07-30-2019, 01:26 PM,
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RE: Kamukta Kahani अहसान
अपडेट-49
कुछ देर होंठ चूसने के बाद उसने मुझे अपने उपर से उठा दिया जिससे लंड बाहर निकल गया. मुझे समझ नही आया कि उसने लंड क्यो बाहर निकाल दिया इसलिए सवालिया नज़रों से उसकी तरफ देखने लगा. उसने एक नज़र मुझे मुस्कुरा कर देखा ऑर फिर वो भी बेड पर उठ कर बैठ गई ऑर मेरे देखते ही देखते अब वो किसी जानवर की तरह अपने दोनो हाथो ऑर दोनो घुटनो के बल बेड पर खड़ी हो गई. मैं उसको खड़ा देख रहा था कि अब वो क्या करती है. उसने अपनी गर्दन को पिछे घुमाया ऑर एक मुस्कान के साथ मुझे पिछे आने का इशारा किया. मैं मुस्कुरा कर उसके पिछे आ गया ऑर जल्दी से अपनी शर्ट-पेंट ऑर अंडरवेर को अपने जिस्म से आज़ाद किया. अब मैने अपना पूरा लंड पिछे से एक ही झटके मे उसकी चूत मे डाल दिया ऑर उसको कमर से पकड़ कर झटके मारने लगा अब वो बुलंद आवाज़ मे सस्सस्स ससस्स कर रही थी. कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद उसने मेरा एक हाथ अपनी कमर से हटाया ऑर अपने सिर पर रख दिया साथ मे मेरे हाथ मे अपने बाल पकड़ा दिए अब मैं समझ चुका था कि वो क्या चाहती है इसलिए मैने उसको बालो से पकड़ लिया ऑर तेज़-तेज़ झटके मारने लगा... उसकी ससस्स... ससस्स... अब आआहह ऊऊओ आायईयीई मे बदल चुकी थी पूरे कमर मे उसकी आवाज़ ऑर झटको की थप्प्प.... थप्प्प... की आवाज़ ही गूँज रही थी. अचानक उसको चोदते हुए मुझे याद आया कि फ़िज़ा को चोदते हुए भी मैने यही तस्वीर देखी थी इसलिए मैने अपना दूसरा हाथ जो उसकी कमर पर था उसकी गान्ड पर रखा ऑर एक ज़ोर दार थप्पड़ उसकी गान्ड पर मारा. उसने हैरानी से मेरी तरफ पलटकर देखा ऑर एक क़ातिलाना मुस्कान के साथ मुझे सिर हिला कर दुबारा मारने को कहा.
अब मैने एक हाथ से उसके बाल पकड़े हुए थे ऑर दूसरी हाथ से उसकी गान्ड पर थप्पड़ की बरसात कर रहा था कुछ ही देर मे वो दूसरी बार भी फारिग हो चुकी थी इसलिए हाफ्ते हुए वो बेड पर गिर गई थी. मैं भी उसके उपर ही लेटा हुआ था हम दोनो का जिस्म पसीने से नहाया हुआ था. कुछ देर मे जब उसकी साँस दुरुस्त हो गई तो मैने उसके उपर लेटे लेटे ही झटके मारने शुरू कर दिए इसलिए उसने उसी पोज़ीशन मे अपनी दोनो टांगे फैला ली ताकि लंड जड़ तक पूरा अंदर जा सके. इस पोज़ीशन मे मुझे ऑर रूबी दोनो को बेहद मज़ा आ रहा था इसलिए मैने तेज़ रफ़्तार से झटके लगाने शुरू कर दिया कुछ ही देर मे मैं भी अपनी मंज़िल के करीब पहुँच गया ऑर मेरे साथ ही रूबी तीसरी बार फिर से फारिग हो गई. मेरे लंड पूरे प्रेशर से उसकी चूत मे मेरा माल छोड़ रहा था. हम दोनो अब बुरी तरह थक चुके थे ऑर एक दूसरे के उपर पड़े अपनी साँस को दुरुस्त कर रहे थे. हम दोनो ही इतनी जबरदस्त चुदाई से इतना ज़्यादा थक चुके थे कि दोनो मे से किसी की भी कपड़े पहन ने कि हिम्मत नही थी इसलिए हम दोनो ऐसे ही एक चद्दर अपने उपर लेकर लेट गये. रूबी बहुत खुश थी ऑर मुझे मुस्कुरा कर देख रही थी मैने उसको एक बार फिर से गले से लगा लिया. वो गले लगी हुई ही मेरे उपर आके लेट गई अब हम दोनो ही खामोश थे ऑर थके हुए थे इसलिए कुछ ही देर मे ही रूबी मेरे उपर ही सो गई मुझे गले लगाके ऑर मैं भी उसकी कमर पर हाथ फेरता हुआ जाने कब नींद की वादियो मे खो गया.
हम दोनो सुकून से सोए पड़े थे कि किसी ने आधा रात को हमारा दरवाज़ा खट-खाटाया जिससे रूबी की नींद खुल गई उसने फॉरन मुझे उठाया ऑर कपड़े पहनने का कहा मैने जल्दी मे सिर्फ़ पेंट पहनी ऑर दरवाज़ा खोलने चला गया. इतनी देर मे रूबी ने ज़मीन पर बिखरे अपने कपड़े उठाए ऑर बाथरूम मे भाग गई. मैं आँखें मलता हुआ दरवाज़ा खोला तो सामने रसूल ऑर मेरा ड्राइवर खड़े थे.
मैं : क्या है यार इतनी रात तुमको क्या काम पड़ गया, इतनी अच्छी नींद आ रही थी बेकार मे खराब कर दी.
रसूल : भाई बाबा की तबीयत बहुत खराब हो गई है वो आपको बुला रहे हैं.
ये बात सुन कर मेरी झटके से आँखें खुल गई ऑर मैं बिना कुछ बोले अंदर शर्ट पहन ने चला गया. तब तक रूबी भी कपड़े पहनकर बाहर आ चुकी थी.
रूबी : (दरवाज़े पर देखते हुए) कौन है बाहर शेरा....
मैं : रसूल है... बाबा की तबीयत खराब हो गई है इसलिए मुझे याद कर रहे हैं
रूबी : ओह्ह्ह.... मैं भी चलती हूँ आपके साथ.
मैं : नही तुम रहने दो मैं थोड़ी देर मे आ जाउन्गा तुम दरवाज़ा बंद करके आराम से सो जाओ
रूबी : कोई सीरीयस बात तो नही है ना
मैं : ये तो वहाँ जाके ही पता चलेगा.
रूबी : ठीक है... अगर मेरी ज़रूरत हो तो ड्राइवर को भेज देना.
मैं : (रूबी का सिर चूमते हुए) ठीक है अब तुम आराम करो ऑर सो जाना.
रूबी : (मुस्कुराते हुए) हमम्म ठीक है.
उसके बाद मैं तेज़ कदमो के साथ घर से बाहर निकल गया ऑर रसूल के साथ गाड़ी मे बैठ कर जल्दी से अपने ठिकाने पर पहुँच गया. वहाँ लाला, गानी ऑर सूमा पहले से मोजूद थे. मैं जल्दी से जाके बाबा के पास बैठ गया.
बाबा : आ गया तू शेरा...
मैं : जी बाबा... आप आराम कीजिए मैं डॉक्टर से बात करके आता हूँ (डॉक्टर को देखते हुए) क्या हुआ है बाबा को?
बाबा : (हाँ मे सिर हिलाते हुए) अच्छा...
डॉक्टर : इनको साँस लेने मे तक़लीफ़ हो रही है
मैं : ये ठीक तो हो जाएँगे ना.... अगर आप कहे तो मैं शहर से ऑर डॉक्टर बुलवा लेता हूँ.
डॉक्टर : उसकी कोई ज़रूरत नही है आप ज़रा मेरे साथ आइए आप से बात करनी थी.
मैं : (डॉक्टर को कमरे से बाहर लेके जाते हुए) चलिए....
उसके बाद मैं ऑर डॉक्टर बाहर हॉल मे आ गये मेरे पिछे-पिछे लाला, गानी ऑर सूमा भी आ गये जबकि रसूल बाबा के पास ही बैठ गया.
मैं : कहिए डॉक्टर क्या बात है.
डॉक्टर : देखिए मैं आपको कोई झूठा दिलासा नही देना चाहता इसलिए आपको सच बता रहा हूँ. इनके बॉडी मे काफ़ी गोलियाँ लगी थी कुछ वक़्त पहले आपको तो पता ही होगा.
मैं : ये तो हम जानते हैं इसमे नयी बता क्या है.
डॉक्टर : शायद आपको पता नही है लेकिन 6 गोलियो मे से 5 गोलियाँ तो ऑपरेशन से निकाल दी थी लेकिन 1 गोली इनके दिल के पिछे चली गई थी अगर वो गोली निकलते तो उनकी जान को ख़तरा हो सकता था इसलिए डॉक्टर्स ने वो गोली नही निकाली अब इतने दिन से वो गोली वहाँ रहने की वजह से पूरी बॉडी मे ज़हर फैल गया है इसलिए अब इनका बचना बहुत मुश्किल है. माफ़ कीजिए लेकिन अब इनके पास अब ज़्यादा वक़्त नही है.
मैं : देखिए डॉक्टर साहब आप पैसे की फिकर मत कीजिए पानी की तरह पैसा बहा दूँगा लेकिन वो जो अंदर लेता है वो मेरे लिए मेरा बाप है उनको कैसे भी करके बचा लीजिए मैने आज तक किसी के सामने हाथ नही जोड़े लेकिन आज जोड़ रहा हूँ प्लज़्ज़्ज़्ज़.
डॉक्टर : सॉरी मैं कुछ नही कर सकता अब काफ़ी देर हो गई है.
मैं : अगर बाबा को कुछ हुआ तो तू भी नही बचेगा ये बात समझ ले... लाला ले जा . साले को ऑर इसको डॉक्टरी सीखा.
उसके बाद हम वापिस मायूस दिल के साथ बाबा के पास आके बैठ गये.
बाबा : क्या कहा डॉक्टर ने.
मैं : बाबा आप ठीक हो जाएँगे कुछ नही होगा
बाबा : (मुस्कुराते हुए) तुझे झूठ बोलना भी नही आता. किसको झूठ बोला रहा है शेरा मुझे तेरी रग-रग पता है. मैं जानता हूँ कि अब मेरा आखरी वक़्त आ गया है इसलिए अब जो मैं कहूँगा वो बहुत ध्यान से सुनना तुम सब.
मैं : (रोते हुए) ऐसा मत बोलो बाबा आप बहुत जल्द अच्छे हो जाओगे... एह रसूल फॉरन दूसरे डॉक्टर का इंतज़ाम कर.
रसूल : हाँ अभी जाता हूँ.
बाबा : उसकी कोई ज़रूरत नही है मेरे पास बैठो तुम सारे.
मैं : (बाबा का हाथ पकड़ कर उनके पास बैठ ते हुए ) जी बाबा हुकुम कीजिए.
बाबा : बेटा शेरा अब ये सब कारोबार ये सारे लोग सब तेरी ज़िम्मेदारी है मैं तेरे कंधो पर ये सब कुछ छोड़ कर जा रहा हूँ.
मैं : जी बाबा...
बाबा : लाला, रसूल, सूमा ऑर गानी आज से तेरे दोस्त नही भाई हैं इनका ख़याल तुझे रखना है बस्ती मे जो लोग हैं वो भी तेरे अपने हैं उनको कभी किसी चीज़ की कमी ना होने पाए.
मैं : जी बाबा....
बाबा : तुम चारो भी इसकी हर बात मानना जो ये कहेगा वो मेरा हुकुम समझ कर हर बात की तामील करना हमेशा इसका साथ देना. हमेशा इसके साथ वफ़ादार रहना.
रसूल, लाला, गानी ओर सूमा : जी बाबा.... हम हमेशा हर कदम पर शेरा के साथ हैं.
इतनी बात करके बाबा की साँस उखड़ने लगी ऑर मेरी आँखो के सामने आखरी कलमा पढ़ते हुए मुस्कुरकर वो दुनिया से रुखसत हो गये. हम उनके पास बैठे रात भर रोते रहे लेकिन अब कुछ भी नही हो सकता था. जो चला गया वो अब वापिस नही आ सकता था आज हम सब एक बार फिर से यतीम हो गये थे क्योंकि जिसने सारी उम्र हम को पाला था इस क़ाबिल बनाया था वो इंसान हम को छोड़ कर जा चुका था ऑर उनके जाने की वजह उपर वाला नही था बल्कि उनका ही बेटा छोटा था ये बात याद आते ही मेरा खून खोलने लगा. बाबा के पास बैठे तमाम लोग रो रहे थे लेकिन वो वक़्त रोने का नही खुद को संभालने का था इसलिए मैने अपनी आँख से आँसू सॉफ किए ऑर सब को होसला देने लगा ऑर चुप करवाने लगा. सुबह हमने उनका कफ़न दफ़न का इंतज़ाम किया ऑर उनको आखरी कदम देके रोते हुए वापिस आ गये उनके जनाज़े मे सारी बस्ती के लोग मोजूद थे एक-एक बड़ा ऑर एक-एक बुजुर्ग रो रहा था क्योंकि आज वो इंसान उनको छोड़ कर चला गया था जो हमेशा उनका ख़याल रखता था अब हर इंसान मुझे एक उम्मीद की नज़र से देख रहा था ऑर ये बात अब सच भी थी क्योंकि बाबा की जगह अब मैं था उनके सारे काम अब मुझे ही पूरे करने थे हमारे तमाम दुश्मनो को अब मुझे ही ख़तम करना था. अपनी इन्ही सोचो के साथ मैं वापिस ठिकाने पर आ गया ऑर अकेला उनके बेड के पास आके बैठ गया ऑर बाबा की सिखाई हुई बातो को याद करने लगा.
कुछ देर बाबा के कमरे मे गुज़ारने के बाद मैं वापिस लाला, सूमा, गानी ऑर रसूल के पास आके बैठ गया वो लोग अब भी बुरी तरह रो रहे थे इसलिए सबको चुप करवाता रहा. हमारे कुछ दिन ऐसे ही मातम मे गुज़रे. इस वजह से हम सबका ध्यान अपने-अपने धंधो से हट गया था जिसका फायेदा छोटे ने उठाया. एक दिन मुझे फोन पर मेरे आदमी ने खबर दी कि हमारे विदेश के तमाम क्लाइंट्स ने हमारा माल खरीदने से मना कर दिया है क्योंकि अब वो तमाम गन्स ऑर ड्रग्स का बिज़्नेस हमारे साथ नही बल्कि छोटे के साथ करेंगे. बाबा के जाने की वजह से हम वैसे ही टूट चुके थे उपर से छोटे ने मोक़े पर ऐसी चाल चल कर हम सब का बिज़्नेस भी ख़तम कर दिया था. मुझे जिस दिन ये खबर मिली मेरे दिल मे दबी हुई नफ़रत ऑर गुस्सा उफान पर पा पहुँच गये लेकिन इस वक़्त मैं जोश मे आके कोई कदम नही उठाना चाहता था इसलिए अपने दिमाग़ से काम लिया. मैं चाहे कुछ भी था लेकिन बाबा जो ज़िम्मेदारी मुझे सौंप कर गये थे उसे अब मुझे ही पूरा करना था. मैने फॉरन सारे गॅंग को खंडहर पर बुलाया. कुछ ही देर मे गॅंग के तमाम लोग जो हमारे साथ थे वो वहाँ मोजूद हो गये. मैने सबको एक नज़र देखा ऑर फिर जाके अपनी कुर्सी पर बैठ गया मेरे बैठने के बाद सब लोग अपनी-अपनी कुर्सियो पर जाके बैठ गये. उसके बाद मैने बोला शुरू किया.
मैं : मैने ये मीटिंग इसलिए बुलाई है कि जितने दिन हम सब मातम मे थे छोटे ने हमारा सारा बिज़्नेस टेक-ओवर कर लिया है हमारे तमाम विदेशी क्लाइंट्स ने हम से माल खरीदने से मना कर दिया है क्योंकि छोटा उनको हम से कम कीमत मे माल सप्लाइ कर रहा है.
रसूल : साला कमीना अपने बाप की मौत का भी लिहाज नही रख सका. मैं सोच भी नही सकता था छोटा इतना गिर सकता है.
मैं : रसूल जो इंसान अपने ही बाप पर गोली चला सकता है उसके घटियापन की हद का अंदाज़ा तुम तो क्या कोई भी नही लगा सकता.
सूमा : भाई हमारे लिए बाबा की जगह अब तुम ही हो... तुम बस हुकुम करो कि क्या करना है... हम सब लोग तुम्हारे एक इशारे पर मौत बन कर छोटे ऑर उसके गॅंग पर टूट पड़ेंगे ऑर आज ही साले का किस्सा ख़तम कर देंगे.
मैं : नही सूमा... छोटा अभी तक चुप है क्योंकि वो जानता है कि बाबा के मरते ही हम लोग उस पर पूरी ताक़त के साथ अटॅक करेंगे इसलिए जब हम वहाँ जाएँगे तो वो भी हमारा ही इंतज़ार कर रहा होगा. अगर हम अभी गये तो हम मे से कोई भी वापिस नही आएगा. बाबा ने सिखाया था अगर दुश्मन को ख़तम करना है तो उसकी ताक़त ख़तम करदो फिर दुश्मन भी ख़तम हो जाएगा. हम को इंतज़ार करना होगा सही वक़्त का.
रसूल : तो तुम क्या चाहते हो वो साला वहाँ बाबा की मौत का जशन मनाए हमारा सारा बिज़्नेस ले जाए ऑर हम यहाँ मातम मनाते रहे हिजड़ो की तरह.
मैं : सबसे पहले ये पता करो कि उसके पास माल आया कहाँ से है जहाँ तक मुझे पता है अफ़ीम के सारे खेत तो हमारे क़ब्ज़े मे है ओर दूसरा कौन है जो उसको माल दे रहा है.
लाला : मैने सब पता करवा लिया है उसका एक खास आदमी है पोलीस मे जो उसको हमारा ही पकड़ा हुआ माल सप्लाइ करता है.
मैं : कौन है वो आदमी...
लाला : पता नही कोई इनस्पेक्टर ख़ान करके है नारकोटिक्स डिपार्टमेंट मे उसकी अच्छी चलती है. साला हमारा पकड़ा हुआ माल ही उसको बेच रहा है ऑर छोटा वही माल आगे विदेशो मे बेच रहा है.
रसूल : यार हम को क्या वो साला किसी से भी माल खरीदे हमारे धंधे की तो ऐसी-तैसी हो गई ना अब आगे क्या करना है ये सोचो.
मैं : अगर ख़ान ख़तम हो गया तो समझो छोटे को माल मिलना भी बंद हो जाएगा इसलिए हम को पहले ख़ान को ख़तम करना होगा.
सूमा : शेरा सही कह रहा है साले इस ख़ान का ही कुछ करना पड़ेगा.
रसूल : शेरा भाई हुकुम करो मैं जाता हूँ इस ख़ान को ठोकने के लिए.
मैं : (उंगली से ना का इशारा करते हुए) तुमको क्या लगता है ख़ान अकेला होगा ऑर तुम को बोलेगा आओ भाई मैं तुम्हारे बाप का माल हूँ मुझे ठोक दो.... तुम मे से कोई कही नही जाएगा तुम लोग सिर्फ़ बचा हुआ धंधा सम्भालो ओर उसको ठोकने मैं खुद जाउन्गा.
लाला : ठीक है लेकिन उसके साथ पोलीस वाले भी तो होंगे ना तू उसको मारेगा कैसे.
मैं : फिकर मत कर वो पोलीस वाला अभी तक पैदा नही हुआ जो शेरा को ठोक सके उस हरामखोर को तो मैं ही मारूँगा उसका भी तोड़ मैने सोच लिया है ऑर इस काम के लिए मैं आज ही निकालूँगा.
रसूल : ठीक है जैसा तुम ठीक समझो.
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07-30-2019, 01:32 PM,
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RE: Kamukta Kahani अहसान
रसूल : यार तुम लोग यहाँ बैठे एक दूसरे की शक़ल ही देखते रहोगे या कुछ खाने पीने का भी मूड है... भाई इतने लंबे सफ़र से आए हो पहले कुछ खा लो...
रूबी : हाँ भाईजान मैं खाने पीने का ही इंतज़ाम करने जा रही थी...
रसूल : कोई ज़रूरत नही है अली की अम्मी (रसूल की बीवी) ने सब इंतज़ाम कर दिया है शेरा ने आने से पहले बता दिया था इसलिए मैने सब इंतज़ाम करवा दिया है अब आप सब लोग मेरे घर चलिए ऑर दावत क़बूल फरमाये...
उसके बाद हम सब रसूल के घर चले गये जहाँ हमेशा की तरफ अली मेरे साथ आके खेलने लगा ऑर छोटे नीर के आ जाने से वो भी काफ़ी खुश लग रहा था ऑर उसके साथ खेलने मे लग गया. उसके बाद हीना नाज़ी ऑर रूबी को रसूल की बेगम के पास छोड़ कर मैं ऑर रसूल अपने अड्डे पर चले गये जहाँ ख़ान को बाँध रखा था. अड्डे पर सूमा , गानी ऑर लाला पहले से मोजूद थे जो शायद मेरे आने का ही इंतज़ार कर रहे थे.
मैं: लाला ये सूमा कहाँ है नज़र नही आ रहा.
लाला : (मुस्कुरकर) भाई वो अपने नये मेहमान की खातिर मे लगा हुआ है.
मैं : अब्बे... कमीनो जान से मत मार देना अभी उससे छोटे ख़ान का माल कहाँ रखा हुआ है उसका भी पता निकलवाना है.
लाला : भाई अपना काम था ख़ान को सूमा तक पहुँचाना मैने अपना काम कर दिया है अब आगे तू जान सूमा जाने ऑर तेरा ख़ान जाने... मैं तो खाना खाने जा रहा हूँ (रसूल को देखकर) साला भूख से जान निकल रही है ऑर यहाँ तो किसी कमीने ने खाना तक नही पूछा. खुद तो मज़े से बिर्यानी खा आए हैं.
रसूल : साले तू मेहमान है जो तुझे इन्विटेशन कार्ड देके जाउ... जा घर चल जा ऑर जाके खाना ठूंस ले...
मैं हँसते हुए) अच्छा ठीक है जा खाना खा ले जाके तब तक मैं सूमा से मिलकर आता हूँ.
उसके बाद हम उस कमरे मे चले गये जहाँ ख़ान ऑर सूमा थे. सूमा, ख़ान को बुरी तरह मार रहा था ऑर कमरे के बाहर ही ख़ान के चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी. हमने जैसे ही कमरे का दरवाज़ा खोला तो देखा ख़ान ज़मीन पर गिरा पड़ा था ऑर सूमा उससे बुरी तरह ठोकर से मार रहा था.
मैं: बस... बस... बस कर सूमा मर जाएगा यार..
सूमा : मरता है तो मर जाए साला लेकिन आज इससे सारे माल का पता निकल्वाके रहूँगा इस हरामी की वजह से सबसे ज़्यादा मेरा नुक़सान हुआ है. इस हरामी के कुत्तो ने मेरे माल पर रेड डाल कर सारा माल पकड़ा था जानता है बाबा से कितनी बार गाली खाई है मैने इस हरामी की वजह से ऑर इस भेन्चोद ने सारा माल अपने बाप छोटे को दे दिया. मादरचोद को पैसे ही चाहिए थे तो मेरे पास नही आ सकता था.
उसके बाद हमारे काफ़ी पुछ्ने पर ख़ान ने अपना मुँह खोल दिया उसने छोटा शीक के सारे अड्डे ऑर गोदाम हम को बता दिए जहाँ वो सारा माल रखता था इसके अलावा पोलीस डिपार्टमेंट मे ख़ान के कितने लोग थे उन सबके बारे मे भी उसने हम को बता दिया. ख़ान की दी हुई इन्फर्मेशन से लाला, गानी ऑर सूमा ने छोटे ख़ान का सारा बिज़्नेस ख़तम कर दिया ऑर उसके लगभग सब आदमियो को मार दिया था. उसके सारे गोदमो का माल मेरे आदमियो ने लूट लिया ऑर यहाँ ले आए जिससे मार्केट मे हम लोगो की मोनोपली हो गई थी. अब हम हर गैर क़ानूनी चीज़ को अपने प्राइस ऑर अपनी कंडीशन पर बेचने लगे थे. ख़ान के डिपार्टमेंट के सब लोगो को हमने अपने पैसे की ताक़त से खरीद लिया ऑर अपनी तरफ कर लिया अब वो लोग दूसरे डीलर्स के पकड़े हुए ड्रग्स ऑर सारे हथियार हम को सप्लाइ करते थे उन लोगो के हमारे साथ मिल जाने से माल पकड़े जाने की टेन्षन भी ख़तम हो गई थी. ख़ान से सारी इन्फर्मेशन निकलवाने के बाद हमने ख़ान को भी ख़तम कर दिया.
देखते ही देखते कुछ ही दिन मे हमने मार्केट मे अपनी पहले से भी मज़बूत पोज़ीशन हासिल कर ली थी अब हमारे विदेशी क्लाइंट्स के पास भी हम से माल खरीदने के अलावा कोई रास्ता नही था इसलिए उन्होने मुझसे माफी माँग कर फिर से मेरे साथ बिज़्नेस शुरू कर दिया. इस तरह हमने छोटे शीक को पूरी तरह बर्बाद कर दिया था साथ ही जो छोटे-मोटे गॅंग थे वो या तो ख़तम कर दिए थे या अपने साथ मिला लिए थे. अब सिर्फ़ इंतज़ार था तो छोटे शीक को ख़तम करने का लेकिन हमारी बढ़ती हुई ताक़त को देखते हुए वो भी अंडर ग्राउंड हो गया था या मुल्क़ से फरार हो गया था. अब उसके पास ना पैसा था ना ही आदमी थे ऑर ना ही बिज़्नेस था बाबा के सिखाए हुए नियम के दंम पर हम अब अंडरवर्ल्ड मे सबसे उपर आ गये थे. कुछ ही महीनो की मेहनत के बाद एक दिन हम को छोटा शीक भी मिल गया जिसे हम सब भाइयो ने मिलकर बड़ी तसल्ली से तडपा-तडपा कर मार दिया. उसके बाद हमारे सारे अपनेंट ख़तम हो चुके थे अब अंडरवर्ल्ड मे हम ही हम थे. 1 साल के अंदर-अंदर मैने बाबा के फ़ैसले को सही साबित करते हुए अपने हर बिज़्नेस को 100 गुना बढ़ा दिया था अब हमें पहले जितनी पूरे बिज़्नेस मे कमाई होती थी उससे ज़्यादा अब हमें एक-एक बिज़्नेस मे होने लगी थी. वही दूसरी तरफ नाम ऑर बढ़ती हुई शोहरत ने मुझे पूरे मुल्क़ मे मोस्ट-वांटेड क़रार करवा दिया था क्योंकि ख़ान की किडडनपिंग से लेकर मुझ पर कई पोलिसेवालो के मर्डर्स के केस भी चल रहे थे साथ मनी लौंगरी, हथियारो की ऑर ड्रग्स की तस्करी जैसे मामले भी अब मेरे नाम पर थे इसलिए अब मेरा इस मुल्क़ मे रहना सेफ नही था लिहाज़ा मुझे सारा बिज़्नेस रसूल, लाला, गानी ऑर सूमा मे बाँट कर इस मुल्क़ को छोड़ना था क्योंकि अब अगर कुछ दिन ऑर इस मुल्क़ मे मैं रहता तो पोलीस मुझ तक कभी भी पहुँच सकती थी ऑर उनका मुझे गिरफ्तार करने का मूड तो बिल्कुल भी नही था ऑर इस बार मैं एक और पोलीस अनकाउन्तर के लिए मैं राज़ी नही था लिफाज़ा मैने मुल्क़ छोड़ने का फ़ैसला कर लिया.
वही दूसरी तरफ रूबी, नाज़ी ऑर हीना अकेली हो गई थी मैं उनके साथ होके भी पूरी तरह उनके साथ नही था ना तो मैं पूरी तरह से किसी को अपनी कह पा रहा था ऑर ना ही मैं अब उनको छोड़ सकता था इसलिए एक दिन मैने रसूल से अपने दिल बात करने की सोची क्योंकि हम सब मे एक रसूल ही था जो ना सिर्फ़ उमर मे मुझसे बड़ा था बल्कि वो शादी-शुदा भी था इसलिए एक दिन मैने बात करने के लिए रसूल को बुलाया ऑर खुद अपने कॅबिन मे बैठकर उसके आने का इंतज़ार करने लगा.
रसूल : हाँ भाई तुमने मुझे बुलाया था.
मैं : हाँ यार तुमसे एक दिल की बात करना चाहता था समझ नही आ रहा कहाँ से शुरू करू.
रसूल : (मेरे सामने की कुर्सी पर बैठ ते हुए) बोल भाई क्या बात है
मैं : यार तू तो जानता है कि मैं ये मुल्क़ छोड़ कर जा रहा हूँ लेकिन जाने से पहले मैं एक उलझन मे हूँ.
रसूल : बताना यार कैसी उलझन अब तो अपनी सारी प्रॉब्लम्स भी सॉल्व हो गई है बिज़्नेस भी टॉप पर चल रहा है अब कैसी उलझन.
मैं : यार जब से हीना ऑर नाज़ी यहाँ आई है मैं बहुत उलझ गया हूँ. रूबी , हीना ऑर नाज़ी तीनो ही मुझे बहुत प्यार करती है ऑर उन तीनो ने ही मेरे लिए अपना सब कुछ छोड़ दिया है अब मुझे समझ नही आ रहा कि अपने मतलब के लिए उनको ऐसे छोड़ कर जाना सही होगा या नही.
रसूल : हमम्म बात तो तुम्हारी सही है... यार मेरी मानो तो तुम शादी कर लो सारी उलझन दूर हो जाएगी.
मैं : लेकिन किससे करूँ शादी यार तीनो ही मुझे प्यार करती हैं ऑर कही ना कही तीनो ही मेरे बुरे वक़्त मे मेरे साथ थी ऑर मेरा हमेशा साथ दिया बिल्कुल तुम सब की तरह.
रसूल : हमम्म मेरी मानेगा तो उससे शादी कर जिससे तू प्यार करता है समझा.... ऑर यार बहुत सोच समझकर फ़ैसला करना.
मैं : ठीक है...
उसके बाद रसूल मुझे मेरी सोच के साथ तन्हा छोड़ कर वो चला गया ऑर मैं सोचने लगा कि प्यार किसको करता हूँ. सच तो ये था कि मैं तीनो से प्यार करता था लेकिन अब मैं तीनो से शादी कैसे करता बस इसी क़श-म-क़श मे मैं उलझा हुआ था लिहाज़ा मैने ये फ़ैसला भी उन तीनो पर ही छोड़ दिया ऑर वहाँ से सीधा घर चला गया. घर पहुँच कर मैने बहुत हिम्मत से घर का दरवाज़ा खट-खाटाया कुछ देर बाद हीना ने एक दिल-क़श मुस्कान के साथ दरवाज़ा खोला.
हीना : आज जल्दी आ गये नीर ...
मैं : हाँ आज कुछ खास काम नही था इसलिए जल्दी आ गया.
उसके बाद मैने चारो तरफ देखा तो मुझे सिर्फ़ नाज़ी नज़र आई जो नीर को बोतल से दूध पिला रही थी. लेकिन मुझे रूबी कही नज़र नही आई...
मैं : रूबी कहाँ है...
हीना : वो यतीम खाने मे हैं अभी बच्चों का स्कूल चल रहा है ना इसलिए शाम को आएगी.
मैं : अच्छा... यार मैं तुम लोगो से एक ज़रूरी बात करना चाहता था
ये सुनकर दोनो मेरे पास आके खड़ी हो गई ऑर सवालिया नज़रों से मुझे देखने लगी. मैने दोनो को एक नज़र देखा ऑर दोनो का हाथ पकड़कर अपने साथ उनको भी बेड पर अपनी दोनो तरफ बिठा लिया.
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