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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
बिंदिया रोहन के बालों में अपने हाथ डालकर अपनी चूचियों पर दबाने लगी। रोहन बिंदिया की बड़ी चूचियों को एक-एक करके अपने मुँह में लेकर चूसने और चाटने लगा। बिंदिया ने अपना हाथ रोहन के बालों से निकालकर नीचे ले जाते हुए उसकी खुली हुई पैंट की जिप के ऊपर रख दिया, और मोहित के लण्ड को उसके अंडरवेर के ऊपर से ही सहलाने लगी।
मोहित बिंदिया का हाथ अपने लण्ड पर लगते ही सिहर उठा। उसने अपना मुँह बिंदिया की चूचियों से हटाते हुए उसके बालों में हाथ डालते हुए नीचे बिठा दिया। बिंदिया ने नीचे बैठते हुए अपने हाथों से रोहन की पैंट को उतार दिया, रोहन की पैंट उतरते ही उसके पैर में जाकर गिरी। बिंदिया ने बिना देर किए ही रोहन का अंडरवेर भी उतार दिया। रोहन का अंडरवेर उतरते ही उसका तना हुआ लण्ड स्प्रिंग की तरह उछलता हुआ बिंदिया की आँखों के सामने झूमने लगा।
बिंदिया ने अपना हाथ बढ़ाकर रोहन के लण्ड को अपनी मुठ्ठी में पकड़ लिया। रोहन का उछलता हुआ गरम लण्ड अपनी मुट्ठी में लेते ही बिंदिया की साँसें बहुत तेज चलने लगी। बिंदिया तेज साँसें लेते हुए रोहन के लण्ड को आगे-पीछे करने लगी।
रोहन मजे से हवा में उड़ने लगा। बिंदिया ने उसका लण्ड आगे-पीछे करते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके गुलाबी टोपे को चूम लिया। रोहन अपने लण्ड पर बिंदिया के होंठ महसूस करते ही “आहहह' करते हुए सिसक पड़ा और बिंदिया के बालों में हाथ डालते हुए उसका मुँह अपने लण्ड पर रख दिया।
बिंदिया ने पहले अपनी जीभ से रोहन के लण्ड को चाटा और फिर अपना मुँह खोलकर उसके मोटे लण्ड का टोपा अपने मुँह में भर लिया। बिंदिया अपने होंठों से उसके लण्ड के सुलगते हुए टोपे को चूसते हुए अपनी जीभ भी उसपर फिराने लगी। रोहन का मजे के मारे बुरा हाल था।
अचानक एक आवाज ने बिंदिया और रोहन को चौंका दिया- “वाह... जंगल में मंगल हो रहा है, खुद ही सारा माल खाओगे या जरा हमें भी चखाओगे?”
रोहन और बिंदिया दोनों इस आवाज से चौंक गये, और रोहन ने जल्दी से नीचे से अपनी पैंट उठकर पहन ली। बिंदिया ने भी अपने कपड़े ठीक कर लिये। सामने एक 6 फूट लंबा, रंग से सांवला आदमी खड़ा था।
रोहन को अपनी तरफ घूरते हुए देखकर वो आदमी बोला- “अरे भाई साहब आप अपना काम पूरा कर लीजिए, मैं इंतजार कर लूंगा..."
बिंदिया डर के मारे रोहन के पीछे छुप गई, और वो थर-थर काँप रही थी।
रोहन ने उससे कहा- “कौन हो तुम, और तुम्हें क्या चाहिये?”
रोहन की बात सुनकर वो बेतहाशा हँसने लगा और रोहन की तरफ देखते हुए बोला- “बड़े भोले बन रहे हो। एक सुनसान जंगल में तुम इस लौंडिया के साथ क्या कर रहे हो? वही मैं भी करने चाहता हूँ...”
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
उस आदमी की बात सुनकर रोहन का दिमाग फिरने लगा। उसके हाथों की पाँचों उंगलियां आपस में मिलकर एक मुक्का बन चुकी थी मगर रोहन ने अपने आप पर काबू रखते हुए कहा- “देखो भाई साहब यह मेरी मंगेतर है। और मेरी इससे शादी होने वाली है, हम थोड़ा बहक गये थे, हमें क्षमा कर दो और हमें जाने दो...”
वो आदमी रोहन की बात सुनकर बोला- “तुमने मुझे क्या चूतिया समझ रखा है, तुम इस लौंडिया को कालेज से यहाँ पर चोदने आए हो और मुझे चूतिया बना रहे हो। मैं तो इस चिकनी लौंडिया का रस पीकर रहूँगा..” ।
उस आदमी के मुँह से यह बात पूरी होते ही रोहन का एक मुक्का उसके गाल पर आकर पड़ा और वो आदमी चक्कर खाता हुआ मुँह के बल नीचे जमीन पर जा गिरा। वो आदमी जैसे ही सीधा हुआ उसका हाथ अपने गाल पर था और जैसे ही उसने हाथ अपने गाल से हटाया उसके दो दाँत उसके मुंह से निकलकर उसके हाथों में आ चुके थे।
वो आदमी लड़खड़ाते हुए उठा और जोर से चिल्लाते हुए कहा- “कालू, भीमा, सूरज कहाँ मर गये सब? जल्दी से आओ..."
उस आदमी की आवाज के साथ उसके 5 साथी जाने कहाँ से आ गये और उस आदमी की तरफ देखते हुए कहाक्या हुआ सरदार?”
सरदार- “पकड़ो उस लड़के को और बॉध दो उसको पेड़ के साथ...' उस आदमी ने तेज आवाज के साथ कहा।
सरदार का हुक्म सुनते ही वो पाँचों रोहन की तरफ झपटे। रोहन उन सबको अपनी तरफ आते हुए देखकर बिंदिया को अपने से दूर करते हुए उनसे लड़ने लगा। रोहन अकेला और पाँच इसीलिए लड़ते हुए किसी ने रोहन के पीछे जाकर उसके सिर पर डंडा मार दिया। रोहन चक्कर खाते हुए नीचे गिर गया।
रोहन के गिरते ही बिंदिया रोने लगी और रोते हुए रोहन को उठाने की नाकाम कोशिश करने लगी। अचानक बिंदिया को किसी ने कलाई से पकड़ते हुए उठा लिया। बिंदिया ने जैसे ही अपना मुँह रोहन से हटाया सामने वो सरदार खड़ा बिंदिया को कलाई से पकड़कर उठा रहा था।
सरदार ने बिंदिया को उठाते हुए कहा- “तुम रो क्यों रही हो? यह मरा नहीं है बेहोश है। तुम यहाँ इसके साथ जो करने आई थी वो मैं कर देता हूँ, और फिर तुम दोनों को जहाँ तुम चाहोगी हम छोड़कर आएंगे...”
बिंदिया सरदार की बात सुनकर और ज्यादा रोने लगी।
सरदार ने बिंदिया को रोते हुए देखकर कहा- “अरे पगली तुम क्यों रो रही हो, मैंने कहा ना की हम तुम्हें छोड़ आएंगे, और मेरा लण्ड इस लौंडे लण्ड से कहीं ज्यादा बड़ा है, तुम्हें तो ज्यादा मजा आएगा...” सरदार ने यह कहते हुए बिंदिया की मोटी आँखों से निकलते हुए आँसू को अपने हाथ से साफ करने लगा।
बिंदिया सरदार का हाथ अपने गालों पर पड़ते ही काँप उठी और उसके हाथ को पकड़कर अपने मुँह से दूर झटक दिया। बिंदिया का हाथ झटकते ही सरदार उसको बालों से पकड़ते हुए बिंदिया का मुँह अपनी तरफ करते हुए उसके गुलाबी होंठों को चूमने के लिए अपना मुँह नीचे ले जाने लगा। मगर बिंदिया के होंठों पर पहुँचते ही बिंदिया ने अपना मुँह थोड़ा सा हिला दिया। बिंदिया के बालों में सरदार का हाथ होने की वजह से उसके बालों में बहुत जोर का दर्द होने लगा।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
बिंदिया सुबकते हुए सरदार से कहने लगी- “हमें छोड़ दो, मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ यह मेरा मंगेतर है...”
सरदार ने बिंदिया को ऊपर से नीचे घूरते हुए कहा- “तुम ऐसी लड़की नहीं हो तो इस लौंडे के साथ यहाँ क्या करने आई थी? देख मैं तुम्हें प्यार से समझा रहा हूँ। मान जा वरना मेरे साथ तुम्हें मेरे साथियों को भी खुश करना होगा...”
बिंदिया सरदार की बात सुनकर जोर से सुबकने लगी।
सरदार ने अपने साथियों से कहा- “उठाओ इस लौंडे को और अपने ठिकाने पर ले चलो...”
वो लोग रोहन को उठाकर आगे चलने लगे, और सरदार बिंदिया को कलाई से पकड़ते हुए अपने साथ ले जाने लगा। उन आदमियों का ठिकाना वहाँ से ज्यादा दूर नहीं था। अपने ठिकाने पर पहुँचते ही उन्होंने रोहन को। जमीन पर सुला दिया। बिंदिया उन लोगों का ठिकाना देखकर हैरान रह गई। एक जंगल के बीच पत्तों से बनी इस गुफा में जरूरत की हर चीज मौजूद थी। वहाँ पर बेड, कुर्सियां, और शराब की बोतलें पड़ी हुई थीं। सरदार ने एक बोतल उठाकर अपने मुँह से लगाई और एक ही साँस में आधी गटक ली।
सरदार ने बिंदिया से कहा- “तुम शहर की छोरी हो नाचना तो आता ही होगा, चलो हमें थोड़ा नाचकर दिखाओ...”
बिंदिया ने सुबकते हुए ही कहा- “मैं नहीं नाचूंगी... मैंने कहा ना मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ...”
सरदार उसकी बात सुनकर गुस्सा होते हुए बोला- “यह ऐसे नहीं मानेगी और अपने गुफा के कोने से बंदूक उठाकर रोहन की कनपटी पर रख दी...” ।
बिंदिया सरदार की बंदूक का रुख रोहन की तरफ देखकर सुबकते हुए सरदार के पैरों में गिर पड़ी- “सरदार इस मत मारो, मैं नाचती हूँ..”
बिंदिया की बात सुनकर सरदार ने खुश होते हुए कहा- “अरे ओ सूरज, जरा टेप पर वो कैसेट तो लगा दे ‘मुन्नी बदनाम हुई डार्लिंग तेरे लिए साली बहुत ठुमके लगाकर नाचती है इस गाने में... हम भी देखें यह अपने यार के लिए कैसे नाचती है?”
सूरज ने सरदार की बात सुनकर जल्दी से वो कैसेट लगा दी और गाना बजना शुरू हो गया। बिंदिया ने गाना सुनते ही नाचना शुरू कर दिया।
सरदार बिंदिया को नाचते हुए देखकर उसके मांसल चूतड़ों और भारी चूचियों को हिलता हुआ देखकर आहें भरने लगा और उसका लण्ड उसके कच्छ में उछल कूद मचाने लगा। सरदार ने बिंदिया के नाचते हुए अपनी कमीज निकालकर बेड पर फेंक दी और बिंदिया की कमीज में हाथ डालकर उतारने लगा।
बिंदिया ने नाचना छोड़कर अपनी कमीज को अपने हाथों से पकड़ लिया।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
सरदार ने बिंदिया को धमकी देते हुए कहा- “सुन लौंडिया जैसा मैं करता हूँ मुझे करने दो, वरना उस लौंडे को मारकर किसी नदी में फेंक देंगे और तुम भी हमसे बच नहीं पाओगी...”
बिंदिया सरदार की धमकी सुनकर काँप गई और सुबकते हुए सरदार के पैरों में गिरकर उससे रहम की भीख माँगने लगी। सरदार ने बिंदिया को बालों से पकड़ते हुए ऊपर उठा लिया और उसकी कमीज को अपने हाथों से उतारने लगा। बिंदिया ने इस बार सरदार को रोकने की कोई कोशिश नहीं की।
बिंदिया की कमीज उतरते ही उसकी भारी, गोरी चूचियां उसकी ब्रा में आधी ढकी हुई सरदार की आँखों के सामने उछलने लगीं। सरदार ने बिंदिया की कमीज उतारने के बाद उसको फिर से नाचने के लिए कहा। बिंदिया सरदार की बात सुनकर फिर से नाचने लगी। सरदार बिंदिया के गोरे जिश्म और उसके साथ हिलती हुई आधी नंगी चूचियों को देखकर मजे से सीटियां बजाने लगा।
बिंदिया शर्म के मारे पानी-पानी हो रही थी और नाचते हुए उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। बिंदिया के नाचते हुए उसकी चूचियां उसकी ब्रा से बाहर तक झलक रही थीं, जिसे देखकर सरदार ने लार टपकाते हुए अपनी सलवार को भी उतार दिया। सरदार ने आज तक ऐसी गोरी और चिकनी लड़की को नंगा नहीं देखा था। सरदार की सलवार उतरते ही वो एक बड़े कच्छे में रह गया और उसके कच्छे का उभार बता रहा था की सरदार का लण्ड कितना बेचैन है।
अब सरदार ने आगे बढ़कर बिंदिया की सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार का नाड़ा खुलते ही बिंदिया की सलवार उसके पैरों में जा गिरी, और बिंदिया गिरते-गिरते बची। वो अपनी सलवार को उठाने के लिए नीचे झुकी, मगर सरदार ने उसे ऐसा नहीं करने दिया, और बिंदिया की सलवार भी उसके पैरों से अलग कर दी। सरदार बिंदिया के गोरे-गोरे मांसल चूतड़ देखकर अपनी जीभ को अपने होंठों पर फिराने लगा और अपना हाथ आगे बढ़ाकर बिंदिया के चूतड़ों पर रख दिया।
बिंदिया सरदार का हाथ अपने चूतड़ों पर महसूस करते ही सिहर उठी और सरदार से दूर जाकर खड़ी हो गई। बिंदिया के पीछे हटते ही सरदार ने आगे बढ़कर उसे अपनी गोद में उठा लिया और उसे लेजाकर बेड पर पटक दिया। बिंदिया बेड पर सुबकते हुए सरदार से कहने लगी- “प्लीज मुझे छोड़ दो, मेरी जिंदगी को तबाह मत करो तुम्हें भगवान का वास्ता...'
सरदार पर तो जैसे जुनून सवार था उसने टेप को बंद करते हुए अपने साथियों को बाहर जाने का बोलकर बिंदिया से कहा- “भगवान के लिए मैं ऐसी चिकनी लौंडि को नहीं छोड़ सकता, मैं तुम्हें भगवान का वास्ता देता हूँ की एक बार अपनी जवानी का रस पिला दे, मैं तुम्हें छोड़ दूंगा...”
सरदार ने ऐसा कहते हुए अपनी बंदूक को नीचे रखते हुए बेड पर चढ़कर बिंदिया के ऊपर चढ़ गया और उसके सिर को अपने हाथों से पकड़ते हुए अपना मुँह नीचे ले जाने लगा।
रोहन्नं...” बिंदिया के मुँह से एक जोर की आखिरी चीख निकल गई।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
रोहन बिंदिया की आवाज सुनकर होश में आ गया और उठकर जल्दी से बेड पर चढ़ते हुए एक जोर की लात सरदार के मुँह में मार दी। सरदार इस अचानक हुए हमले से लड़खड़ाते हुए बेड से दूर जा गिरा। रोहन बिजली की तेजी के साथ नीचे उतरकर बंदूक को उठा लिया और सरदार के सिर पर रखते हुए कपड़े उठाकर बिंदिया की तरफ फेंक दिए। बिंदिया ने जल्दी से कपड़े पहन लिए और भागते हुए रोहन के पीछे खड़ी हो गई।
रोहन ने सरदार से कहा- “कुत्ते तुमने मेरे प्यार की तौहीन की है, मैं तुझे अभी सबक सिखाता हूँ...” और बंदूक बिंदिया को देते हुए खुद सरदार को जोर का एक मुक्का मार दिया।
सरदार लड़खड़ाता हुया सामने वाली दीवार से जा लगा और उसके मुँह से दर्द के मारे ‘आअह्ह्ह' निकल गई। बाहर सूरज ने 'आह' सुनकर अपने दूसरे साथियों से कहा की सरदार की तो लाटरी लग गई, ऐसा चिकना माल तो उसने ख्वाब में भी नहीं देखा होगा।
रोहन ने सरदार को जी भरकर पीटने के बाद बंदूक उठाकर उसे बाहर ले जाने लगा। बाहर खड़े उसके साथियों ने जब रोहन को सरदार के सिर पर बंदूक को रखे हुए आते देखा तो वो रोहन की तरफ आने लगे।
मगर रोहन ने उन्हें खबरदार करते हुए कहा- “अगर तुममें से किसी ने हमारा पीछा किया तो मैं तुम्हारे सरदार का सिर उड़ा दूंगा...”
रोहन की धमकी से वो सभी खामोश होकर खड़े हो गये।
रोहन ने फिर से उन्हें कहा- “तुम मेरा पीछा करने की कोशिश मत करना, मैं तुम्हारे सरदार को जिंदा छोड़ दूंगा..."
सरदार ने अपने साथियों से कहा- “तुम हमारा पीछा मत करो, वरना यह मुझे गोली मार देगा..."
रोहन सरदार को घसीटता हुआ अपने साथ ले जाने लगा, तकरीबन 10 मिनट पैदल चलने के बाद भी रोहन रास्ता नहीं हूँढ़ पाया। उसने सरदार से कहा- “जल्दी से मुझे रास्ता बता दो वरना मैं तुझे गोली मार दूंगा.”
सरदार एक तो नशे में था और दूसरा रोहन की मार की वजह से होश खो बैठा था। सरदार ने लड़खड़ाते हुए कहा- “रास्ता...” और जंगल के चारों तरफ देखते हुए वहीं पर गिर गया और बेहोश हो गया।
बिंदिया सरदार के बेहोश होते ही सुबकते हुए रोने लगी। रोहन ने बिंदिया को अपनी बाहों में भरते हुए कहापगली तुम रो क्यों रही हो, जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है..”
रोहन सरदार को छोड़कर बिंदिया के साथ एक तरफ चलने लगा। तकरीबन एक घंटा सफर करने के बाद भी वो उस भयानक जंगल से बाहर नहीं निकल सके और थक कर वहीं पर बैठ गए।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
बिंदिया ने सुबकते हुए रोहन से कहा- “हम कभी भी यहाँ से नहीं निकल पाएंगे, क्योंकी हमने रास्ते को खो दिया है, मुझे बहुत जोर की प्यास लगी है...”
रोहन ने बिंदिया को अपनी बाहों में भरते हुए कहा- “तुम निराश मत हो, मैं हूँ ना तुम्हारे साथ। हम रास्ता ढूँढ़ लेंगे...” कुछ देर वहीं बैठे रहने के बाद वो फिर से आगे चलने लगे। कुछ आगे चलने के बाद वो जंगल से बाहर आ गये। मगर वहाँ पर भी एक नहर थी जिससे पानी गिर कर एक तरफ जा रहा था। रास्ते का नाम-ओ-निशान नहीं था।
बिंदिया ने रोहन से कहा- “यह हम कहाँ आ गये, यहाँ पर तो कोई भी रास्ता नहीं है...”
रोहन ने बिंदिया से कहा- “चलो हम वहाँ से पानी पीकर फ्रेश होते हैं और फिर कुछ सोचते हैं."
रोहन बिंदिया को उस नहर के करीब ले जाने लगा। वो पानी के करीब पहुँचकर खुश होते हुए कहा- “बिंदिया कितना साफ पानी है चलो हम चलकर पानी पीते हैं...”
रोहन और बिंदिया दौड़कर पानी के पास आ गये और अपनी मुट्ठी में पानी भरकर पीने लगे। रोहन ने पानी पीने के बाद अपनी शर्ट उतार दी और अपने जिम के घाओं को साफ करने लगा। बिंदिया ने रोहन के घाओं को देखकर फिर से रोते हुए कहने लगी- “रोहन, तुम मेरी वजह से इतने परेशान हुए हो...”
रोहन ने बिंदिया से कहा- “पगली तुम्हारी वजह से नहीं मेरी वजह से तुम्हें इतनी तकलीफ सहनी पड़ी है..." रोहन ने ऐसा कहते हुए बिंदिया को अपनी बाहों में ले लिया और उसके गुलाबी होंठों पर एक किस दे दिया।
रोहन ने बिंदिया से कहा- “मुझे बहुत गर्मी हो रही है मैं अपने कपड़े उतारकर नहाता हूँ...”
रोहन ने शर्ट तो पहले ही उतार दी थी उसने अपनी पैंट भी उतार दी और दोनों बाहर पत्तों पर रखते हुए पानी में अंदर चला गया। पानी में घुसते ही रोहन ने बिंदिया से कहा- “बहुत ठंडा पानी है, आ जाओ तुम भी नहा लो...”
बिंदिया ने शर्माते हुए कहा- “तुम्हें शर्म नहीं आती, हम यहाँ जंगल में फँसे पड़े हैं और तुम्हें नहाने की पड़ी है...”
रोहन ने बिंदिया से कहा- “यार तुम घबराती क्यों हो? हम रास्ता ढूँढ लेंगे और अगर रास्ता नहीं भी मिला तो हम दोनों साथ में तो हैं, मरने से पहले थोड़ी मस्ती तो कर लें।
बिंदिया रोहन की बात सुनकर डाँटते हुए कहा- “मरें तुम्हारे दुश्मन, चलो बाहर निकलो हम रास्ता ढूँढ़ते हैं...”
रोहन ने कहा- “प्लीज बिंदिया एक बार आ जाओ फिर चलते हैं, तुम्हें मेरी कसम..”
बिंदिया ने रोहन की बात सुनकर अपनी कमीज उतार दी और अपनी सलवार भी उतारते हुए पत्थर पर रख दी। रोहन बिंदिया को ब्रा और कच्छी में देखकर आहें भरने लगा। बिंदिया पानी में उतरते हुए रोहन की तरफ जाने लगी। रोहन ने बिंदिया को अपने करीब देखकर उसे कलाई से पकड़कर अपने पास कर लिया और उसको अपनी बाहों में लेते हुए उसके होंठों को चूसने लगा।
बिंदिया की बड़ी-बड़ी चूचियां रोहन के नंगे सीने में दब गई। बिंदिया भी रोहन के किस का जवाब देते हुए उसकी पीठ सहलाने लगी। बिंदिया और रोहन एक जंगल में सारे जहाँ को भूलकर एक दूसरे की बाहों में एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे, इस बात से बेखबर की वो एक बियावान में फंसे हुये हैं।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
रोहन उसकी कमर को पकड़कर जोर से अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। रोहन का लण्ड तीन-चार धक्कों में ही बिंदिया की चूत की जड़ तक पहुँच गया और रोहन बिंदिया की चूत को बहुत जोर से चोदने लगा। बिंदिया भी सारे जहाँ से बेखबर अपने यार के धक्कों का भरपूर आनंद लेते हुए अपने चूतड़ पीछे की तरफ धकेलने लगी।
नहर का पानी कभी-कभी उन दोनों के चूत और लण्ड से आकर टकरा रहा था, जिस वजह से बिंदिया और रोहन को और ज्यादा मजा आ रहा था। बिंदिया को वहाँ खुले आसमान के नीचे ठंडी-ठंडी हवा के झोंकों में चुदवाने में बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था।
अचानक बिंदिया का जिश्म अकड़ने लगा, उसकी आँखें बंद होने लगी और उसकी चूत रोहन के लण्ड पर अकड़ते हुए झड़ने लगी। रोहन अपनी महबूबा को झड़ता हुआ देखकर बहुत जोर के धक्के लगाते हुए खुद भी अपने यार के साथ ही उसकी चूत में वीर्य की बारिश करने लगा। रोहन ने झड़ने के बाद अपना लण्ड बिंदिया की चूत से निकाला और बिंदिया के साथ गहरे पानी में जाकर ठंडे पानी से फ्रेश होने लगा।
रोहन ने बिंदिया से कहा- “जानू अपने आपको पूरी तरह फ्रेश कर लो और जितना पानी पीना है पी लो, आगे चलकर पता नहीं रास्ता और पानी मिले या ना मिले..."
बिंदिया पूरी नंगी ही पानी में नहा रही थी, नहाने के बाद वो जैसे ही बाहर निकलने लगी। रोहन का मुँह बिंदिया की भारी चूचियों, मांसल चूतड़ों और उनपर पानी की बूंदें फिसल कर नीचे गिरते हुए देखकर खुला का खुला रह गया। बिंदिया का पूरा जिश्म पानी से भीगा हुआ था, और उसका गोरा जिश्म इस बियावान में धूप की रोशनी में रोहन पर बिजलियां गिरा रहा था।
बिंदिया बाहर निकलकर अपनी कच्छी को उठाकर पहनने लगी। कच्छी को पहनते हुए उसकी नजर रोहन पर चली गई। रोहन अपना मुँह फेरकर बिंदिया के शरीर को ऊपर से नीचे तक देख रहा था। बिंदिया ने रोहन को घूरता हुआ देखकर शर्म से अपनी कच्छी को जल्दी से पहनते हुए रोहन से कहा- “तुम्हें शर्म नहीं आती ऐसे क्या देख रहे हो, कभी मुझे देखा नहीं क्या?”
रोहन ने बिंदिया की बात सुनकर कहा- “आज तुम बहुत सुंदर दिख रही हो, दिल करता है सारी जिंदगी तुम्हें ऐसे ही देखता रहूँ..”
बिंदिया ने अपनी कच्छी को पहन लिया और अपनी ब्रा को पहनते हुए कहा- “सारी जिंदगी इस जंगल में रहकर क्या खाएंगे और क्या पिएंगे?”
रोहन ने जल्दी से कहा- “जब प्यास लगेगी तो तुम्हारे होंठ का रस और तुम्हरी चूचियों का दूध पी लूंगा...”
बिंदिया ने रोहन से कहा- “अब शरारत को छोड़ो और रास्ता ढूँढ़ने की कोशिश करो...”
रोहन बिंदिया की बात सुनकर जल्दी से बाहर निकालकर अपने कपड़े पहनने लगा। रोहन कपड़े पहनकर बिंदिया के साथ रास्ता ढूँढ़ने लगा। एक घंटे मुसलसल चलने के बाद आखीरकार उन्हें अपनी बाइक नजर आ गई। रोहन ने बाइक पे बैठकर उसे स्टार्ट किया और बिंदिया के साथ जंगल से बाहर आ गया।
रोहन ने बाहर आते ही अपनी बाइक शहर की तरफ दौड़ा दी और टाइम देखने लगा। उस वक्त दोपहर के 3:00 बज रहे थे, रोहन ने बिंदिया से कहा- “मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूँ मगर किसी से जंगल वाली बात मत करना...”
बिंदिया ने रोहन से कहा- “मैं कह देंगी की तुम्हारे साथ घूमने गई थी, रास्ते में गाड़ी खराब हो गई इसीलिए देर हो गई...”
रोहन ने कहा ठीक है और बाइक घर की तरफ दौड़ा दी।
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