Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-08-2017, 11:03 AM,
RE: चूतो का समुंदर
सोनम का रोना बढ़ता गया और मुझे आधा पेग पी कर ही उसे संभालना पड़ा....

मैं- सोनम...नही...प्ल्ज़..रोओ मत...कुछ नही हुआ...

सोनम(रोते हुए)- कुछ नही...बहुत कुछ हुआ है...अब मैं तुम्हारे लायक नही रही...

मैं- नही सोनम...ऐसा नही है...मैने तुम्हारी सीरत से प्यार किया...जिश्म से नही...और अगर ऐसा नही होता तो मैं तुम्हे प्रपोज करता ही नही...क्योकि मैं जानता था कि तुम अपने भाई के साथ सेक्स करती हो...

सोनम मुझे आँखे फेड देखने लगी...

मैं- हाँ सोनम...तुम्हे प्रपोज करने के पहले ही मैने तुम्हारी और सोनू की लाइव सेक्स फिल्म देख ली थी...

सोनम को मेरी बात सुनकर ज़ोर का झटका लगा था...जिस बात को कोई नही जानता था..उसे जान कर भी मैने उसे प्रपोज किया....क्यो...शायद सोनम यही सोच रही होगी....

मैं(सोनम के चेहरे को पकड़ कर)- अब ये आँसू मत बहाओ...मुझे तुमसे कोई शिकायत नही....मेरे लिए तुम वैसी ही हो जैसी उस दिन थी..जब मैने तुम्हे प्रपोज किया था...

सोनम- आपको पता था...

मैं- ह्म..(और फिर मैने सोनम को वो बात बताई जब मैने कामिनी के घर सोनू और सोनम को चुदाई करते पकड़ा था...)

सोनम(रोते हुए)- फिर भी आपने मुझे...

मैं- हाँ..फिर भी...आइ लव यू...

ये वर्ड सुनकर तो सोनम खुशी के मारे मेरे गले लग कर रोने लगी...

सोनम के गले लगते ही मेरी बॉडी मे गर्मी का संचार होने लगा...ना चाहते हुए भी सोनम की बॉडी मुझे अपनी तरफ खीचने लगी ..

और मैने सोनम को कस कर अपनी बाहों मे भर लिया...

सोनम के कड़क बूब्स मेरे सीने मे दव कर मेरे लंड मे हलचल मचाने लगे ....और शायद यही हाल सोनम का भी था...उसने भी मुझे अपनी बाहों मे ज़ोर से जकड लिया था...

थोड़ी देर तक हम ऐसे ही चिपके रहे और फिर मैने कंट्रोल कर के सोनम को शांत करवाया और उसे फ्रेश होने को बोला...

सोनम उठी और पारूल के रूम से नाइट ड्रेस लाई और बाथरूम मे घुस गई...और मैं अपना पेग ख़त्म करने लगा......

थोड़ी देर बाद जब सोनम बाथरूम से बाहर निकली तो मेरी आँखे बड़ी हो गई...

वो इस समय एक पतली सी नाइटी मे थी..जो उसकी जाघो तक आ रही थी...शायद पारूल की नाइटी इसे छोटी पड़ गई...

पर इसमे सोनम क़हर ढा रही थी...उसकी चिकनी जाघे....बिना ब्रा के उछलते बूब्स और खुली बाहें मेरा कंट्रोल ख़त्म कर रही थी...

सोनम की इस अदा ने मुझ पर हमला कर दिया और मैने भी अपनी टी-शर्ट निकली और सोनम के पास पहुँच गया...

मैं- सोनम...तुम..तुम तो...उूउउंम्म..

और मेरी बात ख़त्म होने से पहले ही सोनम के रसीले होंठो ने मेरे होंठो को अपनी क़ैद मे कर लिया...

हमारे होंठ मिलते ही हमारा जोश भी बढ़ गया और हम एक दूसरे को ऐसे चूसने लगे जैसे की ये होंठ फिर कभी नही मिलेगे....
सोनम- उउउंम्म..उूउउंम्म...उूउउंम्म....उूुउउंम्म....उउंम्म..

मैं- उउउंम्म...उउउम्म्म्म...उउउंम्म...उउउम्म्म्म...

हमारे जिस्म हमारे किस के साथ-साथ आपस मे किस करने लगे थे...और दोनो के जिस्म गरम होते जा रहे थे...

मैने सोनम को किस करते हुए अपनी बाहों मे उठाया और बेड पर लिटा दिया...

पर हमारा किस अभी भी जारी था....होंठ एक दूसरे के होंठो को छोड़ने तैयार ही नही थे...
आज पता चला कि अगर दो लोगो के बीच प्यार हो तो इमोशन्स जागने मे बिल्कुल वक़्त नही लगता....और इमोशन इस कदर जागते है कि जोश की इंतहा हो जाती है.......

सोनम मेरे नीचे थी और मैं उसके रसीले होंठ चूसने मे मगन था...

सोनम तो इतने जोश मे आ गई कि अपने नाख़ून मेरी नंगी पीठ पर दबा कर मुझे चूसने लगी.....

थोड़ी देर बाद हमने किस ख़त्म किया ....क्योकि हमे सास लेने की सख़्त ज़रूरत थी...

हम दोनो एक दूसरे की आँखो मे देखते हुए लगभग हाफ़ रहे थे...और चेहरे पर एक मादक मुस्कुराहट थी....

मैं- तो अब प्यार आगे बढ़ाए...

मेरी बात सुन कर सोनम ने शर्मा कर अपनी आँखे बंद कर ली और अपने हाथो को उपर कर दिया...जैसे मेरे सामने समर्पण कर रही हो....

मैने भी देर नही की और सोनम की बनियान टाइप नाइटी को उसके बदन से अलग कर दिया...

उसके गोल चमकदार बूब्स मेरे सामने थे...ना छोटे..ज़्यादा बड़े...बिल्कुल फिट...और मेरे मुँह मे पानी लाने को काफ़ी थे...

पर मैने सोनम की पैंटी को अलग कर के काम पूरा किया और नंगी होते ही सोनम उछल कर मेरे सीने से चिपक गई...

मैने सोनम को पलटाया और खुद बेड पर बैठ गया...अब सोनम मेरी गोद मे थी...

सोनम ने मुझे फिर से किस किया और सरक्ति हुई बेड के नीचे बैठ गई...

मैं- अब शरमाना छोड़ो...तुम्हारी बारी....

सोनम मेरी बात समझ गई और मेरे बचे हुए कपड़े निकाल कर मुझे नंगा कर दिया....

मेरा लंड सोनम के सामने आते ही उसकी आँखे चमक गई...उसने नीचे बैठ कर अपने बूब्स के बीच मेरा लंड फसा लिया और टोपे पर किस कर के बूब्स मसल्ने लगी...

मैं- ह्म्म्म..पसंद आ गया ...हां...

सोनम(शरमा गई)-

मैं- अब शरमाना छोड़ो...मुझे बेड पर लड़की के अंदर की रंडी चाहिए...जो हर लड़की के अंदर होती है...ओके...

सोनम- ह्म्म्मन...

मैने सोनम को उठा कर बेड पर लिटाया और खुद उसके बूब्स के बीच लंड डाल कर बैठ गया...

सोनम ने अब कोई देर नही की और बूब्स से लंड को दबा लिया और मैने लंड हिलाना चालू कर दिया...

थोड़ी ही देर बाद मेरा लंड सोनम के मुँह मे जाने लगा ...और सोनम ने भी मुँह खोल के मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया.....

मैं- येस्स...ये हुई ना बात...अब मज़ा आएगा...यीहह...

सोनम- गगूवंम्म...क्क्हूनम्म्म..ख्हूम्म..क्क्हूओनमम्मम..

मैं- वाउ...गुड...येस्स...यीस्स...ईीस्स...

सोनम- क्क्हूम्म..क्क्हूओंम..क्क्हूंम्म...
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06-08-2017, 11:04 AM,
RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर बाद मैं उठ कर सोनम के पैरों के पास आ गया और उसकी जाघे खोल कर उसकी चूत पर जीभ फिरा दी...

सोनम- आअहह.....

मैं- वेरी नाइस...पूरी चिकनी...जैसी मुझे पसंद है...

सोनम कुछ नही बोली बस मुझे देख कर शरमा गई....और मैने चूत चुसाइ शुरू कर दी....
मैं- सस्स्रररुउउप्प...सस्स्रररुउउप्प्प्प...सस्स्रररुउउ..आआहह....सस्स्रररुउउप्प्प्प...सस्स्रररुउुउउप्प्प्प...सस्स्र्र्ररुउउउप्प्प...आअहह....

सोनम- उउउफफफफ्फ़...माअस...आअहह...आअहब...उउउंम्म...ऊहह..माआ....उउउंम्म...उउंम्म...

मैं- सस्स्रररुउउप्प्प्प.....सस्स्रररुउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प....

सोनम- ओह...आअहह...आअहह...हहा....चूसो...आजहह...मज़ा आ गया...आहह...आअहह....

थोड़ी देर की मस्त चूत चुसाइ से सोनम झड़ने लगी और अपना चूत रस छोड़ने लगी....

नेहा- ओह्ह..मैं..आअहह...आऐईयइ...उउंम...उउउंम...आआहह...

मैं प्यार से सोनम की चूत चूस कर चूत रस पी गया और फिर सोनम ने सिर के पास अपना लंड कर के बैठ गया....

सोनम समझ गई कि उसे क्या करना है....सोनम ने लपक कर लंड को चूसना शुरू कर दिया और मैने भी अपनी उंगलिया सोनम की चूत मे डाल दी...उसे तैयार करने के लिए....

सोनम- सस्स्र्र्ररुउउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउउप्प्प्प.....सस्स्रररुउउप्प्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प्प्प.....

मैं- आहह....ऐसे ही मेरी जान..अच्छे से चूस.. ..उउउम्म्म्म

सोनम- सस्स्रररूउउगग़गग.....सस्स्रररुउउउग़गग...सस्स्रररूउउगग़गग...सस्स्रररुउउउगग़गग....

मैं- उउंम..ज़ोर से डार्लिंग...पूरा अंदर लो...आअहह...ऐसे ही...

सोनम सस्स्ररुउउप्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प...सस्स्ररुउउप्प्प...सस्ररुउपप...

मैं- ओह्ह...येस्स...ज़ोर से..आअहह ....

सोनम- सस्स्ररुउउप्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प...उूउउम्म्म्मममम....

सोनम ने पूरा लंड गले मे भर लिया..और गुऊपप..गग्गगुउुप्प...करने लगी....

मैं- ओह...यस..बहुत अच्छे....आअहह...

सोनम- सस्स्ररुउउप्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प्प...सस्स्ररुउउप्प्प...

मैं- बस..रुक जा..झड़ाएगी क्या...आओउंम..

मैने सोनम को रोका और उसकी चूत से उंगली निकाल कर लंड सेट कर दिया ....

मैं- रेडी ...

सोनम ने हाँ मे सिर हिला दिया....और मैने एक धक्के मे आधा लंड चूत मे डाल दिया...

सोनम की चूत खुली हुई थी तो ज़्यादा दर्द नही हुआ...

पर दूसरे धक्के मे पूरा लंड चूत ने जाते ही उसकी चीख निकल गई...

सोनम- आआईयईईई.....म्माआ...

मैं- दर्द हुआ...बस थोड़ा होगा...

और मैने सोनम के बूब्स दबाना चालू कर दिया...साथ मे धीरे-धीरे कमर हिलाने लगा...

थोड़ी देर बाद सोनम नॉर्मल हुई और चुदाई शुरू हो गई...मैने सोनम के बूब्स मसल्ते हुए उसे तेज़ी से चोदने लगा....
मैं- अब कैसा लग रहा सोनम...ह्म्म्म ...

सोनम- उउउम्म्म्म....करते रहो....

थोड़ी देर मे सोनम की मस्ती बढ़ती गई और उसकी सिसकारियाँ भी बढ़ने लगी.....

सोनम-आहह…आअहह....आहह...….ज़ोर से…

मैं- हाँ मेरी जान...ये लो...एस्स..एस्स...एसस्स...

सोनम- आहह...आअहह......आहह....उउउंम....

मैं- एसस्स..ये ले...ये ले...ऐसे ही ना...

सोनम- हमम्म..आअहह..हाअ...आईससीए...हहीी.......आअहह.....

फिर मैने सोनम को कमर से पकड़ कर उठाया और उसे अपने उपेर कर के लेट गया...

सोनम अब मस्त हो चुकी थी और मेरे उपेर आते ही मुझे किस करते हुए अपनी गान्ड हिला कर चुदने लगी....
सोनम- आहह…ज़ोर सी….उउउंम..उउंम्म…आहह…फाड़ दो....उउउम्म्म्ममम....

मैं- उउंम्म...हाँ जान....ये लो…उउम्म्म्म

सोनम- अहहह....आहह...आईसीई..हहीी...आहह......माअर्ररूव....माअर्ररूव...तीएज्ज्ज...उूउउम्म्म्म..उउउम्म्म्मम....

मैं- उउंम...उउउंम्म..उउंम्म...

और मैने नेहा को पकड़ कर नीचे से तेज धक्के मारने चालू कर दिए....और थोड़ी ही देर मे सोनम झड़ने लगी.....

सोनम-आहह…अहहह.आह…अमम्मायन्न…आऐईइ…..आहह..आह...आऐईयइ...

सोनम झड कर शांत पड़ गई और मेरे गले लग कर लेट गई...

मैं- क्या हुआ जान...

सोनम- थक गई...

मैं- अच्छा...पर मेरा काम बाकी है...

सोनम- ह्म्म..थोड़ा रूको ना...

मैं- रुकना ही तो नही आया यार...तुम रेस्ट करो...मैं मज़े करता हूँ...

सोनम- अकेले कैसे...

मैं- बताता हूँ....
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06-08-2017, 11:04 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैने सोनम को 69 पोज़िशन मे अपने उपेर लिटा लिया और उसकी चूत को चाट कर रेडी करने लगा....

सोनम अपने मुँह मेरे लंड के पास रख कर चुपचाप पड़ी सिसकती रही और मैं अपना काम करता रहा...

3-4 मिनट की मेहनत के बाद ही सोनम गरम हो गई और उसने मेरे लंड को गुप्प से मुँह मे भर लिया...और फिर चुसाइ शुरू हो गई....

सोनम- उउउंम्म..सस्स्रररुउउप्प्प...उउंम्म..उउंम...

मैं- सस्स्ररुउउप्प्प...सस्ररुउपप...सस्स्ररुउप्प्प...

सोनम- उउउंम्म..आहह..उउउंम्म..उउउम्म्म्म...

थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि अब सोनम रेडी है तो मैने उसे कुतिया बनाया और जोरदार चुदाई शुरू कर दी....
मैं- यीह..यीहह...ईएह...ईएह..

सोनम- उउउंम...उउंम..आअहह..आअहह...

मैं- ओह्ह..एस्स बेबी...एसस्स..आअहह...

सोनम- आहह..बहुत मज़ा आ रहा ....आअहह...आअहह...

मैं- एस्स ...एसस्स...ईीस्स...ईीस्स...

मेरे तेज धक्को से सोनम की गान्ड आवाज़े निकालने लगी और धक्के खा कर उसकी कमर भी दर्द होने लगी...

सोनम- आहह...मेरी कमर....थोडा धीरे...

मैं- यस जान..कुछ करता हूँ...

और मैने सोनम को पीछे करके बैठा दिया और तेज धक्के जारी रखे...
मैं- हाँ मेरी जान...अब ठीक है...हां

सोनम- हा...आहह...आअहह......आहह......

मैं- तो लो फिर...य्स्स..ये ले...एस....

सोनम- हमम्म..आअहह..हाअ,,...आईससीए,,,हहीी,,,,,,आहहह.....

मैं- आहह....मज़ा आएगा आज तो...यीहह...ईएह....

सोनम- आहह…ज़ोर सी….फाड़,…आहह…दूओ..आहह….

मैं- ये लो जान.. …ओर लो…यीहह

सोनम- अहहह....आहह...आईसीई..हहीी...आहह......माअर्ररूव....माअर्ररूव...तीएजज्ज़...

और 20 मिनिट की चुदाई मे सोनम फिर से झड़ने लगी.....

सोनम-आहह…आह.आ.आह…अमम्मायन्न…आऐईइ…..आ..आह...आऐईयईईईईई

मैं- मैं भी आ रहा हूँ जान...ये लो....ईएहह....ईएहह.....

हम दोनो ने झाड़ते हुए चुदाई जारी रखी...और चुदाई की आवाज़ बदलने लगी......

आअहह…..स्शहहह..आहह…त्ततहुूप्प्प…कचहुप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततहुूप्प्प…त्ततहुूप्प्प….फ़फफूूककचह…फ़फफूूककच…
.ऊओ…ईीस्स…यईीसस…आअहह….ऊओ……फफफफकक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प…आहह....

और थोड़ी ही देर मैं हम दोनो ढेर हो गये...

थोड़ी देर लेटने के बाद सोनम उठी और मेरे लंड को फिर से चाटने लगी....
मैं- क्या हुआ जान...अभी हिम्मत बाकी है....

सोनम- अभी रात जवान है..तो मैं क्यो रुकु...सस्स्रररुउउप्प्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प...

मैं- आहह...तो फिर तैयार करो....

और मैं लंड चटवाते हुए सेकेंड राउंड के लिए रेडी होने लगा.......




इधर आकाश के रूम मे ....रात के वक़्त....

रात के वक़्त आकाश का फ़ोन बजा तो स्क्रीन पर नाम देख कर वो सोच मे पड़ गया...फिर अपने चारो तरफ का मुआयना करके उसने कॉल लिया और धीरे से बोला....

( कॉल पर )

आकाश- हाँ..हेलो...

सामने एक औरत थी...

औरत- हेलो को गोली मारो..ये बताओ कि कॉल लेने मे इतना टाइम क्यो लगा...

आकाश- वो...वो मैं चेक कर रहा था...कि कोई सुन ना ले...

औरत- ठीक है...अब बता...काम का क्या हुआ...

आकाश- काम...कैसा काम...

औरत- क्या...दिमाग़ खराब है क्या...वहाँ जिस काम से गया वो पूछ रही हूँ...

आकाश- हाँ ..वो..याद है...मैने सोचा कि...

औरत(बीच मे)- हहहे...तुम सोचने भी लगे..हाँ...अरे सोचने के लिए दिमाग़ चाहिए...और तुम्हारा दिमाग़ तो...

आकाश(गुस्से से )- क्या मतलब...???

औरत- मतलब छोड़ो..और ये गुस्सा मुझे मत दिखाओ...मेरी बात ध्यान से सुनो...कल अंकित से पेपर्स पर साइन करा लो...बाकी मैं खुद कर लूगी..समझे...

आकाश- पर अभी...अभी कैसे...

औरत- क्यो...अभी क्या हुआ...

आकाश- आज उसकी बेहन का आक्सिडेंट हो गया...वो परेशान है...

औरत- बेहन...ये कहाँ से पैदा हो गई...

आलाश- मुंहबोली बेहन है..पर अंकित के लिए सग़ी से बढ़ कर...

औरत- कोई भी हो...उससे क्या...तुम कल कर लेना..समझे...

आकाश- थोड़ा टाइम तो दो...ऐसे नही होगा...

औरत- उफ्फ हो...ठीक है..1 हफ्ते मे सब निपटाओ...और अब मुझे कुछ नही सुनना...मेरी चूत मे आग लगी है...मैं चली आग बुझाने...रखो...

आकाश कुछ कह पता उसके पहले ही औरत ने कॉल कट कर दी...

कॉल रखने के बाद आकाश सोच मे पड़ गया ......

आकाश(मन मे)- लगता है कि अंकित से बात करनी ही होगी...वरना ये औरत जान खा जाएगी....

नेक्स्ट मॉर्निंग......

सुबह मेरी आँख खुली तो सोनम मेरी बाहों मे पड़ी थी...रात को उसकी 2 बार जोरदार चुदाई हुई थी...

सोनम को देख कर मेरा मन फिर से होने लगा...पर मुझे एक ज़रूरी काम याद आया और मैने कंट्रोल कर लिया...और फ्रेश होने निकल गया....

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06-08-2017, 11:04 AM,
RE: चूतो का समुंदर
सुबह के 10 बजे करीब एक सुनसान रोड पर एक शानदार कार जा रही थी...

अचानक से कार डगमगाई और ड्राइवर ने बड़ी मुश्किल से कंट्रोल कर के कार रोकी...

ड्राइवर ने नीचे उतर के देखा तो कार के 2 पहिए पन्चर हो चुके थे...

जैसे ही उसने पिछली शीट पर बैठी अपनी मालकिन को ये बात बोली तो एक हॉट लेडी कार के बाहर आ गई...

उस लेडी ने मिनी स्कर्ट और उससे भी मिनी टॉप पहनी हुई थी...

उसका चिकना पेट और गोरी जाघे धूप मे चमचमा रही थी...

वो लेडी बहुत गुस्से मे थी और अपने ड्राइवर को बड़बड़ा रही थी...

तभी एक शानदार कार उसके साइड मे रुकी और कार का काँच नीचे हुआ और एक आवाज़ आई....

"" मे आइ हेल्प यू सेक्सी......?????

आवाज़ सुनते ही लेडी ने अपनी नज़र उस कार की तरफ घुमाई और अपनी आँखो पर लगे बड़े गॉगल को सिर पर चढ़ा कर कार मे बैठे लड़के को देखने लगी...वो लड़का और कोई नही बल्कि मैं ही था....

लेडी- व्हाट....व्हाट यू जस्ट सेड...???

मैं- आइ सेड....मे आइ हेल्प यू...

लेडी- नो...उसके आगे क्या बोला...??

मैं- आगे...ओह हाँ...आइ सेड सेक्सी...

लेडी- सेक्सी...हाँ...तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई...

मैं- हिम्मत...वो तो बहुत है...बट ये बताओ..कि सेक्सी सुनना पसंद नही है या फिर...

मैने अपनी बात को जानबूझ कर अधूरा छोड़ दिया....

लेडी- फिर..फिर क्या...?

मैं- छोड़ो...मेरी ग़लती है...मैने ग़लत इंसान से ग़लत बात बोल दी...तुम सेक्सी हो ही नही सकती....

लेडी(गुस्से मे)- एक्सक्यूज मी....मतलब क्या है तुम्हारा....???

मैं- ह्न्म्म..मतलब ये है मेडम...कि आज समझ आ गया की सिर्फ़ कम कपड़े पहनने से कोई सेक्सी नही हो जाता....सोच भी वैसी होनी चाहिए....

लेडी(और ज़्यादा गुस्से मे)- क्या...सोच ...सेक्सी....कहना क्या चाहते हो...??

मैं- देखो...अगर सेक्सी बनना है तो माइंड से बनना होता है...सिर्फ़ अपनी बॉडी दिखा कर कोई सेक्सी नही हो जाता...

लेडी- मैं अब भी नही समझी...

मैं- समझना क्या है...तुम कपड़े तो ना के बराबर पहनी हो और सेक्सी सुनकर भड़क गई...आइ एम सॉरी...तुम्हारी सोच बहुत छोटी है....तुम मत पहना करो ऐसे कपड़े...

लेडी- हे...तुम मेरी इन्सल्ट कर रहे हो...और इसका अंजाम...

मैं(बीच मे)- इन्सल्ट...नही...मैने तो बस तुम्हे देख कर तुम्हारी तारीफ मे एक शब्द बोला था...बट तुम्हारी सोच ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया...कि हर छोटे कपड़ो वाली सेक्सी नही होती...हाँ..वो कहावत भी है..कि कौवा अगर हंस की चाल चले तो हंस नही बन जाता....

लेडी- तुम मेरी इन्सल्ट पर इन्सल्ट किए जा रहे हो...अब तुम देखो...क्या हाल करती हूँ तुम्हारा...तुम जानते नही कि मैं कौन हूँ....

मैं- मेरा हाल....हाहाहा...जाओ -जाओ...मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता....समझी...और हाँ...मैने जो कहा ...उस बारे मे सोचना ज़रूर...कि क्या सिर्फ़ कपड़ो से कोई सेक्सी हो जाता है कि नही...ओके...बब्यए...

और इससे पहले वो औरत कुछ बोलती ..मैं आगे बढ़ने लगा....पर कुछ दूर आगे पहुँच कर ही मुझे वापिस आना पड़ा....

असल मे, मैं बॅक व्यू मिरर से उस औरत को देख ही रहा था कि वहाँ एक जीप आ कर रुकी और उसमे से 4 गुंडे टाइप मर्दो ने उस लेडी को घेर लिया और छेड़छाड़ करने लगे...

2 लोगो ने उसके ड्राइवर को पकड़ लिया और 2 उस औरत को टच करने लगे....

औरत बेचारी उनके सामने गिडगिडाने लगी की प्ल्ज़ उसे छोड़ दो...बट गुंडे तो गुंडे ही थे ....

मैने ये नज़ारा देखा तो कार को टर्न करके उसके पास पहुँचा और एक किक मार कर अपनी कार का गेट खोला और उन गुणडो के सामने खड़ा हो गया....लाइक आ फिल्मी हीरो...


मुझे देखते ही औरत मुझसे मदद की भीख माँगने लगी....

लेडी- प्ल्ज़...मुझे बचा लो...प्ल्ज़...

गुंडा1- ये बच्चे...तू निकल यहाँ से...वरना...

मैं- वरना...क्या वरना...??

गुंडा2( मेरी तरफ आ कर)- वरना तेरा भुर्ता बना देगे...समझा...

मैं(अपना गॉगल निकाल कर)- रियली...मेरा भुर्ता....मुझे तो नही लगता...

गुंडा1- अच्छा....तो क्या करेगा तू..हाँ...बचायगा इसे ..

मैं- ह्म..नही...इसे तो तुम लोग इज़्ज़त से छोड़ दोगे...तो बचाने की ज़रूरत ही नही...और फिर तुम लोग यहाँ से चुपचाप निकल जाओगे...

मेरी बात सुन कर वो सब हँसने लगे और वो लेडी भी मुझे ऐसे देख रही थी जैसे मैं कोई पागल हूँ...

गुंडा1-बेटा, लगता है तू ऐसे नही मानेगा...ये कालू, 2 चिपका तो इसको...साले का नक्शा बदल जाए...
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06-08-2017, 11:04 AM,
RE: चूतो का समुंदर
कालू अपने हाथ को गुस्से मे बोलते हुए मेरे पास आया और इससे पहले ही वो कुछ करता उसके सिर के साइड मे मेरा हाथ पड़ा और वो सीधा बेहोश हो गया....

गुंडा1- कालू...क्या हुआ...उठ...

मैं- अब ये 1 घंटे के बाद ही उठेगा....अब बोलो...छोड़ते हो इन्हे या फिर सब बेहोश हो कर ही जाओगे...

गुंडा1- साले....तेरी तो...

और गुंडे ने अपनी पॉकेट से चाकू निकाली ....पर मेरी तरफ बढ़ने से पहले ही वो वही जम सा गया....

क्योकि मैने अपनी टी-शर्ट के नीचे दबी हुई पिस्टल निकाल ली थी...

मैं- अब आओ...फिर पता चलेगा कि बेटा कौन और बाप कौन....

मेरी बात का उन गुन्डो के पास कोई जवाब नही था...

तभी गुंडे1 ने उस औरत के गले पर चाकू रखने ले इरादे से उसकी तरफ रुख़ किया और तभी उसके हाथ मे ढायं की आवाज़ के साथ गोली लगी और उसका चाकू नीचे गिर गया....

मैं- अब भी बोल दो...जाना चाहते हो तो निकलो...वरना चारो सीधा हॉस्पिटल मे जाओगे...बोलो...

मेरी आवाज़ मे इस बार गुस्सा था...जिसे सुन कर उन 2 गुण्डों ने ड्राइवर को भी छोड़ दिया और जीप की तरफ आ गये ..

मैं- अब इसे उठाओ और निकलो यहाँ से...

फिर उन्होने उस बेहोश हुए गुंडे को जीप मे रखा और तेज़ी से वहाँ से निकल गये...

गुणडो के जाते ही मैं भी अपनी कार के पास आया और तभी...

लेडी- एक्सक्यूज मी...आइ एम..स...

मैं(हाथ दिखा कर)- ह्म...चलो तुम्हे छोड़ देता हूँ...ये जगह तुम्हारे लिए ठीक नही...

लेडी ने अपने ड्राइवर को कार के पास ही छोड़ा और मेरे साथ आ कर बैठ गई....

कार मे वो लेडी मुझे देखती रही...शायद अपनी बातों पर शर्मिंदा हो रही थी...पर बोली कुछ नही...

मैं भी चुप ही रहा...क्योकि मैं उसे माफ़ करने के मूड मे ही नही था...

थोड़ी देर बाद मैने कार रोक दी....

मैं- लो..मेरी मंज़िल तो आ गई...अब यहाँ से तुम्हे जहाँ जाना हो जा सकती हो...

लेडी(बाहर देख कर)- अरे...मुझे भी यही आना था. 

मैं- ओके..तो अब निकलो...

लेडी- मैं...वो...आइ एम..

मैं(ज़ोर से)- आइ सेड गेट आउट....ओके...फास्ट...

वो बेचारी बुझे मान से कार से निकल गई और मैने कार बढ़ा दी और पार्किंग मे चला गया.....

मैं जहाँ आया था ये एक वॉटर पार्क था....जहा शांति के अलावा आँखो को भी सुकून मिलता है ...जब मस्त माल बिकनी मे आपके सामने आते है...

कार पार्क करके मैं आया तो लेडी जा चुकी थी...मैं भी अंदर गया और चेंज करके पूल साइड लेट कर रिलॅक्स करने लगा......

मेरे सामने पूल मे कई तरह के माल अठखेलियाँ कर रहे थे....छोटे-बड़े हर टाइप के....

किसी के बूब्स मुझे लुभाते तो किसी की गान्ड मेरे लंड मे हलचल मचती....

मैं स्कॉच की सीप मारते हुए इस रंगीन महॉल का आनंद ले ही रहा था कि मेरे सामने एक और जबर्जस्त माल आ गया. ...ये वही लेडी थी जिसे मैने लिफ्ट दी थी....

उसने अपनी गोरी बॉडी को सिर्फ़ दो कपड़ों का सहारा दिया था....वो एक कसी हुई बिकनी पहन कर मेरे सामने बलखाती हुई आ रही थी...

उसकी बिकनी सिर्फ़ उसके निप्पल और नीचे के दोनो होल ही ढके हुए थी...बाकी की बॉडी सूरज की धूप मे चमचमा रही थी....

वो मेरे पास आती हुई मेरे सामने ही खड़ी हो गई और मुझे अपनी गान्ड के दर्शन करीब से करा दिए...क्या मस्त गोल भरी हुई गान्ड थी उसकी...

और फिर उसने आगे झुक कर गान्ड को और बड़ा कर दिया और अचानक ही पूल मे जंप मार दी...

मेरे मुँह से बस हाय निकल पाया और वो पूल मे पहुँच गई....


थोड़ी देर तक उसने पूल मे अपनी अदाए दिखाई और फिर पूल से निकल कर मेरे सामने आ कर खड़ी हो गई...

उसकी बॉडी पानी मे भीगने के बाद और भी ज़्यादा चिकनी लगी थी...

फिर उसने झुक कर अपने उभारों की गहराई भी मुझे दिखा दी...और बड़े प्यार से बोली....

लेडी- अब क्या हुआ...कुछ कहोगे नही....

मैं- क्क..क्या...??

लेडी- सेक्सी ऑर व्हटेवेर यू वान्ट टू से.....

मैं- सेक्सी....नो.. तुम सेक्सी कहीं से नही लगती...

मेरी बात सुन कर उसे गुस्सा आया पर वो शांत रह गई...ये सोच कर कि मैं उससे गुस्से मे ऐसा बोल रहा हूँ....

लेडी- ओह...सच मे...ज़रा गौर से देखो...फिर बताओ...

मैं- एक बार बोला ना...तुम सेक्सी लगती हो नही...बस..

और ना चाहते हुए भी मैं उठ कर खड़ा हो गया और जाने लगा...

लेडी(पीछे से)- क्या मतलब तुम्हारा...क्या मैं सेक्सी नही...

मैं पलटा और मन ही मन उसकी बात पर मुस्कुराया और उसे उपेर से नीचे तक देख कर बोला...

मैं(सिर हिला कर)- नो...तुम सेक्सी नही लगती....वेल...कोसिस करती रहो...शायद कभी सेक्सी हो जाओ...हाँ...

वो औरत गुस्से से तिमिला उठी....सही भी है..किसी भी फीमेल को ये बोलो कि वो सेक्सी नही तो उसकी सुलग ही जाएगी...

वो लेडी गुस्से मे मेरे सामने आई और मेरा रास्ता रोक कर खड़ी हो गई...

लेडी- क्या कमी है मुझ मे....कैसे कह सकते हो कि मैं सेक्सी नही...

मैं- देखो...इसमे बुरा क्या मानना...नही हो तो नही हो...और हाँ...हो सकता कि हम दोनो के लिए सेक्सी की डेफ़िनेशन अलग-2 हो...सो...चिल यार...हॅव फन...

मेरे कहने के बाद भी वो लेडी मेरे सामने से नही हटी...गुस्से मे वो तेज साँसे ले रही थी और उसके बूब्स हर साँस के साथ उपेर नीचे हो कर मेरी गर्मी बढ़ा रहे थे....

मैं- एक्सक्यूज मी प्ल्ज़...

लेडी(पीछे से)- तो तुम्हारी डेफ़िनेशन है क्या...बताओगे मुझे...

मैं(मुस्कुरा कर)- तुम्हारे बस का नही है...बोला ना...चिल करो...

लेडी- नही...तुम बताओ बस...

मैं- उउंम..लीव इट....आइ हॅव टू गो नाउ...मे बी सम अदर टाइम...बब्यए...

लेडी- पर कब...ये तो बताओ....

मैं(आगे बढ़ते हुए)- देखते है...मॅटर ऑफ लक ...बब्यए...

और मैं बिना उसकी तरफ देखे वहाँ से निकल आया.....

कार लेकर मैं घर आ रहा था...तभी मेरा फ़ोन बजने लगा....

( कॉल पर )

मैं- हाँ जी...

स- कहाँ हो...

मैं- बस..वॉटरपार्क से आ रहा हूँ...आग लगा कर....हाहाहा....

स- हाहाहा...बहुत अच्छे...तो प्लान काम कर गया...

मैं- ह्म..प्लान बी काम कर गया ...

स- ह्म्म...फिर आगे क्या किया...

मैं- हाँ , सुनो...(फिर मैने सब कुछ स को बता दिया...उस लेडी के साथ जो भी हुआ..सब)

स- क्या...तुमने उसकी बॅंड ही बजा दी...हाहाहा.....

मैं- क्या आपको लगता है कि मैने सही किया...मतलब ये उल्टा पड़ गया तो...

स- नही...उसके लिए उसकी खूबसूरती ही सबकुछ है...और तुमने वही चोट कर दी है...पक्का तडपेगी...

मैं- वही तो...तड़प कर उल्टा बार ना कर दे..या हाथ से निकल जाए...

स- हो सकता है...पर ऐसा होने मत देना....आज रात ही आग पर पानी डाल देना...वरना आग भड़क जाएगी..

मैं- समझ गया....मैं देख लूगा...

स- आइ होप वो तुम्हे देख कर खुश ज़रूर होगी...

मैं- हाँ क्यो नही....देखते है रात को...कुतिया बनती है या शेरनी की तरह झपट्टा मारती है...

स- ह्म..अच्छा सुनो...रश्मि पर नज़र रखना...वो तुम्हारे निकलते ही कहीं निकल गई थी...कहीं कोई और हमला ना हो जाए..

मैं- डोंट वरी...मैं देख लूँगा...

फिर मैने कॉल कट की और घर आ गया....

घर आ कर मैने शाम तक का समय पारूल के साथ ही बिताया...इससे मुझे और पारूल, दोनो को खुशी हुई....
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06-08-2017, 11:04 AM,
RE: चूतो का समुंदर
इधर रिचा के घर..........


सुबह-सुबह रिचा ने अपनी बेटी को कॉलेज भेजा और गेट बंद कर ही रही थी कि अचानक से गेट पर धक्का पड़ा जिससे रिचा पलट कर अंदर गिर गई...और वो उठ ही रही थी कि किसी ने उसे पीछे से दबोच लिया.....

रिचा की चीख निकलने ही वाली थी पर उस सक्श ने रिचा का मुँह दबा लिया....

रिचा- ग्गगूवंम्म...उउउम्म्म्म...

""श्हहीयीययी.....मैं हूँ...चिल्ला मत...""

और उस सक्श ने रिचा का मुँह छोड़ दिया.....

रिचा(पलट कर)- तुम...तुम इस तरह क्यो आए...मेरी तो जान ही निकाल दी....

"" अरे नही मेरी जान...तेरी जान बहुत कीमती है मेरे लिए....समझी....""

रिचा- जानती हूँ...मैं ना होती तो तुम अब तक फस चुके होते....

""ह्म्म...और तुम...तुमने भी तो कांड किए है...और साजिश ऐसी रचाई कि सफ़राज़ ने हथियार उठा लिया...और वो फँसता ही चला गया...गुड...""

रिचा- पर तुम यहाँ कैसे...कही सरफ़राज़ को भनक भी लग गई कि तुम मुझे जानते हो तो हम दोनो गये....

"" सरफ़राज़ की छोड़ो...उसे तो अंकित निपटा देगा...और अंकित निपट गया तो भी वो हमारा कुछ नही कर पाएगा....""

रिचा(बैठते हुए)- वैसे मानना पड़ेगा....सोनू के बाप को किडनॅप तुमने किया...और इल्ज़ाम आएगा सरफ़राज़ पर...

"" ह्म्म...पर साले ने ग़लती कर दी...उस लड़की को मार दिया...""

रिचा- ह्म्म..पर दूसरी बार ये नही होगा...अंकित बेड पर पहुँच जायगा....

"" और साथ मे सोनू का बाप और वो रश्मि भी उपर जाएँगे....हाहाहा....""

उस सक्श के साथ रिचा भी ठहाका मारने लगी कि तभी उन्हे एक आहट सुनाई दी...और उस तरफ देख कर दोनो की गान्ड फट गई...

सामने वाला- तो तुम हो...तुम हो असली दुश्मन.....मैं तुम्हे अंकित के सामने...आआआआअहह...

बात पूरी होती उससे पहले ही उसके सीने मे एक खंजर उतर गया...और उसकी आवाज़ हमेशा के लिए शांत हो गई....


पहाड़ी रास्ते पर रात के अंधेरे मे एक कार बहुत तेज़ी से चल रही थी...और उससे भी बड़ी कार उसके पीछे लगी हुई थी...

पीछे वाली कार बार-2 आगे वाली कार को टक्कर मारती रही...जैसे तैसे ड्राइवर उसे संभाल रहा था...

पर एक टक्कर ऐसा लगा कि ड्राइवर कार के नीचे गिर गया और वो कार नीचे खाई मे जा गिरी...जिसकी पिछली शीट पर कोई बैठा हुआ था.....

कार खाई मे गिरी और दूसरी कार उपेर रुकी...उसमे से रफ़्तार सिंग बाहर निकला और किसी को कॉल किया....

रफ़्तार- कार तो गई...और उसमे बैठने वाला भी उपेर गया....पर वो था कौन...??

सामने- तुम सिर्फ़ आम खाओ...गुठलियाँ मत गिनो...ओके..अब निकलो वहाँ से...और जब तक मैं ना कहूँ मुझे कॉल मत करना....

रफ़्तार(फ़ोन रख कर)- ये पैसो की भूख भी क्या-क्या करायगी....चलो...भगवान मरने वाले को शांति दे....


इधर अंकित के घर................


पूरा दिन पारूल के साथ बिताने के बाद ...मैं शाम को रेडी हुआ और धूम नाइट क्लब निकल गया.....

क्लब मे कुछ देर बिताने के बाद ही वो लेडी आ गई...जिसके इंतज़ार मे मैं वहाँ आया था....

उसने मुझे देखा नही था और वो अपनी फ्रेंड्स के साथ टेबल पर आ कर टकीला लगाने लगी...

मैं काफ़ी देर तक बार काउंटर पर खड़ा हुआ ये नज़ारा देखता रहा और फिर उसके सामने वाली टेबल पर बैठ गया....

थोड़ी देर बाद ही उसकी नज़र मुझ पर पड़ी...पर मैने उसे इग्नोर किया और उसके चेहरे पर गुस्सा छा गया....

एक बात तो सच है...एक औरत की खूबसूरती पर सवाल उठा दो...फिर वो खुद पीछे आयगी....उस सवाल का जवाब ढुड़ने....

मुझे देखते ही वो लेडी गुस्से से भर गई और अपनी फ्रेंड्स के साथ कुछ डिस्कस करने लगी...

पर मैं उसे अभी भी इग्नोर ही कर रहा था....थोड़ी देर बाद वो उठ कर मेरे सामने खड़ी हो गई और मुझे घूर्ने लगी....

लेडी(गुस्से से)-एक्सक्यूज मी....

मैं- यस प्लीज़....

लेडी- तुम मेरा पीछा कर रहे हो...???

मैं- व्हाट...पीछा..वो भी तुम्हारा...नो वे...

लेडी- झूट मत बोलो...तुम वही हो ना..जिसने आज सुबह मेरी इन्सल्ट की थी...

मैं- ह्म्म..तो ये याद है...पर ये याद नही कि मैने तुम्हे बचाया भी था...रिमेंबर...

लेडी- याद है..इसलिए ही तो तुमसे आराम से बात कर रही हूँ, वरना...

मैं- वरना...वरना क्या....भूल गई...मेरा कोई कुछ नही कर सकता..समझी...

लेडी(लंबी सास ले कर)- ओह्ह्ह....ओके...ये बताओ कि मेरा पीछा करते यहाँ क्यो आए...

मैं- ग़लतफहमी है तुम्हारी...मैं कोई पीछा नही कर रहा...और करूँ भी क्यो...हाँ ..अगर कोई सेक्सी लेडी होती तो ज़रूर करता...

लेडी(गुस्से से)- सेक्सी..सेक्सी...सेक्सी....क्या मैं सेक्सी नही...हाँ...

मैने उसे उपेर से नीचे तक गौर से देखा...उसने एक 1 पीस ड्रेस पहनी हुई थी...जो जाँघो तक जाती थी...और इतनी टाइट थी की बूब्स ड्रेस को फाड़ने को तैयार थे...साथ मे उसके गोरे बाजू भी लाइट की रोशनी मे दमक रहे थे....होंठो पर लिपस्टिक और खुले हुए बाल उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रहे थे...

मैं(सिर हिला कर)- उम हूँ...तुम सेक्सी नही...मेरे लिए तो नही...
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06-08-2017, 11:04 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मेरी बात सुनकर लेडी बोखला गई और टेबल पर हाथ रख कर मेरी आँखो मे झाँक कर बोली....

लेडी- तुम्हारे लिए सेक्सी की डेफ़िनेशन क्या है...बोलो...

मैं- वेल...वो तुमसे नही होगा...तो उसे छोड़ो और बैठ कर एक जाम मेरे साथ लो...सारे गीले-सीकवे दूर करते है...आओ...बैठो...

मैने उसकी बात को सिरे से खारिज कर दिया और उसके लिए खड़े हो कर चेयर खीच दी...

लेडी(मुझे घूरते हुए)- तुमने तो मॅटर ही बदल दिया...हाँ...

पर वो मेरे कहने पर बैठ गई और मैने 2 स्कॉच का ऑर्डर कर दिया...


लेडी- बोलो तो...सेक्सी का मतलब क्या है तुम्हारे लिए...

मैं- ह्म्म...तुम गुस्सा हो जाओगी...रहने दो...

लेडी- नही...मैं गुस्सा नही करूगी...बोलो...

मैं- ओके..बट पहले 1 जाम मेरे साथ...पुरानी बाते भूलने के लिए...ह्म्म.

लेडी(पेग उठा कर)- ओके...फॉर न्यू स्टार्ट...चियर्स...

और हमने अपने पेग की सीप मारी...

लेडी- उम्म..अब बताओ...तुम्हारी नज़रों मे एक औरत सेक्सी कब होती है...

मैं- बताउन्गा...पर पहले जान-पहचान तो कर ले...माइसेल्फ अंकित...न यू ??

लेडी- शीला...शीला वर्मा...

मैं- नाइस टू मीट यू मिसेज़.शीला...

शीला- सेम हियर....अब बताओगे भी...

मैं- ओके...बट बुरा लगे तो इग्नोर करना..ओके...

शीला- ओके..ऐज आ फ्रेंड ही सुनुगि..अब बोलो भी...

मैं(सीप मार कर)- सेक्सी का सही मतलब वो होता है...जो बेड पर आपको अपनी तरफ खीच ले....

शीला(हँसती हुई)- मतलब...??

मैं- मतलब ये कि जो लेडी मुझे बिस्तर पर बुलाने मे कामयाब हो जाए..मेरे लिए वो ही सेक्सी है...

शीला(ज़ोर से हंस कर)- हहहे...ऐसे तो तुम्हे कोई सेक्सी लगेगी ही नही...

मैं- नही...ऐसी मिली है मुझे...वो मुझे बिस्तर तक ले गई...और फिर मैने उन्हे सेक्सी का टॅग दिया...

शीला(हैरानी से)- मतलब सेक्स करने के बाद....??

मैं- तो बेड पर क्या होता है इसके अलावा...ह्म्म्म.

शीला- उफ़फ्फ़...ऐसी औरते भी होती है...नो वे....

मैं- ह्म्म..जो सेक्सी होती है...वो ऐसी ही होती है...

शीला- सॉरी...मैं इस तरह की सेक्सी बनना कभी नही चाहूँगी...

मैं- पता है...तुम सेक्सी नही हो सकती...तुम अपने पति के साथ ही अड्जस्ट करो..न्ड वाई द वे...आइ हॅव टू गो...सी यू अराउन्ड...बब्यए...

और वो कुछ बोलती इससे पहले ही मैं उठ गया और शीला फटी आँखो से मुझे जाता हुआ देखती रही ....

मैं(कार मे)- कुछ ज़्यादा ही हो गया आज...पर हो गया तो हो गया...नेक्स्ट टाइम उसे लाइव एग्ज़ॅंपल दूँगा...शायद कुछ बात बढ़े...देखते है...

और मैं घर निकल आया....

घर आ कर मैने देखा कि सविता , रेखा और हरी कुछ चिंता मे दिख रहे थे ...

मैं- हेलो...क्या हुआ...तुम सब के चेहरे पर 12 क्यो बजे है...

रेखा- सर...वो रश्मि...

मैं- रश्मि को क्या हुआ...

रेखा- वो अभी तक आई नही...सुबह की निकली हुई है...

मैं- तो कॉल करो...पता चल जायगा कि कहाँ है...

रेखा- किया..पर उठा ही नही रही...

मैं- रूको मैं करता हूँ...

मैने रश्मि को कॉल किया तो किसी लड़की ने कॉल लियाऔर पूछने पर बताया कि रश्मि बाथरूम मे है...वो आज नही आयगी....

मैने उसका नाम पूछा तो उसने रूचि बताया....ये नाम सुनते ही रेखा रिलॅक्स हो गई...उसने बताया कि रूचि रश्मि की खास फ्रेंड है....और रश्मि रूचि के घर कभी-कभी रुक भी जाती है...

मैं- अब ठीक है ना...तो चलो डिन्नर लगाओ...और पारूल के रूम मे ले आना...

फिर डिन्नर कर के कुछ देर पारूल के पास रुका और फिर सोने लगा...


तभी डॅड मेरे रूम मे आ गये....

मैं- दाद...आप, इस वक़्त....कोई ज़रूरी काम था....

आकाश- हा...बहुत खास काम है...

मैं- हा बोलिए...

डॅड मेरे पास आए और मुझे एक पेपर पकड़ा दिया....

मैं- ये क्या है...

आकाश- ये..मेरे एक अकाउंट के पेपर है...तुम्हारे साइन चाहिए....

मैं- ह्म्म्म ...

थोड़ी देर बाद मैने साइन कर दिए...मुझसे पेपर वापिस ले कर डॅड वापिस जाने लगे...

मैं- डॅड...मैं हमेशा आपके साथ हूँ...डोंट वरी...न्ड गुड नाइट....

आकाश- गुड नाइट बेटा....


एक आलीशान घर मे.........

रिचा अपनी आदत के अनुसार कुतिया बनी हुई थी और उसका बॉस उसकी गान्ड मारे जा रहा था....

रिचा- आहह..आहह..आहह...आअराम से ना...

बॉस- अरे आराम कहाँ...तेरी गान्ड मानती ही नही...ईएहह...

रिचा- साले ...तेरी बेटी की गान्ड भी नही मानती ...आअहह ..आहह...

बॉस- हाँ रंडी...वो भी नही मानती...रंडी हो गई तेरे जैसी...एस्स...

रिचा- आहह...तेरे तो मज़े है ना...ठोकता रह...आओउउंम्म...

बॉस- हाँ साली...ये ले...अभी तू ठुकवा बस ...

रिचा- आअहह...आअहह...आअहह...आआईयईई......
बॉस- एस्स..एस्स..एस...एस...ईएहह.....आअहह..

और दोनो झड़ने के बाद बातें करने लगे...

बॉस(सिगरेट जला कर)- फ्फूहह... एक बात बता...उसे लड़की को मरवाया क्यो...अभी उसकी ली भी नही थी मैने....

रिचा- क्या करूँ..साली ने वो सुन लिया था जो उसे सुनना नही चाहिए था...

बॉस- ह्म...पर तू बात किससे कर रही थी..जो उसने सुन ली...हां...

बॉस के इस सवाल पर रिचा सोच मे पड़ गई...अब वो क्या बताए कि वो बॉस को भी धोखा दे रही है...

बॉस- बोल ना...किसे, क्या बता रही थी...??

रिचा- किसी से...नही तो..मैं सिर्फ़ अपने आप से बात कर रही थी कि एक बार अंकित बेड पर पहुँच जाए फिर सोनू के बाप को और रश्मि को मारना पड़ेगा...बस...उसने ये सुन लिया...तो उसे मारना पड़ा...

बॉस- ह्म...पर वो आ कहाँ से गई तेरे घर मे...??

रिचा- पूछो मत...मेरी बेटी है ना...वो गेट खोल कर निकल गई और मैने बिना देखे अपना गणित लगाना शुरू कर दिया...उउफ़फ्फ़...

बॉस- ठीक है ..पर अब तू कातिल भी हो गई...चाकू सीधा गले मे उतार दिया....वाह...

रिचा- करना पड़ता है...अपनी जान बचाने को दूसरो को मारना ही होता है...

बॉस- हाँ...और फिर मुझे कॉल कर दिया और मुझ पर बोझा डाल दिया कि लगाओ ठिकाने...

रिचा(बॉस के मुरझाए लंड को सहला कर)- तो क्या मेरे लिए इतना भी नही कर सकते...

बॉस- क्यो नही मेरी रांड़...तेरे लिए ही तो किया...और उस साले रफ़्तार को 1 लाख देने पड़े इस सब के और ड्राइवर को 20000 अलग से ....

रिचा- फ़िक्र मत करो...मैं इससे भी ज़्यादा दिलवाउन्गी....अपनी रांड़ पर यकीन रखो..ह्म्म..

और रिचा ने बॉस का लंड मसल दिया...

बॉस- क्या इरादा है...घर नही जाना तुझे...

रिचा- नही...आज रात इस लंड के नाम...

बॉस- और तेरी बेटी...क्या वो भी कही लंड खा रही है...हाँ...

रिचा- नही...वो इस शौक से दूर है...वो तो अपनी फ्रेंड के घर पढ़ने गई है...तो मैं घर मे अकेली क्या करूँ...

बॉस- बढ़िया है...तो चूस कर तैयार कर...मैं घर पर कॉल कर के कोई बहाना मारता हूँ तब ताज..फिर रात भर तेरी फाड़ुँगा....

रिचा(लंड चाट ते हुए , मन मे)- साले...अभी जितना चाहे फाड़ ले मेरी...एक दिन तेरी ऐसी फटेगी की फिर तू बचेगा ही नही....उूउउम्म्म्म....

बॉस- अरे...ये तो बता कि उस लड़की के घरवालो का क्या...वो उसे...

रिचा(बीच मे)- वो मैं देख लूगी...अब डिस्टर्ब मत करो...सस्स्रररुउउउप्प्प्प...सस्स्ररुउउप्प्प...

और कुछ देर बाद उस रूम मे चुदाई की आवाज़े गूज़्ने लगी.....
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06-08-2017, 11:05 AM,
RE: चूतो का समुंदर
अंकित के घर....नेक्स्ट मॉर्निंग....


सुबह मेरी आँख खुली तो देखा की 9 बज चुके थे...मतलब आज भी मेघा नही आई...

मैं- इस मेघा से जा कर मिलना होगा...आज ही मिलता हूँ....

मैं रेडी हुआ...पारूल के साथ नाश्ता किया और स्कूल निकल गया....

स्कूल मे मुझे रक्षा मिली और उसने मुझे अपनी एक फ्रेंड से मिलवाया...

मैं तो उससे नॉर्मली मिला बट वो मुझे कुछ खास अंदाज़ मे देख रही थी...बट मैने ज़्यादा ध्यान नही दिया....

मैं- अच्छा...रक्षा...ये बताओ कि तुम्हारी मोम कैसी है...

रक्षा- ठीक है...कल से बिल्कुल ठीक है...

मैं- ओके...चल तू क्लास मे जा अब...

और मैं कॅंटीन मे आ गया...जहाँ मेरे कमीने दोस्त पहले ही आ गये थे...

हमेशा की तरह हमने गप मारी और कॉफी पी कर निकल गये...

घर आते ही मुझे रजनी आंटी का कॉल आ गया....

( कॉल पर)

मैं- हाँ आंटी...बोलो...

रजनी- ह्म..तो आंटी याद है...

मैं- बिल्कुल...आपको क्या लगा...

रजनी- कुछ नही...अब सुन...अभी घर आजा...घर मे कोई नही है...

मैं- आप भी ना...ठीक है...अब आपको मना तो कर नही सकता ...आता हूँ...

मुझे पता था कि रक्षा और अनु अभी स्कूल मे ही है...और पूनम सहर से बाहर...बचा संजू तो वो भी बाहर भटक रहा होगा...मतलब सिर्फ़ रजनी और मेघा ही घर मे है...

चलो...मेघा से मिलने तो जाना ही था...अब रजनी को भी खुश कर दूगा...

यही सोच कर मैं रजनी के घर पहुँचा...पर रजनी बाथरूम मे थी...

मैं तुरंत मेघा के रूम मे चला गया...जो इस समय बेड पर उल्टी लेटी कुछ पढ़ रही थी....

मैने आव देखा ना ताव बस मेघा के उपेर लेट गया....

मेघा- अओउउक्च्छ...कौन है...तुम...

मेघा ने पलट कर देखा तो शांत हो गई...

मैं- ह्म्न..हम ही है...उउउंम्म..

और मैने मेघा को किस कर दी...

मेघा- ये क्या बदतमीज़ी है...निकलो यहाँ से...वरना...

मैं- क्या..बदतमीज़ी...तुमने ही उस दिन....

मेघा(बीच मे)- आइ सेड गेट आउट...नही तो मैं शोर मचाउन्गी...

मैं मेघा का बदला रूम देख कर हैरान था...पर मैं इस टाइम कोई सीन नही बनाना चाहता था...इसलिए वहाँ से निकल गया...

मैं(मन मे)- ये साली तो पलटी मार गई...हुआ क्या इसे...मैं अभी मूड खराब नही करना चाहता ...वरना साली की गान्ड मार देता...कुतिया साली...

मैं गुस्से से तमतमाया रजनी के रूम मे आया तो वो मुझे टवल मे दिख गई....

मैने गेट को लॉक किया और कपड़े निकाल लिए...

रजनी- बेटा ..क्या हुआ...इतनी जल्दी मैं क्यो हो...कुछ हुआ क्या...

मैने रजनी की कोई बात नही सुनी और उसे नंगा करके 1 घंटे तक पूरे ज़ोर से चुदाई की...और पूरा गुस्सा उनकी चूत और गान्ड पर उतार दिया...

रजनी- आअहह ..आज तो मार ही डाला...

मैं- सॉरी आंटी...मेरा मूड थोड़ा गरम था...

रजनी- कोई नही बेटा...मुझे तो तेरे साथ मज़ा ही आता है...तू कैसे भी करे...उउंम..

मैं- लव यू...उउउम्म्म्म...

रजनी- अच्छा...अब रेडी हो जा..तुझे एक बहुत खास बात बतानी है...उस फोटो के बारे मे...जो तूने दिखाई थी....

मैं- अच्छा...तो जल्दी बताओ...

रेडी हो कर आंटी ने मुझे कॉफी पिलाई...

रजनी- कल मैं अपनी कुछ पुरानी पिक्स देख रही थी...उसमे ये पिक भी थी...इसमे तेरे डॅड है...और साथ मे वो भी जिसकी पिक तूने मुझे दिखाई थी...ये देखो....

और आंटी ने 1 पिक मेरे हाथ मे दे दी.....

रजनी- ये देखो...ये उसी की पिक है ना...जो तूने दिखाई थी...

मैं(चौंक कर)- हा...ये वही है...पर ये मेरे डॅड के साथ....कैसे....मतलब मोम के साथ-साथ डॅड भी इसे जानते है...पर ये है कौन...और क्या रिश्ता है इसका मोम-डॅड से.....???????????????
मेरे मन मे अजीब से ख़याल उठने लगे थे ....कौन है ये...जिससे मों ने हेल्प लेने को कहा था....

और डॅड भी इसे जानते है...और डॅड ने मुझे उस दिन......क्या डॅड कुछ छिपा रेज है.. क्या वो....??

मैं(सिर हिला कर)- नही....ऐसा कुछ नही है....डॅड ऐसा क्यो करेंगे....

रजनी- क्या हुआ बेटा....क्या किया तेरे डॅड ने...

मैं- डॅड ने...क्क..कुछ नही...मैं तो ...वो ...

रजनी(मेरा सिर सहला कर)- हाँ...बोल क्या हुआ...कुछ सोच रहा था क्या...

मैं- नही...मैं तो बस ये कह रहा था कि मैं डॅड से इसके बारे मे पूछुगा...पर आप ये बताओ कि ये पिक आपके पास कब आई..मतलब कब ली आपने...

रजनी- पता नही बेटा...पुरानी पिक है...कुछ याद नही आ रहा....और इसका बॅकग्राउंड भी समझ नही आ रहा...वरना कुछ सोचती भी...

मैं- ह्म्म...कोई नही...अब इसका जवाब वही देगे...जो इस पिक मे है....ओके आंटी...मैं चलता हूँ....

रजनी- ओके बेटा...कुछ पता चले तो बताना...

मैं- जी ज़रूर...बब्यए...

और मैं अपने घर निकल आया....घर पहुँच कर मैने कुछ टाइम पारूल के साथ बिताया और फिर शीला को फसाने के लिए प्लान सोचने लगा...
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06-08-2017, 11:05 AM,
RE: चूतो का समुंदर
मैं पारूल के रूम से निकल कर रेखा के रूम मे आ गया....रेखा इस वक़्त मॅक्सी पहने बेड पर डली थी...मुझे देखते ही खड़ी हो गई...

रेखा- सर आप...मुझे बुला लिया होता...

मैं- क्यो..मैं आ गया तो कोई दिक्कत...

रेखा- नही. .पर हरी अभी बाथरूम मे है और आप यहाँ...

रेखा ऐसे शर्मा रही थी जैसे कि मैं उसे चोदने आया हूँ...

मैं- अरे....मैं कुछ काम से आया हूँ...

रेखा(उदास हो कर)- काम से...मुझे लगा कि आप...

मैं(बीच मे)- वो इक्षा भी पूरी होगी...पर पहले मेरा काम...

रेखा- जी कहिए...मैं रेडी हूँ...

मैं- ह्म्म..तो सुनो...

और रेखा को काम समझा कर मैं वहाँ से निकल गया.....

कामिनी के घर.........

मैने सोचा कि चल कर दामिनी और कामिनी का हाल-चल जान लेते है...यही सोच कर मैं कामिनी के घर आ गया....

मैने डोर बेल बजाई को गेट खुलते ही काजल मेरे सामने आ गई...और एक प्यारी सी मुस्कुराहट के साथ मेरा वेलकम किया.....

काजल- वेलकम अंकित...

मैं- क्या बात है...आज वादे प्यार से वेलकम किया जा रहा है...कुछ खास है क्या....???

काजल- हहहे....नही...खास तो आप है...इसलिए...

मैं- ओह..तो तुम्हारी नज़रों मे मैं खास हो गया...कब्से...??

काजल- हमेशा से....बस आपने ही ध्यान नही दिया...

मैं- अच्छा...

काजल- और क्या...आप तो बस काम से आते है...कभी हमारा हाल-चाल भी नही पूछा...तो पता कैसे चलेगा ...

मैं- ओह्ह..अच्छा कामिनी आंटी कैसी है...उनका प्लास्टर निकल गया ना...तो अब पैर का क्या हाल...

काजल(बीच मे)- देखा...आज भी सिर्फ़ मोम का हाल जानने आए...मेरा नही..

मैं- ह्म्म...सही कहा...आज मैं कामिनी और दामिनी जी का हाल पूछने आया हूँ....पर हाँ...तुम्हारा हाल जानने के बाद ही जाउन्गा....ओके....


और मैं मुस्कुरा कर कामिनी के रूम मे चला गया...

मैं- तो कामिनी जी...कैसी हो आप....

कामिनी- अरे अंकित...आओ-आओ...मैं तो ठीक हूँ...पर ये कामिनी से कामिनी जी क्यो...

मैं(मुस्कुरा कर)- कभी-कभी इज़्ज़त दे देनी चाहिए...जैसे आप मुझे देती है...अपनी इज़्ज़त...हाँ...

कामिनी(शर्मा कर)- तुम भी...क्या आज भी इज़्ज़त लेने आए हो...हाँ...

मैं- ह्म्म...आज नही...आज तो बस हाल जानने आया हूँ...और एक सवाल का जवाब लेने..जो मेरे लिए ज़रूरी है...

कामिनी- हाँ पूछो...अब क्या जानना है तुम्हे...

मैं- सोनू के डॅड आपके कौन है...

कामिनी- ये कैसा सवाल है...वो मेरे भाई है...

मैं- अच्छा...तो फिर दामिनी ने जो कहानी सुनाई थी...उसमे तुम तीन बहनो के अलावा इस भाई का ज़िक्र क्यो नही था...क्या ये उसके बाद आया...अगर हाँ तो कहाँ से आया....

कामिनी मुझे देख कर मुस्कुराने लगी...

मैं- ऐसे मुस्कुराने का क्या मतलब...जो पूछा वो बताओ...और सच बोलना....

कामिनी- सच यही है...वो हमारा सगा भाई है...

मैं- तो फिर दामिनी ने...

कामिनी(बीच मे)- पूरी बात सुनो...फिर कुछ बोलना...ओके...

मैं- ह्म...बताओ...

कामिनी- सोनू के डॅड मेरे ही भाई है...असल मे मेरे पिता ने अपने एक रिलेटिव से कह के रखा था कि उनका पहला बेटा वो उन्हे गोद दे देगे...क्योकि उनको कोई औलाद नही थी...

मेरे भाई के जन्म के 2 साल बाद ही उन्होने भाई को रिलेटिव को गोद दे दिया....

फिर हमारे साथ ये सब हादसा हुआ...इसलिए दामिनी ने उसका ज़िक्र नही किया....

पर हमारे मोम-डॅड की मौत के कुछ दिन बाद ही हमारे रिलेटिव भी एक आक्सिडेंट मे मारे गये और भाई अकेला हो गया...

इसलिए फिर हम सब साथ रहने लगे...यही पूरा सच है....

मैं- ओह्ह...तो ये बात थी...

कामिनी(मुस्कुरा कर)- ह्म्म्म ....तुमने क्या सोचा कि इसमे भी कोई राज है...हाँ..

मैं- हाँ शायद..मेरी सोच ही ऐसी हो गई...

कामिनी- ग़लती तुम्हारी नही...तुम्हारे सामने कई ऐसी बातें आई है..इस वजह से तुम हर बात कर शक करते हो...और ये लाज़मी भी है...कोई बात नही...

मैं- ह्म्म..कह तो ठीक रही हो....वैसे पैर कैसा है...कितना टाइम और लगेगा ठीक होने मे...

कामिनी- बस...कुछ दिन मे पूरा ठीक हो जायगा...और तब मैं इज़्ज़त दे पाउन्गी..हहहे...

मैं- अच्छा है...चलो थोड़ा दामिनी को देख लूँ...

फिर मैं दामिनी के रूम मे चला गया...जहाँ वो मोटी नर्स और नौकरानी मुझे देखते ही चोकन्ने हो गये....

मैने एक नज़र उन्हे देखा और फिर दामिनी को देख कर वहाँ से निकल आया...



गेट पर आते ही पीछे से काजल की आवाज़ आई...

काजल- आज भी भूल गये....मेरा हाल पूछने वाले थे आप...ह्म्म्म..

मैं(मुस्कुरा कर)- तुम्हारा हाल कल पूछुगा...पूरे दिन भर ...अभी उतना टाइम नही कि तुम्हारे हाल और चाल को ठीक से देख सकूँ...समझ गई ना...

काजल ने कुछ नही कहा बस शर्मा के नीचे देखने लगी...

मैं(जाते हुए)- कल दिन मे रेडी रहना...बब्यए....
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06-08-2017, 11:05 AM,
RE: चूतो का समुंदर
अंकित के घर पर.......


आकाश ने अंकित से पेपर तो साइन करवा लिए थे ..पर वो अभी भी किसी उलझन मे फसा हुआ था...इसलिए गहरी सोच मे डूबा था ..की तभी उसका फ़ोन रिंग होने लगा.....ये उसी औरत का कॉल था ...

( कॉल पर )

आकाश- हेलो....

औरत- हाँ...काम किया कुछ या दारू ही पीते रहे...

आकाश- हाँ..किया...मैने पेपर्स पर अंकित के साइन ले लिए...

औरत- बहुत अच्छे ...मम्मूउउहहाअ.. 

आकाश- पर....अब इनका करना क्या है...


औरत- तुम तो दिमाग़ से पैदल ही रहोगे...तुम कुछ मत करो...वो पेपर्स मुझे भेज दो बस...

आकाश- तुम्हे...पर तुम करोगी क्या...??

औरत- आचार डालुगी...अरे बेवकूफ़ हो क्या...इन पेपर्स से अंकित की सारी प्रॉपर्टी अब मेरे नाम होगी...हहहे...

आकाश- तुम्हारे ...और मेरा क्या...??

औरत(सकपका कर)- वो..हाँ...मेरे नाम हुई कि तुम्हारे..एक ही बात है ना...क्यो..

आकाश- ह्म्म..तो ये मैं अपने नाम कर लेता हूँ...एक ही बात तो है...

औरत(झल्ला कर)- नही...वो मेरे नाम ही करना...समझे...

आकाश- क्यो...मेरे नाम हुई तो क्या परेशानी...तुम्हारी ही समझो...बीवी हो मेरी तुम...हाँ...

औरत- मैने बोला ना कि मेरे नाम होगी ...बस...

आकाश- नही...अब तो ये मेरी ही होगी...

औरत(गुस्से से)- सहर जाते ही पर निकल आए..हाँ...मेरी बात नही मनोगे...

आकाश- नही...तुम मेरी बात मनोगी...समझी...

औरत- अच्छा...लगता है मुझे आना ही पड़ेगा...

आकाश - तो आ जाओ...करोगी क्या आ कर.. 

औरत- सबको सच बताउन्गी कि तुम हो कौन...फिर देखना की क्या मिलता है...

आकाश- तो बता दो...तुम्हे भी घंटा नही मिलेगा...समझी...

औरत(मन मे)- इसे हो क्या गया...साला मुझसे बहस कर रहा है...खैर, ठंडे दिमाग़ से काम लेना होगा...वरना ये बेवकूफ़ , हाथ मे आई प्रॉपर्टी को दूर कर देगा...

आकाश- तो क्या सोचा....

औरत- अरे जानू...तुम भी ना...हम दोनो मे कोई अंतर है क्या...तुम रखो या मैं...एक ही बात है...

अक्ष- ह्म्म ...अब सही कहा...

औरत- ह्म्म...तो मैं वहाँ आ जाती हूँ..फिर उस साँप के बच्चे को मार देगे...और हमारी ऐश ही ऐश...

आकाश- क्या...पर उसे मारना क्यो...बच्चा है वो...

औरत- तो क्या...उसे तो मारना ही होगा...ये मेरी दिली तमन्ना है...

आकाश(गुस्से मे)- तू तो औरत के नाम पर कलंक है..बच्चे को मारेगी...छी..

औरत- ह्म्म्मू...जैसी भी हूँ , अच्छी हूँ...अब तुम इंतज़ार करो मेरे आने का...और जब तक सम्भल कर रहना...ठीक...अब रखो...

फ़ोन रख कर आकाश गुस्से से लाल हो गया...पर कुछ सोच कर अपने गुस्से को काबू कर लिया...

दूसरी तरफ उस औरत ने फ़ोन रखा और सोचने लगी ...

औरत(मन मे)- लगता है इस पर आकाश का जादू चल गया...अब तो इसे जल्दी ही निपटाना होगा....वैसे भी, आज़ाद की फॅमिली मे किसी को नही छोड़ने वाली मैं....सब मरेगे...सब के सब...



शाम को....धूम नाइट क्लब मे....


मैं बार काउंटर पर खड़ा पेग ही लगा रहा था की शीला मेरे पीछे आ कर खड़ी हो गई....

शीला- एक्सक्यूज मी...तुम आज फिर से...

मैं- क्या मतलब...मैने कहा था कि मैं तुम्हारे पीछे नही...

शीला-ओह्ह..तो कल से अचानक उस क्लब मे कैसे आने लगे...पहले तो नही आए...

मैं- ओह्ह..असल मे मैं बाहर पढ़ता था...और वही से नाइट क्लब की आदत लग गई...यहाँ 3-4 दिन पहले ही आया...तो बस यहाँ के बेस्ट नाइट क्लब मे आने लगा....ओके...

शीला- ओह...सॉरी...मैने कुछ..

मैं(बीच मे)- कोई नही...फ्रेंड्स मे नो सॉरी....

शीला- ह्म्म्मल...हम फ्रेंड्स जो बन गये...सो, नो सॉरी...

मैं- चलो इस दोस्ती को और बढ़ाते है...एक-एक जाम के साथ...

शीला(सीप मार कर)- तो आज भी तुम्हारी सेक्सी की डेफ़िनेशन नही बदली...हाँ...??

मैं- नही...मेरे लिए वही सेक्सी है जो सेक्स करने आ जाए...

शीला(आँखे घुमा कर)- ओह...देन प्रूवेड इट...

मैं- पर कैसे...आइ मीन अभी कैसे...???

शीला- यहाँ कई हॉट लेडी है...इनमे से बताओ कि तुम्हारे हिसाब से सेक्सी कौन है...

मैं- ओके...थोड़ा देखने दो...

मैं कुछ देर पेग पीते हुए वहाँ मौजूद लॅडीस को देखता रहा और फिर मैने 1 लेडी की तरह उंगली दिखा दी...

शीला- वो वाली...वो सिगल पीस ड्रेस मे ..हाँ...

मैं - यस...वही...वो है मेरी नज़र मे रियल सेक्सी लेडी...

शीला- ह्म्म..तो अब प्रूव करो...कि वो तुम्हारे हिसाब से सेक्सी है...

मैं- मतलब..??

शीला- मतलब क्या...सेक्स करो...अगर सेक्स करेगी तभी सेक्सी होगी ना...जैसा की तुम्हारी डेफ़िनेशन कहती है...अबाउट सेक्सी...ह्म..

मैं- ह्म्म..ओके...मैं प्रूव कर दूँगा...पर तुम्हारे लिए प्रूव करने से मुझे क्या फ़ायदा...हाँ..

शीला- फ़ायदा मतलब क्या...तुम अपनी बात प्रूव करोगे और क्या...

मैं- पर किस लिए...तुम्हे दिखाने...पर इसकी ज़रूरत ही क्या है...कोई खास नही...है ना...

शीला- नही...मुझे पता तो चले कि ये सच भी है या दिमाग़ का वहम.है तुम्हारे...

मैं- पर फ़ायदा क्या...कुछ फ़ायदा हो तो आगे बढ़ुँ...बोलो...

शीला- ह्म्म..ओके...तुम प्रूव करो...फिर जो कहो वो मिलेगा...

मैं- अच्छा...सोच लो..कही मैं कुछ ज़्यादा ना माग लूँ..

शीला(मुस्कुरा कर)- ऐसी नौबत नही आयगी...तुम उसके साथ सेक्स कर ही नही सकते...

मैं- तो तुम प्रोमिस करो और कुछ ही देर मे देख लेना...

शीला- प्रोमिस...तुम प्रूव करो...फिर मैं तुम्हारी विश पूरी कारूगी...

मैं- ओके...कीप आइज़ ऑन मी...

और मैं पेग ख़त्म कर के उस लेडी के पास चला गया....और शीला दूर से मुझे देखने लगी.......
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