08-21-2019, 12:47 PM,
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RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
बियर पीने के बाद दोनो दिली हाट चली जाती हैं, जहाँ राम्या कुछ शॉपिंग करती है. उसे सिमिरन के लिए कुछ गिफ्ट खरीदना था.
मौज मस्ती करते हुए दोनो सारा दिन निकाल देती हैं और वापस घर आ जाती हैं.
शॉपिंग वगेरह के बाद राम्या और उसकी माँ जैसे ही घर पहुँचते हैं. राम्या अपनी माँ को बाँहों में भर लेती है और दोनो के होंठ फिर जुड़ जाते हैं. अब माँ को भी राम्या के साथ मज़ा आने लगा था. पर लंड की कमी राम्या कहाँ पूरा कर पाती, वो तो खुद लंड की तलाश में थी और सारे राज जानने के लिए ही तो अपनी माँ से चिपक रही थी. दोनो 10 मिनट तक स्मूच करते हैं फिर दोनो माँ के कमरे में चली जाती हैं
वहाँ विमल जैसे ही अपने हॉस्टिल में पहुँचता है और अपना लॅपटॉप ऑन कर के अपनी मेल्स चेक करता है. एक मैल जकप से आई हुई थी. विमल उसे खोलता है तो दंग रह जाता है. उसमें जकप ने अपने बूब्स की फोटो भेजी हुई थी. विमल की आँखें लॅप टॉप की स्क्रीन पे जम जाती हैं.
सामने स्क्रीन पर जकप(राम्या) के बूब्स देख कर विमल के जिस्म का तापमान बढ़ने लगता है. उसे गर्मी लगने लगती है और सारे कपड़े एक एक कर जिस्म का साथ छोड़ देते हैं. जकप के बूब्स देख कर वो मूठ मारने लगता है. आधे घंटे तक अपने लंड की ऐसी तैसी करता है और लॅप टॉप पर जकप के बूब्स पर अपना माल गिरा कर ज़मीन पे लुडक जाता है. उसकी साँसे धोकनि की तरहा चल रही थी.
इधर.............................
दोनो माँ बेटी एक दूसरे को चूमते हुए एक दूसरे के कपड़े उतार देती हैं और चूमते हुए ही माँ के कमरे की तरफ बढ़ जाती हैं. आज माँ ज़्यादा आक्रामक रूप ले रही थी. वो राम्या के पीछे आ कर उसके उरोजो का मर्दन करती हुई अपने उरोज़ उसकी पीठ से रगड़ने लगती है और उसके होंठ चूसने लगती है.
शायद माँ आज खुल के मज़े लेना चाहती थी और देना चाहती थी.
थोड़ी देर बाद दोनो माँ बेटी 69 पोज़ में आ जाती हैं और एक दूसरे की चूत को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगती हैं. माँ कुछ ज़्यादा मज़े से राम्या की चूत को चूस रही थी. और राम्या भी अपना पूरा ज़ोर लगा रही थी माँ को पूरा मज़ा देने के लिए.
राम्या अपनी माँ की चूत को चूस्ते हुए अपनी दो उंगली चूत में डाल देती है और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगती है. मस्ती के मारे माँ राम्या की चूत को काट लेती है और अपनी ज़ुबान उसकी चूत में डाल देती है. आधे घंटे तक दोनो माँ बेटी लगी रहती हैं और एक दूसरे का पानी निकाल कर पी जाती हैं. दोनो ही हाँफ रही थी और एक दूसरे की बगल में लेट कर अपनी साँसे संभालने लगती हैं.
राम्या की जब साँसे संभलती हैं तो वो अपनी माँ के उरोज़ चूसने लगती है. माँ भी अपनी पोज़िशन बदलती है और राम्या के उरोज़ चूसने लग जाती है. सारी रात दोनो एक दूसरे के साथ मस्ती करती रहती हैं.
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उधर विमल को जब अपने ओर्गसम से होश आता है तो बाथरूम जा कर खुद को सॉफ करता है और फिर अपने लॅप टॉप को सॉफ करता है. जकप(राम्या के बूब्स को स्क्रीन पर चूमता है और एक मैल उसे भेज देता है.
अगले दिन सुबह जब विमल सो के उठा तो उसे जकप की वो मैल याद आई, उसने फिर अपना लॅपटॉप खोला और देखा कि जकप की कोई और मैल नही आई. वो फिर उसके बूब्स वाली फोटो खोल के बैठ गया और हसरत भरी नज़रों से उसे देखने लगा.
आह!!!! काश ये बूब्स इस वक़्त उसके हाथों में होते.
काश वो इन प्यारे से निपल्स को चूस पाता.
कौन है ये जकप? उसे कैसे जानती है? उसने ये मैल क्यूँ भेजी? बहुत से सवाल उसके दिमाग़ में घूम रहे थे पर लंड महाशय का तो अपना ही दिमाग़ था वो सर उठा के खड़ा हो गया.
विमल को फिर गर्मी ने घेर लिया और वो सारे कपड़े उतार कर जकप के बूब्स को अपने हाथों में अपने होंठों में महसूस करते हुए मूठ मारने लगा.
उसकी तड़प हर लम्हा बढ़ती जा रही थी. जकप ने उसके दिल-ओ-दिमाग़ को अपने क़ब्ज़े में कर लिया था.
उसकी उत्तेजना इतनी ज़्यादा बढ़ गई थी की 5 मिनट में ही वो धराशाही हो गया और अपना पानी निकाल बैठा.
उसे बेसब्री से जकप के जवाब का इंतेज़ार था. अपने लंड को ठंडा करने के बाद वो फ्रेश हो कर तैयार हुआ और अपनी क्लास के लिए चला गया. पर आज उसका दिल क्लास में बिल्कुल नही लग रहा था.
वो जल्द से जल्द वापस हॉस्टिल जाना चाहता था जकप की मैल चेक करने.
इधर राम्या और उसकी माँ जब सुबह उठते हैं तो दोनो का ही जिस्म टूट रहा था पर चेहरों पर रॉनक थी. राम्या तैयार हो कर नाश्ता करती है और फिर अपने इन्स्टिट्यूट चली जाती है.
दोपहर में वो इन्स्टिट्यूट से वापस आती है और अपना लॅप टॉप खोल के देखती है, अपनी मैल चेक करती है, विमल की मैल आई हुई थी, बड़ी बेसब्री से उसके बारे में पूछ रहा था.
राम्या फिर उसे जकप की आइडी से एक मैल करती है. ' पहले अपने लंड की फोटो भेजो, मेरे काबिल भी हो या नही, फिर आगे बात करूँगी'
और नीचे अपनी माँ के पास चली जाती है. राम्या कब से ये सोच रही थी कि माँ से पूछे कि क्या अभी वो सामूहिक चुदाई करती है चाचा चाची के साथ. पर उसकी हिम्मत नही पड़ रही थी. शायद अभी दोनो इतना आपस में नही खुली थी. अब भी एक गॅप था दोनो के बीच.
शाम को राम्या और उसकी माँ तैयार हो कर सिमिरन को लेने एरपोर्ट चले जाते हैं.
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08-21-2019, 12:48 PM,
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RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
उंगलियों से ही दोनो एक दूसरे को झाड़ा देती हैं और फिर साबुन उतार कर बाथरूम से बाहर निकलती हैं और अपने कपड़े पहन लेती हैं. राम्या सवालिया नज़रों से सिमिरन को देख रही थी. सिमिरन नज़रें चुराती है और आंटी को मिलने का कह कर नीचे चली जाती है.
सिमिरन के नीचे जाने के बाद राम्या अपना लॅपटॉप खोलती है. विमल की मैल आई हुई उसने अपने लंड की फोटोस भेजी थी. राम्या गौर से उसके लंड की फोटो देखती है और एक मैल उसे भेज देती है.
'जानदार लंड लगता है तुम्हारा चूसने में मज़ा आएगा'
इसके बाद राम्या अपना लॅपटॉप बंद करती है और नीचे चली जाती है. हाल में सिमिरन उसकी माँ के पास बैठ कर बातें कर रही थी. राम्या भी भी उनके साथ लग जाती है.
रात को माँ को अकेले ही सोना पड़ा. वो सिमिरन के सामने नही खुलना चाहती थी. राम्या सिमिरन को अपने बेड रूम में ले गई और दोनो बिस्तर पे लेट आपस में बातें करने लगी.
राम्या : किस से चुदवा रही है तू ?
सिमिरन : चुप क्या बकवास कर रही है.
राम्या : बन्नो हम से चालाकी नही चलेगी, तेरी चूत ने तेरा राज़ खोल दिया है. बता ना. कसम से ये राज़ सिर्फ़ मेरे पास रहेगा.
सिमिरन : नही नही. कहीं ग़लती से भी तेरे मुँह से कुछ निकल गया तो लेने के देने पड़ जाएँगे और बदनामी अलग.
राम्या : बता ना यार, तू मुझे अपना राज बता मैं तुझे अपना बताउन्गि. अब नखरे छोड़ जल्दी बता किसने तेरी सील तोड़ी.
सिमिरन कुछ देर सोचती है फिर बोल पड़ती है 'विक्रांत ने'
राम्या : 'कयय्य्ाआआअ विक्रांत भाई ने, कब? कैसे हुआ ये?'
सिमिरन : दो साल हो गये हैं इस बात को. जब भी मोका मिलता है हम चुदाई कर लेते हैं.
राम्या : बड़ी तेज़ निकली तू, बड़े भाई को ही पटा लिया.
सिमिरन : अरे मैने नही, भाई ने ही मुझे पटाया था.
राम्या : शुरू से बता ना कैसे हुआ था, कैसे शुरू किया था.
सिमिरन : अब तू पहले अपना राज बता.
राम्या : कोई खास राज नही है, बस विमल को पटाने की कोशिश कर रही हूँ. अब ये जिस्म की प्यास सही नही जाती और घर के बाहर मैं कुछ करना नही चाहती. एक ही रास्ता बचता है वो है विमल.
सिमिरन : कैसे पटा रही है, अभी कुछ हुआ क्या.
राम्या : अरे कहाँ यार, अभी दो दिन ही तो हुए हैं, कोशिश करते हुए, सब बताउन्गि पहले तो बता विक्रांत ने कैसे पहल करी और तू कब राज़ी हुई चुदने के लिए.
सिमिरन : आधी रात को भाई मेरे बिस्तर में आ जाता था और मेरे बूब्स सहलाने लगता था. एक आध दिन तो मुझे पता नही चला. एक दिन मेरी नींद कच्ची थी और भाई आ कर मेरे बूब्स सहलाने लगा. मैं डर गई और चुप चाप पड़ी रही. मेरी तरफ से कोई हरकत होते ना देख भाई की हिम्मत बढ़ गई, और वो रोज रात को मेरे बिस्तर पे आता और कुछ देर मेरे बूब्स सहलाता फिर अपने बिस्तर पे चला जाता. धीरे धीरे मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं इंतेज़ार करती कब भाई आएगा और मेरे बूब्स सहलाएगा.
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08-21-2019, 12:48 PM,
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RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
राम्या : आगे बताना ना सीमी, चुदाई तक कैसे पहुँचे तुम दोनो.
सीमी : कुछ दिन तो विक्की सिर्फ़ मेरे बूब्स ही सहलाता रहा फिर एक दिन उसने मेरा टॉप उप्पर किया और मेरा पेट सहलाने लगा. मेरी तो जान ही निकलती जा रही थी. चूत से नदियाँ बहने लगी. बड़ी मुस्किल से अपनी आवाज़ को रोका.
राम्या : पूरा उतार दिया था क्या?
सीमी : टॉप तो नही मेरा लोवर पूरा उतार दिया था. उफ्फ उसके हाथ जब मेरी जांघों को सहला रहे थे दिल कर रहा था उस से लिपट जाउ.
राम्या : हाईईईईई विमल मेरा साथ ऐसा कब करेगा? फिर क्या हुआ? चोदा क्या उसने तुझे?
सीमी : कोई रेप थोड़ी ना कर रहा था मेरा. बस उस दिन तो काफ़ी देर तक मेरी जंघे सहलाई और फिर मेरे साथ चिपक के मेरे बूब्स सहलाने लगा और अपना लंड मेरी गान्ड के साथ चिपका दिया. उसका लंड मेरी गंद के अंदर घुस्स रहा था. अगर वो नंगा होता तो ज़रूर मेरी पैंटी फाड़ देता.
राम्या : मज़ा आया क्या तुझे?
सीमी : क्या बताऊ यार चूत में इतनी ज़ोर की खुजली मचने लगी थी कि मुझसे और सहन नही हुआ. मैं हिल पड़ी और वो भाग के अपने बिस्तर पे चला गया. मैने तो सोचा था मेरी पैंटी उतार देगा और आगे बढ़ेगा. पर उसने कुछ नही किया. थोड़ी देर बाद आया मेरा लोवर उप्पर किया और फिर अपने बिस्तर पे चला गया.
राम्या : तू ही खींच लेती ना उसको अपने उप्पर.
सीमी : आई बड़ी , खींच लेती उसको, रंडी हूँ क्या मैं? मेरी तो समझ में ही नही आ रहा था क्या करूँ. रोज रात को आ कर छेड़ता और चला जाता. ना मैं उसे रोक पाती और ना ही आगे बढ़ पाती.
राम्या : अच्छा फिर आगे कब किया उसने तेरे साथ.
सीमी : अगले दो दिन तो कुछ नही हुआ. बस मुझे घूरता रहता था और मैं नज़रें बचाती रहती थी.
राम्या : फिर
सीमी : फिर की बच्ची अब सो जा, मेरी हालत खराब हो रही है, पता नही कैसे नींद आएगी.
राम्या : मैं तेरी हालत सुधार दूँगी, तू बस आगे बता
और राम्या सीमी के उरोज़ सहलाने लगती है.
सीमी : क्यूँ मेरी प्यास भड़का रही है. तेरे पास लंड कहाँ है जो मेरी प्यास भुजा सके.
राम्या सीमी के होंठों पे होंठ रख देती है. और चूसने लग जाती है.
सीमी भी राम्या का साथ देने लगती है, दोनो एक दूसरे के होंठ चूसने लगती हैं और अपनी ज़ुबाने एक दूसरे से लड़ने लगती हैं. दोनो ही एक दूसरे के उरोजो को बहरहमी से मसल्ने लगती हैं. कपड़े जिस्म का साथ छ्चोड़ देते हैं.
दोनो के जिस्म की प्यास बढ़ जाती है और दोनो 69 पोज़ में आ कर सीधा अटॅक एक दूसरे की चूत पे करती हैं. सीमी की चूत में राम्या की पूरी ज़ुबान घुस जाती है और वो लपलप उसे चाटने और जीब से चोदने लग गई.
सीमी राम्या की चूत को अच्छे से चाटती है और फिर जितना हो सका अपनी ज़ुबान उसकी चूत में घुसा देती है. राम्या को थोड़ा दर्द होता है और वो सीमी की चूत में दाँत गढ़ा देती है. जिसकी वजह से सीमी भी उसकी चूत को पूरा मुँह में ले कर ज़ोर से अपने दाँतों में दबा कर चुस्ती है और अपनी ज़ुबान से उसकी तेज़ी से चुदाई शुरू कर देती है.
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08-21-2019, 12:48 PM,
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RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
थोड़ी देर बाद दोनो पोज़िशन बदलती हैं. अब सीमी उप्पर होती है और राम्या नीचे और एक दूसरे की चूत को चाटना, चूसना लगा रहता है, दोनो की ज़ुबाने भी एक दूसरे की चूत के अंदर बाहर होती रहती हैं.
आधे घंटे की मेहनत के बाद दोनो का जिस्म अकड़ने लगता है और दोनो ही अपना बाँध एक साथ छोड़ देती हैं. लपलप दोनो एक दूसरे का पानी पी जाती हैं और हाँफती हुई अलग लेट जाती हैं.
सीमी ने आज पहली बार किसी लड़की के साथ सेक्स किया था और वो आँखें बंद कर उस अनुभव को अपने अंदर समेटती रहती है.
राम्या की साँसे जैसे ही संभलती हैं वो फिर सीमी के चेहरे को चाट कर अपने रस का स्वाद चख़्ती है, सीमी भी उसका चेहरा चाट कर सॉफ कर देती है.
जब दोनो के चेहरे सॉफ हो जाते हैं तो राम्या उसे फिर सवाल करने लगती है.
राम्या : चल भुज गई तेरी प्यास, अब बता आगे क्या हुआ?
सीमी : यार आज रहने दे बाकी कल बताउन्गि. मुझ से और सहा नही जाएगा मैं फिर से गरम हो जाउन्गि और कल बहुत काम करने हैं.
राम्या मन मसोस के रह जाती है और दोनो चिपक के सो जाती हैं.
रात को सोने से पहले राम्या ने सीमी के बूब्स की फोटो खींच ली और सुबह वो जल्दी उठ गई. सीमी अभी सो रही थी. राम्या ने अपना लाटॉप खोला और विमल को सीमी के बूब्स की फोटो भेज दी.
एक रिमार्क के साथ. "पहले वाले बूब्स चूसना चाहते हो या इन्हें, जवाब जल्दी देना"
इसके बाद वो सीमी को उठती है. दोनो तैयार होती हैं नाश्ता करती हैं और अपने अपने काम पे निकल जाती हैं. कल रात माँ को नींद नही आई एक आदत सी पड़ गई थी राम्या के जिस्म की. दो रातों से लगातार राम्या के बदन के साथ खेलना और अपने बदान से खिलवाना माँ को अब अच्छा लग रहा था. माँ ने कभी लेज़्बीयन नही किया था सिर्फ़ दो बार को छोड़ कर जब उसने अपने पति के ज़ोर देने पर देवर और देवरानी के साथ सामूहिक चुदाई करी थी. उसके बाद उसने ये बंद कर दिया. देवर उसका दीवाना हो गया था.
माँ का दिल काम में बिल्कुल नही लग रहा था वो इंतेज़ार कर रही थी राम्या के आने का.
उधर विमल को जकप की जब मैल मिलती है तो वो बोखला जाता है. इस बार किसी और लड़की के बूब्स की फोटो भेजी गई थी. आख़िर ये लड़की कौन है क्या चाहती है?. क्या गेम खेल रही है ? वो मैल का कोई जवाब नही देता और सोच में डूबा रहता है. आख़िर ये जकप कौन है, उसके पास मेरी मैल आइडी कैसे आई?
...........................................
यहाँ विमल जकप को लेकर परेशान था जो उसे लगातार टीज़ कर रही थी. उधर उसके पिता को काम में बहुत बड़ा झटका लगा. एक बिल्डिंग जो उन्होने तैयार कराई थी उसकी छत में दरार आ गई.
किसी ने उन्हें एक नामी पंडित के पास जाने के लिए कहा तो पंडित महाशय ने बच्चों का दोष बताया जो शत्रु घर में बैठे थे उपाय ये बताया कि सबके नाम बदल दो.ख़ासकर लड़कियों के. और एक खास हवन करना होगा जिसके लिए उसने 25000 माँगे. 25000 देना कोई बड़ी बात नही थी, वो राम्या के पिता ने दे दिए.
अंदर ही अंदर वो बहुत परेशान थे, कैसे समझाएँगे सबको कि नाम क्यूँ बदलना है. और कितने झंझटों से गुज़रना पड़ेगा.
खैर अभी तो उन्होने अपना ध्यान उस बिल्डिंग को सुधारने में लगाया.
यहाँ शाम को जब राम्या घर पहुँची तो सीधा माँ के गले लग गई. सीमी अभी तक नही आई थी.
माँ ने रात के खाने की कोई तैयारी नही करी थी, तो राम्या ने कहा कोई बात नही इस बहाने हम सीमी को बाहर ट्रीट दे देंगे. अब दोनो सीमी का इंतेज़ार कर रही थी.
रात को राम्या सीमी को अपने कमरे में ले गई और फिर शुरू हुई सीमी की दास्तान.
सीमी : कुछ दिन तो विक्की मुझे सिर्फ़ सहलाता रहा मेरे बूब्स सहलाता, मेरी जंघे सहलाता अपना लंड मेरी गंद में रगड़ता. मैं भी रोज गरम हो जाती थी,पर मैं उसके आगे बढ़ने का इंतेज़ार कर रही थी. एक दिन मम्मी पापा कहीं गये थे और दो दिन बाद वापस आने का कह के गये. उस दिन दोपहर में मैं काफ़ी थक के आई थी और आते ही सो गई. विक्की भी उस दिन दोपहर में आ गया, रोज देर से आता था पर उस्दिन जल्दी आ गया. उसके पास चाबी रहती है तो बिना बेल किए अपनी चाबी से ताला खोल के अंदर आ गया और सीधा मेरे रूम में आया. मैं सोई पड़ी थी, उसने अपनी शर्ट उतारी और मेरे साथ चिपक गया.
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08-21-2019, 12:48 PM,
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RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
राम्या : अच्छा फिर ?
सीमी : अरे बता रही हूँ ना.
सीमी : उसने मेरे बूब्स इतनी ज़ोर से मसले कि मेरी चीख निकल गई और मैं उठ के बैठ गई. और उसे कुछ ना कह कर मैं पेट के बल लेट गई. मेरी चुप्पी को उसने रज़ामंदी समझा और मेरी टॉप उठा कर मेरी कमर चूमने लगा. दिल तो मेरा कर रहा था क़ि मैं उस से चिपक जाउ और सारी हदें तोड़ दूं. पर मैं उसे तड़पाना चाहती थी. ताकि वो सिर्फ़ मेरा ही बन के रहे कहीं और मुँह ना मारे.
राम्या : लड़के कभी किसी के सगे नही बन के रहते, जब तक उन्हें चूत मिलती है तब तक चिपके रहते हैं और जैसे ही शादी की बात करो तो छोड़ देते हैं किसी और चूत की तलाश में. और तूने कौन सी विक्की से शादी करनी है जो उसे बाँध के रखना चाहती थी.
सीमी : बाँध के तो उसे मैने रख लिया है. जब तक हमारी शादी नही होती वो बाहर किसी लड़की के पास नही जाएगा. शादी के बाद उसे चूत मिल जाएगी और मुझे लंड. फिर सोचेंगे हम अपने इस रिश्ते को आगे कंटिन्यू रखे या नही.
राम्या : ओह हो गुलाम बना लिया है तूने विक्की को.
सीमी : गुलाम नही अपने जिस्म का यार, कभी कभी तो दिल करता है कहीं दूर चले जाएँ जहाँ हमे कोई जानता ना हो और शादी कर लें. खैर बाद में देखेंगे क्या करना है.
राम्या : आगे बता ना.
सीमी : वो मेरी टॉप उठाता गया कमर से लेकर पीठ पे चूमने लगा. फिर जब उसने मेरी ब्रा का हुक खोला तो मैं उठ के बैठ गई.
और हमारी बात इस तरहा हुई :
सीमी : क्या कर रहा है विक्की, मेरी ब्रा क्यूँ खोल रहा है. तुझे शर्म नही आती मैं तेरी बहन हूँ. कितने दिनो से देख रही हूँ तू रोज रात को मुझे छेड़ता है, और अब तू इतना आगे बढ़ने लगा.
विक्की : सीमी मैं तुझसे प्यार करता हूँ.
सीमी : प्यार माइ फुट, तू सिर्फ़ मेरा जिस्म चाहता है और भाई बहन में ये सब नही होता.
विक्की : नही सीमी अगर मैं सिर्फ़ तेरा जिस्म चाहता तो इतने दिन रुकता नही. मेरी आँखों में झाँक कर देख क्या तुझे इसमे वासना नज़र आती है. लड़कियों की कोई कमी नही है मुझे मैं सिर्फ़ तुझे पसंद करता हूँ.
सीमी : नही विक्की ये ग़लत है
विक्की : कुछ ग़लत नही है, तू लड़की है और मैं एक लड़का, हम दोनो को एक दूसरे की ज़रूरत है.
सीमी : आज तेरी ज़रूरत पूरी हो जाएगी तो फिर तू किसी और के साथ लग जाएगा, मेरा क्या होगा. और एक बार मेरी सील टूट गई तो शादी के बाद क्या मुँह दिखाउन्गि. क्या कहूँगी.
विक्की : आज कल कौन सी लड़की शादी तक कुँवारी रहती है. और मैं तुझ से वादा करता हूँ जिंदगी भर तुझे नही छ्चोड़ूँगा.
सीमी : सच. अगर मुझे पता चला तू किसी और लड़की के साथ .....तो जान से मार दूँगी तुझे भी और खुद को भी.
विक्की : नही मेरी जान, मेरी जिंदगी में और कोई लड़की नही आएगी.
और विक्की मेरे करीब आ गया.मैने अपनी नज़रें झुका ली . उसने मेरा चेहरा उपर किया और मेरे होंठों पे अपने होंठ रख दिए. अहह मेरा पूरा जिस्म कांप उठा और मेरी आँखें बंद हो गई. मैं उसकी बाँहों में खो गई. हमारे कपड़े कब उतरे पता ही नही चला.
मुझे लिटा कर वो मेरे उपर आ गया और मेरे होंठ चूसने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी और उसके सर को थाम कर अपने होंठ खोल दिए. उसकी ज़ुबान मेरे मुँह में घुस गई और हम दोनो गहरे स्मूच में खो गये.
मेरे होंठों को चूस्ते हुए वो मेरे निपल को निचोड़ने लगा. उसका हाथ लगते ही मैं सिसक पड़ी उफफफफफफ्फ़ क्या बताउ सीधा तरंगे मेरी चूत तक जाने लगी और मेरी चूत में हज़ारों चीटियाँ रेंगने लगी.
राम्या : अच्छा फिर
सीमी : फिर क्या बच्ची तू चुस्कियाँ ले रही है और मुझे उसके लंड की याद आ रही है. अब सोने दे मुझे नही तो मेरी रात खराब हो जाएगी.
राम्या सीमी के उपर चढ़ जाती है और उसके होंठ चूसने लग जाती है.
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08-21-2019, 12:49 PM,
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RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
जब उसका वीर्य निकल गया तो वो मेरे साथ गिर पड़ा और अपनी साँसे संभालने लगा. मज़े के मारे मेरी आँखें बंद हो चुकी थी.
राम्या : हाई मेरी बन्नो कली से फूल बन गई और भाई को ही बेह्न्चोद बना दिया.
सीमी : साली तू भी तो मरी जा रही है विमल को बहनचोद बनाने के लिए.
राम्या : काश साला इस बार आ के चोद डाले बस, चाहे रेप ही कर दे.
सीमी : तू तो तैयार बैठी है फिर रेप कैसा.
राम्या : उसे तो रेप ही लगेगा ना, उसे क्या मालूम कि मैं तैयार हूँ, और इतनी जल्दी थोड़ी ना मान जाउन्गि, साला फिर रंडी समझने लगेगा मुझे. खैर देखते हैं कब तक वो मेरे हुस्न की तलवार से खुद को बचाएगा. तू अपना जारी रख , आगे क्या हुआ.
सीमी : अब चुद गई तो आगे क्या, उसके बाद जब उसका दिल करा उसने चोदा जब मेरा दिल करा तो उसके उपर चढ़ गई.
राम्या : अरे जब वो तुझे चोद के अलग हुआ तो फिर क्या किया तुम दोनो ने बाद में. सिर्फ़ एक बार तो चुदि नही होगी उस दिन.
सीमी : अब सोने दे यार बाकी का किस्सा कल सुनाउन्गि.
दोनो बहने ऐसे ही नंगी सो जाती हैं.
अगले दिन सीमी फिर जल्दी निकल पड़ती है और राम्या भी अपने इन्स्टिट्यूट चली जाती है.
दोपहर को जब राम्या घर वापस आती है तो देखती है कि माँ कुछ उदास सी लग रही है.
राम्या जा के माँ के गले लगी गई और बोली ' क्या बात है मोम डार्लिंग ये सुंदर मुखड़ा आज उदास क्यूँ है.'
माँ : ये सीमी की वजह से मुझे रात को अकेले सोना पड़ रहा है और मुझे अब नींद नही आती अकेले.
राम्या : अपने माँ के बूब्स दबाते हुए ' ओह हो डॅड की बहुत याद आ रही है क्या,करूँ फोन जल्दी से आ के माँ की लेलो बहुत तड़प रही है'
माँ : आई है बड़ी अपने बाप से ऐसे बोलने वाली, हिम्मत है तुझ में, खाल उधेड़ देंगे तेरी. मुझे तेरे डॅड की नही अब तेरी ज़रूरत महसूस हो रही है.
राम्या : ओ तेरी की , ये तो गड़बड़ हो गई, अब डॅड का क्या होगा आप मेरे साथ चिपक जाओ गी तू उनका कौन ख़याल रखेगा.
मा : वो तो वैसे भी बाहर मुँह मारते रहते हैं. जब आएँगे तो उनका भी लेलुँगी.
राम्या : क्या लेलो गी?
मा : तुझे जैसे पता नही , उनका लंड अपनी चूत में और क्या.
अब मा बहुत ज़यादा खुल गई थी , राम्या को अपने रास्ते सॉफ होते हुए दिख रहे थे. जब जिस्म की प्यास भड़कती है तो सारे रिश्ते नाते ख़तम कर देती है. बस एक ही बात याद रहती है अपने जिस्म की प्यास को बुझाना.
राम्या : तो आज रात को मेरे कमरे में आ जाना, जब हम सोने जाएँ उसके आधे घंटे बाद.
माँ : पागल है क्या सीमी के सामने......
राम्या : जो मैं कह रही हूँ वो करो बस, सीमी की तुम चिंता मत करो.
राम्या ने सीमी का राज अपनी माँ को नही बताया. अभी सीमी से बहुत काम निकालने थे उसको और वो सीमी को नाराज़ नही करना चाहती थी.
माँ : चल तू फ्रेश हो के आ मैं खाना लगती हूँ. ( माँ के चेहरे पे हसी लॉट आई थी, शायद रात के बारे में अभी से सोचने लगी थी)
राम्या अपने कमरे में फ्रेश होने चली गई और माँ किचन में.
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