Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-06-2017, 10:10 AM,
RE: चूतो का समुंदर
सुबह होने से पहले वो मर्द रूम से निकल गया....

यहा तो आंटी की रात भर चुदाई हुई पर रूबी के घर रात मे क्या हुआ....

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रूबी के घर पर रक्षा और रूबी मेरे लंड को बड़े प्यार से चूस- चाट रही थी....



मैं- आहह....तुम दोनो तो अच्छा प्यार करती हो....अब जल्दी करो....आअहह

रूबी- सस्ररुउप्प्प...सस्रररुउपप...

रक्षा- उउंम...सस्स्रररुउउप्प्प...आअहह...

थोड़ी देर बाद रक्षा ने मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया और रूबी भी पीछे नही थी...उसने मेरी बॉल्स को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया....

मैं- आहह....ओह्ह्ह...माइ....क्या बात है...आअहह...

रक्षा- उउउंम्म....उउउंम्म...उउउंम्म...


रूबी- उउंम्म....आअहह...उउउम्म्म्म....उउउम्म्म्म...

मैं- आअहह...ज़ोर से मेरी रानियो....मुँह मे भर के चूसो...आअहह


थोड़ी देर तक मेरे लंड और बॉल्स को बुरी तरह चूसने के बाद ...दोनो खड़ी हो गई और बेड पर आ गई....

मैने भी अपने पैरो मे फसे हुए पेंट को निकल फेका और बेड पर लेट गया...

मेरे लेटने के साथ ही मैने रक्षा को अपने उपेर आने को कहा और रक्षा अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर बैठ गई...और रूबी मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसने लगी....

मैं- सस्स्रररुउउप्प...सस्स्रररुउउप्प्प...सस्स्रररुउउप्प...

रूबी- उउउंम्म..उउउंम्म...उउंम्म...

रक्षा- आअहह....भैया....आअहह....ऊहह....भैया....

पूरा रूम कुछ ही देर मे हमारी कामुक आवाज़ों से भर गया...

थोड़ी देर बाद मैने अपना हाथ आगे बढ़ा कर रूबी की एक बार चुदि हुई चूत मे अपनी 2 उंगलिया डाल दी...जिससे रूबी सिसक उठी और फिर से मेरा लंड चूसने लगी....

हमारी चुसाइ का प्रोग्राम करीब 15 मिनट चला और रक्षा मेरे मुँह पर झड़ने लगी....

रक्षा- आअहह...भैया....मैं गई...ओह्ह्ह....आअहह....आअहह

मैं- सस्रररुउउप्प्प....सस्स्ररुउउप्प...उउंम...उउंम्म...

मैं रक्षा की चूत रस को पी गया और रक्षा झड़ने के बाद साइड मे लेट गई....

मैने फिर रूबी को खीच कर अपने उपेर कर लिया और उसकी चूत मेरे मुँह पर आ गई....

और मैं रूबी की चूत का दाना चाट ते हुए 2 उंगलियों से उसे चोदने लगा....वाहा रूबी भी पूरी स्पीड से मेरा लंड चूस रही थी...

थोड़ी देर बाद ही रूबी ने लंड चूसना छोड़ा और सिसकने लगी...

रूबी- भैया...मैं गई...ओह्ह...म्माआ...आहह...

रूबी भी मेरे मुँह पर झाड़ गई और मैने फिर से चूत रस का आनंद लिया....

रूबी और रक्षा झड़ने के बाद उठी और मेरे लंड को बारी- बारी चूसने लगी...साथ मे हिलने भी लगी...
उन दोनो की मेहनत से थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने लगा....

मैं- ओह्ह..मी....मैं गया....ओह्ह्ह....

मेरे लंड रस को दोनो ने मिल बाँटकर पी लिया और मेरे लंड को चूस कर सॉफ कर दिया....

फिर हम बेड पर लेट गये और कंबल ओढ़ लिया....

थोड़ी देर बाद हम फ्रेश हो कर लेट गये....


दोनो लड़कियों ने मुझे अपनी बाहों मे कस लिया और सोने लगी...उन दोनो के सरीर की गर्मी से मैं भी नीद की आगोश मे चला गया.....

मैं मज़े से सो रहा था..इस बात से अंजान की मेरे दुश्मनो मे से एक ने कोई नया मोहरा तैयार कर दिया....


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वहाँ उस आलीशान घर मे एल1 और एल2 के निकलने के बाद वो मॅन दारू पी रहा था तभी लेडी (गर्ल/विमन) नाइटी पहने हुए उसके पास आई और उसके गले मे पीछे से हाथ डाल के बोली.....

लेडी- मान गये सर...क्या मोहरे फिट किए है...अब आपका प्लान सबसे एक कदम आगे चलेगा....

मॅन- ह्म्म..पर मानना तो तुम्हे पड़ेगा...आज भले ही अंकित के चारो तरफ हुष्ण ही हुष्ण है....पर वो तो सिर्फ़ तुम पर फिदा है...

लेडी-हाँ ..वो तो है...पर ये बताओ कि इस औरत को क्यो शामिल करवाया...उस पर इतना भरोशा ...क्यो ???

मान- ये भरोशे के लायक है....

लेडी-पर अगर इसने धोखा दे दिया तो...

मान- वो धोखा नही दे सकती...क्योकि वो मेरी मुट्ठी मे है...

लेडी- वो कैसे...???

मान- हर किसी का एक वीक पॉइंट होता है...जैसे दीपा का था...और इन सब का...इसी तरह इसका भी वीक पॉइंट है...और वो मैं जानता हू...

लेडी- तो उससे क्या...??

मान- उससे क्या...अगर मैने उसका राज खोल दिया तो वो दुनिया मे नही रहेगी....खैर उसे छोड़ो...मेरी भूख मिटाओ...

लेडी- कैसी भूख मेरे सरताज...

मान-(उसे अपनी गोद मे बैठा कर)- प्यार की भूख मेरी जान..

लेडी(अपनी नाइटी को निकाल कर)- तो ये लो...मिटा लो अपनी भूख...

इसके बाद उस घर मे भी दमदार चुदाई चली और लास्ट मे दोनो थक कर सो गये........

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आज की रात ...मेरे दुश्मनो की रात बन गई थी...मेरे दुश्मन एक न्यू चाल चलने के लिए तैयारी कर रहे थे...पर वो भी इस बात से अंजान थे कि मेरी चाल भी रेडी है...और उसको चलने का टाइम भी आ चुका है....

आने वाला दिन मेरे और मेरे दुश्मनो के लिए कैसा होगा...???...किसकी चल कामयाब होगी...ये तो आने वाला वक़्त बताएगा....

अभी तो सब अपनी प्यार की भूख मिटा कर सपनो की दुनिया मे खोए हुए है........

रात की आगोश मे डूब जाने के बाद सब लोग अपनी सारी परेसानियों को भूल कर खुले आसमानो की सैर करने लग जाते है....इसी उम्मीद मे कि आने वाले दिन का सबेरा उनकी लाइफ मे नई रोशनी ले कर आएगा....

मैं भी इसी तरह सपनो की हसीन दुनिया मे सबसे बेख़बर हो कर सो रहा था....और आँख खुलते ही मैं हक़ीक़त मे भी हसीन महॉल मे आ गया....

आँखे खोलते ही मेरे सामने रक्षा का खूबसूरत चेहरा आ गया...और मैं सब कुछ भूल कर उसकी आँखो मे देखने लगा....

रक्षा-उठिए ना भैया...कितना सोएंगे...

मैं- ह्म्म...हाँ...आअहह क्या करूँ रात को थक गया था...

रक्षा- तो रात को हमे इतना क्यो सताते हो कि थक जाओ...

मैं- क्या कहा...मैं सताता हूँ...कि तुम सब...

रक्षा- हम नही...आप...हम तो मासूम सी, प्यारी बच्चियाँ है...आप ही हमे सताते हो...

रक्षा मुस्कुरा कर मुझे छेड़ रही थी और प्यार से मेरे उपेर झुकती जा रही थी...

मैं- अच्छा....बच्ची वो भी मासूम...हाअ...??

रक्षा- हहहे ....ह्म्म..

मैं- तो मेरी प्यारी बच्ची...अब अपने भैया को सताओगी या मैं तुम्हे सताऊ...

रक्षा- ओह्ह भैया...मैं कहाँ सताती हूँ आपको...मैं तो जगा रही हूँ....पेपर देने नही जाना...

मैं- तो पहले अपने भैया को जगाओ...फिर चलता हूँ...

रक्षा- ह्म्म..आप भी ना...बड़े वो हो...

मैने रक्षा की कमर मे हाथ डालकर उसे अपने उपेर लिटा लिया और आप रक्षा का चेहरा मेरे चेहरे पर था और उसकी जुल्फे मेरे चेहरे को ढकने लगी....

रक्षा- अऔच...भैया...आहह

मैं- क्या हुआ मेरी गुड़िया...

रक्षा- ह्म्म..आप भी ना...उठ भी जाओ...

मैं- पहले दो...

रक्षा- क्या चाहिए भैया...

मैं- तुम जानती हो...जल्दी से मेरी सुबह हसीन बनाओ...जिससे मेरा दिन अच्छा निकले...

रक्षा- ह्म्म...उउउम्म्म्म....

और रक्षा ने मेरे होंठो पर अपने रसीले होंठ रख दिए और हम एक दूसरे के होंठो का रस्पान करने लगे....


थोड़ी देर तक मैने रक्षा के होंठो को चूसा और जैसे ही हम अलग हुए...उसी समय रूबी रूम मे आ गई....

रूबी- ओह हो...भाई- बेहन का प्यार...सुबह होते ही शुरू हो गये....और अपनी इस बेहन के बारे मे सोचा भी नही...

रूबी की आवाज़ सुनकर हम अलग हुए तो मेरी नज़र रूबी पर पड़ी...वो नहा कर आई थी...और उसके गीले बाल उसकी खूबसूरती बढ़ा रहे थे....वो सिर्फ़ टवल मे मेरे सामने आ गई थी और उसे देख कर मेरा लंड और भी तनाव मे आ गया जो अभी- अभी रक्षा ने अपने होंठ का रस पिला कर जगाया था....

रक्षा(रूबी की तरफ देख कर)- ओह..तो तुझे जलन होने लगी, हाँ

रूबी- अरे नही- नही...मैं क्यो जलुगी..हाँ मेरी चूत ज़रूर जलने लगी इसे देख कर....

रूबी ने उंगली से मेरे लंड की तरफ इशारा किया तब मेरी नज़र मे आया की मेरे पैरो से कंबल हटा हुआ था और मेरा लंड सीधा खड़ा होकर दोनो लड़कियों को सलामी दे रहा था....

रक्षा(लंड को देख कर)- ओह भैया...ये तो रेडी हो गया...अब इसे शांत करना होगा...मैं करूँ..??

मैं- ना..नही...अभी तुम दोनो रेडी हो जाओ...मैं फ्रेश हो कर आता हूँ...

रक्षा(मायूष हो कर)- भैया....

मैं- बोला ना...रेडी हो जाओ...वैसे भी ये तो तुम्हारे लिए ही है...आराम से मज़े लेना...अभी पेपर देने चलो..कम ऑन फास्ट....


मैने चुटकी बजाते हुए दोनो को ऑर्डर दिया और बाथरूम मे चला गया....


हम रेडी हो कर स्कूल आए और एग्ज़ॅम देने लगे...मैने तो पढ़ाई की ही नही थी...लेकिन पहले से जो पढ़ा था वो लिख दिया...इतना तो कर दिया की पासिंग मार्क्स आ जाए....

एग्ज़ॅम के बाद मैं , अकरम और संजू कॅंटीन मे आ गये....

हम कॉफी पीते हुए बाते कर रहे थे लेकिन अकरम का चेहरा कुछ और ही कह रहा था....

मैं समझ गया कि अकरम अपनी मोम को लेकर परेशान है...पर संजू के सामने मैं उससे बात नही कर सकता था...

तो मैने अकरम को मोबाइल से मेसेज कर दिया...."टेन्षन मत ले, कुछ दिन मे तेरी मोम की प्राब्लम सॉल्व हो जाएगी...प्रोमिस.."


मसेज पढ़ते ही अकरम के चेहरे पर स्माइल आ गई और उसने थॅंक्स लिख कर भेज दिया...

फिर थोड़ी देर बाद हम अपने- अपने घर निकल आए...

मैने संजू के घर गया और फिर डाइयरी पढ़ने के लिए आंटी को बहाना कर के अपने घर निकल आया...

जैसे ही मैं अपने घर आ रहा था तो मुझे कामिनी का कॉल आ गया....मैने कार साइड मे रोकी और कॉल पिक की....

(कॉल पर)

मैं- हेलो स्वीटहार्ट...

कामिनी- ह्म्म..स्वीटहार्ट...सिर्फ़ कहने के लिए...हाँ..??

मैं- नही...सच मे...

कामिनी- तो फिर मिलने क्यो नही आए...

मैं- ओह ...सॉरी डियर...वो क्या हुआ कि कल मैं पढ़ाई मे इतना बिज़ी था कि याद नही रहा..सॉरी....

कामिनी- सॉरी से काम नही होगा मेरे हीरो...सज़ा मिलेगी...

मैं- हर सज़ा मंजूर...बोलो...

कामिनी- तो सज़ा ये है कि आज की पूरी रात मेरे साथ...

मैं- ह्म्म...इतनी हसीन सज़ा...मंजूर...बोलो कब अओ...7 बजे..

कामिनी- नही - नही...7 बजे नही...मैं बताउन्गी तब आना...

मैं- क्यो...कुछ काम है क्या...किसी और से मिलना है क्या...??

कामिनी- न..नही तो...किसी से नही...

मैं- हाहाहा...घबराओ मत ...मैं मज़ाक कर रहा हूँ....


कामिनी- ओह्ह...पर बात ये है कि शाम को मुझे मेरे पति के फ्रेंड के घर जाना है...तो जैसे ही मैं आउगि...कॉल कर दूगी...

मैं- ह्म्म..पर मेरी रात रंगीन होनी चाहिए ...समझी...

कामिनी- आप आइए तो...आपकी रात का इंतज़ाम हो चुका है....हहहे...

मैं- ओके...फिर मिलते है ..बाइ

कामिनी- बाइ....

कॉल कट हो गई....हमारी बात ख़तम होते ही.....


मैं(मन मे)- साली...आज की रात तू जितनी भी रंगीन करने का सपना देख...रात तो तेरी मैं सजाउन्गा...आज के बाद हर रात तेरी लाइफ मे अधेरा ही लायगी....

और वहाँ कामिनी ने कॉल कट होते ही उसके पीछे बैठे सक्श की तरफ कमीनी मुस्कान दे दी और बोली...

कामिनी- ही ईज़ कोँमिंग...गेट रेडी...

और सामने बैठे सख्स ने भी कमीनी मुस्कान दी और उठ कर कामिनी को गले लगा लिया.....

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06-06-2017, 10:10 AM,
RE: चूतो का समुंदर
वहाँ मेरे निकलने के बाद संजू के घर मे...आंटी लोगो ने सब बच्चो के साथ लंच किया और कुछ देर तक बाते करने के बाद सब अपने-2 रूम मे निकल गये...

अपने रूम मे आंटी काफ़ी सोच मे डूबी हुई कुछ सोच रही थी...और उन्होने एक कॉल किया...

कुछ बात करने के बाद वो रूम मे घूमने लगी...उन्हे पता नही क्या टेन्षन थी जो वो टेन्षन के मारे रूम मे घूमे जा रही थी...साथ मे बार- बार मोबाइल चेक कर रही थी...

तभी उनका फ़ोन बजा और आंटी ने जल्दी से कॉल पिक की और बोला...

(कॉल पर)

आंटी- हाँ बोलो...कुछ पता चला...

सामने- $$$$$$$$$

आंटी- तो पता करो ना...यहाँ से निकले हुए टाइम हो गया है...अब तक तो उसे घर मे होना था...

सामने- $$$$$$$$$

आंटी- नही पहुचा...तो फिर...कहाँ गया...कुछ तो पता होगा...

सामने- $$$$$$$$$$$

आंटी- तो तुमसे फिर होता क्या है....वो मुझसे झूठ क्यो बोलेगा....

सामने- $$$$$$$$$$

आंटी- तू काम कर अपना...पता कर वो कहाँ है....और मुझे बता....

कॉल कट करके आंटी फिर से सोच मे पड़ गई.....

आंटी(मान मे)- मुझसे बोला कि घर जा रहा हूँ..और घर पहुचा नही...तो कहाँ गया.....ये अंकित ने मुझसे झूठ क्यो बोला..क्या इसे कुछ पता चल गया....???
नही- नही...ऐसा नही हो सकता....ऐसा होता तो वो मेरी सूरत भी नही देखता....सूरत क्या...वो मुझे मार डालता....ऐसा नही है...
उसे कुछ पता नही है...फिर झूठ क्यो बोला ...???
शायद किसी फ्रेंड के घर गया हो ..या कोई रास्ते मे मिल गया होगा...उसे कुछ पता नही....हां...कुछ काम मे फस गया होगा....मैं फालतू सोच रही थी...

अंकित के भरोसे के बिना तो मैं अपने मक़सद मे कामयाब नही हो सकती...उसकी ज़रूरत है मुझे.....और उसको अपने पास कैसे खींचना है..ये मैं अच्छी तरह से जानती हूँ...हहहे...

आंटी अपने मान मे लड्डू फोड़कर खुश हो गई और बेड पर रेस्ट करने लगी......

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मैने बात ख़तम होते ही अपनी कार घर की तरफ दौड़ा दी...तभी मुझे कुछ याद आया और मैने कार को टर्न करके माल की तरफ भगा लिया....


जैसे ही मैं माल मे पहुचा तो जल्दी से अंदर एक शॉप पर पहुच गया...मुझे देखते ही शॉपकीपर मेरे पास आ गया...

शॉपकीपर- हेलो मिस्टर.मल्होत्रा 

मैं- हेलो...मेरा शमां...

शॉपकीपर- रेडी है सर...अभी लाया...

थोड़ी देर बाद ही वो एक पार्सल लेकर मेरे पास आया और मेरे हाथ मे पकड़ा दिया...

मैं- सब है ना..??

शॉपकीपर- जी सर...जो भी आपने मागा था....

मैं- ह्म्म...ओके ये लो पैसे...

शॉपकीपर(पैसे लेते हुए)- सिर क्या मैं पूछ सकता हूँ कि आपको इस सब की क्या ज़रूरत पड़ गई..??

मैं- माइंड युवर बिज़्नेस...ओके

शॉपकीपर- सॉरी सर...

मैं- ऑर हाँ ये बात डॅड तक नही जानी चाहिए ...वरना..

शॉपकीपर- ट्रस्ट मी....नही जायगी...

मैं- देन...बब्यए

शॉपकीपर- बाइ सर..

मैं जल्दी से माल के बाहर आया और कार स्टार्ट करके अपनी मंज़िल की तरफ निकल गया...

करीब 1 घंटे के बाद मैं सहर के बाहर मेन रोड से दूर बने एक फार्म हाउस पर पहुच गया....

जैसे ही मैने कार रोकी तो हाउस के अंदर से कुछ लोग बाहर आ गये...और जैसे ही मैं कार से निकला तो उन्होने मुझे सल्यूट किया...तभी उनका लीडर भी बाहर आ गया...

स- हेलो अंकित...वेलकम..

मैं- हेलो...सब ठीक है ना...

स- सब ठीक है..अंदर चल के बात करते है...

मैं उसके साथ अंदर चला गया और हम सोफे पर बैठ कर बातें करने लगे...

मैं- हाँ अब बोलो...

स- पहले ये बताओ कि इतना टाइम क्यो लगा...30 मिनट की जगह 1 घंटे से ज़्यादा लगा दिया...

मैं- ह्म्म..वो एक काम कर रहा था रास्ते मे...

स- ओह..तो आज का काम सेट है ना...

मैं- ह्म्म..सब सेट है..आज रात मेरे लिए प्रॉफिट वाली रात होगी...तुम्हारा काम हो गया...जो कहा था...

स- सब सेट है...बस अब इंतज़ार है...सही टाइम का...

मैं- ह्म्म..वैसे वो कहाँ है...

स- और कहाँ...यही है...मज़े मे...

मैं- तो चलो उसका हाल- चाल पूछ लूँ...

स- हाहाहा...क्यो नही...

मैं उठा ही था कि मेरा फ़ोन बजने लगा...मैने फ़ोन देखा तो ये रूबी का कॉल था...

(कॉल पर)

मैं- हाँ..बोलो

रूबी- कहाँ हो भैया...

मैं- वो ..मैं अपने घर आया हुआ था..

रूबी- ओह्ह...मुझे आप से मिलना था...

मैं- मुझसे...क्यो, कुछ काम था क्या..???

रूबी- हाँ...आप भूल गये...???

मैं- क्या...मैं क्या भूल गया..??

रूबी- सोचिए..आपने प्रोमिस किया था ...याद आया...

मैं(मन मे)- इसे क्या प्रोमिस किया था...ओह हाँ...इसकी गान्ड मारने का कहा था...ह्म्म्म यही बात है...साली चुदने को तड़प रही है...

रूबी- इतना सोच रहे है...याद नही आया ?

मैं- आ गया यार...आज तुम्हे प्यार करना था...

रूबी- हां...और आप भूल गये...

मैं- भूला नही यार...करूगा ना..पर अकेले मे मिलो तो....

रूबी- ओके...मेरे घर आ जाइए..मैं भी घर जाती हूँ...

मैं- ओके...और रक्षा को मत ले जाना साथ...

रूबी- ओके..वो वैसे भी सो रही है...

मैं- गुड...तो तुम 1 घंटे मे अपने घर मिलो ओके..

रूबी- हाँ..अभी जाती हूँ...

मैं- पर याद है ना आज तुम्हारी गान्ड मारनी है मुझे...

रूबी- भैया...जो आप कहे...मैं रेडी हूँ...बस जल्दी आ जाइए...

मैं- ओके..बाइ

रूबी- बाइ...

कॉल कट करते ही मेरे सामने खड़ा सख्स मुझसे बोला...

स- तो अब..क्या??

मैं- ह्म्म..मैं जा रहा हूँ...फिर आउगा...और हां..टाइम से पहुच जाना वहाँ..ओके

स- ओके...डोंट वरी...

फिर मैं वहाँ से निकल कर रूबी के घर की तरफ जाने लगा.....


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वहाँ कामिनी के घर.....मुझसे बात करने के बाद कामिनी अपने साथ बैठे सख्स के साथ बाते करने मे बिज़ी थी...थोड़ी देर बाद उसका फ़ोन बजने लगा....वो एक अननोन नंबर. से कॉल आया था....


(कॉल पर)

कामिनी- हेलो...

अननोन- हेलो कामिनी मेडम...

कामिनी- कौन...???

अननोन- ये मत पूछो कि कौन हूँ..ये पूछो कि कॉल क्यो किया...हाहाहा...

कामिनी- क्या...हो कौन तुम...और कॉल क्यो किया...??

अननोन- तुम्हारे फ़ायदे के लिए...

कामिनी- कैसा फ़ायदा..???

अननोन- तुम्हारा मक़सद पूरा करने मे...मैं हेल्प कर सकता हूँ...

कामिनी- कैसा मक़सद ...क्या बकवास कर रहे हो...??

अननोन- वही मक़सद जिसके लिए तुम...आज- कल मेहनत कर रही हो...

कामिनी- बकवास बंद करो...मैं रख रही हूँ...दुबारा कॉल मत करना...

अननोन- वही मक़सद जिसमे तुम...दीपा और रजनी ..सब समिल हो...

कामिनी(चौंकते हुए)- क्या...क्या बकवास है...

अननोन- बस...मुझे सब पता है...टारगेट है अंकित

अंकित का नाम सुनते ही कामिनी की हालत खराब हो गई और वो डर कर बात करने लगी....

कामिनी- कौन हो तुम...क्या चाहते हो...??

अननोन- हाहाहा...अब आई लाइन पर...

कामिनी- प्लीज़..बोलो ना...क्या चाहते हो...??

अननोन- ऐसे नही...आज रात मिलो...वहाँ बताउन्गा..

कामिनी- आज रात..बोलो ..कहाँ मिलना है...

अननोन- होटल डेलिट...8 बजे

कामिनी- पर आज रात...कैसे...??

अननोन- बस...टाइम पर आ जाना ..बाइ

कामिनी कुछ कहती उससे पहले ही कॉल कट हो गई और कामिनी का चेहरा डर से लाल पड़ गया....

कामिनी(मन मे)- ये कौन था...इसे इतना कैसे पता....कही कोई अपना ही तो इसके पीछे नही....???????????????????
यहाँ एक तरफ कामिनी परेशान...दूसरी तरफ आंटी परेशान और तीसरी तरफ रूबी परेशान....

तीनो की परेशानी की वजह अलग- अलग थी पर तीनो की परेशानी मे एक नाम कॉमन था...अंकित

आज मेरे नाम ने तो कमाल कर दिया था...बिना मेरी मौजूदगी के ही मेरी वजह से तीन चूत वाली परेशान होकर बैठी थी....

कामिनी के घर....

कामिनी अंजान कॉल की वजह से बहुत परेशान दिख रही थी....उसे इस हालत मे देख कर उस रूम मे मौजूद सख्स ने परेशानी की वजह पूछी...पर कामिनी ने उसे टाल दिया और जाने को कहा....वो सख्स तो चला गया पर कामिनी इस सोच मे पड़ गई..की ये कॉल किसका था...ये मुझसे चाहता क्या है...इसे सब कुछ पता कैसे चला....???

क्या मुझे इस बारे मे रजनी से बात करनी चाहिए....नही अभी नही...पहले उससे मिल तो लूँ...पता तो चले ये है कौन और कितना जानता है और मुझसे क्या चाहता है....

कामिनी(मन मे)- अब जो होगा वो उससे मिलने के बाद ही देखुगी....अभी रेस्ट करती हूँ...आज रात को अंकित को भी आना है...और उसे खुश कर के ही भेजना होगा...ह्म्म्म

कामिनी रेस्ट करने लेट गई.....
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06-06-2017, 10:28 AM,
RE: चूतो का समुंदर
यहाँ संजू के घर आंटी भी रेस्ट कर रही थी पर टेन्षन की वजह से उनको नीद नही आ रही थी....

अचानक आंटी उठी और कॉफी बनाने किचन मे आ गई...

आंटी इस समय नाइटी मे थी जो उनकी जाँघो तक आ रही थी....

जैसे ही आंटी किचन से निकली तो उनके सामने पूनम दी आ गई...

पूनम- ओह माइ माइ...मोम यू लुकिंग सो हॉट...

पूनम की बात सुनकर आंटी शॉक्ड हो गई और जैसे ही उन्होने अपने आप को देखा तो शरमा गई...

आंटी- हट पगली...क्या बोलती है..

पूनम- रियली मोम..आप सच मे हॉट लग रही हो...

आंटी- तू भी ना...चुप कर...

पूनम- ह्म्म..ओके..मुझे कॉफी पिलाओ ना..

आंटी- ह्म्म..अभी लो..

थोड़ी देर बाद दोनो माँ- बेटी कॉफी ले कर सोफे पर बैठ गई और टीवी देखने लगी....

तभी वहाँ संजू आ गया...संजू की नज़रे तो आंटी की नंगी जाँघो पर अटक गई...पर उसने खुद को संभाला और बाहर निकल गया....

पूनम ने ये नोटीस कर लिया था और उसने संजू से इस बारे मे बात करने का सोच लिया....

तभी आंटी का फ़ोन रिंग होने लगा और आंटी लगभग भागते हुए अपने रूम मे गई और फ़ोन ले कर बाथरूम मे घुस गई...

पूनम को अजीब तो लगा बट सोचा कि शायद बाथरूम जाने की जल्दी हो और पूनम ये सब इग्नोर कर के अपने रूम मे निकल गई....और आंटी ने कॉल पिक की....

(कॉल पर)

आंटी- हाँ बोलो...

सामने- $$$$$$$$$

आंटी- क्या...तो फ़ोन क्यो किया...जब कुछ पता नही तो...

सामने- $$$$$$$$$

आंटी- ह्म्म..ठीक है...आएगा तो देखुगी....यू कॅरी ऑन...ओके

सामने- $$$$$$$

आंटी- मैं आती हूँ....30 मिनट मे

सामने- $$$$$$$$$

आंटी- हहहे....वो तो होगा ही....उसके बिना मज़ा नही आएगा....

सामने- $$$$$$$$$$

आंटी- ह्म्म..तो बुला ले उसे भी...मज़ा आएगा....

सामने- $$$$$$$$$$

आंटी- ओके...चल बाइ

सामने- बाइ...

आंटी ने कॉल कट की और रेडी होने लगी...रेडी हो कर आंटी फ्रेंड के घर जाने का बोलकर घर से निकल गई.....

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यहाँ मैने अपनी कार रूबी के घर खड़ी की और गेट पर नॉक किया....

गेट खोलते ही रूबी मेरे सामने आ गई और मुझे देख कर शरमा गई...रूबी सिर्फ़ गाउन पहने हुई थी...उसे देख कर लग रहा था कि वो अभी-अभी नहा कर आई है.....

मैं- कैसी हो मेरी रानी...मेरी याद आई...???

रूबी( सिर हाँ मे हिला दिया...पर सामने नही देख)

मैं- ओह माइ स्वीटी...अब जल्दी से अंदर चलो...तुम्हे बहुत सारा प्यार करना है....

रूबी चुप रही और सामने से हट गई...जिससे मैं घर मे एंटर हुआ और रूबी ने गेट लॉक कर दिया...

जैसे ही मैं पलटा तो रूबी ने मेरे गले को कसकर मेरे चेहरे को चूमना शुरू कर दिया....

रूबी- उउंम..उउंम...म्मूउहह..म्मूउहह....मूऊ..म्मूउहह

मैं- उम्म..ओह्ह..आराम से...ओह डार्लिंग...ह्म्म..ईज़ी...

लेकिन रूबी तो पूरे जोश मे थी...शायड उसकी चूत लंड खाने को बेताब हो रही थी....

रूबी मे मेरे होंठो को अपने होंठो मे कस लिया और ज़ोर से चूसने लगी....

थोड़ी देर बाद हम ने चुंबन ख़त्म किया और साँसे लेने लगे...

रूबी ने एक कातिल स्माइल दी और जल्दी से घुटनो पर बैठ गई और पलक झपकते ही मेरी पेंट को ओपन करके अंडरवर के साथ नीचे कर दिया...

मेरा लंड जैसे ही रूबी के सामने आया तो उसकी आँखो मे चमक आ गई...जैसे मन की मुराद पूरी हो गई हो...

रूबी ने थोड़ा लंड को हिलाया और फिर मेरे लंड के सुपाडे को जीभ से चाटने लगी.....मैं मस्ती से सिसक उठा...
थोड़ी देर तक मेरे सुपाडे को चूसने के बाद रूबी ने अपनी जीभ से मेरे लंड को और बॉल्स को चाटना शुरू कर दिया...

मैं- आहह...मेरी जान...ऐसे ही...ओह्ह..

रूबी- सस्स्रररुउउप्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प.....सस्स्रररुउपप...आअहह.....

मैं- ओह यस...यस ऐसे ही...आअहह

रूबी- सस्स्र्र्ररुउउप्प्प....सस्स्र्र्ररुउउप्प्प...आअहह...

रूबी की जीभ से मेरा लंड खड़ा हो गया और रूबी ने जल्दी से लंड को मुँह मे भरके चूसना शुरू कर दिया....


मैं बड़े प्यार से रूबी से अपना लंड चुसवाने लगा…उससे जितना हो सकता था उतना अंदर लेती ऑर चूस्ति रही….


रूबी-उम्म्म…उउंम्म..उउंम..उउंम्म..उउंम

मैं-आहह…बेटा…ऐसे ही…अच्छा कर रही हो…आहह

रूबी-उउंम..सस्ररुउउउप्प्प…उउउम्म्म्म

मैं-हाँ..तेज करो…जल्दी और तेजज…तेजज

रूबी-उउंम..उउंम्म..उउंम्म..उउउंम्म


मैं-आहह…मेरी प्यारी गुड़िया…भैया का लंड अच्छा है ना…

रूबी- उउंम…सस्ररुउउप्प्प…उउंम्म..उउंम

मैं- ओह्ह्ह…हाँ बेटा तेज ऑर तेज..

मेरी बात सुन कर रूबी पूरी स्पीड से लंड को आगे –पीछे कर रही थी….

थोड़ी देर तक रूबी से लंड चुसवाने के बाद मैने उसे रोक लिया….अब मेरा लंड तैयार था रूबी की चूत खोलने के लिए…


रूबी- भैया...अब डाल दो जल्दी से...बहुत खुजली हो रही है...

मैं- हाँ बेटा...आज तुझे पूरा मज़ा दूँगा....

मैने रूबी को उठाकर पास रखे हुए सोफे पर लिटा दिया....लेट ते ही रूबी ने अपना गाउन खोल दिया..और उसके बूब्स और पैंटी मे कसी हुई चूत मेरे सामने आ गई....

मैने जल्दी से अपना पेंट निकाला और झुक कर रूबी की पैंटी साइड की...और अपना मुँह रूबी की जलती हुई चूत पर रख दिया.....
फिर मैने रूबी की चूत को चाटना और चूसना चालू कर दिया ओर रूबी मस्ती मे तड़पने लगी...

मैं- सस्रररुउउप्प...उउउम्म्म्मम...सस्रररुउउप्प्प....सस्र्रुरुउउप्प...

रूबी-आहह..अहहह....ऊहह..म्मूऊम्मय्यी

मैं- सस्रररुउउप्प्प...सस्ररुउउउप्प्प...सस्रररुउउप्प...

रूबी-आहह...भैया....मज़ा ..आआहह...आ...गया...आहह

मैं-उम्म्म..उउउंम्म..उउंम...उउंम्म

रूबी-बब्बहाइियय्य्ाआ...आअहह....ऊहह....ऊहह....आहह


थोड़ी देर तक रूबी की चूत चूसने के बाद मैने आगे बढ़कर उसके बूब्स पर हमला बोल दिया....

मैं एक बूब्स को मुँह मे भर के चूस्ता और दूसरे को मसलता...जिससे रूबी मस्ती मे तड़प जाती...थोड़ी देर बाद ही रूबी चूत मे लंड डालने को कहने लगी...

मैने रूबी के बूब्स को चूस कर गीला कर दिया और उठ कर उसकी पैंटी निकाली और अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया....

मैं- डाल दूं बेटा...

रूबी- हाँ भैया..अब और ना तडपाओ...जल्दी से डाल दो...

मैने एक जोरदार शॉट मारा और आधा लंड रूबी की चूत मे चला गया...

रूबी- आअहह....भैया...

मैं- ये ले मेरी जान....

और मैने दूसरे शॉट मे लंड को चूत की गहराई मे घुसा दिया....मैने फिर धीरे- धीरे धक्के मारना चालू किया और साथ मे अपनी शर्ट भी निकालने लगा....
रूबी-आहह..भैया…आअराम से…

मैं- अब आराम हो गया बेटा…अब बस मज़े कर…

थोड़ी देर बाद मैने स्पीड से रूबी को चोदना शुरू कर दिया…

रूबी भी अब मस्त हो कर सिसकने लगी थी…

मैं- ये ले मेरी जान….भाई का लंड...अच्छा लगा…

रूबी-आअहह..भैया...मस्त है....ज़ोर से....डालूओ

मैं- हाँ..ये ले...

रूबी-आहह..आह..भैया...फाड़ दूओ....मज़ाअ...आहह....आ...गायाअ...

मैं- अभी ऑर मज़े करवाउँगा..आगे...

रूबी-आहह……मैं…..भी करना..चाहती…आहह….हुउऊउ

मैने पूरी स्पीड मे 10 मिनट रूबी को चोदता रहा ऑर वो झड़ने लगी…

रूबी- भैया…..मैं…आहह…..आहह…आऐईइ...

रूबी झड़ने लगी ओर उसकी चूत मे पानी के साथ मेरा लंड अंदर बाहर होते हुए फ्यूच-2 करने लगा….ऑर चुदाई का महॉल गरम हो गया…

रूबी- ओह्ह..भैया…अह्ह्ह्ह…आहह

मैं- येस..बेटा…यस…

रूबी-भैया.आआ…..आहह..आहह…आहह….

पूरे रूम मे अब आवाज़े गूंजने लगी..

फ़फफूूककचह..फ़फफूूक्चह्त…….टत्त्तप्प्प….त्ततप्प्प…त्तप्प..आहह…उउउंम..हमम्म..भीयाअ……आहः….आहह..उउफ़फ्फ़…
ऊहह…ऊहह….फ्फक्च्छ..फ़फफुक्चह…..भैया….

थोड़ी देर बाद मैने रूबी की चूत से लंड निकाला और उसे कुतिया के पोज़ मे आने को कहा....

मेरे कहते ही रूबी कुतिया बन गई और उसकी फ्रेश गान्ड मेरे सामने आ गई...

मैने जल्दी से रूबी की गान्ड के छेद पर जीभ फिरा दी...

रूबी- आहह...भैया...ये क्या...

मैं- अब तेरी गान्ड मरूगा बेटा...

रूबी- ह्म्म...दर्द होगा ना...

मैं- हाँ पर मज़ा बहुत आएगा...बोलो मार लूँ...???

रूबी- हाँ भैया...मार लो....

मैने फिर रूबी की गान्ड को चाट कर गीला किया और फिर अंदर जा कर क्रीम की डिब्बी ले आया...

मैने क्रीम को उंगलियों से रूबी की गान्ड के अंदर भर दिया और उंगली से गान्ड मारने लगा...

रूबी- ओह्ह्ह..भैया...आअराम से...आअहह....

थोड़ी देर बाद मैने उंगली निकाली और गान्ड के छेद पर लंड सेट कर दिया....

लंड सेट करते ही एक धक्का मारा….पर लंड फिसल गया…..

मैने फिर हाथ से लंड पकड़ कर धक्का मारा ऑर इस बार मेरा आधा सुपाडा रूबी की गान्ड मे घुस गया…..ऑर वो तड़प गई…


रूबी-आअहह…आअहह..नाहहीी….मुंम्मय्ययी

मैने थोड़ा सा धक्का और मारा ऑर पूरा सुपाडा गान्ड मे घुस गया….रूबी की गान्ड खुल गई ऑर खून निकलने लगा ऑर रूबी तड़प कर चीखने लगी…
रूबी-म्म म्मूऊउम्म्मय्यययययी……हुहुहुहू…..मार्र..गाइइ…..णिीिकककाआल्लूओ..आहह..मम्मूऊउम्म्मय्यी

मैने हाथ आगे करके रूबी के बूब्स को सहलाना चालू किया ऑर झुक कर उसकी पीठ पर किस करने लगा ऑर तुरंत ही एक धक्का मारा जिससे थोड़ा लंड अंदर चला गया…

रूबी- उउंम..उउंम..उउउंम्म

मैं रूबी को किस कर रहा था पर वो तड़प ही रही थी…मैं थोड़ी देर रुका ऑर उसके बूब्स को दबाते हुए उसे किस करता रहा…तो रूबी नॉर्मल हुई थोड़ा…करीब 2 मिनट बाद मैने ज़ोर से धक्का मारा ऑर आधा लंड गान्ड मे च्ला गया….

रूबी-नाहहीी….मम्मूऊम्म्म्मय्ी…णिीिककाल्लूओ…आहह….आहह


मैं- बस बेटा…हो गया…अब दर्द नही होगा..ऑर मैने बूब्स दबाना ऑर किस का काम जारी रखा….

थोड़ी देर बाद मैने आधे लंड को ही धीरे-धीरे आगे पीछे करना शुरू किया ओर रूबी दर्द से सिसकने लगी..

रूबी- भैया…आहह..दर्द हो रहा…आहह....

मैं- बस बेटा..थोड़ा रूको..सब ठीक होगा…

मैं अपना कम करता रहा और 5 मिनट के बाद रूबी नॉर्मल हो गई…उसकी आँखे आसुओं से भर गई थी…मैने फिर धक्का मारा ऑर पूरा लंड अंदर डाल दिया….


रूबी-हुहुहू..म्मूऊउम्मय्ययी….म्मार्र..आहह..गगाइइइ….म्मूऊम्मय्यी
Reply
06-06-2017, 10:28 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैने रूबी के बूब्स छोड़ कर एक हाथ उसकी गान्ड पर रखा और दूसरा चूत पर....मैं एक हाथ से उसकी गान्ड की सहलाते हुए दूसरे हाथ से उसकी चूत के दाने को मसल्ने लगा ओर धीरे –धीरे लंड को हिलाने लगा….

करीब 10 मिनट की मेहनत के बाद रूबी नॉर्मल हुई ऑर बोली..

रूबी-भैयाया…अब करो…दर्द कम है…


मैं- ठीक है बेटा ..मैं आराम से करता हूँ…

रूबी-ह्म्म्म 

मैने प्यार से रूबी की गान्ड को मारना शुरू किया ऑर थोड़ी देर के बाद स्पीड बधाई…अब रूबी भी दर्द के साथ मस्ती मे सिसक रही थी…
मैं- बेटा..अब ठीक है…

रूबी- आहह..हाँ..भैया…करो…आहह

मैं- ये लो…..प्यार से…यीहह

रूबी- हाँ..भैया…डालो….आहह

मैने अपनी स्पीड थोड़ी और बढ़ा दी…

मैं- ये लो बेटा…अब मज़ा करो..

रूबी-आहह..भैया…डालो…ज़ोर से…आहह…

मैं- मज़ा आ रहा है…

रूबी- हहा….भैया…बहुत..आहह…डालूओ...


मैने थोड़ी देर बाद फुल स्पीड मे रूबी की गान्ड मारने लगा और रूबी ने भी अपनी गान्ड को पीछे कर के लंड का स्वागत करना शुरू किया….

मैं- ये ले मेरी जान ..भैया का ले..

रूबी-हाँ...भैया...फाड़ दो....अब...ज़ोर से...आहह..आहह

मैं- ये ले......ईएहह..

रूबी-आहह..भैया…ज़ोर सीए..ओरर..तेजेज़्ज


मैं तेज़ी से रूबी की गान्ड मार रहा था और साथ मे हाथ से उसकी चूत मसल रहा था जिससे रूबी झड़ने लगी..….

रूबी-भैया…आहह..मैंन्न…आऐईइ….आअहह....


मैं- एस्स….बेटा..कम ऑन….ये ले….

जैसे ही रूबी झड गई तो वो थक कर आगे झुक गई मैने लंड को गान्ड से बाहर निकाल लिया तो देखा कि गान्ड खून से लाल हो गई थी ऑर पूरी खुल चुकी थी…

रूबी थक कर पड़ी हुई थी...तो मैने उसे उठाया और अपनी गोद मे आने को कहा...जैसे ही वो मेरी गोद मे आई तो मैने उसके पैर फैला कर गान्ड मे लंड सेट किया और अंदर डाल दिया..

दो धक्को मे पूरा लंड रूबी की गान्ड मे था...फिर मैने उसको जाँघो से पकड़ा और उछाल- उछाल कर उसकी गान्ड मारने लगा....
रूबी- ओह्ह..माआ...आहह...

मसैइन- अब लंड की सवारी कर मेरी जान

रुबू-आहह..हा..भैया…कराओ…आहह

मैं- ये लो….करो…यीहह

रूबी- हाँ..भैया…डालो….आहह

मैने अपनी स्पीड से रूबी की गान्ड मारना शुरू कर दिया…

मैं- ये लो बेटा…अब मज़ा करो..

रूबी-आहह..भैया…डालो…ज़ोर से…आहह…

मैं- मज़ा आ रहा है…

रूबी- हहा….भैया…बहुत..आहह…डालूओ...मेरी गाअन्न्ँदडड़....


मैने थोड़ी देर बाद फुल स्पीड मे रूबी को उछालते हुए उसकी गान्ड फाड़ने लगा..... रूबी ने भी अपनी गान्ड को उछाल कर लंड पर पटकना शुरू कर दिया….

मेरा लंड अब रूबी की गान्ड की गहराई मे जाने लगा...और रूबी मस्त होकर एंजोई करने लगी...

मैं- ये ले..बेटा..भैया का गान्ड मे ले..

रूबी-हाँ...भैया...फाड़ दो....गान्ड...ज़ोर से...आहह..आहह

मैं- ये ले......मज़ा आया...

रूबी-आहह..भैया…ज़ोर से..ओरर..तेजेज़्ज...यस...यस...

थोड़ी देर तक मैं रूबी को उछाल-उछाल के उसकी गान्ड मारता रहा...लेकिन इस पोज़िशन मे रूबी को दर्द ज़्यादा हो रहा था...तो मैने उसे फिर से कुतिया बना दिया..और एक झटके मे लंड उसकी गान्ड मे डाल दिया...

रूबी- उउउइइ..माआ...

मैं- माँ को मत बुला...उसकी भी मार दूँगा...हाहाहा...

रूबी- आहह...मार लेना भैया...अभी मेरी मारो....आअहह

मैने रूबी की कमर को पकड़ा और तेज़ी से उसकी गान्ड मारना चालू किया....रूबी ने भी अपने हाथ से अपनी गर्म चूत को मसलना चालू कर दिया.....


रूबी-आहह..भैया…ज़ोर से ..येस्स..…

मैं- यीहह....ये ले...यह...

और मैं स्पीड से रूबी को कुतिया की तरह चोदने लगा…

मैं- ये ले मेरी रानी….

रूबी-आअहह..भैया...मस्त है....ज़ोर से....डालूओ

मैं- हां..ये ले...

रूबी-आहह..आह..भैया...फाड़ दो....मज़ाअ...आहह....आ...गायाअ...

मैं- येस्स..बेटा…यस…

रूबी-भैया.आआ…..आहह..आहह…आहह….

मेरी जांघे रूबी की गान्ड पर थाप दे रही थी और रूबी अपने हाथ से अपनी चूत से रस निकालने का ट्राइ कर रही थी...और मेरा लंड रूबी की गान्ड को फाड़ रहा था..जिससे पूरे रूम मे अब आवाज़े गूंजने लगी.......

.त्ततप्प्प…त्तप्प..आहह…उउउंम..हमम्म..भीयाअ……आहः….आहह..उउफ़फ्फ़…ऊहह…ऊहह….भीया….त्तप्प…त्तप्प्प.
.आहहह..अहहहह…एस्स..एस्स……आहह…उउउंम्म…उउंम्म..ईएहह….बेटा..…ये ले…ये..बेटा…ओर ज़ोर से…ले.. आहहह...ताआप्प्प…आहह….उउम्म्म्मह…आहह..आहह…

और इसी मस्ती मे रूबी फिर से झड़ने लगी....

रूबी- आअहह...भैया....मैं....गाऐयइ....

रूबी के झड़ने के बाद भी मैं उसकी गान्ड मारता रहा और कुछ देर मे ही झड़ने लगा. ..

मैं- येस्स...मैं आया...येस्स...आअहह..आहह

रूबी- डाअल दो भैया....आअहह...अंदर.....ऊहह....

मैने अपना लंड रस रूबी की गान्ड मे डाल दिया और जैसे ही लंड बाहर निकाला तो रूबी की गान्ड से मेरा लंड रस बहने लगा....
हम थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे फिर मैं बाथरूम जा कर फ्रेश हो आया...रूबी भी बाथरूम जाने लगी ..बट वो चल नही पा रही थी...

मैने रूबी को बाथरूम तक छोड़ा और जब वो फ्रेश हो आई तो उसे गोद मे उठाकर बेड पर लिटा दिया...

फिर मैने उसे पेन किल्लर टॅबलेट खिलाई और उसके साथ ही लेट गया....

मेरे लेट ते ही रूबी ने मुझे बाहों मे कस लिया और मेरे सीने पर किस करले अपना सिर मेरे सीने पर रख दिया........
यहा कामिनी के घर कामिनी टेन्षन मे बेड पर करवटें ले रही थी तभी एक आदमी उसके कमरे मे आया....

(यहाँ इस आदमी के बारे मे आपको बता देता हूँ....ये आदमी है कामिनी का भाई....कमाल 

इसकी ख़ासियत यह है कि इसकी असलियत सिर्फ़ कामिनी और उसके बेहन- भाई ही जानते है...और कोई नही....इनके घर के बच्चे भी इसे नही पहचानते और ना ही कामिनी की फ्रेंड्स इसके और कामिनी के रिश्ते के बारे मे जानती है....

वैसे कामिनी की फ्रेंड्स इसके साथ चुदाई करवा चुकी है...पर इसकी असलियत नही जानती....सबके लिए ये आदमी कामिनी के घर काम करने वाला है बस...

ऐसा क्या हुआ कि कामिनी को अपने भाई के साथ रिश्ते को दुनिया से छिपाना पड़ा...ये हिस्टरी है...जो आगे पता चलेगी...अभी चलते है कामिनी के रूम मे...)

कमाल कामिनी के रूम मे एंटर हुआ और रूम को अंदर से लॉक कर दिया...फिर वो कामिनी के पास गया और उसे हिला के जगा दिया...कामिनी चौंक कर उठी और बोली...

कामिनी- क्क..कौन...भाई...तुम...यहाँ क्यो आए...कोई देख लेगा तो...क्या सोचेगा...

कमाल- डोंट वरी....घर मे कोई नही है...मैने सब चेक कर लिया...

कामिनी- ओह...ओके...पर ऐसा क्या काम पड़ गया...जो यहाँ आ गये...जानते नही कि अभी सही टाइम नही है....

कमाल- वो मैं जानता हूँ...पर मैं ये बताने आया हूँ कि मैने आज उसे बुलाया है मिलने...

कामिनी- रजनी को...पर क्यों...??

कमाल- मुझे भी सेक्स की भूख जागती है यार...

कामिनी- तो क्या मैं मर गई थी...उसे क्यो बुलाया...उसे शक हो गया तो फिर उसकी चाल के बारे मे पता कैसे चलेगा...

कमाल- अरे टेन्षन मत लो...वो तो यही सोचती है कि मैं तुम पर नज़र रखे हुए उसका काम करता हूँ...और इसलिए वो मेरी बात मानती है...

कामिनी- यही तो मैं चाहती हूँ...साली मुझ पर नज़र रखवाती है....उसे क्या पता कि मैने भी कच्ची गोलिया नही खेली....तुमसे अपना काम करवा कर उस रंडी ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है....

कमाल- ह्म्म...वो तो है...अब बस उसके घर की मस्त लड़कियाँ मिल जाए तो मज़ा आ जाए और वो हो जाएगी चारो खाने चित्त...

कामिनी- ह्म्म...हमारे घर मे आज सब सेक्स के भूखे है तो उसके घर मे क्यो नही...मैं तो चाहती हूँ कि उसके घर मे सब एक- दूसरे की चुदाई करे और सब रंडी बन जाए...तभी मुझे शांति मिलेगी....

कमाल- वो मैं देख लूँगा...और हम ने अंकित को इसीलिए तो उसके घर पहुचाया...वो सबको लंड की आदत डाल देगा...

कामिनी- हाँ...और रजनी सोचती है कि अंकित को पटा कर वो हम से आगे निकल गई...हहहे...

कमाल- हाहाहा....अब बस अंकित का इंतज़ाम करना है....बस टाइम आ जाए...साला अभी भी टाइम बाकी है...

कामिनी- जब इतना वेट किया तो थोड़ा और...उसे मारना होता तो कब का मार दिया होता...और उस रजनी को भी....पर हमें तो कुछ और ही चाहिए....

कमाल- हाँ....लेकिन अभी रजनी की ज़रूरत है हमे....याद रखना....

कामिनी- ह्म्म..वैसे उसे कब बुलाया...

कमाल- वो आती ही होगी....

कामिनी- तो जाओ ना...और हाँ..उसका प्लान पता कर लेना...

कमाल- हाँ..और आज उसके घर की चूत भी माँगनी है...एक तो मिल जाए फिर सब ले लूँगा...

कामिनी- ह्म्म ..पर ध्यान से...वो भी कम चालाक नही...

कमाल- जानता हूँ...पर वो जिस पर भरोशा करती है...वही उसकी मार लेगा...हाहाहा...

कामिनी- हहहे...अब जाओ...और हाँ..कल मुझे ये लंड चाहिए...कितने दिन हो गये अपने भाई का नही लिया...

कमाल- अरे...ये तो तुम्हारा ही है...और दामिनी कब आ रही है...उसकी गान्ड की बड़ी याद आती है....


कामिनी- मेरा चोदु भाई...वो भी आ जाएगी...अभी वो अंकित की फॅमिली का काम देखने मे लगी है...कुछ पता करने गई है...

कमाल- ह्म्म...ओके अब चलता हूँ...रंडी आ गई होगी...

कामिनी(कमाल को किस कर के)- ओके भाई...फाड़ दे उसकी...

फिर कमाल रूम से निकल कर अपने घर निकल गया ........
Reply
06-06-2017, 10:28 AM,
RE: चूतो का समुंदर
वहाँ आंटी घर से सीधा अपनी फ्रेंड के घर गई....गेट खोलते ही आंटी अपनी फ्रेंड से बोली...

आंटी- कुसुम ड्रेस रेडी है ना...??

कुसुम- हाँ..पर तू अंदर तो आ...इतनी जल्दी मे क्यो है...??

आंटी- अरे आज मुझे कामिनी की अगली चाल पता करना है ...उसके लिए मुझे अपने आदमी को खुश करना है...

कुसुम- खुस तो तू कितनो को कर चुकी मेरी जान...इस आदमी मे ऐसा क्या खास है....

आंटी- ये आदमी मुझे मेरे मक़सद के करीब पहुचाएगा ...और कामिनी से बदला लेने मे मेरी हेल्प करेगा....

कुसुम - बदला...कैसा बदला...

आंटी- वो बाद मे...ड्रेस ला...लेट हो रहा है ..

कुसुम - ओके ये ले...

इसके बाद आंटी ने ड्रेस चेंज की..अब वो सिंगल पीस ड्रेस मे थी...और अंदर सिर्फ़ पैंटी थी...

आंटी वहाँ से निकल कर सीधा कमाल के पास गई...और दोनो ने दमदार चुदाई का मज़ा लिया...चुदाई के बाद...

आंटी- ह्म्म..तो बता ...क्या न्यूज़ है...

कमाल- न्यूज़ तो ये है...कि अंकित के डॅड 3 दिन मे आ रहे है...और कामिनी सोच रही है कि उनसे मिला जाए...

आंटी- ह्म्म...पर कामिनी से मिलेगा वो...??

कमाल- शायद...पुराना रिश्ता जो है...

आंटी- ह्म्म...मुझे नही लगता...वेल और कुछ...???

कमाल- और कुछ नही...पर तुमसे एक काम है...

आंटी- बोलो...

कमाल- ह्म्म..मुझे अपने घर की एक लड़की दिला दो यार...फ्रेश चूत मिल जायगी....

आंटी- ओये कमीने...आइन्दा ऐसा सोचना भी मत...साले मैं ऐसी हूँ इसकी वजह है...पर मेरे घर की लड़कियों पर नज़र डाली तो अच्छा नही होगा...

कमाल(गुस्से को दिल मे दबा कर)- तू तो गुस्सा हो गई...नही पसंद तो ना सही....तू तो देगी ही...

आंटी- ह्म्म...आगे से याद रखना...अब मैं जाती हूँ...मुझे काम है...

आंटी के निकलने के बाद कमाल दाँत पीसते हुए सोचने लगा कि एक दिन तेरी और तेरे घर की वो हालत करूगा कि साली मुझसे भीक माँगेगी बचने के लिए....

कमाल गुस्से मे दारू पीने लगा और वहाँ आंटी कमाल के घर से निकल कर एक रिहयशी इलाक़े मे बनी होटल मे पहुच गई...और होटल के एक रूम मे चली गई....

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यहाँ रूबी के घर मैं और रूबी कंबल मे लेटे हुए थे....रूबी का सिर मेरे सीने पर था और वो सोने लगी थी...पर मैं आगे का प्लान बना रहा था.....

मैं(मन मे)- अगर मुझे ये पता चल जाए कि कामिनी और रजनी आंटी मेरे खिलाफ एक साथ क्यों है तो मज़ा आ जाए...

पर ये पता कर पाना इतना आसान नही होगा...मैं डाइरेक्ट भी नही पूछ सकता नही तो उन्हे सब पता चल जाएगा...कि मैं उसकी साजिश जान चुका हूँ और आक्टिव भी हो गया हूँ....

पर यू बैठे- बैठे काम नही चलने वाला ...मुझे ही कुछ करना होगा..क्योकि इस मामले मे मैं किसी पर ट्रस्ट नही कर सकता...क्या पता कि इस सब मे अभी कौन- कौन शामिल हो....

मैं कुछ सोच नही पा रहा था कि तभी रेणु दीदी का कॉल आ गया...

(कॉल पर)

रेणु- हेलो भाई...कैसे हो..???

मैं- मस्त हूँ मेरी जान...

रेणु- परेशान हो...???

मैं(मन मे) - इसे कैसे पता चला...???

रेणु- बोलो ना...

मैं- नही तो...तुम सूनाओ ..कैसे कॉल किया...

रेणु- प्लीज़ भाई...मुझसे झूठ मत बोलो...

मैं- अरे नही यार...कभी नही...

रेणु- मैं आपको अच्छे से जानती हूँ...बोलो परेशान हो ना...???

मैं- हाँ मेरी जान...थोड़ा सा...पर अभी उसे छोड़ ...ये बता कि कॉल क्यो किया...कुछ काम हुआ..???

रेणु- ये बताने कि तुम्हे एक सर्प्राइज़ मिलने वाला है...बहुत जल्द...

मैं- सच मे...क्या...??

रेणु- सर्प्राइज़ है भाई...वेट करो...

मैं- ओके..पर सर्प्राइज़ पसंद आना चाहिए ...

रेणु- पक्का पसंद आएगा...वेल ये छोड़ो...मेरी बात सुनो...आपकी परेशानी का हल है...

मैं- हाँ बोलो...

रेणु- $$$$$$$$$$$$

मैं- ह्म्‍म्म...दट लाइक माइ स्वीट दी...अब बाकी मुझ पर छोड़ दो....

रेणु- ह्म्म...पर संभाल कर...हर कदम ध्यान से चलना...एक ग़लत कदम और तुम्हारा प्लान फैल...समझे ना...

मैं- ह्म्म...और उसको तो आज ही देखता हूँ...

रेणु- अभी जाओ...वो अपनी रांड़ की चुदाई कर रहा होगा...

मैं- ह्म्म...जाता हूँ...वैसे ये रांड़ है कौन....

रेणु- जाओ और खुद देख लो...ये भी एक सर्प्राइज़ होगा भाई...शायद भरोसा नही होगा देख कर...

मैं- ओके...अभी जाता हूँ...

रेणु- ओके...बाइ....और मुझे रिपोर्ट दे देना आज की...

मैं- ओके...बब्यए

मैने कॉल कट की और मेरे चेहरे पर एक मुस्कान खिल गई...मैने जो दाव फेका था, वो काम कर गया.....

मैं जल्दी से उठा और रेडी हो गया...पर प्राब्लम ये थी कि रूबी सो रही थी....

मैने कुछ सोचकर रक्षा को कॉल किया और उसे आने को बोला....

थोड़ी देर बाद रक्षा आ गई और आते ही बोल पड़ी...

राल्शा- भैया...नोट फेर ....आपने अकेले- अकेले मज़े कर लिए...मुझे पूछा भी नही..

मैं(रक्षा के गाल दवाकर)- अरे मेरा बच्चा...तू सो रहा था ना...और इसे गान्ड फदवाने की जल्दी थी...डोंट वरी अब तुम्हारी बारी है...पर आराम से तुझे प्यार करूगा ओके...

रक्षा- ओके भैया...आप जैसा कहे...अब ये बताओ कि मुझे क्यो बुलाया...???

मैं- देख...रूबी को दर्द हुआ है तो वो टॅबलेट ले कर सो रही है....मैं एक काम से जा रहा हूँ तो तू यहाँ रूबी का ख्याल रखना...रखेगी ना...??

रक्षा- आपने कहा समझो मैने कर दिया...आप जाओ मैं देख लुगी...

मैं- मेरी प्यारी गुड़िया...लव यू..

रक्षा- लव यू 2 भैया..

फिर मैं रक्षा को किस कर के निकल गया....


रूबी के घर से निकल कर मैं सीधा उस जगह जा रहा था...जो मुझे रेणु दीदी ने बताई थी ...

मैने जाते हुए कॉल किया...

(कॉल पर)

मैं- हेलो..

सामने- हेलो सर...

मैं- हाँ ये बताओ कि सब सेट है ना...

सामने- हाँ..जैसा आपने कहा था...सब सेट कर दिया था...

मैं- ओह ग्रेट...अब जब तक मैं ना कहूँ...उनको जाने नही देना...ओके

मैने कॉल कट की और कार की स्पीड बढ़ा कर अपनी मज़िल की तरफ निकल गया....

*********--------------**********---------***********-------------********-------********-------********------*******

वहाँ कामिनी अभी भी परेशान थी...उसे कोई रास्ता नही सूझ रहा था....

तभी उसे कुछ आइडिया आया और उसने एक कॉल किया.....ये कॉल उसने अपनी बेहन को किया......

(कॉल पर)

कामिनी- हेलो दीदी कहाँ हो...

दामिनी- हेलो...पहले ये बता कि तू इतना घबराई हुई क्यो है...

कामिनी- दीदी बात ही कुछ ऐसी है...

दामिनी- पहले शांत हो जा और मुझे पूरी बात बता...

कामिनी- हाँ सुनो...(फिर कामिनी ने दामिनी को उस कॉल की सारी बात बता दी..जिसमे उसे ब्लॅकमेल किया गया था...)

दामिनी- ये किसने किया...कौन हो सकता है...तुझे कुछ आइडिया है...??

कामिनी- नही दीदी..पर मुझे डर लगने लगा है...सयद कोई हमारे प्लान पर नज़रे गढ़ाए हुए है...

दामिनी- ये कैसे हो सकता है...तुमने तो सब भरोसे वाले लोग शामिल किए थे ना...

कामिनी- हाँ दीदी...पर लगता है कि किसी अपने खास ही ने हमारी पीठ मे छुरा घोप दिया है....

दामिनी- ह्म्म..हो सकता है...पर तू टेन्षन मत ले...हम सबको इस मामले मे फसा के रखेगे....किसी को असली मक़सद तो पता ही नही....

कामिनी- हाँ ये तो है...पर हमे ये प्लान भी पूरा करना होगा...वरना जो हमारे साथ है...उनका क्या...??


दामिनी- तू सबकी छोड़...उन्हे वो सोचने दे जो हम ने उन्हे बताया...पर असली मक़सद तो हमें ही पूरा करना होगा....हमारी फॅमिली का सवाल है....

कामिनी- ह्म्म..तो ये बताओ कि आप कहाँ तक पहुचि...???

दामिनी- अभी तो कुछ हाथ नही लगा...जैसे ही पता लगेगा, बताउन्गी...वैसे भी अभी तो काफ़ी टाइम है...जब तक तू स्योर करना कि अंकित की लाइफ को कोई ख़तरा ना हो...और उसे असली बात पता भी ना चल पाए....

कामिनी- ओके ख्याल रखुगी...पर अभी ये बताओ कि इस कॉल का क्या करूँ...???

दामिनी- तू जा...उससे मिल और पता कर कि वो कौन है और क्या चाहता है....

कामिनी- ओके..मैं बात करके आपको बताउन्गी...

दामिनी- और हां..कुछ दिन मे मेरी बेटियाँ आ जाएँगी वहाँ...काजल को बोल देना...

कामिनी- ओके...काजल ख्याल रखेगी उनका...वैसे भी वो आज कल फ्री ही रहती है...उन्हे अपने दूसरे घर पर रखेगे...ताकि वो इन सब से दूर रहे...

दामिनी- ओके..अब तू रिलॅक्स हो जा और जो भी बात हो...बता देना...

कामिनी- ओके दीदी...आप भी संभाल कर काम करना...ओके

दामिनी- ओके..बब्यए...

कामिनी- बाइ दीदी...

कॉल कट हो गई और कामिनी अपनी दीदी की बाते सुनकर थोड़ा रिलॅक्स हो गई....

कामिनी(मन मे)- काश दीदी को वो लोग जल्दी मिल जाए फिर हम अपना असली मक़सद पूरा करेंगे...और तब तक मैं यहाँ इन सब को अंकित के मामले मे उलझा कर रखती हूँ...और आज पता करती हूँ कि ये नया खिलाड़ी कौन आ गया गेम मे.......
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06-06-2017, 10:28 AM,
RE: चूतो का समुंदर
( एक तरफ सब लोग अपना गेम प्लान करने मे लगे हुए थे..और दूसरी तरफ कहीं किसी के मन मे एक कसक उठ रही थी...ये कसक किसी गेम की नही थी बल्कि सेक्स की थी...चलो आप ही देख लो....)

यहाँ संजू किसी के घर मे कंप्यूटर गेम खेल रहा है...पर उसके माइंड मे अभी भी अपनी मोम की नंगी जांघे आ रही थी...

संजू(मन मे)- क्या मस्त जाघे थी माँ की...मोटी, गदराई हुई और चिकनी...आअहह...जाघे देख कर ये हाल है तो आगे...आअहह...

संजू अपने मन मे एक तरफ अपनी माँ के बारे मे गंदा सोच रहा था तो दूसरे ही पल उसका दिल उसकी सोच की खिलाफत कर रहा था....

संजू(मन मे)- ओह माइ गोद...मैं कैसा इंसान हूँ ..कैसे अपनी मोम के बारे मे ऐसा सोच सकता हूँ...माना कि मैने ही उसको अपने खास फ्रेंड से चुदवाने मे हेल्प की...पर वो बात अलग थी...पता नही उस टाइम मुझे क्या हो गया था...मैने ऐसा कैसे कर दिया...और तो और जब अंकित मेरी मोम को रंडी की तरह चोद रहा था तो मैं मूठ मार रहा था...कितना घटिया इंसान हूँ मैं....

थोड़ी देर मे फिर से संजू का माइंड सेक्स की तरफ मूड गया....

संजू(मन मे)- पर इस सब मे मेरी क्या ग़लती...मेरी मोम भी तो मज़े से उसका लंड खा रही थी...बिल्कुल रंडी की तरह...और जब अंकित उन्हे चोद सकता है तो मैं क्यो नही....मैं भी अपनी मोम के साथ मज़े करूगा....जब मोम ही ग़लत है तो मैं कैसे ग़लत हो जाउन्गा....हाँ...मैं भी अपनी मोम को चोद के रहुगा...अंकित से फाइनल बात करनी ही होगी....

तभी संजू के साथ बैठी लड़की ने उसे हिला कर कहा....कि तू हार गया...मैं जीत गई...यस....यस...यस.....

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यहाँ आंटी जैसे ही होटल मे पहुचि तो जल्दी से एक रूम के बारे मे पूछा और सीधा रूम मे पहुच गई...

जैसे ही आंटी ने रूम नॉक किया तो एक मर्द ने गेट ओपन किया और फिर दोनो अंदर बैठ गये...मर्द सिर्फ़ टवल मे बैठा था...

दोनो फिर बैठ कर दारू पीने लगे....एक पेग ख़त्म करने के बाद...

आंटी- बस अब और नही...घर भी जाना है...

मर्द- तो क्या हुआ...तेरा पति कुछ नही कर सकता...

आंटी- उसकी टेन्षन किसे है...टेन्षन तो बच्चो की है...और फिर तुम्हारे भी तो बच्चे है घर पर...तुम भी मत पियो...

मर्द- ओके...एक पेग और बस...

आंटी- ओके तुम पियो...लेकिन सिर्फ़ एक..

मर्द ने एक पेग बनाया और गटकने लगा....तभी आंटी बोली...

आंटी- मुझे यहाँ क्यो बुलाया...रात मे घर मे ही मिल लेते ना...

मर्द- अरे बात ही कुछ ऐसी है...घर पर बात करने के लिए रात तक रुकना पड़ता..और मुझे इंतज़ार नही हो रहा था...

आंटी- ओह मेरे राजा...ऐसी क्या बात हो गई...??

मर्द- बात कुछ खास है...हमारे हाथ हुकुम का इक्का लग गया है...

आंटी- मैं समझी नही...तुम क्या बोल रहे हो...???

मर्द- ह्म्म..हम ने उसको फसाया है जिस पर अंकित फिदा है....

आंटी- अंकित फिदा है...पर किस पर...

मर्द- सोचो..कुछ तो गेस करो...

आंटी- तुम पहेलियाँ मत बुझाओ...जल्दी से बोलो...

मर्द- वो कोई और नही...वो है उसकी बेहन रेणु...

आंटी- रेणु...??...पर ये कैसे किया...और उस पर अंकित फिदा है..मतलब क्या...??

मर्द- यही तो खास बात है...वो दोनो भाई-बेहन है पर असल मे अंकित रेणु पर फिदा है और उस पर अपने आप से ज़्यादा भरोसा करता है....

आंटी- ये कब हुआ...कैसे हुआ..???

मर्द- वो सब छोड़...मुद्दे की बात ये है कि रेणु मेरे साथ है..अब देख अंकित की लाइफ को कैसे घूमाते है...हाहाहा...

आंटी-ह्म्म..अगर रेणु हमारे साथ रही तो अंकित के साथ उसके डॅड की भी बॅंड बाज जायगी...

मर्द- ह्म्म..

आंटी- पर रेणु रेडी कैसे हुई....???

मर्द- उसने कुछ बताया नही...पर उसका भी अंकित की फॅमिली से कोई हिसाब बाकी है...

आंटी(मन मे)- पर क्या हो सकता है...???...जहाँ तक मुझे पता है...उन दोनो की फॅमिली के बीच तो कुछ ग़लत हुआ नही था....शायद बाद मे कुछ हुआ हो...जब मैं वहाँ नही थी....कुछ भी हो मुझे रेणु को हटाना ही होगा...वरना बॉस को खुश कैसे करूगी...साला ये मुझसे पहले काम कर देगा.....

मर्द(मन मे)- तू यही सोचती रह कि तू मुझे यूज़ करेगी...जबकि मैने तुझ पर नज़र रखने के लिए भी मोहरा फिट कर दिया है....अब तो बॉस को सिर्फ़ मैं खुश करूगा...तुम सब हाथ मलते रहोगे....हाहाहा..

दोनो अपने मन मे अपने बारे मे सोच रहे थे और दूसरे को पीछे करना चाह रहे थे...पर इस टाइम दोनो को एक-दूसरे की ज़रूरत थी तो दोनो एक- दूसरे के सामने प्यार दिखा रहे थे और स्माइल कर रहे थे....

मर्द- हाँ तो...अभी सोचना छोड़ो और मेरा मूड फ्रेश करो...

आंटी- ह्म्म...इसीलिए तो आई हूँ....

और दोनो एक- दूसरे को किस करने लगे...

थोड़ी देर किस करने के बाद मर्द ने आंटी की ड्रेस का गला साइड मे किया तो आंटी के बड़े-बड़े बूब्स सामने आ गये....और वो बूब्स को चूसने लगा....
मर्द-स्रररुउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प..उउउम्म्म्महाअ...

आंटी- यस मेरे राजा...यस....ओह्ह्ह...एस्स

मर्द- उउम्म्म्मम.....उउउम्म्म्म...उउउंम्म....

आंटी- आअहह....मुँह मे भर के चूस ना....आअहह ...ज़ोर से....

उस मर्द ने आंटी के बूब्स को मुँह मे भर के चूसना शुरू किया और आंटी सिसकने लगी....

थोड़ी देर तक बूब्स चूसने के बाद उसने मुँह हटाया और बोला...

मर्द- आअहह...साली ब्रा भी नही पहनी....

आंटी- जब नंगा ही होना है तो ज़्यादा कपड़े किस काम के...तू ब्रा खाएगा या मुझे....

मर्द- तू तो रंडी बन गई है...चल लेट जा तेरी चूत निकाल...प्यास लग गई मुझे...

आंटी जल्दी से सोफे पर लेट गई और पैर फैला दिए....मर्द ने आंटी की ड्रेस कमर पर चढ़ाई और पैंटी साइड करके चूत चाटने लगा...

आंटी- आहह....चाट मेरी जान...और ज़ोर से...आअहह...

मर्द-सस्रररुउप्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प्प..उउम्म्म्मम..उउउम्म्म्म....

आंटी- आअहह....ऊहह..येस्स...जीभ चूत मे डाल ...आहह...मुँह मे भर ले...आअहह...ऊहह..येस्स...

मर्द- सस्स्र्र्ररुउउउप्प्प्प.....सस्स्रररुउउप्प्प्प...सस्स्रररुउउप्प्प....उउम्म्म्म..उउउंम..उउंम..उउंम...

मर्द ने जीभ को नुकीला कर के आंटी की चूत मे डाल दिया...और जीभ से चूत को अंदर तक चाटने लगे....और एक हाथ से अपना लंड पकड़ के हिलाने लगा....कभी मुँह मे भरके चूत काट भी लेता...और आंटी सिसक उठ ती...

थोड़ी देर बाद वो मर्द उठा तो आंटी जल्दी से नंगी हो गई और उस मर्द के लंड को चूसने लगी....


थोड़ी देर लंड चुस्वा कर उस मर्द ने आंटी को सोफे पर ही झुका दिया...तो आंटी एक घुटने पर बैठ गई और मर्द को अपनी चूत पेश कर दी...

मर्द ने जल्दी से लंड को चूत पर सेट किया और लंड अंदर डाल दिया...

आंटी- आअहह...आअराम से सेयेल...

मर्द- चुप कर रंडी...आज तो तेरी ज़ोर से ही मारूगा....

और फिर उसने तेज़ी से धक्के मारते हुए आंटी की दमदार चुदाई शुरू कर दी..
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यहाँ आंटी उस मर्द के साथ जोरदार चुदाई के मज़े ले रही थी और वहाँ कामिनी के घर कमाल आ गया......

जैसे ही कमाल के घर से आंटी निकली तो कमाल ने दारू पी और सीधा कामिनी के घर आ गया ...

यहाँ कामिनी , दामिनी से बात करने के बाद नहाने चली गई और जब वो बाथरूम मे थी तो कमाल रूम मे आ गया और उसे कामिनी ना दिखाई दी तो वो बाथरूम के पास आ कर बोला...

कमाल- कामिनी...तुम अंदर हो....तो गेट खोलो...

जैसे ही कामिनी ने गेट खोला तो उसे कमाल गुस्से मे दिखाई दिया....वो समझ गई कि कुछ बात ग़लत हुई है तो उसने कमाल से कहा...

कामिनी- क्या हुआ भाई...??

लेकिन कामिनी जल्दी मे कमाल के सामने आधी नहाई हुई नंगी खड़ी हो गई तो कमाल की नज़र उसकी बॉडी पर अटक गई...

कामिनी- क्या हुआ भाई...हेलो..

कमाल- कुछ नही...तू तो मस्त दिख रही है...नहा रही थी क्या...??

कामिनी- ह्म्म..तुम भी नहा लो मेरे साथ...

कमाल- हाँ क्यो नही...

और कमाल ने जल्दी से अपने कपड़े निकाले और नंगा होकर कामिनी के साथ बाथरूम मे घुस गया....

कामिनी- ओह..भाई..कब्से तुम्हारा लंड नही चखा...पर तुम गुस्से मे क्यो हो...

कमाल- पूछ मत...उस रंडी ने मूड खराब कर दिया....

कामिनी- तो मैं तुम्हारा मूड बनाती हूँ और तुम मुझे सारी बात बताओ...ओके

कमाल- ह्म्म...

फिर कामिनी ने कमाल का लंड मुँह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया.....
कामिनी- सस्स्रररूउग़गग...सस्स्स्रररूउउग़गग...उउनम्म्ममम...उउंम्म...

कमाल- आअहह..मेरी बहना...चूस इसे...

कामिनी- उउंम्म..उउउम्म्म्म..उउंम्म...

कमाल- एसस्स..ज़ोर से...यह...

कामिनी ने लंड चूस्ते हुए आखो से इशारा किया और कमाल ने जल्दी से कामिनी को अपनी और रजनी की बात बताना शुरू कर दिया....

यहाँ बात ख़त्म हुई और वहाँ कामिनी ने लंड को आज़ाद कर दिया...

कामिनी- ओह तो ये बात है...टेन्षन मत ले...जैसे अंकित से रजनी को चुड़वाया है वैसे ही उसके घर की लड़कियाँ चुदवा देंगे...फिर तो सब तुम्हे मिलेगी ही...

कमाल- सच मे...

कामिनी- भरोसा रख मुझ पर..और अब मेरी चूत की आग बुझा....कब्से नही चूसी तूने...

कामिनी जल्दी से बाथटब पर बैठ गई और पैर फैला दिए...कमाल ने भी जल्दी से पालतू कुत्ते की तरह उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया...
कामिनी- ओह्ह...ऐसे ही भाई...चूस डाल...आअहह

कमाल- सस्स्रररुउउप्प्प.....सस्स्रररुउउप्प्प...सस्स्रररुउउप्प्प....

कामिनी- आअहह...चूस भाई...ज़ोर से....येस्स...आअहह

कमाल- सस्स्रररुउउप्प्प...सस्स्रररुउउउप्प...सस्स्रररुउउप्प्प....

थोड़ी देर तक चूत चुसवाने के बाद कामिनी बोली .....

कामिनी- बस कर भाई...अब डाल दे अंदर...बर्दास्त नही होता....

और कमाल ने उठकर कामिनी को पलटा कर झुकाया और पीछे से लंड को चूत ने डाल दिया...

कामिनी- अरे आराम से...मैं बेहन हूँ तेरी...रंडी नही...

कमाल- आज तुझे रंडी के जैसे चोदने का मन है बहना...

कामिनी- ह्म्म..तो फिर चोद डाल अपनी बेहन को रंडी बना कर...फाड़ दे...

कामिनी का इशारा मिलते ही कमाल ने कामिनी की ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी..
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06-06-2017, 10:29 AM,
RE: चूतो का समुंदर
वहाँ कामिनी के घर कामिनी और कमाल की दमदार चुदाई चालू हो गई...और यहाँ मैं कार भगाते हुए एक होटेल के सामने रुका...

मैं जल्दी से कार पार्क करके होटेल के अंदर आया और मॅनेजर के कॅबिन मे जा कर उससे बात करने लगा...

मॅनेजर- हेलो सर...आ गये आप...

मैं- हेलो...मेरा काम हुआ...

मॅनेजर- हाँ...फिल्म चालू है ...ये देखिए...

और मॅनेजर ने मुझे अपना लॅपटॉप घुमा कर दिखा दिया....

मैने स्क्रीन पर देखा तो सामने आंटी की उस मर्द के साथ दमदार चुदाई चालू थी...

आंटी को उस मर्द के साथ देख कर मैं हैरान तो हुआ बट खुश भी था...क्योकि अब मुझे मेरे प्लान के लिए एक न्यू आइडिया मिल गया था उस मर्द के साथ आंटी को देख कर....

मैं लाइव चुदाई देख ही रहा था कि रेणु दीदी का कॉल आ गया....

(कॉल पर)

रेणु- हेलो भाई...कहाँ पहुचे...???

मैं- जहाँ पहुचना था...

रेणु- ओह्ह...तो देख लिया ना उस रांड़ को...

मैं- ह्म्म...अब इसे कौन बचायगा मुझसे...

रेणु- हाँ भाई..इसकी अच्छे से फाड़ देना...इस तक पहुचने के लिए मैने अपनी फाडवाई है...

मैं- हाँ मेरी जान...मुझे दुख है कि इस प्लान के लिए तुम्हे इस तरह का काम करना पड़ा...सॉरी...

रेणु- अरे भाई...तेरे लिए तो जान भी दे दूं...बस तुम आगे बढ़ो...एक बार सब सामने आ जाए फिर गिन-गिन कर हिसाब लेगे..ओके..

मैं- हाँ मेरी जान...पक्का..

रेणु- अब मैं रखती हूँ...तुम आगे सम्भालो...और फिर बताना मुझे कि आख़िर बात क्या है...

मैं- ओके...चलो बाइ

रेणु- बाइ...

कॉल कट कर के मैने मॅनेजर को कहा कि ये टेप सिर्फ़ मुझे चाहिए, किसी को भनक भी ना मिले इसकी..... और मैं मास्टर की लेकर सीधा रूम की तरफ चला गया...

रूम तक आते ही मैने मास्टर की से लॉक ओपन किया....अंदर दोनो चुदाई मे इतने बिज़ी थे कि उनको पता ही नही चला...

फिर मैने थोड़ा रुक कर गेट पर एक लात मारी और गेट खुल गया...

गेट खुलते ही आंटी और वो मर्द काँप गये और चुदाई रुक गई...उस समय आंटी उस मर्द के लंड की सवारी कर रही थी और बिल्कुल मेरे सामने थी...उनका नंगा बदन देख कर मेरे लंड मे तनाब आने लगा....

मैं(गुस्से से)- ये क्या हो रहा है यहाँ...???

आंटी- वउूओ...ब्बेटा...ततुउउ...य्यहहा...

मैं- हाँ साली रंडी...मैं यहाँ...और तू साली यहाँ क्या कर रही है...

आंटी- वउूओ...माऐईन्न्न....

मैं- वो मैं क्या...साली कितनी भूख है तुझे लंड की जो यहाँ आके खाती है...इतनी ही भूख है तो घर मे लेती रह ना...तेरा बेटा भी खुश हो जाएगा...

आंटी- (चुप रही)

मैं- अब बोल ...मुँह मे लंड धुसा है क्या....

मेरे बात का आंटी ने कोई जवाब नही दिया बस नीचे देख कर रोने लगी....वो मर्द अभी भी आंटी की चूत मे लंड डाले लेटा हुआ था..और मुझे उसकी सूरत नही दिख रही थी....

थोड़ी देर तक रूम मे सन्नाटा छाया रहा...फिर मैने ही गेट को बंद करके सन्नाटा तोड़ा और बेड के पास जाने लगा...

मैं(बेड के पास आते हुए)- देखु तो कि रंडी किसका लंड खा रही थी....

और जैसे ही मैं बेड के पास पहुचा तो उस मर्द को देख कर मेरे चेहरे पर स्माइल आ गई ...


मैं- ओह्ह..तो आप है...अरे आंटी इनका लंड खाने के लिए आप होटेल तक क्यो आई...इनका लंड तो आप घर मे ही ले लेती...आख़िर आपके प्यारे देवेर जी है ये तो....

( हाँ ये संजू के चाचा थे जो आंटी को चोद रहे थे..और कल रात भी यही अंकल के सामने आंटी को चोद कर गये थे...और यही है वो एल1 जिसने एल2 को अपायंट किया था...एल2 के बारे मे आगे पता चलेगा...और हाँ जिस लेडी के साथ ये उस रात बात कर रहे थे वो और कोई नही...मेरी रेणु दी ही थी....

आप सब थोड़ा कन्फ्यूज़ हो रहे थे तो कुछ राज़ पर से परदा हटा दिया...पर रेणु दी क्यों...???

रेणु दी को मैने ही इनके(संजू के चाचा) पास भेजा था...ये मेरे प्लान का हिस्सा था...इन पर मुझे शक कब और कैसे हुआ..ये आगे पता चलेगा... और रेणु दी इनके साथ किस तरह...क्या कह कर सेट हुई.....ये मुझे भी नही पता....अभी मुझे इस बात का अंदाज़ा भी नही कि रेणु दी इन सब के बॉस को जानती है या उनसे मिली है....)

( मेरे प्लान रेणु के ज़रिए संजू के चाचा को एक्सपोज़ करना था.....अब रेणु दी इस खेल मे किसके साथ और क्यो है....ये तो फ्यूचर मे ही सामने आएगा....)

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यहाँ होटल रूम मे आंटी अभी शरम से ..और पकड़े जाने से अपनी आँखे नीचे किए हुए बैठी थी और वो मर्द भी सुन्न पड़ा हुआ था और मैं उनकी इस हालत पर खुश हो रहा था....

और वहाँ संजू के घर...संजू अपनी माँ को चोदने का ख्याल लिए घर पहुचा और सीधा बाथरूम मे घुस कर मूठ मारने लगा....

संजू अपनी माँ के नाम की मूठ मारते हुए बार-2 माँ को याद करते हुए बड़बड़ा रहा था...और जैसे ही वो शांत होकर पीछे मुड़ा तो उसके सामने उसकी पूनम दी खड़ी थी...

थोड़ी देर तक दोनो भाई-बेहन मूरत बन कर खड़े रहे.....एक तरफ पूनम अपने भाई का लंड देख रही थी तो दूसरी तरफ सोनू डर रहा था कि पूनम ने उसके मुँह से माँ के बारे मे सुन लिया...पर साथ मे वो नाइटी मे खड़ी पूनम की बॉडी देख कर गरम भी हो रहा था....

थोड़ी देर बाद पूनम रूम से निकल गई....

संजू(मन मे)- ये क्या हो गया...दीदी ने मोम से कह दिया तो...मेरी ही मर जायगी...और चूत तो मिलेगी नही...मेरी गान्ड फट ज़रूर जायगी....ओह गॉड ये क्या हो गया....

दूसरे कमरे मे...

पूनम(मन मे)- अगर संजू मोम के नाम की मूठ मार सकता है तो मेरे नाम की भी मारता होगा...आख़िर मैं तो अभी जवान हूँ...और उसका लंड भी ठीक है...वा....वो भी मुझे घूर रहा था...मैं तो उसके लिए मोम को पटाने की सोच रही थी...पर अब तो मुझे भी उसका लंड चाहिए....बात करनी ही होगी....

दोनो भाई-बेहन एक दूसरे से बेख़बर अपने आप मे खोए हुए थे......
Reply
06-06-2017, 10:29 AM,
RE: चूतो का समुंदर
होटेल के रूम मे....मैं, आंटी और आंटी के प्यारे देवेर मौजूद थे...आंटी तो जब से पकड़ी गई तबसे ही रो रही थी...संजू के चाचा अपना मुँह मुझसे छिपाने के लिए दूसरी तरफ देखते हुए लेटे थे...और मैं दोनो की ऐसी हालत देख कर स्माइल कर रहा था....

लेकिन अभी भी संजू के चाचा का लंड आंटी की चूत मे पड़ा था..हलकी अब वो मुरझा गया था...और आंटी भी अपनी गान्ड पसार कर लंड चूत मे लिए हुए बैठी थी....

रूम मे सन्नाटा छा गया था....एक बार फिर मैने सन्नाटा तोड़ा....

मैं- आंटी...अब लंड खा चुकी हो तो बक्श दो उसे...पूउक्चह...

मेरे पुचकार्ते ही आंटी को अपनी हालत का अंदाज़ा हुआ और वो जल्दी से उठ कर साइड हुई और अपनी बॉडी को बेडशीट से ढक लिया....

आंटी के उठ ते ही संजू के चाचा ने अपने हाथो से अपना लंड छिपा लिया...

मैं- ओह हो...अब शर्म आ रही है...और जब उछल-उछल के लंड खा रही थी..तब ये शर्म कहाँ गई थी...क्यो आंटी....??

आंटी(अपनी आँखो से शर्म के आँसू बहाने लगी)

मैं- और अंकल आप...उठो और कपड़े पहनो...मुझे आपसे बात करनी है.....

जैसे ही मैने अंकल से इज़्ज़त से बात की तो वो हैरान हो कर मुझे देखने लगे....मैने उन्हे इशारे से जल्दी करने को कहा तो वो उठ कर जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगे.....

मैं- आंटी...आप रेस्ट कर लो...चुदाई से थक गई होगी ना...??

आंटी-(चुप-चाप नीचे नज़रे किए हुए बेडशीट को जाकड़ कर बैठी रही)

संजू के चाचा कपड़े पहन कर खड़े हो गये पर उनकी आँखो मे अभी भी डर था...शायद ये सोचकर कि पता नही मैं क्या करने वाला हूँ....

( आप संजू के चाचा के बारे मे ये तो जान ही चुके है कि यही वो एल1 थे...चलिए इनका नाम भी बता दूं...इनका नाम है विनोद..)

मैं- हाँ अंकल तो आप बोलना शुरू कीजिए...

विनोद- मैं...क्या...बेटा..???

मैं- वही जो मैं जानना चाहता हूँ...

मेरी बात सुनकर अंकल खामोश रहे और सवालिया नज़रों से मुझे और आंटी को देखने लगे....जैसे कि पूछ रहे हो कि मैं क्या बोलूं....

मैं- अब बोलो भी...

विनोद- मैं क्या बोलू बेटा....???

मैं- अबे इज़्ज़त से बात करो तो समझ नही आता क्या...ये बता साले कि यहाँ अपने भाई की बीवी को क्यो चोद रहा था भडवे...अब कुछ बात कानो मे गई कि नही...बोल अब....

मुझे गुस्से मे देख कर अंकल भी डर गये और आंटी की तो बिना लंड डाले ही गान्ड फट गई....

विनोद- वो..बेटा...वो हुआ यूँ कि...वो..

मैं- अबे भडवे..क्या वो- वो लगा रखा है...जल्दी बोल साले...

विनोद- बेटा मेरी ग़लती नही है..ये सब इसका किया धरा है...यही है सारे फ़साद की जड़...(आंटी की तरफ उंगली करके बोला)

मैं(आँखे नचाते हुए)- अच्छा...तो तू बेचारा इसके कहने मे आ गया...ऐसा क्यो....???

विनोद- हाँ बेटा..मैं सच बोल रहा हूँ..इसने ही मुझे फसाया...ये है ही साली रंडी....

मैने अंकल के रंडी बोलते ही उनके गाल पर थप्पड़ मार दिया...

मैं- चुप कर....अब ये रंडी हो गई...तो तू क्या हुआ...साले भडवे...

अंकल को थप्पड़ मारने से अंकल जहाँ शॉक्ड हो गये...वही आंटी मेरी तरफ आँखे फाड़ के देखने लगी...शायद उन्हे इस थप्पड़ की उम्मीद नही थी....

विनोद- मुझे मारने से क्या होगा...मारना है तो इसे मार...मैं तो इसी के कहने से सब कर रहा हूँ...

अंकल की बात सुनकर आंटी सकपका गई और उनके चेहरे का रंग उड़ गया...और आंटी का ये हाल देख कर मैं मन ही मन खुश हो गया...

अगले ही पल मैने अंकल को एक और थप्पड़ रसीद दिया....

मैं- चुप कर...एक शब्द नही...साले अपनी ग़लती छिपाने के लिए आंटी को बदनाम करता है...अब बिल्कुल चुप रहना....

मेरी बात सुनकर और दूसरा थप्पड़ खाने के बाद अंकल तो जैसे मूरत बन गये और गाल पर हाथ रख कर मुझे देखने लगे....यहाँ आंटी का भी यही हाल था और वो मुझे आँखे फाडे देख रही थी...मैने फिर से बोलना शुरू किया...

मैं- खबरदार जो अब मेरी आंटी के बारे मे ग़लत बोला तो...मैं उनके खिलाफ एक शब्द नही सुनना चाहता...

मेरी बात का असर आंटी पर क्या हुआ ये तो बताना मुस्किल था पर अंकल तो मुझे ऐसे देख रहे थे कि कह रहे हो की....साला पागल हो गया है...जो तेरी मारने के लिए प्लान कर रही है...उसी की तरफ़दारी कर रहा है....


मैं भी समझ रहा था कि अंकल की हालत क्या हो रही है...पर ये मेरे प्लान का एक हिस्सा था....

मैं- अंकल अब तू यहाँ से जा और रूम *** मे मेरा वेट कर...तुझे वही देखुगा...

विनोद- पर मेरी...

मैं(बात काट कर )- बोला ना जा..जा यहाँ से..दफ़ा हो...

और मैने अंकल को गेट खोलकर बाहर कर दिया और उन्हे दूसरे रूम मे रुकने का बोल कर गेट वापिस लॉक कर लिया....

जैसे ही मैं गेट लगा कर पलटा तो मुझे देखते ही आंटी फुट-फुट कर रोने लगी....उन्हे रोते हुए देख कर मैं मन ही मन हँसने लगा...

मैं(मन में)- कितनी बड़ी ड्रामेबाज़ है ये...अभी रंडी की तरह लंड खा रही थी और अब...और तो और मेरे पीठ पीछे मुझे ही बर्बाद करने का प्लान कर रही है और मुझ पर प्यार लुटाती रही....साली ड्रामेबाज़ रंडी....हाहाहा....

आंटी बराबर रोए जा रही थी और मुझे देखते हुए सोच रही थी कि अब मैं उनसे क्या कहूँगा...पर मैने भी तय कर लिया था कि आंटी को प्यार से हॅंडल करना होगा...इन्हे भनक भी नही लगनी चाहिए कि मैं इनके प्लान के बारे मे कुछ भी जानता हूँ....

मैं फिर आंटी के पास गया और जल्दी से बेड पर चढ़ गया...और मैने प्यार से आंटी के आँसू पोछते हुए कहा....

मैं- बस करो आंटी...अब नही...बिल्कुल मत रोना...

आंटी(सुबक्ते हुए)- बेटा ....मुझे ...म्माफ़फ्फ़....हुहुहू.....

और आंटी मेरे सीने से लग गई...

मैं- आंटी आपको संजू की कसम...चुप हो जाओ...फिर बात करेंगे...

संजू की कसम देते ही आंटी चुप हो गई और बोली...

आंटी- ओके..अब नही रोउंगी...पर प्लीज़ कह दे कि तूने मुझे माफ़ कर दिया...

मैं- ह्म्म..कर दूँगा पर एक शर्त है...

आंटी- हाँ बेटा बोल...मुझे सब मंजूर है...

मैं- तो मुझे ये बताइए कि ये सब क्यों हुआ और शुरुआत कहाँ से हुई...

आंटी- बेटा ये बात तब शुरू हुई थी जब मैं सेक्स के लिए तड़पति थी...उस टाइम संजू के पापा तो मुझे खुश नही कर पाते थे तो मैने अपनी फ्रेंड के कहने पर बाहर वालो से सेक्स किया....तभी एक दिन मुझे सेक्स करते हुए संजू के चाचा ने देख लिया...वो पता नही कहाँ से उस होट्ल मे आ गये थे ...और बस फिर क्या....उस दिन से मुझे उनको भी खुश करना पड़ा....
और हाँ...जबसे तू मुझे मिला तो मैने किसी को अपने पास भटकने नही दिया...लेकिन विनोद को मैं मना नही कर पाई...नही तो ये घर मे मुझे बदनाम कर देता....

आंटी ने बहुत ही बेबाकी से एक झूठी कहानी मुझे सुना दी..ताकि मुझे उनसे सहनभूति हो...पर मैं तो सब जान गया था...फिर भी मैं उनके सामने चुप ही रहा....

मैं- ओह्ह ..तो ये बात थी....इसमे आपकी ग़लती नही...आप अपने आपको ग़लत मत समझो और प्लीज़ रोना मत...

आंटी- बेटा तूने मुझे माफ़ कर दिया ना...

मैं- हाँ आंटी...मुझे आपसे कोई शिकायत नही...

आंटी(मन मे)- ओह...थॅंक गॉड...ये मेरी बात मान गया.....बच गई आज तो...अब बस विनोद अपना मुँह बंद रखे तो अच्छा होगा....


मैं(मन मे)- तू खुश हो रही होगी ना...कोई बात नही...अभी खुश हो जा...बाद मे तो तू खून के आँसू रोएगी....

आंटी- पर बेटा तुम यहाँ...कैसे...???

मैं- वो क्या हुआ आंटी कि मैं अपने फ्रेंड से मिलने होटल मे आया था...तभी मुझे आप दिख गई...और जब आप काफ़ी देर तक नही आई तो मैने पता किया कि आप किस रूम मे है...और मुझे कुछ शक हुआ जब मैने देखा कि रूम किसी मर्द के नाम है तो मैं आ गया...बस...

आंटी- पर बेटा ये बात किसी को पता ना चले...तेरे अंकल को शक भी हो गया तो वो मर जायगे....

मैं(मन मे) - साली ..जब कल रात को अपने पति के सामने अपने देवेर से चुद रही थी तब तो वो मरा नही...अब मर जाएगा...रंडी साली..
Reply
06-06-2017, 10:29 AM,
RE: चूतो का समुंदर
( मैने चुदाई के वीडियो मे ये बात सुन ली थी जो इस रूम मे लगे सीक्रेट कमरे से शूट हो चुका था....यहाँ कमरा मैने ही लगवाया था क्योकि रेणु ने मुझे पहले ही बता दिया था कि विनोद इसी रूम मे आने वाला है...)

आंटी- बेटा...बेटा...कहाँ खो गया...

मैं- ह्म्म..कही नही...बोलिए..

आंटी- बेटा ये बात...

मैं(बात काट कर)- हमारे बीच मे ही रहेगी...डोंट वरी....

आंटी- थॅंक यू बेटा...

मैं- ह्म्म..पर सज़ा तो आपको मिल के रहेगी आंटी...

आंटी(चौंकते हुए)- सज़ा...कैसी सज़ा बेटा...??

मैं- आपने मुझे ये बात पहले क्यो नही बताई...

आंटी- कैसे कहती बेटा...तू मुझे ग़लत समझता ..

मैं- तभी..सज़ा तो मिल कर रहेगी...मेरे अलावा किसी दूसरे से चुदाई करने के लिए...

आंटी- ह्म्म..तो ठीक है...दे दे सज़ा...मैं इसी लायक हूँ...

मैं- सज़ा तो सुन लो..

आंटी- जो तू कहे...मुझे मंजूर होगा...

मैं- ह्म्म...तो आज और अभी मैं आपको रंडी की तरह चोदुन्गा...ओके

आंटी(खुश होकर) - अच्छा...मजूर...

मैं- ह्म्म...पर आज आंटी नही...रंडी चुदेगि....समझी...

आंटी- मैं तो तेरी रंडी ही हूँ...जैसा चाहे...वैसा चोद ले...

मैं - ह्म्म...तो अभी लो...

मैं बेड पर खड़ा हुआ और जल्दी से कपड़े निकाल के नंगा हो गया...आंटी ने भी अपने उपेर की बेडशीट हटा दी और पूरी नंगी मेरे सामने आ गई....

मैं जल्दी से आंटी के सामने खड़ा हो गया...और आंटी के बाल पकड़ के लंड को उनके मुँह मे डाल दिया....

आंटी के मुँह मे जाते ही मेरा लंड कड़क होना शुरू हो गया....

आंटी- सस्स्रररूउउगगगगग.....सस्स्स्रररूउउग़गग....सस्स्रररूउउगग़गग....

मैं- खा जा रंडी....पूरा खा ले....और ले...

आंटी- सस्स्रररूउउगग़गग...उउंम्म...सस्सुऊउग़गग....

थोड़ी देर मे ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मैने आंटी के दोनो साइड पैर डाल कर उनके सिर को पकड़ा और तेज़ी से उनके मुँह को चोदने लगा....





आंटी- सस्ररूउगगगगगग...सस्स्रररूउग़गग....क्क्हूम्म...क्क्हुउऊंम्म....

मैं- ले साली रंडी...गले मे ले...यह...

औनटु- क्क्हुउऊंम..क्क्हुउऊंम्म..क्क्हुऊंम्म...

मैं- और ले गला भर ले....फाड़ दूँगा गला....यस...ये ले...

मैं आंटी के मुँह को बेदर्दी से चोद रहा था और आंटी के मुँह से शब्द भी नही निकल पा रहे थे....उनके मुँह से सिर्फ़ लार बाहर आने लगी और वो साँस भी नही ले पा रही थी...पर मेरे अंदर जो उनके लिए गुस्सा था वो मैं चुदाई करके निकालने वाला था...

मैं- और ले रंडी...आज तेरा गला चोद-चोद के फाड़ डुगा....ये ले...ये ले...

आंटी- ख्हुउऊंम...क्क्हुउऊंम्म..क्क्हुऊंम्म..क्क्हुउंम...

करीब 10 मिनट आंटी का दमदार तरीके से मुँह चोदने के बाद मैने उनका सिर छोड़ दिया और आंटी लंड मुँह से निकाल कर लेट गई और हान्फते हुए साँसे लेने लगी....

मैं- थक गई रंडी...अभी तो शुरुआत है...आज तो तू गई....हाहाहा...

आंटी- आहह..आहह...ऐसे तो मार...आअहह..डालोगे.....

मैं- तुझे कैसे मार दूं...तुझे तडपा- तडपा के मारूगा...समझी रंडी...

आंटी- आअहह...आहह...ह्म्म्मम....तो मार डालो...जैसे चाहो....

मैने आंटी को बाल पकड़ कर उठाया और कुतिया बना दिया....और उनकी गान्ड पर 3-4 थप्पड़ मार दिए...

आंटी- आहह....आओउक्च्छ...आअहह...

मैं- चल कुतिया...अपनी गान्ड दिखा...तेरी गान्ड फाड़ता हूँ...

जैसे ही आंटी आगे झुकी तो उनकी गान्ड उठ कर सामने आ गई और मैने लंड सेट कर के एक ही झटके मे पूरा लंड आंटी की गान्ड मे डाल दिया और धक्के मारने लगा.

आंटी- उउउइ...माआ....मार डाला...आअहह...

मैं- चुप कर रंडी....अब देख कैसे फाड़ता हूँ.....

आंटी- आअहह .....धीरे करो ना...

मैं- चुप साली...रंडी (और मैं आंटी की गांद को थप्पड़ मार कर लाल करने लगा)

मैं फुल स्पीड मे आंटी की गान्ड पर थप्पड़ मारते हुए उनकी गान्ड फाड़ने लगा.......

आंटी- हाय...मार डाला....आअराम से मार...आअहह...

मैं- और चीख रंडी....यही तेरी सज़ा है.. 

मैने एक हाथ से आंटी के बाल पकड़े और दूसरे हाथ से उनकी गान्ड पर थप्पड़ जड़ना चालू किया और फुल स्पीड मे उनकी गांद मारने लगा....

********-----------***********------------********-------------**************



यहाँ आंटी की गान्ड ठुकाई स्टार्ट हुई तो वहाँ कामिनी के घर कमाल और कामिनी की दमदार चुदाई ख़त्म हो रही थी....

कामिनी- आहह...भाई...ओह्ह..कँम्मींगग...

कमाल- यस...येस्स..येस्स..कम बेबी कम...

कामिनी तो झड गई पर कमाल ने चुदाई चालू रखी...थोड़ी देर बाद वो भी झड़ने लगा... 

कमाल- ओह...मैं आया....यह...यीहह...आअहह..

कमाल के झड़ते ही दमदार चुदाई ख़त्म हुई....

फिर दोनो भाई-बेहन साथ मे नहा कर रूम मे आए और बेड पर कामिनी कमाल की बाहों मे लेट कर बात करने लगी...

कामिनी- खुश हो भाई ???

कमाल- बहुत खुश...मज़ा आ गया...

कामिनी- ह्म्म...पर असली मज़ा तो तब आएगा...जब हमारा मक़सद पूरा होगा...

कमाल- होगा मेरी जान ज़रूर होगा...टाइम तो आने दो...

कामिनी- हाँ भाई...कितना वेट किया है इसके लिए...है ना...

कमाल- हां और मुझे तो दुनिया से छिपना पड़ा...अपने भाई-बेहन के साथ नौकर की तरह रहना पड़ा...बस अब वेट नही होता....मैं भी चाहता हूँ कि मैं अपने परिवार के साथ खुशी से रहूं...

कामिनी- जानती हूँ भाई...पर थोड़ा और ऐसे ही जी लो....आने वाला वक़्त हमारा ही होगा....

कमाल- सही कहा...हम एक-एक जखम का हिसाब लेगे जो उन्होने हमे दिए है...

कामिनी- ज़रूर भाई...पर याद रहे कि दुनिया को वो दिखाओ जो वो पसंद करे...और करो वो जो हम चाहते है...

कमाल- ह्म्म..ठीक कहा...

कामिनी- अब तुम निकलो....बच्चे आने वाले होंगे...

कमाल-ओके...चलता हूँ...

इसके बाद कमाल कपड़े पहन कर निकल गया और कामिनी भी नाइटी मे आ गई....

कामिनी ने कॉफी मग़वाई और फिर कॉफी पीते हुए आज रात को उस अननोन से होने वाली मीटिंग के बारे मे सोचने लगी........
Reply
06-06-2017, 10:29 AM,
RE: चूतो का समुंदर
काफ़ी कुछ सोचने के बाद उसने कुछ प्लान किया और मन ही मन तय किया कि अब वो जाने के लिए तैयार है....जो होगा वो देखा जाएगा......

यहाँ मैं आंटी की गान्ड फाडे जा रहा था....आज से पहले मैने आंटी की इतनी वाइल्ड चुदाई नही की थी...लेकिन आज की चुदाई मे मेरा आंटी के लिए गुस्सा, लंड से निकल कर उनकी गान्ड मे बरस रहा था...

आज की गान्ड ठुकाई से आंटी की आँखो से आँसू बहने लगे और वो दर्द से चीख रही थी...इस दौरान आंटी 2 बार झाड़ चुकी थी...पर मैं अभी भी उनकी गान्ड को थप्पड़ो से लाल करते हुए उनकी गान्ड का भुर्ता बना रहा था....


आंटी- आ..आ..एयेए..आ...ईयी...म्मा...आअहह..

मैं- ले साली..और ले...और चिल्ला...यही तेरी सज़ा है....

आंटी- आ..आ..माअफ्फ ..कर दो...आहह..अहज..

मैं- चुप रंडी...ये ले...

मैं थोड़ी देर बाद झड़ने के करीब पहुच गया और मैने आंटी की गान्ड से लंड निकाला और उन्हे पलटा के फिर से लंड उनके मुँह मे डाल दिया और तेज़ी से आंटी का मुँह चोदने लगा.....



आंटी- उउंम... क्क्हुउऊंम्म..क्क्हुऊंम..क्क्हुऊंम..

मैं- ले साली...पूरा ले ...ईससस्स...

और मैं थोड़ी देर बाद झड़ने लगा...मैने आंटी का मुँह लंड पर दबा दिया....और अपने लंड रस से आंटी के मुँह को भर दिया....

आंटी के गले से होते हुए मेरा लंड रस उनके पेट मे जाने लगा और जैसे ही मैने लंड बाहर निकाला तो बाकी का रस उनके सीने पर गिर गया....

आंटी- खों...खों..खूंन्..मार डाला रे...

मैं- अब तुझे हमेशा ऐसे ही चोदुगा...यही तेरी सज़ा है...

आंटी- माफ़ कर दे बेटा...प्ल्ज़्ज़..

मैं- माफी नाम का वर्ड मेरी डिक्षनरी मे नही है मेरी रंडी....

आंटी- ठीक है...जैसा तू चाहे ..वैसा करना...मैने ग़लती की तो सज़ा भी झेलूगी......

मैं- ह्म्म..अब जा कर नहा ले...मैं अभी आता हूँ...तू यही वेट करना...

आंटी- ह्म्म...कहाँ जा रहा है...???

मैं- काम है कुछ...और तू आज से रंडी की तरह रह...रंडिया सवाल नही करती....

और फिर मे कपड़े पहन कर रूम से निकल गया....

मैं रूम से निकल कर सीधा उस रूम मे पहुचा जहाँ विनोद अंकल चेयर पर बैठे हुए बैठे थे और एक आदमी उन पर नज़र रखे हुए था .....मैने ही उनके हाथ पैर बाँधने को बोला था...ताकि उन्हे पता चले कि मैं भी लोगो से टाइम आने पर काम करवा सकता हूँ...और फिर आराम से उनको डरा कर बात कर सकता हूँ....

जैसे ही मैं दूसरे रूम मे गया तो मेरा आदमी बाहर निकल गया और रूम मे रह गये सिर्फ़ मैं और विनोद अंकल....

मैने रूम का गेट लगाया और बोला....

मैं- हाँ तो अंकल...अब कुछ काम की बात हो जाए...

अंकल(डरे हुए)- क्या बात बेटा...किस काम की...???

मैं- ये तो हम दोनो ही जानते है कि इस समय मैं किस काम के बारे मे बात कर रहा हूँ....

अंकल- मैं समझा नही बेटा...मैं तो बस भाभी की चुदाई करता हूँ...वो भी उनके कहने पर...

मैं- अच्छा ..और अपनी बीवी के सामने कमजोर पड़ जाता है...उसकी चूत मे काँटे लगे है क्या ... .??

अंकल- ये तुम्हे कैसे पता....किसने कहा तुमसे...???

मैं- ये छोड़...मुझे तो बहुत कुछ पता है...पर अभी मेरी बात का जवाब दे ..

अंकल- वो...वो तो रजनी ने मना किया था...

मैं- आहह..और तू मान गया....ऐसी कौन सी मजबूरी थी...जिससे रजनी की गुलामी करने लगे...

अंकल- वो बेटा...उसे कुछ ऐसा पता है कि अगर उसने मेरी फॅमिली को बता दिया तो...वो मुझे छोड़ देगे....

मैं- ह्म्म...मैं वो मजबूरी जानना चाहूगा...और उस प्लान के बारे मे भी...जिसमे तुम्हारे साथ दीपा,कामिनी और रजनी भी है...और हाँ अब तो तूने नया मोहरा भी फिट कर लिया...हाहाहा...

विनोद के तो ये सब सुनकर पसीने छूट गए..पर उसे समझ मे आ गया कि ज़रूर रेणु ने मुझे ये सब बताया है....रेणु ही धोखेबाज है...

मैं- क्या हुआ मिस्टर.खिलाड़ी....होश उड़ गये क्या....हाँ

विनोद- तुम्हे ये सब रेणु ने बताया है ना...??

मैं- हमम्म...थोड़ा सा...वैसे ये सोचना छोड़ कि मुझे किस ने बताया...अभी ये सोच कि अब तुम्हारे साथ क्या होने वाला है...

विनोद(घबराते हुए)- क्क़..क्या होने वाला है...त्त...तुम क्या करने वाले हो...???

मैं- ह्म्म..कुछ तो करूगा...कुछ बड़ा सा...कुछ खास...पर ...

विनोद- प्प्प..पर क्या...??

मैं- पर...पहले ये तो जान लूँ कि तूने ये प्लान क्यो बनाया...क्या चाहता है है तू....क्या दुश्मनी है तेरी मुझसे...और तुम्हारे साथियों के बारे मे भी...हाँ....समझा कि नही...???


विनोद- म्म्मा..ऐसा कुछ नही है...मैं तो बस इन सब पर नज़र रख रहा था...बस सिर्फ़ नज़र...और इस सब मे मुझे रजनी ले कर आई....

मैं- ना बेटा ना...मज़ाक नही....दादी मज़ाक के मूड मे नही है...(और मैने विनोद की कॉलर पकड़ कर गुस्से से कहा)- साले मैं सराफ़त दिखा रहा हूँ तो तुझे नखरे सूझ रहे है...अब चुप-चाप से तोते की तरह पढ़ना शुरू कर...वरना...

विनोद- सच मे...मैं तो बस नज़र रख रहा था...रजनी के कहने पर...

मैं- चुप साले...अब तो हद हो गई...रुक 1 मिनट...एक फिल्म दिखाता हूँ...तब शायद तेरा मुँह खुल जाएगा....

मैने मोबाइल निकाल कर वीडियो प्ले किया और चेयर पर बैठे हुए विनोद के साइड मे पैर रखा और मोबाइल उसके सामने कर दिया....

मोबाइल मे चल रहा वीडियो देख कर विनोद चौंक गया...और जैसे-2 वीडियो आगे बढ़ा ,वैसे-2 विनोद के चेहरे का रंग उड़ने लगा और थोड़ी ही देर मे उसकी आँखो से आँसू निकलने लगे....

विडोद- नही...ये नही हो सकता...बंद करो इसे प्लीज़...

जैसे ही विनोद ने रोते हुए आँखे बंद की तो मैने वीडियो बंद किया और उसके सामने खड़ा हो गया....

मैं- अब रोना छोड़ और बोलना शुरू कर..नही तो.....

विनोद(रोते हुए)- तुम जो चाहो...मैं वो करूगा...प्लीज़ इस वीडियो को किसी को मत दिखाना...पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़...

मैं- ये मेरे पास ही रहेगा...डोंट वरी....अब तुम बोलो...ये सब चक्कर क्या है....

विनोद- बताता हूँ सब बताता हूँ....

और विनोद ने बोलना शुरू कर दिया.....
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