से टॉप्स उठा लाई थी.
"सीरियस्ली?" उसने गुस्से से पूछा.
"व्हाट? यार तुझ पर सब अच्छे लगेंगे,"
"मैं बताती हूँ, ब्लू वाला पहेन ज़्यादा सेक्सी लगेगी," सुप्रिया बोली.
"देखा इतना ईज़ी था बताना," आरही गुस्से से उसे देखते हुए बोली.
अरुण ने साँस छोड़कर सिर हिला दिया. "मैं ही क्यूँ इस चक्कर मे फँसता हूँ. तुम लोग हमेशा ये लेकर मेरे पास आते हो 'अरुण मुझ पर कौनसा अच्छा लगेगा?' और जब मैं अपना जवाब देता हूँ तो तुम लोग गुस्सा हो जाते हो,"
"रोना बंद करो और जल्दी से जवाब दो," आरोही बोली.
"पिंक वाला," उसने अपनी प्लेट की तरफ नज़र रखे रखे ही बोला.
आरोही हँसी और मूड कर अपने पहने हुए टॉप को उतार दिया, उसने ब्रा नही पहनी थी. उसने टेबल से पिंक वाला टॉप उठाया और सुप्रिया को आँख मार पहनने लगी.
"हे भगवान, आरू," अरुण अपनी आँखो पर हाथ रख कर बोला. "तू कुछ तो पहना कर अंदर."
"क्या?" आरोही ने पूछा.
"तुझे पता है मैं क्या कह रहा हूँ," अरुण ने भी सीधा बनाते हुए कहा.
"नही, मुझे नही पता."
"ओके ओके, ब्रा क्यू नही पहनती."
"क्यूकी माइ डियर ब्रदर, इस टॉप के साथ ब्रा नही पहनी जाती." आरोही हंसकर बोली.
"दी?" उसने घूमकर सबको दिखाकर पूछा और स्नेहा से राई माँगी.
"सेक्सी,," सभी बोले अरुण को छोड़कर.
"देखा, ये बॅकलेस है तो पीछे से ब्रा दिखेगी."
फिर वो दूध पीने लगी. "और वैसे भी मुझे नही लगता मुझे ब्रा की ज़रूरत है," उसने जल्दी से कहा.
"ओह, आरू, आइ लव युवर ब्रेस्ट्स," स्नेहा मुस्कुराते हुए बोली. "थोड़े छोटे हैं, लेकिन इतने क्यूट हैं.."
"क्या हो रहा है तेरे घर मे...तू बस पकड़ दोनो के दूध.." आवाज़ ने कहा
"ऑ, थॅंक्स दी..पक्का मेरे बूब्स छोटे नही हैं?"
अरुण आँख फाड़ के दोनो को देख रहा था और बातें सुन रहा था.
स्नेहा खड़ी होकर उसके पास आ गयी, तो आरोही हल्की सी झुकी और अपने दूध उसके दूध के सामने कर दिए.
"मेरे थोड़े बड़े हैं लेकिन तेरे बिल्कुल पर्की और क्यूट हैं!"
"कम ऑन, दी. आप जब चलती हो आपके इतने मस्त तरीके से कूदते हैं." वो कूदते हुए बोली. "देखा, मेरे नही कूदते."
स्नेहा भी कूदी तो उसके दूध उपर नीचे होने लगे और अरुण की नज़रे दूध के साथ उपर नीचे होती रही.
"हूँ, कूदते तो हैं." स्नेहा वही साइंटिस्ट स्नेहा बन के बोली.
"मैं..मैं..दूध..हो क्या..छ्च"
"तुम्हे कौन्से पसंद है अरुण?" आरोही ने कुछ पल बाद पूछा.
अरुण दूध पी रहा था और उसके मूह से एक दम से दूध छलक पड़ा. सोनिया और सुप्रिया भी हंस पड़े. "ना, मैं इस सवाल का जवाब नही देने वाला."
"अरे डफर, वो पूछ रही है कि किस टाइप के पसंद है छोटे पर्की या फिर बड़े और कूदने वाले."
अरुण दोनो की तरफ विस्वास ना करने वाली नज़रो से देखने लगा. "दोनो," वो अपने बोल को हॉल मे ले जाते हुए बोला.
"अगर इतने दिन रुकने का कोई फ़ायदा नही हुआ ना तो तू देखियो," आवाज़ ने गुस्सा होते हुए कहा
बाद मे आरोही और अरुण कार मे बैठे और कार रोड पर चलने लगी तब अरुण बोला.
"लगता है किसी को काफ़ी दिन से सज़ा नही मिली है?"
"ओह कम ऑन, बेब, मैं तो बस हम लोग सीक्रेट रख रही हूँ, जैसा तुमने कहा. अब अगर मैं स्नेहा दी और सोनिया की मदद नही करूँगी तुम्हे टॉर्चर करने मे तो उन्हे शक हो जाएगा."
"बात तो ठीक है," अरुण कुछ देर सोचकर बोला.
"आइ होप तुम्हे पसंद आया जो मैने पहना है."
"यप,"
"यअहह.."
"और मैने स्कर्ट के अंदर पैंटी नही पहनी है," उसने स्कर्ट को उपर करके अपनी नंगी चूत दिखाते हुए कहा.
"ओके ओके, बिहेव नाउ."
कॉलेज पहूचकर दोनो क्लास की ओर जा रहे थे कि सामने से एश आती दिखी.
"तो क्या क्या लेकर आउ?" उसने उछलते हुए पूछा.
"स्विम्मिंग स्टफ, पुराने शूस और चेंज के लिए कपड़े अगर बाहर सोना हो तो एक स्लीपिंग बॅग. बाकी सब का इंतेज़ाम है."
"ओह ग्रेट.." वो बोली.
"ठीक फिर, बाद मे मिलते हैं. बाइ एशू." उसने कहा तो एश ने भी हाथ हिला दिया.
पीछे से तभी उसे धक्का लगा.
"ध्यान से चल.." अरुण बोला तब तक रोहित पलटकर हँसने लगा.
"कुत्ते, अभी भी उसे दर्द होता है.." आरोही उस पर चिल्लाई.
"ओह कम ऑन..देख ना अच्छा खांसा तंदुरुस्त लग रहा है." रोहित बोला और साथ मे चलने लगा.
"वैसे आरू आज तू बड़ी हॉट लग रही है.." उसने उसके कंधे को पकड़कर कहा.
"सॅंडल मारू?" आरोही ने कहा.
"लड़ाई बाद मे कर लेना, ओके," अरुण बोला.
आरोही ने अपना बॅग रोहित के हाथ मे दे दिया और बाथरूम की ओर चली गयी.
रोहित ने उसका बॅग अपने कंधे पर डाल लिया. "तू सही मे काफ़ी लकी है."
"अच्छा वो कैसे?" अरुण बोला.
"तुझे 4 4 सेक्सी लड़कियो को ताड़ने का मौका जो मिलता है."
अरुण हंस दिया.
क्लास मे पहुच कर वो लोग टेस्ट देने लगे.
क्लासस ख़त्म होने के बाद अरुण आरोही के साथ घर की ओर चल रहा था तो आरोही अपनी सीट पर हिलते हुए बोली.
"मेरी चूत बहुत गीली हो गयी है, उम्म्म्म," आरोही स्कर्ट उठाकर वही एक उंगली चूत मे डाल कर बोली.
"आरू, घर पहुचने तक तो रुक जा," अरुण उसे देख बोला.
"भाई, तुम मुझे इतना एग्ज़ाइट कर देते हो कि की बताऊ..उहमम्म..." वो अपनी चूत को कसकर रगड़ते हुए बोली, उसकी आवाज़ कार मे गूँज़ रही थी और साँसें भारी होने लगी. उसने पीठ विंडो की तरफ करके खुद को टिका दिया और अरुण की ओर चूत दिखा के उंगली चलाने लगी.
अरुण बार बार अपनी नज़रे रोड पर करने की कोशिश मे लगा हुआ था.
"ओह...मैं आने वाली हूँ," उसने तेज़ी से कहा. अरुण का लंड पूरा खड़ा होकर जीन्स फाड़ने पर उतारू था. उसे देखते देखते ही आरोही तेज़ी से हिलते और चीखते हुए झड गयी फिर कुछ देर बाद सीधी होकर बैठ गयी और अरुण को अपनी उंगली चटाकर स्कर्ट सही कर दी.
अरुण ने उसके कंधे पर हाथ रख के उसे अपने से सटा लिया तो आरोही ने उसके कंधे पर सिर रख दिया. ऐसे ही दोनो घर पहुच गये.
कुछ घंटे बाद सब समान दोनो गाड़ियों मे रखा जा चुका था.
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01-25-2019, 12:52 AM,
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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
"एश तुम्हारे और आरू के साथ बैठ जाएगी, बाकी हम लोग दूसरी कार से आ जाएँगे," सुप्रिया अरुण से बोली.
"ओके,"
घर को अच्छे से लॉक करके सब कार मे बैठकर कॅमपिंग के लिए चल दिए.
अरुण की कार मे रास्ते भर शांति से बातें होती रहीं. दोनो लड़कियों ने अरुण को तो इग्नोर ही कर दिया था. वैसे भी उसे खुद उनकी बातों मे इंटेरेस्ट नही था. वो लोग वही लड़कियों वाली बातें कर रहे थे जिसे सुन के अरुण थोड़ा चौका ज़रूर क्यूकी आरोही बिल्कुल एक टिपिकल टॉमबाय थी. उससे स्पोर्ट्स के बारे लाख बातें करवा लो लेकिन मेकप, लड़के, टीवी शोस इन सबमे वो पीछे ही रहती थी.
एश, एश तो इन बतो मे माहिर थी. उपर से यूएस मे वो काफ़ी ओपन हो चुकी थी तब तो उसकी बातें और बढ़ गयी थी. आरोही पर भी उसकी बातों का असर पड़ा और वो भी इन सब चीज़ो के बारें मे डिसकस कर रही थी.
अरुण सोचने लगा कि शायद आरोही एश को बुरा ना लगे इसलिए उसका इन बातों मे साथ दे रही है. और उसको बोरियत से बचाने के लिए उसे मदद करनी चाहिए.
उसने पीछे देखा तो दोनो खुसुर पुसुर करते हुए हंस रही थी. अरुण ने सिर वापस सामने कर दिया.
कुछ देर बाद वो सब पेड़ो से घिरे हुए रास्ते से अंदर घुस रहे थे तो गड्ढो के कारण कार थोड़ी उछल रही थी.
"दूध तो देख कैसे उछल रहे हैं!" आवाज़ ने खुश होते हुए कहा
"अभी नही."
"चल बे, मुझे पता है तुझे भी ये कूदते हुए दूध देखने मे मज़ा आ रहा है." आवाज़ ने कहा
बात तो ठीक थी, अरुण ने उसके बाद काफ़ी बार आरोही और एश के दूधो को ताडा.
"नाइस!"
अरुण मुस्कुरा दिया.
"अच्छा होता ना, स्नेहा भी यहाँ होती. मज़ा और बढ़ जाता." आवाज़ ने खुश होते हुए कहा
"यप."
वो लोग कॅबिन के पास पहुचे तो रोहित की गाड़ी पहले से ही खड़ी थी. कार की आवाज़ सुन के रोहित दूसरी तरफ से बाहर आया और अरुण के साथ समान निकालने लगा. आरोही एश को सब कुछ दिखाने लगी.
कॅबिन छोटा था और सिर्फ़ इसलिए था कि लड़कियो को डर लगे तो वो लोग अंदर सो सके. अंदर 2 बेडरूम थे, एक किचन और एक छोटा सा बाथरूम. कॅबिन थोड़ी उँचाई पर था जिसके नीचे नदी थी.
रोहित के डॅड और अरुण के डॅड और उन लोगो के दोस्तो ने मिलकर पत्थरो से एक छोटा सा डॅम बना रखा जिसके कारण एक तरफ हल्का गहरा पानी था जो 30 40 फीट आगे जाने पर गहरा हो जाता था और दूसरी तरफ नॉर्मल.
तब तक उसकी बहनों की कार भी आ गयी और वो लोग भी अपनी कार से समान निकालने लगे. अरुण और रोहित कुछ देर बाद जब अंदर गये तो निशा, आरोही, वग़ैरह सब बैठकर गप्पे लड़ा रहे थे. रोहित ने अरुण को कूलर से बियर की बॉटल दी और खुद के लिए भी एक निकाल ली.
"फिशिंग के लिए चले?" रोहित ने पूछा.
एश और आरोही ने तुरंत ही हां कह दी. अरुण को पता था कि आरोही तो तुरंत ही हां कह देगी लेकिन एश भी चलेगी ये जान के सर्प्राइज़ हुआ.
"पुराने शूस और पुराने कपड़े ही पहनना."
वो उसकी तरफ सवालिया नज़रो से देखने लगी. "फिश ही तो पकड़नी है कोई कुश्ती लड़नी है क्या?"
"ट्रस्ट मी. मेरे और आरोही के पास एक्सट्रा शूस हैं. और स्विमस्यूट के उपर मेरी शर्ट पहेन लेना."
वो मुस्कुरा कर आरोही के पीछे चल दी. अरुण ने रोहित की ओर देखा और फिर दोनो जल्दी से बियर गटक गये और जुते, शॉर्ट्स पहेन कर समान लेकर चल दिए.
काफ़ी देर तक वो पानी के अंदर जाकर मछली पकड़ते रहे. एश कुछ आगे बढ़ी तो फिसल कर गिर पड़ी और गिरने से बचने के चक्कर मे आरोही भी साथ मे वही गिर गयी. दोनो जब उठी तो उनकी टी-शर्ट उनके दूधो से चिपकी हुई थी. रोहित ने ये देखकर कि उन्होने नीचे ब्रा नही पहनी सीटी बजा दी.
"नाइस," उसने कहा एश को अपनी टी-शर्ट खुद से दूर खीचते हुए.
नॉर्मली उसने गुस्से से उसे देखकर चिल्लाया होता लेकिन अभी उसने एक बार हंस के देखा और हाथ से दूर भगा दिया. "सिर्फ़ बूब्स हैं, रोहित और कुछ नही."
"हां, सिर्फ़ तुम्हारे लिए," उसने चिल्ला कर कहा.
कुछ देर बाद उन लोगो ने काफ़ी फिश पकड़ ली थी. "स्विम्मिंग या रोप स्विंग के लिए कोई आएगा?" रोहित ने पूछा.
"पता नही," अरुण बोला और तभी पीछे से सभी अपने अपने स्विमस्यूट पहने हुए वहाँ आ गयीं, अरुण तो उनको इग्नोर करने की कोशिश करने लगा लेकिन रोहित तो आँख फाड़ के सबको ताड़ रहा था.
"आइ लव बिकीनिस," उसने कहा. निशा ने उसके हाथ पर मारा और बाकी सब ने उसे इग्नोर कर दिया. सभी अपने साथ चेयर लेकर आए थे जो उन्होने साइड मे बने एल शेप के डॉक पर रख दी.
"अरुण, थोड़ी देर के लिए रोहित को कंट्रोल करोगे तब तक हम लोग थोड़ा धूप को एंजाय कर ले," निशा बोली.
"अगर वो यहाँ आया तो पक्का आज पिटेगा," आरोही भी पास आकर बोली.
"ओके, गुस्से की ज़रूरत नही है, मैं ढंग से रहूँगा," रोहित अरुण के साथ कॅबिन की ओर जाते हुए बोला.
अरुण पीछे देखे बिना नही रह सका जब सबने अपने अपने टॉप्स उतारे. सभी नदी की ओर थे तो पीछे से सिर्फ़ साइडबूब्स दिख रहे थे.
"म्म्म्मेम, साइड बूब्स," आवाज़ ने कहा
अरुण को देखके आरोही ने उसके सामने ही टॉप उतारा और तुरंत ही पलटकर चेयर पर बैठ गयी.
"इसने जानबूझकर किया?" आवाज़ फिर कमेंट पास किया
"और नही तो क्या," उसने सोचा.
वो बस मुड़ने ही वाला था कि एश ने भी अपना टॉप उतार कर साइड मे डाल दिया. उसके बूब्स का साइज़ सही था, आरोही से थोड़े बड़े थे और टी-शर्ट निकालने के चक्कर मे थोड़े से हिल भी रहे थे. अरुण ने नज़रे वहाँ से हटाई और कॅबिन की ओर चल दिया.
अंदर रोहित काउच पर बियर लेकर बैठा हुआ था. अरुण भी बियर की कॅन लेकर बैठ गया और खामोशी से दोनो पीने लगी.
"फक दिस," अरुण खड़े होकर बोला. "मैने तुझे कंट्रोल करने को कहा है खुद के लिए नही."
"दट'स माइ बॉय!"
रोहित पीछे से हंसते हुए आया. "रोप स्विंग?"
"रोप स्विंग." अरुण ने जवाब दिया.
दोनो कॅबिन से निकल कर वहाँ गये जहा स्विंग बँधी थी. स्विंग उपर पेड़ से बँधी थी और उससे उपर दूसरे पेड़ से एक रस्सी से सपोर्ट था. उपर से स्विंग लेने पर नीचे 10 फीट तक की छलाँग ले सकते थे. अरुण स्विंग से होकर छलाँग लगाकर आगे कुदा. सारी लड़कियो के चेहरे अरुण के चीखते हुए सरीर की ओर मूड गये जो उनके सामने ही नदी मे गिरा. अरुण ने थोड़ा देर मे छोड़ा था तो थोड़ा घबरा कर गिरा था.
सभी लड़कियों की साँसें थम गयी थी लेकिन नॉर्मल हो गयी जब अरुण पानी से बाहर निकला. स्नेहा नंगी ही अपने दूध हिलाते हुए डॉक के पास गयी और झुककर उसे देखने लगी.
"यू ओके बेबी?" उसने हंसते हुए पूछा.
"यॅ, आइ'ल्ल बी."
अरुण को देखकर एश और निशा अपने दूध छिपा रही थी लेकिन अरुण ने उनकी ओर नही देखा. वो दूसरी तरफ गया और आराम से लेट गया. कुछ देर बाद रोहित बिल्कुल ढंग से पानी मे छपाक से कुदा. वो तैरते हुए अरुण की ओर गया.
कुछ देर तक जब रोहित उपर नही आया तो अरुण ने उसकी ओर देखा.
"क्या हुआ?"
रोहित ने कोई जवाब नही दिया और ना ही उपर आया. लड़कियों ने भी अपने दूध छिपाना छोड़ दिया था.
"अरे उन लोगो ने पहले भी हम लोगो को ऐसे देखा है," आरोही ने एश से कहा. ठंडी हवा के कारण उसके निपल बिल्कुल सख़्त हो गये थे.
निशा ने एश की ओर देखा और अपने हाथ हटा दिए. "ट्रू एनफ,"
"तुम लोगो ने साल भर किया क्या है?" एश ने हंसते हुए पूछा.
सभी लड़कियाँ हंस पड़ी.
"अभी कुछ ही दिन पहले हम ने घर पर एक पार्टी रखी थी," सोनिया बोली.
"पार्टी?" अरुण ने नाटक करते हुए कहा.
सभी बहने उसकी ओर देखने लगी. "हां, आक्सिडेंट से थोड़ा ही पहले," सुप्रिया बोली.
"एनीवे, स्विम्मिंग पार्टी थी. उसके बाद हम सब ने आल्कोहॉल वग़ैरह लिया और मस्ती मे हॉट टब मे नंगे होकर ट्रूथ आंड डेर खेला."
"आइडिया, दोबारा खेलते हैं." रोहित पानी से निकलते हुए बोला.
"रोहित, बेशर्म फिर से!" निशा ने अपने भाई को नंगे ही पानी से निकलते देखा तो चिल्लाने लगी.
अरुण ने उसकी तरफ देखा तो उसने कंधे उचका दिया.
"अरे यार शॉर्ट्स को ढंग से कसना भूल गया था," वो कॅबिन की ओर जाते हुए बोला.
"हां, जानबूझकर.." निशा चिल्लाई.
ऐसे ही दिन भर मस्ती करते हुए शाम हो गयी. शाम को कॅबिन से थोड़ी दूर खुली जगह पर उन्होने बॉन्फियर जलाई और उसके चारो ओर बैठ गये.
"हंग्री?" निशा ने अरुण से पूछा और उसे सॅंडविच दे दिया.
"यप," अरुण ने सॅंडविच का बाइट लेते हुए कहा. "थॅंक्स,"
"तो अभी रात मे क्या करना है?" आरोही ने पास बैठते हुए पूछा.
"ट्रूथ ऑर डरे सही लग रहा था," एश ने कहा.
रोहित ने आँखें घुमा दी. "मेरे लिए तो बढ़िया ही है, तुम मे से किसी के सुंदर बूब्स तब भी देखने को मिलेंगे."
सभी ने उसे गुस्से से देखा फिर अपनी बातों मे लग गये.
"ऑलराइट, लेट्स स्टार्ट. एश, ट्रूथ ऑर डेर." स्नेहा ने कहा.
"मैं." एश चौंक कर बोली. "उम,,ट्रूथ आइ गेस."
स्नेहा ने मुस्कुरा कर उसे देखा. "ओके, तो यूएस मे क्या हुआ था."
अरुण तुरंत ही बीच मे बोल पड़ा. "दी?"
एश ने सिर हिलाकर उसे मना कर दिया. "इट्स ओके, अरुण. बताना तो पड़ेगा ही कभी ना कभी. ऐसा भी नही मुझे उससे ज़्यादा फ़र्क़ पड़ता है, इट वाज़ आ पार्ट ऑफ माइ लाइफ."
"ओह, आइ'म सॉरी, एश. मुझे नही पता था कि ये थोड़ा सीरीयस टॉपिक है. मैं कुछ और पूछ लेती हूँ."
"इट्स ओके, दी. उपर से ये बातें मन से निकल जाए तो अच्छा ही है."
अरुण को छोड़ कर बाकी सब उसे क्यूर्षसिटी से देख रहे थे.
एश कुछ देर के लिए खामोश रही. "वेल, तो मैं यहाँ से सीधे यूएस गयी. मेरा और अरुण का ब्रेकप हो गया था पहले ही लेकिन फिर भी वहाँ मैं काफ़ी अकेला महसूस कर रही थी." उसने अपनी बियर का सीप लेते हुए कहा.
"वहाँ मैं शॉन से मिली जो मेरी ही क्लास मे था. टिपिकल आउटगोयिंग गाइ, वही लंबे बाल, सरफर था जैसा कि उसने मुझे बताया. मेरे साथ बड़े प्यार से पेश आता था और इसी के चलते हम दोनो कपल बन गये. कुछ ही दिनो बाद वो मुझे मेरे हॉस्टिल तक छोड़ने आने लगा और एक दिन उसने डॅन्स के लिए पूछा मुझसे." उसने अरुण की ओर देखा तो वो एकटक आग मे देख रहा था.
"हम लोगो ने डेटिंग स्टार्ट कर दी, और मैने सोचा कि अगर मैं कॉलेज मे हूँ तो यही वक़्त है अपनी वर्जिनिटी किसी को देने का, तो एक दिन हम दोनो उसके अपार्टमेंट मे किस्सिंग कर रहे थे और एक चीज़ से दूसरी चीज़ होती गयी और मैं वर्जिन नही रही. आंड टू टेल यू ट्रूथ, ही वाज़ काइंड आंड जेंटल देयर. उसके बाद कुछ दिनो तक सब नॉर्मल रहा. सेक्स वाज़ ओके वैसा नही जैसा पॉर्न या बुक्स मे होता है. उसके बाद वो मुझसे बीच बीच मे अजीब अजीब चीज़े पूछने लगा."
"जैसे?" निशा बोली.
"क्या मैं लड़कियों को पसंद करती हूँ, थ्रीसम करूँगी, क्या कभी मैने किसी लड़की को किस किया है या उसके साथ किसी और लड़के के साथ सेक्स के बारे मे सोचा है? मुझे नही लगा था कि वो मुझसे थ्रीसम के लिए पूछेगा, मुझे लगा कि वो बस ऐसे ही पूछ रहा है. लेकिन बाद मे उसने मुझे एक और लड़की के साथ सेक्स के लिए कन्विन्स कर लिया."
एश ने रुककर अपनी बियर से सीप लिया और स्नेहा की ओर देखने लगी. "वैसे कितनी डीटेल मे बताऊ?"
स्नेहा की आँखो मे हल्का हल्का नशा था, उसने एश की ओर देखा. "जितना तुम चाहो."
अरुण बस नीचे ही देख रहा था.
"यू ओके?" एश ने उससे पूछा.
उसने स्माइल के साथ उसे देखा. "आइ'म गुड,"
"तो जो लड़की वो लेकर आया वो सही मे हॉट थी. इनफॅक्ट टू टेल दा ट्रूथ मैने सोचा था लड़कियों के बारे मे. मुझे लगता है सभी एक ना एक टाइम दूसरी लड़कियों के बारे मे सोचते हैं. उसके बूब्स काफ़ी अच्छे थे. वो भी मेरी ही क्लास मे थी. एक रात एक बार मे वो उसे मिली तो उसने उससे कुछ देर बाद सीधे पूछ लिया था ये बताने के बाद कि उसकी एक गर्लफ्रेंड भी है. वो लड़की भी मान गयी. अगले दिन हम दोनो ने उसे अपने अपार्टमेंट पर इन्वाइट किया, कुछ आल्कोहॉल के बाद हम तीनो बेडरूम मे चले गये. वो शुरुआत मे मेरी ही तरह नर्वस थी. शॉन ने म्यूज़िक लगा दिया और हम लोग साथ मे धीरे धीरे डॅन्स करने लगे. उस लड़की ने पहले मुझे किस किया और सच मे इट वाज़ एलेक्ट्रिक. मुझे उसी वक़्त पता लग गया कि मैं उसे पसंद करने लगी हूँ और उसके बाद हम दोनो ने शॉन को बिल्कुल इग्नोर कर दिया. हम दोनो एक दूसरे की बॉडी से कुछ ज़्यादा ही अट्रॅक्टेड थे."
उसने सबकी ओर देखा तो सब उसकी ओर घूर कर देख रहे थे. उसने हंसकर अपना गला सॉफ किया.
"हम दोनो ने एक दूसरे के साथ काफ़ी कुछ किया लेकिन फिर भी हम दोनो ने बाद मे शॉन के साथ भी सेक्स को एंजाय किया. लेकिन वो एक साथ दो लड़कियों को सॅटिस्फाइ करने मे असमर्थ था तो हम दोनो ही एक दूसरे का सहारा थे. अगले दिन उसने मुझे अपना नंबर दिया और फिर हम दोनो काफ़ी मिलने लगे. उसका नाम जेसी था. अगर मैं उस टाइम शॉन के साथ डेटिंग नही कर रही होती, आइ विश, तो पक्का उसी के साथ होती. उसके बाद शॉन ने और लड़किया लाने के बारे मे पूछना भी शुरू कर दिया. मुझे भी इसमे कोई दिक्कत नही दिखी, मैं भी जेसी के अलावा किसी दूसरे के साथ ट्राइ करना चाहती थी. बाद मे उसने मुझे अपने दोस्त को शामिल करने के लिए भी कन्विन्स कर लिया. और अगले दिन उसका दोस्त भी आया. आंड इट वाज़ फन और मुझे उसके साथ शॉन से ज़्यादा मज़ा आया लेकिन मैं उसके साथ फेतफुल रहना चाहती थी तो उसी के साथ रही.
"अब तक मैने क्लासस लेनी भी बंद कर दी थी, और दिन भर बस मैं नये नये लड़को के साथ सेक्स ही करती रहती. बाद मे मैने उन सबके बारे मे शॉन को बताना भी छोड़ दिया. फिर हम लोगो ने ग्रूप सेक्स एंजाय करना भी शुरू कर दिया. मैने अनल, ब्लोवजोब जो कुछ होता है सब कुछ ट्राइ किया. और मुझे इसका कोई रिग्रेट भी नही है, आइ सिंपल एंजाय्ड इट. बस एक बात का दुख है कि मैने ये सब चीज़े उस सुअर के साथ की, अगर मैने ये सब अरुण या अरुण की तरह किसी समझदार इंसान के साथ की होती तो वो गिल्ट भी नही होता."
"खैर, एक रात, सेमेस्टर ख़त्म ही हुआ था तो हम लोग पार्टी मे गये. मैं एक बहुत सी रिवीलिंग ड्रेस पहेन कर गयी. पार्टी के बीच मे काफ़ी कुछ होने लगा वहाँ लाइक सेक्स रिलेटेड. उसने मुझे सबके सामने ही ब्लोवजोब के लिए कहा तो मैं मान गयी. उसके बाद वो दूसरी लड़की पर लाइन मारने लगा और कुछ देर बाद मैने उसे काउच पर उसी के साथ सेक्स करते हुए पाया. मुझे भी इस बात से ज़्यादा फ़र्क़ नही पड़ा. मैने काफ़ी स्कॉच पी और होश खो बैठी. कुछ घंटे बाद जब मैं जागी तो एक लड़के का..वो..पेनिस मेरे मूह मे था, और दूसरे के उपर मैं बैठी थी, तीसरा मेरे पीछे था. और भी 2 3 लड़के थे जो वही नंगे खड़े हुए थे. उसके बाद जब मेरी आँख खुली तो वहाँ वो लोग सोते हुए पड़े थे. मेरे जो भी कपड़े बचे थे, जो कि सिर्फ़ ब्रा और पैंटी थी मैने पहने और वैसी ही हालत मे अपने अपार्टमेंट आई."
वो ये कहते वक़्त नीचे देखने लगी और एक आसू उसकी आँख से निकलकर गाल पर आ गया.
"मैने पूरे रास्ते कुछ नही सोचा. अपार्टमेंट जस्ट कॅंपस से लगा ही हुआ था तो जल्दी से रूम मे पहूचकर मैं शवर के नीचे बैठ गयी और फिर मैने रोना शुरू किया जैसे उसके पहले कभी रोई ही नही थी. मैने दूसरे दिन ही डॅड को फोन करके कह दिया कि मैं वापस आ रही हूँ, तब उन्होने मुझे बताया कि उनका और मोम का डाइवोर्स हो गया है. उसके बाद तो मेरा रुकने का सवाल ही नही उठता था." ये कहकर वो शांत हो गयी.
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01-25-2019, 12:52 AM,
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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
स्नेहा की आँखो मे आँसू थे. "आइ'म सॉरी, एशू," उसने एश को गले लगा लिया. "मुझे नही पता था कि इतना कुछ हो गया वहाँ."
एश ने सिर हिला दिया. "इट'स ओके दी. मैने इस पार्ट को आक्सेप्ट कर लिया है. डर मुझे अरुण के रियेक्शन का लग रहा था. ही'स दा बेस्ट पर्सन आइ'हॅव एवर नोन. यहाँ तक कि रोहित भी उन लड़को से अच्छा है. मुझे उस पार्टी को छोड़कर बाकी किसी चीज़ का रिग्रेट नही है, क्यूकी बाकी सब मैने अपनी मर्ज़ी से किया था. जेसी अभी भी मेरे कॉंटॅक्ट मे है. मैने अभी तक उसे वो पार्टी के बारे मे नही बताया है. मेबी सम डे."
अरुण सिर्फ़ आग मे ही देखे जा रहा था. सोनिया खड़ी हुई और पीछे से एश को हग कर लिया. "आइ'म सॉरी, व्हाट हॅपंड टू यू. और हम लोग तुम्हे जड्ज भी नही कर सकते. मैं भी तुम्हारी ही तरह थी, लेकिन अभी कुछ महीने पहले मुझे भी रीयलाइज़ हुआ कि कुछ ग़लतियाँ मैने भी की. और एक बात बिल्कुल ठीक कही, भाई सही मे एक अच्छे इंसान हैं."
"यू आर आ गुड पर्सन टू, रोहित," आरोही बोली. "माना कि तुम परवर्ट, बेवकूफ़, ओवरेक्टर, कमीना हो लेकिन जब भी हम लोगो को तुम्हारी ज़रूरत पड़ी तुम थे वहाँ. यू आर आ गुड फ्रेंड."
रोहित चुप चाप सिर हिला रहा था. उसने एश की ओर देखा. "लुक, मैं जानता हूँ मैं थोड़ा ज़्यादा बोलता हूँ और थोड़ी गंदी बातें करता हूँ और हम लोगो की कभी नही बनी लेकिन अगर तुम कहोगी तो मैं अभी जाके वहाँ उस सुअर की हड्डी पसली एक कर सकता हूँ."
एश हंस दी. "पक्का?"
अरुण हंस पड़ा.
"अच्छा छोड़ो, नेक्स्ट कौन है?" एश ने कहा.
"इट्स युवर चाय्स," सुप्रिया बोली.
उसने सुप्रिया से ही पूछ लिया. "ट्रूथ ऑर डेर?"
सुप्रिया मूह बंद करके उसे देखने लगी. "ट्रूथ,"
एश ने कुछ देर सोचा. "आपने अब तक सबसे बड़ा पेनिस कितने इंच का देखा है?" उसने पूछा.
सुप्रिया के मूह से बीयर तुरंत ही आग मे चली गयी और सभी हँसने लगे. कुछ देर बाद जाके जब हँसी थमी तो सुप्रिया ने एक बार अरुण की ओर देखा फिर बोली. "9"
ऐसे ही गेम आगे बढ़ता रहा और ज़्यादातर लोगो सेक्स से रिलेटेड क्वेस्चन्स ही पूछते रहे. बाद मे रोहित ने सिर्फ़ डेर के लिए कहा तो एंड तक 2 तीन लोगो के कपड़े उतर ही गये. लेकिन उससे आगे कुछ नही बढ़ा.
जब रात काफ़ी हो गयी तो सभी लड़कियाँ, आरोही को छोड़कर कॅबिन के अंदर चली गयी और अरुण, रोहित, आरोही ने स्लीपिंग बॅग्स लिए और आग के पास ही खर्राटे भरने लगे.
सुबह की पहली किरण के साथ ही तीनो जाग गये. अरुण ऐसे ही घूम के जब वापस आया तो निशा रोहित के पास से भाग कर आ रही थी, अरुण ने उसे खुद से टकराने से रोकने के लिए हाथ आगे किए तो उसके दूध सीधे उसके हाथो से टकरा गये और दोनो गिर पड़े. निशा तेज़ी से चलते हुए पीछे मूड के कह रही थी,"मैने कहा अभी नही,"
"सॉरी अरुण,"
रोहित गुस्से से दूसरी तरफ चला गया.
"नो प्राब्लम," अरुण ने उठाते हुए कहा.
कुछ देर बाद रोहित फिर निशा के पास गया.
"हम लोगो को वो केर्टेकर का कॅबिन भी चेक करना है."
"तो जाओ ना," निशा बोली.
"डॅड ने तो तुमसे कहा था मैं तो सिर्फ़ हेल्प के लिए चल रहा हूँ."
निशा ने एक गहरी साँस ली और खड़ी हो गयी. "फाइन."
"मैं भी चलता हूँ," अरुण भी खड़े होते हुए बोला लेकिन तभी अंदर से सुप्रिया की आवाज़ आई उसे बुलाते हुए.
"तू जा, हम लोग जल्दी ही आते हैं," रोहित बोला और निशा के साथ पहाड़ी की तरफ चल दिया जहाँ घने पेड़ो के पीछे एक और छोटा सा कॅबिन था.
अरुण जब अंदर से बाहर आया तो उसने देखा कि आरोही नदी से नहा कर आई थी लेकिन जिस ओर निशा और रोहित गये थे उसी ओर जाकर एक पेड़ की पीछे छुप के खड़ी थी.
अरुण देखकर कन्फ्यूज़ हो गया. "कर क्या रही है ये?" उसने सोचा.
"टट्टी तो नही कर रही."
अरुण ने सिर हिला दिया और अंदर पानी पीने चला गया. जब दोबारा बाहर आया तो आरोही उसी की ओर दौड़ कर आ रही थी. जब उसने अरुण को देखा तो उसे जल्दी से अपनी ओर बुलाने लगी. उसे लगा कि कहीं चोट तो नही लग गयी किसी को तो वो दौड़ कर वहाँ पहुचा.
"तुम्हे ये देखना ही पड़ेगा..और तुम्हे विश्वास नही होगा कि मैने क्या देखा है,"
"क्या?" अरुण ने पूछा.
"साथ मे चलो लेकिन चुप रहना, ओके," आरोही उसके साथ चलते हुए बोली.
वो लोग चुपके से चलते रहे. जब थोड़ा आगे पहुचे तो पेड़ की पीछे एक फेन्स से घिरा हुआ कॅबिन था. वो दोनो कॅबिन के पीछे गये जहाँ एक खिड़की थी, खिड़की मे पर्दे पड़े थे लेकिन काफ़ी खुले हुए थे. आरोही ने इशारा किया तो अरुण ने अंदर देखा और कुछ ही देर बाद पलट कर उसे मूह खोल के देख रहा था.
"आइ नो," आरोही ने मूह चलाया.
अंदर बेड पर निशा झुकी हुई थी पूरी नंगी और रोहित उसके पीछे खड़े होकर लंड को अंदर बाहर कर रहा था. वो हर धक्के के साथ मस्ती मे आवाज़ें निकाल रही थी. "और तेज कुत्ते..और तेज चोद," उसने तेज़ी से कहा.
रोहित ने उसकी बात मान के और तेज़ी से धक्का मारा.
"क्या जितने लोगो को हम जानते हैं सब अपने भाई बहेन के साथ सेक्स कर रहे हैं? ओह माइ गॉड!"
अरुण फिर खड़ा हुआ और इस बार आरोही भी अंदर देखने लगी. रोहित ने नीचे से निशा के दोनो दूध पकड़ रखे थे और तेज़ी से चोद रहा था.
"तू उन सब लड़कियों को चोदना चाहता है ना..औहमम्म," निशा बोली.
"हां..." रोहित बोला.
"किस किसको चोदेगा...हार्डर..आह.?" निशा ने पूछा.
"स्नेहा दी को.." रोहित बोला.
"हां, स्नेहा दी के बड़े बड़े दूधो से खेलेगा है ना?"
"येस.."
अरुण और आरोही अपनी हँसी रोकने मे लगे हुए थे.
"और किसे चोदोगे? तुझे एश को भी चोदना है ना..उहह..उसके चिकने मूह मे ये जूस डालना..उःम्म्म.?"
रोहित जंगली की तरह अपनी स्पीड करके उसे चोदने मे लगा हुआ था.
"लेकिन ये लंड तो मेरा है..है ना...उःम्म्म्महह...अह्ह्ह्ह?" निशा ने चीखते हुए कहा.
"हां..."
"तो इससे सिर्फ़ मुझे चोदो और किसी को नही..अहहह..आहह..मैं आने वाली हूँ..आह...उम्म्म्म.." निशा काँपते हुए बोली.
निशा काँपते हुए हिलने लगी और बहुत तेज़ी से आहें भरने लगी. उसके झाड़ते ही रोहित ने लंड को उसकी चूत से निकाला और उसे सामने बैठ के उसके मूह मे लंड डाल दिया. निशा भी मस्ती से उसके लंड को चूसने और चाटने लगी. कुछ ही देर मे रोहित ने चीख के उसके मूह मे अपना वीर्य उडेलना शुरू कर दिया.
"आइ लव युवर फ्रेंड्स टू."
अच्छे तरीके से वीर्य को चाट के और लंड को सॉफ करके वो लोग लेट गये. तो अरुण और आरोही चुप चाप वहाँ से पलटके वापस चलने लगे.
सेफ डिस्टेन्स पर पहुच कर अरुण ने आरोही की ओर देखा. "तुम्हे क्या लगता है कितनी देर से वो लोग..."
"एक दूसरे को चोद रहे हैं?" आरोही ने बात पूरी करते हुए कहा. "आइ'हॅव नो आइडिया."
"उस रात तुमने रोहित को थियेटर मे देखा था ना?"
"हां और मुझे लगता है, निशा ही ब्लोवजोब दे रही थी..हिहह्ी." आरोही हंसते हुए बोली.
अरुण कुछ देर सोचता रहा. "लेकिन अब एश वाली प्राब्लम तो अनसॉल्व्ड रह गयी. अब जब वो निशा के साथ इंटिमेट है तो एश के साथ तो सवाल ही नही उठता."
"वैसे कल की स्टोरी सुन के मुझे लगता है एश को लड़के से ज़्यादा किसी लड़की की ज़रूरत है. गॉड नोज व्हाट'स इन दा फ्यूचर.."
अरुण ने भी सिर हिला दिया और उसके साथ चलता रहा.
कॅबिन के बाहर पहूचकर आरोही तो नदी के किनारे चली गयी जिधर सोनिया और एश जा रही थी. अरुण अंदर चला गया. स्नेहा किताब लेकर बैठी थी.
"हाई दी." अरुण बोला.
"हाई बेबी."
अरुण टवल उठकर बाथरूम की ओर जाने लगा. उनके कॅबिन मे शवर का इंतेज़ाम भी था. अरुण को बाथरूम मे जाते देख स्नेहा ने किताब रखी और उसके पीछे हो ली.
"मैं हेल्प कर देती हूँ." स्नेहा ने अपना निचला होठ काटते हुए कहा.
अरुण ने ये देखकर हां कह दी. वो दोनो एक साथ उस छोटे से बाथरूम मे घुस गये. मुड़कर अरुण ने हाथ उपर कर दिए और स्नेहा उसकी टी-शर्ट उतरने लगी. अरुण ने उसे देखा तो भूल ही गया कि वो नाटक कर रहा है याददाश्त खोने का. वो सिंपल सा टॉप और शॉर्ट्स पहने हुए थे. ज़्यादा रिवीलिंग नही था लेकिन उसका पूरा बदन कातिलाना लग रहा था.
"कसम से कितनी चुदासी लग रही है," आवाज़ ने कहा
"सही कहा."
स्नेहा ने बैठकर उसके शॉर्ट्स भी उतार दिया और बस बॉक्सर छोड़ दिया. अरुण शवर के नीचे खड़ा हो गया और पानी चालू कर के पसीने को पानी से सॉफ करने लगा. अरुण ने मुड़कर स्नेहा की ओर देखा तो उसकी आँखे लंड पर ही जमी हुई थी और अरुण के मुड़ते ही उसके चेहरे पर पहुच गयी. उसकी साँसें भारी हो गयी थी और उसकी जीभ बार बार बाहर आकर होंठों को गीला कर रही थी. अरुण ने आँखें बंद करी और सिर को पानी के नीचे कर दिया.
"कोई हेल्प चाहिए?" स्नेहा ने भारी आवाज़ से पूछा.
अरुण ने सिर हिला दिया. "हां पीठ पर हाथ पहुचने मे तक़लीफ़ होती है," उसने जवाब दिया.
"मुड़ो," स्नेहा ने नज़दीक आके कहा. स्नेहा उसके नंगे बदन को अपनी आँखो मे बसा रही थी और साबुन को उसकी पीठ पर लगाने लगी. अरुण ने अपने दोनो हाथ दीवार से लगा दिए थे.
पीछे स्नेहा को अपना ध्यान उसकी पीठ पर रखने मे बड़ी दिक्कत हो रही थी. स्नेहा किसी भूके की तरह उसे देख रही थी जैसे कि वो कोई खाने की चीज़ हो. वो अपनी इच्छाओं को दबाने के लिए कुछ पॅलो के लिए इधर उधर देखने की कोशिश करती लेकिन दोबारा उसकी आँखें घूमफिर के उसी पर आ जाती.
"पलटो," उसने कहा.
अरुण मन ही मन मुस्कुराता हुए पलटा. "थॅंक्स फॉर हेल्प दी," उसने धीरे से कहा.
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