Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-05-2017, 02:31 PM,
RE: चूतो का समुंदर
( मिस्टर.सोनी मेरे शौक के बारे मे जानते थे पर ये नही जानते थे कि मैं चुदाई करता हूँ...उन्हे ये बस पता था कि मुझे लड़किया पसंद है ... यहाँ तक वो ये भी नही जानते थे कि मैं औरतो को भी पसंद करता हूँ....)

मैं-ओके सोनी जी....मैं एग्ज़ॅम के बाद बताउन्गा...शायद मन किया तो आ जाउन्गा…

मिस्टर.सोनी-ग्रेट सर…आइ एम वेटिंग…सर ड्रिंक लीजिए ना….

ऑर सोनी जी ने वेटर से 2 स्कॉच के पेग मग़वा लिए ऑर चियर्स करके हम स्कॉच पीते हुए बातें करने लगे….


थोड़ी देर यू ही हम शादी के बारे मे…ऑफीस ऑर मेरे डॅड , मेरी पढ़ाई एट्सेटरा... की बाते करते रहे …तभी मेरे पीछे से किसी ने सोनी जी को बुलाया…

जो मेरे पीछे था वो सोनी जी को देख पा रहा था....पर मैने उसे नही देखा...

पर जैसे ही उसने आवाज़ दी तो मुझे ये जानी पहचानी आवाज़ लगी ऑर मैं देखने को पलटा…

जैसे ही मैं पलटा तो आवाज़ देने वाली शॉक हो गई…

मिस्टर.सोनी-हाँ स्मिता, क्या कह रही हो….

हाँ ये स्मिता ही थी जिसे मैं कुछ देर पहले चोद रहा था ऑर अब जो सोनी जी को बुलाने आई थी…

स्मिता(डरी हुई)-वो..वो…आपको…दीदी बुला रही है…

मिस्टर.सोनी-ओके..चलता हू…तुम यहाँ आओ…किसी से मिलवाता हूँ..

जैसे ही स्मिता सोनी जी के पास गई तो सोनी जी मुझसे बोले….

मिस्टर.सोनी-सर, मीट माइ वाइफ…स्मिता…

जैसे ही मैने सुना कि ये सोनी जी की वाइफ है..मैं मुस्कुरा दिया ऑर स्मिता डर के मारे सहम कर रह गई…

मिस्टर.सोनी-स्मिता ये है हमारे बॉस के बेटे…मिस्टर.अक मल्होत्रा…


मैं-हेलो स्मिता जी

स्मिता(डरी हुई आवाज़ मे)-हेलो

मिस्टर.सोनी-स्मिता...सर लड़की वालो की तरफ से आए हुए है…बस इसी बहाने मुलाक़ात हो गई…तुम्हे बोलता था ना कि अच्छे इंसान है बॉस के बेटे..याद है ना...(फिर से मस्का मार रहा था)

स्मिता(बात घुमाते हुए)-जी…वो..दीदी ने जल्दी आने को कहा है…

स्मिता की तो गंद फटी हुई थी ये जानकार कि मैं उसके पति को जानता हूँ , इसलिए वो जल्द से जल्द वहाँ से जाना चाहती थी....

मिस्टर.सोनी-सॉरी सर जाना होगा…

मैं-कोई बात नही..बाद मे मिल लेगे..

मिस्टर.सोनी- जी सर…ऑर अगर ना मिल पाए तो…मैं आपको अपने घर डिन्नर पर लेने आउगा किसी दिन..क्योकि शायद हम रात मे ही निकल जाए..

मैं-कोई नही…अब तो मिलते रहेगे….आप कॅरी ऑन कीजिए प्लीज़..

मिस्टर.सोनी-ओके सर…बाय

मैं-बाइ…न्ड बाइ स्मिता जी…

स्मिता(मुझे घूरते हुए)-बाइ…

ऑर सोनी जी स्मिता के साथ चले गये ऑर स्मिता जाते हुए मुझे बार बार घूरती रही ऑर मैं मुस्कुरा रहा था…

जब वो दोनो निकल गये तो मैने सोचा…कि ये तो कमाल हो गया…अब तो स्मिता की चुदाई दम से करूगा….एक बार नही,,,बार-बार तू अपने पति को धोखा देगी…स्मिता डार्लिंग…हाहहहः

मैं अपनी मस्ती मे सोच रहा था कि मुझे सामने से सोनम आती हुई दिखाई दी….वो किसी लड़की के साथ थी…
जब वो मेरी तरफ आ रही थी तो मैं उसे देखने लगा ऑर वो भी चोरी-चोरी मुझे देखती रही…ऑर मेरे साइड से पीछे की तरफ निकल गई….मैने पलट के देखा तो पाया कि वो भी मुझे रुक-रुक कर देख रही थी ऑर ऐसे ही देखती हुई वो दूर निकल गई…



मैने सोचा कि क्या सोनम मेरा प्रपोज़ल आक्सेप्ट करने वाली है,,,,,तभी मुझे देखे जा रही थी ..या फिर ऐसे ही देख रही थी कि मैं कितना पागल हूँ,,जो पहली मुलाक़ात मे प्रापोज़ कर दिया…


फिर मैं सब कुछ भूल कर शादी का प्रोग्राम देखने लगा…ऑर पेग के सीप मारता रहा…

धीरे-धीरे..स्टेज का प्रोग्राम निपट गया…ऑर लड़का –लड़की अंदर चले गये…मंडप मे शायद…

कुछ लोग डॅन्स करने लगे..कुछ खाना खाने लगे ओर खुच गप्पें मारते हुए इंडिया की राजनीति को कोसने लगे…

हमारे यहाँ सिस्टम को कोसना सबसे अच्छा टाइम पास है..हहहहहा…

थोड़ी देर अकेला रहने के बाद मुझे सोनू मिल गया ऑर हम बाते करने लगे….


मैं-हाई सोनू

सोनू- हेलो

मैं-ऑर सोनू…क्या चल रहा है….शादी के मज़े आ रहे है…

सोनू-अरे कहाँ भाई…यहाँ तो कुछ काम ही नही बन रहा..

मैं-कैसा काम 

सोनू-अरे कुछ नही…ऐसे ही …ऑर सूनाओ..खाना खा लिया 

मैं-नही अभी नही…

मुझे सोनू की बातों से लगा कि ये कुछ छुपा रहा है..पर मुझे नही बताना चाहता....

मैं(मन मे)-बेटा नही बताना तो मत बता…मुझे ये तो पता ही है कि तू अपनी सग़ी बेहन को चोदता है….

हम ऐसे बात ही कर रहे थे कि सोनू को भी किसी ने बुला लिया ऑर मैं फिर से अकेला रह गया स्कॉच के पेग के साथ

इसके बाद शादी मे कुछ खास नही हुआ….आंटी लोग मेरे पास आई ऑर हमने खाना खाने निकल गये…

मनु अभी भी चुप थी बस मुझे देख लेती थी….वो लड़किया भी दिखी बट सब अपने मे बिज़ी थी...

पायल भी अपने पति के साथ खाना खाते हुए दिखी ऑर हमने आँखो से इशारे भी की पर बात नही हो पाई...

ऐसे ही ड्रिंक ओर खाने का मज़ा लेकर हम फ्री हो गये….गेस्ट भी अपनी-अपनी जगह चले गये….कुछ खास लोग मंडप मे थे बाकी सोने चले गये…

मैं खाने के बाद थोड़ा टहलने लगा ओर तभी मुझे सोनू फिर से मिल गया .. 

मैं- हेलो सोनू...कहाँ घूम रहे हो

सोनू- हाई...वो मैं तो यूँ ही घूम रहा हूँ...

मैं जानता था कि सोनू भी चुदाई के लिए घूम रहा है...पर शायद इसका काम नही बन रहा...तभी परेशान है.. क्यो ना इससे बात करूँ...शायद कुछ फ़ायदा हो जाय. 

मैं(सीधा पॉइंट पर आते हुए)- देखो सोनू , मैं जानता हूँ कि तुम किस लिए परेशान हो...तो अच्छा होगा कि तुम सॉफ-2 बताओ, वैसे भी हम सेम एज के है भाई...
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06-05-2017, 02:32 PM,
RE: चूतो का समुंदर
सोनू(सॉक्ड होते हुए)-क्या..क्या मतलब, मैं परेशान नही हूँ....क्या बोल रहे हो तुम

मैं- सोनू , मैं भी जवान हूँ तुम्हारी तरह और मैं भी चुदाई का शौक रखता हूँ...जैसे तुम रखते हो

सोनू- क्या बोल रहे हो...चुदाई...मैं नही पड़ता इस सब मे...

मुझे गुस्सा तो आया ऑर सोचा कि साले को बोल दूं कि जब तू अपनी दीदी को चोद रहा था तो मैने देखा था..पर फिर सोचा कि अभी रहने देता हू...वरना शायद इसकी फट जयगी....

मैं- ओके नही बात करनी तो तुम्हारी मर्ज़ी...पर हाँ, अगर इस मामले मे कभी हेल्प चाहिए हो तो कॉल करना...मैं हेल्प कर सकता हूँ...

सोनू(सहमे हुए)-मैं चलता हूँ...बाइ

मैं-बाइ

फिर सोनू चला गया बिना कुछ बोले...पर उसकी आँखो से पता लग रहा था कि वो आज नही तो कल , मुझे कॉल ज़रूर करेगा....चूत की आदत लगने के बाद लोग चूत के पीछे पागल हो जाते है...हाहाहा

थोड़ी देर अकेले टहलने के बाद मैं भी थका हुआ महसूस करने लगा तो मैं भी अपने रूम मे आ गया……

मुझे पता था कि शादी हो गई अब कल निकलना है घर के लिए ओर ड्राइविंग मुझे ही करनी है तो सोना ठीक रहेगा…उसके बाद मैने कपड़े निकाले ऑर लेट गया….

मैने लेटे हुए सोचने लगा कि कल सुबह सोनम से ऑर मनु से क्लियर बात कर के ही जाउन्गा घर…..हाँ या ना….कुछ तो बोलना पड़ेगा दोनो को…..

और घर जाकर उस लंड चूसने वाली का पता भी करना है…..कुछ प्लान करना होगा उसके लिए…ऑर ऐसे ही सोचते हुए मैं कब सो गया पता ही नही चला……

अब देखते है कि नई सुबह क्या नया ड्रामा लेकर आती है…शायद कुछ ऐसा हो कि मुझे कुछ ऑर माल मिल जाए , चोदने को…..

सोनम ऑर मनु का हाँ मे अन्सर मिल जाय…या फिर ना मे…..

जो भी होगा…पर नई सुबह धमाका ज़रूर करेगी…..तो मिलते है नई सुबह को नये धमाके के साथ…….






रात भर मुझे बड़ी प्यारी नीद आई..क्यो कि पिछला दिन ही ऐसा निकला था मेरा…पहले पूल पार्टी मे कामिनी के साथ मस्ती और फिर रात मे स्मिता की चुदाई…और फिर स्कॉच ने भी अपना रंग दिखा दिया….और मैं मस्ती मे सोता रहा…

सुबह मेरी नीद तब टूटी जब दीपा मुझे जगाने आई…

मैने उठ कर गेट खोला ओर वापिस आके बेड पर लेट गया…

दीपा भी रूम मे आई ऑर गेट लॉक करके मेरे पास आ गई…

दीपा-तो आज बड़ी प्यारी नीद आई…हाँ….??

मैं-हाँ..रात मे खाना ऑर ड्रिंक अच्छा था तो मज़े से सोता रहा…

दीपा-सिर्फ़ खाना और ड्रिंक…???

मैं-हाँ…ऑर क्या..??

दीपा-अरे मेरे राजा और जो कल कामिनी की फाड़ के आए थे उसका क्या…

मैं(मुस्कुरा कर)-हाँ…वो भी…ऑर टॅबलेट का असर भी था जो तुम दे गई थी…

दीपा-मैं ही दे गई और मुझे ही प्यासा छोड़ दिया…

मैं-क्यो....कितना तो चोदा है तुम्हे....अकेले मे ऑर , आंटी के साथ तो दबा के चोदा था भूल गई क्या...*???

दीपा-नही सब याद है…पर मेरी गंद भी फटने को बेकरार है उसका क्या…??

मैने दीपा को खीच कर अपने सीने पर झुका कर किस किया और बोला…

मैं-अरे मेरी रानी टेन्षन क्यो लेती है…तू तो कभी भी गंद फाट्वा लेना….यहाँ से चलें फिर अपने शहर मे तुम्हे खूब चोदुन्गा...

दीपा-पर मेरा पति…वो भी होगा ना..उसका क्या…???

मैं-तू कहे तो उसकी भी गंद मार दूं…

दीपा(हँसते हुए)-नही सिर्फ़ मेरी…उस गन्दू की गंद मार कर इस प्यारे लंड की बेइज़्ज़ती मत करना…

मैं-तो मैं तुझे उसके सामने चोद दूँगा ओके…

दीपा- तुम कहो तो मैं किसी के सामने भी चुद जाउन्गी…वो चीज़ क्या है…

मैं-अब लगी ना तू मेरी प्यारी कुतिया….

और हम दोनो साथ मे हँसने लगे....

तभी दीपा को कॉल आ गया ओर वो बाते करने लगी…ये कॉल आंटी का ही था…

(कॉल पर)

दीपा-हाँ रजनी

आंटी-तुझे मेरे बेटे को जगाने भेजा था ऑर तू क्या करने लगी..

देपा-चुप कर …मैं जगा ही रही थी..

आंटी-अच्छा…मुझे लगा तू लंड खाने बैठ गई…

दीपा-हाँ…तेरी जैसी समझा क्या..जो हर वक़्त लंड चाहिए….आती हूँ…

आंटी-साली ,रंडी तू खुद है ऑर बोल मुझे रही है…उसे नाश्ता तो करने दे…फिर चुद लेना आराम से….

दीपा-उफ्फ हो..बोला ना जगा कर आ रही हूँ…मुझे कामिनी ने बुलाया भी है किसी काम से…

आंटी-ओके…जल्दी आ फिर..बाइ..

दीपा-हाँ..आती हूँ..बाइ

जब दीपा ने कॉल कट किया तो बोली…

दीपा-अब मैं जाती हूँ…काम है…फिर फ्री हो कर मिलती हूँ…तुम जल्दी से फ्रेश हो कर नाश्ता करने आ जाओ…

ऑर दीपा मुझे फिर से किस कर के चली गई…

मैने भी गेट को लॉक किया ऑर फ्रेश होने बाथरूम मे घुस गये….नहाते हुए मैने फिर से तय किया कि आज मनु ऑर सोनम से आन्सर लेके ही रहुगा….

इसके बाद मैं रेडी हो कर नाश्ता करने नीचे आ गया…
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06-05-2017, 02:32 PM,
RE: चूतो का समुंदर
आज मेरी टेबल पर मनु और आंटी बैठी थी ऑर सामने वाली टेबल पर सोनम कुछ लड़कियो के साथ बैठ कर नाश्ता कर रही थी…

मेरी किस्मत भी क्या खूब थी….जिन दोनो को मैने प्रापोज़ किया वो दोनो मेरे सामने थी….मेरी टेबल पर मनु मेरे सामने थी और सामने वाली टेबल पर सोनम मेरे सामने थी…

मैं कभी मनु को देखता तो कभी सोनम को…और आंटी से बात करते हुए नाश्ता करने लगा…

मैने मनु की आखो मे देखा तो मनु ने कुछ देर देख कर नज़रे झुका ली….आज उसकी आँखो मे डर नही था…बस उदासी जैसा कुछ था जो मैं समझ नही पा रहा था…पर मनु मुझे देख रही थी चोरी-चोरी…

फिर मैने सोनम को देखा तो वो भी मुझे देख रही थी पर बार-2 नज़रे हटा रही थी…पर उसकी आँखो मे मुझे शर्म दिख रही थी…मुझे लगा कि सोनम आज पट जाएगी…पर अकेले मे मिलना होगा…

ऐसे ही मैं , मनु और सोनम को देखते हुए नाश्ता ख़त्म करने लगा…

मेरे नाश्ता ख़त्म करने से पहले ही सोनम लड़कियो के साथ अंदर चली गई ऑर नाश्ते के बाद आंटी मनु को ले कर जाने लगी..तभी मैने कहा…

मैं-आंटी, वो आज चलना है ना…

आंटी-हाँ बेटा चलना तो है बट अभी नही जा सकते,,,

मैं-क्यो..अब शादी तो निपट गई ना..???

आंटी-बेटा शादी तो निपट गई पर बिदाई बाकी है ना…

मैं-हाँ..पर वो तो अभी हो जाएगी उसके बाद निकलते है..

आंटी-अरे बेटा वो पंडित जी ने कहा है कि बिदाई का मुहूरत साम को है…तो शाम तक तो नही जा सकते ना..

मैं-कोई बात नही बिदाई हो जाय फिर बताना…टेन्षन मत लो..

आंटी-बेटा…वो..

मैं(बात काट कर)-आप जाइए…विदा के बाद बताना …तब तक मुझे भी कुछ काम ख़त्म करना है…

मेरे ऐसा कहते ही मनु मुझे बड़ी-बड़ी आँखो से देखने लगी ओर मैने स्माइल कर दी….

आंटी-बेटा, कैसा काम…

मैं-अरे कुछ खास नही आंटी बस किसी से बात करनी है ,,

आंटी-किस से…

मैं-वो आंटी…यहाँ डॅड के ऑफीस मे काम करने वाले आए थे उसने..

मैने आंटी को झूट बोल दिया पर मनु सब समझ चुकी थी ऑर मुझे देखे जा रही थी…

आंटी-अच्छा..कर ले…मैं फ्री होते ही बताती हू…ओके

मैं-ओके…मैं वेट करूगा…

मैने वेट करने का मनु की आँखो मे देख कर कहा..ऑर वो समझ भी गई होगी कि मैं किस वेट की बात कर रहा हूँ…


पर आंटी मनु को साथ ले कर निकल गई ऑर मनु जाते हुए पलट कर मुझे देख कर गई….जैसे कह रही हो कि क्यो पीछे पड़े हो…

मैं भी हवेली से निकला..ऑर गार्डेन मे घूमते हुए सोचने लगा…

मैं(मन मे)-ये ठीक हुआ कि बिदाई मे देरी है…मुझे मनु ऑर सोनम से बात करने का टाइम मिल जायगा…ऑर हाँ वो अननोन नंबर वाली भी मिल जाय शायद …देखते है कि आज का दिन कैसा निकलता है…प्रॉफिट का या लौस का…

मैं सोच ही रहा था कि संजीव का कॉल आ गया..

( कॉल पर)

संजीव-भाई आज आ रहा है ना…

मैं-भाई आज बिदाई है साम को...उसके बाद ही आंटी बताएगी...

संजीव-ओके..ऑर भाई अपने काम का क्या हुआ...

मैं(अब इसको बता ही देता हूँ..पर पूरा नही..)- भाई गुड न्यूज़ है...

संजीव(खुश होते हुए)-बोल भाई..जल्दी बोल..

मैं-भाई तेरी माँ चोद दूँगा..हाहहहहा

संजीव-मतलब....हुआ क्या...

मैं-भाई , मैने तेरी मोम को पटा लिया ऑर तेरी मोम ने कहा है कि वो मुझसे चुदेगि... घर पर आने के बाद...

मेरी बात सुनकर संजीव तो खुश हो गया और मैं सोचने लगा कि अब इसे क्या कहानी बना कर सुनाऊ कि इसे यकीन हो जाए.....
मैं कहानी बनाने लगा...संजीव को बताने के लिए और संजीव कॉल पर चिल्ला रहा था

संजीव- हेलो...भाई...कहाँ गया...आगे तो बोल

मैं- हाँ...हाँ..यही हूँ...बोल क्या हुआ...

संजीव-भाई सच बोल रहा है ना...तूने कैसे किया ये सब...*???

मैं-भाई मैने अपना लंड दिखा दिया तेरी माँ को...

संजीव(खुशी से)-सच मे..कैसे..*???

मैं-वो यहाँ पूल है तो मैने नहा रहा था ऑर वो मुझे बुलाने आई....मैने हाथ देने को कहा ऑर उन्हे ही खीच लिया पूल मे..हाहहहह

संजीव-वाह यार फिर..फिर क्या हुआ…

मैं-फिर क्या…मैं उन्हे संभालने के बहाने उनसे चिपक गया…और धीरे-धीरे उन्हे रगड़ने लगा..

संजीव-और..फिर….फिर..

मैं-फिर तेरी मोम भी गरम होने लगी और मैने मौका देख कर उन्हे गले से लगा के बोल दिया…

संजीव-क्या भाई..क्या बोला

मैं-मैने कहा आंटी मैं सीधा बोलता हूँ, कि मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ...आइ लव यू आंटी...

संजीव-ऑर मोम मान गई क्या,,,???

मैं-अरे नही…मुझे गाली देने लगी…पीछे हटाने लगी…ऑर बाहर आ गई ..

संजीव-तो फिर तूने क्या किया..

मैं-मैं भी बाहर आ गया…ऑर अपना लंड निकाल के खड़ा हो गया उनके सामने…

संजीव-क्या बे ..डर नही लगा…फिर ..क्या हुआ..??

मैं-फिर आंटी मेरे लंड को देख के दंग रह गई ऑर मैने कहा कि आंटी ..एक बार मुझे चूत दे दो…आपको खुश कर दूँगा…

संजीव-ऑर मोम ने हाँ कह दिया…???

मैं-अरे अभी कहाँ…वो तो लंड देख कर खो गई थी ऑर पास आ कर मेरे लंड को हाथ से चेक किया ऑर बोली कि ये ग़लत होगा बेटा…

संजीव-मोम ने तेरा लंड पकड़ा..क्या बात है…आगे बता भाई..
Reply
06-05-2017, 02:32 PM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं-फिर मैने आंटी को बोला कि इसमे कुछ ग़लत नही ऑर मैने भी उनके बूब्स पकड़ लिए..

संजीव-और मोम कुछ नही बोली…

मैं-अरे मेरा लंड देख कर गरम हो गई थी ऑर बूब्स पर हाथ लगते और भी गरम..

संजीव-फिर क्या किया मोम ने..???

मैं-फिर वो कुछ देर चुपचाप खड़ी रही ओर मेरा लंड पकड़े हुए अपने बूब्स दबवाती रही..

संजीव-फिर ...हाँ कब बोला भाई

मैं-फिर मैने कहा कि आंटी बोलो ना …एक बार सेक्स करोगी…सच मे आपको दिल से चोदुन्गा…ऑर आप खुश हो जाएँगी..

संजीव-फिर भाई..क्या बोली मोम..???

मैं-वो मुस्कुरा दी और बोली कि इस लंड से तो चुद के देखना पड़ेगा…पर मैं खुश नही हुई तो मेरे पास मत भटकना कभी… 
ऑर मैने भी हाँ बोल दिया..

संजीव-फिर..कब चोदेगा मोम को…

मैं-तेरी मोम ने बोला है कि शादी के बाद घर पहुच कर कुछ बताएँगी…ऑर फिर वो वहाँ से चली गईं थीं…

संजीव-जियो भाई जियो…बाजी मार ही ली..अब जल्दी से चोद दे मेरी मोम को..ओर फिर मेरी भी जुगाड़ करवा दे..

मैं-साले पैसा आया नही कि भिखारी आ गये...

संजीव-मतलब..

मैं-अबे साले...अभी मेरा काम तो होने दे...फिर तेरा भी करवा दूँगा...अब चल फ़ोन रख..मुझे काम है कुछ..

संजीव-ओके..भाई..जल्दी आओ ऑर मेरी मोम को चोद डालो..

मैं-हाँ…चोद दूँगा…चल बाइ

संजीव-बाइ

मैने संजीव से बात करके...उसे खुश कर दिया...उसे लग रहा था कि अब उसका काम हो जायगा...पर मैने तो आंटी को रंडी बना ही चुका हूँ….और संजीव को बोल दिया कि काम हो जायगा….

मैने ऐसा इसलिए किया क्योकि मेरे माइंड मे एक प्लान आ गया था और अगर वो प्लान काम कर गया तो संजीव की चाची मेरे लंड के नीचे होगी…हाहहाहा


संजीव से बात करने के बाद मैं गार्डेन मे घूमने लगा कि तभी मुझे अननोन नंबर. वाली का कॉल आ गया…मैं उससे बात करने लगा…

( कॉल पर)

मैं-हेलो मेडम…याद आ गई…

अननोन-अरे मैं तो तड़प रही हूँ आपकी याद मे…कैसे नही आती…

मैं-तो आ जाओ तड़प मिटा देता हूँ आपकी…

अननोन-इसी लिए तो काल किया…आज सब लोग बिज़ी है..बिदाई भी साम को है तो अभी टाइम है..शायद बिदाई के बाद हम भी घर चले जाएगे..

मैं-तो देर किस बात की बोलिए..कहाँ मिलना है…

अननोन-आप 10 मिनिट दो…मैं सब प्लान करके कॉल करती हूँ…

मैं-ओके..पर सिर्फ़ 10 मिनिट …समझी

अननोन-हाँ..बस 10 मिनिट..


मैं-ओके

इसके बाद उस अननोन नंबर वाली ने कॉल कट कर दिया और घूमने लगा…इस टाइम मे मैने सविता को कॉल किया ऑर सबके हाल चल पूछ लिए और फिर से उस अंजान औरत के काल का वेट करने लगा….

10 मिनिट पूरे भी नही हो पाए और उसका कॉल आ गया..मैने कॉल पिक की ऑर…

( कॉल पर)

मैं- हाँ…बोलो

अननोन-रेडी हो??

मैं-इस काम के लिए तो हमेशा

अननोन(हँसते हुए)-ओके तो हवेली के पीछे कार के गॅरेज मे आ जाओ…वही मिलती हो

मैं-ओके बट कोई कुछ कहेगा तो नही वहाँ जाने से…

अननोन-टेन्षन मत लो….यहाँ आ कर मेकॅनिक का ड्रेस पहन लेना …कोई आ भी गया तो मकनीक समझ कर कुछ नही कहेगा

मैं-ओके..आता हूँ

और मैं हवेली के पीछे पहुचा… वहाँ गॅरेज दिखाई दिया…..मैने जैसे ही गेट पर पहुचा तो मुझे साइड मे कुछ ड्रेस दिखाई दी…जो टॅंगी हुई थी…मैने वो ड्रेस पहन ली …वो माकॅनिक की ड्रेस ही थी….

मैं सोच कर खुश हो गया कि वो औरत चूत मरवाने के लिए …कितनी मेहनत से प्लान कर रही है..ऑर मुस्कुराते हुए गॅरेज के अंदर पहुच गया
Reply
06-05-2017, 02:32 PM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं जैसे ही अंदर पहुचा…शॉक्ड हो गया…ये देख कर कि जैसा सोचा था ये तो वैसा ही था…
मतलब ये तो सुषमा ही थी मेरे सामने….मतलब सोनू और सोनम की मम्मी ऑर कामिनी की भाभी..

सुषमा एक कार से टिक कर खड़ी हुई थी…

सुषमा ने एक वन पीस हॉट ड्रेस पहनी हुई थी...जो उसके बड़े-बड़े बूब्स से लेकर उसकी जाँघो तक आ रही थी….उस ड्रेस मे उसके बड़े-बड़े बूब्स आधे बाहर निकले हुए थे..

मैने सोचा साली पूरी तरह रेडी होकर आई है…ऑर ये नाश्ते के टाइम साड़ी मे थी , इसने ड्रेस बदलने के लिए ही टाइम मागा था वरना तभी आ जाती शायद… फिर मैं बोला….

मैं-अच्छा तो आप हो…मुझे कल सुबह ऐसा लगा ही था आपको देख कर

सुषमा-अच्छा…तो फिर क्या ख्याल है

मैं-ह्म्म्मो…गद्देदार बॉडी है मसल्ने मे मज़ा आयगा

सुषमा(शरमा कर)-सच में ….पसंद आई..???

मैं(थोड़ा पास जाकर)-हाँ…मुझे भरी हुई गंद वाली ऑर बड़े दूध वाली औरते…मस्त लगती है…ऑर गंद तो मेरी कमज़ोरी है 

सुषमा-सच्ची…लेकिन तुम्हारे जैसे लड़के तो जवान लड़की के पीछे भागते है

मैं-हां..सही कह रही हो…लेकिन हमे तो प्यार की भूख है…ऑर वो भी चूत ऑर गंद के प्यार की

सुषमा-अच्छा…तो ज़रा दिखाओ तो …हम भी देखे कि अपनी भूख ही मिटाते हो या औरत की भूख भी मिटा पाओगे...

मैं-वो तो थोड़ी देर बाद तुम बताना

सुषमा-तो देर किस बात की

ऑर इतना कह कर सुषमा मेरे पास आई और अपनी मोटी बाहों से मेरे सिर को पकड़ कर किस करने लगी ….

वो मेरे होंठो को चूसने लगी…ऑर मैने भी मज़ा लेना स्टार्ट कर दिया…मैने उसके सीने पर हाथ रखे और दोनो बूब्स दवाने लगा…साथ मे उसके किस का भरपूर रेस्पॉन्स देने लगा…

सुषमा थी तो मोटी ओर उसके बूब्स भी बड़े-बड़े थे …लेकिन सच मे उसके बूब्स दबाते हुए…हाथो को मज़ा बहुत आ रहा था

सुषमा शायद पहले से ही थोड़ी गरम थी ओर किस करने के बाद तो ऑर भी गरम हो गई ऑर आवाज़े निकालने लगी….जो कि किस के साथ मुँह मे ही दब रही थी

सुषमा-उम्म्म्म…उउम्म्म्म…उउउंम्म…

मैने भी ड्रेस को खीच कर कमर तक कर दिया ऑर उसके बड़े-बड़े बूब्स को नंगा करके जोरो से मसल्ने लगा…..

इसी तरह वो मुझे पागलो की तरह 5 मिनिट तक किस करती रही ऑर मैं उसके बूब्स को मसलता रहा….

फिर मैने सोचा इस स्पीड से इसे चोदता रहा तो बिदाई का टाइम आ जायगा..ऑर मुझे मनु और इसकी बेटी से बात भी करनी है……..

मैने किस तोड़कर सुषमा को पीछे कर के कहा

मैं-क्या इतना ही करने आई हो….

सुषमा-आअहह……क्या करूँ….बहुत दिनो बाद चुदने वाली हूँ…ज़्यादा ही गर्मी चढ़ गई

मैं-ठीक है तो गर्मी मिटाने का सामान नीचे है(मैने अपने लंड की तरफ इशारा किया)

सुषमा(मुस्कुरा कर)-हाँ…यही देख कर तो आई हूँ…वैसे मॅकॅनिक की ड्रेस मे अच्छे लग रहे हो..हहेहेः

मैं-अच्छा ये बताओ कि ये माकॅनिक की ड्रेस क्यो…??? ऑर कौन छोड़ गया वहाँ…???

सुषमा-कोई छोड़ नही गया…मैने ही रखी थी…कि अगर कोई तुम्हे डोर से अंदर आते हुए देख ले तो मैं बोल दूगी कि तुम कार रिपेयर कर लेते हो…इसलिए आए हो…ऑर तुम्हारे कपड़े खराब ना हो इसलिए ये ड्रेस पहन ली..

मैं-वाउ…चूत वाली भी दिमाग़ रखती है…हाँ

सुषमा-ऑर नही तो क्या…चूत तो दुनिया हिला सकती है

मैं-देखते है इस चूत मे कितनी दम है

सुषमा-क्यो नही…ऑर मैं भी तो देखु कि दो चूत एक साथ चोदने वाला लंड मेरी एक चूत के आगे कितना टिकता है..

मैं-ये तो अभी पता चलेगा…ज़रा मेरे लंड को तैयार तो करो…फिर तेरी चूत गई

सुषमा-अभी लो…

ऑर ये कह कर सुषमा नीचे बैठ कर मेरे पेंट पर हाथ घुमाने लगी…उसने माकॅनिक की ड्रेस अलग हटा कर मेरी ज़िप खोल कर मेरा लंड निकाला..ऑर देखने लगी

मैं-देखने के लिए नही है…

सुषमा-जानती हूँ…पर सोचा करीब से देखु कि बाकाई बड़ा है या नही

मैं-तो क्या देखा

सुषमा-कल रात से भी बड़ा दिखा

मैं-तो शुरू हो जा
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06-05-2017, 02:33 PM,
RE: चूतो का समुंदर
इसके बाद सुषमा ने मेरे लंड के टोपे को खाल हटाकर बाहर किया ऑर मेरे टोपे पर जीभ फिराने लगी

मैं-आहह…

सुषमा ने धीरे-धीरे मेरे लंड को चाटना शुरू किया फिर लंड के टोपे को मुँह मे भर कर चूसने लगी

सुषमा-उउउंम्म…आहह

मैं-आहह,,,,,,क्या बात है…अच्छा कर रही हो…जल्दी


सुषमा कुछ देर टोपे को चुस्ती रही फिर उसने लंड को धीरे-धीरे मुँह मे लेना शुरू किया ऑर चूस्ते , चाट ते हुए पूरा लंड अपने मुँह मे भर लिया

मैं-अब…दिखाओ ज़रा कैसा चूस्ति हो

सुषमा मेरी आँखो मे देखते हुए 
मेरी बॉल्स के पास हाथ से पकड़ा ऑर लंड को मुँह मे तेज़ी के साथ अंदर-बाहर करने लगी....
उसका मुँह मेरे लंड पूरा आगे पीछे हो रहा था ऑर उसके बूब्स उसी स्पीड से उछल रहे थे

सुषमा—उउम्म्म्म..सस्स्रर्र्ररुउपप…उउउंम्म…सस्रररुउपप

मैं-आहह…ऐसे ही ….ज़ोर से…..आअहह….

सुषमा-उउउम्म्म्मम…..हमम्म..सस्स्रर्र्रप्प्प्प…सस्स्ररुउपप

मैं-अहहाअ…मेरी रानी...अंदर तक..हाँ ऐसे ही…लगी रहो

थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसने के बाद सुषमा ने लंड को पूरा खड़ा कर दिया ओर मैने लंड को मुँह से निकाल कर उसे रोक दिया तो वो बोली..

सुषमा-आअहह…मज़ा आ रहा था…..मस्त लंड है तुम्हारा….

मैं-वो तो है..लेकिन चुदाई करनी है कि नही या लंड चूस कर ही जाओगी...

सुषमा-चुदाई तो करनी है….लेकिन लंड को क्यो निकाल लिया

मैं-भूल गई अभी बिदाई बाकी है किसी ने कॉल कर के बुला लिया तो क्या करेंगे…???

सुषमा-ओह हाँ…तब तो जल्दी करना होगा….पर जल्दी मे मज़ा कराब ना हो जाय

मैं-अरे बिल्कुल नही, मज़ा आयगा…बाकी कभी फ़ुर्सत मे फुल मज़े करेगे

सुषमा-पक्का 

मैं-हाँ मेरी जान…ऐसी बॉडी को तो पूरा रागड़ुगा…ऑर गांद फ़ुर्सत से मारने मे मज़ा आता है

सुषमा-ठीक है…आज चूत की तड़प मिटा दो…फिर जब मौका होगा तब आ जाउन्गी…जो चाहे करना

मैं-ओके…अब आजा 

मैने सुषमा को खड़ा किया ऑर उसकी ड्रेस निकाल दी..उसने अंदर कुछ भी नही पहना था

मैं-तू अंदर कुछ नही पहनती क्या

सुषमा-पहनती हूँ...लेकिन अभी नही पहना...अगर गड़बड़ हुई तो ड्रेस पहनो ऑर निकल लो...ऑर वैसे भी नंगी होने तो आई थी(शरमा जाती है)

मैं-ठीक है

मैने सुषमा को कार के साइड पर टिका दिया ऑर नीचे झुक कर उसकी चूत देखने लगा...चूत पूरी क्लीन थी...मैने देखा सुषमा की चूत पानी छोड़े जा रही थी..

मैने अपनी जीभ से चूत को चाट लिया

सुषमा—आहह

मैने(चूत चाट ते हुए)-सस्स्ररुउपप...सस्ररुउपप...सस्ररप्प...

सुषमा-आअहह....म्माइ

मैं-सस्रररुउपप..सस्ररुउउप्प

सुषमा-म्म्म्मा ऐईिईन्न...आऐइयैय

ऑर ये कहते हुए सुषमा झड़ने लगी...शायद बहुत देर से गरम थी..

मैने सुषमा की चूत चाटना जारी रखा ऑर उसका पूरा चूत रस चाट लिया...जब उसकी चूत सॉफ कर दी तो

मैं-अब आजा ..तुझे मस्त सवारी करवाता हूँ...खड़े-खड़े थक गई होगी


सुषमा-हां…जल्दी…अब मत तडपाओ

मैने वहाँ चारो तरफ देखा ..मेरी नज़र एक कार की शीट पर पड़ी ..मैने वो शीट उठा कर कार के पास डाली ऑर अपनी मकेनिक की ड्रेस ऑर पेंट निकल दी..साथ मे अंडरवर भी..

मैं शीट पर आधा लेट गया ऑर सुषमा को अपने उपर आने को बोला

सुषमा मेरी गोद मे आते हुए पैर मेरे दोनो तरफ करके झुक गई ऑर फिर उसने मेरा लंड पकड़ा ऑर अपनी चूत पर सेट करते हुए धीरे-धीरे लंड को अंदर ले गई...

मैने सुषमा के बूब्स को चूसना शुरू किया ऑर सुषमा ने अपने आप को मेरे लंड पर उपर-नीचे करना शुरू कर दिया…
साथ –साथ मैं सुषमा की मोटी गांद भी दोनो हाथो से मसल्ने लगा.....
मैं-आहह…क्या बूब्स है…मस्त गांद भी..वाउ 

सुषमा-आहह…मज़ा आगया…क्या कड़क लंड है..

मैं-तेरी चूत खुश है

सुषमा-अभी नही…तुम इसे रगड़ कर खुश करो

मैने सुषमा के बूब्स चूसना शुरू किया ऑर नीचे से अपनी कमर उछाल कर सुषमा को चोदने लगा...

सुषमा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह

मैं-यस….क्या मालदार गंद है….

मैने अपने मुँह से तेज़ी से बूब्स चूसना शुरू किया ऑर सुषमा पूरे जोश के साथ मेरे लंड पर उछल रही थी ऑर सिसक रही थी

सुषमा-आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…जजूर्र्र..ससी..आहहह...

फफफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए...

थोड़ी देर ऐसे ही आवाज़े करती हुई सुषमा ने उछालना बंद किया ओर मेरे लंड पर गोल गोल गांद को घुमाने लगी...

मैं-चलो अब पलट जाओ…मुझे अपनी मस्त गंद दिखाओ...
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06-05-2017, 02:33 PM,
RE: चूतो का समुंदर
सुषमा उठ कर पलट गई ऑर अपनी गंद मेरे मुँह की तरफ करके…फिर से मेरे लंड को चूत मे डाल के बैठ गई...

सुषमा ने अपने हाथ पीछे ले जाकर मेरे सीने पर रखे ओर पैर उठा-उठा कर अपनी चूत मेरे लंड के उपर नीचे करने लगी…
सुषमा थोड़ी देर मे मस्ती मे सिसकने लगी...

सुषमा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…उउउफ़फ्फ़….हहाअ…..

मैं-यस बेबी…जंप….य्ाआ

सुषमा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…जजूर्र्र..ससी..आहहह....

फफफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए....जूओर्र..ससी....प्प्प्ूउर्रा...ग्घ्हुउस्साऊओ...
.आहह...उफ़फ्फ़...म्म्माः...आअहह...ऐसे...हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..य्येस्स्स्स्स…आअहह
…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…ययईईसस्स….ऊऊहह..म्मा

मैं-यस बेबी यस

सुषमा- अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह....
ययईएसस…आऐईइईसीए.....ऊओररर..ट्टीएज…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…
फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…म्म्मांआअ….कक्कूओकमम्म्मममिईीईईईन्नननज्ज्ग …आअहहहह...आहह...ऊओ

ऑर सुषमा ने मेरे लंड पर झड़ना शुरू कर दिया......
सुषमा झड गई पर मेरा लंड अपनी चूत के अंदर लिए हुए ही बैठी रही...

सुषमा-ओह्ह…आअहह…मज़ा…आ रहा है…मस्त.. .लंड है...चुदाई भी मस्त करते हो...

मैं-कहा था ना कि खुश हो जाओगी

सुषमा-सच मे …मैं खुश हूँ

मैं-अभी कहाँ…अभी तो काम बाकी है मेरी जान...

सुषमा-तो देर किस बात की…ठोक डालो

मैने सुषमा को उठने को बोला ऑर मैं भी खड़ा हो गया उस के साथ…

मैं-चल आजा…अब शॉट मैं मारता हूँ…तू मज़े कर...

ये कह कर मैने सुषमा की एक टाँग को उठाया ऑर साइड से अपना लंड उसकी चूत मे डाल दिया

सुषमा-आहह…आअहह

सुषमा ने एक हाथ साइड मे रखे रॅक पर रख लिया..ऑर मैने सुषमा की चूत को झटके मारना शुरू कर दिया….
मैने टाइम ना गँवाते हुए ..तेज़ी से धक्के मारना शुरू कर दिए ऑर सुषमा मस्ती मे बड़बड़ाने लगी

सुषमा-आअहह…मज़ा आ गया…मार जूओर्रर्सस्सीई…आअहह….

मैं-हाँ साली मोटी…तेरी गंद से जब मेरा जिस्म टकराता है तो मस्त मज़ा आता है ये ले..ऑर ले

मैं टका-टक सुसमा की चूत पेलने लगा...

सुषमा-आअहह….दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल…द्ददी…..आआअहह…..यस…यस..यस…आअहह

मैं-मज़ा आया…ऑर आएगा…ये ले

सुषमा-आअहह…उउउंम्म….ज्ज्ज्ूओर्रर…सससे.ए…येस्स्स...यीस्स्स्स्य्यीस्स्स..आअहह

मैने 5 मिनिट सुषमा को ऐसे ही पकड़ कर चोदे जा रहा था….फिर मैने रुक कर सुषमा को कार के बोनट पर झुका दिया ऑर सुषमा ने झुक कर कार पर हाथ टिका लिए…

मैने फिर से लंड को सुषमा की चूत पर सेट किया ऑर 1 जोरदार झटके के साथ पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया…
सुषमा की आह फिर से निकल गई...

सुषमा-आअहह…उउउफफफफ्फ़….आहह

मैं-अब बता…दम निकल गया ना तेरी चूत का

सुषमा-आअहह….सच मे….दमदार….लंड है…

मैं-तो चल अब मज़े कर…ऑर मैने सुषमा की गंद को पकड़ कर ज़ोर से धक्के देना शुरू कर दिया ऑर सुषमा मस्ती मे करहने लगी….

सुषमा-आअहह….दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल…द्ददी…..आआअहह…..यस…यस..यस…आअहह…उउउंम्म….ज्ज्जूओर्र्र…सससे.ए…
येस्स्स.यीस्स्स्स्य्यीस्स्स..आअहह...आअहह

मैं-यस बेबी….ये ले….याअ…

मेरी जाँघो से सुषमा की मस्त गांद टकरा कर महॉल मे मस्ती बढ़ा रही थी…

ट्ट्तह्ह्प…त्तप्प..आआहहहह…उउउफफफ्फ़…आईईीीइसस्सीए…हमम्म्म…ययईएसस्स….इय्य्ाआहह…
त्ततप्प…त्ततप्प…तहतहत्ट्ट्ट्प्प्प….आअहह…उूुुउउफ़फ्फ़



ऐसे ही आवाज़े चुदाई की मस्ती को बढ़ाने लगी ऑर सुषमा फिर से झड़ने लगी….

सुषमा-आअहह….आआईयइ…म्म्माीऐईइ…..आआअहह…..यस…यस..यस…आअहह
…उउउंम्म….ज्ज्ज्ूओर्रर…सससे.ए…येस्स्स.....यीस्स्स्स..आअहह…म्म्मायऐईिईन्न्न्न्….गग्ग्गाऐयईईई....ऊहह..ओह...आअहह

ऑर इसी के साथ सुषमा झड गई…

सुषमा की चूत रस मेरे लंड के धक्को के साथ अंदर बाहर होने लगा ऑर माहॉल मे आवाज़े भी बदल दी


फ़फफूूक्चह…प्प्प्प्ुउउक्चह…..आअहह…उउउंम…आहह
त्ततप्प…त्तप्प..आआहहहह…उउउफफफ्फ़…आईईीीइसस्सीए…हमम्म्म…ययईएसस्स….ईप्प्प्ुउउक्चह…प्प्प्ुउच…
..आअहह……प्प्प्प्ुउचह…उउउम्म्म्ममम…यईएसस
य्य्ाआहह…त्ततप्प…त्ततप्प…तहतहत्ट्‌ट्ट्प्प्प….आअहह…उूुुउउफ़फ्फ़…..इय्याअहह

मैं तेज़ी से सुषमा की चूत मारते हुए झड़ने के करीब आ गया....

मैं-मैं…आआया…कहाँ डालु

सुषमा-मुझे ..आहह….चखना…है…आहह..म्मूउहह..आहह..म्मी

मैने तुरंत सुषमा को पलटा कर नीचे बैठा दिया..ऑर अपने लंड उसके मुँह मे डाल दिया…सुषमा भी बड़े प्यार से मुँह को आगे-पीछे करते हुए …लंड को अपने मुँह मे झाड़वाने लगी…

सुषमा-उउउम्म्म्म…..उउउंम्म…..सस्स्सुउउउप्प्प्प…सस्सुउउप्प्प्प

मैं-ऊहह……यस बेबी…पी…ले…आअहह

ऑर सुषमा मेरे लंड रस को गले से गटा-गट करती हुई पीने लगी…

जब मैं झड चुका तो सुषमा ने मेरा लंड चूस कर अच्छे से सॉफ कर दिया ऑर लंड मुँह से निकाल कर मुझे देखा ऑर बोली

सुषमा-सच मे प्यास बुझा दी तेरे लंड ने….

मैं-अब क्या ख्याल है

सुषमा-दमदार लंड है….ये तो किसी भी चूत को फाड़ के रख देगा

मैं-अच्छा…लेकिन गांद का क्या

सुषमा(लंड को चूम कर)-गंद की तो धज्जिया उड़ा देगा…

मैं-तो फिर तेरी गंद की उड़ा दूं…

सुषमा-मैं तो रेडी हूँ…पर अभी नही

मैं-क्यो

सुषमा-अभी लेट हो गई ऑर मेरा बेटा ढूँढते हुए आ गया तो…नही अभी नही

मैं-तो फिर कब

सुषमा-मैं कॉल करूगी ..ऑर वैसे भी हम दोनो एक ही सहर मे रहते है ना


मैं-हां तो ठीक है…जल्दी बताना ..ओके…ऑर हाँ…ये तो बताओ कि मेरा सेल नंबर कहाँ से मिला

सुषमा(मुस्कुरा कर)-क्यो…ना बताऊ तो..

मैं-तो भी कुछ नही…मुझे तो तुम मिल गई …लेकिन बताओ तो

सुषमा-अच्छा बता दूं...???

मैं-हाँ

सुषमा-यहाँ इस लंड की दीवानी ऑर भी है…उन्ही मे से किसी ने दे दिया

मैं-आंटी ये दीपा..???

सुषमा-नही….ऑर सोचो

मैं-तो मनु…वो आंटी की फ्रेंड या कामिनी ..???

सुषमा-ये तुम्हे पता चल जायगा…वेट करो

मैं-वही तो होता नही…तुम बताओ ना

सुषमा-ठीक है…पहले वेट करो..अगर पता ना चला तो मेरी गांद मारते वक़्त बता दूगी…ठीक है

मैं-ओके…

सुषमा-अब चलो जल्दी……ऑर हो सकता है बिदाई के पहले तुम्हे कुछ नया मिल जाय..हहेहेही

मैं(मुस्कुरा कर)-हाँ…पर तेरी जैसी गंद वाली मिल जाय तो अच्छा होगा..

ऑर मैने एक जोरदार थप्पड़ सुषमा की गंद पर मारा
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06-05-2017, 02:33 PM,
RE: चूतो का समुंदर
सुषमा-आहह….ये तुम्हारी अमानत समझो….जब भी टाइम होगा…ये हाज़िर रहेगी…आज कोई दूसरी देख लो

मैं-ओके….तो चलो देखते है


फिर हम दोनो ने अपने कपड़े पहने ऑर हुलिया ठीक किया…मैने मकेनिक की ड्रेस रखी ऑर हम गॅरेज का गेट खोल कर बाहर आ गये…

हम बाहर आ कर थोड़ा ही चले थे कि सुषमा का बेटा ,सोनू मिल गया...


सोनू-अरे मोम कहाँ गई थी आप...???, आपको पापा ढूँढ रहे है कब्से…

सुषमा-वो..वो बेटा नाश्ता ज़्यादा हो गया था तो टहलने गई थी ऑर वहाँ ये(यानी मैं) मिल गये ऑर बाते करते हुए हम आ ही रहे थे

सोनू-ओके,ओके..आप आइए चलिए..

सुषमा-ओके…अच्छा बाइ(मुझसे)

सोनू-ओह…बाइ यार

मैं-बाइ...बाइ...

इसके बाद सोनू अपनी मोम को लेकर हवेली के अंदर चला गया ऑर मैं घूमते हुए हवेली के गलियारे से होते हुए अपने रूम मे जाने लगा रेस्ट करने….



मैं सुषमा की चुदाई कर के हवेली के पिछले गलियारे से अपने रूम की तरफ जाने लगा…ऑर सोच रहा था...

मैं(मन मे)-आज एक मस्त औरत मिल गई ….ऑर उसकी मस्त गंद भी मारने को मिलेगी….

वाउ यहाँ आकर तो मेरे प्यार की भूख शांत करने को कई बॉडी मिल गई है…

अब जब चाहे मैं उनको प्यार कर सकता हूँ ऑर अपनी प्यार की भूख को मिटा सकता हूँ…ह्म्म..

ये सब तो ठीक है पर आंटी का क्या….ऐसा क्या करूँ कि साली अपने बेटे से चुद जाय….सोचना पड़ेगा……वो मान जयगी…???….हा तो बोला था…कि मैं जो कहूँ वो करेगी,,,,पर क्या सच मे….देखते है...

ऑर मनु….उसको देख कर उससे प्यार बढ़ता जाता है…वो अकेलेपन मे तड़प रही है पर कुछ कहती ही नही साली….ना हाँ बोलती है ऑर ना ही मना करती है….कुछ तो कहे…

और सोनम, उसको देख कर लग रहा है कि अगली मुलाक़ात मे वो हाँ बोल देगी…मिलना पड़ेगा…फिर दम से चोदुन्गा साली को…..

ऐसे ही मैं बहुत कुछ सोचते हुए…चला जा रहा था कि अचानक कुछ आवाज़े सुनाई दी..जिसने मुझे मेरी सोच से बाहर खीच लिया…

मैं(मन मे)-ये ..आवाज़ तो….अरे हां…ये तो चुदाई के वक़्त सिसकियो की आवाज़े है….सच मे…

यहाँ कोई ऑर भी चुदाई के मज़े ले रहा है…पर कौन..???

चलो पता करे....पर आवाज़ कहाँ से आ रही है..

जैसे ही मैं आवाज़ आने की दिशा मे जाने लगा ...थोड़ी आगे चलकर मुझे सीडीयाँ दिखाई दी....

मैने ध्यान से सुना तो पता चला कि ये तो उपेर से आ रही है...बट इतनी ज़ोर से कौन सिसक रहा है जो नीचे तक सुनाई दे रहा है...

मैं आवाज़ का पीछा करते हुए...उपेर जाने लगा ऑर वो भी बिना शोर किए हुए....

मैं जैसे ही उपर पहुचा …..वहाँ 1 हाल था ऑर गेट पूरा खुला हुआ था…

मैने(मन मे)-इसलिए आवाज़ नीचे तक आ रही थी, साला गेट खोल कर मज़े हो रहे है…फिर भी बड़ी ज़ोर से चिल्ला रही है...

मैने चोरी से अंदर झाँका तो अंदर का नज़ारा देख कर मज़ा आ गया

वहाँ चुदाई की मस्ती नही चुसाइ की मस्ती मे आवाज़े निकाल रही थी…

मतलब ये कि वहाँ चूत चुसाइ हो रही थी वो भी दो-दो चूतो की…समझे ना

मैं चुपके से अंदर देखने लगा…

वहाँ एक मस्त बॉडी वाली औरत थी ऑर एक जवान लड़की…

वो औरत एक गद्देदार बेड पर लेटी हुई थी आँखे बंद कर के….ऑर वो लड़की झुक कर उस औरत की चूत चूस रही थी…

( अंदर का नज़ारा ऑर उनकी आपसी बाते…उनकी जवानी )

औरत-ओह्ह्ह..यीस्स..बेटा…आहह….

लड़की-सस्रररुउप्प्प…सस्स्रररुउउप्प…उउउम्म्म्मम….म्म्म ह

औरत-आअहह….डू..इट..बेबी….फास्ट…फास्ट….यईसस्स…..लाइक दिस

लड़की-सस्स्ररुउप्प्प…उउउंम्म….म्म्मेह…सस्स्ररुउउप्प्प्प

यहाँ ये सीन देखते हुए मैं गरम होने लगा

औरत-या..बेबी…फास्ट….ऊओ…यस…यस…यस…उउउउउम्म्म्म

लड़की-सस्स्ररुउपप..सस्ररुउउप्प…सस्ररुउउप्प….

औरत-ओह यस..ओह यस…ओह येस्स…आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

लड़की-उउउंम्म…उउउंम्म…उउम्म्म्ममम

औरत-आअहह..अहहह….फ़्फ़ाआस्स्टटत्..बेबी…फ़फफ़ास्स्टत्..आहह

अंदर वो दोनो अपनी ही मस्ती मे बिज़ी थी ऑर मैं उन्हे देख-देख कर गरम हो रहा था…

नज़ारा कुछ ऐसा था…जो औरत लेटी थी उसका चेहरा तो नही दिखा पर उसके पहाड़ जैसे बूब्स पूरे तने हुए थे ऑर वो लेटी हुई अपने बूब्स मसल्ते हुए सिसक रही थी……नीचे उसकी चूत मे वो लड़की मुँह घुसाए चूत चूसे जा रही थी ऑर साइड से उस औरत की मोटी-मोटी जांघे दिख रही थी…जिससे अंदाज़ा हो रहा था कि साली की गंद भी जबर्जस्त है...


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06-05-2017, 02:33 PM,
RE: चूतो का समुंदर
अब नीचे वाली लड़की को देखा…वो स्लिम बॉडी की मालकिन थी ..उसके बूब्स तो नही दिखे पर गंद सॉफ दिख रही थी…साली मस्त गंद थी ..ना बड़ी ना छोटी…मारने मे मज़ा आएगा…

मैं अपनी नज़रों से उन दोनो का चोदन कर रहा था ऑर वो मज़े मे अपने काम मे लगी हुई थी..

औरत-आअहह…ओह्ह…येस्स..फास्ट….बेबी…फास्ट….आहह

लड़की-सस्स्ररुउपप…सस्ररुउपप…उउंम्म…म्म्मेह….सस्स्रररुउउप्प

औरत-बेबी…आहह….आइ…एम्म…ककक्कूओंम्मिन्ननन्ज्ग

लड़की-(तेज़ी से)-सस्स्ररृूपप..सस्रररयउउउप्प..सस्स्ररुउपप..सस्ररुउउप्प..उउउंम…
उउंम…म्मीह…म्मसह

औरत-ओह यस… ओह यस….. ओह यस…. ओह यस…ककक्कूओंम्मिन्ननन्ज्ग…..आअहह

इतना कहते हुए वो औरत झड़ने लगी ऑर वो लड़की मस्ती से चूत रस को चूस्ते हुए गटकने लगी…


लड़की-सस्स्ररुउपप..उउउंम्म…उउंम्म..सस्स्रररुउउप्प

औरत-आअहह…येस्स्स….टेक इट बेबी…यईीसस…आहह…लाइक दिस..


वो औरत झड़ने के बाद सुकून से लेटी हुई थी ऑर वो लड़की उसकी चूत का पानी पीने के बाद उसकी चूत को अंदर तक चाट रही थी….ओर मैं साला दो-दो चूतो के होते हुए भी अपना खड़ा लंड लेकर उन्हे देख रहा था…

वो लड़की चूत को चाट कर उठ गई ऑर बोली..

लड़की-मासी(मतलब मौसी) मज़ा आया

औरत-आहह,,,बेटी…हाँ…बहुत ज़्यादा….क्या चूस्ति है तू…

लड़की-सच मे…थॅंक्स

औरत-सच मे बेटी…..तूने तो पूरी गर्मी निकाल दी चूत की…

लड़की-हाँ…मासी….अब आपकी बारी..

औरत-हाँ बेटी हाँ....आअज़ा..मेरी प्यारी बेटी...अब तू मेरी जगह ऑर मैं तेरी जगह

इतना कहते हुए वो उठने वाली थी ऑर मैं थोड़ा साइड मे आ गया ताकि वो देख ना ले...पर मैं बाते सुन रहा था

लड़की-मासी वैसे आपकी चूत मे लंड कब्से नही गया

औरत-बेटा लंड तो काफ़ी टाइम से नही मिल रहा…पिछली बार हम साथ मे चुदे थे ना …तभी से चूत सूखी पड़ी है…

लड़की-मासी कोई लंड का जुगाड़ करो ना…मज़ा करेगे…

औरत-बेटा लंड तो वही लूँगी जो मेरी गंद फाड़ सके…कोई दमदार लंड दिखे तो गंद फड़वाउन्गी…चूत तो तुझसे शांत करवा ली…



लड़की-हाँ आंटी..और अगर आपको कोई मिल जाय तो मुझे भी बुला लेना..मेरी गंद मे भी छोटा लंड ही गया….पर मुझे बड़े लंड से गंद मर्वानी है…ताकि असली मज़ा मिले…

औरत-ऑर चूत….इसका क्या

लड़की-अरे मासी चूत तो तुम शांत कर देती हो…ऑर जब गंद मरवा लूगी तो चूत भी मरवाउंगी….लेकिन पहले गंद

औरत-तो कोई है नज़र मे

लड़की- हाँ ,1 है …आज किस्मत ने साथ दिया तो आज ही मिल जायगा…अभी मेरी चूत की प्यास भुजाओ…

औरत-हाँ,बेटी..पर मेरे भीखयाल रखना..अकेले-2 ही मत फडवा देना

लड़की-मासी…डॉन’ट वरी….आपने मेरी चूत फडवाइ थी , मैं आपकी गंद फडवाउंगी…अब आओ भी…आग लगी है

औरत-हाँ ये लो…सस्स्रररुउप्प्प…आअहह..मस्त चूत है तेरी …सस्स्रररुउउप्प्प्प

लड़की-आअहह…मासी…खा जाओ….आहह

औरत-सस्स्रररुउउप्प्प….जवान चूत चाटने का मज़ा ही अलग है…सस्स्ररुउउप्प

मैने सोचा अब ये बिज़ी हो गई ..मैं देखता हूँ….

मैने थोड़ा अंदर झाँका तो वैसा ही सीन था जैसा कुछ देर पहले था …बस दोनो की जगह बदल गई थी…
मैने देखा कि उस औरत की गंद तो एक दम गद्देदार थी….मेरे मुँह मे सच मे पानी आ गया…..ऑर वो लड़की जो अपनी चूत चटवा रही थी…उसके बूब्स भी मस्त थे…बिल्कुल कड़क जवान माल थी….मैं लंड को पेंट के उपर से ही सहलाते हुए उन्हे देखने लगा ऑर वो मज़े करती रही

औरत-सस्स्ररुउपप…सस्ररुउउप्प…सस्ररुउपप..सस्ररुउप्प्प

लड़की-आअहह…मासी…खा जाओ…आहह……मैं..बासस्स

औरत-सस्ररुउपप…सस्ररुउपप..सस्ररुउपप…सस्ररुउपप

लड़की-मासीइ…आअहह…कक्खहाअ…ही जाओगी..क्याअ…आअहह….फाससस्टटत्…हहाअ

औरत-सस्स्ररुउपप…सस्स्ररुउपप…सस्स्ररुउपप…उउंम्म…सस्ररुउउप्प

लड़की-म्म्मारआअसस्सीसीई…म्म्म्मै ईयाईिन्न्न्न्…आहह…आाऐययइ

इतना कहते ही लड़की झड़ने लगी ऑर औरत मज़े से जवान चूत का रास्पान करने लगी…

जब वो औरत पूरा चूत रस पी गई तो चूत को चाट कर सॉफ भी कर दिया…ऑर फिर दोनो एक दूसरे को सीने से लगा कर लेट गई और आपस मे किस करने लगी...
थोड़ी देर तक वो औरत लड़की के उपेर चढ़ कर किस कर रही थी...फिर अचानक से लड़की ने औरत को नीचे किया ऑर कुछ ज़्यादा ही जोश मे किस करने लगी....
जब दोनो का किस कर के मन भर गया तो दोनो आजू-बाजू लेट गई और लंबी-2 ससंसे लेती हुई अपने आप को नॉर्मल करने लगी.....

थोड़ी देर के बाद जब दोनो चुसाइ की मस्ती से बाहर आ कर नॉर्मल हुई तो आपस मे बातें करने लगी....

औरत-बेटी आज तो मज़ा आगया….

लड़की-हाँ मासी सारी गर्मी निकल गई

औरत-हाँ बेटा ...इस शादी के कामो मे 2 दिन से सूखा पड़ा था चूत मे..

लड़की-मासी सच कहा..बस अब एक तगड़ा लंड मिल जाय तो गंद को भी चैन मिल जाय

औरत-मिलेगा बेटी, सबर कर…..जब भी मिलेगा छप्पर फाड़ के मिलेगा…हहहे

ऑर वो दोनो हँसने लगी….अभी वो ऐसे ही पड़ी थी ऑर मैं छुपा हुआ देख रहा था कि लड़की का सेल बजने लगा ऑर मैं पूरी तरह छिप गया…
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06-05-2017, 02:34 PM,
RE: चूतो का समुंदर
लड़की ने फ़ोन पर बात की ऑर आने का कह कर कॉल कट करके बोली

लड़की-मासी , मोम ने बुलाया है...जाना होगा..

औरत-ओके तू जा..मैं यही रेस्ट करती हूँ....पूछे तो बताना मत..

लड़की-ओके(ऑर औरत को किस कर दिया)

औरत-अब जल्दी कपड़े पहन ऑर हुलिया ठीक कर ले वरना तेरी मोम को शक हो जायगा..

लड़की-हाँ...

लड़की फिर जल्दी से कपड़े पहन कर और बाल सवार कर रेडी हो गई....रेडी होने के बाद

लड़की- अब ठीक है मासी...???

औरत-हाँ…जा..अब…..

जैसे ही लड़की जाने को मूडी तो उसकी नज़र खुले हुए गेट पर पड़ी, तो वो डर गई ऑर बोली...

लड़की-ओह माइ गोद…मासी गेट खुला था..????

औरत-डॉन’ट वरी यहाँ कोई नही आता…तू टेन्षन फ्री होकर जा

लड़की-ओके...पर आगे से याद रखना होगा

औरत-ओके....

मुझे लगा कि अब लड़की बाहर आयगी तो मैं दबे पाब सीडीयों से नीचे आया ऑर सीडीयों के नीचे की खाली जगह पर छिप कर उसका वेट करने लगा.....

थोड़ी देर मे ही वो लड़की निकल गई …ऑर मैं देख कर शॉक्ड रह गया…

ये तो वही लड़की थी जो मेरी और कामिनी की गंद चुदाई देख रही थी,,,,ऑर रात मे मुझे आखें दिखा रही थी….…उसने टॉप ऑर जीन्स पहना हुआ था ऑर उनमे उसका फिगर गजब ढा रहा था,,,,,,,पर ये यहाँ इस औरत के साथ क्यो कर रही थी वो सब…???...और वो औरत तो इसकी मासी है....मतलब कामिनी की सिस्टर…..अब देखता हूँ साली को…

फिर मैने सोचा कि बदला बाद मे…अभी जो लंड खड़ा है उसका क्या करूँ….उस औरत के पास जाउ…???....नही मानी तो..????


फिर मुझे याद आया कि साली को अपनी गंद मरवाने की खुजली है…ऑर उसकी गंद देख कर मेरा तो लंड तड़प रहा था….हाँ ऑर लड़की की गंद भी मारनी है..पर पहले इसे देखते है

इसे तगड़ा लंड चाहिए गंद फडवाने ..मैं देता हूँ…साली….जिंदगी भर याद रखेगी…

मैं सोचते हुए अपने आप से सवाल करते हुए जवाब तैयार कर रहा था…फिर सोचा..

सोचने का टाइम नही…अभी औरत गरम है …जाकर हमला कर देता हूँ….लंड देख कर ही लेट जाएगी…ऑर ये सब सोच कर मैं सीडीयों से वापिस उपर जाने लगा….


जैसे ही मैं सीडीयाँ चढ़ कर उपर गेट पर पहुचा तो मैने देखा कि वो औरत खिड़की के पास बाहर को देखती हुई सिगरेट पी रही थी…

मैं(मन मे)-साली अभी-अभी चूत की गर्मी निकली ऑर अब देखो बॉडी मे सिगरेट से गर्मी भर रही है…

मैने देखा कि वो सिर्फ़ वन पीस ड्रेस मे खड़ी हुई है…शायद नाइटी जैसा था कुछ ऑर उसकी बड़ी सी गंद मेरी तरफ थी…जो पूरी सॉफ-सॉफ नज़र आ रही थी ड्रेस के अंदर से ही…

मेरा लंड तो गंद देख कर फिर से झटके खाने लगा….

मैने सोचा कि बिदाई का प्रोग्राम शुरू होने मे ज़्यादा टाइम नही है…इसके पहले मैं इसका काम तमाम कर दूं वही ठीक होगा…

मैने टाइम बर्बाद ना करते हुए गेट पर नॉक किया...



मैं(नॉक करते हुए)-एक्सक्यूस मी

मेरे नॉक करते ही वो औरत हड़बड़ा गई ऑर उसकी सिगरेट हाथ से छूट कर गिर गई ऑर वो पलट के बोली

औरत-क्क़…कॉन हो त्त्त…तुम???

मैं(मुस्कुराते हुए)-क्या मैं अंदर आ सकता हूँ

औरत-तुम हो कौन..ऊओररर…यह्न.क्या..कैसे..???

मैं-घबराइये मत मैं यहाँ शादी मे आया हूँ…कामिनी का गेस्ट हूँ

औरत-(थोड़ा नॉर्मल हुई)-ओके...बट यहाँ कैसे आए...क्यो आए*??

मैं-अरे आप टेन्षन मत लो…मैं तो ऐसे ही घूम रहा था

औरत-यहाँ ..???..ये कोई जगह है घूमने की..जाओ यहाँ से

मैं(मन मे)-लगता है साली की फट गई, मुझे अचानक देख कर …इसे नॉर्मल करना होगा…वरना गंद गई समझो

औरत-खड़े क्यो हो..जाओ बोला ना

मैं-अरे आप मेरी बात तो सुनो

औरत-मुझे कुछ नही सुन ना दफ़ा हो यहाँ से

मैं-अरे आप डर क्यो रही है…सुनिए तो…फिर मैं चला जाउन्गा

औरत(कुछ सोच कर)-ओके..पहले ये बताओ इस रूम मे क्या कर रहे हो

मैं-अरे मैं तो यहाँ से घूमते हुए निकल रहा था…मैने कुछ आवाज़ सुनी ऑर आवाज़ के पीछे –पीछे आ गया

औरत(डरती हुई)-क्क़…क्कैसी आवाज़…????

मैं(मुस्कुरा कर)-मस्ती की आवाज़े...ऑर एक नही बल्कि दो-दो लोगो की

औरत-(पूरी तरह डरी हुई)-वो…वो…यहाँ तो कोई नही…म्म्म्मल…मैं अकेली हूँ

मैं(मुस्कुरा कर)-अच्छा…अकेली हो…पर जब आवाज़ आ रही थी तब तो..हाहहाहा

औरत-तब तो…क्कक्या???

मैं-तब यहाँ कोई दूसरा भी था
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