Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 12:45 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
सुबह मैं बहुत लेट उठा क्यूकी पूरी रात सोया जो नही था,,माँ की चुदाई ही करता रहा था ,,जब
उठा तो माँ वहाँ नही थी ऑर मेरे बदन पर मेरा बर्म्यूडा ऑर टी-शर्ट थी,,लेकिन मैं तो जब
सोया था नंगा ही था,,,शायद माँ ने मुझे कपड़े पहना दिए थे ताकि कोई मुझे नंगा ना
देख ले यहाँ पर,,,,,,,मैं उठकर बाहर गया ,,बाहर कोई नही था बहुत तेज धूप जो थी,,,सब 
लोग शायद चाचा जी के पास होंगे इसलिए मैं भी वहाँ चला गया,,,,वहाँ सब लोग बैठे 
बातें कर रहे थे,,,,,तभी माँ मेरे पास आ गई अपनी चेयर से उठकर,,,,,

माँ--उठ गया मेरा बेटा,,,,,,,लगता है रात को नींद ठीक से नही आई तुझे इसलिए इतना लेट उठा है तू,,

तभी मामा एक शहरती मुस्कान के साथ हँसते हुए बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ बेहन मुझे भी ऐसा
ही लगता है शायद रूम मे गर्मी कुछ ज़्यादा ही होगी रात को,,,,इसलिए सन्नी सो नही पाया होगा
रात भर,,,,,,,,,,,,

तभी चाची बोल पड़ी,,,,,,,,,,,मैं तो पहले ही कहती थी लड़का शहर से आया है इसको गाओं मे
रहने की आदत नही,,,बिना एसी के कहाँ नींद आती है शहर वालो को,,,,,आज तो बेटा तू वही सोना 
सोनिया के साथ नये वाले घर मे एसी चला कर,,,,,वैसे भी मेरा तो सारी रात सर दर्द होता रहा
एसी की वजह से,,,,,,,सोचा कि एसी बंद कर दूं लेकिन एसी बंद करती तो सोनिया को नींद नही आती,,,,
इसलिए आज तू वहाँ सोना उसी घर मे,,,,,,,,,तभी नींद पूरी होगी तेरी,,,,,,,,,,ऑर मैं यहाँ सोउन्गी
तभी मेरी नींद पूरी होगी,,,,,,


माँ--हां चाची जी आज से ये दूसरे घर मे ही सोएगा एसी लगा कर,,,,,यहाँ नही सोने दूँगी इसको,,,ना
खुद सोता है ऑर ना मुझे सोने देता है,,रात भर करवटें बदल बदल कर मुझे भी नही
सोने देता ,,बहुत परेशान करता है,,माँ ने हंस कर मेरी तरफ देखा ऑर मेरे फॉरहेड पर एक किस
करके बोला,,,,,,,,,,,,जाओ अब फ्रेश हो जाओ मैं कुछ खाने को बना देती हूँ वैसे भी अब तो
तेरे लंच का टाइम हो गया है ,,इतना लेट जो उठा है,,,,,मैने क्लॉक की तरफ देखा तो दंग रह
गया टाइम तो दोपेहर 3 बजे का हो रहा था,,,,

मैं वहाँ से दूसरे घर मे चला गया ,,,,वहाँ देखा तो सोनिया बेड पर लेट कर टीवी देख रही 
,,मैने उस से कोई बात नही की सीधा बाथरूम मे चला गया ऑर जल्दी से फ्रेश होके चेंज 
करके वहाँ से चला गया,,,

खाना खा ही रहा था तभी एक आदमी अंदर आ गया,,,,वो वही आदमी था जो रेखा के साथ उस दिन
दूध निकाल रहा था ,,,,,,

वो आते ही चाची जी को बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मालकिन आज रेखा की तबीयत ठीक नही है इसलिए वो सुबह
नही आई ऑर शाम को भी नही आएगी,,,,इसलिए मैं अकेला आया हूँ दूध लेके चला जाउन्गा ऑर
शायद रेखा कल भी नही आए तो कल भी मैं अकेला ही आउन्गा,,,,,इतना बोल कर वो आदमी वहाँ से
चला गया,,,,उसके जाते ही मामा मेरी तरफ देखने लगा ऑर हल्का गुस्सा करने लगा,,,,,

लगता है उसकी तबीयत ज़्यादा ही खराब है,,,,चाची ने माँ को बोला,,,,,

हां चाची जी मुझे भी ऐसा ही लगता है,,,,,माँ ने जवाब दिया,,,,

किसी को उसकी खबर लेने जाना चाहिए,,,चाची ने माँ को बोला,,,

तभी माँ बोली ठीक है चाची जी मैं चली जाती हूँ ऑर उसको अगर कोई चीज़ की ज़रूरत हुई तो
वो भी ला दूँगी उसको,,,,

चाचा चाची के घर कोई कार या मोटर साइकल नही थी

चाची--तू कैसे जाएगी इतनी दूर ,,,,ऐसा कर सन्नी को अपने साथ ले जाओ ,,

तभी माँ के होश उड़ गये,,,,नही नही चाची जी मैं चली जाउन्गी सन्नी को तकलीफ़ क्यू देनी
इतनी सी बात पर,,,,वैसे भी ये रात को ठीक से नही सोया है अब आराम करने देते है इसको,,,,

तभी मामा बोल पड़ा ,,,,,हाँ सरिता इसको आराम करने दो तुमको मैं ले जाता हूँ,,,,मुझे
बड़ा गुस्सा आया मामा पर,,,साला थर्कि जाके मज़ा लेगा अब 2-2 चूत का,,,,,

चाची--ठीक है तुम दोनो चले जाओ,,,,ऑर सन्नी तुम आराम करो जाके बेटा,,,,,,

मैं चाची के सामने कुछ नही बोल पाया ऑर उठके वहाँ से चला गया,,,,,मामा ऑर माँ के
फेस पर हल्की राहत भरी मुस्कान थी,,,,,मैं समझ गया कि साले ये दोनो मुझे वहाँ नही
लेके जाना चाहते थे,,,लेकिन मैं भी इनका बाप हूँ,,,मैं जल्दी से घर गया और जाके कार की
वाइर्स निकाल दी,जिस से कार स्टार्ट होती थी,,,,,,मामा को कार चलानी तो कुछ हद तक आती थी लेकिन
उसके बारे मे कुछ ज़्यादा पता नही था मामा को,,,,,

उस दिन वो लोग नही जा सके क्यूकी कार स्टार्ट नही हुई ,,,लेकिन उन लोगो ने मुझे कार स्टार्ट करने को
या उनके साथ जाने को भी नही बोला,,,,,

साला ये लोग कमिने थे तो मैं भी कामीनेपन मे इनका बाप हूँ,,,,मेरे बिना नही जा सकते
ये लोग रेखा के पास,,,,पता नही ऐसी क्या बात है जो मेरे को बताने से डर रहे है ये लोग,,इसलिए 
तो कार जब स्टार्ट नही हुई तो मामा ने एक बार भी मुझे नही बोला कार स्टार्ट करने को,,,,

उस दिन कुछ खास नही हुआ दिन भर भी मैं आराम करता रहा ऑर फिर जब रात हुई तो आराम हराम हो
गया मेरा,,,, रात को खाना ख़ाके मैं सोनिया के साथ वापिस नये वाले घर मे तो आ गया लेकिन सोना पड़ा 
मुझे उपर वाले हॉल मे वो भी सोफे पर ,,,,,,इतनी ज़्यादा गर्मी मे बिना एसी के,,,,

अगली सुबह डॉक्टर चाचा जी के चेकप को आया तो उसने बताया कि चाचा जी अब काफ़ी हद तक ठीक है
ऑर उनको वेंट्लेटर की ज़रूरत नही है फिर भी कुछ दिनो तक इस मशीन को यही रहने देते 
है क्यूकी तबीयत बिगड़ने मे भी देर नही लगती,,,,

चाची जी ऑर हम लोग भी डॉक्टर की बात से सहमत थे,,,

जब डॉक्टर जाने लगा तो चाची जी उनसे बोली,,,,,,,,,,,,,,डॉक्टर साहिब हमारे घर मे काम करने
वाली एक औरत भी बीमार है,,,,ज़रा आप उसको भी देख लोगे क्या,,,,

जी पुष्पा देवी जी क्यू नही,,,,कॉन है वो औरता,,,, डॉक्टर ने पूछा,,,

वो यहाँ नही है यहाँ से थोड़ा दूर रहती है,,,,,, चाची ने बताया

ठीक है कोई मुझे वहाँ ले चले तो मैं उसको भी देख लूँगा,,,,,, डॉक्टर बोला

तभी चाची ने माँ को बोला कि वो डॉक्टर के साथ उनकी कार मे चली जाए ऑर डॉक्टर को भी उसके
पास ले जाए ऑर खुद भी हाल चाल पता कर आए उसका,,,

माँ के साथ मामा भी तैयार हो गया जाने को ऑर वो दोनो डॉक्टर के साथ चले गये,,,

उनके जाने के 5 मिनट बाद ही मैं भी जल्दी से कार लेके वहाँ से रेखा के घर की तरफ चल
पड़ा,,,,
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12-21-2018, 12:45 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैने वहाँ जाके देखा कि डॉक्टर की कार रेखा के घर के सामने खड़ी हुई थी ऑर घर का गेट
बंद था,,,,इसलिए मैं अपनी कार को थोड़ा पीछे झाड़ियों मे खड़ा करके खेतो के बीच से
घर के पिछले दरवाजे पर चला गया,,किस्मत अच्छी थी कि वो दरवाजा खुला हुआ था,,,मैं घर 
के अंदर बड़े हल्के कदमो से गया लेकिन जैसे ही मैं अंदर जाने लगा तो मैने डॉक्टर ऑर
मामा की आवाज़ सुनी,,,,,,,

डॉक्टर--ठीक है अब मैं चलता हूँ ,,, मरीज को दवाई दे दी है ज़्यादा टेन्षन वाली बात नही है
बस हल्का बुखार है,,अभी कुछ ही देर मे ठीक हो जाएगा,,,,,

ठीक है शुक्रिया डॉक्टर,,,,,,अब आप जाइए मैं ओर दीदी खुद चले जाएँगे वापिस,,,,,

डॉक्टर--लेकिन पुष्पा देवी ने तो आपको मेरे साथ ही वापिस आने को बोला था,,,,,,

मामा--हाँ डॉक्टर लेकिन रेखा को दवाई के अलावा भी कुछ चाहिए होगा इसलिए हम लोग थोड़ी देर 
बाद खुद चले जाएँगे ,,,,,,,,

डॉक्टर--ठीक है जैसे आपकी मर्ज़ी,,मैं चलता हूँ,,,,,,,,

डॉक्टर वहाँ से चला गया ऑर मामा गेट बंद करके वापिस रेखा के रूम मे चला गया,,मैं
भी हल्के कदमो से रेखा के रूम के बाहर पहुँच गया ऑर अंदर वो लोग आपस मे बातें करने
लगे ऑर मैं बाहर खड़ा सुनने लगा,,,,,,


अब तबीयत कैसी है रेखा,,,,,,,,सरिता ने रेखा से पूछा,,,,

रेखा हँसते हुए,,,,,,,,अब तो ऑर भी ज़्यादा बुरा हाल है सरिता दीदी,,,,,,

अभी डॉक्टर के सामने तो तुम बोल रही थी पहले से फ़र्क है तुमको,,अभी बोल रही हो ज़्यादा बुरा हॉल
है,,,,क्या फिर से बुला के लाउ डॉक्टर को,,,,,सरिता ने रेखा से पूछा,,,,,,,,,,,

रेखा फिर से हँसती हुई,,,,,,,,,,,,मेरे लिए डॉक्टर को नही सन्नी को बुला कर लाओ सरिता दीदी ,,,,,वही एक
है जो मेरा इलाज अच्छी तरह से कर सकता है,,,,,,,,,,,,,फिर रेखा ओर ज़ोर से हँसने लगी,,,,,,,

क्या मतलब ,,मैं कुछ समझी नही रेखा,,,,,,,,,,,

अरे दीदी तुम सब समझती हो ,,,सन्नी की वजह से तो बुरा हाल हुआ है मेरा,,,,उस दिन जब उसको अपने
साथ घर लेके आई थी तो क्या जबरदस्त चुदाई की उसने मेरी,,,,एक बार तो लगा कि जान ही निकाल देगा
मेरी ,,,इतना लंबा मूसल है उसका,,,,उसने तो सब लोगो को फैल कर दिया है,,,इतना मज़ा सुरिंदर ऑर
विशाल दोनो मिलकर नही दे पाते थे मुझे जितना इस अकेले सन्नी ने दिया है,,,,ऑर इतना दर्द भी नही
हुआ जितना उस दिन सन्नी की चुदाई से हुआ ,,,लेकिन उसी दर्द मे तो असली मज़ा आया था मुझे,,,,रेखा
हँसती रही ऑर बोलती रही,,,,,

देखा सरिता मैं नही बोलता था कि रेखा भी दीवानी हो जाएगी सन्नी के लंड की,,,,एक बार चुदाई
करके ये हाल हुआ है इसका कि दर्द से तड़प रही है फिर भी सन्नी को याद कर रही है,,,,सुरिंदर
ने सरिता को बोला,,,,,,,,

माँ--हां सुरिंदर मैं जानती थी,,इसको भी सन्नी का लंड बहुत पसंद आएगा,,,,वो है ही घोड़े का लंड
एक बार जिस औरत की चूत मे जाता है जन्नत का मज़ा देता है उसको,,,,कल रात उसने मेरी भी ऐसी
दमदार चुदाई की है कि क्या बताऊ ,,,,,पूरी रात सोने नही दिया,,,,उसके साथ चुदाई करके मज़ा
भी बहुत आता है लेकिन डर भी बहुत लगता है,,कभी कभी तो रंडी से भी बुरी चुदाई करता है मेरी
लेकिन दर्द के साथ एक मीठा मज़ा भी देता है,,,,,

रेखा--हाँ सही कहा सरिता दीदी,,,,

दीदी की लगती ,,,,तूने कुछ बका तो नही उसके सामने चुदाई करते टाइम,,,,वैसे भी तेरी ज़ुबान बहुत 
ज़्यादा चलती है,,,,कहीं कुछ बता तो नही दिया सन्नी को,,,,,सरिता थोड़े गुस्से मे बोली,,,,,

रेखा--नही दीदी ,,,,,मैने कुछ नही बताया ,,,लेकिन थोड़ा बहुत मुँह से निकल गया,,,उसकी चुदाई मे एक अजीब
सी मस्ती ऑर मदहोशी थी कि मेरी ज़ुबान खुद ब खुद चलने लगी,,,,

तेरी चूत की तरह तेरी ज़ुबान को भी कभी चैन नही मिलता,,,सरिता फिर से गुस्से मे बोली,,,,,कहीं
मस्ती मे तेरी ज़ुबान ने सारा भेद तो नही खोल दिया,,,,,,,

रेखा--नही-नही दीदी मैने ज़्यादा कुछ नही बोला उसको,,,बस थोड़ा बहुत ही बताया था,,,,,वैसे दीदी तुम इतना
डरती क्यूँ हो,,,जब विशाल को सब पता है तो एक ना एक दिन सन्नी को भी पता तो लगना ही है,,,,,

माँ--जानती हूँ कि सन्नी को भी एक ना एक दिन सब पता चलना है लेकिन एक टाइम आने पर,,,,विशाल को भी
जब थोड़ी अकल आई थी तभी बताया था मैने उसको,,,,सन्नी अभी बच्चा है,,,नया नया जवान हुआ है 
ऑर जवानी की मस्ती मे है लेकिन फिर भी बच्पना नही गया उसका अभी तक,,,,उसको सब कुछ बता तो
दूँगी लेकिन सही टाइम आने पर,,,,,

रेखा--उसका सही टाइम जब आना है तब आना है दीदी,,लेकिन अपना तो सही टाइम आ गया,,,


फिर रूम मे शांति हो गई,,लेकिन कुछ पल के लिए,,,,

माँ--ये क्या कर रही है पगली,,,अभी तो तुझे बुखार है फिर भी मस्ती चढ़ रही है तेरे को,,,,

रेखा--क्या करूँ दीदी चूत मे आग लगी हुई है,,,सोचा था सन्नी ये आग भुजा देगा लेकिन उसने तो इस आग
को भुजा कर ऑर भी ज़्यादा भड़का दिया है,,,

माँ--लेकिन तुझे तो बुखार है पगली,,,,,

रेखा--कैसा बुखार दीदी,,,,वो तो सुरिंदर ने मुझे फोन करके बोला था कि डॉक्टर आ रहा है इसलिए
मैने बगल मे प्याज दबा लिया था,,,,,,रेखा इतना बोलकर ज़ोर से हँसने लगी,,,,

बहुत तेज है तू रेखा कामिनी,,,,, माँ ने कहा

तभी फिर से रूम मे खामोशी हो गई,,,

मैने हल्का सा आगे होके देखा तो रेखा माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे भरके किस कर रही थी तभी
माँ ने रेखा को धक्का दिया,,,,,,,,,,,,,,मैं तो देख कर दन्ग रह गया था,,,,मैने अपनी माँ को
कभी किसी औरत को किस करते नही देखा था,,ये मेरा पहले तजुर्बा था कि मैं अपनी माँ को किसी
औरत को किस करते देख रहा था,,,इतने ही पल मे मेरे लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया था,,,,,

माँ--थोड़ा सबर कर पगली,,,,इतनी भी क्या जल्दी है,,,,

रेखा--जल्दी नही दीदी बहुत जल्दी है,,,सन्नी ने ऐसी आग लगा दी है कि पूछो मत,,,अब ऑर इंतेज़ार नही होता 
चलो ना मस्ती करते है,,,,,

माँ--ठीक है बाबा लेकिन यहाँ नही,,,वही चलते है अपनी हमेशा वाली जगह पर,,,

रेखा--ठीक है तो चलो दीदी ,,,,इंतजार किस बात का कर रही हो,,,
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12-21-2018, 12:45 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
वो लोग बाहर निकलते इस से पहले ही मैं जल्दी से वहाँ से चला गया,,,उन लोगो की बातें सुनकर 
मुझे इतना तो पता लग गया था कि उनकी हमेशा वाली जगह कोई ऑर नही वही खेतो के बीच मे पेड़
के नीचे है जहाँ मैने रेखा की चुदाई की थी इसलिए मैं उन लोगो से पहले ही भाग कर वहाँ 
की खड़ी फसल मे छुप गया था,,,,,,

कुछ 5 मिनट बाद ही मैने देखा कि तीनो लोग खेतो के बीच से निकल कर वहाँ पर आ गये,,,,
उन लोगो एक पास एक चद्दर थी जिसको माँ ने पकड़ा हुआ था,,,,साला इतनी जल्दी थी इन लोगो को कि आते टाइम
कपड़े भी घर पर खोल कर आए थे,,,,,,माँ ने अपनी साड़ी घर पर निकाल कर रख दी थी जबकि
रेखा तो पहले से ही पेटिकोट ऑर ब्लाउस मे थी अब साड़ी निकालने के बाद माँ भी पेटिकोट ऑर ब्लाउस मे
ही खड़ी हुई थी जबकि मामा ने अपना कुर्ता पयज़ामा घर मे रख दिया था ऑर खुद एक घर पर
बने अंडरवेर मे खड़ा हुआ था,,ऑर अंडरवेर के अंदर उसका लंड भी पूरा खड़ा हुआ था,,,,

तभी माँ ऑर रेखा ने जल्दी से चद्दर को पेड़ के नीचे ज़मीन पर बिछा दिया ,,,,,ऑर तीनो लोग 
आके चद्दर पर खड़े हो गये,,,

जहाँ माँ गोरे चिट बदन की थी वहीं मामा ऑर रेखा साँवले रंग के थे,,,,,उन तीनो ने आपस
मे एक दूसरे को करीब आके हग किया ऑर तीनो लोग मिलकर आपस मे किस करने लगे हर एक के हाथ 
दूसरे की कमर ऑर पीठ पर थे ऑर तीनो के लिप्स बारी बारी से एक दूसरे के लिप्स को चूम ऑर चाट 
रहे थे ऑर कभी तीनो अपनी अपनी ज़ुबान निकाल कर हवा मे लहराते हुए एक दूसरे की ज़ुबान से मिला
रहे थे,,,,मैने पहले भी ऐसा कयि बार देखा था,,,,,,,,,देखा क्या मैने तो खुद ऐसा किया था 


लेकिन इस बार एक नई चीज़ थी मेरे सामने,,,,,,,ऑर वो चीज़ थी मेरी माँ ,,,क्यूकी पहले माँ के साथ
2 मर्द होते थे ,,,कभी विशाल ऑर मामा जी,,,ऑर कभी मैं ऑर मामा जी,,लेकिन आज एक औरत भी शामिल
हो गई थी उन लोगो के बीच मे ,,,पहली बार माँ को ऐसे देख रहा था तो लंड का बुरा हाल था,,
कुछ देर ऐसे ही तीनो किस करते रहे ऑर एक दूसरे की पीठ को सहलाते रहे तभी मामा ने अपने
हाथ उन दोनो के बूब्स पर रख दिए,,,,वो अपने एक हाथ से माँ के बूब्स को बारी बारी मसल्ने
लगे ऑर एक हाथ से रेखा एक बूब्स को मसल्ने लगी थी,,,रेखा एक बूब्स बहुत बड़े थे मेरी माँ
से भी कहीं ज़्यादा बड़े,,नीचे माँ ऑर रेखा के हाथ भी मामा के लंड पर थे माँ ऑर रेखा अपने
एक एक हाथ से मामा के लंड को सहलाने मे लगी हुई थी जबकि दूसरे हाथ से अपने ही ब्लाउस के हुक को
खोलने मे लगी थी कुछ ही पल मे माँ ऑर रेखा का ब्लाउस नीचे चद्दर पर था ऑर मामा उन
दोनो के नंगे बूब्स को मसल्ने लगा था फिर मामा ने अपने सर को झुका कर नीचे किया ऑर माँ
के बूब्स को मुँह मे भर लिया ऑर दोनो हाथों को रेखा को बूब्स पर ले गया,,,,फिर माँ के दोनो 
बूब्स को हल्के हल्के चूसने के बाद मामा अपने सर को रेखा के बूब्स की तरफ ले गया ऑर माँ के 
बूब्स को हाथों मे भरके मसल्ने लगा,,,,मामा जब रेखा के बूब्स चूसने लगा था तब रेखा
ने अपने एक हाथ को मामा के लंड पर रखा जबकि दूसरे हाथ से मामा के सर को कस्के अपने बूब्स
पर दबा लिया मामा का मुँह रेखा के बूब्स की लाइन पे पूरा छुप ही गया था रेखा मस्ती मे मामा
के सर को अपने हाथ से सहलाने लगी थी ,,


उपर माँ ऑर रेखा के लिप्स आपस मे बुरी तरह जकड़े हुए थे ऑर दोनो पागलो की तरह एक दूसरे के लिप्स
को चूमने ऑर चाटने लगी हुई थी,,,,रेखा तो जैसे पागल ही हो रही थी ऑर उसके पागल पॅन की वजह से
माँ की हालत भी खराब होने लगी थी इसलिए माँ भी उसी पागलपन मे रेखा को किस का रेस्पॉन्स 
देने लगी हुई थी ,,,माँ का एक हाथ मामा के लंड पर था ऑर एक हाथ मामा की पीठ पर था जबकि
रेखा का एक हाथ मामा के सर पर ऑर दूसरा मामा के लंड पर अपना कमाल दिखा रहा था,,,तभी एक
दम से रेखा ने माँ के लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद कर दिया ऑर जल्दी से मामा के सर को बालों से हल्का
सा खींच कर मामा के सर को अपने बूब्स से हटा दिया ऑर एक ही पल मे ज़मीन पर बिछी हुई चद्दर
पर घुटनो के बल बैठ गई ऑर दोनो हाथों से मामा के अंडरवेर को नीचे करके मामा के बड़े
मूसल को अंडरवेर से बाहर निकाल लिया ऑर जल्दी से अपने मुँह मे भर लिया तब तक माँ का हाथ मामा
के लंड से हट गया था ऑर मामा के सर पर पहुँच गया था ऑर मामा के सर रेखा के बूब्स से हटते ही
माँ के बूब्स पर टिक गया था ऑर मामा ने माँ के बड़े बड़े गोरे बूब्स को हाथों से मसल्ते हुए मुँह
मे भरके चूसना शुरू कर दिया था ऑर माँ ने एक हाथ से मामा के सर को ओर एक हाथ से पीठ को प्यार
से सहलाना शुरू कर दिया था,,,मामा माँ के बूब्स को बारी बारी से मसल रहा था ऑर बारी बारी से दोनो
बूब्स को मुँह मे भरके चूस रहा था नीचे रेखा भूखी शेरनी की तरह मामा के लंड पर टूट
चुकी थी ऑर मुँह मे भरते ही पूरे लंड को गले से नीचे तक पेलने लगी थी उसके दोनो हाथ मामा की
कमर पर थे ऑर वो मामा की कमर को पकड़ कर तेज़ी से हिला रही थी ऑर मामा को अपना लंड उसके मुँह
मे पेलने को बोल रही थी मामा भी हल्की झुकी हुई हालत मे अपनी कमर को आगे पीछे हिलाता हुआ अपने 
लंड को रेखा के मुँह मे पेलने लगा था रेखा ने मुँह को पूरा खोला हुआ था ऑर ज़ुबान भी बाहर निकाली
हुई थी ताकि मामा के पूरे लंड को मुँह मे ले सके मामा भी तेज़ी से कमर हिला कर पूरे लंड को रेखा
के गले से नीचे उतरने लगा था मामा की दोनो बॉल्स रेखा की चिन पर टकराने लगी थी ,,,,,


कुछ देर बाद माँ ने मामा को पीछे हटने को बोला ऑर मामा ने अपने लंड को रेखा के मुँह से निकाल
लिया ऑर तभी रेखा नीचे बिछी हुई चद्दर पर लेट गई ऑर माँ भी रेखा के पास ही लेट गई ऑर मामा इस
कदर लेट गया था कि उसका मुँह रेखा की चूत पर था जबकि लंड माँ के मुँह के करीब था उधर माँ
की चूत रेखा के मुँह के करीब थी देखते ही देखते रेखा ने माँ की चूत को मुँह मे भर लिया ऑर
माँ ने अपनी साइड की करवट लेके रेखा के सर को अपनी टाँगों मे दबा लिया ऑर उधर मामा ने रेखा
की चूत को मुँह मे भर लिया ऑर एक हाथ की उंगली से रेखा की चूत को चोदते हुए रेखा की चूत को भी
मुँह मे भरके चूसने लगा दूसरी तरफ माँ की चूत पर रेखा के लिप्स की पकड़ बनी हुई थी ऑर रेखा
माँ की चूत को बड़ी मस्ती मे चूस रही थी ऑर माँ उसी मस्ती मे मदहोश होके मामा के लंड को
अपने मुँह मे लेके गले से नीचे तक उतार कर चूसने लगी हुई थी,,,,,,,,साला ये सब देख कर मैं तो
जैसे पागल हुआ जा रहा था अब ऑर ज़्यादा बर्दाश्त नही हो रहा था मेरे से दिल कर रहा था अभी जाके
उनके खेल मे शामिल हो जाउ लेकिन पता नही क्यू साली हिम्मत नही हो रही थी,,,ऑर उधर उन लोगो की मस्ती
बढ़ती जा रही थी हर कोई एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को ऐसे चूस ऑर चाट रहे थे जैसे मलाई लगी हो उनपे
,,,,,सब पागल हुए जा रहे थे मुझे तो इतना समझ मे नही आ रहा था कि ये लोग बिना किसी डर के यहाँ
खेतो मे नंगे लेटे हुए है इन लोगो को किसी के आने का डर नही है,,,,जानता हूँ उस दिन मैने भी काफ़ी
टाइम यहीं नंगे लेट कर रेखा की चुदाई की थी ऑर रेखा ने बोला भी था कि यहाँ कोई नही आता है फिर
भी अगर ग़लती से कोई आ जाता तो क्या होता,, ये लोग तो मस्ती मे खो चुके है इनको भी मेरी तरह डर नही
लग रहा जैसे उस दिन मुझे चुदाई की मस्ती मे किसी के आने का डर नही था ऑर मैं बिना किसी डर के
रेखा की जबरदस्त चुदाई कर रहा था,,,,
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12-21-2018, 12:48 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैं यहाँ अपने ख्यालो मे खोया हुआ था ऑर उधर वो लोग मस्ती मे पागल हुए जा रही थी तभी
मैने देखा कि माँ के जिस्म ने कुछ तेज़ी से झटके खाने शुरू कर दिए मैं समझ गया की माँ का काम
होने ही वाला है तभी शायद रेखा को भी पता लग गया कि माँ का काम होने वाला है तो उसने मामा के
सर को कस्के अपनी चूत पर दबा लिया जिस से मामा समझ गया कि रेखा भी झड़ने को बेताब हो रही है
उधर माँ ने भी मामा के लंड को तेज़ी से मुँह मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो मामा को माँ
की तरफ से भी इशारा मिल गया कि माँ भी झड़ने वाली है तो मामा ने अपनी उंगली को तेज़ी से रेखा की चूत
मे पेलते हुए उसकी चूत को छोड़ना शुरू कर दिया साथ ही अपने लिप्स को कस्के दबा दिया रेखा की चूत
पर ऑर पागलो की तरह चूसने लगा उसकी चूत को साथ ही अपनी कमर हिला कर अपने लंड को माँ के मुँह मे 
तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा माँ ने भी मामा का साथ देते हुए मामा की कमर को पकड़ा ऑर खुद 
मामा की कमर को तेज़ी से हिलाते हुए मामा के लंड को मुँह मे पेलने लगी,,,करीब 2-3 मिनट बाद ही 
सब लोगो के जिस्म को झटके लगने शुरू हो गये मैं समझ गया कि सब एक साथ झड़ने वाले है ऑर मैं
सही था मेरे देखते ही देखते माँ की चूत ने पानी निकालना शुरू कर दिया ऑर रेखा उसको पीने लगी 



साथ ही रेखा ने भी चूत से पानी को बहाना सुरू कर दिया जिसको मामा ने पीना शुरू कर दिया ऑर उधर
मामा ने भी अपने लंड को तेज़ी से माँ के मुँह मे पेलते हुए अपने लंड से पिचकारिया मारना शुरू कर
दी ऑर मामा के लंड ने भी स्पर्म निकालना शुरू कर दिया मामा के लंड से निकलने वाला स्पर्म माँ के
मुँह से बाहर निकल कर उनके एक गाल की तरफ बहने लगा जिसको माँ ने जल्दी से अपने हाथ से सॉफ किया ऑर
जल्दी ही उस हाथ को भी चाटने लगी साथ ही मामा के पानी को पीने के बाद मामा के लंड को अच्छी तरह
से चाट कर सॉफ करने लगी मामा ने भी रेखा की चूत को तब तक अपने मुँह से अलग नही किया जब तक 
रेखा के जिस्म ने आख़िरी झटके के साथ अपनी चूत के पानी की लास्ट ड्रॉप तक माँ के मुँह मे नही छुड़ा
दी थी ऑर मामा उसके पानी को पी नही गया था माँ की चूत ने भी जितना पानी निकाला था रेखा ने भी '
उसकी एक भी ड्रॉप नीचे नही गिरने दी थी ऑर सारा का सारा पानी पी गई थी,,,,,,,

एक दूसरे का पानी पीने का बाद तीनो लोग एक साथ एक दूसरे को हग करके लेट गये ,,मामा बीच मे था जबकि
रेखा ऑर माँ मामा की दोनो साइड पर लेटी हुई थी,,,,,

काफ़ी टाइम बाद इतना अच्छा लग रहा है,,,,क्यूँ सरिता मज़ा आया,,,,,,,,,,मामा ने माँ से पूछा,,,,

हाँ भाई बहुत मज़ा आया लेकिन असली मज़ा तो अभी बाकी है ये तो हल्की सी मस्ती थी बस,,,माँ ने हँसते हुए
बोला,,,,,,,,

सही कहा सरिता दीदी,,,,ये तो हल्की सी मस्ती थी बस लेकिन मैं तो इतनी हल्की मस्ती के लिए भी तरस के रह
जाती हूँ जब आप लोग आते हो या जब अशोक ऑर गीता आते है गाओं मे तभी इतनी मस्ती नसीब होती है मेरे
को वर्ना मैं तो बस मोमबत्ती से या उंगली से काम चलाती रहती हूँ,,,,,वैसे भी अब आप लोग काफ़ी
टाइम बाद आए हो गाओं मे,,,ऑर अशोक ऑर गीता को भी काफ़ी टाइम हो गया है,,,,,

तभी माँ हल्के गुस्से मे,,,,,,,,,,तुझे कितनी बार बोला है कि गीता का नाम मत लिया कर मेरे सामने तू
समझती क्यू नही,,,,,

अरे बेहन गुस्सा क्यू करती है अब तो बहुत टाइम बीत गया है सब बातों को अब तो गुस्सा ठंडा कर ले
अपना,,,,,,मामा माँ के माथे पर किस करते हुए माँ को समझाते हुए बोला,,,,

तभी रेखा मामा के उपर से निकल कर माँ की तरफ आ गई ऑर माँ के बड़े बड़े बूब्स को पकड़ कर
दबाते हुए माँ को बोली,,,,,,,,,,,,ठीक है बाबा नही नाम लेती उसका लेकिन उसकी वजह से मेरे पर गुस्सा मत
करो ऑर बस मस्ती करो,,,,इतना बोलते ही रेखा ने माँ के सर को मामा की तरफ से टर्न करके अपनी तरफ किया
ऑर जल्दी ही फिर से माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया,,,माँ अभी कुछ देर पहले हल्के गुस्से मे थी
लेकिन रेखा के किस करते ही एक पल मे माँ ने हथियार डाल दिए थे,,,,,

मामा--तेरे को अच्छी तरह पता है रेखा कि सरिता को शांत कैसे किया जाता है,,,,,,,,,,,

नही सुरिंदर ये मेरे को शांत नही ऑर ज़्यादा मस्त करके मेरी आग को भड़का देती है ,,माँ ने एक पल
के लिए अपने लिप्स रेखा के लिप्स से हटा कर इतना बोला लेकिन तभी रेखा ने जल्दी से माँ के लिप्स को कस्के जाकड़
लिया अपने लिप्स मे ऑर दोनो हाथों से माँ के बूब्स को दबाते हुए माँ के उपर लेट गई ,,,,माँ ने भी
जल्दी से अपनी बाहों मे जाकड़ लिया रेखा को ऑर उसकी किस का रेस्पॉन्स देते हुए रेखा की पीठ को अपने 
दोनो हाथों से सहलाने लगी ,,,,मामा ने भी अब तक अपने लंड को हाथ मे लेके मसलना शुरू कर दिया
ऑर देखते ही देखते मामा फिर से मैदान मे उतरने को तैयार हो गया,,,,तभी रेखा ने मामा के लंड
को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर कुछ देर हिलाने के बाद मामा को उठकर उसके पीछे जाने को बोला इतने मे
माँ ऑर रेखा दोनो ने अपनी टाँगें खोल ली ऑर मामा भी जल्दी से दोनो की टाँगो के बीच जाके अपने
घुटनो के बल बैठ गया ,,,माँ नीचे लेटी हुई थी जबकि रेखा माँ के उपर लेटी हुई थी उन दोनो के बड़े-2
बूब्स आपस मे एक दूसरे से चिपके हुए थे जिस तरह से उनके लिप्स एक दूसरे के लिप्स से चिपके हुए थे

,,
माँ के हाथ रेखा की पीठ पर थे जबकि रेखा का एक हाथ माँ के बूब्स पर ऑर दूसरा हाथ अपने ऑर
माँ के पेट के बीच दबके माँ की चूत पर पहुँच गया था ऑर रेखा ने माँ की चूत मे उंगली डाल
कर माँ की चूत को तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया था माँ भी मस्ती मे उसी अंदाज़ मे रेखा की पीठ
को सहलाते हुए कभी रेखा के सर को सहलाते हुए रेखा की जबरदस्त किस कर रही थी इतने मे मामा ने 
अपने लंड पर थूक लगाया ऑर जल्दी से रेखा की चूत पर रखा लेकिन तभी रेखा ने माँ के बूब्स से 
अपना हाथ हटा कर पीछे जाके मामा के लंड को पकड़ लिया ऑर अपनी चूत से मामा के लंड को हटा कर
अपनी गान्ड पर रख दिया मामा ने भी लंड के गान्ड पर टिकते ही तेज़ी से धक्का लगा दिया ऑर मामा का
लंड एक ही बार मे पूरा उतर गया रेखा की गान्ड मे लेकिन मामा को धक्के मारने मे थोड़ी मुश्किल
हो रही थी इसलिए रेखा जल्दी से अपने घुटने मोड़ कर कुतिया बन गई ऑर अपनी गान्ड को थोड़ा हवा मे
उठा लिया लेकिन उसने अपने लिप्स को माँ के लिप्स से अलग नही किया ऑर ना ही अपने हाथ को माँ की चूत से 
दूर किया वो ऐसे ही माँ को किस करती रही ऑर ऐसे ही माँ की चूत मे उंगली भी करती रही,,,माँ ने भी
जल्दी से अपने एक हाथ को रेखा की पीठ से हटा लिया ऑर नीचे करके रेखा की चूत पर ले गई ऑर जैसे तेज़ी
से रेखा माँ की चूत मे उंगली कर रही थी उतनी ही तेज़ी से रेखा ने भी माँ की चूत मे उंगली करना 
शुरू कर दिया रेखा एक दम मस्ती मे आ गई ऑर अपने लिप्स को माँ के लिप्स से अलग करके सिसकियाँ लेने लगी

आअहह उुउऊहह ससूउर्रीन्न्ड्दी र्रर आईसीए हहिि ज्जूओर्र ल्लाग्गाआ
क्कार्र छ्छूओद्दड़ म्मूउज़्झहीई ऊओरर त्टीजजिई ससीए घहुउस्साअ आपपन्ना म्मूस्साल्ल म्मीरीईइ
गगाआंन्ँदडड़ म्मीई क्कूवई रीहाम्म म्मांत्त क्काररन्ना म्मीररी पपीए ऊरर त्टीजज क्काार
ससूउर्रीन्न्ड्दी र्ररर आअहह पफाड्दड़ डदीए म्मीररीईई गगाणनद्दद्ड कककूऊऊऊ आहह
उूुुउऊहह हहययइईईई,,,,,,,मामा ने भी जल्दी से अपने दोनो हाथों को रेखा
की कमर पर रखा ऑर मजबूती से रेखा की कमर पर पकड़ बना कर अपनी स्पीड तेज करदी ऑर जैसे ही
मामा की स्पीड तेज हुई वैसे ही रेखा की सिसकियाँ भी ऑर तेज हो गई नीचे से माँ के हाथ की स्पीड भी रेखा
की चूत पर ऑर रेखा के हाथ की स्पीड माँ की चूत पर तेज हो गई आअहह ईस्स्स्सीई हहिईीईईईईई
ऊओररर त्टीजीीीइ ससीए छ्छूड़दूव म्मूउज़्ज्झहही ससूउर्रणनीयददीर्रर आर्र टीज्जिि ससीए ,,,,,,आईसीई हहिईिइ
म्मीरीई कच्छूत्त म्मी उउण्नग्ल्लीी काररूव स्साररित्ता दडियड्ड्डिईई ब्बाद्दा म्मांज़्जा आ र्रहहाअ
हहाइईइ आहह उउउहह ककब्बससी त्ताररास्स र्राहहिि टहिि मामैयिईन्न्न आपप ल्लूओगगूव सीसी
स्साआत्तह म्मांसस्त्तीी क्काररननी कककूऊव,,,आशूकक ऊओररर गीट्टा क्की स्साटतह इत्टना म्मांजा
न्नाहहीी अट्टाअ ईकक त्तूओ आअसशूकक क्का ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ बभ्हुत्त् छ्छूटता हहाइी उप्परर सस्सीईए
ग्गीतटता क्की पपाससस ननाल्लक्किी र्रब्बारर व्वाल्लाअ ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाइईइ ल्लेककिन्न्न वउूओ बभहिईीई
क्क्कीिससिईई क्कामम क्का न्नाहहिईिइ,,,,,ज्जूऊ म्मांज़्जाअ ससूउर्रणनीयददीर्रर क्की ल्लुउउन्न्ड्ड़ म्मईए हाइईइ
वउूओ आशूकक क्की छ्छूट्टी ल्लुउन्न्ड्ड़ ऊरर गीता क्की न्नाककल्ल्लीी ल्लुउन्न्ड्ड़ म्मी क्काहहानन्न
आहह ऊओररर त्तीज्ज क्काररू ससूउर्रणणनीयददीर्रर्र्ररर आहह ऊओरर त्तीईएज्ज्ज्ज्ज्ज्ज,,
बहुत्त् ंमज़्ज़जाआ आ र्राहहाअ हहाइईइ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सच म्मी रृीक्खहा ब्भ्हुउत्त्त 
म्मांज़्जा आ र्रहहा हहाइी क्क्य्याअ,,,,,,,,,,

हहाआंन्न स्साररत्ता द्द्दीइद्दी बभ्हउुूत्त्त म्मांज़्जाअ आ र्रहहा हहाइी,,ऐसी ल्लग्गतता हहाऐईइ
ज्जाईस्सी 2 ल्लुउन्न्ड्ड़ सससी ईककक स्साटतह कच्छुूद्दाइ हहू र्रहहिी हहाइईइ कचूत्त म्मईए
आपपक्कीी उउन्नगगल्लिइी ओररर ग्गाअंन्दड़ म्मी ससूउर्रीन्न्ड्दीआर्र क्काअ लुउन्न्ड्ड़ भ्हुत्त म्मांज़्जाअ
एयाया र्राहहा हहाऐईयईई,,,,,,,,,,,,,,,,,

क्कीइत्त्न्ना म्मामाजजा आ र्राहहाअ हहाइईइ ससुउन्नयी सीसी लूवंड्ड ज्जििट्त्न्ना य्या उसस्स ससी बहिी
ज्जय्याददाा,,,,,,,,,,,,,

क्कीिसकका नाआंम ल्ली ल्लीइययय्या स्साररित्ता दडिड्डिईइ ,,,,ससुउन्नयी क्की ल्लुउन्न्ड्ड़ ऊरर ससुउरिन्न्दीर्र
क्की ल्लुउन्न्द म्मी बभ्हुत्त् फ्फाररकक हहाइईइ,,,,क़ासशह वउूओ बभीी हूटता य्याहहानं ऊरर
म्मामिीन स्साक्च म्मी 2 ल्लुउन्न्ड्ड़ क्का ंमज़्ज़जा ल्ली स्साककक़त्तिईईई,,,यूयेसेस दिन ससुउन्नयी नी भ्हुत्त
मांज़्जा दीईयया त्ततहा म्मूउज़्झहही ल्लीककिन्न ददार्रद्द बभीी इट्त्न्ना क्कीिय्या त्तहा क्की प्पूउर्रीई
रात्त म्मामिन्न टहीकक ससी ससू नाहहीी पायईयी त्तहीी ,,,

तभी माँ बोली,,,,,,,,,,,हां क़ासशह ससुउन्नयी बभिि य्याहहानं हूत्ता म्मीर्रा बहिि दीइल्ल्ल्ल्ल्ल
क्काररतत्त्ताअ त्तहा उउस्स्क्क्कू य्याहहान ल्लीक्की आन्नी क्कूव ल्लेककिीन ददार्र्त्ती त्ीी काहहििईन्न्न तू
ककुउक्चह बाक्क ना द्दी उउस्स्क्की स्सांमन्नईए ,,,,,,,,,हहयययय क्क़ासशह ववूऊ य्याहन्न
हूटता त्तूओ क्कीिट्त्न्ना म्मांज़्जाअ आत्ता,,,,,,,,,,,,

इधर मैं खड़ा हुआ सब देख रहा था ऑर लंड को हाथ मे लेके मूठ मांर रहा था ऑर उन लोगो की
बातें सुन रहा था,,,,,,,,,,,साली रंडिया कितना याद कर रही है मेरे लंड को दिल करता है अभी जाके 
घुसा दूं अपने मूसल को माँ की गान्ड मे ,,,,,,

तभी मैने मामा की आवाज़ सुनी,,,,,,,,आज पहली बार मामा चुदाई करते कुछ बोला था जिसको सुनकर मेरी
गान्ड फॅट गई थी,,,,,

मामा--ठीक है बेहन अगर सन्नी को भी यहाँ बुलाना है तो अभी बुला लेते है,,,,,

रेखा ऑर माँ दोनो मामा की बात सुनकर खुश हो गई ऑर दोनो एक साथ बोली,जल्दी बुलाओ सन्नी को यहाँ
सुरिंदर,,,,,,,,

तभी मेरा ध्यान मामा की तरफ गया जो सीधा मुझे ही देख रहा था ,,मैं तो सोच रहा था कि जिस 
जगह मैं छुपा हूँ किसी का ध्यान नही जाएगा मेरी तरफ लेकिन मामा ने मुझे देख लिया ऑर
जल्दी से मुझे इशारा किया अपने पास आने के लिए मैं भी रेखा ऑर माँ के नंगे जिस्म को देख कर ऑर उन
लोगो की चुदाई को देख मस्ती मे खुद-ब-खुद खेंचा चला गया उन लोगो के पास ,,,तभी मेरे चलने
से झाड़ियों मे हल्की आवाज़ हुई तो माँ ऑर रेखा का ध्यान भी मेरी तरफ हो गया ऑर दोनो मुझे देखकर
खुश हो गई,,,उनके चेहरे की खुशी ऐसी थी मानो जैसे रेगिस्तान मे प्यासे को पानी मिल गया हो,,,मैं
भी हँसते हुए उनकी तरफ बढ़ने लगा ऑर कुछ ही पल मे मैं उनकी चद्दर के पास खड़ा हुआ था ऑर मेरा
लंड मेरे हाथ मे था मैं एक हाथ से मूठ मांर रहा था ऑर एक हाथ से पॅंट को उतारने मे लगा हुआ
था तभी रेखा माँ के उपर से उठी ऑर मामा के लंड को अपनी गान्ड से निकालते हुए खड़ी होके मेरे
पास आ गई ऑर देखते ही देखते उसने ज़मीन पर बैठ कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया था ऑर जल्दी
से मेरे पूरे लंड को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया था,, मैने भी जल्दी से अपने कपड़े उतारने
शुरू कर दिए थे मेरी टी-शर्ट निकल गई थी जबकि पॅंट पैरो के बीच मे इकट्ठा होके ज़मीन पर
पड़ी हुई थी,,,उधर रेखा जब माँ के उपर से उठी थी ऑर मामा के लंड को अपनी गान्ड से निकाल दिया
था तो तभी मामा ने नीचे लेटी हुई माँ की चूत मे अपने लंड को घुसा दिया था ऑर माँ की चुदाई 
शुरू कर दी थी,,,मैं उन लोगो को देख कर मस्त हो रहा था ऑर इधर मेरा पूरा लंड रेखा मुँह
मे अंदर बाहर होने से मस्ती डबल हो गई थी,,,मैने भी मस्ती मे रेखा के सर को पकड़ा ऑर तेज़ी से
अपने लंड को उसके मुँह मे पेलते हुए उसके मुँह को चोदने लगा मेरा लंड पहले से ही पूरा उसके मुँह
मे जा रहा था लेकिन मैं तो ऑर भी ज़्यादा तेज़ी से ऑर जोरदार धक्के से लंड को उसके गले से नीचे उतारने
लगा था तभी मेरा ध्यान मेरी माँ की तरफ गया जो मुझे ऐसा करते देख हँस रही थी मैने भी माँ को
हँस कर देखा ओर फिर से रेखा के मुँह की चुदाई करने लगा था,,,कुछ देर बाद मैने रेखा के सर को अपने
लंड से दूर कर दिया ऑर जल्दी ही उसको झुकने को बोला वो भी मेरी बात सुनके जल्दी से घुटनो के बल झुक
गई उसका सर माँ की तरफ था जब गान्ड हवा मे उठकर मेरी तरफ थी ऑर मैने जल्दी से उसकी गान्ड पर
अपने थूक से चिकने लंड को रखा ऑर एक ही बार मे पूरा घुसा दिया तभी रेखा की एक तेज चीख
निकल गई रेखा की चीख निकलते ही माँ ऑर मामा का ध्यान मेरी तरफ आया ऑर वो दोनो चुदाई करते हुए
ही मुझे देख कर हँसने लगे थे,,जबकि रेखा तेज़ी से चीख रही थी लेकिन मेरे पर उसकी चीख का कोई
असर नही हो रहा था ऑर लंड को एक बार मे पूरा उसकी गान्ड मे पेलने के बाद ही जल्दी से मैने जोरदार
धक्के लगाने शुरू कर दिए थे,,ऑर वो बस चिल्लाती जा रही थी,,,,,

आराअंम्म्म ससीए क्कारररर न्ना क्काममिन्नईए क्क्ययूउ हहारर बाररर मीररीई गाणन्दड़ पफाड्ड़ने
म्मईए ल्लाग्गा रीहतता हाइईइ हहययईई म्मांरररर गगयइिीईईईई उूुउऊहह द्ढहीररीए क्कार्र
ससुउउन्नययययी बभ्हउुूथत् दर्र्द्द्द हूत्ताअ हहाइईईई ईकक त्तूओ ग्घहूड्दी ज्जििट्त्न्ना ब्बादददा
ल्ल्लुउउन्न्ड्ड़ उउप्पपाररर ससी जजूर्र्ददार्र द्ड़हाक्की ससीए ईईत्न्नी ज़्जब्बार्ददाससटत् च्छुअद्डिईईईई
क्काररत्तता हहाइईइ तततुउउ ककुउउक्च त्तूओ त्ताररास्स क्कीिय्या क्काअररर आआअहह हहयइीई
,,,,,,,,,कययउउू एब्ब क्क्य्या हहूउआअ अब्भीी त्तूओ ककुउक्च द्दीर्रर प्पीहील्ली म्मामममाम
क्की ल्लुउन्न्ड्ड़ ससी कच्छुद्दाइ क्काररतती टिम्मी ब्बाददीई क्क्हुउस्शह टहिि ऊरर बबारर बबार
म्मूउुज्झहही य्याद्द्ड़ क्कार्र र्राहहीी त्ीी म्माम क्की ल्लुउन्न्ड्ड़ ससी म्मांज़्जा क्कार्र र्राहहिि त्तिी
आब्ब्ब म्मेररा ल्लुउन्न्ड्ड़ पपाससांनदड़ न्नाहहीी आय्या क्काययययया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ससूउर्रीन्न्ड्दीकर्र
क्का ल्लुउउउन्न्द ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाइी ल्लीककिन्न टतररा ल्लुउन्न्ड्ड़ त्तूओ ग्घहूड्दी का ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाइईइ
इट्त्न्ना ब्बाद्दा म्मूस्साल्ल ज्जू बभीी ल्लीगगा गगाणन्दड़ म्मी उउस्स्ककिी ट्टू गाणनद्दद्ड पफाट
हिी ज्जायईज्गीइइ आहह हहययइईईईई द्ध्हीर्रीए क्कार्र न्नाअ
क्काममिन्नईए ददार्र्द्द्द हहू र्राहहा हहाऐईइ,,,,,,,,,वो ज़ोर से चिल्ला रही थी तभी उसकी चीखों को
दबाने के लिए माँ ने खुद की थोड़ा अड्जस्ट किया ऑर जल्दी से रेखा के सर को पकड़ कर अपनी तरफ खीच
लिया ऑर नीचे करके अपने लिप्स को रेखा के लिप्स मे जाकड़ दिया जिस से रेखा की आवाज़ बंद हो गई लेकिन फिर
भी हल्की हल्की सिसकियाँ निकल रही थी उसकी,,,,माँ ने उसके लिप्स को कस्के अपने लिप्स मे जकड़ा हुआ था ऑर उसके
सर को भी पूरे ज़ोर से अपने हाथों मे पकड़ा हुआ था फिर एक हाथ को माँ ने उसकी पीठ पर मारते हुए 
मुझे अपनी स्पीड तेज करने को बोला माँ की इस हरकत से मामा भी एक शरारती मुस्कान से मुझे देखने
लगा ऑर माँ के साथ मिलकर मुझे स्पीड तेज करने का इशारा करने लगा,,,माँ ऑर मामा की बात मान कर 
मैं रेखा के उपर झुक गया ऑर उसके दोनो शोल्डर्स को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर एक मजबूत
शहरा लेके उसकी गान्ड मे अपने लंड को तेज़ी से पेलने लगा उसने अपने हाथ पीछे करके मुझे हटने को
बोला लेकिन मैं नही रुका वो बार बार अपने हाथ से मुझे रुकने को बोलने लगी लेकिन मैं नही माना
ऑर ऐसे ही तेज़ी से उसकी गान्ड को चोदने लगा,,वो एक हाथ को ज़मीन पर रखकर शहरा लेके झुकी हुई थी
जबकि दूसरे हाथ को पीछे मोड़ कर मेरी पीठ पर थप्पड़ मांर रही थी ऑर मुझे रुकने को बोल रही थी
मैने जल्दी से उसके हाथ को पकड़ा ऑर उसकी पीठ से लगा दिया ऑर तेज़ी से उसको चोदता रहा,,,,,
Reply
12-21-2018, 12:48 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
कुछ देर बाद
उसने तड़पना बंद कर दिया ऑर अपने हाथ को ढीला छोड़ दिया मैने भी जब देखा कि अब उसने ज़ोर
लगाना बंद कर दिया है तो मैं समझ गया कि उसको मज़ा आने लगा है तो मैने भी उसके हाथ को अपने 
हाथ से आज़ाद कर दिया,,अब उसने अपने उस हाथ को ज़मीन पर लगा लिया था ऑर माँ को किस करने मे 
पूरा साथ देने लगी थी ,,,तभी मैने देखा कि मामा माँ के उपर से उतर गया ऑर उसने माँ को एक साइड 
करवट लेके लेटा दिया जिस से माँ के लिप्स रेखा के लिप्स से अलग हो गये तभी मामा ने मुझे भी इशारा किया
ऑर मैने भी रेखा कि गान्ड से अपने लंड को निकाल लिया मेरे लंड निकालते ही रेखा भी माँ की तरह
एक साइड को करवट लेके नीचे लेट गई,,,



अब माँ ऑर रेखा दोनो एक साइड करवट लेके एक दूसरे की तरफ फेस करके लेट गई दोनो के फेस एक दूसरे
के करीब थे जबकि मैं ऑर मामा दोनो की पीठ पीछे उनकी तरफ करवट लेके लेटे हुए थे मामा ने
माँ की एक टाँग उठाई ऑर माँ ने भी मामा का साथ देते हुए अपनी टाँग को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर
मामा ने पीछे से अपने हाथ पर थोड़ा थूक लेके लंड पर लगाया ऑर माँ की गान्ड मे लंड घुसा दिया
ऑर तेज़ी से धक्के मारने शुरू कर दिए ,,इधर मैने भी रेखा के पीछे लेट कर अपने पेट को रेखा की 
पीठ से लगा दिया ऑर मामा की तरह ही रेखा की टाँग को पकड़ कर उपर उठाने लगा लेकिन मेरे हाथ 
लगाने से पहले ही रेखा ने अपने हाथ से अपनी एक टाँग को पकड़ा ऑर उपर हवा मे उठा लिया वो मेरे से
ज़्यादा ही तेज थी ऑर वैसे भी उमर मे बड़ी थी काफ़ी पुरानी खिलाड़ी थी इस खेल की,,,,

रेखा की टाँग उपर उठाते ही मैने भी लंड को उसकी गान्ड पर रखा लेकिन थूक नही लगाया ऑर ऐसे ही
एक झटके मे लंड को उसकी गान्ड मे आधे से ज़्यादा अंदर तक घुसा दिया वो हल्की सी उछल गई,,,,,,हयईी
काअमिईईन्नी त्तहूड्दा त्हूओक्क तटूऊ ल्लाग्गाअ ल्लेटीटाअ ऐसी हहीी ग्घुउस्सा दीईययाअ साररा
म्मांन्ंस्सस्स रराग्गाडड़ ददिईयया म्मीररीई गगाणन्दड़ क्काअ ,,,वो चिल्ला रही थी लेकिन मैं पीछे से 
मस्ती मे हल्की स्माइल देता हूँ उसको चोदने लगा था उसका चिल्लाना ऑर मेरे होंठों की मुस्कान देख
कर मामा ऑर माँ मेरी तरफ़ देख कर हँसने लगे थे माँ ने अपनी टाँग को अपने हाथ मे पकड़ा हुआ
था ऑर मामा उसके पीछे लेट कर माँ की गान्ड मे अपना लंड डालके तेज़ी से चुदाई कर रहा था मामा का
एक माँ के पेट ऑर कमर से होता हुआ माँ के एक बूब्स को बारी-बारी से मसल रहा था ऑर माँ हल्की हल्की
सिसकियाँ लेती हुई मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी मैने भी मस्ती मे मामा की तरह अपना एक हाथ
रेखा के बूब्स पर रख दिया ऑर एक ही पल मे तेज़ी से बूब्स को मसल्ने लगा ,,,,,,,,,

क्काममिन्नी गगाणन्दड़ बभीी पफाड्दड़ र्राहहा हहाइईइ ऊरर आब्ब्ब म्मीर्रे ब्बूबबसस ककूऊव
बभहिि ब्बीररीहममी ससी म्मांस्साल्ल र्राहहाअ हहाइईइ कचहात्त्तिईइ ससी उऊउक्खहाआद्द्द्दद्ड
क्कारररर आल्लाग्ग क्काररीग्गा क्क्य्या म्मीररी ब्बूवबबसस ककूऊव ,,,,,,,वो हल्के दर्द से ऑर मस्ती
मे हल्का सा सिसकियाँ लेती हुई चिल्ला भी रही थी ऑर मैं उसके बूब्स को मसलता हुआ उसकी गान्ड की जबरदस्त
चुदाई कर रहा था तभी एक पल मे माँ ऑर रेखा दोनो की सिसकियाँ बंद हो गई मैने देखा की माँ ने 
अपने उस टाँग को अपने हाथ से छोड़ दिया था ऑर मामा का हाथ माँ की उस टाँग पर चला गया था ऑर
मामा ने अपने हाथ से माँ की टाँग को शहरा देके हवा मे उठा रखा था ऑर माँ का हाथ रेखा के
बूब्स पर चला गया था ऑर माँ ने अपने सर को थोड़ा ऑर ज़्यादा करीब करके रेखा के लिप्स को अपने लिप्स
मे भर लिया था ऑर दोनो मे एक मस्ती भरी किस शुरू हो गई थी माँ अपने एक हाथ से अपनी चूत को 
सहला रही थी ऑर एक हाथ से रेखा के बूब को ऑर रेखा ने भी अपनी टाँग को अपने हाथ से हटा कर माँ
की कमर पर रख दिया था ऑर अपने हाथ को माँ एक बूब्स पर रख दिया था रेखा की टाँग माँ की कमर
पर थी ऑर दोनो बहुद करीब हो गई थी मैं ऑर मामा भी खुद को अड्जस्ट करके उनके बिल्कुल पीछे से
उनकी पीठ के साथ चिपक गये थे हम सब लोग इतना करीब थे कि मेरे ऑर मामा के धक्के मारने से
माँ ऑर रेखा के बूब्स ऑर पेट आपस मे टकरा रहे थे ,,,,तभी मैने भी रेखा की गान्ड मारते हुए 
अपने एक हाथ को रेखा की चूत पर रख दिया ऑर तेज़ी से उंगली करने लगा ,,,

माँ की गान्ड मे मामा का लंड चुदाई कर रहा था ऑर माँ का अपना एक हाथ उनकी चूत पर था जबकि
मैं रेखा की गान्ड मे लंड पेलते हुए रेखा की चूत पर अपने हाथ से सहला रहा था माँ ऑर रेखा 
दोनो एक दूसरे के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ कर किस कर रही थी कुछ ही देर मे मस्ती इतनी ज़्यादा हो गई 
थी माँ ऑर रेखा की वो दोनो किस करती हुई ही सिसकियाँ लेने लगी थी सिसकियों पर क़ाबू नही रहा था दोनो
ने अपने लिप्स को एक दूसरे के लिप्स से अलग कर लिया ऑर खुल कर सिसकियाँ लेने लगी थी रेखा का तो कुछ ज़्यादा
ही बुरा हाल था ऑर उसके ये हाल ज़्यादा देर तक टिका नही रहा ऑर जल्दी ही वो तेज़ी से झटके लेने लगी थी मैं
समझ गया कि अब इसका तो होने वाला है इसीलिए गान्ड मे लंड की ऑर चूत पर हाथ की स्पीड को तेज कर दिया
ऑर कुछ ही पल मे वो तेज़ी से चिल्लाते हुए पानी छोड़ने लगी उसकी चूत से पानी निकालने के बाद भी मैं
उसकी चूत पर हाथ से सहलाता रहा ऑर गान्ड भी मारता रहा तभी उसने मुझे दूर हटने को बोला लेकिन
मैने उसकी बात को अनसुना कर दिया ऑर ऐसे ही उसकी चुदाई करता रहा ,,,,,,,,,,,हइईए राअंम्म्ममम
ब्बाअस्स क्कार्र आब्ब्ब्बब म्मेररा हहूऊ गग्यया हहाइईइ ककुउक्च्छ द्दीर्र रुउककजजा क्काममिन्नी
क्क्ययउउू जानं ल्लीन्नी् प्पीरर तुऊउल्ला हहूउआ हहाइईइ दडियड्डिईईईईई आप्प्प्प्प हहिि ककुउउक्च बूल्लू
न्ना ईईसस सुउउन्नययी कककूऊऊ म्म्मीूररीि जानं ननीककााल्ल र्राहहिि हाइईइ 
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,रेखा माँ को मुझे
हटाने को बोल रही थी लेकिन मैं उसकी बात नही सुन रहा था तभी माँ ने अपनी चूत को अपनी उंगलियों
से खोला ऑर मुझे अपनी चूत की तरफ इशारा किया मेरा ध्यान अभी उसकी चूत की तरफ था कि रेखा जल्दी 
से उठने लगी ऑर मैने भी उसको नही रोका वो उठी ऑर माँ को एक किस करके जल्दी से साइड पर हो गई जैसे
कि उसने माँ को किस करके थन्क्ष बोला था कि माँ ने उसको मेरे से बचा लिया है मैं भी माँ की चूत 
मे इतना खो गया कि जल्दी से रेखा के साइड होते ही माँ की तरफ बढ़ गया ऑर लंड को माँ की चूत मे घुसा
दिया ऑर लंड घुसते ही तेज़ी से माँ की चूत को चोदने लगा माँ ने अपनी चूत से हाथ हटा लिया ऑर मेरी
कमर पर रख दिया ऑर मुझे अपने साथ चिपका लिया अब मैं माँ की चूत को आगे से ऑर मामा माँ की
गान्ड को पीछे से चोदने लगे थे माँ हम दोनो के बीच फसि हुई थी माँ ने मेरी कमर पर
हाथ रखके मुझे करीब किया ऑर मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया फिर जल्दी से मेरे लिप्स
को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया मैं भी मस्ती मे माँ की चूत को चोद्ते हुए माँ के बूब्स को दबाने लगा
ऑर माँ की किस का रेस्पॉन्स भी देने लगा माँ कुछ ज़्यादा ही मस्ती मे मेरे लिप्स को चूसने लगी थी क्यूकी
पहले वो सिर्फ़ मामा के लंड से चुद रही थी लेकिन अब 2 लंड की चुदाई से माँ की मस्ती कुछ ज़्यादा हो गई 
थी वैसे भी माँ को तभी मज़ा आता था जब 2 लंड एक साथ उसकी चूत ऑर गान्ड की चुदाई करते थे ,,

कुछ देर ऐसे ही किस करके ओर चुदाई करने के बाद मामा ने माँ के सर को पकड़ा ऑर उसने फेस को पीछे 
अपनी तरफ़ टर्न कर लिया मैने भी माँ के लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद कर दिया ताकि माँ मामा की तरफ देख 
सके माँ का सर पीछे की तरफ़ मुड़ते ही मामा ने माँ के लिप्स को चूसना शुरू कर दिया ऑर मेरे सर को 
मामा ने अपने हाथ से माँ के बूब्स की तरफ बढ़ा दिया मैने भी माँ के लिप्स को अपने हाथ से दबाते
हुए चूसना शुरू कर दिया माँ की मस्ती बहुत ज़्यादा हो गई थी क्यूकी वो काफ़ी टाइम से मामा से चुदाई
कर रही थी इतने टाइम से चुदाई करवा रही थी कि उसके साथ साथ चुदाई शुरू करने वाली रेखा तो एक बार
पानी छोड़ भी चुकी थी लेकिन माँ की चूत ऑर गान्ड अभी भी चुदाई मे लगी हुई थी मामा ऑर मैं
भी तेज़ी से माँ की चुदाई कर रहे थे ना तो मैं थका था ऑर ना ही मामा रुकने का नाम ले रहा था
लेकिन माँ अब रुकने वाली थी क्यूकी माँ के जिस्म मे झटके लगने शुरू हो गये थे तभी माँ ने मेरी
पीठ पर हाथ मारने शुरू किए ऑर साथ ही मामा ने भी मुझे इशारा किया स्पीड तेज करने को ऑर मामा
'ने खुद भी स्पीड तेज करदी कुछ ही पॅलो मे माँ की चूत ऑर गान्ड ने एक ही टाइम पर पानी निकालना 
शुरू कर दिया माँ का पानी तो निकल गया था लेकिन माँ चुदाई के खेल मे पड़ी हुई थी ऑर मस्ती मे मुझे
ऑर मामा को ऑर तेज़ी से चुदाई करने को बोल रही थी लेकिन मामा की मर्ज़ी कुछ ऑर थी उसने जल्दी से माँ की 
गान्ड मे से लंड निकाल लिया ऑर माँ के पीछे से उठ गया ऑर मुझे भी सर पे हाथ मार कर उठने को बोला
मैं कुछ समझा नही लेकिन तभी माँ ने भी मुझे छाती से हाथ लगा कर पीछे किया ऑर हटने को बोला 
तो मैने भी अपने लंड को माँ की चूत से निकाल लिया ऑर जब मूड कर मामा की तरफ देखा तो वो रेखा
के पास चला गया था 
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12-21-2018, 12:48 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
रेखा चद्दर पर लेटी हुई थी ऑर मामा घुटनो को मोड़ कर चद्दर पर बैठ कर अपने लंड को रेखा
के मुँह मे घुसा चुका था ऑर रेखा ने भी मामा के लंड को मुँह मे लेके चूसना शुरू कर दिया था
तभी मैं भी माँ की चूत से लंड निकाल कर खड़ा हो गया था ऑर इतने मे माँ भी घुटनो पर बैठ 
कर मेरे लंड को मुँह मे ले चुकी थी ऑर प्यार से चूसने लगी थी कुछ देर मेरे लंड को चूसने के बाद
माँ ने लंड को मुँह से निकाला ऑर तभी मैने देखा कि मामा माँ को कुछ इशारा कर रही थी ऑर माँ
ने तभी मेरे लंड को मुँह से निकाला था ऑर मामा का इशारा मिलते ही माँ ने भी मुझे पीठ से हल्का
सा धक्का देके रेखा की तरफ बढ़ा दिया ऑर मामा ने भी मुझे रेखा की चूत पर हाथ रखके उसकी
चूत मे लंड घुसाने को बोला मैं तो पहले से पूरा भरा हुआ था ऑर जल्दी से रेखा की टाँगों को
खोल कर रेखा की टाँगों के बीच मे बैठ गया इस से पहले रेखा कुछ समझ पाती मैने रेखा की
चूत मे लंड घुसा दिया ऑर एक ही बार मे पूरा लंड पेल दिया रेखा की चूत मे लेकिन रेखा इस चुदाई
को तैयार नही थी ऑर थोड़ा हिलने डुलने लगी थी लेकिन मैने उसकी टाँगों को पकड़ा हुआ था जबकि मामा ने
उसके एक हाथ को पकड़ कर अपने जिस्म को उसके सर के उपर से आगे की तरफ बढ़ा दिया अपने कमर को उपर
नीचे करते हुए अपने लंड को रेखा के मुँह मे पेलने लगा रेखा की चूत मे लंड घुसते ही मैने तेज़ी 
से रेखा की चूत को चोदना शुरू कर दिया जबकि मामा ने उसके मुँह मे लंड घुसा कर उसके मुँह को
चोदना शुरू कर दिया रेखा का एक हाथ तो मामा के हाथ मे था लेकिन एक हाथ फ्री था जिसको वो मामा की
पीठ ऑर कमर पर मार कर मामा को हटने को बोल रही थी लेकिन मामा उसके मुँह मे चुदाई करता जा रहा
था ,,,, मैं मस्ती मे पागल हो गया था ऑर पूरे जोश मे था मामा भी आज जोश मे लग रहा था मामा तो
चरस पीक जोश मे ही रहता था लेकिन मेरे जोश की वजह कुछ ऑर थी आज मैं माँ के साथ किसी ऑर औरत
की चुदाई कर रहा था इसलिए मेरे लंड मे कुछ ज़्यादा ही जोश भरा हुआ था ऑर मैं रेखा की दोनो
टाँगों को पकड़ कर तेज़ी से उसकी चूत चोदने मे लगा हुआ था रेखा कुछ देर हिलती जुलती रही लेकिन कुछ
देर बाद जब उसको मज़ा आने लगा तो उसने हिलना जुलना बंद कर दिया ऑर मामा की कमर को अपने एक हाथ से
पकड़ कर उपर नीचे करने लेगी मामा को भी जब पता चल गया कि रेखा मस्ती मे भरने लगी है तो
मामा जल्दी से उसके उपर से उठ गया ऑर मेरे को चेस्ट पर हाथ लगा कर पीछे होने को बोला ऑर उधर 
रेखा के सर को पकड़ कर उपर उठाने लगा मैं मामा की बात समझ गया ऑर रेखा की टाँगों से अपने
हाथ हटा कर उसके शोल्डर पर ले गया ऑर उसको पकड़ कर उपर उठाते हुए खुद पीठ के बाल लेटने लगा
जिस से कुछ ही देर मे मैं पीठ के बल ज़मीन पर लेट गये ऑर रेखा मेरे उपर आ गई लेकिन इतने टाइम
मे मैने लंड को रेखा की चूत से नही निकाला ऑर रेखा के मेरे उपर आते ही फिर से मैने चुदाई शुरू
करदी तब तक मामा रेखा के पीछे चला गया ऑर रेखा की गान्ड को थोड़ा हवा मे उठाकर अपने लंड
को रेखा की गान्ड मे घुसा दिया रेखा ने मामा के लंड को अपनी गान्ड मे सहन कर लिया क्यूकी मामा
का लंड भले लंबा था लेकिन था मेरे लंड से बहुत ज़्यादा पतला ऑर रेखा ने उसको एक ही बार मे शायद
पूरा का पूरा निगल लिया था ,,

मामा ने पीछे से रेखा की गान्ड को मारना शुरू किया जबकि मैं रेखा की चूत को चोदने मे लगा
हुआ था रेखा मेरी तरफ़ मुस्कुरा कर देखती हुई सिसकियाँ ले रही थी तभी कुछ ऑर सिसकियों की आवाज़ आने
लगी मैने सर घूमा कर देखा तो माँ ने अपनी चूत मे उंगली करना शुरू कर दिया था ऑर हम लोगो
को चुदाई करते देख फिर से मस्ती मे आ गई थी रेखा ने मेरे सर को पकड़ा ऑर अपनी तरफ़ घमा लिया ऑर
मुझे मेरी माँ को देखने से रोक दिया मानो वो इशारे मे बोल रही हो कि अपनी माँ को नही मुझे देखो
ऑर जल्दी से मेरे लिप्स को चूसने लगी मैं भी मस्ती मे पागल होके उसको किस करने लगा ऑर उसके बड़े-2
बूब्स को हाथों से मसालने लगा तभी मेरे हाथ के साथ-साथ मामा के हाथ भी उसके बूब्स तक आ 
गये थे ओर हम दोनो मिलकर रेखा के बूब्स को मसालने लगे थे रेखा के बूब्स थे ही इतने बड़े कि
हम लोगो को मिलकर उसको मसलना पड़ रहा था लेकिन तब भी मेरे ऑर मामा के हाथ मे एक पूरा बूब
नही आ रहा था फिर भी हम उसके बूब्स को मसल रहे थे मैने उसको किस करते हुए देखा कि माँ
हमारे पास आ गई थी ऑर घुटनो के बल बैठ कर अपनी चूत मे उंगली करने लगी थी जिस जगह वो बैठी
हुई थी उस से लग रहा था कि वो मामा को किस कर रही होगी मैने कुछ देर के लिए रेखा एक लिप्स से अपने 
लिप्स अलग किए ऑर देखा तो सच मे माँ मामा को किस कर रही थी ऑर एक हाथ से अपने बूब्स को मसल्ति
हुई अपनी चूत मे उंगली कर रही थी मैं माँ को देख कर ज़्यादा ही मस्त हो गया ऑर रेखा के लिप्स को
वापिस अपने लिप्स मे जाकड़ कर किस करने लगा ऑर उसके बूब्स से हाथ हटा कर उसकी पीठ पर ले गया ऑर उसकी
पीठ पर पकड़ बना कर तेज़ी से अपनी कमर को उपर नीचे करने लगा कुछ ही पल मे मेरी स्पीड कुछ
ज़्यादा ही तेज हो गई थी मैने महसूस किया की मामा की स्पीड भी पहले से ज़्यादा तेज हो गई थी मैं ऑर 
मामा पूरी स्पीड से रेखा की चूत ओर गान्ड की चुदाई कर रहे थे ऑर रेखा को मज़ा दे रहे थे ,,
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12-21-2018, 12:48 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
रेखा भी मस्ती मे पागलो को तरह मेरे लिप्स को जाकड़ कर चूसने लगी थी ओर अपने मज़े का इज़हार करने
लगी थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आअहह उूुउऊहह ईीीसस्क्क्कूऊ क्कीएहहट्थीई
हहाइईइ आस्सल्लीइीइ म्मामज़्जज़जाआ ज्जाब्ब ईकककक हहिईिइ टिइम्मी प्पपीरर 2 म्मूस्साल्ल ईकक स्साटतह
आपपक्कीी कच्छूऊतत ऊओरर गगाणन्दड़ क्कीिई कच्छुद्दाी क्काररतती हहाइईइ आहह हमम्म
उूुउऊहह ीसस्सीए हहिईिइ चछूड्डूऊ म्मूउज़्झहही तुउउंम्म द्दूओन्नूऊओ
ऊओरर त्टीजजििीइ ससीई पफाड्द द्दाल्लूऊ म्मीररर्रृिइ छ्छूऊतत ऊओरर गगाणन्ंदड़ क्कूव क्कू
ररीहहाआंम म्मांत्त क्काररन्ना ऊओरर त्टीजज ऊओररर त्टीजज कचछूड्ड़ूऊव आहह
रेखा की सिसकियाँ कुछ ज़्यादा ही तेज होने लगी थी ऑर उसकी सिसकियाँ सुनकर मेरी ऑर मामा की भी स्पीड तेज
होने लगी थी हम दोनो मिलकर रेखा की चुदाई कर रहे थे ऑर काफ़ी टाइम से टिके हुए थे मैदान मे 
रेखा भी अब पूरा साथ दे रही थी इस खेल का लेकिन वो ज़्यादा देर टिकी नही रह सकी एक दम से उसकी आवाज़
तेज होने लगी ऑर साथ ही मामा की भी मुझे लगा कि मामा झड़ने वाला है क्यूकी वो तभी आवाज़ करता है
जब झड़ने वाला होता है वैसे वो कुछ नही बोलता चुदाई करते टाइम ऑर साथ ही रेखा की आवाज़ भी तेज थी
इसलिए शायद वो भी झड़ने वाली थी लेकिन मेरा पानी अभी नही निकलने वाला था इसलिए मैं तेज़ी से चोदता
जा रहा था तभी एक जोरदार आवाज़ के साथ मामा झड गया ओर अपने पानी को रेखा की गान्ड मे भरके साइड
मे जाके लेट गया ऑर तेज़ी से साँसे लेने लगा माँ भी मामा की तरफ चली गई ऑर मामा के लंड पर लगे पानी
को अच्छी तरह चाट कर सॉफ करने लगी 

इधर मैं अभी भी डटा हुआ था लेकिन अभी मुझे भी लगने लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैने
स्पीड तेज करदी ऑर जल्दी से पानी निकालने वाला था लेकिन मेरा पानी निकलने से पहले ही रेखा का पानी निकल
गया ऑर वो मेरे उपर से हटने लगी इस बार मैने उसको नही रोका क्यूकी मैं भी झड़ने वाला था ऑर मेरी
सिसकियाँ तेज होने लगी थी शायद माँ को इस बात का पता चल गया था ऑर माँ जल्दी से मामा के लंड को
सॉफ करके मेरे करीब आ गई तब तक रेखा की चूत पानी छोड़ चुकी थी ऑर रेखा मेरे उपर से उतर
चुकी थी इतने मे माँ ने आगे बढ़ के मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर दोनो हाथों को मेरे लंड पर
तेज़ी से चलाने लगी ओर साथ ही अपने लिप्स से मेरे लंड को टोपी को चुस्ती हुई अपने मुँह को उपर नीचे करने
लगी कुछ ही पल मे माँ के मुँह मे मेरे लंड ने पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया ऑर माँ ने मेरे 
पानी को पीना शुरू कर दिया मैने माँ के सर को कस्के अपने हाथों से पकड़ा ऑर सर को लंड पर दबा
दिया जिस से लंड माँ के गले से नीचे तक चला गया ऑर मेरे लंड की कुछ पिचकारियाँ सीधा माँ के गले
से नीचे उतर गई थी लंड के पानी निकालने के बाद मैने माँ के सर को छोड़ दिया ऑर माँ ने लंड को 
अच्छी तरह से चाट कर सॉफ कर दिया मैं तेज़ी से साँसे ले रहा था क्यूकी बहुत थक गया था माँ भी मेरे
पास लेट गई ऑर मेरे सर पर किस करने लगी ऑर प्यार से हाथ फेरने लगी इतने मे रेखा की तरफ देखा तो वो 
अभी तक साँसों पर क़ाबू नही कर सकी थी ऑर तेज़ी से हाँफ रही थी मामा अब तक कुछ ठीक हो गया था
लेकिन आराम से लेटा हुआ था,,,,,,,,

चुदाई ख़त्म हो चुकी थी सब लोग अपनी अपनी साँसों पर क़ाबू कर चुके थे लेकिन काफ़ी टाइम से सब
चुप चाप लेटे हुए थे,,,,,

तभी माँ उठी ऑर अपने कपड़े पहनने लगी

सन्नी--अरे माँ इतनी भी क्या जल्दी है अभी तो मज़ा आना शुरू हुआ था ऑर आप कपड़े पहनने लगी हो थोड़ी देर 
रूको ना,,,,,,

माँ ने मेरी तरफ देखा ऑर अपने ब्लाउस के हुक बंद करने लगी लेकिन बोली कुछ नही लेकिन मैं माँ के
फेस को देख कर सब कुछ समझ गया था,,,माँ कुछ डरी हुई थी ,,पहले तो चुदाई का खेल चल रहा था
इसलिए मैं चुप था ऑर माँ भी मस्ती मे थी लेकिन अब माँ को डर था कहीं मैं माँ से कोई सवाल नही
कर दूं इसलिए माँ थोड़ी डरी हुई थी,,,,,,,

सन्नी--माँ आप डरो नही मैं आपसे कोई सवाल नही करूँगा ,,,,,ऑर ना ही किसी ऑर से,,,सब लोग मेरी तरफ देखने
लगे,,,,,,,,, खास कर माँ,,,,,,,,,

सन्नी-हाँ माँ मैं जानता हूँ आप लोग मेरे से कुछ छुपा रहे हो ,,,उस दिन बातों बातों मे रेखा
ने काफ़ी कुछ बोल दिया था लेकिन कुछ ख़ास बताया नही मुझे ऑर अब आप मेरे से डर रही हो कहीं मैं
कुछ पूछ ना लूँ आपसे तो आप अपने मन से डर निकाल दो ,,क्यूकी मैं तो बस यहाँ मज़ा करने आया
हूँ आप लोगो से कोई पूछ ताछ करने नही आप लोग बेफ़िक्र रहो मेरे से,,,,ख़ासकर आप माँ ,,,मैं
जानता हूँ कोई बात चल रही है आप लोगो के बीच मे जिसको विशाल भाई भी जानता है लेकिन मैं नही
जानता लेकिन ठीक टाइम आने पर मैं भी जान जाउन्गा लेकिन आपसे कभी ज़ोर डालके नही पूछूँगा कोई भी
बात आपको जब भी सही लगे तब मुझे बता देना,,,,,

मैं माँ से बात कर रहा था तभी विशाल भाई का नाम आते ही माँ गुस्से मे रेखा की तरफ देखने 
लगी ऑर रेखा ने सर को झुका लिया,,,,

सन्नी--माँ आप रेखा को गुस्से से मत देखो,,मैने बोला ना उसने कुछ नही बताया है मुझे ऑर अब मुझे कुछ
जानना भी नही है मुझे तो बस आपकी चूत ऑर गान्ड का मज़ा लेना है साथ मे रेखा की चूत ऑर गान्ड
का भी,,,इतना बोलते ही मैं उठा ऑर माँ के सर को पकड़ कर उसके फॉरहेड पर किस करदी,,,मेरे ऐसा करते
ही मामा भी बोलने लगा,,,,,,,,,,बेहन अब तो डर दूर कर्दे अपने दिल का अब तो सन्नी ने भी सब कुछ सॉफ
सॉफ बोल दिया है कि जब तेरा दिल करे तब तू खुद उसको सब कुछ बता देना ,,,


इतने मे रेखा भी हमारे पास आ गई,,,,सरिता दीदी मुझे माफ़ करदो जो मेरी ज़ुबान से कुछ बातें 
निकल गई लेकिन एक ना एक दिन तो सन्नी को सब पता चलना ही है ,,,,


रेखा ने अभी बोलना शुरू किया था कि तभी माँ थोड़े गुस्से मे बोल पड़ी,,,,तू अपनी बकवास बंद ही
रख तेरी वजह से ही शोबा ,,,,,,,,,,,,इतना बोलते बोलते ही माँ चुप कर गई ओर मेरी तरफ देख कर सर को
नीचे कर लिया,,,,,
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12-21-2018, 12:48 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
ग़लती हो गई सरिता दीदी अब तो माफ़ करदो अब मेरी ज़ुबान नही खुलगी कभी भी किसी के भी आगे,,,,इतने
दिनो बाद इतना मज़ा आया है अब मज़े को खराब मत करो ना प्लीज़ मैं अपनी ग़लती की माफी मांगती हूँ
अब तो माफ़ करदो,,,,,,,,,,सन्नी तुम ही कुछ बोलो अपनी माँ को

मैने माँ के शोल्डर को पकड़ा ऑर माँ के फेस को देखते हुए,,,,माँ अब कोई टेन्षन नही है आप 
बेफ़िक्र रहो मैं कुछ नही पूछने वाला आपसे आपका जब दिल करे तब बता देना ,,,अभी तो मज़ा करो
ना मैं वैसे भी आपके साथ मज़ा करने ही यहाँ आया हूँ ,,कल भी आपके साथ आना था लेकिन अपने मेरे
साथ आने से मना कर दिया इसलिए मैने कार की वाइयर निकाल दी थी सोचा कार स्टार्ट करने के बाद शायद आप लोग
मुझे अपने साथ रेखा के पास ले आओ लेकिन आप नही लेके आए,,,आज भी मैं आप लोगो के पीछे इसलिए आया
क्यूकी मेरा दिल बहुत कर रहा था आपसे ऑर रेखा से चुदाई करने को मैं कोई फालतू सवाल जवाब करने नही
आया यहाँ,,,,,,,,,,

माँ--बेटा तू कुछ नही पूछेगा लेकिन ये रेखा की ज़ुबान केँची की तरह चलती है कुछ भी बक देती है ये,,

रेखा--अब नही बोलूँगी सरिता दीदी एक बार माफ़ करदो मुझे,,सरिता माँ से माफी माँगे लगी,,,,

माँ--पहले भी एक बार माफ़ कर चुकी हूँ तेरे को लेकिन तेरी वजह से ,,,,,,,,माँ एक दम से फिर चुप हो गई
माँ गुस्से मे थी लेकिन फिर भी अपने वर्ड्स पर कंट्रोल करना खूब आता था उनको गुस्से मे भी अपने
मुँह से कोई बात नही निकलने दे रही थी वो,,,,,,ये बात अच्छी थी माँ की लेकिन मुझे टेन्षन होने लगी थी
माँ की बातें सुन कर क्यूकी वो बातें अधूरी थी ,,,,,

मामा--अरे बेहन एक बार माफ़ कर्दे रेखा को आगे से कोई ग़लती नही करेगी लेकिन माँ कोई बात नही सुन रही थी
इसलिए मैने जल्दी से आगे बढ़ के माँ के लिप्स को अपने लिप्स से जाकड़ लिया ऑर किस करने लगा मेरी इसी हरकत
से रेखा ने माँ की पीठ पर से माँ के ब्लाउस को खोलना शुरू कर दिया कुछ ही देर मे माँ का ब्लाउस
वापिस चद्दर पर पड़ा हुआ था ऑर माँ ने मस्ती मे मुझे किस करना शुरू कर दिया था,,,

माँ ने मेरे से अलग होके कुछ बोलने की कोशिश की,,,,,,,,,,

सन्नी--अब कोई कुछ नही बोलेगा माँ ,,,आप टेन्षन फ्री हो जाओ ऑर मस्ती करो इतना बोलकर मैने माँ को वापिस
किस करना शुरू कर दिया माँ भी मस्ती मे आके किस का रेस्पॉन्स अच्छी तरह से देने लगी थी,,,,

मेरी बातों से शायद माँ की टेन्षन कम हो गई थी लेकिन माँ की अधूरी बातों से मेरी टेन्षन पहले
से ज़्यादा बढ़ गई थी,,,,

खैर उस दिन हम लोगो ने एक बार फिर से चुदाई का खेल शुरू कर दिया था ,,कभी मामा ने माँ को
ऑर मैं रेखा को छोड़ा तो कभी मामा ने रेखा को ओर मैने माँ को छोड़ा,,,,,,,,तो कभी कभी मैने
ऑर मामा ने मिलकर माँ को तो कभी मिलकर रेखा को छोड़ा उस दिन हम शाम के 7 बजे तक चुदाई करते
रहे,,,,


हम लोग खाने के टाइम से लेट हो गये थे,,माँ तो जाने को बोलती रही लेकिन मैं मामा ऑर खास कर
रेखा का दिल नही भर रहा था चुदाई से इसलिए हम लोग लेट हो गये,,,

रात को जब वापिस घर आए तो मैने कार को नये घर मे लगा दिया ऑर फिर फ्रेश होके चाचा के घर 
चला गया,,,

तब तक माँ रसोई मे जाके खाना तैयार करने लगी थी ऑर चाची रसोई मे माँ के पास खड़ी होके माँ
की हेल्प कर रही थी,,,,,,

मैं भी रसोई मे चला गया ,,,ऑर जाते ही मुझे झटका लगा,,,,,अरे ये क्या मामा आज रसोई मे खड़ा हुआ 
माँ ऑर चाची जी की हेल्प कर रहा है,,,,ऑर सब्जी बना रहा है,,,,मैं तो दंग रह गया कि जो बंदा हर
टाइम चरस के नशे मे रहता था कोई काम नही करता था आज वो रसोई मे खाना बना रहा है ,,
फिर मुझे लगा कि आज शायद लेट हो गये थे हम लोग इसी वजह से मामा उन लोगो की हेल्प कर रहा था

चाची--बेटी जल्दी कर आज वैसे भी खाना पकने मे देर हो गई है,,,,,

माँ--ग़लती हो गई चाची जी वो मैं ,,,,,,,,,,

माँ कुछ बोलती इस से पहले मैं बोल पड़ा,,,,,,,,,,,,,चाची जी मेरी वजह से लेट हुए है हम लोग माँ ऑर 
मामा तो कब्से बोल रहे थे वापिस घर आने को लेकिन मुझे गाओं मे घूमना था इसलिए थोड़ा लेट
हो गये,,,,,,

चाची ने मेरे सर पे हाथ फेरा,,,,,,कोई बात नही बेटा एक दिन हम बूढ़े लोग खाना लेट खा लेंगे
तो कोन्सि आफ़त आ जाएगी,,इतना बोलकर चाची हँसती हुई किचन से बाहर चली गई,,,,,

तभी माँ ने मुझे कुछ बर्तन दिए ऑर बोला की मैं बाहर टेबल पर बर्तन सेट करके लगा दूं बाद
मे माँ आके खाना लगा देगी लेकिन मेरे बर्तन पकड़ने से पहले ही सोनिया ने माँ के हाथ से बर्तन 
पकड़ लिए ऑर कुछ बोले बिना जल्दी से बाहर आके टेबल ऑर चारपाई को सेट करके टेबल पर बर्तन रख दिए
ऑर माँ भी खाना लेके बाहर आ गई सोनिया उनकी हेल्प करने लगी जब तक चाची भी आके वहाँ बैठ गई ऑर
मामा भी रसोई से बाहर आके हाथ धो कर हमारे पास आ गया था,,,,


हम सब लोग खाना खाने लगे अभी मैने खाने का एक नीवाल मुँह मे डाला था कि खुश हो गया साथ 
मे थोड़ा हैरान भी रह गया,,,,,क्यूकी आज सब्जी बहुत स्वाद बनी थी ऑर ये सब्जी मामा ने बनाई थी

अरे सुरिंदर बेटा आज तो तूने बहुत अच्छी सब्जी बनाई है ,,मज़ा आ गया,,,चाची ने भी एक नीवाला मुँह मे 
डालते ही मामा की तारीफ करनी शुरू करदी,,,,तभी सोनिया भी हैरानी से मुँह खोलके मामा की तरफ देखने
लगी,,,,,,,,,,,,,,

चाची क्या सच मे सब्जी मामा ने बनाई है,,,,,,,,सोनिया हैरान होके पूछ रही थी,,,

चाची--हाँ बेटी आज सब्जी तेरे मामा ने बनाई है ,क्यू अच्छी नही लगी क्या,,,,

सोनिया--नही नही चाची जी सब्जी बहुत टेस्टी है मैं तो हैरान इसलिए हूँ क्यूकी आज तक कभी मैने मामा के
हाथ की सब्जी नही खाई थी ऑर खाती भी कैसे मामा ने कभी बनाई होती तो ही खाती ना,,,,

चाची--अरे बेटी तेरा मामा शुरू से ही आलसी है जब दिल करे तब ही कुछ काम करता है,,,,इतना बोलते ही चाची
हँसने लगी ऑर साथ मे हम सब भी,,,,,,लेकिन जब भी काम करता है तो दिल लगा कर करता है ऑर ख़ासकर
खाना तो बहुत दिल लगा कर बनाता है लेकिन जब भी मूड करे तब,,,,,

लेकिन चाची घर पे तो कभी मामा ने कुछ नही बनाया खाने के लिए,,,,सोनिया ने चाची को बोला

अरे बेटी बोला ना जब इसके दिल करे तब ही बनाता है ,,,,,,,




मैं हैरान था कि माँ चुप थी लेकिन चाची बोल रही थी जैसे चाची माँ से बेहतर जानती हो मेरे 
मामा को,,,,मुझे कुछ ठीक नही लग रहा था एक तो दिन के टाइम माँ की अधूरी बात ने मुझे टेन्षन
मे डाल दिया था ऑर अब चाची की बातों ने टेन्षन को ऑर ज़्यादा बढ़ा दिया था,,,

खैर मैं टेन्षन को भूल कर मजेदार सब्जी का लुफ्त उठाने लगा था ऑर आज तो मैं कुछ ज़्यादा ही
खाना खा गया था,,,ऑर यही हाल बाकी सब का था ,,,सब लोग खाना खाते हुए मामा की तारीफ कर रहे थे
जबकि मामा खुद चुप चाप खाना खा रहा था,,,,,,,,मैं सोचने लगा कि एसा आलसी बंदा जो एक वर्ड
बोलकर सबको थॅंक्स नही बोल पा रहा उसने रसोई मे जाके इतनी स्वादिष्ट सब्जी कैसे बनाई होगी,,,,

रात को खाना ज़्यादा खा लिया तो नये घर की छत पर जाके कुछ टहलने लगा था ताकि खाना थोड़ा नीचे
हो ऑर मैं जाके आराम से सो सकूँ क्यूकी मुझे नीचे हाल मे सोना था जहाँ बहुत गर्मी थी पेट फुल
भरा होने की वजह से भी नींद नही आएगी इसलिए कुछ सैर करने उपर आ गया था,,,,,अभी सैर करने ही
लगा था कि सोनिया भी उपर आ गई ऑर आते ही मुझे देख कर मेरे से थोड़ा दूर चली गई ऑर सैर करने 
लगी मैने देखा कि उसके हाथ मे उसका मोबाइल था जिस पे वो किसी से चॅट कर रही थी ,,,,मैने उसकी तरफ
ज़्यादा ध्याना नही दिया ओर सैर करके थोड़ी देर मे वापिस नीचे आके लेट गया,,,,,,पेट भरा होने की वजह
से कब नींद आ गई पता नही चला,,,,,,,

सुबह उठा ऑर नीचे रूम मे गया सोनिया वहाँ नही थी ,,,मैं बाथरूम मे गया ऑर फ्रेश होके चेंज
करके बाहर आ गया बाहर आके देखा तो बेड पर बॅग पॅक करके रखा हुआ था ये बॅग तो सोनिया का था ,,
शायद वो वापिस जा रही थी लेकिन क्यूँ ,,कहीं मेरी वजह से ,,,,मुझे डर लगने लगा था क्यूकी अगर वो मेरी
वजह से वापिस जा रही थी मेरे लिए मुसीबत थी,,,,,

खैर मैं वहाँ से चाचा जी के घर चला गया ,,,,,सब लोग चाचा जी के रूम मे बैठ कर बातें कर रहे 
थे मैं भी वहाँ जाके बैठ गया,,,,,,,

अच्छा हुआ बेटा आज तू जल्दी उठ गया ,,मुझे लगा आज भी कहीं देर से ना नींद खुले तेरी,,,,अब तू बैठ ऑर मैं
तेरे लिए नाश्ता बना देती हूँ इतना बोलके माँ रूम से बाहर चली गई,,,इस से पहले मैं कुछ बोलता चाचा जी
बोलने लगे,,,,,,,,,,,

अभी तो आए हो तुम लोग ऑर अभी चले जाओगे ,,,कुछ दिन ऑर रुक जाते अपने चाचा का पास थोड़ा ऑर दिल बहल जातामेरा,,,चाचा जी ने मेरा हाथ पकड़ कर बोलते हुए मुझे अपने सीने से लगा लिया,,,,मैं कुछ समझ नही पा
रहा था ,,,,,
Reply
12-21-2018, 12:59 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
चाचा जी रुकने को तो रुक जाते हम लोग लेकिन रात को मेरी फ्रेंड कविता का फोन आया था कि कॉलेज से ऑर ज़्यादा
छुट्टियाँ नही मिल रही है इसलिए आज ही वापिस जाना होगा वर्ना मुश्किल हो जाएगी,,,,सोनिया ने मेरी तरफ गुस्से मे 
देखते हुए चाचा जी की बात का जवाब दिया,,मैने झट से अपना चेहरा चाचा जी की तरफ कर लिया,,,,,

चाचा--ठीक है बेटा आज नही रोकता तुम लोगो को क्यूकी तुम लोगो की स्टडी ऑर कॉलेज का सवाल है अगर कोई ऑर बहाना करती तुम तो नही जाने देता मैं तुम लोगो को,,,तुम लोगो के आने की वजह से तो दिल बहला है मेरा एक नई उम्मीद जागी है दिल मे जीने की वर्ना मैं बूढ़ा बंदा जी के क्या करता,,,,अब तो चले जाओ लेकिन जल्दी ही तुम लोगो को फिर से वापिस आना होगा,,,,,,

सन्नी--फिर से क्यू चाचा जी,कोई ख़ास बात है क्या,,,,,,,,,,

हाँ बेटा कोई खास बात है लेकिन अगर खास बात नही होती फिर भी तुम लोगो को आना ही पड़ेगा अपने बूढ़े 
चाचा से मिलने के लिए,,,,,चाचा ने हँसते हुए बोला,,,,,,,,,,

मैं तो जब आप बोलो तब आने को तैयार हूँ चाचा जी बस आप हुकम किया करो,,,,,,,,,,,,वैसे वो ख़ास बात क्या 
है जिसकी वजह से हमे फिर से आना होगा चाचा जी,,,मैने चाचा जी से पूछा,,,,,,,,

चाचा--वो तो मैं तभी बताउन्गा जब तुम लोग आओगे,,,,,,,,

इतने मे माँ नाश्ता लेके आ गई ऑर मैं वहीं बैठ कर नाश्ता करने लगा ऑर साथ साथ हम लोग बातें करने 
लगे,,,,,,,,हमारे जाने की वजह से चाचा जी बहुत उदास थे ऑर चाचा जी की हालत देख कर चाची भी बहुत
उदास थी,,,,,,,,,लेकिन अब मैं रुक भी नही सकता था क्यूकी सोनिया ने पहले से सबको बोल दिया था कि मैं भी
उसके साथ जाने वाला हूँ ऑर वैसे भी कार तो मुझे ही चलानी थी उसको घर से लेके भी तो मैं ही आया था,,,,

हम लोगो को तो आज ही जाना था लेकिन माँ ऑर मामा जी अभी ऑर 2-4 दिन यहीं रुकने वाले थे,,,,,,,,,,,

नाश्ता करके सब लोगो से मिलकर मैने कार को घर से बाहर निकाला तब तक सोनिया अपना ऑर मेरा बॅग पहले से ही
कार मे रख चुकी थी,,,,मैं सबसे मिला ऑर कार की ड्राइविंग सीट पर आके बैठ गया ऑर सोनिया सबसे मिलने के बाद
मेरी साथ वाली सीट पर बैठ गई ,,मैने कार स्टार्ट की ऑर हम लोग वहाँ से चल पड़े ना तो मैं सोनिया की तरफ
देख रहा था क्यूकी डर लगता था मुझे ऑर ना ही सोनिया मेरी तरफ देख रही थी उसका ध्यान तो खिड़की से बाहर
की तरफ़ था तभी हम लोग घर से करीब 2 किलोमेटेर आगे ही आए थे कि उसने मुझे कार रोकोने को बोला ,,,

मैने कार रोक दी ओर वो कार से उतर कर पीछे वाली सीट पर जाके बैठ गई,,,,मैं समझ गया कि वो मेरे से 
गुस्सा है ओर मेरे साथ नही बैठना चाहती ,,घर वालो के सामने वो मेरे साथ बैठ गई थी ताकि कोई उस से कोई
सवाल ना करे लेकिन घर से थोड़ी दूर आते ही वो पीछे जाके बैठ गई,,,मुझे इस बात से कोई हैरत नही हुई 
मुझे तो लगा था कि वो मेरे साथ नही जाएगी घर वापिस ऑर बस मे अकेली जाएगी लेकिन उसने ऐसा नही किया ऑर
मेरे साथ ही वापिस घर आने को तैयार थी लेकिन पीछे वाली सीट पर बैठ कर,,,,,,खैर मुझे क्या मैं तो पहले
से उदास था अब सोनिया की इस हरकत से थोड़ा ऑर उदास हो गया,,,,पहली वजह तो थी रेखा ,मैं उसकी मस्त गान्ड
का दीवाना हो गया था ऑर जी भरके उसकी गान्ड मारना चाहता था लेकिन इस सोनिया की वजह से मुझे उस मस्त ऑर
रसीली गान्ड से दूर जाना पड़ रहा था ऑर उपर से ये कामिनी खुद जाके पीछे वाली सीट पर बैठ गई ऑर मुझे
अपना ड्राइवर बना लिया मेरा मूड थोड़ा खराब हो गया इसीलिए मैने दिल बहलाने के लिए कुछ सॉंग प्ले
कर लिए ऑर अपनी ही मस्ती मे सॉंग सुनता हुआ ड्राइव करने लगा ड्राइव करते हुए मेरा ध्यान उपर वाले मिरूर पर
गया जिस से हम लोग पीछे से आने वाले ट्रेफ्फिक पर नज़र रखते है उस मिरूर पर नज़र पड़ते ही होश खो गये
मेरे एक ही पल मे मस्ती भरने लगी मेरे दिल मे एक तो कार मे रोमॅंटिक सॉंग प्ले था ऑर उपर से पीछे वाली
सीट पर बैठ कर सोनिया ने अपने बालों को खोल दिया था ऑर खिड़की से बाहर देख कर उस सॉंग के वर्ड्स मे
खो गई थी उसकी खुली जुल्फे हवा मे इधर उधर उड़ने लगी थी जिसको वो बार बार अपने माथे से हटा कर 
कान की एक साइड पर अटका लेती थी लेकिन लेकिन वो बालों की एक लट उसको बार बार तंग कर रही थी विंडो का शीशा ओपन था ऑर वो गाओं की ठंडी हवा का लुफ्त उठा रही थी लेकिन वही ठंडी हवा उसको तंग कर रही थी उसकी
ज़ुल्फो की एक लट जो बार बार उसके कान की साइड से फिसल कर निकल जाती ऑर उसके माथे पर लहराने लगती जिसको वो बड़े प्यार से फिर से कान की साइड पर अटका लेती लेकिन वो लट भी उसकी तरह ज़िद्दी थी जो उसका कहना नही मान रही थी ऑर बार बार उसको तंग कर रही थी सोनिया भी तंग तो हो रही थी लेकिन रोमेंटिक सॉंग ऑर गाओं की ठंडी हवा ने उसके गुस्से को कंट्रोल मे किया हुआ था,,,लेकिन मुझे ये सब देख कर बहुत मज़ा आ रहा था मैं बार बार
मिरूर मे नज़रे बचा बचा कर उसे देख रहा था जब भी वो मेरी तरफ देखती तो मैं अपना ध्यान ड्राइविंग की
तरफ कर लेता जब वो फिर से बाहर गाओं की हवा का लुफ्त उठाने लगती तो मैं भी उसको देख देख कर उसकी 
मासूमियत से भरे चहरे का दीदार करके लुफ्त उठाने लग जाता था,,,,उसकी भोली भाली शकल देख कर कोई
सोच नही सकता कि इस लड़की का गुस्सा हिट्लर से भी कहीं ज़्यादा हो सकता है लेकिन ये सच था उसके गुस्से से मैं
क्या मेरी पूरी फॅमिली डरती थी,,,,ऐसे ही उसका दीदाए करते करते हम लोग घर पहुँच गये हम लोग रास्ते मे 
एक बार रुके थे कोल्ड्रींक्स लेने क लिए लेकिन तब भी सोनिया कार से नही उतरी थी मैं ही उतर कर कोल्ड्ड्रिंक्स लेने
गया था वो तो गुस्से से मुँह फूला कर आराम से पिछली सीट पर बैठी रही थी,,,,,,,,

घर पहुँचे तो 7 बज चुके थे ,,घर के गेट के पास मैने कार रोकी तो सोनिया ने उतर कर गेट खोला फिर मैं
डोर की बेल बजाने लगी तब तक मैं कार को घर के अंदर ले आया,,,शोबा दीदी ने दरवाजा खोला ऑर सोनिया जल्दी से
अंदर चली गई ऑर मैं अपना ऑर सोनिया का बॅग लेके घर के अंदर आ गया मेरे अंदर आते ही शोबा दीदी मुझे
गले लग्के मिली फिर चाचा जी का हाल चाल पूछते हुए मेरे से एक बॅग पकड़ लिया ऑर हम लोग बातें करते हुए
उपर वाले फ्लोर पर चले गये ,,,,,,,,उपर भुआ किचन मे काम कर रही थी जबकि डॅड सोफे पर बैठ कर टीवी देख
रहे थे ,,,,,,,,मैं ऑर दीदी मे रूम मे चले गये तब सोनिया वॉशरूम मे जा चुकी थी मैने ऑर दीदी ने बॅग को
रूम मे रखा ओर फिर मैं फ्रेश होने के लिए शोबा दीदी के रूम मे आ गया ऑर शोबा दीदी भी मेरे साथ वहाँ
आ गई,,,,,,मैं मुँह हाथ धोकर बाहर निकला तो देखा कि शोबा दीदी रूम का दरवाजा बंद कर चुकी थी मैं
समझ गया कि ये क्या चाहती है लेकिन मैं अभी मूड मे नही था क्यूकी काफ़ी लंबी ड्राइव करके मैं थक गया
था शोदा दीदी ने भी मेरे चहरे पर थकान के असर को देख लिया,,,,,

मैं जानती हूँ तू थक गया है लेकिन क्या करू मेरी चूत तेरे बिना बहुत तड़प रही है दीदी ने अपने पयज़ामे
को मेरे सामने ही नीचे किया ऑर नंगी चूत मेरे सामने करदी उन्होने पयज़ामे के नीचे पेंटी नही पहनी
हुई थी दीदी की चिकनी शेव की हुई चूत देख कर मैं मस्त होने लगा लगता था दीदी ने अभी अभी शेव किया
था चूत पर,,,,मुझे मस्ती तो चढ़ने लगी थी लेकिन मेरी थकान मेरी मस्ती पर भारी पड़ी ओर मैने दीदी
को साइड किया ऑर दरवाजा खोल कर रूम से बाहर चला गया,,,,,

मैं सीधा जाके सोफे पर डॅड के साथ टीवी देखने लगा,,,,,ये सोफा सेट ऑर टीवी नया लग रहा था मेरे को,,,,,,,,,क्यूकी
पहले यहाँ की सारी जगह खाली थी,,,बस किचन के बाहर डाइनिंग टेबल पड़ा हुआ था,,,,सोफे ऑर टीवी नही था ,,,ये सोफा
भुआ के ड्रॉयिंग रूम वाला सोफा भी नही था,,,,

सन्नी--अरे डॅड ये सोफा ऑर टीवी न्यू है क्या,,,,,,,,,,,,
तभी डॅड के बोलने से पहले भुआ बोल पड़ी,,,,,,,,,,हाँ सन्नी बेटा ये टीवी ऑर सोफा सेट बिल्कुल न्यू है ,कल ही लेके आए है हम लोग,,वो क्या है ना एक टीवी तो ड्रॉयिंग रूम मे पड़ा है लेकिन ये जगह खाली खाली थी तो सोचा क्यू ना यहाँ भी सोफा ऑर टीवी रख लिया जाए ,इतना बोलकर भुआ वापिस किचन मे चली गई ऑर खाना लगाने के लिए शोबा को भी आवाज़ लगा दी तभी शोबा अपने रूम से निकली ऑर मेरी तरफ थोड़ा गुस्से से देखती हुई किचन मे भुआ के पास चली गई,,,,,,,,



भुआ ऑर शोबा ने खाना लगा दिया ऑर इतने मे सोनिया भी नहा धो कर बाहर आ गई ,,,हम लोग बैठ कर खाना

खाने लगे ,,,,,,,,,,आज भुआ ने खाना कुछ जल्दी ही बना लिया था शायद खाना ख़ाके इन लोगो का मस्ती करने का

प्रोग्राम था इसलिए ,,,,,,,,


भुआ ने भी खाना खाते हुए चाचा जी के बारे मे पूछा लेकिन डॅड ने एक बार भी उनका जिकर नही किया ,,,,,
Reply
12-21-2018, 12:59 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
खाना खाने के बाद शोबा दीदी बोली,,,,,,,,डॅड अब मैं जाउ क्या अब तो सन्नी भी आ गया है,,,,,,,,

डॅड--हाँ बेटी अब तुम जाओ अब मुझे कोई टेन्षन नही है सन्नी जो तेरे साथ होगा,,,,,,,,

मैं कुछ समझ नही रहा था लेकिन शोबा बहुत खुश थी,,,,,,पता नही क्यूँ,,,,,,

कहाँ जाना है दीदी,मैने शोबा दीदी से पूछ ही लिया,,,,,,,,,लेकिन जवाब मिला मुझे डॅड से,,,,,

डॅड--अरे बेटा इसको अपनी शेली के बर्थडे पर जाना है मेरे से ज़िद्द कर रही थी साथ जाने को लेकिन मैं नही जा सकता 
अब तुम आ गये हो तो तुम ही ले जाओ इसको बर्तडे पार्टी मे ,,,,,,,,,,

सन्नी--लेकिन डॅड मैं तो बहुत थक गया हूँ ड्राइव करके,,,,,,,,,,

शोभा--मुझे भी कोई शॉंक नही तेरे को साथ लेके जाने का वो तो डॅड ने बोला इसलिए,,,,,,,,

सन्नी--हाँ हाँ मुझे भी कोई शॉंक नही तेरे साथ तेरी किसी स्टुपिड शेली के घर जाने का,,,,,,अकेली चली जा तू,,,,

तभी डॅड,,,,तुम दोनो बच्चों की तरह लड़ना बंद करो ..........

इधर डॅड ने मुझे हल्का गुस्से से देखा ऑर उधर सोनिया उठकर अपने रूम मे चली गई तभी मैने शोबा की
तरफ देखा तो वो मेरे को आँख मार रही थी मैं कुछ समझा तो नही लेकिन इतना ज़रूर पता लग गया कि दाल मे
कुछ तो काला है,,,,,,,,,,

सन्नी--ठीक है डॅड मैं चला जाता हूँ दीदी के साथ,,,,,

तभी दीदी अपने रूम मे गई ऑर एक छोटा सा पालस्टिक का बॅग लेके आ गई,,,,,,,,,,,चलो सन्नी चलते है,,,,

अरे बेटी तू ऐसे ही टी-शर्ट ऑर पयज़ामे मे जाएगी क्या,,,,,,,,,डॅड ने दीदी के कपड़ो की तरफ इशारा करते हुए बोला,,

शोभा--हाँ डॅड यहाँ से ऐसे ही जाउन्गी ऑर पार्टी उसके घर पर नही है उन लोगो ने कोई रिज़ॉर्ट बुक किया है पार्टी वहीं
है ,,,,मेरी बाकी सहेलियाँ भी वहीं होंगी उन्ही के साथ मिलके तैयार हो जाउन्गी उसी के घर मे,,,,,इस से पहले डॅड
या कोई ऑर कुछ बोलता दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे मेरे रूम मे जाके कोई अच्छे कपड़े लेके आने को बोला ऑर
मैं भी बिना कुछ बोले अपने रूम मे चला ,,,,,,रूम मे सोनिया फोन पर किसी से बात कर रही थी बातों से
लग रहा था कि वो कविता से बात कर रही है,,,,,,,,मैने उसकी तरफ ज़्यादा ध्यान नही दिया ऑर कपड़े लेके बाथरूम
मे गया ऑर चेंज करके बाहर शोभा के पास चला गया,,,,,,,,

अरे इतना टाइम क्यू लगा दिया ,,,,,ऑर कपड़े चेंज करने को किसने बोला था उन्ही कपड़ो मे चलता मेरे साथ ऑर 
वहीं जाके चेंज कर लेता,,,,,दीदी हल्के गुस्से मे बोली,,,,,,,,,,,

डॅड--तो ठीक है ना इसने यहीं चेंज कर लिया ये बेचारा तेरी शेली के घर कैसे चेंज करता,,,,तुम तो अपनी दोस्तो के
साथ मिलकर चेंज कर लेती पर ये बेचारा,,,,,,,,,,

शोभा--ठीक है डॅड ,,अछा किया जो इसने चेंज कर लिए,,,,,,,,अब ज़्यादा टाइम नही है वर्ना देर हो जाएगी,क्या हम लोग
चले सन्नी,,,,,,,,इतना बोलते ही वो नीचे जाने लगी तभी सोनिया अपने रूम से निकल कर बाहर आ गई,,,,,,,,

रूको दीदी,,,,,,सोनिया की आवाज़ सुनकर मैं ओर शोभा रुक गये,,,,,,,,,,

आप लोग कहाँ जा रहे हो दीदी,,,,,,,सोनिया ने शोबा से पूछा,,,,,,,,

शोभा--मेरी एक फ्रेंड का बर्थ डे है वहीं जा रहे है,,,,,,,,

दीदी मुझे भी साथ ले चलो ,सोनिया ने दीदी को बोला,,,,,

सोनिया की बात सुनके दीदी थोड़ा गुम सूम हो गई,,,,,,,,,,अरे तू भी मेरे साथ जाना चाहती है क्या,,,,तो चल मेरी
फ्रेंड्स तुझे मिलकर खुश होंगी,,,,,,,,शोभा सोनिया को लेके जाने को तैयार नही थी बस सबके सामने उसको लेके जाने 
का बहाना कर रही थी,,,,,,,,,वो उसके चहरे से सॉफ पता चल रहा था,,,,,,,,,,

सोनिया-नही दीदी मुझे आपके साथ नही जाना मुझे तो कविता के घर जाना है आप लोग मुझे वहाँ ड्रॉप कर देना,,,,

इतना सुनते ही शोबा ने चेहरे पर चैन की खुशी झलकने लगी,,,,,हाँ हाँ क्यूँ नही हम तुझे ड्रॉप कर देंगे
इतना बोलते शोबा जल्दी से नीचे की तरफ आ गई ऑर उसके पीछे मैं मेरे पीछे सोनिया थी,,,,,,,

मैने कार स्टार्ट की शोबा मेरे साथ बैठ गई और सोनिया पीछे वाली सीट पर,,,,,,,,,हम घर से चल पड़े ऑर भुआ ने 
दरवाजा ऑर गेट लॉक कर लिया,,,,,,,,,,मैने सोचा कि आज तो डॅड ऑर भुआ अकेले है घर पे आज तो फुल नाइट मस्ती 
होगी ,,लेकिन थोड़ी टेन्षन भी थी कि ये शोबा मुझे कहाँ लेके जा रही थी,,,उसने मुझे आँख मार कर किसी बात
का इशारा तो किया था लेकिन ये नही बताया था कि बात क्या है,,,,,

तू आज कविता के घर जा रही है कुछ गड़बड़ है क्या,शोबा ने सोनिया को पूछा,,,,

सोनिया--हाँ दीदी वहीं गड़बड़ है जो हमेशा होती है ,,उसका फोन आया था आज तो बात कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई है,,
कविता रो रही थी फोन पर,,,,,,,,,,

आज क्या बात हुई वही पहले वाला पंगा हुआ क्या,,,,,,शोबा ने पूछा,,,

सोनिया ने कोई जवाब नही दिया ऑर शोबा को मेरी तरफ इशारा करते हुए चुप रहने को बोला,,,फिर किसी ने कोई
बात नही की ऑर हम लोग कविता के घर पहुँच गये,,,,,,सोनिया उतरी ऑर कविता के घर चली गई ऑर शोबा ने मुझे
वहाँ से कार वापिस घर की तरफ मोड़ने को बोला ऑर मैने कार वापिस मोड़ ली,,,,लेकिन दीदी ने तो अपनी शेली के घर
जाना था तो वापिस घर की तरफ जाने को क्यूँ बोला,,,,,खैर मैं वापिस घर की तरफ चलने लगा,,,,,

दीदी कविता के घर मे क्या पंगा चल रहा है,,,,,,,मैने दीदी से पूछा,,,,,,,,

शोभा--कुछ नही सन्नी उनकी फॅमिली मे थोड़ी प्राब्लम चल रही है बस ऑर ज़्यादा कुछ नही,,,,

सन्नी--कैसी प्राब्लम दीदी,,,,,,,मैने अक्सर देखा है कविता रोती रहती है,,,कोई सीरीयस प्राब्लम है क्या,,,,,,

तुझे बड़ी पड़ी है कविता के घर की ,,आख़िर बात क्या है,,,,दीदी ने हँसते हुए मस्ती मे पूछा ऑर मेरी टाँग पर
हाथ रख दिया,,,,,

सन्नी--अच्छा दीदी आपने कार घर की तरफ क्यू मोडने को बोला,,,,,,,,क्या बर्थडे पार्टी मे नही जाना,,,,

दीदी हँसने लगी,,,,,अरे बुद्धू पार्टी मे ही तो जा रहे है,,,,मेरी फ्रेंड का घर अपने घर से दूसरी तरफ है इसलिए
घर की तरफ जाने को बोला घर जाने को नही बोला,,,,,,,इतना बोलते ही दीदी ने अपने हाथ को टाँग से उठा कर मेरी
पैंट की ज़िप पर लंड के उपर रख दिया,,,,,दीदी का हाथ लगते ही लंड उछलने लगा एक दम से,,,,,

अभी घर मे तो बोल रहा था बहुत थक गया हूँ ऑर अभी मेरा हाथ लगते ही लंड को उछलने लगा है,,,दीदी ने
हँसते हुए लंड को हाथ मे लेके पॅंट के उपर से दबा दिया,,,,

सन्नी--क्या करूँ दीदी आप के हाथ लगते ही इसको मस्ती चढ़ने लगती है ऑर ये कितना भी थका हुआ क्यूँ ना ही आपकी सेवा करने क लिए हाजिर हो जाता है,,,,मैने भी हल्की मुस्कान के साथ दीदी की बात का जवाब दिया,,,, लेकिन दीदी आपने मेरा काम नही किया अभी तक,,,,

शोभा--कॉनसा काम सन्नी,,,,,,,,,,

सन्नी--वही दीदी,,,,,,,कि मैने आपके लिए एक मूसल लंड की तलाश करूँगा ऑर आप मेरे लिए किसी नई चूत की तलाश 
करोगी,,,,,,,,,मैने तो करण का लंड तैयार किया है आपके लिए आप भी माँ की चूत को तैयार करो ना मेरे लिए,,,

शोभा--मैने भी तो तेरे लिए चूत की तलाश की है सन्नी,,,,,,,,,,हाँ ये फ़र्क ऑर है कि वो चूत माँ की नही किसी ऑर की थी,,

सन्नी--किसकी बात कर रही हो आप दीदी,,,,,,,,,,,,

दीदी--वही चूत की जिसकी तू गाओं मे अच्छी तरह से चुदाई करके आया है,,,,,,रेखा की चूत,,,,,,

सन्नी--मैं थोड़ा हैरान हो गया,,,,,क्या दीदी रेखा की चूत आपने तैयार की मेरे लिए,,,,,

शोभा-ऑर नही तो क्या,,,,,जब मेरी बात हुई थी उसके साथ कि तुम गाओं आ रहे हो सोनिया को लेके तो उसने मुझे बोला
कि सोनिया को मत भेजो ऑर तुम खुद वहाँ आ जाओ ,,,,वो मेरी चिकनी चूत को चाटना चाहती थी लेकिन मैने
उसको बोला कि मेरा अभी आना मुश्किल है ऑर वैसे भी मैं एक शर्त पर आउन्गी गाओं उसको अपनी चूत चटवाने
अगर वो तेरे मूसल का अच्छी तरह से ख्याल रखेगी,,,,,ऑर वो मान गई,लेकिन उसने तेरा क्या ख्याल रखा मैने 
सुना है तूने उसकी चूत का बहुत अच्छे से ख्याल रखा ,,,,,,,,,,,ऑर दीदी हँसने लगी,,,,,,


सन्नी--सच मे दीदी वो सब आपकी प्लानिंग थी ,,,,,,,,,

शोभा--हाँ सन्नी वो मेरी प्लानिंग थी,,,,,,

सन्नी--तो क्या वो सब बातें भी आपने बोला था उसको मुझे बातें को,,,,

दीदी थोड़ा हैरान होके,,,,,,,,,,,,कॉन्सी बातें सन्नी,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--वहीं बातें दीदी जो वो जानती है,,,और शायद आप भी जानती हो,,,,,,

शोभा--मुझे कुछ समझ नही आ रहा सन्नी तू क्या बोल रहा है,,,,,शोबा सच मे ऐसे बोल रही थी जैसे कुछ जानती
ही नही ,,,,,,,,,,

सन्नी--दीदी मैं बच्चा नही हूँ सब जानता हूँ,,,,,,,,,,,उसने मुझे बहुत कुछ बताया है,,,,,,

दीदी चुप हो गई,,,,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा उसने क्या बताया है तुझे,,,,,दीदी ने अपना फेस दूसरी तरफ़
टर्न कर लिया ऑर हाथ भी मेरे लंड से हटा लिया,,,,,,

मैने दीदी के फेस को अपने हाथ से पकड़ा ऑर अपनी तरफ़ टर्न कर दिया,,,दीदी उसने मुझे बताया कि वो भी भुआ के
साथ वो सब करती है जो भुआ आपके साथ करती है,,,,मैने बात को घुमा दिया क्यूकी मैं दीदी के मुँह से सब
सुनना चाहता था,,,,,,लेकिन उसने इतना भी बताया कि आप वहाँ कभी नही गई हो उसके साथ चुदाई करने,,लेकिन
भुआ तो काफ़ी आती जाती रहती है उसके पास,,,,,,,,

हाँ सन्नी मुझे टाइम नही मिलता इसलिए नही जाती मैं,,,,,ऑर क्या बताया उसने ,,,,,,दीदी थोड़ी घबराई हुई थी,,

सन्नी--ऑर तो कुछ नही बताया उसने दीदी,,,,,,,,मैने बात को टाल दिया,,,

शोभा--शूकर है ,,भुआ कहती है कि उस औरत की ज़ुबान बहुत चलती है कुछ भी बकती रहती है वो,,,,अच्छा हुआ तेरे
सामने कुछ ज़्यादा नही बोली वो,,,,वर्ना ,,,,,,,,,दीदी फिर से चुप हो गई,,,,

सन्नी--वर्ना क्या दीदी,ऐसी क्या बात है जो आप जानते हो ऑर मैं नही जानता,,,,,,,,,

शोभा--बहुत बातें है सन्नी लेकिन अभी नही एक सही टाइम आने पर तुझे भी पता लग जाएगी,,,,,अभी तू बस कार ड्राइव
कर ,,,,,,,,,

फिर दीदी चुप हो गई ऑर मैं भी चुप हो गया,,,लेकिन इतना तो पता चल गया कि दीदी भी शायद काफ़ी कुछ जानती है
जैसे विशाल भाई जानता है,,,,,,,,,विशाल को माँ ऑर मामा ने बताया होगा जबकि दीदी को भुआ ऑर डॅड ने ,,,लेकिन एक
मैं ही था जिसको कुछ नही पता था,,,,,,,,,,,,,,,,,ऑर हाँ एक थी सोनिया जो इन सब से अंजान थी अभी तक,,,,,,,,,दीदी
रास्ता बताने लगी ऑर मैं कार ड्राइव करता रहा,,,,,,लेकिन ये रास्ता तो जाना पहचाना लग रहा था,,,,,,,ऑर जब मंज़िल
पर पहुँचे तो मंज़िल भी जानी पहचानी थी लेकिन मंज़िल पर जो खड़ा हमारा सावगत कर रहा था वो बहुत
ही ज़्यादा जाना पहचाना लगा ऑर बहुत ज़्यादा हसीन भी था,,,,,,,,,
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