bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
02-02-2019, 12:44 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
बिहारी ने उसे सारी बात बताई तो रागिनी मुस्कुराइ और बोली "अब देखना थोड़ी ही देर में वीरेंदर मेरे कमरे में होगा". 

बिहारी: लेकिन, नींद की गोलियाँ मैने आशना को खिलाई और घोड़े बेच कर साला वीरेंदर सो रहा है, मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा. 

रागिनी(कुछ याद करते हुए): कहीं आपने नींद की गोलियाँ मटन की कटोरी में तो नहीं डाली थी. 

बिहारी: क्या??? हां, मेरा मतलब तुम्हे कैसे पता????

रागिनी: हो गया सत्यानाश. आपके जाने के बाद तो मटन की कटोरी तो उन दोनो ने एक्सचेंज कर ली थी. 

बिहारी ने जब यह सुना तो धडाम से सोफे पेर बैठ गया.

रागिनी: क्या हुआ????

बिहारी: होना क्या है, अब तो वो सुबह ही उठेगा. अब हो गया आज की रात का सत्यानाश. 

रागिनी(बिहारी के चेहरे पेर उंगली फिराते हुए): अभी रात ख़तम कहाँ हुई है, अभी तो यह भी मेरी तरह जवान है और मेरा पति मेरे साथ है. 

बिहारी(मन में): इस से अच्छा तो यह होता कि साली नींद की गोलियाँ इसे ही दे देता. अब यहाँ यह चूत की आग से भड़क रही है और वहाँ आशना की चूत भी लार टपका रही होगी. 

बिहारी: आज की रात हम कुछ नहीं कर पाएँगे, आशना अभी तक जागी हुई है. कहीं उसे शक ना हो जाए. 

रागिनी: उसे कैसे पता चलेगा कि आप मेरे कमरे मैं हो. 

बिहारी: नींद तो उसे भी नहीं आएगी आज की रात, मैं जानता हूँ. आख़िर वीरेंदर ने उसे आज की रात फिर से तड़प्ता जो छोड़ दिया. 

रागिनी, बिहारी का हाथ पकेड़ते हुए उसे बेड पर ले जाती है और बोलती है: अगर उसने नीचे आकर हमे देख भी लिया तो आप उसे पकड़ कर यहीं चोद देना, मैं बिल्कुल बुरा नहीं मानूँगी. 

बिहारी ने रागिनी को गले से लगा लिया और बोला: ऐसी बातें मत कर पगली, मुझे कुछ हो जाता है. 

रागिनी: मैं समझ सकती हूँ विराट. वीरेंदर के साथ आज ऑफीस में मुझे भी कुछ अलग ही रोमांच हुआ था. 

बिहारी: अगर आज वीरेंदर यहाँ आ जाता तो क्या तुम भी उस से चुदवा लेती. 

रागिनी ने बिहारी को कस कर भींच लिया और शरमा कर धीरे से हां मे गर्दन हिलाई. बिहारी के हाथ एक दम से रागिनी के नितंबों पर चले गये और वो उन्हे मसल्ने लगा. 

रागिनी: आह विराट, मेरी प्यास भुजा दो, प्लीज़ मैं बहुत प्यासी हूँ. 

बिहारी: जानता हूँ रागिनी कि तुम बहुत प्यासी हो और उपर आशना भी इस वक्त काफ़ी प्यासी होगी. 

रागिनी: तो मुझे आशना समझ कर चोद ले बिहारी. 

इतना सुनते ही बिहारी के लंड ने एक हुंकार भरी और उसके लंड मैं तनाव आने लगा. 

रागिनी: चोद दो अपनी आशना को काका, बहुत तड़प रही है इसकी चूत. 

बिहारी: हां आशना, मैं तुम्हे ज़रूर चोदुन्गा, आज सारी रात तुम्हारी चूत और गान्ड बजाउन्गा, तू चिंता ना कर. 

रागिनी(खुशी से बिहारी की आँखो में देखते हुए): सच काका?????

बिहारी: हां आशना सच, आज तेरी प्यास जी भर कर भुजा दूँगा मैं. 

दोनो के कपड़े उनके जिस्मों से कब जुदा हुए और कब बिहारी ने अपना फनफनाता हुआ लोड्‍ा रागिनी की गरम चूत मे पेला उन्हे पता ही नहीं चला. कमरे मे एक दम से तूफान आ गया. रागिनी दो बार झड चुकी थी लेकिन बिहारी बिना रुके रागिनी को लगातार चोदे जा रहा था. 

जिस वक्त बिहारी और रागिनी कमरे मैं धुआँधार चुदाई कर रहे थे, ठीक उसी वक्त एक साया किचन से निकल कर हाल में दाखिल हुआ. दबे पावं पहले तो वो सीडीयों की तरफ बढ़ा लेकिन फिर रागिनी के कमरे से आती थप थप की आवाज़ सुनकर वो साया उस कमरे की तरफ चल पड़ा. रागिनी के कमरे का दरवाज़ा अभी भी खुला हुआ था और वो साया ठीक दरवाज़े के पास खड़ा होकर अंदर का नज़ारा देखने लगा. काफ़ी देर तक वो साया बिना किसी हरकत के वहीं खड़ा रहा. 

तभी रागिनी की नज़र दरवाज़े की तरफ पड़ी और वो एक दम चौंक गई. 

रागिनी: आआहह, विराट कोई है, पीछे कोई है. 

इस से पहले के बिहारी पीछे देखता, वो साया तेज़ी से पीछे की ओर हुआ और कहीं गायब हो गया. बिहारी ने पहले रागिनी की तरफ देखा, फिर दरवाज़े की तरफ देखा और फिर दोबारा से रागिनी की तरफ. 

बिहारी: कोई नहीं है रागी, तुम्हारा वहम है और यह कहकर उसने फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. 

रागिनी: आह, विराट एक मिनट रूको तो सही, सच मैं कोई था दरवाज़े पर. 

बिहारी गुस्से से रागिनी के उपर से उठा और बोला: साली तेरा हो गया तो अब बहाने बनाती है. 

रागिनी: नहीं विराट, सच में कोई था वहाँ पर. 

बिहारी: ज़्यादा नाटक मत कर. अब वीरेंदर का लोड्‍ा पसंद आ गया है तो मेरे लोड्‍े से चुदने में मज़ा नहीं आ रहा तो बहाने बनाती है. 

इतना सुनते ही रागिनी की आँखो मे नमी उतर आई. 

रागिनी: प्लीज़ विराट ऐसा मत कहिए. यह सब मैं आप के लिए ही तो कर रही हूँ. 

बिहारी: चुप कर साली, मेरे लिए नहीं बल्कि तू यह सब अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए कर रही है. मैने तो सिर्फ़ तुझे वीरेंदर को फ़साकर प्रॉपर्टी के काग़ज़ बदलवाने के लिए बोला था मगर तूने तो दो दिन में ही उसका लोड्‍ा भी चूस लिया और आज अगर वो ग़लती से नींद की गोलियाँ ना खा गया होता तो अब तक तो उसे अपनी चूत में निगल भी गयी होती. 
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02-02-2019, 12:44 AM,
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रागिनी के दिल पर बिहारी का हर शब्द तीर की तरह लग रहा था. 

रागिनी(रोते हुए):प्लीज़ विराट मुझ पर भरोसा रखिए, यह सब मैं आप के लिए ही कर रही हूँ. हां मैं मानती हूँ कि सेक्स के नशे मैं मुझे अपने आप पर कंट्रोल नहीं रहता मगर यह सब शुरू तो मैने आपको आपका हक दिलाने के लिए ही किया है ना. सोचो कों सी पत्नी अपने पति को उसके हक़ की दौलत दिलाने के लिए इस तरह करेगी. 

बिहारी: वोही तो मैं कह रहा हूँ कि कॉन सी बीवी अपने पति के होते हुए किसी और का लंड चूसेगी और मोका मिलने पर उस से चुदने को भी तैयार हो जाएगी. यह सब तू मेरे लिए नहीं बल्कि अपनी चूत की गर्मी शांत करने के लिए कर रही है. 

अचानक से रागिनी की आँसुओ से गीली आँखो में आक्रोश भर गया और वो बिहारी की तरफ नफ़रत से देखते हुए बोली: तुझे मुझ पर यकीन नहीं है ना तो जा, कर ले जो करना है. मैं वीरेंदर से तो क्या हर उस मर्द से चुदवाउन्गी जो मेरी भूख शांत कर सके. नहीं जी सकती अब मैं अपने दिल के अरमान दबाकर, बहुत हो गया यह सब, अब मैं वोही करूँगी जो मैं चाहूँगी. देखती हूँ कि मेरे रास्ते में कॉन आता है. 

बीना ने मेरी शादी तेरे से करवाकर जो पाप किया था उसे उसकी सज़ा मिल गयी. एक बार भी उसने नहीं सोचा कि तुझ जैसे आदमी से मेरी शादी करकर वो मेरे साथ कितना बड़ा धोखा कर रही है. साली वो तो थी ही नरक जाने लायक. 

रागिनी का चन्डी रूप देखकर बिहारी एक दम हैरान रह गया. रागिनी ने फर्श पर पड़े बिहारी के कपड़े उठाकर बिहारी के मुँह पर मारकर कहा, दफ़ा हो जा यहाँ से और फिर कभी मेरे कमरे में आने की हिम्मत नहीं करना. तुझे अगर इस घर में रहना है तो कल से मेरे सामने अपनी नज़रें नीची ही रखना वरना वीरेंदर से कहलवाकर तुझे धक्के देकर घर से बाहर फिकवा दूँगी. 

बिहारी की बोलती बंद हो गई थी. उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो गया. 

बिहारी(नरम लहज़े में):देखो रागिनी...........

रागिनी: चुप चाप निकल जा वरना मैं शोर मचा कर तेरी पोल अभी के अभी खोल दूँगी. वीरेंदर मुझे निकालने से तो रहा मगर तुझे ज़रूर इतनी रात को धक्के देकर घर से निकाल देगा. 

बिहारी(कमीनी मुस्कुराहट के साथ): तुझे क्या लगता है कि तूने वीरेंदर का लोड्‍ा चूस लिया तो वो तेरे क़ब्ज़े में आ गया, यह तेरी भूल है रागिनी. वो तुझे भी धक्के देकर बाहर निकाल देगा. मेरे पास तो ऐसे सबूत हैं जिन के दम पर मैं आशना को घर से बाहर भी निकलवा सकता हूँ और प्रॉपर्टी का कुछ हिस्सा अपने नाम भी करवा सकता हूँ.

रागिनी: निकाल देगा तो तुझे क्या लगता है मैं भूखी मर जाउन्गी. मैं जवान हूँ अभी, तेरी तरह पाएर कबार मैं नहीं लटके हैं मेरे. अपना जिस्म बी बेचुंगी ना, तो भी अपना पेट आराम से पाल सकती हूँ.

पैंतरा बदलते हुए बिहारी ने ग्लास में पानी डाला और रागिनी की तरफ करते हुए कहा: अपने पति के होते हुए तुम अपना जिस्म क्यूँ बेचोगी, लानत है मुझ पर. इस से पहले मैं मर जाना बेहतर समझता हूँ.(रागिनी ने बिहारी से ग्लास नहीं लिया और अपना मुँह फेर कर दूसरी तरह खड़ी हो गई)

बिहारी: तुम तो जानती हो कि मैं तुम्हे उत्तेजित करने के लिए यह सब कहता और करता हूँ, तुम तो एक दम बुरा मान जाती हो. 

रागिनी बेड पर बैठ कर अपने हाथ सिर पर रखकर रोने लगी. बिहारी भी उसके साथ बैठ गया और अपना एक हाथ रागिनी के कंधे पर रख दिया. रागिनी ने झटके से उसका हाथ दूर फैंक दिया और लगातार रोती रही. बिहारी ने भी चुप रहने में ही समझदारी समझी. रागिनी काफ़ी देर तक रोती रही और बिहारी चुप चाप वहीं पर बैठा रहा.

करीब 15-20 मिनट तक रागिनी सिर झुकाए रोती रही और जब उसके आँसू थमने लगे तो बिहारी ने हिम्मत करके अपना हाथ उसके कंधे पर रखा और उसे अपने सीने से लगा लिया. बिहारी के सीने से लगते ही रागिनी का फुट फुट कर रोना फिर से शुरू हो गया लेकिन इस बार उसने बिहारी की हरकत का विरोध नहीं किया.थोड़ी देर बाद रागिनी, बिहारी पर लूड़क सी गयी. बिहारी ने देखा कि रागिनी रो रो कर बहाल हो गई है. 

बिहारी: रागी, ओ रागी. उठो ना रागी, देखो तुम्हारा विराट तुम्हारे पास ही है, तुम्हे किसी से डरने की ज़रूरत नहीं है. 

रागिनी ने होश संभाला और बिहारी को कस कर पकड़ लिया. बिहारी ने चैन की सांस ली. 

बिहारी(मन में): साली तू तो सोने के अंडे देने वाली मुर्गी है, तुझे हलाल कैसे करूँ. चाहूं तो तुझे भी बीना की तरह हमेशा हमेशा के लिए लंबी नींद सुला दूं मगर तू तो मेरा राज योग है. तुझे तो वक्त आने पर ही मारूँगा साली. एक बार आशना को अपने नीचे लिटा लूँ फिर तेरी भी कुर्बानी दे दूँगा.

बिहारी: सम्भालो अपने आप को रागिनी, अगर तुम्हे मेरा मज़ाक बुरा लगता है तो आज के बाद मैं कभी भी तुमसे ऐसी बात नहीं करूँगा. 

रागिनी ने झट से अपना चेहरा उठाकर बिहारी की तरफ देखा. लगातार रोने से रागिनी की आँखें लाल हो गई थी और उसका चेहरा उसके दिल का दर्द बयान कर रहा था. 

रागिनी(दुखी स्वर में):मज़ाक???? यह मज़ाक था विराट????मेरा दिल दुखाकर कहते हो कि मज़ाक किया था. 

बिहारी: कसम से रागिनी, आज के बाद तुमसे ऐसी कोई बात नहीं करूँगा जिस से तुम्हे दुख पहुँचे. मेरा दिल चीर कर देख लो, मैं तुमसे बेपनाह प्यार करता हूँ और तुम्हे दुख देने का कभी सोच भी नहीं सकता. वो तो मुझे लगा कि तुम मुझसे बचने के लिए मुझे उठने के लिए बोल रही हो. तुम खुद तो झड चुकी थी, मैं भी बहुत करीब था. लेकिन उस से पहले तुमने जब मुझे उपेर से हटने को कहा तो मेरा दिमाग़ घूम गया. तुम तो समझ सकती हो ना जब सेक्स अधूरा रह जाए तो कितनी बेचैनी होती है. 

रागिनी: लेकिन मैने तो कभी भी आपको शिकायत नहीं की इस बारे में विराट. 

बिहारी: इसी लिए तो मैं तुम्हारी कदर करता हूँ रागिनी, तुम मुझे और मेरी हर मजबूरी को समझती हो. 

रागिनी: प्लीज़ विराट, आज के बाद कभी मुझे इस तरह हर्ट ना करना.मैं जो भी कर रही हूँ आप के लिए कर रही हूँ और आगे जो भी करूँगी आप के लिए ही करूँगी. 

बिहारी: तो चलो फिर, झट से कुतिया बन जाओ और मुझे अपनी गान्ड मरने दो ताकि वीरेंदर से पहले मैं तुम्हारा हर छेद खुला कर दूं और तुम उसे आसानी से अपने हर छेद मैं निगल सको. 

रागिनी ने शरमा कर अपना चेहरा बिहारी की छाती में छुपा दिया और हां में गर्दन हिलाई. वीरेंदर के लिए रागिनी की हां पाकर बिहारी के लोड्‍े ने एक हुंकार भरी और थोड़ी देर पहले हुई अपनी बेइज़्ज़ती को भूल कर फिर से खड़ा होने लगा.
उस रात बिहारी ने एक बार रागिनी की गान्ड और दो बार उसकी चूत मारी और सुबह 4:00 बजे आकर अपने कमरे मैं सो गया.रागिनी भी संतुष्ट होकर वीरेंदर से चुदने के हसीन सपने लेती हुई सो गई.

सुबह सबसे पहले आशना उठी या यूँ कहें कि वो सारी रात सो ही नहीं पाई. उस सेक्स वर्धक दवाई ने आशना के जिस्म में ऐसी उत्तेजना भर दी कि वो सारी रात आहें ही भरती रही और करवटें बदल बदल कर रात के बीतने का इंतज़ार करती रही.
सुबह 6:00 उठकर आशना ने सबसे पहले करीब 4 महीनों के बाद हेर रिमूवर यूज़ करके अपने गुप्ताँग को अच्छे से सॉफ किया. आशना ने अपनी टाँगे और बाजुएँ भी वॅक्स कर दी और फिर स्नान किया और फिर बाल सुखाकर तैयार हो गई. आज आशना ने एक डार्क ब्लू कलर का स्लीवेलेस्स टॉप जिस पर फ्रंट मे ठीक उसके वक्षो के उपेर क्रीम कलर से "गेस वॉट" लिखा हुआ था और नीचे उसने लाइट येल्लो कलर की कॅप्री पहनी थी जो कि उसकी जाँघो और नितंबो से चिपकी हुई थी. 
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02-02-2019, 12:44 AM,
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आशना ने डार्क ब्लू कलर की माथे पर एक छोटी सी बिंदी लगाई और हल्का सा मेकप करके लाइट पिंक कलर की लीप ग्लॉस लगाई जिस से उसके नॅचुरल पिंक लिप्स ग्लो करने लगे. 8:00 बजे तक अच्छी तरह तैयार होकर वो वीरेंदर के कमरे के पास पहुँची. 

जैसे ही वो नॉक करने को हुई उसके कानो मे आवाज़ पड़ी "आज मौसम बड़ा बेईमान है बड़ा, बेईमान है आज मौसम. आने वाला कोई तूफ़ा....................आशना ने बोल्ट घूमाकर धडाक से दरवाज़ा खोला. 

आशना को देखकर वीरेंदर की आँखो में चमक आ गई और बोला: आ गया तूफान. 

आशना, मुस्कुराइ और बोली "गूडमॉर्निंग हॅंडसम'. 

वीरेंदर: मॉर्निंग सेक्सी. 

आशना ने मुस्कुराते हुए गुस्से से उसे आँखें दिखाई और बोली:आज बड़ी जल्दी उठ गये आप. 

वीरेंदर: आज तो बहुत बड़ा दिन है. 

आशना: क्यूँ, आज क्या है? 

वीरेंदर: आज मेरी सेक्सी गर्लफ्रेंड मेरा मुँह मीठा करवाने वाली है. 

आशना शरमा गई और बोली: तो इस खुशी में जनाब जल्दी उठ गये. 

वीरेंदर: रात को इतनी ज़बरदस्त नींद पड़ी के खवाब लेने की होश भी ना रहा तो सोचा सुबह जल्दी उठ कर खवाब को हक़ीकत में ही बदल दूँ. 

आशना: बड़े आए खवाब को हक़ीकत में बदलने वाले. आप खवाब ही देखो और जैसे ही आशना मुड़ने लगी, वीरेंदर ने झट से उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी तरफ घुमा कर उसे अपने नज़दीक खींच लिया. 

आशना ने अपने दोनो हाथ मोड़ कर अपने और वीरेंदर के बीच रख दिए. आशना ने शरमा कर वीरेंदर की तरफ देखा और ना में धीरे से गर्दन हिलाई. 

वीरेंदर: आज, तुम कुछ नहीं बोलोगि. कोई कुछ नहीं बोलेगा. 
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02-02-2019, 12:44 AM,
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आशना के दिल की धड़कन बढ़ने लगी.वीरेंदर का चेहरा धीरे धीरे आशना के चेहरे के करीब आने लगा. आशना की आँखें बंद होने लगी. उसकी साँसों में एकदम तेज़ी आ गई. वीरेंदर का चेहरा धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था. आशना के होंठ थरथराने लगे. वीरेंदर की पकड़ आशना की बाज़ुओं पर मज़बूत होने लगी. आशना ने जैसे ही वीरेंदर की साँसों को अपने चेहरे पर महसूस किया तो उसका चहरा शरम से और भी गुलाबी हो गया.वीरेंदर ने मज़बूती से आशना को अपनी तरफ खींचा. आशना की साँस ही अटक गई. उसका शरीर काँपने लगा. तभी वीरेंदर की पकड़ आशना की बाज़ुओं पर एक दम ढीली हो गई. 

आशना ने झट से आँखें खोल कर वीरेंदर की तरफ देखा तो पाया कि वीरेंदर उसे देख कर मुस्कुरा रहा था. वीरेंदर: ब्रश किया है ना? 

यह सुनते ही आशना ने वीरेंदर के गले में बाहें डाल कर अपने हाथ उसके सिर के पीछे लेजा ते हुए अपने नरम गुलाबी होंठ वीरेंदर के मर्दाना होंठो से चिपका दिए. वीरेंदर की आँखें एकदम हैरानी से खुल गई. 

उसके गले से गून गून की आवाज़ निकलने लगी. आशना वीरेंदर के होंठो को चबाए जा रही थी. वो वीरेंदर के उपरी लिप्स को अपने होंठो में लेकर उन्हे चूसने लगी. वीरेंदर अभी भी हैरान परेशान था. 

आशना ने अपने हाथों नीचे ले जाते हुए वीरेंदर के हाथों को पकड़ा और उन्हे अपनी कमर पर रख दिया. आशना ने फिर से अपने हाथ वीरेंदर के सिर के पीछे रख कर ज़ोरदार तरीके से वीरेंदर के लब चूसना शुरू कर दिया. वीरेंदर के हाथ जैसे ही उसकी कमर पर कसे, आशना ने अपनी जीभ वीरेंदर के मुँह में घुसा दी और वीरेंदर ने भी अपना मुँह खोलकर उसकी जीभ का स्वागत किया. 

वीरेंदर के हाथ अब आशना की पीठ पर घूम रहे थे. वीरेंदर के लंड में तनाव आने लगा. उसने आशना के नितंबों को ज़ोर से दबा कर आशना की योनि को अपने लिंग के साथ सटाया तो दोनो के गले से एक हूंक निकली. कमरे में बस दो धड़कते दिलों का शोर और होंठो के चूसने का शोर गूँज रहा था. वीरेंदर ने ज़ोर से उसके नितंब मसलना शुरू कर दिया और आशना ने भी अपनी योनि वीरेंदर के लिंग पर रगड़ना शुरू कर दी. 

वीरेंदर के कमरे में उठा तूफान करीब 15 मिनट तक चला. मदहोशी में आकर वीरेंदर ने अपने हाथ आशना की पीठ पर लपेट कर उसे अपने साथ ज़ोर से भींचा तो आशना के कड़क निपल्स वीरेंदर के सीने में चुभ गये. 

वीरेंदर(किस तोड़ते हुए): ऊउच, यह क्या है????

आशण ने हैरानी से उसकी तरफ देखा और इशारे से पूछा. 

वीरेंदर: मेरे सीने में कुछ चुभा. 

आशना ने प्यार भरा गुस्सा दिखाते हुए वीरेंदर की तरफ देखा और शरमा कर अपने हाथ अपने चेहरे पर रख दिए. 

वीरेंदर: बड़े कड़क हैं यार, मेरे सीने में तो होल ही कर दिया.

आशना ने झट से हाथ चेहरे से हटाए और बोली: अच्छा और आपका वो तो जैसे..................

आशना को जैसे ही अपनी ग़लती का एहसास हुआ वो एक दम से खामोश हो गई. 

वीरेंदर मुस्कुरा उठा और बोला: मेरा वो तो अपनी सही जगह ही ठोकर मार रहा था बस बेचारा कपड़ों की दीवार के कारण दिल मसोस कर रह गया. देखो बेचारा कैसे मुँह उठाए तुम्हारी तरफ देख रहा है. 

आशना ने शर्मा कर वीरेंदर की तरफ देखा और झट से मुँह फेर कर खड़ी हो गई और बोली: लोफर कहीं के. कितनी गंदी गंदी बातें करते हैं आप. 

वीरेंदर:आअहह आशना यह क्या दिखा रही हो यार , मेरी तो पॅंट ही फट जाएगी ऐसे. 

आशना ने गर्दन घुमा कर वीरेंदर की तरफ सवालिया नज़र से देखा और जैसे ही उसे समझ में आया कि वीरेंदर किस बारे में बात कर रहा है, वो झट से भाग कर रूम से बाहर निकल गई और बोली: चलो हटो बेशरम नंबर. 1. आप कभी नहीं सुधरोगे. 

वीरेंदर: पहले बिगड़ने तो दो यार. 

आशना: मैं नीचे जा रही हूँ और अगर आपको ब्रेकफास्ट चाहिए तो 5 मिनट में नीचे आ जाना. 

वीरेंदर: ब्रेकफास्ट में मीठा मिलेगा???? 

आशना, वीरेंदर को ठेंगा और जीभ दिखाकर आगे बढ़ गई. 

आशना जैसे ही नीचे पहुँची, रागिनी हाल में बैठी हुई थी. आशना को देख कर रागिनी एक दम उठी और बोली "गुड मॉर्निंग दीदी". 

आशना(चहकते हुए): "मॉर्निंग", अरे बैठो बैठो मैं तुम्हारी बॉस नहीं हूँ. 

आशना की रिप्लाइ सुनकर रागिनी की जान में जान आई. 

रागिनी(मन में): तो इसका मतल्ब रात को हमे देखने वाली यह चुड़ैल नहीं थी. 

आशना भी रागिनी के पास जाकर बैठ गई और बिहारी को आवाज़ लगा कर पूछा: काका, ब्रेकफास्ट में क्या बना रहे हो????

बिहारी(किचन से): बिटिया, आज सॅंडविच, जूस और दलिया बनाया है. 

आशना: वाउ, आज एकदम लाइट ब्रेकफास्ट. आज तो मज़ा आ जाएगा. 

आशना(रागिनी से): आज का क्या प्रोग्राम है????

रागिनी: मेरा क्या प्रोग्राम, ब्रेकफास्ट के बाद ऑफीस और फिर शाम को घर. 

आशना: क्या यार देल्ही आते ही इतनी बोरिंग लाइफ, तुम्हारा दिल नहीं घबराता क्या???

रागिनी: अब जॉब भी तो ज़रूरी है ना दीदी. 

आशना: आज दोपहर को हम शॉपिंग जा रहे हैं. तुम्हारे बॉस से मैं बात कर लूँगी, ओके???

रागिनी: वाउ, शॉपिंग, फिर तो खूब मज़ा आएगा. 

तभी वीरेंदर भी सीडीयाँ उतरता हुआ नीचे आया. 

विरेडनेर: अकेले अकेले मज़ा ले रहे हो, क्या बात है???

आशना: आपको भी मज़ा लेना है????

वीरेंदर: अब तो लगता है मज़े वाले दिन शुरू हो गये हैं. 

रागिनी: आप के तो मज़े शुरू हो गये हैं सर लेकिन हमारे बारे में भी तो सोचिए. 

वीरेंदर: हां हां ज़रूर, आज कुछ सोचता हूँ. 
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02-02-2019, 12:45 AM,
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रागिनी का दिल यह सुनकर खुश हो गया. वो समझ गयी कि रात वाला इंसान वीरेंदर भी नहीं था. तो क्या सच में रात तो उसकी आँखो को धोखा हुआ था???

तभी बिहारी गरमा गरम नाश्ता लेकर आ गया. 

नाश्ता करते हुए, आशना बोली: वीरेंदर आज मैं भी आपके साथ ऑफीस जा रही हूँ और दोपहर को रागिनी को लेकर शॉपिंग चली जाउन्गी. 

वीरेंदर: वो सब तो ठीक है, लेकिन मैं अकेला ऑफीस मैं क्या करूँगा????

आशना: आपको जो टेंडर मिला है, उसकी तैयारी भी तो करनी है. 

वीरेंदर: वो तो मोहित संभाल लेगा. मुझे कोई टेन्षन नही है. 

आशना: तो फिर शाम को जल्दी घर आ जाइएगा, शाम को हमे मेरी एक सहेली से मिलने जाना है. हम ने आज मिलने का प्रोग्राम बनाया है और डिन्नर भी उनके साथ ही करेंगे. 

वीरेंदर: तो फिर ठीक है, डन. 

नाश्ता करके करीब 9:00 बजे तीनों घर से निकल गये. वीरेंदर अपनी गाड़ी से गया. रागिनी को ना चाहते हुए भी आशना के साथ उसकी गाड़ी में जाना पड़ा. रागिनी के कलेजा जल गया था जब आशना ने उसे अपने साथ चलने को कहा लेकिन वो कर भी क्या सकती थी. रास्ते में दोनो बातें करती हुई टाइम पास कर रही थी. 

आशना: रागिनी क्या तुम सारा दिन बोर नहीं हो जाती. ऑफीस से घर , घर से ऑफीस. 

रागिनी: दीदी अभी 2-3 दिन ही तो हुए है, अभी से बोर होने लगी तो कोई भी जॉब नहीं कर पाउन्गी. 

आशना: वो तो है, काफ़ी समझदारी वाली बातें करती हो यार तुम. 

रागिनी: क्या दीदी, आप तो मेरी खिंचाई करने लगी. 

आशना: और इतनी छोटी सी ही उम्र में इतने बड़े बड़े काम. 

रागिनी को ऐसा लगा जैसे उसके कान मैं किसी ने पिघलता हुआ सीसा डाल दिया हो और उसका कलेजा मुँह को आने को हुआ. उसने हिम्मत करके आशना की तरफ देखा और बोली: क्या मतलब???

आशना(नॉर्मली मुस्कुराते हुए): अरे यार अभी तुम्हारी उम्र ही कितनी है लेकिन फिर भी तुमने अपने परिवार की ज़िम्मेदारी उठा ली और उनका पेट पालने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ कर जॉब कर रही हो. 

रागिनी की सांस में सांस आई. 

रागिनी: अब अपने परिवार के लिए तो इतना तो बनता ही है ना दीदी????

आशना: शायद तुम सही कह रही हो, परिवार क्या होता है और परिवार की क्या ज़िम्मेदारियाँ होती हैं, मैं शायद समझ नहीं पाउन्गी. 

इसके बाद गाड़ी में खामोशी छा गयी. 

थोड़ी देर बाद अचानक आशना ने पूछा: रागिनी तुम्हारा कोई बाय्फ्रेंड है क्या???रागिनी ने अचानक से हुए इस सवाल को सुनकर आशना की तरफ देखा. उसके दिल में एक दम डर समा गया कि शायद आशना ने कल रात तो उन्हे देख लिया हो. 

रागिनी(हड़बड़ाहट में): जी??????

आशना(मुस्कुराते हुए): देखो मुझसे झूठ मत बोलना, इतना तो मैं यकीन से कह सकती हूँ कि तुम्हारा बाय्फ्रेंड तो है. 

रागिनी: जी लेकिन आप इतने यकीन के साथ कैसे...... 

आशना, रागिनी की हालत देख कर हँसने लगी और बोली: रिलॅक्स यार, मैने तो ऐसे ही कहा था. वैसे तुम्हारी जैसी खूबसूरत और हॉट लड़की का बाय्फ्रेंड ना हो, ऐसा पासिबल तो नही है. 

रागिनी(थोड़ा नॉर्मल होते हुए): ऐसी बात नहीं है दीदी, स्कूल में तो काफ़ी प्रपोज़ल आए थे मगर माँ-बाबूजी के डर से किसी को हां नहीं कर पाई. राजौरी(डिस्टिक. ऑफ जम्बू&कश्मीर) छोटा सा तो शहर है, अफेर जैसी खबर तो रातों रात फैल जाती है. 

आशना: तो इसका मतलब अपने पेरेंट्स के डर के कारण तुमने इतने दिल तोड़ डाले. 

रागिनी मुस्कुराइ और बोली: अब देल्ही आ गई हूँ, अब तो ज़रूर कोई ना कोई बना लूँगी.

आशना: हां लेकिन ध्यान से क्यूंकी यहाँ भी तुम्हारे चाचू हैं, कहीं उन्हे खबर ना हो जाए. 

रागिनी(मन ही मन):उनकी पर्मिशन से ही तो वीरेंदर को फाँस रही हूँ. 

रागिनी: खूबसूरत तो आप मुझसे कहीं ज़्यादा हैं और हॉट होने के साथ साथ सेक्सी भी हैं. 

क्या वीरेंदर सर से पहले भी आपका कोई बाय्फ्रेंड था? 

आशना मुस्कुराइ और फिर बोली: तुम्हे क्या लगता है इस बारे में? 

रागिनी: अब किसी के दिल में क्या है, कॉन जान सकता है. 

आशना: एग्ज़ॅक्ट्ली, यही सोच कर मैने कभी इस तरफ ज़्यादा ध्यान ही नहीं दिया कि क्या पता किसके दिल में क्या है और वो कब धोखा देकर छु मंतर हो जाए. 

रागिनी: यह बात तो आपकी बिल्कुल सही है दीदी. लेकिन वीरेंदर सिर के दिल में क्या है,आपको लगता है कि आप सब जानती हैं???

आशना: वीरेंदर की बात अलग है. उन्हे जानने के लिए उनके साथ बस एक दिन गुज़ार लेना ही काफ़ी है. उनके मन में किसी के लिए कोई मैल नहीं है और ना ही उनकी सोच में किसी के लिए कोई घृणा. बस इसी खूबी के कारण मैं तुम्हारे सर को दिल दे बैठी. 

रागिनी: वैसे आप मुझसे बड़ी हैं और नॅचुरली मुझसे ज़्यादा समझदार भी तो आप मुझे यह बताएँ कि लड़कों के साथ कहाँ तक फ्रॅंक होना चाहिए, मेरा मतलब................

आशना: इट्स ओके, मैं तुम्हारा मतलब समझती हूँ. देखो लड़के के सामने एक खुली किताब बन कर मत रहो, क्रेज़ को बरकरार रखने के लिए ज़रूरी है कि शादी तक उन्हे बस हसीन सपने दिखाओ और बहुत ज़रूरी होने पर थोड़ी बहुत टचिंग-किस्सिंग करो. ग़लती से भी अगर तुम उनकी डिमॅंड पूरी कर गई तो भूल जाओ कि वो तुमसे शादी करेगा. 

रागिनी(मन में): सॉरी आशना, मेरा फंडा तुमसे डिफरेंट है. मेरे ख़याल से लड़के भूखे शेर की तरह होते हैं, जिन्हे एक बार खून लग जाए तो वो आपके पीछे कुत्ते की तरह दुम दबा कर भागेंगे. 

आशना: क्या सोचने लगी?????

रागिनी: दीदी सोच रही हूँ कि अब जल्दी से कोई अच्छा सा लड़का देख कर उस से दोस्ती कर ही लूँ, यहाँ पर अकेले टाइम पास करना मुश्किल है.

आशना(खिलखिलाकर हंसते हुए): ऑल दा बेस्ट बट बी सेलेक्टिव इन चूजिंग दा राइट वन. 

रागिनी: आइ विल दीदी.

यों ही बातों बातों में दोनो शोरुम पहुँचे. रागिनी जानती थी कि आशना के रहते उसका यहाँ पर कोई चान्स नहीं है. उसने भी धैर्य से काम लेने की सोची क्यूंकी आशना की बातों से उसे आशना पर शक सा हो गया था कि रात तो उन्हे देखने वाला शक्स शायद आशना ही थी. रागिनी ने आशना के साथ रहकर उसे ही टटोलने की सोची. 
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02-02-2019, 12:45 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
वीरेंदर आते ही टेंडर को लेकर अपने मनेजर और वॉर्कर्स के साथ बिज़ी हो गया था और आशना-रागिनी उसके ऑफीस में बैठी हुई बातें करती रही. अपने सारे वॉर्कर को इनस्टरकेशन देकर वीरेंदर भी अपने कॅबिन में आ गया. 

वीरेंदर: लगता है पिछले सारे दिनों की कसर आज ही निकाल लेंगी आप दोनो. 

आशना: अरे लड़कियों की बातें ख़तम कहाँ होती है और वो भी जब दोनो यंग हो. 

वीरेंदर: वो तो है, यह बात तो माननी ही पड़ेगी. 

रागिनी(वीरेंदर की आँखो में देखते हुए): सर, तो आप ही बंद कर दीजिए ना हमारा मुँह. 

वीरेंदर, रागिनी का मतलब समझ गया और बोला: अब क्या क्या बंद करूँ मुझे तो खुद ही समझ नहीं आ रहा. 

आशना ने हैरानी से वीरेंदर की तरफ देखा. 

वीरेंदर: सोच रहा हूँ कि सबसे पहले तो तुम दोनो का ऑफीस आना ही बंद कर दूँ. 

रागिनी: क्यूँ, क्या आपको मेरा काम पसंद नहीं आया?????

आशना: क्या आपको मेरा ऑफीस आना बुरा लगता है????

वीरेंदर(मुस्कुराते हुए): अगर तुम दोनो रोज़ इस तरह ऑफीस आती रही तो वॉर्कर्स का सारा ध्यान तुम पर ही रहेगा, वो काम कब करेंगे. 

आशना(मुस्कुराते हुए): आप वॉर्कर्स की चिंता रहने दीजिए, सीधा सीधा क्यूँ नहीं कहते कि मेरे यहाँ आ जाने से आपको काम करने में मुश्किल होगी.

वीरेंदर: हा हा हा हा बहुत जल्दी पकड़ लिया तुमने मुझे तो.

रागिनी: दीदी से पहले तो मैने पकड़ लिया सर. 

आशना और वीरेंदर दोनो हैरानी से उसकी तरफ देखने लगे. वीरेंदर का दिल ज़ोर से धड़कने लगा. 

आशना बोली: क्या मतलब????

रागिनी: वो दीदी आपके बोलने से पहले ही यह बात मेरे दिमाग़ में आ गई लेकिन बोल नहीं पाई. 

आशना: यह सारे मर्द होते ही ऐसे हैं और यह कहकर उसने रागिनी को आँख मार दी. तुम ज़रा ध्यान से कोई लड़का चूज़ करना अपने लिए वरना वो भी तुम्हे ऐसे ही परेशन करता रहेगा. 

रागिनी: आप दोनो बैठिए मैं चाइ का ऑर्डर देकर आती हूँ. 

रागिनी के जाने के बाद, वीरेंदर बोला: आशना आज तुम क्या खरीदने जा रही हो???

आशना: कुछ ज़्यादा नहीं बस अपने और रागिनी के लिए कुछ ड्रेस और कुछ छोटा मोटा समान. 

वीरेंदर: अपनी पसंद का शादी का जोड़ा भी खरीद लेना. 

आशना का चेहरा शरम से एकदम लाल हो गया. 

वीरेंदर: मैं जल्द से जल्द तुमसे शादी कर लेना चाहता हूँ, अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता. 

आशना ने होंठ काँपने लगे, सच तो यह था कि वो भी अब और इंतज़ार नहीं कर सकती थी. वीरेंदर उसके जिस्म-ओ-जान पर छा गया था. इस से पहले के वो अपने इरादे से बदल जाए वो खुद को हमेशा हमेशा के लिए वीरेंदर के हवाले कर देना चाहती थी. 

वीरेंदर: आज ही पंडित जी से शादी का मुहूरत पूछ लेता हूँ. 

आशना खामोश रही मगर उसके चेहरे पर शर्मीली मुस्कान वीरेंदर के दिल को एक सुखद अनुभूति दे रही थी.
वीरेंदर: लेकिन शादी से पहले मैं तुम्हारे सामने कुछ कन्फेस करना चाहता हूँ. 

आशना ने प्यार भरी नज़रों से उसकी तरफ देखा. 

वीरेंदर: मैं तुम्हे बताना चाहता हूँ कि मेरी ज़िंदगी में तुम्हारे आने के बावजूद भी मैने कुछ ग़लतियाँ की हैं और मैं जानता हूँ कि तुम्हारे लिए उन्हे माफ़ कर पाना बहुत मुश्किल है. 

आशना ने झट से अपना हाथ वीरेंदर के होंठो पर रख दिया और रोनी सूरत बना कर उसकी आँखो में देख कर 'ना' में सर हिलाया. 

वीरेंदर ने आशना का हाथ हटाकर कहा: आशना आज अगर तुमने मुझे नही बोलने दिया तो शायद मैं फिर कभी बोल नहीं पाउन्गा और मैं नहीं चाहता कि हमारी शादी के बाद तुम्हे कुछ ऐसी बातों का पता चले जो तुमने मुझे बताने से रोक दिया था. 

आशना: मिस्टर. लोफर, आप एमोशनल भी हो, यह मैने आज ही जाना है. 

वीरेंदर ने आशना के चेहरे को प्यार से पकड़ कर उसकी आँखो में देख कर कहा "आशना, आज की रात मैं तुम्हारे साथ गुज़ारना चाहता हूँ, अपना हर दुख , हर दर्द, हर गम तुमसे बाँटना चाहता हूँ, प्लीज़ मना मत करना". 

आशना ने उसकी आँखो मे देख कर स्वीकृति मे सर हिलाया और वीरेंदर के गले लग कर बोली, " काश मैं भी आपकी तरह हिम्मत दिखा पाऊ". 

वीरेंदर(चौंक कर): तो इसका मतलब तुम भी मुझे कुछ बताना चाहती हो. आशना ने उसके सीने से लगे लगे ही हां मैं गर्दन हिलाई. 

वीरेंदर: हे भगवान, अगर इस लड़की का पहले से कहीं लफडा हुआ तो मैं तुझे कभी माफ़ नहीं करूँगा. 

आशना ने वीरेंदर की कमर पर चिकोटी काट ते हुए कहा " बेशरम कहीं के, कितना गंदा सोचते हैं ना आप मेरे बारे में". 

वीरेंदर: अरे यह तो कुछ भी नहीं, अगर तुम्हे पता चल जाए कि मैं तुम्हारे बारे मे सोच कर क्या क्या प्लॅनिंग करता हूँ, तुम तो शरम से सर भी ना उठा पाओ. 

आशना(आँखें बंद करके फडफडाते हुए होंठो से): उस सोच का आपको हक है वीरेंदर और यह कह कर वो फॉरन वीरेंदर से अलग हुई और उस से दूर जाकर बैठ गई. 

वीरेंदर ने अपने वॉलेट से क्रेडिट कार्ड निकाला कर आशना को दिया. 

आशना: यह क्या है????

वीरेंदर: अपनी होने वाली बीवी को उसके होने वाली पति की तरफ से पहली भेंट. एंजाय युवर शॉपिंग. 

आशना ने झट से वीरेंदर के हाथ से कार्ड ले लिया. वीरेंदर कुछ समझ पाता या बोलता उस से पहले ही कॅबिन का डोर खुला और रागिनी अंदर दाखिल हुई. 

तभी आशना का फोन बजा. आशना ने फोन पिक किया.

आशना: हाई जान. 

त्रिवेणी: क्या यार तू जले पर नमक तो मत छिड़क. अब हम कभी एक दूसरे की जान नहीं बन सकते तू जानती है कि मैं विजय को दिल दे बैठी हूँ. 

आशना: तू फिर शुरू हो गई.

त्रिवेणी: कहाँ यार शुरू होने से पहले हे तेरी-मेरी लव स्टोरी ख़तम हो गई. 

आशना: अब बोलेगी भी कि फोन क्यूँ किया. 

त्रिवेणी: बड़ी जल्दी मे है, इसका मतलब अपने पिया जी के साथ है. अच्छा सुन, आज का डिन्नर कॅन्सल. वो आक्च्युयली विजय को एक एमर्जेन्सी मीटिंग के लिए जाना पड़ा तो क्यूँ ना कल लंच पर मिलें. कल सनडे भी है तो टाइम की भी चिंता नहीं रहेगी. 

आशना: जस्ट वेट, आइ शल अस्क हिम फर्स्ट.

आशना(वीरेंदर से): त्रिवेणी की कॉल है, आज का डिन्नर कॅन्सल करने के लिए बोल रही है और कल लंच का प्रोग्राम है. आपको कोई प्राब्लम तो नहीं कल के लिए?????

वीरेंदर ने आशना को थंब दिखाकर डन के लिए बोला.

आशना(त्रिवेणी से): ओके डन.

त्रिवेणी: लेकिन तेरे उनकी आवाज़ तो आई नहीं फोन पर. 

आशना: हम एक दूसरे की आँखों की भाषा भी समझ लेते हैं.

त्रिवेणी: हाई मैं मर जावां, कहीं उनका मुँह कहीं और तो बिज़ी नहीं है. 

आशना: शट अप, कल मिलते हैं और और उसने फोन काट दिया.

वीरेंदर: क्या हुआ????

आशना(चेहरा गुलाबी हो चुका था): कुछ नहीं, बस कल का प्रोग्राम फाइनल है. 

वीरेंदर: वाउ तो आज की शाम सिर्फ़ मैं और तुम. 

रागिनी का दिल यह सुनकर जल भुन गया.
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02-02-2019, 12:45 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
चाइ पीने के बाद, आशना-रागिनी गाड़ी लेकर शॉपिंग के लिए निकल गये. एक माल में शॉपिंग करने के बाद आशना ने वीरेंदर को कॉल करने के लिए पॉकेट से फोन निकाला ही था कि वीरेंदर का फोन आ गया. आशना ने झट से फोन उठाया. 

वीरेंदर: हाई इतनी बेकरारी उधर भी है क्या?? 

आशना(रागिनी से थोड़ा दूर जाते हुए): आप जानते हैं, मैं आपको कॉल करने ही वाली थी कि आपका कॉल आ गया. 

वीरेंदर: आहो भाग्य हमारा जो आपने हमे याद किया देवी जी. बोलिए क्या हुकुम है ?????

आशना: राजकुमारी चाहती हैं कि उनका खास ड्राइवर उनके साथ लंच करे. 

वीरेंदर: राजकुमारी जी कभी डिन्नर भी कर्वाओ, इतनी सेवा करूँगा कि सुबह का ब्रेकफास्ट भी भूल जाओगी. 

आशना: उसका भी सोचेंगे, अभी आप जल्दी से "होटेल ................." में पहुँचो, हम अपक इंतज़ार कर रहे हैं. 

वीरेंदर: आपको ज़्यादा देर इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा राजकुमारी जी, हम शीगर ही वहाँ पहुँचते हैं.

वीरेंदर के वहाँ पहुँचते ही आशना ने लंच ऑर्डर किया और फिर आइस-क्रीम खाने के बाद वो होटेल से बाहर निकल गये. 

वीरेंदर: आशना तुम घर चलो, मैं शाम को तुम्हे घर पर ही मिलता हूँ और हां आज रात का डिन्नर हम दोनो मेरे रूम मे ही लेंगे. रागिनी, क्या तुम अभी ऑफीस चलना चाहोगी या घर जाना चाहती हो? 

इस से पहले के रागिनी कुछ बोलती, आशना बोली: हम दोनो घर जा रहे हैं. आप शाम को जल्दी आ जाइएगा.

वीरेंदर: जो आग्या राजकुमारी जी. 

रागिनी वीरेंदर के साथ ऑफीस जाना चाहती थी ताकि वो उसे अपने जाल मे फाँस सके और जल्द से जल्द उससे चुद सके लेकिन आशना ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया. 

रागिनी(मन में): साली यहाँ मेरी चूत फड़फदा रही है और तू मेरी चूत और वीरेंदर के लोड्‍े में दीवार बन कर खड़ी हो गई है. आज की रात किसी भी कीमत पर मैं तेरे इस आशिक को अपनी चूत का स्वाद चखा कर ही रहूंगी. कल से तेरी उस घर में उल्टी गिनती शुरू.

आशना और रागिनी दोनो घर की तरफ चल दिए. 

आशना(रास्ते में): क्या हुआ रागिनी, बहुत खामोशी से बैठी हो???

रागिनी: वो दीदी ज़रा थकान हो गई है इतना बड़ा माल घूम कर. 

आशना(मुस्कुराते हुए): चलो घर जाकर आराम कर लेना और शाम को वीरेंदर का कमरा सजाने में मेरी हेल्प करना. 

रागिनी: सर का कमरा?????क्यूँ??????मेरा मतलब आज कोई खास दिन है क्या????

आशना: दिन ख़ास नहीं भी है तो क्या हुआ, आज की रात मैं वीरेंदर के लिए ख़ास बनाने जा रही हूँ. 

इतना सुनते ही रागिनी के होश उड़ गये. उसे लगा कि जैसे वीरेंदर राइट की तरह उसकी मुट्ठी से निकल गया हो. रागिनी परेशान हो उठी. 

आशना: मैं चाहती हूँ कि आज की रात वीरेंदर कभी ना भूले. 

रागिनी: दीदी लेकिन शादी से पहले यह सब, मेरा मतलब..............

आशना(हंसते हुए): अरे यार तुम तो एक दम बॉटम लाइन पर आ गई. ऐसा कुछ भी करने नहीं जा रही हूँ मैं, बस वीरेंदर को यह यकीन दिलाने जा रही हूँ कि अब उनके सारे अरमान पूरे होने वाले है. 

रागिनी: मतलब????

आशना: मतलब तो मैं भी नहीं जानती, बस ऐसे ही कुछ सोचा है मैने आज वीरेंदर के लिए. तुम मेरी बेहन जैसी हो और तुमपेर भरोसा करती हूँ, इसीलिए तुम्हे यह सब बता रही हूँ. आज रात को मैं वीरेंदर को सर्प्राइज़ देना चाहती हूँ, प्लीज़ मेरी हेल्प कर देना.

रागिनी: दीदी यह भी कोई पूछने की बात है, मैं आपकी हेल्प ज़रूर करूँगी. 

दोनो घर पहुँचे तो बिहारी अपने कमरे में आराम से लेटा हुआ टीवी देख रहा था. गाड़ी की आवाज़ सुनकर बिहारी झट से अपने कमरे से बाहर आया. रागिनी को आशना के साथ देख कर बिहारी समझ गया कि आज रागिनी बिना किसी सफलता के वापिस लौटी है.

बिहारी(आशना से): बिटिया खाना लगा दूं?????

आशना: नहीं काका, हम ने खाना खा लिया है. शॉपिंग करते करते भूख लगी तो हम ने बाहर ही खा लिया. 

बिहारी: रागिनी तुम क्यूँ आ गई, ऑफीस नहीं गई क्या आज???

आशना: काका यह तो बहुत ज़िद कर रही थी जाने की लेकिन मैं ही इसे अपने साथ ले आई. शॉपिंग करते करते हम दोनो ही थक गई हैं, अब थोड़ी देर के लिए आराम करेंगे. 

आशना अपने कमरे में चली गई तो बिहारी ने इशारे से रागिनी से पूछा कि क्या हुआ??रागिनी ने उसे अपने कमरे में आने का इशारा किया. बिहारी झट से उसके कमरे में आया तो रागिनी ने सबसे पहले तो उसे ओफिसे की सारी बात बताई और फिर बताया कि बीती रात को उन दोनो में से किसी ने भी उन्हे नहीं देखा है. अगर ऐसा होता तो उनकी बातों से पता चल जाता. 

बिहारी: मैने तो पहले ही कहा था कि तुम्हारा वेहम है , तुमने ख़ामखा ही मेरा तड़पटा लोड्‍ा अपनी चूत से निकला दिया था. 

रागिनी: तो आ जाओ अभी फिर से ठंडा कर लो इसे. मेरी चूत भी तो सुबह से फडक रही है. 

बिहारी: दिन दहाड़े यह सब करने से पकड़े जाने का ख़तरा ज़्यादा है. रात को आकर तेरी चूत की प्यास बुझाउन्गा. 

रागिनी: आज रात को शायद आशना भी वीरेंदर को अपनी चूत देने वाली है. 

बिहारी के कान एकदम खड़े हो गये. 

बिहारी: तुम्हे कैसे पता??? 

रागिनी ने उसे गाड़ी मे हुई सारी बात बताई तो बिहारी सोचने लगा कि किसी तरह उनका वीडियो बन सके और उसके हाथ लग जाए तो आशना को ब्लॅकमेल किया जा सकता है. 

बिहारी: क्या तुम किसी तरह से उनके कमरे में वीडियो कॅमरा छुपा सकती हो??

रागिनी: वो तो मैं आराम से छुपा कर लगा दूँगी. 

बिहारी: तुम बस मेरा यह काम कर दो, वादा करता हूँ कल रात को ही तुझे भी वीरेंदर के लोड्‍े से चुदवाउंगा. 

बिहारी की बात सुनकर रागिनी एक दम खुश हो गई और उस से चिपक गयी. 

बिहारी: देखो कितनी खुश हो गई वीरेंदर के लोड्‍े से चुदने की बात सुनकर. 

रागिनी को एकदम समझ आया कि वो दूसरे मर्द के लंड से चुदने की खुशी में भूल गई कि वो अपने पति के साथ ही चिपकी खड़ी है. 

रागिनी: हटो बेशरम कहीं के, पहले तो मुझे खुद बेशरम बनाया और अब खुद ही मेरी खिंचाई भी कर रहे हो. 

बिहारी ने ज़ोर से रागिनी की गान्ड मसल कर कहा, तुम दोनो की चुदाई तो मैं अपनी आँखो से देखना चाहता हूँ, बोल दिखाएगी ना अपने पति को गैर मर्द से अपनी चुदाई????

रागिनी ने शरमा कर आँखें बंद करके हाँ में गर्दन हिलाई. 

बिहारी: मैं चाहता था कि वीरेंदर का लोड्‍ा सबसे पहले तेरी चूत में जाए मगर कोई बात नहीं अगर आशना उस से पहले चुद जाती है तो भी फ़ायदे मे हम ही रहेंगे. बस उनकी वीडियो हमे मिल जानी चाहिए. 

रागिनी: वादा है मेरा कि वो वीडियो आपको ज़रूर मिलेगी. 

बिहारी: चल अब आराम कर ले, रात को जब वीरेंदर आशना की चुदाई करेगा, मैं तेरे कमरे में आकर सारी रात तुझे पेलने वाला हूँ. 

रागिनी: मैं इंतज़ार करूँगी आपका विराट. 

बिहारी: काश मैं वीरेंदर की जगह होता और तुम आशना की जगह तो मज़ा ही आ जाता.

रागिनी: वो रात भी जल्द आएगी विराट, बहुत जल्द. 

शाम को करीब 6:00 बजे वीरेंदर ने आशना को फोन करके बताया कि उसे आने में थोड़ा टाइम लग जाएगा. एक ट्रक की डेलिवरी लेने के लिए उसे कुछ देर ऑफीस में रुकना पड़ेगा. 

आशना:आप सारा काम ख़तम करके आइए तब तक मैं आपके लिए डिन्नर तैयार कर लूँगी. 

वीरेंदर: तुम्हे डिन्नर तैयार करने की ज़रूरत नहीं है. तुम खुद अच्छे से तैयार हो जाओ और काका को बोल कर बटर चिकन और राइस बनवा दो. 

आशना: मैं डिन्नर भी बना लूँगी और तैयार भी हो जाउन्गी. आप काम ख़तम करके झट से आ जाइए. 

वीरेंदर: मैं बस डेढ़-दो घंटो में ट्रक खाली करवाकर पहुँच जाउन्गा. 
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02-02-2019, 12:46 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना ने रागिनी के साथ मिलकर पहले तो वीरेंदर के कमरे को सजाया. कमरे के एक साइड पर टेबल सजाया और उस पर अलग अलग तरह की छोटी बड़ी कॅंडल्स सजाई और फिर डिन्नर तैयार कर दिया. इसी बीच रागिनी ने चालाकी से रूम में कॅमरा छुपा दिया था. इस सारे काम में 8:30 बज चुके थे. वीरेंदर अभी तक नहीं पहुँचा था. 

आशना ने अपने कमरे में जाकर वीरेंदर को फोन लगाया तो वीरेंदर ने झट से फोन उठाया और बोला: कमिंग स्वीटहार्ट, ऑन दा वे. विदिन 15 मिनट्स वी आर इन माइ रूम. आशना के जिस्म में रोमांच की एक लहर उठी और उसके गाल गुलाबी हो गये. 

वीरेंदर: अरे यार तुम तो अभी से शरमा गयी, सोचो रात को तुम्हारा क्या हाल होगा. 

आशना(शरमाते हुए): आपको कैसे पता कि मैं शरमा रही हूँ. 

वीरेंदर: जब से मेरी ज़िंदगी में आई हो, शरमा ही तो रही हो. काश एक बार मेरी तरह बेशरम हो जाओ तो जीने का मज़ा ही आ जाए.

आशना: जी नहीं, बेशर्मी आपको ही मुबारक, मैं जैसी भी हूँ अच्छी हूँ. 

वीरेंदर: अच्छी????? अरे यार तुम तो बॉम्ब हो बॉम्ब, आटम बॉम्ब. 

आशना हँसने लगी. 

वीरेंदर: और आज तो यह आटम बॉम्ब मैं फोड़ कर ही रहूँगा. 

आशना ने शरमा कर फोन काट दिया और बोली " बेशरम कहीं के". आशना वॉश रूम में घुस गई. करीब दम मिनट में वीरेंदर घर पहुँचा और आते ही सीधा अपने रूम में घुस गया. उसने एक बार भी मुड़कर रागिनी के रूम की तरफ नहीं देखा. रागिनी अपने कमरे के बाहर खड़ी वीरेंदर को देखती रही. 

बिहारी: नया जोश है, बहुत जल्द ज़मीन पर गिरेगा, उड़ने दो साले को. 

रागिनी: इसको तो मैं इतना तडपाउंगी कि यह मजबूर होकर अपनी प्रॉपर्टी मेरी चूत के नाम कर देगा, बस एक बार इस चुदैल को घर से निकलवा दूं.

बिहारी: बहुत जल्द यह सब होने वाला है. बस अपनी चूत को ठंडा ना पड़ने देना.

अपने कमरे में घुसते ही वीरेंदर एक दम हैरान रह गया. अपने साथ लाया हुआ समान उसने बेड पर रखा और कमरे की सजावट देख कर वो मन ही मन आशना को थॅंक्स कर उठा इस रात को यादगार बनाने के लिए. वीरेंदर ने जेब से मोबाइल निकाला और आशना का नंबर. डाइयल किया.

आशना ने झट से फोन उठाया और बोली: मैं थोड़ी देर मैं आती हूँ तब तक आप फ्रेश होकर तैयार हो जाइए.

वीरेंदर ने बिहारी को आवाज़ लगाकर खाना उपेर लगाने के लिए कहा और खुद वॉशरूम में घुस गया. बिहारी ने झट से हॉट केसस में खाना डाला और बटर चिकन में ढेर सारा अफ़रोडियासिक मिला कर सारा समान वीरेंदर की टेबल पर सज़ा दिया. रागिनी भी उसके साथ उपर चली आई और छुपाए हुए कैमरे को ऑन करके वो दोनो नीचे चले गये. वो जानते थे कि अब कोई भी नीचे आने वाला नहीं है. बिहारी और रागिनी ने खाना खाया, बिहारी ने भी अफ़रोडियासिक की डोज ले ली. आज उसे रागिनी को आशना समझ कर रगड़ कर चोदना था. 

फ्रेश होकर वीरेंदर ने एक ग्रे सूट पहना. ग्रे कोट के अंदर लाइट पिंक कलर की शर्ट वीरेंदर के उपेर काफ़ी जच रही थी. तैयार होकर वो आशना का इंतज़ार करने लगा. उसने फिर से आशना को फोन लगाया. 

आशना: कमिंग इन फाइव मिनट्स और फोन काट दिया. 

वीरेंदर ने टेबल पर रखी सारी कॅंडल्स जला दी और रूम की सारी लाइट ऑफ कर दी. सीलिंग पर लगी 4 कंसिल्लेड लाइट्स जो कि हल्के नीले रंग की थी उन्हे जला कर वीरेंदर ने बेड पर रखा समान उठा कर उसमें से गुलाब के लाल फूलों का एक गुलदस्ता निकाल कर टेबल पर रख दिया और एक वाइन की बॉटल भी टेबल पर सज़ा दी.

आशना अपने रूम से निकली. आज आशना सच में बिजली गिराने के मूड में थी. उसने नेट का पर्पल कलर का लहंगा और चोली पहनी थी. चोली स्लीवेल्सेस थी जिस से उसकी वॅक्स की हुई बाहें चमक रही थी. आशना ने हल्का सा मेकप किया था. चोली उसकी कमर से थोड़ी सी उपेर थी, जिस से उसकी नाभि सॉफ दिखाई दे रही थी. लहँगे को ज़मीन से थोड़ा सा उपर उठा कर आशना धड़कते दिल से वीरेंदर के रूम के दरवाज़े तक पहुँची. 

वो नॉक करने ही वाली थी कि उसके कान में आवाज़ पड़ी: अंदर आ जाओ आशना, रूम का दरवाज़ा मेरे दिल के दरवाज़े की तरह खुला पड़ा है. 

आशना ने हैरानी से दरवाज़ा खोला. वीरेंदर उसके सामने खड़ा था. वीरेंदर और आशना दोनो ने एक दूसरे को जी भर कर देखा. रूम में रोमॅंटिक वातावरण को देखा कर आशना के दिल की धड़कनें तेज़ हो गई. तभी वीरेंदर ने अपना हाथ आगे करके आशना को गुलाब के फूल प्रेज़ेंट किए और बोला " ब्यूटिफुल फ्लवर्स फॉर दा मोस्ट ब्यूटिफुल एंजल ऑफ माइ लाइफ".

आशना ने शरमा क्कार "थॅंक्स" कहा और गुलदस्ता ले लिया. वीरेंदर ने झुक कर आशना का स्वागत किया और आशना किसी राजकुमारी की तरह चल कर टेबल तक पहुँची. वीरेंदर ने दरवाज़ा बंद किया और उसे लॉक कर दिया. डोर लॉक करते हुए वो आशना की तरफ देख रहा था. आशना ने शर्मा कर मुस्कुराते हुए "ना" में गर्दन घुमाई. 

वीरेंदर: आज राजकुमारी जी इस कमरे से बाहर हमारी मर्ज़ी से जाएँगी. 

आशना ने सर झुका कर कहा: आज मैं हमेशा के लिए इस कमरे में आपके साथ रहने के लिए आई हूँ. यह सुनते ही वीरेंदर खुशी से झूम उठा. 

वीरेंदर: वाउ, आशना यू मेक माइ डे, माइ लाइफ. आइ कॅन'ट फर्गेट दिस मोमेंट. 

आशना को अपनी बाहों में भरने केलिए वीरेंदर जैसे ही आगे बढ़ा, आशना ने कहा.

आशना: क्या अब यहीं खड़ा रखोगे या बैठने के लिए भी बोलोगे. 

वीरेंदर: ओह, आइ आम सो सॉरी. तुम्हे देख कर तो सारी तहज़ीब ही भूल जाता हूँ. 

आशना: तहज़ीब और आप मैं???????

वीरेंदर: जी जो थोड़ी बहुत है वो भी आप को देख कर गुल हो जाती है. 

वीरेंदर ने झट से एक चेयर पीछे की और आशना को सीट ऑफर की. धीरे धीरे आशना की आँखें भी रूम की रोशनी के हिसाब से अड्जस्ट हो गयी. पहले उसे रूम में काफ़ी अंधेरा लग रहा था मगर अब उसे इतनी रोशनी भी ज़्यादा लग रही थी. आशना ने चारो तरफ नज़र घूमाकर जब टेबल पर रखी वाइन की बॉटल को देखा तो बोली: आज सेलेब्रेशन के पूरे मूड में हैं आप. 

वीरेंदर: सिर्फ़ सेलेब्रेशन के ही नहीं, आज तो फुल मूड में हूँ मैं. क्यूँ तुम नहीं हो क्या???? 

आशना: देखते हैं और यह कह कर शरमा कर नज़रें झुका ली.

वीरेंदर: तो तुम कहाँ से स्टार्ट करना चाहती हो????

आशना ने हैरानी और शरम के मिले जुले भाव से वीरेंदर की ओर देखा तो वीरेंदर ने कहा: पहले डिनर या खाने के साथ साथ डिनर???

आशना खिल कर मुस्कुरा दी. 

आशना: आइ थिंक पहले डिनर बट सिर्फ़ आप. 

वीरेंदर: दट'स नोट पासिबल. आज के बाद जो कुछ भी करूँगा मुझे उसमें तुम्हारा साथ चाहिए. 

आशना: अच्छा जी और अगर मैं मना कर दूं तो???

वीरेंदर: तब तो काम और भी आसान हो जाएगा. 

आशना: मतलब????

वीरेंदर: ज़्यादा कुछ नहीं बस एक रेप और हो जाएगा. 

आशना एक दम घबरा उठी. 
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02-02-2019, 12:46 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
वीरेंदर: नाउ दा बॉल ईज़ इन युवर कोर्ट. बोलो क्या चाहती हो????? जूस ऑफ ग्रेप ऑर रेप????

आशना(शरम से लाल होती हुई): अगर मैं दोनो के लिए मना कर दूं तो?????

वीरेंदर: आईला, ऐसा क्या. उसके लिए तो अपुन ने कुछ सोचा ही नहीं. 

वीरेंदर ने यह बात इस अंदाज़ मे बोली के आशना मुस्कुराए बिना ना रह सकी. आशना ने सलाद की प्लेट से नॅपकिन पेपर्स हटाए और वाइन की बॉटल हाथ में उठा ली. वीरेंदर चमकती आँखो से उसे देखने लगा. आशना ने काफ़ी कोशिश की मगर बॉटल उस से खुल नहीं पाई. 

आशना: बहुत टाइट है, खुलती ही नहीं. 

वीरेंदर: अभी सील पॅक है, लाओ मैं ही तोड़ता हूँ इसकी भी सील. 

आशना का बदन एक दम झुनजुना गया यह सुनकर. वीरेंदर ने बॉटल आशना के हाथ से लेते हुए आशना के हाथ की उंगलियाँ छू ली. 

वीरेंदर: वाउ, लगता है जैसे रेशम को टच कर लिया हो. 

आशना: जल्दी से खोलो, ज़्यादा बातें मत बनाओ. 

वीरेंदर: खोलता हूँ जान, इतनी भी क्या जल्दी है. 

आशना इस बार हिम्मत करके वीरेंदर की आँखो में देख कर मुस्कुराती रही. वीरेंदर ने ज़ोर लगाकर बॉटल खोल दी. 

आशना: वाउ, ग्रेट. 

वीरेंदर: तुम दो ग्लासस में वाइन डालो, मैं आइस क्यूब्स लेकर आता हूँ. वीरेंदर ने अपने रूम में रखे फ्रिड्ज से आइस क्यूब्स लिए और टेबल पर रख दिए. आशना ने दोनो ग्लासस को आधा आधा भर दिया था. वीरेंदर ने दोनो ग्लासस में आइस क्यूब्स डाले और आशना को उसका ग्लास पकड़ा दिया. दोनो ने चियर्स की और एक एक सीप लिया. 

आशना: ज़्यादा नशा तो नहीं होगा ना????

वीरेंदर: हो भी गया तो क्या हुआ, आज कॉन सा मुझे ड्राइविंग करनी है. 

आशना ने एक टेन्स स्माइल दी. 

वीरेंदर ने अपना हाथ आशना के हाथ पर रखा और बोला "डॉन'ट वरी, मैं हूँ ना". 

आशना(मासूमियत से): उसी बात का तो डर है कि मेरे साथ इस बंद कमरे मे आप हो. 

वीरेंदर: हां, यह तो मैने सोचा ही नहीं.

दोनो बातें करते करते सीप करते रहे और बीच बीच में सलाद के चटकारे भी लेते रहे. करीब 10 मिनट तक दोनो के ग्लास खाली हो चुके थे. 

आशना: यू वान्ट टू कन्फेस सम्तिंग टू मी, इस्न'ट यू?????

वीरेंदर: ओह येआः, आइ आम. आक्च्युयली बात ऐसी है कि, यह कहकर वीरेंदर ने बॉटल उठाई और बोला: अभी तो बहुत ज़्यादा बची है यार. 

आशना: तो जल्दी क्या है. सारी रात बाकी है. 

वीरेंदर: तो क्या सारी रात हम बैठ कर पीते ही रहेंगे. 

आशना: तो और क्या इरादा है राजकुमार का. 

दोनो को हल्का हल्का सरूर होना शुरू हो गया था. 

वीरेंदर: आज तुम्हे राजकुमारी से पत्नी बनाने का इरादा है मेरा. 

आशना(शरमाते हुए): पहले बताओ कि तुम(नशे में आशना आप से तुम पर उतार आई) क्या बताने वाले थे. 

वीरेंदर: ओह यआः, इंटेलिजेंट गर्ल. मैं भूल ही जाता हूँ.बात दरअसल यह है कि, अरे यार तुम ग्लास तो भरो. 

आशना ने बॉटल उठाई और वीरेंदर के पास जाकर खड़ी हो गई. वीरेंदर सर उठाए आँखें फाडे उसे देखे जा रहा था. 

वीरेंदर: बैठ जाओ वरना गिर जाओगी. 

आशना: लगता है मुझे नशा हो गया है. 

वीरेंदर: असली दारू लाया हूँ. वाइन शॉप वाला बोला 20-22 साल पुरानी वाइन है. 

आशना: फिर तो यह मेरी उम्र की हुई. 

वीरेंदर: अरे हां यार, मैने तो इस बात की तरफ ध्यान ही नहीं दिया. 

आशना: देखा, हूँ ना मैं इंटेलिजेंट. 

वीरेंदर: हाँ तो तुम मुझे क्या बताने वाली थी?????

आशना: रूको ज़रा आराम से बैठने दो और यह कहकर आशना वीरेंदर की गोद में बैठ गई. वीरेंदर ने झट से अपनी बाहें आशना की कमर मे लपेट दी. 

आशना: नो चीटिंग, वरना मैं तुम्हे कुछ नहीं बताउन्गी. 

वीरेंदर: सॉरी, सॉरी और यह कहकर उसने आशना के कान पकड़ लिए. आशना ने बॉटल को मुँह मे लगा करेक लंबा घूँट भरा. 

वीरेंदर:सारी दारू खुद पिओगी क्या, लाओ मुझे भी दो. 

आशना ने बॉटल वीरेंदर की पहुँच से दूर कर दी और अपना चेहरा पीछे करके वीरेंदर के होंठो पर अपने होंठ रख दिए. वीरेंदर ने झट से अपना मुँह खोला तो आशना ने आधा घूँट उसके मुँह में उडेल दिया. आशना ने अपने होंठ वापिस खेँचे और बोली: देखा, इस तरह से वाइन कड़वी भी नहीं लगी. 

वीरेंदर: लाओ अब मैं ट्राइ करूँ. वीरेंदर ने भी एक घूँट भरा और आशना के होंठो से होंठ मिलाकर आधा घूँट उसके मुँह मे उडेल दिया. 

वीरेंदर: हाउ वाज़ दा टेस्ट?

आशना: वाउ ग्रेट. इस तरह तो काफ़ी टेस्टी बन गई है यह वाइन. 

वीरेंदर: चलो अब बताओ, क्या कन्फेस करना था तुम्हे???

आशना: मुझे या तुम्हे?????मिस्टर. तुम्हे क्या लगता है कि मुझे वाइन का नशा हो गया है.???

वीरेंदर(मुस्कुराते हुए): चालाक कहीं की, पकड़ लिया ना मुझे. 

आशना: तो और क्या???अच्छा चलो अपनी चेयर थोड़ी पीछे करो और मुझे आराम से बैठने दो. वीरेंदर ने अपनी चेयर पीछे की और उस पर बैठ गया. 

आशना उसकी गोद में बैठने लगी तो वीरेंदर बोला: देखने में तो तुम इतनी बेवकूफ़ नहीं लगती. आशना झट से अपनी कमर पर हाथ रखकर उसकी तरफ पलट कर गुस्से से देखने लगी. 

आशना: व्हाट डू यू मीन??

वीरेंदर: अरे मेरी तरफ मुँह करके बैठो ना, तभी तो बात करने में मज़ा आएगा. 

आशना ने अपने सर पर हाथ मारा और बोली: सच मैं मैं पागल ही हूँ मैं. थॅंक्स हनी फॉर दा गाइडेन्स. 

आशना अपनी दोनो टाँगे वीरेंदर की टाँगो के इर्द गिर्द करके उसकी गोद में बैठ गई. 

वीरेंदर: तो बताओ, कहाँ थी तुम.

आशना: तुम्हारी गोद मे और कहाँ. 

वीरेंदर: मेरा मतलब क्या बताने वाली थी तुम. 

आशना: हां याद आया, आक्च्युयली मैं बताना चाह रही थी कि मैं आपकी वाली आशना हूँ. 

वीरेंदर(चमकती आँखो से): सच!!! और यह कहकर उसने आशना को गले लगा लिया. 

आशना(पीछे हटते हुए): नो चीटिंग, अब आपकी बारी है, बताओ आप क्या बताना चाहते थे. 

वीरेंदर: मैं, मैं बताना चाहता हूँ कि मैं वीरेंदर हूँ, वीरेंदर शर्मा. 

आशना: नो तुम सिर्फ़ मेरे वीरेंदर हो और यह कह कर उसने वीरेंदर को गले से लगा लिया. 

वीरेंदर: यार तुम्हारा बदन ही इतना नशीला है तो हम दारू क्यूँ पी रहे हैं. 

आशना: हम दारू पी रहे हैं????छि, कितने गंदे हैं हम लोग. 

वीरेंदर ने आशना के हाथ से बॉटल लेकर टेबल पर रख दी. 

आशना: मुझे कुछ हो रहा है. 

वीरेंदर: मुझे तो कब से कुछ हो रहा है. 

आशना: जब भी मुझे भूख लगती है तो मुझे कुछ होने लगता है. 

वीरेंदर: वाउ, मुझे भी. 

आशना तो चलो फिर खाना खा लें पहले. उसके बाद देखते हैं कि और क्या क्या होता है. 

वीरेंदर: गुड आइडिया. 

आशना वीरेंदर की गोद से नीचे उतरी और एक प्लेट मे खाना सर्व कर दिया. 

वीरेंदर: तुम नहीं खाओगी????

आशना: यह मेरे लिए ही तो है. 

वीरेंदर: आईला, तो मैं?????

आशना: मायूस मत हो, दोनो इसी में खा लेंगे. 

वीरेंदर: लेकिन पहले मैं खाउन्गा.

आशना: क्यूँ???? मैने डाला है तो पहले मैं खाउन्गा. 

वीरेंदर: छोड़ो यार क्या लड़ना, दोनो मिलकर खाते हैं ना. 

आशना: वाउ दट'स ग्रेट. 

वीरेंदर: आइ आम अन इंटेलिजेंट पर्सन. 

आशना(अपने चेहरे पर आए बालों को मुँह से उड़ाते हुए):हुह, बट नोट मोर दॅन मी.

वीरेंदर: ओके, ओके आज कोई लड़ाई नहीं, आज के दिन सिर्फ़ प्यार. 

आशना की आँखो मे चमक आ गई और बोली: क्या तुम मुझे प्यार करोगे????

वीरेंदर: हां, कर लूँगा. 

आशना: तो फिर मैं भी तुम्हे प्यार करूँगी. 

वीरेंदर: ठीक है, कर लेना. दोनो एक दूसरे को खाना खिलाने लगे. 
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02-02-2019, 12:46 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
खाना खाते हुए अचानक आशना बोली: तुम्हारे प्यार करने से अगर मुझे बच्चा हो गया तो??????

वीरेंदर: तो हम उसे डॉक्टर. बनाएँगे. तुम डॉक्टर. ना बन सकी तो क्या हम उसे ज़रूर डॉक्टर. बनाएँगे. 

आशना: लेकिन मैने सुना है कि शादी से पहले बच्चा हो जाए तो समाज उसे नाजायज़ कहता है. 

वीरेंदर: तो शादी करलेंगे ना हम.

आशना: कब????

वीरेंदर: अभी खाना खाने के बाद. 

आशना: आइ लव यू वीरू. 

वीरेंदर: आइ लव यू टू शानू. 

दोनो ने खाना खाने के बाद हाथ धोए और वीरेंदर फिर से चेयर पर बैठ गया. 

आशना: यहाँ आओ ना बेड पर मेरे पास, इतनी दूर क्यूँ बैठे हो. 

वीरेंदर: ओह, मैं तो भूल ही गया कि प्यार तो बेड पर किया जाता है.

बेड के पास आकर वीरेंदर ने अपना कोट उतार दिया और एक साइड पर रख दिया. आशना ने भी अपनी चुनरी उतार कर एक साइड पर लहरा कर फैंक दी. 

वीरेंदर: आईला, कॉंपिटेशन, तो यह लो. वीरेंदर ने शर्ट के बटन खोलकर उसे भी उतार दिया. इस वक्त वीरेंदर टॉपलेस खड़ा था. उसकी बालो से भरी मर्दाना छाती देख कर आशना की साँसें तेज़ हो गई और यकायक ही शरम से उसकी आँखें झुक गई. खाना खा लेने से नशे में थोड़ी कमी आई थी मगर दोनो अभी भी नशे में थे. 

आशना सरक कर वीरेंदर के लिए जगह बना कर बैठ गई. वीरेंदर भी उसके पास जाकर बैठ गया. आशना ने बैठे बैठे ही अपनी टाँगे सीधी की और वीरेंदर को अपनी गोद में सर रखने का इशारा किया. वीरेंदर खुशी से झूमता हुआ उसकी गोद मे सर रख कर लेट गया. दोनो की नज़रें मिली और एक टक एक दूसरे को देखने लगे. 

आशना(शरमाते हुए): क्या देख रहे हो???

वीरेंदर: अपनी दुल्हन को देख रहा हूँ. 

आशना: ऐसा क्या है देखने लायक????

वीरेंदर: आसमान से उतरी हुई परी हो. ज़मीन पर मेरे लिए आई एक अप्सरा हो. तुम्हारे जिस्म का हर अंग शराब से नशीला है. तुम्हारी आँखें झील सी गहरी हैं. तुम्हारे होंठ जैसे गुलाब की पंखुड़ी. सुरहीदार गर्दन, यह दूध सी रंगत लिए गुलाबी जिस्म और और...... ..................

आशना: और?????

वीरेंदर: और तुम्हारे......................

आशना(धड़कते दिल से): हां मेरे?????

वीरेंदर: तुम्हारे यह उभार, जैसे रस से भरे आम. 

आशना: आअहह. 

वीरेंदर: और सबसे विचित्र तुम्हारी पतली कमर के नीचे तुम्हारे भारी नितंब. सब कुछ तो देखने लायक हैं. 

आशना(मायूसी से): बस देखने लायक है????

वीरेंदर: ज़िंदगी भर प्यार करने लायक है तुम्हारा सारा बदन. 

आशना: तो आओ ना करो ना मुझे प्यार. कब से तुम्हे प्यार देने और तुम्हारा प्यार पाने के लिए तरस रही हूँ मैं. 

वीरेंदर ने उसकी कमर में बाहें डाल कर आशना को बेड पर लिटा दिया और खुद उसके उपर आ गया. 

आशना: आ, आओ वीरेंदर लव मी, लव युवर आशना. 

वीरेंदर ने आगे बढ़कर आशना के होंठो पर अपने होंठ रख दिए. दोनो के होंठ मिलते ही उनकी जीभ एक दूसरे के मुँह मे चलने लगी. अफ़रोडियासिक के असर से दोनो के बदन मे खून का संचार तेज़ होने लगा था. वीरेंदर ने अपने हाथ उठाकर आशना के उभारों पर रखने चाहे तो आशना की आँखें एक दम से फैल गई और उसके गले से एक घुटि हुई चीख निकली. आशना ने अचानक से वीरेंदर को पीछे धकेल कर अपने हाथ अपने वक्षो पर रख दिए.

वीरेंदर: अरे यार क्या हुआ???

आशना(शर्म से लाल होकर): यह क्या करने लगे थे तुम???

वीरेंदर: तुम्हारे बाल आ रहे थे चेहरे पर उन्हे पीछे करने लगा था. 

आशना: सब समझती हूँ मैं. 

वीरेंदर: लेकिन फिर भी मेरी हालत नहीं समझती. 

आशना: वो भी समझती हूँ और यकीन मानो तुम्हारे ही लिए जी रही हूँ अब. 

वीरेंदर: यार तुम तो एकदम फिल्मी डाइलॉग बोल रही हो. 

आशना: अच्छा चलो बैठ जाओ अब बताओ, "तुम क्या कन्फेस करने वाले थे. 

शराब का नशा तो धीरे धीरे कम होने लगा था मगर उनके लहू मे दौड़ता हुआ कामोत्तेजित करने वाला पदार्थ अब अपना असर दिखाना शुरू कर गया था. आशना का चेहरा तप कर लाल हो गया था और वहीं वीरेंदर के लिंग में भी तनाव अपने ज़ोरों पर पहुँच गया था. आशना की योनि ने भी रिसना शुरू कर दिया था. दो जवान बदन एक ही कमरे में एक ही बिस्तर पर अपने आप को कंट्रोल मे रखने की बेइन्तिहा कोशिश कर रहे थे.

वीरेंदर बेड से उतर कर सोफे पर बैठ गया. 

आशना: क्या हुआ????

वीरेंदर: जो मैं तुम्हे बताने जा रहा हूँ उसे सुनकर शायद तुम मुझे माफ़ ना कर सको लेकिन यह बोझ दिल मैं रखकर में तुमसे शादी करके तुम्हे दुख नहीं देना चाहता. मैं तुम्हे बेहद प्यार करता हूँ और किसी भी कीमत पर तुम्हे खोना नहीं चाहता. मैं चाहता तो तुमसे सच छिपाकर रख सकता हूँ मगर मैं अपने रिश्ते की बुनियाद तुम्हे धोखे में रखकर नहीं बनाना चाहता.

आशना: वीरेंदर बात क्या है?????

वीरेंदर ने आशना को बीना से लेकर रागिनी तक की सारी बात बता दी. आशना के चेहरे पर दुख और दर्द के भाव आते चले गये.
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