01-08-2022, 06:07 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,334
Threads: 1,142
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Hindi Antarvasna - एक कायर भाई
हम सब ने साथ मिलकर खाना खाया.. साथ-साथ बीच-बीच में हंसी मजाक भी चलती रही... तकरीबन 10:00 बजे हम लोग अपने अपने बेडरूम में सोने के लिए चलें गए.... मैं और प्रियंका दीदी तो एक ही बेडरूम में अलग-अलग बेड पर अलग-अलग सोते थे..
बेड पर लेट प्रियंका दीदी तो सो गई... पर मुझे काफी देर तक नींद नहीं आई... मैं बेहद चिंतित था... रुपाली दीदी मेरे जीजू को क्या बोलेगी... बेडरूम में जाने से पहले रुपाली दीदी भी बेहद चिंतित लग रही थी... हालांकि उन्होंने अपनी चिंता किसी के ऊपर भी जाहिर नहीं होने दी.. पर मैं उनके मन की व्यथा समझ रहा था...
यह सब सोचते हुए न जाने मुझे कब नींद आ गई..
सपने में भी मुझे मेरी मेरी आंखों के आगे मेरी नाजुक सी रूपाली दीदी और जुनैद का लंबा मोटा लिंग नाचते दिख रहे थे..मैं मन ही मन बुरी तरह बेचैन होता रहl... घबराकर मैं नींद से जाग गया.. मुझे एहसास हुआ कि मैं पसीने से भीगा हुआ हूं और तंबू बना हुआ था मेरी पैंट के अंदर.... प्रियंका दीदी तो बेसुध होकर सो रही थी.. बिना किसी आवाज किए चुपचाप मैं निकल गया और हॉल में आ गया.
बिल्कुल अंधेरा था पूरे हॉल में... घर में सब लोग नींद में थे... बस मेरी रूपाली दीदी और जीजू के कमरे में नाइट बल्ब जल रही थी.
मैंने घड़ी की तरफ देखा तो रात के 2:00 बज चुके थे..
मेरी रूपाली दीदी के कमरे के अंदर से फुसफुसाने की आवाज आ रही थी. मगर कुछ-कुछ शब्द साफ भी सुनाई दे रहे थे।
मैं भी दीदी के कमरे के दरवाजे से चुपके से कान लगाकर खड़ा हो सुनने लगा अंदर की बात...
“क्यों जी? आज इतने उतावले क्यों हो रहे हो?” दीदी बोली..
” मेरी जान … इतने दिन से तुमने दी नहीं मुझे, इतना जुल्म क्यों करती हो मुझ पर?” बोल रहे थे जीजाजी..
उनकी बात सुनकर मेरा तो पहले से खड़ा था और भी खड़ा हो गया..
“चलिए भी, मैंने कब रोका आपको? आपको ही फुरसत नहीं मिलती है।.... मेरी रूपाली दीदी की खनकती आवाज थी उनकी चूड़ियों के खनखन के साथ...
“तो श्रीमती जी, अगर आपकी इजाजत हो तो चुदाई का उद्घाटन करूं?”.. जीजू बोले.
“हे राम! कैसे बेशर्मी से कह रहे हो, आपको शर्म नहीं आती है क्या?”
मेरी दीदी बोल रही थी..
“इसमें शर्म की क्या बात है? मैं अपनी ही बीवी को चोद रहा हूँ तो फिर उसमें शर्म की क्या बात है?” जीजू ने कहा और फिर उसके बाद तो......
“तुम बड़े खराब हो … आह्ह … आई … अम्म … आराम से करो, आह्ह्ह … धीरे करो न राजा, अभी तो सारी रात बाकी है!” मेरी रूपाली दीदी की कामुक सिसकियां साफ सुनाई दे रही थी..
मेरी रूपाली दीदी और जीजू के बीच का कामुक संवाद सुन के मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ मैंने अपनी पैंट की जिप खोल कर अपना छोटा चेतन अपने हाथ में ले लिया और उसे हीलाने लगा... मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगी थी।
|
|
|