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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
अपनी सबका शादी शुदा जिंदगी में शाज़िया के कमज़ोर जिस्म वाले शोहर ने शाज़िया को कभी इस स्टाइल में चोदने की हिम्मत भी नही की थी. इसीलिए शाज़िया के लिए चुदाई का ये अंदाज़ बिल्कुल नया और मज़े दार था.
अपने भाई के प्यार का ये वलिहाना अंदाज़ देख कर शाज़िया ने भी फेरते जज़्बात से अपना एक बाज़ू ज़ाहिद की गर्दन के गिर्द लपेट लिया. जब कि उस का दूसरा हाथ उस के भाई की सख़्त और चौड़ी छाती पर रेंगने लगा.
अपनी बहन को यूँ अपने साथ चिमटा देख कर ज़ाहिद समझ गया कि शाज़िया को चुदाई का ये तरीका अच्छा लगा है.
इसीलिए उस ने मज़ीद जोश में आते हुए अपने दोनो हाथों से अपनी बहन की गुदाज रानों को थाम कर शाज़िया के बाहरी जिस्म को एक मोम की गुड़िया समझ कर हवा में उछाल उछाल कर तेज़ी के साथ उस की फुद्दि में अपना पूरा लंड डालना शुरू कर दिया.
अपने भाई की इस चुदाई से शाज़िया को भी मज़ा आने लगा.और वो भी अपने मोटे मोटे चूतड़ उछाल कर और हिला कर अपने भाई का मोटा लंड अपनी चूत के अंदर बाहर लेने लगी.
शाज़िया की चूत ज़ाहिद की पहली चुदाइ के दौरान छोड़े हुए पानी की वजह से पहले की काफ़ी गीली हो चुकी थी.
इसीलिए उस की फुद्दि अब ज़ाहिद के हर हर धक्के पर फ़च्छाक फ़च्छाक की आवाज़ निकाल कर कमरे के माहौल में एक निहायत माशूक किस्म की मौशिकि (म्यूज़िक) पैदा कर रही थी.
“ऊऊओिईई ज़ाहिद भाई, अह्ह्ह्ह्ह्ह,ऐसा मज़ा तो मुझ है कभी भी नही आया मेरे राजा,अह्ह्ह्ह,मैं शायद छूटने वाली हूँ ज़ाहिद भाई अह्ह्ह्ह” कहते हुए शाज़िया ने अपनी फुद्दि का पानी छोड़ दिया.
ज्यों ही शाज़िया फारिग हुई.तो शाज़िया की गीली चूत से पानी बह बह कर ज़ाहिद के लंड के साथ साथ कमरे के फर्श को भी गीला कर गया.
कोई 15, 20 सेकेंड्स तक शाज़िया के जिस्म को झटके लगते रहे.और फिर वो निढाल हो कर ज़ाहिद के बाजुओं में ही झूल गई.
ज़ाहिद समझ गया कि शाज़िया इस वक़्त चूत (ऑर्गॅज़म) गई है. इसीलिए ज़ाहिद ने आहिस्ता से अपनी बहन को दुबारा बिस्तर पर लिटा दिया. और खुद भी उस के ऊपर ही लेट गया.
ज़ाहिद चूँकि अभी तक फारिग नही हुआ था . इसीलिए उस का लंड अभी भी लोहे की रोड की तरहा शाज़िया की चूत में घुस कर खड़ा था.
ज़ाहिद अपनी बहन के जिस्म के ऊपर लेटा बहुत प्यार से शाज़िया की कमर और चुतड़ों पर अपना हाथ फेर रहा था. जब कि शाज़िया ज़ाहिद के जिस्म के नीचे लेटी हुई गहरे गहरे साँस लेती रही.
थोड़ी देर बाद ज़ाहिद ने शाज़िया की फुद्दि से अपना मोटा और खड़ा हुआ लंड निकला. और अपनी बहन की टाँगों के दरमियाँ अपना मुँह रख कर अपनी बहन की ताज़ा ताज़ा चुदि हुई चूत का बगौर जायज़ा लेने लगा.
ज़ाहिद ने देखा कि उस की बहन शाज़िया की चूत उस की जबर्जस्त चुदाई की वजह से बेशक काफ़ी खुल गई थी.
लेकिन इस के बावजूद उस की बहन की चूत का गुलाबी पन अब तक मंद नही पड़ा था.
शाज़िया की फुद्दि के लब ज़ाहिद के मोटे और बड़े लंड को अपने अंदर लेने की वजह से फैल चुके थे.मगर अभी भी वो उस की चूत के गिर्द बड़ी ही खूबसूरती से फैले हुए थे.
अपनी बहन की फूली हुई चूत को देखते देखते ज़ाहिद ने अपना मुँह आगे बढ़ाया. और शाज़िया की गान्ड के सुराख के सामने अपना मुँह ला कर अपनी बहन की गान्ड से निकलती हुई भीनी भीनी खुशुबू को सूंघने लगा.
अपनी बहन की गान्ड से निकलती हुई महक ने ज़ाहिद के दिल-ओ-दिमाग़ को पागल कर दिया.
"वाह शाज़िया तुम्हारी गान्ड की खुशहू तो बहुत मस्त है मेरी जान" ज़ाहिद ने अपनी बहन की गान्ड की महक को अपनी नाक के रास्ते अपने अंदर खैंचते हुए कहा.
शाज़िया के सबका शोहर ने कभी उस की गान्ड तो क्या चूत की तारीफ भी नही की थी. इसीलिए शाज़िया को अपने भाई के मुँह से अपनी गान्ड की महक की तारीफ सुन कर अच्छा लग रहा था.
कुछ देर तक अपनी बहन की गान्ड की महक सूंघने के बाद ज़ाहिद ने बिस्तर पर सीधी लेटी हुई अपनी बहन शाज़िया को करवट बदल कर लेटने का कहा.
अपने भाई के कहने पर शाज़िया ने ज्यों ही करवट बदली तो उस की भारी गान्ड की बड़ी बड़ी पहाड़ियाँ पीछे से उठ गईं.
जिस की वजह से शाज़िया की गान्ड में पोषीदा उस की गान्ड का ब्राउन सुराख ज़ाहिद की आँखों के सामने अपनी पूरी आबो-ताब से खुल कर सामने आ गया.
ज़ाहिद थोड़ी देर यूँ की आँखें फाड़ फाड़ कर खामोशी से अपनी बहन की कसी हुई गान्ड का दीदार करता रहा.
जब शाज़िया ने अपने पीछे लेटे हुए भाई की खामोशी को महसूस किया तो वो बोली”“आप इतनी खामोशी से क्या देख रहे हो भाई?”
“कुछ नही मैं बस तुम्हारी चौड़ी बुन्द (गान्ड) की खूबसूरती देख रहा हूँ जान” ज़ाहिद ने अपनी खामोशी तोड़ते हुए शाज़िया को जवाब दिया.
“मेरी गान्ड में ऐसी क्या खास बात है तो आप इतने गौर से उसे देख रहे है भाई” अपने भाई से ये सवाल पूछते हुए शाज़िया मुस्कुरा दी.
“उफफफफफफफफ्फ़ क्या बताऊ शाज़िया ये तुम्हारी मज़े दार गान्ड ही थी, जिस ने मुझे पहली ही नज़र में अपनी ही सग़ी बहन का दीवाना बना दिया था. हाईईईईई ऐसी मक्खन जैसी मुलायम और गदराई हुई गान्ड तो किसी किस्मत वाले मर्द को ही मिलती है” .ये कहते हुए ज़ाहिद अपने हाथ शाज़िया की भारी गान्ड के नीचे ले जा कर शाज़िया की गुदाज बुन्द (गान्ड) की पहाड़ियों को हाथ में ले कर दबाना शुरू कर दिया.
ज़ाहिद ने बड़े प्यार से अपनी बहन की भारी पहाड़ियों को अपने हाथ से पकड़ कर खोला. तो शाज़िया की भारी गान्ड का कंवारा ब्राउन सुराख मज़ीद खुल कर ज़ाहिद की नज़रों के सामने आ गया.
अपनी बहन की गान्ड की इस बुन्द (क्लोज़) सुराख को देखते ही ज़ाहिद की आँखों में चुमक सी आ गई.और उस का लंड अपनी बहन की अन चुदि गान्ड की सील फाड़ ने के लिए बे ताब हो गया.
ज़ाहिद ने अपनी एक उंगली अपने मुँह में डाल कर उसे अपने थूक से अच्छी तरह गीला किया. और फिर अपने थूक से गीली उंगली को अपने मुँह से निकाल कर अपनी बहन की गान्ड के छेद को दुबारा सहलाया.
अपने भाई की उंगली को अपनी भारी और कंवारी गान्ड के सुराख कर महसूस करते ही शाज़िया फिर तड़प उठी.
ज़ाहिद ने अपने हाथ से अपनी बहन की गान्ड की एक पहाड़ियों को हाथ से छेड़ते हुए बहुत आहीस्तगी से थूक से तर अपनी उंगली को अपनी बहन की गान्ड के सुराख में डाल कर हल्का सा पुश किया.
अपने भाई की इस हरकत से शाज़िया तो उछल पड़ी “ हाइी भाई आप को पहले भी कहा है कि यहाँ नही प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज”.
“उधर क्यों नही जान” ज़ाहिद ने अपनी बहन को छेड़ते हुआ पूछा.
“इसीलिए कि मेने कभी इधर कभी नही करवाया भाई” शाज़िया ने अपने हाथ को पीछे ले जा कर अपनी गान्ड के सुराख से ज़ाहिद की उंगली को हटा दिया.
“शाज़िया तुम को पता है कि सुहाग रात में एक शोहर अपनी बीवी से हमेशा उस की कंवारी चूत हासिल करने की तवक्को रखता है, अब तुम्हारी चूत तो कंवारी नही रही, मगर कोई बात नही में आज ज़रूर तुम्हारी कंवारी गान्ड में ही अपना लंड डाल कर सुहाग रात में सील तोड़ने वाली रसम तो पूरा करूँगा जानू” ज़ाहिद ने मुस्कराते हुए अपने इरादे अपनी बहन के सामने ज़ाहिर कर दिए.
“नही भाई आप जानते हैं कि आप के मोटे लंड ने मेरी पहले से चुदि हुई फुददी की क्या हालत की है.और अब आप मेरी कंवारी गान्ड को भी फाड़ देना चाहते हैं?” अपने भाई की बात सुन कर शाज़िया घबड़ाहट में बोल उठी.
“फिकर ना करो जान मैं तुम को आज तुम्हारी गान्ड मार का वो मज़ा दूँगा जिस का तुम ने कभी जिंदगी में तसव्वुर भी नही किया हो गा” ये कहते हुए ज़ाहिद नीचे झुका. और शाज़िया की गान्ड के पीछे लेट कर अपनी बहन की गुदाज और मोटी गान्ड की पहाड़ियों को अपने होंठो से चूमने और चाटने लगा.
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“अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” अपने भाई की गरम ज़ुबान को अपनी गान्ड की पहाड़ियों पर फिसलता हुआ पा कर शाज़िया के मुँह से सिसकारियाँ फूटने लग गईं.
ज़ाहिद पागलों की तरह अपनी बहन की गान्ड की पहाड़ियों को अपने दाँतों से काट रहा था.
थोड़ी देर अपनी बहन की गान्ड की पहाड़ियों पर अपनी ज़ुबान फिराने के बाद ज़ाहिद ने शाज़िया को घोड़ी बनने को कहा.
तो शाज़िया अपने भाई की बात पर अमल करते हुए अपनी कोहनियो के बल उल्टी लेट कर घोड़ी बनते हुए बिस्तर पर लेट गई.
शाज़िया के इस तरह लेटने से उस की भारी और चौड़ी गान्ड पीछे से पूरी तरह हवा में उठ गई.
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
अपनी बहन को यूँ घोड़ी बनने देख कर ज़ाहिद बिस्तर से उठ कर फिर फर्श पर आया. और अपनी बहन की हवा में उठी हुई गान्ड के नीचे बैठ कर शाज़िया की गरम चूत के मोटे लबों को अपनी नुकीली ज़ुबान से दुबारा चाटने लगा.
ज़ाहिद एक साँप (स्नेक) की मानिंद अपनी ज़ुबान निकाल कर अपनी बहन की चूत को ऊपर से नीचे तक चाट रहा था.
"आहह श्ह्ह्ह” अपने भाई की नोकिली ज़ुबान और गरम होन्ट अपनी चूत पर लगते ही शाज़िया के सारे बदन में चिंटी रेंगने लगीं.
"क्या हुआ शाज़िया तकलीफ़ हो रही है क्या?", ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत से अपने होंठो को हटाते हुए पूछा. और फिर से अपने होन्ट अपनी बहन की चूत पर रखते हुए उस की चूत से निकलता हुआ पानी अपने होंठो से चूसने लगा.
"ऊहह दर्द कहाँ, इस्शह बल्कि मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा है भाईईईईईईई", शाज़िया अपने भाई की जीभ अपनी चूत पर महसूस कर के अपने चुतड़ों को उछालते हुए बोली.
शाज़िया की चूत से पानी की नदियाँ बहने लगीं. जिसे उस का भाई ज़ाहिद अपनी ज़ुबान से “शार्प शार्प” कर के चाटने लगा.
अपनी बहन की चूत को चाटते चाटते ज़ाहिद आहिस्ता आहिस्ता अपने को मुँह ऊपर लाया.
ज़ाहिद ने अपने हाथों से अपनी बहन के मोटे चुतड़ों को खोलते हुए अपनी बहन की कंवारी गान्ड के सुराख पर ज़ोर से थूका. और इस के साथ ही उस ने एक दम से ने अपनी गरम और नोकिली ज़ुबान को अपनी बहन की कंवारी गान्ड के सुराख पर रखते हुए अपने थूक से भरे अपनी बहन की गान्ड के सुराख को चाटना शुरू कर दिया.
अपने भाई की इस हरकत से शाज़िया भी पागल सी हो गई. और मज़े की शिद्दत से शाज़िया मचलते हुए चिल्लाई “ उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ भाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई”.
शाज़िया के लिए अपनी गान्ड पर किसी की ज़ुबान फेरवाने का ये पहला मोका था. इसीलिए अपने भाई के मुँह से ये अनोखा स्वाद हासिल करते ही शाज़िया तो मज़े से बे हाल होने लगी.
शाज़िया की गान्ड की महक ने तो ज़ाहिद को पहले ही पागल कर रखा था. इसीलिए अब अपनी बहन की कंवारी गान्ड के सुराख पर ज़ुबान रखते ही ज़ाहिद ने शाज़िया की गान्ड के सुराख को पागलों की तरह चाटना शुरू कर दिया था.
ज़ाहिद अपनी बहन की गान्ड को अपने हाथों से खोलते हुए दीवाना वार शाज़िया की गान्ड को चूसने लगा.वो शाज़िया की गान्ड को खोल कर काफ़ी गहराई तक अपनी ज़बान पहुँचा रहा था.
जिस की वजह से शाज़िया सिसक रही थी,मचल रही थी. और ज़ाहिद भी मज़े से जज़्बाती हो कर अपनी बहन की गान्ड के नमकीन ज़ायक़े को चाटे जा रहा था.
ज़ाहिद ने इतने जोश और मज़े से अपनी बहन की गान्ड के साँवले सुराख को चाटा. कि शाज़िया की गान्ड उस के भाई ज़ाहिद के थूक से पूरी तरह तर हो गई.
कुछ देर यूँ ही अपनी बहन की गरम और मज़े दार गान्ड को चाटने के बाद ज़ाहिद फर्स से उठा.और उस ने पीछे से शाज़िया की टाँगें चीर कर के अपने लंड की मोटी टोपी को अपनी बहन की छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया.
भाई के लंड की मोटी टोपी ने ज्यों ही शाज़िया की पानी छोड़ती चूत के सुराख को छुआ तो शाज़िया मचल कर बोली,” उूुुउउफफफफफफफफ्फ़ भाई आप क्यों तड़पा रहे हैं, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मे डालो ना, में तो चुदवाने के लिए मेरी जा रही हूँ”.
ज़ाहिद शैयद अपनी बहन को तड़पाने के मौूद मे था. इसीलिए वो अपनी बहन की बात को अन सुनी करते हुए अपना लंड अपनी बहन की चूत पर मसलता रहा.
शाज़िया से अब अपनी भाई की ये हरकत बर्दाश्त नही हो रही थी. इसीलिए वो फिर सिसकी “ हाई भाईईईईई मेरे हाल पर रहम करो और मुझे चोदो प्लीज़”
अपनी बहन की बेताबी देख कर ज़ाहिद मुस्कुराया और बोला “अच्छा अभी चोदता हूँ तुम्हारे लंड की भूकि चूत को जान”. ये कह कर ज़ाहिद ने अपना मस्त और मोटे लंड के मोटे टोपे को एक दम अपनी बहन की पानी पानी होती गरम चूत में घुसा दिया.
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
घुडप की तेज आवाज़ शाज़िया की चूत से निकली और ज़ाहिद का लंड उस की बहन की गरम फुद्दि में फिसलता चला गया.
लज़्जत की शिद्दत से शाज़िया ने सिसकारी ले कर अपनी आँखें बंद कर ली.
ज़ाहिद ने अब पीछे से अपनी बहन की चौड़ी और भारी गान्ड को अपनी हाथों में थामते हुए अपनी बहन की चूत में ज़ोर दार किसम के धक्के मारने शुरू कर दिए. तो शाज़िया अपने भाई की मस्त चुदाई के आगे हर मानते हुए सिसकियाँ लेने लगी.
ज़ाहिद अपनी बहन की गान्ड की भारी पहाड़ियों को थामे हुए अपनी बहन की चूत में झटके पर झटके मारे जा रहा था.
औरतों के मामले में ज़ाहिद पहले से ही एक मंझा हुआ खिलाड़ी था.
इसीलिए जब ज़ाहिद ने महसूस किया कि शाज़िया उस की जबर्जस्त चुदाई की वजह से मज़े से बे हाल हो रही है. तो ज़ाहिद ने सोचा कि ये सही मोका है.जब वो अपनी बहन की गान्ड में अपना मोटा लंड डाल कर अपनी बहन की गान्ड की कंवारी सील तोड़ कर सुबह होने वाला वालिमा सही तौर पर जायज़ बना सकता है.
ये खेल ज़हन में आते हुए ज़ाहिद ने अपने लंड को अपनी बहन की चूत से बाहर निकाला.
उस वक्त ज़ाहिद का लंड शाज़िया की फुद्दि के गरम पानी और जूस से पूरा तरह भरा हुआ चमक रहा था.
ज़ाहिद को पता था कि एक तो उस का लंड शाज़िया की फुद्दि के पानी से भीगा हुआ है. जब कि शाज़िया की गान्ड के सुराख को भी ज़ाहिद ने अपने थूक से अच्छी तरह गीला कर के तर कर दिया था.
इसीलिए ज़ाहिद को अंदाज़ा था. कि उस के लंड को अपनी बहन की भारी गान्ड की कंवारी सील तोड़ने में ज़्यादा दिक्कत नही हो गी. और फिर इस से पहले कि शाज़िया कुछ समझ पाती. ज़ाहिद ने अपने गीले लंड को शाज़िया की गान्ड के मुँह पर रखा और एक ज़ोर का धक्का दिया.
ज़ाहिद का कड़क लंड उस की बहन की थूक से गीली कुँवारी गान्ड के सुराख को चीरता हुआ शाज़िया की गरम गान्ड में आधा अंदर चला गया.
अपने भाई के इस अचानक हमले से शाज़िया उछल पड़ी. शाज़िया को यूँ महसूस हुआ जैसे उस की गान्ड में किसी ने लोहे का गरम राड डाल दिया हो. जिस की तपिश से उस की गान्ड की सारी नसें (वाइन्स) जल कर राख हो गई हों.
ज़ाहिद का अपनी बहन की कंवारी गान्ड पर ये हमला इतना अचानक और ज़ोर दार था. कि शाज़िया को यूँ महसूस हुआ. जैसे उस के भाई का लंबा और मोटा लंड उस की गान्ड में घुस कर उस के मुँह के ज़रिए बाहर निकल जाएगा.
अपने भाई के इस धक्के की वजह से दर्द की शिद्दत से शाज़िया की आँखो से आँसू निकल आए और उस के मुँह से एक लंबी चीख निकल गई “हीईीईईईईईईई भाईईईईईईईईईईईईईई मार डाला”
इस के साथ ही शाज़िया ने बिस्तर पर पड़े हुए तकिये (पिल्लो) को पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया. ताकि इस तरह शायद उसे अपनी गान्ड में समाते हुए भाई के बड़े लंड की तकलीफ़ का अहसास कुछ कम महसूस हो.
“कुछ नही होगा शाज़िया,मेरी जान.अब तो अंदर डाल दिया है,अभी मज़ा आएगा” ये कहते हुए ज़ाहिद ने अपने लंड को मज़ीद अंदर जाने से रोक लिया .
ताकि एक तो शाज़िया की गान्ड में उठा हुआ दरद कुछ कम हो जाए. और साथ ही साथ उस का बड़ा लौडा शाज़िया की गान्ड में अपनी जगह बना सके. तो उस के बाद वी अपनी बहन की गान्ड को आसानी से चोद सके गा.
"नहियिइ मुझे बहुतत्तत्त दर्द हो रहा है,आप बहुत ज़ालिम हो मुझे बिना बताए ही इतना बड़ा लंड मेरी कंवारी गान्ड में डाल दिया आप ने.मेने 2 साला शादी में कभी अपनी गान्ड में लंड नही डलवाया,अह्ह्ह्ह मैं मर जाउन्गी,निकाल लो,प्ल्ज़्ज़,बहुत दर्द हो रहा है”. दर्द की शिद्दत से चिल्लाते हुए शाज़िया ने अपने भाई से कहा.
ज़ाहिद खूब जानता था कि ऐसे मोके पर किसी भी औरत को लंड अपनी गान्ड में लेने के लिए कैसे राज़ी किया जाता है.
इसीलिए ज़ाहिद ने अपने एक हाथ को नएचए से ला कर शाज़िया की टाँगों के दरमियाँ रखा और फिर आहिस्ता आहिस्ता अपने हाथ से अपनी बहन शाज़िया की चूत का दाना (क्लिट) मसलना शुरू कर दिया.
ज़ाहिद की इस हरकत से चन्द लम्हों में ही अपनी गान्ड का दर्द भुला कर शाज़िया गरम होते हुए फिर से सिसकारियाँ लेने लगी.
साथ ही साथ ज़ाहिद ने अपनी उंगली को शाज़िया की चूत में घुसा दिया और स्लो मोशन में शाज़िया की चूत को अपनी उंगली से चोदने लगा.
शाज़िया की सिसकियाँ सुन कर ज़ाहिद को अंदाज़ा होने लगा. कि अब शाज़िया को दर्द नही बल्कि मज़ा आ रहा है. इसीलिए ज़ाहिद ने फिर से एक और धक्का मारा. और अपना बचा हुआ लंड अपनी बहन की कंवारी गान्ड में डाल कर अपनी बहन की गान्ड की सील पूरी तरह से खोल दी.
“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ भाईईईईईईईईईईईईईईईईई लगता है आज तो आप मेरी जान ही ले लोगे” अपनी गान्ड की तह में अपने भाई का मोटा और बड़ा लंड पूरे का पूरा जाता हुआ महसूस कर के शाज़िया फिर चिल्लाई.
“शाज़िया मेरी जान बस थोड़ा सबर करो अभी थोड़ी देर में जब तुम्हारा दर्द ख़तम हो गा तो तुम्हें गान्ड मरवाने में भी मज़ा आने लगेगा मेरी जान. ज़ाहिद ने अपनी बहन को तसल्ली देते हुए कहा.
शाज़िया की गान्ड अंदर से बहुत ही तंग और गरम थी. जिस में अपना लंड डालते ही ज़ाहिद को यूँ लगा. जैसे उस ने अपना लंड किसी गरम तंदूर में डाल दिया हो.
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
आज अपनी ही सग़ी बहन से अपने जिस्मानी ताल्लुक़ात कायम करने के बाद ज़ाहिद के ज़हन में ये ख्याल आया. कि जैसे वाकई ही उस की सग़ी बहन उस के लिए बनी थी.
क्यों कि अगर ऐसा ना होता. तो शायद या तो शाज़िया का तलाक़ ना होता. और अगर होता भी तो उस के बाद अब तक वो किसी और से शादी कर कर अपना घर दुबारा बसा चुकी होती.
और शायद ज़ाहिद ने अपनी ही सग़ी बहन से नकली शादी कर के उस को अपनी बीवी का दर्जा देना था. इसी लिए अम्मी के हज़ार बार कहने के बावजूद ज़ाहिद ने अभी तक शादी नही की थी.
ये ख्याल ज़हन में आते ही ज़ाहिद अपनी बहन की पीठ पर लेटे लेटे इंडियन मूवी का ये गाना अपनी बहन के कान में गुनगुनाने लगा कि,
“कभी कभी मेरे लंड को ख्याल आता है
कि जैसे तेरी चूत को बनाया गया है मेरे लिए
तू इस से पहले बस रही थी,इस घर में कहीं
तुझे अम्मी ने घुसाया है,इस कमरे में मेरे लिए
सुहाग रात है,गान्ड फाड़ रहा हूँ में
क्यों कि इसे तू ने अभी तक बचाया था, सिर्फ़ मेरे लिए”
शाज़िया अपने भाई के मुँह से ये गाना सुन कर शर्म से लाल हो गई.फिर उस के बाद सारी रात दोनो बहन भाई ने खूब दिल खोल कर चुदाई की.
और फिर रात के आखरी पहर दोनो बहन भाई थक हार कर एक दूसरे की बाहों में ही सो गये.
उधर उस रात ज़ाहिद के घर की ऊपर वाली मंज़िल में जमशेद भी अपनी ही बहन के दूल्हा के रूप में अपने कमरे में दाखिल हुआ.
जिधर उस की अपनी ही सग़ी बड़ी बहन आज उस की दुल्हन बनी हुई जमशेद के इंतिज़ार में बैठी थी.
वैसे तो जमशेद इस से पहले भी कई सुहाग रातें अपनी बहन नीलोफर के साथ गुज़ार चुका था.
मगर आज मुकम्मल तौर पर एक दूल्हा दुल्हन के रूप में सज धज कर सुहाग की सेज पर अपनी सुहाग रात मनाने का ये तजुर्बा उन दोनो बहन भाई के लिए भी बिल्कुल नया ही था.
जमशेद को आज अपनी बहन की चूत का मज़ा चखे हुए काफ़ी दिन हो चुके थे.
जिस की वजह से कमरे में दाखिल होते वक्त जमशेद का लंड फुल तन कर उस की शलवार में खड़ा हो चुका था.
फिर कमरे में आ कर ज़ाहिद की तरह जमशेद ने भी अपनी दुल्हन बहन को मुँह देखाई में सोने का एक सेट दिया.
ज्वेलरी तो वैसे ही दुनिया की हर औरत की कमज़ोरी होती है. इसीलिए शाज़िया की तरह नीलोफर भी अपने ही सगे दूल्हा भाई से अपनी मुँह दिखाई का तोहफा वसूल कर के बहुत खुश हुई. और उस ने अपने भाई जमशेद को बिस्तर पर लेटा कर उस के गालों को चूम लिया.
“आज सिर्फ़ गालों पर प्यार करने से काम नही चलेगा बाजी” ये कहते हुए जमशेद ने अपनी बहन के जिस्म से उस के सारे कपड़े एक एक कर अलग कर दिए और फिर खुद भी फॉरन ही नंगा हो गया.
जमशेद के लंड की तरह नीलोफर की गरम चूत भी पिछले चन्द दिन से लंड से महरूम रही थी. इसी लिए अब इस वक्त नीलोफर की चूत भी काफ़ी गरम और प्यासी हो कर अपना पानी छोड़ रही थी.
जमशेद के कपड़े उतरते ही उस का लंड नग्ना हो कर नीलोफर के सामने आया. तो अपने भाई के लंड को देख कर नीलोफर उस के सामने बैठ गई. और उस ने अपने भाई के जवान और आकड़े हुए लंड को अपनी ज़ुबान से सक करना शुरू कर दिया.
जमशेद का सख़्त लंड ज्यों ही उस की बहन की गरम ज़ुबान और उस के नरम होंठो से रगड़ ख़ाता हुआ नीलोफर के मुँह के अंदर बाहर हुआ. तो मज़े की शिद्दत से जमशेद बे हाल हो गया.
अपने भाई के लंड को बेचैनि से चुसते हुए नीलोफर का दिल चाहा कि उस का भाई जमशेद जल्द आज़ जल्द उस की पानी छोड़ती चूत में अपना खड़ा हुआ लंड डाल कर उस की चूत की गर्मी को दूर कर दे.
उधर अपनी बहन नीलोफर की तरह जमशेद की भी दिली ख्वाहिश कुछ ऐसी ही थी.मगर उस के इरादे आज थोड़े मुक्तलिफ से थे.
असल में बात कुछ यूँ थी. कि अपनी बहन की चूत को पहली बार चोदने के बाद से जमशेद अपनी बहन नीलोफर की गान्ड को चोदने का ख्वाहिश मंद रहा था.
लेकिन एएसआइ ज़ाहिद से अपनी गान्ड की सील तुड़वाने के बावजूद नीलोफर ने आज तक कभी अपने भाई को अपनी बुन्द (गान्ड) का मज़ा नही चखाया था.
इसी लिए जमशेद आज अपनी बहन के साथ अपनी शादी शुदा जिंदगी का आगाज़ उस की मोटी गान्ड के छेद में अपना लंड डाल कर करना चाहता था.
फिर कुछ देर अपने भाई के लंड को चूसने के बाद नीलोफर बिस्तर पर लेट गई.और उस ने लेटते ही अपनी गुदाज जाँघो को खोल कर अपनी गरम फुद्दि के देने पर अपने हाथ को रखा कर ज़ोर से रगड़ते हुए अपने भाई से कहा“उफफफफफफफफफफफ्फ़ जमशेद अब आ कर डाल भी दो ना अपना लंड मेरी फुद्दि में भाईईईईईईईईईई”.
नीलोफर अब अपने भाई के लंड को अपनी फुद्दि में जज़्ब करने के लिए इतनी बेताब हो चुकी थी. कि अब उस को एक लम्हा भी बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था.
जब जमशेद ने अपनी बहन को उस के लंड के लिए यूं बेचैन होते देखा. तो उस के होंठो पर एक मुस्कराहट पहली.
जमशेद ने अपने मोटे लंड को अपने हाथ से मसल्ते हुए बिस्तर पर नंगी बैठी अपनी बहन नीलोफर से कहा “निलो बाजी क्यों ना आज हम अपनी सुहाग रात का आगाज़ गान्ड चुदाई से करें मेरी जान”.
नीलोफर की चूत में उस वक्त गरम आग के शोले भड़क रहे थे. इसीलिए वो चाहती थी कि उस का भाई पहले उस की फुद्दि में लंड डाल कर उस की गर्मी को दूर करे. इसीलिए वो मज़े से सिसकारी लेती हुई बोली “ नहियीईई पहले मेरी फुद्दि में लंड डालूऊऊऊऊऊ, नहियीईईईईईईईईई तो में मररर्र्र्र्ररर जाओंन्नोनणणन् गी भाईईईईईईईईईईईई”.
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08-12-2019, 01:18 PM,
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
शाज़िया को भी अपने भाई के प्यार का ये अंदाज़ भाया और उस ने भी खुशी से अपने होंठो को अपने भाई के होंठो से मिला कर उस का साथ देना शुरू कर दिया.
“शाज़िया क्या रात को मुझ से चुदवा कर मज़ा आया मेरी जान को” ज़ाहिद ने अपनी बहन के होंठो को चूमते हुए उस से पूछा.
“भाईईईईईईई बस करो और मुझे उठ कर कपड़े पहने दो ना” शाज़िया ने अपने भाई की बात का जवाब नही दिया. बल्कि उस की कॉसिश थी कि वो अपनी अम्मी के उठने से पहले भाई के कमरे से निकल कर किचन में काम काज में मसरूफ़ हो जाय.
जब ज़ाहिद ने देखा कि शाज़िया उस से अपनी जान छुड़ाने के चक्कर में है और उस के सवाल का जवाब भी नही दे रही.तो उस ने शाज़िया के नंगे जिस्म को अपनी बाहों में भरते हुए दुबारा कहा “ जब तक जवाब नही दो गी मैं तुम को बिस्तर से हिलने भी नही दूँगा ”
“बस ठीक ही था” शाज़िया ने जब देखा कि उस का भाई आसानी से उसे छोड़ने वाला नही. तो अपने भाई को तंग करने के इरादे से जान बूझ कर उस ने ऐसा जवाब दिया.
“अच्छा तो इस का मतलब है कि तुम को मज़ा नही आया मुझ से चुद कर शाज़िया” ज़ाहिद अपनी बहन के जवाब से वाकई ही थोड़ा परेशान हुआ.
“मज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ा तो इतना आया है कि पूछो मत,काश मुझे पता होता कि आप के लंड में इतना मज़ा है, तो में अपनी चूत की असल सील भी आप से ही तुड़वाती भाईईईईईईई”.शाज़िया ने जब अपने मज़ाक पर अपने भाई को परेशान होते देखा. तो वो जोश में अपने जिस्म को अपने भाई के नंगे जिस्म से रगड़ते हुए सिसकारी ली.
“उफफफफफफफ्फ़ आइ लव यू वेरी मच मेरी जान, यकीन मानो में तुम से बहुत मोहब्बत करता हूँ मेरी बहन” ज़ाहिद ने जब अपनी बहन का जवाब सुना. तो उस ने भी जोश में अपने बहन के जिस्म को अपनी बाहों में कसते हुए कहा.
अभी दोनो बहन भाई एक दूसरे की बाहों में गुम हो कर एक दूसरे के होंठो और गालों को चूसने में मसरूफ़ ही हुए थे. कि कमरे दरवाज़े पर होने वाली एक “ठक ठक” (दस्तक) ने उन दोनो बहन भाई के रंग में भंग डाल दी.
“कौन” कमरे के दरवाज़े पर ये दुस्तक सुन कर दोनो बहन भाई एक दम से हैरान हो कर एक दूसरे से अलग हुए और फिर ज़ाहिद ने बुलंद आवाज़ में पूछा.
“बेटा में हूँ तुम्हारी अम्मी,दरवाज़ा खोलो में चाय ले कर आई हूँ तुम दोनो के लिए” बाहर से उन की अम्मी रज़िया बीबी की आवाज़ उन दोनो के कानों में पड़ी.
वैसे तो रज़िया बीबी की आँख हर रोज़ सुबह जल्दी ही खुल जाती थी. लेकिन अक्सर नींद से जागने के बावजूद वो देर तक बिस्तर पर लेट कर टीवी पर चलते हुए मॉर्निंग शोस देखती रहती थी.
मगर आज जैसे ही रज़िया बीबी की आँख खुली.तो गुज़री रात अपनी जवानी बेटी की गरम सिसकियाँ को सुन कर उस की चूत में से उठने वाले तूफान का असर अभी तक उस के तन बदन में बाकी था.
इसीलिए अपनी नीद से बे दर होते ही रज़िया बीबी के दिल में उत्सुकता पैदा हुई.कि वो जा कर देखे तो सही कि उस के बेटा और बेटी किस हाल में हैं.
इसी लिए अब अपने बच्चो को चाय देने के बहने वो उन के कमरे तक चली आई थी.
“अच्छा एक मिनट अम्मी” ज़ाहिद ने जब अपनी अम्मी की आवाज़ सुनी.तो उस ने फॉरन अपनी अम्मी की आवाज़ का जवाब देते हुए कहा.
“भाई ये अम्मी को क्या सूझी कि वो चाय ले कर हमारे पास चली आई हैं” शाज़िया ने अपनी अम्मी की उन के कमरे में आमद पर हेरान होते हुए अपने भाई से शरगोशि की.
"उफफफफफफफफफफ्फ़ अम्मी ने भी सुबह सुबह ही चाय पीला देनी है,अभी तो में उन की बेटी का ताज़ा दूध पीने के मूड में था” ज़ाहिद ने अपनी बहन के बड़े मम्मे को अपने हाथ से कसते हुए अपनी बहन के निपल पर तेज़ी से अपनी ज़ुबान फेरते हुए जवाब दिया.
“हाईईईईईईईई भाई छोड़ो मुझे ,मगर अभी दरवाज़ा मत खोलना प्लीज़, मुझे जल्दी से पहले कुछ पहन लेने दो भाई”शाज़िया ने अपने आप को अपने भाई की बाहों से आज़ाद करते हुए बिस्तर से छलाँग लगाई. और ज़ाहिद की अलमारी से अपना एक पुराना शलवार कमीज़ सूट निकाल कर शलवार पहनी.
ये सूट शाज़िया ने कल शाम ही अपने भाई की अलमारी में टांगा था. और फिर वो नंगी हालत में ही जल्दी जल्दी बिस्तर पर पड़े कंबल को ठीक करने लगी.
“भाई खोलो भी दरवाज़ा” बाहर से उन की अम्मी की आवाज़ दुबारा आई. तो शाज़िया ने जल्दी से बिस्तर को उसी हालत में छोड़ कर अपनी कमीज़ भी ज़ेबे तन कर ली.
कपड़े पहनने की जल्दी में शाज़िया के गले से उस का दुपट्टा सरक कर फर्श पर जा गिरा. जिस का ईलम उस वक्त शाज़िया को नही हुआ,
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