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RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
अपडेट : 6
सुबेह हरदयाल की नींद खूली , साना अभी भी सो रही थी..रात में जाने कब उसके बदन से चादर हट के बीस्तर पर पड़ी थी और उसका नंगा बदन फिर से उसके सामने अपनी पूरी जवानी , और जवानी की खूबसूरत और मदमाती निशानियों की शानदार नुमाइश के साथ उसकी आँखों के सामने थी ...
वो एक टक उसकी बदन की खूबसूरती अपनी आँखों से पीता जा रहा था ... सुडौल , गोल गोल और कसी हुई चूचियाँ साना की धड़कानों के साथ साथ धक धक उपर नीचे हो रही थी..टाँगें हल्की सी फैली और चूत की फाँकें उसके वीर्य और साना की चूत रस से गीली ...चमकती हुई , मानो ओस की बूँदें किसी पेड़ के पत्ते पर चमक रहीं हों ... बाल बीखरे ...खूबसूरत आँखों की पलकें मूंदी ... बड़ी बड़ी आँखों को ऐसे ढँकी थी ..मानो बस कभी भी खूल जायें और अंदर से कोई अनमोल रतन निकल पड़े ...हरदयाल एक टक उसे देखे जा रहा था .....निहारे जा रहा था ....
उसे साना के लिए अपने दिल में बे-इंतहा प्यार , दुलार , कसक और चाहत का अहसास होता है....उसे ऐसा लगा वो अपनी बेटी से कभी जुदा नही हो सकता ..उसकी जुदाई बर्दाश्त नही कर सकता ...उफफफफ्फ़..यह कैसा अहसास था....जब कि उस ने उसकी शादी करने की सोच रहा था ......क्या वो किसी और के साथ अपनी बेटी का जिस्मानी और रूहानी रिश्ता बर्दाश्त कर सकेगा..? उसके दिल की धड़कनो से सॉफ ज़हीर था ..यह बात उसके लिए बहोत मुश्किल थी ..नामुमकिन था ....पर वो क्या करे ..उफफफ्फ़....पर एक बाप अपनी बेटी के साथ कब तक ऐसा रिश्ता रख सकता है..कब तक..? कभी ना कभी तो इसे ख़त्म करना ही पड़ेगा ....
पर साना से रिश्ता ख़त्म होने की सोच से ही उसके दिल में एक हूक सी होती है ...उसे ऐसा महसूस होता है उसके दिल की धड़कन बंद हो जाएगी...वो मर जाएगा ...साना उस के दिल की धड़कन बन चूकि थी ..उसकी ज़िंदगी .उसकी जान ........
वो अपने आप को रोक नही सका ..सोती हुई साना के उपर लेट जाता है , उसे अपने से भींच लेता है..उसे अपने सीने से जोरों से लगा लेता है ..फफक के रो पड़ता है और कहता जाता है..." साना ..साना ..मेरी साना ......मेरी जान ..मेरी रानी ..मैं तुम से जुदा नही हो सकता ...मैं तुम से अलग नही रह सकता .....साना ..साना ......साना ..तुम ने सुना ना ..मैं तुम से अलग नही हो सकता ..."
हरदयाल की हरकत से साना उठ जाती है..उसकी नींद खूल जाती है ...अपने पापा के बे-इंतहा प्यार से सराबोर पर बहोत ही मायूस और निराशा से भरे लहज़े में उनके शब्द उसके कानों में पड़ते हैं .....वो चौंक पड़ती है ..अपने पापा की आँसू से भरी आँखों पर अपनी पतली , लंबी और खूबसूरत उंगलियाँ रख उनके आँसू पोंछती है ..उनका चेहरा अपनी तरफ करती है ..अपने पापा के होंठ चूमती है और कहती है ..
" पापा ..पापा ..क्या हो गया आप को..मैं कब आप से अलग होने लगी ?....मैं तो बूरे से बूरे सपने में भी ऐसा नही सोच सकती ,,कभी नहीं .....कभी नही ..जब से मैने होश संभाला है ....आप से प्यार करती हूँ ..हमेशा से ...आप ही तो मुझ से दूर दूर रहते हो पापा ....क्यूँ..? आप ऐसा क्यूँ सोचते हो .मैं कभी आप से अलग नही रहूंगी ..भले आप मुझे अलग कर दो ....." और फिर से अपने पापा को चूमने लगी ..
" हां ..हां साना , हम कभी अलग नही होंगे ...तू मेरी जान है .मेरे दिल की धड़कन है ..बेटी ...तुझे हमेशा अपने दिल से लगाए रखूँगा ..हां बेटी अपने दिल से ..अपने दिल के अंदर ...." और यह कहता हुआ उस से और भी चीपक जाता है ..लिपट जाते हैं दोनों एक दूसरे से जैसे दो लताये आपस में गूँथे और चीपके रहते हैं ...चूमते हैं एक दूसरे को ..एक दूसरे में समा जाने की होड़ मची है ...
तभी साना अपने पापा के बदन से स्लीपिंग सूट पर अपनी हथेली अंदर अंदर डालते हुए फाड़ डालती है और चीख़्ती है " पापा ..पापा ..यह दूरी क्यूँ ...यह परदा क्यूँ ....मैं बे परदा नंगी हूँ और आप यह सूट ...हटाइए ना इसे.....प्लीज़...." और फिर अपने पापा का पाजामा भी उसके अंदर हाथ डालते हुए नीचे खींचती है जोरों से ....इतने जोरों से खींचती है पाजामा भी छर्र्र्र्र्ररर छर्र्ररर करता हुआ फॅट जाता है और हरदयाल अपने पावं उठाता हुए उसे भी उतार फेंकता है ..
दो नंगे बदन ..दो शरीर अब एक होने को बेचैन हैं ...बेताब हैं ....तड़प रहे हैं ..एक दूसरे में समा जाने को ..
एक दूसरे को चूम रहे हैं , चाट रहे हैं , चूस रहे हैं ...कहाँ शूरू करें और क्या ख़तम करें किसी की समझ के बाहर है ...
साना की चूत से पानी रीस्ता जा रहा है...हरदयाल का लॉडा कड़क है ...फनफना रहा है...साना की चूत के उपर रगड़ खा रहा है ..साना मस्ती में चीत्कार रही है ,, सिसक रही है ....
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RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
साना अपने पापा का लॉडा अपनी हथेली से जाकड़ लेती है ..उसे सहलाती है , पूचकारती है , लंड की चमड़ी उपर नीचे करती है ..उसे बड़ा प्यारा है अपने पापा का लंड ..सब से प्यारा लंड , सब से अज़ीज़ ....अपनी चूत पर घीसती जाती है , टाँगें फैलाए ...हरदयाल उसकी चूचियों पर टूट पड़ता है..कभी चूस्ता है , कभी जीभ फिराता है..कभी चाट ता है ..कभी अपनी जीभ उसकी मुँह में डाल साना की पतली , गीली और लंबी जीभ जाकड़ लेता है ..उसे चूस्ता है ..उसका सारा मुँह के अंदर का रस और लार चूस्ता है..अपने गले से नीचे उतरता हुआ उसका मीठा मीठा और बेहतरीन स्वाद का मज़ा लेता है ... जवानी की रस का भरपूर मज़ा . भरपूर स्वाद अपने अंदर महसूस करता है ..
दोनों पागल हैं एक दूसरे से लिपटे एक दूसरे को हर तरेह महसूस करते जा रहे हैं .....
और फिर साना चीख उठ ती है " पापा ..अब और नही ..पापा बस बस ..और नही सहा जाता ..प्लीज़ अब अंदर आ जाओ....मेरे अंदर आ जाओ ..मुझ में समा जाओ ना ...पूरी तरेह समा जाओ ना ...मैं आप को अंदर ले लूँगी पापा ..कभी भी अलग नही होने दूँगी..आ जाओ ना मेरे अंदर ......पापा आ जाओ ना ...."
और अपनी हथेली से जकड़े लौडे को चूत से लगाती है ..अपनी चूतड़ उपर उठाती है ..और हरदयाल भी अपनी कमर नीचे करते हुए अपने लौडे को दबाता है....उसका लॉडा फच से अपनी बेटी की चूत चीरता हुआ अंदर दाखिल हो जाता है....
बाप- बेटी दोनों सीहर उठ ते हैं ..पापा उसकी चूत के गीलेपन , गर्मी और मुलायम पर कसी हुई पकड़ से सीहर उठ ता है और बेटी अपने बाप के कड़क , लंबे और मोटे लौडे के गर्म , ठोस (सॉलिड) और लंबाई लिए हुए लौडे का अपनी चूत के अंदर जड़ तक घूसे होने की महसूस से सीहर जाती है...
हरदयाल थोड़ी देर तक अपना लॉडा अंदर किए पड़ा रहता है..उसकी चूत का ..उसकी बेटी के बदन का , बेटी की जवानी का मज़ा महसूस करता हुआ ..अपने में सब कुछ समान लेने का महसूस करता है ....
"पापा ..अब मैं आप के करीब हूँ ना..? और कितना करीब करूँ अपने आप को ..पापा ..?? अब कभी अलग तो नही समझोगे ना आप मुझ को अपने से ...बोलो ना पापा ...कभी भी ऐसा मत सोचना ...मैं मर जाऊंगी आप से अलग हो कर ...मर जाऊंगी पापा ...."
" हां बेटी ..मैं जानता हूँ..समझता हूँ ...."
" फिर आप रुक क्यूँ हो पापा .....मुझे पूरी तरेह महसूस करो ना ..मुझे बार बार महसूस करो ना ....अंदर बाहर करो ना ..चोदो ना मुझे ...चोदो ना ..प्लीज़ पापा ....मुझे बार बार महसूस करो ...हर पल महसूस करो ..मुझे नोच डालो ..मुझे फाड़ डालो .....आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ........हाां ..हाआंन्नननननननननननननननननननननणणन् पापा ..बस ऐसे ही आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .....कितना अच्छाअ लग रहा है .....बस ज़ोर और ज़ोर ..पापा ..पापा ओह पापा आइ लव यू सो मच ...." साना मस्ती में बड़बड़ा रही है..
हरदयाल उसकी बातों से और भी जोश में धक्के पर धक्का लगाता जाता है..हर धक्का पहले से और तेज़ और ज़ोर पकड़ता जाता है
दोनों पागल हो उठ ते है..जांघों से जाँघ टकराती हैं , एक एक अंग एक दूसरे में समा रहा है..मुँह से मुँह .. सीने से सीना ..हाथ से भी एक दूसरे को जकड़े हैं दोनों ....मस्ती , सीहरन और थरथराहट की बुलंदियों पर हैं दोनों ..थप ..ठप ..फतच फतच की आवाज़ें गूँज रही हैं ..चीख और मस्ती भरी सिसकारियाँ लगातार दोनों निकालते जा रहे हैं ...
और अब पापा के धक्कों में बिजली की फूर्ती और पिस्टन का ज़ोर आ जाता है ....साना की चूत के होंठ अपने पापा के लौडे को जाकड़ लेती है ....उसका पूरा बदन ऐंठ जाता है और " उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.....आआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ...हाआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .." करते हुए उसका सारा बदन ढीला पड़ जाता है ...हाथ ,पैर ढीले पड़ जाते हैं ..पापा के नीचे हाँफती हुई पड़ी रहती है ..और पापा का लॉडा उसकी चूत रस की फुहार से बूरी तरेह नहा जाता है....इस गीलेपन के महसूस से , अपनी बेटी के चूत रस की गर्मी से हरदयाल का पूरा बदन कांप उठ ता है और वो भी अपनी बेटी की चूत के अंदर अपने अंदर जमा गर्म गर्म वीर्य का लावा उगलता जाता है....उगलता जाता है ..
अपनी बेटी को बूरी तरेह जकड़ता हुआ अपने लंड को बेटी की चूत के अंदर ही डाले रहता है और झटके पे झटका खाता है उसका लॉडा उसकी बेटी की चूत के अंदर .....कभी अलग ना होने का अहसास लिए..हमेशा साथ बने रहने का अहसास लिए ....
यह एक अजीब ही अहसास था दोनों के लिए ..सिर्फ़ जिस्मानी भूख मिटाने का जरीया नही था यह ..यह दोनों का हमेशा साथ बने रहने का एक दूसरे से वादा था ... एक दूसरे को बताने का ज़रिया था ....इस से अच्छा और कोई तरीक़ा हो सकता है भला ..????
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02-04-2019, 12:40 PM,
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RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
पापा की ओर मुस्कुराते हुए देखती है और कहती है " चलिए आज हम एक दूसरे को चूस चूस के , चाट चाट के अपने अंदर समा लेते हैं ....एक दूसरे को अपने अंदर महसूस करते हैं ..." और फिर अपने पूरे कपड़े उतार नंगी हो पापा के सामने खड़ी हो जाती है ...अपने नंगे बदन की नुमाइश करते हुए ..." कम ऑन पापा ....आप ने अभी तक कपड़े क्यूँ पहेन रखे हैं .... मुझे भी तो आप को चूसना है ना ....प्लीज़ हरी अप ....कपड़े उतारियो ना .."
हरदयाल आँखें फाडे बेटी की ओर देखता जा रहा है ..उसकी पूरी जवानी अपनी पूरी खूबसूरती और चाहता लिए उसके सामने खड़ी है ..उसकी बाहों में आने को तड़प रही है ..पापा के हवाले हो जाने को बेचैन ..उसे उसकी बातें कुछ समझ नही आती ..पर कपड़े फ़ौरन उतार देता है ..उसका लॉडा फंफनाता हुआ उछलता हुआ बाहर आ जाता है ..
साना फ़ौरन उसके लौडे को अपने हाथों में लेती है .उसे जाकड़ लेती है अपनी मुट्ठी से ..कितना कड़क , सख़्त और मोटा था यह प्यारा लॉडा .. पापा का लंड हाथ में लेते ही उसके पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ जाती है ...वो लंड को हाथ में लिए लिए ही पापा को खींचते हुए पलंग की ओर चल पड़ती है ...पापा को लीटा देती है ...अपनी चूतड़ पापा के मुँह की ओर करती है , टाँगें पापा के चेहरे के दोनों ओर कर अपनी चूतड़ उनके मुँह पर ले आती है ... और खुद पापा के लंड की तरेफ मुँह करते हुए उस हसीन लंड को अपने होंठों से जाकड़ लेती है ....आ कितना मस्त स्मेल था पापा के लौडे का ....उसकी चूत भी पापा के नाक से लगी है ..उसकी चूतड़ की फाँक पापा के आँखों के सामने है ..उसकी चूत की सुगंध से पापा पागल हो उठ ते है ..अपने दोनो हाथों की हथेलियों से हरदयाल उसकी चूतड़ फैलाता है ...अया कितनी मस्त थी साना के गान्ड की सूराख...
गान्ड की सूराख के सीध में नीचे उसकी गुलाबी चूत ..जिस से पानी रीस रहा था ...उधर साना लौडे को जकड़े अपनी हथेली से उसकी चॅम्डी उपर उपर नीचे करती जाती है और होंठों से चूस्ती है ..होंठ इतने जोरों से लगाती है , उसके गाल अंदर की ओर हो जाते हैं..पापा सीहर उठ ते हैं और फिर वो भी अपनी जीभ पूरी तरेह बाहर निकल उसकी चूत की फाँकें उंगलियों से अलग करते हुए चाटने लगते हैं ...पापा की जीभ अपनी चूत पर महसूस करते ही साना उछल जाती है ...और उसकी पापा के लंड की चुसाइ और भी तेज़ हो जाती है ....पापा भी उसकी चूत पर टूट पड़ते हैं ..जीभ हटा कर अब पापा उसकी चूत अपने होंठों से जाकड़ लेते हैं और चूस्ते हैं ..मानो साना का पूरा चूत रस ..साना को पूरे का पूरा ही चूस डालेंगे ..दोनों कांप रहें सीहर रहें हैं ..एक दूसरे की चुसाइ से ....
मुँह से आवाज़ नही निकलती ..सिर्फ़ ह्म्म्म...चटखारे और चूसने की चुभलाने की आवाज़ आ रही है ..बदन कांप रहें हैं ., सीहर रहें हैं ..थरथरा हैं दोनो के ...
पापा छूट का रस अंदर लिए जा रहे हैं और साना लंड के रीस्ते हुए पतली सी पानी की धार ....कभी पापा के सुपाडे की होल पर जीभ फिराती है ..कभी सुपाडे को पूरे का पूरा चाट जाती है ....वो परेशान हैं ...तड़प रही है ..किसी भी तरेह पापा को पूरे का पूरा अपने अंदर चूस लेने को..और पापा भी चूत को बूरी तरेह चाट रहे हैं , चूस रहें हैं जीभ चूत में अंदर तक डाल रहें हैं ..अपनी बेटी को पूरी तरेह अपने में महसूस कर रहें हैं ..बेटी को खा जाने की कोशिश में..
और फिर दोनों के बदन बूरी तरेह कांप उठ ते हैं ..साना की चूतड़ उछल पड़ती है ..इसकी जंघें थरथरा उठ ती हैं ..पापा की आँखों के सामने उसकी चूत की दोनों फाँकें फदक रही हैं ...कांप रही हैं ..कभी सेकूडती हैं उसकी फाँक , कभी फैलती हैं और फिर साना की चूत से गाढ़ा सा रस फुट पड़ता है ...साना कांप रही है ..उसकी चूत पापा के मुँह पर आ जाती है और पापा का मुँह उसके रस से भर जाता है ..पापा मस्त हो कर रस को अमृत समझ पीते जा रहे हैं ..चूस्ते हुए अंदर लेते हैं पूरे का पूरा और खुद भी झटके खाते अपने लंड से पीचकारी छोड़ देते हैं..
साना का मुँह भी पापा के वीर्य से भर जाता है ... पापा झाड़ते जा रहें हैं और साना वीर्य की धार अपने गले के नीचे गटकते जाती है ..उसके गाल ..उसके होंठ..पापा के वीर्य से लत्पथ हैं ....अपनी उंगलियों से उसे पोंछती है और चाट जाती है ...पापा का लंड मुरझाया है...मुरझाए लंड को चूस चूस साना पूरी तरेह साफ कर देती है..एक एक कतरा भी नहीं छोड़ती ....पूरा उसके अंदर है....
बाप-बेटी एक दूसरे को , अपने शरीर के पानी के रूप को अपने अपने अंदर पूरी तरेह समा लेते है ...यह एक अजीब ही अहसास था ...
साना पापा के उपर निढाल हो कर पड़ जाती है..और पापा उसके नीचे हाथ पावं ढीले किए पड़े रहते हैं ...
दोनों की एक दूसरे की भूख शांत है अब ..चेहरे पर शूकून और मुस्कुराहट है... मानो उन्हें पूरा संसार मिल गया हो ..पूरी दुनिया का सूख चूत और लंड के रास्ते उन्होने समेट लिया अपने अंदर ... क्या अहसास था ...
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02-04-2019, 12:40 PM,
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RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
अपडेट 10:
दोनों सूस्त से पड़े थे .. फिर साना ने आँखें खोलीं ..पापा का मुरझाया और चीपचीपा लंड अभी भी उसके होंठों से लगा था ...उस ने उसे चूम लिया और फिर से चाट कर पूरी तरह सॉफ कर दिया , उसकी इस हरकत से पापा की सूस्ती जाती रही , और फिर से उनमें भी फूर्ती आ गयी ,,उन्होने ने भी साना की चिपचिपी चूत चाट ली और सॉफ कर दी..
." ह्म्म ..पापा अभी और चाटना है या बस करें ..?" साना ने पापा से पूछा ..
" साना ..तेरी चूत की सुगंध और टेस्ट बड़ी मस्त है रे ...कभी चाटने से मन नही भरता ..पर अब देर हो रही है ..रात खाने के बाद मीठे खाने की जगेह तेरी चूत के मीठे और सोंधे सी रस का मज़ा लूँगा ..."हरदयाल ने अपनी जीभ साना की चूत से हटा ली ...
" जैसी आप की मर्ज़ी पापा..यह तो आप की है जब चाहे , जैसे चाहे चाट लीजिए ना ..मैं कब मना करती हूँ ...."
यह कहते हुए पापा के उपर से उठ कर उनके बगल लेट गयी , पापा के सीने पर हाथ फिराते हुए कहा .." पापा ...अब देर मत करो ..अपने प्लान पर काम शूरू कर दो ना ..."
"हां बेटी मैं भी इसी बात पर सोच रहा हूँ.. इस काम को किस तरेह अंज़ाम दिया जाए ..तुम भी कुछ सोचो ना ... " पापा ने बेटी के गाल सहलाते हुए कहा..
" अरे नही पापा इस काम में तो आप ही अपना दिमाग़ खपायें ..मैं कहाँ सोचने लगी ..मैं तो बस बेसब्री से इस इंतेज़ार में हूँ कि कब आपका बच्चा मेरे पेट में आए और मैं मा बन जाऊं ..ऊऊह पापा ..मैं तो इस कल्पना से ही सीहर उठ ती हूँ..."
" पर बेटी इस काम में तुझे बहोत अहतियात से काम लेना होगा ..किसी को कानो -कान खबर नही होनी चाहिए ...म्र्स. डी 'सूज़ा को भी नही ..बाद में भले ही बता दी जाए ..पर अभी जब तक मैं नही कहूँ किसी से भी इस बारे बात मत करना .. " पापा बड़ी सख्ती से साना से कहते है ..
" हां मैं समझती हूँ बाबा ...सब समझती हूँ .. आप इस बारे निश्चिंत रहें .. पर मुझे क्या करना है इस बारे तो आप बताएँगे ना ..मुझे पूरी तरेह मालूम होना चाहिए के मेरा क्या रोल रहेगा ..."
" हां साना ...यू आर वेरी राइट ..देख मेरा प्लान ध्यान से सून ... मैं अपनी कंपनी में जितने स्मार्ट और होनहार बॅच्लर्स हैं उनमें से किसी एक को अपना पी.ए. अपायंट करूँगा ...वो काम के सिलसिले में यहाँ घर भी आया करेगा मुझ से काम की बारे बात करने ....इसी दौरान वो तुझ से भी मिलेगा ...तुम से उसकी दोस्ती होगी और फिर तुम दोनों का प्यार का नाटक होगा जो तुम दोनों की शादी में ख़त्म होगा ..और फिर तुम दोनों का एक साल बाद तलाक़ ..इस से किसी को कोई शक़ नही होगा के यह कोई सोची समझी प्लान है ..क्यूंकी यह सब एक बहोत ही नॅचुरल तरीक़े से होगा ... " हरदयाल उसे समझाते हुए कहता है..
" ह्म्म्म्म.पापा यू आर सो ब्रिलियेंट ....मान गयी ..इतना बड़ा बिज़्नेस आप यूँ ही नही
चलाते..." और पापा के गाल चूम लेती है ..
" हा हा हा !! यह तो है बेटी..अच्छा तुम्हारा रोल यह रहेगा कि तुम उस से प्यार का सिर्फ़ नाटक करोगी ...प्यार नही ...ऐसा नही कि तुम एक जवान और स्मार्ट लड़के से हक़ीक़त में प्यार करने लागो...वरना सारा खेल चौपट ...." पापा ने हंसते हुए कहा ..
" ह्म्म्म्म..यह रिस्क तो बड़ा जबरदस्त है मेरे राजा पापा......पर क्या करें रिस्क तो लेना ही पड़ेगा ... "
" हां साना रिस्क तो लेना ही पड़ेगा ..मुझे अपने प्यार पर भरोसा है मेरी रानी बेटी ...अपने से भी ज़्यादा ... सब ठीक होगा ..बस तुम ठीक रहो ...और एक बात बेटी ...तुम्हें अब अपनी दोस्ती कुछ कम करनी होगी ...आइ होप यू अंडरस्टॅंड ...और शराब वग़ैरह तो बिल्कुल बंद ..वरना उसका बूरा असर हमारे बच्चे पर हो सकता है ..अभी से ही छोड़ना शूरू करोगी तभी उस समय तक पूरी तरेह छूट जाएगी...यह भी एक बड़ा रोल है तुम्हारे लिए .मेरी बिटिया रानी .."
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