Hindi Antarvasna - चुदासी
11-13-2021, 01:22 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
तभी बाहर शोर सुनाई दिया। मैंने गैलरी में जाकर देखा तो कुछ लोग हाथ में छोटे-मोटे हथियार लेकर रामू के रूम की तरफ जा रहे थे।

हमारे अपार्टमेंट के ज्यादातर लोग अपनी-अपनी गैलरी में खड़े देख रहे थे, जिसमें से एक भाई ने पूछा- “कौन हो।

और यहां क्या लेने आए हो?”

तुम्हारे चौकीदार ने हमारी गली के संतू (कान्ता का पति) को मार डाला है, हम उसे ढूँढ़ने आए हैं." उन लोगों में से एक आदमी आगे आकर बोला।

रामू ने कतल कर दिया है, ये सुनकर मेरा दिल डर के मारे बैठ गया। मैं उन लोगों की बात तो सुनना चाहती थी, पर साथ में डर भी था की कहीं कोई मुझे पहचान लेगा तो? उन लोगों में से कुछ तो ऐसे लोग होंगे ही, जो शाम से ये सारा माजरा देख रहे होंगे और वो मुझे पहचान सकते हैं। मैं गैलरी में नीचे बैठ गई और उनकी बातें सुनने लगी।

तभी वोही भाई की आवाज आई- “अरे भाई, हम भी उससे परेशान थे, और वो यहां नहीं है ये मुझे मालूम है।

और तुम्हारे हाथ में आएगा तो भी तुम कुछ नहीं कर सकोगे, वो दस-दस लोगों पर भारी पड़ सकता है। इससे तो अच्छा ये है की तुम पोलिस में जाकर शिकायत करो...”

उस भाई की बात सबके भेजे में उतर गई और- “चलो पोलिस स्टेशन, चलो, चलो...” करते हुये सब निकल गये।

थोड़ी देर बाद आवाज आना बंद हुवा तो मैं उठने गई तो मेरे पैर लड़खड़ा गये। मैंने गैलरी की दोनों साइड की दीवार का सहारा लिया और धीरे-धीरे अंदर गई। मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था। मैंने जब से सुना था की रामू ने संतू को मार डाला है, तब से मुझे ऐसा लग रहा था की रामू ने संतू को नहीं नीरव को मार डाला है। मैंने जाकर दरवाजे के ताले को चेक किया और टीवी आफ करके आँखें बंद करके सोफे पर लेट गई।

नीरव आया तब मैंने उससे- “कौन है?" ये पूछकर दरवाजा खोला, और नीरव को देखते ही मैं उसे बाहों में लेकर रोने लगी। मैंने हिचकियां लेते हुये कहा- “नीरव, रामू ने मर्डर कर दिया है."

नीरव- “पर, उसमें तुम इतना क्यों रो रही हो?” नीरव ने मेरे आँसू पोंछते हुये कहा।

क्या बताऊँ मैं नीरव को और कैसे बताऊँ की जिस बात के लिए रामू ने संतू को मार दिया है उसी बात के लिए वो नीरव को भी मार सकता था। जिस बात के लिए आज कान्ता जिम्मेदार है उसी बात के लिए मैं जिम्मेदार होती। वासना की आग में मैं भूल गई थी की रामू कितना खतरनाक इंसान है, और वो उसके रास्ते में आए किसी भी इंसान को मार भी सकता है। ये सब सोचते हुये मैं और रोने लगी।

नीरव- “अरे पगली तू ये सोच रही है ना की तुम घर में अकेली होती थी, तब वो काम करने आता था और तब तुझे मारकर चला गया होता तो? ये सोचकर रो रही है ना? जो नहीं हवा वो सोचकर रोने से क्या फायदा? उसने तुम्हें कुछ नहीं किया वोही बहुत है हमारे लिए...”

इतना कहकर नीरव मेरे कंधों को सहलाते मुझे सांत्वना देने लगा।

मैं क्या बोलू, ये तो नहीं बोल सकती थी ना की- “आज जो हुवा है वो हमारे साथ भी हो सकता था...”
Reply
11-13-2021, 01:22 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
उस दिन रात को मैंने नींद की गोली ली फिर भी सुबह 5:00 बजे मुझे नींद आई। 48 घंटे हो गये थे लेकिन अभी तक रामू नहीं पकड़ा गया था। मैं नीरव की राह देखते हुये टीवी पर सिड देख रही थी। पिछले दो दिन में कई बार पोलिस कांप्लेक्स में आई, हर बार मुझे यही डर लगा रहता था की कहीं मुझसे पूछ-ताछ के लिए मेरे घर आ न धमके। मैंने उस दिन रामू को बीच बाजार में बुलाया था, वो याद करके मैं डर रही थी की कहीं कोई वो बात पोलिस को ना बता दे।

खैर, दो दिन में कोई नहीं आया इसलिए मुझे थोड़ी शांति हो गई थी।

बेचारी कान्ता... उसकी हालत तो धोबी के कुत्ते जैसी हो गई, न घर की न घाट की, न संतू की न रामू की। वो सोचती थी की संतू को छोड़कर रामू के साथ भाग जाएगी। पर वो संत को छोड़े उसके पहले संतू ही उसे छोड़कर दुनियां से चला गया और रामू उसे लिए बगैर ही भाग गया। मेरे मुँह से निकल गया- “बेचारी...”

किसे बेचारी बोल रही हो मेमसाब?” आवाज आई।

तब मैं चौंक उठी और ऊपर देखा- “तुम... ऐसे कोई करता है भला, डरा दिया मुझे तुमने...” सामने खड़े नीरव को मैंने कहा। उसके पास घर की दूसरी चाबी रहती है, जिससे दरवाजा खोलकर वो अंदर आया था। मैं मेरे विचारों में इतनी मगन थी की मुझे मालूम ही न पड़ा।

नीरव- “अरे भाई आजकल हमारी मेमसाब बहुत डरने लगी हैं, क्यों?” नीरव ने मजाकिये सुर में मेरे बाजू में बैठते हुये कहा।

मैं कोई जवाब दिए बगैर उसके सीने पर सिर रखकर उसकी शर्ट के ऊपर के बटन को खोलकर उसकी छाती के बालों से खेलने लगी।

नीरव- “खाने में क्या बनाया है निशु?” इस बार मुझे नीरव ने मेमसाब नहीं कहा जो मुझे अच्छा लगा।

मैं- “आलू की सब्जी और परोठा...” मैंने कहा।

नीरव- “वाउ, मजा आ जाएगा, भूख लगी है जल्दी से खाना निकालो...” नीरव ने कहा। फिर खाना खाते वक़्त नीरव ने मुझे बताया- “मैं कल एक हफ्ते के लिए मुंबई जाने वाला हूँ..”

उसकी बात सुनकर मैंने उससे कहा- “मैं भी तब तक अहमदाबाद जाना चाहती हूँ...”

नीरव ने तुरंत ‘हाँ' कह दी, शायद वो भी यही सोचकर आया था। दूसरे दिन हम रात को अहमदाबाद के लिए निकले। पापा को मैंने स्टेशन पे बुला रखा था, क्योंकि नीरव सीधा ही मुंबई जाने वाला था।

अहमदाबाद स्टेशन पर उतरते ही पापा का काल आया- “की मेरा स्कूटर बिगड़ गया है तो देरी होगी तो तुम अकेली घर पहुँच जाओ..."

मैं रिक्शा से उतरी तो सामने अब्दुल मिल गया। सुबह-सुबह वो कुछ काम के लिए निकला था। उसने मुझे देखकर सीटी बजाई और “हाय बुलबुल” कहा।

मैं उसकी बात को नोटिस किए बिना आगे निकल गई। पिछले तीन दिन से मुझे ठीक तरीके से नींद नहीं आई थी इसलिए मैं जल्दी से घर पहुँचकर सोना चाहती थी। मैं लिफ्ट के पास पहुँची और देखा तो लिफ्ट तीसरे माले पर थी। मैंने लिफ्ट नीचे बुलाने का बटन दबाया और लिफ्ट आने की राह देखने लगी।

लड़की- “कल तुम क्यों नहीं आए?” दबी-दबी आवाज में कोई लड़की किसी को पूछ रही थी और वो लोग सीढ़ी पर बैठे होंगे ऐसा लग रहा था, सिर्फ उसकी आवाज सुनाई दे रही थी, वो दिखाई नहीं दे रही थी। कुछ पल । सामने से कोई जवाब नहीं आया तो उस लड़की ने अपना सवाल अलग तरीके से दोहराया- “मैं तुमसे कुछ पूछ रही हूँ प्रेम?”

तभी लिफ्ट आई, पर मुझे इन लोगों की बात सुननी थी तो मैं वहीं की वहीं खड़ी रही।

लड़का- “मैंने सुना, लेकिन जवाब देकर क्या करूं, तुम मानने वाली तो हो नहीं..” किसी लड़के की आवाज आई, जिसका नाम शायद प्रेम था।

लड़की- “मैं मानूंगी, बताओ..” लड़की ऐसे ही अपनी बात छोड़ने वाली नहीं थी।

लड़का- “कल पापा शाप से जल्दी से निकल गये थे तो मैं आ नहीं सका...” प्रेम ने अपनी बात कही और फिर से चुप्पी छा गई। प्रेम ने फिर पूछा- “क्या हुवा खुशबू?” तो मालूम पड़ा की लड़की का नाम खुशबू था।
Reply
11-13-2021, 01:22 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
लड़की- “मैं मानूंगी, बताओ..” लड़की ऐसे ही अपनी बात छोड़ने वाली नहीं थी।

लड़का- “कल पापा शाप से जल्दी से निकल गये थे तो मैं आ नहीं सका...” प्रेम ने अपनी बात कही और फिर से चुप्पी छा गई। प्रेम ने फिर पूछा- “क्या हुवा खुशबू?” तो मालूम पड़ा की लड़की का नाम खुशबू था।

खुशबू- “तुम एकाध घंटे के लिए भी मेरे लिए शाप नहीं छोड़ सकते?” खुशबू ने पूछा।

प्रेम- “शाप तो क्या, मैं तेरे लिए जान भी दे सकता हूँ...” प्रेम की आवाज में बहुत ही प्यार झलक रहा था।

खुशबू- “जान दे सकते हो पर शाप नहीं छोड़ सकते। मेरा बस चले ना तो तेरी शाप जलवा दें, मेरे प्यार की दुश्मन है वो..” खुशबू ने शरारत से कहा।

प्रेम- “शादी कर ले मुझसे, फिर जो जलाना है वो जला देना...”

खुशबू- “हाइ... ये क्या कर रहे हो?” खुशबू ने सिसकारी लेते हुये कहा।

प्रेम- “तेरी ये चूचियां देखकर मैं पागल हो जाता हूँ..” प्रेम ने कहा,
उसकी बातों से लग रहा था की वो खुशबू के उरोजों से खेल रहा होगा।

खुशबू- “मार डालूंगी अब छूआ तो...” खुशबू ने कहा। उसकी आवाज से ये समझना मुश्किल था की वो प्यार से कह रही है या गुस्से से?

प्रेम- “पहले शादी कर ले, फिर मार डालना...” प्रेम ने कहा।

इतनी थकान के बावजूद मुझे वहां से निकलने का मन नहीं था। मुझे उन दोनों की बात सुनने में बड़ा मजा आ रहा था। मालूम नहीं था की दोनों कौन हैं पर एक दूसरे से बहुत प्यार करते होंगे, ऐसा लग रहा था।

खुशबू- “तुम जैसे दब्बू से मैं शादी नहीं करने वाली...” खुशबू कहते हुये इतनी जोर से हँसने लगी की उसकी आधी बात हँसी में दब गई।

प्रेम- “हाँ कर लेना, किसी जलाने और मारने वाले से..." प्रेम बोलते हुये जज्बाती हो गया था।

खुशबू- “पागल हो गया है क्या? फिर कभी ऐसा बोला ना तो काट डालूंगी..." खुशबू ने प्यार से कहा।

प्रेम- “बातें ही करती रहेगी या कुछ करने देगी?” प्रेम ने नार्मल होकर कहा।
Reply
11-13-2021, 01:22 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
खुशबू- “तुम एकाध घंटे के लिए भी मेरे लिए शाप नहीं छोड़ सकते?” खुशबू ने पूछा।

प्रेम- “शाप तो क्या, मैं तेरे लिए जान भी दे सकता हूँ...” प्रेम की आवाज में बहुत ही प्यार झलक रहा था।

खुशबू- “जान दे सकते हो पर शाप नहीं छोड़ सकते। मेरा बस चले ना तो तेरी शाप जलवा दें, मेरे प्यार की दुश्मन है वो..” खुशबू ने शरारत से कहा।

प्रेम- “शादी कर ले मुझसे, फिर जो जलाना है वो जला देना...”

खुशबू- “हाइ... ये क्या कर रहे हो?” खुशबू ने सिसकारी लेते हुये कहा।

प्रेम- “तेरी ये चूचियां देखकर मैं पागल हो जाता हूँ..” प्रेम ने कहा,
उसकी बातों से लग रहा था की वो खुशबू के उरोजों से खेल रहा होगा।

खुशबू- “मार डालूंगी अब छूआ तो...” खुशबू ने कहा। उसकी आवाज से ये समझना मुश्किल था की वो प्यार से कह रही है या गुस्से से?

प्रेम- “पहले शादी कर ले, फिर मार डालना...” प्रेम ने कहा।

इतनी थकान के बावजूद मुझे वहां से निकलने का मन नहीं था। मुझे उन दोनों की बात सुनने में बड़ा मजा आ रहा था। मालूम नहीं था की दोनों कौन हैं पर एक दूसरे से बहुत प्यार करते होंगे, ऐसा लग रहा था।

खुशबू- “तुम जैसे दब्बू से मैं शादी नहीं करने वाली...” खुशबू कहते हुये इतनी जोर से हँसने लगी की उसकी आधी बात हँसी में दब गई।

प्रेम- “हाँ कर लेना, किसी जलाने और मारने वाले से..." प्रेम बोलते हुये जज्बाती हो गया था।

खुशबू- “पागल हो गया है क्या? फिर कभी ऐसा बोला ना तो काट डालूंगी..." खुशबू ने प्यार से कहा।

प्रेम- “बातें ही करती रहेगी या कुछ करने देगी?” प्रेम ने नार्मल होकर कहा।

खुशबू- “देख, कहे देती हूँ कुछ किया ना तो जान ले लूंगी...”

सच में ये लड़की हर वक़्त मारने काटने की ही बात करती थी, पर साथ में उसकी बातों में मासूमियत और प्रेम के लिए बहुत सारा प्यार दिख रहा था।

प्रेम- “मेरी जान तो तू है खुशबू..” इतना ही कह पाया प्रेम।

तभी पापा की पीछे से आवाज आई- “आ गई बेटा?"

मैंने पीछे देखकर कहा- “हाँ, अभी आई पापा...” मैं और पापा लिफ्ट के अंदर दाखिल हये। फिर मैंने पांचवें माले का बटन दबाया, शायद हमारी आवाज सुनकर प्रेम और खुशबू भी वहां से खिसक गये होंगे।

घर में दाखिल होते ही मम्मी ने मुझे बाहों में ले लिया, जो देखकर पापा बोले- “पहले आराम तो करने दे, थक कर आई होगी बेचारी...”

पापा की बात सुनकर मम्मी कुछ नहीं बोली, पर मैंने जवाब दे दिया- “पापा चाहे कितनी भी थकान हो पर घर आते ही थकान दूर हो जाती है...”

थोड़ी देर बाद मम्मी हमारे लिए चाय-नाश्ता बनाकर लाई, हमने साथ मिलकर खाया। 9:00 बजे पापा काम के लिए निकले तो मैंने दीदी को काल किया। दीदी ने रात को मिलने को आऊँगी ऐसा कहा। थोड़ी देर मैंने पेपर। पढ़ा और बाद में नहाने गई, हर रोज तो काम रहता है तो जल्दी-जल्दी नहा लेती हूँ।

पर आज तो बहुत मल-मलकर नहाई, आधा घंटा तक नहाकर मैं निकली और शादी के पहले के कुछ इस कपबोर्ड में थे उसे निकालकर पहना और बाहर आकर टीवी देखने लगी। थोड़ी देर बाद मुझे रीता की याद आई तो मैंने । उसे भी काल किया, बहुत कोशिश करने के बाद भी उसकी काल नहीं लगी तो मैं मोबाइल को साइड में रखकर फिर से टीवी देखने लगी।
Reply
11-13-2021, 01:22 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
खाना खाते हुये मम्मी ने मुझसे कहा- “तुम्हें आज भी ये ड्रेस कितनी जंच रही है, कोई नहीं कह सकता की ये ड्रेस 8 साल पहले की है...”

मम्मी की बात सही भी थी। इस ड्रेस में मैं भी अपने आपको पूरी तरह से कंफर्टेबल महसूस कर रही थी। शाम को पाँच बजे मम्मी सब्जी लेने जा रही थी तो मैंने कहा- “मैं ले आती हूँ मम्मी...”

मम्मी ने थोड़ी हाँ ना करने के बाद मुझे जाने दिया। सब्जी लेकर मैं घर आई तो देखा की मम्मी के साथ बैठकर एक 19-20 साल की लड़की टीवी देख रही थी। मैंने सब्जी की थैली किचेन में रखी और मम्मी के सामने बैठकर इशारे से पूछा- “कौन है?”

पर मम्मी का पूरा ध्यान टीवी में था।

तभी वो लड़की ने मेरी तरफ देखा और कहा- “कैसी हो दीदी?”

मैं- “मैं ठीक हूँ..” कहकर उसे ध्यान से देखने लगी। बहुत ही खूबसूरत और मासूमियत से भरा हुआ था उसका चेहरा। उसकी नाक छोटी थी और आँखें बड़ी-बड़ी, उसके बाल उसकी कमर तक आते होंगे, शरीर के कुछ खास । भाग ज्यादा विकसित नहीं थे, तो कम भी नहीं थे। कुल मिलकर कहा जाय तो वो अमृता राव जोशी दिखती थी।

खुशबू- “आंटी हमेशा आपकी ही बात करती हैं...” उस लड़की ने कहा।

मैं- “बुरा मत मानना, मैं तो तुम्हें नहीं जानती...” मैंने कहा।

खुशबू- “इसमें क्या बुरा मानना, आप मुझे पहली बार देख ही रही हो, मैं सामने के फ्लैट में रहती हूँ..” उस लड़की ने कहा।

मैं- “ओह... तो ये अब्दुल की बेटी है...” मैं मन ही मन बोली।

खुशबू- “आपने कुछ कहा दीदी?” उसने पूछा।

मैं- “नहीं तो..” कहकर मैं भी टीवी देखने लगी।

टीवी पर कोयला चल रही थी, जिसमें मधुरी की शादी अमरीश पुरी से होती है और सुहागरात को मधुरी को मालूम पड़ता है की अमरीश पुरी बूढ़ा है, तो वो अमरीश पुरी से बचने पीछे-पीछे चलती जाती है, और आखीर में दीवार आ जाती है तो वो रुक जाती है।

अमरीश पुरी उसके करीब जाकर उसे छूने जाता है।

तभी वो लड़की एकदम से बोल उठी- “उसे मत छूना नहीं तो मार डालूंगी...”

उसकी बात सुनकर मैं फटी आँखों से उसे देखते हुये बोली- “तुम? इसके पहले मैं आई तब तो तुम यहां नहीं थी...” मैंने खुशबू से पूछा।

खुशबू- “मैं मेरे मामूजान के यहां गई थी, आने के बाद चाची से आपकी बात हुई थी...” वो मेरी मम्मी की तरफ इशारा करते हुये कहा।

मैं- “क्या करती हो तुम?” मैंने उससे पूछा।

खुशबू- “कुछ नहीं करती दीदी, दसवीं तक ही पढ़ाई की है...” खुशबू ने कहा।

मैं- “क्यों दसवीं तक ही?” मैंने पूछा।

खुशबू- “अब्बू कहते हैं की लड़कियों को ज्यादा पढ़ाई नहीं करनी चाहिए..." खुशबू ने मासूमियत से कहा।

मैं- “कुछ तो करती होगी ना, पूरा दिन घर में तो नहीं रहती होगी ना?” मैंने पूछा।

खुशबू- “मैं... मैं तो कुछ नहीं करती..” उसने कहा।

मैं- “चलो अंदर बैठते हैं, टीवी की आवाज में मजा नहीं आता बात करने में...” मैं खड़े होकर अंदर गई और मेरे पीछे खुशबू भी आई। मैं पलंग पर बैठ गई और उसे भी बैठने को कहा। फिर मैं सीधा पाइंट पे आ गई- “वो लड़का कौन था?”

खुशबू- “कौन?” उसने भोलेपन से पूछा।

मैं- “सुबह जिस लड़के के साथ बैठकर तुम प्रेम का पाठ पढ़ रही थी ना उसके बारे में पूछ रही हूँ?” मैंने किसी पोलिसवाले की अदा से कहा।

मेरी बात सुनकर खुशबू का गोरा चेहरा फीका पड़ गया पर वो कुछ बोली नहीं।

मैं- “टेन्शन मत कर, मैं किसी को नहीं बताऊँगी...” मैंने कहा।

खुशबू- “आपको कोई गलतफहमी हुई है दीदी... मैं नहीं थी..” खुशबू ने कहा।

मैं- “मुझे मालूम है तुम ही थी, तुम नहीं बताओगी तो मैं तुम्हारे पापा को बता देंगी.” मैंने दम मारते हुये कहा।

मेरी बात सुनकर खुशबू रोने लगी।

मैंने थोड़ी देर उसे रोने दिया और फिर कहा- “मैंने तुम्हें ऐसे ही दम मारा था, तुम नहीं बताना चाहती तो मत बताओ... मैं किसी को कुछ नहीं कहूंगी, चलो अब बाहर बैठते हैं..” इतना कहकर मैं उसके जवाब की राह देखे बिना बाहर निकल गई।

खुशबू भी बाहर आई पर वो नजरें झुकाए सीधी ही बाहर निकल गई।
* *
* * *
Reply
11-13-2021, 01:22 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
थोड़ी देर बाद मेरा मोबाइल बज उठा तो मैंने उठाकर देखा तो जीजू का काल था। मैं खड़ी होकर रूम में गई
और ग्रीन बटन दबाया- “हेलो जीजू, कैसे हो?”

जीजू- “मैं तो मस्त हूँ, हमारी साली कैसी है?” जीजू बहुत खुश थे।

मैं- “मैं भी अच्छी हूँ, इतने दिनों बाद याद आई मेरी...” मैंने कहा।

जीजू- “याद तो आई ना, तुम तो हमें कहां याद ही करती हो?” जीजू ने कहा।

मैं- “हाँ, शहर में आई, तब याद आई बाकी आप कहां कभी याद करते हैं?” मैंने ताना मारते हुये कहा।

)
जीजू- “फोन करूं या ना करूं, मैं तो तुम्हें हर पल याद करता हूँ, तुम्हें याद है ना अपना वादा?” जीजू ने पूछा।

मैं- “हाँ जीजू याद है... मैं दीदी को समझाऊँगी...” मैंने कहा।

जीजू- “क्या समझाओगी? और अगर ना समझी तो?" जीजू ने मस्ती से पूछा।

मैं- “आपको किस तरह खुश करना है वो समझाऊँगी, और वो समझ जाएगी...” मैंने कहा।

जीजू- “उसको समझाना की हर दिन चुदवाए मुझसे...” जीजू ने बेशर्मी से कहा।

मैं- “हाँ भाई हाँ..” मैं हँसने लगी।

जीजू- “भाई मत कहो, मैं बहनचोद नहीं हूँ...” जीजू आज कुछ ज्यादा ही मूड में थे।

मैं- “भाई नहीं जीजू बस... मैं समझा देंगी दीदी को..” मैंने कहा।

जीजू- “कोशिश कर ले, बाकी तो तू है ही, बाइ..” कहते जीजू ने काल काट दी।

काल काटते ही में सोच में पड़ गई की मैं दीदी को कैसे समझाऊँगी?

मम्मी- “बेटा तुम लोगों को अब बच्चे के बारे में सोचना चाहिए...” मम्मी ने पहली बार ये बात निकाली।

मैं- “मम्मी हम लोग कोशिश कर ही रहे हैं..” मैंने कहा।

मम्मी- “तो डाक्टर को दिखाओ बेटा, 8 साल हो गये...”

मैं- “दो दिन पहले ही डाक्टर को भी दिखाया, पर रिपोर्ट लेकर फिर से डाक्टर के पास जाना था वो नहीं गये...” मैंने कहा।

उसके बाद थोड़ी देर के लिए हम दोनों में से कोई कुछ नहीं बोला।

मैं- “मम्मी तुम किसी प्रेम को जानती हो?” मुझे लग रहा था की प्रेम यहीं कहीं नजदीक में ही रहता होगा क्योंकि सुबह सात बजे कोई दूर से तो नहीं आएगा।

मम्मी- “प्रेम.. वो तो ऊपर सातवें माले पर ही रहता है, पर तुम उसे कैसे जानती हो?"

मेरा अंदाजा सही निकला- “सुबह मुझे मिला था...” कहकर मैंने बात को टाल दिया।

रात को दस बजे दीदी, जीजू और पवन आए। हम लोग बारह बजे तक बातें करते रहे। बातें करते वक़्त जीजू का ध्यान मुझ पर ही रहता था जो दीदी भी देख रही थी। पर उसे उस बात से अब कोई प्राब्लम हो ऐसा नहीं लग रहा था।

दीदी ने निकलते हुये मुझसे कहा- “कल वहां आ जाना और दो दिन वहां रहना...”

मैं ना, ना कर रही थी तभी माँ ने 'हाँ' बोल दिया।

सुबह मैं नींद में थी और मोबाइल बज उठा- “हेलो...” मैंने ऊंघते स्वर में कहा।

नीरव- “कैसी हो निशु डार्लिंग?” सामने नीरव था, नींद में मैंने नंबर नहीं देखा था।

मैं- “पूरा दिन निकल गया और अब याद आई?” मैंने बनावटी गुस्से से कहा।

नीरव- “सारी निशु, होटेल में जाकर सो गया और देर से उठा। फिर तो काम ही इतना ज्यादा था की..." नीरव मेरा गुस्सा सच मान बैठा।

मैं- “अरे बाबा मैं तो मजाक कर रही हैं, उस दिन शाम को तुम रिपोर्ट ले आए थे की नहीं?” मैंने पूछा।

नीरव- “हाँ लाया था ना..." नीरव ने कहा।

मैं- “मुझे बताया क्यों नहीं और डाक्टर को दिखाया था क्या?” मैं जानती थी की उस वक़्त टेन्शन ही इतना था की वो बताना भूल गया होगा।

नीरव- “डाक्टर को, क्यों तुम कौन से रिपोर्ट की बात कर रही हो?” नीरव ने पूछा।

मैं- “उस दिन हमने 'मैं और मम्मी में मेरी रिपोर्ट निकलवाए थे ना... उसकी बात कर रही हैं, और कौन सी रिपोर्ट तुम समझे थे?” मुझे बहुत बुरा लगा था उसकी बात सुनकर। वो हमारी जिंदगी की इतनी अहम बात भीभूल सकता है, वो बात मेरे दिमाग में बैठ नहीं रही थी।

नीरव- “अरी वो... मैं तो आफिस की रिपोर्ट की बारे में तुमसे बात करने लगा था, वो रिपोर्ट तो मैं नहीं लाया...”

इस वक़्त नीरव सामने होता ना तो मैं उससे लड़ पड़ती। मैंने व्यंग से कहा- “हमारे बीच में आफिस की रिपोर्ट की बात कहां से आ गई? लगता है की तुम्हें मेरी आवाज पापा (मेरे ससुर) जैसी लगने लगी है...”

नीरव- “सारी यार, इसमें इतना मूड खराब करने जैसी तो कोई बात नहीं है...” नीरव ने कहा।

तभी पापा की आवाज आई- “बेटा, जल्दी करो, मैं तुम्हें मीना के घर छोड़ दूंगा.”

मैं- “तुम्हारे लिए नहीं होगी। पर मेरे लिए तो ये बात मूड खराब करने वाली ही है, मुझे दीदी के घर जाना है मैं फोन रखती हूँ..” मैंने कहा।

नीरव- “एक मिनट, ये तो बता जीजू अब क्या करते हैं?”

मैं- “मालूम नहीं...” मैंने कहा।

नीरव- “हमारे आफिस में जगह है, उनको पूछना, वो हाँ कहेंगे तो मैं पापा से बात करूंगा...” नीरव ने कहा।

मैं- “पूछ बूंगी, मैं रखती हूँ। बाइ...” इतना कहकर मैंने मोबाइल को पलंग पे फेंका और बाथरूम में नहाने दौड़ी, क्योंकि पापा को देरी हो रही थी।
* * *
* *
* * *
*
Reply
11-13-2021, 01:23 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
दीदी पहले जहां रहती थी उसके पास में ही उसने घर रेंट पे ले रखा था। मेरे घर में कदम रखते ही पवन ‘मासी, मासी' करता हवा आया और मेरे पैर पकड़ लिए। मैं उसके लिए चाकलेट लेकर गई थी, वो मैंने उसे दी। पवन
की आवाज सुनकर दीदी भी बाहर आई और मुश्कुराकर मेरा स्वागत किया।

मैं- “जीजू कहां हैं?” मैंने घर को ध्यान से देखते हुये कहा।

दीदी- “नहाने गये हैं...” दीदी किचन में जाते हुये बोली।

तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और जीजू तौलिया पहने बाहर निकले। मैं उनके आधे नंगे शरीर को देखकर मंत्रमुग्ध हो गई और उसे एकटक देखने लगी।

जीजू- “क्या सोच रही हो साली साहेबा...”

जीजू की बात सुनकर मैं मुश्कुराई और मुझे मुश्कुराते देखकर जीजू ने मुझे आँख मारी। उसी वक़्त दीदी किचन से बाहर आई तो जीजू अंदर चले गये।

जीजू और पवन के जाने के बाद मैंने दीदी से पूछा- “जीजू क्या करते हैं? दीदी...”

दीदी- “शेयर मार्केट का ही करते हैं पर अब वो खुद नहीं खेलते, टिप (सलाह) देते हैं कि कौन से शेयर लेने चाहिए, कौन से नहीं? एक कस्टमर से हर महीने के 1500 लेते हैं। अनिल कहता था की 10 कस्टमर हो गये

दीदी की बात मुझे खास समझ में नहीं आई। मैंने कहा- “नीरव कहता था की हमारे आफिस में जगह है, जीजू को रहना हो तो नीरव मेरे ससुर से बात करे...”

दीदी- “नहीं निशा, एक तो तेरे जीजू नौकरी करेंगे नहीं, और अब तो 15000 जैसी आमदनी तो आने लगी है.”

15000 हमारे लिए ठीक थे पर दीदी और जीजू की जो लाइफ स्टाइल थी, उसमें कम ही पड़ने वाले थे।

मैं- “दीदी आप महीने में कितनी बार सेक्स करती हैं?” दीदी की शादी के बाद हम सेक्स की बातें करते थे, पर मेरी शादी के बाद मैं पहली बार दीदी से ऐसी बात करने जा रही थी।

मेरी बात सुनकर दीदी हँसी और फिर बोली- “दो-तीन बार...”

मैं- “सिर्फ दो-तीन बार, कुछ ज्यादा ही कम नहीं है दीदी?”

दीदी- “तो तू बता कितनी बार करना चाहिए?” दीदी अब भी हँस ही रही थी।

मैं- “हर रोज कम से कम एक बार तो करना ही चाहिए...” मैंने गंभीरता से कहा।

दीदी- “पागल तो नहीं हो गई ना तुम, उसके सिवा भी बहुत काम होते हैं...”

मैं- “वो काम की थकान उतारने के लिए ही तो दीदी हमें ये काम (सेक्स) करना चाहिए...” मैंने कहा।

दीदी- “सब अपनी-अपनी पसंद है। मुझे तो सेक्स से थकान महसूस होती है...” दीदी ने कहा।

मैं- “आप दिल से नहीं करती ना इसलिए आपको थकान महसूस होती है, प्यार के साथ-साथ सेक्स भी दिल से करना चाहिए...”

दीदी- “मुझे तो अब उसकी कोई जरूरत नहीं लगती। अब तो हमारी एक संतान भी है और दूसरे की हमें जरूरत नहीं...”

दीदी की ये बात सुनकर मुझे आश्चर्य हुवा। मैंने कहा- "कौन से जमाने की बात कर रही हो दीदी? संतान के लिए ही सेक्स होता है ऐसा किसने कहा? दीदी इंटरेस्ट जगाओगी तो इंटरेस्ट होगा और साथ में जीजू आपसे प्यार तो बहुत करते ही हैं वो और भी बढ़ जाएगा...” मैंने दीदी को समझाते हुये कहा।

दीदी- “ओके, सोचूंगी तुम्हारी बात को। आज पवन की टीचर ने बुलाया है तो मैं मिलकर आती हैं, तब तक तुम आराम कर लो...” दीदी कहते हुये उठी।

दीदी के जाते ही मैं बेड पे लेट गई। दीदी से बात करने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था की दीदी का सेक्स के प्रति इंटरेस्ट जगाना थोड़ा मुश्किल है।

जीजू- “समझा दिया अपनी दीदी को?” दीदी के जाते ही जीजू का काल आया। दीदी इस वक़्त स्कूल जाने वाली हैं, वो जानते होंगे।

मैं- “हाँ समझा दिया, जीजू..” मैंने झूठ बोला।

जीजू- “झूठ तो नहीं बोल रही ना?" जीजू को विस्वास नहीं हो रहा था।

मैं- “मैं झूठ क्यों बोलूं जीजू, रात को तो पकड़ी ही जाऊँगी ना मैं..” मैंने कहा।

जीजू- “चलो देखते हैं कि तुम मेरी रात को कितना रंगीन करती हो?”

मैं- “मैं नहीं दीदी रंगीन करेंगी आपकी रात...” मैंने मस्ती से कहा।

जीजू- “मेरे कस्टमर का काल आ रहा है, बाइ...” इतना कहकर जीजू ने काल काट दिया।
* *
* * *
* * * * *
Reply
11-13-2021, 01:23 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
हेलो निशु...” दीदी ने आकर चाय बनाई और हम चाय पी ही रहे थे कि नीरव का काल आया। उसकी आवाज में साफ घबराहट झलक रही थी।

मैं- “हाँ, बोलो तुम इतने घबराए हुये क्यों हो?” मैं भी चिंतित हो उठी थी।

नीरव- “आंटी की मौत हो गई, मैंने कल रात को फोन करके केयूर को कहा था की मैं मुंबई में ही हूँ, और आज जाने वाला भी था, तभी उसका फोन आया...” नीरव ने कहा।

मैं- “बहुत बुरा हुवा नीरव...” मेरी आवाज भारी हो गई थी।

नीरव- “उससे भी बुरा हुवा है निशु, आंटी की मौत के बारे में सुनकर अंकल को हार्ट अटैक आ गया और वो भी...” नीरव आगे बोल नहीं सका।

मैं- “क्या अंकल की भी मौत हो गई?” मैं रोने लगी।

नीरव- “हाँ निशु, जब से सुना है तब से मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है। लगता तो नहीं था की अंकल आंटी को इतना ज्यादा प्यार करते हैं..." नीरव की आवाज में भी भिनस थी।

मैं- “हाँ नीरव, मैं भी नहीं जानती थी, मैं तो उन्हें नाटकबाज समझती थी..” मैंने कहा।

नीरव- “क्यों नाटकबाज क्यों?”

नीरव की बात सुनकर मुझे समझ में आया की मैं क्या बोल बैठी हूँ। मैंने बात को टालते हुये कहा- “बस ऐसे ही, तुम जाने वाले होगे ना हास्पिटल?”

नीरव- “हाँ मुझे देरी हो रही है...”

नीरव के फोन काटने के बाद, मैं दिल हल्का हुवा तब तक रोई और फिर मुँह धोने के लिए किचन में गई।

तब दीदी ने पूछा- “किसकी मौत हो गई?”

मैं- “हमारे पड़ोसी थे, वाइफ हास्पिटल में थी जिसकी आज मौत हो गई और ये सुनकर उनके पति की भी मौत हो गई...” मैंने कहा।

दीदी- “क्या उमर थी?” दीदी ने पूछा।

मैं- “60 साल के ऊपर तो होगी ही...” मैंने कहा।

दीदी- “ओह्ह.. तो दोनों बूढ़े थे। बूढ़ा आदमी बहुत ही प्यार करता होगा अपनी वाइफ को, बहुत स्वीट होगा बूढ़ा आदमी.." दीदी ने कहा।

दीदी की बात सुनकर मैं मन ही मन बड़बड़ाई- “स्वीट हरामी था बूढा, नहीं नहीं प्यारा था बूढा, प्यारा बूढ़ा...”

अंकल और आंटी का चेहरा बार-बार मेरी आँखों के सामने आ जाता था, मुझे घड़ी-घड़ी अंकल की परेशान करने वाली आदतें याद आ रही थीं। पहले तो बहुत परेशान किया था अंकल ने मुझे, पर बाद में मैं उनसे जो भी गिले सिकने थे, वो मैं भूल गई थी।

दीदी- “निशा अंदर आओ, बाहर अकेली क्यों बैठी हो?” किचन से दीदी की आवाज आई।

मैं किचन में गई तो दीदी केले की सब्जी बना रही थी।

दीदी- “यहां बैठो, अकेली बाहर बैठोगी तो बोर हो जाओगी...” दीदी ने मुझे बैठने के लिए स्टूल देते हुये कहा।

मैं- “दीदी, पवन पढ़ाई कब करता है? घर में तो एक मिनट के लिए भी नहीं टिकता..."

स्कूल से आते ही पवन स्कूल बैग बाहर से ही घर के अंदर फेंककर भागा था, वो बात याद करते हुये मैं बोली।

दीदी- “वो अपने बाप के ऊपर गया है, घर में टिकता ही नहीं."

मैं- “वो तो दीदी आप पर है, आप जीजू को इतना प्यार करो की वो कहीं जाने का नाम ही ना लें...” मुझे मोका मिल गया दीदी को फिर से समझाने का।

दीदी- “सच कहूँ ना निशा तो मुझे सेक्स में अब रूचि ही नहीं रही। ऐसा लगता है की जब भी करती हूँ, एक ही किश्म का कर रही हूँ...” दीदी ने कहा।

मैं- “तो फिर दीदी कोई अलग स्टाइल से करो, अलग मुद्रा में, अलग आसन के साथ..” मैंने कहा।

दीदी- “निशा, सेक्स की भूख भी पेट की भूख जैसी ही है, जायकेदार, मसालेदार खाना भूख मिटाता नहीं बढ़ता है, उसी तरह सेक्स की नई-नई स्टाइल हमारी हवस बढ़ाता है और मैं हवस की पुजारन नहीं बनना चाहती...”

दीदी की बात सुनकर मैं कुछ बोली नहीं, सही भी थी दीदी। चाहे कुछ भी कर लो सेक्स की भूख कभी नहीं मिटती।
* * * * *
* * * * *
Reply
11-13-2021, 01:23 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
जीजू- “वो खिड़की देख रही हो ना?” जीजू ने मुझसे ड्राइंग रूम में दिख रही खिड़की दिखाकर पूछा।

मैं- “हाँ, क्यों?” मैंने कहा।

जीजू- “वो बेडरूम में पड़ती है.”

मैं- “मुझे मालूम है, उसका क्या काम है?"

जीजू- “वो खिड़की मैं खुली रखेंगा, आज तू वहां से मेरा और तेरी दीदी का शो देखेगी..." जीजू धीरे से बोलते हुये इधर-उधर देख रहे थे की कहीं दीदी आ न जायें।

मैं- “मुझे नहीं देखना आपका शो...” मैंने कहा।

जीजू- “देखना जान, देखेगी तो ही मालूम पड़ेगा ना की तेरी दीदी के बारे में मैं जो बोल रहा हूँ वो सच है की नहीं?”

मैं कोई जवाब दें उसके पहले दीदी पवन को नहलाकर बाहर आई।

दीदी- “पवन को भी तेरी तरह रात को नहाए बिना नींद नहीं आती...”

दीदी पवन को नाइट ड्रेस पहनाते हुये बोली।

थोड़ी देर हम लोग ऐसे ही गप्पें लड़ाते रहे, तब तक पवन सो गया। दीदी ने मेरा और पवन का बिस्तर ड्राइंग रूम में लगा रखा था।

जीजू- “चलो अब सो जाते हैं...” कहते हुये जीजू उठे और बेडरूम में गये। दीदी भी उनके पीछे-पीछे बेडरूम में गईं।

मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटने के बाद उठी और खिड़की के पास गई। मैंने खिड़की को जरा सा धक्का दिया तो वो खुल गई। मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था की कहीं दीदी मुझे देख न लें, पर अंदर नजर डालते ही मुझे कुछ। शांति हुई, दीदी का सिर खिड़की की तरफ था, इसलिए वो मुझे देखने वाली नहीं थी। दीदी ने गाउन पहन लिया था, और जीजू ने भी अपना नाइट ड्रेस पहन लिया था।

दीदी- “ट्यूब लाइट बंद कर दो ना..” दीदी ने जीजू से कहा।

जीजू- “कभी तो देखने दो ना जान तुम्हारा नंगा बदन...” मैं देख सकें उसके लिए शायद जीजू ट्यूब लाइट चालू रखवाना चाहते थे।

दीदी- “मुझे शर्म आती है...”

जीजू- “कब तक शर्माओगी यार?" कहते हुये जीजू ने दीदी के उरोजों को कपड़े के साथ सहलाना चालू कर दिया।

मैंने पवन की तरफ नजर की की, वो कहीं जाग तो नहीं गया है ना?

तभी अंदर से दीदी की आवाज आई- “धीरे दबाओ ना..."

मैंने फिर से अंदर नजर डाली।
Reply
11-13-2021, 01:23 PM,
RE: Hindi Antarvasna - चुदासी
जीजू- “मैंने कहां जोर से दबाया है...” जीजू ने कहा।

दीदी- “मेरा मासिक आने वाला है इसलिए तुम धीरे से दबाओगे तो भी दुखेगा...” दीदी ने कहा।

तब तक तो जीजू ने अपना हाथ गाउन के अंदर भी डालकर गाउन ऊपर भी कर दिया था। जीजू ने दीदी से कहा- “सिर ऊपर करो...”

दीदी ने अपना सिर ऊपर किया तो जीजू ने दीदी का गाउन निकाल दिया। दीदी अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। एक औरत होने के नाते मुझे दीदी के बदन प्रति आकर्षण तो नहीं हो रहा था, पर वो मुझे अच्छी लग रही थी। जीजू ने दीदी की ब्रा को खींचकर ऊपर कर दिया और दाहिने स्तन को चूसने लगे। मुझे बाहर से ज्यादा साफ तो नहीं दिख रहा था, और देखने में खाश मजा भी नहीं आ रहा था। कुछ दिख रहा था और कुछ मैं अंदाजा लगा रही थी।

दीदी- “धीरे चूसो ना...” दीदी ने फिर से जीजू को टोका।

मैं इतनी देर से देख रही थी पर अभी तक दीदी ने अपनी तरफ से जीजू को उतेजित करने की कोई कोशिश नहीं की थी।

जीजू- “मैं कहां दांत गड़ाकर चूस रहा हूँ?” जीजू ने नाराज होकर कहा।
दीदी- “होंठों से दबाते हो ना तब भी दुखता है..”

दीदी की बात सुनकर मुझे हँसी आ गई। बेचारे जीजू सच कह रहे हैं की दीदी सच में सेक्स के वक़्त बोरिंग ही है। जीजू अब दीदी के उरोज चाट रहे थे और साथ में दीदी की पैंटी निकालकर चूत को बाहर से उंगली से सहला रहे थे। मुझे साफ दिखाई नहीं दे रहा था। फिर भी मैं गरम होने लगी थी।

दीदी- “तुमने निशा को बताया है ना की हम कभी-कभी ही सेक्स करते हैं...” दीदी ने जीजू को पूछा।

जीजू- “क्यों, क्या हुवा?” जीजू ने दीदी की जांघ को सहलाते हुये पूछा।

दीदी- “निशा सुबह से मुझसे सेक्स के बारे में बातें कर रही है, इसलिए पूछ रही हूँ...”

जीजू- “हाँ मैंने उससे कहा था...” जीजू ने अपना नाइट पैंट नीचे किया और दीदी की दो टांगों के बीच आकर उसके होंठ चूसते हुये बोले।

दीदी- “मुझे कभी-कभी अपने आप पर बहुत गुस्सा आता है। मैं तुम्हें पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पा रही अया..” दीदी के मुँह से मैंने पहली बार सिसकारी सुनी, शायद उनकी चूत में जीजू ने लण्ड डाल दिया था।

दीदी- “तुम चाहो तो निशा से सेक्स कर सकते हो...”

दीदी की बात सुनकर मेरा दिल उछल पड़ा।

जीजू- “तुम्हें बुरा नहीं लगेगा?” जीजू ने धक्के लगाने चालू कर दिए थे।

दीदी- “तुम किसी लड़की के सामने देखते भी हो ना तो भी मुझे बुरा लगता है। पर कई बार मुझे ऐसा लगता है। की तुम आहह... मुझसे ज्यादा निशा से प्यार करते हो, और निशा भी तुम्हें पसंद करती है। तुम दोनों के शौक, आदतें भी एक जैसी ही हैं आह्ह...”
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,558,218 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,864 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,257,292 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 950,385 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,686,685 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,108,662 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,998,771 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,215,430 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,089,619 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,470 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)