Porn Sex Kahani पापी परिवार
10-03-2018, 03:18 PM,
#91
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
" तू समझती क्यों नही ..सब मेरी ग़लती नही है ..यार मैने भी वही किया जो इस टीनेज मे सबके साथ होता है "

निम्मी ने अपनी बात जारी रखी

" अशोक को मैं भुला चुकी हूँ ..प्लीज़ निम्मी वापस मुझे कमज़ोर मत कर ..मैं तेरे हाथ जोड़ती हूँ ..मुझे अकेला छोड़ दे "

शिवानी बेड से उठ कर सामने बनी खिड़की की तरफ चली गयी ..बाहर उसे मेन रोड का नज़ारा दिखाई दे रहा था ..रफ़्तार के साथ चेहरे बदलते जाते ..लेकिन उन चेहरो मे जो चेहरा उसे देखना हमेशा से पसंद था वो अब शायद ही उसे कभी दिखाई दे पाता

" सुन ..लेट मी एक्सप्लेन ..हां मानती हूँ ग़लती मेरी भी है ..लेकिन तू ही बता ..जब एक लड़का हज़ार बार किसी लड़की को अपने प्यार का इज़हार करेगा ..घंटो उसकी तारीफो के पुल बाँधेगा ..हर वक़्त बेबसी की दलीलें ..यार फिर मैं कैसे पीछे हट जाती ..आइ मीन लाइफ मे 1स्ट टाइम इतना ज़्यादा अट्रॅक्षन झेला था मैने ..मानती हूँ जान बूझ कर मैने तुझे इग्नोर किया ..बट तू समझ यार एक लड़की कब तक अपनी फीलिंग्स छुपा कर रख सकती है "

निम्मी काफ़ी दिनो बाद सच बोली ..अशोक से मिल कर ही उसने जाना था प्यार क्या होता है ..इन्स्टिट्यूट के बाहर अक्सर दोनो घूमने जाते ..पार्टीस ..मौज मस्ती ..रात के 3 - 3 बजे तक फोन पर बातें करना ..शायद यही रीज़न था जो निम्मी ने शिवानी के सच्चे प्यार पर कभी ध्यान नही दिया और फिर बात यहाँ तक बढ़ गयी कि दोनो मे बेट लगने लगी ..कौन जीतेगा

निम्मी काफ़ी फॅशनबल कपड़ो मे अशोक से मिलने जाती ..सुंदर दिखने के लिए उसने हर वो चीज़ की जिससे शिवानी का पत्ता कट हो सके ..लेकिन दिन पर दिन उसे महसूस होने लगा कि उसका प्यार सिर्फ़ पैसो और उसके बदन पर ज़िंदा है

बात करते वक़्त अशोक की नज़रें हमेशा निम्मी के बूब्स और जाते वक़्त उसकी गांद पर जमी रहती ..घड़ी - घड़ी उसके कोमल बदन को छूना .. फिर चाहे हाथ हो ..गाल हो या चुचियाँ ..एक दिन तो हद हो गयी ..अशोक ने उसे अपने दोस्त के फ्लॅट पर बुलाया और कुछ देर तक प्यार भरे सपने दिखाने के बाद अपना हाथ उसकी स्कर्ट के अंदर डाल दिया

निम्मी इसके लिए बिल्कुल तैयार नही थी ..वो मना कर पाती इससे पहले ही अशोक ने पैंटी के ऊपर से उसकी कुँवारी चूत को सहलाना शुरू कर दिया ..1स्ट टाइम किसी मर्द का हाथ वहाँ तक पहुचा था ..निम्मी टूटने लगी ..खुमारी मे अपना हाथ उसके हाथ पर दबाते हुए ज़ोरों से आहें भरने लगी ..उसने तय कर लिया कि वो अब नही रुकेगी और जैसे ही दोनो के होंठ जुड़े ..अशोक का फोन बजने लगा

" फक !!!! "

तिलमिला कर उसने नंबर. देखा ..जो उसी दोस्त का था जिसके फ्लॅट पर दोनो अभी बैठे थे

" दो मिनट जान ..मैं अभी आया "

इतना कह कर अशोक ने अपने खड़े लंड को जीन्स के ऊपर से मसला और बात करने के लिए दूसरे कमरे मे चला गया

उसके रूम से बाहर जाते ही निम्मी ने अपनी स्कर्ट ऊपर उठा कर ..पैंटी चेक की जो फ्रंट से काफ़ी गीली हो गयी थी

" शिट !!!!! मुझे सूसू आया है शायद "

अंजान निम्मी के कदम बाथ - रूम की तरफ बढ़ गये ..लेकिन दूसरे कमरे के सामने से गुज़रते वक़्त उसने कुछ ऐसी बातें सुन ली जिससे वो तुरंत ही फ्लॅट छोड़ कर अपने घर वापस लौट आई

" अब तुझे क्या हुआ ? "

खिड़की से लौट कर ..निम्मी को ख्वाब मे डूबा देख शिवानी ने पूछा ..उसे बड़ी हैरानी हुई ..निम्मी की आँखों मे गीला पन आ गया था ..हमेशा दूसरो को रुलाने वाली आज खुद रोने वाली है ..शिवानी को झटका लगा

" क ..कुछ नही ..चल आज मैं तुझसे प्रॉमिस करती हूँ ..अब कभी नही लड़ूँगी ..बल्कि एक अच्छी फ्रेंड बन कर रहूंगी "

इतना बोल कर निम्मी वहाँ से जाने लगी ..लेकिन शिवानी ने आगे बढ़ कर उसका रास्ता रोक लिया

" बैठ यहीं ..पहले ये बता तू रो क्यों रही है ? "

उसका हाथ मजबूती से पकड़ कर शिवानी ने वापस उसे बेड पर बिठा लिया

" कोई बात नही है ..मुझे जाने दे "

निम्मी ने अपने आँसुओ को रोकने की भरकस कोशिस की लेकिन वो नही माने ..छलक कर उसके गालो को भिगाना शुरू कर दिया

" कोई तो बात है ..मुझसे मत छुपा ..जब इतने बड़े - बड़े एहसान किए हैं ..तो एक और कर दे "

अनायास ही शिवानी ने उसका लेफ्ट गाल पोंछ दिया ..वो हैरत भरी निगाहों से निम्मी का चेहरा देख रही थी

" अशोक मेरे साथ सिर्फ़ सेक्स करना चाहता था शिवानी ..इसी लिए मैं हमारे लव ट्राइंगल से अलग हो गयी ..चाहती तो तुझे बता देती ..पर शायद तेरा दिल इस बात को नही मानता ..तुझे लगता मेरी कोई नयी चाल है "

सुबक्ते हुए निम्मी ने कहा ..शिवानी को एक और झटका दे कर वो तेज़ी से रोने लगी

" रो मत ..क्या तेरे साथ भी उसने ज़बरदस्ती की ? "

शिवानी ने उसका चेहरा थाम कर कहा

" ह्म्‍म्म्मम !!!!! "

हां मे अपना सर हिला कर निम्मी कंट्रोल नही कर पाई और शिवानी के गले से चिपक गयी ..बड़े दिनो बाद वो रोई थी ..चाहती थी आज उसे संभालने वाला उसे समझे ..वो ऐसी नही जैसी दिखती है ..सिर्फ़ खाल ओढ़ लेने से कोई शेर नही बन जाता ..आन्द्रूनि रूह ही इंसान की सच्चाई का परिचय करवाती है

" जानती थी ..मेरे साथ भी उसने यही किया था ..लेकिन दर्द मुझसे सहा नही गया और मैने आगे कुछ भी करने से मना कर दिया ..शायद ये वजह भी हो सकती है जो उसने तुझे अपने जाल मे फसाया होगा "

शिवानी ने अपनी बात पूरी की ..इस वक़्त उसे बिल्कुल रोना नही आया ..बल्कि उसका चेहरा काफ़ी सीरीयस हो गया था

" सुन तू घर जा ..अब मैं वापस नही जाउन्गि ..यहीं रह कर जॉब करूँगी बट इन्स्टिट्यूट से कुछ ऐसी यादें जुड़ी है ..जो मैं वापस वहाँ नही जाना चाहती "

शिवानी ने उसे खुद से अलग करते हुए कहा ..निम्मी का पूरा चेहरा उसके आँसुओ से तर था ..अपना दुपट्टा उतार कर शिवानी ने उसका फेस सॉफ किया और गालो पर हल्की सी चपत लगा कर मुकुराने लगी

" बड़ी छुपि रुस्तम निकली तू तो ..ऐसे रोएगी तो तेरा ये महेंगा मेक - अप धूल जाएगा ..फिर बाहर लड़को पर बिजली कैसे गिराएगी ..बोल ? "

निम्मी शर्मा कर नीचे देखने लगी ..कभी कभी ग़लतफहमियो के मिटने के बाद बहुत कुछ ऐसा हो जाता है जिसकी आप कतयि उम्मीद नही कर पाते

" छोड़ ये सब ..मैं आज डॅड से बात करूँगी ..शायद उनकी फर्म मे तुझे जॉब मिल जाए ..हमारा फॅमिली बिज़्नेस तो तुझे पता ही है "

निम्मी ने उसकी हेल्प करने का मन बनाया और बेड से उठने लगी ..शिवानी ने भी इस बार उसे नही रोका ..लेकिन निम्मी के मूँह से उसके डॅड का नाम सुन कर वो सकते मे ज़रूर आ गयी

" रहने दे मैं खुद ट्राइ कर लूँगी ..खेर ये बता जब तू इतनी रोट्लु है तो अब तक शेरनी बनी क्यों घूमती रही "

शिवानी की बात सुन कर निम्मी ने अपने दाँत बाहर निकाल दिए ..वो अब काफ़ी नॉर्मल थी

" अपने जिस्म पर गुमान करना सीख ले ..प्यार - व्यार सब फालतू की बातें हैं मैं जान गयी हूँ ..अरे लड़की चाहे तो बाहरवालो को तो छोड़ घरवालो तक की फाड़ सकती है "

जल्दबाज़ी मे निम्मी के मूँह से ग़लत बात निकल गयी ..शिवानी का मूँह भी हैरत से खुला रह गया

" म ..मेरा मतलब है ..घर मे काम करने वाले नौकर ..ड्राइवर माली वगेरा वगेरा ..चल अब मैं चलती हूँ ..कल सुबह मिलने आउन्गि "

निम्मी अपने घबराए चेहरे को छुपा कर तेज़ी से दौड़ती हुई रूम से बाहर निकल गयी

" घरवाले !!!!! "

जाने क्यों शिवानी के चेहरे पर एक शैतानी भरी मुस्कान तैर गयी

" अशोक तू सद - सड़ कर मरेगा "

रूम का गेट लॉक कर शिवानी कमरे के अंदर चली गयी

.

.

.

.

.

हॉस्टिल से बाहर आने पर निम्मी ने चैन की साँस ली

" गॉड ..अच्छा हुआ ये मेरे घरवालो को नही जानती वरना आज तो गजब हो जाता "

निम्मी अक्टिवा स्टार्ट करने लगी ..आज उसने जो भी बातें शिवानी से शेर की थी इसका मतलब तो यही था कि वो जान कर मर्दो को परेशान करती है

" वैसे मैने कुछ ग़लत भी तो नही कहा ..उस दिन डॅड मेरी पुसी लिक्क कर रहे थे ..यहाँ तक की आस होल भी नही छोड़ा ..अगर मैं खुद पर कंट्रोल नही करती तो ..फक !!!!! "

सोचते ही निम्मी को करेंट लगा ..उसके गालो पर लाली छा गयी

" पॅंट के अंदर कितना बड़ा हो गया था डॅड का "

निम्मी की गाड़ी बहेक ने लगी ..रह - रह कर बीता पूरा सीन उसकी आँखों के सामने घूमने लगा

" क्या सच मे डॅड उस दिन मेरे साथ सेक्स कर लेते ..जबकि मैं तो उनकी सग़ी बेटी हूँ "

निम्मी ने खुद से ऐसा सवाल किया जिसका जवाब उसे पता था

" हां - हां कर लेते ..क्यों कि बेटी होने से पहले मैं एक लड़की हूँ ..उन्होने खुद कहा था "

दाँत निकालते हुए वो घर की पार्किंग मे पहुच गयी

" एक और बार ट्राइ करती हूँ ..काफ़ी दिन हो गये मज़े किए "
Reply
10-03-2018, 03:18 PM,
#92
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
अक्टिवा स्टॅंड पर लगा कर वो घर के अंदर पहुचि तो मोम - डॅड कही बाहर जाने के लिए तैयार खड़े मिले

" ओह ओ !!!!! घूमना हो रहा है "

अपने नॉटी अंदाज़ मे उसने पूछा

" चुप कर पागल ..एक फंक्षन मे जा रहे हैं "

कम्मो ने जवाब देते हुए उसके गाल मसल दिए

" डॅड मैं भी चलु "

हलाकी उसे कहीं नही जाना था फिर भी अड़ंगा देने की गर्ज से उसने पूछा ..दीप कयि दिनो बाद कामो के साथ बाहर जा रहा था ..दोनो बाप बेटी भी काफ़ी अरसे बाद आमने सामने आए थे ..या यूँ कहें उस के दिन उनकी पहली मुलाक़ात थी

दीप ने एक नज़र अपनी छोटी बेटी को देखा और फिर मूँह फेर कर घर से बाहर निकल गया ..निम्मी शॉक्ड रह गयी ..कहाँ अपने सभी बच्चो मे दीप का सबसे ज़्यादा लगाव निम्मी से था और आज कितनी बुरी तरह से उसने उसे नेग्लेक्ट कर दिया

" हुहह !!!!! "

पाव पटकती हुई निम्मी अपने रूम की तरफ चल दी ..कम्मो ने उसे पुकारा ..लेकिन ना तो उसने एक नज़र पलट कर अपनी मा को देखा और ना ही रुकी

" भड़ाआअक्कक !!!!! "

इस ज़ोरदार आवाज़ के साथ उसके कमरे का गेट बंद हो गया

" ये लड़की कभी नही सुधरेगी "

खुद से बातें करती हुई कम्मो भी घर से बाहर निकल गयी .....

.

क्रमशः..........................
Reply
10-03-2018, 03:18 PM,
#93
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
पापी परिवार--31

" सुनो बहू से मिलने जा रहे हैं ..कुछ साथ ले कर जाना चाहिए ..अगर रिश्ता तय हो गया तो मूँह दिखाई भी तो देनी पड़ेगी "

कार मे बैठे ही कम्मो ने कहा ..दीप ने बिना कुछ कहे गियर डाला और दोनो मेन रोड पर निकल आए

" कहाँ आप निम्मी की बात पर नाराज़ हो गये ..बच्ची है ..देखना एक बार बहू घर मे आ जाएगी फिर सब सम्हल जाएगा ..वैसे भी तनवी विदेश रही है ..इस हिसाब से तो दोनो की बहुत पटरी खाएगी "

कम्मो ने दीप की नाराज़गी दूर करने की कोशिश की ..लेकिन अब भी वो शांत बैठा कुछ सोच रहा था ..काफ़ी देर बाद उसने अपना मूँह खोला

" क्या ले कर जाना चाहिए ..कोई कपड़े या ज्यूयलरी ? "

आख़िर - कार दीप ने कार को एक शॉपिंग माल की पार्किंग मे रोक कर कहा

" मेरे ख़याल से तो एक अंगूठी ले लेते हैं और उसके साथ साड़ी भी ठीक रहेगी "

कम्मो ने अपनी पसंद ज़ाहिर की

" यही सोच कर मैं सोनी की दुकान पर आया हूँ ..साड़ी भी माल मे मिल जाएगी "

कार से उतर का दोनो माल लिफ्ट मे एंटर हो गये और कुछ ही पलो मे वो ज्यूयेलर सोनी की शॉप के सामने थे

" और सोनी जी कैसे हो ? "

शॉप के अंदर आते ही डीप ने अपने मित्रा का हाल - चाल पूछा

" अरे दीप बाबू ..आहो भाग्य हमारे ..आइए भाभी जी ..अंदर आइए "

सोनी काउंटर से बाहर निकल आया ..दीप से गले मिलने के बाद उसने कम्मो को भी स्वागत किया

" कैसे हैं भाई साब ? "

कम्मो ने जवाब मे कहा

" मैं तो एक दम ठीक हूँ ..आप लोगो को याद करते हुए वक़्त काट रहा है ..लेकिन दीप बाबू तो जैसे अपने मित्र को भूल ही गये ..आज कल इनके दर्शन बेहद दुर्लभ हो गये हैं "

सोनी ने दोनो मिया - बीवी को सोफे पर बिठाया और उनके चाइ नाश्ते का इंतज़ाम करवाने लगा

" कुछ नही सोनी जी ..मैं बिज़्नेस मे बिज़ी हूँ और मेडम घर सँभालने मे ..याद तो मुझे सब है लेकिन इधर कम ही आना हो पता है "

दीप ने झूठी स्माइल दे कर कहा ..इस वक़्त कुछ भी तो उसके मन मुताबिक़ नही हो रहा था

" तो बताइए आज कैसे आना हुआ और भाभी जी आप को कर्धनि पसंद आई कि नही ? "

इधर - उधर की बातों से निपट कर सोनी सीधा मुद्दे पर आ गया

" कर्ध्नी ? "

एक साथ दोनो चौंक पड़े ..दीप कम्मो के चेहरे को देखने लगा और कम्मो दीप के

" हां बेटा निकुंज आया था 3 - 4 दिन पहले ..होने वाली बहू भी साथ थी ..जाते वक़्त आप के लिए एक कर्ध्नी पॅक करवाई ..लेकिन मुझे लगता है अब तक गिफ्ट दिया नही उसने "

सोनी को भी आश्चर्य हुआ ..बात 3 - 4 दिन पुरानी हो चली थी ..फिर भाभी क्यों गिफ्ट से अंजान हैं ..लेकिन यहाँ उसने ये बात छुपा ली कि निकुंज ने बहू के लिए भी सेम आइटम लिया था

" अच्छा !!!!! चलो कोई बात नही ..मा - बेटे के बीच का प्यार है ..हो सकता है सर्प्राइज़ कुछ दिन रुक कर देना चाहता हो "

दीप ने बीच मे आ कर बात काट दी ..उसे एक शरम सी महसूस हुई ..तनवी के साथ उसके बेटे की इतनी हिम्मत ..कि उनके फॅमिली ज्यूयेलर के पास चला आया ..वहीं सबसे ज़्यादा हैरत मे पड़ी कम्मो ..शॉप पर बैठे होने के बाद भी उसके दिमाग़ मे सिर्फ़ निकुंज ही घूम रहा था

" धात तेरे की ..मैं भी कितना मूरख हूँ ..सर्प्राइज़ गिफ्ट का पूरा मज़ा किरकिरा कर दिया ..खेर एक बात ज़रूर कहूँगा ..निकुंज जैसा बेटा पा कर आप धन्य हो गये दीप बाबू ..पता है भाभी जी क्या कह रहा था वो ...... "

सोनी बोलते - बोलते रुक गया ..कम्मो अधीर हो उठी ..क्यों कि सोनी का संबोधन उसके लिए था

" क्या कह रहा था ? "

हल्की मुस्कुराहट के साथ कम्मो ने पूछा

" कह रहा था ..जब से जॉब स्टार्ट की है आज तक घर के लिए कुछ नही किया ..तभी तो उसने ख़ास आप के लिए कर्ध्नी गिफ्ट करवाई ..ईश्वर ऐसी काबिल औलाद सब को दे "

सोनी ठहरा व्यापारी ..उसे तो हर ग्राहक को मक्खन लगाना था ..दोस्ती ..रिश्तेदारी अपनी जगह और दुकानदारी अपनी जगह

कम्मो की छाती गर्व से फूल गयी ..निकुंज उसे कितना प्यार करता है सोच - सोच कर वो दोहरी होती जा रही थी ..उसने बीते शक़ के लिए खुद को धिक्कारा और अपने बेटे के लिए उसके दिल मे असीम प्रेम उमड़ पड़ा ..हादसा मानते हुए लगे हाथों उसने निकुंज को माफी भी दे दी

दीप को ना तो सोनी की बातों मे इंटेरेस्ट आ रहा था ना ही कम्मो के खुश होने मे ..फिर भी नॉर्मल मुस्कान के साथ उसे सोनी का शुक्रिया अदा करना पड़ा

" चलिए ये तो तय है कि आप आज बहू के लिए गहने खरीदने आए हैं ..तो बताइए शुरूवात कहाँ से की जाए ? "

सोनी सोफे से उठ कर काउंटर के अंदर चला गया ..जैसे ही उसने दराज़ मे अपना हाथ डाला ..दीप की आवाज़ सुन कर रुक गया

" नही आज पूरी शॉपिंग नही करनी ..बस बहू से मिलने जा रहे थे ..इनका विचार हुआ साथ मे अंगूठी या साड़ी ले जाना ठीक रहेगा ..इसलिए आ गये "

पहली बार दीप के मूँह से तनवी के लिए बहू शब्द निकला ..या यूँ कह लीजिए अब वो भी मान गया था कि तनवी को उसके घर मे आने से कोई नही रोक सकता

" छोटू !!!!! वो मिश्रा जी की शॉप पर चला जा और कहना 330 नंबर. के 4 - 5 बढ़िया पीस निकाल दें "

सोनी ने दुकान के नौकर को समझाया और दूसरी दराज़ मे हाथ डाल ..अंगूठियों का बॉक्स निकाल कर काउंटर - टेबल पर रख दिया

" आइए भाभी जी ..पसंद कर लीजिए ..और आप के मन मुताबिक़ 4 - 5 महनगी साड़ी भी यहीं मंगवा दी हैं "

सोनी के कहने पर कम्मो सोफे से उठ कर काउंटर - चेर पर बैठ गयी ..क़ायदे से तो दीप को भी उसके साथ आना चाहिए था ..लेकिन वो किसी सपने मे डूबा वहीं बैठा रहा

" लगता है दीप बाबू थोड़े परेशान हैं "
Reply
10-03-2018, 03:18 PM,
#94
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
दीप की मनोदशा सोनी एक पल मे ताड़ गया ..हलाकी उसकी बात सिर्फ़ कम्मो के कानो मे पड़ी ..लेकिन उसने कुछ ना कहते हुए जल्दी - जल्दी अंगूठियों को देखना शुरू कर दिया ..जानती थी दीप का मूड तो घर से निकलने के पहले ही खराब हो गया था और तब तक नौकर भी साड़ी का बंच ले कर वापस लौट आया

ब्लू साड़ी पसंद करने के बाद कम्मो ने रिंग भी लगभग सेम मॅचिंग की चूज़ कर ली

" देखिए ये कैसी रहेगी ? "

दीप की तंद्रा तोड़ते हुए उसने दोनो आइटम उसे दिखाए और फिर ज़्यादा ना रुकते हुए दोनो शॉप के बाहर निकलने लगे

" आते रहिएगा "

सोनी ने स - सम्मान उन्हे विदा किया और पति - पत्नी माल से वापस मेन रोड पर आ गये

" फोन कर दो भाई साब को ..एक दम से किसी के घर जाना ठीक नही लगता "

कम्मो के कहने पर दीप ने जीत को कॉल किया और 20 मिनट. से बंगले पर पहुचने की सूचना दे दी

.

.

.

.

.

वहीं जीत के घर हालात आज भी सेम थे ..किचन मे खड़ी तनवी शाम की कॉफी बना रही थी और हॉल के सोफे पर बैठा जीत ईव्निंग कॉफी का इंतज़ार कर रहा था

फोन पर बात होने के बाद जीत फॉरन हरक़त मे आया और दौड़ कर किचन मे पहुच गया

" डॅड आप को बिल्कुल भी सबर नही ..फिर आ गये ..अभी तो इसे बिठाया था "

दोनो बिल्कुल नंगे थे ..तनवी ने उसके बैठे लंड पर अपने हाथ से चपत लगा कर कहा

" नही ..वो दीप का कॉल आया है ..20 मिनट. से घर आ जाएगा "

जीत ने उसे किचन के अंदर आने की वजह बताई

" तो क्या हुआ ..आज ससुर जी के साथ भी थोड़ी मस्ती कर लूँगी "

तनवी मुस्कुरा कर बोली ..जहाँ एक तरफ जीत थोड़ा घबराया सा था ..वहीं उसकी बेटी के चेहरे पर इस बात से शिकन तक नही आई

" मज़ाक छोड़ तनवी ..भाभी भी उसके साथ हैं ..शायद दोनो शादी की बात फाइनल करने आ रहे हैं "

तनवी का हाथ अपने लंड से अलग कर जीत कपड़े पहनने की गरज से बाहर जाने लगा और अगले ही पल तनवी ने उसे रोक लिया

" डॅड टेन्षन मत लो ..ये रिश्ता हो कर रहेगा ..फिर चाहे किसी को प्राब्लम हो या ना हो ..अभी वक़्त है उन्हे आने मे ..कॉफी पी कर रेडी हो जाएँगे "

बरनर ऑफ करते हुए तनवी ने दो कप कॉफी से भर लिए और जीत के साथ हॉल मे आ गयी

" डॅड क्या पहनु ..वेस्टर्न या ट्रडीशनल ? "

कॉफी की चुस्की ले कर तनवी ने पूछा ..उसे इस तरह रिलॅक्स देख जीत हैरानी से भर गया

" साड़ी पहेन ना तो तुझे आती नही ..जल्दी से कॉफी ख़तम कर और एक सिंपल सा सलवार कमीज़ पहेन ले "

अभी भी जीत के मुरझाए चेहरे पर तनवी को काफ़ी टेन्षन दिखाई दे रही थी ..उससे रहा नही गया और वो सोफे पर सरक्ति हुई बिल्कुल जीत से सॅट कर बैठ गयी

" डॅड एक बात कहूँ ..दीप अंकल मुझे अपने घर की बहू नही बनाना चाहते और बनाएँगे भी क्यों ..मेरा चरित्र जो उनके सामने आ गया है ..लेकिन मैं हार नही मान ने वाली ..मेरी पहचान जान ने से पहले तो उनका रोम - रोम तड़प रहा था मुझे पाने के लिए ..यहाँ तक कि उन्होने एक बाप से उसकी बेटी को सेक्स के लिए राज़ी करने को बोला दिया ..लेकिन जैसे ही उनकी आँखों ने मेरी तस्वीर देखी होगी ..उनका मन बदल गया ..डॅड अगर वो मुझे बहू के रूप मे स्वीकार करना चाहते होते तो अब तक आप को हां कर दिया होता ..इस तरह बात को नही टालते "

तनवी एक साँस मे अपनी बात कह कर चुप हो गयी ..फिर कॉफी का लोंग सीप ले कर उसने वापस बोलना शुरू किया

" डॅड मैने उनकी आँखों मे एक अलग किस्म का वहशिपन देखा ..जो अक्सर सेक्स के प्रति ज़्यादा रुझान रखने वालो मे पाया जाता है ..जाने क्यों मन नही मानता कि उनकी बेटियाँ अब तक कुँवारी बची होंगी या नही ..नज़रों का क्या है ..जब खराब हो जाएँ तो रीलेशन'स की कोई वॅल्यू नही रह जाती ..आप टेन्षन मत लो ..निकुंज मेरी मुट्ठी मे क़ैद है ..अगर चाहु तो दो मिनट. मे अंकल को भी अपने बस मे कर सकती हूँ ..लेकिन नही ..उन्होने मेरे साथ आपकी बचपन की दोस्ती पर भी उंगली उठाई है ..अगर तडपा - तडपा कर इसका बदला नही लिया तो मेरा नाम तनवी नही ..इल्ज़ाम देने से पहले इंसान को अपने गिरेबान मे झाँक कर देखना चाहिए कि आप खुद कितने पानी मे है "

इतना कह कर उसने खाली कप उठा लिए और किचन की तरफ जाने लगी

" बेटा इन सब बातों से तेरा हस्ता - खेलता फ्यूचर बर्बाद हो जाएगा ..ज़रूरी नही तेरी शादी उसी घर मे हो ..याद रख बदला हमेशा दो तरफ़ा वार करता है ..जिससे लिया जाए वो तो नष्ट होता ही है साथ ही लेने वाला भी उसकी चपेट से नही बच पाता ..एक बाप होने के नाते तो मैं यही सलाह दूँगा कि बीती बातें भूल जा और सब किस्मत पर छोड़ दे ..बदले की भावना रखने से केवल दुख हासिल होता है "

जीत बेड रूम की तरफ बढ़ते हुए बोला ..आज उसे अपनी बेटी का नया रूप देखने को मिला ..हमेशा खुश रहने वाली लड़की की आँखों मे उसने शोले उबलते देखे ..जाने आगे क्या होना है ..लेकिन उसके दिल से तो अपनी बेटी के सुखी जीवन के लिए दुआ ही निकली ..बाप है बद्दुआ तो दे नही सकता

.

.

.
Reply
10-03-2018, 03:18 PM,
#95
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
अगले 5 मिनट मे जीत रेडी हुआ और बेहद ढीला - ढाला सफेद कुर्ता पाजामा पहेन कर वापस हॉल मे लौट आया

" तैयार होज़ा तनवी वो लोग आते ही होंगे "

बेटी को सोच मे डूबा देख उसने उसे समझाया ..जाने क्यों अब उसकी चिंता ने डर का रूप ले लिया था

" डॅड एक लास्ट बात कहनी है ..दीप अंकल के सामने घबराना मत ..एक दम नॉर्मल रहना ..जैसे आप को कुछ मालूम ही ना हो ..बाकी सब मुझ पर छोड़ दो ..आज वो यहाँ से रिश्ता क़ुबूल कर के ही वापस जाएँगे "

तनवी ने सोफे से उठ कर कहा ..जीत के सामने पहुच कर उसके होंठो को चूमा और बेड - रूम की तरफ बढ़ गयी

.

.

.

.

ठीक 10 मिनट बाद घर का मेन डोर नॉक हुआ ..जीत ने एक नज़र बेड रूम की तरफ देखा और सब कुछ सही जान कर गेट खोलने के लिए आगे बढ़ गया

" आओ आओ ..नमस्ते भाभी "

दीप से गले मिलने के बाद उसने कम्मो को भी ग्रीट किया और तीनो घर के अंदर आ गये

" इतने दिनो से कहाँ था भाई ..ना कोई खोज ..ना खबर "

फेस पर नॉर्मल एक्सप्रेशन लाते हुए जीत ने पूछा ..हलाकी अभी उसके दिल की धड़कने काफ़ी रफ़्तार से दौड़ रही थी ..लेकिन बेटी के रिश्ते के खातिर उसने खुद पर कंट्रोल बनाए रखा

" कुछ नही ..बस थोड़ा अफीशियल कामो मे बिज़ी था "

जवाब मे दीप ने उसे घूर कर देखा ..रिश्ते से ना - खुश आज उसे अपने बचपन का दोस्त भी दुश्मन बराबर लग रहा था

" भाभी आप को पहचान पाना बेहेद मुश्क़िल है "

जीत ने दीप की फीलिंग ताड़ कर अपना ध्यान कम्मो की तरफ मोड़ने की कोशिश की ..तनवी का कहा एक - एक शब्द सच साबित हुआ था

" कहाँ !!!!! वैसी ही तो हूँ ..हां बुढ़ापा ज़रूर आ गया है "

कम्मो ने स्माइल दे कर कहा ..आज 25 सालो बाद वो जीत को वापस देख रही थी ..ढूंडली यादों का पीछा करते हुए उसने बीते वक़्त से आज के जीत का मिलान किया ..जिसमे चेंजस ना के बराबर दिखाई दिए

" नही भाभी !!!!! मुझे लगता है आप क़ी जगह ये बूढ़ा होने लगा है "

जीत की बात पर तीनो हँसने लगे ..लेकिन यहाँ दीप की हसी बनावटी थी

" बहू कहाँ है ? "

कम्मो की नज़र ने पूरे घर का मुआएना किया ..सामने की दीवार पर उसकी आँखें जीत की मृत पत्नी ( रश्मि ) की तस्वीर पर आ कर रुक गयी और वो सोफे से उठ कर उस तस्वीर के नज़दीक जाने लगी

" रश्मि ..तनवी की मा "

जीत ने कम्मो को तस्वीर की तरफ जाते देख कहा

" इन्होने बताया था ..सुन कर बेहद दुख हुआ "

कुछ देर तस्वीर को निहार कर कम्मो ने तनवी का चेहरा इमॅजिन किया ..हलाकी दीप के सेल मे उसकी रीसेंट फोटो वो देख चुकी थी फिर भी खुद को तारीफ़ करने से नही रोक पाई

इसी बीच बेड - रूम का गेट खुला और पिंक सलवार कमीज़ पहेने तनवी हॉल मे आने लगी ..बेहद धीमी चाल ..सर पर दुपट्टा ..लाइट मेक - अप ..ज़रूरत के हिसाब की ज्यूयलरी ..कुल मिला कर पहली ही नज़र मे उसने कम्मो का दिल जीत लिया

ट्रडीशनल बिहेवियर दिखाते हुए जीत सोफे से उठ कर खड़ा गया ..कम्मो भी उनके करीब पहुच गयी

" प्रणाम अंकल जी "

पास आते ही तनवी ने दीप के पैर छुये ..बाकी लोगो की मौजूदगी मे उसे भी आशीर्वाद स्वरूप तनवी के बालो पर अपना हाथ फेरना पड़ा

इसके तुरंत बाद तनवी कम्मो के आगे झुकी ..लेकिन उसने तनवी को अपने सीने से चिपका लिया

" भाई साब बहू की ज़रूरत का समान पॅक करवा दीजिए ..हम इसे आज ही अपने साथ ले जाएँगे ..क्यों जी ठीक कहा ना मैने ? "

कम्मो ने तनवी का माथा चूम कर कहा ..अपने बेटे के लिए इतनी सुंदर और शुशील पत्नी पा कर उसकी खुशी का कोई ठिकाना नही था

" हां हां क्यों नही ..भाई जीत तेरी भाभी को इसी लिए यहाँ लाया था ..बड़ी ज़िद कर रखी थी ..बहू से मिलना है ..बहू से मिलना है ..अब जब होम मिनिस्टर ने तनवी को पसंद कर लिया है ..तो मेरी तरफ से भी हां हुई "

दीप सोफे से उठ कर जीत के गले मिला और अपने हाथ मे पकड़ा गिफ्ट पार्सल उसने कम्मो को थमा दिया

" ये लो बेटी हमारी तरफ से मूँह दिखाई ..अब घर के बड़े बुज़ुर्ग तो यहाँ हैं नही ..तो सब हमारा ही फ़र्ज़ बनता है "

कम्मो ने पॅकेट तनवी के हाथो मे दे कर कहा ..जीत की चिंता पूरी तरह से ख़तम हो गयी और उसकी आँखें रश्मि की तस्वीर को देखने लगी ..शायद पत्नी से किया वादा अब जल्द ही पूरा होने वाला था

" बेटी तनवी ..मूँह मीठा कर्वाओ सब का "

जीत के कहने पर तनवी सक्रिय हो गयी और कुछ ही पलो बाद वहाँ खुशी का जश्न मनाया जाने लगा

" यार कम से कम अपना घर तो दिखा दे "

खा - पी कर दीप ने जीत से कहा ..जीत ने फॉरन तनवी के चेहरे को देखा तो उसकी बेटी ने इशारे से उसे कुछ समझाया

" भाई अब तो अपनी बहू से ही अपनी सेवा करवा ..क्यों भाभी ? "

इशारा समझते ही जीत ने कम्मो से पूछा

" हां हां क्यों नही ..जाइए आप घर देखिए जब तक हम शादी की तैयारियों का सोचते हैं ..भाई साब जल्दी ही किसी अच्छे पंडित से शुभ मुहूर्त निकलवाना चाहिए ..मुझसे तो बिल्कुल सबर नही होगा "

हॉल मे एक और ठहाका गूंजा लेकिन जब तक दीप तनवी के साथ घर देखने मे व्यस्त हो गया ..ये तो मात्र एक बहाना था ..दीप खुद चाहता था कि अकेले मे कुछ देर तनवी के साथ बातें कर सके

" वाउ !!!!! गार्डेन भी है ..इसे तो मैं ज़रूर देखूँगा "

हॉल मे वापस लौट कर दीप ने कहा ..अब एकांत मे जाने के लिए यही आख़िरी ऑप्षन बचा था

" तो देख ले ना ..तेरा ही तो घर है "

कम्मो के सामने जीत की अनुमति मिलते ही दोनो गार्डेन की तरफ चल पड़े ..किसी भी प्रकार के शक़ से बचने के लिए जीत और कम्मो की अनुमति लेना ज़रूरी था

" अंकल आप मुझे यहाँ क्यों लाए हैं ? "

गार्डेन मे पहुचते ही तनवी ने कहा ..टॉपिक स्टार्टिंग मे उसे यही क्वेस्चन करना उचित लगा

" इतनी भोली मत बन तनवी ..मैं तो कतयि तुझे बहू स्वीकार नही करूँगा ..बस अपनी बीवी और बेटे के कारण मुझे झुकना पड़ा वरना तू कभी मेरे घर की चौखट नही चढ़ पाती "

दीप ने अपने अंदर भरी भडास बाहर निकालते हुए कहा

" उस वक़्त कहाँ थी आप की बातें जब मुझसे अपना लंड चुस्वा रहे थे ..बड़ा प्यार आ रहा था उस टाइम तो ..याद हैं खुद के शब्द .. ' अब लंच कब कर्वाओगि ' "

तनवी ने भी ईट का जवाब पत्थर से दिया
Reply
10-03-2018, 03:19 PM,
#96
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
दीप :- " उस वक़्त मुझे कहाँ पता था कि तुम जीत की बेटी हो "

तनवी :- " पता चल भी जाता तो भी मेरे साथ सेक्स करते ..अंकल ये जिस्मानी भूक है ..इसे जितना रोको उतनी ही बढ़ती है "

दीप :- " तुझे शायद मुझसे ज़्यादा पता है "

" ज़रूरी नही जानकारी होने से मैं रंडी बन गयी ..आज भी वर्जिन हूँ ..चाहें तो सामने बने स्टोर रूम मे चेक कर सकते हैं "

तनवी की इस जवाब से दीप निरुत्तर हो गया ..अपलक कुछ देर तक उसकी आँखों मे देखता रहा

" तनवी मैं बाहर की लाइफ कैसी भी जीता हूँ लेकिन मेरे घर मे ऐसा माहॉल नही ..मेरी दो बेटियाँ हैं ..निकुंज से छोटी ..बस डर इतना सा है ..कहीं...... "

इसके आगे दीप के शब्द नही निकले ..एक तरह से उसने अपना सच तनवी पर ज़ाहिर कर दिया

" फिकर ना करें ..कुछ ग़लत नही होगा ..घर मे जैसे सब रहते हैं मैं भी रहूंगी ..अब वापस चलिए हम काफ़ी देर से यहाँ हैं "

तनवी ने उसका हाथ अपने दोनो हाथो के बीच रखते हुए कहा ..जैसे उसे इस बात का विश्वास दिला रही हो

" देखता हूँ कब तक सब सही रहता है "

शंकित मन से दीप घर की तरफ लौटने लगा और वहीं तनवी के चेहरे पर विजयी मुस्कान तैर गयी ....
Reply
10-03-2018, 03:19 PM,
#97
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
पापी परिवार--32

कुछ देर इधर उधर की बातें करने के बाद दीप और कम्मो ने घर वापस लौटने का फ़ैसला किया

" भाई साब चाहती तो हूँ अभी हाल बहू को अपने साथ ले जाउ ..लेकिन हम इंतज़ार कर लेंगे ..अब ये हमारी अमानत बन कर रहेगी आप के पास !!!!! पंडित जी से बात होने के बाद अगला जो भी शुभ मूहूर्त होगा ..शादी उसी दिन होगी "

कम्मो ने आधी बात जीत और आधी दीप के चेहरे को देख कर कही ..तनवी हॉल से निकल कर अपने बेड - रूम जा चुकी थी ..लेकिन उसके कान बाहर से आती आवाज़ें सुनने से खुद को रोक नही पाए

" लेकिन भाभी ..तैयारियाँ !!!! "

जीत की बात बीच मे काट कर दीप ने उसे चुप करवा दिया

" फिकर मत कर ..मेरा काम ही इवेंट से जुड़ा हुआ है ..छोटा सा अरेंज्मेंट कर लेंगे ..सेलेब्रेशन मे कोई 15 - 20 मेंबर शामिल होंगे मेरी तरफ से ..बाकी तू देख लेना जिन्हे इन्वाइट करना हो ..साथ मे बच्चो के मन की भी हो जाएगी "

दीप की बात दोनो को भा गयी और इसके तुरंत बाद ..विदा ले कर पति - पत्नी जीत के घर से रुखसत हो गये

.

.

.

.

.

दीप काफ़ी स्लो ड्राइविंग कर रहा था और कम्मो खुशी मे डूबी चुप - चाप उसके बगल मे बैठी थी

" इस लड़के को शरम आनी चाहिए कम्मो ..हिम्मत कैसे हुई मेरे इतने ख़ास दोस्त की शॉप पर तनवी को अपने साथ ले जाने की ..अरे सोनी जी क्या सोच रहे होंगे ..रिश्ता हुआ नही और बेशर्मी से घूमना - फिरना शुरू कर दिया "

फ्रस्ट्रेशन की आग मे जलते हुए दीप ने अपने बेटे को भी इसकी चपेट मे ले लिया ..नाराज़गी का कोई वाजिब रीज़न नही पर उसे निकुंज पर बेहद गुस्सा आ रहा था

वहीं कम्मो सपने से हक़ीक़त मे आते ही चौंक गयी ..इस तरह के लफ्ज़ उसने दीप के मूँह से कभी नही सुने थे ..ख़ास कर अपने बच्चो के लिए

फॉरन उसकी थयोरियाँ चढ़ गयी ..आख़िर उसके सबसे प्रिय बेटे को बदनाम किया जा रहा था

" ये क्या बात हुई ..अब वो ज़माना नही रहा ..जब लड़का - लड़की इंतज़ार करते थे शादी होने तक ..अरे घूम ही तो रहे थे ..फिर इसमे इतना नाराज़ होने वाली क्या बात है ? "

कम्मो भी सेम टोन मे बोली

" तो क्या आरती उतारू ..दुनिया भर की जगह हैं ..फिर ज़बरदस्ती मुझे नीचा दिखाने वाले काम क्यों करता है ? "

दोनो के बीच महायुद्ध सा छिड़ गया ..दीप अपनी दलीलें पेश करता और बचाव मे कम्मो भी पीछे नही हट - ती ..बातों ने अब लड़ाई का रूप ले लिया था

दीप :- " तुम्हारे इसी लाड प्यार का नतीजा है जो मैं बच्चो पर कभी कंट्रोल नही कर पाया "

" रहनो दो जी ..आप भी जवानी मे बिल्कुल ऐसे ही थे ..मेरी कोख को मत कोसिए ..मैने कभी नही चाहा बच्चे हद्द से बाहर जाएँ ..खुद की लाडली के करम नही दिखाई देते ..जो मेरे बेटे की छोटी सी नादानी का इतना बड़ा बतंगड़ बना कर रख दिया "

निकुंज के साथ कम्मो ने निम्मी को भी मैदान मे घसीट लिया

" निम्मी ने ऐसा क्या कर दिया ..बताना ज़रा ? "
Reply
10-03-2018, 03:19 PM,
#98
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
इस ज़ोरदार जंग के बीच ..कार रोड के लेफ्ट साइड पार्क हो चुकी थी ..निम्मी का नाम कम्मो की ज़ुबान पर आते ही दीप खुद के कंट्रोल को खोने लगा ..जैसा मा का लाड़ला निकुंज वैसे ही बाप की लाडली निम्मी

वहीं एक तरीके से कम्मो अपनी छोटी बेटी के बिगड़ने का इल्ज़ाम अपने पति पर लगा चुकी थी

" छुपाओ मत ..जो उस दिन निम्मी के कमरे मे हुआ वो आप ने भी देखा था ..मैं चाहती तो डाट - डपट के उसे सुधारती ..लेकिन बच्चे प्यार से मानते हैं ..आप तो दिन - दिन भर घर से बाहर रहते हो ..मुझसे पूच्छो मैने क्या नही झेला ..जैसे - जैसे बड़ी होती जा रही है उसके कपड़े उतने ही छोटे होते जा रहे हैं ..कमरे का दरवाज़ा खुला हो या बंद ..24 घंटे नंगी पड़ी रहती है ..कोई शरम नही कि ठीक बगल वाला कमरा उसके माता - पिता का है ..एक जवान भाई भी साथ रहता है घर मे ..मैं तो अपनी जवानी मे ऐसी नही थी ..ना अभी हूँ ..कल को उसकी शादी होगी ..ससुराल वाले तो सीधे उसकी मा को ही दोष देंगे ..ये नही सिखाया ..वो नही सिखाया ..2 दिन मे तलाक़ हो जाएगा ..चलो माना मॉर्डन ज़माना है ..लेकिन हर चीज़ की आती भी तो बुरी ही होती है ..राक्षसो जैसे रात - रात भर जागना और दिन भर सोना ..ना पढ़ाई का अता - पता ..कभी गौर किया आप ने ..बेटी कहाँ जा रही है, किसके साथ है, घर लौटी भी या नही ..उसके कॉलेज तक तो गये नही आज तक ..निक्की भी तो हमारी ही औलाद है ..उसके चाल - चलन पर किसी ने टोका है आज तक ..सिर्फ़ घर की चार दीवारी मे अपनी ज़िंदगी सिमटे हुए है ..सब कुछ सह लेती मैं ..लेकिन पता है एक दिन आप की लाडली ने मेरे रघु....... "

बस इसके आगे कम्मो का गला रुंध गया ..एक लफ्ज़ भी बाहर नही निकल सका ..आँसू बह कर उसके गालो को भिगोने लगे और तुरंत ही साड़ी के पल्लू से उसने अपना रोता चेहरा छुपा लिया

दीप हैरान रह गया ..इस तरह से उसकी बीवी ने उसे ..आज तक नही झकझोरा था ..उसकी आँखें फटी की फटी रह गयी

" यानी कम्मो जानती है उस दिन मैं कमरे के बाहर खड़ा था ..लेकिन मुझे इसकी भनक तक नही लगने दी "

दीप उसके एक - एक शब्द पर गौर करने लगा

" निम्मी !!!!! "

सहसा उसके जहेन मे बेटी की असली तस्वीर उतर गयी ..हलाकी कम्मो ने अभी जो कुछ भी उसे बताया ..उसमे से आधी बात तो पूरा घर जानता है ..लेकिन कुछ बातें दीप के दिल मे चोट कर गयी

' वो अभी भी नही जानता निम्मी घर पर होगी, या कहीं और ..सुबह से ले कर रात तक उसकी दिनचर्या कैसी है ..उसके कॉलेज मे क्या चल रहा है ..किस के साथ उसकी बेटी का उठना बैठना है '

' हां बेटी का सही साइज़ उसे पता है ..उसकी चूत पर बाल हैं या नही ..गांद के छेद मे सिकुड़न कितनी है ..वो कुँवारी है या नही ..उसके नंगे बदन की बू कैसी है ..ये बातें तो वो जानता है "

' अपनी रंगरेलियों के चक्कर मे उसने अपना दिमाग़ भ्रष्ट कर लिया था ..घर पर बिल्कुल ध्यान ना देना, रात - रात भर गायब रहना ..नयी - नयी लड़कियों को चोदने के खवाब ..कम्मो ठीक कह रही है ..वो पैसा कमाने की आड़ मे अपनी ज़िम्मेदारियों से हमेशा बचता आया है '

दीप ने उसके चेहरे को देखा ..पल्लू से मूँह ढके वो अभी भी सूबक रही थी ..लेकिन दीप मे इतना समर्थ नही, कि वो उसे थाम सके ..चुप करवा सके

" बोलती रहो कम्मो ..मुझे सुन ना है "

बस इतना कह कर वो शांत हो गया ..झुका चेहरा, जैसे किसी खोल मे छुपने की जगह चाह रहा था

" आप का दिल दुखाने की माफी ..लेकिन मैं बुरी तरह थक चुकी हूँ ..ऐसा लगता है, जैसे बरसों से मेरी आँखें गहरी झपकी लेने को तरस रही हों ..चाह कर भी मेरी थकान कम नही होती ..माना आप घर के बाहर की ज़िम्मेदारी संभालने मे व्यस्त रहे हों ..पर खुद के घर के अंदर क्या चल रहा है इससे, आप का कोई वास्ता नही रहा ..सुबह जल्दी उठना, सब का ध्यान रखना ..निकुंज और निक्की से मुझे कभी कोई शिकायत नही रही ..पर आप की लाडली निम्मी ने, मेरा खाना पीना तक हराम कर रखा है ..सोच - सोच कर मेरा जी इतना कमज़ोर हो चुका है, जैसे अलगे पल ही दम तोड़ दूँगी ..इसका ये मतलब नही, कि मेरा प्यार उस पर बाकी बच्चो से कम हो गया ..मेरे लिए तो चारों बराबर हैं ..अगर उससे ज़रा भी नफ़रत की होती, तो आज ये दिन आता ही नही ..मार - मार कर उसकी टाँगें तोड़ देती ..कम से कम वो सुधर तो जाती

एक जवान लड़की अपनी उत्तेजना बड़ी मूश्क़िलों से सम्भल पाती है ..आप के सामने कहना तो नही चाहिए, पर निम्मी आज - कल बहुत गरम रहने लगी है ..भगवान ना करे, उसने कोई ग़लत कदम उठा लिया ..मैं तो जीते जी मर जाउन्गि "

कम्मो ने उसके कंधे पर अपना हाथ रखते हुए, बात को थोड़ी देर के लिए रोक दिया

" चुप मत हो ..आज तुम मेरी जो भी ग़लती बताओगि, मैं उसमे सुधार करूँगा ..माफी की कोई बात नही ..मैने सच मे कभी घर के अन्द्रूनि मामलो मे, हस्तक - छेप नही किया और इसका नतीजा सामने है "

इस बार दीप के मूँह से निकले स्वर बेहद गंभीरता से भरे हुए थे

" मैं आप की पत्नी हूँ ..माना हम ने सहवास करना, आज से 15 साल पहले ही छोड़ दिया था ..पर क्या आप को याद है, आप ने आख़िरी बार मुझे अपने गले से कब लगाया होगा

मैं बताती हूँ ..जब रघु का आक्सिडेंट हुआ था ..मैं चीख - चीख कर रो रही थी और आप मुझे थामे मेरा साहस बढ़ा रहे थे ..लेकिन इसके बाद आप को, मेरी सुध कभी नही आई ..रहने को तो हम एक घर मे रहते हैं, पर हमारी ज़िंदगी शेअर नही हो रही ..यही सच है "

" पहले पहल तो मुझे लगा, शायद आप रघु के हादसे को भुला नही पा रहे होंगे ..फिर कुछ दिन बाद समझ आया, कि आप पैसे कमाने मे व्यस्त हो गये हैं ..ज़रूरत तो यही कहती है, कि पैसों के बगैर कोई काम नही होता

3 लाख मन्थलि पुणे हॉस्पिटल मे जमा कर देने से, बच्चों की पढ़ाई की फीस भर देने से, घर के खर्च का जुगाड़ कर लेने से, यदि आप को लगता है, आप फ्री हो गये तो ऐसा सोचना ग़लत है ..साथ मे यह भी तो सोचो, कि पैसा जहाँ जा रहा है, वहाँ के हालात कैसे हैं ..100 की सीधी एक बात ..मैं सिर्फ़ इतना चाहती हूँ ..निम्मी की ज़िम्मेदारी अब आप सम्भालो ..बाकी बच्चो का ध्यान मैं रख लूँगी "

इतना कह कर कम्मो ने बातों का सिलसिला पूरी तरह से ख़तम कर दिया

" तुम कल पुणे जा रही हो रघु को लेने ..मैं शाम की फ्लाइट मे 2 टिकेट बुक करवा दूँगा ..निकुंज भी तुम्हारे साथ जाएगा "

अचानक दीप के मूँह से निकली बात सुन कर कम्मो का दुखी चेहरा, खुशी से खिल उठा ..वो तो खुद यही चाहती थी, कि उसका बेटा घर लौट आए

" चिंता मत करो, मैं उसे भी संभाल लूँगी ..इस हालत मे उसकी शादी होना संभव नही ..तो हमारा ही फ़र्ज़ बनता है उसकी देख - भाल करना ..फिर तनवी के घर आ जाने के बाद, मेरी काफ़ी हेल्प हो जाएगी "

कम्मो ने अपना सर दीप के कंधे पर टिका लिया ..अब उसे किसी बात की कोई फिकर नही रही ..बहू के साथ - साथ उसका बेटा रघु भी घर आने वाला था और निम्मी को दीप के हवाले, वो कर ही चुकी थी

" कम्मो मैं एक और बात कहना चाहता हूँ "

इसी बीच दीप ने अपने दिमागी घोड़े दौड़ाए और उसे कुछ याद आ गया

" आगरा मे मेरा एक दोस्त रहता है ..उसकी बेटी अभी यहीं मुंबई से, कोई कोर्स कर रही है ..वैसे तो उनकी माली हालत ठीक नही पर परिवार बहुत अच्छा है "

दीप की बात, कम्मो के सर के ऊपर से निकल गयी

कम्मो :- " मैं कुछ समझी नही "

दीप :- " मैं ये कहना चाहता हूँ ..क्यों ना अपने रघु के लिए उसकी बेटी का हाथ माँग लिया जाए "

कम्मो :- " क्या !!!! आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हो ..जान कर किसी की ज़िंदगी खराब करना सही नही होगा ..वो ना तो बोल पाता है ..ना चल सकता है ..यहाँ तक क़ी उसकी बॉडी मे, कोई मूव्मेंट नही होता ..फिर शादी !!!!! "

दीप :- " तुम ग़लत समझ रही हो ..डॉक्टर्स के मुताबिक़ वो ठीक हो सकता ..हां चान्सस थोड़े कम हैं, पर उम्मीद तो है "

कम्मो :- " लेकिन कोई पिता कैसे अपनी बेटी, ऐसे इंसान के हवाले कर सकता है ..जो सिर्फ़ एक ज़िंदा लाश हो "

दीप :- " उसकी टेन्षन छोड़ दो ..कल सुबह तैयार रहना, मैं दोस्त से बात करने के बाद तुम्हे उसकी बेटी से मिलवाने ले जाउन्गा ..अगर रिश्ता पक्का हो गया, तो एक साथ दो बहुएँ घर मे आ जाएँगी ..फिर देखना सब कुछ पहले जैसा ही हो जाएगा "

दीप ने कम्मो के बालों पर अपना हाथ फेरते हुए कहा ..जानता था आज काफ़ी अरसे बाद, उसकी पत्नी ने दोहरी खुशी महसूस की है ..दिन मे हुए सेक्स से उसने कामो का तंन जीता था और अब उसके मन पर भी विजय प्राप्त कर ली

.

.

.

.
Reply
10-03-2018, 03:19 PM,
#99
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
.

" बस आज आख़िरी रात बाहर बिताने की पर्मिशन दे दो ..मुझे एक अधूरा काम पूरा करने जाना है "

कम्मो को घर के सामने ड्रॉप करने के बाद उसने कहा

" मैं क्यों रोकने लगी भला ..बस जब काम ना हुआ करे, तब घर वापस लौट आया करो ..वैसे भी अब आप की लड़ली की शैतानियों से मुक्त हो चुकी हूँ ..सुबह तैयार मिलूंगी "

इतना कह कर कम्मो, स्माइल करती हुई घर के अंदर चली गयी

" उसे तो मैं भी नही संभाल पाउन्गा कभी "

खुद से बात करते हुए दीप ने कार मे गियर डाला और काफ़ी रफ़्तार के साथ, शिवानी के हॉस्टिल की तरफ बढ़ गया

.

.

.

.

.

" हेलो शिवानी ..मैं दीप बोल रहा हूँ ..नामिता'स फादर "

अपनी कार हॉस्टिल से 100 मीटर. की दूरी पर रोकने के बाद, उसने शिवानी को कॉल किया

" अंकल !!!!! "

शिवानी इस वक़्त बेड पर लेटी अपने पुराने दिन याद कर रही थी ..उसने निम्मी को प्रॉमिस तो कर दिया था, कि घर लौट कर नही जाएगी ..लेकिन बिना किसी जॉब के मुंबई जैसे एक्सपेन्सिव शहर मे सर्वाइव करना बेहद कठिन है ..बस यही सोच रही थी .. ' आगे क्या होगा ? '

कॉल पर दीप की आवाज़ सुनते ही, वो झटके से बेड पर उठ कर बैठ गयी .. ' लगता है नामिता ने घर पहुच कर मेरे बारे मे बात कर ली '

दीप :- " मैं हॉस्टिल के बाहर वेट कर रहा हूँ ..ज़रूरी काम है "

शिवानी :- " मुझे अलोड नही होगा ..आप कॉल पर बता दीजिए "

दीप :- " तुमसे मिलना बहुत अर्जेंट है ..समझो "

शिवानी :- " लेकिन बात क्या है अंकल ? "

" तुम आ रही हो, या मैं हॉस्टिल के अंदर आउ "

दीप की बात सुनते ही शिवानी घबरा गयी

" अंकल प्लीज़ मुझे और बदनाम मत कीजिए ..मैं आप के साथ वो सब दोबारा नही कर सकती "

शिवानी ने समझा दीप उसे चोदने के लिए इतना बेसबर हो रहा है ..माना उस वक़्त वो मजबूर हो कर उसके पास गयी थी ..लेकिन अब तो मजबूरी ही नही रही ..फिर कैसे राज़ी हो जाती ?

" मैं अंदर आ रहा हूँ "

दीप ने झूठा गुस्सा दिखाते हुए कहा ..उसका असली मक़सद तो शिवानी को हॉस्टिल से बाहर लाना था

" नही अंकल !!!!! मैं आ रही हूँ ..आप मत आइए "

डराने - धमकाने का ये नतीजा हुआ, शिवानी को उसकी बात मान - नी पड़ी

" नाइट स्टे का बोल कर आना ..मैं उसी जगह खड़ा हूँ, जहाँ उस दिन सुबह ड्रॉप किया था "

इतना कह कर डीप ने कॉल कट कर दिया

" अभी तो 8:30 ही हुए हैं "

घड़ी मे टाइम देख कर वो शिवानी के आने की राह देखने लगा ..उसके चेहरे पर छाई दिन भर की उदासी मानो छाँट सी गयी थी

लगभग 10 मिनट बाद हॉस्टिल का गेट ओपन हुआ और शिवानी दौड़ती हुई कार के नज़दीक आने लगी ..दीप ने कार स्टार्ट कर ली और उसके आते ही गेट भी ओपन कर दिया

" बैठो "

दीप का इशारा पा कर शिवानी ड्राइविंग सीट के बगल मे बैठ गयी ..उसके चेहरे की हवाइयाँ उड़ी हुई थी ..एक नज़र दीप के फेस को देख कर, वो और भी ज़्यादा डर गयी ..दीप मुस्कुराते हुए उसी को घूर रहा था

" साड़ी पहेन - ना आती है तुम्हे ? "

गियर डाल कर दीप ने पूछा ..उसका सवाल इस सिचुयेशन से काफ़ी अलग था, जिसका जवाब देने से पहले शिवानी हैरत मे पड़ गयी

" जी !!!!! "

मासूम, सहमे चेहरे पर हर पल बदलते भाव दीप को खुशी के चरम पर पहुचाने के लिए काफ़ी थे ..वाकाई इस लड़की से उसे बेहद लगाव हो गया था

" लो इतना आसान सवाल तो पूछा है ..साड़ी पहेन - ना आती है तुम्हे ? "

दीप ने गियर पर रखा हाथ. बड़े प्यार से उसके कोमल गाल पर फेरते हुए कहा ..लेकिन छुने मात्र से शिवानी पीछे खिसकने लगी ..अंजाना सा डर उसे रोने पर मजबूर करने लगा था

" नही आती "

' ना ' मे अपनी गर्दन हिलाते हुए उसने इनक़ार किया ..हौले - हौले उसका स्वर धीमा होता गया

" ससुराल जाओगी तब कौन सिखाएगा साड़ी पहेन - ना ? "

दीप के मूँह से निकलती हर बात शिवानी को एक नयी पहेली लग रही थी और फाइनली इस सवाल का जवाब देने से पहले ही वो चुप हो गयी

" चलो कोई बात नही ..अब हमे उतरना चाहिए "

घबराहट मे शिवानी को अहसास तक नही हो पाया, कि कार को दीप ने एक बड़ी सी शॉप के बाहर रोक दिया था

दोनो नीचे उतर कर दुकान के अंदर चले गये ..ये वही शॉप थी जहाँ पैसे मिलने के बाद शिवानी ने शॉपिंग करने का सपना देखा था ..हलाकी इसे मात्र एक संयोग कहा जाता ..लेकिन आज वो सच - मुच इस दुकान के अंदर खड़ी थी

" एक्सक्यूस मी ..मुझे मेडम के लिए 1 एक्सपेन्सिव साड़ी लेनी है "

दीप ने काउंटर गर्ल से कहा

" जी ज़रूर सर ..एनी डिमॅंड ? "

काउंटर गर्ल ने रिप्लाइ किया

" हां ..साड़ी का कलर लाइट पिंक रहेगा और लिमिट कितनी भी चलेगी "

इतना कह कर दीप काउंटर से हट - ते हुए 1स्ट फ्लोर की सीढ़ियाँ चढ़ने लगा ..शिवानी वहीं खड़ी रह गयी

" मॅम हमारे स्टोर मे हर टाइप की वेराईटीज़ मौजूद हैं ..जोर्जेट, शिफ्फॉन, कॉटन, सॅटिन, वेल्वेट, आर्ट सिल्क, नेट, चंदेरी, क्रिप एट्सेटरा. एट्सेटरा ..आप अपनी चाय्स बता दीजिए "

सेल्स गर्ल के मूँह से निकली बात सुन कर शिवानी की आँखें आश्चर्य से बड़ी हो गयी ..साड़ी मे इतनी वेराइटी उनसे 1स्ट टाइम सुनी थी

" जी उन्हे आ जाने दीजिए ..मुझे ज़्यादा नालेज नही है "

शिवानी ने भोले पन से कहा

" आप के बाय्फ्रेंड हैं ? "

एक और सवाल सुन कर शिवानी हड़बड़ा गयी ..शरम के मारे उसके गालो पर लाली छाने लगी .. ' नामिता मुझे जान से मार डालेगी ' ..ऐसा सोचते ही उसके मोती जैसे दाँत चमकने लगे

" स्टेर्स के ऊपर क्या है ? "

उंगली से सीढ़ियों की तरफ इशारा करते हुए उसने पूछा ..दीप वहाँ क्यों गया, वो जान - ना चाहती थी

सेल्स गर्ल :-" 1स्ट फ्लोर पर ज्यूयलरी सेक्षन है "

" ओके "

शिवानी की जिग्यासा बढ़ने लगी ..इस तरह से दीप का उसे हॉस्टिल से बाहर बुलाना ..उसके लिए साड़ी खरीदने की डिमॅंड करना और अब ज्यूयलरी

" जाने मेरे साथ आज की रात क्या होने वाला है ..कहीं सुहाग - रात मनाने की तैयारी तो नही चल रही "

अपनी नेगेटिव सोच पर वो काँप उठी ..उसे चक्कर से आने लगे ..गले के अंदर जैसे सूखा पड़ने लगा था

शिवानी :- " एक ग्लास पानी मिलेगा "

" शुवर मॅम "

एक साँस मे पूरा ग्लास ख़तम करने के बाद जैसे ही उसने दूसरा ग्लास उठाया ..दीप सीढ़ियों से उतरता हुआ काउंटर पर वापस आ गया

" क्या हुआ पसंद नही आई ? "

एक नज़र शिवानी का फेस देखने के बाद वो सेल्स गर्ल की तरफ मूड गया

" मॅम आप के आने का वेट कर रही थीं "

इतना कह कर उसने पूरा काउंटर टेबल पिंक कलर से भर दिया ..शिवानी चुप - चाप दीप की हरक़तों पर गौर करने लगी ..उसे पक्का यकीन हो चला था, कि आज रात उसकी बुरी तरह से फटने वाली है

" हां ये पर्फेक्ट है ..इसके साथ का सारा मेटीरियल मुझे रेडी - मेड ही चाहिए ..मैं बिलिंग स्टॉल पर हूँ, पहुचा दीजिएगा "

इतना कह कर दीप ने शिवानी का हाथ थाम लिया और दोनो किसी रियल कपल की तरह, बिलिंग स्टॉल के आस - पास मंडराने लगे

" डिन्नर किया तुमने ? "

दीप के पूच्छने पर शिवानी ने ' ना ' मे अपनी गर्दन हिला दी

" क्या पॅक करवा लूँ ..आज सिर्फ़ तुम्हारी ही पसंद का खाउन्गा, वो भी इन प्यारे हाथो से "

दीप उसका लेफ्ट हॅंड ऊपर उठाते हुए बोला

" नही !!!!! सब देख रहे हैं "

शिवानी ने अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की

" मैं किस थोड़ी कर रहा था ..अब तुम्हारी सोच ही ऐसी है, भला इसमे मेरी क्या ग़लती "

डीप ने स्माइल दे कर कहा ..शिवानी झेप कर रह गयी

" शायद अपना पॅकेट रेडी हो गया "

दोनो बिलिंग काउंटर पर पहुच गये

" सर युवर टोटल इस ..18999/- "

जहाँ दीप ने क्रेडिट से पेमेंट किया वहीं शिवानी को ख़ासी आने लगी .. ' सिर्फ़ 1 साड़ी वो भी इतनी महेंगी '

" थॅंक यू सो मच "

लास्ट ग्रीट होने के बाद दोनो स्टोर से बाहर आ कर, कार मे बैठ गये

रास्ते मे दीप ने शिवानी की पसंद का खाना पॅक करवाया ..एक जोड़ी पिंक सॅंडल भी खरीदी

जल्द ही उनकी कार दीप के ऑफीस के अंदर पार्क हो गयी

" चलो उतरो ..ऑफीस आ गया है "

पूरे रास्ते ना तो दीप ने उसे छेड़ा था, ना ही शिवानी कुछ बोल पाई ..नतीजा इस बार भी उसे कार के रुकने का पता नही चल पाया

.

.

.
Reply
10-03-2018, 03:20 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
गर्मी की मार्मिक पीड़ा को दूर करने के लिए उसके हाथो की उंगलियाँ, कमीज़ के निच्छले हिस्से को ऊपर उठाने की कोशिश करने लगी ..अब तो दीप भी सो चुका था

" बेशर्म है तू पक्की "

एक मुस्कुराहट के साथ अगले ही पल उसने कमीज़ को अपने बदन से अलग कर दिया ..पसीने से लत - पथ जिस्म को ठंडी हवा मिलने के बाद भी शिवानी को सुकून नही आया और ब्रा का हुक खोल कर उसने, उसे अपनी कंमीज़ के ऊपर गिरा दिया

शरम के मारे उसका चेहरा लाल था ..जानती थी, दीप गहरी नींद मे है, फिर भी उसे अपने अंदर लज्जा की अनुभूति हो रही थी

" शादी के बाद मेरी ज़िंदगी कैसी होगी, ये तो नही पता ..लेकिन इतना ज़रूर जान गयी हूँ, अंकल बदल गये हैं ..सिर्फ़ मेरे लिए "

वो सरक्ति हुई दीप के नज़दीक आ गयी ..उसके सोते चेहरे मे शिवानी को तनाव सॉफ दिखाई दे रहा था ..चौड़ा सीना बालों से भरा और चेस्ट से नीचे जाती हेर लाइन, जिसका एंड पॉइंट कहाँ होगा, ये सोच कर उसके मोती जैसे दाँत बाहर आ गये

" कुछ भी सोचती है ..ज़रूरी तो नही हर किसी को बाल काटना पसंद हो ..हां पॅंट के अंदर सब क्लीन है, मुझे पता है "

बोलने के तुरंत बाद उसने ..अपनी बात पर, अपने हाथ से, अपने सर पर हल्की सी चपत लगा दी ..दीप के प्रति उसका नज़रिया बदलने लगा था ..हालाकी ये सही नही, सामने लेटा मर्द उसका होने वाला सुसुर है ..साथ पढ़ने वाली दोस्त नामिता का पिता भी ..लेकिन ये बात अभी उसके दिमाग़ से कोसो दूर थी ..बस इतना पता था कि डीप ने उसके हरे ज़ख़्मो पर मलम लगाया है ..उसे अपने घर की बड़ी बहू बनाने से इज़्ज़त बक्शी है ..दो दिन पहले की गयी हवाणियत की माफी माँगी है

उसका खोया प्यार अब दीप है ..यहाँ उसे कोई धोखा भी नही मिलेगा ..पैसे वाले घर की मालकिन बनेगी ..नामिता की भाभी और सबसे ख़ास बात, बेचारे रघु को इस दोज़ख़् भरी ज़िंदगी से छुटकारा दिलाने मे मदद करेगी ..वो हॉस्पिटल से डिसचार्ज हो कर अपने घर आ जाएगा, पूरे परिवार की आँखों के सामने रहेगा ..फिर क्या दिक्कत है शादी करने मे ..रही बात नीड्स की, तो अब दीप के अलावा किसी गैर मर्द के बारे मे सोचना ..अपने नये प्यार को गाली देने जैसा होगा

" मैं तैयार हूँ जी "

इतना कह कर वो खुशी से झूमती हुई, अपने प्रेमी के चेहरे पर अपना चेहरा झुकाने लगी ..जैसे - जैसे उसका चेहरा नीचे होता जाता, उसके होंठ खुलते जाते

धड़कनें थामे शिवानी का ये पहला कदम था, खुद की मंज़ूरी ज़ाहिर करने का ..अगर आज भी होंठो से शराब की गंध आ रही होती तो भी वो नही रुकती, पीछे नही हट - ती

कुछ देर तक दीप के मूँह से निकलने वाली गरम सांसो को सूंघने के बाद शिवानी ने उन्हे और बाहर नही निकलने दिया ..खुली बॉटल पर ढक्कन लगाते हुए उसने अपने होंठ दीप के होंठो से चिपका दिए

अगले ही पल दोनो के बदन मे कयि झटके लगे ..जहाँ शिवानी ने मस्ती मे आ कर अपनी आँखें बंद कर ली वहीं दीप की पॅल्को मे ..आहट हुई, कंपन हुआ

बस इसके बाद शिवानी ने अपनी आँखें दोबारा नही खोली और बड़े प्यार से उंगलियाँ, दीप की चेस्ट पर उगे घने बालो मे घुमाती हुई नींद के आगोश मे चली गयी

.

.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,514,714 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,914 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,237,870 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 935,828 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,661,652 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,087,895 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,962,555 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,093,232 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,047,066 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,229 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)