Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
08-12-2019, 01:19 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
शाज़िया के कपड़े पहनने तक ज़ाहिद ने भी फॉरन उठ कर अपनी शलवार और बनियान पहनी और फिर आहिस्ता से अपने कमरे का दरवाज़ा खोल दिया.

“लो बच्चो चाय ले लो” दरवाज़ा खुलते ही रज़ाई बीबी धड़कते दिल के साथ मुस्कराते हुए चाय की ट्रे ले कर कमरे में दाखिल हुई.

कमरे में दाखिल होते ही,कमरे की फ़िज़ा में भिखरी हुई चुदाई की माक्सोस सी बू (स्मेल) रज़िया बीबी के नथुनो (नाक) से टकराई.

ये वो बू थी. जो जिन्सी ताल्लुक़ात के बाद इंसानी जिस्मो से निकलने वाले पसीने की वजह से पैदा होती है.

अपने शोहर के ज़िंदा होते हुए तो रज़िया बीबी इस बू की आदि थी. मगर अपनी बेवगी के बाद से अब तक उस ने कभी इस किस्म की बू नही सूँघी थी.

इसीलिए आज इतने अरसे बाद जब उस ने अपने ही बच्चो के कमरे में आ कर ये बू महसूस की.

तो इस रज़िया बीबी को यूँ लगा जैसे उस के बच्चो के मिलन से पेदा होने वाली इस जिन्सी महक का उस असर उस पर भी होने लगा है.

क्यों कि अपने बच्चो के कमरे में पैर रखाते ही रज़िया बीबी के जिस्म में रात को सुलगने वाली उस की जिस्म की आग फिर से अपना सर उठा ने लगी.

जिस की वजह से रज़िया बीबी को अपनी फुद्दि में हल्का सा गीला पन फिर से महसूस होने लगा था.

कमरे में दाखिल होते ही रज़िया बीबी ने एक भरपूर नज़र कमरे के अंदर वाले माहौल पर दौड़ाई.



तो रज़िया बीबी को कमरे के फर्श पर बिखरे हुए अपने सगे बेटे की शेरवानी,अपनी सग़ी बेटी का लहनगा,ब्रेज़ियर और पैंटी. और उस के साथ साथ बिस्तर पर पड़ी चादर की खराब हालत देख कर ब खूबी अंदाज़ा हो गया. कि उस के दोनो बच्चो की सुहाग की इस सेज पर कल रात क्या खेल खेला जा चुका है.

“अम्मी आप ने क्यों तकलीफ़ की, शाज़िया थोड़ी देर में खुद उठ कर चाय बना लेती” ज़ाहिद ने जब अपनी अम्मी को खड़े खड़े यूँ कमरे का जायज़ा लेते देखा. तो उसे ना जाने क्यों अपनी अम्मी से शरम महसूस होने लगी. और उस ने अपनी अम्मी को बातों में उलझा कर उन का ध्यान किसी दूसरी तरफ लगाने की कोशिश करते हुए कहा.

“नही बेटा इस में तकलीफ़ की कौन सी बात है,वैसे भी शाज़िया तो अभी नई नवेली दुल्हन है,इस को अभी से काम काज पर लगा दूं ,ये कैसे हो सकता है भला” रज़िया बीबी ने चाय की ट्रे कमरे के टेबल पर रखते हुए जवाब दिया.और फिर साथ ही साथ रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की अलमारी के पास चुप चाप खड़ी अपनी जवान बेटी पर अपनी नज़रें जमा दीं.

रज़िया बीबी ने बिना किसी झिझक के ये बात अपनी बेटे से कह दी. इस बात पर पर रज़िया बीबी को खुद भी हैरानी महसूस हुई. क्यों कि आम हालत में तो वो कभी भी अपने बच्चो से इस किस्म की बात ना कह पाती.

मगर लगता था कि अपनी चूत के हल्के हल्के गीले पन ने रज़िया बीबी की सारी समझ बूझ को ख़तम कर दिया था.

शाज़िया का दुपट्टा उस के गले से गिर जाने की वजह से उस की कमीज़ के खुले गले में से, रात भर काटे गये ज़ाहिद के दाँतों के निशान शाज़िया की जवान और भारी छातियों पर वज़िया नज़र आ रहे थे.



इसीलिए अपनी बेटी की जवान और रस भरी छातियों पर अपने ही बेटे के काटने के सुर्ख निशान देख कर रज़िया बीबी ये बात ब खूबी जान चुकी थी. कि उस की सग़ी बेटी की नथ, उस का अपना सगा बेटा ना सिर्फ़ गुज़शता रात उतार चुका है.

बल्कि ज़ाहिद अपनी अम्मी के कहने के मुताबिक रात भर अपनी बहन के गरम और प्यासे जिस्म की प्यास बुझा कर अपने होने आज वाले वैलमा को सही मायनो में जायज़ भी कर चुका है.

(वैसे तो किसी कंवारी चूत की सील पहली दफ़ा टूटने को नथ उतराई कहा जाता है. शाज़िया की असल नथ तो उस के असली सबका शोहर के लंड से ही उतरी थी. मगर ज़ाहिद ने भी चूँकि पहली ही दफ़ा अपनी बहन की फुद्दि का मज़ा लिया था. इसीलिए रज़िया बीबी के ख्याल में ये भी नथ उतराई ही थी.)

अपनी बेटी के सेरपे (जिस्म) और चेहरे का ब गौर जायज़ा लेते हुए रज़िया बीबी की आँखों ने अपनी बेटी के तन बदन और चेहरे में आज एक बिल्कुल नई तब्दीली नोट की.

वो तब्दीली ये थी कि आज दो साल बाद रज़िया बीबी को अपनी बेटी शाज़िया के चेहरे पर खुशी की चमक और इतमीनान के आसार नज़र आए.

जब कि अपने तलाक़ के बाद मुरझा सी जाने वाली अपनी बेटी शाज़िया के अंग अंग से उठती हुई जवानी की झलक और महक रज़िया बीबी के लिए एक नया और ख़ुशगवार तजुर्बा था.
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08-12-2019, 01:19 PM,
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एक माँ के साथ साथ एक औरत होने के नाते रज़िया बीबी ये बात अच्छी तरह जानती थी. कि किसी औरत के चेहरे पर इस किस्म की चमक और उस के जिस्म में इतनी मस्ती सिर्फ़ उस वक्त ही आती है जब वो जिन्सी तौर पर पूरी तरह असोदा हो चुकी हो.

अपनी बच्चो के बिस्तर और अपनी बेटी के जिस्म की हालत देख कर रज़िया बीबी के दिल में ना सिर्फ़ खुशी की एक लहर दौड़ गई. बल्कि उस के अपने जिस्म की गर्मी भी बढ़ने लगी थी.

उधर दूसरी तरफ ज्यों ही शाज़िया ने अपनी अम्मी को उसे इतने गौर से देखते हुए महसूस किया. तो उसे अब अपनी अम्मी से शरम महसूस हुई. और वो एक दम अपना मुँह मोड़ कर बाथरूम की तरफ जाने लगी.

रज़िया बीबी ने जब शाज़िया को बाथरूम की तरफ जाते देखा. तो वो समझ गई कि उस की बेटी शाज़िया को अब अपनी अम्मी के सामने खड़े होने में शरम महसूस हो रही है.

इसीलिए रज़िया बीबी फॉरन अपनी बेटी के पीछे लपकी और शाज़िया को पीछे से पकड़ कर अपनी बेटी के सर पर प्यार से एक बोसा (किस) दे दिया.



अपनी अम्मी के कमरे में आने से पहले तक शाज़िया तो ये सोच रही थी. कि उन की अम्मी रज़िया बीबी ने अभी तक अपने बच्चो ज़ाहिद और शाज़िया की शादी का जो फ़ैसला किया था. वो उन्होने सिर्फ़ और सिर्फ़ मजबूरी की हालत में किया था.

इसीलिए शाज़िया को पक्का यकीन था. कि ज्यों ही उस का सामना उस की अम्मी से हो गा. तो उन की अम्मी रज़िया बीबी नफ़रत के मारे अपने बच्चो से बात तक नही करे गीं.


मगर अब अपनी इस सोच के बिपरीत अपनी अम्मी का ये प्यार भरा रवईया देख कर शाज़िया हेरान रह गई.

क्यों कि शाज़िया को अपनी अम्मी से इस किसम के रवैये की हरगिज़ तवक्को नही थी.

इसीलिए अब अपनी अम्मी का प्यार का ये अंदाज़ देख कर शाज़िया का अंग अंग मुस्कराने लगा था.

“अम्मी आप हम दोनो बहन भाई से खुश तो हैं ना” शाज़िया ने धड़कते दिल के साथ मूड कर अपनी अम्मी का सामना करते हुए सवाल पूछा.

“शाज़िया सच पूछो तो मेने तुम दोनो बहन भाई की शादी और अपना अपना घर बसाने के बहुत से ख्वाब देखे थे, लेकिन जब तुम दोनो ने मेरे सब सपनो के बदकास, एक अलग ही किसम का फ़ैसला कर लिया है, तो अब तुम दोनो की खुशी में ही मेरी खुशी है बच्चो”.ये कहते हुए रज़िया बीबी की आँखो में आँसू आ गये.

अपनी अम्मी को यूँ रोता देख कर शाज़िया और ज़ाहिद भी जज़्बाती हो गये.

दोनो बहन भाई एक साथ अपनी अम्मी के कदमों में गिर पड़े तो ज़ाहिद बोला “अम्मी आप हमें माफ़ कर दो हम जानते हैं कि हम ने ये गुनाह भरा काम कर के आप का दिल दुखाया है”

“ मैं तुम से पहले नाराज़ थी मगर अब नही, इसीलिए मेरे पावं मत पडो बच्चो ,वैसे तुम दोनो भाईबहन ने ये बात आज साबित कर दी है. कि अपने जवानी के जज़्बात के हाथो मजबूर हो कर, एक ही कोख से जनम लेने वाले दो सगे बहन भाई भी,आपस में मियाँ और बीवी का रिश्ता कायम कर सकते हैं” रज़िया बीबी ने मुस्कुराते हुए अपने दोनो बच्चो को अपने कदमों से उठा कर एक साथ अपने गले लगाते हुए कहा.

“हाईईईईईईईई अम्मी कितनी अच्छी है आप” ये कहते हुए दोनो बहन भाई अपनी अम्मी से लिपट गये.

“मेरी तुम दोनो के लिए अब ये ही दुआ है कि दुधो नहाओ और पूतो फलो” रज़िया बीबी ने अपने दोनो बच्चो के सरों पर हाथ फेरते हुए कहा.

अपनी अम्मी के मुँह से ये इलफ़ाज़ सुन कर ज़ाहिद मुस्कुराने लगा. जब कि शाज़िया का मुँह शरम से लाल हो गया.

“शाज़िया अब क्यों शर्मा रही हो मेरी बच्ची,अब तो ज़ाहिद तुम्हारा भाई भी है और शोहर भी” रज़िया बीबी ने जब अपनी बेटी को शरम से लाल पीला होते देखा. तो वो मुस्कराते हुए उसे कहने लगी.

अपनी अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद का लंड उस की शलवार में से फिर हिलने लगा. और उस ने अपनी बाहें अम्मी के गले में डालते हुए प्यार से कहा “अम्मी जब आप ने हम दोनो बहन भाई को मियाँ बीवी के इस नये रिश्ते में कबूल कर ही लिए है, तो अब आप बताएँ कि आप अब मेरी अम्मी बनेगीं या फिर सास?.”

ज़ाहिद ने ज्यों ही अपनी आमी के गले में बाहें डाल कर उसे अपने जिस्म के करीब किया.

तो रज़िया बीबी के भारी मम्मे अपने बेटे की सख़्त और जवान छाती के साथ लग कर प्रेस हो गये..
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08-12-2019, 01:19 PM,
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आज रज़िया बीबी को अपने बेटे ज़ाहिद के जिस्म से अपने जिस्म को टच करने में शरम महसूस होने लगी.

वैसे तो बचपन से ले कर जवानी तक ज़ाहिद ने ना जाने कितनी दफ़ा अपनी अम्मी के जिस्म को अपनी बाहों में भरा था. और इस दौरान अंजाने में कितनी ही बार रज़िया बीबी के मम्मे अपने बेटे के बाज़ू या छाती से छुए होंगे .

मगर आज से पहले रज़िया बीबी की ये काफियत नही हुई थी. जो वो इस वक्त महसूस करने लगी थी.

आज अपने मम्मे अपने बेटे की छाती से छूते ही रज़िया बीबी के जिस्म में एक “करंट” सा दौड़ गया. और उस के जिस्म में हल्की हल्की कंप कंपी सी महसूस होने लगी.

लेकिन रज़िया बीबी ने इस बात का अहसास शाज़िया या ज़ाहिद को नही होने दिया. और उस ने ब मुश्किल अपने आप पर काबू पाते हुए अपने आप को संभाल लिया.

ज़ाहिद के मुँह से ये बात सुन कर उस की अम्मी रज़िया बीबी के होंठो पर मुस्कराहट फैल गई और रज़िया बीबी ने जवाब दिया “ मेरे बच्चो मेरा तो अब तुम दोनो से दोहरा रिश्ता बन गया है,क्यों कि जब तुम मुझे अम्मी कहो गे, तो तब शाज़िया मेरी बहू बन जाएगी, फिर उस वक्त में शाज़िया की सास कहलाउन्गी, और जब शाज़िया मुझे अम्मी कह कर बुलाएगी, तो उस वक्त तुम मेरे दामाद हो गे, तो उस वक्त में तुम्हारी सास का रूप धारण लूँगी”.

रज़िया बीबी के इस जवाब पर रज़िया बीबी,ज़ाहिद और शाज़िया तीनो एक दूसरे से गले मिल कर खिल खिला कर हँसने लगे.

“अच्छा अब तुम लोग चाय पी कर तैयार हो जाओ,क्यों कि अभी कुछ देर बाद वालिमे के मेहमान आना शुरू हो जाएँगे” ये कह कर रज़िया बीबी अपने बच्चो के कमरे से बाहर निकल गई.

अम्मी के जाते ही ज़ाहिद ने फिर अपनी बहन शाज़िया को अपनी बाहों में भर लिया.

“बस भी करो भाई पूरी रात मुझे प्यार कर कर के दिल नही भरा तुम्हारा” शाज़िया ने अपने आप को अपने भाई की गिरफ़्त से छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा.

“हाईईईईईई तुम्हारे जिस्म में इतना स्वाद है कि एक रात क्या,मेरा तो अब पूरी ज़िंदगी दिल नही भर सकता तुम से मेरी जान”. ज़ाहिद ने प्यार से अपनी बहन के गाल पर काटते हुए कहा.


शाज़िया अपने भाई के मुँह से अपनी इतना ज़्यादा तारीफ सुन कर शर्मा गई.

ज़ाहिद सोच ही रहा था कि वो नहाने से पहले एक बार फिर और अपनी बहन की चूत का मज़ा ले ले.मगर इस से पहले कि वो कुछ कर पाता. नीलोफर कमरे का दरवाज़ा खुला देख कर अंदर आ गई.

ज्यों ही नीलोफर ने दोनो बहन भाई को एक दूसरे की बाहों में मगन देखा. तो वो उन को अपनी मौजूदगी का अहसास दिलवाने के लिए खांसने लगी.

ज़ाहिद को जैसे ही नीलोफर की कमरे में आमद का पता चला. वो एक दम से अपनी बहन शाज़िया से यूँ अलग हो गया. जैसे उस की चोरी पकड़ी गई हो.

“वाह जी वाह इधर तो लगता है किसी रोमॅंटिक फिल्म की शूटिंग चल रही है” दोनो बहन भाई को एक दूसरे की बाहों में जकड़े देख कर नीलोफर मुस्कुराते हुए बोली.

“निलो यार दरवाजा तो खट खटा कर आया करो” शाज़िया ने नीलोफर के मज़ाक पर नकली गुस्से का इज़हार करते हुए कहा.

“अच्छा कुण्डी तुम लोग खुद ना लगाओ और नाराज़गी मुझ ग़रीब पर” नीलोफर ने भी थोड़े नकली गुस्से में अपनी सहेली की बात का जवाब दिया. तो नीलोफर की बात पर तीनो को हँसी आ गई.

“नीलोफर तुम शाज़िया से बातें करो में जल्दी से नहा लूँ” ये कहते हुए ज़ाहिद बाथरूम में घुस गया.

“क्यों कैसी रही तुम्हारी सुहाग रात मेरी बानो” ज़ाहिद के बाथ रूम में जाते ही नीलोफर ने शाज़िया के बिस्तर पर बैठते हुए बहुत शरररती लहजे में पूछा.

“ क्या बताऊ यार, भाई ने पूरी रात सोने नही दिया” शाज़िया ने नीलोफर के साथ ही बिस्तर पर बैठ कर अपनी सहेली को जवाब दिया.

“हाईईईईईई बनूऊओ जिसे तुम जैसी प्यारी और खूबसूरत जिस्म वाली दुल्हन मिल जाए ,तो उस कम्बख़्त को कैसे नींद आए गी भला” नीलोफर ने शाज़िया के मोटे और बड़े मम्मो को अपने हाथ में ले कर ज़ोर से दबाते हुए खा. और उस को अपनी बाहों में ले कर अपने साथ ही बिस्तर पर लिटा दिया.



“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ नाअ करो नाआअ” शाज़िया नीलोफर की इस हरकत से सिसक उठी.

“वैसे बताओ तो सही, कैसी उतारे थे उस ने तुम्हारी कपड़े तुम्हारे बदन से और कैसी तुम्हारे भाई ने तुम्हें पहली बार तुम्हारी फुद्दि में अपने बड़ा लंड डाला ”नीलोफर ने शाज़िया को दुबारा छेड़ते हुए कहा.

“तुम मुझ से पहले और ज़्यादा अच्छी तरह से जानती हो कि ज़ाहिद भाई औरत के कपड़े कैसे उतारते हैं और फुद्दि में लंड कैसा डालते है निलो” शाज़िया ने अपनी सहेली के मज़ाक का तर्की बा कर्की जवाब दिया.

“हाईईईईईईईई तुम्हारे भैया तो अब तुम्हारे सैंया में बदल चुके है मेरी जान” नीलोफर ने अपनी सहेली के गाल पर चुटकी काटते हुए कहा.

“और मेरे भैया को सैया बनाने और मेरी रूखी ज़िंदगी में फिर से बहार लाने में जो मदद तुम ने की है, उस के लिए में तुम्हारी बहुत ही अहसानमंद और मश्कूर हूँ नीलोफर”. शाज़िया ने प्यार और जज़्बात से अपनी सहेली के जिस्म के गिर्द अपनी बाहें लपेटे हुए कहा.

“वैसे तो मेने ज़ाहिद से अपनी बे इज़्ज़ती का इंतकाम लेने के लिए,गुस्से में तुम दोनो बहन भाई को आपस में मिलाप करवाया था,मगर अब मुझे भी खुशी है कि मेरी इस ग़लती की वजह से तुम्हारी प्यासी चूत की प्यास मिटाने वाला, तुम्हें अपने ही घर में दस्तियाब हो गया मेरी जान”. नीलोफर ने अपनी सहेली की बात का जवाब देते हुए शाज़िया को भी अपने साथ भींच लिया.

कुछ देर शाज़िया से रात की डीटेल सुनने के बाद नीलोफर शाज़िया को उसी तरह बिस्तर पर लेटा छोड़ कर घर के ऊपर वाले हिस्से में वापिस चली गई.

दोपहर को घर में ही दोनो शादी शुदा जोड़े के वालिमे की दावत रखी गई.

जिस में ज़ाहिद और जमशेद के करीबी दोस्तों और मुहल्ले के कुछ लोग शामिल हुए.

अपने मेहमानो को अपने वालिमे का खाना खिलाते हुए ज़ाहिद को टाइम का पता ही ना चला. और फिर सब कामों से फारिग होते होते 4 बज गये.

सब मेहमानों के चले जाने के बाद ज़ाहिद और जमशेद ने आपस में मशवरा कर के मुर्री जाने का प्रोग्राम बना लिया.

“अम्मी अगर आप की इजाज़त हो तो हम लोग एक आध दिन के लिए मुर्री से हो आएँ”. जमशेद के साथ अपना प्रोग्राम सेट करते ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी रज़िया बीबी से मुर्री जाने की इजाज़त तलब की.

“हां बच्चो मुझे भला क्या ऐतराज हो गा, मुर्री तो वैसे भी नये शादी शुदा जोड़ो के हनी मून मनाने की एक पसंद दीदा जगह है”. रज़िया बीबी ने मुस्कराते हुए अपने बेटे को इजाज़त दे दी.

“ठीक अम्मी, में जाते हुए खाला ज़ीनत को कह देता हूँ,वो रात को आप के पास सोने आ जाएँगी” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी से कहा.

“नही बेटा तुम फिकर ना करो मुझे रात अकेले घर में डर नही लगता” रज़िया बीबी ने अपने बेटे की बात का जवाब दिया.

अपनी अम्मी से इजाज़त मिलते ही ज़ाहिद ने सब को जाने की तैयारी करने का कहा.

चूँकि शाम होने को थी. इसीलिए नीलोफर और शाज़िया ने जल्दी जल्दी अपने और अपने भाइयों के चन्द कपड़े बॅग्स में रखे. और रज़िया बीबी को खुदा हाफ़िज़ कह कर कार में आन बैठे.

जमशेद और नीलोफर कार की अगली सीट पर बैठे थे.जब कि ज़ाहिद और शाज़िया गाड़ी की पिछली सीट पर जम गये.

“उफफफफफफफ्फ़ मेने अपना मोबाइल चार्जिंग पर लगा रखा था,वो तो में अपने कमरे में ही भूल आई” कार के चलते ही शाज़िया को याद आया और वो बोली.

“कोई बात नही शाज़िया,वैसे भी मेरे होते हुए तुम्हे आज मोबाइल की क्या ज़रूरत है” कार की पिछली सीट पर साथ बैठे हुए ज़ाहिद ने अपनी बहन की रेशमी शलवार के ऊपर से उस की गुदाज रान पर अपना हाथ फेरते हुए कहा.

ज़ाहिद की बात सुन कर आगे बैठे हुए जमशेद और नीलोफर के होंठो पर एक मुस्कराहट फैल गई.
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08-12-2019, 01:19 PM,
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जब कि शाज़िया को जमशेद और नीलोफर के सामने कही गई अपने भाई की इस बात पर शरम सी आने लगे. इसीलिए कोई जवाब देने की बजाय उस ने खामोश रहने में ही बेहतरी महसूस की.

झेलम से बाहर निकलते ही शाम का अंधेरा छाने लगा था.

इस मौके का फ़ायदा उठाते हुए झेलम से मुर्री के सफ़र के दौरान ज़ाहिद कभी अपनी बहन की शलवार के ऊपर से शाज़िया की चूत को छेड़ता रहा.और कभी शाज़िया को अपनी शलवार में खड़े हुए लंड से खेलने की सरगोशी करता रहा.

पूरे सफ़र के दौरान अपने भाई की छेड़ छाड़ से शाज़िया की फुद्दि ने गीला हो हो कर उस के नीचे से कार की सीट को भी गीला कर दिया था.

शाज़िया की फुद्दि अपने भाई की उंगलियों की महरवानी से इतनी गरम हो चुकी थी.कि शाज़िया का दिल चाह रहा था. कि वो चलती कार में ही, अपनी शलवार उतार कर अपने भाई के लंड पर बैठ जाय.

मगर जमशेद और नीलोफर की कार में मौजूदगी की वजह से शाज़िया को अपनी इस ख्वाहिश पर अमल करने की हिम्मत नही हुई.

मुर्री पहुँचने तक सब को भूक ने बे हाल कर दिया. तो जमशेद ने होटेल जाने से पहले ही अपनी कार एक रेस्टोरेंट के सामने रुक दी.

खाने से फारिग हो कर वो लोग एक होटेल में चले आए. जिधर दोनो बहन भाई की जोड़ी ने मिस्टर&मिसेज़ के नाम से होटेल में दो कमरे ले लिए.

“हाईईईई भाईईईईईई आप ने तो सारे रास्ते मेरी चूत को छेड़ छेड़ कर मुझे पागल बना दिया है” अपने कमरे का दरवाज़ा बंद होते ही शाज़िया अपने भाई से लिपट गई

शाज़िया की तरह ज़ाहिद भी अपनी बहन के बदन से खेलने की वजह से काफ़ी गरम हो चुका था. इसीलिए उस ने भी अपनी सुहागन बहन के जवान जिस्म को अपनी बाहों में जकड के अपने होन्ट अपनी बहन के नरम होंठो से मिला दिए.

ज़ाहिद की कार में की गई हरकतों की वजह से शाज़िया की छूट तो कब से अपने भाई के मिलाप के लिए सुलग रही थी.

इसीलिए अपने भाई के होन्ट अपने होंठो के साथ टकराते ही शाज़िया के जिस्म में उस की जिस्मानी भूक पूरी आबो-ताब से भड़क उठी.

शाज़िया ने भी जोश में आते हुए अपना मुँह खोला.और अपने भाई की ज़ुबान से अपनी ज़ुबान लड़ाने लगी.

कुछ देर कमरे के दरवाज़े के पास ही खड़े हुए दोनो बहन भाई एक दूसरे के होंठो और ज़ुबान को गरम जोशी से चुसते और चाटते रहे.

इस दौरान अपनी बहन को किस करते करते,ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया के भारी जिस्म को अपने हाथों में उठाया.



और फिर आहिस्ता आहिस्ता चलता हुआ कमरे के दरमियाँ में पड़े हुए बेड पर अपनी बहन के गरम जिस्म को ला कर लिटा दिया.

शाज़िया को होटेल के बेड पर लिटाते ही ज़ाहिद ने कमरे के फर्श पर बैठ कर जल्दी से अपनी बहन की शलवार का नाडा खोला. और एक ही झटके में अपनी बहन की शलवार को उस के जिस्म से अलग कर दिया.

ज्यों ही ज़ाहिद ने शाज़िया की शलवार उतार कर उस के जिस्म के निचले हिस्से को नंगा किया. तो शाज़िया ने फॉरन अपनी टाँगें हवा में उठा कर, पानी से तर अपनी गरम फुद्दि को अपने भाई ज़ाहिद की आँखों के सामने खोल दिया.



अपनी बहन की गरम और गीली चूत के मोटे होंठो को देख कर ज़ाहिद का दिल और लंड मचल उठा. और उस ने गरम जोशी से अपने हाथ की दो उंगलियाँ अपनी बहन की चूत में एक साथ डालते हुए कहा”हाईईईईईईईईईईईईईईईईईई शाज़िया तुम्हारी चूत अपना पानी छोड़ छोड़ कर कितनी गीली हो चुकी है मेरी जान”.



“हाईईईईईईईईईई ये सब झेलम से मुर्री के सफ़र के दौरान की जाने वाली आप की हरकतों का असर है भाई” शाज़िया ने अपने भाई की मोटी उंगलियों को अपनी मोटी फुद्दि के अंदर पा कर मज़े से सिसकते हुए जवाब दिया.

अपनी उंगलियाँ अपनी बहन की फुद्दि में डाल कर ज़ाहिद अब आहिस्ता आहिस्ता अपनी उंगलियाँ अपनी बहन की मोटी फुद्दि के अंदर बाहर करने लगा.
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08-12-2019, 01:19 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
जब कि बिस्तर पर लेटी शाज़िया,अपने भाई के हाथ के मज़े से बे हाल होते हुए आहिस्ता शिस्ता सिसकते हुए .....आआआअ........आआआआअ..... करने लगी थी.

कुछ देर बाद जब ज़ाहिद ने अपनी उंगलियों को अपनी बहन शाज़िया की फुद्दि से बाहर निकाला.तो ज़ाहिद की उंगलियाँ उस की बहन शाज़िया की फुद्दि के गरम पानी से तर हो चुकी थी.

फर्श पर बैठे ज़ाहिद ने अपने हाथ ऊपर ले जा कर अपनी उंगलियों को अपनी बहन शाज़िया के होंठो पर फेरते हुए कहा “शाज़िया अपना मुँह खोल कर अपनी गरम चूत के ताज़ा पानी का ज़ायक़ा तो चेक करो मेरी बहन”.

“हीईीईईईईईई आज मुझे मेरी अपनी ही चूत का पानी पिला रहे हो भाईईईईईई” कहते हुए शाज़िया ने गरम जोशी से अपना मुँह खोला. और अपने भाई की उंगलियों को अपने मुँह के अंदर ले कर ज़ाहिद की उंगलियों पर लगा हुआ अपनी ही चूत का मज़े दार पानी चाट चाट कर सॉफ करने लगी.

जब शाज़िया ने ज़ाहिद की उंगलियों पर लगा अपनी चूत का सारा पानी पी लिया. तो ज़ाहिद ने अपनी बहन के मुँह से अपनी उंगलियाँ निकाल लीं.

फिर बेड के नीचे बैठे हुए ज़ाहिद ने अपने मुँह को आगे बढ़ा कर अपने होंठो को अपनी बहन की जवान फुद्दि के मुँह पर रखा. और अपनी बहन की गरम और जवान फुद्दि के फूले हुए दाने पर अपनी गरम और लंबी ज़ुबान रख दी.



“उफफफफफ्फ़ भाईईईईईईईईईईईई, कितनी गरम ज़ुबान है आप की” ज्यों ही ज़ाहिद की ज़ुबान शाज़िया की चूत के दाने से टकराई. तो मज़े की शिद्दत से शाज़िया मचल उठी.

शाज़िया की चूत के दाने को अपनी ज़ुबान से सक करते हुए ज़ाहिद ने अपने हाथ से अपनी बहन की चूत को खोला. और अपनी ज़ुबान को अपनी बहन की चूत के अंदर डालते हुए शाज़िया की चूत की दीवारो को भी चाटने लगा.

“ओह हाईईईईईईईईईईईईई”अपने भाई की ज़ुबान को अपनी चूत की तह तक आते हुए महसूस कर के शाज़िया बे इंतहा गरम हो गई.

शाज़िया ने बिस्तर पर लेटे लेटे अपनी कमर को उपर उठाया. और अपने मेहन्दी लगे हाथों को अपने भाई के बलों में घुमाते हुए. ज़ाहिद के सर को ज़ोर से दबा कर अपने भाई का मुँह अपनी चूत में दबा दिया.



अपनी बहन को यूँ मज़े से बे हाल होते देख कर उस की चूत के गरम पानी को चूसाता और चाट्ता ज़ाहिद भी अपनी बहन की गरम जोशी के इस अंदाज़ से पागल हो रहा था.

कुछ देर इस तरह अपनी बहन की फुद्दि में अपनी ज़ुबान फैरने के बाद ज़ाहिद मज़ीद जोश में आते हुए कमरे के फर्श से उठा. और बेड पर चढ़ कर अपनी बहन के बराबर लेट गया.

होटेल के बिस्तर पर लेटते ही ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया को बिस्तर से उठा कर उसे अपने मुँह पर बैठा लिया.


अब कमरे का मंज़र कुछ यूँ था. कि शाज़िया ने अपनी चूत को अपने भाई के नरम होंठो पर रखा हुआ था.

जब कि ज़ाहिद ने अपने दोनो हाथों से अपनी बहन की भारी गान्ड को काबू करते हुए नीचे से अपना मुँह अपनी बहन की गरम फुद्दि से यूँ चिपकाया हुआ था.जैसे कोई प्यासा कौआ पानी के किसी बर्तन सेआपना मुँह लगाता है.

बिल्कुल इस तरह ज़ाहिद भी अब अपनी बहन की गरम फुद्दि में अपनी ज़ुबान डाल कर शाज़िया की चूत से निकलते हुए अपनी बहन की फुद्दि का नमकीन पानी “शर्प शर्प” कर के पीने लगा था.

शाज़िया अपने भाई की ज़ुबान के मज़े की वजह से जिस्मानी स्वाद की बुलंदियों पर उड़ रही थी.

जिस की वजह से उस के मुँह से निकलती हुई सिसकियाँ होटेल के कमरे में फैल कर कमरे के माहौल को मज़ीद रोमॅंटिक बना रही थी.

अपने भाई के मुँह से इतना जबरदस्त मज़ा लेती हुए शाज़िया का दिल चाहने लगा.कि वो भी अपने मुँह से इसी तरह का मज़ा अपने भाई को दे.

ये ही सोचते हुए शाज़िया ने अपनी चूत से चिपटे हुए अपने भाई के मुँह को हटाया. और फिर खुद उठ कर बिस्तर के ऊपर लेटे हुए अपने भाई ज़ाहिद के पास बैठ गई.

अपने भाई के करीब बैठ कर शाज़िया ने जल्दी से अपने भाई की शलवार का नाडा खोल दिया.
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08-12-2019, 01:19 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
ज़ाहिद की शलवार का नाडा खोलते ही शाज़िया ने देखा कि उस के भाई ज़ाहिद का लंड फुल तन कर उस के सामने खड़ा हुआ था. जो कि अब अपनी जवान बहन के गरम होंठो की तवज्जो का तलबगार था.

अपने भाई के गरम जवान खड़े हुए लंड को देख कर शाज़िया की आँखों में एक अजीब सी चमक आ गई.

शाज़िया ने अपने दोनो हाथों से अपने भाई के लंड को पकड़ा. और अपना मुँह पूरा खोल कर अपने भाई ज़ाहिद के लंड की टिप पर आहिस्ता से एक चुम्मि दी.


ज़ाहिद अपने पास बैठी अपनी बहन को उस के लंड पर यूँ चुम्मि देते हुए बड़े प्यार से देख रहा था.

फिर शाज़िया ने भी अपने भाई ज़ाहिद की आँखों में आँखे डाल कर उसे देखते हुए अपने होठों को भाई के लंड पर रख दिया. और ज़ाहिद के लंड को अपने मुँह में भर कर ज़ोर ज़ोर से उस की चुसाइ करने लगी.


“हाईईईईईईई,ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह”अपनी बहन के मुँह को अपने लंड पर महसूस कर के ज़ाहिद के मुँह से सिसकियाँ बुलंद होने लगीं.

अपनी बहन से अपना लंड चुस्वाते चुस्वाते ज़ाहिद ने ना सिर्फ़ अपनी कमीज़ भी उतार दी.

बल्कि उस के लंड को “चुबल्ती” (चूस्ती) हुई अपनी बहन के जिस्म से भी उस की कमीज़ उतार कर शाज़िया को भी पूरा नंगा कर दिया.

अपने भाई के हाथों नंगा होते ही शाज़िया ज़ाहिद के लंड से अपना मुँह हटा कर ऊपर हुई. और अपने भाई के मुँह में अपनी ज़ुबान डाल दी.

अपनी बहन के जवान और रस भरे होंठो को सक करने के दौरान ज़ाहिद इतने जोश में आया. कि वो अपनी बहन के नरम होंठो पर लगे हुए अपने ही लंड के नमकीन पानी को भी चूसने लगा था.

अब होटेल के कमरे में मौजूद शाज़िया की ज़ुबान ऊपर से तो अपने भाई ज़ाहिद की लंबी ज़ुबान से अपनी लड़ाई लड़ाने में मसरूफ़ थी.



जब कि इसी दौरान शाज़िया ने अपने एक हाथ को नीचे ले जा कर अपने भाई के मोटे और बड़े लंड की मूठ लगाना शुरू कर दी थी.

ज़ाहिद अपनी बहन के प्यार के इस अंदाज़ से बे हाल होते हुए अपने मुँह से निकलने वाली सिसकारियों को नही संभाल पा रहा था.

कुछ देर बाद नीलोफर ने अपने भाई के होंठो से अपने होंठ अलग करते हुए अब अहिस्ता आहिस्ता अपने भाई ज़ाहिद के गालों,गरदन और फिर उस की छाती को चूमना शुरू कर दिया था.

अपनी बहन का प्यार का ये वलिहाना अंदाज़ देख कर ज़ाहिद के जिस्म में भी एक आग सी भड़क उठी और उस का लंड तन कर उस की धुनि से लगने लगा था.

अब ज़ाहिद की जवान और सख़्त छाती पर अपनी गरम ज़ुबान घूमते हुए शाज़िया आहिस्ता आहिस्ता दुबारा अपने भाई के जवान,सख़्त और बड़े लंड के बहुत नज़दीक आ गई.

और उस ने अपने भाई के लंड को अपने हाथ में थामते हुए बहुत नज़दीक और बड़े गौर से अपने भाई के बड़े लंड का जायज़ा लेना शुरू कर दिया.
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08-12-2019, 01:26 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
अपने भाई के बड़े और मोटे लंड को यूँ अपनी आँखे फाड़ फाड़ कर देखते हुए शाज़िया को वो दिन याद आ गया.जब नीलोफर ने शाज़िया को धोके से उस के अपने ही सगे भाई के लंड का पहली बार दीदार करवाया था.

तो उस वक्त अपनी सहेली नीलोफर की चूत में इतना बड़ा लंड जाता देख कर शाज़िया को नीलोफर से वाकई ही जलन महसूस हुई थी.

इसी लिए शाज़िया ने उस दिन नीलोफर से कहा था कि “निलो तुम खुश किस्मत हो जो इतने बड़े लंड अपनी चूत में ले रही हो यार”

फिर अपनी इस बात के जवाब में शाज़िया को नीलोफर की कही हुई बात भी याद आई कि “फिकर ना करो, जल्द ही इस बड़े और मोटे लंड से चुदवा कर,मेरी तरह तुम भी खुस किस्मत बन जाओगी बानो ”.

और आज अपने भाई के इस बड़े और मोटे लंड को अपने हाथ में थाम कर ये बात सोचते हुए शाज़िया वाकई ही अपने आप को खुश किस्मत महसूस कर रही थी.

क्यों कि अब उस के अपने सगे भाई का ये बड़ा लंड हमेशा हमेशा के लिए उस की चूत को दस्तियाब हो गया था.

इधर शाज़िया अपनी इन सोचो में मगन थी.

जब कि दूसरी तरह ज़ाहिद को अपनी बहन शाज़िया का अपना बड़ा लंड चूमने में मज़ा तो आ रहा था.

मगर आज दिन भर की भाग दौड़ और फिर मुर्री के सफ़र ने ज़ाहिद को थका दिया था.

इसीलिए वो चाहता था कि क्यों ना वो बाथरूम में जा कर शवर के नीचे नहाते हुए अपनी बहन की चूत का मज़ा ले.

“शाज़िया चलो बाथरूम में जा कर आज इकट्ठे नहाते हैं मेरी जान” ये सोच कर ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया बहन से कहा.

“चलो भाई जिस तरह आप की मर्ज़ी” शाज़िया ने अपने भाई की बात का जवाब दिया. और अपने भाई के साथ उठ कर कमरे के अटेच बाथरूम में चली आई.

बाथ रूम में आते ही दोनो बहन भाई ने दुबारा एक दूसरे को अपनी बाहों में भर लिया.

अब ज़ाहिद के हाथ अपनी बहन की गुदाज गान्ड की पहाड़ियों पर घूम रहे थे.



जब कि उस का लंड शाज़िया की गरम चूत के मुँह पर ठोकरे मार मार कर अंदर जाने की इजाज़त माँग रहा था.

दूसरी तरफ आज ना जाने क्यों अपने भाई के लंड को कई बार चूस कर भी शाज़िया का दिल अपने भाई के लंड से नही भर रहा था.

इसीलिए शाज़िया अपने मुँह को अपने के मुँह से अलहदा करते हुए बाथरूम में खड़े हुए अपने भाई के कदमों में बैठ गई.

शाज़िया ने नीचे बैठ कर अपने भाई के लंड की मोटी टोपी को मुँह में ले कर अपने भाई के लंड को फिर से सक करना शुरू कर दिया.



ज़ाहिद का लंड शाज़िया की चुसाइ की वजह से बिल्कुल किसी लोहे की रोड की तरह सख़्त हो गया था.

अपने लंड को अपनी बहन के मुँह में फिर से जाते हुए पा कर ज़ाहिद ने मज़े से पागल होते हुए नीचे से झटका मारा. तो ज़ाहिद का मोटा और बड़ा लंड उस की बहन शाज़िया के हलक तक आ गया.

अपने भाई का इतना बड़ा लंड अपने हलाक में लेते ही शाज़िया की तो साँस भी उस के गले में ही अटक गई.

ज़ाहिद समझहह गया कि शाज़िया उस का पूरा लंड अपने मुँह में नही ले पाए गी.

इसीलिए उस ने अपने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और आहिस्ता आहिस्ता ऐसे नीचे होने लगा जैसे वो शाज़िया के मुँह को चोद रहा हो.

ज़ाहिद सोचने लगा कि इस से पहले कि वो जोश में आ कर शाज़िया के मुँह में फारिग हो जाय. उसे अब अपना लंड अपनी बहन की चूत में डाल देना चाहिए.

उधर दूसरी तरफ थोड़ी देर अपने भाई के लंड को सक करने के बाद अब शाज़िया का दिल भी चाह रहा था. कि वो भी जल्दी से ज़ाहिद के लंड को अपनी चूत में डलवा ले.



ये ही सोच कर शाज़िया उपेर उठी और उस ने बाथरूम का शोवर् खोल दिया. और दोनो बहन भाई भाई बाथरूम के शवर के साथ एक दूसरे के नंगे जिस्मो को भिगोने लगे.

दोनो बहन भाई बारी बारी एक दूसरे के जिस्मो पर साबुन लगाने लगे.
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08-12-2019, 01:27 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
सबन लगाने के अमल के दौरान भी ज़ाहिद और शाज़िया के हाथ एक दूसरे के जिस्म के सारे नाज़ुक हिस्सो पर पूरी आज़ादी के साथ घूमते रहे.

ज़ाहिद और शाज़िया बाथरूम के खुले शवर के नीचे खड़े हो कर एक दूसरे के बदन को पानी से अच्छी तरह भिगोते रहे.

शाज़िया ने अपनी गुज़शता जिंदगी में अपने सबका शोहर के साथ कभी भी इस तरह की बाथरूम मस्ती नही की थी.

इसीलिए आज अपने भाई के साथ बाथरूम में ये खेल खेलने में उसे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था.

मगर शाज़िया अब अपनी उम्र के उस हिस्से में थी. जिधर सिर्फ़ हाथ और मुँह की छेड़ छाड़ से जवानी के जज़्बात ठंडे नही होते थे.

इसी लिए शाज़िया अब अपने आप को अपने भाई की बाहों से अलग करते हुए पलट गई.

शाज़िया ने मूड कर अपना मुँह बाथरूम की दीवार की तरफ करते हुए अपना एक पैर बाथरूम में बनी हुई एक छोटी सी स्टेप पर रख दिया.

शाज़िया के इस तरह करने से वो आगे से थोड़ी सी झुकी. तो पीछे उस की भारी गान्ड ऊपर की तरफ उठी जिस से शाज़िया की चूत का मुँह भी पीछे से खुल गया.

अपनी बहन की चूत के मुँह को अपने लंड के लिए खुलता देख कर ज़ाहिद अपने लंड को हाथ से मसलता हुआ शाज़िया के पीछे आया.

ज़ाहिद ने शाज़िया की टाँगों को पीछे से मज़ीद चौड़ा किया.और उस ने शाज़िया की गान्ड को अपने हाथों से पकड़ कर अपने घुटनो को थोड़ा सा नीचे मोडते हुए अपने जिस्म को एक दम ऊपर की तरफ किया.



“उउईइ, अम्मिईिइ" शाज़िया के मुँह से एक चीख निकली. और ज़ाहिद का मोटा ताज़ा लंड फन फनाता हुआ पीछे से उस की बहन की चूत में घुसता चला गया.

"उफफफफफफफ्फ़ तुम वाकई ही बहूत टाइट हो, शाज़िया" ज़ाहिद अपनी बहन की चूत में लंड डालाते हुए सिसकार उठा.

साथ ही साथ ज़ाहिद ने अपनी बहन के बड़े बड़े मम्मो को पीछे से अपने हाथ में पकड़ते हुए शाज़िया के निपल को मसल्ने लगा.

ज़ाहिद ने शाज़िया की चूत में अब अपना पूरा लंड डाल कर अपनी बहन शाज़िया को बेदर्दी से चोदने लगा.

अपनी बहन शाज़िया को चोदते चोदते ज़ाहिद ने शाज़िया की एक टाँग को अपने हाथ से पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाया.

जिस की वजह से ज़ाहिद का लंड पीछे से बहुत ही आसानी के साथ पूरे का पूरा उस की बहन की फुद्दि में घुसाने लगा.

चुदाई का ये अंदाज़ शाज़िया के लिए बिल्कुल नया और मज़ेदार था.

अपने भाई की मज़ेदार और ज़ोर दार चुदाई की वजह से शाज़िया भी मस्त हो गई.

उस ने अपने जिस्म को पीछे की तरह हल्का सा मोड़ कर अपना एक बाज़ू ज़ाहिद की गर्दन के गिर्द डाल लिया. और अपने मुँह को भाई के मुँह से लगा कर ज़ाहिद के होंठो और ज़ुबान को चूसने लगी
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08-12-2019, 01:27 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
अब ज़ाहिद पूरी रफ़्तार से शाज़िया की चूत में धक्के मारने लगा था. जब कि शाज़िया अपने हाथ से अपनी चूत के दाने को रगड़ रगड़ कर अपनी चुदाई के मज़े को दो बाला ( महसूस )कर रही थी.

थोड़ी देर शाज़िया को इस अंदाज़ में चोदने के बाद ज़ाहिद ने शाज़िया की फुद्दि से अपना लंड निकाला और बाथरूम के कमोड पर जा बैठा.

अपने भाई को कमोड पर बैठा देख कर शाज़िया समझ गई कि ज़ाहिद थक गया है. इसीलिए अब वो उसे एक नये तरीके से चोदना चाहता है.

ये ही सोच कर शाज़िया भी मूडी और कमोड पा बैठे हुए अपने भाई की गोद में आन बैठी.

ज़ाहिद की गोद में इस तरह से बैठने से ज़ाहिद का सख़्त लंड नीचे से शाज़िया की चूत से टकराया. तो दोनो बहन भाई के जिस्म ने एक झुर्झुरि सी ली.

अब शाज़िया की चूत अपने भाई से चुदवाने और उस के लंड का अपनी फुद्दि में फिर से स्वागत करने के लिए तैयार थी.

ज़ाहिद ने अब अपने हाथ शाज़िया के पीछे करते हुए उस की नंगी गान्ड पकड़ कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया.

तो शाज़िया ने अपना हाथ नीचे ले जा कर अपने भाई के फुद्दि का इंतज़ार करते हुए गरम लौडे को पकड़ कर अपनी चूत के दरवाज़े पर लगाया.

साथ ही ज़ाहिद ने अपनी बहन की गान्ड को पकड़ कर हल्का से नीचे किया. तो ज़ाहिद का खड़ा हुआ हुआ लंड उस की बहन की चूत में जड़ तक घुसता चला गया.

ज्यों ही ज़ाहिद का लंड उस की बहन की फुद्दि में जड़ कर अपनी बहन की बच्चा दानी को ठोकरे मारने लगा. तो शाज़िया के मुँह से मज़े के मारे सिसकारियाँ फूटने लगीं.

शाज़िया ने जोश में आते हुए अपने मुँह को अपने भाई के मुँह से जोड़ दिया.



अब पोज़िशन ये थी. कि ज़ाहिद अपनी बहन को अपनी बाहों में उठा कर कमरे में खड़ा हुआ था.

शाज़िया के दोनो बाज़ू अब उस के भाई की गर्दन के इर्द गिर्द झुके हुए थे. और नीचे से ज़ाहिद का लंड शाजिया की चूत मे पूरे का पूरा जड़ तक धंसा हुआ था.



चुदाई की इस पोज़िशन में ज़ाहिद अब शाज़िया की गान्ड पकड़ कर पूरे जोश से उसे चोद रहा था. जब के शाज़िया अपनी गान्ड अपने भाई के लंड पर झूल झूल कर बहुत मज़े से चुदवा रही थी.

“चलो जान अब वापिस कमरे में चलते हैं”अपनी बहन को इस स्टाइल में कुछ देर तक चोदने के बाद ज़ाहिद को कमरे में वापिस जानी की सूझी.

“ठीक है भाई,जैसे आप कहें” अपने भाई की बात के जवाब में शाज़िया ने कहा. और ज़ाहिद के लंड से उतर कर अपने भीगे बदन के साथ कमरे के बेड पर आ कर लेट गई.

शाज़िया के पीछे पीछे ज़ाहिद भी चलता हुआ कमरे में आया.

बिस्तर पर लेटी अपनी बहन शाज़िया के पास बैठ कर ज़ाहिद ने शाज़िया के मुँह को अपने मूह में बायां अपने हाथ में भरा.और मम्मे को अपनी मुट्ठी से कस कर दबाने लगा.

" हाईईईईईईई तुम्हारे इन बड़े मम्मो ने तो मुझे पागल ही कर दिया है मेरी रानी." ज़ाहिद ने अपनी बहन के मम्मे पर अपने लब फेरते हुए कहा.

इस के साथ ही ज़ाहिद ने शाज़िया के दोनो मम्मो को दबा कर आपस में जोड़ा. और फिर खुद शाज़िया के पेट पर बैठ अपनी बहन के आपस में जड़े हुए मम्मो के दरमियाँ में अपन मोटा लंड रख कर फिराने लगा.



ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया को कल की सुहाग रात से ले कर आज तक चुदाइ के ना जाने कितने ही ऐसे तरीके और अंदाज़ सीखा दिए थे. जिन से शाज़िया अपनी दो साला शादी शुदा ज़िंदगी में कभी रोष नास नही हो सकी थी.

ज़ाहिद के साथ साथ शाज़िया को भी अपने भाई के बड़े लंड का यूँ उस की भारी छातियों में फिरना अच्छा लाग रहा था.

इसीलिए वो भी अपने दोनो हाथों से अपने बड़े मम्मों का आपस में मिला कर अपने भाई के लंड को अपने गुदाज मम्मो में जकड़ते हुए मज़ा महसूस कर रही थी.



अब ज़ाहिद अपने लंड को तेज़ी के साथ अपनी बहन की भारी छातियों में फेर रहा था. और आख़िर कार वो इसी स्टाइल में ही अपनी बहन के बड़े मम्मो के दरमियाँ ही फारिग भी हो गया.

“हाईईईईईई भाईईईईईईईईई ये आप ने क्या किया” ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया के बड़े बड़े मम्मो के दरमियाँ अपने लंड का वीर्य उडेला.



तो शाज़िया एक दम से सिस्कार्ते हुए बोली.

“क्यों किया हुआ मेरी जान” ज़ाहिद ने झटके मार मार कर पानी छोड़ते हुए अपने लंड को अपने हाथ से काबू करते हुए शाज़िया से पूछा.

“ओह आप अपने लंड का इतना कीमती पानी फ़िजूल में इस तरह ज़ाया करने की बजाय, मेरी बच्चे दानी में डाल कर मुझे हमला करो और अपने बच्चे की माँ बना दो भाईईईईईई”. शाज़िया ने सिसकते हुए अपने भाई से फरमाइश की.

“हाईईईईईईई तुम वाकई ही मेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हो शाज़िया” अपनी बहन की ये ख्वाहिश सुन कर ज़ाहिद का लंड और जोश से अपना पानी फारिग करने लगा.



जिस से शाज़िया के मम्मो के साथ साथ उस का पूरा पेट भी अपने ही सगे भाई के लंड के पानी से भर गया.

“हाईईईई, आप जानते हैं कि कोई शादी शुदा औरत उस वक्त तक मुकम्मल नही होती, जब तक वो माँ नही बन जाती,इसीलिए मैं वाकई ही आप के बच्चे को 9 महीने अपने पेट में पाल कर उसे पैदा कर कर आप की असली बीवी का दर्जा पाना चाहती हूँ भाईईइ” शाज़िया ने अपने भाई की बात का जवाब दिया.

“फिकर ना कर में जल्द ही अपनी बहन के पेट में अपना बच्चा डाल कर तुम्हें एक मुकम्मल औरत बना दूँगा मेरी बहन” ज़ाहिद ने अपने लंड का पानी का आखरी कतरा भी अपनी बहन के जिस्म पर गिराते हुए उसे कहा.

जब के शाज़िया का चेहरा अपने भाई का जवाब सुन कर खुशी से चमक उठा.

“अच्छा मेरी जान अब मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर अपनी चूत और मेरे लंड के पानी को अच्छी तरह सॉफ तो कर दो जान”शाज़िया के मम्मो से ऊपर होते हुए ज़ाहिद अपना लंड अपनी बहन शाज़िया के मुँह के करीब लाया और बोला.

“नही भाई में ऐसा नही कर सकती क्यों के मुझे ऐसा कम करने में शरम आ रही है" अपने भाई को सताने के लिए जान बोझ कर शाज़िया ने ज़ाहिद को ऐसा जवाब दिया.

"हाईईइ अब कहाँ की शरम मेरी जान,अब तो मेरे लंड ने तुम्हारी चूत और गान्ड दोनो को अंदर तक देख लिया है" ज़ाहिद ने अपनी बहन की बात सुन कर उसे जवाब दिया. और फिर बड़े प्यार से अपना पानी छोड़ता लौडा शाज़िया के नर्म होंठो पर रगड़ने लगा.
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08-12-2019, 01:27 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
शाज़िया ने अपने भाई को मज़ीद सताना मुनासिब ना समझा और अपने भाई के बड़े लंड के लिए अपना मुँह खोल दिया. तो ज़ाहिद का मोटा बड़ा लंड शाज़िया के नर्म होंठो से स्लिप होता हुए उस के मुँह में दाखिल हो गया.

अपने भाई ज़ाहिद के लंड पर लगे हुए अपनी ही चूत के ताज़ा पानी का ज़ायक़ा अपनी होंठो और ज़ुबान पर महसूस करते ही शाज़िया को जोश आया. और वो ज़ाहिद के बड़े लंड को अपने मुँह में भर कर,लंड पर लगे हुए अपनी ही चूत के पानी को चाट चाट कर सॉफ करने लगी.

जब शाज़िया ने ज़ाहिद के लंड पर लगा सारा पानी अपनी ज़ुबान से सॉफ कर दिया. तो ज़ाहिद ने शाज़िया के मुँह से अपना लंड बाहर निकाला और फिर दोनो बहन भाई साथ ही साथ बिस्तर पर इकट्ठे लेट कर अपनी भिखरी साँसे संभालने लगे.

कुछ देर साँस लेने के बाद ज़ाहिद बिस्तर से उठा और बाथरूम से जा कर एक टॉवल ले आया.

उस टवल से ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया के बड़े बड़े मम्मो के दरमियाँ छोड़े गये अपने लंड के पानी को अच्छी तरह सॉफ किया.

और फिर शाज़िया के पहलू में लेटे लेटे ही ज़ाहिद ने अपनी बहन के बड़े बड़े चूचों को एक एक कर के अपने मुँह में लिया और उन को जोश से चुँसने लगा.

ज़ाहिद ने शाज़िया के चूचों को इस कदर जोश और मस्ती से चूसा. कि उस ने शाज़िया के मम्मो को काट काट और रगड़ रगड़ कर सुर्ख कर दिया.

शाज़िया को अपने भाई ज़ाहिद के इस तरह जीश में उस के मम्मो को चूसने पर जैसे जन्नत का मज़ा मिल रहा था. और वो मस्ती में आते हुए बिस्तर पर पड़ी पड़ी “सिसकियाँ” निकालने में मसरूफ़ हो गई.

अपने भाई के इस प्यार से शाज़िया की पहले से गरम चूत से उस का पानी फिर टपक टपक कर शाज़िया की टाँगों से बहता हुआ बिस्तर को भिगोने लगा था.

अपनी बहन के मम्मो को चुसते हुए ज़ाहिद अचानक उठा और शाज़िया की टाँगों के दरमियाँ आ गया.

ज़ाहिद ने अपनी बहन की गुदाज टाँगें हाथ में लेते हुए चौड़ी कीं और उन्हे अपने कंधो पर रख लिया.

ज़ाहिद का तना हुआ लंड अपनी बहन की मोटे लिप्स वाली फुद्दि से बस एक इंच की ही दूरी पर था.

ज़ाहिद ने अपनी बहन की टाँगें अपने कंधे पर रखते ही शाज़िया की आँखों में देखा और पूछा " फिर चोदू, मेरी रानी."

कल रात से आज तक,अपने ही भाई से कई दफ़ा चुदवाने के बावजूद, ज़ाहिद के लंड की तरह शाज़िया की चूत भी, अभी तक चुदाई के लिए भूकि ही थी.

इसीलिए ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी बहन से फिर चुदाई स्टार्ट करने का पूछा तो शाज़िया ने फॉरन “हां” में अपना सर हां में हिला दिया.

अपनी बहन की रज़ा मंदी हासिल करते ही ज़ाहिद आगे बढ़ा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड अपनी बहन की चूत में डाल दिया.



“हाईईईईईईईईईईईईई” ज्यों ही ज़ाहिद का बड़ा लंड शाज़िया की पानी छोड़ती गरम फुद्दि में दाखिल हुआ. तो मज़े की शिद्दत से दोनो बहन भाई के मुँह से एक बार फिर सिसकी निकल गई.

अपनी बहन की चूत में अपना लंड डालते ही ज़ाहिद शाज़िया की फुद्दि में तेज तेज झटके मारने लगा.

शाज़िया की फुद्दि में झटके मारने के साथ साथ ज़ाहिद अपने हाथों से अपनी बहन के बड़े और मोटे मम्मो के खड़े हुए निपल्स को भी अपने हाथ से मसल्ने लगा था.

जब कि शाज़िया अपने भाई के लंड और हाथों का स्वाद पा कर मज़े मे आ गई और वो भी नीचे से अपनी गान्ड उठा उठा कर अपने भाई की चुदाई का साथ देने लगी.



"हाईईईईईई ऐसे ही और कस्स क़ास्स्स कारर्र ज़ोर से चोदो,और ज़ोर से चोदो, फाड़ दो मेरी चूत को,आअहह बड़ा मज़ा आआआ राहाा है भाईईईईईई." शाज़िया बहुत जोश में आ गई और उस के मुँह से ये आवाज़े निकल रही थी.

शाज़िया ने अब अपने दोनो पैरों को अपने भाई के कंधो से हटा कर अपने भाई ज़ाहिद की कमर कर गिर्द लपेटा और भाई को अपने टाँगों से जकड लिया.

शाज़िया ने ज्यों ही अपने भाई की कमर के गिर्द अपनी गुदाज टाँगों कर घेरा डाला. तो ज़ाहिद अपनी बहन के जिस्म के ऊपर मज़ीद झुक गया. और अब उस ने मज़ीद तेज़ी के साथ अपनी बहन की चूत में अपने बड़े और मोटे लंड के झटके लगाने शुरू कर दिए.
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