08-12-2019, 12:42 PM,
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
ज़ाहिद कमरे में बैठा हुआ अपनी पिछली जिंदगी की पुरानी यादों में ही गुम था. कि इतने में एक सिपाही ने आ कर उसे खबर दी. के उन के थाने को मतलूब एक इश्तहारी मुजरिम (पोलीस वांटेड क्रिमिनल) दीना सिटी में बने अल कौसेर होटेल में इस वक्त एक गश्ती के साथ रंग रेलियों में मसरूफ़ है.
(अल कौसेर दीना सिटी का एक बदनामी ज़माना होटल है. जिस में काफ़ी लोग रुंडी बाज़ी के लिए आते और अपना शौक पूरा करते हैं.)
यह खबर सुनते ही ज़ाहिद ने चन्द कोन्सेतबलेस को साथ लिया और अल कौसेर होटेल पर रेड करने चल निकला.
क़ानून के मुताबिक़ तो ज़ाहिद को दीना सिटी के लोकल पोलीस स्टेशन को रेड से पहले इत्तिला करना लाज़िमी था.
मगर हमारे मुल्क में आम लोग क़ानून की पेरवाह नही करते.जब कि ज़ाहिद तो खुद क़ानून था. और “क़ानून अँधा होता है”
इस लिए ज़ाहिद ने डाइरेक्ट खुद ही जा कर होटेल में छापा मारा और अपने मतलोबा बंदे को गिरफ्तार कर लिया.
अल कौसेर जैसे होटलो के मालिक अपना काम चलाने के लिए वैसे तो हर महीने लोकल पोलीस को मन्थली (रिश्वत) देते हैं.मगर इस के बावजूद कभी कभी पोलीस वाले एक्सट्रा पैसो के लिए अपनी करवाई डाल लेते हैं.
कुछ ऐसा ही उस रोज भी हुआ.
ज़ाहिद के साथ आए हुए पोलीस वालों ने अपना मुलज़िम पकड़ने के बाद होटेल के बाकी कमरों में भी घुसना शुरू कर दिया. ता कि वो कुछ और लोगो को भी शराब और शबाब के साथ पकड़ कर अपने लिए भी कुछ माल पानी बना सके.
बाकी पोलीस वालों की तरह एएसआइ ज़ाहिद ने भी होटेल के कमरों की तलाशी लेने का सोचा और इस लिए वो एक कमरे के दरवाज़े पर जा पहुँचा.
कमरे में दाखिल होने से पहले ज़ाहिद ने कमरे के अंदर के मंज़र का जायज़ा लेना मुनासिब समझा. जिस के लिए वो दरवाज़े के बाहर खड़ा हो कर थोड़ा झुका और दरवाज़े के की होल से आँख लगा कर अंदर झाँकना शुरू कर दिया.
ज़ाहिद ने अंदर देखा कि एक 25,26 साल की उमर का लड़का कमरे के बेड पर नंगा लेटा हुआ है.
और एक 26,27 साला निहायत ही खूबसूरत लड़की उस आदमी के लंड को अपनी चूत में डाले ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे हो कर अपनी फुद्दि की प्यास बुझा रही थी.
ज़ाहिद यह मंज़र देख कर समझ गया कि आज उस की भी दिहाड़ी अच्छी लग जाएगी क्योंकि उस का शिकार अंदर माजूद है.
इस लिए उस ने ऊपर खड़े होते हुए दरवाज़े पर ज़ोर से लात मारी तो कमरे का कमज़ोर लॉक टूट गया और दरवाज़ा खुलता चला गया.
ज्यों ही ज़ाहिद कमरे का दरवाज़ा तोड़ते हुए कमरे के अंदर ज़बरदस्ती दाखिल हुआ. तो उसे देख कर उन दोनो लड़का और लड़की के होश उड़ गये.
और साथ ही लड़के के लंड पर बैठी हुई लड़की एक दम से चीख मार कर उस लड़के के उपर से उतरी और बिस्तर पर लेट कर बिस्तर की चादर को अपने गिर्द लपेट लिया.
ज़ाहिद को देखते ही उस लड़की की आँखों में हैरत और शाना साइ की एक लहर सी दौड़ गई.
अपने जिस्म को चादर में छुपाने के बाद वो लड़की अभी तक ज़ाहिद को टकटकी बाँधे ऐसे देखे जा रही थी. जैसे वो ज़ाहिद को पहले से ही जानती हो.
ज़ाहिद ने इस से पहले कभी उस लड़की को या उस के साथी लड़के को नही देखा था. इस लिए उस ने इस बात पर कोई तवज्जो ना दी. क्योंकि वो जानता था. कि अक्सर ऐसे मोके पर पकड़े जाने वाले लोग पोलीस से अपनी जान छुड़ाने के लिए उन से कोई ना कोई ताल्लुक या रिश्तेदारी निकालने की कॉसिश करते ही हैं.
लड़की के साथ साथ उस लड़के ने भी अपने तने हुए लंड पर एक दम हाथ रख कर उसे अपने हाथो से छुपाने की कोशिश करते हुए कहा” क्या बात है जनाब आप क्यों इस तरह हमारे कमरे में घुसे चले आए हैं”
ज़ाहिद: “वजह तुम को थाने (पोलीस स्टेशन) चल कर बताता हूँ, चलो उठो और जल्दी से कपड़े पहनो”.
“थाने मगर क्यों जनाब” वो लड़का ज़ाहिद की बात सुन कर एक दम घबरा गया और साथ ही वो औरत भी ज़ाहिद की बात सुन कर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.
ज़ाहिद: “तुम्हे नही पता इस होटेल पर छापा पड़ा है,एक तो रंडी बाज़ी करते हो ऊपर से ड्रामे बाज़ी भी,चलो उठो जल्दी करो”
“जनाब आप को ग़लत फहमी हुई है हम तो मियाँ बीवी हैं”.उस लड़के ने ज़ाहिद की बात सुन कर एक परे शान कुन लहजे में कहा.
ज़ाहिद: मियाँ बीवी हो, क्या तुम मुझे बच्चा समझते हो, उठते हो या इधर ही तुम्हारी चित्रोल स्टार्ट कर दूं,बेहन चोद”.
ज़ाहिद की गाली सुन कर लड़का एक दम उठा और अपने बिखरे हुए कपड़े समेट कर पहनने लगा. जब कि लड़की अभी तक अपने जिस्म के गिर्द चादर लपेटे बिस्तर पर बैठी थी.
“चलो तुम भी उठ कर कपड़े पहन लो” एएसआइ ज़ाहिद ने लड़की को हुकुम दिया.
“अच्छा आप ज़रा बाहर जाए” लड़की ने बदस्तूर रोते हुए ज़ाहिद से दरख़्वास्त की.
ज़ाहिद: क्यों?
“ मुझे आप के सामने कपड़े पहन ते शरम आती है” लड़की ने हिचकी लेते हुए कहा.
अपने यार के सामने कपड़े उतार कर नंगा होते शरम नही आई और मेरे सामने कपड़े पहनते हुए बिल्लो को शरम आती है,चलो नखरे मत करो और कपड़े पहनो वरना यूँ नंगा ही उठा कर थाने ले चलूँगा समझी” ज़ाहिद गुस्से में फूंकारा.
“मरते क्या ना करते”. ज़ाहिद के गुस्से को देख कर वो लड़की फॉरन उठी और फर्श पर पड़े अपने कपड़े उठा कर पहनने लगी.
ज़ाहिद ने उन दोनो के कपड़ों और हुलिए से यह बात नोट की कि उन दोनो का ताल्लुक किसी अच्छे और अमीर घराने से है.
वो दिल ही दिल में खुश होने लगा कि इन से अच्छा माल वसूल हो गा.
(पोलीस की शुरू शुरू की नोकरी और अपने एएसआइ बनने से पहले ,ज़ाहिद रिश्वत को एक लानत समझता था. मगर जब से वो एएसआइ बन कर थाने का इंचार्ज बना था.उस को पता चल गया कि अगर किसी थाने में पोस्ट शुदा थाने दार (पोलीस ऑफीसर) अपने लिए रिश्वत ना भी ले तो उस के ऊपर बैठे हुए ऑफिसर्स उस से हर हाल में अपना हिसा माँगते हैं.
इस वजह से हर पोलीस ऑफीसर जो किसी भी थाने में पोस्ट होना चाहता है. वो रिश्वत लेने पर मजबूर हो जाता है.
वैसे भी हमारे मुल्क में खुस किस्मती से वो ही बंदा शरीफ होता है जिसे कोई चान्स ना मिले. और जिसे चान्स मिलता हैं वो हराम का माल लूटने में कोई कसर नही छोड़ता.
इस लिए एएसआइ बनते ही ज़ाहिद भी सिस्टम का हिसा बन गया और उस ने भी हर केस में रिश्वत लेना शुरू कर दी)
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08-12-2019, 12:43 PM,
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
हफ्ते बाद मेरे सास और सुसर को अपने बड़े बेटे के घर सियालकोट जाना था. उन का प्रोग्राम था कि वो दो दिन उधर सायालकोट में ठहरेंगे.
उन की गैर मजूदगी में में घर पर अकेली रह गई.
में ने अपने अब्बू से कहा कि आप मेरे पास रहने के लिए आ जाए. मगर अब्बू ने खुद आने की बाजिय मेरे भाई को मेरे पास रहने के लिए भेज दिया.
फिर इस बात के बावजूद के अपनी अपनी जगा हम दोनो अपनी चाँद रात वाली “ख़ाता” पर शरम सार और रंजीदा थे.
मगर जब एक हफ्ते बाद हम दोनो का फिर आमना सामना हुआ. तो हम दोनो ही एक दूसरे को रोक ना पाए और जज़्बात की रूह में बहक कर फिर दुबारा पहले वाली ग़लती दुहरा बैठे.
चाँद रात के एक वाकीया ने हम दोनो बेहन भाई की जिंदगी बदल कर रख दी है.
अब वो दिन और आज का दिन में ने इतना टाइम अपने शोहर के साथ नही गुज़ारा जितना अपने ही भाई के साथ गुज़ार चुकी हूँ.
इस से पहले हम लोग ज़्यादा तर अपनी मुलाकात अम्मी के घर या फिर मोका मिलने पर मेरे घर ही करते हैं.
अब पिछली चन्द दिनो से मेरी नंद और उस के बच्चे हमारे घर आए हुए हैं. जब कि मेरे अम्मी अब्बू भी ज़्यादा तर घर ही रहते हैं. जिस वजह से हमे आपस में कुछ करने का चान्स नही मिल रहा था.
आज मुझे ना चाहते हुए भी अपने भाई के बहुत इसरार पर इस मनहूस होटेल में पहली बार आना पड़ा और यूँ हम लोग आप के हत्थे चढ़ गये.
अपनी सारी कहानी पूरी तफ़सील से बयान करने के बाद नीलोफर खामोश हो गई.
ज़ाहिद अपने सामने बैठे बेहन भाई के चेहरों का बगौर जायज़ा ले रहा था. और उस के दिमाग़ में नेलोफर की कही हुई आखरी बात बार बार घूम रही थी.
कि उस ने इतना टाइम अपने शोहर के साथ नही गुज़ारा जितना उस ने अपने भाई के साथ गुज़ारा है.
नेलोफर की यह बात याद कर के ज़ाहिद को बहादुर शाह ज़फ़र का लिखा हुआ एक शेर याद आ गया कि,
“में ख्याल हूँ किसी और का
मुझे सोचता कोई और है”
मगर अब नेलोफर की सारी कहनी सुन कर ज़ाहिद को यूँ लगा. कि अगर नेलोफर इसी किस्म का कोई शेर अपने मुतलक कहे गी तो वो शायद कुछ यूँ हो गा कि,
“में चूत हूँ किसी और की
मुझे चोदता कोई और है”
“ अच्छा अगर में तुम को बगैर कोई रिश्वत लिए जाने दूं तो तुम लोग खुश हो गे ना?.” ज़ाहिद ने उन दोनो की तरफ़ देख कर उन से सवाल पूछा.
“क्यों नही सर,हम तो आप के बहुत शूकर गुज़ार हूँ जी” जमशेद फॉरन बोला.
नीलोफर और जमशेद दोनो को ज़ाहिद से इस बात की तवक्को नही थी. इस लिए वो उस की बात सुन कर बहुत खुश हुए.
“तो ठीक है मुझे तुम से रिश्वत नही चाहिए,मगर जाने से पहले तुम को मेरी एक फरमाइश पूरी करनी हो गी” ज़ाहिद दोनो बेहन भाई की तरफ देखते हुए बोला.
“ठीक है सर हम आप की हर फरमाइश पूरी करने के लिए तैयार हैं” जमशेद ने बिना सोचे समझे जल्दी से जवाब दिया.
जमशेद की कॉसिश थी कि जितनी जल्दी हो वो अपनी और अपनी बेहन की जान इस खबीस पोलीस वाले से छुड़वा ले.
“ वैसे तो में ने तुम दोनो को चुदाई करते हुए रंगे हाथों पकड़ा है.मगर मुझे उस वक्त यह पता नही था कि तुम दोनो का आपस में क्या रिश्ता है. अब जब कि में सारी बात जान चुका हूँ.
तो मेरी ख्वाइश है कि में अपनी आँखों के सामने एक सगे भाई को अपनी बेहन चोदते देखूं”. ज़ाहिद ने उन के सामने अपनी गंदी ख्वाइश का इज़हार करते हुए कहा.
नीलोफर और जमशेद उस की फरमाइश सुन कर हैरत से दंग रह गये.
सब से छुप कर अपने घर या होटल के कमरे में दोनो बेहन भाई की आपस में चुदाई करना एक बात थी. मगर किसी गैर मर्द के सामने अपनी ही बेहन को नंगा कर के चोदना बिल्कुल अलग मामला था. और इस बात का जमशेद में होसला नही था.
“यह किस किस्म की फरमाइश है आप की, आप को हमारी जान छोड़ने के जितने पैसे चाहिए वो में देने को तैयार हूँ मगर यह काम हम से नही हो गा”. जमशेद ने सख़्त लहजे में जवाब दिया.
“बहन चोद वैसे तो तू हर रोज अपनी ही बेहन को चोदता है और अब मेरे सामने ऐसा करने में तुझे शरम आती है.मेरे बाथरूम से वापिस आने तक तुम दोनो को एक्शन में होना चाहिए. वरना वापिस आते ही में तुम दोनो को गोली मार कर जहली पोलीस इनकाउंटर शो कर दूं गा”. ज़ाहिद को जब अपनी ख्वाहिश पूरी होती नज़र ना आई.तो उस ने अपनी पिस्टल को निकाल कर गुसे में कहा और उठ कर कमरे के साथ बने बाथरूम में चला गया.
ज़ाहिद के बाथरूम जाते ही जमशेद तेज़ी से उठा और बिस्तर पर बैठी अपनी बेहन के पास आन बैठा.
दोनो बेहन भाई सख़्त घबराए हुए थे.उन की समझ में नही आ रहा था कि इस मुसीबत से कैसे निजात हासिल करें.
नीलोफर: भाई अब क्या हो गा.
जमशेद: बाजी में ने तो पूरी कॉसिश कर ली कि इस हराम के पिल्ले को पैसे दे कर जान छुड़ा लें मगर यह कमीना मान ही नही रहा.
नीलोफर: तो फिर इस मसले का हल किया है.
जमशेद: बाजी अब लगता है कि ना चाहते हुए भी इस खबीस की बात मानना ही पड़े गी.यह कहते हुए जमशेद ने बिस्तर पर बैठी हुई अपनी बेहन को अपने बाज़ुओं में लिया और उस के होंटो पर अपने होंठ रख कर उन्हे चूसने लगा.
“रूको भाई मुझे शरम आ रही है, मुझ से यह सब इधर नही हो गा ” नीलोफर ने अपने होंटो को अपने भाई के होंटो से अलग करते हुए कहा.
“बाजी अब अगर हम ने अपनी इज़्ज़त और जान बचानी है तो फिर हमें उस पुलिस वाले की ख्वाहिश को पूरा करना ही पड़े गा”. यह कहते हुए जमशेद ने दुबारा अपने होंठ अपनी बेहन के नरम और लज़्ज़ीज़ होंठो पर रखे और उन का रस पीने लगा.
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
अल कौसेर होटेल में पोलीस का छापा पड़ने की वजह से ना सिर्फ़ जमशेद और नीलोफर दोनो के जिस्मो की प्यास अधूरी रह गई थी.बल्कि पोलीस के ख़ौफ़ और छापे की परेशानी की वजह से चुदाई का खुमार दोनो बेहन भाई के ज़हन से भी उतर चुका था.
मगर जब नीलोफर ने एएसआइ ज़ाहिद को अपने भाई के साथ अपने ताल्लुक़ात और चुदाई की तस्लीफ़ बयान करना शुरू किया.तो ज़ाहिद के साथ साथ ना सिर्फ़ जमशेद का लंड भी उस की पॅंट में उठ कर खड़ा हो चुका था.बल्कि हक़ीकत यह थी. कि ना चाहने के बावजूद खुद नीलोफर की अपनी फुद्दि भी उस की शलवार में अपना पानी छोड़ने पर मजबूर हो चुकी थी.
इस लिए दोनो बेहन भाई के होन्ट आपस में चिस्पान होते ही उन के बदन में चुदाई की प्यास दुबारा जाग उठी.
अपनी बेहन के होंठो को अपने होंठो में काबू करते ही जमशेद का हाथ नीलोफर की गुदाज रानो के बीच में से होता हुआ, शलवार के ऊपर से उस की फूली हुई गरम चूत पर आ कर जम गया.
भाई के हाथ को अपनी फुद्दि के ऊपर महसूस करते ही नीलोफर सिसकी “ अहह”
(जिस तरह शादी के कुछ टाइम बाद एक हज़्बेंड को अपनी वाइफ के जिस्म के नसीबो फर्ज़ का अंदाज़ा हो जाता है.बिल्कुल इसी तरह अपनी बेहन को कई दफ़ा चोद कर जमशेद को भी ब खूबी अंदाज़ा हो चुका था. कि निलफोर के जिस्म के वो कौन से तार हैं जिन को छेड़ने पर उस का बदन गरम होने लगता है.)
जमशेद के हाथ उस की बेहन की चूत से खैलने में मसरूफ़ हुए. तो नीलोफर ने भी शर्मो हया को छोड़ कर पॅंट में मचलते अपने भाई के लंड को अपने हाथ में लिया और उस को प्यार करने लगी.
अब दोनो बेहन भाई के होत एक दूसरे से अपनी लड़ाई लड़ रहे थे. जब कि दोनो के हाथ एक दूसरे के लंड और चूत के साथ मौज मस्ती में मसरूफ़ हो गये.
बेहन की चूत के ऊपर थोड़ी देर अपने हाथ की उंगलियो को फेरने और साथ ही साथ उस के नर्मो नाज़ुक होंठो को चूसने के बाद जमशेद के हाथ अपनी बेहन के बुर्क़े के बटन को खोलने लगी.
जमशेद ने एक एक कर नीलोफर के बुर्क़े के सारे बटन खोलने के बाद अपने हाथों से अपनी बेहन के बुर्क़े को उस के जिस्म से अलहदा कर दिया.और फिर एक एक कर के अपने और अपनी बेहन के कपड़े उतारने लगा.
इधर बाथरूम में कमोड पर बैठे एएसआइ ज़ाहिद ने पिशाब करने के बाद लोटे के पानी से लंड को धोया.और फिर कमरे में माजूद बेहन भाई के मुतलक सोच सोच कर अपने मोटे ताज़े लंड के ऊपर आहिस्ता आहिस्ता अपने हाथ को फैरने लगा.
ज़ाहिद के हाथ में उस का लौडा बुरी तरह से फॅन फनाया हुआ था.
ज़ाहिद अपने दोस्तूँ में एक फुददी फाड़ मशहूर था.
उस की वजह उस के लंड की लंबाई और मोटाई के साथ साथ उस के लंड की मोटी टोपी भी थी.
ज़ाहिद औरत की फुददी चोदते वक्त एक वहशी जानवर बन जाता. और जब भी वो अपने लंड की टोपी को किसी औरत की चूत में डालता तो लंड की टोपी औरत की चूत की दीवारो को तार तार कर देती थी.
आज तक ज़ाहिद ने जितनी भी औरतों को चोदा था. वो सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी हवस को मिटाने के लिए चोदा था.
और बे शुमार चूतो के रस को पी चूकने वाले ज़ाहिद के लंड को अभी तक वो औरत नही मिल पाई थी. जिस को वो अपनी हवस की खातिर एक वहसी जानवर बन कर नही बल्कि अपनी जान बना कर प्यार से चोद सके. मगर ज़ाहिद के दिल और लंड की यह ख्वाइश अभी तक अधूरी ही थी.
ज़ाहिद को बाथरूम में आए हुए चन्द मिनिट्स बीत चुके थे. इस लिए उसे अब यह यकीन हो चुका था. कि अगर जमशेद और उस की बेहन नीलोफर ने उस की धमकी को सीरीयस लिया है तो अब तक वो दोनो एक दूसरे के साथ चुदाई शुरू कर चुके होंगे .
ज़ाहिद दोनो बेहन भाई की चुदाई देखने के लिए बे करार था.
वो कमोड से उठा और अपनी पॅंट को बाथरूम के फर्श पर गिरा कर आधा नंगा आहिस्ता आहिस्ता चलता हुआ बाथरूम के दरवाज़े तक आया. और दरवाज़े को हल्का से खोल कर कमरे के अंदर के मंज़र का जायज़ा लेने लगा.
कमरे के अंदर का मंज़र देख कर ज़ाहिद के जिस्म में जोश और मस्ती छाने लगी.
कमरे के बिस्तर पर नीलोफर अपने कपड़ों की क़ैद से आज़ाद बिल्कुल नंगी लेटी हुई अपनी प्यासी चूत पर अपने हाथ को आहिस्ता आहिस्ता फेर कर प्यार कर रही थी.
उस की फूली हुई गोरी चूत के गुलाबी होंठो से रस की बूंदे टपक रही थीं…
नीलोफर की गोरी गोरी टाँगों के दरमियाँ में, किसी भी किस्म के बालों के बगैर, नेलोफर की सॉफ शफ़फ़ और गुलाब की पंखुड़ियों की तरह से चिपकी हुई चूत की दरार को देख कर ज़ाहिद के मुँह से राल टपकने लगी.
कमरे में जमशेद अपनी बेहन के पैरों की तरफ बिल्कुल नंगा खड़ा था.
उस का गरम,लंबा,मोटा और चुदाई के लिए पूरा तैयार,उस का लंड कमरे की छत की तरफ अपना मूह उठाए एक क्षण से खड़ा था.
जमशेद की नज़रें अपनी बेहन की चूत पर जमी हुई थीं. जब के वो साथ साथ अपने मोटे सख़्त लंड को अपने हाथ में ले कर मूठ भी लगा रहा था.
कमरे का यह मंज़र देख कर ज़ाहिद के जिस्म और लंड की गर्मी ने और जोश मारना शुरू कर दिया.
जमशेद की तरह ज़ाहिद का हाथ भी फिर से उस के लंड पर आया और वो भी दोनो बहन भाई को देखते हुए अपने लंड से खैलने लगा.
उधर कमरे में आहिस्ता आहिस्ता चलता हुआ जमशेद बिस्तर पर लेटी हुई अपनी बेहन की तरफ बढ़ा. और फिर नीलोफर के पैरों की तरफ से बिस्तर पर चढ़ गया.
जमशेद अब बिस्तर पर लेटी हुई अपनी बेहन के नज़दीक आया और फिर नीलोफर के एक पैर को आहिस्ता से उठा कर अपने हाथ में लिया और अपनी बेहन के पैर की उंगलियो को अपने मुँह में भर कर उन को एक एक कर के चाटने लगा.
ज्यों ही जमशेद ने नीलोफर के पावं की उंगलियों को चाटना शुरू किया तो मज़े से बेकाबू होते हुए नीलोफर के मुँह से बे सखता एक चीख निकल गई.और उस की चूत से पानी का एक फव्वारा छूटने लगा.
बेहन के पाँव की उंगिलियो को चूस्ते चूस्ते जमशेद ने साथ ही साथ अपने एक हाथ को अपनी बेहन के कसे हुए मम्मों पे रखा ऑर दूसरे हाथ की उंगली को अपनी बेहन की बुरी तरहा से गीली हो चुकी फुददी के अंदर डाल कर बेहन की चूत को अपनी उंगली से चोदने लगा.
नीलोफर को उस के भाई के मुँह और हाथों ने इतना बे चैन कर दिया के वो खुद को रोक नहीं पाई.
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