Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-06-2017, 10:04 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं- ये ले....यीहह....

रूबी-हाँ...भैया...फाड़ दो....अब...ज़ोर से...आहह..आहह

मैं- ये ले......मज़ा आया...

रूबी-आहह..भैया…ज़ोर सीए..ऑर..तेज

रक्षा भी साथ मे सिसकने लगी थी...

मैं तेज़ी से रूबी को चोद रहा था ऑर रूबी तेज़ी से रक्षा की चूत मसल रही थी....रक्षा भी अपनी जीभ रूबी की चूत के दाने पर फिराने लगी....

और ऐसे ही थोड़ी देर मे रूबी झड़ने लगी ऑर उसके चूत रस के साथ खून मिक्स हो कर बहने लगा….

रूबी-भैया…आहह..मैम्म्म…आऐईयईईई….आअहह

मैं- येस्स….बेटा..कम ऑन….ये ले….

जैसे ही रूबी झड गई तो मैने लंड को चूत से बाहर निकाल लिया तो देखा कि चूत खून से लाल हो गई थी ऑर पूरी खुल चुकी थी…रूबी भी अब थोड़ा नॉर्मल थी….

मैने रूबी को कुतिया के पोज़ मे आने को कहा ऑर उसके पीछे से उसकी चूत मे लंड डाल दिया….

रूबी के आगे रक्षा अपनी चूत खोल कर लेट गई.....और रूबी मज़े से चूत चूसने लगी....

इस बार फिर से मैने दो धक्को मे ही पूरा लंड रूबी की चूत मे डाल दिया….

रूबी-आहह..भैया…आअराम से…

मैं- अब आराम हो गया बेटा…अब बस मज़े कर…

और मैं स्पीड से रूबी को कुतिया की तरह चोदने लगा…

रूबी भी अब मस्त हो कर सिसकने लगी थी…

मैं- ये ले….अच्छा लगा…

रूबी-आअहह..भैया...मस्त है....ज़ोर से....डालूओ

मैं- हाँ..ये ले...

रयबी-आहह..आह..भैया...फाड़ दूओ....मज़ाअ...आहह....आ...गायाअ...

मैं- अभी ऑर मज़े करवाउन्गा..आगे...

रक्षा भी अपनी चूत मस्ती मे चुसवा रही थी....और सिसक रही थी...

रक्षा- आहह...आअहह...ऐसे ही....ज़ोर से चूस ...

रूबी-आहह...सस्स्रररुउउप्प...उउंम्म

मैने पूरी स्पीड मे 5 मिनट और रूबी को चोदता रहा ऑर रूबी फिर से झड़ने लगी…

रूबी- भैया…..मेरा…पानी,…आहह…..आहह…निकल….रहा.....

रूबी झड़ने लगी ऑर उसकी चूत मे पानी के साथ मेरा लंड अंदर बाहर होते हुए फुकच्छ करने लगा….साथ मे रक्षा भी झड़ने हुए आहें भरने लगी....ऑर चुदाई का महॉल गरम हो गया…

रूबी-ओह्ह..भीया…अह्ह्ह्ह…आहह

रक्षा- आहह....माँ...मार दो इसकी भैया....आअहह

मैं- येस्स..बेटा…यस…

रूबी-भैया.आआ…..आहह..आहह…आहह….

पूरे रूम मे अब आवाज़े गूंजने लगी

फ़फफूूककचह..फ़फफूूक्चह्त…….टत्त्तप्प्प….त्ततप्प्प…त्तप्प..आहह…उउउंम..हमम्म..भीयाअ……आहः….आहह..उउफ़फ्फ़…ऊहह…ऊहह…
.फ्फक्च्छ..फ़फफुक्चह…..भीया….त्तप्प…त्तप्प्प..आहहह..अहहहह…येस्स..येस्स……आहह…उउउंम्म…उउंम्म..ईएहह…


और जैसे ही मैं झड़ने के करीब आया तो मैने रूबी की चूत से लंड निकाला और रूबी और रक्षा के सामने आ गया....

वो दोनो मेरा लंड देख कर समझ गई कि क्या करना है....और दोनो ने मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया...


थोड़ी देर मे ही मैं झड़ने लगा और दोनो ने मुँह खोल कर मेरा लंड रस पीना शुरू कर दिया.....

मैने दोनो के मुँह मे बारी- बारी पिचकारी मारी और लंड रस पिला दिया.....

जब मैं झड चुका तो मैं लेट गया और उन दोनो ने मेरे लंड को चाट कर सॉफ कर दिया...और फिर मेरे पास ही लेट गई....


मैं- मज़ा आया...

रक्षा- बहुत...

रूबी- हाँ मेरी फट गई और तुझे मज़ा आया...

मैं- कोई नही..जब रक्षा की फटेगी तब तू मज़े लेना...

रूबी- हाँ ये सही कहा...

रक्षा- भैया....आप भी...

मैने दोनो के गले मे बाहे डाली और किस करने लगा...फिर हमने साथ मे किस किया....

थोड़ी देर लेटने के बाद मैने फ़ोन चेक किया तो उसमे कुछ मिस्कल्ल और मेसेज थे....

फोन देखते ही मुझे कुछ याद आ गया....

मुझे याद आया कि मैने अनु से मिलने का बोला था....



मैने बेड से उठ कर उसे मेसेज किया...

(मसेज चॅट)

मैं- क्या हुआ...

अनु- कहाँ हो आप...

मैं- रूको 10 मिनट मे आया....

अनु- ओके ...जल्दी...मुझे नीद नही आ रही...

मैं(मन मे) - हाँ...मेरा लंड चूसे बिना तुझे नीद कैसे आयगी...आइ एम कमिंग बेबी...

मैने जैसे ही कपड़े पहने तो रक्षा बोली...

रक्षा- भैया..कहाँ जा रहे हो...

मैं- संजू के रूम मे..और कहाँ...

रक्षा- भैया...आज हमारे साथ ही सो जाइए ना प्ल्ज़्ज़...

मैं(सोच कर) - ओके...तुम दोनो लेटो...मैं थोड़ी देर मे आ जाउन्गा...

रक्षा- पक्का ना...

मैं- ह्म्म..पक्का. ...अभी रूबी की चूत खोलनी बाकी है...हाहाहा....

रूबी- अभी और करेगे...???

मैं- जब आउन्गा तब देखेगे ओके...चलो रेस्ट करो मैं आता हूँ...

और मैं कपड़े पहन कर संजू के रूम मे आ गया....

जैसे ही मैं रूम मे गया तो संजू सोता हुआ मिला....
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06-06-2017, 10:04 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैने बाथरूम जा कर अपने लंड को सॉफ किया और पोछ कर रूम मे आ गया....

फिर माइनर 1 पेग और बनाया और अनु के रूम मे निकल गया.....

जब मैं अनु के रूम मे जाने को नॉक करने लगा तो पता चला कि रूम खुला हुआ है...

मैं रूम के अंदर गया तो सामने बेड पर अनु लेटी हुई दिखाई दी....

मैने रूम को अंदर से लॉक किया और बेड के पास पहुँच गया....


अनु कंबल ओढ़े हुए सोई हुई थी...सिर्फ़ उसका चेहरा ही बाहर था...

मैं खड़े हो कर अनु की खूबसूरती देखने लगा....

इस घर मे वैसे तो सभी लड़किया सुंदर है...बट अनु सबसे ज़्यादा क्यूट है...


मैं अनु के चेहरे को देखते हुए सोच रहा था कि कितनी क्यूट दिख रही है...बिल्कुल गुलाब के फूल की तरह सुंदर...उपेर से उसके बाल की लट जो उसके चेहरे पर डाली हुई थी...वो उसकी सुंदरता और बढ़ा रही थी....

मैं अनु की क्यूटनेस मे इतना खो गया कि ये भी भूल चुका था कि मैं यहाँ किस काम से आया था...

मैं(मन मे)- ये इतनी प्यारी है कि इसे अपनी बीवी बना लूँ....इसे देख कर हवस नही...प्यार उमड़ता है....

ये इतनी नाज़ुक है कि इसे प्यार से सहलाना होगा....ये रोन्दने के लिए नही है....

मैने डिसाइड किया कि इसे मैं पूरी जिंदगी प्यार करूगा...पर सिर्फ़ अपनी सेक्स भूख मिटाने के लिए यूज़ नही करूगा...


मैं फिर एक हाथ से अनु के गाल पर पड़ी हुई लट अलग की और कहा...


मैं- कितनी प्यारी है तू....तुझे देख कर ही प्यार आता है...पर तूने ये लंड चूसने जैसा काम क्यो किया....

मैं तुझे हमेशा से प्यार करता हूँ और अब तुम्हारे सामने बोलता हूँ कि तुम हाँ कहो तो मैं तुमसे शादी कर लूँगा....रियली आइ लव यू स्वीटी...

और मैने बाल की लट हटा कर अनु के गाल पर पप्पी ले ली...और वापिस आने लगा.....



तभी पीछे से आवाज़ आई....

अनु- सच मे भैया....

मैं(वही रुक गया)- अनु...वो..मैं...तुम सोई नही...???

अनु- भैया...सोई हुई होती तो बहुत बदकिस्मत होती मैं...

मैं- ऐसा क्यो कह रही हो ???

अनु- वो इसलिए कि मुझे सोता हुआ देख कर आपने अपने दिल की बात तो की....

मैं- ऐसा क्या....तुमने क्या सुना...???

अनु- वही जो सुनने को मैं 2 सालो से इंतज़ार कर रही थी...

मैं- क्या...मैं समझा नही....

अनु- भैया...

मैं- हाँ ...

अनु- आइ लव यू

अनु ने अपने दिल की बात बोल दी बट मुझे कुछ ज़्यादा फ़र्क नही पड़ा....मैं सोचने लगा कि इतने दिनो से मेरा लंड चूस रही है और अब मुझे आइ लव बोल रही है...

अनु- क्या हुआ भैया...आपने कुछ ...

मैं- आहंम...कुछ नही...क्या कहा तुमने ...???

अनु- भैया....आपका ध्यान कहाँ है....

मैं- यही तो है...बोलो...

अनु- तो आपने नही सुना जो मैने कहा...

मैं- हां सुना...पर...

अनु- पर क्या...???

मैं- अनु कुछ कहने से पहले ये पता होना चाहिए कि उसका मतलब क्या है...

अनु- मैं कुछ समझी नही...

मैं- ह्म्म..समझाता हूँ....

और मैं बेड के पास पड़ी चेयर को लेकर बैठ गया...

मैं- देखो अनु...तुम जो कह रही हो..उसका मतलब भी पता है तुम्हे...??

अनु- हाँ भैया...मैं आपसे सच्चा प्यार करती हूँ....

मैं- सच्चा प्यार..हाँ...???

अनु- जी भैया...कसम से...

मैं- अनु, सच्चा प्यार क्या होता है...जानती हो...???

अनु- हाँ जानती हूँ...

मैं- तो बताओ...

अनु- सच्चा प्यार वो होता है जो दिल से हो...जो अपने प्यार की खुशी देखे ना कि अपनी....जो अपने साथी के दुख को गले लगा ले....जो उसकी आँखो मे आँसू ना आने दे...सच्चा प्यार वो होता है जो किसी भी हालात मे अपने साथी का साथ ना छोड़े...सच्चा प्यार वो.....

मैं(बात काट कर) - बस...तुम किताबो मे लिखी लाइन्स बता रही हो....सवाल ये है कि तुम क्या सोचती हो....

अनु- मैं भी ऐसा ही प्यार करती हूँ आपसे....

मैं- और तुम्हारा प्यार ये कहता है कि रात के अंधेरे मे मेरे लंड को चूसो...

मैने ये बात थोड़ी गुस्से से कही और आँखे भी दिखाई...जिससे अनु ने अपनी नज़रे नीचे कर ली....

मैं अब खामोश था और मैने देखा कि अनु की आँखो से आसू बहने लगे....मैं ये तो नही चाहता था....


मैं- अनु...अनु रो मत ...मैं गुस्से मे बोल गया..सॉरी...

मुझे आज अनु की आँख मे आसू देख कर अच्छा नही लग रहा था और मैं उठ कर बेड पर उसके बाजू मे बैठ गया... 

मैं- अनु , रो मत प्लीज़...चुप हो जाओ...

अनु(रोते हुए)- आपको यही लगता है कि ये सब मैं सेक्स के लिए कह रही हूँ...

मैं- नही अनु...मेरा ऐसा मतलब नही था...

अनु- यही मतलब था....अगर आपको ऐसा लगता है तो मैं कभी आपके पास नही आउगि...लेकिन प्यार आपसे ही करूगी...



मैं- अनु...चुप हो जा...प्ल्ज़्ज़

अनु के आसू नही रुके तो मैने अपने हाथ से उसके आसू पोछ दिए और उसके साथ ही लेट गया...


मैं- बस अब रोना नही....मेरी बात सुनो...

अनु- ह्म्म्म..


मैं- तू मुझसे प्यार करती है...???

अनु- ह्म्म..


मैं- कब्से...??

अनु- जबसे मैने प्यार का मतलब जाना है....

मैं(मन मे)- ओह माइ गॉड...ये डाइलॉग तो थोड़ी देर पहले ही सुना था....मुझे पता था कि अनु और रक्षा काफ़ी करीब है...पर इतने करीब कि डायलॉग भी सेम ....कमाल है...


अनु- मैं आपसे कहना चाहती थी पर हमेशा डर जाती थी....

मैं- ह्म्म...कितना प्या करती है मुझसे...???

अनु- अपनी जान से भी ज़्यादा....

मैं- ह्म्म..तू रोना मत ...तो तुझसे कुछ पूछूँ....

अनु- ह्म्म्मन..

मैं- जब मुझसे प्यार करती थी...तो बोला क्यो नही...और ये गंदी हरकत क्यो की....
( लंड चूसने वाली)

अनु- वो तो आपका प्यार पाने के लिए....

मैं- हाहाहा...ऐसे प्यार मिलता है....???

अनु- हाँ...मुझे तो ऐसा ही बताया था...

मैं- किसने कहा...???

अनु- वो..मधु है ना...उसने....

मैं- अच्छा...क्या कहा उसने...??

अनु- उसने कहा था कि लड़के की ज़रूरत पूरी करो तो वो प्यार करते है...

मैं- बकवास...वो प्यार नही...सेक्स की भूख है...हवस है ..

अनु- मतलब ये अच्छा नही है...??

मैं- बिल्कुल नही...गंदा है....

अनु- तो मैं गंदी हूँ...मैने गंदा काम किया है...

और अनु फिर से रोने लगी....मैने उसे चुप करने के लिए उसे गले से लगा लिया....

मैने - नही बेटा....तू ऐसा मत सोच....तू बहुत प्यारी है....बस तूने अपनी फ्रेंड की बात मानी...तो तू कहाँ गंदी हुई....

अनु(सुबक्ते हुए)- सच्ची भैया...मैने ग़लत नही किया ना..??

मैं- ग़लत तो किया...पर इसमे तेरा दोष नही है....बस अब उसकी कोई बात मत मानना....ओके

अनु- ह्म्म...मैं उसे छोड़ुगी नही...

मैं- नही...तू कुछ मत करना....

अनु- भैया ...उसने मुझे इतना गंदा काम करने को कहा और आप उसे बचा रहे है...

मैं- नही रे पगली...बचा नही रहा...बस तू कुछ मत करना...

अनु- इसका मतलब क्या हुआ. .???

मैं- मतलब ये कि हम मिल कर उसे सज़ा देंगे..पर टाइम आने पर...ओके

अनु- ह्म्म...आप कहते हो तो ठीक...

फिर हम थोड़ी देर तक यू ही गले लगे हुए खामोश लेटे रहे....मुझे इस तरह लेटे हुए अनु पर प्यार आ रहा था...पर हवस की कोई भावना नही थी....

अनु- भैया...

मैं- ह्म्म...

अनु- आपने जो कहा था वो सच है ना...???

मैं- कब...क्या कहा था...???

अनु- वही जो आपने रूम मे आते ही कहा था....मुझसे प्यार करते है...

मैं- हाँ तो..तुझे पसंद नही..??

अनु- आपको तो मैं जान से ज़्यादा पसंद करती हूँ....


मैं- ह्म्म...कितना...???

अनु- आपके लिए जान दे सकती हूँ...

मैं- ह्म्म..वैसे ये बता कि मधु के कहने पर तू मेरे रूम मे आने लगी...पर ये क्यो सोचा कि मैं इससे खुश हो जाउन्गा...

अनु- वो भैया...मैने आपकी बात सुनी थी...एक दिन आप मोबाइल पर किसी से कह रहे थे कि फ्रेश माल मिले तो प्यार करूगा ही....

मैं(मन मे) - ये तो रेणु दीदी से कहा था....

अनु- तो मैने सोचा कि आपको ये पसंद आयगा....

मैं- ह्म्म...पर तुम्हे डर नही लगा..कि पकड़ी भी जा सकती है...या मैं गुस्सा कर सकता था...

अनु- गुस्से का डर उस दिन ख़त्म हो गया था..जब आपने मेरा सिर पकड़ कर मेरे मुँह मे पानी डाल दिया था....

मैं- अच्छा...

अनु- और मैं चाहती थी कि आप मुझे पकड़ लो....

मैं- वो क्यो...??

अनु- ताकि आप मुझसे पूछो..और मैं अपने दिल की बात कहूँ...

मैं- वो तो तू वैसे भी कह सकती थी ना...

अनु- नही भैया...मेरी हिम्मत नही हुई....2 साल से आपसे कहना चाहती थी...पर हिम्मत ही नही जुटा पाई...

मैं- ह्म्म्मा..तो अब तू मेरी हो गई...

अनु- हाँ..और आप...

मैं- मैं भी तेरा और ये मेरी बॉडी भी तेरी..

अनु- तो मेरी बॉडी भी आपकी...

मैं- हाँ...वैसे तूने ये चूसना कहाँ से सीखा....

अनु- वो भैया...मधु के पास से..

मैं- मतलब..???

अनु- वो उसके पास रब्बर का है...उसी ने सिखाया...

मैं- वो क्या करती है उससे...??

अनु- भैया...वो तो अंदर भी डालती है...नीचे...

मैं- तूने भी डाला...???

अनु- नही भैया...मैं सिर्फ़ आपके साथ ही कुछ करूगि...वरना बिल्कुल नही...

मैं- ओके...तो अभी करना है क्या...???

अनु- जब आप कहो....मैं तैयार हूँ...

मैं- ह्म्म...आज नही....

अनु- क्यो ??

मैं- तुम स्पेशल हो माइ लव...तुम्हारे लिए कुछ स्पेशल करूगा...

अनु- ह्म्म...तो अभी क्या करूँ...

मैं- तू ऐसे ही लेटी रह मेरी बाहों मे....


इसके बाद अनु मेरे सीने पर सिर रखे हुए लेटी रही और थोड़ी देर मे ही सो गई....

मैं उसके फूल से चेहरे को देखकर सोच रहा था कि इतनी सुंदर लड़की मुझसे इतना प्यार करती है और मैं क्या हूँ...???

मैने तो कई के साथ सेक्स किया...इसे धोखा कैसे दूं....


मैने डिसाइड किया कि अनु को सब सच बता दूँगा और फिर प्यार से उसके माथे पर किस किया और लेट गया....


अनु मेरे सीने पर सोई हुए प्यारे सपने देख रही होगी ...पर मेरे माइंड मे उस डाइयरी की बात चल रही थी....

मैं(मन मे)- कल सुबह सबसे पहले वो डाइयरी पढ़नी है...फिर अनु से बात होगी ...


ऐसे सोचते हुए ही मुझे नीद आ गई...आज ड्रिंक भी किया था तो पता भी नही चला...और ना ये सोचा कि सुबह जब मुझे कोई अनु के साथ सोते हुए देखेगा तो क्या होगा...?????????
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06-06-2017, 10:04 AM,
RE: चूतो का समुंदर
सुबह जब मेरी आँख खुली तो मैं चौंक गया....

आज तक मैं जिस वजह से रात मे चौंकता था , उसी वजह से आज सुबह- सुबह मेरी आँख खुल गई....

मैने सोचा भी नही था कि सुबह- सुबह मेरे साथ ऐसा होगा...

आज अनु सुबह- सुबह मेरे लंड को मुँह मे ले कर चूस रही थी और लंड खड़ा करने की कोशिश कर रही थी....

मैं- अनु...ये क्या...तुम फिर से...क्यो..???

अनु ने मेरी बात का कोई जवाब नही दिया बस लंड चुसाइ चालू रखी....


मैं- अनु ...जवाब दो...उम्म्म

मेरी बात ख़तम ही नही हुई और अनु ने अपना हाथ बढ़ा कर मेरा मुँह बंद कर दिया....

मैने भी सोचा कि चलो इसे इसका काम कर लेने दो फिर बात करेंगे....और मैं लंड चुसवाने का मज़ा लेने लगा....

अनु ने मेरे मुँह से अपना हाथ हटा लिया और लंड को पूरी सिद्दत से चूसने लगी....बीच मे अनु अपने बाल को हटा ती , जो लंड चुसाइ के बीच मे आ रहे थे...उसकी लंड चुसाइ से मेरा लंड औकात पर आ गया था....

जैसे ही मेरा लंड पूरा खड़ा हुआ तो अनु ने लंड को मुँह से निकाल लिया और एक टक देखने लगी....तो मैने लंड को हाथ से पकड़ लिया....पर अनु आँखे फाडे हुए देखती रही...





मैं- क्या हुआ....???

अनु- भैया....ये तो...इतना बड़ा...

मैं- पहली बार थोड़ी देख रही है ..

अनु- पहली बार ही देखा...

मैं- अच्छा...इतने दिन से चूस रही है और कहती है कि पहली बार देखा...

अनु- हाँ...क्योकि आज तक अंधेरे मे ही चूसा था...देखा नही था....


मैं- ओके...अब देख लिया ना...कैसा है....

अनु- बहुत तगड़ा है...पर...

मैं- पर क्या ??

अनु- ये अंदर कैसे जा सकता है...

मैं- सब चला जाता है...आराम से...

अनु- पर मेरी वो तो छोटी सी है...

मसिन- हाहाहा...उसे चूत कहते है...और टेन्षन मत ले...चूत किसी भी लंड को अंदर ले लेती है...हाहाहा...

अनु- सच्ची...

मैं- हाँ..अब तू इसे शांत तो कर दे...

अनु- ह्म्म..पहले थोड़ा प्यार कर लूँ...

मैं- जो करना है करो...ये तुम्हारा है...पर जल्दी...कोई आ ना जाए...

अनु - ह्म्म्म 

और उसके बाद अनु ने अपनी जीभ को लंड के उपेर से नीचे और नीचे से उपेर फिरानी सुरू कर दी....वो मेरे लंड को चटखारे लेकर चाट रही थी....



अनु- सस्स्रररुउपप...सस्स्रररुउउप्प...आहह

मैं- ओह्ह अनु...तू एक्सपर्ट हो गई...आअहह


अनु- सस्रररुउउप्प...आअहह

मैं- अब जल्दी से चूस मेरी जान...जल्दी...


मेरे कहते ही अनु ने मेरे लंड के सुपाडे को मुँह मे भरा और अपनी जीभ सुपाडे पर घूमाते हुए चूसने लगी....

धीरे-2 अनु ने लंड पूरा मुँह मे भर लिया और मुँह उपेर नीचे करके लंड को चूसने लगी...

थोड़ी देर तक अनु ने बड़े प्यार से लंड चूसा और फिर स्पीड बढ़ा दी....जिससे मैं झड़ने के करीब आ गया...

मैं- अनु ...आइ एम कोँमिंग बेबी...

और मैं अनु के मुँह मे झड़ने लगा....अनु पूरे मन से मेरा सारा लंड रस पी गई और फिर लंड चूस कर पूरा सॉफ कर दिया....और फिर मेरे उपेर आकर मेरे गले लग गई...


मैं- ओह अनु...तू फिर से सुरू हो गई...

अनु- ह्म्म...आदत पड़ गई है भैया...

मैं- पर सुबह- 2 ...क्यो..??

अनु- वो कल रात मेरे रोने की वजह से आपको मज़ा नही मिला था ना..इसलिए...

मैं- अरे बेटा..तू मज़े लेने की नही प्यार करने के लिए है...

अनु- तो मुझे भी आपको प्यार करना चाहिए ना...

मैं- हाँ..पर ऐसे...???

अनु- आपको अच्छा नही लगा...???

मैं- अच्छा क्या...तूने मेरी मॉर्निंग सच मे बेस्ट बना दी...

अनु- तो मैं आपको ऐसे ही प्यार करूगि...आप मना मत करना...

मैं- ओके बेटा ..नही करूगा....अब उठ जा...मैं जाउ ...वरना तेरे साथ कोई देखेगा तो बवाल हो जाएगा.. 

अनु- ह्म्म...पर मेरी मॉर्निंग का क्या ??

मैं- अभी तेरी मॉर्निंग गुड करता हूँ...

और मैने अनु के होंठो को चूसना सुरू कर दिया....

हम आपस मे एक किस कर के अलग हुए और फिर मैं अनु को लिटा कर कपड़े पहन कर रूम से बाहर आ गया....

अभी सारे लोग सो ही रहे थे तो मैने सोचा कि चलो अनु की मॉर्निंग तो मस्त हो गई...अब रक्षा और रूबी को भी गुड मॉर्निंग बोल दूं फिर संजू के पास जाउन्गा.....और मैं रक्षा के रूम मे चल गया....
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06-06-2017, 10:04 AM,
RE: चूतो का समुंदर
रक्षा के रूम मे जाकर मैने देखा की रक्षा और रूबी दोनो सोई हुई है...और रूम की लाइट भी ऑन है....

रूबी तो अपनी पहली चुदाई से दर्द और थकान की वजह से गहरी नीद मे थी और रक्षा भी चूत की खुजली मिटा कर इतमीनान से सो रही थी....

दोनो वैसे तो कंबल मे थी पर रक्षा के उपेर से कंबल खिसक गया था और उसके आधे बूब्स बाहर दिख रहे थे....

रक्षा के चेहरे मे भी मासूमियत थी पर अनु से ज़्यादा नही....

पर इस समय मुझे रक्षा का चेहरा देख कर उस पर प्यार आ रहा था...और साथ मे उसके गोरे- 2 बूब्स देख कर मेरा मन भी मचल रहा था....

मैने जल्दी से रूम का गते लॉक किया और रक्षा के बाजू मे जा कर बैठ गया...

थोड़ी देर तक रक्षा की खूबसूरती को निहारने के बाद मेरी नज़र उसके बूब्स पर पड़ी और मेरे मन मे लालच आ गया...

मैने धीरे से कंबल को नीचे किया...जिससे उसके बूब्स पूरे बाहर आ गये....

मैने एक हाथ से उसके बूब को साहलया तो उसकी तरफ से कोई हरकत नही हुई....

फिर मैने थोड़ी देर तक उसके बूब्स को बारी-बारी सहलाया....अब भी रक्षा सोई हुई थी...

फिर मैने उसके निप्पल को दबाया...पर कोई रेस्पोन्स नही मिला....

मैने फिर उसके बूब्स को दबाना चालू कर दिया...पर अभी भी रक्षा सोती रही....

फिर मैने झुक कर रक्षा के निप्पल पर जीभ घुमानी चालू की...और कुछ देर तक उसके दोनो निप्पल को चाट ता रहा....फिर भी रक्षा नही जागी....

पर जैसे ही मैने उसके एक बूब को मुँह मे भरा तो रक्षा कसमसा गई....

पर मैने अपना काम चालू रखा....

मैं उसके बूब को मुँह मे भर के चूसने लगा....

थोड़ी देर बाद मैने दूसरा बूब भी चूसा...और थोड़ी देर चूसने के बाद मुझे रक्षा की आवाज़ आई...

रक्षा- गुड'मॉर्निंग भैया...

मैं(बूब को मुँह से निकाल कर)- मोर्नग बेटा...अच्छी नीद आई...???

रक्षा- ह्म्म...और सुबह उससे भी अच्छी हुई....

मैं(मुस्कुरा कर)- सच मे...

रक्षा- ह्म्म...पर आपने मुझे जगाया क्यो नही...

मैं-क्योकि मैं नही चाहता था कि हमारी बात से रूबी जाग जाए...

रक्षा- तो उससे क्या...उसे तो सब पता है...फिर कैसा डर ???

मैं- डर नही...वो थकि होगी...उसे सोने दो...तो दर्द भी जल्दी ठीक हो जाएगा...

रक्षा- ह्म्म्म ...पर आप रुक क्यो गये...करिए ना...

मैं- क्या करूँ...

रक्षा(शरमाते हुए)- वही जो कर रहे थे....

मैं- ह्म्म...तुम चुप-चाप मज़े लेगा....वो जागने ना पाए...ओके

रक्षा- हाँ मे गर्दन हिला दी...

फिर मैं रक्षा के उपेर झुक कर उसके बूब्स को चूसने लगा...

रक्षा- उनम्म( रक्षा ने अपने होंठ बंद किए पर हल्की सिसकी निकालती रही...)

मैं- सस्स्ररुउउप्प्प्प...उउम्म्म्म

रक्षा-हम्म...उउउम्म्म्म

थोड़ी देर तक मैं उसके नरम-नरम बूब्स का रस्पान करता रहा...और फिर मैने उपेर जाकर उसके होंठो पर होंठ लगा दिए....

रक्षा तो जैसे इसी इंतज़ार मे थी और उसने जल्दी से मेरे होंठो को अपने होंठो से क़ैद कर लिया और मेरा सिर पकड़ कर जोश के साथ किस करने लगी...

मैं रक्षा की किस्सिंग से हैरान था...वो मुझे ऐसे चूस रही थी कि जैसे मैं कही भागा जा रहा हूँ...साथ मे उसकी जीभ मेरे मुँह मे घूमने लगी और मेरी जीभ को किस करने लगी....

हम तब तक होंठ चूस्ते रहे जब तक कि हमे साँस लेने मे तकलीफ़ नही हुई....जैसे ही हमारे होंठ अलग हुए तो हम ज़ोर- ज़ोर से साँस लेने लगे....

थोड़ी देर मे जब हम नॉर्मल हुए तो एक- दूसरे को देख कर मुस्कुरा दिए और फिर रक्षा शरमा गई...

मैने उसे कुछ नही कहा..और उठ कर उसके उपेर से कंबल हटा दिया....

जिससे रक्षा अब पूरी नंगी मेरे सामने आ गई....

रक्षा का जिस्म गोरा था....और उसकी बनावट भी बिल्कुल मस्त थी...सिफ्ट होंठ...मस्त बूब्स...कातिल कमर...पर्फेक्ट गान्ड....

और प्यारी चूत...जो इस समय उसकी जाँघो के बीच छिपी हुई थी और उसके नाक की तरह उसकी जाग भी चूत की रक्षा कर रही थी....

मैं रक्षा के जिस्म को देखे जा रहा था और रक्षा शर्म से लाल हो रही थी....

मैं फिर बेड पर उसके बाजू मे बैठ गया और झुक कर उसकी नाभि को किस कर दिया....

रक्षा- आहह...भैया...

मैने अपनी जीभ को नाभि मे घुमाना चालू कर दिया और साथ मे उसकी जाघ को हाथ से सहलाने लगा....

थोड़ी देर बाद मेरी जीभ घुमाने से रक्षा भी गरम ही गई और अपने बूब्स अपने हाथ से मसल्ने लगी......

मैं अपनी जीभ को उसकी बॉडी पर फिराते हुए उसकी चूत पर पहुत गया...और उसकी चूत के दाने को जीभ से चाटने लगा.....




रक्षा- आहह...आअम्म्म.....उउंम्म

थोड़ी देर बाद ही रक्षा ने अपने दोनो पैर फैला दिए औट चूत को आज़ाद कर दिया....ये मेरे लिए चूत चूसने की दावत थी....

मैं उठा और उसके पैरो के साइड झुक गया.. और रक्षा की प्यारी चूत मेरे सामने आ गई....


मैं- बेटा...ज़्यादा आवाज़ मत करना...ओके...

रक्षा जो अभी मज़े मे अपनी आँखे बंद किए हुए थी....उसने गर्दन हिला कर हामी भर दी....

और मैने जीभ रक्षा की चूत पर फिरा दी....

मैं- सस्स्रररुउउप्प...सस्स्रररुउउप्प...

रक्षा- उउउंम्म...उउउंम...


मैं- सस्र्र्ररुउउप्प..सस्रररुउउप्प...सस्स्ररुउउप्प...
रक्षा- उम्म्म....उउउंम...

मैने थोड़ी देर तक चूत को चाटा...जिससे रक्षा की चूत पानी- पानी ही गई...और फिर मैने जीभ को नुकीला करके उसकी चूत मे डाल दिया...

रक्षा- उउंम...भा...ईया....आहह...


मैने धीरे से अपनी जीभ से उसकी चुदाई करने लगा और रक्षा अपने बूब्स मसल्ते हुए मज़े से सिसकती रही....


थोड़ी देर बाद रक्षा ने मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा दिया और तेज़ी से अपनी गान्ड उठा- उठा कर चूत चुसवाने लगी....



करीब 5-6 मिनट बाद ही रक्षा की चूत ने चूत रस की बारिश कर दी और मैं फ्रेश चूत का रस पीने लगा....

जब रक्षा झड चुकी तो वो थक के लेट गई और मैं उसकी चूत से चूत रस चाटने लगा....

जब मैने चूत रस को चाट लिया तो उसकी चूत को चाट कर सॉफ कर दिया और उसे कंबल उढा कर उसके सिर के पास खड़ा हो गया....

मैं- अच्छा लगा ...

रक्षा- आज मेरी लाइफ की बेस्ट मॉर्निंग हुई है भैया ...

मैं(मुस्कुरा कर)- ह्म्म..अब तू रेस्ट कर ..मैं चलता हूँ...

रक्षा- ह्म्म...

मैं -चल गेट लगा ले...कोई आ गया और तुम दोनो की हालत देखी तो....और इस रूबी को पेन किल्लर खिला देना ओके....

रक्षा - ह्म्म...चलिए

और मैने रक्षा को किस किया और एक नज़र रूबी पर डाली...जो हम से बेख़बर सोई हुई थी...और मैं रूम से बाहर निकल आया....



मेरे बाहर आते ही रक्षा ने गेट लॉक कर लिया और मैं संजू के रूम मे चला आया.....

जैसे ही मैं संजू के रूम मे आया तो सबसे पहले फ्रेश होकर अपने लंड को शांत किया जो रक्षा की चूत चूसने से खड़ा हो गया था और उसके बाद संजू के साथ बेड पर लेट गया....

लेटे हुए मैं सोचने लगा कि आज की सुबह भी क्या शुरुआत की हुई....एक बेहन ने मेरा लंड रस पिया और दूसरी ने अपना चूत रस मुझे पिलाया....

फिर मैने कल का प्लान बनाया कि कल किसी भी हालत मे डाइयरी पढ़ना है और साथ मे कल पारूल का अड्मिशन भी कराना है....

फिर मैं थकान की वजह से कब सो गया पता ही नही चला....
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06-06-2017, 10:05 AM,
RE: चूतो का समुंदर
अगली सुबह फिर से मेरी आँख अनु के जगाने से खुली....अनु ने मुझे जगाया और प्यारा सा किस करके निकल गई....

मैं भी रेडी हो कर नीचे आ गया....

आज सब नाश्ता कर चुके थे क्योकि मैं लेट जगा था...


नाश्ता करने के बाद मैं आंटी को बोलकर पारूल के साथ अपने घर निकल गया....

हम जैसे ही घर मे आए तो सविता अपने बेटे के साथ कहीं जा रही थी...साथ मे रश्मि भी जा रही थी....

मैं- कहाँ जाने की तैयारी है...???

सविता- वो...वो बेटा ..एक पहचान वाले के घर कथा है..वही जा रहे है...

मैं- तो इसमे इतना हड़बड़ाने की क्या बात है ..जाइए ...और रश्मि तुम भी जा रही हो ...???

रश्मि- जी सर...

मैं- ओके...रेखा कहाँ है...?

सविता- वो यही है...आप अचानक कैसे...कोई काम है क्या...??

मैं- क्यो..अब मैं अपने घर मे काम से ही आउगा क्या...

ये बात मैने गुस्से से बोल दी...और सब सहम गये....तभी अंदर से रेखा आ गई...

रेखा- अरे नही सर...आपका घर है...कुछ भी कर सकते है आप...

सविता- हाँ बेटा ..मेरा मतलब वो नही था...मैं तो ये कह रही थी कि आपके आने का पता होता तो हम जाना केन्सिल कर देते...

मैं- कोई नही..आप जाओ...रेखा है ना यहाँ..और पारूल भी है मेरे साथ....

सविता- ओके...हम जल्दी आते है...

और सविता, रश्मि और अपने बेटे के साथ निकल गई...हरी भी उनके साथ गया....

रेखा- सर...कॉफी पिएगे या कुछ और प्लान है...और मुस्कुरा दी...

मैं- ह्म्म्मम...अभी कॉफी पिलाओ...और एक पार्सल आया था...वो लाओ...

रेखा- हाँ..वो उस रूम मे है...लाती हूँ..

मैं- रूको....पारूल तुम जाओ उस रूम मे और उसमे रखी हुई ड्रेस ट्राइ कर लो...कोई प्रॉब्लम हो तो बताना....रेखा तुम कॉफी बनाओ....

पारूल ड्रेस ट्राइ करने रूम मे गई और रेखा खिचन मे...और मैं कॉफी का वेट करने लगा....

थोड़ी देर बाद कॉफी आई और ख़त्म कर के मैने रेखा को बोल दिया कि तुम पारूल के साथ रहना...खाना बनाओ...और मुझे कोई डिस्टर्ब नही करेगा....

मैं रेखा को समझाकर अपने रूम मे आ गया और मैने रूम लॉक करके डाइयरी ली और बेड पर आ गया....

जैसे ही मैं डायरी ओपन करने वाला था तो मेरा फ़ोन रिंग होने लगा....

मैने देखा कि ये तो अननोन नंबर. है...फिर मैने कॉल पिक की...

(कॉल पर )

मैं- हेलो....कौन...???

अननोन- हाई...हाउ आर यू ???

ये आवाज़ एक लड़की की थी पर कौन हो सकती है ???

मैं- आइ एम फाइन...बॅट सॉरी मैने आपको पहचाना नही...

अननोन- अरे...तो पहचानो....अब तो काफ़ी टाइम हो गया...???

मैं- टाइम हो गया...कैसा टाइम...सॉफ- सॉफ बोलो...

अननोन- ह्म्म..तो मैं कह रही थी कि लास्ट टाइम भी आपने मुझे नही पहचाना था...और आज भी नही....

मैं- तो बताइए ना कि कौन हो आप..??

अननोन- नही...आप जब तक पहचान नही पाते तब तक मैं नही बताउन्गी...

मैं- ओके..तो रखो...दिमाग़ मत खाओ...

(मुझे डाइयरी पढ़ के अपनी फॅमिली के बारे मे जानना था और ये बता नही रही थी कि कौन है...तो मुझे गुस्सा आ गया)

अननोन- गुस्सा मत करो...याद करो...आप हम से मिले हो...बात भी की...और हम ने कुछ कुछ भी किया था...जिसका अन्सर भी माँगा था...

मैं- ओके..याद करूगा...याद आएगा तो बता दूँगा...

अननोन- ओके...पर इस बार आपके पास सिर्फ़ 4 दिन है...वरना उसके बाद मैं आपसे कभी बात नही करूगी...और ना आपको मिलुगी...बब्यए

मैं- ओके बाइ...

मेरे बाइ बोलने के पहले ही उसने गुस्से से फ़ोन कट कर दिया....

और अब एक न्यू टेन्षन दे दी....कि कौन हो सकती है ये..??

उसकी बात सोच कर मुझे याद आया कि एक बार पहले भी इस का कॉल आया था...और तब भी मैं इसे पहचान नही पाया था ...

पर ऐसा कौन है जिससे मैने बात की...कोई कुछ पूछा ..और आन्स भी माँगा....आख़िर कौन है...

इस कॉल के बाद मैं डाइयरी को भूल कर उस अंजान लड़की के बारे मे सोचने लगा...कि ये कहाँ से आ गई....

थोड़ी देर सोचने के बाद भी मुझे कुछ याद नही आया और मैने गुस्से से हाथ झटका....
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06-06-2017, 10:05 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मेरा हाथ झटकने से डाइयरी मेरी गोद से बेड पर गिर गई और मेरा ध्यान डाइयरी पर वापिस आ गया....

फिर मैने उस लड़की के बारे मे बाद मे सोचने का फ़ैसला किया और फोकस अपनी डाइयरी पर किया और डाइयरी को उठाकर खोला...

फिर मैने डाइयरी पढ़ना सुरू किया...जहाँ से उस दिन छोड़ दी थी..........

चलो सबसे पहले मैं अपनी असलियत तुम्हे बताता हूँ……

मेरा नाम है मोहन..

और मैं तुम्हारी फॅमिली के काफ़ी करीब हूँ....मैं तुम्हारे दादाजी के घर काम करता था...फिर उन्होने मुझे तुम्हारे डॅड का ड्राइवर बना दिया था....

मैं तुम्हारे डॅड के साथ बहुत समय तक रहा हूँ....जब वो कॉलेज मे पढ़ते थे...तब भी मैं उन्ही के साथ सहर मे रहता था....

सबसे पहले मैं तुम्हे तुम्हारी फॅमिली से इंट्रोड्यूस कराता हूँ....

तुम्हारी फॅमिली ***** गाओं मे रहती थी....( यहाँ मैं गाओं के नाम की जगह गाओं लिखुगा)

मिस्टर. आज़ाद मल्होत्रा (तुम्हारे दादाजी)- आज़ाद गाओं के जाने- माने रहीस लोगो मे से एक है....पैसा होने की वजह से इनकी जान- पहचान बड़े-2 नेताओ और बिज़्नेस मॅन के साथ थी....

आज़ाद ने गाओं के विकास के लिए हमेशा काम किया था...और एक फॅक्टरी भी खोली..जिससे गाओं के लोगो को रोज़गार मिल गया....उनके नेक और अच्छे कामो की वजह से गाओं के लोग उन्हे बहुत मानते थे और पूजते भी थे....

तुम्हारे दादाजी बहुत ही सरल स्वाभाव के थे....पर उनका एक रूप और था....जिसमे वो काफ़ी आय्याश और आसिक मिज़ाज थे....

फिर भी वो गाओं के लोगो के लिए मसीहा थे....

मिसेज़. रुक्मणी(दादीजी)- ये बहुत सरल और सुशील महिला थी...इन्होने भी गाओं के विकास मे अपने पति के साथ हाथ बँटाया...पर भगवान ने इन्हे वक़्त के पहले ही अपने पास बुला लिया....ये अब इस दुनिया मे नही रही...

आकाश मल्होत्रा(डॅड)- इन्हे तो तुम जानते हो...पर इनके भी कई राज है..जो तुम्हे नही पता....इनके बारे मे कुछ राज मुझे भी पता है....जो इस डाइयरी से पता चल जाएगा.....

अलका मल्होत्रा(मोम)- इनके बारे मे तुम्हे मैं नही बता पाउन्गा..हाँ पर उस सख्स का नाम बताउन्गा जिस से तुम अपनी मोम के बारे मे जान पाओगे...

अरविंद मल्होत्रा(तुम्हारे चाचा जी)- इनकी ख्वाहिसे ज़यादा नही है..ये ज़्यादा सोचते भी नही....किसी भी बात को बिना सोचे समझे मान जाते है...और किसी के बारे मे जो राय कायम कर ली उसी पर टिके रहते है.....

ये अपने आप मे कुछ नही करते बस अपने पिता के काम मे ही हाथ बटा देते है...या यू कहूँ कि अपने पिता की परछाई मे जीते है....

ये भी अपने पिता की तरह रंगीन मिज़ाज है..पर डरते ज़्यादा है...


सुजाता मल्होत्रा (तुम्हारी चाची)- ये गाओं की लड़की थी....बहुत ही भोली दिखती है...पर है नही....

इनके बारे मे अगर ये कहूँ कि ये चालू है तो भी कम होगा...

एक बात इनकी खास है कि ये मर्दो को अपने काबू मे करना बहुत अच्छी तरह से जानती है....

आकृति मल्होत्रा(तुम्हारी बड़ी बुआ)- ये घर की बड़ी बेटी है...बहुत गंभीर स्वाभाव की ....

इनके बारे मे ये खुद ही बता सकती है और कोई नही....इनके दिल मे कई राज छिपे हुए है.....(ये रेणु दी की मम्मी है)

सुभाष(तुम्हारे फूफा जी)- इनके बारे मे कुछ ज़यादा पता नही....लोग कहते है कि ये आक्सिडेंट मे मर चुके है...पर कुछ कहते है कि गायब हो गये है...इनके बारे मे किसी को कुछ पता नही....इनकी लाश भी नही मिली थी...



आरती मल्होत्रा (तुम्हारी छोटी बुआ)- ये घर की सबसे छोटी बेटी है...सबकी प्यारी...

खास कर तुम्हारे डॅड की लाडली थी....ये काफ़ी भोली और ज़िद्दी थी...और बेहद खूबसूरत....

धर्मेश(तुम्हारे छोटे फूफा जी)- ये तुम्हारे डॅड के बेस्ट फ्रेंड भी थे....काफ़ी रंगीन मिज़ाज ...

तुम्हारे छोटे फूफा जी और छोटी बुआ अब इस दुनिया मे नही रहे....इनकी मौत के बारे मे बताने के किए मैं सही सक्श नही हू.....आपको इंतज़ार करना होगा....

इसके अलावा भी कुछ सदस्य है तुम्हारे परिवार मे...लेकिन वो मैं नही बता सकता...उनके बारे मे आपको...आपका कोई फॅमिली मेंबर ही बता पाएगा...

आप सोच रहे होगे कि मैने आपसे कुछ बाते क्यो छिपाई है....पर मैं मजबूर हूँ....

हो सकता है कि आपको सुनकर झटका लगे ...और मैं नही चाहता कि आपको इस टाइम कोई भी झटका लगे.....


अब आप थोड़ा तो अपनी फॅमिली के लोगो को समझ गये होगे....पर एक बाद याद रखिए कि आपके फॅमिली मेंबर्ज़ के दूसरे रूप भी है...और हर किसी के साथ कुछ ना कुछ राज़ जुड़ा हुआ है....

उन्ही की वजह से आज आपके बहुत से दुश्मन है....जिनमे कुछ आपको बर्बाद करने को घूम रहे है....और कुछ आपको मिटाने का....

आपकी लाइफ को कुछ टाइम तक खतरा नही होगा...इसका भी एक रीज़न है.....

लेकिन आपके पास टाइम कम है....


इस टाइम मे आपको ना सिर्फ़ अपने दुश्मनो को पहचान के उनसे निपटना है...बल्कि अपनी फॅमिली और अपने दाद की दूरी का पता भी करना है....


आप सोच रहे होगे कि दूरी कैसी..???

तो इसका अन्सर आपको खुद से मिल जाएगा...बस एक सवाल का जवाब दे कर....

आप ये बताइए कि किसी इंसान के घर मे अगर उसके माँ- पिता...भाई- बेहन की फोटो ही ना हो तो इसका क्या मतलब होता है....

क्या आपने कभी सोचा कि आपके घर आपके दादा- दादी की भी फोटो क्यो नही...???

आपकी बुआ की फोटो क्यो नही...और क्यो आपकी बुआ...आपके पिता से बात भी नही करती....क्यो आपकी बुआ आपसे भी बात नही करती....????

क्यो आपके डॅड आपके ननिहाल नही जाते और ना ही उन सब से बात करते है...जबकि आप तो पूरी छुट्टियाँ वहाँ बिताते है ?????

क्यो आपके डॅड कभी आपसे अपने मोम- डॅड की बात नही करते ?????

और पेज ख़त्म हो गया.....



(इतने सारे प्रश्न पढ़ के मेरा माइंड सच मे हिल गया....

मैं सोचने लगा की इस इंसान ने जो लिखा है वो सब सच है....ये सब मैने कभी क्यो नही सोचा...???

पर ये इंसान ये सब कैसे जानता है...और जानता है तो रीज़न भी जानता होगा....शायद आगे लिखा हो...)

और मैने पेज पलटा कर डाइयरी का दूसरा पेज पढ़ने लगा....



अंकित, मुझे पता है कि तुम्हे झटका लगा होगा..पर मेरी एक बात मानना कि अपने डॅड से इस बारे मे कुछ मत पूछना....वो काफ़ी मुस्किल से संभले हुए है....फिर से टूट सकते है...

और तुम भी अभी अपनी फॅमिली के बारे मे ज़्यादा मत सोचना...बस सही टाइम का वेट करना.....

अभी तुम्हारे सामने सबसे बड़ी प्राब्लम है तुम्हारे दुश्मन.....


जिनमे से मैं कुछ को जानता हूँ पर सब को नही....

मुझे ऐसा लगता है कि तुम्हारे सारे दुश्मन एक साथ हो गये है....और तुम्हारे खिलाफ साज़िश कर रहे है....

पर इन सबका मास्टर माइंड या कहूँ कि लीडर....इसका पता नही चल पाया....

मैं इस सहर मे इसी लिए आया था कि तुम्हारे सारे दुश्मनो को पहचान कर तुम्हे बता दूं...और फिर हम साथ मिल कर उन्हे पकड़ सके....पर ऐसा नही हो पाया.....

अब मैं यही उम्मीद करूगा कि तुम जल्द से जल्द अपने सारे दुश्मनो को पहचान लो....


तुम ये सोच रहे होगे कि तुमने जब कुछ किया नही तो तुम्हारे दुश्मन कैसे बन गये....

तो मैं बताता हूँ.....लोग कहते है कि अपने पुर्वजो के कारनामो की सज़ा हमे भुगतनी पड़ती है...वैसा ही तुम्हारे साथ हुआ है...

अभी शायद तुम समझ नही पाए होगे...पर आगे-2 समझ जाओगे...

अब मैं कुछ लोगो के बारे मे बताने जा रहा हूँ...जिन पर मुझे शक है...और कुछ पर शक कन्फर्म भी हो गया है.....

आपके दुश्मनो मे सिर्फ़ मर्द ही नही बल्कि औरते भी है....और सब के अपने-2 साथी भी है...

इनमे से एक प्यादा है दीपा....इसके बारे मे मुझे अभी पता चला....जिसे मैने दो लोगो से पैसे लेते हुए देखा और उनकी बाते भी सुनी...

( ये उसी दिन की बात है जब मैने दीपा को दो नकाबपोस से पैसे लेते हुए देखा था)



( अब उनकी बाते उन्ही की ज़ुबानी...यहाँ नकाबपोस मर्द और औरत को मैं न न्ड फ लिख रहा हू...)

दीपा- आ गये तुम लोग...कितनी देर कर दी...

म- वो छोड़....ये बता क़ी बुलाया क्यो...??

दीपा- पैसा और क्या...

फ- फिर से...तू काम तो करती नही..बस पैसा मांगती रहती है....

दीपा- देखो...मुझे जो काम करने कहा था वो कर दिया...उसके साथ चुदाई तक कर ली...ताकि उसका भरोशा जीत पाऊ....

म- चुदाई तो तू किसी से भी करवा लेती है...साली रंडी...

दीपा- चुप कर...अगर मैं रंडी तो तू कौन जो साला मेरी चूत के दम पर उसे फसाना चाहता है...

म- तेरी तो..

फ(बीच मे)- बस...चुप रहो....दीपा तू अपना काम पूरा कब करेगी...???

दीपा- जल्द से जल्द...बस थोड़ा टाइम और दो...उसके बाद उसे उसके बाप के खिलाफ करना सुरू कर दूगी...मेरी उंगलियो पर नचाउन्गी...

फ- ओके...तो अभी जाओ....15 मिनट मे चौपाटी पर हम पैसे लेकर आ जाएगे...और याद रखना...हमारे पास टाइम कम है...उसे अपना गुलाम बना....वैसे भी..मैने दूसरो को भी इसी काम मे लगा रखा है...पर तुझसे ज़्यादा उम्मीद है....बस भरोशा मत तोड़ना....

दीपा- डोंट वरी....काम हो जाएगा...बस पैसे दे जाना...ओके...अब मैं चलती हूँ...चौपाटी पर मिलती हूँ....


दीपा वहाँ से चली गई तो उसके बाद....

म- तुमने मुझे रोका क्यो...साली कितना बोलने लगी है ....

फ- बोलने दो...बस हमारा काम हो जाए फिर इसे निपटा देगे...यही बॉस का आदेश है...अब चलो...उसे पैसे देने है....

थोड़ी देर बाद वो दोनो चौपाटी पर आ कर दीपा को पैसे दे कर निकल गये.....
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06-06-2017, 10:05 AM,
RE: चूतो का समुंदर
पेज ख़त्म हो गया और गुस्से से मेरी आँखे लाल हो गई....

दीपा का नाम पढ़ते ही मेरा खून खौलने लगा था..जो मेरी आँखो मे झलकने लगा....

मैने गुस्से मे अपने कवर्ड से पिस्टल निकाली और दो लोगो को कॉल किया और घर से निकल गया....

मैं गुस्से मे कार ड्राइव करके सहर के बाहर नदी पर बने पुराने पुल पर पहुच गया....

थोड़ी देर मे वहाँ एक और कार रुकी और दीपा नीचे उतरी....

दीपा- यहाँ क्यो बुलाया ...इतना अर्जेंट....

मैं(दीपा की तरफ आँखे दिखाते हुए)- साली...मेरे खिलाफ काम करेगी...मेरे दुश्मनो से मिलकर मुझे नुकसान पहुचाएगी.....आज मैं तुझे ख़त्म कर दूगा...


दीपा मेरी आँखे और मेरे हाथ मे गन देख कर डर गई और मेरी बात सुनकर सब समझ गई कि मुझे उसके बारे मे पता चल गया है.. .

दीपा ने पलक झपकते ही अपने पर्स से पिस्टल निकाल ली...

मैने अपनी गन उस पर तान दी और दीपा ने अपनी गन अपनी कनपटी पर रख ली....

मैं- ये क्या कर रही है...पहले मेरे सवालो का जवाब दो...

दीपा- न्णकन्न्...नही..एम्म...नही बचूगी...मैं...कुछ नही बोल सकती....मजबूर हूँ प्ल्ज़्ज़.....

मैं- देखो...मुझे सब बता दो...मैं सब संभाल लूगा...बिलिव मी....

दीपा- नही...मैं जिनके लिए काम करती हूँ वो बहुत ख़तरनाक है....नही छोड़ेंगे मुझे...और तुम्हे भी....

मैं- नही ...कुछ नही होगा...मेरी बात सुनो....

दीपा और मैं बाते करते हुए अपनी जगह से मूव हो गये थे...और दीपा अब पुल के एंड पॉइंट पर थी...नीचे भरी हुई नदी बह रही थी....

दीपा- हमारी डील हुई थी...."नो लूस एंड्स"....सॉरी.......

मैं- नही..नही...नहियिइ.........

और गोली चलने की आवाज़ के साथ चीखने की आवाज़ गूज़ गई....

दीपा- आआआआहहााआ.......

मैं- द्दीईप्प्प्प्पाआ........

और दीपा चीखते हुए पुल से नीचे नदी मे गिर गई.............
जब मैं वापिस अपने घर आया तो मुझे हॉल मे पारूल मिल गई...और मुझे देखते ही बोली....

पारूल- भैया....आप कहाँ गये थे...???

मैं(पारूल की आँखो मे देखते हुए)- वो..मैं....थोड़ा काम था....मुझे नीद आ रही है सोने जा रहा हूँ.....

पारूल- भैया....कोई परेशानी है क्या...???

मैं- ना..नही तो....बस नीद आ रही है....

पारूल- पर आपकी आँखे....

मैं(बीच मे ही बोल पड़ा)- सोने जा रहा हू...कोई डिस्टर्ब ना करे...समझी...

पारूल- ह्म्म्मो..

और मैं तेज़ी से अपने रूम मे आ गया और बेड पर लेट गया....वहाँ नीचे पारूल मेरी हालत देख कर सोच मे पड़ गई....

पारूल(मन मे)- भैया की आँखो से लग रहा था कि इन्हे कोई बड़ी टेन्षन है...पर मैं कैसे पुच्छू....थोड़ा रेस्ट कर लेने दो..फिर बात करूगी......

रूम मे आकर मैं लेट तो गया पर मेरी आँखो मे अभी भी गुस्सा भरा हुआ था....मैं सोच कर परेशान था कि आख़िर दीपा ने ऐसा क्यो किया....???

मैने तो दीपा का कुछ बुरा नही किया...चुदाई के लिए भी वही मेरे पास आई थी.....फिर क्यो....???


कहीं ऐसा तो नही कि जो डाइयरी मे लिखा है वो ही सच है ...कि मैं अपनी फॅमिली वालो की वजह से इस मुसीबत मे फसा हूँ...


कुछ भी हो पर ये पक्का हो गया कि ये डाइयरी लिखने वाले का इन्फ़ॉर्मेशन झूठा नही है.....इसकी दीपा के बारे मे सोच सही निकली...मतलब आगे भी जो लिखा है वो सच ही होगा....

यही सोच कर मैने डाइयरी पढ़ने का डिसाइड किया...और मैने फिर से डाइयरी ओपन की और आगे पढ़ने लगा.....



डाइयरी मे आगे.....

तो जैसा कि तुमने पढ़ा कि किस तरह मैने दीपा के बारे मे जाना....

इन बातों से एक बात तो सॉफ है कि दीपा सिर्फ़ पैसो के लिए काम कर रही थी....पर असली दुश्मन कोई और ही है....

मैने उन दोनो नकाबपोसो को देखा नही...शायद उनमे से कोई मैन दुश्मन हो...या ये भी हो सकता है कि वो भी दीपा की तरह किसी के लिए काम कर रहे हो....

वेल जो भी हो...तुम्हे हर एक को बेनकाब करना होगा....तब ही तुम्हे मैन मास्टरमाइंड मिलेगा.....

मुझे हर एक सक्श पर डाउट है जो आपके करीब है..और जो आपके करीब होते जा रहे है....

वो चाहे संजू की फॅमिली हो या कामिनी की या वो जिनके साथ आपके रीलेशन है...

बस इतना समझ लो कि आप किसी पर भरोसा नही कर सकते....

आपके पास अपने दुश्मन ढूड़ने का सबसे बेस्ट तरीका यही है कि जो चल रहा है वो चलने दो...बस सतर्क हो कर.....

क्योकि सफाई करने के लिए खुद के हाथ कीचड़ मे डालने ही पड़ते है.....

अब मेरा दूसरा सबसे ज़्यादा शक है कामिनी पर....हाँ वही कामिनी जिसके घर आप शादी मे गये थे....

आप खुद ही सोचिए कि बिना किसी पहचान के ही कामिनी आपके पास चुदाई करने क्यो आई...???

आज की दुनिया मे बिना किसी फ़ायदे के कोई कुछ नही करता...इसलिए मेरा शक ज़्यादा घहरा हुआ कामिनी पर....


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Reply
06-06-2017, 10:05 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आप सोच रहे होगे कि मुझे कामिनी के साथ चुदाई का कैसे पता चला तो आपको बता दूं कि मेरे भी कुछ प्यादे है जो आपके चारो तरफ फैले हुए है...और आप की हर हरकत पर नज़र रखते है....

अब जबकि मैं दुनिया मे नही रहा तो वो सब प्यादे मेरी बेहन को सब बताएँगे....


अब आप मेरी बेहन के बारे मे मत सोचना....वो सही टाइम पर आपके सामने आ जायगी...तब तक वो आपके उपर नज़र रखेगी....

यहाँ मेरी एक अड्वाइज़ है...मेरे शक के हिसाब से आपको कामिनी की असलियत पता करनी चाहिए और उसके लिए आपको उसके और करीब जाना चाहिए.....

उसके लिए बेस्ट ऑप्षन है उसके घर की लड़कियाँ....वो दिल से भोली है और शायद कामिनी के इरादो से अंजान है...तो उन्हे अपने बस मे करो....

अब मैं आपको आपकी फॅमिली की वो कहानी सुनाता हूँ जब मैं उस फॅमिली मे शामिल हुआ था.....

पेज एंड.....




जैसे ही मैने पेज पलटने का सोचा तो रूम के गेट पर नॉक हुई....


मैं- कौन है...???

पारूल- मैं हू भैया....

मैं- कुछ काम था क्या....

पारूल- जी भैया....क्या थोड़ी देर के लिए मैं आ जाउ अंदर...???

मैं डाइयरी पढ़ना चाहता था...पर पारूल को मना भी नही करना चाहता था....वैसे भी मैं थोड़ी देर पहले उससे बड़े अजीब ढंग से बात की थी...शायद वो मेरी हालत देख कर टेन्षन मे होगी....

यही सोच कर मैने डाइयरी छिपा दी और और गेट खोल दिया....

फिर मैं और पारूल बेड पर बैठ गये....

मैं- क्या हुआ बेटा...???

पारूल- वो..भैया....आप ठीक हो ना...???

मैं- हाँ...पर तू ऐसे क्यो पूछ रही है....??

पारूल- भैया आपकी आँखो को देख कर....

मैं- मेरी आँखो मे क्या है...???

पारूल- वो भैया...मुझे लगा कि....

मैं- चुप क्यो हो गई....बोलो...क्या दिखा मेरी आँखो मे...???

पारूल- भैया...आपको कोई टेन्षन है...

मैं- ह्म्म..तो तुझे टेन्षन दिख रही है..मेरी आँखो मे...???

पारूल- ह्म्म...

मैं- हाँ...कुछ टेन्षन तो है...पर तू टेन्षन मत ले....

मैं(मन मे)- ये मेरी आँखो से मुझे समझ गई...मेरे दिल का हाल जान गई....इस से मिले अभी टाइम ही कितना हुआ...पर ऐसा लगता है कि ये मुझे सालो से जानती है...

मैं सोचते हुए पारूल को एक तक देख रहा था...मुझे ऐसे घूरते हुए देख कर पारूल ने मेरे सामने चुटकी बजा कर बोला....

पारूल- भैया...भैया....क्या हुआ. .

मैं- हूउ...कुछ नही....अब तू जा....

पारूल- भैया..क्या टेन्षन है...मुझे बताइए....

मैं(मन मे)- तुझे नही बता सकता बेटा...ये मेरी प्राब्लम है...मुझे ही सॉल्व करनी होगी....

मैं(थोड़ा तेज आवाज़ मे)- बोला ना जा यहाँ से....

मेरी आवाज़ सुनते ही पारूल डर गई और उठ कर खड़ी हो गई...और अपना चेहरा दूसरी तरफ कर के बोली...

पारूल- ओके भैया....आपकी सग़ी नही हूँ ना....मैं कौन होती हूँ पूछने वाली...माफ़ कर देना....

और जैसे ही पारूल जाने लगी तो पता नही क्यो मैने उसका हाथ पकड़ लिया....

मैं- सॉरी बेटा....मैं पता नही कैसे...पर मुझे ऐसे नही बोलना चाहिए था...

पारूल-(बस सुबकने लगी)

मैं- सॉरी बेटा...तू भले ही मेरी सग़ी ना हो....पर तू मुझे उससे भी ज़्यादा प्यारी है...

मैने पारूल को अपने साइड खींच कर अपनी गोद मे बैठा लिया और जैसे ही उसका चेहरा अपनी तरफ किया तो वो ज़ोर से रोने लगी ....उसके आँसू उसके गाल से नीचे तक जा रहे थे और मुझे ये देख कर अपने आप पर गुस्सा आ रहा था.....


मैं- बस बेटा...चुप हो जा...सॉरी...

और मैने पारूल को अपने गले से लगा लिया.....और पारूल और तेज सुबकने लगी...

मैं(पारूल के सिर पर हाथ फिराते हुए)- बस बेटा चुप...बस....

पारूल- मैं आपसे गुस्सा नही...बस आपको टेन्षन मे नही देख पाई....सॉरी मुझे कहना चाहिए...मैने ही ग़लत टाइम पर आपसे सवाल किया...

मैं- तू चुप हो जा बस....तेरी ग़लती नही...मैं ही टेन्षन मे ज़्यादा बोल गया....

थोड़ी देर तक मैं पारूल को गले लगा कर उसे शांत करता रहा और पारूल चुप हो कर मेरी बाहों मे खो गई...


मैं- पारूल...पारूल....

पारूल- ह्म्म्मप...

मैं- अब मुझे कॉफी मिलेगी...मेरा सिर दर्द हो रहा है....

पारूल- ह्म्म..अभी लाई और आपका सिर दर्द भी मिटा दुगी ओके....

और पारूल अपना चेहरा सॉफ कर के नीचे चली गई और मैं फिर से डाइयरी मे लिखी हुई बातों के बारे मे सोचने लगा....

डाइयरी के हिसाब से मेरा नेक्स्ट टारगेट कामिनी है...मुझे पहले उसके और करीब जाना होगा और फिर पता करना होगा कि उसकी दुश्मनी मुझसे क्यो है...और उसका प्लान क्या है....वो चाहती क्या है मुझसे...???

पर इस सब के लिए मुझे किसी ऐसे सक्श को देखना है जिसके सहारे मैं कामिनी की फॅमिली मे सबके करीब हो जाउ...किस से शुरुआत करूँ ...???
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06-06-2017, 10:05 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं काफ़ी देर सोचता रहा पर अभी तक कोई फाइनल आइडिया नही आया....तभी पारूल कॉफी और आयिल ले कर आ गई....


पारूल- लीजिए भैया...कॉफी...

मैं- ह्म्म...पर ये आयिल क्यो लाई....

पारूल- आपके सिर की मालिश करने....

मैं- वो क्यो???

पारूल- इससे आपका सिर दर्द छु हो जाएगा....

मैं- ओक...मैं कॉफी पी लूँ...फिर मालिश करना....

उसके बाद मैने कॉफी ख़त्म की और लेट गया.....


इसके बाद पारूल ने मेरे सिर की मालिश की जिससे मेरा सिर हल्का हो गया था...और अब मैं टेन्षन फ्री सा फील कर रहा था....

मैने उठ कर पारूल को किस करना सुरू कर दिया....पारूल ने भी पूरा रेस्पोन्स दिया....जब किस ख़त्म किया तो पारूल बोली...

पारूल- भैया प्यार करने का मन है क्या ???

मैं- मन तो है ..पर अभी मुझे नीद की ज़रूरत है...उसके बाद प्यार करूगा....

पारूल- तो आइए आपको सुला दूं....

और पारूल ने अपनी बाहें खोल दी....मैं जल्दी से उसकी बाहों मे समा गया और हम दोनो लेट गये....

अब मेरा सिर पारूल के सीने पर था और पारूल मेरा सिर सहला रही थी....

पारूल के इस तरह के प्यार को देख कर मेरा दिल भर आया...आज उसकी आँखो से बहते आँसुओं मे सच्चाई थी...उसे सिर्फ़ मेरी टेन्षन थी और मेरे प्यार की वजह से ही वो ये जानना चाहती थी कि मुझे टेन्षन क्या है....

उसकी आँख से बहते आँसुओं मे मुझे अपने लिए उसका सच्चा प्यार दिख रहा था....वो प्यार जो जिस्म का मोहताज़ नही था....वो वासना नही...सच्चा प्यार था....

पारूल अभी भी पूरे प्यार से मेरे सिर को सहलाए जा रही थी और उसके पाए हाथो के जादू से मैं कब सो गया ..मुझे पता ही नही चला....

मुझे नही पता कि मैं पारूल के सीने पर कब तक सोता रहा .....

मेरी नीद तब खुली जब पारूल ने मुझे जगाया....



पारूल- भैया..भैया...रजनी आंटी का कॉल है ....वो टेन्षन मे है....

मैने पारूल की बात सुनते ही फ़ोन हाथ मे लिया और हेलो बोला....

(कॉल पर )
मैं- हाँ आंटी ..क्या है..

आंटी-(रोते हुए)- बेटा ...कहाँ है...जल्दी घर आ जा....

मैं- आंटी...क्या हुआ...रो क्यो रही हो....???

आंटी-तू बस जल्दी आजा...सब बता दूँगी...हमम्म..हमम्म

और आंटी ने रोते हुए फ़ोन रख दिया....

मैं पहले से परेशान था....बड़ी मुस्किल से हल्का फील कर रहा था...और अब आंटी....

ऐसा क्या हो गया की आंटी रो रही थी...कहीं घर मे किसी को कुछ.....नही- नही....

जल्दी से जल्दी आंटी के पास पहुचना होगा.....

और मैं पारूल को अपने घर छोड़ कर अकेला ही संजू के घर निकल गया.....

मैं रास्ते भर यही सोच रहा था था कि अचानक आंटी को क्या हो गया ..वो इस तरह से क्यो रो रही थी....

कुछ तो बड़ा हुआ है संजू के घर....क्या हो सकता है ???

कही संजू की चाची ने संजू के डॅड को मेरा और आंटी का सच तो नही बता दिया...????

या फिर कही संजू के घर मे किसी के साथ दुर्घटना हो गई ???

पूरे रास्ते मे मेरे माइंड मे बुरे-बुरे ख़याल ही आते रहे....और हर ख्याल के साथ मेरी टेन्षन बढ़ती जा रही थी....

मैं तेज़ी से कार चला कर संजू के घर पहुचा और कार से निकल कर अंदर की तरफ भागा....

जैसे ही मैं अंदर पहुचा तो मेरी नज़र के सामने संजू के सारे फॅमिली मेंबर थे.....

उन्हे देख कर मुझे थोड़ा सुकून मिला कि चलो संजू के घरवाले सब ठीक है....फिर क्या हुआ होगा ???

मैने देखा कि सामने आंटी सोफे पर बैठे रो रही है और मेघा आंटी उन्हे शांत करने मे लगी थी....

सारे फॅमिली मेंबर भी दुखी दिखाई दे रहे थे लेकिन रो नही रहे थे....

मुझे शक हुआ कि अगर संजू की फॅमिली मे सब ठीक है और सिर्फ़ आंटी ही टूट कर रो रही है तो इसका मतलब ..आंटी के किसी रिलेटिव के साथ कुछ हुआ है....

मैं खड़े हुए सोचता रहा कि आख़िर आंटी ने मुझे क्यो बुलाया....और इस का जवाब माँगने मैं आंटी के पास पहुच गया...

मैं- आंटी...क्या हुआ...???

आंटी(सिर उपेर उठा कर)- बेटा...वो...


और आंटी रोते हुए खड़ी हुई और मेरे गले लग गई ...

मैं आंटी के इस तरह गले लगने से डरने लगा...कि कही सबको शक ना ही जाए.....मैने सबको देखा पर उस समय सब लोग आंटी के गम मे शामिल थे...कोई ध्यान नही दे रहा था कि आंटी मुझसे क्यो चिपकी हुई है....

मैं- आंटी...प्ल्ज़...रो मत....हुआ क्या...???

आंटी(सुबक्ते हुए)- वो बेटा...वो दीपा....

और आंटी ज़ोर से रोने लगी...
Reply
06-06-2017, 10:06 AM,
RE: चूतो का समुंदर
दीपा का नाम सुनते ही मेरा माइंड सन्न हो गया....मैं सोचने लगा कि इतनी जल्दी आंटी को दीपा के बारे मे कैसे पता चल गया....


मैं- दीपा आंटी का क्या...क्या हुआ...???

आंटी- वो हमें छोड़ के.....हुमहूमहूँ...

और आंटी की आँखो से आँसुओ की बारिश होने लगी...

मैने आंटी को वैसे ही सोफे पर बैठा दिया बट आंटी मेरे गले ही लगी रही....

मैं बार- बार संजू के पापा को देख रहा था कि वो क्या सोच रहे होगे हमारे बारे मे....

पर इस समय आंटी को किसी की परवाह नही थी वो दीपा के गम मे अपने प्रेमी को बाहों मे भरे हुए बैठी थी.....


मैं- आंटी...प्ल्ज़ चुप हो जाइए...और मुझे पूरी बात बताओ....अनु तुम पानी ले कर आओ...

अनु- जी भैया...

अनु पानी लेकर आई और मैने आंटी को पानी पिलाया और चुप करा दिया....

कुछ देर पूरा घर मे शांति छाई रही....जब तक आंटी नॉर्मल हो गई...


मैं- अब बताइए...क्या हुआ ???

आंटी(भरे हुए गले से)- बेटा वो दीपा थी ना मेरी फ्रेंड...

मैं- हाँ ये मैं जानता हू ..आप ये बताओ कि हुआ क्या...???

आंटी- वो हमें छोड़ कर चली गई...

मैं- कहाँ गई....??

आंटी- बेटा वो मर गई...

मैं- क्या...???...कब...??...कैसे...???

मुझे ऐसा शो करना पड़ा..तभी रियल लगता....

आंटी- पता नही कैसे...बस इतना पता है कि वो नदी मे वह गई....

मैं- नदी मे...पर कैसे...??

आंटी- ये भी नही पता..बस इतना पता है कि वो नदी मे बह गई....

मैं- पर आपको कैसे पता चला ....मतलब किसने कहा आपसे...???

आंटी- उसके घर से फ़ोन आया था...किसी ने बताया है उनको...

मैं- किसने बताया...मतलब...ऐसे ही किसी ने बोल दिया और उसके घरवालो ने मान लिया....

आंटी- नही बेटा...वो इनस्पेक्टर दीपा का मोबाइल और उसकी ड्रेस का टुकड़ा लाया था...जो पुल पर मिला था....

मैं- मतलब...दीपा ने सुसाइड की है ???

आंटी- नही...वो ऐसी नही थी...वो सुसाइड कर ही नही सकती....ज़रूर कुछ हुआ होगा उसके साथ....


आंटी की बात सुनकर मेरा माइंड झटका...कि आंटी को इतना सब इतनी जल्दी कैसे पता चल गया और आंटी का कॉन्फिडेंट भी बहुत था कि दीपा सुसाइड नही कर सकती... ये बात सुनकर तो मुझे डर लगने लगा था...

मैने ही वो मोबाइल और दीपा की ड्रेस पुल पर छोड़ दी थी...जिससे ऐसा लगे कि दीपा ने सुसाइड की.....

आंटी- चल बेटा मुझे दीपा के घर जाना है....

संजू डॅड- हाँ अंकित तुम हमें ले चलो...मैं भी आता हूँ साथ मे....

संजू के डॅड को ड्राइविंग ठीक से नही आती थी....इसलिए मैं संजू के मोम- डॅड को ले कर दीपा के घर चला गया....

जैसे ही हम दीपा के घर पहुचते तो वहाँ पर लोगो का ताँता लगा हुआ था....दीपा के पति एक इज़्ज़तदार इंसान थे और उनकी जान- पहचान भी बहुत थी...

और फिर दीपा की जान- पहचान भी बहुत थी...पता नही साली ने कितनो के लंड ठंडे किए थे....


जैसे ही हम अंदर पहुचे तो वहाँ पर मेरी जान- पहचान के लोग दिख गये....

वहाँ पर मनु, रिचा सुषमा सब थी और उन्ही के साथ कामिनी भी थी...

कामिनी को देखते ही मुझे डाइयरी की बात याद आ गई और मुझे गुस्सा आने लगा...

पर इस महॉल मे शांत रहना ही अच्छा था इसलिए मैं दाँत पीस कर रह गया और उनके साथ जा कर खड़ा हो गया....

आंटी तो अपनी फ्रेंड को देख कर रोने लगी और सब फ्रेंड भी आंटी के साथ मिलकर रोने लगी....

जहाँ एक तरफ सब रो रहे थे वही मनु अपना चेहरा उदास रखे हुए शांत थी...वो रोई नही....

संजू के डॅड दीपा के पति के पास खड़े थे....और कुछ बाते हो रही थी...

तभी वहाँ पोलीस इनस्पेक्टर भी आ गया....

और मैं पोलीस को देख कर दीपा के पति के पास पहुच गया...ताकि उनकी बाते सुन सकूँ....और उनकी बाते सुनने लगा...



(दीपा के पति मिस्टर.प्रदीप राय है जिन्हे मैं राय लिख रहा हूँ...और ये इनस्पेक्टर है मिस्टर.आलोक खरे ...इनको यहाँ इनस्पेक्टर लुखुगा)

इनस्पेक्टर- माफ़ कीजिए मिस्टर.राय आपको इस समय तकलीफ़ दे रहा हूँ...पर ये ज़रूरी है...

राय-कोई नही..मैं समझता हूँ...कहिए क्या बात है...

इनस्पेक्टर- देखिए मिस्टर.राय आपकी वाइफ की मौत का रीज़न अभी पूरी तरह क्लियर नही है...हो सकता है ये मर्डर हो...

राय- ये आप कैसे कह सकते है...उसने सुसाइड की है...

इनस्पेक्टर- आप इतने कॉन्फिडेंट से कैसे कह सकते है ???

राय- ये रहा सबूत...ये लेटर मुझे बेडरूम मे मिला...सुसाइड लेटर...

( मेरा तीर निशाने पर लगा...ये लेटर मैने ही रखवाया था)

इनस्पेक्टर- ये तो कंप्यूटर से लिखा गया है...हो सकता है..किसी और ने टाइप किया हो...

राय- हा हो सकता है...पर दीपा का मर्डर कोई क्यो करेगा...उसकी किसी से क्या दुश्मनी और फिर मेरी भी किसी से खास दुश्मनी नही...


इनस्पेक्टर- ह्म्म्मं...पर वो सुसाइड क्यो करेगी...???

राय- इसकी वजह आप खुद ही पढ़ सकते है...

( दीपा की सुसाइड की वजह उसके नाजायज़ रीलेशन लिखवाए थे)

इनस्पेक्टर(लेटर पढ़ने के बाद)- हो सकता है ये सुसाइड हो...पर जब तक हमें डेड्बॉडी नही मिल जाती...ये केस ओपन ही रहेगा...

राय- मैं भी यही चाहूगा कि मुझे सच पता चले...वैसे आपने बॉडी सर्च की ....???

इनस्पेक्टर- जी..पर अभी तक सर्चिंग मे कुछ नही मिला...हम आगे भी देख रहे है...पर वहाँ पानी का बहाव ज़्यादा है..शायद बॉडी बह कर आगे निकल गई होगी....

राय- आप अपना काम करे....मुझसे जो भी कहेगे..मैं हेल्प के लिए रेडी हूँ...

इनस्पेक्टर- ओके...वी विल ट्राइ और बेस्ट ...अभी मैं चलता हूँ...फिर मिलते है...

राय- ओके....

इनस्पेक्टर- वैसे मिस्टर.राय आपके बच्चे कहाँ है...???

राय- मेरे बच्चे...नही-नही...मेरे कोई बच्चे नही है...

इनस्पेक्टर- ओह..सॉरी...मैं चलता हूँ...

राय- ह्म्म...

पोलीस के जाने के बाद सब लोग फिर से दीपा के पति को संतावना देने लगे और महॉल गमगीन हो गया....

जैसे-जैसे टाइम निकलता गया...लोग कम होते गये....अब वहाँ काफ़ी कम लोग थे...

तभी मुझे ख्याल आया कि अब कामिनी से बात कर सकता हूँ और मैने कामिनी को इशारे से अपने पास साइड मे बुलाया..


जैसे ही कामिनी आई तो उसने अपने आसू पोछे और स्माइल की...

कामिनी- ह्म्म...तो आपको मैं याद हूँ???

मैं- हाँ जी...आप को भूला ही नही...

कामिनी- तो मुझे याद क्यों नही किया ???

मैं- बस थोड़ा एग्ज़ॅम मे बिज़ी था...अब याद किया ना...

कामिनी- यहाँ...??...यहाँ कुछ नही हो सकता....

मैं- तो जहाँ हो सकता है वहाँ मिल लेगे....

कामिनी- ह्म्म...आज रात मेरे घर पर...

मैं(मन मे)- साला ये औरत भी कमाल की आइटम बनाई है...अभी रो रही थी और अब चुदने का प्लान बना रही है....इस साली को पक्का दीपा के जाने का कोई गम नही...साली मगरमच्छ के आँसू बहा रही थी...

कामिनी- हेलो...क्या हुआ...टाइम नही है क्या..???

मैं- तुम्हारे लिए तो टाइम ही टाइम ही टाइम है....आज रात तेरी चूत और गान्ड फाडुन्गा...पूरी रात...

कामिनी- मैं भी रेडी हूँ...जबसे तुमसे मिली..मैने दूसरा लंड नही लिया....

मैं- गुड...तो आज रात सारी कमी पूरी हो जायगी...

कामिनी- ओके...मैं कॉल करूगी ...अभी मुझे जाना चाहिए....

और फिर से कामिनी ने नकली रोना शुरू किया और सबके साथ बैठ गई...

कामिनी से बात करने के बाद मुझे कन्फर्म हो गया कि ये सच मे कमीनी है...अब इसको जल्द से जल्द काबू मे कर के पता करना होगा कि आख़िर इसके दिल मे क्या है....
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