10-05-2019, 01:05 PM,
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sexstories
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RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
कपड़ो मे ही चोद लो मैने कहा ठीक हैं और अपने लंड पे थूक लगाया और उनको थोड़ा झुकाते हुए चूत मे घुसा दिया काकी ने हल्की सी झूर झूरी ली और गान्ड को ऑर पीछे कर लिया मैने उनकी कमर को थाम लिया और चूत चोदने लगा वो मेरी बाहों मे झूलने लगी मस्ती उनके बदन मे दौड़ने लगी वो बोली जल्दी से कर्लो बाकी फिर कभी देख लेंगे मैने कहा कर तो रहा हू अब टाइम लगेगा तो लगेगा ही मेरे बस मे तो हैं नही और तेज़ी से उन्हे चोदने लगा काकी की चूत से काम रस बहता हुआ मेरी गोलियो तक आपहुँचा था तभी मैने अपने लंड को चूत से निकाला और उन्हे खींच के बाहर ले आया वो मेरी ओर देखते हुए बोली क्या
तो मैने कहा तुझे यहाँ चोदुन्गा और उन्हे बरामदे मे पड़ी खाट पे गिरा दिया और उनकी मदमस्त टाँगो को अपने कंधो पे उठा लिया और अपने लंड को चूत से भिड़ा दिया वो हँसी तभी मैने एक ज़ोर का झटका मारा और चूत की दीवारो को बेधता हुवा मेरा लंड जड़ तक गहराई मे उतर गया उनकी टाँगे मेरे कंधो पे पनाह माँग रही थी मेरे हर धक्के पे चूचियाँ बुरी तरह काँपते हुए हिल रही थी बिम्ला ने अपनी आँखो को बंद कर लिया था और मेरे नीचे पड़ी हुवी उस अनोखे आनंद को भोग रही थी अब उन्होने अपने हाथ उन विशाल चुचियों पे रख लिए
काले काले निप्पल्स को रगड़ने लगी इधर मैं धक्के पे धक्के मारे जा रहा था उनकी चूत अंदर से बिल्कुल चिकनी हो गयी थी लंड ऐसे दौड़ रहा था जैसे हाइवे पे कोई बेलगाम कार कोई पोने घंटे तक हमारा घमासान चलता रहा इस बीच बिम्ला की चूत दो बार झाड़ चुकी थी मेरे पैर कांप रहे थे जैसे उनकी सारी शक्ति किसी ने निचोड़ ली हो अब मैने उनकी टाँगो को नीचे किया और उनमे फिर से समा गया काकी पड़ी पड़ी है हॅयियी कर रही थी पर मैं उन्हे पागलो की तरह चोदे जा रहा था और फिर एक जोरदार एहसास को प्राप्त करते हुए मैं उनकी चूत मे ही झड गया जब मैने लंड को बाहर निकाला तो बहता हुआ भी वीर्य चूत से बाहर निकलने लगा जिसे मैने वहाँ पड़े तोलिये से पोंछ दिया
काकी कुछ देर पड़ी रही फिर बोली मैं फटा फट से चाइ नाश्ता बना देती ख़ाके चला जइयो तो मैने कहा कि कर तो लिया नाश्ता और उनकी तरफ आँख मारी वो हंसते हुए बोला आता रहियो मैने कहा कि देखूँगा और स्कूटर को किक मारी और अपने खेत पे जाके देखा तो पूरी सीमेट बर्बाद हो गयी थी अब मैं चला घर की ओर रात भर बारिश ने तगड़ा उधम मचाया था हवा मे नमी होने से ठंड लगने लगी थी जल्दी ही घर पहुच गया और अपने बिस्तर पे जाके पसर गया थोड़ी देर बाद मम्मी आई तो मैने बताया कि पूरी सेमेंट खराब हो गयी और थोड़ा और नुकसान भी हुआ हैं मम्मी बोली मुझे तो तेरी बड़ी चिंता हो रही थी
मैने कहा हाँ एक दम से बारिश हो गयी थी तो मैं बिम्ला काकी के घर चला गया था तो वो बोली ये तूने अच्छा किया तो बोली जल्दी से तैयार हो जा स्कूल भी तो जाना हैं मैने कहा हाँ और बाथ रूम मे घुस गया तैयार होते होते मैं थोड़ा लेट हो गया था आज टेंपो मे मिता ना मिली मैं भागता हुआ क्लास मे दाखिल हुआ वो अपनी सीट पे बैठी थी मैं भी बैठ गया उसने पूछा आज लेट कैसे तो मैने कहा बस हो गया लंच ब्रेक मे मैने अपना गिफ्ट पॅक निकाला और उसे दिया तो उसने बड़ी ही विनम्रता से मना करते हुए कहा कि वो उसे नही ले सकती कोई क्या सोचेगा मैने कहा एक बार देख तो लो वो बोली प्लीज़ तुम समझो एक लड़की एक लड़के से ऐसे गिफ्ट लेगी तो क्लास मे बाते होंगी और वो अपनी इमेज को लेकर बहुत ही क्लियर हैं
मेरा मन थोड़ा भारी हो गया मैने बॉक्स को वही बेंच पे रखा और बाहर आ गया साँस जैसे अटक सी गयी थी बाकी टाइम मैं क्लास मे गया ही नही लाइब्ररी मे ही बैठा रहा जब छुट्टी हुवी तो मैं धीमे कदमो से स्कूल गेट की ओर चल पड़ा तभी मिता भागते हुई मेरी तरफ आई उसकी सांस फूल रही थी वो हान्फते हुए बोली अरे तुम क्लास मे क्यों नही थे तो मैने झूठ बोल दिया कि थोड़ी तबीयत ठीक नही थी इसलिए लाइब्ररी मे ही बैठ गया था उसने मेरे माथे पे हाथ रखा और बोली बुखार तो नही हैं,ये उसका पहला स्पर्श था फिर वो बोली आओ चलते हैं
मैने कहा हम, बाजार का रास्ता पार कर ही रहे थे कि इन्द्रदेव को गुस्सा आ गया बारिस एक बार फिर से चालू हो गयी सभी लोग बचने को इधर उधर भागे हम पे भी बौछारे पड़ने लगी हम दोनो एक दुकान के बाहर टीन शेड के नीचे खड़े हो गये हालाँकि बारिश से तो बच गये थे पर कोई कोई बूँद शरीर पे फिर भी पड़ ही जाती थी कोई एक घंटे तक बारिश होती रही हम दोनो एक दूसरे से सट के खड़े थे क्योंकि और भी हमारी तरहस्टूडेंट्स बारिश से बचने को वही पे अड्जस्ट हो गये थे,खैर किसी तरह बारिश रुकी हम अपनी राह चल पड़े तभी वो बोली अगर तुम मुझे कुछ गिफ्ट देना चाहते हो तो प्लीज़ थोड़ा छुपा के देना क्लास मे वैसे भी बाते बनती रहती हैं,
मैं तुम्हे अपना दोस्त मानती हू पर मैं एक लड़की भी हू हर चीज़ को देखना पड़ता हैं मैने उसे सॉरी कहा तो वो बोली प्लीज़ थोड़ा ध्यान रखना आगे से अब मुझे थोड़ा चैन मिला तभी उसने कहा कि हर सनडे वो उनके गाँव मे माता के मंदिर जाती हैं 9 बजे मैने कहा कि ये तो बहुत ही अच्छा हैं, वो बोली रे बुद्धू मेरे कहने का मतलब था कि अगर हो सके तो तुम भी दर्शन करने आ जाना मैने कहा मैं ज़रूर आउन्गा फिर हम ने टेंपो पकड़ा आज सवारियाँ ज़्यादा थी तो बाहर ही लटकना पड़ा आज थोड़ा लेट हो गया था घर पहुचते पहुचते फटाफट कपड़े चेंज किए खाना वाना खाया और किताबो को लेके बैठ गया साढ़े पाँच के लगभग हो चुके थे
तभी ध्यान आया कि प्रीतम का करार भी हैं तो सीधा भागा जंगल की ओर कोई आधा घंटा और लग गया जैसे तैसे पहुचा पर बारिश का सीज़न होने के कारण पेड़ पोधो पे भी कुछ ज़्यादा ही निखार आ गया था हर तरफ बस हरियाली ही हरियाली छाई हुवी थी जंगल और भी घना लगने लगा था थोड़ा टाइम लगा पर मैने साली कमिनि को ढूँढ ही लिया प्रीतम बोली कितनी देर से तेरी राह देख रही हू बस वापिस जाने ही वाली थी मैने कहा दोपहर मे बारिश के कारण आने मे लेट हो गया बस पहुँचा ही हू तो वो बोली चल अब देर मत लगा देख ये कितना पानी छोड़ रही हैं और अपनी चूत को मसल्ने लगी मैने उसके गालो को थप थपाया और बोला अभी करता हू इसका इलाज़ .
हम दोनो जंगल मे अंदर की ओर चल पड़े आज हम काफ़ी दूर निकल आए थे यहाँ पे इतनी ज़्यादा रोशनी नही थी एक सेफ सी जगह देख कर मैने प्रीतम को अपनी बाहों मे दबोच लिया और उसे चूमने लगा वो बोली जल्दी ही ही काम सुलटा दियो एक तो तू लेट आया हैं और फिर घर पहुचते पहुचते अंधेरा भी हो जाएगा मैने कहा तू मत घबरा और अपना हाथ उसकी सलवार मे डाल दिया और कच्छि के उपर से ही उसकी मोटी चूत को मसल्ने लगा हमारे होंठ एक दूसरे से जुड़ चुके थे आज उसके होन्ट बड़े रसीले लग रहे थे मैने काफ़ी देर तक उनका रस निचोड़ा .
फिर फटाक से अपनी ज़िप खोली और अपना लॉडा बाहर निकाल लिया वो नीचे बैठी और उसे अपने मूह मे लेके चूसने लगी मज़ा ही तो आ गया, मैने उसके सर को पकड़ लिया और उसके मूह को चोदने लगा करीब 5 मिनिट तक लंड चूसाने के बाद मैने उसे खड़ा किया और सलवार को खोल दिया कच्छि को सरकाया और उसे घुटनो के बल खड़ी करते हुए अपने लंड को चूत मे डाल दिया उसकी आहह निकली उसने अपने हाथ घुटनो पे रखलिए और चुदने लगी मैं उसकी कमर को थामे हुए उसे चोदने लगा , प्रीतम अपने दाँतों को भींचे मेरे लंड को अपनी चूत मे ले रही थी अब मैने उसके सूट को थोड़ा उपर की तरफ किया और अपने हाथों से उसके बोबो को पकड़ लिया
और उन्हे ब्रा के उपर से ही मसल्ने लगा प्रीतम की सिसकारी फूट उठी वो धीमे धीमे मोन करने लगी थी काफ़ी देर तक मैं उसे ऐसे ही चोद्ता रहा पर अब मेरे पैर दुखने लगे थे मैने उसे हटाया और वही ज़मीन पर घोड़ी बना दिया उसके गोरे गोरे चुतडो का कटाव बड़ा ही मस्त था जी मे तो आया कि सीधा गान्ड मे ही घुसा दूं प्रीतम ने अपनी गर्दन पीछे घुमाई और बोली क्या सोच रहा हैं अब डाल ना अंदर तो मैने अपने लंड को चूत के छेद पे रखा और बस टोपी को ही अंदर जाने दिया उसने अपनी गान्ड को हिलाया ये सिग्नल था उसका पर मैं बस टोपी टोपी को ही अंदर बाहर करता रहा प्रीतम चुदासी हो रही थी और मैं उसके मज़े ले रहा था
फिर मैं ईक ही झटके मे लंड को चूत मे पहुचा दिया और प्रीतम की चूत मारने लगा काफ़ी दमदार चुदाई चल रही थी पसीना मेरे माथे पे छू आया था तभी प्रीतम काँपते हुवी आवाज़ मे बोली जलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल दी ईईईईईईईईईईईईईईईईई झलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लदीीईईईईई करंन्नईनननननननननननननननननननननणन्नाआआआआआआआआआआ मेरााआआआआआआआआआआअ होनीईईईईई वलाआआआआआआआआ हियंन्ननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननणणन्
और अपनी कमर पीछे को करने लगी मैने फॉरन से अपने लंड को बाहर निकाला और उसकी उभरी हुई चूत पे अपनी जीभ रखड़ी जैसे ही जीभ का स्पर्श उसकी चूत से हुआ उसका काम रस बह चला उसने अपनी गान्ड को मटकाते हुए मुझे त्रप्त कर दिया था तो मैं एक बार फिर से लंड को चूत के दर्शन करवाए और धक्के लगाने लगा मैं अब बहुत ही तेज गति से प्रीतम को चोदे जा रहा था30-40 शॉट जल्दी जल्दी लगाए और अपने पानी से उसकी चूत को धो दिया
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