Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-06-2017, 09:55 AM,
RE: चूतो का समुंदर
पढ़ने के बाद मैने सबको होमवर्क दिया और क्लास ख़त्म की….जब मैं जाने लगा तो रूबी को फिर से देखा…एक बार फिर से उसने कातिलाना स्माइल दे दी….इस बार मैने भी रेस्पॉन्स मे उसे कमीनी स्माइल दे दी…और संजू के रूम मे आ गया…

जब मैं संजू के रूम मे आया तो संजू पढ़ाई ही कर रहा था…


मैं- भाई डिन्नर का क्या करे…

संजू- मतलब..??

मैं- भाई अपन को ड्रिंक करना है और चिकन भी खाना है तो डिन्नर कैसे कर सकते है…

संजू- हाँ भाई…कुछ सोच ना..मोम तो डिन्नर करा के ही आने देगी…

मैं- ह्म्म्म ..तू यही रह,,,नीचे मत आना..मैं सेट करता हूँ कुछ

संजू-ओके भाई…जल्दी करना..

फिर मैं नीचे पहुँच गया….नीचे हाल मे पारूल टीवी देख रही थी और साथ मे आंटी भी थी…

मैं- आंटी , अंकल नही आए क्या..??

आंटी- आ गये..फ्रेश होने गये है..फिर डिन्नर लगाती हूँ..

मैं- आंटी डिन्नर के लिए ही बात करने आया था…

आंटी- क्या…लगाती हूँ ना…भूख लगी हो तो अभी लगा दूं..

मैं- अरे नही आंटी..वो आज मैं और संजू पढ़ाई करेगे तो डिन्नर बाद मे ही कर लेगे….आप लोग कर लो ओके

आंटी- ह्म्म…अब सच-सच बता..क्या बात है..???

मैं-अरे आंटी…आप बस अभी मेरी बात सुनो…बाकी मैं आज रात मे बता दूँगा ना…

आंटी- हाँ रात मे बताना…जल्दी करना ओके…

पारूल आंटी का मतलब समझ गई और मुझे देख कर स्माइल कर दी….मैने पारूल को चुप रहने का इशारा कर दिया…

मैं- ओके आंटी…अब मैं भी पढ़ाई करने जाता हूँ…आप खाना रख देना ….

आंटी- हाँ तू जा..रात मे याद से खा लेना…और बाकी सब भी याद रखना..आज भूल मत जाना…

इतने मे अंकल वहाँ आ गयी..

अंकल- क्या भूलने की बात हो रही है…

हम सब अंकल की आवाज़ से सुन्न हो गयी…

मैं सोचने लगा कि आज तो मरे...अब क्या होगा....?????


मैं तो चुप ही रहा पर आंटी बात को संभालते हुए बोली…

आंटी- अरे वो..आज ये दोनो पढ़ाई कर रहे है तो डिन्नर बाद मे करेगे…तो..मैं..बोल रही थी कि डिन्नर करना मत भूल जाना…

अंकल- ओह,…गुड बेटा…तुम पढ़ाई करो और संजू को भी पढ़ाई करवाओ..ओके…

मैं- ओके अंकल , मैं जाता हूँ..’

अंकल-ओके

इसके बाद मैं उपर आने लगा ऑर सोचने लगा कि आज तो बच गयी वरना अंकल को शक हो जाता तो मर गयी थे…चलो अब अपनी पार्टी का वेट करता हूँ…और मैं संजू के रूम मे आ कर लेट गया..

संजू- ऑल सेट ना भाई…???

मैं- ह्म…ऑल सेट , अब तू पड़ाई कर…और मैं भी…जब तक सब डिन्नर कर के रूम मे नही जाते..तब तक ओक..

संजू- ओक…
Reply
06-06-2017, 09:56 AM,
RE: चूतो का समुंदर
इसके बाद हम पढ़ाई करने लगे और मैं सोचने लगा कि आज रात को आंटी को संजू के सामने कहा चोदु और कैसे…ताकि संजू खुश हो जाय……

खैर वो बाद मे देखते है..अभी पढ़ाई करता हूँ….

हम थोड़ी देर पढ़ाई करते रहे…..और जब हमे लगा कि अब सब लोग डिन्नर कर के सोने जा चुके होगे तो मैने बुक्स बंद कर दी और संजू से कहा…

मैं- भाई , अब पढ़ाई छोड़ और नीचे जा कर देख कि कोई है तो नही वहाँ…

संजू- ओके, अभी जाता हूँ…कोई मिल गया तो बोल दूँगा कि पानी लेने आया हूँ..ओके

मैं- वाह रे , अब तू भी समझदार होने लगा..हाहाहा…

संजू- वेरी फन्नी..चल मैं देख कर आता हूँ….

संजू नीचे जा कर देख आया और आते ही उछल कर बोला…

संजू- भाई सब गये..अब पार्टी करे…

मैं- सस्शह…धीरे बोल, पूनम दी बाजू मे ही है..

संजू- ओह हाँ..सॉरी-सॉरी…खुशी मे याद ही नही रहा…

मैं- भाई थोड़ा कंट्रोल कर…अब एक काम कर..

संजू- हाँ बोल…

मैं- ये चिकन गर्म कर के ला, जब तक मैं पेग बनाता हूँ…

संजू- और कोई आ गया तो..??

मैं- साले...बोल देना कि डिन्नर लेने आया था...एक काम करना पहले अपन के लिए 2 प्लेट लगा लेना...ताकि कोई आ जाए तो वहाँ से निकलना आसान हो जाय..

संजू- हाँ , वो ठीक है पर चिकन कैसे गर्म करूगा...???

मैं- ह्म्म…एक काम करना…ओवन मे डाल देना, और साथ मे सब्जी भी रख देना…कोई आ भी गया तो बोल देना कि सब्जी गर्म कर रहा है..

संजू- वाह रे...वो पूछेगा नही कि गेस को छोड़ कर ओवन क्यो यूज़ कर रहा है..??

मैं- उसमे क्या...बोल देना कि ओवन मे अच्छा गर्म होता है...ओर कोई बाल की खाल नही निकालता...समझे...अब जा भी..

संजू- ठीक है भाई…अब मैं जाता हूँ…

संजू जब तक चिकन गर्म कर के लाया , तब तक मैने स्कॉच के 2 पेग बना लिए…जैसे ही संजू आया तो हम चिकन के साथ स्कॉच का मज़ा लेने लगे….

मैं(मन मे)- पीने का तो हो गया…अब आंटी का क्या करूँ…और हां…साली लंड चूसने वाली आएगी तो उसका क्या..????...यार आज तो टेन्षन बहुत हो गई …कुछ सोचना पड़ेगा…


संजू- भाई क्या सोच रहा है…पेग ख़त्म हो गया और तू खाली पेग ही पकड़े है..ला दूसरा बनाता हूँ..

मैं- ह्म्म…ये ले….

संजू दूसरा पेग बनाना लगा….और मैं एक आइडिया सोचा…

मैं- अरे संजू…ये बता कि आज रात को आंटी की चुदाई देखनी ज़रूरी है…???...आंटी नही मानी तो…???

संजू- अरे भाई…अब मूड बना कर बिगाड़ना मत…प्लज़्ज़्ज़ भाई , कैसे भी कर के मना ले माँ को..

मैं- ह्म्म..चल आज तेरा मूड खराब नही करूगा….

संजू- थॅंक्स भाई…पर तूने बात की माँ से कि नही..

मैं- अरे हो ही गई समझो..बस सही टाइम का वेट कर...

संजू- ओके…

फिर से हम पेग पीने लगे और मैं सोचने लगा कि …कैसे मैं लंड चुन्स्वाऊ उस अंजान से….अगर संजू यहाँ रहा तो हम लाइट ऑफ नही करेगे ...और लाइट जब तक ऑन रहेगी तब तक वो आयगी नही…और मैं चाहता था कि वो ज़रूर आए…



संजू- भाई ..फिर से सोच मे डूब गया…क्या सोच रहा है…

मैं- अरे..कुछ नही..अच्छा ..एक काम करेगा...

संजू- हाँ बोल ना…

मैं(सोच कर)- ह्म्म..तो एक काम करना, पीने के बाद तू गेस्ट रूम मे चला जा…और जब मैं कहूँ तभी आना..

संजू- तो क्या तू मोम को इसी रूम मे चोदेगा…

मैं- वो सेट करता हूँ…पर उसके लिए तेरी मोम को रूम मे बुलाना पड़ेगा..इसलिए…तू रहेगा तो बात कैसे होगी..???

संजू- हाँ , सही कहा…मैं गेस्ट रूम मे जाता हूँ…

मैं- साले अभी नही…अभी दारू पी…इसके बाद..

संजू- ओके ..पर मैं आउ कहाँ....आइ मीन चुदाई देखने...

मैं- वो मैं सेट करने के बाद तुझे मेसेज कर दूगा और जगह भी बता दूगा, तो तू आ जाना..ओके

संजू- ओके भाई…तो चल जल्दी से ड्रिंक ख़त्म करते है 

मैं- चल फिर पेग बना….

इसके बाद हमने ड्रिंक आंड चिकेन एंजाय किया और सब ख़त्म करने के बाद संजू गेस्ट रूम मे चला गया..और मैं कपड़े निकाल कर अंडरवर मे आ गया…

और मैं रूम की लाइट बंद कर के बेड पर आ गया…लाइट बंद करने से वो लंड चूसने ज़रूर आयगी…अंधेरा होने का वेट ही करती है वो….

मैने सोचा की वो जब आएगी तब देखेगे…अभी आंटी से बात कर लूँ…और मैने आंटी के साथ मेसेज से बात करना शुरू किया..


( मेसेज से)

मैं- आंटी..क्या हो रहा है…??

आंटी- बस मेरी जान का वेट कर रही थी…बोलो क्या इरादा है…

मैं- आंटी ..आज आपकी चुदाई होनी है…

आंटी- तो कर ले ना…मैं तो तेरी ही हूँ मेरे राजा…

मैं- पर आज संजू के सामने चोदुगा आपको…

आंटी- क्या..*????...नही-नही...ऐसा मत सोचना..

मैं- आंटी...आप मेरी हो..और मेरी बात नही मनोगी...*???

आंटी- बेटा, मैं कुछ भी कर सकती हूँ तेरे लिए ..पर संजू के सामने..नही बेटा...वो मेरा बेटा है...

मैं- आंटी…क्या मैं आपका बेटा नही…???

आंटी- है …तू भी मेरा बेटा है , जैसा संजू वैसा ही तू….

मैं- तो फिर ना क्यो…मेरे साथ कर लिया तो उसके साथ भी कर लो…

आंटी- तुम चाहते थे और तुमने ही मुझे मनाया था…तो किया तेरे साथ..संजू ने तो कभी ऐसे देखा भी नही मुझे…

मैं- आंटी…संजू आपको चोदना चाहता है…और उसने ही मुझे आपको पटाने के लिए कहा था …ताकि उसका रास्ता सॉफ हो जाए..

आंटी- ऐसा है..पर मैं कैसे..मेरा दिल नही मानता…

मैं- देखो आंटी..आज मैं आपको उससे चुदने को नही बोल रहा ..सिर्फ़ उसे आपको चुदते हुए देखना है बस…

आंटी- पर उसके सामने मैं दिल से चुदाई नही कर सकती...

मैं- डोंट वरी..उसे यही लगेगा कि आपको कुछ पता ही नही कि संजू देख रहा है...

आंटी- अच्छा...तो उसके सामने कुछ नही होगा...

मैं- वो देखेगा …पर आपको दिखाई नही देगा…अब ठीक..

आंटी- तुम कहते हो तो ठीक..पर करेगे कहाँ..

मैं- वो मैं आपको मेसेज कर दूगा…आप बस अंकल को सुला दो…

आंटी- वो तो सो गयी…

मैं- तो फिर आप वेट करो…बस…आज संजू अपनी माँ की चुदाई देख कर रहेगा…
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06-06-2017, 09:56 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आंटी- देखने का ठीक..पर अगर वो सामने आ गया तो…???

मैं- तो आप उसका लंड अपनी चूत से ठंडा कर देना..हाहाहा

आंटी- तू भी ना..नही…ऐसा मत होने देना..मैं इसके लिए रेडी नही..

मैं- आंटी , डॉन’ट वरी..जब आप दिल से तैयार होगी..तभी संजू आपको चोदेगा…उसके पहले वो कुछ नही करेगा…आज आप उसे जलवे दिखा दो…बाकी आगे देख लेगे ..ओके 

आंटी- ओके..तो जल्दी बताना..चुदाई की बात से ही चूत मे आग लग गई..

मैं- ह्म्म्मल..ठीक है..आग बढ़कने दो…थोड़ी देर मे भुजा दूगा…अब आप वेट करो…

इसके बाद मैने फ़ोन रख दिया और उस लंड चूसने वाली का वेट करने लगा…


थोड़ी देर बाद मेरा इंतज़ार ख़त्म हो गया..जब वो लंड चूसने वाली आई….

आज भी उसने बड़े प्यार से लंड को निकाला और चूस कर लंड रस को पी गई ..और पूरी सराफ़ात से लंड को अंडरवर मे डाल कर निकल गई…

मैने सोचा कि अब एग्ज़ॅम ख़त्म होने से पहले इसका खेल ख़त्म करना होगा…पर अभी इसे जाने दो…आज तो आंटी की चुदाई करनी है और मेरे दोस्त को उसकी माँ की चुदाई की मस्त लाइव मूवी दिखानी है…पर कहाँ करूँ….

वैसे तो मैं आंटी को रूम मे बुला कर चोद सकता था ..पर मैं संजू को ये दिखाना चाहता था कि आंटी संजू से डरती है इसलिए उसके रूम मे आ नही सकती…और दूसरी टेन्षन ये है कि आंटी को ये पता रहेगा कि संजू चुदाई देख रहा है तो वो मस्त होकर नही चुदेगी..और मज़ा नही आयगा…इसका कुछ करना पड़ेगा….ताकि संजू देख भी ले और मैने आंटी को मस्ती से चोद सकूँ…

कुछ देर सोचने के बाद मैने डिसाइड किया कि आज रात आंटी को नीचे हाल मे या किचेन मे ही चोदुगा…बस आंटी मान जाए …और उनसे बोल दूगा कि संजू सो गया…अब टेन्षन फ्री हो कर चुदाई करो….हाँ , यही ठीक रहेगा.....

मैने प्लान बना कर आंटी को मेसेज किया…

(मसेज चॅट पर)

मैं – आंटी आपकी चुदाई किचेन मे की जाए या हाल मे…

आंटी- पागल हो क्या..यहाँ तेरे अंकल है रूम मे और फिर संजू के चाचा-चाची का रूम भी तो है नीचे…

मैं- पर वो लोग तो सो रहे होंगे ना…और हम भी ज़यादा आवाज़ नही करेगे..बस…

आंटी- हाँ..सो तो गये है..पर कोई रूम से बाहर आ गया तो..

मैं- उसका इलाज़ है मेरे पास…

आंटी- क्या.??

मैं- आप अपने रूम और अपने देवेर के रूम को बाहर से बंद कर देना…

आंटी- मतलब तू मुझे नीचे चोद के ही रहेगा..मानेगा नही…

मैं- आंटी…आपको ऐसे चोदने मे ज़्यादा मज़ा आयगा ना..

आंटी- ओके मेरे राजा..जैसा आप कहो…अब हॉल मे आ जाउ क्या…???

मैं- अभी नही…थोड़ी देर मे..

आंटी- अच्छा..और ये बता की संजू का क्या…वो देखेगा क्या..

मैं- नही आंटी..वो सो गया..मैने ये प्लान आगे खिसका दिया है….

आंटी- ओह मेरे प्यारे बेटे..ये ठीक किया..वरना मैं मज़े से चुदाई नही कर पाती…थॅंक्स बेटा..

मैं- ओके…पर एक दिन तो आपको संजू के सामने चुदना ही होगा…

आंटी- वो बाद मे..अभी जल्दी से आजा..मैं जल रही हूँ..

मैं- बस 5 मिनट ..मैं मेसेज कर दूँगा तो आप गेट बंद कर देना दोनो रूम के..ओके

आंटी- ओके बेटा…

मैने फिर संजू को मेसेज करके बोल दिया कि तू रूम मे आ जा …पर चुपके से..कोई देख ना पाए…मैं नही चाहता था कि आंटी को पता भी चले कि संजू जाग रहा है…

थोड़ी देर मे संजू रूम मे आ गया…

संजू- हाँ भाई..बोल ..क्या हुआ…

मैं- देख , मैं तेरी माँ को चोदने जा रहा हूँ नीचे…तू 12-15 मिनट मे नीचे आना…पर चिप कर..और अपनी माँ की चुदाई देख लेना..ओके

संजू- ओके भाई…अब तो बस इंतज़ार है ..माँ को नंगा देखने का…

मैं- तो अब बैठ यहाँ..मैं जाता हूँ…बस जितना कहा उतना ही करना…तो मज़ा ही मज़ा मिलेगा..ओके

संजू- ओके भाई…जैसा तू कहे..अब जा भी...

मैं फिर बाथरूम जाके फ्रेश हुआ और आंटी को मेसेज कर दिया…इसके बाद मैं आंटी को चोदने नीचे निकल गया…

नीचे जाते ही मेरी नज़र आंटी पर पड़ी…आंटी एक मस्त नाइट ड्रेस मे थी…जिसके अंदर ब्रा नही थी और जो आंटी के आधे बूब्स को ही ढके थी और कमर तक पारदर्शी थी…साथ मे मॅचिंग पैंटी थी… 

आंटी क्या मस्त दिख रही थी…..उस पर से आंटी ने थोड़ा सा मेक-अप भी किया हुआ था…जो उनको और भी सेक्सी बना रहा था…मैं तो आंटी को देखते ही गरम हो गया…

आंटी मुझे स्माइल करते हुए अपनी अदाये दिखाते हुए सोफे पर बैठी गई और अपनी पैंटी को साइड करने अपनी चूत दिखाने लगी…

मैने धीरे से आंटी से कहा…

मैं- वाउ आंटी ..आप तो आज ज़यादा ही हॉट लग रही हो...

आंटी- हाँ बेटा…सब तुम्हारे लिए…

और आंटी अपनी चूत को मसलने लगी…मैने कुछ सोचकर अपना फ़ोन निकाला और कहा..

मैं- आंटी, आज आपकी एक पिक्चर तो बनती है…सच मे आप मस्त लग रही हो…

आंटी अपने आपको ठीक करते हुए बोली 

आंटी- हाँ ..ले ले ना,,

मैं- नही आंटी, वैसे ही...चूत दिखाते हुए...प्ल्ज़्ज़

आंटी- तू भी ना…क्या-क्या करवाता है मुझसे…

मैं- प्लीज़ करो ना…बस 1 पिक्चर…

आंटी फिर से वैसे ही अपनी चूत दिखाते हुए बैठ गई और मैने पिक्चर ले ली....





संजू भी सीडीयो पर आ गया था...पर मुझे पता नही था....

मैने बोला था कि थोड़ा लेट आना..पर साला जल्दी ही आ गया..और अपनी माँ को चूत का पोज़ देते हुए देख रहा था....

पिक्चर लेने के बाद....

मैं- आज तो आपकी दमदार चुदाई करने का मन हो रहा है…

आंटी- तो रोका किसने है…आजा ना…

मैं- ह्म्म्म ..पर यहाँ नही…

आंटी- क्यो...तूने ही तो कहा था...

मैं- हाँ..पर यहाँ आप खुल के मज़े नही कर सकती…कोई सुन सकता है…इसलिए…

आंटी- तो क्या…बिना आवाज़ के चोद ले…

मैं- सोचा तो यही था…पर आपने मूड चेंज कर दिया..अब आपको दम से चोदुन्गा….पूरे मज़े के साथ…

आंटी- ठीक है जैसा तू कहे…पर कहाँ चोदेगा…

मैं- ह्म्म..चलो गेस्टरूम मे…

आंटी- वाह…चल फिर..मैं तो गरम ही हूँ…जल्दी कर…

मैं- ओके…पर पहले आप एक कॉफी पिला दो…

आंटी- ह्म्म,,,,गर्मी चाहिए….अभी बनाती हूँ…
Reply
06-06-2017, 09:56 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आंटी मेरे लिए कॉफी बनाने किचेन मे गई और मैने संजू को मेसेज कर के बता दिया कि हम गेस्ट रूम मे चुदाई करेगे...और मैं गेट लॉक नही करूगा...तू आ जाना ...5 मिनट मे...

थोड़ी देर मे आंटी कॉफी ले कर आ गई और मैं कॉफी ले कर आंटी के साथ गेस्ट रूम मे आ गया…

रूम मे आते ही आंटी गेट लॉक करने लगी…

मैं- अरे आंटी इसकी क्या ज़रूरत है…???

आंटी- अरे बेटा गेट लॉक तो करना ही होगा ,…कोई आ गया तो..

मैं- अरे आंटी..आपने मेघा आंटी और अपने रूम को बाहर से बंद कर दिया है और मैने सीडीयो का गेट बंद कर दिया तो अब कोई कहाँ से आ जायगा..

आंटी- ओके बाबा..नही करती खुश …

मैं(मन मे)- बहुत खुश…वरना संजू को कुछ भी नही मिलता …अब वो आराम से देख सकता है सब…

अंदर आते ही मैं सोफे चेर पर बैठ गया और कॉफी पीने लगा…आंटी भी आ कर मेरी गोद मे बैठ कर मेरा सीना सहलाने लगी…

मैं- ह्म्म..क्या आंटी…थोड़ा तो रूको…कॉफी ख़त्म करने दो…

आंटी- तू कॉफी पी का गरम हो जा….जब तक मैं तेरी बॉडी से गरम होती हूँ….

मैं-ओके…जो करना है करो…

इसके बाद मैं कॉफी पीने लगा और आंटी अपनी हरकते दिखाती रही….जब मेरी कॉफी ख़त्म हो गई तो मैने कप साइड मे रखा और आंटी को बाहों मे ले कर किस करने लगा…

किस करते हुए मैने सोचा कि अगर आज आंटी को रंडी की तरह चोदा तो संजू को शक हो जायगा कि मैं पहले भी आंटी को चोद चुका हूँ…इसलिए आज आंटी को प्यार से चोदुगा…चाहे मूड कुछ भी हो पर प्यार से चोदुगा…रंडी बना कर नही….

किस ख़त्म करने के बाद…

मैं- उउंम्म….आज तो मैं आपको अपनी बीवी की तरह चोदुगा…

आंटी- ह्म्म..तू जैसे चाहे चोद...बस मेरी प्यास बुझा दे…


हमारी बातें संजू गेट के बाहर से सुन रहा था और गेट की साँस मे से हमे देख भी रहा था...

जब मेरा ध्यान संजू पर गया तो मैने स्माइल कर दी...और संजू ने स्माइल कर के मुझे इशारे से आगे बढ़ने को कहा…..

मैं- आंटी , आज रात आप मेरी बीवी हो…..और मैं आपका पति…

आंटी(मेरे कंधे पर सिर रगड़ते हुए)- हाँ मेरे राजा…तू ही मेरा पति है…अपनी बीवी को चोद ना…

मैं(आंटी के गाल को चूमते हुए)- ऐसे नही आंटी….आप आज वैसे ही चुदोगी..जैसे अंकल आपको चोद रहे हो…

आंटी- अच्छा…मतलब संजू के पापा…

मैं- ह्म्म..आप मुझे अंकल की तरह बुलाओ..जैसे अंकल को बुलाती हो चुदाई के वक़्त…

आंटी- मतलब तू चाहता है कि हम पति –पत्नी की तरह बाते करे….जैसे मैं और संजू के पापा करते है…..

मैं- ह्म्म्म…तो आप वैसे ही बात करोगी…ओके

आंटी- ह्म्म..समझ गई…अब चोदो भी..जल्दी से…संजू के पापा…

मैं- ह्म्म्म अभी चोदता हूँ रजनी

मैने आंटी के कंधे से उनकी ड्रेस की पट्टी खिसका दी और उनका बूब बाहर आ गया….

मैने जल्दी से आंटी के बूब को मुँह मे भर लिया और प्यार से चूसने लगा...

आंटी- ओह्ह...आहह,,,ऐसे ही ..अहहह

मैं- ओह…रजनी….उउंम…उउंम्म…

थोड़ी देर तक आंटी का एक बूब चूसने के बाद मैने दूसरे बूब को भी आज़ाद कर दिया और उसको मुँह मे भर के चूसने लगा….

आंटी- ओह्ह्ह्ह..आअहह…ऐसे ही चूसो…आअहह…ज़ोर से…

मैं- उउंम..सस्रररुउउप्प्प…सस्ररुउउप्प..उउउंम्म

थोड़ी देर तक मैं आंटी के बूब्स को बारी-बारी चूस्ता रहा और आंटी अपने हाथ से मेरे लंड को पेंट के उपर से सहलाती रही…

थोड़ी देर बाद मैने आंटी के बूब्स को चूसना बंद किया और उन्हे नीचे खड़ा कर दिया…आंटी ने खड़े होते ही अपनी ड्रेस और पैंटी को पैरो से निकाल दिया…

मैं- वाउ, आंटी आप तो बहुत हॉट हो… सच मे

( ऐसा मैने इसलिए कहा ताकि संजू को ये लगे कि मैं आंटी को पहली बार नंगा देख रहा हूँ..और आंटी ने भी कुछ ऐसा नही कहा कि संजू को शक हो जाए)

आंटी- हाँ मेरे प्यारे पातिदेव…आपके लिए ही तो हूँ….अब आओ भी और अपनी पत्नी को खुश कर दो…

मैं- हाँ रजनी…चलो...पर पहले तुम्हारी चूत तो चखा दो…

आंटी ने मेरे कहते ही मेरे पास आ गई और मैने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया…..

आंटी- आहह…संजू के पापा….आहह…

मैं- सस्ररुउपप…सस्ररुउउप्प..

आंटी- आअहह…..ऐसे ही संजू के पापा…चाटो और तेजज…

मैं –सस्ररुउपप…सस्ररुउपप..सस्ररुउउप्प…

इसके बाद मैने आंटी की चूत को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया….

आंटी- ओह्ह…संजू के पपाा…आअहह…आआहह….उउउफ़फ्फ़…

मैं- उउंम..उउंम…उउंम..

मैं यहाँ संजू की माँ की चूत को चूस रहा था और वहाँ संजू खड़ा हुआ अपनी माँ की नंगी गान्ड देख कर फुल गरम हो गया और उसने अपना लंड सहलाना शुरू कर दिया…

थोड़ी देर बाद मैने आंटी की चूत को चोदा और उनके साथ खड़ा हो गया….

आंटी-आहह…आज्ज आपको क्या हो गया…बहुत ही मूड मे हो ….

मैं- हाँ रजनी..आज तुझे जी भर के चोदुगा…आजा मेरी रानी…

आंटी- हाँ मेरे राजा..आज ऐसा चोदो कि चूत की सारी गर्मी निकल जाए…

मैं- तो चल बेड पर चले…

आंटी- आप अपनी गोद मे उठा के ले चलिए ना..

इसके बाद मैं आंटी को गोद मे उठा लिया और आंटी ने मेरे गले मे बाहें डाल दी…आंटी थोड़ी भारी थी पर आज मेरा जिम करना मेरे काम आया…

मैने आंटी को बेड पर ला कर पटक दिया और आंटी तुरंत घूम कर मेरे लंड के सामने आ गई…और मेरा बॉक्सर निकाल दिया…

मैने चुदाई के लिए बॉक्सर के नीचे कुछ नही पहना था तो बॉक्सर निकलते ही मेरा लंड आंटी के सामने फड़कते हुए आ गया…

आंटी- ओह्ह..संजू के पापा..आपका तो बड़ा दिख रहा है…

मैं- हाँ मेरी रानी..आज रात को ये तेरा है..जी भर के मज़ा ले…

आंटी- हाँ मेरे राजा…आप उपर तो आइए…

मैने बॉक्सर को पैरो से अलग किया और घुटने टिकाते हुए आंटी के सामने आने लगा..और आंटी भी मेरे साथ ही साथ पीछे होती गई…
Reply
06-06-2017, 09:56 AM,
RE: चूतो का समुंदर
जैसे ही मैने बेड पर आया तो आंटी ने मेरे लंड को झुंक कर किस कर दिया,,,,


मैं-रजनी..किस क्या करती हो…चूस ना इसको….

आंटी- हाँ मेरे राजा…ये लो..

आंटी ने झट से मेरे लंड को मुँह मे लिया और प्यार से चूसने लगी...और मैने भी अपने हाथ से आंटी की गान्ड को सहलाना शुरू कर दिया…





वहाँ संजू ने गेट थोड़ा और खोल लिया था ताकि बेड का नज़ारा सॉफ दिखे और मैने देखा की संजू ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया है और सहला रहा है…

यहाँ आंटी ने लंड चूसने की स्पीड तीज कर दी और मैने आहें भरने लगा….


आंटी-उउम्म्म्म..सस्स्रर्र्ररुउपप…उउउंम्म…सस्रररुउपप

मैं-आहह…ऐसे ही ….ज़ोर से…..आअहह….रजनी..

आंटी -उउउम्म्म्मम…..हमम्म..सस्स्रर्र्रप्प्प्प…सस्स्ररुउपप

थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसने के बाद आंटी ने लंड को पूरा खड़ा कर दिया ऑर मैने लंड को मुँह से निकाल कर उसे रोक दिया तो वो बोली..

आंटी -आअहह…मज़ा आ रहा था संजू के पापा…..मस्त लंड है आपका….मन ही नही करता मुँह से निकालने को….

मैं-ऐसा क्या तो चूस डालो…जब तक मन करे….

इसके बाद आंटी फिर से मेरे लंड को मुँह मे भरके चूसने लगी….ऑर मैं आहें भरने लगा….

आंटी लंड चुसाइ पूरे जोश के साथ कर रही थी…पूरे लंड को अपने गले मे ले जाते हुए अंदर बाहर कर रही थी….ऑर मेरा लंड पूरा कड़क हो कर फटा जा रहा था…..

मैने संजू की तरफ देखा तो संजू लंड हिलाते हुए मुस्कुरा रहा था और मुझे तेज़ी से मुँह चोदने का इसारा कर रहा था….

मैने सोचा कि चलो संजू को मज़ा दे दूं..तो मैने आंटी के मुँह को हाथो से पकड़ के उनका मुँह चोदना शुरू कर दिया…

अब आंटी के मुँह को मैने फुल स्पीड मे चोद रहा था और आंटी के मुँह से आवाज़े निकाल कर उनके गले मे घुट रही थी…

मैं- आहह रजनी…ये ले….आहह…जूओर से…ले जा….अंदर तक….

आंटी-क्क्हूंम्म..क्कहोम्म..ग्गगूउओंम्म...

मैं- ये ले...आअहह....गले मे...आहह...ज़ोर से...

आंटी- क्कहोमम्म....क्क्हूम्म..उउउंम्म..उउंम..

मैं आंटी को रंडी की तरह मुँह मे चोदे जा रहा था और ये सीन देख कर संजू खुश हो रहा था…पर आंटी का तो बुरा हाल था…

थोड़ी देर बाद मैने आंटी को छोड़ दिया तो आंटी लंबी-लंबी साँसे भरने लगी और फिर बोली..

आंटी- क्या करते हो संजू के पाप….मेरा गला फाड़ देते क्या…

मैं(मन मे)- आंटी अभी भी कॅरक्टर मे है, चलो ये ठीक है…

आंटी- अब चुप क्यो हो…मन की कर तो ली…..अब चोदो जल्दी से…

मैं- हाँ रजनी…वो आज जोश ज़्यादा ही है…

आंटी- कोई बात नही…आप ऐसे ही जोश मे चोदो..

मैं- आजा मेरी जान …तुझे सवारी कराता हूँ…

मैं फिर बेड के सिरहाने टिक कर बैठ गया और आंटी मेरे लंड पर बैठने लगी…पर मैने आंटी को पीठ मेरे साइड कर के बैठाया …ताकि संजू अपनी माँ को आगे से देख पाए….चुदते हुए…

आंटी ने जल्दी से मेरे लंड को अपनी चूत पर सेट किया और दो ही धक्को मे लंड को अंदर भर लिया..

आंटी-आहह…संजू के पापा…कितना बड़ा है…

मैं- रजनी..तू बस मज़े कर...

आंटी ने धीरे-धीरे उछलना चालू किया..पर आज मैं ज़्यादा ही गरम हो गया था...शायद संजू के देखने की वजह से...तो मैने आंटी की जांघे पकड़ कर उनको अपने लंड पर तेज़ी से उछालना शुरू कर दिया...



आंटी-आअहह..संजू के पापा…..मज़ा…आ गया......ज़ोर से...आहह

मैं- आहह..मेरी जान...तुझे आज बहुत मज़ा आयगा...ये ले....

आंटी- आहह..आहह…ईीस्स…ईीस्स..

मैं- ज़ोर से…बाबे…ऑर तेज…

आंटी -आहह..येस्स..एस्स..आहह..ऊहह..आहह…

संजू देख रहा था की कैसे उसकी माँ मेरे लंड को उछल-उछल के अपनी चूत मे ले रही है..…और वो अपना लंड तेज़ी से हिलाने लगा…

मैं आंटी की जाँघो को पकड़ कर उसे अपने लंड पर उपर नीचे उछाल-उछाल कर चोदने लगा….

मैं-यस बेबी…जंप….य्ाआ

आंटी -आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जॉर्र्र..ससी..आहहह..संजू के पापा…

फफफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..
ययएएसस्सस्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…ययईईसस्स….ऊऊहह

मैं- हाँ..मेरी रानी…उछल कर ले …अंदर ले..ऑर तीज्ज..’’

आंटी - आअहह…फाड़ दो….आअहह..उउउफ्फ…,मा…एस्स..ईीस्स…

मैने थोड़ी देर ऐसे ही आंटी को उछल कर चोदता रहा ऑर संजू अपनी माँ की चुदाई देख कर मूठ मारता रहा..….

मैं-यस बेबी यस

आंटी - अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…म्म्मैजईयायंन्णणन्,…
.कक्कूओकमम्म्मममिईीईईईन्नननज्ज्ग …आअहहहह

ओर आंटी ने मेरे लंड पर झड़ना शुरू कर दिया...ऑर मेरे सीने पर टिक गई..…

पर मैने आंटी को उछलना चालू रखा और थोड़ी देर बाद मैने भी झड़ने लगा….


मैं- आहह..रजनी .मैं...आय्याअ...आहह

आंटी-अह्ह्ह्ह...भर दो..संजू के पापा...चूत को..आहह..आहह

यहा मैं झड़ने लगा और सामने संजू भी झड़ने लगा...

आंटी मेरे सीने पड़ लेटी हुई थी ऑर उसकी पूरी रस भरी छूट संजू के सामने थी..ऑर उसकी चूत मे मेरा लंड डाला हुआ था…ऑर हम दोनो का पानी मेरी जाँघो से होते हुए बेड पर जा रहा था….

इस नज़ारे को देख कर संजू इतना गरम हुआ कि झड़ने के बाद भी लंड को सहलाता रहा..और आंटी मस्त हो कर आँखे बंद कर के लेटी थी....इस बात से अंजान कि सामने उनका बेटा खड़ा है वो भी नंगा...

मैने आँखो से इशारा करके संजू से पूछा कि मज़ा आया…तो संजू ने भी इसारे से कहा कि मस्त भाई ऑर चोदो…

मइए इशारे से कहा..वेट आंड .….

थोड़ी देर मे आंटी नॉर्मल हुई ऑर मेरे होंठो को चूसने लगी…मेरा लंड अभी भी उसकी चूत मे ही था…

आंटी - आहह…मज़ा आ गया…संजू के पापा…आप सच मे आज पूरे जोश मे हो…

मैं-अभी तो और भी मज़ा करना है मेरी जान…

आंटी - तो मना किस ने किया करो ना…..

मैं- ह्म्म..तो आज मेरी जान को खड़ा कर के चोदुगा…

आंटी- ओह्ह सच मे संजू के पापा…आपने आज तक ऐसे नही चोदा…

मैं- तो आज चोद लूगा..और जो आज तक नही किया , वो सब करूगा…

फिर मैने आंटी को किस करने लगा और किस करने के बाद मैने आंटी को अपने सामने लिटा दिया और उनके उपर जाकर लंड उनके बूब्स पर रख दिया…

आंटी मेरा इसरा समझ गई और उन्होने अपने बूब्स को हाथ से पकड़ के मेरे लंड को बीच मे फसा लिया…और बूब्स उपर नीचे करने लगी..
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06-06-2017, 09:57 AM,
RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर बाद मैने आंटी के बूब्स को पकड़ा और तेज़ी से उनके बूब्स को चोदने लगा….

मैं- आहह..रजनी..कैसा लगा…

आंटी- आहह...संजू के पापा...आज तो आपने कमाल कर दिया...आहह..तीज्ज..

मैं- रजनी...तू खुश है ना..

आंटी- बहुत ,...आहह..संजू के पाप..ज़ोर से...आहह...

मैने मज़े से आंटी के बूब्स चोद रहा था और और आंटी मुँह से मेरे लंड के सुपाडे को चूस्ति जा रही थी बीच-बीच मे…..वहाँ संजू ये सीन देख कर फिर से पूरा गरम होने लगा….

मैं इतनी तेज़ी से आंटी के बूब्स चोद रहा था की आंटी खिसकाते हुए बेड के किनारे पर आ गई और उनका आधा सिर लटकने लगा…

मैं- ओह्ह..रजनी…तेरे बूब्स भी ना….आहह..कितना मज़ा देते है…


आंटी- आहह..आप मज़े लो ना…ओह्ह…ऐसे ही संजू के पापा…आहह


मैने आंटी के बूब्स चोद्ते हुए संजू को देख रहा था …उसका लंड आप पूरा कड़क हो गया था…और मेरा लंड भी पूरा कड़क हो कर चूत की माग करने ल्गा…

मैने तुरंत पीछे होकर आंटी के पैर पकड़ कर उठा दिए और लंड को उनकी चूत मे पेल दिया…


आंटी-आअहह..संजू के पापा..मेरा सर….

आंटी का सिर अब बेड के नीचे लटक गया था…

मैं- रणजी..तू आज मज़े कर…ऐसे ही…ठीक है…

आंटी-ओह मेरे राजा…सब ठीक है..बस ज़ोर दार चुदाई करो…

और मैने तेज़ी से आंटी को चोदना शुरू कर दिया…आंटी का सिर नीचे था तो उनका चेहरा संजू के सामने आ गया..

मैं डर रहा था कि कही आंटी देख ना ले संजू को ..पर आंटी तो इतनी मस्त थी चुदाई मे कि उन्होने ध्यान ही नही दिया…वहाँ संजू अपनी माँ की चुदाई पूरे मज़े से देख रहा था और मूठ मार रहा था…




आंटी-आअहह….आआहह..ऊहह..माँ..

मैं-मज़ा आया

आंटी-आअहह…बहुत….मारो संजू के पापा…अहहह

आंटी बोल ही रही थी कि मैने लंड को बाहर निकालकर फिर से एक ही झटका मारा ऑर आंटी की चोट मे घुसा दिया…

आंटी-आआहह…..म्म्म्मा आररररर… द्दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआ

मैं-यीहह…ऑर तेज मारो,….हाँ..

आंटी-अया..आअहह..आहह…आहह..आहह…अहह

मैं-ययईएह….ययईईहह…यी…ल्ल्लीए…ऑर तीज्ज..हा..

आंटी-ऊओ….म्म्माोआ…आआहह….अहहाा

मैने पूरी स्पीड के साथ आंटी को चोदने लगा..और आंटी की चीखे सुनकर संजू और तेज़ी से मूठ मारने लगा..….

आंटी-आहह…अहः…तीज्ज्ज्ज..ऊहह..माँ..

मैं- ये ले.…ऑर तीज्ज…हाँ..ऑर ली..

थोड़ी देर बाद मैने आंटी को छोड़ दिया ..क्योकि मुझे लग रहा था कि उनका सिर लटकने से वो मज़ा नही ले पा रही है…

आंटी- क्या हुआ संजू के पापा…

मैं- अब मैं तुझे खड़ा करके चोदुगा रजनी..

आंटी – आहह..सच मे ..चोदो ना…मज़ा आयगा…

संजू तो आंटी की बात सुन कर पागल हो रहा होगा कि उसकी माँ इतनी चुदक्कड है….

मैने आंटी को उठा कर बेड के नीचे खड़ा किया और आंटी की चूत मे लंड सेट करने लगा…आंटी ने अपना एक पैर बेड पर रखा और अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर चूत मे डलवा दिया ….

मैने देर ना करते हुए आंटी को चोदना शुरू कर दिया…


आंटी-आअहह….म्म्म्मशममाआअ

मैं-ऑर चिल्लाअ….मैं ऐसे ही फाड़ुँगा

ओर मैने एक थप्पड़ आंटी की गान्ड पर मारा

आंटी-आआहह…..आआअहह…आह….मारो..आहह..टीज़्ज

मैं- चिल्ला मत...कोई आ जायगा....ये ले...

आंटी-आआहह….हहाा…ज्ज्जूऊर्र…सससे…मारो…आहह..अह्ह्ह्ह

मैं आंटी की गान्ड पर थप्पड़ मारते हुए उनको चोदने लगा ऑर आंटी भी अपने हाथ से अपने बूब्स मसलने लगी.....

आंटी-आअहह….माअर…मार…ज़ोर से…आहह
आअहह…ज़ोर से…आअहह..ऊहह..ऊहह

त्ततप्प…त्तप्प्प…आअहह…आहह..त्त्थप्प…त्ततप्प्प्प

मैं-यस मेरी रानी…फाड़ता हूँ …ये ले…

आंटी-आआहह..आहह..आह…आ..आह..आह..ज्जूओर्र..सससे..उउउम्म्म्ममम…हमम्म…आअहह

चूत मारते हुए मेरी जंघे भी आंटी की मोटी गान्ड पर थपका मार रही थी ऑर आंटी भी पूरी स्पीड से गान्ड पीछे कर-कर के चुद रही थी….ऑर अपने बूब्स मसल रही थी…

संजू इस नज़ारे का भरपूर रास्पान कर रहा था….और मुत्ह मारना चालू किए हुए था…

ऐसे ही कुछ देर मैं आंटी को चोदता रहा…और आंटी झड़ने लगी…..

आंटी-आअहह…अहहह..उउउंम…ऊहह..ऊहह..ऊहह..
ऊहह…ज्ज्ज्ूओर्र…सीई…संजू के पापा…आअहह…म्माथईयाईिन्न्न्न्….आाऐययईईई….
उूउउंम्म…आहह…आहह…आह….

जब आंटी झाड़ गई तो थक कर रुक गई …..तो मैने लंड निकाल के आंटी को अपने सामने किया और उनकी एक टाँग को हाथ मे लेकर फिर से लंड उनकी चूत मे डाल दिया और उनके बूब को चाटने लगा…




आंटी मस्ती मे मेरा सिर सहला रही थी…और अब संजू के सामने आंटी की पूरी गदराई बॉडी आ गई थी…..

मैं-रजनी…झड़ने के बाद भी चूत गरम है…

आंटी-आअहह…सच मे संजू के पापा…..लगता है आपका लंड ही कमाल है..जो चूत ठंडी नही होने देता…

मैं- तो ठंडी कर दूं…तुम तैयार हो……

आंटी- हाँ मेरे राजा…ज़ोर से मारो…आज तो मैं पूरे जोश मे हूँ…शुरू हो जाओ…

मैने आंटी के कहते ही उनको तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया..और आंटी ने अपने होंठ मेरे होंठो से लगा लिए…

सामने संजू ये सीन देख कर पागल सा हो गया और तेज़ी से झड़ने लगा…..

संजू साला आज इतना गरम था कि दो बार झड़ने के बाद भी उसका लंड कड़क ही था और वो लगातार मूठ मारे जा रहा था…


यहा मैने फिर से आंटी को तेज़ी से चोदने लगा…


मैं-आहह….थक गई साली ये ले

आंटी-आअहह….हहाअ…म्माअर्ररूव…त्ट्तीएजज्ज़…ऊओ

मैं-ऑर तेज ये…ये ले…

आंटी-आअहह…म्माआ……आऐईयइ….हहाअ…ज्ज्ज्ूओर्र…
सस्ससे…आाड़ द्दूव…उउउम्म्म्ममम


आंटी-आअहह….आआहह..ऊहह..मा..

मैं-यीह…यईहहा

आंटी-आअहह…अहहह

थोड़ी देर खड़े-खड़े चोदने के बाद मैने आंटी को बेड पर लिटा दिया और एक ही धक्के मे लंड को चूत मे डाल कर तेज़ी से चोदने लगा…

आंटी भी मस्ती मे अपने बूब्स मसलते हुए गान्ड उछाल कर चुदवाने लगी....


आंटी-आआहह…..म्म्म्मा आररररर द्दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआ

मैं-यीहह…ऑर तेज मारो,….हा..

आंटी-अया..आअहह..आहह…आहह..आहह…अहह

मैं-ययईएह….ययईईहह…यी…ल्ल्लीए…ऑर तेज..हा..

आंटी-ऊओ….म्म्माोआ…आआहह….अहहाा

आंटी इस रफ़्तार वाली चुदाई से फिर से झड़ने लगी…

आंटी-आअहह…म्माआ……आऐईयइ….हहाअ…ज्ज्ज्ूओर्र…
सस्ससे…मायन्न आऐईइ…संजू के पपपा….आहहह


ऐसे ही चीखती हुई आंटी झड़ने लगी और मैने भी थोड़ी देर बाद झड़ने के करीब आ गया..

मैं- ओह्ह..रजनी…मैं भी आया…मेरी जान..आहह

आंटी-आअहह…भर दो….संजू के पापा….आअहह….आअहह

मैं-आहह..ये ले..अहहह..अह्ह्ह्ह

और मैं आंटी की चूत को फिर से लंड रस से भरने लगा….जब मैं पूरा झड गया तो मैने लंड निकाला और साइड मे लेट गया..…

आंटी आँखे बंद किए हुए लेटी थी और मैं संजू को देखने लगा….जो अभी फिर से झाड़ चुका था…

मैं उठ कर आंटी के मुँह के साइड गया और उनके होंठो पर लंड रख दिया…

आंटी ने जल्दी से मेरे लंड को मुँह मे भर के सॉफ कर दिया और मेरे टोपे को चूमने लगी…




संजू अपनी माँ का रंडीपन देख कर शॉक्ड भी था और खुश भी….

मैने संजू को जाने का इशारा किया और संजू मेरी बात मान कर रूम मे चला गया…

संजू के जाने के बाद मैने और आंटी बेड पर लेट कर रेस्ट करने लगे....

थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद मैने आंटी को कहा…

मैं- आंटी- अब चलिए..

आंटी- हाँ बेटा..चल ..कही तेरे अंकल जाग गये तो…

मैं- पर आज तो आपका पाती मैं हूँ..तो अंकल क्या कर लेगे..

आंटी- हाँ बेटा , तू ही मेरा पति है..और तू कहे तो नही जाती…

मैं- अरे आंटी…चलो भी…लेट हो गयी है…

आंटी- हाँ.थक भी गई…

मैं- थक गई ..पर मुझे कॉफी पीना है..

आंटी- तो क्या..थकि हूँ या ना थकि हूँ…तेरे लिए तो हमेशा रेडी हूँ..अभी लाई…

मैं- ह्म्म..पर पहले कपड़े पहन लो…

आंटी- ह्म्म..

इसके बाद हमने अपने कपड़े पहने और हॉल मे आ गयी…वहाँ हमने पानी पिया और आंटी कॉफी बनाने चली गई…

मैं(मन मे)- आज संजू को ये दिखा कर मैने सही किया…या ग़लत..???, पता नही कल का दिन संजू के लिए कैसा होगा…उसकी सोच कैसी होगी….देखते है…आगे क्या-क्या होता है…

मैं ऐसे ही अपनी दुनिया मे खो गया और इतने मे आंटी कॉफी ले आई…

फिर हमने कॉफी ख़त्म की और किस कर के मैं उपर आ गया…

आंटी ने संजू की चाची के रूम को बाहर से ओपन कर दिया और फिर अपने रूम मे चली गई...और मैं भी उपेर आ गया...संजू तो मज़ा लेते ही उपेर चला गया था...

जैसे ही मैं रूम मे पहुँचा तो देखा की संजू रूम मे नही था..शायद बाथरूम मे होगा....मैं सोच ही रहा था कि संजू आ गया…

मैं- साले बाथरूम मे क्या कर रहा था…???

संजू- भाई..मोम की चुदाई मे गरम हो गया था तो लंड शांत तो करना ही था..

मैं- ओह्ह..तो इतना गरम…???

संजू- भाई मैं क्या करूँ…हो गया सो हो गया…

मैं- ह्म्म..तो अब खुश है ना…

संजू- हाँ भाई बहुत खुश…अब तू मुझे भी मोम की दिला दे..

मीं- देख संजू..मैं तुझे सब दिलाउन्गा..पर वेट करना होगा….वरना कुछ नही

संजू- हाँ भाई करूगा…बस दिला देना..

मैं- ओके..अब आगे एग्ज़ॅम के बाद ही कुछ सोचेगे..जब तक सिर्फ़ पढ़ाई कर ओके

संजू- ओके भाई...जैसा तू कहे...

मैं- चल अब सो जा...और याद रखना , आंटी के सामने वैसे ही रहना जैसे आज तक रहता था...उन्हे शक नही होना चाहिए...

संजू- हाँ भाई..बिल्कुल..अब चल सो जाते है...

मैं- ह्म्म..चल तू सो…मैं 1 पेग मार के सोउंगा..थक गया हूँ थोड़ा…इसलिए..

संजू- भाई मैं भी पिउगा…रुक मैं बनाता हूँ…

इसके बाद हमने एक पेग और लिया और हम दोनो सो गये....

कॉफी के बाद ड्रिंक….ख़तरनाक कॉंबिनेशन हो गया…नीद मस्त आयगी…

यहा एक बात और हुई…संजू गेस्ट रूम के गेट पर 2-3 बार झाड़ा था…अगर वो किसी को दिख गया तो…??????????

सुबह से हमेशा की तरह मुझे अनु ने जगाया और नीचे आने का बोल कर चली गई…

मैने उठ कर बाजू मे देखा तो संजू गायब था...मैने सोचा कि साला इतना झड़ने के बाद भी जल्दी जाग गया ..कमाल है...

और मैं रेडी होकर नीचे आ गया और हमने नाश्ता ख़त्म किया.....आज भी आंटी बिल्कुल फ्रेश दिख रही थी...

हमने नाश्ता फिनिश किया उसके बाद सब अपने कामो मे बिज़ी हो गयी...
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06-06-2017, 09:57 AM,
RE: चूतो का समुंदर
पूनम दी और रक्षा पढ़ाई करने निकल गयी …पारूल और आंटी लोग किचेन मे निकल गई खाना बनाना…और मैं संजू और अनु के साथ टीवी देखने लगे....


संजू- भाई वो पारूल के अड्मिशन को जाना है ना आज…

मैं- हाँ जाना है..थोड़ी देर मे जाउन्गा…


स्नाजू- ओके मैं पढ़ाई करने जा रहा हूँ...तुझे तो पढ़ना नही ना...

मैं- मेरी तैयारी है और रिविषन एक रात मे हो जायगा...ओके..

संजू- ओके तू बैठ , मैं चला...

इसके बाद संजू भी अपने रूम मे चला गया और रह गये सिर्फ़ मैं और अनु...

मैं फिर उठा और गेस्ट रूम की तरफ गया...वहाँ मैने गेट पर देखा तो बिल्कुल सॉफ दिख रहा था...

मैं सोचने लगा कि यही खड़े हुए तो संजू 3 बार झडा था तो साला उसका पानी कहाँ गया...या पानी निकला ही नही...हाहाहा..

मज़ाक नही...हो सकता है की आंटी ने सॉफ कर दिया हो..पर वो भी सोच मे पड़ गई होगी...और ऐसा है तो आंटी मुझे ज़रूर बताएगी...

पर कहीं संजू की चाची ने सॉफ किया हो या देखा होगा तो...तब तो पंगा हो जायगा...हालाकी मैं नही फसूँगा पर उनके माइंड मे शक तो पैदा हो ही जायगा...

खैर जो हुआ वो आगे पता चल ही जायगा....

मैं सोच ही रहा था कि अनु ने मुझे आवाज़ दी..

अनु- अरे भैया...क्या हुआ...वहाँ क्यो खड़े हो..??

मैं- कुछ नही , ऐसे ही घूम रहा था..

और मैं वापस अनु के साथ जाकर बैठ गया...और बाते करने लगा...

अनु- कुछ ढूंड रहे थे क्या भैया...??

मैं - अरे नही...ऐसा कुछ नही...तू बता कुछ कह रही थी...

अनु- भैया आप पारूल का अड्मिशन कराने जा रहे है..*??

मैं- हाँ जाउन्गा ना...क्यो..*???

अनु- भैया वो मैं सोच रही थी कि आज दिन मे हमे मैथ पढ़ा देते...

मैं- तो उसमे क्या…पढ़ाने के बाद चला जाउन्गा…

अनु- पर मैने तो पूरे दिन का प्लान किया था..

मैं- ओह्ह..तो ठीक है मैं बाद मे अड्मिशन करा दूँगा…कल जा सकता हूँ ओके

अनु- सॉरी भैया , मैने आपसे पूछे बिना ही प्रोग्राम बना लिया..

मैं- तो उसमे क्या…कोई बात नही…चल आज पूरा दिन पढ़ा दूगा…

अनु- सच भैया..पर पारूल …

मैं- उसकी फ़िक्र मत करो...मैं सब सेट कर दूगा..ओके

अनु- थॅंक यू भैया…

मैं- अच्छा..भैया को थॅंक्स कहती है…लगता है तू मुझे प्यार ही नही करती…

अनु- अरे भैया..ये क्या कह दिया आपने…मैं तो आपसे बहुत प्यार करती हूँ सच मे..

मैं- ना..मैं नही मानता…प्यार करती तो अपना हक़ जताती ना…ऐसे थॅंक्स बोलती…??

अनु- सॉरी.भैया…आगे से थॅंक्स नही कहूँगी ..माफ़ भी कर दो..प्ल्ज़्ज़..

और अनु मेरे सामने कान पकड़ के खड़ी हो गई…इस समय मुझे अनु बड़ी ही मासूम दिख रही थी..और उसे देख कर मेरे चेहरे पर स्माइल आ गई..

मैं- ओके बेटा..अब कान छोड़ दे..दर्द देने लगेगे..

अनु- ओह.भैया…आइ लव यू…

ये आइ लव यू सिर्फ़ भाई-बेहन का प्यार था…अनु आइ लव यू कह कर मेरे गले लग गई…और मैने भी अनु को गोद मे बैठा कर गले से लगा लिया…

यहा मेरा दिल और दिमाग़ अलग-2 सोचने लगा…दिमाग़ कह रहा था कि बेहन अपने भाई के गले लगी गई पर दिल मे तो प्यार की भूख थी…

देखते है कि ये भूख क्या रंग लाती है....

मेरी गोद मे आते ही अनु की कसी हुई गान्ड मेरे लंड पर आ गई और उसके कड़क बूब्स मेरे सीने को चुभने लगे..जिससे मुझे अनु के अंदर अपनी बेहन नही..एक न्यू फ्रेश माल दिखने लगा और मैने अनु को कस के गले से लगा लिया…

अनु- आहह..भैयाया अब दबा ही दोगे क्या…इतनी ज़ोर से कस लिया …

मैं- ओह सॉरी बेटा..वो मैं भावुक हो गया था…

अनु- अरे भैया आप सॉरी मत बोलो….वैसे भी आपकी बॉडी ही इतनी सख़्त हो गई है जिम जा-जा कर की ज़रा सी पकड़ भी ..बहुत है..

मैं- हाँ ये तो है..और वैसे भी तुम इतनी सॉफ्ट हो की जैसे कोई गुलाब का फूल…हाहाहा..

अनु-(शरमाते हुए)- आप भी भैया…

मैं- अरे शर्मा क्यो रही है..तू सच मे बहुत सॉफ्ट है और बहुत ही खूबसूरत भी..

अनु- हट…मैं कहाँ से सुंदर हूँ…??

अनु अभी भी मेरी गोद मे बैठी थी और शरमा के सिर झुंका लिया था …मैने अनु के चेहरे को हाथ से उपर किया और उसकी आँखो मे देख कर कहा…

मैं- सच मे अनु..यू आर सो ब्यूटिफुल…तुम मेरी बेहन नही होती तो…

अनु- तो भैया…

मैं(मन मे)- ये मैं क्या बोल गया…अनु को अच्छा नही लगेगा…अब क्या करूँ..

अनु- ह्म्म्मन..आगे भी बोल दो…

मैं- सीसी…कुछ नही…ये बताओ पढ़ाई कब करनी है…

अनु- नही..पहले बात पूरी करो..

मैं- क्या बात..तू उठ और पढ़ाई कर..

अनु- मैं नही उठने वाली ..पहले बताओ..अगर मैं बेहन ना होती तो…

मैं- तो ..तो कुछ नही…तू बेहन है मेरी..

अनु- ना..ना…सच बोलो…

मैं- तू ज़िद मत कर..उठ अब...मेरे पैर दुख रहे है..

अनु- अच्छा..मतलब मैं भारी हूँ…

मैं- अरे …तू बस....उठ ना..

अनु- नही भैया...पहले बोलो..

मैं- अच्छा..अगर मेरी बहन ना होती तो मेरी गोद मे ना होती ..अब ठीक ..

अनु- अच्छा..यही बोल रहे थे..

मैं- हाँ बेटा…यही बस..

अनु ने मेरा हाथ अपने सिर पर रखा कर कहा...

अनु- आपको मेरी कसम...सच बोलो..

मैं(मन मे)- अब तो बोलना ही पड़ेगा…क्या करूँ..बोल देता हूँ..जो होगा सो होगा…

अनु- जल्दी बोलो भैया..आप मुझे प्यार करते हो तो मेरी कसम झूठी मत खाना…

मैं- ओके..मैं सच बोलता हूँ…अगर तू मेरी बेहन ना होती तो तुम्हे अपनी गर्लफ्रेंड बना लेता…

अनु(शरमा कर)- सच भैया…आपको मे इतनी पसंद हूँ..

मैं(मन मे)- इसे बुरा नही लगा..ना ही गुस्सा हुई..इसके मन मे क्या है…????....देखते है..

मैं- ह्म्म..तू है ही इतनी प्यारी..सच मे….

अनु- धतत..आप भी ना..

मैं- सच मे ..तुम्हारे बाय्फ्रेंड की तो किस्मत ही खुल गई..

अनु- मेरा कोई बाय्फ्रेंड नही है..

मैं- झूट ...ऐसा हो ही नही सकता...

अनु- सच मे कोई नही...

मैं- क्यो , तुझे कोई पसंद नही आया...

अनु(सोच कर)- एक आया...पर उससे कहने की हिम्मत नही हुई..

मैं- अच्छा ..मुझे बता...

अनु- अभी नही...जिस दिन उसे बोलुगी तो सबसे पहले आप को ही पता चलेगा ओके..

मैं- ह्म्म..पर नाम तो बता..

अनु- आपको कसम है..अब कोई सवाल नही..बस वेट कीजिए..आपको ही सबसे पहले बताउन्गी…


मैं- ओके..अब तो पूछ भी नही सकता…चलो वेट करूगा…

अनु- ह्म्म…अब पढ़ाई का प्लान करे..

मैं- हाँ बोल..

अनु- मैने अपनी फ्रेंड को दोपहर मे बुलाया है…हम सब साथ मे पढ़ाई कर लेगे…एग्ज़ॅम को 1 दिन ही बाकी है..

मैं- ओके…पर अब तो उठ जा ..

अनु- रहने दो ना भैया..मज़ा आ रहा है,…

मैं(मन मे)- तुझे तो मज़ा आ रहा है..पर तेरी गान्ड को छु कर मेरा लंड कड़क हो रहा है उसका क्या करूँ…वैसे अनु की गान्ड मे चुभ रहा है तो उसे पता तो होगा ही ना…

अनु- क्या हुआ…मैं इतनी भरी भी नही…

मैं- कुछ नही..तू बैठ जब तक तेरा मन करे…

इसके बाद हम बाते करते रहे और मेरा लंड कड़क होकर अनु की गान्ड पर दस्तक देता रहा….पर अनु उठी नही…शायद उसे मज़ा आ रहा होगा…

हम बाते ही कर रहे थे कि मेघा आंटी वहाँ आ गई…

आंटी2- अरे अनु तू इतनी बड़ी होकर भैया की गोद मे बैठी है…उसके पैर दुख रहे होगे..

अनु- अरे मम्मी , भैया स्ट्रॉंग है..डेली जिम जाते है…इन्हे कुछ नही होता…

आंटी2- ऐसे कैसे…उठ जा ..और जा कर पढ़ाई कर…

अनु- ओके मम्मी..आप भी ना…

फिर अनु मुझे पढ़ने का बोल कर अपने रूम मे निकल गई और मेरे लंड ने चैन की साँस ली…पर मेघा आंटी ने मेरे तंबू को देख लिया…पर एक नज़र मार कर दूसरी तरफ देखने लगी…

आंटी2- अच्छा बेटा कॉफी पिएगा…मैं बना रही थी तो सोचा तुझसे पूछ लूँ..

मैं-ह…हाँ आंटी पी लूगा..

इसके बाद मेघा आंटी किचेन मे वापिस चली गई और मैं अपने खड़े लंड को शांत करने लगा…

मैं(मन मे)- ये अनु कर क्या रही थी..इसे लंड तो चुभा ही होगा..फिर भी उठी नही..क्या ये भी गरम हो गई थी..????

नही-नही…वो कैसे…जो भी हो..मेघा आंटी ने मेरा लंड देख लिया है…पता नही क्या सोच रही होगी…मुझे ही ग़लत समझेगी..जबकि उनकी बेटी ही मेरे लंड पर फुदक कर बैठी थी….खैर जो भी हो…कॉफी पी कर रूम मे जाता हूँ…अनु ने आज सबको पढ़ाई करने बुलाया है..अब साला उन्हे पढ़ाना होगा…पारूल का अड्मिशन एक दिन और लेट हो गया…

मैं सोच ही रहा था कि आंटी ने आकर मुझे कॉफी दी और मैं टीवी देखते हुए कॉफी पीने लगा…
Reply
06-06-2017, 09:57 AM,
RE: चूतो का समुंदर
कॉफी ख़त्म करके मैं जल्दी से उपर संजू के रूम मे आ गया…जहा संजू पढ़ाई मे बिज़ी था..और मैं जा कर बाथरूम गया और फ्रेश होकर रूम मे आ कर बेड पर लेट गया…

मैं थोड़ी देर ही रेस्ट कर पाया कि अनु मुझे बुलाने आ गई…



अनु- भैया,,,,चलिए सब आ गयी है….

मैं- ह्म्म..कौन आ गया...*????

अनु- अरे मेरी फ्रेंड और पूनम दी, रक्षा...सब रेडी है पढ़ाई के लिए...

मैं-ह्म्म..तू चल मैं आता हूँ…

अनु के जाने के बाद मैने हाथ मुँह धोए और जाने को रेडी हो गया…

मैं- संजू ..तू भी आ जा ..

संजू- भाई मेरी पढ़ाई ग्रूप मे कहाँ हो पाती है..तू जानता तो है ना..

मैं- अरे हाँ..ठीक है तू पढ़ाई कर..मैं पढ़ा कर आता हूँ…

इसके बाद मैं अनु के रूम मे चला गया ….वहाँ सबने नीचे बेड लगा कर पढ़ने का प्रोग्राम बना लिया था…

मैं- ये क्या…पढ़ाई होनी है या सोना है…???

पोनं- अरे भाई…पढ़ाई ही करनी है…आज पूरा दिन पढ़ाई करनी है तो चेर्स पर बैठे-2 थक जाएगे…इसलिए बेड लगा लिया…

मैं- ओके..तो मैं कहाँ बैठू…???

अनु- आप यहाँ आ जाइए रक्षा के बाजू मे…

मैने रक्षा को देखा तो उसने नज़रे झुंका ली…पर मैं जा कर उसके बाजू मे बैठ गया…मेरे पीछे दीवाल थी तो ये जगह मुझे ज़्यादा अच्छी लगी…ताकि थकने पर मैं टिक सकूँ…


हम सब एक राउंड बना कर बैठे थे…मेरे एक साइड मे रक्षा थी और दूसरे साइड मे अनु...हम कुछ इस तरह बैठे थे…

मैं- रक्षा-पूनम-मधु-रूबी-अनु



मैं मन मे सोच रहा था कि क्या किस्मत है मेरी...बंद कमरे मे 5 मस्त जवान लड़कियाँ मेरे साथ थी...

और उनके झूँकने से उनके बूब्स की झलक मिल रही थी...साथ मे मेरे दोनो साइड से जांघे टच हो रही थी...

मेरा माइंड मेरे लंड को समझाने की कोसिस कर रहा था...

और मेरा लंड माइंड की खिलाफत कर के कड़क होने लगा....अब क्या होगा...??????????

मैने पढ़ाना शुरू ही किया था कि 30-35 मिनट बाद बारिश आ गई और रूम मे बनी खिड़की से बारिश की बूंदे अंदर आने लगी…

बारिश आने की वजह से रूम मे ठंडक बढ़ गई थी और वैसे भी ये सर्दी के मौसम की शुरुआत थी..तो कुछ ज़्यादा ही सर्दी लगने लगी…खास कर हमारे नंगे पैरों मे….

पूनम की पीठ खिड़की की तरफ थी तो उसे सर्दी ज़यादा महसूस हुई….

पूनम- भाई…सर्दी लगने लगी….

मैं- हाँ सर्दी तो हो गई..पर मैं क्या करूँ..???

अनु- आप कुछ मत करो..मैं करती हूँ…

मैं- तू क्या करेगी..सर्दी रोक लेगी क्या..???

अनु- रूको बताती हूँ…

इसके बाद अनु ने उठ कर कुछ कंबल और शौल निकाले …कंबल उसने हम सब के पैर पर डाल दिया और शौल पूनम दी और मधु को दे दिए..क्योकि उनकी पीठ खिड़की के साइड थी…

अब हम सबने अपने पैर कंबल के अंदर कर लिए और उसके उपर बुक्स रख कर मैं मैथ पढ़ाने लगा….

अब कंबल के अंदर मेरी जाँघ रक्षा की जाँघ से ज़्यादा ही सट गई थी..और अनु तो जैसे मेरी जाँघ को दबा कर ही बैठी थी..दोनो लड़कियों की जांघों से सट कर मेरी गर्मी बढ़ने लगी और मेरा लंड खड़ा होने लगा…फिर भी मैने पढ़ाना चालू रखा…..


पढ़ाते हुए मुझे लगा कि मेरे राइट साइड से कोई हाथ मेरे पैर को सहला रहा है…मैने देखा तो पूनम दीदी स्माइल कर रही थी…

मैं(मन मे)- पूनम दीदी भी …मरवाएगी एक दिन…मौका मिला नही की मस्ती शुरू…

मैने पढ़ाना जारी रखा और बीच-बीच मे मेरे पैर को एक हाथ सहलाता रहा…

करीब 2 घंटे तक मैं ऐसे ही पढ़ाता रहा…

मैं- ओके ..ये समझ आ गया…अब अगला देखो..

अनु- भैया..अब थोड़ा रेस्ट दे दो..हम काफ़ी टाइम से पढ़ रहे है…

मैं- ह्म्म..सही कहा..अब तुम लोग एक सवाल सॉल्व करो..मैं भी देखूं कि किसे क्या समझ आया…फिर रेस्ट करना...

मैने सबको एक-एक सवाल दिया और मैं दीवाल से टिक कर बैठ गया…

सबसे पहले रक्षा ने सवाल सॉल्व कर दिया…

रक्षा- हो गया भैया…

रक्षा की आवाज़ सुनके मैं खुश हो गया…आज वो काफ़ी दिन बाद मुझसे बोली थी…

मैं- ह्म्म..हो गया दिखाओ तो..

सवाल चेक कर के..

मैं- गुड रक्षा..तुम तो एक्सपर्ट हो गई…ऐसे ही पढ़ाई करो..

रक्षा(स्माइल दे कर)- थॅंक्स भैया…

आज मैने बहुत दिनो बाद रक्षा की स्माइल देखी थी…मैं बहुत खुश था..रक्षा की स्माइल को मैने बहुत मिस किया था..उसकी स्माइल ही मुझे सबसे ज़्यादा पसंद थी…

मैं- रक्षा , अब तुम भी रेस्ट करो..जब तक सब लोग सवाल सॉल्व करते है..

रक्षा जल्दी से अपने हाथ कंबल मे डाल के बैठ गई और हम दोनो रेस्ट करने लगे..

देखते ही देखते सब ने सवाल सॉल्व कर लिए और अब सब अपने हाथ- पैर कंबल मे डाल के बैठ गये….सर्दी ज़्यादा ही बढ़ गई थी… 

हमने अब डबल बेड का कंबल डाल लिया और थोड़ा गेप करके बैठ गये..ताकि सब पैर फैला सके…


हम बैठ कर थोड़ा टाइम पास करने लगे , तभी मुझे लगा कि कोई हाथ मेरी जाँघ को सहलाने लगा…मैं समझ गया कि ये पूनम दीदी होगी…फिर मैने एक साथ दो हाथ अपने पैर पर महसूस किए…मैने सोचा कि पूनम दीदी कुछ ज़्यादा ही गरम हो रही है…

पर मुझे झटका तब लगा …जब तीसरा हाथ भी राइट साइड से मेरी जाँघ पर आ गया..अब मेरे पैर पर तीन हाथ थे, दो घुटनों के पास और तीसरा जाँघ पर…
Reply
06-06-2017, 09:57 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं सोच ही रहा था कि ये कौन हो सकता है कि तभी मेरी लेफ्ट पैर पर एक और हाथ घूमने लगा और मैं शॉक्ड हो गया….

मेरे लेफ्ट मे सिर्फ़ अनु और रूबी थी…और मेरे राइट मे रक्षा, पूनम दी और मधु थी…

मैं पूनम दीदी के लिए तो श्योर था बट ये दूसरा कौन था…और ये लेफ्ट साइड मे किसका हाथ आ गया..क्या अनु..??? …या रूबी..????


मैं सोच रहा था और हाथ अपना काम कर रहे थे,,….नतीज़ा ये हुआ कि मेरे लंड ने हुन्न्कार भरना शुरू कर दिया..

तभी मेघा आंटी रूम मे आ गई और सारे हाथ पीछे हट गये…

आंटी2- लो बच्चो..आप सबके लिए गरमा-गरम कॉफी और पकोडे…

अनु- थॅंक्स मम्मी…मैं सोच ही रही थी कि ऐसे मौसम मे कुछ गरमा-गरम हो जाए…

आंटी2- अब ले आई ना..चलो-चलो शुरू करो, मैं संजू को देने जाती हूँ…

इसके बाद हम सब कॉफी और पकोड़ो का आनंद लेने लगे और मैं हाथ के बारे मे सोचने लगा…

नाश्ता ख़त्म करके मैने फिर से पढ़ाना शुरू कर दिया और करीब 2 घंटे पढ़ने के बाद हम फिर से रेस्ट करने लगे…

इस बार भी मेरे पैरों पर हाथ घूमते रहे और मेरे दिमाग़ मे सवाल…कि कौन है ये ..पूनम तो पक्का है…पर बाकी कौन…?????

मैं सोच ही रहा था कि पूनम दी बोली

पूनम- अब पढ़ाई बहुत हो गई..अब कुछ गेम खेलते है...

अनु- हाँ दीदी..पर ऐसे मे क्या खेले..???

पूनम दी- ह्म्म..हम सब हाइड आंड सीक खेलते है पर न्यू स्टाइल मे…

मैं- न्यू स्टाइल...वो कैसे…???

पूनम – हम मे से एक बाहर पारी देने जायगा और बाकी लोग कंबल मे छिप जाएगे…

रूबी- दीदी..कंबल मे सब लोग..तब तो सब पकड़े जाएगे…

पूनम- अरे रूबी सुन तो…

अनु- हाँ आप बोलो…

पूनम- यही तो ट्विस्ट है…

रक्षा- कैसा ट्विस्ट..

पूनम- देखो हम 2-2 और 3-3 के ग्रूप मे कंबल मे रहेगे..और जो पारी देगा..उसे बताना होगा कि इस कंबल मे 2 लोग या 3 लोग कौन-कौन है…

मधु- 2 या 3 को बता भी देगा तो अगली पारी कौन देगा..2 अया 3 लोग साथ मे तो दे नही सकते ना…

पूनम- सुनो तो..

मैं- हाँ …पहले आप बोल लो…

पूनम- तो सुनो…उस ग्रूप मे जिसका नाम पहले बुलाया जायगा वो पारी देगा…पर तभी जब पूरे ग्रूप को सही पहचान लिया जाएगा..

रूबी- मैं समझी नही थोड़ा डीटेल मे समझाओगी दीदी….

पूनम- हाँ क्यो नही…देखो , जैसे मधु पारी देने गई…और मैं अनु के साथ 1 कंबल मे छिप गई और रक्षा, भाई और तुम एक कंबल मे…


अनु- ओके…फिर..

पूनम- अगर मधु ने बोल दिया कि मेरे कंबल मे मैं और अनु है या भाई के कंबल मे भाई , रक्षा और रूबी है …तो उसकी पारी ख़त्म और वो जिस कंबल का बोलेगी उसमे से वो पारी देगा जिसका नाम पहले बोला हो..

मैं- ह्म्म..पर सारी नेम सही हो तब..

पूनम- हाँ….बिल्कुल….समझ गयी सब..??

हम सबने हाँ कर दिया…

मैं- समझ तो गया..पर ऐसा गेम होता भी है कही…

पोनं- अरे भाई होता है ना..हम जब स्कूल ट्रिप पर गयी थे तो अपने रूम मे खेलते थे…ये हमने ही बनाया है…

मैं- अच्छा..पर ये लोग खेलेगे..????

अनु- क्यो नही खेलेगे…किसी को कोई प्राब्लम क्यो रक्षा, रूबी ,मधु..बोलो..

अनु की बात पर सबने कहा दिया कि कोई प्राब्लम नही...

इसके बाद सब खेलने को रेडी थे पर पहली पारी कौन देगा…???

पूनम दी- पहली पारी देने के लिए हम पर्ची मे नंबर लिख कर उछालते है…जिसका सबसे कम नंबर आयगा वो पारी देगा..

मैं- ओके..पर पहले संजू को बुला लो…

अनु- हाँ , मैं बुलाती हूँ...

अनु संजू को बुलाने गई पर संजू सो चुका था.....

पूनम- ओके तो हम 6 लोग है…मैं 6 नंबर की चिट बनाती हूँ…जिसके पास 1 आयगा..वो पारी देगा..ओके

हम सबने हाँ कह दिया और चिट तैयार हो गई..चिट मे 1 नंबर मधु का आ गया और वो पारी देने को जाने लगी…

पूनम- रूको मधु..गेम को थोड़ा और मजेदार बनाते है…

अनु- वो कैसे….

पूनम-देखो , हम रूम मे अंधेरा कर देते है..फिर हमे भी समझ नही आएगा कि हमारे कंबल मे कौन है…

मैं- पर जब कोई नाम लेगा तो...

पूनम- हाँ, देखो जिसका नाम बुलाया जायगा वो हाँ बोलेगा..और जैसे ही दो लोग अलग कंबल मे हुए तो पार्री वापिस देनी होगी…

अनु- वाउ दी ..अब तो और भी मज़ा आयगा…

पूनम- चल फिर लाइट ऑफ कर और खिड़की भी…वैसे भी बाहर तो अंधेरा छा ही गया है…

इसके बाद रूम मे अंधेरा हो गया..और मधु अपनी पारी देने चली गई…मधु को नीचे मेन डोर तक जा कर 10 तक काउंट कर के आना था…जब तक हम को 2 कम्बलो मे छिपना था…लेकिन इसी रूम के अंदर..चाहे खड़े रहे या लेटे रहे…

मैं सोचने लगा कि इन लड़कियो के साथ कंबल मे मेरा क्या होगा…कही मेरा लंड खड़ा हो गया तो…???????

मैं सोच पाता उसके पहले ही मुझे किसी ने पकड़ के अपने साथ कंबल मे लिटा लिया और दूसरी लड़की मेरे दूसरे साइड से कंबल मे आ गई…

एक अजीबो- ग़रीब गेम शुरू हो चुका था….जो ना किसी ने सुना होगा और ना किसी ने खेला होगा…..

पता नही ये गेम आगे क्या-क्या करवाता है…और मुझे क्या मिलता है…..मज़ा या सज़ा…..????????......देखते है…

अब मैं 2 जवान लड़कियों के साथ एक ही कंबल मे था….और कमाल की बात ये थी कि मुझे या भी नही पता था कि मेरे साथ जो लड़कियाँ है …वो है कौन..???

मुझे सच मे बड़ा अजीब लग रहा था कि आख़िर ऐसा खेल क्यो खेल रही है ये सब लड़कियाँ..जबकि सबको पता है कि उनको लड़के के साथ चिपक कर एक ही कंबल मे रहना पड़ेगा…

फिर मैने सोचा की जब इनको कोई प्राब्लम नही तो मैं क्यो डर रहा हूँ…जो होगा तो होने दो…वैसे भी जब चूत ही फड़कने लगे तो लंड की क्या ग़लती…हाहाहा…

यही सोच कर मैने अपनी घबड़ाहट को निकाल फेका और कंबल मे छिपे हुए गेम का मज़ा लेने का सोच लिया…

यहाँ कंबल के अंदर हम 3 लोग बड़ी मुस्किल से अड्जस्ट हो रहे थे…हम सबके बदन एक-दूसरे से पूरी तरह चिपके हुए थे…

मैं बीच मे करवट लेके पड़ा हुआ था और दोनो लड़कियाँ भी करवट लिए हुई थी…ऐसे हम तीनो एक ही साइड मे करवट लेके लेटे हुए थे…

मेरे आगे साइड जो लड़की थी…उसकी गान्ड मेरे लंड से सट गई और मुझे गरम करने लगी….वही पीछे वाकई लड़की के कड़क बूब्स मेरी पीठ पर चुभ रहे थे…जो मेरी गर्मी को और भी ज़्यादा बढ़ाने लगे…

मैं कुछ देर तक तो बिल्कुल नॉर्मल रहा…पर लंड कहाँ मानता है…वो तो गान्ड से टच होते ही कड़क होने लगा…और मेरे पीछे वाली लड़की के बूब्स भी तन गये और मेरी पीठ पर उसके निप्पल चुभने लगे….

अब तक सब नॉर्मल ही था ..पर इसके बाद जो हुआ..वो देख कर तो मैं शॉक्ड रह गया…
Reply
06-06-2017, 09:58 AM,
RE: चूतो का समुंदर
अचानक पीछे वाली लड़की मुझसे ज़्यादा ही सट गई और हमारी बॉडी पूरी तरह से चिपक गई…अब मैं उसका पेट अपनी पीठ पर सॉफ महसूस करने लगा…साथ मे उसकी मोटी जाघे मेरी गान्ड से चिपक गई…

ऐसा लग रहा था कि हमारी बॉडी एक ही हो गई है…और मुझे उसके बूब्स मेरी पीठ पर ऐसे चुभ रहे थे कि जैसे ये बूब्स पीठ मे होल ही कर देगे…

यहाँ पीछे वाली लड़की ने मुझे पूरा गरम कर दिया तो मेरा लंड औकात पर आ गया और आगे वाली लड़की की गान्ड मे घुसने लगा…

मेरा लंड उसकी गान्ड की दरार मे घूंस गया तो मेरा दिल भी डर से धड़कने लगा…कि कही ये लड़की गुस्सा हो कर कोई पंगा ना कर दे…

पर मुझे फिर से झटका लगा...इस बार आगे वाली लड़की ने झटका दिया...जब उसने अपनी गान्ड को पीछे करने मेरे लंड पर दबा दी..जिस से मेरा लंड अब पूरी तरह उसकी गान्ड की दरार मे समाने लगा…

मैं अब बहुत ही खुश और परेशान था…मुझे समझ नही आ रहा था कि ये सब क्या चल रहा है…मैने सोचा था कि पूनम दीदी होगी तो वो हरकत कर रही होगी ..पर यहाँ तो दो-दो लड़कियाँ है…और ये भी नही पता कि ये है कौन…

फिर मैने सोचा कि एक लड़की पूनम दीदी है और दूसरी शायद वो है जो मेरा लंड चूस कर जाती है रात मे…पर कौन..अनु या रक्षा…????

क्योकि बाकी की दो लड़किया तो इस घर की नही है….फिर सोचा कि जब मधु पारी देने आएगी तो नाम बोलेगी..तब शायद पता चल जाएगा…तब तक मज़े करो…

यही सोच कर मैं वेट करने लगा कि अब आगे क्या करती है ये दोनो…इतने मे पीछे वाली लड़की ने अपना एक पैर मेरे पैर पर चढ़ा दिया…और ज़्यादा ही चिपक गई…अब मुझे उसकी चूत का उभार का अहसास भी मेरी जाँघ पर होने लगा था…


मैने पीछे वाली के बारे मे सोच ही रहा था कि आगे वाली लड़की ने अपनी गान्ड की पीछे करते हुए मेरे लंड से रगड़ना चालू कर दिया…

जब मैने देखा कि दोनो हरकते कर रही है तो मैं क्यो चुप-चाप हूँ…आख़िर शुरुआत तो इन दोनो ने ही की…

यही सोच कर मैने अपना एक हाथ आगे करके आगे वाली लड़की के बूब्स पर रख दिया…उसके बूब्स पूरी तरह कसे हुए थे…

मेरे ऐसा करने के बाद तो उसने अपनी गान्ड मेरे लंड पर घिसने की स्पीड तीज कर दी तो मैने भी मौका देखते हुए उसके बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया..

वहाँ पीछे वाली लड़की ने मेरी जाँघ पर पैर चढ़ा कर अपनी गान्ड को हिलाना शुरू कर दिया…जिस से उसकी चूत मेरी गान्ड पर रगड़ खाने लगी….


मैं तो इतना गरम हो गया कि मुझे लगने लगा कि अभी इनको नंगा करूँ और दोनो की चूत मार लूँ…पर क्या करता..रूम मे हमारे अलावा भी दो लड़किया और थी…तो मैं ऐसे ही गरम होते हुए मज़ा लेने लगा…

अब दोनो लड़किया अपनी पूरी स्पीड से अपनी गान्ड हिला रही थी…एक की चूत मेरी गान्ड पर तो एक की गान्ड मेरे लंड पर रगड़ खाने लगी और मेरा हाथ भी पूरी स्पीड से आगे वाली लड़की के बूब्स दवाने लगा…

धीरे-धीरे कंबल के अंदर सिसकिया सुनाई देने लगी….वो दोनो सिसक रही थी पर आवाज़ को दबाते हुए..ताकि कोई सुन ना ले..

वो दोनो तो मज़े ले रही थी पर मेरा लंड जो खड़ा था उसका क्या करूँ…

मैं यही सोच रहा था कि अब तक मधु क्यो नही आई..जल्दी आ जाए तो कुछ शान्ती मिले….

इतने मे रूम के बाहर से रजनी आंटी की आवाज़ आई…


आंटी- अरे बच्चो...कहाँ हो...

आंटी की आवाज़ सुनते ही वो लड़कियाँ. कंबल से निकल गई और मैं बैठ गया...

आंटी- बेटा ये लाइट क्यो ऑफ है..??

पूनम(लाइट ऑन कर के)- मोम, हम हाइड न्ड सीक खेल रहे थे....आप ने सब बिगाड़ दिया..

आंटी- ओह..सॉरी बच्चो...मैं तो कॉफी ले कर आई थी....

मैं- थॅंक्स आंटी...मुझे इसकी ज़रूरत थी...

आंटी के साथ मधु भी थी...उसे देखते ही पूनम बोली...

पूनम दी- मधु तू कहाँ रह गई थी..पारी देने गई थी कि...

मधु(बीच मे)- वो आंटी ने रोक लिया था सॉरी...

अनु- ओके मधु...पहले कॉफी पीते है फिर तू वापिस पारी देने जाना...

मधु- ओके...

आंटी- सॉरी बच्चो...मुझे पता नही था कि तुम गेम खेल रहे हो...

मैं- कोई नही आंटी...होता है..

अनु- हाँ आंटी...हम फिर से स्टार्ट कर लेगे...

मैं अनु की बात सुन कर सोचने लगा कि साला अभी तक लंड बैठा नही है...अब फिर से....इस बार पता नही कौन मेरे साथ आती है कंबल मे..

और अगर पहले जैसा ही हुआ तो....इस बार मे फुल मज़ा लूँगा...बस अब मुझे इंतज़ार था कि कब गेम वापिस स्टार्ट होगा....

रजनी आंटी से कॉफी ट्रे मधु ने ले ली और सब को सर्व करने लगी….

हम सब कॉफी पी रहे थे और मैने अपने लंड के बैठने का इंतजार कर रहा था...यहाँ मेरी कॉफी ख़तम हो रही थी और वहाँ मेरे लंड की अकड़ कम होती जा रही है....

सब लड़कियाँ खिलखिलाते हुए गप्पे कर रही थी और गेम के बारे मे बात करने लगी कि मज़ा खराब हो गया तो ठीक पर अब अच्छे से मज़ा करेगे....

मैं बारी-बारी सब लड़कियों की आँखो मे देखने लगा...मैने सोचा कि जो मेरे साथ हरकते कर रही थी...शायद मुझे पता चल जाए...


पर ऐसा कुछ समझ नही आया...सब लड़किया मुझसे नज़र मिलते ही स्माइल कर रही थी...तो मुझे भी स्माइल करना पड़ा...पर मुझे कोई भी ऐसा नही दिखा जिसे देख कर लगे कि थोड़ी देर पहले वो मेरे साथ जवानी के मज़े ले रही थी....

मैने सोचा कि इन्ही से पूछा जाए..तो मैने बात घूमते हुए पूनम दी से बोला...


मैं- दी...आप कहाँ छिपी हुई थी...

पूनम दी- क्यो पूछ रहे हो भाई... ??

मैं- बस ऐसे ही…(अब मैं सच तो बोल नही सकता ना)

पूनम दी- अरे भाई जहाँ भी छिपी थी , मैने सेफ थी….मधु को कभी पता नही चलता..क्यो अनु…हहहे

पूनम दी की बात पर सब हँसने लगी….मैने फिर से पूछा…

मैं- अरे पर किसके साथ छिपि हुई थी .. ???

पूनम दीदी के बोलने से पहले ही अनु बोल पड़ी…

अनु- आप भी भैया…पीछे ही पड़ गये…अभी मधु जाएगी ना पारी देने तब पता कर लेना …है ना दीदी..

पूनम दी – हाँ बिल्कुल…

मुझे मेरी बात का आन्सर तो नही मिला पर मेरा लंड बैठ गया था और अब मुझे बातरूम जाने की तड़प होने लगी…

अनु- भाई , गेम फिर से स्टार्ट करे…

मैं- ह्म्म..पर 1 मिनट रूको , मैं अभी आया…

अनु- अब आप कहाँ जा रहे है…

मुझे बताने मे शर्म आ रही थी पर अनु बताए बिना जाने नही दे रही थी ..तो मुझे फ़िंगर से इशारा कर के बताना पड़ा ही बाथरूम जाना है…

मेरी फ़िंगर देखते ही सब लड़कियाँ हँसने लगी …और मैं शर्मा कर संजू के रूम मे बाथरूम चला गया..

बाथरूम मे जाते ही मैने जल्दी से अपने आपको हल्का किया और सोचने लगा कि यार ये हो क्या रहा है…ये लड़किया क्या जानबूझ कर ये सब कर रही थी या ऐसे ही हो गया ..आपस मे चिपके जो हुए थे…

पता नही..पर इस बार ऐसा कुछ हुआ तो मैने अपनी औकात पर ज़रूर आ जाउन्गा..और फिर मैं वो करूगा ..जो मेरा लंड चाहेगा..ना कि दिमाग़ की सुनुगा…

मैने हल्का हो कर वापिस अनु के रूम मे आ गया…वहाँ लड़किया आपस मे काना-फूसी कर रही थी और मुझे देखते ही सब एक साथ ज़ोर से हँसने लगी…

मैं- क्या हुआ…???

पूनम दी- कुछ नही भाई..लड़कियों की बाते…

मैं- ओह्ह..तो मैं बाहर जाता हूँ..

अनु- अरे नही भैया..ऐसी कोई बात नही…हमने अब डिसाइड किया है कि मधु अब की बार पारी देने जाएगी तो 100 की जगह 200 काउंट करेगी…

मैं- पर क्यों..???

पूनम दी- भाई ये पनिशमेंट है…जो भी दूसरी बार पारी देने जायगा वो डबल काउंट करेगा..


मैं- और अगर तीसरी बार गया तो…???

अनु- भैया …हर बार 100 आड होता जायगा…

मैं- ओके…गुड ..

पूनम- ओके, तो मधु अब तू जा …और अनु तू लाइट ऑफ कर दे…

अनु- ओके..पर पहले सब एक साथ आ जाओ..ताकि पता ही ना चले कि कौन कहाँ है…
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