Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-06-2017, 11:29 AM,
RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर बाद जब रागिनी नॉर्मल हुई तो उसने अपनी गान्ड हिलाना शुरू कर दिया....

रागिनी- आहह..अब ठीक है भाई...शुरू हो जाओ...

आकाश ने रागिनी का पैर उठाया और धक्के मारना शुरू कर दिया....

रागिनी- आअहह...आहह..आहह...उउंम..करते रहो भाई..आहह..

आकाश- कैसा लग रहा दीदी ...असली लंड खा कर..हाअ.. 

रागिनी-उूउउम्म्म्ममम…..पहली बार…..इतना..आहह…मज़ा……आअहह……

आकाश- हाँ दीदी...मज़े लो...यस...यस...यस...

रागिनी- आहह…मज़ा…एयेए…गग्गेययय्या…आहह…..आहह..आह...

आकाश अब फुल स्पीड से रागिनी को चोदने लगा और रागिनी गांद उठा -उठा कर आकाश का लंड खा कर मज़े लेने लगी....

आकाश- यस...एस्स...येस्स..वह दीदी...मस्त चूत है...एकदम टाइट ...आहह...

रागिनी-तो मज़े लो...आहह...ज़ोर से भाई...और तेजज ..आअहह..


आकाश 10 मिनट रागिनी को पूरी तेज़ी से चोदता रह….और चुदाई की मस्ती मे रागिनी झड़ने लगी…

रागिनी-आहह...म्मायन्न्न...आइी...ऊहह...भाई...ईसस्स...एस्स..आहह...आऐईयईई...

ओर रागिनी झड़ने लगी ओर चुदाई की आवाज़े बदलने लगी

आअहह…आह..यईीसस…..उउंम…फ़फफुऊूउक्च..फ्फक्च…फ्फूककच्छ……ईएहह..ईएहह..आअहह..ऊहह…आहह..आह
….फ्फक्च्छ..फ़्फुूककच्छ..आहह..अहहह….आअहह

ऐसी आवाज़ो के साथ रागिनी झड गई...उसके झाड़ते ही आकाश ने लंड निकाल लिया और खड़ा हो कर रागिनी की चूत देखने लगा ....

रागिनी- आहह..भाई...क्या हुआ...??

आकाश- आज तुम्हारी चूत का उद्घाटन हो गया...

रागिनी- ह्म्म..पर रात अभी बाकी है भाई...

आकाश- जानता हूँ...चलो अब पलट जाओ...तुम्हे कुतिया बना कर चोदता हूँ....

रागिनी तुरंत पलट कर सोफे पर कुतिया बन गई...और आकाश ने पीछे से लंड को अंदर डाला और कमर पकड़ कर चुदाई शुरू कर दी...

रागिनी- आहह..भाई...बहुत एक्सपर्ट हो चोदने मे...आअहह

आकाश- हाँ दीदी..अब बस देखते जाओ...तुम्हे कैसे- कैसे चोदता हूँ...ये लो....यीहह

रागिनी- आअहह...आराम से भाई...ओह्ह...ऊहह..आहह

आकाश-एसस्स…ये.लो…ईएह..ईएह....

रागिनी-आहह..अहहह..अहहह….ईीस...और टटेज….आअहह..और तेजज....

आकाश-ईीस्स..बेबी….यीह….यस..बेबी...यस...

रागिनी-ज़ूओरर…सससी…आहहह…आऐईइईसीए…हहिी…आहहह….ज़्ज़ूऊररर…ससी..

रागिनी पूरी मस्ती मे आवाज़ करती हुई अपनी गान्ड पीछे कर- कर के आकाश का लंड ले रही थी.....और आकाश भी फुल मस्ती मे रागिनी की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था....

आकाश- दीदी...लंड की सवारी करोगी...

रागिनी- आअहह...यस भाई...यस...कराओ ना...

आकाश जल्दी से सोफे पर लेट गया और रागिनी को उपेर आने का बोला...

रागिनी अपनी चूत मे लंड भरते हुए आकाश के उपेर बैठ गई और आकाश ने रागिनी की गान्ड पकड़ के उसे उछालना शुरू कर दिया...
आकाश- मज़ा आया ना दीदी...हाँ

रागिनी- उउंम..हाँ भाई...बहुत...आहह..आहह..आहह..आअहह..

आकाश- जंप दीदी जंप...यह..

रागिनी- ओह यस..ओह येस्स..येस्स..एस्स..एस्स...

आकाश- आहह...गान्ड तो बड़ी मस्त है...मारनी पड़ेगी..

रागिनी- आअहह...मार लेना...ओह्ह..एस्स..एस्स..एस्स..आअहह...आहह...

आकाश- यीहह..दीदी...जंप...तेजज..तेजज..और तेजज..यहह...

रागिनी- यस भाई...यस...ओह...एस..एस्स. आहह......

करीब 5 मिनट बाद रागिनी फिर से झड़ने लगी और चुदाई की आवाज़े रूम मे गूंजने लगी....

आह..आ..त्ततप्प्प..त्ततप्प..त्तप्प..आहह..ईएसस..ऊहह..ज्जूओर्र…ससी..…आअहह…त्तप्प…त्तप्प…ऊहह…यईीसस…अहहह..मैं गािईई...आआहह...

रागिनी के झड़ने के साथ ही आकाश भी झड़ने के करीब आ गया...

आकाश ने रागिनी को सोफे पर लिटाया और उसके उपेर लंड रस की पिचकारी मार दी...

पूरा झड़ने के बाद आकाश रागिनी के सिर की तरफ बैठ गया....

तभी रूम का गेट खुलने की आवाज़ आई ...और साथ मे एक आवाज़ और आई...

"साली... कमीनी...क्या हो रहा है ये सब....तुझसे ऐसी उम्मीद नही थी...."
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06-06-2017, 11:29 AM,
RE: चूतो का समुंदर
ये आवाज़ सूमी की थी...जो गेट पर गुस्से मे खड़ी थी...

सूमी को देखकर रागिनी तो वैसे ही पड़ी रही...पर आकाश थोड़ा सहम गया और अपना लंड छिपा लिया....

सूमी इस समय सिर्फ़ एक नाइटी मे थी जो उसकी जाँघो तक थी....

सूमी गुस्से मे अंदर आई और रागिनी के दोनो तरफ पैर रख कर उपेर बैठ गई...और उसके कंधे पकड़ कर बोली...




सूमी- क्या है ये सब ...हाँ..

रागिनी- आहह...तू गुस्सा क्यो हो रही है...आराम से...

सूमी- आराम गया भाड़ मे...

रागिनी- ओके...गुस्सा छोड़ ...ये बता कि तू जाग रही थी क्या...

सूमी-हा...मैं जाग भी रही थी और तेरी चुदाई भी देख रही थी.....

रागिनी- ह्म्म ..तब तो तेरी चूत ने पानी छोड़ दिया होगा...हाँ..

सूमी- हाँ यार...बहुत...मसल-मसल कर लाल पड़ गई...

और दोनो हँसने लगी...पर आकाश उनकी बात सुनकर थोड़ा कन्फ्यूज़ हो गया था. .....

तभी सूमी ने झुक कर रागिनी को किस करना शुरू कर दिया...और ये देख कर आकाश समझ गया कि ये दोनो की प्लॅनिंग थी...




सूमी- उउंम..उउंम..उउंम.....आअहह...

रागिनी- उउंम..उउंम्म...उउउम्म्मह...

सूमी- तो आख़िर तूने असली लंड खा ही लिया...

रागिनी(मुस्कुरा कर)- हाँ...वो भी तगड़ा वाला...

सूमी- ओह...तब तो तेरे मज़े हो गये..ह्म्म

रागिनी- हाँ मेरी जान...बहुत मज़ा आया...

सूमी- कमीनी...(और सूमी फिर से रागिनी को किस करने लगी)


रागिनी ने भी सूमी को बाहों मे ले कर किस करना शुरू कर दिया....और सूमी की गान्ड पर हाथ फिराने लगी....

रागिनी के हाथो से सूमी की नाइटी कमर पर आ गई और उसकी पैंटी मे कसी गान्ड आकाश की नज़रों मे आ गई....

रागिनी और सूमी एक-दूसरे के होंठ चूस रही थी और उनकी आवाज़े सुनकर और सूमी की गान्ड देख कर आकाश गरम होने लगा और अपना लंड हिलाने लगा....




थोड़ी देर बाद सूमी की नज़र आकाश पर पड़ी....

सूमी- अरे आप क्यो मेहनत कर रहे है...हम कब काम आएँगे...लाइए ..मैं हिला देती हूँ...

रागिनी- हाँ साली...तू तो पक्की रंडी है...(आकाश से) भाई ..पकड़ा दो इसे..

सूमी ने आकाश का लंड पकड़ा और हिलाना शुरू कर दिया...




सूमी- अच्छा...लंड तूने खाया और रंडी मैं ...साली कुतिया...

रागिनी- तो अब तू भी खा ले...भाई का मस्त है ना...

सूमी(लंड हिलाते हुए)- हाँ मेरी जान...मस्त है...मज़ा आएगा...

रागिनी(सूमी के बूब्स मसल्ते हुए)- तो फिर जल्दी से खड़ा कर दे...दोनो मिल कर खाएँगे...

सूमी- आअहह...रंडी आराम से...और हाँ..अब तो ये रात भर हमारा है...छक कर खाएँगे....

रागिनी- तो जल्दी कर ना....हाथ छोड़..मुँह का इस्तेमाल कर...जल्दी खड़ा होगा...

सूमी थोड़ा आगे हुई और उसका मुँह आकाश के लंड के उपेर आ गया और उसके बूब्स रागिनी के मुँह पर आ गये....

अब सूमी ने आकाश का लंड मुँह मे भर लिया और रागिनी ने सूमी के बूब्स बाहर निकाल कर चूसना शुरू कर दिया....




सूमी- उूुुुउउम्म्म्ममम....आअहह...उउंम..उउंम्म..उउउंम्म..उउम्म्म्मम....

आकाश- ओह्ह...तू सच मे रंडी है...क्या चूस्ति है....

रागिनी- सस्ररुउप्प्प....सस्स्ररुउउप्प्प..सस्स्रररुउउप्प्प्प....

सूमी- उम्म्म..उउंम..उउंम..उउंम्म....

आकाश- ज़ोर से ...आहह....पूरा चूस ना...

रागिनी- सस्स्रररुउउप्प्प....सस्रररुउउप्प्प.....सस्स्रररुउउउप्प्प्प्प......

सूमी ने आकाश का लंड चूस-चूस कर खड़ा कर दिया और रागिनी ने सूमी के बूब्स को चाट-चाट कर लाल कर दिया....

रागिनी- आअहह...अब अकेली ही चूस्टी रहेगी...मुझे भी दे ना....

सूमी- उउंम..उउंम..उउंम..

रागिनी- अरे बस कर रंडी...मुझे दे...तू तो खाती रहती है...मुझे तो पहली बार मिला ..

सूमी- उउंम..आआहह...हा साली...चूस ले...

और सूमी आकाश का लंड छोड़ देती है और रागिनी अपना मुँह खोल देती है...

आकाश ने झुक कर अपना लंड रागिनी के मुँह मे भर दिया और वहाँ सूमी भी नीचे आ कर रागिनी की चूत चाटने लगी....
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06-06-2017, 11:29 AM,
RE: चूतो का समुंदर
रागिनी- उउंम...उउउंम...उउउम्म्म्ममममम....उउंम..उउंम...

सूमी- चूत खुल गई तेरी हा...सस्ररुउउप्प्प....सस्स्ररुउउप्प्प...

आकाश- क्या बात है...दोनो की दोनो मस्त हो...मज़ा आ गया...चूसो दीदी...ज़ोर से...

रागिनी- उउंम..उउंम्म...उउंम्म..उउंम्म..उउउंम्म....

सूमी- सस्स्ररुउउप्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प....सस्रररुउउप्प...सस्स्र्र्ररुउउउप्प्प्प.....

आकाश- ओह दीदी...तुम भी रंडी बन गई..आहह...ज़ोर से....ज़ोर से दीदी...आअहह

रागिनी- उम्म...उउंम्म...उउउंम्म..उउंम्म...

सूमी- आहह...अब मेरी चूत की तड़प भी मिटा दो...

रागिनी- उउंम..आअहह...आ हाँ मेरी जान ...तेरी चूत की प्यास मिटा दूं...

रागिनी ने सूमी को 69 पोज़िशन मे आने को कहा और दोनो एक- दूसरे की चूत चाटने लगी....

आकाश भी सूमी की गान्ड को चाटने लगा और पूरे रूम ने चुसाइ और चाटाई की आवाज़े भर गई...

आकाश को सूमी की गान्ड देख कर सब्र नही हुआ और उसने रागिनी का मुँह हटा कर अपना लंड सूमी की चूत पर भिड़ा दिया....

सूमी ने जल्दी से अपनी नाइटी निकाल फेकि और गान्ड छोड़ी करके लंड खाने को रेडी हो गई....

आकाश ने 2 धक्को मे पूरा लंड सूमी की चूत मे डाल दिया...

सूमी तो पहले भी चुद चुकी थी...इसलिए उसे ज़्यादा दर्द नही हुया...

रागिनी- भाई...इस रंडी की फाड़ के रख देना...

सूमी- हाँ भाई...फाड़ ही दो...कब्से गरम हुई बैठी हूँ...अब जल्दी से चोद दो...

आकाश- ह्म....

और आकाश ने सूमी की कमर पकड़ कर चुदाई शुरू कर दी....

आकाश की बॉल्स रागिनी के मुँह पर टकराने लगे और रागिनी ने आकाश की बॉल्स को चूसना शुरू कर दिया....




रागिनी- उउंम..सस्ररूउप...सस्ररुउपप...उउंम...

सूमी- आहह...आहह....ज़ोर से भाई...ज़ोर से...आअहह..आहह...

आकाश- तेरी चूत भी खुली है....कितनो का खाया....

रागिनी- सस्ररुउउप....आहह...भाई..ये तो रंडी है सच मे....

सूमी- चुप कर..आऐईयइ...भाई...एक ही खाया...आअहह....

आकाश- तो अब दूसरा भी खा..ये ले...यह...यहह...

रागिनी- सस्ररुउउउप्प्प्प्प....सस्ररुउपप...सस्ररुउप्प्प...

सूमी- आहह..आहह...ज़ोर से....आहह...और तेज...और तेजज्ज़....आहह...

आकाश- यस बेबी....ये ले...येस्स..येस्स..एस्स...



सूमी पूरी मस्ती मे अपनी गान्ड धकेल कर लंड खा रही थी और आकाश भी फुल फोर्स मे सूमी को चोद रहा था...और रागिनी भी पूरे जोश मे आकाश के हिलते हुए बॉल्स को चूस रही थी....

पूरे रूम मे चुसाइ और चुदाई की आवाज़े आ रही थी...और इन आवाज़ो के साथ ही सूमी झड़ने लगी...

सूमी- आहह...आहह..आहह..भाई..मैं..ओह्ह..भाई....मैं...गाऐयईई.....आआअहह

सूमी झड़ने लगी और उसका चूत रस आकाश के लंड से होते हुए रागिनी के मुँह मे आने लगा और रागिनी चूत रस पीने लगी....

सूमी- आहह..आहह..भाई..बस भाई...ओह्ह्ह..माआ...आहह...

थोड़ी देर बाद आकाश ने अपना लंड सूमी की चूत से निकाल लिया और सोफे पर टिक कर बैठ गया....

सूमी भी रागिनी के उपेर से उठ कर उसके साइड मे बैठ गई...और सूमी भी चूत रस का स्वाद ले कर लेती रही.....

फिर सूमी उठी और अपनी पैंटी निकाल कर सोफे के नीचे आई और बैठ कर आकाश का लंड चूसने लगी....

सूमी- उउंम..उउंम...सस्ररुउप्प्प..सस्ररुउपप...उउम्म्म्मम..उउंम्म...

रागिनी- अरे रंडी...छोड़ उसे...मेरी बारी है...मेरी चूत जल रही है...

सूमी(लंड निकाल कर)- चुप...मुझे रस पीना है...उउंम्म...उउउंम्म...उउउंम्म...

रागिनी- देखो ना भाई...मेरी चूत मे आग लगी हुई है....

आकाश- आ जाओ दीदी...आपकी आग बुझाता हूँ...मेरे मुँह पर चूत लाओ...

रागिनी जल्दी से टाँगे फैला कर आकाश के मुँह पर अपनी चूत रख दी....

अब आकाश मज़े से रागिनी की चूत चूसने लगा और सूमी जोरों से आकाश का लंड चूसने लगी....




आकाश- सस्रररुउउप्प...उउंम्म ..उउउंम..उउउंम..

सूमी- उउंम..उउंम..उउंम्म..उउउंम..उउंम..उउंम्म..

रागिनी- ओह्ह भाई...ज़ोर से...आअहह...अईयए हाई भाई...ओह्ह्ह...

आकाश- उउंम...उउंम..आहह..सस्ररुउपप...सस्ररुउप्प्प....

सूमी- उउंम..उउंम..उउंम..उउंम..

रागिनी- ओह्ह भाई..ज़ोर से...बस हो गया...आहह..ज़ोर से...ज़ोर सीईए....


थोड़ी देर की चूत चुसाइ के बाद रागिनी झड़ने लगी और आकाश चूत रस पीने लगा और खुद अपना लंड रस सूमी के मुँह मे चोदने लगा....

रागिनी- आहह..आहह..ओह्ह....भाई...पी जाओ...आअहह...

आकाश- उउंम..उउंम..सस्ररुउउप्प्प...आहह..
सूमी- उम्म...उउउम्म्म्मम..आहह..सस्रररुउप्प्प...सस्ररुउप्प्प्प....उम्म..उम्म..

अक्ष ने चूत रस पी लिया और सूमी ने लंड रस...और फिर तीनो साथ मे बैठ कर रेस्ट करने लगे.....

सूमी- सच मे भाई...मस्त लंड है आपका....

रागिनी- चुप कर...नज़र मत लगा...अब तो ये मेरा है...

सूमी- तू चुप कर...अब तो ये मेरा है ..मैं इसको बहुत प्यार करूँगी...

रागिनी- ऐसे कैसे...ये सिर्फ़ मेरा है...

सूमी- मैं भी देखती...

आकाश(बीच मे)- बस..बस..ये आज की रात दोनो का है ओके...

रागिनी- ह्म्म..ठीक है..

सूमी- ओके...तो फिर शुरू करे...

आकाश- नही...पहले फ्रेश हो अओ...फिर करते है...ओके

फिर तीनो फ्रेश हुए और दोनो लड़कियाँ आकाश के दोनो साइड बैठ कर उसके लंड और बॉल्स को सहला कर उसको गरम करने लगी.....

थोड़ी देर बाद आकाश का लंड फिर से खड़ा हो गया...और सूमी ने झुक कर लंड को मुँह मे भर लिया...
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06-06-2017, 11:29 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आकाश भी सूमी की गान्ड दबा कर मज़े लेने लगा...और रागिनी ने नीचे बैठ कर आकाश की बॉल्स को चूसना शुरू कर दिया....




दोनो ने चूस- चूस कर आकाश के लंड को चुदाई के लिए रेडी कर दिया.....

रागिनी- उउंम..उउउंम्म...उउउंम्म...उउंम..

सूमी- उउंम..उउंम..उउंम्म..उउउंम..उउउंम....

आकाश- ओह्ह...एस....एस....अब रूको..आहह..बस करो...आहह

अक्ष ने दोनो को रोका और सूमी को अपनी गोद मे खीच लिया...

रागिनी- ये क्या भाई...अब मेरी बारी है...

आकाश- अरे दीदी...मैं दोनो को चोदुन्गा...ओके..

आकाश ने सूमी की चूत मे लंड डाला और लेट कर रागिनी को अपने मुँह पर बैठा लिया...

सूमी उछल कर आकाश का लंड लेने लगी और रागिनी अपनी चूत आकाश की जीभ से चुदवाने लगी...

आकाश भी सूमी को नीचे से धक्के देने लगा और सूमी ने रागिनी के निप्पल को चूसना शुरू कर दिया....



रागिनी- ओह्ह्ह...भाई..जीभ से चुदाइ...उउउंम्म ....करो भाई...ऐसे ही...आअहह..

सूमी- उउंम..आहह...यस भाई...ज़ोर से ....येस्स्स्स...एसस्स....

आकाश- उउंम..उउंम..उउंम..उउंम...

तीनो अपनी मस्ती मे मज़ा ले रहे थे....फिर आकाश ने सूमी और रागिनी की जगह बदल दी...

अब सूमी आकाश के मुँह पर आ गई और रागिनी , आकाश का लंड ले कर उछलने लगी...

रागिनी- येस्स भाई...ज़ोर से...एस्स..एसस्स...

सूमी- ओह्ह एस...एस्स...ज़ोर से...अंदर तक डालो...आअहह...

आकाश- सस्स्ररुउपप...सस्ररुउप्प्प..सस्ररुउप्प्प्प्प....

ऐसे ही चूत चुसाइ और चुदाई करते हुए आकाश 15 मिनिट तक दोनो को मज़े देता रहा और फिर वो दोनो झड़ने लगी...

सूमी- मैं गई...आआआहह....येस्स..एस्स..एस्स..आआआहह....

रागिनी- आहह..आहह..आहह..मैं भीइ..आऐईयईई.....आहह...आहह...आहह..

रागिनी और सूमी झड़ने के बाद आकाश के साइड मे बैठ गई...

फिर आकाश खड़ा हुआ और दोनो को अपने सामने बैठा दिया....

दोनो ने आकाश के लंड को चूमना शुरू कर दिया और फिर लंड और बॉल्स को मुँह मे भर-भर के चूसने लगी....



सूमी- उउंम..उउंम..उउंम..उउंम..

रागिनी- उम्म..उउंम..उउउंम..उउउंम...

आकाश- एस..एस्स..एस्स....कोँमिंग...एस्स...

थोड़ी देर बाद आकाश झड़ने लगा और लंड रस की पिचकारी दोनो के मुँह मे मारने लगा....और झड़ने के बाद सोफे पर बैठ गया....

रागिनी और सूमी ने लंड रस गटक लिया...फिर दोनो एक-दूसरे के मुँह पर लगा लंड रस चाटने लगी.... 

और पूरा लंड रस चाटने के बाद दोनो आपस मे किस करने लगी....




किस ख़त्म होने के बाद सूमी और रागिनी ने आकाश का लंड चाट -चाट कर सॉफ कर दिया और फिर दोनो आकाश के साइड मे सोफे पर बैठ गई.....

थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद....

सूमी- अब आगे क्या...

रागिनी- क्या मतलब...चुदाई और क्या...

आकाश- नही..आज के लिए बस...अब कल देखेंगे...

सूमी- अरे भाई...कल तो जाना होगा मुझे...आज एक बार और करो ना...

रागिनी- हाँ भाई प्ल्ज़...एक बार और...

आकाश- ओके...पर पहले चाइ पिलाओ...फिर करेंगे...

रागिनी- ओके..अभी लाई...

फिर चाइ पीने के बाद आकाश ने एक बार फिर से सूमी और रागिनी को चोदा और फिर दोनो कपड़े पहन कर दूसरे रूम मे सोने चली गई....

और आकाश भी इतनी चुदाई से बहुत थक गया था तो घोड़े बेच कर सो गया....
सुबह आकाश उठा और अपने घर चला गया....सूमी भी जाग गई थी पर रागिनी अभी भी सो रही थी...

धर्मेश की मौसी बाथरूम मे थी...और सूमी ने मौका मिलते ही सरिता को कॉल किया....

(कॉल पर)

सरिता- हेलो...

सूमी- हाँ..आंटी..सूमी बोल रही हूँ...

सरिता- हाँ सूमी बोल...काम हुआ क्या...??

सूमी- हाँ आंटी हो गया...अब आगे क्या करना है...

सरिता- गुड...अब मेरी बात सुन...तू किसी तरह से सबको बाहर भेज दे ...तब मैं आकर बाकी का काम कर लूँगी...

सूमी- हां..पर कैसे भेजू...क्या कहूँ...

सरिता- ह्म्म..एक काम कर...उन्हे बोल दे कि सरिता आंटी ने अपने घर बुलाया है अभी...कुछ काम है...ओके..

सूमी- ठीक है बोल देती हूँ...

सरिता- और जैसे ही वो निकले तो मुझे कॉल कर देना...मैं आ जाउन्गी...ओके

सूमी- ओके आंटी..बाइ..

सरिता- जल्दी करना...बाइ

सूमी ने कॉल रखा और पीछे पलटी तो उसकी गान्ड फट गई...उसके सामने रागिनी खड़ी थी...जिसकी आँखो मे सवाल दिख रहा था...

सूमी- ओह्ह..रागिनी...तुम जाग गई...

रागिनी- हाँ...किसका कॉल था...और किस काम के बारे मे बात हो रही थी...

सूमी(मन मे)- ओह..तो इसने कुछ सुना नही..थॅंक गॉड..

रागिनी- अब बोल भी...

सूमी(मुस्कुराते हुए)- अरे..वो...वो तो सरिता आंटी ने तुम्हे और मौसी को किसी काम के लिए बुलाया है...वही बात कर रही थी...

रागिनी- ओह्ह..तो ठीक है...तू भी चल...

सूमी- नही...मेरा मतलब..यहा सुभाष भैया आएँगे तो पॅकिंग करनी पड़ेगी उनके साथ...वैसे भी तुम उम दोनो का काम है...

रागिनी- ह्म्म..तो चल फिर रेडी हो जाती हूँ...

सूमी- हाँ तू रेडी हो जा..मैं मौसी को भी बोल देती हूँ...

फिर रागिनी बाथरूम मे गई और सूमी ने मौसी को भी रेडी होने का बोला...

कुछ देर बाद रागिनी अपनी मौसी के साथ सरिता के घर निकल गई...उनके निकलते ही सूमी ने सरिता को कॉल कर दिया और सरिता धर्मेश के घर निकल आई.....

सरिता अपने साथ एक आदमी को ले कर आई थी...जिसने उस दिन दोनो रूम मे कुछ सेट किया था...

( यहाँ आपको बता देता हूँ कि सरिता ने सहर से सीक्रेट कॅमरा मगवाए थे और धर्मेश के घर सेट करवाए थे...ताकि आकाश की चुदाई लीला रेकॉर्ड कर के उसके खिलाफ यूज़ कर सके....

आज वही कॅमरा निकलवाने सरिता आई थी...जिसमे कल रात आकाश की रागिनी और सूमी के साथ वाली चुदाई रेकॉर्ड हो चुकी थी...)
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06-06-2017, 11:30 AM,
RE: चूतो का समुंदर
सरिता ने कॅमरा निकलवाए और जाने लगी...तभी सूमी ने उसका हाथ पकड़ लिया...

सूमी- आंटी...कुछ ऐसा मत कर देना जिससे सुभाष भैया की शादी मे कोई प्राब्लम हो..

सरिता(मुस्कुरा कर)- नही बेटा...ये शादी अच्छे से होगी...बस आकाश मेरे हाथ मे आ जाय इसलिए ये सब कर रही हूँ..ओके..

सूमी- ओक आंटी..

सरिता- चल ..मैं जाती हूँ...बाइ..

सूमी- बाइ..

सरिता वहाँ से सीधा अपने घर गई ..जहा रागिनी और उसकी मौसी उसका वेट कर रही थी..

सरिता ने बहाना बताकर दोनो को सॉरी बोला और फिर किसी काम का बहाना बता दिया...जिसके लिए बुलाया था...

थोड़ी देर बाद सब लोग आज़ाद के घर जाने लगे...आज वाहा शादी की तारीख तय होनी थी...



सरिता ने फिर से कुछ बहाना किया और घर पर रुक गई..बाकी लोग आज़ाद के घर चले गये....और फिर सरिता ने वो कॅमरा अपने घर मे फिट करवा लिए...

सरिता(मन मे)- अब मेरा लास्ट दाव सही पड़ जाए बस...फिर आकाश को देखती हूँ...और उसके परिवार को भी.....


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यहाँ आकाश के घर पंडित जी आ चुके थे..साथ मे सुभाष की फॅमिली भी आ गई थी...

अब सब लोग खुशी से आकृति की शादी की तारीख निकलने का वेट कर रहे थे...

थोड़ी देर तक लड़के-लड़की की कुंडली देखने के बाद पंडित जी ने 7 महीने बाद की तारीख निकली...

टाइम थोड़ा ज़्यादा था पर सब खुश हो गये....

सबने आज़ाद और रुक्मणी को बधाई दी...

फिर आकृति और सुभाष को भी बधाइयाँ दी गई....सुभाष और आकृति तो खुशी से फूले नही समा रहे थे...दोनो को एक- दूसरे से प्यार जो होने लगा था....

अब सरिता भी इस खुशी मे सामिल होने आ चुकी थी...ये खुशी का महॉल रात तक चलता रहा...

रात को आज़ाद ने तय किया कि आज सुभाष और उसके रिश्तेदार आज़ाद के घर रुकेगे .....

फिर क्या था...धर्मेश की फॅमिली अपने घर चली गई...पर धर्मेश रुक गया...

अली की फॅमिली भी घर चली गई...पर आज़ाद ने अली को रोक लिया...

आज़ाद आज अली एर मदन के साथ जश्न मनाना चाहता था....

मदन के रुकने से सरिता को प्लान सूझा और उसने रुक्मणी से बोल दिया कि आकाश को उसके साथ घर भेज दो...

रुक्मणी ने सरिता की बात मानकर आकाश को सरिता के साथ जाने का हुकुम दे दिया...

आकाश जानता था कि सरिता के साथ अकेले रहना रिस्की है...पर वो अपनी माँ को ना नही बोल सकता था...और सरिता के साथ चला गया.....

सरिता के घर जाते ही आकाश और सरिता हॉल मे बैठ गये...तभी सरिता आकाश के पास आई और उससे चिपकने लगी...

आकाश(सरिता को दूर कर के)- आंटी ...बस करो...मैने कहा था ना कि मैं अब कुछ नही करूगा...

सरिता- हाँ..पर मैं क्या करूँ...तुम्हे देख कर मैं गरम हो जाती हूँ...

आकाश- देखो आंटी..ये सही नही है...आप समझो ना...

सरिता- ओके..मैं कोसिस करूँगी...पर एक शर्त पर...

आकाश- और वो क्या है..

सरिता- आज रात भर तुम मुझे जोरदार चुदाई का मज़ा दो...

आकाश - क्या...मैं आपको मना कर रहा हूँ और आप....

सरिता(बीच मे)- एक आख़िरी बार बस...

आकाश- नही...ये नही होगा...

सरिता- सोच लो...जिंदगी भर का छुटकारा मिल रहा है...बस एक रात के बदले...

आकाश(सोच कर)- और इसकी क्या गारंटी है...

सरिता- मैं अपने पति की कसम खाती हूँ..आज रात तुम मेरी बात मानो तो मैं तुम्हारे साथ ये सब कभी नही करूँगी....

आकाश ने सरिता के मुँह से मदन की कसम सुनकर सोचा कि सरिता सच मे सीरीयस है...आज रात इन्हे खुश कर देता हूँ फिर जिंदगी भर का छुटकारा....


सरिता- तो बोलो...क्या सोचा...

आकाश- ठीक है...आज रात लास्ट टाइम...फिर कभी नही...

सरिता- ह्म्म..मैने कसम खाई है...बस आज मेरी बात मान जाओ...

आकाश(मुस्कुरा कर)- ओके..तो आओ फिर...

सरिता- ऐसे न्ही...

आकाश- क्या मतलब..??

सरिता- मतलब ये कि आज रात हम नाटक कर के चुदाई करेंगे...(रोल प्ले)

आकाश- ह्म्म..पहले की तरह...तो बताओ आज क्या करना है...

सरिता- वैसा ही जिसमे तुम मुझे जबरदस्त तरीके से चोदते हो...

आकाश- ह्म्म..समझ गया...रेडी हो जाओ...

सरिता- मैं तो कब से रेडी हूँ...आ जाओ...

फिर आकाश और सरिता की रोल प्ले के साथ चुदाई शुरू हो गई....


रात भर सरिता की दमदार चुदाई करने के बाद आकाश अपने घर आ गया...

सरिता अपने रूम मे नंगी पड़ी थी..उसके जिस्म पर जगह-जगह काटने के और नाखूनो के निसान पड़ गये थे....और वो आकाश के लंड रस से नहाई हुई पड़ी थी...जो कि अब सूख चुका था...

सरिता उठी और जगह -जगह पड़े अपने कपड़े उठाए और आईने के सामने बैठ गई...

सरिता ने अपनी हालत देखी और ज़ोर से हँसने लगी....और फिर बाथरूम मे घुस गई....

आज के दिन सुभाष और उसकी फॅमिली भी वापिस चली गई ...जाने के पहले सुभाष ने आकृति को आकर मिलने का वादा किया और निकल गया...

आज़ाद के रिलेटिव भी वापिस चले गये....

और फिर अगले दिन आकाश के जाने की बारी आ गई....

इस खुशी के महॉल मे फिर से आँसू बहने लगे....

आकाश के जाने से रुक्मणी दुखी थी...वैसे तो सब दुखी थे पर रुक्मणी की जान तो आकाश मे बसती थी....

अगर आकाश के साथ कुछ भी बुरा होता है तो रुक्मणी टूट जाती है...

फिर भी आकाश का जाना ज़रूरी था..इसलिए भरे मन से सभी ने आकाश को विदा कर दिया.....

आकाश सहर आ कर अपनी लाइफ मे मगन हो गया...

धर्मेश अब ज़्यादा से ज़्यादा आकाश के घर पर रहा था...शादी की तैयारी करने के बहाने...

सुभाष अपने काम मे बिज़ी था...आकृति से कभी मिलने भी आ जाया करता था ....

आकृति भी अपनी आने वाली लाइफ के सपने देख कर अपने दिन बिता रही थी....

आज़ाद अपनी लाइफ मे बिज़ी हो गया....काम और चुदाई....और साथ मे बेटी की शादी की तैयारी भी कर रहा था....
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06-06-2017, 11:30 AM,
RE: चूतो का समुंदर
आरती अपने स्कूल और दोस्तो के साथ बिज़ी थी...पिछले दिनो उसे एक नया दोस्त भी मिल गया था...जिसके साथ उसे ज़्यादा मज़ा आता था...

आमिर के दिल मे आरती के लिए प्यार बढ़ता जा रहा था...और वो इंतज़ार कर रहा था कि आरती को अपने दिल की बात बता सके....

ऐसे कुछ महीने निकल गये और फिर एक खूसखबरी आई...ये खूसखबरी सरिता ने दी थी....

सरिता ने खूसखबरी दी कि वो पेट से है...

सतिता के माँ बनने की खबर से सब खुश थे....जिसमे मदन तो फूला नही समा रहा था...

मदन ने अपने बाप बनने की खबर सुनकर सबको दावत दी और अपने दोस्तो के साथ खुशी का जश्न मनाया....

ऐसे ही सब अपनी-2 लाइफ जीते रहे और फिर वो वक़्त भी करीब आ गया जिसका सबको इंतज़ार था...आकृति की शादी का...

आकाश शादी के लिए 15 दिन पहले ही आ गया....

शादी की तैयारियाँ ज़ोर शोर से चल रही थी....

आकाश, अरविंद,धर्मेश,आमिर पूरे जोश के साथ काम मे लगे थे...लोगो को निमंत्रित करना...उनके ठहरने की व्यवस्था करना...सब इनका काम था...

आज़ाद भी अपने दोस्तो के साथ लगा हुआ था...शादी के दहेज से लेकर टेंट और खाने का ज़िम्मा आज़ाद और उसके दोस्तो का था....

रिचा, रागिनी और आरती का काम आकृति का ख़याल रखना था....

रुक्मणी , सरिता धर्मेश की माँ और अली की बीवी शादी मे घर के अंदर के काम संभाल रही थी....

कुछ दिन बाद मेहमानो का आना होने लगा...अब आज़ाद का घर फुल होने लगा था...

शादी की तैयारियों के बीच मे धर्मेश की माँ आकाश से चुदाई का प्रोग्राम बना रही थी...

धर्मेश की माँ ने रागिनी के साथ मिल कर प्लान बना लिया....

जिस प्लान से एक दिन ऐसा तय हुआ कि धरनेश की मोम के साथ आकाश को धर्मेश के घर रुकना पड़ा...क्योकि रागिनी आकृति के साथ बिज़ी थी...धर्मेश काम से दूसरे गाओं गया हुआ था और धर्मेश के पापा उसकी मौसी को छोड़ने गये हुए थे...

आकाश को धर्मेश के घर रुकने मे कोई प्राब्लम नही थी क्योकि वो धर्मेश की माँ के इरादो से अंजान था.....

फिर क्या था....आकाश धर्मेश के घर पहुच गया...वहाँ धर्मेश की माँ ने साड़ी निकाल कर एक नाइटी पहन ली और आकाश के साथ बैठ कर बातें करने लगी.....

धर्मेस मों(आकाश को देखते हुए मन मे)- आज रात तो मज़ा आएगा...जब से रागिनी ने इसकी चुदाई के बारे मे बताया तब से चूत मे आग लगी हुई है...आज रात तो पूरी आग बुझाउन्गी...)

लेकिन थोड़ी देर मे ही धर्मेश की माँ के अरमानो पर पानी फिर गया...वहाँ पर रागिनी और सूमी आ गई थी...

धर्मेश की माँ रागिनी को देख कर गुस्सा हो गई...पर रागिनी ने अकेले मे जाकर अपनी माँ को समझा दिया कि सूमी उसे लाई है और वो सूमी को मना करती रही बट वो मानी नही...

थोड़ी देर बाद धर्मेश की माँ मान गई और फिर कभी करने का सोच कर चुप हो गई...

फिर रात भर धर्मेश की माँ जलती चूत मे उंगली डाले सोती रही और रागिनी , सूमी के साथ आकाश के लंड का मज़ा लेती रही......

आज आकृति की शादी का दिन था....

आज़ाद के घर पर खुशियों का महॉल था....

कई नामी- गिरामी लोग आ रहे थे....सब लोग काम मे लगे हुए भागा-दौड़ी कर रहे थे.....

शाम को बारात आ गई और फिर वरमाला की घड़ी आ गई....

आकृति शादी के जोड़े मे खॉईबसूरत दिख रही थी...लेकिन उसके साथ चलने वाली आरती तो आज शादी मे अप्सरा लग रही थी..

जहाँ सुभाष सिर्फ़ आकृति को देख रहा था वही आरती को देख कर भी दो लोग पागल हुए जा रहे थे....

आकाश भी अपनी बहनों की खूबसूरती देख कर खुश था....

जहाँ सब शादी की रश्मो मे बिज़ी थे...वही सरोता रात को अपने घर आ गई थी....

पूरी रात खुशी- खुशी शादी की रसमे पूरी हुई और फिर सुबह टाइम आ गया विदाई का....

विदाई के टाइम सब रोने मे बिज़ी थे...घर की बेटी को विदा करना किसी के लिए आसान नही होता.....

जहाँ सब लोग विदाई का सोच कर रोने मे बिज़ी थे....वही सरिता मन ही मन मुस्कुरा रही थी....

आज सरिता का दिन था...आज उसे अपना दाँव खेलना था...

अंदर आज़ाद अली, मदन और एक आदमी के साथ बातें कर रहे थे....

सरिता भी पास मे खड़े हो कर उनकी बातें सुनने लगी....

आदमी- बधाई हो आज़ाद...बेटी की शादी अच्छे से निपट गई...अब आगे बात बढ़ाएँ...

अली- किस बात को आगे बढ़ाने की बात हो रही है आज़ाद ...??

आज़ाद- अरे ..मैने बताया था ना...आकाश के रिश्ते की बात...

मदन- ओह ..हाँ...आकाश की बात कर ही लो..मैं उसे जल्द से जल्द घोड़ी पर बैठा देखना चाहता हूँ...

आज़ाद- बिल्कुल यार...तू ही घोड़ी पर चढ़ाना.....

मदन- बिल्कुल....मेरा बेटा है वो...

आज़ाद- हाँ..बिल्कुल...

अली- हाँ आज़ाद...अब आकाश की शादी कर ही दो....यही सही समय है...

आज़ाद- पर मैं सोच रहा था कि पहले वो पढ़ाई पूरी कर ले और मेरा काम संभाल ले...फिर करता...

मदन- क्या यार...आकाश तेरा बेटा है....होशियारी तो खून मे है उसके...वो तुमसे भी अच्छा है...और वैसे भी सब उसकी तारीफ़ करते है....

अली- सही कहा...आकाश सबका पसंदीदा है....वो बहुत नेक है और होशियार भी....वो बहुत आगे तक जायगा....


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06-06-2017, 11:30 AM,
RE: चूतो का समुंदर
जहाँ सब आकाश की तारीफ़ कर रहे थे वही सरिता ये सब सुनकर गुस्से मे भर गई और उनके पास पहुच कर बोली...


सरिता- बस करो....बस करो उस आकाश की तारीफ़ करना...वो इस लायक नही है...

सरिता की बात सुनकर सब खड़े हो गये...

मदन- ये क्या बक रही हो...क्या हो गया तुम्हे...

सरिता- बताती हूँ...जिस आकाश की तुम सब तारीफ कर रहे हो वो एक नंबर का कमीना और नीच है...

मदन ने सरिता को एक थप्पड़ मार दिया....

मदन(गुस्से मे)- चुप कर...क्या बकवास कर रही हो...होश मे तो हो...

थप्पड़ की आवाज़ और मदन के चिल्लाने से सब लोग वहाँ आ गये...

आज़ाद- रुक जा मदन...पूछ तो सही हुआ क्या है...

मदन- ये पागल हो गई और क्या...

सरिता- अच्छा..मैं पागल ...तुम्हे सच पता चलेगा तो तुम भी पागल हो जाओगे....

मदन- चुप करती है या फिर...

अली( मदन का हाथ पकड़ कर)- रुक यार...बात तो सुन ले....

मदन- क्या बात...ये सच मे पागल हो गई है जो आकाश के बारे मे बुरा बोल रही है...

सरिता- सच सुनना चाहते हो...दम है...??

मदन- हाँ...बोल..क्या सच है...

सरिता- सच ये है कि उस आकाश ने, जो तुम्हे इतना प्यारा है...उसने तुम्हारी बीवी की इज़्ज़त लूटी है...बलात्कार किया है मेरा...

मदन ने फिर से सरिता को थप्पड़ मार दिया...

मदन- चुउउउप्प्प्प....क्या बेक जा रही है साली...और किसके बारे मे बक रही है....

सरिता- मैं चुप नही रहूगी....अब तक सोच रही थी कि शादी निपट जाने दूं..पर तुम लोगो के मुँह से आकाश की तारीफ़ सुन कर मेरा सब्र टूट गया....

अब तक वहाँ सब आ चुके थे...रुक्मणी और आकाश भी अब वही आ गये.......

मदन- तू बके जा रही है...

सरिता(बीच मे )- बक नही रही हूँ...सच्चाई बता रही हूँ....

मदन- कैसी सच्चाई...

सरिता- बोला ना...आकाश ने मेरी इज़्ज़त लूटी है....

सरिता की बात सुनकर आकाश और रुक्मणी भी सन्न रह गये....

सरिता इतना बोलकर सोफे हुए बैठ गई और बाकी के सब सरिता को ही ग़लत कहने लगे...अब तक सब लोग आकाश की साइड थे...मदन भी सरिता के खिलाफ था....

सरिता वहाँ से उठी और अपना बेग उठाकर लाई...उसमे से सरिता ने एक हाँडयकाम निकाला और मदन को दे दिया...


सरिता- मेरी बात का भरोशा नही ना...तो खुद देख लो....हमारे घर मे जो सीक्रेट कैमरा लगवाए थे ना...उसमे इस कमीने की सारी करतूत रेकॉर्ड हो गई है....देखो...फिर बात करना...
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06-06-2017, 11:30 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मदन ने गुस्से मे कैमरा चालू कर दिया और मदन के साथ अली और आज़ाद भी रेकॉर्डिंग देखने लगे....

जैसे-जैसे रेकॉर्डिंग आगे बढ़ती गई ....वैसे-वैसे तीनो के चेहरे के रंग उड़ने लगे थे....

थोड़ी देर मे मदन ने कैमरा छोड़ दिया और जाकर आकाश को थप्पड़ मार दिया....

मदन- कमीने...तेरी ये हिम्मत...क्यों किया ऐसा...

और मदन ने आकाश पर थप्पड़ों की बरसात कर दी....और फिर घुटनो के बल बैठ कर रोने लगा...

तभी पीछे से आज़ाद आया और आकाश को मारने लगा....रुक्मणी आगे आकर आकाश को बचाने लगी.....

रुक्मणी- रुक जाइए...ऐसे क्यो मार रहे है...ऐसा क्या किया मेरे बेटे ने...

आज़ाद- क्या किया...खुद ही देख लो...इसने हमें कही मुँह दिखाने लायक नही रखा...

सभी लोग सन्न खड़े थे...किसी को समझ मे नही आ रहा था कि अचानक क्या हो गया...

हंगामा होते ही सुभाष, आकृति,अरविंद, आरती और बाकी बच्चे भी वही आ गये...

आकाश को एक साइड रोते हुए देख कर धर्मेश ने उसे उठाया और चुप कराने लगा...

रुक्मणी के पास भी उसकी दोनो बेटियाँ आ गई...और उसे संभालने लगी...

आज़ाद- आज मैं इसे चोदुन्गा नही...

आज़ाद फिर से आकाश को मारने के लिए बड़ा पर रुक्मणी ने उसे रोक लिया...

रुक्मणी- बस कीजिए...आख़िर ऐसा क्या किया मेरे बच्चे ने....

इतने मे सरिता उठी और कॅमरा उठा कर रुक्मणी को दे दिया..

सरिता-ये किया तुम्हारे प्यारे बेटे ने...

सरिता जानती थी कि आकाश को देख कर रुक्मणी को गहरी चोट लगेगी...और वो यही तो चाहती थी...इसलिए उसने खुद ही कॅमरा रुक्मणी को दे दिया...


रुक्मणी के साथ आरती, आकृति , सूमी, सुभाष , आमिर , रागिनी, अली की बीवी, और धर्मेश की माँ भी रेकॉर्डिंग देखने लगी...

और सबकी आँखे बड़ी होने लगी....पर रुक्मणी की हालत बिगड़ने लगी और वो बेहोश हो गई...

आरती- माँ..माँ...माँ को क्या हुआ..माँ

रुक्मणी को बेहोश देख कर आकाश रुक्मणी की तरफ भागा...पर उसके पकड़ने के पहले ही आज़ाद ने उसे रोक दिया...

आज़ाद- दूर रख अपने गंदे हाथ...

आज़ाद ने आकाश को पीछे धकेला और रुक्मणी को अंदर ले गया....

उनके जाते ही सरिता चिल्लाने लगी...

सरिता- अब आप लोग ही बताओ...ऐसे इंसान के साथ क्या करना चाहिए...जो दूसरो को इज़्ज़त लूट लेता है...

अब तक वहाँ पर काफ़ी लोगो को रेकॉर्डिंग का पता चल चुका था..उनमे से कुछ आज़ाद से जलते भी थे...

सरिता के बोलते ही वहाँ जमा भीड़ मे से आवाज़ आई...

आदमी1- इसे तो गाओं से निकाल देना चाहिए..

आदमी2- अरे इसे तो मार डालना चाहिए...नही तो कल के दिन किसी दूसरे की इज़्ज़त लूट लेगा...

आदमी3- सही कहा..मार डालो इसे...

तभी अली ज़ोर से बोला..

अली- कौन मारना चाहता है...सामने आओ...मेरे रहते इसे हाथ भी लगाया तो गाढ दूँगा...

अली की जोरदार आवाज़ से आवाज़े आनी बंद हो गई...

अली ने फिर अपनी बीवी से सरिता को अंदर ले जाने का बोला...और बाकी मेहमानो और गाओं वालो को भी बाहर रुकने का बोला....मदन भी सरिता के साथ चला गया....

अब वहाँ पर सिर्फ़ अली, आमिर, धर्मेश और आकाश रह गये थे...

आकाश ने रोते हुए कॅमरा उठा लिया और रेकॉर्डिंग देख कर शॉक्ड हो गया...

( ये वही रेकॉर्डिंग थी जिस दिन लास्ट टाइम आकाश ने सरिता के साथ चुदाई की थी...

उस दिन सरिता ने रोलप्ले करके चुदने करने को कहा था...और वो रोल प्लाए था रेप का...

उस दिन सरिता ने आकाश से कहा था कि तुम मेरा रेप कर के चोदो और आकाश ने एक बलात्कारी की तरह चुदाई की थी..)

रेकॉर्डिंग देख कर आकाश सब समझ गया कि सरिता ने उसके साथ धोखा किया है....

आकाश ने उठ कर अली को साइड मे बुला कर अपने और सरिता के रिश्ते की पूरी असलियत बता दी..उसे सुनकर अली भी शॉक्ड हो गया...

अली- बेटा..तुमने...आख़िर क्यो...

आकाश- नही पता अंकल..वो सरिता आंटी ने ..(और रोने लगा)

अली- ठीक है...रो मत...चुप हो जाओ...

आकाश- मैने कुछ नही किया अंकल..ये सब झूठ है...

अली ने आकाश को गले लगा कर दिलासा दी....

अली- मैं जानता हूँ बेटा...आज़ाद का खून किसी के साथ जबर्जस्ति नही कर सकता....

तभी आज़ाद वहाँ आ गया...उसके साथ मदन भी था...और आज़ाद ने आकाश का हाथ पकड़ा और उसे खीचते हुए बाहर ले गया...

फिर आज़ाद ने एक छड़ी उठाई और आकाश को मारना शुरू कर दिया....


आज़ाद मारता रहा और आकाश रोता रहा...अली और धर्मेश ने बीच-बचाव किया पर कोई फ़ायदा नही हुआ....

यहाँ रुक्मणी होश मे आते ही बाहर भाग कर आ गई और आकाश को मार खाते देख आज़ाद को रोकने लगी...

पर आज आज़ाद को कोई नही रोक पा रहा था...

रुक्मणी- रुक जाइए ...मार डालेगे क्या...

आज़ाद- तुम दूर हटो...ऐसी औलाद को मारना ही चाहिए....इसने काम ही ऐसा किया है...आज मैं इसे मार डालुगा...

सब लोग बाहर आ कर आकाश को मार खाते देखते रहे और आज़ाद को रोकते रहे...पर आज आज़ाद ने किसी की नही सुनी..

आज़ाद- रुक्मणी...दूर हट जाओ...आज तेरे बेटे ने हमे जीते जी मार डाला...ऐसे संस्कार दिए तुमने...तुम्हारे जैसी माँ ही बच्चे को कमीना बना देती है...

आज़ाद ने आकाश को मारते हुए घर से दूर कर दिया और बोलता गया...

आज़ाद- आज के बाद अपनी शक्ल मत दिखाना...निकल जा इस गाओं से ..कभी मत आना यहाँ ..

आकाश(रोते हुए)- पापा मेरी बात..

आज़ाद(बीच मे)- अगर तू मुझे अपना बाप मानता है तो तुझे मेरी कसम...आज के बाद मेरे घर मे कदम मत रखना...जा यहाँ से...

आज़ाद छड़ी फेक कर वापिस आ गया और आकाश वही बैठ कर रोने लगा..

तभी अली पीछे से आ गया और आकाश को अपने साथ अपने घर ले गया....

यहाँ आज़ाद घर आकर रोते हुए बैठा रहा...मदन ने उसे संभालने की कोशिश की....
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06-06-2017, 11:31 AM,
RE: चूतो का समुंदर
यहाँ आज़ाद रो रहा था वहाँ आकाश...रुक्मणी ने भी अपने आप को कमरे मे बंद कर लिया...अंदर रूम मे रुक्मणी रोती हुई पूरी घटना को याद कर के रो रही थी...उसे आज़ाद की वो बात याद आ रही थी कि ये तेरे संस्कारों का नतीज़ा है...ऐसे संस्कार दिए तुमने....तेरा बेटा कमीना हो गया...

रुक्मणी अपने बेटे के लिए ऐसी बातें नही सह सकती थी...वो बहुत नाज़ुक औरत थी...वो आज अपने आप को कसूर बार समझ रही थी.....

आरती भी अपने भैया की हरक़त देख कर उससे गुस्सा हो गई थी..आकृति भी ये सब सच समझ कर रो रही थी...

पर सबके बीच सरिता बहुत खुश थी....


कुछ टाइम बाद आज़ाद ने अपने को संभाला और जा कर सरिता से माफी मागी ....मदन ने आज़ाद की ग़लती नही मानी और उसे माफ़ कर दिया...

फिर मदन ने आकृति की विदाई करने को कहा...आज़ाद भी राज़ी हो गया...

आज़ाद ने आरती को बुलाया और रुक्मणी को लाने को कहा...

आरती ने रुक्मणी को रूम के बाहर से आवाज़ दी...पर कोई रेसपॉन्स नही मिला...

थोड़ी देर तक आरती अपनी माँ को बुलाती रही..पर माँ ने कुछ नही बोला...

आरती अब घबरा गई और दौड़ते हुए आज़ाद के पास आई...

आरती- पापा..माँ गेट नही खोल रही...

आज़ाद- क्या मतलब..

आरती- मैने माँ को बहुत आवाज़े दी पर माँ कुछ नही बोल रही और गेट भी लगा हुआ है...

आरती की बात सुनकर आज़ाद भी परेसान हो गया और भाग कर रुक्मणी के रूम के पास आ गया...

आज़ाद के साथ मदन भी आ गया...दोनो ने कुछ देर रुक्मणी को आवाज़ दी...

जब रुक्मणी ने कोई जवाब नही दिया तो आज़ाद और मदन दरवाजा तोड़ने लगे...

जैसे तैसे दरवाज़ा टूटा और अंदर का नज़ारा देख कर आज़ाद के होश उड़ गये...

अंदर पंखे पर रुक्मणी लटक रही थी....

रुक्मणी को लटकता देख कर वहाँ रोने और चीखने की आवाज़े आने लगी....

आज़ाद अपनी बीवी का नाम लेकर चिल्लाने लगा...

आरती अरविंद और आकृति अपनी माँ को पुकारते हुए रोने लगे...

लेकिन इन आवाज़ो को रुक्मणी नही सुन पा रही थी....

रुक्मणी सबको छोड़ कर जा चुकी थी....

रुक्मणी हमेशा के लिए जा चुकी थी...एक हँसते-खेलते घर मे कुछ पल मे ही खुशियाँ गम मे बदल चुकी थी...

कहाँ आज सब लोग आकृति की शादी हो जाने की खुशियाँ मना रहे थे और अब अचानक सबकी आँखो मे रुक्मणी के जाने से आँसू आ गये थे...

यहाँ अली के घर आकाश इस बात से बेख़बर की उसकी माँ उसे छोड़ कर चली गई...बैठा हुआ रो रहा था...और अली उसे चुप करने की कोशिश मे लगा हुआ था....

अली- बस बेटा...अब चुप हो जा...भूल जाओ सब..

आकाश(सुबक्ते हुए)- कैसे भूल जाउ अंकल...आज मेरी वजह से पूरे परिवार को शर्मिंदा होना पड़ा...मेरी एक भूल से....

अली- बेटा...माना कि तुमने भूल की...पर तुमने ग़लत काम नही किया...वो तो तुम्हारे साथ धोखा हुआ है....

आकाश- पर अंकल..कोई भी मेरी बात नही सुन रहा...यहाँ तक कि पापा भी...

अली- बेटा...तुम आज़ाद की फ़िक्र मत करो...अभी वो गुस्से मे है...और फिर बात मदन की बीवी की थी..तो वो ज़्यादा ही गुस्से मे था...

आकाश- जानता हूँ अंकल..पर अब मैं क्या करूँ...कैसे यकीन दिलाऊ उन्हे...

अली- वो तू मुझ पर छोड़ दे...तू अभी आराम कर...मैं आज़ाद के पास जाता हूँ और आमिर को यहाँ भेज दूँगा...तुम आराम करो तब तक मैं आज़ाद को संभालता हूँ...

आकाश- ह्म..जी अंकल....

फिर अली आज़ाद के घर निकल गया और यहाँ आकाश आगे की सोचने लगा.....

आकाश(मन मे)- ये क्या हो गया मेरी वजह से...क्यो मैने उस सरिता की बात मानी...क्यो दुबारा से उसके साथ...साथ...क्यो कर दिया ये....

अब मेरे परिवार के साथ-साथ पूरा गाओं मुझे बलात्कारी समझ रहा है...

मैं किसी का सामना भी नही कर सकता....कैसे समझाउन्गा सबको...कोई सबूत भी तो नही...

अब एक ही रास्ता है...सरिता के मुँह से ही सच्चाई सबके सामने ला सकता हूँ...और उसके लिए मुझे सही टाइम का वेट करना होगा...

पर अभी वो वक़्त नही है...अभी तो मैं उसके पास भी गया तो लोग मुझे ही ग़लत समझेगे....

एक ही रास्ता है मेरे पास...अभी मैं गाओं से चला जाता हूँ...फिर अच्छा सा मौका देख कर सरिता को सबक सिखाउन्गा....

यही सोच कर आकाश ने गाओं से जाने का तय किया और अली की बाइक लेकर बिना बताए ही निकल गया....
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06-06-2017, 11:31 AM,
RE: चूतो का समुंदर
यहाँ जब अली आज़ाद के घर पहुचा तो रुक्मणी का सुन कर उसे झटका लगा...

एक तो पहले ही आज़ाद अपने बेटे को ले कर परेसान था उपेर से ये भारी दुख आज़ाद पर आ पड़ा...

अली तुरंत आज़ाद के पास जा कर उसे संभालने लगा....

थोड़ी देर मे अली को आकाश का ख़याल आया...और वो आकाश के बारे मे सोचने लगा...

आकाश भी परेसान था और अब उसकी माँ भी नही रही...ये सुनकर तो आकाश टूट ही जायगा...पर बताना तो ज़रूरी था...

अली ने तुरंत आमिर और धर्मेश को भेज दिया कि आकाश को ले आओ..पर उसे ये मत बताना कि उसकी माँ नही रही...कह देना कि गिर गई है और चोट आ गई है...

धर्मेश और आमिर अली के घर चले गये....

पर जब तक वो दोनो अली के घर पहुचते उसके पहले ही आकाश अली की बाइक ले कर निकल चुका था...

जब आकाश नही मिला तो दोनो उसे गाओं मे ढूँढने निकल गये...

काफ़ी देर तक ढूढ़ने के बाद भी आकाश नही मिला तो धर्मेश ने आमिर को आज़ाद के घर भेज दिया और खुद आकाश को ढूढ़ता रहा...

आमिर ने जब ये बात अली को बताई तो अली भी परेशान हो गया और उसने कुछ लोगो को गाओं और खेतो मे आकाश को ढूढ़ने भेज दिया...

सब लोग आकाश को ढूँढने की कोसिस करते रहे फिर भी शाम तक आकाश किसी को नही मिला....

यहा रुक्मणी की अंतिम यात्रा की तैयारी भी हो चुकी थी...

अब सवाल ये था कि रात होने के पहले रुक्मणी का क्रिया-कर्म करना था बट आकाश अभी तक नही मिला...जो कि रुक्मणी का सबसे चहेता बेटा था....

आकाश के ना मिलने से आज़ाद और भी बोखला गया था और उसने आकाश के बिना ही रुक्मणी को आग देने का फ़ैसला कर लिया...

बाकी के लोगो ने भी शाम होने की वजह से यही सोचा कि अब देर नही करनी चाहिए...

और रुक्मणी का अंतिम संस्कार हो गया...रुक्मणी का चहेता बेटा अपनी माँ की अंतिम यात्रा मे भी शामिल नही हो पाया....

रात को आज़ाद के घर सन्नाटा छाया हुआ था..जहाँ पिछली रात रोशनी जगमगा रही थी..वही आज की रात अंधेरा और मातम पसरा हुआ था...

सब लोग जहाँ रुक्मणी के जाने से गम मे डूबे हुए थे...वही अली, आमिर और धर्मेश आकाश का पता करने के लिए फ़ोन पर फ़ोन कर रहे थे...

आकाश ना ही गाओं मे मिला और ना ही वो शहर पहुचा था...पता नही आज की रात आकाश कहाँ और किस हालत मे था.....

उस रात सिर्फ़ आज़ाद का घर ही नही बल्कि पूरा गाओं दुख मे डूबा हुआ था....

इनमे सरिता भी शामिल थी....सरिता को भी रुक्मणी की मौत का दुख था...सरिता ने ये कभी नही चाहा था वो तो बस आज़ाद के परिवार को बदनाम करके सबकी नज़रो मे गिराना चाहती थी...

सरिता इस मौत के लिए कहीं ना कहीं अपने आप को गुनहगार समझ रही थी ..

सरिता(मन मे)- रुक्मणी के साथ सच मे बुरा हुआ...मैं ये नही चाहती थी...पर कर भी क्या सकते है...गेंहू के साथ घुन तो पिसता ही है...बेचारी...

--------------


ऐसे ही वो गम की रात ख़त्म हो गई...आज़ाद के घर सब लोग सारी रात आँसू बहाते रहे...कोई भी नही सोया....

अली, आमिर और धर्मेश भी सारी रात आकाश को ढूँढने के लिए परेसान रहे....

यहा आकाश सुबह-सुबह सहर मे अपने घर पहुचा....उसे देखते ही डेना उसके पास आई और बोली...

डेना- कहाँ थे तुम पूरी रात...

आकाश- मैं वो...क्या ह्य...??

डेना- क्या हुआ...तुम्हे कुछ पता नही क्या...??

आकाश- क्या पता नही...सॉफ-2 बोलिए...

डेना(मन मे)- हाँ..धर्मेश ने फ़ोन पर बोला था कि आकाश को पता नही कि उसकी माँ अब दुनिया मे नही रही...

आकाश- बोलिए अब...क्या हुआ...

डेना- वो...वो बात ऐसी है कि कल तुम्हारी माँ ...

आकाश(बीच मे)- क्या हुआ माँ को...

डेना- कुछ नही..तुम मेरी बात सुनो...कल तुम्हारी माँ गिर गई और उन्हे चोट आ गई...

आकाश(घबडा गया)- क्या..माँ को चोट आ गई...किसने बताया...कब हुआ ये सब...

डेना- तुम पहले शांत हो जाओ...वो कल मुझे तुम्हारे दोस्त का फ़ोन आया था...उसने बताया...वो लीग तुम्हे ढूँढते रहे पर तुम मिले नही...थे कहाँ तुम...

आकाश- मैं वो...छोड़ो अभी...मैं घर जा रहा हूँ....

आकाश डेना की और कोई बात सुने बिना ही बाइक ले कर अपने गाओं निकल गया...और डेना ने आज़ाद के घर फ़ोन करके बता दिया...

फ़ोन अली ने उठाया था...और अब वो सोच मे पड़ गया कि आकाश को कैसे समझा पाएँगे.....

करीब 2 घंटे के बाद आकाश आ गया और आते ही अपने घर पर भीड़ देख कर शॉक्ड हो गया...

आकाश के दिल मे बुरे-2 ख्याल आने लगे...वो बस यही सोच रहा था कि उसके सारे ख्याल ग़लत साबित हो....
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