08-05-2019, 12:25 PM,
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
करुणा जैसे नींद से जाग गई और मेरे साथ चलते हुए अपने कमरे में चली गई। मैं करुणा को उसके कमरे में छोड़कर वापस अपने जाने लगी। मेरी चूत अभी तक शांत नहीं हुई थी और उसमें से पानी की बूंदें निकल रही थी। मैंने अपने कमरे में जाते हुए मोहित के कमरे का दरवाजा चेक किया।
मैं खुशी के मारे उछल पड़ी क्योंकी मोहित के कमरे का दरवाजा अंदर से लाक नहीं था। मेरे हाथ लगाते ही। दरवाजा अपने आप खुल गया। मैंने अंदर पहुँचकर देखा की मोहित गहरी नींद में सीधा लेटा हुआ था और वो सिर्फ एक कच्छा पहने हुए था। अंडरवेर में मोहित का लण्ड बिल्कुल खड़ा था, क्योंकी अंडरवेर के ऊपर बहुत बड़ा उभार बना हुआ था। मैं बेड के ऊपर चढ़कर मोहित के लण्ड को अंडरवेर के ऊपर से हाथ लगाकर सहलाने लगी।
मेरे पूरे शरीर में अजीब किस्म की सिहरन होने लगी, और मैंने टाइम ना गॅवाते हुए मोहित का अंडरवेर नीचे सरका दिया। मोहित का लण्ड अंडरवेर उतारते ही उछलता हुआ मेरे मुँह के करीब आ गया। मोहित का लण्ड नींद में और ज्यादा मोटा हो गया था। मैं मोहित का लण्ड इतने करीब से देखकर अपने आपको रोक नहीं पाई और अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड पर ऊपर से नीचे तक फिराने लगी। मोहित का लण्ड बहुत गरम था। मेरी जीभ का अहसास अपने लण्ड पर होते ही मोहित का लण्ड स्प्रिंग की तरह उछल कूद मचाने लगा।
मैंने अपने एक हाथ से मोहित के लण्ड को पकड़ा और अपना पूरा मुँह खोलकर उसे जितना हो सकता था अपने मुँह में भर लिया। मैं मोहित के लण्ड को कुछ देर तक अपने होंठों से चूसती रही और फिर मैं उसको अपने मुँह से निकालकर अपनी दोनों टाँगें फैलाकर अपनी चूत पर रगड़ने लगी। मेरी चूत मोहित के लण्ड के रगड़ने से और ज्यादा गीली होकर पानी बहाने लगी। मेरे मुँह से आहे निकलने लगी, और मैं मोहित के लण्ड को अपनी चूत के छेद पर रखते हुए उसपर बैठ गई। मोहित का लण्ड मेरी चूत में अपनी जगह बनाता हुआ जड़ तक घुस गया, । मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे ‘ऊह्ह...' निकल गया। मोहित के सोने की वजह से उसका लण्ड बहुत मोटा हो गया। और मेरी चूत को पूरा भर दिया था।
मैं मोहित के लण्ड पर अपने चूतड़ ऊपर-नीचे करने लगी। उसका लण्ड मेरी चूत में बहुत जोर की रगड़ खा रहा था, और 5-7 बार ही ऊपर-नीचे होते हुए मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैं झड़ते हुए ‘आहहह..' करते हुए अपने चूतड़ मोहित के लण्ड पर बहुत जोर-जोर से ऊपर-नीचे करने लगी और मेरी चूत को मोहित के लण्ड पर सिकोड़ने लगी।
मोहित भी उठ चुका था, वो हैरत से मेरी तरफ देखते हुए मेरी चूचियों को दबाने लगा। मैं झड़ने के बाद निढाल होकर मोहित के सीने पर लेट गई, मोहित ने मुझे अपने ऊपर से उठाते हुए उल्टा लेटा दिया। मोहित ने पीछे से अपने लण्ड को मेरी चूत में डाल दिया, और बहुत जोर के धक्के मारने लगा। मोहित ने मेरी चूत में धक्के मारते हुए अपने एक उंगली को मेरी गाण्ड में डाल दिया।
मैं मोहित की उंगली अपनी गाण्ड में घुसते ही ‘ओईए...' करके उछल पड़ी। मोहित मेरी गाण्ड में अपनी उंगली को बहुत जोर से अंदर-बाहर कर रहा था। मैं अपने दोनों छेदों में लण्ड और उंगली की मिली हुई रगड़ से सिहर उठी और अपने मुँह से ‘आअहहह... आहहह...' करते हुए अपने चूतड़ मोहित के लण्ड पर उछालने लगी। मोहित ने अचानक अपनी उंगली मेरी गाण्ड से निकली और मेरी चूत से अपने लण्ड को निकालकर मेरी गाण्ड में घुसा दिया।
मैं इस हमले के लिए तैयार नहीं थी। इसीलिए मेरे मुँह से एक चीख निकल गई- “ओई माँ मर गई, मेरी गाण्ड फट गई...”
मोहित मेरे चीखने की परवाह ना करते हुए मेरी गाण्ड में जोर-जोर से धक्के मारते हुए मेरी चूत को सहलाने लगा। कुछ ही देर में मेरी गाण्ड का दर्द गायब हो गया और मैं मोहित के लण्ड पर अपने चूतड़ उछालने लगी। मोहित का पूरा जिश्म झटके खाने लगा और वो अपना वीर्य मेरी गाण्ड में भरने लगा। उसके गरम वीर्य को अपनी गाण्ड में महसूस करते ही मेरी चूत भी पानी छोड़ने लगी। मेरी आँखें मजे से बंद हो गई और मैं ‘आअह्ह्ह...' करते हुए झड़ने लगी।
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08-05-2019, 12:26 PM,
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मैंने झड़ते हुए अपनी गाण्ड को सिकोड़ लिया। मेरी गाण्ड सिकोड़ने से मोहित के मुँह से “आह्ह्ह...' निकल गया। और उसका लण्ड मेरी गाण्ड में ठुमके लगाते हुए अपना वीर्य भरने लगा। मोहित कुछ देर तक मेरी गाण्ड में झड़ने के बाद निढाल होकर बेड पर लेट गया, और मैं भी बेड पर ढेर हो गई। मैं कुछ देर बेड पर लेटने के बाद वहाँ से उठकर अपने कमरे में आ गई और बेड पर लेटते ही थकान की वजह से मुझे नींद आ गई।
सुबह सोनाली आँटी की आवाज सुनकर मैं उठी, वो कह रही थी- “धन्नो उठो कालेज नहीं जाना क्या?”
मैं जल्दी से उठकर फ्रेश होने बाथरूम में चली गई, बाथरूम में आकर मैंने अपने पूरे कपड़े उतारे और शावर ओन करके अपने जिश्म को रगड़-रगड़कर साफ करने लगी। मैं अपने जिश्म को साफ करने के बाद ड्रेसिंग टेबल के सामने आकर अपने जिश्म को निहारने लगी। मेरी चूचियों पर लाल निशान पड़ चुके थे, मेरी चूत और गाण्ड भी सूज चुकी थी। मैं जल्दी से कपड़े पहनकर बाहर आ गई और नाश्ता करने के बाद बिंदिया के साथ कालेज के लिए निकल पड़ी।
रास्ते में मैंने बिंदिया से रोहन के बारे में पूछा।
बिंदिया का चेहरा रोहन का नाम सुनकर शर्म के मारे लाल हो गया। बिंदिया ने शर्म के मारे सिर्फ इतना कहारोहन रात को आया था...”
मैंने उस छेड़ते हुए कहा- “बिंदिया, फिर तो रोहन ने तुम्हें सारी रात सोने नहीं दिया होगा...”
बिंदिया ने शर्माकर अपना कंधा नीचे झुका लिया और मुझसे कहा- “तुम बहुत बदमाश हो, चुप हो जाओ मुझे बहुत शर्म आ रही है...”
हम कालेज में पहुँचकर अपने-अपने अपने क्लासेस में चली गई। मेरे क्लास में घुसते ही कृष्णा मेरे साथ आकर बैठ गया और अपना हाथ मेरी गाण्ड पर रख दिया। मैंने कृष्णा का हाथ पकड़कर दूर झटक दिया। और अपने चहरे पर झूठी मुश्कान लाते हुए कहने लगी- “कृष्णा प्लीज... एग्जाम्स नजदीक हैं मुझे पढ़ाई पर ध्यान देने दो...”
कृष्णा समझ गया की मैं उसके चारे में आने वाली नहीं, इसीलिए वो चुपचाप सीधा होकर बैठ गया। आज मेरा मन कालेज में नहीं लग रहा था, इसलिए मैंने दो तीन क्लासेस अटेंड की और कालेज से निकलकर घर जाने लगी। मैं अपने घर पहुँचकर दरवाजा खटखटाने लगी। थोड़ी देर बाद आँटी ने दरवाजा खोला। मैं आँटी को देखकर हैरान रह गई, वो बिल्कुल किसी दुल्हन की तरह तैयार खड़ी थी।
आँटी ने मुझे देखकर हैरान होते हुए पूछा- “धन्नो तुम इतनी जल्दी कैसे आ गई?”
मैंने कहा- “मेरी तबीयत ठीक नहीं है इसीलिए जल्दी आ गई...”
आँटी ने कहा- “तुम अंदर जाकर आराम करो। मैं पूनम के घर जा रही हूँ..” कहते हुए आँटी घर से निकल गई।
मेरा सिर आँटी के बारे में सोचकर चक्कर खा रहा था। क्योंकी पूनम आँटी एक क्लास टीचर थी और आँटी इस वक्त उसके घर क्या करने गई थी? मेरे दिमाग में अचानक एक आइडिया आया और मैंने आँटी के पीछे पूनम आँटी के घर जाने का फैसला किया।
मैं जानना चाहती थी की आँटी इस वक़्त वहाँ क्या करने गई हैं? और मैं घर को लाक करते हुए पूनम आँटी के घर जाने लगी। मैं पूनम आँटी के घर के पास पहुँचकर अंदर जाने के बारे में सोचने लगी। पूनम आँटी के घर के बाहर एक बड़ा गैलरी वाला गेट लगा हुआ था जो अंदर से बंद था। मैंने अपना हाथ अंदर डालकर गेट को खोल दिया और अंदर जाने लगी। अंदर पहुँचते ही मुझे अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं।
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08-05-2019, 12:34 PM,
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
कमल ने आँटी को छेड़ते हुए कहा- “तुम्हारी चूत में से यह पच-पच की आवाज क्यों निकल रही है?”
सोनाली आँटी ने कहा- “तुम्हारे काले मूसल ने मेरी चूत को फाड़ दिया है, इसीलिए यह आवाज निकल रही है...”
सोनाली आँटी की बात सुनकर कमल जोश में आ गया और पूरे जोर और तेजी के साथ आँटी की चूत को चोदते हुए हाँफने लगा- “आअह्ह्ह... तुम्हारी चूत तो बहुत टाइट है, लगता ही नहीं की तुम दो बच्चों की माँ हो... आह्ह्ह... ओहह...” करते हुए वो आँटी की चूत को अपने वीर्य से भरने लगा।
सोनाली आँटी ने कमल का गर्म वीर्य अपनी चूत में महसूस करते ही अपनी चूत को सिकोड़ लिया और आअह्हह... करते हुए झड़ने लगी। आँटी ने झड़ते हुए अपनी आँखें बंद कर ली।
मेरी (धन्नो) चूत ने भी पानी छोड़ दिया और मेरा हाथ गीला हो गया।
कमल के लण्ड से ना जाने कितनी देर तक वीर्य निकलता रहा, क्योंकी सोनाली आँटी की चूत से वीर्य निकलकर बेड पर गिर रहा था। कमल के लण्ड का झड़ना बंद होते ही उसने अपना लण्ड आँटी की चूत से निकालकर साइड में ढेर हो गया, और आँटी की चूत का मुँह खुला का खुला रह गया। उसमें से कमल का भरा हुआ वीर्य निकलकर बेड पर गिरने लगा।
मैंने अपने कपड़ों को ठीक किया और घर वापस जाने लगी। घर पहुँचकर मैं अपने कमरे में जाकर लेट गई। मेरी आँखों के सामने कमल का लण्ड झूम रहा था। मैंने सोने की बहुत कोशिश की, मगर नींद मेरी आँखों से कोसों दूर चली गई थी। मेरे दिमाग में सिर्फ कमल का लण्ड पाने की चाह हो रही थी। मगर यह कैसे हो सकता था? यही सोचते-सोचते मेरा दिमाग फट रहा था और मेरा पूरा शरीर तप कर आग बन चुका था।
अचानक घर का दरवाजा खुला और आँटी अंदर दाखिल हुई। आँटी अंदर आते ही मेरे कमरे में आई और मुझसे कहा- “मैं बाजार जा रही हूँ थोड़ा सा काम है, सब्ज़ी वाला आने वाला होगा तुम उससे सब्ज़ी खरीद लेना...”
मैंने आँटी से कहा- “आप चली जाओ, मैं सब्ज़ी ले लूंगी...”
आँटी ने अपने कमरे में जाकर अलमारी से कुछ पैसे निकले और घर से निकल गई। आँटी के घर से जाने के कुछ ही देर बाद दरवाजा खटकने की आवाज आई। मैंने जाकर दरवाजा खोला तो सब्ज़ी वाला सामने खड़ा था, और उसके हाथ में सब्ज़ी का एक थैला था। मेरे दरवाजा खोलते ही वो मुझे गौर से देखने लगा।
मैंने उससे कहा- “आँटी बाहर गई हैं, सब्ज़ी मुझे दे दो...”
मेरी बात सुनकर वो जैसे सपने में से वापस आया और मुझे थैला देते हुए कहा- “मेमसाहब बहुत गर्मी है पानी का एक ग्लास मिलेगा..."
मैं उससे थैला लेते हुए फ्रिज़ से पानी की बोतल लेने चली गई। मैं जैसे ही पानी लेकर वापस लौटी, वो अंदर दाखिल हो चुका था और सोफे पर बैठा हुआ था। मैं उसके पास जाकर नीचे झुकते हुए ग्लास को उसके सामने वाली टेबल पर रख दिया और बोतल में से पानी उस ग्लास में डालने लगी। ग्लास में पानी भरकर मैंने उसकी तरफ बढ़ाया।
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08-05-2019, 12:34 PM,
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मैं उसकी तरफ देखकर सिहर उठी क्योंकी वो मेरी चूचियों को बड़े गौर से देख रहा था। मैं सलवार और कमीज । में थी और मैंने दुपट्टा भी नहीं ओढ़ा हुआ था। मुझसे उसने पानी का ग्लास लेते हुए अपना पूरा हाथ मेरे हाथों पर रगड़ दिया। उसके हाथ के स्पर्श से मेरा पूरा शरीर सिहर उठा। मैं जल्दी से उसे पानी का ग्लास देते हुए दूसरे सोफे पर जाकर बैठ गई। मैं सोफे पर बैठकर उसकी तरफ देखने लगी। वो कोई 30 साल और 5% फूट का एक गाँव का आदमी था। वो सिर्फ एक धोती और कमीज में था और उसका रंग गोरा था। वो आदमी अपनी दोनों टाँगों को फैलाकर बैठा हुआ था।
मेरी नजर उसकी टाँगों के बीच पड़ते ही मेरा शरीर काँपने लगा और मेरी आँखें वहीं पर जम गई। उस आदमी की दोनों टाँगें खुली होने की वजह से उसकी धोती में से उसका आधा सिकुड़ा हुआ काला लण्ड और उनके नीचे लटकती हुई उसकी दो बड़ी-बड़ी गोटियां मेरे आँखों के सामने थी, उसका सिकुड़ा हुआ लण्ड भी बहुत लंबा और मोटा था। वो आदमी पानी पीने के बाद मेरी तरफ देखने लगा और मुझे अपनी धोती की तरफ देखते हुए देखकर मुश्कुराने लगा।
मैं उसको मुश्कुराता हुआ देखकर शर्म से लाल हो गई और अपनी नजरों को वहाँ से हटा लिया।
सब्ज़ी वाले ने कहा- “मेमसाहब मेरा नाम सुरेश है और मुझे प्यार से सभी सोनू बुलाते हैं और मैं डेली सब्ज़ी लेकर आता हूँ, डेली बड़ी वाली मेमसाहब मुझसे सब्ज़ी लेती हैं, वो आज नजर नहीं आ रही...”
मैंने उससे कहा- “सोनू वो बाजार से सामान खरीदने गई हैं.”
सोनू मेरी तरफ बड़े गौर से देख रहा था।
मैंने उससे कहा- “इतनी गौर से क्या देख रहे हो, कभी लड़की नहीं देखी क्या?”
वो बड़ी बेशर्मी से बोला- “लड़कियां तो बहुत देखी हैं मगर माँ कसम आप जैसी गोरी और चिकनी आज तक नहीं देखी...”
मैं उसकी बात सुनकर सिहर उठी और उसकी हिम्मत की दाद देने लगी, और कहा- “तुम यह क्या बक रहे हो? दफा हो जाओ यहाँ से...”
सोनू मेरा गुसा देखकर सहम गया और भागता हुआ मेरे पैरों में गिर गया। सोनू मेरे पैरों को पकड़कर गिड़गिड़ा रहा था- “मेमसाहब मुझसे गलती हो गई, मेरी शिकायत बड़ी मेमसाहब से मत करना...”
मुझको उसपर रहम आ गया और मैं नीचे झुकते हुए उसे ऊपर उठाने लगी। मेरे नीचे झुकते ही मेरी कमीज के गले में से मेरी चूचियां सोनू की आँखों के सामने लटकने लगीं। सोनू मेरी चूचियों को घूरता हुआ ऊपर उठा और अपने दोनों हाथों से मेरी चूचियों को पकड़ लिया। मैं उसकी इस हरकत से सपकपा गई और मेरे जिश्म की हवस मेरे दिमाग पर हावी होने लगी।
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08-05-2019, 12:34 PM,
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
सोनू का हाथ अपने चूचियों पर पड़ते ही मेरे मुँह से आह्ह्ह... निकल गई। सोनू मेरे मुँह से आह्ह्ह... सुनकर मेरी चूचियों को कमीज के ऊपर से ही बहुत जोर-जोर से दबाने लगा और अपना मुँह मेरे गुलाबी होंठों पर रख दिया। मैं कब से जिश्म की आग में तड़प रही थी, इसलिए मैं सोनू के होंठ अपने होंठों पर पड़ते ही मेरा पूरा शरीर काँप उठा और मैं पागलों की तरह उसके होंठों को चूमने लगी।
सोनू ने मेरे होंठों को पूरा अपने मुँह में भर लिया और उन्हें चूसने लगा। मेरे होंठ चूसते हुए सोनू का लण्ड उसकी धोती में तनकर मेरी चूत से टकराने लगा। मैंने अपना हाथ नीचे ले जाते हुए सोनू की धोती के ऊपर से ही उसके फनफनाते हुए लण्ड को पकड़ लिया। उसका लण्ड मेरे हाथों में आते ही मेरा पूरा शरीर उत्तेजना के मारे सिहर उठा, क्योंकी उसका लण्ड बहुत मोटा और लंबा था। मैंने उसके लण्ड को अपने हाथों से आगे-पीछे करते हुए अपनी जीभ को उसके मुँह में डाल दिया।
सोनू ने मेरी जीभ को पकड़ लिया और बहुत जोर से उसे चाटने लगा। सोनू मेरी जीभ को कुछ देर चाटने के बाद मुझे अपनी बाहों में उठाकर कमरे में ले जाने लगा।
मैंने सोनू से कहा- “दरवाजा बंद कर लो, कोई आ गया तो अनर्थ हो जायगा...”
सोनू ने मुझे नीचे सोफे पर लिटा दिया और खुद जाकर दरवाजे को लाक कर दिया। सोनू ने वापस आते ही मुझे अपनी बाहों में उठा लिया और मुझसे पूछा- “मेमसाहब तुम्हारा कमरा कौन सा है?”
मैंने उसे इशारे से अपना कमरा दिखा दिया। वो मुझे बाहों में ही उठाए हुए मेरे कमरे में ले आया और मुझे बेड पर लेटाते हुए अपना कुर्ता और धोती को निकल दिया। सोनू बिल्कुल नंगा मेरे सामने था, उसकी बाडी बिल्कुल कसी हुई थी, उसका पूरा सीना बालों से भरा हुआ था और उसका पूरा शरीर गोरा होने के बावजूद उसका लण्ड बिल्कुल काला था। सोनू का लण्ड पूरा तनकर ऊपर-नीचे उछल-कूद कर रहा था। उसके लण्ड का साइज देखकर मेरी चूत में सनसनाहट होने लगी क्योंकी सोनू का लण्ड 82 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था।
सोनू नंगा होते ही बेड पर चढ़ गया और मुझे सीधा बिठाते हुए मेरी कमीज को उतारने लगा। सोनू मेरी कमीज उतारते ही मेरी गोरी और गोल चूचियों को सिर्फ एक गुलाबी ब्रा में कैद देखकर लार टपकाने लगा, और वो मेरे गोरे पेट को निहारते हुए बोला- “मेमसाहब, मैंने आज तक आप जैसी गोरी और चिकनी औरत को नहीं चोदा...”
सोनू की बात सुनकर मैं और ज्यादा गरम हो गई और उसके सीने से लिपट गई। सोनू मेरी चूचियों को अपने सीने पर महसूस करते ही सिहर उठा और अपना हाथ मेरी चिकनी पीठ पर फिराते हुए मेरी ब्रा के हुक खोल दिए। सोनू ने मेरी ब्रा के हुक खोलने के बाद मुझे सीधा लेटा दिया और मेरी ब्रा को मेरे जिश्म से अलग कर दिया। सोनू मेरी ब्रा उतरते ही पागलों की तरह मेरी चूचियों पर टूट पड़ा, वो मेरी चूचियों को एक-एक करके अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और उन्हें अपने दाँतों से हल्का-हल्का काटने लगा।
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08-05-2019, 12:34 PM,
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
सोनू के मेरी चूचियों को काटने से मेरे मुँह से- “ओईई... ऊह्ह..” निकल रहा था।
सोनू मेरी चूचियों को जी भरकर चाटने के बाद नीचे होते हुए मेरे गोरे पेट पर अपनी जीभ फिराते हुए उसे चूमने लगा। सोनू और नीचे होते हुए मेरी सलवार तक पहुँच गया, और सलवार के ऊपर से ही एक चुंबन मेरी चूत पर दे दिया। सोनू का मुँह अपनी चूत पर महसूस करते ही मेरे पूरे शरीर में अजीब किस्म की गुदगुदी होने लगी। सोनू ने मेरी सलवार का नाड़ा खोलते हुए उसे नीचे उतार दिया, अब मैं सिर्फ एक ब्लैक कच्छी में सोनू के सामने थी।
सोनू ने अपनी जीभ निकाली और मेरी कच्छी के साइड वाली टाँगों की मोटी रानों को चाटने लगा। मेरे मुँह से। उत्तेजना के मारे बहुत जोर की आहे निकल रही थी। सोनू अपनी जीभ को नीचे लेजाकर मेरी गोरी टांगों को। चाटते हुए मेरे पैर तक पहुँच गया। उसने मेरे पैर के अंगूठे को अपने मुँह में ले लिया और उसे चाटने लगा। मेरे पूरे शरीर में गुदगुदी हो रही थी। सोनू ने मेरा अंगूठा अपने मुँह से निकाला और मेरे पैर की सारी उंगलियों के बीच एक-एक करके अपनी जीभ फिराने लगा।
मेरी हालत खराब हो रही थी, मेरी चूत में चींटियां रेंग रही थी। सोनू अब मेरे पैर को छोड़कर ऊपर होने लगा, और अपने दोनों हाथों से मेरी कच्छी को उतार दिया। मेरी कच्छी उतरते ही मेरी हल्के बालों वाली गुलाबी चूत को देखकर सोनू पागल हो गया।
मेरी चूत के होंठों में से सफेद-सफेद पानी की बूंदें निकल रही थीं। सोनू ने अपना मुँह नीचे लेजाकर मेरी चूत की महक को सँघा। मेरी चूत की महक से उसकी आँखें बंद हो गई और वो अपनी नाक को मेरी चूत के होंठों के पास रखकर अपनी साँसें लेने लगा। सोनू कुछ देर तक मेरी चूत की महक को सँघता रहा और फिर अपनी जीभ निकालकर मेरी चूत से निकलता हुआ पानी पी लिया।
आअह्ह्ह...” सोनू की जीभ को अपनी चूत पर महसूस करते ही मेरे मुँह से निकल गया।
सोनू ने अपनी जीभ मेरी चूत से हटाते हुए मेरी तरफ देखते हुए बड़ी बेशर्मी से बोला- “मेमसाहब आपकी चूत का टेस्ट तो बिल्कुल नमकीन है...” ।
मैं उस वक़्त बिल्कुल होश में नहीं थी। मेरे पूरे शरीर में हवस की आग दौड़ रही थी। मैंने अपने चूतड़ों को उछालते हुए सोनू के मुँह के पास ले जाते हुए कहा- “हाँ सोनू मेरी चूत का टेस्ट नमकीन है, तुम उसे चूसो और उसका सारा पानी पी जाओ...”
सोनू मेरे मुँह से ऐसी गंदी बात सुनकर बहुत उत्तेजित हो गया और मेरी चूत को ऊपर से नीचे तक चाटने लगा। सोनू ने मेरी चूत को चाटते हुए अपने दोनों हाथ से मेरी चूत के होंठों को आपस में से अलग करते हुए उसके गुलाबी छेद में अपनी जीभ घुसा दी।
ओह्ह...” सोनू की जीभ अपनी चूत में घुसते ही मजे से मेरे मुँह से निकल गया। सोनू ने मेरी चूत में अपनी जीभ को अंदर-बाहर करते हुए अपनी एक उंगली से मेरी गाण्ड को कुरेदने लगा।
सोनू की उंगली अपनी गाण्ड पर महसूस करते ही मेरा पूरा शरीर अकड़ते हुए काँपने लगा और मेरे चूतड़ सोनू की जीभ पर उछलने लगे। सोनू मुझे कांपता हुआ देखकर अपनी जीभ को बहुत जोर से अंदर-बाहर करने लगा।
मेरा बदन झटके खाने लगा और मेरी आँखें बंद हो गई, और मैं- “आअह्ह्ह... ऊओह...” करते हुए सोनू के चहरे को भिगोने लगी।
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