Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 12:27 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
आसमान मे चाँद कही दिख नही रहा था साथी हवलदार ने रेडियो ऑन कर दिया कुछ रोमॅंटिक गाने आ रहे थे बाजार मे हलचल भी कम हो चली थी आज पोस्ट पर हम तीन बंदे ही थे बस तो रात को कोई दो बजे के आस पास की बात है मेरे हवलदार ने मुझसे कहा कि साब अब आप थोड़ी देर सो लीजिए मैं पोस्ट संभालता हू आप सुबह से ही लगे हुए है अब मैं संभालता हू



मैने उसको गन और दूरबीन दी और खुद स्लीपिंग बॅग मे घुस गया किसी तरह से सोया ही था कि तभी किसी धमाके की आवाज़ से वातावरण कांप गया सामने की दुकान मे धमाका हो गया था हम तुरंत आक्टिव हुए मैं थोड़ी नींद मे था तो बस कुछ सेकेंड देर हो गयी एक गोली मेरे साथी को आ लगी मैं बुरी तरह से घबरा गया मेरा दोस्त मेरी बाहों मे झूल गया मुझे कुछ समझ नही आया



हे! राम ये क्या हो गया अचानक वैसे तो पोस्टपर 8-9 बंडो की पूरी टीम होती थी पर आज कुछ रीज़न्स की वजह से बस हम तीन ही थे किसी के भी लिए आसान मोका था हमे टारगेट करने का मैं अब क्या करू साथी को संभालू या वाइयरलेस पे बॅकप बुलाऊ या खुद की प्रोटेक्षन करू मैं उलझ गया मेरा साथी घायल पड़ा था तो मैने कमॅंडिंग ऑफीसर होने के नाते अपना निर्णय लिया



मैने हवलदार को कहा कि अब जो होगा देखा जाएगा तू जवान को संभाल और बॅक अप बुला मैं आर पार करता हू हवाल दार बोला सर हम खुले मे फस गये है अभी जान बचाते है बाकी बाद मे देखलेंगे मैने कहा नही तू मेरा ऑर्डर ले मैने जल्दी से इलाक़े का अब्ज़र्वेशन कर डाला तो पता चला कि टोटल 12 से15 लोग थे और हम बिल्कुल शूट पॉइंट पर थे गंद तो मेरी फट ही रही थी क्योंकि आज मरने मारने का पूरा बंदोबस्त हो गया था



बॅक अप जब तक आता गंद मर जानी थी मैने भगवान का नाम लिया और कहा सच्चे बादशाह आज इज़्ज़त रखना फोजी की और क्लियर प्लान बना लिया मैने अपनी गन ली और हलवदार की भी ले ली मैने सोच लिया था कि आर पार ही होगा जो होगा तभी मुझे एक प्लान आया दो स्ट्रीट लाइट बल्ब जल रहे थे मैने तुरंत ही उनको टारगेट किया और तोड़ दिया अब इलाक़े मे घुप्प अंधेरा था मैने नाइट विषन गॉगल्स पहने और मोर्चा संभाल लिया लोगो को पता तो चल ही गया था कि स्ट्राइक हो गयी है तो सब अपने घरो मे दुबक गये थे वैसे भी उनके लिए ये रोज का काम हो गया था



एक कमीना मुझसे कोई 30 मीटर की दूरी पर था मैं दबे पाँव उसकी ओर बढ़ा नाइट विषन गॉगल्स से बहुत मदद मिल रही थी जैसे ही वो मेरी रेंज मे आया जस्ट शूट और वो ढेर गोली चलने से उनके ग्रूप मे हलचल हो गयी वो कुछ समझ पाते उस से पहले ही मैने 4 बन्दो को ढेर कर डाला अब वो लोग बुरी तरह से झल्ला गये थे और अंधाधुंध फाइरिंग करने लगे



मेरे लिए बड़ी ही मुश्किल हो गयी मैने हवलदार से वाकी टॉकी पे पूछा कि बॅक अप आने मे कितना टाइम तो वो बोला सर टीम चल पड़ी है 15 मिनट मे आ जाए गी पर 15 मिनट बहुत ज़्यादा होते है उस टाइम पता चला मेरा असलाह ख़तम होने को था और अब मैं मेरी पोस्ट और मिलिटेंट्स के बीच मे कही था जिस पानी की टंकी के पास मैने ओट ली थी वही पर अब उनकी फाइरिंग तेज हो चली थी



क्योंकि अब उनकी आँखे भी अंधेरे मे अभ्यस्त हो चली थी मेरी मुश्किले तो बढ़ ही गयी थी तो मैं तेज़ी से फाइरिंग करता हुवा भागा और थोड़ी दूर पड़ी बेंच के नीचे घुस गया पर किसी के चिल्लाने की आवाज़ आई तो मुझे पता चला कि एक ओर गया आज की रात बहुत भारी हो गयी थी

साला बॅक अप आ नही रहा था मेरी गंद मर रही थी मेरा साथी घायल पड़ा था और मैं भी किसी भी पल जा सकता था फ़िल्मो मे एक हीरो इतने गुणडो को मारता है तो सोचते थे कि ताक़त है पर आज असली ज़िंदगी मे पता चल रहा था कि गंद फट ती है तो आवाज़ नही होती है मैने सोचा काहे फोज मे फस गये यार अब मर जाएँगे तो यार दुख होगा



दिमाग़ बहुत ही भारी भारी हो गया था सबकुछ आँखो के सामने घूम रहा था मेरा घर गाँव मिता निशा हर एक बीते पल की याद आँखो के सामने किसी फिल्म की तरह से चलने लगी थी फिर मैं तो रोने ही लगा था फिर फाइरिंग की आवाज़ से मैं धरातल पर आया तो आँसुओ को पोछा और गन संभाल ली


सर बँच से बाहर निकाला तो देखा कि दो आतंकवादी बीड़ी पी रहे है तो बस डाइरेक्ट फाइयर कर दिया पलक झपकते ही दो ऑर गये काम से पर अब भी कई बचे हुए थे मैं उस छोटे से एरिया मे बचता हुवा इधर उधर भाग रहा था तभी पता चला कि मेरे हवलदार ने भी पोस्ट पे मोर्चा संभाल लिया था



तो मुझे थोड़ा सा सुकून हुआ कि चलो अब कुछ तो सहारा मिलेगा मैं गुररिल्ला टेक्निक का प्रयोग करते हुई छुप छुप के एक एक को निशाने मे ले रहा था कुछ को हवलदार ने भी संभाल लिया था पर तभी वो हुआ जो बिल्कुल नही होना चाहिए था दो बंद एक घर मे घुस गये अब हम फँस गये थे ये उसी चाइ की दुकान वाली का घर था
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10-07-2019, 12:27 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैं भी उनके पीछे पीछे घर मे एंटर हो गया उन्होने उसको पकड़ लिया था और शील्ड के रूप मे यूज़ करने लगे एक ने चिल्ला कर कहा फ़ौजी हमे जाने दे वरना इसको मार देंगे पर मुझे भी अब जुनून सा छा गया था मैने दीवार की ओट से चिल्लाते हुए कहा कि मार दे मेरी कॉन से घर की है इसको मार चाहे ज़िंदा रख मुझे क्या पर मैं तेरी माँ तो चोद के ही रहूँगा



पर मैं अंदर ही अंदर थोड़ा सा घबरा रहा था क्योंकि घाटी मे वैसे भी लोकल्स आर्मी को पसंद नही करते और अगर कोई सिविलियन मर जाए तो अपनी बॅंड भी बज सकती थी इंटर्नल इंक्वाइरी मे पर फिर सोचा जो होगा देख लेंगे अभी तो खुद की ही लगी पड़ी है फिर मेरा पहला सर्जिकल मिशन था तो मैं थोड़ा सा सावधान ही था अब ये साले हरामखोर लोग उस लेडी को मार भी सकते थे



तो मैने वॉकी-टॉकी पे हवलदार से बाहर की पोज़िशन पूछी तो उसने कहा कि सर ये लोग भी पूरे मूड मे है मैं किसी तरह से संभाल रहा हू अगर जल्दी ही बॅक अप ना आया तो पक्का मरना है आज मैं दोहरी तरफ से फस गया था मेरे दो साथी बाहर थे जिनमे से एक घायल था और इस लेडी की जान भी बचानी ज़रूरी थी पर करूँ क्या समझ नही आ रहा था तो मैने उस घर की लोकेशन को अच्छी से देखा



पर पंगा य था कि घर मे एंट्री का एक ही रास्ता था और कुछ भी करना मॅग्ज़िमम रिस्क था टाइम था नही मेरे पास क्योंकि मेरी पोस्ट भी ख़तरे मे थी दिमाग़ पूरी तरह से सुन्न हो गया था इसको बचाऊ या बाहर जाउ करू तो क्या करू फिर मैने तेज आवाज़ मे कहा इस औरत को मारना है तो मार दे मुझे रियली कोई फरक नही पड़ेगा पर मैं अंदर आ रहा हू तुम्हारी गंद तोड़ने


और मैं दरवाजे को तोड़ते हुए अंदर दाखिल हो गया दाखिल होते ही मैने एक साथ दो काम किए एक तो बचने के लिए ओट ढूंढी और दूसरा कि उन दो मे से एक को शूट कर दिया पर अब भी उनका ही पलड़ा भारी था दूसरा मिलिटंट थोड़ी घबराई सी आवाज़ मे बोला कि दूर हो जा फ़ौजी वरना मैं सच्ची मे मार दूँगा इसको मैने कहा मार दे कितनी बार बोलना पड़ेगा



वो बोला मैं सच मे मार दूँगा मैने कहा इसके मरते ही तेरी गंद मैं तोड़ दूँगा भाग तो तू सकेगा नही और माँ तेरी मैं चोद दूँगा तभी मेरी उस मोहतार्मा से आँखे चार हुई वो बहुत ही बुरी तरह से घबराई हुई थी अब जिसकी जान हलक मे अटकी हो तो उसकी हालत तो टाइट होगी ही ना मैने उसको इशारे से तस्सली दी कि घबराना मत मैं हू ना



तभी वॉकी-टॉकी पे हवलदार का मेसेज आया कि सर जी जल्दी आओ मैं फस गया हू मैने कहा बस दो मिनट संभाल ले मेरे भाई आता हू मैं मैने उस लेडी को इशारा किया कि किसी तरह से एक पल को इस से दूर हो जा तो उसने बिना कुछ सोचे उस बंदे की कलाई मे अपने दाँत गढ़ा दिए जैसे ही वो दर्द से तिलमिलाया मुझे रियेक्शन टाइम मिल गया और गोली सीधे उसकी खोपड़ी मे धँस गयी और भेजा बाहर आ गिरा



पर मेरे पास एक सेकेंड का भी समय नही था मैं तुरंत ही बाहर की ओर दौड़ा और अपनी पोस्ट की ओर भाग चला पर रास्ते मे मेरी तरफ फाइरिंग हुई तो रुकना पड़ा सिचुयेशन का जयजा लिया तो पता चला कि अब भी 3 लोग बचे है पर तभी प्राब्लम हो गयी मेरी राइफ़ल की मागनिज़े ख़तम हो गयी अब मैं निहत्था था पर दुश्मन मेरी रेंज मे था तभी मैने देखा कि पास मे एक तेल का खाली ड्राम पड़ा है


मैने ड्राम उठाया और उसकी तरफ दे मारा वो कुछ संभलता उस से पहले मैने ही उसको संभाल दिया और लात घूँसे से उसको धर लिया और मारने लगा बुरी तरह से उसको मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था तो अच्छे से गंद तोड़ी उसकी तब तक हवलदार ने बाकी को ठिकाने लगा डाला था तो अब कुल मिला के सिचुयेशन अंडर कंट्रोल हो गयी थी घड़ी मे देखा तो 4 बजने को थे मतलब कि दो घंटे हम फँसे पड़े थे और बहन्चोद बॅकप नही आया था मैने यूनिट मे कॉंटॅक्ट किया



मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था मैने कहा मादरचोद बॅकप क्यो नही मिला तो ऑपरेटर ने बता या कि सर वी आर रियली सॉरी पर आज श्रीनगर मे सीरियल से हमला हुवा है जब आपके पास बॅकप फोर्स जा रही थी तो रास्ते मे उनपर ही हमला हो गया और वो लोग वहाँ पर फस गये मैने कहा मेरा एक जवान को गोली लगी है कुछ भी करके आंब्युलेन्स भेजो तो वो बोला की सर आप चिंता ना करे



दस मिनट मे आंब्युलेन्स आपके पास होगा मैं अपने जवान के पास गया और उसका हाल चाल पूछा उसने बताया कि सिर्फ़ पाँव मे गोली लग गयी है जाँघ मे गोली लगी थी ब्लड भी बह गया था शूकर है कि फर्स्ट एड किट पड़ी थी तो थोड़ा सा कंट्रोल था पर उसकी हालत बिकुल भी ठीक नही थी थोड़ी देर मे आंब्युलेन्स आ गयी थी तो उसको जल्दी से हॉस्पिटल के लिए रवाना किया

पर अभी भी काम ख़तम नही हुआ था सभी मिलिटेंट्स की डेड बॉडीस को इकट्ठा किया और काउंटिंग की तो पूरी 21 निकली उनको 1 जगह जमा किया थोड़ी देर मे यूनिट से मेजर, कर्नल, ब्रिगडियर सभी ऑफिसर्स आ गये थे पूरा इलाक़ा जैसे छावनी मे बदल गया था सभी ने मुझे वेल्डन कहा और ऑपरेशन को अच्छे से एक्सेक्यूट करने के लिए बधाई दी



पर मैं बिल्कुल भी खुश नही था मैने सीओ साहिब से कहा कि सर मुझे राइट टाइम पर बॅकप नही मिला ये तो बस किस्मेत अच्छी थी तो उन्होने कहा कि ऑफीसर यहाँ रियल टाइम सिचुयेशन्स होती है हमने टीम भेजी थी पर वो रास्ते मे फस गयी इसलिए प्राब्लम हुआ पर हमेशा ऐसा नही होगा फिर कुछ फॉरमॅलिटीस हुई और मैं सीधा यूनिट बेस कॅंप मे चला गया
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10-07-2019, 12:27 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
सबसे पहले घर पे फोन किया आज तो बाल बाल बचा था पापा को पूरी बात बताई वो भी घबरा गये थे उन्होने कहा कोई सीरीयस चोट तो नही लगी मैने कहा नही पापा बस कुछ खरोचे आई है और थोड़ी थोड़ी सभी से बात की तो दिल को बड़ा अच्छा लगा फिर कुछ नही किया नहा धोके बस सो गया जब मैं शाम को उठा तो पता चला कि सीओ साहिब ने बुलवाया है तो मैं फटा फट पहुच गया



जाते ही एक जोरदार सल्यूट मारा तो उन्होने भी जवाब दिया फिर उन्होने कहा कि ऑफीसर तुम्हारे कल के टास्क के बाद मिलिटरी बोर्ड के सदस्यो ने ये डिसाइड किया है कि अभी घाटी मे अपनी यूनिट के जो भी ऑपरेशन इम्प्लान्ट होने उनमे तुम भी शामिल रहोगे तुम्हारी स्ट्राइक स्टाइल काफ़ी अच्छी है पर तुम अभी नये नये आए हो अगर तुम चाहो तो मना भी कर सकते हो मैं फोर्स नही करूँगा



मैने कहा सर वैसे तो मुझे ड्यूटी से मतलब है आप जहाँ चाहे वहाँ लगा दो पर वो क्या है ना कि मैं नया हू इधर की जियोग्रफी की बारे मे इतना नही पता है और फिर कल की स्ट्राइक से थोड़ा सा डिस्टर्ब भी हू तो आप कुछ दिन मुझे मेरी पोस्ट पर ही रहने दे फिर आप जहाँ चाहो वहाँ भेज देना तो वो बोले ठीक है और हाँ एक बात और दस दिन मे तुम्हारी 1 महीने की छुट्टी सॅंक्षन हो जाएगी



अब मेरे दिल को मज़ा आया मैने कहा तो मैं चलूं सर वो बोले बाहर गाड़ी खड़ी है वो तुम्हे लाल चॉक तक छोड़ आएगी और आगे से थोड़ा ख़याल रखना मेरे लिए मेरा हर जवान मेरे बेटे से भी बढ़कर है मैं किसी भी कीमत पर कॅषुयल्टीस नही चाहता हू मैने कहा डॉन’ट वरी सर और वहाँ से निकल गया और चल पड़ा अपनी पोस्ट के लिए



वहाँ जाकर देखा कि पोस्ट पर कुछ और बंदे बढ़ा दिए गये थे जिनको मुझे ही कमॅंड करना था क्योंकि हमारे कॅप्टन साहिब ने बाजार की दूसरी साइड मे भी एक पोस्ट और बना दी थी जिसपर वो खुद थे वो पूरी रात मैं बस सोया वहाँ पर अगले दिन दोपहर की बात है मैने साथी को कहा की मैं एक राउंड लगा के आता हू तब तक तुम इंचार्ज हो



और उसी चाय की दुकान पे पहुच गया मुझे वहाँ की चाइ वास्तव मे बहुत ही मस्त लगती थी दोपहर का टाइम था तो कुछ खास लोग नही थे मैं काउंटर पे गया और उन्ही मोहतार्मा से कहा कि आज तो चाइ मिलेगी तो वो मुझे देखते ही खुशी से बोली हुजूर आपकी ही दुकान है और झट से मेरे लिए मसाला चाइ और ब्रेड ले आई मैं चाइ की चुस्किया लेने लगा



मैनी गौर किया वो बार बार नज़रें बचा कर मुझे ही ताक रही थी मैने भी एक दो बार उसको देखा तो उसने झट से नज़र बदल ली कसम से चाइ का मज़ा और भी बढ़ गया था बार बार उसकी नज़र मुझसे चार होने लगी थी तो मैने एक चाइ और मंगवाली ताकि कुछ देर और उस ख़ातून का दीदार कर सकूँ



जब जब उसकी नज़रे मुझ से मिलती मोहतार्मा के चेहरे पर नूर आ जाता क्या ये नज़रो की जुगलबंदी कोई नयी कहानी लिखने वाली थी कुछ देर बाद मैने घड़ी पर नज़र डाली और फिर चाइ ख़तम करके पैसे देने काउंटर पर चला गया मैं पैसे देने लगा तो उसने बड़ी ही शराफ़त से कहा कि जी आपने हमारी जान बचाई है हम आपके कर्ज़दार है



आप से पैसे लेंगे तो दोज़ख़् मे भी जगह नसीब ना होगी तो मैने कहा और आप अगर पैसे ना लेंगी तो मुझे बुरा लगेगा आप की जगह कोई और भी होता तो उसको भी बचाता क्योंकि वो मेरा फ़र्ज़ था तो वो हल्का सा मुस्कुरा पड़ी दुकान थी तो ज़्यादा बात भी नही कर सकता था पर उसने पैसे नही लिए जब मैं जाने लगा तो उसने हौले से पूछा कि फिर कब आएँगे
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10-07-2019, 12:27 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने बस इतना कहा कि जब आप बुलाएँगी तभी हाज़िर हो जाउन्गा और वहाँ से निकल पड़ा जब मैं वापिस आ रहा था तो रास्ते मे ना जाने क्यो दिल गुनगुनाने लगा काफ़ी टाइम बाद मुझे काफ़ी खुशगुवार लग रहा था दिल कहने लगा कि एक चूत का और जुगाड़ हो गया है पर इधर ड्यूटी भी थी जब मैं पोस्ट पर पहुचा तो साथी ने पूछ ही लिया कि सर आज बड़ा खुश लग रहे है



तो मैने बात बदलते हुए कहा कि कुछ नही यार आज मोसम बड़ा अच्छा है तो वो बोला सर मोसम तो हमेशा ही अच्छा रहता है इधर कोई और बात है पर मैने जैसे तैसे बात टाल ही दी पर दिल तो झूम ही रहा था फिर दो चार दिन ऐसे ही गुज़र गये मैं पोस्ट पर ही पड़ा रहता था


एक शाम थोड़ा अंधेरा सा हो गया था मैने सोचा कि आज मोहतार्मा के दीदार कर आता हू ड्यूटी तो पहले से ही ऑफ हो गयी थी तो मैने कपड़े चेंज किए और उनकी दुकान पर पहुच गया बस एक दो ग्राहक ही थे क्योंकि वो अक्सर दुकान शाम को जल्दी ही बंद कर दिया करती थी



अपने को तो बस उनके दीदार से मतलब था तो पहुच गये वो मुझे देखते ही बोली वैसे तो अब दुकान बंद ही हो गयी है पर अगर चाहे तो मेरे साथ चाइ पी सकते है मेरे घर पर और नाश्ता भी मिलेगा मैने कहा मोहतार्मा ये कश्मीर है और यहाँ कोई किसी फोजी को घर पर यूँ नही बुलाता है तो वो बोली बेशक आप फोजी है पर मेरे लिए आप अल्लाह के बंदे है



अगर आप आएँगे तो हमे सुकून मिलेगा तो मैने कहा ठीक है जी तो मैं उसके साथ उसके घर पहुच गया वो बड़े ही सादगी से बोली आप बैठिए मैं अभी आती हू और कोई दस मिनट बाद चाइ और बिस्कट ले आई हम दोनो अब चाइ की चुस्किया ले रहे थे पर बातचीत नही हो रही थी तभी उसने पूछा कि जी आप उस्दिन ये क्यो बोले के मार दे इसको मुझे क्या




मैने कहा अरे आप उस बात को सीरीयस ना ले वो तो थोड़ी कंडीशन ऐसी थी तो उसको उलझाने के लिए बोल दिया वो बोली कि अगर उसने हमे सच मुच मे मार दिया होता तो मैने कहा जी फिर मैं वहाँ किस लिए था किसकी मज़ाल जो मेरे होते हुए आप को छू भी जाए तो वो हँस पड़ी और बोली आप पहले फोजी है जो अच्छे लगे बाकी तो बस अवाम पर ज़ुल्म ही करते है

मैने कहा जी ऐसा कुछ भी नही है हम जो भी कर रहे है आप लोगो की दह्शत्गर्दो से हिफ़ाज़त के लिए ही कर रहे है फिर वो बोली कि चलिए इन बातों को छोड़िए चाइ ठंडी हो रही है आप उसका लुफ्त ले घर मे कोई दिख नही रहा था तो मैने कहा कि आप अकेली रहती है क्या



तो उसने बताया कि नही उसके शौहर भी है पर वो कुछ दिनो के लिए बाहर गये हुए है तो उनकी गैर-मोजूद्गी मे वो ही दुकान का काम संभाल रही है वरना तो बाकी टाइम वो सिलाई और नक्काशी का काम ही किया करती है मैने कहा ये तो बहुत ही अच्छी बात है उसमे एक कशिश सी थी और खूबसूरत तो वो बला की थी और उसकी सादगी ने उसके नूर को और भी रोशन कर दिया था



जब वो चाइ के बर्तन उठा रही थी तो वो थोड़ा सा झुकी तो मेरी नज़र उसकी चूचियो पर पड़ी पर बस एक झलक ही थी पर अंदाज़ा हो गया कि माल तो ठोस है पर अभी थोड़ी देर थी तो बस नज़ारा ही ले लिया फिर मैने कहा कि जी अब इजाज़त दीजिए वापिस ड्यूटी पर जाना है तो वो बोली कि आपका जब भी दिल करे इसी वक़्त आप चाइ पीने सीधे घर पर ही आ जाया करे




मैने कहा जी ठीक है और उसको सलाम कहकर वापिस पोस्ट पर आ गया पोस्ट पर आया तो मेसेज था कि सीओ साहिब ने अर्जेंट बुलवाया है तो मैं फिर बेस कॅंप चला गया वहाँ जाकर पता चला कि मीडीया मे एक प्रेस कान्फरेन्स होनी है आतंकवादी हमले के उपर तो मैने कहा सर मुझे इन लफडो मे नही पड़ना है आप ही हॅंडल करो तो वो बोले माइ सन ये तुम्हारा टास्क था



जो भी किया तुमने किया है तुम बहादुरी से लड़े ऑल क्रेडिट ईज़ युवर्ज़ तो अब इधर भी तुम ही लीड करो उन्होने कहा फटा फट से ड्रेस पहनो और ऑडिटोरियम मे आ जाओ जब मैं वहाँ गया तो वहाँ सभी बड़े ऑफिसर्स थे सभी की चेस्ट पर इतने मेडल्स कि चेस्ट कम पड़ गयी पर मेडल्स बहुत थे तो फिर प्रेस की क्वेस्चन्स शुरू हुए कुछ आसान थे
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10-07-2019, 12:28 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
पर जल्दी ही वो ह्यूमन राइट्स की पीपनी बजाने लगे तो मुझे गुस्सा आ गया मैं वहाँ से जाना चाहता था पर सीओ साहिब ने इशारे से मुझे बैठे रहने को कहा कोई 1 घंटे तक बस सवाल जवाब होते रहे मुझे प्रेस का रवैया बिल्कुल भी अच्छा नही लगा इस फालतू के काम के बाद मैं डिन्नर के लिए ऑफिसर्स मेस चला गया आज कुछ मुर्गा शुरगा लेने का मन हो रहा था



डिन्नर कर ही रहा था कि हमारी यूनिट के एक सीनियर ऑफीसर आ गये उन्होने बताया कि जल्दी ही मेरा नाम सेना मेडल के लिए भेजा जाएगा मैने कहा सर मुझे तो इस बारे मे कुछ पता नही है पर अंदर ही अंदर मैं खुश हो गया था फिर मैने कहा सर मुझे घर जाना है तो छुट्टी का कुछ करवा दो तो उन्होने कहा कि यार सीओ साहिब ने सबकी छुट्टिया रोक के रखी है



मैने कहा सर सीएल ही दिलवा दो तो वो बोले यार मैं तेरी रेकमेंडेशन तो कर दूँगा बाकी तो अब साहिब ही जाने हम पर तू एक –दो दिन का आउट पास लेना चाहे तो मैं अभी साइन कर दूँगा मैने कहा नही सर इधर कहाँ घमना फिरना पर थॅंक्स ऐसी कोई बात होगी तो मैं ज़रूर बताउन्गा फिर मैं पोस्ट पर नही गया दो चार पेग लगाए और बटालियन मे ही सो गया



अगले दिन जब मैं उठा तो सर भारी भारी सा हो रहा था रात का नशा अभी भी हिट कर रहा था शूकर है कि फील्ड एरिया मे पीटी-परेड नही होती वरना अपनी तो लग जाती रेडी होके पोस्ट पर गये तो पता चला कि सब राज़ी खुशी है फिर मैने अख़बार लिया तो पता चला कि कल की प्रेस-कॉन्फ्रेंसे के बारे मे छपा है और हमेशा की तरह आर्मी को ही विलेन बनाया गया है



तो दिल खट्टा हो गया मेरा साथी बोला सर जी इधर ऐसा ही होता है आप क्यो उदास होते हो आप की नयी पोस्टिंग है कुछ दिन गुज़ार लोगे तो सारा सिस्टम समझ आ जाएगा मैने कहा यार ये बात नही है बात ये है कि मुझे घर जाना है अरसा हो गया छुट्टी नही मिली है वो बोला साहिब इधर ऐसा ही है पीस मे पोस्टिंग होती तो आसानी होती अब बरफ पिघलेगी तो ही बात बनेगी



वो बेचारा भी मेरी हालत समझता था क्योंकि वो भी एक फोजी ही था आज सबकुछ तो था मेरे पास पर बस छुट्टी ही नही थी तो भाई दिल को समझाया और ड्यूटी बजाने लगे आज का साला दिन भी कुछ ज़्यादा लंबा हो गया था ये तो शूकर था कि फोज मे दो-दो घंटी मे ड्यूटी चेंज होती है बार बार मेरी निगाह दूर कोने मे चाइ की दुकान पर जा रही थी तो



हमारा हवलदार चुटकी लेते हुए बोला साहिब चाइ तो थरमास मे भी रखी है पर आपको वो कहाँ पीनी है और हँसने लगा मैने कहा यारा बस ऐसे ही थोड़ा सा टाइम पास है और कुछ नही तो वो बोला साहिब सही है आप तो यूनिट के हीरो हो और अफ़सर भी हो आप की तो मोज है मैने कहा तू दिन रात मेरे साथ रहता है कहाँ है मौज उस रात को मर जाते तो मौज निकल जाती तो वो थोड़ा सा सीरीयस हो गया



जैसे तैसे शाम हुई तो मैने कपड़े चेंज किए और पॅंट की जेब मे हाथ डाले घूमते घामते पहुच गये मोहतार्मा के घर उसने अपनी मुस्कुराहट के साथ मेरा स्वागत किया और मुझे घर के अंदर बुला लिया वो बोली आप दो पल इंतज़ार की जिए मैं अभी चाइ बना कर लाती हू तो मैने कहा आप बेकार तकल्लूफ़्फ ना करे मैं तो बस आपसे मिलने आया हू



तो वो पास वाली कुर्सी पर बैठ गयी और बोली कि जी कहिए हुजूर आपकी खिदमत मे क्या कर सकते है मैने कहा जी आप ने अभी तक आपका नाम नही बताया तो उसने कहा जी मेरा नाम महक है मैने कहा बड़ा ही अच्छा नाम है उसने शुक्रिया कहा मैं उसको साँचे मे ढालना चाहता था पर बिना किसी जल्दी के क्योंकि अगर वो बुरा मान जाती तो पंगा हो जाता



और फिर नोकारी पे भी बन सकती थी पर ये साला चूत का नशा भी अजीब होता है इंसान से कुछ भी करवा सकता है और हम तो फिर भी थर्कि इंसान थे बातों का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए मैने कहा कि आपके शौहर कब तक आएँगे उस से भी मिल लेते तो वो बोली कि जी जब पर्ली पार की बरफ पिघलेगी आवाजाही होगी तभी आ पाएँगे मतलब कि अभी देर थी उसके आने मे



तो बात बन सकती थी रात गहराने लगी थी बातों का सिलसिला जारी था उसकी आँखो मे मुझे कुछ दिख रहा था मैने आख़िर दाँव खेलने का सोचा और कहा कि आपका अकेले का टाइमपास कैसे होता है वो बोली जी पूरा दिन तो दुकान मे निकल जाता है शाम को घर का काम हो जाता है फिर खाना पीना करके सो जाते है मैने कहा मिया जी की याद तो आती होगी



वो कहने लगी सरकार याद से क्या होता है ज़िंदगी कहाँ आसान है हमारी काम भी करना पड़ता है तब कुछ जुगाड़ कर पाते है मैने कहा मैं कुछ मदद कर सकता हू क्या तो वो बोली नही हुजूर आपका पहले से ही बड़ा अहसान है ये साँसे आपकी ही देन है आपका तो अहसान हम कभी नही उतार पाएँगे

मैने कहा ऐसा कहकर आप बस मुझे शर्मिंदा कर रही है अगर आप ऐसा फिर कहेंगी तो मैं चला जाउन्गा तो वो बोली जी मेरी इल्तिजा आपको नागवार गुज़री उसके लिए माफी चाहूँगी बातों को आगे बढ़ाते हुए मैने कहा कि क्या आप मेरा एक काम करेंगी तो वो बोली जी कहिए



मैने कहा मुझे यहाँ आए हुए थोड़ा ही अरसा हुवा है सहर के बारे मे ज़्यादा मालूमात नही है क्या आप मुझे सहर घुमा लाएँगी आप लोकल हो तो मुझे सहर को समझने मे थोड़ी मदद हो जाएगी तो वो बोली जी ये वादी है आपकी दिल्ली या मुंबई नही यहाँ अगर औरत अजनबी के साथ घूमेगी तो कयामत हो जाएगी मैने कहा पर आप मैं तो अजनबी नही है



तो वो बोली ये बात आप और मैं समझते है पर अवाम नही समझती है यहाँ के क़ानून अलग है अगर कुछ उल्टा सीधा हो गया तो तलवारे निकलते देर नही लगती है हाँ पर मैं आपकी मदद ज़रूर कर दूँगी मेरी पहचान मे कोई है मैं उनसे बात करूँगी वो पक्का आपकी मदद कर देंगे अब कॉन समझाए उसको कि हमे तो बस एक बहाना चाहिए था उनके दीदार करने का
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10-07-2019, 12:28 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
काफ़ी टाइम हो गया था तो फिर मैने उनसे इजाज़त ली और वापिस आ गया इधर आए हुए महीना होने को था पर फिर भी यहाँ के हालत को मैं बेहतर तरीके से समझ नही पाया था क्योंकि आज तक जहाँ मैं रहा था वो जगह यहाँ से तो बहुत ही अलग थी यहाँ हर कोई खुल कर नही जीता था हर तरफ एक डर सा था लोग हम से ज़्यादा आतंकवादियो का सपोर्ट करते थे



अब कॉन समझाए उनको कि फोज वहाँ बस उनकी हिफ़ाज़त के लिए ही तो थी पर मैं कर भी क्या सकता था हमे तो बस ड्यूटी बजानी थी और गंद घिसनी थी तो दिमाग़ पे कुछ ज़्यादा ज़ोर नही डाला रात को अचानक से ऋतु मॅम का फोन आ गया तो वो बड़ी ही नाराज़ थी क्योंकि मैने कई दिनो से उनको फोन नही किया था पहले तो उन्होने जमकर क्लास ली फिर पोस्टिंग का पूछा



मैने उनको सब कुछ तस्सल्ली से बताया और ये वादा भी किया कि मैं जब घर जाउन्गा तो उनसे मिलकर ही जाउन्गा तो वो बोली कि मैं कुछ दिनो के लिए ऋषिकेश घूमने जाउन्गी तो तुम बता देना फिर प्लान कर लेंगे मैने कहा जी ओके फिर कुछ और बातों के बाद उन्होने फोन रख दिया उनका फोन रखा ही था कि मेरा फिर से फोन बज उठा ये घर से था



चाचा का फोन था उन्होने बताया कि तेरी चाची को लड़का हुवा है तो तू अब जल्दी से छुट्टी लेकर घर आजा मेरे लिए ये बड़ी ही खुशी की बात थी मैने उन्हे बधाई दी और कहा कि मैं जल्दी ही आने की कोशिश करता हू सच्ची मे दिल खुश हो गया था मैने अपने साथियो को ये बात बताई पर मिठाई का अगले दिन कहा क्योंकि रात को दुकाने बंद थी



कभी कभी जब घर की याद आ जाती तो दिल उदास हो जाया करता था मैं दिलो जान से चाहता था कि जल्दी से जल्दी अब घर पहुचु पर कुछ बात बन नही रही थी मिलिटरी को घाटी मे बहुत प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ रही थी महॉल ठीक नही था पिछले कुछ दिनो मे बादशाम इलाक़े मे अलगाववादियो और सेना मे पंगा चल रहा था और एक दिन ऐसे ही हमारे इल्लाके मे भी कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स और सेना मे झड़प हो गयी



तो करफ़ू लगाना पड़ा हालत ऐसे थे कि अब छुट्टियों की बात करता तो चूतिया लगता चारो तरफ कब्रिस्तान सा सूना पन था ये वही कश्मीर था जिसे धरती पर स्वर्ग कहा जाता था मैं अपनी टीम के साथ कभी पोस्ट पर रहता तो कभी फ्लॅग मार्च मे घंटा रहता था कोई करफ़ू तोड़ने की कोशिश करता तो उसको धर लेते बाजार बंद होने से महक की तरफ भी नही जा पा रहा था



अबकी बार करफ़ू भी लंबा खिंच गया था और उपर से टाइट ऑर्डर्स के कारण कुछ घंटो की ढील भी नही दे रहे थे तो एक शाम की बात है मैं पेट्रॉल्लिंग से वापिस आ रहा था कि मैने देखा कि कुछ सोल्जर्स ने एक औरत को पकड़ा हुआ है मैं उधर गया तो पता चला कि वो महक थी मुझे देखते ही वो अपनी बाँह छुड़ा कर मेरी ओर भाग गयी



मैने पूछा कि इन्हे क्यो पकड़ा है तो पता चला कि महक ने करफ़ू तोड़ा है है मैने कहा कोई बात नही मैं इन्हे पर्सनली जानता हू आप लोग इन्हे मुझे हॅंडोवर करे और जाए मैं देख लूँगा तो वो लोग चले गये फिर मैं महक की तरफ मुखातिब हुआ और कहा आप क़ानून क्यो तोड़ रही थी तो वो गुस्से से बोली कि मेरे घर मे राशन ख़तम हो गया है मुझे खाना खाना था




अब आपने सख्ती की हुई है तो हमारा मरना हो गया है मैने कहा उपर से ऑर्डर है मैं क्या करू पर उसकी आँखो मे मुझे आक्रोश दिखा मैं उसकी परेशानी समझता था पर कुछ कर भी नही सकता था मैं उसको उसके घर ले गया और कहा कि आप यही रुकना बिल्कुल भी बाहर नही निकलना मैं आपके लिए कुछ लेकर आता हू मैने अपने साथी को फोन किया और सबसे पास की आर्मी कॅंटीन का अड्रेस लिया



तो पता चला कि सबसे पास तो बस हमारी यूनिट ही है तो मैं बटालियन मे चला गया कॅंटीन से जितनी मेरे कार्ड की लिमिट थी उस सब का ग्रोस्सरी का सामान ले लिया और महक के घर की ओर चल पड़ा रास्ते मे मैं सोच रहा था कि आज अगर महक की चूत मारने का चान्स बन जाए तो मज़ा ही आ जाए तो मैं अपने विचारो मे मगन उसके घर पहुच गया और उसको बॅग दिया



मैने कहा इसमे ज़रूरत का कुछ समान है करफ़ू हटने तक तुम्हारा काम इस से चल जाएगा तो प्लीज़ अभी तुम रूल मत तोड़ना वो बोली मदद का शुक्रिया मैने कहा एक दोस्त दोस्त के काम नही आएगा तो कॉन आएगा वो बोली जी घाटी मे औरत मर्द दोस्त नही हो सकते है मैने थोड़ी हिम्मत करते हुए उसका हाथ पकड़ लिया और कहा कि आप मेरी कसम खाकर कहो कि आप मुझे दोस्त नही मानती है

तो उसने अपनी नज़रो को झुका लिया मैं समझ गया कि इसके दिल मे भी कुछ है तो मैने कहा कि मैं तो फोजी हू आज यहाँ कल यहाँ बस यादो मे ही जीता हू आपकी भी कुछ यादे ही रहेंगी पास तो वो बोली अब आप तो हमे रुसवा करने लगे मैने कहा रुसवा तो आप हमारी दोस्ती को कर रही है वो बोली जी अगर किसी को पता चल गया कि हमने गैर मर्द से दोस्ती की है तो



हमारे लिए बड़ी मुश्किल हो जाएगी मैने कहा गैरो को कॉन बताएगा ना आप बताएँगी ना मैं तो महक कहने लगी कि बाते बहुत ही अच्छी करते है आप मैने कहा और आप बेहद ही खूबसूरत है तो वो थोड़ा सा शर्मा गयी और कहा आप तो बस यू ही तारीफ़ कर रहे है मैने कहा लो जी अब हम सच बोले तो वो झूट मानते है
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10-07-2019, 12:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
वो बोली अब आप जो कहना चाहे कह सकते है आप और थोड़ा सा हँस पड़ी उसका हाथ तो मैने पहले से ही पकड़ा हुवा था तो मैने उसको खीचा मेरी ओर तो वो आगे को आ गयी और मेरे सीने से आ लगी वो तुरंत ही पीछे हटना चाहती थी पर मैने अपनी भुजाओ की पकड़ मजबूत करदी और उसको अपने सीने से लगा लिया



वो मेरी बाहों मे कसमसाने लगी तो मैने उसको जाने दिया उसके गोरे गाल एक मिनट मे ही सुर्ख हो गये थे वो बोली ये ये आपने क्या किया मैने कहा अपने दोस्त को गले लगाया वो शायद कुछ और भी कहना चाहती थी पर हया के कारण कुछ कह ना पाई मेरे लिए ये एक दम पर्फेक्ट टाइम था क्योंकि अभी मुझे पता चलना था आगे के रास्ते का



महक बोली आगे से ऐसा ना करना अगर कोई देख लेगा तो हमारी क्या आबरू रह जाएगी मैने कहा इसमे ग़लत क्या है अब अपने दोस्त को गले लगाना भी गुनाह-ए-अज़ीम हो गया है आपकी नज़रो मे वो बोली अब मैं आपको कैसे समझाऊ मैं उसके और पास गया अब हम दोनो बिल्कुल आमने सामने खड़े थे मैने एक उंगली उसके मुलायम होटो पर रखी



और उस से कहा कि श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कुछ भी कहने की ज़रूरत नही है तुम्हे बस दो पल खामोश रहो वो कुछ संभलती उस से पहले ही मैने उसकी पतली कमर मे अपना हाथ डाला और उसको अपनी गिरफ़्त मे ले लिया महक का बदन घबराहट से काँपने लगा जैसे ही वो मेरे आगोश मे आई उसकी चूचिया मेरे सीने से सट गयी



मेरे शरीर मे भी करंट दौड़ गया अब जो हो वो देखा जाए ये सोचते हुए मैने तुरंत ही अपने प्यासे होंठो को उसके शबनमी लबों पर रख दिया और उनको खाने लगा मैं दूसरा हाथ उसके कुल्हो पर ले गया और उनको मसल्ने लगा महक अलग होना चाह रही थी पर मेरी पकड़ मजबूत थी तो 3-4 मिनट तक मैं बस किस ही करता रहा



ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे मूह मे रूह आफ्ज़ा मिली मलाई घोल दी हो जब मैं हटा तो देखा कि महक का चेहरा पूरी तरह से लाल हो गया था वो पास रखी हुई कुर्सी पर बैठ गयी और नज़रो को झुका लिया मैं भी उसके पास ही बैठ गया और उसके हाथ को सहलाते हुए उस से पूछा कि क्या हुआ अच्छा नही लगा क्या पर वो खामोश बैठी रही



कुछ देर मैने उसके जवाब का इंतज़ार किया पर वो वैसे ही बैठी रही तो मैने कहा कुछ तो बोलो महक तो उसने मेरी ओर देखा और कहा मैं क्या बोलू आपने हमे छू लिया अगर किसी को पता चल गया तो हम तो मर ही जाएँगे मैने कहा और किसी को बताएगा कॉन अब टाइम था खुल के अपनी बात कहने का तो मैने गला खंखारा और कहा


महक देखो अब मैं तुमसे अपने दिल की बात कहने जा रहा हू आप बेहद ही खूबसूरत है जब पहली बार आपके दीदार हुए तो ही मेरा दिल मचल उठा था मैं झूट नही बोलूँगा और अब सीधी बात ही करूँगा महक आप मुझे बहुत ही अच्छी लगी मैं आपका दोस्त बन ना चाहता हू बल्कि सच कहूँ तो दोस्त से कुछ ज़्यादा



वो बोली जी मैं कुछ समझी नही तो मैने कहा कि देखो बात ये है कि मैं अकेला हू आप भी अकेली हो कुछ अरसे के लिए तो क्यो ना हम दोनो कुछ टाइम एक दूसरे के साथ गुज़ारे ये मेरा ओपन इन्विटेशन था उसके लिए मैने कहा महक आपके लिए ये चीज़ आसान नही होगी मैं जानता हू पर मेरी यही आरज़ू है


अगर इस भाग दौड़ भरी ज़िंदगी मे कुछ सुकून के पल आपके साथ गुज़ारने को मिले तो मेरे लिए इस से बेहतर कुछ नही होगा पर आप पे कोई ज़ोर नही है आप चाहे तो मना भी कर सकती है और वैसे भी दोस्त के रूप मे तो आपका साथ है ही मैने अपने मन की उसको बता दी थी अब बस इंतज़ार था उसके जवाब का
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10-07-2019, 12:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
महक असमंजस मे पड़ गयी थी कि क्या कहे मैने कहा आपको अभी जवाब देने की ज़रूरत नही है आप आराम से सोच लीजिए अगर हाँ है तो ठीक और ना है तो भी ठीक मैं उस से बात कर ही रहा था कि तभी मेरी वॉकी-टॉकी पे मेसेज आया तो मैने कहा अभी मुझे जाना पड़ेगा आप मेरा मोबाइल नंबर ले लो और अगर आपकी हाँ हो तो फोन कर देना



ये कहकर मैं उसके घर से आ गया पर दिल मे दुधक लगी थी कि अगर मना कर देगी तो क्या होगा बॅंकर मे आया हाथ मूह धोया और थोड़ी देर लेट गया कुछ थकान भी थी तो आँख लग गयी जब मैं सोकर उठा तो शाम हो गयी थी 7 बज रहे थे फोन देखा तो कुछ नही था



दिल को थोड़ी सी निराशा हुई पर हम क्या करे मैने सोचा कई दिन हो गये है उर्वशी से ही बात कर लूँ तो फोन मिला दिया पहली रिंग मे ही फोन पिक हो गया हाई हेलो के बाद पता चला कि वो अपने गाँव मे आई हुई है और थोड़े दिन वही पे रहेगी मैने कहा ये तो अच्छी बात है उसने कहा फोजी मिलने कब आएगा मैने कहा छुट्टी मिलते ही



उसने बताया कि उसके कॉलेज मे प्लेसमेंट मेला लगेगा तो उसको क्या पता किसी अच्छी कंपनी मे जॉब मिल जाए मैने कहा टेन्षन ना ले तुझे तो अच्छी कंपनी ही मिलेगी वो बोली फोजी जे तू ब्याह कर लेता तो मैं इन झमेलो से बच जाती तेरी रोटी बना देती और ऐश से रहती मैने कहा यार तू तो अब भी मेरी ही है तो वो हँस पड़ी

उसकी हसी से मेरा दिल झूम उठा ज़िंदगी मे ले दे कर ये ही तो कुछ दोस्त बने थे बल्कि दोस्त कम ये भी मेरा परिवार ही थे मैने कहा यार इधर छुट्टी की मारा मारी चल रही है बोला तो है देखो कब तक कुछ होता है फिर आउन्गा तुमसे मिलने को वो बोली पापा से फोन कर्वाऊ क्या तेरी छुट्टी के लिए तो मैने कहा नही यार क्या पता अगले वीक तक वैसे ही हो जाए



वो बोली जो भी हो देख लेना अगर नेक्स्ट वीक तक कुछ ना हो तो मैं पापा से बोलकर अड्जस्ट करवा दूँगी फिर दो चार बात और मैने फोन रख दिया दिमाग़ और भी ज़्यादा खराब हो गया था पर तकदीर पर किसिका बस थोड़ी ना चलता है तो दो दिन और गुजर गये पर महक की तरफ से कुछ भी कैसा भी रेस्पॉन्स नही आया था उस्दिन सुबह सुबह



मुझे यूनिट मे तलब किया गया और बताया गया कि पास के एक गाँव मे कुछ मिलिटेंट्स ने एक स्कूल मे बच्चो को पकड़ लिया है तो वहाँ पर टीम भेजी जा रही है और तुम भी टीम का हिस्सा हो ये सुनते ही मुझे तो झटका लग गया उस दिन तो किस्मेत से बच गये थे अब फिर इतने लोग है बटालियन मे हमारी गंद ही मिली मारने को जैसे तैसे सूखे गले से जी सर कहा



पर अंदर से मैं बस जैसे रोने को ही था तो पंद्रह बीस मिनट बाद कुल 16 लोगो की हमारी टीम चल पड़ी अपने मिशन पर ये सभी लोग तो ऐसे हँस बोल रहे थे जैसे की पिकनिक पर जा रहे हो और मैं चुप चाप बैठा था सर को झुकाए उस रात तो किस्मेत की मेहरबानी से सर्वाइव कर लिया था पर आज पता नही क्यू मैं कुछ ज़्यादा ही घबरा रहा था
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10-07-2019, 12:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मेरे सीनियर ने मुझे थोड़ा सा पानी दिया और कहा चिंता मत करो तुम ज़िंदा ही वापिस आओगे बस मेरी कही बात पर विश्वास रखना और अपने हौसले को टूटने ना देना अपने साथियो पर विश्वास रखना तुम अपने से आगे वाले को संभालना तो पीछे से कोई तुमको भी संभाल लेगा होसला बनाए रखना तुम नये हो तो वैसे भी हम तुम्हे पीछे ही रखेंगे तुम्हे यहाँ लाने का मकसद बस तुम्हे एक्सपीरियेन्स देना ही है सो डॉन’ट वरी



फिर माहौल को हल्का करने को कुछ हँसी मज़ाक शुरू हो गया और हम लगभग 45 मिनट बाद उस गाँव मे एंटर हो गये लोकल पोलीस ने चार्ज लिया हुआ था पर उनके बस की बात कहा थी तो उनको रिलीव किया और हमने पोज़िशन ले ली ऑर्डर क्लियर था कि किसी भी गाँव वाले या बच्चे , टीचर को नो कैजूअल्टी पर इसमे एक पंगा था कि स्कूल की लोकेशन चारो तरफ से ओपन थी



तो अब ज़रूरत थी एक नया प्लान बनाने की पर ये टास्क बिल्कुल भी आसान नही होने वाली थी प्लान के मुताबिक हम लोग चार चार की टीम्स मे बॅट गये पर दिन मे बेहद मुश्किल था कुछ भी करना क्योंकि हम टोटली उनकी रेंज मे थे और उपर से उनका प्लस पॉइंट था कि स्कूल मे बच्चे उनकी गिरफ़्त मे थे मैने बिना पूछे सलाह दे डाली कि सर डाइरेक्ट आंबश करते है



सभी टीम वाले मेरा मूह देखे मैने कहा सर देखो बात सिंपल सी है अगर हम ये सोचेंगे कि उनके पास प्लस पॉइंट है तो फिर हम कुछ नही कर पाएँगे पर अगर हम कॉनटर अटॅक करेंगे तो एक बार तो उनकी टाँगे कांप ही जाएँगी रहा सवाल कि बच्चो का तो वो उनको टच भी नही करेंगे क्योंकि जब उन पर प्रेशर आएगा तो वो उन्हे ही शील्ड बनाएँगे



पर अपना आइडिया उनको सही नही लगा और वैसे भी मैं टीम लीडर तो था नही तो फिर मैने चुप ही रहने का सोचा दोपहर का टाइम था पसीना बह चला मेरी गंद मे क्योंकि बस अब कार्यवाही का टाइम हो ही गया था समझो तो हमने टुकड़ो मे बॅट कर स्कूल को घेर लिया पर प्राब्लम ये थी कि खुला एरिया होने से हम उनकी फुल रेंज मे थे



मैं स्कूल के मेन गेट के पास एक पेड़ की आड़ मे छुप गया और इंतज़ार करने लगा कि पहली स्ट्राइक कॉन करता है और फिर जैसे ही पहली गोली चली महॉल मे गर्मी बढ़ गयी जल्दी ही बस फाइरिंग का शोर सुनाई दे रहा था मैने एके-56 को तो पीठ पर लटकाया और फटा फट से पेड़ पर चढ़ गया और अपनी दूसरी वाली गन स्नाइपर के लेंस को सही करके ज़ूम किया और स्कूल के फर्स्ट फ्लोर पे छुपे आतंकवादी पर सेट कर दिया



और जैसे ही मेरी रेंज मे आया ट्रिग्गर दबा और उसकी खोपड़ी खुल गयी बस यही साला गजब हो गया पहली लाश गिरते ही मामला आर पार का हो गया स्कूल के अंदर से चारो तरफ अंधाधुंड फाइरिंग हो रही थी तो मजबूर होके मुझे भी पेड़ से उतरना पड़ा और भाग कर स्कूल की वॉल की ओट लेनी पड़ी हम ब्लूटूथ से सब एक दूसरे के कॉंटॅक्ट मे थे



अभी तक सभी सही थे तो भी दिल को सुकून मिला पर मामला उलझता ही जा रहा था हमारे टीम लीडर ने कहा कि ऐसे तो स्कूल मे घुसना बेहद मुश्किल है तो मैने फिर अपना मूह खोलते हुए कहा कि सर हमे अंधेरा होने तक का इंतज़ार करना चाहिए और फिर अंधेरा होने के बाद स्कूल मे घुस जाएँगे फिर देख लेंगे असल मे मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आ गया था



मैने कहा सर अगर आप ठीक समझे तो बस मुझे कैसे भी करके स्कूल की बिल्डिंग मे एंटर करवा देना बाकी मैं संभाल लूँगा पर साहिब नही माने पर मैने डिसाइड कर लिया था कि रात होते ही मैं मामले को सॅल्टा दूँगा
उन्होने कुछ सोचा और कहा कि पर इस प्लान मे मॅग्ज़िमम रिस्क है और अगर उन्होने तुम्हे पकड़ लिया तो बहुत प्राब्लम हो जाएगी तो मैने कहा सर खून ख़राबा तो होना ही है ना जल्दी से मिशन को ख़तम करते है और चलते है फालतू मे टाइम वेस्ट करने का कोई सवाल ही नही है



तो कमॅंडिंग इंचार्ज ने कहा कि बच्चे खून गरम है तुम्हारा हालात को समझो अंदर बच्चे भी है उनकी सेक्यूरिटी हमारी मॅग्ज़िमम प्राइयारिटी है तो मैने कहा जैसा आप समझे और वापिस आकर पोज़िशन लेकर बैठ गया और सोचने लगा कुछ आक्च्युयली में महक के बारे मे सोच रहा था वैसे जान गले मे अटकी थी पर ये चूत का चक्कर भी अजीब होता है
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10-07-2019, 12:31 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
आस पास रुक रुक कर फाइरिंग हो रही थी पर मुझे तो चूत का ख़याल आ रहा था अब इन चीज़ो पर किसका ज़ोर चलता है शाम भी हो ही रही थी पर हालत काबू मे कुछ लग नही रहे थे मैं स्कूल की दीवार की ओट लिए पड़ा था तभी एक गोली बिल्कुल मेरे बाजू के बॅस से गयी और दीवार मे धँस गयी हाई राम ये क्या हुवा मेरी तो गंद फट के हाथ मे आ गयी



तो फिर से दुबक कर मैं बैठ गया मुझे गुस्सा चढ़ आया पर ऑर्डर के बिना कुछ नही कर सकता था तो मैने भी दो चार राउंड ऐसे ही फाइयर कर दिए किसी को लगे तो ठीक ना लगे तो ठीक तो फाइरिंग का जवाब फाइरिंग से ही आया और वो भी दना दन शुरू हो गये कभी हम गरजे तो कभी वो पर फिर साला गजब ही हो गया मुझे तो बिल्कुल भी अंदाज़ा नही था की




उनके पास हाइ एक्सप्लोसिव्स भी होंगे एक हॅंड ग्रीनेड आया और जिस दीवार से हमने ओट ली हुई थी उस से थोड़ी दूर ही फट गया तो दीवार की ऐसी तैसी हो गयी एक पल मे ही दीवार मलबे मे बदल गयी और अपनी हालत भी मलबे जैसे ही हो गयी धूल मिट्टी से कुछ दिखाई ना दिया मिट्टी मेरे मूह मे भर गयी आँखो को कुछ दिखाई ना दे लगा जैसे कि शरीर से जान बस निकल ही गयी




जब धूल कुछ हटी तो देखा कि मैं और मेरे तीन साथी उस दीवार के मलबे के नीचे दबे पड़े है मेरी वर्दी जगह जगह से फट गयी थी और कोहनी से खून बह रहा था जैसे तैसे करके मैं मलबे से बाहर आया और फिर थोड़ी हिम्मत करके अपने साथियो को भी बाहर लेकर आया शूकर था कि किसी को भी सीरीयस इंजुरी नही हुई थी पर एक की हालत ख़स्ता हो गयी थी



मेरी कोहनी मे बहुत दर्द हो रहा था आँखो से आँसू निकल पड़े गले से आवाज़ तो निकली ही नही शूकर था कि हेल्मेट पहने होने से सर बच गया था वरना आज तो हो गया था निपटारा हमारे दूसरे साथी तुरंत ही हमारी ओर दौड़ते हुए आए और हमको संभाला उन्होने मुझे थोड़ा सा पानी दिया तो कुछ सांस आई चोट तो कई जगह लगी थी पर गरम खून मे इतना दर्द महसूस नही हुआ



मैने फटा फट से फर्स्ट एड ली तो कुछ आराम आया टीम लीडर अब मुझे पीछे रखना चाहते थे पर मैं ठहरा अपनी मर्ज़ी का मालिक मैने कहा सर मैं ठीक हू और मिशन पूरा करूँगा मैने दो चार पेन किलर्स और गटकी और गन संभाल ली हल्का हल्का सा अंधेरा भी होने लगा था मैने कहा सर आप मुझे एक चान्स तो दो मेरा दिमाग़ खराब हो रहा है





तो वो बोले तुझे वैसे भी इंजुरीस हुई है तू क्यू मरने की जल्दी कर रहा है मैने कहा सर ज़िंदा ही रहूँगा तो वो हँस पड़े और बोले कि बेटा फिल्मी डाइलॉग मत मार और तू ध्यान से फाइनल प्लान सुन क्योंकि अब साथी कम हो गये है तो हम कुछ चेंज कर रहे है पर मैने उनकी बात पे ध्यान नही दिया क्योंकि मैने सोच लिया था कि मुझे क्या करना है




सला चोट तो मुझे लगी थी खून मेरे शरीर से टपक रहा था हालत टाइट थी पर अब दिमाग़ गरम हो गया था मेरा डर कही छुमन्तर हो गया था बस अब किसी की गंद तोड़ने का मन कर रहा था मैं बस इंतज़ार कर रहा था कि रात का काला अंधेरा महॉल को अपने आगोश मे ले और मैं तहस नहस कर दूं सबकुछ उस टाइम बस मेरे दिमाग़ मे चल रहा था कि बस ख़तम करो अब इस को



तो मैने अम्मो लोड किया ड्रेस तो फट ही गयी थी तो एक गार्ड जॅकेट डाल ली और ऑर्डर को तोड़ते हुए अंधेरे का फ़ायदा उठा कर स्कूल कॉंपाउंड मे दाखिल हो गया पर मेरे पास नाइट विषन ग्लास नही थे तो प्राब्लम थी मैने सोचा कि अगर किसी उसे किया तो फिर बड़ी मुसीबत हो सकती है तो मैने गन को पीठ पर डाला और खोकरी को निकाल लिया



और धीरे धीरे से एक एक कमरे को बड़ी ही सावधानी से चेक करने लगा दो कमरो मे कुछ ना मिला तो मैं गॅलरी की ओर बढ़ा यहाँ पर कुछ हलचल दिखी तो मैं मुस्तैद हो गया और कोने मे छुप कर खड़ा हो गया और इंतज़ार करने लगा कि कब वो मेरी ओर आए कोई 8-10 मिनट बाद एक आदमी मेरी ओर आने लगा जैसे ही वो मेरी रेंज मे आया




मैने उसको अपनी ओर लिया और उसके मूह पर हाथ रखते हुए उसकी गर्देन रेत डाली एक मिनट से भी कम समय मे उसकी लाश मेरे पाँवो मे पड़ी थी पेनकिलर लेने से थोड़ा आराम तो मिला था पर टीस तो उठ ही रही थी बदन मे पर फ़र्ज़ सामने खड़ा था छोटे छोटे बच्चे कब से उन कमिनो की क़ैद मे थे बाहर से मेरी टीम भी काउंटर अटॅक कर रही थी कुछ सोल्जर्स अंदर भी घुस गये थे
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