03-06-2019, 10:49 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Hindi Sex Stories तीन बेटियाँ
“हाँ .......बेटी....... बहुत अच्छा लग रहा है” जगदीश राय की बात सुन सशा के होंठों पर भी मुस्कान फ़ैल गयी, जगदीश राय की बात से थोडा उत्साहित होकर सशा और भी तेज़ी से लंड के सुपाडे को चूमने लगी, कुछ ही पलों में जगदीश राय अपनी बेटी के होंठों के स्पर्श के उस सुखद एहसास में डूबने लगा।
“आआहह... बेटी... प्लीज बेटी ऐसे ही करते रहो” सशा तो जैसे यही सुनना चाहती थी , उसने लंड को ऊपर उठाया और जड़ से लेकर टोपे तक लंड पर चुम्बनों की बरसात कर दी , फिर उसके होंठ खुले और उसकी जीभ बाहर आई , उसने जीभ की नोंक से लंड की त्वचा को सहलाया , गीली नर्म जीभ का एहसास होते ही जगदिश् राय के मुख से खुद ब खुद सिसकारी निकल गयी, सशा की जीभ उस सिसकी को सुन और भी गति से लंड की निचली त्वचा पर रेंगने लगी, परन्तु उसे थोड़ा सा अजीब सा भी महसूस हो रहा था, उसे लग रहा था कि मानो जगदीश राय के लंड पर कोई द्रव लगा था जो बाद में सुख गया था और उसका अजीब सा पर अच्छा स्वाद सशा को अपनी जीभ पर महसूस हो रहा था, पर उसने इसकी ओर ज्यादा ध्यान नही दिया और लंड चुसाई में लगी रही।
“अह्ह्हह्ह्ह्ह ............बेटी बहुत अच्छा लग रहा है.. बहुत........बहुत मज़ा आ रहा है” जगदीश राय के मुख से लम्बी लम्बी सिसकारियां निकलनी शुरू हो गयी थी, अपने पापा के मुख से आनंदमई सिसकी सुन सशा के होंठों की मुस्कान उसके पूरे चेहरे पर फ़ैल गयी, उसकी जीभ अब सिर्फ सुपाडे पर ही नहीं बल्कि उसके आस पास तक घूम रही थी , सशा बेपरवाह अपनी जीभ लंड की जड़ से लेकर सिरे तक घुमा रही थी
जगदीश राय के लिए तो ये एक जबरदस्त मज़ा था , इस मज़े से उसकी हालत खराब होती जा रही थी , पूरे जिस्म में गर्मी सी महसूस होने लगी थी , उसके लंड का तनाव पल पल बढ़ता ही जा रहा था।
|
|
03-06-2019, 10:49 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Hindi Sex Stories तीन बेटियाँ
जैसे जैसे लंड का आकार बढ़ता जा रहा था, वैसे वैसे सशा की जीभ की स्पीड बढती जा रही थी , लंड का कठोर रूप अब उसके सामने था और वो रूप उसके तन बदन में आग लगा रहा था , उसके पूरे बदन में होने वाली झुरझुरी उसकी हवस को बयां कर रही थी , उसका अंग अंग फड़कने लगा था।
धीरे धीरे उसकी चूत में रस बहना चालू हो चूका था , वो अपने आप पर काबू खोती जा रही थी , उसकी सांसें गहरी होती जा रही थी और उसका सीना उसकी साँसों के साथ तेज़ी से ऊपर निचे हो रहा था , बदन में कम्कम्पी सी दौड़ रही थी।
इधर जगदीश राय का लंड पूरा कड़क हो चूका था, अब सशा से और बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा था और उसने अगले ही पल झट से जगदीश राय के लंड के सुपाडे को अपने रसीले होंठों में भर लिया और अपनी जीभ उस पर रगडते हुए उसे जोर जोर से चूसने लगी ,जगदीश राय के आनंद में कई गुना बढ़ोतरी हो गई थी, अपने पापा के मुख से निकलती ‘अह्ह्ह्ह- अह्ह्ह्ह’ ‘उफ़’ ने सशा को और भी उतेजित कर दिया , धीरे धीरे उसके होंठ लंड के ऊपर की और जाने लगे , जैसे जैसे सशा के होंठ ऊपर को बढ़ रहे थे, दोनों बाप बेटी की साँसे और सिसकियाँ गहरी होती जा रही थीं ,
सशा के होंठ अब सुपाड़े के नीचे वाले हिस्से की भी सवारी करना शुरू कर चुके थे।
अगले ही पल वो हुआ जिसकी आशा में जगदीश राय और सशा दोनों का बदन कांप रहा था, बुखार की तरह तप रहा था , सशा के होंठ अपने पापा के लंड के चारों और बुरी तरह कस गए , और जगदीश राय के लंड का आधे से ज्यादा हिस्सा सशा की गले की गहराइयों में ओझल हो चुका था।
जगदीश राय को लगा शायद वो गिर जाएगा और उसके बदन ने एक ज़ोरदार झटका खाया।
“आहह्ह्ह... म..उफफ्फ्फ्फ़”जगदीश राय सुपाड़े की अति संवेदनशील त्वचा पर अपनी बेटी की रसीली जीभ की रगड़ से कराहने लगा , उसके हाथ ऊपर उठे और अपनी बेटी के सर पर कस गए।
|
|
03-06-2019, 10:49 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Hindi Sex Stories तीन बेटियाँ
सशा तो जैसे पूरे जोश में आ गई , उसने होंठ कस कर अपनी जीभ तेज़ी से चलानी शुरू कर दी , उसका एक हाथ अपने पापा की कमर पर चला गया और दुसरे से वो उनके आंडो को सहलाने लगी।
अब सशा का मुंह भी लंड पर आगे पीछे होने लगा था , उसके गिले मुख में धीरे धीरे अन्दर बाहर होते लंड ने जगदीश को जोश दिला दिया , वो अपनी बेटी के सर को थामे अपना लंड उसके मुंह में जोर जोर से आगे पेलने लगा , हर शॉट में अब उसका लंड सशा के गले की गहराइयों को नाप रहा था, और अब जगदीश राय तेज़ी से अपने लंड को आगे पीछे करते हुए गहराई तक अपनी बेटी के मुँह को चोदने लगा , जब जगदीश राय का लंड सशा के गले को टच करता तो उसके मुख से ‘गु –गु’ की आवाज़ निकलती ।
उधर जगदीश राय तो जैसे किसी और ही दुनिया में था , आँखें बंद किए वो अपनी बेटी के मुंह में अपना लंड पेलते जा रहा था।उसको लग रहा की वह कोई कुँवारी चूत चोद रहा है।
सशा को हालाँकि लंड के इतने तेज़ तेज़ धक्कों से थोड़ी दिक्कत हो रही थी मगर वो हर संभव प्रयास कर रही थी अपने पापा के लंड की ज़बरदस्त चुसाई करने का , उसकी जीभ अन्दर बाहर हो रहे लंड के सुपाड़े को रगडती तो उसके होंठ सुपाड़े से लेकर लंड के मध्य भाग तक लंड को दबाते , लंड अन्दर जाते ही उसके गाल फूल जाते और बाहर आते ही वो पिचकने लगते।
जल्द ही जगदीश राय को अपने अंडकोष दवाब सा बनता महसूस होने लगा , उसे एहसास हो गया वो झड़ने के करीब है , उसने अब अपनी बेटी के मुख को और भी तीव्रता से चोदना शुरू कर दिया , उधर सशा के लिए अब इस गति से अन्दर बाहर हो रहे लंड को चुसना संभव नही था , वो तो बस अपने होंठो और जीभ के इस्तेमाल से जितना हो सकता लंड को सहलाने की कोशिश कर रही थी।
खुद वो अपनी टांगें आपस में रगड़ कर उस सनसनाहट को कम करने की कोशिश कर रही थी , जो उससे बर्दाश्त नहीं हो रही थी , चुत से रस निकल निकल कर उसकी जांघें गीली कर चुका था।
तकरीबन 10 मिनट की भीषण चुसाई के बाद अचानक जगदीश राय को लगने लगा जैसे उसकी शक्ति का केंद्र बिंदु उसका लंड बन गया है , वो झड़ने के बिल्कुल करीब पहुंच चुका था , पर वो चाहता था कि उसके पानी की हर एक बूंद सशा की गले की गहराइयों में उतर जाए, इसलिए अब उसके धक्के और भी ज्यादा तेज होते जा रहे थे।
|
|
03-06-2019, 10:49 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Hindi Sex Stories तीन बेटियाँ
सशा को भी ये अहसास होने लगा था था कि अब शायद उसके पापा झड़ने वाले हैं इसलिए उसने अपने आपको पूरी तरह उनके हवाले कर दिया, जगदीश राय सशा के सिर को पकड़कर जोर जोर से अपना लंड उसके मुंह मे पेल रहा था।
और फिर अगले ही पल जगदीश राय के बदन में एक तेज़ लहर उठी और वो भलभला कर झड़ने लगा, उसके लंड से वीर्य की बौछार होने लगी जो सशा के गले मे जाकर उसे तृप्त कर रही थी।
सशा भी एक मझे हुए खिलाड़ी की तरह जगदीश राय के पानी की आखिरी बून्द भी पी लेना चाहती थी, जब जगदीश राय पूरी तरह झड़कर शांत हो गया तो सशा ने जीभ की नोंक से सुपाड़े के छेद से निकल रही वीर्य को भी चाट लिया।
जगदीश राय: “ .उन्ह्ह्ह्ह…ह्म्प्फ़्फ़्फ़्फ़… ओहहहहहह यस ओहहहहहहह यस" ओह्हहहहहह बेटी उम्ह्ह्ह्ह्ह.”
जगदीश राय लगातार सिसकता ही जा रहा था।
सशा की जीभ आखिरी बार पूरे लंड पर घूमने लगी और वो उसे चाट कर साफ़ करने लगी , लंड पूरा साफ़ होने के बाद उसने सुपाड़े को अपने होंठो में एक बार फिर से भरकर चूसा और फिर अपने होंठ उसपे दबाकर एक ज़ोरदार चुम्बन लिया।
कुछ देर आराम करने के बाद जगदीश राय सशा को बेड पर सुला देता है और उसकी छोटी सी कुंवारी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगता है कुछ ही देर में सशा उत्तेजना से तड़पने लगती है।
जगदीश राय झुक कर उसकी चूत को धीरे से चूम लिया और दरार को नीचे से ऊपर तक चाटा, कई कई बार चाटा और समूची चूत को मुंह में भर लिया और झिंझोड़ डाला.
आनन्द के मारे सशा के मुंह से किलकारी निकल गई. फिर ऊपर हाथ ले जाकर उसके दोनों मम्मे पकड़ लिए और चूत का दाना, वो छोटा सा भागंकुर अपनी जीभ से टटोलने लगा और इसे अपनी मुंह में लेकर चूसा और चूत की गहराई में जीभ घुसा कर प्यार से, बहुत ही निष्ठा पूर्वक उसकी शर्बती चूत चाटने लगा.
वो बेचारी इतना सब कैसे सहन कर पाती, बदले में वो अपनी चूत उठा उठा कर अपने पापा के मुंह पे मारने लगी.
|
|
|