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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
धन्नो, करिश्मा, और कृष्णा होटेल में
सुबह मैं और बिंदिया तैयार होकर कालेज के लिए निकल गये। मैं जैसे ही क्लास में जाकर बैठी कृष्णा मेरे पीछे आकर बैठ गया- “हेलो धन्नो, क्या हाल है?”
मैंने मुश्कुराकर कहा- ठीक हूँ।
कृष्णा को जैसे ग्रीन सिग्नल मिल गया हो, उसने अपना हाथ मेरे पीछे से चूतों पर रख दिया। मैं चौंक गई। उसने फिर भी हाथ नहीं हटाया और मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए पूछा- “आज मजा देखोगी?”
मैं कल से बहुत गर्म हो रही थी और कृष्णा का हाथ भी मुझे बहुत मजा दे रहा था। मैंने सोचा देखने में क्या हर्ज है? और अपना सिर हाँ में हिला दिया।
कृष्णा ने अपना हाथ मेरे चूतड़ों के बीच गाण्ड में डालते हुए कहा- “यह हुई ना बात... क्लास खतम होते ही पार्क में आ जाना..."
मैं उसका हाथ अपनी गाण्ड पर महसूस करके मजे से झटपटा उठी। क्लास खतम होते ही मेरे पैर खुद-ब-खुद पार्क की तरफ चलने लगे। मेरी चूत कृष्णा और उस लड़की की चुदाई देखने की याद करते ही गीली होने लगी। पार्क में कृष्णा और वो लड़की पहले से मौजूद थे।
कृष्णा ने मुझे देखकर कहा- “यहाँ किसी भी वक़्त, कोई भी आ सकता है। तुम हमारे साथ चलो मेरा यहाँ पास में ही एक होटेल में कमरा बुक है."
मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था क्योंकी मुझपर सेक्स चढ़ा हुआ था। मैं उनके साथ होटेल के कमरे में आ गई। अंदर आते ही कृष्णा ने दरवाजा अंदर से लाक किया और मुझे बाहों में भरते हुए अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और उन्हें चाटने लगा। मेरे सारे जिम में चींटियां रेंगने लगी। मैं बिल्कुल समझ नहीं पाई की यह क्या हो रहा है और यह किसी मर्द के साथ मेरा पहला किस था। मेरी चूत में सुरसुरी होने लगी और मैंने अपने हाथों से उसके सिर को पकड़ लिया और उसके होंठ चूसने लगी। मेरी चूचियां कृष्णा की मजबूत छाती से टकरा रही थीं। उसने अपना हाथ नीचे लेजाकर मेरी चूचियों को पकड़ लिया। मेरा सारा जिश्म काँपने लगा और मैं झड़ने लगी। थोड़ी देर बाद मुझे होश आया, तो मैंने कृष्णा को अपने आपसे दूर धकेला।
कृष्णा बोला- “क्या हुआ?”
धन्नो- “तुम बहुत गंदे हो। तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो?"
कृष्णा- “मैंने सोचा तुम्हें मजा आ रहा है इसीलिए कर रहा था। अगर तुम्हें ऐतराज है तो मैं कुछ नहीं करूंगा...” और उसने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और खुद करिश्मा के पास गया और उसकी कमीज उतार दी।
उसने आज एक सफेद ब्रा पहन रखी थी। कृष्णा ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चाटने लगा। करिश्मा ने भी उसका साथ देते हुए अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी। कृष्णा उसे बड़े मजे से चाटते हुए अपने हाथ से उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर नीचे गिरा दिया।
करिश्मा अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। कृष्णा ने अपने होंठों से उस लड़की का कंधा चूमते हुए उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसकी नंगी चूचियों पर टूट पड़ा। वो उसकी एक चूची को अपने मुँह में लेता और उसके निपल को चूसते हुए काट देता। करिश्मा के मुँह से मजे की सिसकी निकल जाती। उस लड़की ने कृष्णा की शर्ट और पैंट उतार दी और उसे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया। वो लड़की कृष्णा के ऊपर चढ़ गई और कृष्णा के जिश्म को चाटते हुए नीचे होते हुए अंडरवेर के ऊपर से ही अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड पर फिराने लगी। कृष्णा मजे से छटपटाने लगा।
मेरी हालत भी खराब होने लगी और मैं अपने हाथ से चूत को सहलाने लगी।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
करिश्मा ने कृष्णा का अंडरवेर उतारा और उसका लण्ड अपनी मुट्ठी में लेकर आगे-पीछे करने लगी। इतना करीब से लण्ड देखकर मेरी साँसें भी ऊपर-नीचे होने लगी। वो लड़की कृष्णा के लण्ड का सुपाड़ा खोलकर अपनी जीभ से किसी लालीपाप की तरह चाट रही थी। अचानक वो लड़की उठी और मुझसे कहा- “इतनी दूर क्यों बैठी हो... चलो नजदीक से देखो..” और मुझे खींचते हुए बेड पर बिठा दिया।
अब करिश्मा ने अपना मुँह खोला और कृष्णा का लण्ड अपने मुँह में भरकर चाटने लगी, और उसके अंडों से खेलने लगी। वो लड़की लण्ड चूसने में माहिर थी क्योंकी वो कृष्णा का पूरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी। कुछ देर चूसने के बाद उसने कृष्णा का लण्ड अपने मुँह से निकाला, तो उसका लण्ड चमक रहा था।
मेरे मुँह में पानी आने लगा, मेरा दिल कर रहा था की उस लड़की को दूर करके खुद कृष्णा के लण्ड का स्वाद चखें, मगर डर भी लग रहा था इसीलिए कुछ नहीं कर पा रही थी।
अचानक करिश्मा ने मेरा हाथ पकड़कर कृष्णा के लण्ड पर रख दिया। मेरा सारा शरीर काँपने लगा। मैंने अपना हाथ उसके लण्ड पर से उठा लिया।
करिश्मा ने कहा- “की तुम डरती बहुत हो? हाथ लगाने से और चाटने से कुछ नहीं होता। तुम यहाँ मजे लेने आई हो तो डरती क्यों हो? इसे अपने हाथ में लेकर देखो बहुत मजा आएगा..” कहकर करिश्मा ने फिर से मेरा हाथ कृष्णा के लण्ड पर रख दिया।
इस बार मैंने हाथ नहीं हटाया। कृष्णा का लण्ड बहुत गर्म और सख्त था।
करिश्मा ने कहा- “इसे आगे-पीछे करो, मजा आएगा..."
मैं अपना हाथ उसके लण्ड पर आगे-पीछे करने लगी, मेरा सारा शरीर उत्तेजना के मारे काँप रहा था और मेरी साँसें बहुत तेज चल रही थी। कृष्णा के लण्ड से एक बूंद वीर्य की निकल रही थी। मुझे जाने क्या हो गया, मैंने अपनी जीभ निकालकर उसे चाट लिया। कृष्णा के मुँह से सिसकी निकल गई। उसके लण्ड से अजीब खुश्बू आ रही थी, मुझे कुछ अजीब स्वाद लगा मगर मैं अपने काबू में नहीं थी। मैं अपनी जीभ से उसके लण्ड को ऊपर से नीचे चाटने लगी। मेरी चूत उत्तेजना के मारे पानी की नदियां बहा रही थी। मैंने अपना मुँह खोला और कृष्णा के लण्ड को मुँह में भर लिया और चाटने लगी।
कृष्णा के मुँह से ‘ओह' निकल गई। उसने कहा- “अपने मुँह को पूरा खोलो, तुम्हारे दाँत लग रहे हैं। अपने होंठों और जीभ से चाटो...”
मैंने अपना पूरा मुँह खोला, कुछ देर चाटने के बाद मेरा मुँह दुखने लगा। मैंने उसका लण्ड बाहर निकाल लिया। कृष्णा ने उठकर मुझे सीधा लेटा दिया और मेरी कमीज के ऊपर से चूचियों को अपने हाथों से सहलाने लगा। उसके सख़्त हाथ पाते ही मेरे मुँह से एक सिसकी निकल गई। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। उसने मेरे गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें चूसते हुए अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। मैं बहुत गर्म थी। मैं उसकी जीभ को पकड़कर चाटने लगी। वो अब मेरे नीचे वाले होंठ को चूसने लगा और हल्का काट भी रहा था।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे ‘अह्ह.. ओहह... निकल रही थी। वो अब मेरी कमीज उतारने लगा। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मेरा सारा जिम सेक्स की आग में जल रहा था। मैंने उसका साथ देते हुए अपनी कमीज उतारने में उसकी मदद की। कमीज उतरते ही ब्रा में कैद मेरी गोरी गोल और सख़्त चूचियों को देखकर कृष्णा की आँखों में चमक आ गई। वो अपना हाथ बढ़ाकर मेरी ब्रा उतारने लगा। ब्रा उतरते ही मेरी नंगी चूचियां कृष्णा के सामने थी।
मैंने आज तक किसी मर्द को अपना बदन नहीं दिखाया था। कृष्णा को मुझे ऐसा घूरते हुए देखकर मैं शर्मा गई
और अपने हाथों से अपनी चूचियां ढकने की नाकाम कोशिश करने लगी। कृष्णा ने आगे बढ़कर मेरे हाथों को। पकड़कर मेरी चूचियों से दूर किया और अपने होंठ मेरी चूचियों के ऊपर रख दिए। मेरे सारे जिश्म में सनसनाहट होने लगी।
कृष्णा ने अपने मुँह से मेरी चूचियों को ऊपर से चाटते हुए मेरी एक चूची के गुलाबी निपल को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा। मेरा मजे के मारे बुरा हाल था। मैंने कृष्णा के सिर को पकड़ लिया, कृष्णा मेरी चूची को बहुत जोर से चूस रहा था। मुझे उसके चूसने से बहुत मजा आ रहा था और ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चूची के अंदर से कोई कुछ खिंच रहा हो। वो चूची को चूसते हुए मेरी सलवार का नाड़ा खोला और अपने हाथ से पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाने लगा।
कृष्णा ने मेरी चूची को अपने मुँह से निकालते हुए कहा- “वाह... मजा आ गया। तुम्हारी चूचियां तो बहुत मीठी हैं..." और वो फिर से मेरी चूचियों को एक-एक करके चाटने लगा और अचानक उसने मेरी दूसरी चूची को मुँह में लेकर उसे काट दिया।
मेरे मुँह से हल्की चीख निकल गई- “ओह... दर्द होता है..” और वो अपना मुँह नीचे लेजाकर मेरे पेट पर आ । गया, और अपनी जीभ निकालकर मेरी नाभि को चाटने लगा। मुझे गुदगुदी और मजे का मिला-जुला अहसास हो। रहा था।
कृष्णा और नीचे जाने लगा और मेरी सलवार को उतारकर मेरी पैंटी के ऊपर मुँह रखकर सूंघा और कहा- “वाह धन्नो.. तुम्हारी चूत की खुश्बू तो बहुत बढ़िया है...”
कृष्णा पैंटी के ऊपर से ही अपने मुँह से मेरी चूत को चाट रहा था। मैं मजे से सिसक रही थी, कृष्णा ने मेरी पैंटी में हाथ डाला और उसे उतारने लगा। मेरी साँसें तेज होने लगी, मैंने अपने चूतड़ उठा दिए और उसे पैंटी उतारने में मदद की। पैंटी उतरते ही वो मेरी गुलाबी चूत को देखकर अपने होंठों पर जीभ फेरने लगा। उसने मेरी हल्के बलों वाली चूत पे अपना हाथ रखा और उसे ऊपर से नीचे तक सहलाने लगा।
मेरे मुँह से ‘आअहहह' निकल गई।
कृष्णा अपना मुँह नीचे लेजाकर मेरी चूत को सँघने लगा और अपनी जीभ निकालकर मेरी चूत के दाने पर फेरने लगा। मैं उत्तेजना के मारे अपने चूतड़ उछालने लगी। कृष्णा दाने को चूसते हुए नीचे जाने लगा और मेरी चूत के होंठों पे किस करते हुए उसे अपने मुँह में भर लिया।
मेरी साँसें रुक गई और मेरे मुँह से चीख निकल गई- “अह्ह... ओहह...” और उसके सिर को जोर से अपनी चूत पर दबा दिया और अपने चूतड़ उठा दिए।
मेरी पूरी चूत कृष्णा के मुँह में थी। उसने अपनी जीभ निकालकर मेरी चूत में डाल दी। मैं उसकी जीभ को बर्दाश्त नहीं कर सकी और “आहहह' करते हुए झड़ने लगी। कृष्णा ने मेरा सारा रस चाट लिया। मैं कुछ देर तक शांत पड़ी रही। कृष्णा ऊपर उठते हुए मेरी चूचियों को फिर से चाटने लगा और अपने हाथ नीचे लेजाकर अपनी उंगली मेरी चूत पे रगड़ने लगा। मैं फिर से गर्म होने लगी और मेरी चूत में बहुत सुरसुरी हो रही थी। कृष्णा ने चूत को सहलाते हुए उंगली मेरी चूत में घुसा दी।
मेरे मुँह से एक हल्की चीख निकल गई- “ओईई... ओहह..”
कृष्णा अपनी उंगली को अंदर-बाहर करने लगा। कुछ ही देर में मुझे इतना मजा आने लगा की मैं बता नहीं सकती। मैं अपने चूतड़ उछालकर उसकी उंगली अंदर ले रही थी। कृष्णा ने अपनी उंगली निकाली और फिर दो उंगलियां मेरी चूत में डाल दी।
मैं उछल पड़ी, मेरे मुँह से एक बड़ी चीख निकल गई- “कृष्णा बहुत दर्द हो रहा है, निकालो...”
मगर कृष्णा मेरी बात सुने बगैर अपनी उंगलियां अंदर-बाहर करने लगा। कुछ ही देर में मुझे मजा आना शुरू हो गया और मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे सिसकियां निकलने लगी। कृष्णा अपने होंठों से मुझे चूमने लगा। मैं भी अब गर्म हो चुकी थी, मैं भी उसका भरपूर साथ देने लगी और उसके होंठों को काटने लगी।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
कृष्णा समझ गया की अब मैं उसे मना नहीं करूंगी। वो अपनी उंगलियां मेरी चूत से निकालकर मुझे सीध लेटाया और मेरी टाँगों को उठाकर मेरी कमर तक मोड़ दिया और मेरे चूतड़ के नीचे एक तकिया रख दिया। मेरी चूत अब बिल्कुल कृष्णा के सामने थी। कृष्णा अपना लण्ड मेरी चूत पे रगड़ने लगा।
मेरे मुँह से- “आहहह... ओहह...” की सिसकियां निकलने लगी।
कृष्णा ने अपना लण्ड निशाने पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा। उसका लण्ड आधा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया।
मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे मेरी चूत में किसी ने चाकू घुसा दिया हो। मेरे मुँह से एक जोरदार चीख निकल गईऊईईई माँ.. मेरी चूत फट गई प्लीज... कृष्णा मुझे छोड़ दो बहुत दर्द हो रहा है."
करिश्मा यह सब कितनी देर से देख रही थी। वो मेरे करीब आई और मेरी चूचियों को सहलाने लगी और कहा“दीदी जो दर्द होना था हो गया। अब मजे का टाइम है, तुम हौसला रखो...”
कृष्णा अपने आधे लण्ड को थोड़ा बाहर निकालकर फिर से अंदर करने लगा। मेरा दर्द भी कम होने लगा था और मीठे मजे का अहसास होने लगा। मैं अपने चूतड़ उछालने लगी। कृष्णा समझ गया की मुझे मजा आने लगा है। वो अब जोर से अपना आधा लण्ड अंदर-बाहर कर रहा था। अचानक उसने धक्के लगाते हुए एक जोर का धक्का मार दिया और अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में जड़ तक घुसा दिया।
मेरे मुँह से एक जोर की चीख निकली- “ओईई माँss... मर गई बचाओ..." और मेरी आँखों के सामने अंधेरा हो गया। मुझे चूत में बहुत दर्द हो रहा था। मैं अपने आपको उससे छुड़ाने की कोशिश करने लगी मगर कृष्णा ने मुझे जोर से पकड़ रखा था।
करिश्मा ने मेरी चूची को अपने मुँह में ले लिया और उसे चाटने लगी।
“आहहह... शिट... आहहह... शिट...” मेरा दर्द कम होने लगा और मैंने अपने चूतड़ हिलाने शुरू कर दिये।
कृष्णा अब हल्के धक्के लगाने लगा। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी और अपनी टाँगें उसकी कमर में डाल दी। मुझे उसका लण्ड अपनी चूत की दीवारों में रगड़ता महसूस हो रहा था। कृष्णा अब अपना लण्ड पूरा बाहर निकालकर जड़ तक अंदर कर रहा था। उसकी गोटियां मेरी गाण्ड पर महसूस हो रही थी। मैं अब मजे से अह करते हुए सिसकने लगी। कृष्णा ने अब अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी थी। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी।
मुझे इतना मजा आ रहा था की बयान नहीं कर सकती। अचानक मेरी साँसे उखड़ने लगी और मैं- “आअह्ह्ह... ओह्ह..” करते हुए झड़ने लगी। मेरे अंदर से पानी के फवारे निकलने लगे। मैंने मजे से अपनी आँखें बंद कर ली। कुछ देर बाद मैंने अपनी आँखें खोली।
कृष्णा अब भी मुझे धक्के लगा रहा था। अचानक उसने अपने धक्कों की रफ़्तार बहुत तेज कर दी और बड़बड़ाते हुए कहा- “ओहह.. धन्नो तुम्हारी चूत बहुत टाइट है, मैं झड़ने वाला हूँ..”
मैं डर गई और मैंने कहा- “प्लीज.. अंदर मत झड़ना, बच्चा हो जायेगा...”
कृष्णा ने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाला और करिश्मा के मुँह में डालकर उसका मुँह चोदने लगा और कुछ देर में ही वो उसके मुँह में झड़ने लगा। करिश्मा उसका सारा वीर्य गटकने लगी, उसके वीर्य की कुछ बूंदें करिश्मा के मुँह से निकलकर बेड पर गिरने लगी। कृष्णा ने कुछ देर बाद अपना लण्ड उस लड़की के मुँह से निकाला। उस लड़की ने कृष्णा के लण्ड को अपनी जीभ निकालकर साफ कर दिया।
मैं उठकर बाथरूम जाने लगी। मैंने देखा की बेड पर कुछ खून के धब्बे थे, मैं घबरा गई।
करिश्मा ने मुझसे कहा- “ऐसे क्या देख रही है? हर लड़की को पहली चुदाई से थोड़ा खून निकलता है अब तुम कुँवारी नहीं रही..”
मुझे चलने में परेशानी हो रही थी। मेरी चूत में बहुत जलन और दर्द हो रहा था। मैंने बाथरूम में जाकर पहले पेशाब किया फिर अपनी चूत को पानी से साफ किया, मुझे कुछ सुकून मिला। मैं बाहर निकली और कहा- “चलो कालेज चलते हैं बहुत देर हो गई है...”
कृष्णा ने कहा- “मैं तुम्हें एक गोली लाकर देता हूँ तुम्हारा दर्द खतम हो जायगा। फिर मैं तुमको कालेज छोड़ देता हूँ...” थोड़ी देर बाद वो एक पेन किल्लर और जूस लेकर आया।
मैंने वो गोली खा ली और जूस पीने लगी। मेरी चूत से दर्द अब गायब हो गया था। हम कालेज पहुँच गये और क्लास में जाकर बैठ गए। क्लास खतम होते ही हमारी छुट्टी हो गई।
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