Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-05-2017, 02:36 PM,
RE: चूतो का समुंदर
तभी मुझे याद आया कि आंटी ने अंकल को मनाया कि नही...???....यहाँ रुकने को ...तो मैने आंटी को कॉल किया...

( कॉल पर) 

मैं- हाँ आंटी .. काम हुआ..???

आंटी- बेटा तू बोले ऑर मैं ना करूँ...ऐसा हो सकता है क्या...???

मसिन- अरे वाह मेरी प्यारी आंटी...कमाल हो ...

आंटी- अब मस्का मत मार....मैने रुकने का इंतज़ाम कर दिया...अब मुझे भी कुछ मिलना चाहिए....

मैं- आप बोलो ..क्या चाहिए आपको...??

आंटी- बेटा मुझे तो बस तुम्हारा तगड़ा हथियार चाहिए...आज रात...

मैं- आंटी आज रात...???...पर...

आंटी- जानती हू कि तुझे न्यू चूत मिली है...पर रात लंबी है...थोड़ा टाइम मेरे लिए भी...प्ल्ज़्ज़ बेटा...आग लगी है

मैं- ओके मैं कॉल करूगा तब आना ...ओके

आंटी- ये हुई ना बात....ओके बेटा मैं इंतज़ार करूँगी...

मैं- ओके ..तो अभी बब्यए

आंटी- ओके बेटा , बाइ

मैं आंटी से बात कर के दीपा के रूम के लिए निकल गया.....

जैसे ही मैं दीपा के रूम के पास पहुचा तो देखा कि उसका गेट लॉक नही था…मैं गेट ओपन करके अंदर गया तो सामने दीपा बेड पर सोई हुई थी…


मैने देखा कि दीपा 1 नाइटी पहने हुए सो रही है ऑर उसकी नाइटी इतनी छोटी थी की आधी गंद को ही ढके हुई थी…

मैने बेड के पास जाकर देखा तो पता चल कि दीपा ने नाइटी के अंदर कुछ भी नही पहना हुआ है…क्योकि उसका आधा बूब बाहर से दिखाई दे रहा था ऑर नाइटी उपर उठ जाने के कारण उसकी गंद की दरार दिख रही थी..जो पूरी नंगी थी…

मैने अपने हाथ बढ़ा कर दीपा की नाइटी को थोड़ा और उपर कर दिया जिससे की दीपा की गंद पूरी नंगी मेरे सामने आ गई…


मैने(मन मे)- यार इसकी गंद देख कर तो लंड खड़ा ही हो गया…अब तो इसे चोदे बिना लंड मानेगा नही….

ऐसा करते है कि जब तक सोनू आयगा तब तक मैं दीपा को चोदता हूँ..फिर उसकी माँ को चोदुन्गा…

हां..यही करता हूँ…पर इतनी लंबी चुदाई करना है वो भी दो गरम माल के साथ तो…???...हां , टॅबलेट है ना ..वो कब काम आयगी…

फिर मैं बेड के पास गया ऑर अपना लंड बाहर निकाल कर दीपा के मुँह के सामने खड़ा हो गया…




दीपा अपनी मस्ती मे सोई हुई थी ऑर मैं अपने हाथ मे लंड लिए उसे देख रहा था….

मैं(मन मे)-साली चुदने के लिए इतनी मर रही है कि कुछ पहना ही नही…नंगी ही सो गई..कि आते ही चुदाई शुरू हो जाय..कपड़े निकालने मे टाइम ना निकले…हाहहहा

मैने फिर दीपा की नंगी गंद पर हाथ फिराते हुए उसे जगाने को आवाज़ दी...

मैं-उठ जा मेरी रानी….मैं आ गया ...

दीपा अभी भी नही उठी तो मैने दीपा की गंद पर एक थप्पड़ मारा ऑर वो हड़बड़ा के उठ गई…

दीपा-आहह..कक्क्को..कौन है..??

जैसे ही दीपा ने मुझे देखा ऑर मेरे लंड को…तो वो मुस्कुरा दी ऑर बैठ कर मेरे लंड को हाथ मे लेकर बोली…

दीपा-तो याद आ गई मेरी…

मैं-हाँ, पर ये बता कि गेट लॉक क्यो नही किया ऑर उपर से नंगी ही पड़ी थी…???

दीपा-अरे यार तुम्हारे सिवाय कौन मर्द है जो मेरे रूम मे बिना इज़ाज़त एंटर हो सके…बाकी रही मेरी फ्रेंड तो उनकी टेन्षन ही नही…इसलिए मैं ऐसे ही सो गई थी

मैं-ह्म्म…तो अब जाग जा…देखो मेरा लंड भी जाग गया..हहहाः

दीपा- हाँ क्यो नही…अभी इसको पूरा मैं जगाती हूँ…

और ये कह कर दीपा बेड पर बैठ गई और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.....

मैं- आहह..तेरा हाथ लगते ही फड़कने लगा....देख...

दीपा( मुस्कुरा के) - अभी तो पूरा जगाना है....

ऑर दीपा मुस्कुराते हुए मेरे लंड को प्यार से सहलाने लगी......

फिर थोड़ी देर लंड सहलाने के बाद दीपा ने मेरे लंड को चाटना सुरू किया..और थोड़ी देर चाटने के बाद लंड के टोपे को मूह मे भर कर चूसने लगी….मेरी तो आह ही निकल गई…

मैं-आअहह…तू जब भी चूस्ति है…बड़ा मज़ा करवाती है मेरी रानी…

दीपा-उउउंम्म…सस्शहुउऊउंम्म….उउम्म्म्म..सस्स्ररुउउउप्प्प

दीपा( लंड को मूह से निकाल कर)- तुम्हारा लंड ही ऐसा है कि चूसने का मज़ा बढ़ जाता है….

और फिर से मेरे लंड को मूह मे भर कर चूसने लगी….अब दीपा पहले से ज़्यादा जोश मे लंड का टोपा चूसने लगी और बेड पर कुतिया की तरह बैठ गई….

दीपा के कुतिया बनते ही उसकी ड्रेस उसकी कमर पर आ गई और दीपा की जानदार गंद पूरी तरह उपर की तरफ उठ गई….

दीपा मज़े से लंड का टोपा चूसे जा रही थी और मैने हाथ बढ़ा कर दीपा के बूब्स को बाहर निकाल दिया और लंड चुसाइ का मज़ा लेने लगा…
मैं-आहह…दीपा…साली टोपा ही चूस्ति रहेगी….पूरा लंड बाकी है अभी..आहह

दीपा-सस्ररुउउप्प्प…उउउंम्म..सस्सुउउ…सस्रररुउपप…उउउम्म्म्म..

दीपा ने धीरे-धीरे मेरे लंड को मूह मे भरना सुरू किया और देखते ही देखते मेरे पूरा लंड उसके मूह मे चला गया….मैने भी अपना हाथ बढ़ा कर दीपा की उठी हुई नंगी गंद को सहलाना सुरू कर दिया….दीपा ज़ोर से लंड को मूह मे अंदर-बाहर करने लगी और मेरा लंड कड़क होने लगा….

दीपा—उउउम्म्म्ममममममम……उूउउम्म्मस्स्स्रर्र्र्रप्प्प्प्ुउउउ….
.उउंम्म..उम्म्म.स..सस्स्ररप्प…सस्रर्र्र्प…उउम्म्म्म…सस्ररुउप्प्प…ससरुउउप्प..उउंम्म

मैं-और तेज ..आहह…ऐसे ही….गले मे ले जा….आहह मेरी रानी

दीपा—सस्स्रररुउउउप्प्प...सस्स्ररुउउप्प्प्प....ग्ग्गूऊमम्मह...
उउउम्म्म्ममममममम……उूउउम्म्मस्स्स्रर्र्र्रप्प्प्प्ुउउउ..उउंम्म....सस्ररप्प…सस्रर्र्र्प

दीपा की लंड चुसाइ से जब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया तो मैने दीपा को दूर हटाया और उसे घुमा के कुतिया बना दिया....और दीपा की गंद मेरी तरफ आ गई...

मैं-दीपा तेरी गंद तो दिन पे दिन मस्त होती जा रही है...और मैने गंद पर थप्पड़ मारा..

दीपा- आहह…तुम ऐसे ही चुदाई करते रहो और भी मस्त हो जायगी…..अब तडपाओ मत…करो ना

मैं-हाँ मेरी रानी …पर पहले मैं ये रस तो चख लूँ…जो तेरी चूत से टपक रहा है…

मैं(मन मे)-साली कितनी गरम हो कर बैठी थी…चुदाई शुरू भी नही हुई और इसकी चूत ने पानी छोड़ दिया…

दीपा- अब क्या हुआ…जल्दी से करो ना…चूत बहुत प्यासी हो गई है..

मैं-अभी ले मेरी रानी..
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06-05-2017, 02:37 PM,
RE: चूतो का समुंदर
इसके बाद मैने अपना अंगूठा दीपा की गंद मे डाल दिया और झुक कर दीपा की चूत पर लगे चूत रस को जीभ से चाटना सुरू कर दिया...दीपा इस दोहरे हमले से और भी ज़यादा तड़प उठी...

दीपा-ऊहह….आहह...खा जाओ..अहहह...उउउफफफ्फ़

दीपा तड़प रही थी और मैं चूत रस को चाटने लगा….

मैं-सस्रररुउउप्प्प्प…उउउम्म्म्म…..उउउंम्म.....
उूउउमम्मूउउहह….सस्स्रररुउउप्प्प…….सस्स्रररुउउप्प्प..

दीपा-आहह...माआ....ऊउरर..तीएजज्ज़.....
......म्माईिईन्न्न...आऐईइ...आहहह

मैं-सस्रररुउउप्प्प्प…सस्स्रररुउउप्प्प…..सस्स्स्रररुउउप्प्प्प....
उउउम्म्म्मम….सस्स्रररुउउप्प्प……. सस्स्रररुउउप्प्प..सस्स्रररुउउप्प..

दीपा आहें भरती हुई झड़ने लगी और मैने दीपा की चूत से बहता हुआ चूत रस पीना जारी रखा और साथ मे अपने अंगूठे को दीपा की गंद मे घुमाता रहा....

जब दीपा पूरी झड गई और मैने उसका पूरा चूत रस पी लिया तो मैने दीपा की चूत और गंद को छोड़ दिया और खड़ा हो गया....

उसके बाद मैने देर ना करते हुए दीपा की कमर पकड़ कर अपनी तरफ खीचा और अपने लंड को उसकी चूत मे सेट करके एक धक्का मारा…
दीपा-आअहह….डालो…आहह

मैं-ये ले…बहुत फड़फदा रही थी चुदने को…

और मैने दूसरा तेज धक्का मारा और आधे से ज़्यादा लंड दीपा की चूत मे चला गया....

दीपा-आअहह....ऐसे ही....फाड़ दो....आअहह....बहुत...सताती है...ये...आहह

मैने दीपा की कमर पकड़ कर तीसरा धक्का मारा और पूरा लंड दीपा की चूत मे घुस गया...

दीपा-ऊओह…म्माआ…..आअरररामम्म..ससीए…आअहह

मैं-अब रो मत…साली तुझे ही शोक है चूत फटवाने का…हाअ

दीपा-आअहह…हाअ…डाअल्ल्लूओ…फ्फ़ादद दूओ…आअहह

मैने-तो ये ले…फट गई तेरी…

और मैने दीपा की कमर पकड़ कर उसे चोदना सुरू कर दिया…….

दीपा-आअहह…म्माअरर ग़गाइइ…ऊओ…माआ…आअहह

मैं-मज़ा आया…???

मैने फिर 1 के बाद एक शॉट लगाना सुरू किया बीच मे लंड बाहर करके एक बार मे पूरा अंदर डाल देता था…..

दीपा-आहहह….आअररराम्मा….आआहहह…सस्सीई…
…म्म्म्मा ररर…..फ़फफात…ग्गगाइइइ…म्म्माबआ…आअहह

मैं-ये ले कुतिया…अब फटी तेरी…

और मैं तेज़ी से दीपा की चूत मारने लगा

थोड़ी देर मे ही दीपा की आवाज़ बदल गई…और अब वो मज़े से सिसक रही थी…

दीपा-आअहह,…अहहाअ…आइसे ही…आअहह…ऊउरर…तेजज…एसस्स….ज्जूउर्र…ससीए…आहह

मैं-फाड़ दूं…

दीपा-आअहह….फाड़ दे……पूरा डाल्ल…आहह….हहाअ…अंदड़डार्रर हहा….ज्ज्जूउर्र…सीए…आअहह

मैं-साली...ये ले...और मैने 1 हाथ आगे करके से उसके बूस को पकड़ा और दबाते हुए चूत मारने लगा…..

दीपा-आअहह…हाअ…राअज्जजाअ…आईीससीए..हहिी…फ्फ़ाआद…दीए….

मैने दीपा का बूब छोड़ा और उसे पीठ से दबा कर बेड पर पूरा झुका दिया…दीपा का सिर बेड पर था और मैने एक पैर को बेड पर रखा और तेज़ी से दीपा की चुदाई चालू कर दी….
दीपा-आअहह…आअहह…ऊउरर्र…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्मा आ….उूउउफ़फ्फ़…म्म्मार….फ़फफादद्ड़..दद्दूव…आअहह

मैं-हाँ मेरी रानी तू मज़ा कर…मैं फाड़ता हूँ तेरी….

दीपा-आहहह...ज्ज्जूउर्र ...ससीए.....यईसस्स...यएएसस.स..ऊहह...म्मा....ज्जूउर्र ...ससीए

मैं तेज़ी से दीपा को कुतिया की तरह चोदे जा रहा था और साथ मे उसकी गांद पर थप्पड़ भी मार रहा था...और दीपा मस्त होकर आँखे बंद किए हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी...

मैं इसी तरह थोड़ी देर तक दीपा को चोदता रहा….फिर मुझे लगा कि दीपा कुतिया बनी हुई थकने लगी है तो मैने पोज़िशन चेंज करने का सोचा…

और मैने लंड को बाहर निकाल कर दीपा को बेड पर पलट दिया और अपने साइड खीच लिया...

दीपा-आअहह….आज्ज तो चुदाई मे ज़्यादा ही मज़ा आ रहा है…क्या बात है…

मैं-तेरी चूत ही ऐसी है मेरी रानी …और मैने दीपा की जांघे पकड़ कर लंड को चूत पर सेट किया और डालने लगा…

दीपा-नई चूत मिलने की....ख़्हुउऊस्स्शशहिईीई….आआअहह……

दीपा पूरी बात बोलती इससे पहले ही मैने पूरा लंड एक ही धक्के मे दीपा की चूत मे उतार दिया…

मैं-क्या बोल रही थी…

दीपा-आअहह….नई चूत तुम्हे मिल रही…आहह….और….फट मेरी रही…अहहह

मैं-तुझे भी नया लंड मिलेगा…पर अभी मज़ा कर…वो आता ही होगा…

दीपा-आहह…वो...तो तुमने कहा तो…आअहह…मेरे लिए तो यही बेस्ट ….आहहह..है….

मैं दीपा को थोड़ी देर तक आराम से चोदता रहा और फिर उसकी एक टाँग को हाथ से उठा कर स्पीड तेज करते हुए ज़ोर से चोदने लगा….
दीपा-आअहह…म्म्मासअस्सटत्…ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाईयैयाीइ….जब भी अंदर …आहह.जाता है….मज़ादेता…आहह..है…ऊहह

मैने दीपा दोनो हाथो से पकड़ा और तेज़ी से चोदने लगा…

दीपा—आहह…रर्रााज्जज्जा……आऐईइईसीई,,हिी….क्क्हुउस्स्स…क्करर्र डदीया…आब्ब…मैईन्न..बभी….ख़्ुस्शह..क्करररर द्दुऊऊग़गगीइइ…आहह….ऊौरर्र…त्टीजज……

मैं-इहहाअ….य्ययहहाअ

दीपा-आअहह…ऊओझहह…म्म्मरज़्ज़ाअ…आहह

मैं-य्स्स….तू उस लड़के को भी खुश कर देना….

दीपा-आअहह…बिल्कुल…..आइसाखूस कारूगी…आअहह…कि.मेरा गुलाम हो जायगा…आअहह….

मैं-बहुत खूब….ये ले…

दीपा-आअहह..म्म्मा यन्न्न्न् बभहिी आईयाईयाय,,,आहह

और 20 मिनिट की चुदाई मे दीपा फिर से झड्ने लगी.....

दीपा-आअहह…आह.आ.आह…अमम्मायन्न…आऐईइ…..आ..आह...आऐईयईईईईई

मैं-आअहह….ये ले …

दीपा झड्ने लगी और चुदाई की आवाज़ बदलने लगी

आअहह…..स्शहहह..आहह…त्ततहुूप्प्प…कचहुप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततहुूप्प्प…त्ततहुूप्प्प….फ़फफूूककचह…फ़फफूूककच…
.ऊओ…ईीस्स…यईीसस…आअहह….ऊओ……फफफफकक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प…आहह

ऐसे ही दीपा झड गई और मैने दीपा की चूत से लंड निकाल लिया….
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06-05-2017, 02:37 PM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं भी इतनी देर से खड़े- खड़े चुदाई करके थकने सा लगा था तो मैं जाकर बेड पर लेट गया और दीपा भी झड्ने के बाद लेट गई…….

थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद दीपा उठ कर मेरे सीने पर लेट गई और बात करने लगी…

दीपा- क्या हुआ राजा…थक गये क्या..???

मैं-हाँ..इतनी देर से खड़े हुए चोदता रहा तुझे तो पैर दर्द होने लगा…

दीपा-ओह्ह…मेरे राजा ..मैं अभी ठीक करती हू…

उसके बाद दीपा अपने नाज़ुक हाथो से मेरे पैरो को मालिश देने लगी और साथ मे किस भी करती जा रही थी….

दीपा की मालिश से मेरा लंड जो थोड़ा लूस पड़ गया था फिर से अकड़ना सुरू हो गया…

दीपा पैरो से होती हुई मेरे लंड पर आई और मेरी बॉल्स को मूह मे भर कर चूसने लगी और साथ मे मेरे लंड को हाथ से मालिश देने लगी…

तभी मेरा फ़ोन बजने लगा और मैने दीपा से फ़ोन लाने को कहा….दीपा ने मुझे फ़ोन दिया और वापिस से मेरे लंड और बॉल्स को चूसने चाटने लगी…

मैने काल पिक किया…ये सोनू ( सुषमा का बेटा) का कॉल था….

मैं-हाँ भाई..

सोनू…कहाँ है भाई हम तेरे रूम मे है…

मैं-अच्छा..ये बता कि तूने बोला क्या अपनी माँ को…

सोनू-भाई डीटेल बाद मे बस ये समझ से कि मैने कहा कि तू मेरी बिज़्नेस सेट करने मे हेल्प करेगा और बात करने के लिए मोम को बुलाया है...

मैं-पर तेरी माँ मानी कैसे और तेरे डॅड को कैसे मनाया…

सोनू-मैं सब बताउन्गा पर बाद मे…अभी बोल क्या करना है…

मैं-एक काम कर ..अपनी माँ से बोल कि तू मुझे लेकर आता है और जब तक वो रूम मे रहे और हाँ तू रूम नंबर...***** मे आ जा…चूत तैयार है..हाहहहा

सोनू( खुश होकर)- जैसा तू कहे...अभी आया...

मैने फ़ोन रख दिया और तब तक दीपा मेरे लंड को पूरा तैयार कर चुकी थी.....

दीपा- तो वो आ रहा है..

मैं-हाँ मेरी रानी रेडी हो जा….

दीपा-पर मुझे तो तुमसे चुदना है अभी…

मैं-चलो हम दोनो चोदेगे..खुश…

दीपा- हां…बहुत खुश

मैं- तो फिर लंड को तैयार कर दे...फिर तुझे मज़ा कराता हूँ....

मेरे कहते ही दीपा ने मेरे लंड और बॉल्स को चूमना चाटना सुरू कर दिया...दीपा कभी लंड को सहलाती और बॉल्स चूस्ति तो कभी लंड चूस कर बॉल्स सहलाती...और मेरे लंड को प्यार करते हुए तैयार करने लगी....

मैं-तो आजा ..जब तक वो आता है तू मेरी सवारी कर…मेरे पैर भी ठीक हो जाएगे…

दीपा- ठीक है मैने दोनो काम साथ मे कर दूगी….

मैं- वो कैसे…????

दीपा – देखते जाओ…

इसके बाद दीपा मेरी तरफ गंद करके मेरे लंड को चूत मे लेते हुए बैठ गई और मेरे पैरो की तरफ झुक कर हाथो से मेरे पैर सहलाते हुए अपनी गंद को मेरे लंड पर घुमाने लगी….

मैं-आअहह…तू भी कमाल है…एक साथ दो काम…गुड

दीपा- तुम मुझे मज़े करवाते हो तो तुम्हारा ख्याल तो रखना बनता है ना…

मैं-अब बैठी मत रहो…वो आने वाला है…चुदाई भी साथ मे चालू रखो…

दीपा उसके बाद मेरे लंड पर धीरे-धीरे उपर नीचे होने लगी और साथ मे मेरे पैरो को मालिश देती रही…

हम अपनी मस्ती मे मस्त थे कि गेट पर नॉक हुई…

मैं जनता था कि सोनू ही होगा…तो मैं बोला

मैं-सोनू .... तुम हो क्या..???

सोनू-हाँ भाई…

मैं-अंदर आजा…और गेट लॉक कर दे…

जैसे ही सोनू अंदर आया तो हक्का वक्का रह गया…सोनू के सामने दीपा मेरे लंड पर उठक बैठक लगा रही थी…और सोनू तो देख कर ही मस्त हो गया…’

मैं-अबे सोनू..गेट तो लॉक कर..खड़ा क्या है..

सोनू ने हड़बड़ाते हुए गेट लॉक किया और थोड़ा पास आ कर बोला…

सोनू-भाई ये तो दीपा आंटी है…

मैं-तो तुझे क्या…चूत मारनी है या पैर छू कर जायगा…

मेरी बाद सुनकर दीपा हँसने लगी और हँसते हुए उछल-उछल कर चुदने लगी…साथ ही सोनू शर्मा कर नीचे देखने लगा…

मैं-अबे अब शरमाना छोड़ और मज़े कर…

सोनू-भाई ..पर..ये…कैसे….
मतलब….आंटी है मेरी…

मैं-साले तू आंटी को मत देख ये देख कि चूत चुदने आई है..और आंटी क्या….मैं तेरी माँ को भी तुझसे चुदवा दूँगा…

सोनू-ओके..भाई..पर…ये…मान…गई..कैसे…???

मैं – तू वो सब छोड़…जैसे ये मान गई वैसे ही तेरी मोम भी मान जायगी और हाँ..जैसे मैं इसे चोद रहा हूँ…वैसे ही तेरी मोम को चोदुगा थोड़ी देर बाद…

दीपा- ओह्ह..तो सुषमा को चोदना है…..आअहह

मैं-हाँ मेरी रानी…

दीपा- आअहह....अच्छा है…फाड़ देना उसकी भी..उउफ़फ्फ़

और इसके बाद हम दोनो हँसने लगे…

मैं-सोनू एक काम कर तू लाइव सेक्स देख …वैसे भी थोड़ी देर बाद तुझे तेरी मॉम को भी ऐसे ही चुदते हुए देखना है…

सोनू- हाँ भाई…तुम करो मैं देखता हूँ…

उसके बाद सोनू सोफे पर बैठ गया और मैने दीपा को जोरदार चुदाई करने का इशारा किया...दीपा ने देर ना करते हुए अपने आप को अड्जस्ट किया और और मेरे दोनो तरफ पैर रख कर पोज़िशन बना ली...

मैने दीपा की कमर को पकड़ा और उसी अपने लंड पर उछलने लगा और दीपा ने अपने दोनो हाथ पीछे करके मेरे सीने पर रखे..और उपेर नीचे होने लगी..

दीपा- ओह्ह..यस..येस्स…येस्स…
आअहह..आहह

मैं-एस्स बेबी…जंप…फास्ट..फास्ट..

दीपा-आअहह….आहह…एस्स..येस…ऊहह…उउउफ़फ्फ़..म्माआ…

मैने और दीपा तेज़ी से चुदाई कर रहे थे और सोनू हुमारी लाइव चुदाई देख कर गरम हो गया था…

मैं-सोनू, कपड़े निकाल और आराम से मज़े ले…

दीपा-ऊहह..आअहह…ददडििकखहाअ…तीएर्राअ…आहह..

हमारी बाते सुनते ही सोनू ने अपने सारे कपड़े निकाले और नंगा हो गया….

सोनू की बॉडी थी तो मस्त …और उसका लंड भी..पर मुझसे थोड़ा सा कम …फिर भी वो मस्त चुदाई करेगा ..इतना मैं श्योर था…

मैं-येस्स..बेबी…ज़ोर से…जंप…जंप…

दीपा- आहह..हा…ऊहह

मैं-दीपा रानी….लंड कैसा लगा…

डीप- आहहह...अच्छा..है...
मज़ा...आएगा..आहह...ऊहह

मैं-सोनू....आअज़ा....फिर....

सोनू मेरी बात सुनके बेड की तरफ आ गया,और पास खड़े हो कर चुदाई का मज़ा लेने लगा...

दीपा तेज़ी से उछलती हुई सोनू को अपने जिस्म के जलवे दिखाने लगी और उसकी प्यास को बढ़ाने लगी…

दीपा- सोनू बेटा…आहह..कैसी लगी आंटी….आहह

सोनू-आंटी…सच मे..आप…मस्त हो….देखते ही लंड फटने लगा…
Reply
06-05-2017, 02:37 PM,
RE: चूतो का समुंदर
दीपा-आहह..बेटा….चूत देखते ही रहोगे…अहहह..की..चोदना भी आता है….

सोनू-आंटी…आप…मौका..तो दो….

मैं-दीपा….चल इसको भी मौका दे ही देते है…अब तू उतर…..

मैने दीपा को अपने उपेर से उतारा और बेड पर लिटा दिया फिर उसके चेहरे के पास घुटनो के बल बैठ गया…दीपा मेरा इशारा समझ गई और लेटे हुए मेरे लंड को मूह उठा कर चाटने लगी…

मैं-सोनू तू खड़ा क्या है….इसकी चूत छू कर तो देख…

सोनू ने काँपते हाथो से दीपा की चूत को टच किया और बोला…

सोनू-भैईई..ये तो बहुत गरम है…मस्त है…

मैने दीपा को देखा और मुस्कुरा दिया और दीपा मुझे देखती हुई मेरे लंड को चाट ती रही…

मैं-सोनू, चूत चखेगा…???

सोनू-हाँ..हां..भाई…क्यो..नही…

मैं- अभी चखता हूँ…

मैने दीपा को कमर से पकड़ कर बेड पर उल्टा खड़ा कर दिया….दीपा का सिर बेड पर था और उसकी चूत मेरे मूह के सामने…

मैं- आजा सोनू अब अच्छे से देख ले …और चख भी ले…

मैने दीपा की कमर को पकड़े हुए थोड़ा और उठा दिया..और सोनू भी दीपा की चूत के पास आ कर चूत को ललचाई नज़रो से देखने लगा...

मैं-अब देख क्या रहा है...शुरू हो जा...देख कैसा चूत रस बहा रही है इसकी गरम चूत...

मेरे कहते ही सोनू ने दीपा की चूत को चाटना सुरू किया और नीचे से दीपा ने मेरे लंड को मूह मे भर लिया..और मैं मस्ती मे दीपा को कमर से पकड़े हुए लंड चुसवाने लगा....

मैं-आहह..दीपा...तू तो...लंड खा ही जायगी...आहह..

दीपा-ग्गगूहह...उउउंम्म...उउउंम...

सोनू-सस्स्रररुउउप्प..सस्ररुउपप..सस्स्ररुउउप्प..सस्स्स्रर्र्ररुउउप्प...

मैं-आहह...क्यो सोनू ..कैसी लगी...

सोनू...सस्स्ररुउउप्प्प...मज़ेदार...सस्स्रररुउउप्प्प...

दीपा-उउउम्म्म्म...उउंम....गगग्गगूऊंन्नसमममम

ऐसे ही थोड़ी देर तक सोनू दीपा की चूत चाट कर मज़े ले रहा था और मैं लंड चुस्वा कर.....दीपा तो पूरी मस्ती मे थी...एक तरफ उसकी चूत पर नही जीभ और उसके मूह मे मेरा तगड़ा लंड....वो तो मज़े मे रंडी बनी हुई थी....

थोड़ी देर बाद मैने सोनू को दूर किया और दीपा को बेड पर लिटा दिया..और खुद बेड के सिरहाने टिक कर बैठ गया और बोला...

मैं- आजा दीपा अब तेरी गंद मारता हू…....

दीपा- सच मे तब तो मज़ा ही आ जायगा….

और दीपा जल्दी से मेरे पास आ गई…

मैं- सोनू, तुझे नया सीन दिखाता हूँ….

सोनू-ओके भाई ,,,पर मोम अकेली है…जल्दी करो…

मैं-थोड़ा रुक फिर मैं जाता हूँ...

सोनू- ओके..भाई

मैने फिर दीपा को अपनी जाँघो पर बैठाया और उसकी गंद मे लंड डाल दिया और उसकी जाँघो को फैलाते हुए गंद मारने लगा….
दीपा सोनू की तरफ मूह कर के गंद मरवा रही थी….उसकी जाँघो के फैलते ही उसकी खुली हुई चूत सोनू की आँखो के सामने थी…

मैं-आअहह…दीपा…तेरी गंद मारने मे ज़्यादा मज़ा आ रहा है…

दीपा-आहह….मुझे भी…आहह…..ज़ोर से….आअहह

मैं-हाँ मेरी रानी अभी ले…

और मैने जाउर से दीपा की गंद मारना चालू किया...थोड़ी देर मे मुझे एक आइडिया आया और मैने सोनू से कहा...

मैं-सोनू..आजा ...इसकी चूत खाली है...भर दे...

सोनू तो जैसे इंतज़ार मे ही था ..मेरे कहते ही वो बेड पर आ गया और दीपा के सामने घुटनो पर बैठ गया...

दीपा-आअहह…अब देखेगा …आहह…या डालेगा….???

सोनू - डालुगा पर पहले थोड़ी प्यास तो भुजा लूँ....

इतना कह कर सोनू झुक कर दीपा की चूत चाटने लगा....

कमाल का सीन था....मेरा लंड दीपा की गांद मे अंदर-बाहर हो रहा था और सोनू दीपा की चूत चूस रहा था और दीपा इस दोहरे हमले से मस्त होकर सिसक रही थी....

मैं- दीपा रानी...तेरे तो मज़े हो गये...

दीपा- आअहह...हाअ...इतना..मज़ा....
आअहह...करते रहो...ऐसे ही....उउफफफ्फ़...माआ

सोनू- सस्स्र्र्ररुउउउप्प्प...सस्स्रररुउउउप्प....
सस्स्ररुउउप्प...सस्स्स्र्र्ररुउउउप्प्प....

थोड़ी देर चूत चटवाने के बाद दीपा सोनू से बोली...

दीपा- आशह...अब...डाल भी..दे....
आअहह...चूस्ता ही रहेगा....आअहह

सोनू- अभी लो आंटी....

फिर सोनू ने तुरंत ही उठकर दीपा की चूत मे लंड सेट किया और धक्का मार के आधा लंड अंदर डाल दिया…

मैं-वाह बेटा…तू भी खिलाड़ी है…


दीपा-आहः..हा…आक्च्छा….हाइईइ

सोनू-आहह..थोड़ा…सा…तुमसे कम…

मैं-चल अब पेल दे....दोनो इसकी चूत और गंद की धज्जियाँ उड़ाते है...

दीपा-आअहह..मज़ा...आयगा....फाड़ दो...

दीपा के बोलते ही सोनू ने दीपा की चूत मे पूरा लंड डाल दिया और उसे चोदने लगा….वहाँ पीछे से मैं दीपा की गंद मारने लगा…और दीपा डबल चुदाई के मज़े मे मस्त हो गई…
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06-05-2017, 02:37 PM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं-आअहह…दीपा….आजज्ज…खुश है…

दीपा-आअहह..हाअ.मेरे राजा…आहह…..मज़ा आ गया…

सोनू- आअहह….सच मे भाई….अच्छा माल दिलाया…थॅंक्स….

मैं-तू बस मज़ा कर….तेरी माँ को ऐसे ही चुदवाउन्गा…

सोनू-आअहह...भाई....जियो....जल्दी से दिला दो...

दीपा- आहह..मेरा भी ख्याल....आअहह..रखना....

मैं-हाँ मेरी रानी ...तुझे भी...बस अभी मज़े कर...

मैने दीपा को पीछे कर के अपने उपेर लिटा दिया और उसके बूब्स को मसल्ने लगा.....और मैने सोनू को इशारा किया और अपनी स्पीड तेज करके दीपा को ठोकने लगे.....सोनू भी मेरा इशारा समझ कर फुल स्पीड मे दीपा को चोदने लगा....और दीपा मस्त हो कर आवाज़े निकालने लगी.....

दीपा-आअहह…आअहह…ऊउरर्र…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्मा.आ….उूउउफ़फ्फ़…म्म्मा ….फ़फफादद्ड़..दद्दूव…आअहह...उूउउफ़फ्फ़..म्म्माह.....आाऐययईई.....म्म्माआ...आअहह

मैं- और तेज सोनू..फाड़ दे इसकी….

सोनू-ये लो भाई…

दीपा- आअहह…आअहह…ऊउरर्र…
तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्मा.आ….उूउउफ़फ्फ़…माआ…म्माईिईन्न्न…आऐईइ…..गाऐइ…..म्म्माई…आआईइ……आअहह…ऊओह

और दीपा ने झड्ना शूरा कर दिया…अब मेरा भी होने वाला था ..और मैने भी झड्ने लगा…..

मैं- मैने भी आया…ये ले….

सोनू- भाई मैं भी गया..आहह

सोनू शायद न्यू चूत के कारण जल्दी झड गया....और मैने दीपा की गंद और सोनू ने दीपा की चूत को अपने –अपने लंड रस से भर दिया...

जब हम झड चुके तो बेड पर ही लेट गये…और रेस्ट करने लगे…


थोड़ी देर बाद सोनू का फ़ोन बजा और उसे देख कर बोला

सोनू-भाई , मोम का काल है, वहाँ मोम अकेली होगी….क्या कहूँ…????

मैं-तू बोल दे कि बस 2 मिनट मे अक आ रहा है…बाकी मे देख लूँगा…

सोनू-पर भाई मेरा क्या..पूछेगी तो...

मैं-तू यहाँ मज़े कर दीपा के साथ , मैं सब देख लुगा…

सोनू-पर भाई मुझे मज़े के साथ मोम की चुदाई भी देखनी है…???

मैं-तू बस मज़े कर…मैं जैसे ही तेरी मोम को मना लनगा तो कॉल करूगा…बस फिर तू आ जाना….और दीपा…तू सोनू को फुल मज़ा दे…..

दीपा- फ़िक्र मत करो…इतना मज़ा दूगी कि बार-बार मेरे पास आयगा…

मैं-अच्छा है..चलो अब मे जाता हूँ…काम बनेगा तब कॉल करूगा…सोनू तू मज़े कर ओके

सोनू-ओके भाई…

इसके बाद मैं दीपा और सोनू को मस्ती करने का बोल कर अपने रूम मे आने लगा....

जैसे ही मैं रूम मे एंटर हुआ तो सुषमा मुझे देख कर घबरा गई…वो खुश भी थी और डरी हुई भी….

सुषमा बिना कुछ बोले बस मुझे देखे जा रही थी…जैसे कह रही हो कि तुम अकेले क्यो आए…???...मेरा बेटा कहाँ है…और यहाँ क्यो बुलाया मुझे…???

मैं सुषमा की हालत देख कर मुस्कुरा दिया और फिर मैने गेट को अंदर से लॉक किया और सुषमा के पास पहुचा…..

सुषमा गेट लॉक करने पर ज़्यादा ही डर गई पर बोली कुछ नही…और जैसे ही मैं उसके पास पहुचा तो डर के मारे उसके पसीने छूटने लगे और होंठ काँपने से लगे….

मैं सुषमा की हालत बखूबी समझ रहा था…कोई भी औरत इस सिचुयेशन मे होती तो वो भी घबराई हुई होती….

सिचुयेशन ही ऐसी थी कि , एक तरफ उसका सगा बेटा उसे उस इंसान के रूम मे लाता है जिसके साथ उसने चुदाई की है और आगे भी चुदाई करना चाहती है और फिर उसका बेटा उसे अकेला छोड़ देता है उसी इंसान के साथ जिसके साथ वह औरत चुदाई करने को तड़पति है…और वो भी तब जब रूम अंदर से बंद हो…तो कौन नही घबडाएगा…..

मैने सुषमा को नौरमल करने के लिए बात करना सुरू किया…


मैं-हेलो सुषमा….क्या हुआ…डरो मत…रिलॅक्स…

सुषमा-त्त..तुम यहाँ अकेले ….क्यो…???

मैं-अरे तुम डरो मत मैं सब बताता हूँ…पहले तुम आराम से बैठो और ये पसीना पोछ लो…

सुषमा- मेरा बेटा…कहाँ…???

मैं(बीच मे ही बोल पड़ा)- वो आ रहा है…

सुषमा बेटे के आने का सुनकर थोड़ा नौरमल हुई और अपना पसीना पोछ कर बोली

सुषमा-तुमने मेरे बेटे को मुझे लाने को क्यों कहा…???

मैं- बस कुछ बातें करनी थी और क्या…

सुषमा-वो तो बोल रहा था कि कोई बिज़्नेस की बात है…

मैं-अरे हाँ…एक डील हुई है हमारी ,…बस उसी की बात करनी थी…

सुषमा-डील…???, कैसी डील…???..और इस डील के बारे मे मेरे पति को पता ना चले , ऐसा क्यों कहा..???

मैं-सुषमा तुम बैठ जाओ पहले,….मैं सब कुछ बताता हूँ…सब क्लियर…ओके

सुषमा- तुमने गेट लॉक क्यो किया…मेरा बेटा क्या सोचेगा…???

मैं-वो कुछ नही सोचेगा…तुम पहले बैठो…मैने कहा ना कि सब बताता हूँ…

सुषमा-नही पहले मुझे बताओ…

मैने सोचा कि सुषमा अभी भी डरी हुई है और मेरी बात नही सुनेगी तो मैने सुषमा को पकड़ कर सोफे पर बैठा दिया...सुषमा बैठने के बाद और भी ज़यादा डरने लगी.....

सुषमा(घबराते हुए)- ये क्या कर रहे हो....तुमने आख़िर यहाँ बुलाया क्यो है....???

मैं-तुम डरो मत....मैं बताता हूँ....

सुषमा(नौरमल होते हुए)- ओके...अब बताओ...जल्दी

मैं-देखो सुषमा…तुम्हे शायद सुनकर अच्छा ना लगे..पर यहाँ तुम्हे चोदने के लिए ही बुलाया है मैने…

सुषमा(खड़ी होकर)-क्या…??? ….पागल हो क्या…

मैं-क्यो…क्या तुम मुझसे चुदना नही चाहती..????

सुषमा-हाँ..पर..मेरा बेटा…???...तुम पागल हो गये हो

मैं-नही, मैं ठीक कह रहा हूँ…इसी लिए बुलाया है मैने…

सुषमा-अच्छा और मेरा बेटा मुझे चुदवाने ले आया...*????

मैं-हाँ

सुषमा - बकवास बंद करो....

मैं- बकवास नही....सच बोल रहा हूँ

सुषमा-तुमने ऐसा कौन सा बहाना बनाया कि वो मुझे अकेला छोड़ गया...

मैं-कोई बहाना नही बस तुम्हारे बेटे के साथ डील की है

सुषमा(इरिटेड होकर ) -कैसी डील…???

मैं-डील ऐसी है कि वो तुम्हे मेरे पास लायगा और बदले मे मैं उसे 1 माल दूँगा…

सुषमा - माल...कैसा माल...???

मैं- माल मतलब लड़की....

सुषमा( आँखे दिखाते हुए)- और ये लड़की किस लिए दोगे...???

मैं - चोदने के लिए...
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06-05-2017, 02:37 PM,
RE: चूतो का समुंदर
सुषमा(शॉक्ड होकर)- क्या…???...नही तुम झूट बोल रहे हो…मेरा बेटा ऐसा सोच भी नही सकता…समझे..


मैं-यही सच है सुषमा…तुम्हारा बेटा इससे भी आगे सोचता है….

सुषमा- क्या…???

मैं-वो तुम्हे चोदना चाहता है….

सुषमा-बकवास मत करो…ऐसा हो ही नही सकता…

मैं-मानो या ना मानो..सच यही है…इसीलिए उसने मुझसे डील की…

सुषमा- अच्छा …पर डील तो किसी दूसरे को देने की हुई थी…

मैं-हां..आज वो दूसरे को चोदेगा और उसके बाद घर मे तुम्हे…

सुषमा-तुम पागल हो और मेरा बेटा भी…ऐसा नही हो सकता

मैं-क्यो नही सुषमा…सोचो कि अगर तुम्हारा बेटा तुम्हारा साथ दे तो…कितना फ़ायदा है तुम्हे…

सुषमा-कैसा फ़ायदा…???

मैं(सुषमा को वापिस सोफे पर बैठा कर)- देखो अगर सोनू तुम्हारे साथ है तो तुम जब चाहे मेरे पास आ सकती हो..या फिर मैं तुम्हारे घर आकर तुम्हे चोद सकता हूँ…और हाँ..जब घर मे सोनू तुम्हे मिल जायगा तो तुम्हारी चुदाई का सौख घर मे ही पूरा होता रहेगा ना…वो भी किसी को पता चले बिना…

सुषमा-ये ग़लत होगा…

मैं-सुषमा…कुछ भी ग़लत नही…रिश्ते अपनी जगह और जिस्म की भूख अपनी जगह…

सुषमा-ऐसा कोई नही करता…

मैं-ऐसा बहुत से लोग करते है पर बाहर वालो को पता ही नही चलता..और बदनामी का डर भी नही...

सुषमा मेरी बात सुनकर सोच मे पड़ गई और उसकी आँखे भी नम हो गई....

मैने सुषमा के कंधो को पकड़ कर कहा…

मैं-सुषमा….मान जाओ…तुम्हारी लाइफ रंगीन हो जायगी…वो भी बिना बदनामी के..और सोनू का फ़ायदा भी होगा…

सुषमा-सोनू का फ़ायदा ....वो कैसे..??

मैं-देखो सुषमा..अगर सोनू को घर मे चूत मिल गई तो वो बाहर की रंडियों के चक्कर मे नही पड़ेगा और बदनामी का ख़तरा नही होगा…नही तो अगर वो बाहर गया और कभी फस गया तो…???

सुषमा-पर सोनू ऐसा क्यो करेगा…

मैं-वो बड़ा हो गया है...उसे भी सेक्स का मन होता है...उसने मुझे खुद कहा...तभी तो मैने बात आगे बढ़ाई..

सुषमा-क्या कहा सोनू ने..

मैं-उसने सेक्स करने की बात की....और साथ मे ये भी बताया कि बदनामी से डरता है...

सुषमा-अच्छा…और ये किसने कहा कि वो मेरे साथ ये सब करना चाहता है…

मैं-उसी ने कहा…क्योकि मैने उसे तुम्हारी गंद घूरते हुए पकड़ लिया था..तब उसने कसम दे कर सच बता दिया…(मैने ये झूठ बोला)

सुषमा-ओह माइ गोद….पर फिर भी ये ग़लत है..मैने अपने बेटे के साथ कैसे….???

मैं-ओके..अभी बेटे के साथ का मत सोचो….वो बाद मे देखेगे…अगर तुम्हे अच्छा नही लगता तो जाने दो..

सुषमा(सोच कर)- वैसे कहा तो तुमने सच है कि अगर ऐसा हो गया तो मज़े भी हो जायगे और बिना बदनामी के डर के…पर अपने बेटे के साथ..कैसे…???


मैने सोचा कि साली नये लंड के चक्कर मे आ ही गई...अब इसे डर नही लग रहा है सिर्फ़ शरम आ रही है....


मैं-अगर तुम हाँ कहो तो मैं हेल्प कर सकता हूँ….तुम्हारी शर्म दूर करने मे…

सुषमा-ठीक है…अगर तुम मेरी शर्म दूर कर सकते हो तो हाँ…

मैं-ओके वो बाद मे देखेगे..पहले अभी चुदाई करे..

सुषमा-अभी..?????...मेरा बेटा जानता है क्या…???

मैं-हाँ…वो भी चुदाई कर रहा है और तुम्हे चोदने को , मुझे भेजा है

सुषमा-सच….इतना बड़ा कमीना है…तब तो मैने चुदाई करूगी ही…

मैं- ये हुई ना बात…अब देख मैं कैसे फाड़ता हूँ तेरी…वो भी तेरे बेटे की मर्ज़ी से..

सुषमा-पर उसे बताया तो नही कि तुम मुझे चोद चुके हो…???

मैं-पागल हूँ क्या…मैने कुछ नही बताया….बल्कि ये कहा कि तेरी माँ को मैं मना लूगा..और मान गई तभी चोदुन्गा…

इसके बाद सुषमा खड़ी हुई और मेरे गले लगा कर बोली

सुषमा-तुम चुदाई के साथ-साथ लोगो को भी अच्छा फसाते हो…

मैं-अच्छा…ऐसा क्यो…

सुषमा- देखो ना…एक बेटे के हाथ से उसकी माँ को अपने रूम मे बुला लिया…चुदाई करने और वो भी बेटे की मर्ज़ी से…

मैं-अरे हम तो वो है जो एक बेटे के ज़रिए उसकी पूरी फॅमिली को चोद दे…हाहहहहा

और मैं हँसने लगा और सुषमा भी मेरे साथ मुस्कुराने लगी….


मैने फिर सुषमा को अपने पास खींच कर उसके होंठो को किस किया और सुषमा ने तो मेरे होंठो को मूह मे भर कर चूस लिया और फिर किस तोड़ कर बोली…

सुषमा- तो अब क्या इरादा है…मेरा बेटा इतनी मेहनत से मुझे लाया है यहाँ…तो चुदाई तो होनी चाहिए….

मैं-हाँ मेरी रानी चुदाई तो होगी और बड़ी जबरदस्त चुदाई होगी…आज तो तेरी गंद भी फटेगी…

सुषमा- नही गंद नही…आज नही फिर कभी…


मैं-क्यो…???

सुषमा- मेरी गंद मे काफ़ी टाइम से लंड नही गया…और गया भी था तो छोटा था…..और तुम्हारा तो तगड़ा है…मैं चल भी नही पाउन्गी…सबको शक होगा..

मैं-ह्म्म..तो किसी को दिखाई ही ना दे तो…???

सुषमा- अरे ..मैं जब यहाँ से जाउन्गि तो पता तो चलेगा ही ना…

मैं-हाँ…पर तुम अगर यही रुक जाओ तो….पूरी रात…???

सुषमा- कैसे…???...मेरे पति…और मेरा बेटा कैसे मानेगा…

मैं-अरे बेटे की छोड़ …वो तो चाहता है कि मैं तुम्हे अपनी रंडी बना लूँ…और रही बात तेरे पति की तो उसका इंतज़ाम मैं कर दूँगा…

सुषमा-कैसे…???

मैं-तुम बस वेट करो….सब सेट कर दूँगा…पर तुम्हे तो प्राब्लम नही ना…

सुषमा- मुझे तो ऐसे मौके की तलाश थी कि तुम मुझे जी भर कर चोदो और मेरे सारे छेद भर दो…..और अब तो मेरा बेटा ही मुझे तुम्हारी रंडी बना रहा है…तो मैं तुम्हारी रंडी ही बनूगी…आख़िर बेटे का दिल तो नही तोड़ सकती..

मैं-हाँ साली….बन जा मेरी रंडी…फिर मैं तुझे तेरे बेटे से चुदवाउगा और फिर तेरे परिवार की चूते मेरे लंड से ही ठुकेगी…

सुषमा- ठोक लेना….मुझे रंडी तो बना लिया…तो फिर मैं सबको सेट करवाने मे हेल्प करूगी…और अपने बेटे को मदर्चोद भी बनाउन्गी…

मैं- तो फिर आज तुझे रंडी की तरह चोदता हूँ…

और इतना कह कर मैने सुषमा के होंठो को मूह मे भर चूसना सुरू कर दिया और उसकी साड़ी का पल्लू गिराया और उसके बूब्स को दोनो हाथो से मसल्ने लगा…

सुषमा—उम्म्म्मम…उउंम्म….उउंम्म
Reply
06-05-2017, 02:38 PM,
RE: चूतो का समुंदर
सुषमा के बूब्स मैं बुरी तरह मसल रहा था …उसे दर्द भी हो रहा होगा पर वो कुछ बोल नही पा रही थी क्योकि मैने उसके होंठो को अपने होंठो मे भरे हुए था….

थोड़ी देर तक उसके बूब्स को ब्लाउस के उपर से मसलते हुए मैने होठ चूस्ता रहा और फिर मैने सुषमा के होंठ छोड़ दिए…

सुषमा-आहह…इतनी ज़ौर से…आअहह….मार ही डाला..

मैने सुषमा की गंद पर थप्पड़ मारा और कहा…

मैं-चुप कर …आज मैं तुझे रंडी की तरह चोदुन्गा...

सुषमा-आहह...चोदो ना ...मना किसने किया...पर कपड़े तो निकाल लो..


मैं-हां क्यो नही…कपड़े खराब हो गये तो पकड़ी जाओगी…..

सुषमा जब तक कपड़े निकालने लगी , उसी टाइम मैने सोनू को मस्सेज कर दिया कि काम बन जायगा…जब मैं मिस कॉल करू तो आ जाना , गेट ओपन रहेगा….

और मैने जाकर अपने रूम का गेट अनलॉक कर दिया….सुषमा का ध्यान कपड़े निकालने मे था तो वो ये देख नही पाई…और मैं अपना काम करके सोफे पर बैठ गया...और सुषमा को देखने लगा.....


सुषमा अपनी साड़ी और पेटिकोट निकाल कर खड़ी हो गई….अब उसने सिर्फ़ क्रीम कलर की स्टाइलिश ब्रा-पैंटी पहनी हुई थी…..सच मे इस रूप मे देख कर तो मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा…जो अभी-2 दीपा की गंद मे झड के आया था….

सुषमा- क्या हुआ..ऐसे क्या देख रहे हो…???

मैं-देख रहा हूँ कि ऐसा माल मेरे सामने खड़ा है….आइ एम लकी..

सुषमा- लकी तो मैं हूँ…जो मुझे तुम मिल गये…नही तो सारी उमर मैं दमदार चुदाई के लिए तरसती रहती….

मैं-ह्म्म्म …तो आओ फिर हम दोनो लकी हो जाए….

इसके बाद सुषमा मेरी गोद मे आ कर बैठ गई और हम दोनो किस करने मे डूब गये….


आज सुषमा पूरी तसल्ली से मेरे होंठो का रस पान कर रही थी…आज उसे ना ही टाइम की कमी थी और ना ही किसी का डर….

मैं भी सुषमा को भरपूर मज़े से चूस रहा था….और साथ मे उसके बड़े-बड़े बूब्स को ब्रा के उपर से ही मसल रहा था…..

थोड़ी देर तक होंठ चुसाइ और बूब्स मसलाई के बाद हम दोनो अलग हुए और साँसे भरते हुए अपने आपको नौरमल करने लगे…

हम ने आज काफ़ी जोश के साथ होठ चूसे थे…..फिर नौरमल हो कर मैं बोला…

मैं-आज तो तुम बहुत जोश मे हो, क्या बात है….

सुषमा- बात कुछ नही , बस आज दिल से मस्ती करना चाहती हूँ…

मैं-अच्छा, ऐसा तो नही कि बेटे के बारे मे सोच कर जोश बढ़ गया है...

सुषमा- नही ऐसा कुछ नही…और हो भी सकता है…आज डर नही है….उस दिन की तरह बस…और टाइम भी है…

मैं-ओके…तो फिर ऐसे ही जोश के साथ चुदाई के मज़े लो….

सुषमा- हाँ बिल्कुल…अब देखो कितना मज़ा करती हूँ मैं…

मैं-ओह अच्छा…तो आओ शुरू हो जाओ….

इसके बाद सुषमा ने मुझे फिर से किस करना सुरू किया....

थोड़ी देर प्यार से किस करने के बाद सुषमा ने मेरी गोद मे बैठ कर मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मुझे उपर से नंगा कर दिया…और सुषमा ने मेरी बॉडी पर किस की बौछार कर दी….

सुषमा ने मेरे होंठ,,,गले,,सीने…पेट…पर किस करना सुरू कर दिया और फिर पूरे जोश के साथ मेरे सीने को चाटने लगी….और मैने सुषमा के आधे नंगे बूब्स को सहलाना सुरू किया….

सुषमा अपनी जीभ को मेरे सीने पर फिरा रही थी और साथ मे किस भी कर रही थी और मैं मस्ती मे आहें भर रहा था…और सुषमा के बूब्स सहला रहा था……

थोड़ी देर मुझे चाटने के बाद सुषमा ने मेरी पेंट के उपर से मेरे लंड को सहलाना सुरू किया और साथ मे मेरे मुझे किस करने लगी….

पिछले काफ़ी टाइम से सुषमा पूरे जोश के साथ मुझे चूम और चाट रही थी और मेरा लंड मसलने के बाद तो मेरा लंड पूरा अकड़ गया ….साथ मे टॅबलेट का असर भी था….

मैं- आप क्या चूमती ही रहोगी…इसको भी प्यार की ज़रूरत है..(और मैने लंड की तरफ इशारा किया..)

सुषमा-ह्म्म..इसे तो आज बहुत प्यार करूगी …..

और इतना कहा कर सुषमा मेरी गोद से उतर कर सोफे के नीचे खड़ी हो गई और मुझे लिटा कर मेरी पेंट और अडरवर को नीचे कर दिया…..जिससे मेरा कड़क लंड सुषमा की आँखो के सामने आ गया…

सुषमा-आहह….इसने ही मुझे रंडी बना दिया…

मैं-हां…अब इसे प्यार करो…ताकि ये रंडी की गांद फाड़ सके…

सुषमा…अभी करती हूँ,,,इसे तो जिंदगी भर प्यार करूगी….

और फिर सुषमा ने झुक कर मेरे सुपाडे को मूह मे भर के चूसा और थोड़ी देर मे ही लंड को आधा मूह मे भर के मूह को आगे पीछे करने लगी….

सुषमा—उउम्म्म्म..सस्स्रर्र्ररुउपप…उउउंम्म…सस्रररुउपप

मैं-आहह…ऐसे ही ….जाउर से…..आअहह….

सुषमा-उउउम्म्म्मम…..हमम्म..सस्स्रर्र्रप्प्प्प…सस्स्ररुउपप

मैं-अहहाअ…मेरी रानी .अंदर तक..हाँ ऐसे ही…लगी रहो
Reply
06-05-2017, 02:38 PM,
RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसने के बाद सुषमा ने लंड को पूरा खड़ा कर दिया और मैने लंड को मूह से निकाल कर उसे रोक दिया तो वो बोली..

सुषमा-आअहह…मज़ा आ रहा था…..मस्त लंड है तुम्हारा….मन ही नही करता मूह से निकालने को….

मैं-ऐसा क्या, तो चूस डालो…जब तक मन करे….

इसके बाद सुषमा फिर से मेरे लंड को मूह मे भरके चूसने लगी….और मैं आहें भरने लगा….

सुषमा लंड चुसाइ भी पूरे जोश के साथ कर रही थी…पूरे लंड को अपने गले मे ले जाते हुए अंदर बाहर कर रही थी….और मेरा लंड पूरा कड़क हो कर फटा जा रहा था…..

आख़िरकार थोड़ी देर मे सुषमा ने लंड को मूह से निकाला और साँसे लेने लगी…तभी अचानक मे फ़ोन बजने लगा…और हम दोनो चौंक गये....

मैं(मन मे)- अब किसका कॉल आ गया....सोनू का ही होगा....पर वो इतनी जल्दी फ्री हो गया...*????....नही-नही….शायद आंटी का होगा….कही वो रूम मे तो नही आने वाली…ऐसा हुआ तो रोकना पड़ेगा…

और मैं अपने मन मे अंदाज़ा लगाते हुए बेड पर पड़े अपने फ़ोन को उठाने चला गया…

जैसे ही मैने कॉल देखा तो पता चला कि ये आंटी का ही कॉल है….मैने कॉल पिक की….

( कॉल पर)

मैं-हाँ आंटी …बोलो

आंटी- क्या हो रहा है…

मैं- बस काम चालू है…आप कहाँ हो…???

आंटी-अच्छा...तो चूत फाड़ने लगा..

मैं-हाँ आंटी…अब आप मत आना अभी..

आंटी- ओके..ओके…मैं वैसे भी कामिनी के साथ हूँ…कुछ काम मे बिज़ी हूँ…

मैं-ओके…तो कॉल कैसे किया…???

आंटी- बस ये बताने कि हम कल भी नही जा रहे …परसो जाएगे..

मैं-क्या…आपने कैसे किया …

आंटी- अरे मैने नही…वो कामिनी ने तेरे अंकल को मना लिया…बोल दिया कि कल हम गाओं घूमने जायगे और परसो घर वापस आएगे…

मैं-ओह ग्रेट…अब तो कल भी मस्ती होगी…

आंटी- और नही तो क्या…चल कल की कल देखना..अभी तू मस्ती कर , मैं बाद मे आती हूँ ओके

मैं-ओके आंटी,,,,बाइ

आंटी- बाइ…

जैसे ही मैं कॉल कट करके वापिस आया तो साथ मे मोबाइल भी ले आया….क्योकि मुझे पता था कि सोनू को बुलाना पड़ेगा…

मैने सुषमा को देखा की सुषमा डरी हुई नज़रो से मुझे देख रही है...और फिर सुषमा बोली…

सुषमा-कौन आ रहा है….

मैं- कोई नही , वो आंटी थी...बोली की बिज़ी हूँ..बाद मे आउन्गी

सुषमा- फिर क्या करेगे…???

मैं-डॉन’ट वॉर्री , वो अपने रूम मे आयगी..मेरे नही ओके

सुषमा- ओह..फिर ठीक है…

मैं-तू टेन्षन छोड़ और मज़े कर…

सुषमा- मैं तो कर ही रही थी, तुम्हारी आंटी की कॉल ने बिगाड़ दी मस्ती…

मैं- हाँ ये तो है…चलो फिर से सुरू करते है…अपने पास टाइम ही टाइम है…

और उसके बाद सुषमा मेरे पास आई और किस करने लगी…मैने भी सुषमा को किस करते हुए अपने पेंट को निकालने लगा..जो मेरे पैरो मे फसा था…



जैसे ही मैं पूरा नंगा हुआ तो मैं ज़मीन पर बैठ गया और सुषमा की पैंटी को नीचे करके उसकी गंद पर किस करते हुए चाटने लगा……

थोड़ी देर बाद मैने शुषमा को बोला कि….

मैं- सुषमा जान…ज़रा अपनी गंद को खोल के तो दिखाओ…

सुषमा- अभी लो…और सुषमा ने अपने हाथ से गंद को एक तरफ खींचा तो उसका छेद मेरी आँखों के सामने आ गया….

क्या मस्त सीन था…सुषमा की गंद का छेद देख कर ही लग रहा था कि गंद बहुत टाइट है….बिल्कुल छोटा सा भूरा छेद दिखाई दे रहा था….

मैने देर ना करते हुए सुषमा की गंद के छेद पर जीभ फिरानी सुरू कर दी...

सुषमा- आहह...मज़ा आ गया...मारा डाला..माआ..

मैं-सस्स्रररुउपप..आहह..सस्स्ररुउउप्प..आअहह

सुषमा- उूउउइइ..म्म्मारआ...प्प्पागगाल्ल्ल..कर दोगे..आहह

मैने थोड़ी देर ऐसे ही प्यार से सुषमा की गंद ने जीभ फिराता रहा और फिर मैने जीभ को नुकीला करके...गंद मे डाल दी...

सुषमा- ओह्ह्ह..ऊहह...म्मा...आअहह....ये..क्या...ल्कियाअ...

मैं-उम्म्म..उउंम्म..

सुषमा- आहह..मा....म्मार्र..गाऐइए...ऊहह...ओह्ह...उउफ़फ्फ़..म्माररर..ददडिईयया....

ऐसे ही सुषमा मस्ती मे तड़पति रही और मैं जीभ से उसकी गंद मारता रहा...

सुषमा ने भी अपनी गंद मरवाते हुए अपने हाथ से अपनी चूत मसलना चालू किया और कुछ देर बाद वो झड्ने लगी...

सुषमा- आहह...माआ...आआईयइ...ऊहह..येस...येस्स...आहह...उउफफफ्फ़...म्माआ

और सुषमा तेज़ी से झड्ने लगी पर मैने उसकी गंद को जीभ से मारना चालू रखा....

थोड़ी देर बाद जब मैने जीभ को रोक लिया तो चूत रस को चाटने लगा..और जब चूत को चाटना बंद किया तो सुषमा मस्ती मे सोफे पर उल्टा टिक कर आधी लेट गई....


मैं खड़ा हो कर सुषमा से बोला…

मैं-मज़ा आया मेरी जान…

सुषमा- आहह..मेरे राजा…इतना मज़ा तो मैने सोचा भी नही था…तुम तो पागल कर दोगे….

मैं-अरे पागल नही करना…बस मज़े करवाना है…अब आजा ये तैयार कर …

सुषमा मेरा मतलब समझ गई और बैठ कर मेरा लंड मूह मे भर के चूसने लगी…थोड़ी देर की लंड चुसाइ से ही मेरा लंड पूरा तैयार हो गया और मैने सुषमा को रोक दिया.…....

अब चुसाइ का काम ख़त्म और चुदाई का प्रोग्राम सुरू.......

मैं-अब आजा मेरी जान …तेरी गांद फाड़ने का टाइम आ गया…

सुषमा- हाँ फाड़ दो..पर पहले मेरी चूत का कुछ करो…बड़ी आग लगी है…

मैं- ठीक है तो चूत भी फाड़ देता हूँ…वैसे भी आज तो टाइम ही टाइम है अपने पास…. 
Reply
06-05-2017, 02:38 PM,
RE: चूतो का समुंदर
फिर मैने सुषमा को सोफे पर ही कुतिया के पोज़ मे किया और पीछे से उसकी चूत पर लंड सेट कर के धक्का मारा….पहले ही धक्के मे मेरा आधे से ज़्यादा लंड सुषमा की चूत मे चला गया….उसकी चूत पूरी गीली जो थी...

सुषमा-आअहह

मैं- आज दर्द तो नही हुआ…

सुषमा- आहह..नही…डाल दो…

मैने दूसरा धक्का मारा और लंड पूरा सुषमा की चूत मे घुस गया…

सुषमा-आहह...आअहह...मज़ा...आ...गाआयय्याअ..फ़फफाद...दूओ...

मैं-ऐसा क्या...तो अभी फाड़ता हूँ....

और मैने सुषमा की कमर पकड़ कर तेज़ी से चोदना सुरू कर दिया…और सुषमा मस्त होकर आवाज़े निकालने लगी….

सुषमा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह….ज्जूउर्र…सीए…ऊहह..एस्स..
मैं-यस….बेबी…ये ले….….

मैने सुषमा को तेज़ी से चोदने लगा और मेरी जांघे सुषमा की गंद पर थाप मारने लगी और रूम मे चुदाई का संगीत बजने लगा….

सुषमा-आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जूउर्र्र..ससी..आहहह…....

फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूौरर्र…ससीए…यस…ओह्ह..ओह्ह..उफ़फ्फ़…एम्मॅयाया..आअहह…ओह्ह

मैं-एस बेबी…टेक इट…ये ले…….य्ाआ

सुषमा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जूउर्र्र..ससी…...

आअहह..अहहह….ऊहह….फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूौरर्र…ससीए…..
आहह..येस्स्स्स्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…ययईईसस्स….ऊऊहह…आअहह

मैं सुषमा को कुतिया बना कर 6-7 मिनिट से चोद रहा था… तभी मेरे फ़ोन मे मेसेज आया….

( मैने फ़ोन साइलेंट कर दिया था ,ताकि डिस्टर्ब ना हो... मुझे लाइट से पता चला कि मेसेज आ गया…)


मैं सुषमा को चोद्ते हुए मेसेज पढ़ने लगा..और सुषमा अपनी कमर को पीछे कर के चुदाई का मज़ा लेती रही…

ये मेस्सेज सोनू का था कि… ,कब आउ…दीपा की चुदाई हो गई और वो थक कर सो चुकी है…

मैने मेसेज कर दिया कि 1 मिनट रुक ..जैसे ही मैं मिस कॉल दूं तो सीधा रूम मे आ जाना…

सुषमा- क्या हुआ…थक गये क्या…

मैं- नही मेरी जान….बस आराम से मज़े ले रहा हूँ….

सुषमा- अच्छा...जैसे चाहे मज़े लो..बस चोदते रहो....

मैं(मन मे)- अब सोनू को कैसे एंटर करवाऊ रूम मे, ताकि सुषमा देख ना पाए....हाँ..आइडिया...

फिर मैने सुषमा की चूत से लंड निकाला और बोला….

मैं-चल आजा अब सवारी कर ले मेरे लंड की…

सुषमा—अह्ह्ह्ह…इसकी सवारी तो नसीब वाली ही कर पाती है…और मैं तो सारी जिंदगी इसकी सवारी करूगी…

मैं-तो आजा फिर…

इसके बाद मैं सोफे पर बैठ गया और सुषमा मेरी जाँघो के दोनो तरफ अपने पैर रख कर अपनी चूत मे मेरा लंड सेट करने लगी…और धीरे-धीरे लंड को चूत मे ले गई…और फिर अपने पैरो को मोड़ कर मेरे लंड पर उछलने लगी….

सुषमा- आहह..आहह…ईीस्स…ईीस्स..

मैं- ज़ोर से…बेबी…और तेज…

सुषमा- आअहह..येस..येस्स..आहह.. ऊओह..आहह…आअहह

सुषमा तेज़ी से मेरे लंड पर उछल कर चुदवा रही थी और मैने सुषमा के बूब्स पकड़ कर उसे अपने उपर डाल दिया…और सोनू को मिस्कल्ल कर दी…

अब सुषमा की पीठ गेट की तरफ थी और वो मेरे कंधे को चूमते हुए चुद रही थी तो सोनू को नही देख सकती थी…

जैसे ही मिस्कल्ल दी तो सोनू ने आराम से गेट खोला और सामने का नज़ारा देख कर खड़ा हो गया…

सोनू देख रहा था कि कैसे उसकी माँ मेरे लंड को उछाल-उछाल के अपनी चूत मे ले रही है..और साथ ही साथ , सोनू अपनी माँ की मदमस्त गंद देख कर खोने लगा…

मैने बात समझ के सोनू को एक हाथ से इशारा किया कि वो रूम के साइड मे लगे पर्दे के पीछे जाए….

सोनू मेरा इशारा समझ कर पर्दे के पीछे छिप गया…और यहाँ सुषमा भी उछल कर थक गई थी तो उसकी स्पीड कम हो गई थी…..

मैने फिर सुषमा की कमर को पकड़ा और उसे अपने लंड पर उपर नीचे उछल-उछल कर चोदने लगा….

मैं-यस बेबी…जंप….य्ाआ

सुषमा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जूउर्र्र..ससी..आहहह....

फफफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूौरर्र…ससीए…..
एसस्सस्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…ययईईसस्स….ऊऊहह

मैं- हाँ..मेरी रंडी…उछल कर ले …अंदर ले..और तीज्ज..

’’सुषमा- आअहह…फाड़ दो….आअहह..उउउफ्फ…,माँ…येस्स..ईीस्स…

मैं थोड़ी देर ऐसे ही सुषमा को उछल कर चोदता रहा और सोनू अपनी माँ की चुदाई देख कर गरम होने लगा….

मैं-यस बेबी यस...

सुषमा-आअहह..उउंम…हहूऊ…आअहह...यईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूौरर्र…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…म्म्मैरईयायंन्णणन्,…
.कक्कूओकमम्म्मममिईीईईईन्नननज्ज्ग …आअहहहह

और सुषमा ने मेरे लंड पर झड़ना सुरू कर दिया..और लंड अंदर लिए हुए ही रुक गई..और मेरे सीने पर पड़ गई…

सुषमा मेरे सीने पर झुकी हुई थी और उसकी पूरी गंद उभार कर सोनू के सामने था..और उसकी चूत मे मेरा लंड डाला हुआ था…और सुषमा का पानी मेरी जाँघो से होते हुए सोफे पर जा रहा था….

इस नज़ारे को देख कर सोनू इतना गरम हुआ कि उसने अपना लंड हाथ मे लेकर सहलाना सुरू कर दिया…

मैने आँखो से इशारा करके सोनू से पूछा कि मज़ा आया…तो सोनू ने भी इशारे से कहा कि मस्त भाई और चोदो…..

मैने कहा..... वेट आंड वॉच......

थोड़ी देर मे सुषमा नौरमल हुई और मेरे होंठो को चूसने लगी…मेरा लंड अभी भी उसकी चूत मे ही था…

सुषमा- आहह…मज़ा आ गया…तुम सच मे मस्त चुदाई करते हो….

मैं-अभी तो और भी मज़ा करना है मेरी जान…

सुषमा- तो मना किस ने किया करो ना…..

मैने सुषमा को किस किया और उसे वैसे ही गोद मे लिए हुए पलटा के नीचे कर दिया…
Reply
06-05-2017, 02:38 PM,
RE: चूतो का समुंदर
अब सुषमा का सिर नीचे था और उसकी गंद उपर की तरफ…और मैने बैठ कर सुषमा की गंद को चाटना सुरू कर दिया….

थोड़ी देर गंद चाट कर मैं उपर की तरफ आया और सुषमा की जांघे पकड़ कर लंड को उसकी चूत मे पेल दिया…

सुषमा भी मस्ती मे उल्टी होकर अपनी चूत मरवाने लगी और अपनी चूत के दाने को सहलाने लगी…

मैं-आहह..मेरी रानी….अब मज़ा आया…

सुषमा- आहह…तुम तो पागल कर के ही..आहह..मनोगे….कैसे….कैसे…चूद्द्द्ते….आहह…


मैं-यस…तू बस मज़े कर…

सुषमा..आहह..हहा.आ...ज्जूौर...सीए...आहह...ज्जूउर्र्र...सीए..

सोनू ये देखते हुए अपने लंड को मूठ मार रहा था...और सोच रहा होगा कि उसकी माँ कैसे मज़े लेकर चुदवा रही है...पूरी रंडी की तरह....

और मैं सुषमा को चोदे जा रहा था....

मैं-येस्स्स बेबी,.....ईएह

सुषमा-आअहह….दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल…द्ददी…..आआअहह…
..यस…यस..यस…आअहह....तीएज्ज्ज....ऊौरर..त्त्टीज्जज....आहह...उउफफफ्फ़...म्म्माीआ

मैं-मज़ा आया…और आयगा…ये ले

सुषमा-आअहह…उउउंम्म….ज्ज्जूौरर्र…सससे.ए…एसस्स.ईसस्स्सयईसस्स..आअहह…
…आहह….येस्स..एस्स…ऊहह..ऊहह..ऑश…उउंम्म…म्म्माैआ..

मैने 5 मिनिट से सुषमा को ऐसे ही पकड़ कर चोदे जा रहा था….फिर मैने रुक कर सुषमा को सोफे पर लिटा दिया और खुद उसके मूह की तरफ खड़ा हो गया….

सुषमा ने देर ना करते हुए मेरे लंड को मूह मे भरा और चूसने लगी…और मैने सुषमा की दोनो टाँगे पकड़ के हवा मे उठा दी…जिस से उसकी चौड़ी गंद पूरी सोनू की आँखो के सामने आ गई…

मैने सुषमा को टांगे पकड़ने को बोला और मैं मज़े से लंड चुसवाने लगा…

सोनू तो ये सब देख कर पागल हो रहा था….साला सोच रहा होगा कि कहा उसकी माँ एक घरेलू औरत दिखती थी और यहाँ मुझसे मेरी रखैल की तरह चुद रही है….


सोनू के दिमाग़ मे जो भी चल रहा हो …पर अभी तो वो अपनी माँ की चुदाई देख कर इतना गरम हुआ कि मूठ मारते हुए झड्ने लगा,….

सोनू हमारी नज़र मे नही आ रहा था , क्योकि वो पर्दे के पीछे था…और वैसे भी सुषमा तो इतनी मस्त थी चुदाई मे कि उसे तो सामने खड़ा हुआ भी ना दिखाई दे….

थोड़ी देर तक मैं लंड चुस्वाता रहा और सोनू अपनी माँ की गंद के दर्शन करते हुए झड्ता रहा….फिर मैने सुषमा को रोका और उसे साइड मे पलटा कर उसके पीछे से उसकी गंद मे उंगली डाल दी…

सुषमा-आहह….

मैं-ह्म्म्म..तो गंद खुली तो है…मतलब दर्द कम होगा…

सुषमा-हाँ…पर आराम से….काफ़ी बड़ा है तुहमहरा….आहह

मैं- ओके…मेरी जान…आराम से गंद मारूगा…

सोनू गंद मारने का सुनकर तो भोचक्का रह गया….जो औरत कुछ देर पहले उसकी नज़र मे सीधी-सादी थी…वो अब उसे एक रंडी की तरह दिखने लगी……

मैने देर ना करते हुए सुषमा की गंद मे लंड सेट किया और हल्का धक्का मारा...मेरा आधा सुपाडा ही घुसा तो सुषमा कराह उठी…

सुषमा- आहह..उउउइ..माआ…..म्माररर..गगाइइइ…आअहह

मैं-बस ..बस…थोड़ा दर्द झेल ले….फिर मज़ा ही मज़ा आयगा…

सुषमा-आहह..जानती हूँ,....आहह..दलााल्ल्लू...आअरररम्म्म ..सीए

मैने दूसरा धक्का थोड़ा तेज लगाया और आधा लंड सुषमा की गंद मे घुस गया और उसकी चीख निकल गई..

सुषमा-आहहह….म्मा.आ….माअररर…गाइयाई….ऊओहमम्म्मम…..आऐईइ

मैं-रिलॅक्स…..बेबी…..

और मैने एक हाथ आगे बढ़ा कर सुषमा के बूब्स को मसलना सुरू किया और लंड को उसी जगह रोक लिया…

थोड़ी देर बाद जब सुषमा नौरमल हुई तो बोली…

सुषमा-आअहह…अब करो..


मैने इशारा मिलते ही फाइनल शॉट मारा और पूरा लंड सुषमा की गांद मे…..पूरा लंड जाते ही सुषमा की गांद फट गई और आँखे बाहर आ गई…

सुषमा-आऐईयईईई…आईईइ….उूुउउंम्म..म्म्मा.आ…..ननीककाल्लूओ…म्मार्र…गेयाययियी…

मैने तुरंत ही सुषमा को झुक कर किस करना चालू किया और साथ मे उसकी चूत को एक हाथ से सहलाने लगा….

करीब 5 मिनिट तक सुषमा की चूत सहलाने से उसका दर्द कम हुआ और वो नौरमल हुई..और बोली…

सुषमा-आअहह….फाड़ दी…आहह…अब सुरू करो…

मैने तुरंत ही सुषमा की गंद को धीरे-धीरे मारना चालू किया और साथ मे उसके बूब को पकड़ कर मसलता रहा….

सोनू ये नज़ारा देख कर सदमे मे चला गया शायद…वो बुत बने हुए अपनी माँ की गंद को फट ते हुए देख रहा था….लेकिन मस्ती मे अपना लंड भी सहला रहा था....जो झड्ने के बाद फिर से कड़क होने लगा था….

मैने थोड़ी देर सुषमा की गंद को प्यार से मारा..और फिर सुषमा का इशारा होने पर उसकी कमर पकड़ कर तेज़ी से गंद मारने लगा….

सुषमा-आहह…उउम्म्म्मम…आअहह..आहह…उउफफफफफ्फ़……
आअहह…..म्म्मकी माआ…..फफफफात..ग्ग्गाऐइ

मैने और तेज़ी से धक्के मारने सुरू किए और सुषमा चीखती रही...पर ज़्यादा देर नही...थोड़ी देर बाद वो सिसकने लगी

सुषमा-आअहह..आहह..आह…ईीस्स…यईीस…एस…एस….
….फास्ट…य्या…फास्ट..आहह..आह….उउउफफफ्फ़..म्मा….ऊहह..ऊहह…ईसस्स

मैं-याअ…टेक इट…टेक इट..या

सुषमा.-आह..आहह..अहह..आह..आह…औउम्म..आहह..यस..यस..ये.स…यस…

मैं धक्के मारे जा रहा था और सुषमा सिसकते जा रही थी….और सोनू अपनी माँ की गंद मारते देख कर पूरा गरम होकर अपना लंड हिला रहा था...



थोड़ी देर बाद सुषमा भी मस्त हो गई और गंद को पीछे कर-कर के गंद मरवाने लगी…….हमारी जाँघो की आवाज़ भी सुषमा की आवाज़ के साथ मिक्स हो गई….

सुषमा-आहह..आह..आह..यस..यस…यस..आहह…
तप्प..त्ततप्प्प……टत्त्तप्प्प…आअहह…एस…एस..एस…एस…
आअहह.आहह..आह…त्ततप्प्प..ह…एस…एस…फास्ट…फास्ट…आहह

मैं-मज़ा आया अब….ये ले…और ले..

सुषमा- आअहह..आहह..आह…उूउउंम्म....उूउउंम्म..
ईीस्स…म्म्माहआ….आअहह…...एस…एस…एस…एस..
फास्ट…फास्ट……फास्ट…….उूउउंम्म…ऊओह..ओह्ह..ओह्ह…ऊहह..
आहह….आह…आअहह…यस.यस…..एसस्स…आहह…ऊहहूओ

हुमारी गंद चुदाई पूरे मज़े से चल रही थी और सोनू भी मज़े लेते हुए लंड को हिला रहा था और अपनी माँ की गंद मारते हुए देख रहा था….

थोड़ी देर के बाद मैने सुषमा की गंद से लंड निकाला तो देखा कि उस पर खून लगा हुआ था….मैने सुषमा को लंड दिखाते हुए कहा…

मैं-सुषमा…आज तेरी गंद खोल दी मैने….

सुषमा(मुस्कुरा कर)- तुमसे गंद खुलवाने का मज़ा ऐसा आया कि, ऐसा मज़ा तो सुहागरात को भी नही आया था…जब चूत खुली थी….

मैं.- आगे आगे देख …कितने मज़े आते है…जो आज तक नही आए होगे…चल आप सीधी हो जा…

और मैने साइड से अपना लंड सोनू को दिखाया और मुस्कुरा दिया…सोनू भी मुस्कुरा कर लंड हिलाता रहा……

मैं- सुषमा डार्लिंग....अब तो तेरी गंद फट गई है....अब उसका भोसड़ा बनाता हूँ...

सुषमा- आहह...थोड़ा रूको ना...फिर जैसे चाहे करना....

मैं -ठीक है तू रेस्ट कर ले ...पर ज़्यादा नही....

सुषमा- हाँ बस थोड़ी देर....
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