Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
08-12-2019, 01:27 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
ज़ाहिद अपनी बहन शाज़िया की चूत को इतने जोश और तेज़ी के साथ छोड़ने में मसरूफ़ था के उस का जिस्म और चेहरा पसीने से भीग चुका था.

ज़ाहिद के मोटे और लंबे लंड की जबर्जस्त चुदाई के बावजूद शाज़िया की चूत अभी तक ढीली नही हुई थी.

ज़ाहिद का लंड अपनी बहन की मोटी और प्यासी चूत की गहराई तक जा कर शाज़िया की बच्चे दानी पर ठोकरे मार रहा था.

“ओह में अब डालने वाला हूँ अपने लंड का पानी तुम्हारी बच्चे दानी में मेरी बहन्ंनननणणन्” ज़ाहिद ने अपने झटकों की रफतार और बढ़ा दी और फिर वो अपनी बहन की चूत की गहराई में ही अपना पानी छोड़ने लगा.

ज़ाहिद के भरपूर और तेज धक्कों ने शाज़िया को भी इतना गरम कर दिया कि वो अपनी चूत का पानी छोडने के नज़दीक पहुँच गई.

“हाईईईई मेरी फुद्दि आप के लंड के पानी का इस्तक्बाल करने के लिए तैयार है भाईईईईईईईईईई” कहते हुए शाज़िया ने अपनी गान्ड को बिस्तर से उठा कर ऊपर किया. जिस से शाज़िया की बच्चे दानी का मुँह पूरी तरह खुल गया और वो अपने भाई ज़ाहिद के गरम और गहरे लैस दार पानी को अपने आगोश के अंदर जज़ब करने लगी.

अपनी बहन की चूत को अपने थिक वीर्य से अच्छी तरह भरने के बाद ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत से अपना लंड बाहर निकाला. तो ज़ाहिद के लंड के साथ ही शाज़िया की चूत में छोड़ा हुआ ज़ाहिद के लंड का पानी भी बाहर निकलने लगा.

“अब तो मेने तुम्हारी बच्चे दानी भर दी है,अब तो तुम्हें कोई गिला नही ना मुझ से” ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत से बहते हुए अपने लंड के पानी को देखते हुए अपनी बहन से पूछा.

“नहियीईईईईईईई भाईईईईईईईईईईई आप के इतने लैस दार पानी को अपनी चूत की तह में जज़्ब कर के अब मुझे पक्का यकीन है कि में जल्द ही आप के बच्चे की माँ बन जाउन्गी” शाज़िया ने अपनी फूली हुई चूत के मोटे होंठो को अपने हाथ की उंगलियों से खोला. तो ज़ाहिद को अपने लंड के पानी से भरी हुई अपनी बहन की चूत का दीदार हो गया.



अपनी बहन की चूत को अपने ही लंड के पानी से यूँ भरा हुआ देख ज़ाहिद को बहुत जोश आया.

ज़ाहिद ने अपनी पोलीस मलाज़मात के दौरान ना जाने कितनी ही औरतों की चूत का मज़ा लिया था.

मगर नीलोफर के अलावा ज़ाहिद को आज तक कोई भी औरत ऐसी नही मिली थी. जिसे दूसरी बार चोदने में ज़ाहिद ने चुदाई का लुफ्त लिया हो.

लेकिन अपनी ही सग़ी बहन की फुद्दि ने ज़ाहिद को ना जाने क्या स्वाद दिया था. कि कल से आज तक कितनी ही दफ़ा अपनी बहन की फुद्दि मारने के बावजूद भी ज़ाहिद के मोटे लंड को अपनी बहन की चूत में बार बार उतारने का दिल करता था. और ज़ाहिद के लंड को हर बार अपनी बहन की चूत में जा कर एक नया मज़ा हासिल होता था.

उस की वजह शायद ये थी. कि सग़ी बहन होने के नाते शाज़िया की चूत कल तक ज़ाहिद के लिए एक शजरे मँनुहा रही थी.

चूँकि अपनी सग़ी बहन की चूत के इस मँनुहा फल को खाने में ज़ाहिद को एक अजीब सा स्वाद मिला था.

जिस स्वाद को चखने का ज़ाहिद ने कभी तस्व्वुर भी नही किया था.

इसी लिए अब वो बार बार अपनी बहन की फुद्दि का मज़ा चखने पर तुला हुआ था.

इधर शाज़िया की हालत भी बिल्कुल अपने भाई ही की जैसी थी.

शाज़िया ने भी अपनी सभी शादी शुदा जिंदगी में अपने सबका शोहर से चुदाई की ये लज़्ज़त कभी नही हासिल की थी. लज़्ज़त की जिन मंज़िलों पर उसे उस का अपना ही सगा भाई पहुँचा रहा था.

इसीलिए शाज़िया भी अब अपने भाई के बड़े लंड से निकलने वाले गरम और लैस दार पानी को अपनी चूत की आगोश में ले कर अपने आप को दुनिया की सब से खुस नसीब बहन तसव्वुर करने लगी थी.
इधर मुर्री में ज़ाहिद अपनी ही सग़ी बहन की बच्चे दानी में अपने लंड का बीज डाल कर अपनी बहन के साथ अपनी मोहबत को एक नया रंग देने में मसरूफ़ था.

जब कि दूसरी तरफ झेलम में माजूद उन की अम्मी रज़िया बीबी जब से अपने बच्चो के कमरे से निकल कर बाहर आई थी.
तो उस वक्त से ले कर रात तक रज़िया बीबी के जिस्म में एक अजीब सी काफियत तरी रही.

शाज़िया की गरम सिसकियाँ सुनने और फिर अपनी बेटी के बिस्तर और उस के जिस्म पर अपने ही बेटे के प्यार के निशान देखने के बाद रज़िया बीबी के जिस्म में उठने वाली निगोडी आग सारा दिन ही उस की चूत में हल्की हल्की सुलगती रही.

जिस की वजह से रज़िया बीबी को सारा दिन अपनी चूत में हल्का हल्का सा गीला पन महसूस होता रहा.

रज़िया बीबी ने कई दफ़ा बाथ रूम में जा कर अपनी फुद्दि को टॉवल से सॉफ भी किया.

मगर उस की चूत का गीला पन ना जाने क्यों आज ख़तम होने का नाम ही नही ले रहा था.

रज़िया बीबी को उस की चूत का यूँ बार बार गीला होना बहुत परेशान कर रहा था.

जब रज़िया बीबी बार बार बाथरूम जा कर थक गई. तो उस ने तंग आ कर एक पूरा कपड़ा ले कर उसे पानी छोड़ती हुई अपनी मोटी फुद्दि के मुँह पर रखा. और फिर उस के ऊपर अपना अंडरवेार पहन लिया.

इस तरीके से रज़िया बीबी को एक वक्ति सकून मिल गया. तो फिर वो वालिमे का खाना खाने अपने घर आए हुए मेहमानों की देख भाल में मसरूफ़ हो गई.

शाम के वक्त जब ज़ाहिद वगिरा अपनी अम्मी से इजाज़त ले कर मुर्री चले गये.तो उन के जाने के बाद रज़िया बीबी ने जल्दी जल्दी घर में भिखरी हुई चीज़ों को थोड़ा बहुत संभाला और फिर रात गये अपनी मेडीकन खा कर अपने बिस्तर पर चली आई.

बिस्तर पर लेटने से पहले रज़िया बीबी ने अपनी शलवार उतारी. और अपनी फुद्दि के ऊपर रखा हुआ कपड़े का पीस निकाल लिया.

रज़िया बीबी ने देखा कि कपड़े का पीस उस की चूत से दिन भर आहिस्ता आहिस्ता बहने वाले पानी से पूरा भीग चुका था.

रज़िया बीबी ने अपनी चूत को फिर पुराने तोलिये से सॉफ किया.और अपना अंडरवर और शलवार वापिस पहन कर बिस्तर पर आ गई.

दिन भर की थकि हारी रज़िया बीबी को बिस्तर पर लेटते ही नींद ने अपनी घेरे में ले लिया.

रात के तकरीबन 2 बजे थे कि रज़िया बीबी को सोते में बहुत घबराहट महसूस होने लगी.

ये इसी घबराहट का असर था. कि रज़िया बीबी की नींद से अचानक ही आँख खुल गई.

रज़िया बीबी ने नींद से बेदार होते ही महसूस किया कि उस का एक हाथ,उस की शलवार और अंडरवेअर के ऊपर से उस की गीली फुद्दि के फूले हुए होंठो पर पड़ा हुआ है.



ऐसे लग रहा था कि जैसे नींद के दौरान रज़िया बीबी का हाथ खुद ब खुद ही उस की फुद्दि पर फिसलता रहा हो.

जब कि पसीने से उस का पूरा जिस्म भीगा हुआ था.
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08-12-2019, 01:28 PM,
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रज़िया बीबी को पहले तो यूँ अच्चानक नींद से जागने की वजह समझ नही आई.

मगर फिर ज्यों ही रज़िया बीबी के ज़हन ने काम करना शुरू किया. तो रज़िया बीबी को अहसास हुआ कि लोड शेडिंग की वजह से घर की बिजली गई हुई है.

वैसे तो ज़ाहिद ने अपने घर में इनवेर्टर लगवा रखा था. मगर हर घंटे बिजली की बंदिश की वजह से इनवेर्टर भी सही सही चार्ज नही हो रहा था.

इसी लिए बिजली जाने के बाद इनवेर्टर भी अब ऑन नही हो पाया था. जिस की वजह से कमरे में गर्मी हो गई और रज़िया बीबी सोते सोते जाग उठी.

कमरे में पंखा (फॅन) बंद होने की वजह से रज़िया बीबी को सख़्त पसीना आने लगा था.

रज़िया बीबी को इस पसीने की वजह से ही घबराहट हो रही थी. इसीलिए उस ने गर्मी से निजात हासिल करने का हल ये ढूँढा. कि बिस्तर पर लेटे लेटे ही एक एक कर के अपनी शलवार और कमीज़ दोनो उतार दीं.

अपने शलवार कमीज़ को उतारने के बाद रज़िया बीबी को चन्द मिनट तो सकून मिला.

मगर कमरे में गर्मी इतनी भर गई थी. कि कुछ देर बाद रज़िया बीबी को अपना दम (सांस) फिर से घुटता हुआ महसूस होने लगा.



जब कमरे की गर्मी ने रज़िया बीबी को मज़ीद तंग किया. तो सिर्फ़ ब्रेज़ियर और चड्धि में मलबोस रज़िया बीबी ने अपने जिस्म को सकून देने के लिए बिस्तर पर इधर उधर करवटें बदलना शुरू कर दीं.

रज़िया बीबी बेचैनी से अपने बिस्तर पर इधर उधर करवटें तो बदल रही थी. मगर गर्मी थी कि किसी तौर कम होने में नही आ रही थी.

इस की वजह ये थी कि आज सिर्फ़ “बाहर” की गर्मी ही नही थी. जो रज़िया बीबी को इस वक्त यूँ सता रही थी.

बल्कि आज तो रज़िया बीबी के जिस्म की “अंदर की गर्मी” ने भी उस को इतना बे हाल कर दिया था. कि अब उसे किसी पल चैन नही मिल रहा था.

जब ये सूरते हाल रज़िया बीबी के लिए ना क़ाबिले बर्दाश्त हो गए. तो उस ने सोचा कि क्यों ना वो उठ कर बाहर सहन में पड़े हुए जेनरेटर को ऑन कर दे.

ये सोच कर रज़िया अपने बिस्तर से उठी और बाहर जाने के लिए अपनी शलवार और कमीज़ पहनने की तैयारी करने लगी.

“घर में मेरे सिवा है ही कौन, जिस से मेने परदा करना है” ये ख्याल ज़हन में आते ही रज़िया बीबी ने अपने कपड़े दुबारा कमरे के फरश पर फैंके और खुद नीम नंगी हालत में बाहर सहन में चली आई.

चूँकि बिजली का जेनरेटर बटन वाला था. इसीलिए रज़िया बीबी को उसे स्टार्ट करने में कोई मुश्किल पेश नही आई.

जेनरेटर को ऑन कर के रज़िया बीबी ज्यों ही अपने कमरे में वापिस जाने के लिए मूडी. तो उसे अपनी पिंडली पर ज़ोर की खारिश महसूस हुई.

रज़िया बीबी ने अपने पावं उठा कर सहन में रखे हुए बाँस (बंबू) के छोटे से सोफे पर रखा. और अपनी पिंडली को हाथ से खुजाने लगी.



रज़िया बीबी के इस से आगे की तरफ झुकने से उस की पतली चड्धि की बारीक सी पट्टी उस की भारी और उभरी हुई गान्ड की मोटी मोटी पहाड़ियों में धँस गई.

जिस वजह से रज़िया बीबी की गान्ड के दोनो मोटे और गोल गोल चूतड़ अपनी पूरी आबो-ताब से ऊपर की तरफ उठ गये.

अपनी पिंडली पर अच्छी तरह खारिश करने से रज़िया बीबी को सकून मिला. तो वो फिर सोने के लिए अपने कमरे की तरफ चल पड़ी.

अपने कमरे की तरफ जाते हुए रज़िया बीबी ज्यों ही ज़ाहिद और शाज़िया के कमरे के पास से गुज़री. तो उस के कानों में किसी के फोन की घंटी की आवाज़ सुनाई दी.

“इतनी रात गये ये फोन किस का बज रहा है” रज़िया बीबी ने सोचा और अपने बेटे ज़ाहिद के कमरे में दाखिल हो गई.



तो उस की नज़र सब से पहले अपनी बेटी शाज़िया के काले रंग के ब्रेज़ियर पर पड़ी. जो कि कमरे में रखे हुए ड्रॉयर में से बाहर निकल कर झूल रहा था.

शाज़िया ने मुरी जाने की तैयारी के दौरान अपने चन्द नये ब्रेजियर और पॅंटीस अपने साथ ले जाने के लिए निकली थी. मगर तेज़ी में शायद वो ड्रॉयर को बंद करना भूल गई थी.

"हाई लगता है मेरे बेटे ने अपनी बहन के इस्तेमाल के लिए बहुत प्यारे प्यारी और सेक्सी अंदर गारमेंट्स खरीदे हैं" अपनी सग़ी बेटी के सेक्सी ब्रेजियर को यूँ अपने सामने लटकते देख कर रज़िया बीबी के ज़हन में सोच आई. और उस की चूत हल्की हल्की सुलगने लगी.

रज़िया बीबी ने अपनी आप को संभाल और आगे बढ़ कर शाज़िया के ब्रेजियर को ड्रॉयर में वापिस रख दिया.

इसी दौरान रज़िया बीबी की नज़र टेबल पर रखे हुए अपनी बेटी शाज़िया के फोन पर पड़ी. जो शाज़िया मुर्री जाते वक्त जल्दी में साथ लेना भूल गई थी.

रज़िया बीबी के आने तक फोन की बेल बंद हो गई थी. शायद फोन करने वाले ने जवाब ना पा कर फोन की लाइन काट दी थी.

रज़िया बीबी ने फोन उठा कर स्क्रीन पर कॉल करने वाले का नंबर चेक किया.मगर उसे अंदाज़ा ना हो सका कि किस ने इतनी रात गये उस की बेटी को कॉल की थी.

शाज़िया के फोन को हाथ में पकड़े हुए रज़िया बीबी को ना जाने की सूझी. कि उस ने फोन की चार्जिंग केबल को अलग किया और अपनी बेटी का फोन ले कर अपने बिस्तर पर चली आई.

रज़िया बीबी अपने कमरे में वापिस आ कर अपने बेड पर लेट गई और अपनी बेटी शाज़िया के फोन को चेक करने लगी.

चूँकि शाज़िया ने कभी अपने फोन पर पासवर्ड नही लगाया हुआ था. इसीलिए कोई भी शक्स शाज़िया के फोन में माजूद कोई भी इन्फर्मेशन बहुत ही आसानी के साथ देख सकता था.

शाज़िया का फोन रज़िया बीबी के अपने फोन से काफ़ी मिलता जुलता था. इसीलिए रज़िया बीबी को अपनी बेटी के फोन की सेट्टिंग और सिस्टम समझने में कोई दिक्कत ना हुई.

रज़िया बीबी जानती थी कि उस का यूँ अपनी बेटी के फोन को चेक करना अच्छी बात नही.

मगर उस के बावजूद उस ने सब से पहले शाज़िया के फोन में मेसेज सेक्षन में जा कर अपनी बेटी के टेक्स्ट मसेज्स पढ़ना शुरू कर दिया.
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08-12-2019, 01:28 PM,
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शाज़िया को चूँकि अपने ज़्यादा तर टेक्स्ट मसेज्स एक बार पढ़ने के बाद डेलीट करने की आदत थी. इसीलिए रज़िया बीबी ने जितने भी टेक्स्ट पढ़े वो बस आम नोइयत के थे.

फोन के मसेज सेक्षन को बंद करने के बाद रज़िया बीबी के ज़हन में ख़याल आया. क़ि क्यों ना वो अपनी बेटी और बेटे की शादी पर उतारी गई फोटो और वीडियो को देखे.

ये सोच कर रज़िया बीबी ने फॉरन फोन में बना हुआ फोटो फोल्डर खोला. और शाज़िया, ज़ाहिद और नीलोफर, जमशेद की शादी की फोटो को एक एक कर कर देखने लगी.

शाज़िया ने अपने फोन में मुकतल्फ दिनो में खींची गई काफ़ी सारी फोटो और वीडियोस स्टोर की हुई थी. जिन्हे रज़िया बीबी बड़े गौर से देखने में मसरूफ़ थी.

फोटो देखते हुए रज़िया बीबी मोबाइल फोन की टच स्क्रीन पर अपने हाथ फेर कर स्क्रीन को आगे मूव करने में मसरूफ़ थी. कि इतने में एक फोटो रज़िया बीबी की आँखों के सामने आई.

ये फोटो देख कर ना सिर्फ़ रज़िया बीबी के हाथों के तोते उड़ गये. बल्कि इस तस्वीर को देखते ही रज़िया बीबी के जिस्म में से पसीना भी छूटने लगा.

ये फोटो किसी मर्द की थी जिस का चेहरा तस्वीर में नज़र नही आ रहा था.



इस फोटो में नज़र आने वाला ना मालूम मर्द ने अपने हाथ में एक निहायत मोटा और लंबा लंड थामा हुआ था.



और वो बहुत मज़े और जोश से अपने मोटे,बड़े और सख़्त लंड की मूठ लगाने में मसरूफ़ था.

“उफफफफफफफफ्फ़ में मर जाऊ, इत्नाआआअ बड़ाआाआआ और इतना मॉटाा ताज़ा लंडन्न्नन्न्नन्नन्न्न” अपनी बेवगी के इतने सालों बाद,रात की तन्हाई में, आज एक असली लंड की तस्वीर को यूँ अपनी आँखों के सामने अचानक देख कर रज़िया बीबी के मुँह से बे इख्तियार निकला. और मोबाइल फोन की स्क्रीन पर चलती हुई रज़िया बीबी की उंगली उधर ही रुक गई.

“ये किस की फोटो है और ये मेरी बेटी के फोन में क्यों है” मोबाइल फोन की स्क्रीन पर माजूद फोटो पर अपनी नज़रें जमाते हुए रज़िया बीबी सोचने में मसरूफ़ थी.

सोचते सोचते रज़िया बीबी के हाथ की उंगली बे इख्तियारि में फोन की स्क्रीन से टच हुई. तो एक और फोटो उस के सामने आ गई.



जिस में नीलोफर वो ही बड़ा और मोटा लंड अपने मुँह में ले के उस को मज़े से चूस रही थी. जिस लंड को देख कर एक ही लम्हे पहले रज़िया बीबी की आँखे फटी की फटी रह गई थी.

“ छी छी छीई ये नीलोफर कितनी गंदी है कि ये एक मर्द के लंड को अपने मुँह में इस तरह ले रही है तोबा तोबा” रज़िया बीबी ने कभी ख्वाब में भी चुदाई के इस तरीके के बारे में नही सोचा था. इसीलिए पहले पहल रज़िया बीबी को नीलोफर की ये हरकत देख कर नीलोफर पर गुस्सा आने लगा.

“ हाईईईईईईईईई मगर ये इतना ज़ालिम लंड है किस का, जिसे नीलोफर अपने मुँह में भर कर बड़े मज़े और स्वाद ले ले कर एक कुल्फि की तरह चूस रही है” नीलोफर को यूँ इतना बड़ा लंड अपने मुँह में भर कर सक करते देख कर रज़िया बीबी का तज्सोस भर गया.

रज़िया बीबी ने नेक्स्ट फोटो देखने के लिए जल्दी से अपनी उंगली को स्क्रीन पर फिराया.



तो सामने आने वाली फोटो में रज़िया बीबी को उस बड़े और मोटे ताज़े जवान लंड के मलिक की शकल नज़र आ गई. जिस लंड को देख कर रज़िया बीबी के जिस्म और चूत में चीटियाँ सी रैंगने लगी थी.

रज़िया बीबी ने देखा कि इस बड़े और मोटे ताज़े लंड का मलिक कोई और नही बल्कि उस का अपना सगा बेटा ज़ाहिद है.



“ओह ये तो मेरा अपना बेटा ज़ाहिद हाईईईईईईईईईईई” रज़िया बीबी के मुँह से निकला. और वो हैरत के साथ तस्वीर में, अपने बेटे ज़ाहिद को नीलोफर की चूत को चाटते हुए देखने लगी.

“हाईईइ नीलोफर तो नीलोफर ,मेरा बेटा भी इतना बे शरम हो गया है कि नीलोफर की पिशाब वाली जगह पर अपने मुँह को रख कर उसे इतनी बेशर्मी से चूस रहा है,उफफफफ्फ़ कितने गंदे हैं ये दोनो” अपने बेटे ज़ाहिद के मुँह को इस तरह नीलोफर की चूत से चिपका देख कर रज़िया बीबी को घिन आने लगी.

मगर इस के बावजूद उस ने एक लम्हे के लिए भी अपनी नज़रें अपने बेटे के लंड से नही हटाईं. और वो उसी तरह तस्वीर में नज़र आने वाले अपने बेटे के तने हुए लंड को इन्मिहक और गौर से देखती रही.

रज़िया बीबी की अपने ही सगे बेटे के तगड़े लंड को यूँ बिना झिझक के देखने की वजह ये थी.कि कल अपनी ही कोख से जनम लेने वाले अपने सगे बच्चो को आपस में शादी कर के एक हक़ीकत में बीवी की तरह अपनी सुहाग रात मनाने की इजाज़त देने के बाद. रज़िया बीबी तो पहले ही अपनी और अपने बच्चो के दरमियाँ माँ और औलाद के मुकद्दस रिश्ते की शर्म-ओ-हया के नाज़ुक धागे को तोड़ चुकी थी.

इसी लिए शायद अब अपने ही सगे बेटे के लंड का यूँ खुला खुला दीदार करने में रज़िया बीबी को किसी किस्म की शर्म महसूस नही हो रही थी.

“अछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तो ये ही वो फोटो हैं, जिन को दिखा कर नीलोफर ने ज़ाहिद और शाज़िया दोनो बहन भाई का आपस में जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करवाया था” नीलोफर और ज़ाहिद को एक दूसरे के जिस्म के नाज़ुक हिस्सो को इस कदर जोश और मस्ती से प्यार करते देख कर रज़िया बीबी ने सोचा.

“उफफफफफ्फ़ मेरे बेटे का लंड तो किसी भी गरम से गरम औरत की चूत की प्यास बुझाने की सलिहियत रखता है” अपने बेटे के मोटे,लंबे और सख़्त लंड को पहली बार अपनी नज़रों के सामने नंगा देखते हुए रज़िया बीबी सोचने लगी.

“हाईईईईईईईईईई मेरी अपनी सग़ी बेटी शाज़िया कितनी खुस नसीब है कि जिसे अपनी ही सगे भाई का इतना जबर्जश्त लंड नसीब हुआ है, जो उस की दो साल से प्यासी गरम फुद्दि की प्यास अब दिन रात बुझाने लगा है”ये सोचते सोचते रज़िया बीबी की च्ढ्ढी उस की अपनी चूत से निकलते हुए रस से गीली हो गई.

“हाईईईईई में ये क्या सोचने लगी हूँ, इस से पहले तो मेरे ज़हन में इस किसम के ख़यालात कभी नही उमड़े, में पहले तो कभी इतना बेचैन नही हुई,ये आज एक दम से इतनी आग केसे” रज़िया बीबी सोचने लगी.

असल में रज़िया बीबी ने अपनी शादी के दौरान और फिर अपनी बेवगी के इतने साल बाद भी कभी ख्वाब में भी अपने शोहर के अलावा किसी गैर मर्द के बड़े में सोचा तक ना था.

इसीलिए रज़िया बीबी को आज जब इतने बड़े और जवान लंड को यूँ अचानक दीदार का मोका मिला था. जो कि किसी आम मर्द का नही बल्कि उस के अपने सगे बेटे का लंड था.

तो उस लंड को देख कर रज़िया बीबी के जिस्म के साथ साथ उस के ख्यालात में भी एक अजीब सी तब्दीली आ रही थी.

रज़िया बीबी अपने दिल और ज़हन को संभालने की पूरी कोशिश कर रही थी. मगर अपने बेटे की नंगी तस्वीरो ने उस की चूत की हालत बुरी कर दी थी.



अपने बेटे के लंड को देखते हुए रज़िया बीबी ने बे इख्तियारि में अपनी पैंटी के अंदर हाथ डाला.तो उसे अंदाज़ा हुआ कि उस की फुद्दि अपने बेटे के मोटे और लंबे लंड की तस्वीर देख कर अपने ही पानी से बहुत भीग चुकी थी.
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08-12-2019, 01:28 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
रज़िया बीबी की सालों से खुसक फुद्दि को कल रात उस के अपने ही बेटा और बेटी की गरम सिसकियों और फिर अब अपने बेटे की चुदाई की फोटो ने उसे जिंदगी के इस मोड़ पर ला खड़ा किया था. जहाँ से रज़िया बीबी चाहने के बावजूद राहे-फरार इख्तियार नही कर पा रही थी.

ज़ाहिद का इतना बड़ा लंड अपनी नज़रों के सामने देख कर रज़िया बीबी के जिस्म में एक आग सी लग गई थी.

अपने सगे बेटे के जवान और बड़े लंड को देख कर रज़िया बीबी की जो हालत इस वक्त हो रही थी. शायद ये ही हालत देख कर किसी शायर ने इस पाकिस्तानी गाने के ये बोल लिखे थे कि,

“ये आज मुझ को क्या हुआ ला ला ला
अजीब सा सरूर है बदन नशे में चूर है
कहा सुना मेरा माफ़ करना
ये आज मुझ को क्या हुआ ला ला ला”

रज़िया बीबी का दिल-ओ-दिमाग़ तो उसे आगे बढ़ने से रोक रहा था. मगर उस की फुद्दि आज उस के दिमाग़ से उठने वाली किसी आवाज़ को सुनने पर राज़ी नही थी.

इसीलिए रज़िया बीबी ने अपनी पानी छोड़ती चूत के आगे हर मानते हुए अपनी पतली सी चड्धी और ब्रेज़ियर को उतार कर एक तरफ फेंका.


साथ ही रज़िया बीबी ने अपने पैरों को चौड़ा करते हुए बहुत प्यार से अपनी सॉफ सुथरी चूत के ऊपर अपने हाथ को फिराया. तो रज़िया बीबी के हाथ की दरमियानी उंगली उस की अपनी गीली चूत के दाने से छू गई.

“हाआआआआआआ” अपने हाथ से अपनी चूत के दाने को यूँ इतने सालों बाद छूते ही रज़िया बीबी सिसकार उठी.और रज़िया बीबी की उंगली उस की अपनी ही चूत के पानी से भीग गई.

रज़िया बीबी की चूत ने आज उसे इतना गरमा दिया कि उस के सोचने समझने की सारी शक्ति ख़तम हो गई और वो अपनी आँखे बंद कर कर अपनी चूत के दाने को अपने हाथ से मसल्ने लगी.

आज इतने सालों बाद अपनी ही फुद्दि से यूँ छेड़ छाड़ करने और अपनी फुद्दि के दाने को अपनी उंगली से रगड़ने में रज़िया बीबी को एक अजीब सा मज़ा आने लगा था.

अपनी चूत इत्नी ज़्यादा गीली होने की वजह से रज़िया बीबी को अपनी चूत के दाने पर अपनी उंगलियाँ फैरने में कोई दिक्क़त महसूस नही हो रही थी.और जैसे जैसे रज़िया बीबी को स्वाद आता गया, वैसे वैसे उस की रफ़्तार उस की फुद्दि के दाने पर बढ़ती गई.

रज़िया बीबी ने इस तरह की हरकत तो अपनी बेवगी के उन पहले सालों में भी नही की थी.जब वो अपने शोहर की ताज़ा ताज़ा मौत के बाद रात की तन्हाई में अपने जिस्म की आग के आगे मजबूर हो कर रोने भी लग जाती थी.

मगर आज उम्र के इस हिस्से में जब किसी औरत की जिस्मानी ख्वाहिशें मंद पड जाती है.

तब रज़िया बीबी के अपने ही सगे बेटे ने उस के जिस्म में दबी जिन्सी आग को इतना बढ़ावा दिया था. कि आज वो अपनी बेटी शाज़िया की तरह अपने ही हाथ से अपनी ही खुद लज़्जती पर उतर आई थी.

अपनी चूत के दाने को मसल्ते हुए रज़िया बीबी अब इतनी गरम हो चुकी थी कि उसे होश ही नही रहा था कि वो इस वक्त किधर पड़ी है और क्या कर रही है.



अपनी फुद्दि पर हाथ फिराते हुए रज़िया बीबी को न जाने की सूझा कि उस ने अचानक अपनी दो उंगलियों को अपनी गीली फुद्दि के अंदर घुसा दिया.

“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईईईईईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” अपनी बेवगी के इतने सालों बाद अपनी फुद्दि के बंद सुरकून के अंदर अपने ही हाथ की उंगलियों के लामास को पा कर रज़िया बीबी मज़े की शिद्दत से चिल्ला उठी.

अपनी गरम और प्यासी चूत से पहली बार खेलते खेलते रज़िया बीबी को कल वाला वाकिया याद आ गया. जब उस के भारी और मोटे मम्मे उस के अपने बेटे ज़ाहिद की जवान और सख़्त छाती से लग कर प्रेस हुए थे.ये सीन याद करते ही रज़िया बीबी के जिस्म में एक करंट सा दौड़ गया.

अपने बेटे का जवान जिस्म,चेहरा और उस का खड़ा हुआ सख़्त लंड ज्यों ही रज़िया बीबी की बंद आँखों के सामने ज़ाहिर हुआ. तो रज़िया बीबी को यूँ महसूस हुआ जैसे उस की अपने हाथ की उंगलियाँ नही. बल्कि उस के अपने सगे बेटे ज़ाहिद के हाथ की मोटी उंगलियाँ उस की फुद्दि की तह में जा कर उस की प्यासी चूत में आग लगा रही हैं.

“हाईईईई ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड” ज्यों ही रज़िया बीबी ने अपनी बंद आँखो से अपने ही बेटे के हाथ और लंड का अपने ज़हन में तसवोर किया. तो मज़े की शिद्दत से रज़िया बीबी फिर चिल्ला उठी.


रज़िया बीबी जानती थी कि आज वो अपने घर में बिल्कुल अकेली है इसीलिए उस ने अपने मूह से निकलने वाली आवाज़ को रोकने की कोई कोशिश भी नही की.

जिस वजह से उस के मुँह से निकलने वाली सिसकियों की आवाज़ उस के कमरे से निकल कर बाहर पूरे घर में गूंजने लगी थी.

“उफफफफफफफफ्फ़ आज क्या हो रहा था ये सब” रज़ाई बीबी एक लम्हे के लिए अपनी इस सोच से बाहर आई.


अपने बेटे के मोटे और तगड़े लंड का सोच कर अपने हाथ को अपनी फुद्दि पर पहली बार फेरते हुए रज़िया बीबी को समझ आ गई.कि उस की मोटी फुद्दि में लगी हुई आग की वजह सिर्फ़ और सिर्फ़ उस के अपने बेटे ज़ाहिद का जवान और सख़्त लंड है.

इसी लिए अपनी बेटी शाज़िया की तरह आज रज़िया बीबी पर भी उस के अपने ही सगे बेटे के जवान,मोटे और बड़े लंड ने ऐसा जादू किया था.कि रज़िया बीबी अपने होश-ओ-हवास गवाँ बैठी थी.

आज रज़िया बीबी के अपने सगे बेटे ने अपनी ही अम्मी के जिन्सी जज़्बात को इतना भड़का दिया था. कि रज़िया बीबी ने फॉरन अपनी आँखें बंद कीं और अपने बेटे के मोटे लंड को अपने ज़हन में दोहराते हुए अपनी चूत पर तेज़ी से अपने हाथ की उंगलियाँ घुमाने लगी.



“ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाईईईईईईईईईईईईईईई मेरे बेटे ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड” पानी बेटे के मुतलक सोचते सोचते रज़िया बीबी की उंगलियाँ अपनी चूत के अंदर और चूत के दाने पर लगातार घूमती हुई रज़िया बीबी को अपनी मंज़िल की तरफ ले जा रही थी.

“ज़ाहिद ज़ाहिद मेरे बेटे ज़ाहिद” अपनी चूत से खेलते हुए रज़िया बीबी बेचैनी से अपने बेटे ज़ाहिद को पुकार रही थी.
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08-12-2019, 01:28 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
रज़िया बीबी की चूत की गर्मी अपनी इंतिहा को पहुँच चुकी थी. जिस पर कंट्रोल करना अब रज़िया बीबी के बस की बात नही रही थी.

और फिर अपनी बेटी शाज़िया की तरह रज़िया बीबी भी अपने बेटे ज़ाहिद के नाम की माला जपती हुई आख़िर अपनी चूत का पानी अपने बेटे ज़ाहिद के मोटे और ताज़े लंड के लिए निकाल कर वो खलास हो गई.

आज यूँ इतने सालों बाद अपनी प्यासी और खुश्क फुददी का पानी अपने ही बेटे के नाम से छोड़ते हुए रज़िया बीबी को ना जाने क्यों ज़रा भी नदमत महसूस ना हुआ. और वो आज एक लंबे अरसे बाद अपनी फुद्दि का पानी अपने ही हाथ से निकाल कर के अपने आप को बहुत पुरसकून महसूस करने लगी थी.



अपने जिस्म में कल रात से उठने वाली आग को अपने ही हाथ से थोड़ा हलाक कर के रज़िया बीबी के चेहरे पर एक मुस्कराहट सी फैल गई.

रज़िया बीबी की खुशक फुद्दि में कल की लगी हुई आग हल्की तो ज़रूर हुई थी. मगर अपनी उम्र की इतनी ज़्यादा बहारें गुज़ार चूकने के बाद रज़िया बीबी ये बात बहुत अच्छी तरह जानती थी कि,

"लंड और चूत की आग
ऐसी आग है ग़ालिब
जो लगे ना लगे
और बजे ना बजे "

के इस शायर की तरह अब उस की फुद्दि में सुलगती हुई आग को सिर्फ़ और सिर्फ़ उस का अपना सगा बेटा ही अपने मोटे और बड़े लंड की तेज धार पानी से बुझा सकता था.

अपनी चूत का पानी छोड़ने के फॉरन बाद रज़िया बीबी अपने वजूद को हल्का महसूस करने लगी. जिस वजाही से उसे नींद ने अपने काबू में कर लिया.और वो “थक” कर अपने बिस्तर पर ढेर हो गई.

दूसरी सुबह अपनी नींद से बे दार होते ही रज़िया बीबी ने सब से पहले अपनी बेटी शाज़िया के फोन को उस के कमरे में उसी हालत में वापिस रख दिया. जिस हालत में शाज़िया उस को छोड़ कर मुर्री गई थी.

उधर दूसरी तरफ ज़ाहिद,शाज़िया, नीलोफर और जमशेद दोनो बहन भाई की जोड़ी ने उस रात मुर्री के होटेल में एक दूसरे को खूब चोद चोद कर अपने होने मुँह को बहुत यादगार बना दिया था.

दूसरे दिन जब दोनो कपल्स सुबह सो कर उठे. तो नाश्ते के बाद शाज़िया और नीलोफर ने मुर्री के माल रोड पर जा कर शॉपिंग करने का प्रोग्राम बना लिया.

माल रोड पर शॉपिंग करने के दौरान ही ज़ाहिद के फोन पर उस के पोलीस स्टेशन से कॉल आई.

जिस में ज़ाहिद को उस के एक साथी पोलीस ऑफीसर ने इतला दी. कि एसपी साब ने ज़ाहिद को जल्द आज़ जल्द झेलम वापिस आने और किसी केस के सिलसिले में मिलने का हुकम दिया है.

ज़ाहिद समेत सब का भी मुर्री के रोमॅंटिक महॉल से वापिस आने को दिल नही चाह रहा था. मगर कहते हैं ना कि “नोकरी की ते नखरा की”.

इसीलिए ज़ाहिद की नोकरी की मजबूरी के आगे सब को हर मानना पड़ी.और यूँ वो सब शाम के वक्त झेलम वापिस लॉट आए.

घर वापिस आते ही जमशेद और नीलोफर गली (स्ट्रीट) वाले दरवाज़े से घर की ऊपर की मंज़ल पर चले गये.

जब कि ज़ाहिद अपनी दुल्हन बहन को साथ ले कर अपने घर के निचले हिस्से में बने हुए अपने टीवी लाउन्ज में एंटर हुआ.

जिस वक्त ज़ाहिद और शाज़िया अपने टीवी लाउन्ज में आए. तो उस वक्त रज़िया बीबी बैठ कर टीवी पर लगी हुई एक इंडियन मूवी देख रही थी.

रज़िया बीबी ने कल की रात ना सिर्फ़ अपनी जिंदगी में पहली बार अपनी फुद्दि से खेला था.

बल्कि उस ने कल ही रात अपने ही सगे बेटे के नाम पर अपनी कई सालों से खुश्क और प्यासी फुद्दि का पानी भी पहली बार निकाला था.

अपनी इस हरकत पर रज़िया बीबी को ना तो उस वक्त कुछ ज़्यादा शरम महसूस हुई थी. और ना उस के बाद दूसरे दिन रज़िया बीबी ने अपने इस काम पर किसी किस्म की नदमत हुई थी.

मगर अब अपने जवान बेटे ज़ाहिद को अपने सामने अचानक माजूद पा कर रज़िया बीबी एक दम से घबरा गई.

इस की वजह ये थी कि अपनी बेटी शाज़िया की तरह रज़िया बीबी ने भी शायद ये महसूस कर लिया था. कि अपने किसी सगे रिश्ते के तसव्वुर को अपनी ख्वाबों की दुनिया में बसा कर उस के बारे में सोचना और अपने जिस्म से खेलना और बात है.

जब कि हक़ीकत में अपने इसी खूनी रिश्ते दार को देख कर अपने ज़हन में आने वाले खेल को पाई-आ-तकमेल तक पहुँचाना एक दूसरा मामला होता है.

इसी लिए अब जैसे ही रज़िया बीबी का अपने बेटे से सामना हुआ. तो रज़िया बीबी एक दम ज़ाहिद से अपनी नज़रें ऐसे चुराने लगी. जैसे ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के ख्यालात को पढ़ लिया हो.

या फिर रज़िया बीबी को ये डर लगा हुआ था. कि कहीं उस का बेटा ज़ाहिद उसे देखते ही ये अंदाज़ा ना लगा ले कि उस की अपनी सग़ी अम्मी कल रात उस के लंड के लिए गरम हो हो कर तड़पती रही है.

“तुम लोग बहुत जल्दी वापिस लौट आए ,ख़ैरियत तो है ना”ज़ाहिद चूँकि अपनी अम्मी को मुर्री दो राते रुकने का कह कर गया था. इसीलिए रज़िया बीबी को यूँ अचानक अपने बेटा और बेटी को वापिस घर में देख कर हैरत हुई और उस ने शरमाते और हिचकिचाते हुए पूछा.

“ख़ैरियत ही है अम्मी,असल में मुझे एसपी साब ने किसी काम के सिलसिले में वापिस बुलाया है” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के लहजे और जिस्म में आती हुई हिचकिचाहट को मसोस नही किया. और अपनी अम्मी को ये जवाब देता हुआ ज़ाहिद अपने कमरे में अपनी एक फाइल लेने चला गया.
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08-12-2019, 01:28 PM,
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रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को अपने कमरे की तरह जाता देख कर सकून का एक साँस लिया.

क्यों कि रज़िया बीबी महसूस किया था. कि अपने बेटे ज़ाहिद को देखते ही उस का दिल ऐसे धक धक करने लगा है.

जैसे किसी सोला साला लड़की के दिल की धड़कन पहली बार अपने महबूब को देख कर बे काबू हो जाती हैं.

साथ ही साथ रज़िया बीबी को ऐसे लगा कि ज़ाहिद को देखते ही ना सिर्फ़ उस के दिल में एक हलचल मच उठी थी.

बलकि नीचे से उस की शलवार में छुपी हुई उस की प्यासी फुद्दि में पैदा होती हुई आग का शोला फिर से थोड़ा थोड़ा दहकने लगा था.

इसी लिए ज़ाहिद को अपनी नज़रों से ओझल होता देख कर रज़िया बीबी ने अपने आप को संभाला और अब अपने सामने खड़ी हुई अपनी बेटी की तरफ मतवजह हुई.

“शाज़िया इधर आ कर मेरे पास बैठो मेरी बच्ची” ज़ाहिद के अपने कमरे में जाने के बाद रज़िया बीबी ने अपने आप पर काबू पाते हुए अपनी बेटी शाज़िया को अपने साथ सोफे पर बैठने का कहा.

“अम्मी आप सुनाए, हमारे बगैर आप की रात केसी गुज़री” शाज़िया ने अपनी अम्मी के पास सोफे पर बैठते हुए उन से पूछा.

“मेरी बात छोड़ो मेरी रात तो जैसे तैसे गुज़र ही गई, मगर तुम बताओ तुम्हारा हनीमून कैसा रहा अपने भाई के साथ, मेरी बच्ची” रज़िया बीबी शाज़िया को पास बैठते ही उस के गले में अपनी बाहें डाल कर प्यार से अपनी बेटी को छेड़ा.

“अम्मी आप भी ना” शाज़िया अपनी अम्मी के इस डाइरेक्ट सवाल पर शरमा गई.

इतनी देर में ज़ाहिद अपने कमरे से निकला. और अपनी अम्मी और बहन को खुदा हाफ़िज़ कहता हुआ घर से बाहर चला गया.

“हाईईईईईईईईईई एक तो तुम अपने ही भाई के साथ हनीमून मना कर आई हो,और ऊपर से इतना शरमा भी रही हो, वाहह क्या बात है ” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के जाते ही फिर से अपनी बेटी को छेड़ते हुए कहा.

“अच्छा अम्मी अगर आप ने मुझे इसी तरह शर्मिंदा करना है तो में अपने रूम में चली जाती हूँ” ये कहते हुए शाज़िया सोफे से उठी और अपने पुराने कमरे की तरफ चल पड़ी.

इस के बावजूद कि शाज़िया ने अपनी अम्मी की रज़ा मंदी के साथ ही अपने भाई के साथ अपनी सुहाग रात मनाई थी.

फिर दूसरी सुबह उस की अम्मी ने ना सिर्फ़ शाज़िया को अपनी बहू की हैसियत से कबूल करते हुए उसे प्यार किया था. बल्कि साथ ही साथ रज़िया बीबी ने अपने ही सगे बेटे ज़ाहिद को भी अपने दामाद का दर्जा दे दिया था.

लेकिन ये सब कुछ हो जाने के बावजूद शाज़िया अभी तक अपनी अम्मी के मुँह से अपनी चुदाई के ज़िक्र और छेड़ छाड़ पर शरम महसूस कर रही थी.

असल में शाज़िया को पता था कि इस तरह के मज़ाक अक्सर लड़कियाँ सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी सहेलियों से ही करती हैं.

जब कि शाज़िया अभी तक अपनी अम्मी को एक सहेली नही बल्कि सिर्फ़ एक माँ के रिश्ते से ही देख रही थी.

इसी लिए शाज़िया अपनी अम्मी से अपनी और अपने भाई ज़ाहिद की चुदाई की बात करते हुए झिझकति थी.

"उस तरफ कहाँ जा रही हो शाज़िया" रज़िया बीबी ने जब अपनी बेटी को उस के पुराने कमरे की तरफ जाता देखा.तो उस ने शाज़िया को आवाज़ दी.

"मैं अपने कमरे में जा रही हूँ अम्मी" अपनी अम्मी की आवाज़ सुन कर शाज़िया पलटी और उस ने रज़िया बीबी को जवाब दिया.

“शाज़िया जब तुम अपने भाई ज़ाहिद की बीवी बन गई हो, तो अपने भाई की बीवी बन कर तुम उसी के कमरे में रहो गी ना, अब तुम्हारा अपने पुराने कमरे में क्या काम, मेरी बच्ची” रज़िया बीबी ने अपनी बेटी शाज़िया की बात के जवाब में उसे कहा

अपनी अम्मी के मुँह से अपने ही सगे भाई की बीवी कहे जाने पर शाज़िया की चूत में भी एक अजीब से आग भड़क उठी और उस ने सर उठा कर अपनी अम्मी की तरफ देखा.
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08-12-2019, 01:29 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
जब दोनो माँ बेटी की नज़रें आपस में मिलीं तो दोनो के होंठो पर एक मुस्कराहट फैल गई.

“अम्मी ने बात तो सही कही है, अब तो मुझे वाकई ही अपने भाई की बीवी की हैसियत से अपने भाई के साथ उसी के कमरे में रहना है.और अपने ही भाई की बीवी की हैसियत से भाई के बिस्तर को हर रोज़ गरम भी करना है” ये ही सोच सोचती हुई शाज़िया अपने भाई ज़ाहिद के कमरे की तरफ चल पड़ी. ये वो ही कमरा था जहाँ शाज़िया ने अपने ही भाई के साथ अपनी सुहाग रात बसर मना कर अपने ही सगे भाई के साथ मियाँ बीवी का रिश्ता कायम किया था.

“हाईईईईईईई मेरा बेटा अपनी बहन के इस मस्त जिस्म को देख कर उस का दीवाना बन गया है" अपनी बेटी शाज़िया को अपनी भारी गान्ड की पहाड़ियाँ हिला हिला कर अपने भाई के कमरे की तरफ जाता देख कर रज़िया बीबी ने अपने दिल में सोचा.

"वैसे देखा जाए तो शाज़िया तो अपने जिस्म और शकल से तो हू बहू मेरी ही कॉपी है,अगर ज़ाहिद को अपनी माँ की कॉपी वाली बहन का बदन बहा सकता है, तो हो सकता है कि मेरा बेटा जल्द ही अपनी अम्मी के असल जिस्म का भी आशिक़ बन जाए" रज़िया बीबी ने अपने और अपनी बेटी शाज़िया के भारी जिस्मो का अपने ज़हन में कॉंपर्रिज़न करते हुए अपने आप से कहा.और शलवार के ऊपर से अपनी मोटी चूत पर हाथ रख कर अपनी चूत को खुजलाने लगी.

कुछ देर बाद शाज़िया कमरे से अपने कपड़े चेंज कर के लॉटी और किचन में मसरूफ़ हो गई.

फिर रात गये रज़िया बीबी और शाज़िया अपने घर के काम काज निपटा कर अपने अपने कमरों में सोने के लिए चली गईं.

आज भी रज़िया बीबी की नींद उस से आँख मिचोली खेलने में मसरूफ़ थी. जिस वजह से वो अपने बिस्तर पर लेटी करवटें बदल रही थी.

रात के तक़रीब 12 बजे के बाद रज़िया बीबी को घर का गेट खुलने और बंद होने की आवाज़ सुन कर अंदाज़ा हुआ कि ज़ाहिद अभी घर वापिस लोटा है.

“हाईईईईईईईईईईई आब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब मेरा बेटा अपने कमरे में जा कर अपनी सोई हुई बहन की टाँगे उठा कर उस की फुद्दि में अपना मोटा और बड़ा लंड पेलेगा” ज़ाहिद के घर में वापिस दाखिल होने की आवाज़ पर रज़िया बीबी गरम हो कर सोचने लगी.और उस ने उंगली से अपनी फुद्दि को छुआ.

इतनी देर में रज़िया बीबी को ज़ाहिद के कदमो की आवाज़ आई जो अपनी अम्मी के कमरे के पास से गुज़रता हुआ अपने कमरे की तरफ जा रहा था.

ज़ाहिद के अपने कमरे में जाने के बाद भी रज़िया बीबी कुछ देर यूँ ही बिस्तर पर लेटी कुछ सोचती रही.

“क्यों ना में जा कर ज़ाहिद के कमरे की खिड़की से देखने की कॉसिश करूँ कि मेरा बेटा किस तरह अपनी बहन की चूत को चोदता है” रज़िया बीबी के ज़हन में ख्याल आया.

“न्हाईईइ ये ग़लत काम है मुझे ऐसे नही करना चाहिए” रज़िया बीबी ने अपने ज़हन में आते हुए ख्याल को रुड करते हुए अपने आप को समझिया.

“हन्ंननणणन् मुझे ज़रूर देखना चाहिए कि ज़ाहिद किस तरह अपनी बहन की चूत में अपना मोटा और लंबा लंड डाल कर अपनी बहन की गरम फुद्दि की तसल्ली करता है” रज़िया बीबी ने फिर सोचा.

इस वक्त रज़िया बीबी के ज़हन में ये ही जंग जारी थी कि वो अपने बच्चो के कमरे के बाहर जा कर उन को आपस मे चुदाई करते देखे या ना देखे.

रज़िया बीबी की इन सोचो के दौरान उस की चूत काफ़ी गरम हो कर उसे अपने बिस्तर से उठ कर अपने बेटे ज़ाहिद के मोटे लंड का दीदार करने पर मजबूर कर रही थी.

फिर आख़िर कार रज़िया बीबी ने अपनी प्यासी चूत के आगे हर मान ली. और वो रात के अंधेरे में अपने बिस्तर से उठ कर दबे कदमों के साथ ज़ाहिद के कमरे की तरफ चल पड़ी.
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08-12-2019, 01:29 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
ज़ाहिद के कमरे की विंडो के पास खड़े हो कर रज़िया बीबी ने कमरे के अंदर का जायज़ा लेने की कॉसिश की.

मगर एक तो खिड़की पर पड़ा हुआ परदा मुकम्मल तौर पर बंद था. दूसरा कमरे की लाइट भी बंद थी. जिस वजह रज़िया बीबी अपने बेटे ज़ाहिद के कमरे में कुछ भी देखने से वंचित थी.

ज़ाहिद के कमरे की खिड़की से कमरे में झाँकने की कोशिश के दौरान रज़िया बीबी के जिस्म से पसीना छूटने लगा था. क्यों कि रज़िया बीबी को ये ख़ौफ़ भी था कि अगर ज़ाहिद या शाज़िया किसी वजह से कमरे से बाहर आए तो कहीं उस की चोरी पकड़ी ना जाए.

कमरे के बाहर खड़े हो कर रज़िया बीबी ने कमरे के अंदर किसी किस्म की आवाज़ सुनने की भी कोशिश की. ताकि आवाज़ से उसे अंदाज़ा हो सके कि उस का बेटा ज़ाहिद अपनी बहन शाज़िया की फुद्दि लेने में मसरूफ़ है या नही.

मगर कमरे में मुकम्मल तौर पर खामोशी होने की वजह से रज़िया बीबी को अंदाज़ा हो गया. कि शायद आज उस के बच्चे कुछ किए बिना ही सो गये हैं.

इस बात का अंदाज़ा होने और अपने बच्चो की लाइव चुदाई ना देख पाने पर रज़िया बीबी को काफ़ी मायूसी हुई.और रज़िया बीबी ने मज़ीद उधर रुकना मुनासिब ना समझा और वापिस अपने कमरे में चली आई.

उस रात के बाद भी रज़िया बीबी ने दो तीन दफ़ा रात को उठ कर ज़ाहिद के कमरे में देखने की ट्राइ की.

मगर हर दफ़ा खिड़की कर परदा पूरी तरह बंद होने की वजह से रज़िया बीबी की किस्मत ने उस का साथ नही दिया.तो थक हार कर रज़िया बीबी ने अपने बेटा और बेटी की चुदाई देखने का ख्याल दिल से निकाल दिया.

इस दौरान रज़िया बीबी ने अपने जज़्बात को पर काबू पाते हुए अपने ज़हन और जिस्म पर भी थोड़ा कंट्रोल हासिल कर लिया था.

इसीलिए अब उस की चूत उसे अपने बेटे के लंड के लिए इतना परेशान नही कर रही थी.

फिर एक हफ्ते बाद एक रात प्यास के मारे रज़िया बीबी की आँख खुली.तो वो पानी पीने किचन की तरफ आई.

किचन से पानी पी कर रज़िया बीबी अपने बच्चो के कमरे के पास से गुज़री. तो रज़िया बीबी को अपने बेटे ज़ाहिद की आवाज़ कानो में सुनाई दी. जिस से रज़िया बीबी को अंदाज़ा हो गया कि उस के बच्चे घर वापिस लौट आए हैं.

असल में ज़ाहिद और शाज़िया आज झेलम रिवर पर वाकई एक मशहूर रेस्टोरेंट ट्यूलिप में एक शादी में शिकरत करने गये थे. और वो कुछ देर पहले ही अपने घर वापिस पहुँचे थे.

अपने बेटे की आवाज़ सुनते ही रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के कमरे की खिड़की पर नज़र डाली.तो उस ने देखा कि ज़ाहिद के कमरे की खिड़की पर लगे हुए पर्दे में आज कुछ गॅप था.

“हाईईईईईई शायद आज मेरी किस्मत मेरा साथ दे और मुझे अपने बेटा और बेटी की चुदाई का कोई सीन देखने को मिल ही जाय” कमरे के पर्दे का ये गॅप देख कर रज़िया बीबी ने सोचा. और उस के अपने कमरे की तरफ जाते हुए कदम रुक गये.

इस वक्त रज़िया बीबी अपने घर के कॉरिडर में जिस जगह खड़ी थी. उधर बल्ब की रोशनी काफ़ी कम थी.

जब कि ज़ाहिद के कमरे में ट्यूब लाइट ऑन होने की वजह से बाहर से खड़े हो कर कमरे के अंदर का मंज़र तो ब आसानी देखा जा सकता था. मगर कमरे में माजूद किसी फराद को ये अंदाज़ा नही हो सकता था. कि कोई कमरे के बाहर से अंदर झाँक रहा है.

कमरे की खिड़की से ज्यों ही रज़िया बीबी ने कमरे के अंदर निगाह डाली. तो अंदर का मंज़र देखते ही ना सिर्फ़ रज़िया बीबी की आँखे खुली की खुली रह गईं. बल्कि उस के जिस्म में चीटियाँ सी रेगने लगीं.

कमरे का मंज़र देख कर रज़िया बीबी की साँसे तेज होने लगीं और उसे अपनी चूत गीली होती हुई महसूस होने लगी थी.

इस वक्त कमरे के अंदर का मंज़र कुछ यूँ था. कि शाज़िया जो कि अपनी शलवार से महरूम इस वक्त सिर्फ़ अपनी कमीज़ में मलबोस और सर पर अपना दुपट्टा ओढ़े हुए अपने कमरे के ड्रेसिंग टेबल के सामने झुकते हुए “घोड़ी” बन कर खड़ी थी.

जब कि ज़ाहिद इस वक्त अपनी बहन शाज़िया के पीछे खड़ा था.

ज़ाहिद भी इस वक्त सिर्फ़ अपनी कमीज़ पहने हुए था. जब कि अपनी बहन शाज़िया की तरह ज़ाहिद का जिस्म भी नीचे से आधा नंगा था.

चूँके ज़ाहिद और शाज़िया ने अपनी अपनी कमीज़ अभी तक पहनी हुई थी. इस वजह से रज़िया बीबी को अपने दोनो बच्चो के जिस्मो के पोषीदा आज़ा (लंड और चूत) तो अभी नही दिखाई दे रहे थे.



मगर जिस स्टाइल में ज़ाहिद इस वक्त घोड़ी बनी हुई अपनी बहन के कंधे पर हाथ रख कर पीछे से हिल रहा था.

इस अंदाज़ में किसी अंधे को भी ये देख कर सॉफ अंदाज़ा हो सकता था. कि इस वक्त ज़ाहिद अपनी बहन की चूत में ज़ोर ज़ोर से अपना मोटा लंड फेर रहा है.
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08-12-2019, 01:29 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
“आआहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊओफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उईईईईईईइमाआआआआआआ भाईईईईईईईईईईईई आप तो बहुत ही बे सबरे हैं, मुझे कपड़े तो उतार लेने देते आप” अपने भाई की ज़ोर दार चुदाई की वजह से शाज़िया के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी.

“उफफफफफफफफ्फ़ शाज़िया,तुम इन कपड़ों में आज इतनी प्यारी लग रही थी,कि अगर मेरा बस चलता तो में तुम को ट्यूलिप में ही पकड़ कर चोद देता मेरी जान,मेरी बीवी”ज़ाहिद मज़ीद ज़ोर ज़ोर से झटके मारते हुए बोला.

“उफफफफफफफ्फ़ भाई मुझे एक मिनट के लिए अपनी कमीज़ और ज्यूयेल्री को उतारने का मोका तो दो ना” शाज़िया ने अपने हाथ को पीछे ले जा कर अपनी गान्ड से चिपके हुए अपने भाई ज़ाहिद को धक्का दिया. तो ज़ाहिद खुद ही अपनी बहन के जिस्म से पीछे हट गया.

ज़ाहिद के पीछे से हटते ही शाज़िया निढाल हो कर ड्रेसिंग टेबल पर गिर पड़ी और लंबे लंबे सांस लेने लगी.

शाज़िया से परे होते ही ज़ाहिद का लंड भी उस की बहन की फुद्दि से स्लिप हो कर बाहर तो निकल आया था. मगर कमीज़ पहने होने की वजह से रज़िया बीबी अभी तक अपने बेटे का लंड देखने से महरूम थी.

शाज़िया के जिस्म से अलग होते ही ज़ाहिद अपने बिस्तर की तरह चल पड़ा और बिस्तर तक पहुँचते पहुँचते ज़ाहिद ने अपनी कमीज़ उतार कर कमरे के फर्श पर फैंक दी.

ज़ाहिद के कमीज़ उतारते ही कमरे की ट्यूब लाइट की रोशनी में उस का लंड बाहर से झाँकती हुई उस की अम्मी रज़िया बीबी के सामने नुमाया हो गया.

ज़ाहिद का लंड इस वक्त एक खंबे की तरह तन कर ऊपर की तरह खड़ा था.

शाज़िया की फुद्दि के सफेद पानी से ज़ाहिद का लंड इस वक्त इतना तर हो चुका था.कि ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी कमीज़ उतार कर बिस्तर की तरफ दो कदम बढ़ाए. तो उस के लंड पर लगा हुआ उस की बहन की चूत का पानी बारिश की बूँदों की तरह “टॅप टॅप” करता कमरे के फर्श पर गिरने लगा था.

अपनी जवानी में चुदाई के दौरान रज़िया बीबी की चूत भी गरम हो कर बहुत पानी छोड़ती थी.

इसीलिए अपने बेटे के लंड पर लगे हुए अपनी ही सग़ी बेटी के पानी की मिक्चर देख कर रज़िया बीबी को अंदाज़ा हुआ. कि उस की तरह उस की बेटी शाज़िया की चूत से निकलने वाला पानी भी बहुत ज़्यादा और गाढ़ा (थिक) है.

जो कि इस बात की निशानी थी. कि अपनी अम्मी की तरह शाज़िया की चूत में भी बहुत ज़्यादा आग मौजूद है.

“उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्याआअ मोटा ताज़ा लंड है मेरे बेटे का, वैसे मेरे बेटे का ये बड़ा ही लंड सही मायनो में मेरी बेटी की गरम और प्यासी चूत का हक दार हाईईईईईईईई” अपनी ही बेटी की चूत के पानी से भीगे हुए अपने सगे बेटे के लंड का साइज़ देख कर रज़िया बीबी के बदन में एक सुर्राहट हुई. और उस का अपना एक हाथ खुद ब खुद आगे बढ़ता हुआ शलवार के ऊपर से उस की फुद्दि तक जा पहुँचा.

“ओह” अपनी फुद्दि पर अपना हाथ रखते ही रज़िया बीबी ने सिसकारी ली और उस ने अपने होंठो को आपस में भींच लिया. ताकि उस के मुँह से निकलने वाली सिसकारी को अंदर कमरे में माजूद ज़ाहिद या शाजिया कहीं सुन ना ले.

पहले अपने बेटे को अपनी ही बहन की चुदाई करते देख कर और अब अपने बेटे का जवान और मोटा ताज़ा बड़ा लंड पूरा नंगा देख कर रज़िया बीबी की चूत में अपने ही बेटे के लंड की तलब जाग उठी. और वो ज़ाहिद के लंड को भूकि नज़रों से देखती आहिस्ता आहिस्ता अपनी चूत को शलवार के ऊपर से रगड़ने लगी.

इधर कमरे के बाहर खड़ी रज़िया बीबी ने ज्यों ही अपनी चूत रगड़ाई का खेल स्टार्ट किया.

तो दूसरी तरफ इतनी देर में ज़ाहिद ने अपने बिस्तर पर लेट कर अपने जिस्म पर एक चादर ओढ़ ली.और वो बिस्तर पर लेट कर ड्रेसिंग टेबल कर सामने खड़ी हुई शाज़िया को अपनी ज्वेलरी और मेक अप को उतारते देखने लगा.

“जल्दी कर शाज़िया, मुझ से अब और बर्दास्त नही हो रहा, मेने आज तुम्हें पूरी रात चोदना है मेरी जान” ज़ाहिद से जब मज़ीद इंतिज़ार ना हुआ. तो उस ने बिस्तर की चादर हटा कर अपनी बहन की चूत के पानी से तर लंड को फिर से अपनी बहन के सामने करते हुए कहा.



“अच्छा बाबा आ रही हूँ, वैसे आप ने तो अभी से मेरा बुरा हाल कर दिया है, रात भर में तो पता नही आप मेरा क्या हाल करोगे भाई” शाज़िया ने बिस्तर पर लेटे हुए अपने भाई की तरफ देखा और बोली.साथ ही साथ ये कहते हुए शाज़िया ने अपनी कमीज़ उतारी और आहिस्ता आहिस्ता चलती हुई बिस्तर पर लेटे हुए अपने भाई की तरफ चली गई.

“अऊूऊ और आ कर अपने इस असली शोहर को प्यार करो मेरी जान” ज्यों ही शाज़िया अपने भाई के बिस्तर के पास आई. तो ज़ाहिद ने अपने खड़े हुए लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा.

“उफफफफफफ्फ़ भाई मैं तो खुद अपनी चूत के इस असली मालिक को प्यार करने के लिए तरस रही हूँ” शाज़िया ने अपने भाई के मोटे लंड को जो उसके हाथ में था देखा और सिसक कर बोली.

फिर रज़िया बीबी के देखते ही देखते शाज़िया ने अपनी ही चूत के पानी से तर अपने भाई के बड़े लंड को अपने मुँह में लिया. और बहुत मज़े से अपने भाई के लंड पर लगी हुई अपनी ही मनी को अपनी ज़ुबान से चाट चाट कर सॉफ करने लगी.
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08-12-2019, 01:29 PM,
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
शाज़िया अपने भाई के लंड को अपने मुँह में अंदर बाहर कर रही थी. मगर ज़ाहिद का लंड इतना बड़ा और मोटा था.कि कोशिस के बावजूद ज़ाहिद का लंड शाज़िया के मुँह में पूरा नही जा रहा था.

रज़िया बीबी ने जब कमरे के अंदर अपनी बेटी को यूँ अपने ही बेटे के लंड को अपने मुँह में भर कर उसे किसी लॉली पोप की तरह चूस्ते देखा. तो बाहर खड़ी हुई रज़िया बीबी की फुद्दि में लगी आग एक दम भड़क उठी.

रज़िया बीबी ने जोश में आते हुए अपनी शलवार का नाडा खोला. तो उस की शलवार जिस्म से अलग हो कर नीचे फर्श पर गिर गई.

“हाईईईईईईईईईई में कबब्ब्बबब अपने बेटे के इस मोटे लंड को अपने मुँह में भर कर इसे यूँ प्यार कर पाऊँ गीईईईईइ” अपनी शलवार को उतरते ही रज़िया बीबी ने एक दम से अपने हाथ की एक उंगली को अपनी चूत के अंदर डाला और ही उंगली से अपनी चूत को चोदने लगी.

)

उधर शाज़िया अपने भाई के लंड को इतने प्यार और जोश से चूस रही थी. कि मज़े के मारे ज़ाहिद की सिसकियाँ पूरे कमरे में फैल रही थी.“आआहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उऊहह ओह ऊओफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ फ आआआआआआहह”.

“अब मेरे लंड को सक करना बंद करो और आ कर मेरे लंड पर बैठ जाओ मेरी जान” थोड़ी देर अपनी बहन से अपने लंड की चुसाइ लगवाने के बाद ज़ाहिद ने शाज़िया को रुकने का कहा.

अपने भाई की बात सुन कर शाज़िया ने ज़ाहिद के लंड को अपने मुँह से निकाला. और फिर बिस्तर पर लेटे हुए अपने भाई के जिस्म पर चढ़ कर बैठ गई.

शाज़िया के इस तरह बैठने से ज़ाहिद का लंड नीचे से अपनी बहन की चुतड़ों से टकराया.

शाज़िया की चूत ज़ाहिद के लंड से चुद चुद कर अपने भाई के लंड से इतनी आशना हो चुकी थी. कि “खुल जा सिम सिम” वाले मंतर की तरह शाज़िया की चूत का मुँह अपने आप अपने भाई के लंड के लिए खुलता चला गया.



ज़ाहिद ने बिस्तर पर लेटे लेटे अपने जिस्म को नीचे से ऊपर की तरह एक हल्का सा दिखा दिया. तो उस का मोटा लंड बहुत आसानी के साथ अपनी बहन की प्यासी फुद्दि के मुँह को खोलता हुआ अंदर जा कर फँस गया.

ज़ाहिद ने अपनी बहन की चूत में नीचे से लंड डाल कर अपने लंड को हल्का सा बाहर खैंचा और फिर तेज धक्का दिया.

“हाइयाय भाईईईईईईईईईईईईई,मार डालोगे क्या,आज ही सब करना है ? उफफफफफफफफफ्फ़ “शाज़िया अपने भाई के जबर्जस्त धक्के से उछल पड़ी.

अपनी बहन की फुद्दि में अपना लंड डाल कर ज़ाहिद नीचे से अपनी बहन की चूत में झटके मारने लगा.

“ऊवू क्यों करू मेरी जान तुम्हारे इस खूबसूरत बदन और तुम्हारी प्यासी चूत ने तो मुझे पागल कर के रख दिया हाईईईईईईईईईई” ज़ाहिद ने हल्के से लंड को थोड़ा बाहर खींचा और फिर ज़ोर से अपनी बहन की चूत में अपना लंड घुसा दिया.

ज़ाहिद ज़ोर और जोश से अपनी बहन की चूत मारने लगा. उस के झटके इतने ज़ोरदार थे. कि इन झटकों की वजह से अपने भाई के लंड पर बैठी शाज़िया अब ज़ाहिद के लंड पर काफ़ी ऊँचा उछल रही थी. और साथ ही साथ अपने मुँह से ”अया,ऊहह, उूुुउऊफ़, आहिस्ताआआ” की आवाज़े निकाल रही थी.

इस तरह पानी भाई के लंड पर उछलने की वजह से शाज़िया के फुट बॉल जैसे बड़े बड़े मम्मे इस बुरी तरहा से हिल रहे थे.

जो कि बाहर से अपने बच्चो की चुदाई का नज़ारा देखने वाली उन्हे उन की अम्मी रज़िया बीबी को बहुत अच्छे लग रहे थे.

रज़िया बीबी अपनी ज़िंदगी में पहली बार कोई लाइव चुदाई देख रही थी. और इस चुदाई में मसरूफ़ इंसान कोई और नही बल्कि उस के अपने सगे बेटा और बेटी थे. जो ज़ोर दार तरीके से कमरे के बिस्तर पर अपनी चुदाई में मसगूल थे.

अपने बच्चो की इस मज़ेदार चुदाई को देख कर रज़िया बीबी भी जोश में आते हुए अपनी चूत को रगड़ रही थी. और अपने सगे बेटा और बेटी की चुदाई के लाइव शो से पूरी तरह मदहोश हो रही थी.

“ओह ज़ाहिद मुझे कब अपने इस जवान लंड की सवारी का मोका दोगे मेरे बच्चेययययययी”अपनी बेटी को अपने बेटे के लंड पर बैठ कर इस तरह मज़े से चुदवाते देखते हुए रज़िया बीबी दिल भी ये चाह रहा था. के काश वो भी इसी तरह अपने बेटे ज़ाहिद के लंड पर बैठ कर उस से अपनी गरम फुद्दि को चुदवाये.

रज़िया बीबी की नज़रें अपने बेटे के लंड पर जमी थी. और वो शाज़िया की चूत में जाते हुए अपने बेटे के मोटे और तगड़े लंड से ताल से ताल मिला कर अपनी फुद्दि को भी अब उसी तेज़ी से रगड़ रही थी. जिस तेज़ी से ज़ाहिद अपनी बहन की चूत में अपना लंड पेल रहा था.

शाज़िया की चुदाई करते हुए ज़ाहिद को अब काफ़ी देर हो चुकी थी. और इस दौरान शाज़िया अपने भाई के लंड पर दो दफ़ा बार फारिग हो चुकी थी. मगर ज़ाहिद ने अभी तक एक दफ़ा भी अपने लंड का पानी नही छोड़ा था.

फिर कुछ देर और तेज़ी से झटके मारते हुए ज़ाहिद एक दम चीखा“ओह में अपने बच्चे का बीज तुम्हारी फुद्दि में डालने जा रहा हूँ मेरी बहन”.

ये कहते ज़ाहिद ने अपने पूरे लंड को जड तक शाज़िया की चूत की गहराई में डाल कर उस की कमर को कस कर जकड लिया.

ज़ाहिद के लंड से उस के वीर्य का फव्वारा छूटा तो शाज़िया की चूत में एक सैलाब आ गया.

ज़ाहिद के लंड की पिचकारी की गरमी इतनी शदीद थी.कि इस गर्मी की वजह से शाज़िया की चूत में एक आग सी लग गई और वो एक बार फिर अपने भाई के लंड पर अपनी चूत का पानी खारिज करने लगी.

दोनो बहन भाई के लंड और चूत का पानी आपस में मिक्स हो कर शाज़िया की चूत से निकल कर ज़ाहिद की टाँगों के दरमियाँ से बहता हुआ बिस्तर की चादर पर टपकने लगा था.

अपने बेटा और बेटी की इस गरम चुदाई को देख कर रज़िया बीबी भी मज़े से बे हाल हो गई. और उस ने भी अपनी चूत को रगड़ते हुए अपने बच्चो के साथ साथ अपने हाथ से अपनी चूत का पानी निकाल दिया.
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