Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 01:35 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
चल अभी आजा तो मैं चुपचाप स्कूटर पे बैठ गया और वो थोड़ी देर बाद हम घर आ गये मैं सोफे पर बैठ गया पापा आए और बोले बेटे क्या बात है तो मैने कहा पापा मम्मी ने मेरा पुराना सामान जला दिया बस वो ही तो था मेरे पास मेरी यादे थी उसमे सभी पुराने दोस्तो की तस्वीरे थी मैं जैसे रोने को आ गया तो उन्होने कहा कि बेटा देख अब जो हो गया वो वापिस तो नही हो सकता पर मैं वादा करता हू आगे से तेरी मर्ज़ी के बिना तेरे किसी भी सामान को कोई घर वाला नही छुए गा चल अभी आजा खाना खाते है देख सब कुछ तेरी ही पसंद का बनाया है मेरा मूड नही था पर मैने उनको मना नही किया खाना खाते खाते मैने पूछा कि चाची दिखाई नही दे रही है तो पता चला कि वो अपने मायके गयी हुई है और कुछ दिनो मे लौट आएँगी खाने के बाद मैं अपने कमरे मे गया और अपनी डायरी मे आज की घटनाओ को उतारने लगा

अगले दिन मैं जल्दी ही उठ गया मैं पापा के पास गया और कहा कि अगर आप कहे तो मैं एक बाइक खरीद लू तो उहोने कहा कि बोल कितने पैसे चाहिए तो मैने कहा कि पापा अभी पैसो की चिंता नही है तो वो बोले ठीक है खरीद लियो तो मैं बोला मैं तैयार हो जाता हू आप मुझे बॅंक ड्रॉप करते हुए चले जाना वो बोले ठीक है कोई दस बजे मैं बॅंक मे था पर अभी थोड़ा टाइम था तो मैं वही पास के स्टेशनरी स्टोर पर चला गया और कुछ पैंटिंग के पेपर और रंग खरीद लिए फिर मैने पैसे निकलवाए और बाइक के लिए चल पड़ा कोई दो तीन मॉडेल ट्राइ किए पर अपना दिल तो बुलेट पर ही आया सभी फॉरमॅलिटीस पूरी करते करते दुपहर के दो बज गये थे तो मैं एक रेस्टोरेंट चला गया वही लंच किया फिर मैं कॅंटीन गया कुछ ग्रोसरी का समान लिया

और रास्ते मे दारू के ठेके पे दो कॅन बियर भी ले ली और फिर गाँव का रास्ता पकड़ लिया समान को रखा बियर फ्रिड्ज मे पटकी और अपने कमरे मे आ गया थोड़ी थकान सी हो गयी थी तो मैं कुछ देर सो गया शाम को 6 बजे मैं उठा और नीचे आया तो देखा कि अनिता भाभी आई हुई थी उनकी गोदी मे एक बच्चा था तो मैने कहा भाभी ये कौन है तो उहोने कहा कि ये तुम्हारी भतीजी है मुझे तो यकीन ही नही हुआ मैने कहा भाभी इतनी बड़ी बात आपने मुझसे शेअर नही की तो उन्होने कहा अब तुम तो कभी फोन करते नही हो और घर से कोई करता है तो तुम पिक नही करते हो तो तुम्हे कौन बता ता मैने झट से उस गुड़िया को अपने हाथो मे लिया

और पूछा इसका नाम क्या है भाभी को उन्होने कहा साक्षी , अपनी अगली पीढ़ी को देखते ही मेरे अंदर की सारी उदासी गायब हो गयी मैं बहुत ही खुश था मैने भाभी को थॅंक यू कहा तो वो बोली किसलिए तो मैने कहा हमे इतनी प्यारी गुड़िया देने के लिए तो भाभी शरमा गयी कि तभी रवि भी आ गया तो मैने कहा भाई आज तो पार्टी होगी तभी पापा आ गये वो बोले कि किस बात की पार्टी हो रही है तो मैने कहा कि पापा साक्षी के जनम के समय तो मैं यहाँ पर नही था तो ऐसे ही कुछ सेलेब्रेशन कर ना चाहते है तो उहोने कहा दो दिन बाद तुम्हारी बुआ और फूफा भी आ रहे है तभी कुछ करते है रात को मैं और चाचा चटाई बिछा कर छत पर पड़े थे तो वो बोले फ्रिड्ज मे बियर तूने रखी है ना तो मैने कहा हम वो बोले तू कब से …

……………………… तो मैने कहा क्या चाचू आप भी ना अभी आर्मी मे है तो चल जाती है फिर मैने पूछा कि चाची कब आएगी तो वो बोले यार ऑफीस मे काम ज़्यादा है तो टाइम नही मिल रहा है उधर जाने का एक काम कर तू ले आ उसको घूम भी आइयो और तेरी चाची को भी ले आइयो मैने कहा मैं देखूँगा बाते करते करते हम दोनो सो गये अगले दिन जब मेरी आँख खुली तो सूरज सर पर चढ़ आया था मैं जम्हाई लेते हुए उठा तो मेरी नज़र शीला के घर पर गयी थोड़ी देर बाद मैं फ्रेश होकर आया तो देखा कि घर पर कोई नही था मैं बाहर निकला और शीला के घर पे आ गया मुझे देख कर वो खुश हो गयी मैने उसको पकड़ लिया और बोला भाभी बहुत दिन हो गये है आज मेरा काम करना पड़ेगा तुमको तो वो बोली अभी उसको ज़रूरी काम है

तो मैने कहा कि क्या भाभी मैं इतने दिनो बाद आया हू और आप बहाने बना रही हो लगता है अब आप को मैं अच्छा नही लगता तो वो बोली जी ऐसे बात नही है चलो पहले आपको ही खुश कर देती हू काम तो बाद मे भी कर लुगी तुम अंदर चलो मैं गेट बंद कर के आती हू
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10-05-2019, 01:35 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
आते ही मैने शीला को दबोच लिया और उसकी चूचियो को बहुत ज़ोर से दबा दिया तो वो दर्द से कराहती हुई बोली आआआआआआआआआआआआआआआआआअ तो मैने कहा वो क्या है ना भाभी कई दिनो मे आज किसी औरत के नज़दीक आने का मौका मिला है तो थोड़ा जोश चढ़ रहा है वो बोली अभी आपका जोश ठंडा करती हू और मेरे पयज़ामे को नीचे सरकाते हुए मेरे लड को पकड़ दिया और उसको मसलते हुए बोली कि अरे ये तो बहुत ही ख़ूँख़ार हो गया

है आज तो मेरी जान निकालेगा ये तो मैने बिना देर करते हुए भाभी के साँवले होंठो को अपने होंठो से मिला लिया और उनको चूमने लगा भाभी के होंठो की गर्माहट मेरे मूह मे घुलने लगी बहुत देर तक उनको बस चूमता ही रहा उनकी संतरे जैसी चूचिया उपर नीचे होने लगी थी मैने उनके ब्लाउस को खोल दिया अंदर ब्रा नही थी तो उनकी काली काली चूचिया तुरंत ही मेरे हाथो मे समा गयी मैं उनकी घुंदियो पे अपनी उग्लिया फिराने लगा शीला लगातार मेरी मुट्ठी मारे जा रही थी मेरा लड अब एक दहक्ता हुआ शोला बन चुका था जिसको अब बस चूत के रस की धार ही ठंडा कर सकती थी मैने भाभी के घाघरे को खीच कर हटा दिया अब बस एक कच्छि ही थी उनकी अमानत को अपने मे समेटे हुए तो मैने उनको लिटाया

और उस पर किसी शिकारी कुत्ते की तरह टूट पड़ा कुछ देर उसकी चूचियो को निचोड़ने के बाद मैने उसकी कच्छि मे हाथ डाला और उसको नंगी कर दिया गहरे काले रंग की चूत फड़फदा रही थी मैने फ़ौरन ही अपने तड़प्ते हुए लौडे को चूत के मूह पर लगा या आ और अगले ही पल वो शीला की चूत मे समा गया था शीला ने एक आह भरी और मुझसे लिपट गयी एक बार फिर से मैं उसकी होंठो को खाने लगा दो मिनट मे ही मेरा लड चूत मे अड्जस्ट हो गया था और हमारी चुदाई शुरू हो गयी शीला की बेहद कसी हुई चूत मे अपना लड डाल कर मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था शीला बोली आप जब नही थे तो आपके इस मज़े की बहुत ही याद आती थी मैं तो रोज ही आप की आने की राह देखती थी मैं लरजते हुए स्वर मे बोला भाभी अभी तो मैं आ गया हू

अभी पूरे डेढ़ महीने तक आपको ढंग से चोदुगा वो बोली हाअ मेरे देवेर जीिइईईईईईईईईईईई आईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईईईईईईईई हीईीईईईईईईईईईईई आअपका लड इसस्स्स्स्स्स्स्सस्स चूऊऊऊऊऊऊऊऊऊथततटटटटटटतत्त मे रहना चाहिए और शीला भी नीचे से अपनी गान्ड उठा उठा कर चुदने लगी हम दोनो के शरीर दो जिस्म एक जान हो गये थे मैं पूरी रफ़्तार से शीला की चूत मारे जा रहा था शीला ने अपने दाँत मेरे कंधो मे गढ़ा दिए और जोश से वहाँ पर काटने लगी मैं बोला भाभी धीरे फिर अगले दस पंद्रह मिनट तक कुछ आवाज़ नही हुई बस हमारी चुदाई की ही हल्की हल्की आवाज़े आती रही पूरे आधे घंटे तक शीला की चूत मारने के बाद मैने अपना पानी उसकी चूत मे ही गिरा दिया और ढह गया

अपना काम हो जाने के बाद मैने अपना पयज़ामा पहना और उसकी दो- तीन पप्पी ली और घर आ गया मैं अपने कमरे मे गया और मोबाइल को देखा तो मिता के 22 मिसकाल थे मैने उसको फोन मिलाया तो पता चला कि अगले सनडे को वो आ रही है तो मैने कह दिया कि मैं उसको स्टेशन पर ही मिलुगा फिर थोड़ी बहुत बातचीत के बाद मैने फोन काट दिया चलो ये भी अच्छा ही था मिता के सहारे छुट्टिया काट जाएँगी मैं बेड पर लेट गया और आराम करने लगा अभी तक मैं गीता से भी नही मिल पाया था तो मैं प्लॅनिंग करने लगा मैने सोचा कि आज शाम को उधर भी राउन्ड मार ही दूँगा मैं सोच ही रहा था कि तभी ऋतु मॅम का फोन आ गया उहोने बताया कि उनकी पोस्टिंग रुड़की मे हो गयी है तो मैने कहा कि ठीक है मॅम अब आप भी पास आ गये हो तो मिलना भी हो जाएगा मैने उनको बताया कि अभी तो मैं गाँव आया हू पर लास्ट के एक दो दिन उनके साथ ही बिताउन्गा तो वो बोली पक्का आना कही भूल मत जाना बात थोड़ी लंबी चली शाम को चार बजे के आस पास मैने बाइक ली और गीता के घर की तरफ चल पड़ा पर उसके घर पर ताला लगा था थोड़ी देर इंतज़ार किया पर वो नही आई तो मैं वापिस घर आ गया थोड़ी देर साक्षी के साथ खेलता रहा
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10-05-2019, 01:35 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
रात को छत पर मैं रवि और चाचा इकट्ठे थे मैने चाचा को पटा लिया था बॉटल खुल चुकी थी पूरी मस्ती चल रही थी अपनो के साथ रहने का मज़ा ही कुछ और होता है फिर टन होकर हम वही पर गिर पड़े पता नही क्यो आज कल मैं देर से ही उठने लगा था मैं नहा कर आया ही था कि अनिता भाभी आ गयी वो बोली चाची जी तो खेत मे गयी है चलो मैं तुम्हारे लिए कुछ बना दूं बताओ क्या खाओगे तो मैने पूछा तुम इतनी देर यहाँ रहोगी तो ताइजी शक नही करेंगी तो वो बोली रवि यहाँ रहते है तो मुझे थोड़ी आज़ादी है तुम उनकी चिंता मत करो


मैने कहा भाभी मैं तो तुमको ही खाउन्गा और उनका हाथ पकड़ लिया और कहा कि भाभी आज मौका भी है चलो कुछ करते है तो वो बोली अब तुम मानोगे तो नही और फिर तुम्हारी इच्छा तो पूरी करनी ही पड़ेगी तो मैने उनको सोफे पर पटक दिया और उनकी सलवार का नाडा खोलते हुए उसको एक झटके मे ही उतार दिया भाभी की गौरी गौरी टाँगो की चमक देख कर मेरी आँखे चौंधिया गयी मैं उनकी टाँगो को सहलाते हुए बोला भाभी आप तो और भी ज़्यादा निखर गयी हो तो वो बोली अब बच्ची होने के बाद पहले वाली ताज़गी नही रही तो मैने कहा भाभी आप तो हमेशा एक खिला हुआ फूल हो

तो वो मुस्कुरा पड़ी मैने अपना मूह उनकी पेंटी पर लगा दिया और उसको सुघने लगा भाभी मचलने लगी वो भी गरम होने लगी मैं कच्छि के उपर से ही उनकी योनि को चूमने लगा भाभी अपनी टाँगो को इधर उधर हिलाने लगी उहोने अपने सूट और ब्रा को खुद ही उतार दिया था मैने भी अपने कपड़े उतार दिए भाभी ने बिना कुछ कहे ही सीधे मेरे लड को अपने मूह मे लिया और चूसने लगी वो मेरे सुपाडे को किस करने लगी भाभी के गुलाबी होंठो के स्पर्श से मेरा लड और भी ज़्यादा फुफ्कारने लगा जब जब उनकी जीभ मेरे लड पर फिरती मुझे तो बहुत ही आजा आता मैं भाभी को लड चूसा ही रहा था कि बाहर से किसी ने घंटी बजा दी भाभी ने जल्दी से अपने कपड़े पहने मैं उपर चला गया कुछ देर बाद मैं आक्टिंग करते हुए नीचे आया तो पता चला कि बुआ-फूफा आ गये है अब इन्हे भी इसी टाइम पर ही आना था खैर, तो मैने उनके पाँव छुए और बाते करने लगा भाभी चाइ- नाश्ता बना ने लगी कुछ देर इधर उधर की बाते होती रही फिर मैने कहा आप लोग बैठो मैं मम्मी को बुला लाता हू और बाइक निकल कर कुँए पर चल पड़ा जब मैं वहाँ पर पहुचा तो गीता मम्मी के पास ही बैठी थी मैने उसको नमस्ते किया तो उसने पूछा अरे तुम कब आए

तो मैने उसको बता दिया फिर मैने मम्मी को कहा कि जल्दी चलो बुआ आई है वो बोली मैं अभी आई मैने गीता से कहा कि मैं कल आया था पर तुम थी नही तो उसने बताया कि वो सहर गयी हुई थी मैने कहा मैं जल्दी ही आउन्गा वो खुश हो गयी फिर मैने मम्मी को लिया और वापिस घर आ गये फिर पूरा दिन ऐसे ही हसी मज़ाक मे निकल गया आज तो चूत मिलते मिलते रह गयी थी अगले दिन मैं नहा कर आया और अपने कमरे मे खुद को तौलिए से पोंछ ने लगा मैने दरवाजा बंद नही किया बल्कि हल्का सा ही अड़ा दिया था वैसे भी मेरे कमरे मे कोई आता तो था नही तो मैं अपनी शरीर पर तेल की मालिश करने लगा मैने सोचा लड को भी थोड़ा तेल पिला देता हू और उसपर थोड़ा तेल लगा के उसकी मालिश करने लगा अब लड तो ठहरा लड वो साला तन गया मैं ज़ोर से उसपर तेल का हाथ रगड़ने लगा तभी दरवाजा खुला और मैने देखा कि बुआ दरवाजे पर चाइ का कप लिए खड़ी थी और अंदर मैं बिल्कुल नंगा हाथ मे अपना खड़ा लड लिए सिचुयेशन बड़ी ही अकवर्ड हो गयी थी मुझे रिएक्ट करने का टाइम मिला ही नही बुआ मूडी और नीचे चली गयी कुछ देर बाद मैं भी नीचे आ गया अब बुआ मुझसे नज़रे चुरा रही थी और मैं नाश्ता कर ही रहा था कि

मिता का फोन आ गया वो बोली कि वो बस कुछ ही देर मे ट्रेन पकड़ रही है और कल सुबह 11 बजे तक आ जाएगी मैने कहा ठीक है अगले दिन फूफा भी जाने वाले थे तो मैने कहा कि बुआ तो कुछ दिन यही पर रह जाएगी तो वो बोले हम ये भी कई दिनो बाद मायके आई है कुछ दिन रह लेगी फिर मैं बाजार चला गया साक्षी के लिए कुछ नयी ड्रेस और ढेर सारे खिलोने खरीदे और शाम होते होते मैं वापिस आ गया दिन बस ऐसे ही गुजर रहे थे ज़्यादातर टाइम मैं बोर ही होता रहता था करने को भी कुछ ख़ास नही था एक हफ़्ता गुजर चुका था पर कुछ खास हुआ नही था अब मेरी प्यास बस गीता ही बुझा सकती थी पर उसके पास जाने का मौका ही नही मिल रहा था अगले दिन मैने फूफा को बस मे बिठाया और फिर स्टेशन की ओर बढ़ गया वहाँ जाकर पता चला कि बस ट्रेन आती ही होगी और कोई बीस मिनट बाद रेल आ गयी मिता ने फोन किया और बताया कि वो कहाँ खड़ी है मैं दौड़ता हुआ गया उसके पास .

आज साढ़े चार साल बाद मैं अपनी प्रेयसी को आमने सामने देखने जा रहा था थोड़ी सी फॅशनबल बन गयी थी, आँखो पर चश्मा चढ़ गया था और थोड़ा शरीर भी भर गया था मिता मुझे देख कर मुस्कुराइ मेरे तो जैसे दोनो जहाँ रुक गये थे उस पल मे तभी किसी ने पीछे से मुझे थपकाया मैने मुड़कर देखा तो रीना थी मैं बोला अरे तू भी आई है क्या तो वो बोली अब आपकी नज़र मिथिलेश से हटे तो औरो का भी ख़याल आए आपको मिता बोली तू चुप कर फिर हम बाहर आए और एक खाली पड़ी बेंच पर बैठ गये रीना बोली भाई आप तो एक दम बदल गये हो बिल्कु जेंटेल्मन लग रहे हो मैने कहा अब आर्मी मॅन हो गया हू तो बस थोड़ा सा फरक आ गया है और कुछ नही बहुत देर तक हम लोग अपनी पुरानी यादो को ताज़ा करते रहे फिर मैने कहा तुम लोगो को भूख लगी होगी चलो कुछ खाते है और हम रेस्टोरेंट मे आ गये एक बेहद लज़ीज़ लंच के बाद मिता बोली अब उनको चलने चाहिए फिर वो बोली वो फोन करके बता देगी मिलने के बारे मे फिर वो टेंपो स्टॅंड की तरफ बढ़ गयी और मैं भी चल पड़ा
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10-05-2019, 01:36 PM,
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मिता से मिलने के बाद मुझे एक अजीब सा अहसास हो रहा था शाम को सारा परिवार बैठा था बात चीत हो रही थी तो बुआ ने कहा कि अब हमे इसकी शादी के बारे मे कुछ सोचना चाहिए देखो ना इसके पाँव तो घर मे टिकते ही नही है बस पूरा दिन उड़ा उड़ा ही रहता है मम्मी को तो मौका मिल गया वो बोली मैं तो कब से कह रही हू कि हमे ये काम कर देना चाहिए तो मैने कहा और मैं भी कई बार बता चुका हू कि जब तक पोस्टिंग नही मिल जाती मैं शादी नही कर सकता हू तो वो बोली अरे तो सगाई करले शादी पोस्टिंग के बाद कर लेना मैने सोचा आज तो ये पूरे मूड मे है बकरे को काटने के लिए
तो मेरे मूह से निकल गया कि मैं अपनी मर्ज़ी से शादी करूगा


पापा ने मेरी तरफ देखा और कहा कि क्या कहा तूने अभी तो मैने कहा मैं अपनी मर्ज़ी की लड़की से शादी करूगा और इनफॅक्ट मैं किसी को को बेहद पसंद करता हू और उसी से ही ब्याह करूगा मम्मी ने अपनी चप्पल उतारी और मेरी तरफ फेंक कर मारी और पापा की तरफ देखते हुए बोली और आज़ादी दो इसको देख लिया ना मुझे तो पहले ही पता था कि ये एक दिन हमारी नाक ज़रूर कटवाएगा तो मैने कहा इसमे ग़लत क्या है मैं किसी से प्यार करता हू


और उसके साथ अपनी लाइफ गुज़ारना चाहता हू इसमे ग़लत क्या है तो मम्मी चीखते हुए बोली कि हाँ तू ही सही है हम तो कोई हैं ही नही गाँव है भाईचारा है समाज भी कुछ होता है ना हम दुनियाँ से क्या कहेंगे कि बेटे ने भागकर शादी कर ली तो मैने कहा अब इसमे भागने की बात कहाँ से आ गयी मम्मी बकने लगी कौन है वो कुलटा मेरे बेटे को फास लिया फलाना धिमकाना मुझे खीज होने लगी मैने कहा मैं तो उसी से शादी करूगा चाहे जो भी हो जाए तो पापा ने कहा आ मेरे साथ चल और हम घर से बाहर आ गये वो बोले देख बेटा मैं समझता हू ये उमर ही ऐसी है लड़के लड़किया इस उमर मे थोड़ा अलग सा बिहेवियर करते है बेटा ये प्यार मोहब्बत कुछ नही होता है फिर माँ बाप तेरे लिए कोई ग़लत लड़की थोड़ी ना चुनेंगे बेटा हमारे भी कुछ अरमान है और फिर क्या पता उस लड़की के माँ बाप इस रिश्ते के लिए तैयार होंगे भी या नही फिर समाज भी है तू ठंडे दिमाग़ से सोच फिर हम इस बारे मे बात करेंगे फिर हम अंदर चले गये फिर ज़्यादा कुछ नही हुआ रात को छत पर मैं और चाचा पड़े थे तो वो बोले अरे ये क्या पंगा खड़ा कर दिया तूने मुझे ठीक से बता तो मैने कहा कि चाचा मेरे साथ एक लड़की पढ़ा करती थी शुरू से ही हम एक दूसरे को पसंद करने लगे थे .

ना जाने कब हमे प्यार हो गया वो नर्स का कोर्स कर रही है उसी के लिए मैने एनडीए जाय्न करा है वरना आप तो जानते ही हो कि मैं और फ़ौज़ मे ये आसान थोड़ी ही ना था मेरे लिए पर उसके लिए मैं नौकरी लगा अब बताओ मेरी क्या ग़लती है वो बोले बेटा प्यार व्यार बड़े शहरों की बाते है गाँव का माहौल अलग होता है अब तू बच्चा तो रहा नही बराबर का हो गया है आगे तेरी मर्ज़ी ,


थोड़ी देर बाद हम सो गये अगले दिन जब मैं नहा ने जा रहा था तो बुआ बस नहा कर निकली ही थी उनका सूट आगे से थोड़ा सा गीला होकर उनकी मोटी मोटी चूचियो से चिपक गया था ब्रा ना पहनी होने के कारण उनके निपल्लस मुझे सॉफ दिखाई दे रहे थे मेरा लड तो पाजामे मे ही तन गया उन्होने भी मेरे पयज़ामे मे बने हुए उभार को देख लिया था फिर वो चली गयी मैं जल्दी से अंदर गया वहाँ मुझे बुआ की गीली ब्रा टकी हुई मिली मैं उसको सुघने लगा एक बहुत ही मस्त सी खुश्बू आ रही थी उसमे से मेरा लड झटके मारने लगा तो मैं बुआ के बारे मे सोच कर मुट्ठी मारने लगा आज से पहले उनके प्रति मुझे ऐसी कभी फीलिंग नही आई थी मुट्ठी मारकर थोड़ा चैन मिला मुझे

दिन ऐसे ही गुजर रहे थे दो तीन दिन और भी बीत गये एक दिन मैं सोया पड़ा था तो बुआ छत पर झाड़ू निकाल रही थी उनकी पीठ मेरी तरफ थी उनका सूट पीछे से थोड़ा सा उठ गाया था तो उनकी सुडोल गान्ड जो टाइट सलवार मे कसी होने के कारण बड़ी ही सुंदर लग रही थी अचानक ही मैं बुआ को अपनी आँखो से नंगा करने लगा मैं उनके प्रति आकर्षित होने लगा अब हवस मे आदमी को रिश्ते नातो का ध्यान कहाँ रहता है उसको तो बस हर औरत मे बस चूत ही दिखती है कुछ ऐसा ही हाल मेरा था मैने सोच लिया बुआ को भी ट्राइ करके देखूँगा क्या पता चान्स बन जाए मेरे दिल मे उनको चोदने की हुड़क जाग चुकी थी पर कैसे पटाऊ उनको ये ही सोचता रहा मैं पूरे दिन पर कुछ ना सूझा उसी दिन शाम को मैं घर के साइड वाली नाली को सॉफ कर रहा था तो मैने देखा कि बुआ छत पर मुडेर वाली साइड पर कपड़े सुखाने के लिए आई तो

मुझे एक आइडिया आया मैने अंजान बनते हुए अपनी ज़िप खोली और लड को बाहर निकाल कर गली मे ही पेशाब करने लगा उपर बुआ मुडेर पर खड़ी थी मैने तिरछी निगाहों से देखा कि उनका ध्यान मेरे लड पर ही था मैने भी जान बुझ कर थोड़ी देर उसको बाहर ही रखा फिर मैं एक दम से पलटा और छत की तरफ देखा बुआ तुरंत ही सरक ली मैं बुआ को बस अपनी ओर आकर्षित करना चाहता था इसी उधेड़बुन मे एक दिन और गुजर गया
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10-05-2019, 01:36 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने उनको कहा उपर आ जाओ मेरे कमरे मे वो बोली बुआजी कहाँ है तो मैने कहा सो रही है वो बोली कही फस ना जाए मैने कहा तू चिंता मत कर और मेरी प्यास बुझाने का जुगाड़ कर मैं भाभी को अपने कमरे मे ले आया और बेड पर पटक दिया और अनिता के उपर चढ़ कर उसके गालो को खाने लगा मैं उनकी चोली को खोल ही रहा था कि उहोने कहा अभी कपड़े नही निकालो घर खुला ही पड़ा है और फिर बुआ उठ गयी तो परेशानी हो जाएगी तो मैने कहा ठीक है मैं बोला भाभी आपके बिना कैसे जीता हू वहाँ पर मैं ही जानता हू आपकी बहुत याद आती है भाभी अपनी तारीफ़ सुनकर खुश हो गयी उःन्हॉने अपने होंठ मेरे मूह से लगा दिए और अपने सेब से मीठे होंठो को मुझे पिलाने लगी उनकी लिपलिस्टिक मेरे होंठो पर लग गयी

बहुत ही मस्ती से मैं उनको चूमे जा रहा था ना जाने कब मेरे हाथ उनके घाघरे के अंदर पहुच गये और उनकी चूत को मसल्ने लगे उनकी कच्छि पुरी तरह से गीली हो चुकी थी मैने उसको उतार दिया और उनकी चूत को आज़ाद कर दिया मैने अपनी बीच वाली उगली को चूत मे सरका दिया और अंदर बाहर करने लगा भाभी ने अपनी टाँगो को आपस मे चिपका लिया मेरी पूरी उगली उनकी योनि मे धँस चुकी थी दूसरी ओर मैं उनके होंठो को चूमे ही जा रहा था हमारी साँसे फूलने लगी थी पर एक भी पीछे हटने को तैयार नही था भाभी ने मेरी पेंट की चैन को खोला और मेरे हथियार को बाहर निकाल लिया और वो मेरी मुट्ठी मारने लगी अब जलती आग मे घी पड़ चुका था मैने भाभी को बेड पर ही घोड़ी बनाया और उनके घाघरे को उठा कर उनकी कमर तक कर दिया

और उनके पीछे होते हुए अपने लड को चूत के दरवाजे पर टिका दिया जैसी ही चूत ने लड को महसूस किया उसके होंठ फडक उठे एक हल्के से धक्के के साथ आधा लड भाभी की चूत मे पनाह ले गया भाबी की एक आह निकली और दीवारो से टकरा कर खो गयी मैने लड को थोड़ा सा पीछे की ओर खींचा और अबकी बार एक तेज प्रहार करते हुए पूरे लड को गहराइयो मे उतार दिया और उनकी कमर को थाम कर चुदाई शुरू कर दी भाभी बोली देवर जी आज कितने दिनो बाद आपके इसको अपने अंदर महसूस किया है मेरी अधूरी प्यास भड़क गयी है आज उसे पूरी करदो अब ये तो औरतो की खास आदत थी जब तक लड चूत मे नही गया तब तक हज़ार नखडे होते है और एक बार लड अंदर गया तो फिर बस …………… मैं उनकी चूत पर पूरी रफ़्तार से धक्के लगाए जा रहा था

भाभी की हल्की हकली सिसकारिया लगा तार मेरा जोश बढ़ाए जा रही थी उनके चुतडो से टकराती मेरी गोलिया एक अलग सी आवाज़ कर रही थी दस मिनट तक उनको घोड़ी बनाए रखा भाभी की चूत से इतना पानी बह रहा था कि मैं बता नही सकता हू जैसे किसी नदी मे उफान आ गया हो उनकी आँखो मे नशा भर गया था उस नशे के आगे तो महनगी से महनगी दारू भी बेकार तो मैं हटा और बेड पर लेट गया अनिता मेरे उपर आई और लड पर बैठ गयी और अपनी गान्ड को मटकाते हुए चुदाई का मज़ा लेने लगी मुझ से रहा नही गया तो मैं अपने हाथ उनकी पीठ पर ले गया और उनकी चोली को उतार ही दिया और ब्रा के उपर से ही उनकी दूध से भरी छातियो को भींचने लगा भाभी बोली मैने मना किया था ना पर तुम कभी भी किसी की बात नही मानते हो

मैने ब्रा को भी खोल दिया और बोबो को मसल्ने लगा मैने एक चूची को थोड़ा कस कर दबा दिया तो उसमे से दूध की धार निकली और मेरे मूह पर आ गिरी भाभी हँसते हुए बोली देवर जी अब पहले वाली बात नही रही अब मैं माँ बन चुकी हू और खिल खिलाने लगी मैने उनकी चोली से अपने मूह को सॉफ किया भाभी बोली दूध पीना है तो देख लो


मैने कहा नही मुझे नही पीना भाभी की खनखनाती चूड़ियो की आवाज़ मेरे दिल मे उतरती जा रही थी अनिता की स्पीड अब बढ़ गयी थी मैं समझ गया था कि वो झाड़ ने ही वाली है तो मैने उसको अपनी नीचे लिया और बेहद तेज रफ़्तार से अनिता की चूत मारने लगा भाभी भी अपनी कमर को उचकाने लगी थी वो कुछ ऐसे पल थे जब मैं बिल्कुल उनमे खो ही गया था की तभी भाभी ने अपने शरीर को कस लिया और मुझसे चिपकते हुए झड़ने लगी

और ठीक जब वो झाड़ रही थी मेरे लड ने भी अपना रस चूत मे उडेल दिया और हम साथ साथ ही झाड़ गये कुछ देर हम दोनो एक दूसरे से लिपटे पड़े रहे फिर मैं उनके उपर से उतरा मेरी पॅंट आगे से उनके रस से भीग कर खराब हो गयी थी तो मैने उसे निकाल कर बेड पर ही फेक दिया और दूसरी पेंट पहन लिया भाभी भी रेडी हो गयी थी तो हम नीचे आ गये…

बुआ अभी तक सो ही रही थी तो मैने भाभी से कहा कि कुछ बना दो मेरे लिए भूक लग आई है तो वो रसोई मे चली गयी वो चावल पका ही रही थी कि बुआ भी उठ गयी और मेरे पास आकर ही बैठ गयी हम बाते करने लगे पर मेरी निगाह तो उनके बोबो पर ही थी बुआ भी शायद समझ रही थी पर उन्होने कुछ कहा नही पंद्रह बीस मिनट बाद हम तीनो साथ ही खाना खा रहे थे उसके बाद कुछ करने को था नही बुआ अनिता भाभी के साथ ताई के घर चली गयी और मैं अकेला रह गया एक तो मेरी तन्हाइयां और उपर से ये घर भी मुझे काटने को दौड़ता था मैं वही सोफे पर ही पसर गया और गाने सुनते सुनते सो गया शाम को कोई साढ़े 6 बजे पापा ने मुझे जगाया वो अभी अभी आए ही थे वो बोले अरे सोना था तो बेड पर सोता यहा कैसे पड़ा है मैं उठा और हाथ मूह धोने चला गया मैं जब तक आया तो मम्मी ने चाइ बना दी थी मैने घर वाले फोन से चाची के गाँव फोन मिलाया और पूछा कि वो कब आए गी वो मेरी आवाज़ सुनते ही खुश हो गयी वो बोली कि दस दिन बाद मैं आ जाउ उनको लेने तो मैने कहा ठीक है फिर मैं थोड़ा घूमने फिरने चला गया अगले दिन सुबह कोई दस बजे की बात है

मैं नहा धोकर अपने कमरे मे आया ही था कि बुआ वहाँ पर थी वो बोली इधर आ मैं गया तो उनके हाथ मे मेरी पॅंट थी जिस पर चुदाई के निशान थे वो दाग लगे थे वहाँ पर और उनके दूसरे हाथ मे अनिता की चड्डी थी जो वो शायद पहन ना भूल गयी थी बुआ ने वो चीज़े मुझे दिखाते हुए कहा ये सब क्या है मैने झूट बोलते हुए कहा कि मुझे नही पता तो वो बोली चल मान लिया तुझे नही पता पर ये पॅंट तो तेरी ही है ना अब मेरे पास कहने को कुछ नही था उहोने कहा कि नीचे चल अभी तेरी मम्मी को बता ती हू तो मैने कहा नही बुआ जी प्लीज़ ऐसा मत करना घर मे वैसे ही इतनी टेन्षन चल रही है और कबाड़ा हो जाए गा तो बुआ बोली पहले सच सच बता कि ये सब चक्कर क्या है और तू घर पर किस को लेकर आया था मैने कहा बुआ अब रहने भी दो ना तो वो थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली कि बता ता है या ले चलूं तेरी मम्मी के पास तो मैने कहा कि कल दोपहर को जब आप सो रही थी तो मैं अपनी किसी दोस्त को लेकर आया था और्र???????????????????????????????????????
वो बोली और क्य्ाआआआआआआआआआआअ तो मैं बोला आगे आप समझ ही जाओ तो वो बोली क्या समझू मैं

बता आगे क्या तो मैने तैश मे आ कर कह दिया कि फिर हमने सेक्स किया बस अब तो आप खुश हो गयी हो ना वो बोली मैं तो तुझे शरीफ बच्चा ही समझती थी पर तू तो सबके पर काट गया मैने कहा बुआ जी मेरी भी एक पर्सनल लाइफ है कुछ चीज़ो की मुझे भी ज़रूरत महसूस होती है तो वो कहने लगी कि तो फिर करवा ले शादी हम कब से कह रहे है तो मैने कहा कि बुआ मैने शादी से मना थोड़ी किया है बस मैं तो अपनी पसंद की लड़की से ब्याह करना चाहता हू इतनी सी तो बात है बुआ बोली ये आज कल की औलादे भी ना फिर अचानक से उन्होने कहा तू मुझे इतना घूर घूर कर क्यो देखता ही रहता है मैने कई बार नोटीस किया है ख़ासकर जब मैं झुक कर काम कर रही हू उस वक़्त अब माल पर निगाह तो जाएगी ही मैं बुदबुदा दिया वो बोली क्या बोला तू अभी तो मैने कहा कुछ नही वो बोली बता तो मैने कहा आप मुझे अच्छी लगती हो बुआ ने अपने मूह पर हाथ रख लिया और बोली कमिने अपनी बुआ के बारे मे ऐसे विचार रखता है शरम नही आई तुझे तो मैने कहा आप सुंदर हो तो आपकी तारीफ ही करूगा ना बुआ ब्लश करने लगी औरतो की बस थोड़ी सी तारीफ़ करदो वो खुश हो जाती है फिर उहोने मुझे वो पॅंट और कच्छि दी
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10-05-2019, 01:36 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
और बोली आगे से थोड़ा हिसाब से रहियो अगर तेरी माँ को पता चल गया तो फिर तू जानता ही है जाते जाते बुआ दरवाजे पर रुकी और मेरी तरफ एक मुस्कान फेक कर नीचे चली गयी तो मैने भाभी की कच्छि को अलमारी मे रखा और अपनी पॅंट को बाथरूम मे डाल दिया धोने के लिए मेरी शाम तकरीबन मंदिर के तालाब पे ही गुजरा करा करती थी अब कोई दोस्त भी नही था जिस से थोड़ा टाइम पास हो जाए और जो दोस्त थी वो पता नही कहाँ खो गयी थी मम्मी ने एक दो जगह मेरी शादी का जिकर चला दिया था पर मुझे क्या फरक पड़ना था मैं तो आज़ाद परिंदा था रात को मैं और मिता लंबी बाते कर लिया करते थे पर इन सब के बीच मैं गीता के दर्शन ना कर पाया था मैने अपना पूरा ध्यान बुआ पर लगाया हुआ था पर कुछ लटको झटको के अलावा कुछ बात बन नही रही थी इधर मेरा लड उनको देखते ही खड़ा हो जाता था जिसे वो भी आजकल महसूस करने लगी थी मेरी समझ मे नही आ रहा था कि कैसे उनको चुदाई के लिए तैयार करू पता नही मेरी किस्मत को क्या हो गया था आस पास चूत ही चूत थी अनिता ,शीला पर मौका ही नही मिल रहा था कभी कोई आजाता कभी कोई आजाता ऐसे ही एक दिन ताइजी को हॉस्पिटल ले जाना पड़ा

तो ताऊ जी, मम्मी और अनिता भाभी उनके साथ चले गये पापा और चाचा तो ऑफीस थे तो बचे बस मैं और बुआ जी तो मैने सोचा चलो कुछ ट्राइ करके देखता हू तो मैने एक प्लान बनाया और देखा कि वो हॉल मे बैठी थी तो मैं सीढ़ियो पर खड़ा हुआ और झूठ-मूठ अपने फोन को कान पर लगाया और उनको सुनाते हुए बोलने लगा कि अरे आज घर पर कोई नही है मैं बिल्कुल अकेला ही हू तू आजा ऐश करेंगे ये सुनते ही बुआ के कान खड़े हो गये फिर मैने फोन को अपनी जेब मे डाल लिया और अपने कमरे मे चला गया

और टीशर्ट और कच्छे मे ही जाकर बेड पर लेट गया कुछ देर बाद बुआ उपर आई और मेरे बेड पर ही बैठ गयी और बोली अभी तू किस से बात कर रहा था तो मैने कहा किसी से नही बुआ जी तो वो बोली मुझे सब पता चल गया है तू क्या कह रहा था तो मैने कहा बुआ जी मैं जवान हू मेरी भी एक पर्सनल लाइफ है मैं बस थोड़ा सा एंजाय करना चाहता हू तो वो बोली मैं सब जानती हू तू किस एंजाय्मेंट की बात कर रहा है मैने कहा आप को जो भी समझना है समझो मैं तो वो ही करूगा जो मुझे ठीक लगे गा बुआ से बात करते करते ही मेरा लड खड़ा होने लगा बुआ की नज़र भी मेरे कच्छे पर ही थी तो मैने पूछा क्या देख रहे हो बुआ जी तो वो सकपका गयी और थूक गटकते हुए बोली कुछ……. कुछ नही तो मैं उठा और बुआ के बराबर मे जाके बैठ गया

उनकी मांसल जाँघ से मेरी टाँग रगड़ खाने लगी मैने पक्का ठान लिया था कि आज अगर बुआ को नही चोदा तो फिर कभी नही चोद पाउन्गा तो मैने फिर पूछा बुआ जी बताओ ना आप क्या देख रही थी तो उन्होने कहा कि बताया तो कुछ नही बस ऐसे ही तो मैने उनका हाथ पकड़ा और अपने लड पर रख दिया बुआ ने तुरंत ही अपना हाथ हटा लिया और उनको गुस्सा आ गया पर मैं तो आज फ़ैसला कर ही चुका था बुआ बड़े ही गुस्से मे आ गयी थी पर मैं शांत था मैने अपने कच्छे को उतार दिया और नीचे से नंगा हो गया मेरा नागराज हवा मे झूलने लगा बुआ के आँखे अचानक ही मेरे लड पर आकर ठहर गयी सरसो के तेल से मालिश करने के बाद और भी ज़्यादा फूल गया था वो बुआ तो जैसे पॉज़ ही हो गयी थी मैने उनको पकड़ा और दीवार से सटा दिया


अरे, मैं आपको बुआ के बारे मे बताना तो भूल ही गया उनका नाम प्रमिला है एक हाउसवाइफ है उमर लगभग 36-37 होगी, बेहद ही गौरी और एक दम गरम माल बड़े बड़े बूब्स और बेहद शानदार गान्ड उनको देख कर कोई बता भी नही सकता था कि दो बच्चो की माँ होंगी
तो मैने बुआ को दीवार से सटा दिया वो अलग होने की कोशिश करने लगी तो मैने अपनी पकड़ को मजबूत कर दिया वो कहने लगी मुझे जाने दे वरना अच्छा नही होगा तो मैं बोला अब जो होगा वो देखा जाएगा पर आज तो मैं अपने मन की कसर मिटा कर ही रहूँगा और अपने होंठ बुआ के होंठो पर टिका दिए और उनके गुलाबी शरबती होंटो का रस चाटने लगा पर वो अपना मूह बार बार हिला रही थी तो मैं ढंग से उनको चूम नही पा रहा था

इधर मेरा लड उनकी चूत मे धसने को बेताब हो रहा था और उनकी चूत पे रगड़ खा रहा था बुआ मेरे लड को अपनी चूत पर महसूस कर के शर्मिंदा सी हो गयी पर मुझे क्या फरक पड़ना था क्योंकि ये ही एक रास्ता था उनकी चूत मारने का तो मैं अपनी कोशिश मे लगा पड़ा था मैं अब पूरे जोरो से बुआ को चूमने लगा उनके होंठ मेरे मूह मे जैसे पिघलने से लगे थे कोई दस मिनट तक मैं बस उनको चूमता ही रहा नीचे मेरे लड की रगड़ से उनकी चूत मे हलचल मची पड़ी थी तो मैं अपना एक हाथ नीचे ले गया और उनके पेट से होकर सलवार मे घुसा दिया और कच्छि के उपर से ही उनकी चूत को मसल्ने लगा बुआ के जिस्म मे तो जैसे भूचाल ही आ गया था वो काँपति हुई आवाज़ मे बोली मुझे जाने दे अपनी बुआ की इज़्ज़त को खराब मत कर
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10-05-2019, 01:36 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
पर मुझ पर तो जैसे वासना का खुमार चढ़ चुका था मैं बस इतना ही कह पाया कि बुआ बस एक बार मुझे करने दे बस एक बार करने दे मैं लगा तार उनकी चूत को मसले ही जा रहा था नीचे से उनकी चूत भी रस छोड़ने लगी थी बुआ का विरोध भी अब इतना त्रीव नही था बस कुछ सिसकारियो के साथ उका विरोध भी आधा ही रह गया था तो अब मैने बुआ को जल्दी से बेड पर पटका और दरवाजे की कुण्डी लगा दी ताकि वो भाग ना जाए मैने बुआ के दोनो हाथो को पकड़ लिया और उनकी सलवार का नाडा खोल दिया और उसको उतार कर फेक दिया उनकी गौरी गौरी सुडौल केले के तने जैसी जाँघो को देखकर मेरी तो आँखे चुन्धिया ही गयी बहुत ही गौरी थी वो और उपर से नीले रंग की डिजाइन दार पेंटी ने मेरा मन मोह लिया बुआ अब भी दबी दबी आवाज़ मे मुझे रुकने को कह रही थी

तो मैने अपनी उग्लिया उनकी पेंटी मे फसाई और उसको भी उनके बदन से अलग कर दिया उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़
क्या बताऊ ऐसी मस्त चूत तो मैने आजतक नही देखी थी कई औरतो को रगड़ दिया था पर बेहद शानदार चूत थी बल्कि यू कहूँ मैं कि चूतो की सहजादी थी बुआ की चूत एक दम मस्त आज तक कई औरतो की काली चूत तो देखी थी पर पार्मिला बुआ की चूत बहुत ही जबरदस्त थी थोड़ी लंबी सी और एक दम हल्के भूरे रंग की और उपर से हल्की हल्की झान्टो ने उनकी चूत की सुदरता मे चार चाँद लगा दिए मैने बुआ के हाथो को छोड़ दिया तो उहोने अपने हाथो से अपनी चूत को छुपा लिया और बोली बस तुम यही पर रुक जाओ तो मैने अपने लड पर हाथ फेरते हुए कहा

कि बुआ जी क्या आप को मेरा लड पसंद नही आया उन्होने अपनी नज़र झुका ली मैं बोला बुआ अब आपका सब कुछ मैने देख तो लिया ही है प्लीज़ मेरी बात मान जाओ मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हू बस एक बार मुझे कर लेने दो देखो अगर मैं ज़बरदस्ती करूगा तो आपको भी तकलीफ़ होगी और मज़ा भी नही आएगा प्लीज़ मेरी बात मान जाओ पर वो बोली कि वो अपने भतीजे के साथ ऐसा हरगिज़ नही कर सकती है मैने कहा पर मैं तो आपकी लेकर ही मानूँगा चाहे आप राज़ी हो या ना हो आपकी मर्ज़ी और बुआ को दबोच लिया और उनके उपर चढ़ गया और एक बार फिर से उनको चूमने लगा बुआ फिर से मेरा विरोध करने लगी पर आज मैं रुकने वाला नही था तो मैं अपना हाथ नीचे ले गया

और अपनी उगली उनकी चूत मे घुसा दी उफफफफफफफ्फ़ कितनी गर्माहट थी उस चूत मे पर थोड़ी मुझे वो गीली भी लगी तो मैं उनको चूमते चूमते उनकी चूत मे उगली करने लगा अब बुआ भी कोई अलग तो थी नही वो भी एक औरत ही थी और फिर चुदास तो उनके मन मे भी उठती थी तभी बुआ का मूह थोड़ा सा खुल गया और उसी का फ़ायदा उठाते हुए मैने अपनी जीभ उके मूह मे सरका दी उनका मूह मेरे मूह मे लॉक था तो वो कुछ नही कर सकती थी मैं अपनी जीभ से उनकी जीभ को चूमने लगा बुआ के शरीर मे भी वासना की लहर उठने लगी लगातार उगली करने से उनकी चूत भी कामरस छोड़ने लगी तो मैने अपना मूह उनके मूह से हटाया और उनके एक बोबे को अपने मूह मे ले लिया

बुआ का पूरा बदन हिलोरे मारने लगा पर अभी ऐसा टाइम नही था कि मैं उनके बोबो को मज़े से चूस सकूँ तो मैं तुरंत ही नीचे आया उनकी टाँगो को चौड़ा करते हुए अपना मूह उनकी रस से भरी हुई योनि पर लगा दिया बुआ कुछ समझ पाती उस से पहले ही मैं उनकी चूत को चाटने लगा जैसे ही मेरी जीभ ने उनकी योनि को टच किया उनका सारा विरोध एक पल मे ना जाने कहाँ गायब हो गया क्या मस्त स्वाद था उनकी चूत से रिस्ते हुए पानी का थोड़ा सा नमकीन और थोड़ा सा शरबती जैसे ही मैने अपनी खुरदरी जीभ को उपर से नीचे तक सुर्रा लगाया बुआ की आह निकलगई

आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहह हह ओहूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओह मैने कहा क्यो बुआ मज़ा आया तो वो कुछ नही बोली पर उनके गालो की लाली अपनी कहानी को बयान कर रही थी मैं हौले हौले उनकी चूत को चाटे जा रहा था बुआ के चूतड़ अपने आप मटकने लगे थे हिचकोले खाती उनकी कमर उनकी मादकता को बता रही थी मैं बड़े ही प्यार से उनको मज़ा दे रहा था हर गुज़रते हुए मिनट के साथ उनकी साँसे भारी हो ती जा रही थी तो मैने उनकी चूत की पंखूड़ियो को मूह मे भर लिया और अपने दाँतों से काट ते हुए उपर लगे चूत के पानी को पीने लगा

बुआ अब पूरी तरह से मेरे काबू मे आ चुकी थी मेरा लड इतनी बुरी तरह से उत्तेजित था कि उसमे अब दर्द होने लगा था पर मैं बुआ की चूत का रस पीना चाहता था तो मैं तेज तेज उनकी चूत को चाटने लगा आख़िर वो पल भी आया जब बुआ ने अपने हाथो से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा लिया और मीठी मीठी आहे भरते हुए अपनी चूत को चटवाने लगी पूरे 20 मिनट तक उनकी चूत को मैने चाटा तब जाकर उनकी चूत ने अपना पानी छोड़ा जिसे मैं मज़े से पी गया बुआ हान्फते हुए बेड पर पसर गयी और अपनी टूट ती हुई सांसो को इकट्ठा करने लगी ठीक उसी पल मैं उनके उपर आया और अपने लड को चूत पर रख दिया बुआ को भी पता था कि अब बस दो पल मे ही उनकी चुदाई शुरू होने वाली है तो उहोने अपनी आँखो को बंद कर लिया
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10-05-2019, 01:36 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने धक्का लगाया और मेरा लड उनकी चूत के छेद को फैलाते हुए अंदर जाने लगा बुआ बोली आहह कितना मोटा है तेरा कही खून तो नही निकल आया तो मैं बोला क्या बुआ आप भी आज कल तो कुवारि कन्याओ की चूत से खून नही निकलता और आप शादी शुदा होकर ऐसी बात बोल रही हो और अगले झटके के साथ लड को जड़ तक उनकी योनि मे घुसा दिया उनकी चूत ने मेरे लड को अपने मे कस लिया और मैं अब लगा धक्के लगाने मैने उनके उपर वाले होंठ को अपने दोनो होंठो के बीच मे दबा लिया और उसको चूमते हुए उनके थूक को भी पीने लगा बुआ इस कदम से और भी मस्त हो गयी उन्होने अपने हाथ मेरे सर पर रखे और मेरे बालो को सहलाने लगी

मेरा जोश और भी बढ़ने लगा मैने भी आज तक ऐसे करारी चूत नही ली थी मुझे ना जाने क्यो फूफा से जलन सी होने लगी मैं पूरी रफ़्तार से बुआ को चोदे जा रहा था बेड का गद्दा जैसे टूटने को आया था धम्म से मेरी गोलिया उनके चुतडो से टकराई बुआ को चोद कर पता चला था कि चूत क्या होती है इतनी कसी हुई चूत बहुत ही मज़ा दे रही थी समय गुज़रे जा रहा था और मैं लगातार उनको ठोके जा रहा था बुआ भी अब चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी हर एक धक्के पर उनकी चूत बलिहारी जा रही थी हमारे शरीर पसीने से पूरी तरह भीग गये थे उपर चलता पंखा भी गरम हवा ही फेक रहा था तो अब मैने अपना मूह उनकी चूची पर लगाया

और उसको पीते पीते उनको रगड़ने लगा बुआ अब और भी चुदासी हो गयी चूत तो बहुत ही पानी छोड़ने लगी थी बुआ की आँखे मस्ती से बंद हो गयी थी अब मैं बहुत तेज तेज झटके लगा ने लगा था बुआ हाई हाई ही कर रही थी फिर एका एक उनका जिस्म आकड़ा और चूत की पंखुड़िया मेरे लड पर कस गयी और वो फिर से झड़ने लगी अब उनको कोई होश नही था जैसे बेहोशी छा गयी थी उन पर पर मैं अभी नही झाड़ा था तो मैं लगा रहा मैने उनको खीचा और बेड के किनारे पर ले आया और उनकी टाँगो को अपने कंधो पर रखा और दुबारा से चोदने लगा 10-12 मिनट तक और ढंग से उनको बजाया और फिर जल्दी से उनके उपर झुका और अपने लड से निकलती हुई हर एक पिचकारी से उनकी चूत को भरने लगा

बुआ बेसुधि की हालत मे थी उनकी चूत अभी भी फडक रही थी जब मेरा लड बिल्कुल मुरझा गया तो मैने उसको चूत से बाहर निकाला

फिर मैं नंगा ही नीचे गया और फ्रिड्ज से ठंडे पानी की बॉटल निकाली तोड़ा पानी खुद पीया और बाकी ले जाकर बुआ को दिया उन्होने भी अपने गले को तर किया और फिर अपने कपड़ो को उठाया और नंगी ही बाथ रूम मे चली गयी मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया जब मैं दरवाजे के पास पहुचा तो वो सीट पर बैठ कर पेशाब कर रही थी सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करते हुए पेशाब की मोटी धार उनकी चूत से निकल रही थी फिर बुआ उठी और अपने अंगो को धोने लगी तो मैं जाकर उनके पीछे चिपक गया तो वो बोली अब भी तेरा मन नही भरा है क्या आज तो मेरी इज़्ज़त लूट ही ली तूने तो मैने कहा बुआ आप भी तो मज़े ले कर चुद रही थी सच बताना आप को मज़ा आया ना तो वो कुछ नही बोली और अपनी चूत और टाँगो को धोती रही वो बोली चल अभी मेरे पीछे से हट तो मैने उनकी चूची दबाते हुए कहा कि बुआ अभी मेरा मन नही भरा है और उनको वही पर पंजो के बल झुका दिया और अपने लड को चूत से सटा दिया बुआ बोली वो बहुत थक गयी है मैं और तंग ना करू उनको पर मेरा लड कहाँ मान ने वाला था मैने कमर उचकाई और एक बार फिर मेरा लड बुआ की गरमा गरम चूत मे उतर चुका था

बुआ की कमर को अपने दोनो हाथो से थामे मैं उनको लगा चोदने थोड़ी देर बाद वो भी पूरे रंग मे आ गयी और अपनी गान्ड को मटका मटका कर चुदने लगी थोड़ी देर तक उनको वही चोदने के बाद मैं उनको अपनी गोद मे उठा कर वापिस कमरे मे ले आया और उनको घोड़ी बना कर उनकी सवारी करने लगा बुआ बस आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआहह आआआआआआआआआआआआआआआअहह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ ऊऊऊऊऊऊऊवझज्झहह उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माअंम्म्ममममममममममममम आआआआराअंम्म्मममममममममम सीईईईईईईईई
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10-05-2019, 01:37 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
ऐसी ही आवाज़े निकाल रही थी मैं उनकी मोरनी सी गर्दन को चूमते हुए उनकी चूत मारे जा रहा था बुआ को पाकर तो जैसे मैने साक्षात स्वर्ग का सफ़र ही कर लिया था जब मैं अपने लड को सुपाडे तक बाहर निकालता और फिर झट से पूरा अंदर डालता

तो बुआ की आँखे मस्ती से बंद हो जाती तो मैने अपने लड को निकाला वो मेरी ओर देखने लगी ती मैने कहा अभी आप थोड़ी देर उपर आजाओ और मैं लेट गया बुआ मेरे उपर आई और अपने हाथ से लड को चूत पे लगाया और उस पर बैठ गयी मुझे ऐसे लगा कि जैसे अंदर किसी चीज़ से टकराया हो बुआ अब लगी अपनी गान्ड को मटकाने उनके बोबे बहुत तेज़ी से हिल रहे थे जब जब वो उपर नीचे होती उनके बोबो का उछालना देखना ही बनता था तो मैने अपने हाथ उनके मुलायम चुतडो पर रख दिए और उनको दबाने लगा और फिर अपनी उगली उनकी गान्ड के छेद पर फिराने लगा तो मेरी थोड़ी सी उगली आराम से अंदर चली गयी बुआ ने अपने चुतडो को थोड़ा सा टाइट कर लिया मैं समझ चुका था कि वो गान्ड भी मरवाती होंगी चलो मेरे लिए तो अच्छी ही बात थी बुआ का सारा मेकप पसीने की वजह से उतर गया था तो मैने कहा की बुआ तोड़ा तेज तेज करो तो वो पूरी ताक़त से अपनी गान्ड को मटकाने लगी और मुझे मज़ा देने लगी थोड़ी देर बाद मैने उनको अपने उपर से उतारा और उनको बेड पर लिटा कर दुबारा से रगड़ने लगा अब बस कमरे मे हम दोनो की फूली हुई सांसो की ही आवाज़ आ रही थी बेहद घनघोर चुदाई के सैलाब मे हम दोनो बहक चुके थे

मैं काफ़ी देर से उनको चोद रहा था और झड़ने के करीब ही था तो मैने कुछ जोरदार झटके लगाए और फिर हम साथ साथ ही अपनी मंज़िल को पा गये मैं साइड मे लेट गया बुआ ने भी काफ़ी दिनो बाद ऐसी दमदार चुदाई की थी मैं भी थोड़ा सा थक गया तो पता ही नही चला कि कब नींद आ गयी जब मैं सोकर उठा तो शाम के 5 बज रहे थे मैने अपने कपड़े पहने और नीचे आ गया बुआ हॉल मे ही बैठी थी उन्होने मुझे देखा और मेरे लिए चाइ बनाने चली गयी मैं भी रसोई मे ही चला गया और उनको किस करने लगा तो वो बोली अब सब कुछ तो मेरा लूट लिया अब क्या चाहिए मुझे तो मैने कहा बुआ मैं तो आपका दीवाना हो गया हू अब मैं रोज ही आपकी लिया करूगा तो वो कुछ ना बोली फिर मैने उनको कहा बुआ रोज दोगि ना तो वो हँस पड़ी फिर हमने साथ साथ चाइ पी मेरे बदन मे मीठा मीठा सा दर्द हो रहा था तो मैं नहाने चला गया पर अभी भी बदन कुछ टूट सा रहा था पर दिल मे एक खुशी भी थी कि आज बुआ को भी चोद डाला था आज मैने एक किला और फ़तेह कर लिया था फिर कुछ मौका मिला नही अंधेरा होने से पहले मम्मी पापा भी आ गयी थी पता चला कि ताइजी के घुटने मे इन्फेक्षन हो गया था तो मैं उसे मिलने चला गया

काफ़ी देर लग गयी उनके घर पर ही खाने के बाद मैने बुआ से कहा कि रात को कुछ चान्स बनेगा तो उन्होने सॉफ सॉफ माना कर दिया तो बस अब सोना ही था…

अगले दिन मोबाइल की आवाज़ से मेरी नींद टूटी मैने फोन उठाया तो मिता बोली कि आज मिलते है तो मैने कहा ठीक है मैं कोई एक घंटे मे उसे मिलता हू तो उसने कहा कि वो मुझे सहर मे मिलेगी मैं वहाँ आने के बाद उसको फोन करलू मैं जल्दी से तैयार हुआ और चल पड़ा सहर की ओर मैने फिर मिता से कॉंटॅक्ट किया तो उसने मुझे अपनी लोकेशन बताई मैने उसको पिक कर लिया तभी मेरे दिल मे एक विचार आया मैने अपनी बाइक स्कूल की ओर मोड़ दी कोई दस मिनट बाद हम दोनो वहाँ थे मिता बोली अरे हम यहाँ पर क्यो आए है तो मैने कहा डार्लिंग अपना स्कूल है पुरानी यादे है और फिर यही पर तो अपना प्यार परवान चढ़ा था मिटा थोड़ा सा शर्मा गयी फिर हम अंदर गये तो कुछ पुराने टीचर्स मिल गये उनको नमस्ते किया और अपने बॅच के बारे मे बताया

फिर प्रिन्सिपल से पर्मिशन ली और विज़िट करने लगे हम स्कूल की अपनी क्लास मे गये बेहद ही अच्छा लगा मुझे अपनी स्कूल लाइफ की याद आ गयी आँखो के सामने हर एक बिताया हुआ लम्हा जैसे जी उठा फिर हम कॅंटीन गये और उसी कौने मे जा बैठे जहा अपना अड्डा हुआ करता था मिटा बोली ये तुमने बहुत ही अच्छा किया जो मुझे यहाँ ले आए सच मे ये मेरे लिए एक बेस्ट गिफ्ट है आइ लव यू सो मच और मेरे गले लग गयी कोई दो घंटे वहाँ पर बिताने के बाद अपनी आँखो मे उन लम्हो को समेटे हम वापिस हो लिए दिल जैसे भर सा आया था दोपहर हो गयी थी तो फिर हम लंच करने के लिए चले गये आज के पूरे दिन मेरी दिलरुबा मेरे साथ ही रहने वाली थी लंच के बाद हमने थोड़ी शॉपिंग की फिर मैने कहा मिता आज मैं तुमको किसी से मिलवाता हू

वो बोली किस से बताओ तो सही तो मैने बस इतना ही कहा कि बस तुम चलो फिर खूद ही देख लेना और थोड़ी देर बाद हम पापा के ऑफीस मे थे मैं मिता के साथ उनके कॅबिन मे गया मिता थोड़ी से हैरान परेशान थी तो मैने कहा पापा ये मिथ्लेश है मैने बताया था ना मिता ने अपने सर पर चुन्नि डाली और पापा के पाँव छू लिए आक्च्युयली मैं ऐसे ही उसको ले आया था तो ना वो समझ पाई कि कैसे रिएक्ट करे और ना ही पापा पापा ने नाश्ता मंगवालिया और फिर मिता से बाते करने लगे उसकी पढ़ाई लिखाई के बारे मे फॅमिली के बारे मे कोई एक घंटा वहाँ बिताने के बाद हम वहाँ से निकल पड़े अब शाम भी हो ही रही थी तो मैने उसको टेंपो स्टॅंड के पास ड्रॉप किया और मैं भी घर आ गया रात को मैं और पापा बात कर रहे थे

तो मैने पूछा पापा मिता कैसी लगी तो वो बोले बेटा लड़की तो ठीक है पर उसके गाँव से अपना भाई चारा है और फिर उसके पिताजी को मैं तो जानता नही हू अब उनकी फॅमिली के बारे मे क्या कह सकते है पर मैं कुछ कोशिश करूगा फिर देखते है पर पहले तेरी मम्मी को भी तो समझाना पड़ेगा तो मैने कहा पापा ये सब आप संभाल लेना फिर मैं सोने चला गया आज गर्मी कुछ ज़्यादा ही थी तो मैं और चाचा आज हॉल मे ही कूलर की हवा मे सोए पड़े थे कि रात को कोई 3 बजे फोन की घंटी से मेरी नींद खुली मैं आँखे मल्ता हुआ उठा और मैने फोन उठाया तो दूसरी तरफ मामी थी उन्होने बताया कि नाना जी की तबीयत बहुत ही ज़्यादा खराब हो गयी है उनको हॉस्पिटल मे अड्मिट करवा दिया है पर तुम्हारे मामा को आने मे कुछ दिन लग जाएँगे
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10-05-2019, 01:37 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
तो मैने कहा आप दो मिनट रूको मैने जाकर पापा को जगाया उन्होने मामी से बात की और उनको आश्वस्त किया कि वो अगले दिन ही आ जाएँगे पापा बात कर ही रहे थे कि मम्मी भी आ गयी उनको जब नाना जी की तबीयत के बारे पता चला तो वो थोड़ा घबरा सा गयी थोड़ी भावुक हो गयी तो हम सब ने उनको संभाला अब किसे नींद आनी थी इधर घर मे कुछ दिनो बाद ताई जी की घुटने का दुबारा ऑपरेशन होना था और उधर नाना की तबीयत भी अचानक से बिगड़ गयी थी सुबह होते ही मम्मी पापा नाना से मिलने के लिए निकल गये चाचा भी ऑफीस चले गये बचे मैं और बुआ तो बुआ ने कहा कि घर मे राशन ख़तम होने को है और थोड़ा सामान और भी खरीदना है तो मैने कहा बुआ आप तैयार हो जाओ फिर बाज़ार चलते है

इतना सामान मैं अकेला बाइक पर नही ला पाउन्गा तो वो बोली ठीक है कोई 11 बजे हम दोनो सहर की ओर चल पड़े आसमानी कलर की साड़ी मे बुआ एक दम गजब ढा रही थी मेरा लड तो एक झटके मे ही खड़ा हो गया मैने उनको अपनी बाहों मे लिया तो वो बोली अभी मुझे मत छेड़ो चलो चलते है फिर हमने ताला लगाया और चाबी अनिता भाभी को दी और चल पड़े बुआ मुझसे थोड़ा सा चिपक कर बैठी थी उनकी बड़ी बड़ी चूचिया मेरी पीठ मे जैसे धन्से जा रही थी मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था सबसे पहले हमने राशन का सामान लिया फिर मुझे थोड़ा सा पर्सनल समान लेना था वो लिया मैने बुआ से पूछा कि आपको कुछ चाहिए तो उन्होने मना कर दिया फिर मैं एक फ्रूट शॉप पर गया और ताइजी के लिए कुछ फ्रूट लिए और साक्षी के लिए ढेर सारे चॉकलेट

फिर बुआ को जूस पिलाया और दो घंटे बाद हम वापिस आ गये मैं कुछ ज़्यादा ही तेज बाइक चला रहा था मुझे हुड़क चढ़ि थी बुआ की लेने की तो जल्दी से घर पहुचना चाहता था जैसे ही हम घर पहुचे मैं चाभी लेने गया और फ्रूट्स और चॉकलेट भाभी को पकडाई और वापिस आ गया अब घर मे बस हम दोनो के सिवा कोई नही था

मैने देखा कि बुआ रसोई मे बर्तन धो रही थी तो मैं भी वही पर चला गया और पीछे से उनको बाहों मे भर लिया वो बोली छोड़ मुझे बहुत काम पड़ा है तो मैने कहा काम तो होता रहेगा और अभी कौन सी आफ़त आ रही है मैने उनके बोबो को ब्लाउज के उपर से पकड़ लिया और उनको दबाने लगा बुआ कसमसाने लगी उनकी दो दो किलो की चूचिया बड़ी ही मस्त थी मेरे हाथो मे आती ही नही थी मैं लगा तार उनके बोबो को मसले जा रहा था

बुआ बोली मनोगे या नही तो मैने कहा एक बार दे दो मान जाउन्गा और उका मुँह अपनी तरफ करके अपने होंठ उनके रसीले होंठो से जोड़ दिए और उनका रस पीने लगा बुआ ने भी अपना मुँह खोल दिया और मज़े से अपने होंठो को चुसवाने लगी एक बहुत ही गहरे किस के बाद मैं उससे अलग हुआ और उनकी साड़ी को खीच कर उनके बदन से हटा दिया पेटिकोट मे बुआ के बाहर को निकलते हुए चूतड़ बहुत ही जबरदस्त लग रहे थे मैने झट से उनको नंगा करना शुरू किया और 5 मिनट मे ही हम दोनो बिल्कुल नंगे आमने सामने खड़े थे मेरी टाँगो के बीच मे झूलता हुआ मेरा लड उनकी चूत को सलामी दे रहा था मैने बुआ को नीचे बिठा दिया और अपना लड उनके गालो पर रगड़ने लगा उनके गोरे गालो पर लाली छा गयी थी कुछ देर बाद मैं लड को उनके होंठो पर रगड़ने लगा तो अचानक ही उन्होने अपने मुँह को खोला और मेरे सुपाडे को मुँह मे भर लिया और मेरी गोलियो को अपने हाथो से सहलाते हुए मेरा लड चूसने लगी वो अपनी नशीली आँखो से मेरी ओर देखते हुए बड़ी ही कातिलाना अदा से मेरे लड को चूसे जा रही थी


धीरे धीरे करके उन्होने पूरा लड अपने मुँह मे ले लिया और अपनी जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उसका मज़ा लिए जा रही थी मैं बोला बुआ आप तो बड़ा ही अच्छे तरीके से लड चूस्ति हो तो उन्होने अपने दाँत मेरे लड पर गढ़ा दिए मैं दर्द से कराह उठा 10 मिनट तक उनको खूब लड चूसाया फिर उन्होने अपने थूक से सने मेरे लड को अपने मुँह से बाहर निकाल दिया मैने उनको उठाया और रसोई की स्लॅब पर बिठा दिया और उनकी मांसल जाँघो को फैला दिया बुआ थोड़ा सा पीछे की तरफ हो गयी जिस से उनकी चूत आगे हो गयी उन्होने खुद अपने हाथ से अपनी चूत को फैलाया तो मैने अपना मुँह वहाँ पर लगा दिया और एक जोरदार चम्मी ली बुआ की नस नस मे वासना चढ़ गयी वो बोली आआआआआआआआआआआआआहह
आईसीईईईई ही चूस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स बहुत मज़ा आता है जब तू इसको चाट ता है मैं तो निहाल ही हो गाइिईईईईईईईईईईईईईईईई ओककककककककककककककककककककककककककककक मैने कहा बुआ कइयो की चूत का पानी पी चुका हू पर जो मज़ा आपकी मे आया है वो और कही नही आया
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