Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 12:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने इतनी देर मे नीचे का पूरा फ्लोर चेक कर लिया था एक को मैने मार दिया था और तीन चार मेरी टीम ने सॅल्टा दिए थे मैने टीम लीडर को बताया कि मैने नीचे का पूरा फ्लोर चेक कर लिया है ऑल क्लियर है तो उन्होने मुझे कहा कि मैं बाद मे लूँगा तेरी क्लास मैने कहा सर आप सभी एंटर कर जाओ अभी बातों का टाइम नही है टास्क करते है



तो आलम ये था कि उपर का फ्लोर था पूरी तरह से बुक सभी बच्चो और टीचर्स को उन्होने वही पे बंदी बनाया हुवा था नाइट विषन ना होने से मुझे गुस्सा आने लगा था मैने टीम लीडर को कहा कि सर मैं फर्स्ट फ्लोर पर एंटर कर गया हू आप बॅकप मे रहना पर अभी बिल्कुल फाइरिंग ना करना एक बार मैं हालात का आइडिया ले लू फिर रिपोर्ट करता हू



जल्दी ही मुझे पता लग गया कि कुल 9 लोग थे वहाँ पर और एक्सप्लोसिव के साथ थे मुझे लगा कहीं ये वो वाले जेहादी ना हो जो खुद को ही उड़ा लेते है क्योंकि वो साले मूडी होते है कुछ भी कही भी धमाका कर लेते है मैने हौले से कॅप्टन साहिब को कहा कि 9 बंदे है आप बॅक अप रेडी रखो मैं शॉट लगाने जा रहा हू वो मुझे रोकते रहे पर मैने स्नाइपर को लोड किया और खामोशी से एक को धर लिया



मैने लगातार खामोशी से टारगेट हिट किया और एक के बाद एक 2-3को लटका दिया अब छत्ते को छेड़ा तो मधुमक्खियाँ तो काटे ही गी तो मेरी तरफ एक एक्सप्लोसिव आया और ईटो के साथ मैं पीछे की तरफ फीक गया फिर कुछ याद ना रहा यारो वो पल क्या हुआ कुछ पता नही अपने होश खो गये

जब मुझे होश आया तो मैं हॉस्पिटल बेड पर था आँखे ठीक ढंग से खुल नही रही ती उठने की कोशिश की तो उठने मे भी बड़ी दिक्कत हुई पर तकिये का सहारा पीठ को देकर मैं बैठ सा गया दिमाग़ मे कुछ हॅंगओवर सा हो रहा था याददाश्त पर कुछ ज़ोर दिया तो याद आया वो पल जब वो घटना हुई थी कि तभी नर्स आ गयी उसने मुझे देखा और कहा



कि आप ऐसे क्यो बैठ गये और उसने मुझे फिर से लिटा दिया और कहा कि आप आराम करे मैं अभी डॉक्टर को बुला कर लाती हू और रूम से बाहर चली गयी थोड़ी देर बाद डॉक्टर आ गया उसने मुझे एग्ज़ॅमिन करना शुरू किया और बताया कि आपकी किस्मेत वाकाई मे बड़ी ही अच्छी थी जो उस ब्लास्ट मे आप बस घायल होकर रह गये है थॅंक गॉड बस कुछ छोटे ही आई है



तो पता चला कि मेरे पैर और पीठ मे चोटे लगी थी और चेहरे पर भी कुछ जख्म हो गये थे मैने डॉक्टर से पूछा कि सर मैं वापिस ड्यूटी कब जाय्न कर सकता हू तो वो बोले अरे अभी कहाँ ड्यूटी 4 दिन मे तो आपको आज होश आया है अभी आपको कम से कम 20-25 दिन तो बेड रेस्ट करनी ही पड़ेगी उसके बाद फिर से एग्ज़ॅमिन करूँगा फिर फाइनल डिसिशन होगा



मैने कहा सर कोई सीरीयस इंजुरी तो नही है ना कही जॉब मे कुछ प्राब्लम ना हो जाए वो बोले अभी तो नही लगती है पर पैरो की सिचुयेशन पे मेरी नज़र है फिर डॉक्टर ने कहा कि अभी तुम रेस्ट करो ज़्यादा बात मत करो और फिर मुझे विश करके निकल गया तो मैने अपने आँखो को मूंद लिया और विचार करने लगा एक महीन रेस्ट मतलब मैं होली पे घर नही जा पाउन्गा



मेरा दिल बहुत हो उदास हो गया कहाँ तो मैं बस जल्दी से घर जाने की सोच रहा था कहा ये नयी मुसीबत मोल ले ली थी मैने फालतू मे हीरो गिरी के चक्कर मे ये पहली बार था जब मेरी चाह पूरी नही हो रही थी मुझे घर की बड़ी याद आने लगी थी घर मे प्रोग्राम भी था पर फिर तकदीर को कोस कर सबर कर लिया , कर भी तो नही सकता था मैं कुछ


शाम को कर्नल साहिब पर्सनली मिलने आए हाल चाल पूछा थोड़ी देर बात चीत की और कहा कि हेल्त गेन करो अच्छे से अभी दिमाग़ मे कोई टेन्षन नही लेना जल्दी से फिट होकर ड्यूटी पर आओ आइ वॉंट बॅक माइ सोल्जर सून कोई आधा घंटा वो मेरे पास रुके वैसे तो वो कड़क ऑफीसर थे पर यहाँ उनका व्यवहार फॅमिली मेंबर जैसा ही था अच्छा लगा



तो भाई लोग अब हॉस्पिटल ही घर था अपना कुछ टाइम के लिए ज़ख़्म भी ताज़ा थे और दिल भी रो रहा था मैने नर्स से कहा कि सिस्टर आप मेरी यूनिट मे मेसेज भेज कर वहाँ से मेरा फोन मंगवा दो मुझे घर पे कॉल करनी है तो उसने कहा कि वो मेरा मेसेज फॉर्वर्ड कर देगी खाली पड़े टाइम पास भी तो नही होता था तो मैने सोचा कि घर पे बात हो जाएगी तो कुछ दिल हल्का हो जाएगा



पर अपने को तो पनोती लगी थी मुझे बताया गया कि ब्लास्ट मे मेरा मोबाइल भी टूट कर बिखर गया था ये मेरे लिए बड़ा सॉक था कंगाली मे आटा गीला वाली बात हो गयी थी अब मैं क्या करू जैसे तैसे करके वहाँ पर दिन काटने लगा पर दिन भी कुछ ज़्यादा ही लंबे हो गये थे पर दिन थे बीत जाने ही थे कैसे भी करके तो मैं भी अपना फोकस हेल्त गेन पर ही करने लगा
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10-07-2019, 12:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
समय गुज़रता गया ज़ख़्म भी भरने लगे थे ताक़त भी लोटने लगी थी तो कोई 40-45 दिन बाद मैं हॉस्पिटल से डिसचार्ज होके यूनिट मे रिपोर्टिंग कर रहा था कड़क वर्दी पहने मैं सीओ साहिब के सामने खड़ा था मेरी फाइल टेबल पर खुली पड़ी थी सीओ के साथ ऑफीस मे एक मेजर और एक हमारी यूनिट के कॅप्टन भी थे मैं आया तो ड्यूटी जाय्न करने था पर यहाँ तो मामला ही अलग था



सीओ साहिब ने मुझे बैठने को कहा और कहा कि ऑफीसर सबसे पहले तो कंग्रॅजुलेशन की आप पूरी तरह से फिर होकर वापिस आ गये है पर मैं आपसे नाराज़ भी हू उन्होने कहा आप पर इल्लीगेशन है कि आपने अपने सीनियर का ऑर्डर फॉलो नही किया जिसकी वजह से आपकी जान ख़तरे मे पड़ी और आपकी टीम को टास्क कंप्लीट करने मे मुश्किल का सामना करना पड़ा



आप जिस कार्यवाही का हिस्सा थे वो कोई स्कूल-कॉलेज का कोई गेम नही था मैं मानता हूँ आप बहादुर हो एनेर्जेटिक हो पर आर्मी के अपने रूल्स है एक ट्रडीशन है आपने रूल तोड़ा आपकी एक ग़लती की वजह से पूरी राष्रीआ य रायफ़ल्स का सर झुक सकता था और फिर आपकी खुद की जान जाते जाती बची है अभी आपको रिस्पोन्सबिलिटी लेनी होगी दिल तो कर रहा है कि आपको क्वॉर्टर गार्ड दे दूं



पर आपने पिछले मिशन मे बड़ी ही जबरदस्त ब्रेव पर्फॉर्मेन्स दी थी और फिर अभी आप काफ़ी टाइम हॉस्पिटल मे बिता के आए हो तो बस वॉर्निंग देकर छोड़ रहा हू और उम्मीद करूँगा कि आगे से आप की वजह से आरआर का नाम बस रोशन ही होना चाहिए और आपकी सज़ा ये है कि मैं आपका नाम सेना मेडल के लिए फॉर्वर्ड करने वाला था वो अब नही होगा



आप अपनी पोस्ट जाय्न करें और हाँ एक बात और बतानी थी कि कुछ दिन मे आपकी दो महीने की छुट्टी सॅंक्षन कर रहा हू ताकि आप अपने घर जाकर अपने परिवार के साथ कुछ टाइम स्पेंट कर सके मुझे पता है कि आप को काफ़ी टाइम हो गया है घर गये हुए ये सुनते ही मेरे चेहरे पे मुस्कान आ गयी मैने उनको थॅंक यू कहा और एक ज़ोरदार सल्यूट बजाकर अपनी पोस्ट पर जाने की तैयारी करने लगा



तो गाड़ी से मुझे मेन एरिया तक छोड़ दिया गया मुझे अपने लिए नया मोबाइल भी लेना था पर फिर सोचा कि अब कुछ दिनो मे घर जा ही रहा हू वही जाकर ले लूँगा वहाँ जाकर सभी से गले मिला सभी ने मुझे वापिस देखकर अभिवादन किया सभी खुश हो गये थे मैने पिछले दिनो की रिपोर्ट ली तो पता चला कि सब ऑल ओके है फिर थोड़ी और रिपोर्ट ली और एक जवान को कहा कि यार एक मस्त चाइ पीला तो वो चाइ लेने चला गया



तभी मेरा हवलदार जो मेरा अच्छा दोस्त बन चुका था उसने बताया कि साहिब वो जो सामने चाइ की दुकान वाली है ना वो कई बार आ चुकी है और हर बार आप को ही पूछ कर चली जाती है मैने कहा और तूने क्या बताया उसको तो वो बोला कि मैने उसको बताया कि आपको इंजुरीस हुई है और आप एमटी मे है मैने कहा यार इंटर्नल बाते काहे लीक की



वो कहने लगा सर उसने कहा कि वो आपकी दोस्त है और उसको बड़ी फिकर भी थी आपकी तो मैने उसको बता दिया मैने कहा लास्ट टाइम कब आई थी वो तो उसने कहा कि साब कल शाम को आई थी मैं घड़ी में टाइम देखा तो शाम के चार हो रहे थे तो मैने सोचा कि 6-6.30 के आस पास महक से भी मिल लूँगा

ना जाने क्यू मुझे घर की बड़ी याद आ रही थी तो मैने अपने साथी से कहा कि यार तू संभाल मैं ज़रा एसटीडी तक होके आता हूँ यार घर की याद आ रही है फोन कर लेता हू तो दिल को अच्छा लगेगा तो वो बोला जी सर आप जाइए मैं पैदल ही चलते हुए एसटीडी पर पहुच गया और घर का नंबर लगा दिया दो चार घंटी के बाद मम्मी ने फोन उठाया



मैने उनको नमस्ते किया और हाल चाल पूछा पर उनके उलाहने शुरू हो गये वो बोली अब तुझे माँ की याद आई है कमिने तेरे जैसा और भी नोकरी करता है कोई गाँव मे और भी फोजी है सब चक्कर लगाते ही रहते है पर एक मेरा बेटा है जिसका तो घर से मोह ही छूट गया है मैने कहा मेरी प्यारी मम्मी नाराज़ ना हो जल्दी ही घर आउन्गा वो बोली हर बार ऐसे ही बोलता है
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10-07-2019, 12:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अब उन्हे क्या बता ता कि डेढ़ महीना तो हॉस्पिटल मे काटा था उसके बेटे ने तो हँसते हुए माँ के उलाहने को ले लिया और कहा कि मम्मी साहिब ने कहा है कि इस हफ्ते के लास्ट तक पक्का छुट्टी का जुगाड़ हो जाएगा तो वो बोली बेटा तेरे बिना घर अब सूना सूना लगता है उन माँ बाप का भी क्या जीना है जिनका एक्लोता बेटा सरहद पर पड़ा रहता हो यहा किसी चीज़ की कमी थोड़ी ना थी तुझे



ना नोकरी मिलती तो खेती कर लेता कम से कम घर पर तो रहता मम्मी की बाते मेरे कलेजे को चीर रही थी पर वतन के रखवाले के हाथ बँधे थे करता भी तो क्या सब कोई हमें कहलो हम अपना हाल-ए-दिल किसके आगे कहे फोजी की मजबूरी तो बस फोजी ही समझे कई दिन बाद बात हो रही थी तो लंबी तो होनी ही थी मम्मी के हज़ार शिकवे थे मैने पूछा मम्मी घर पे सब ठीक है



तो वो बोली हम सब ठीक है साक्षी अब बोलने लगी है सारा दिन घर मे रोनक रहती है उसकी घर को तो अनिता ही संभालती है मेरे पैरो मे कुछ तकलीफ़ सी है तो खीतो मे नही जा पाती हू फिर तेरी चाची का बच्चा अभी हुवा है तो वो भी बस ज़्यादातर आराम ही करती है तो मैने कहा चाची से बात कर्वाओ ज़रा तो वो बोली अभी बुलाती हू चाची की भी वो ही शिकायत थी वो नाराज़ होते हुए बोली कि बच्चे के कुआँ-पूजन पर क्यू नही आया



तू तो अभी से ही पराया हो गया है हमे तो भूल ही गया है तू उनकी शिकायते अपनी जगह थी पर अपना हाल कोई ना पूछे मैने कहा अगले हफ्ते तक आ जाउन्गा घर पे फिर जी भर के अपनी भडास निकाल लेना मुझे भी घर की बहुत याद आती है पर मेरी भी मजबूरियाँ है तो वो बोली कि कम से कम एक फोन तो कर सकता है ना हमे बस तेरी ही चिंता लगी रहती है



तो मैने बताया कि चाची मेरा फोन टूट गया था और मैं इतना बिज़ी था कि बाज़ार निकल ही नही पाया अभी भी एसटीडी से ही फोन कर रहा हू मैं जानता हू कि सभी घर वाले नाराज़ है पर मैं आके सबको मना लूँगा मैने थोड़ी शरारत करते हुए कहा बेटा कैसा है तो वो बोली चुप बदमाश जीजी इधर ही है आजा फिर आराम से देख लेना बेटे को



दिल खुश हो गया था इस दुनिया मे कहीं भी रह लो पर जब घर की तडप उठती है दिल मे तो बस फिर एक हुड़क सी चढ़ जाती है कि पंख लगा के पहुच जाउ जल्दी से आधे घंटे से भी ज़्यादा टाइम हो गया था बात करते करते तो फिर मैने कहा कि चलो अब रखता हू ड्यूटी के बीच से आया था तो फिर मैं पीसीओ से बाहर आ गया शाम हो चली थी आकर ड्यूटी संभाल ली



ड्यूटी तो क्या थी बस चूतिया पन्ति थी फालतू की शाम हो गयी थी ठंडी ठंडी हवा चल रही थी अच्छा लग रहा था तो 7 बजे मैने अपनी ड्रेस चेंज की और हवलदार को कहा कि यार मैं बाजार जा रहा हू कुछ काम से आते आते थोड़ा लेट हो जाएगा वो बोला सर जी कोई ना इधर कॉन सा चेकिंग आने वाली है आप आराम से आना मैने उसको थॅंक्स कहा



और टहलते टहलते महक की दुकान की ओर चल पड़ा दुकान खुली थी पर भीड़ नही थी वैसे भी शाम के टाइम उधर भीड़ ना के बराबर ही रहती थी तो मैं एक स्टूल पर बैठ गया महक दुकान के अंदर नही थी तो मैने छोटू को चाइ का ऑर्डर दिया और महक का इंतज़ार करने लगा थोड़ी देर बाद वो भी आ गयी और मुझे देख कर जैसे उसके चेहरे पर एक नूर सा आ गया



वो मेरी ओर देख कर मुस्कुराइ और शायराना अंदाज मे बोली कि “वो आए हमारे घर पर कभी हम उनको कभी हम अपने घर को देखते है” मैने उसके सलाम का जवाब दिया वो मेरे पास आई और बोली अब तबीयत कैसी है आपकी तो मैने कहा अब ख़ैरियत से है आपकी दुआ से जान बच गयी है तो वो बोली कि जब मुझे पता चला तो मेरे पैरो तले ज़मीन ही खिसक गयी



खुदा का शूकर है कि आप सही सलामत है मैने उसको थॅंक्स कहा तो उसने कहा आप का फोन कई मर्तबा मिलाया पर मिला ही नही मैने कहा कि हाँ मेरा फोन टूट गया था तो अभी नया नही लिया है मेरी चाइ तो कब की ख़तम हो गयी थी बस बाते ही चल रही थी मैने कहा आज दुकान बंद नही करनी क्या तो वो बोली कि बस करूँगी कुछ लम्हो बाद


मैने कहा अब मैं चलता हू तो वो बोली अगर मैं एक इल्तीज़ा करू तो आप मानेंगे मैने कहा आप कह कर तो देखिए तो वो बोली कि क्या आज आप मेरे साथ खाना खाएँगे मेरे घर मैने कहा अरे इसमे पूछने की क्या बात मैं तो इसी चक्कर मे रहता हू कि कब कोई घर का खाना खिलाए वरना फौज की दाल किसे भाती है तो वो बोली कि आप कुछ टाइम बाद घर आ जाना तब तक मैं पका लूँगी
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10-07-2019, 12:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा ठीक है और मैं दुकान से निकल गया मैं थोड़ी देर बाजार मे घुमा मैने महक के लिए कुछ मिठाई खरीद ली अगर वो कश्मीर मे ना होती तो उसके लिए गिफ्ट्स भी लेता पर चलो कोई नही तो फिर मैं उसके घर चला गया वो दरवाजे पर ही खड़ी थी मैने अगल बगल नज़र मारी और फिर उसके घर मे घुस गया महक ने किवाड़ को कुण्डी लगाई और मुझे अंदर वाले कमरे मे ले आई



हम बैठ कर बाते करने लगे मैने पूछा आपके शौहर नही आए क्या अभी तक तो वो बोली बीच मे आए थे उन्होने राजोरी मे कलीनो का काम शुरू किया है जब कुछ काम जम जाएगा तो फिर मुझे भी उधर ही बुला लेंगे मैने कहा ये तो अच्छा है पर तुम्हारी दुकान को कॉन संभालेगा तो वो बोली इसको किराए पर दे देंगे तो थोड़ा सा और पैसा आ जाएगा


इस आतंकवाद ने वहाँ लोगो का कितना जीना हराम किया था ये बात मैं अच्छी तरह से समझ सकता था फिर महक पूछने लगी कि उस दिन क्या हुआ था तो मैने बात को टालते हुवे कहा जाने दो उन बातों को हम कई दिन मे मिले है आप बताओ कैसी चल रही है ज़िंदगी मे तो वो बोली हुज़ूर हम जैसे लोग तो बस सांस ही लेते है ज़िंदगी के नाम पे मैने कहा बुरा टाइम भी बीत जाएगा होसला रखो



कुछ देर और गुफ्तगू के बाद महक ने खाना परोस दिया और हम साथ साथ खाने लगे ऐसे मस्त दम आलू मैने ज़िंदगी मे कभी नही खाए थे खाने मे बेशक आइटम कम थे पर जजबात बहुत थे महक के खाने का स्वाद आज भी कभी कभी याद आ ही जाता है तो एक बेहद ही लज़ीज़ डिन्नर के बाद वो केसर मिला दूध ले आई और दूध पीते पीते वो मेरे पास बैठ गयी


मैने दूध का गिलास साइड मे रखा और महक का हाथ अपने हाथ मे लेकर कहा कि महक लास्ट टाइम मैने जाने से पहले आपसे एक सवाल पूछा था तो क्या आज उसका जवाब मिलेगा वो अपनी हया मे सिमट सी गयी और नज़रो को झुका लिया कुछ देर खामोशी छाई रही तो मैने कहा ठीक है तो मैं अब चलता हू और खड़ा हो गया उसने कहा कुछ देर रुक जाइए



मैने कहा किस हक़ से रुकु जब आप मुझे अपना दोस्त मानती ही नही है तो वो बोली अगर मेरे दोस्त ना होते तो इस पल आप यहाँ नही होते मैने कहा फिर इक़रार करने मे क्यो देरी तो वो बोली मैने इनकार भी तो नही किया आपको और अपने चेहरे को झुका लिया मैने कहा तो आपको हमारी दोस्ती क़ुबूल है एक बार आप अपने मूह से कह देती तो हमें भी तस्सल्ली हो जाती



महक शरमाते हुवे बोली की आप भी ना बड़े वो है मैने कहा वो क्या तो उसने अपना मूह दूसरी तरफ कर लिया मैं उसके पीछे गया और उसको पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया तो वो शरमाते हुवे बोली कि ये क्या कर रहे है छोड़िए हमें मैं उस से और भी चिपकते हुवे बोला कि ना अब नही छोड़ूँगा तुम्हे और उसके पेट को कस कर दबा दिया तो उसने एक आह सी भरी



महक के बदन की खुशबू मेरी सांसो मे समाने लगी थी मैं उस पर अपनी पकड़ और भी मजबूत करते हुवे उसकी गर्देन पर किस करने लगा महक की आँखे बंद होने लगी मैं थोड़ी देर तक उसकी गर्देन पर ही किस करता रहा पर तभी उसने खुद को मेरी गिरफ़्त से आज़ाद किया और थोड़ा सा दूर जाकर खड़ी हो गयी मैने उसको दुअबरा अपने आगोश मे भर लिया

महक काँपते हुए बोली आप हम से शरारत ना कीजिए तो मैने कहा आज आप मुझे ना रोकिए आज एक प्यासा दरिया के पास आया है तो अब दरिया कुछ घूँट पानी तो पिला ही सकता है ना तो वो बोली आप बाते बड़ी करते हो मैने कहा मैं बाते ही नही और कुछ भी बढ़िया करता हू तो वो बोली अच्छा जी मैने उसके चेहरे को थोड़ा सा उपर किया और उसके रस से लबा लब भरे हुए होंठो को अपने होंठो से जोड़ दिया
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10-07-2019, 12:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
आज कई दिन बाद किसी औरत को टच कर रहा था तो बदन मे सरगर्मिया भी बढ़ गयी थी उसके होठ कश्मीरी सेब से भी ज़्यादा रसीले और मीठे थे तो मुझे उन्हे चबाने मे बड़ा मज़ा आ रहा था महक भी कुछ देर बाद मेरा साथ देने लगी तो किस का मज़ा और भी बढ़ गया था मैं अपने हाथ नीचे ले गया और महक की गान्ड को सहलाने लगा

5-7 मिनिट तक बस मैं उसके होंठो से ही चिपका रहा बड़ा ही मज़ा आया मुझे उसको किस करने मे कसम से बड़ा ही लाजवाब टेस्ट था उसके होंठो का मैने महक को अपनी गोद मे उठाया और बेड की ओर ले चला और उसके उपर लेट कर दुबारा से उसको किस करने लगा और उसके बोबो को कपड़ो के उपर से मसल्ने लगा महक भी धीरे धीरे गरम होने लगी



मैं उसको चूमते चूमते अपना एक हाथ उसके सूट के अंदर ले गया और उसके पेट को सहलाते सहलाते उपर की ओर ले जाने लगा मैने अपने होठ उसके होंठो से अलग किए और उसके सुर्ख गालो को खाने लगा मैने अपना हाथ उसकी चूची पर रखा और उनको कस कर दबा दिया तो महक ने एक सिसकी ली और बोली आहिस्ता से दबाइए दर्द होता है मैने कहा इस दर्द का भी तो अपना ही मज़ा है ना



मैने उसके सूट को उतार दिया गुलाबी ब्रा मे क़ैद उसके गोरे गोरे बूब्स ब्रा की क़ैद से बाहर आने को मचल रहे थे मैने महक को थोड़ा सा टेढ़ा किया और उसकी ब्रा के हुको को खोल कर उसकी मस्तानी चूचियों को ब्रा की क़ैद से आज़ाद कर दिया उसकी नंगी चूचियो के दीदार करते ही मेरा लंड पॅंट को फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो गया



मैं बिना देर किए महक के स्तनो पर झुक गया और उसकी एक चूची को अपने दाँतों से काटने लगा और दूसरी को अपने हाथ से दबा कर उसमे हवा भरने लगा महक की साँसे अब उबलने लगी थी वो अपनी टाँगो को लगातार इधर उधर पटक रही थी बड़ी ही बेसब्री से मैं उसकी चूचियो को पिए जा रहा था मुझे तो कई दिन बाद औरत को भोगने का मोका मिला था

तो मैं इस मोके को अच्छे से कॅश करना चाहता था तो उसके बोबो से छेड़खानी करते हुए मैं अपने हाथ को नीचे की ओर ले गया और उसकी सलवार के नाडे को पकड़ लिया और उसको खोल ही रहा था कि महक ने मेरा हाथ पकड़ लिया और शरमाते हुवे बोली कि बत्ती बुझा दीजिए पर मैने कहा अगर बत्ती बुझा दूँगा तो आपके इस शोलो से दहक्ते हुए हुश्न का दीदार कैसे कर पाउन्गा



ये सुनकर महक ने अपना हाथ हटा लिया और मैने उसके नाडे को अपनी उंगलियो मे फसाया और खोल दिया मैने अपना हाथ अंदर सरकया तो मेरी उंगलिया उसके अन्द्रुनि हिस्से से जा टकराई तो पता चला कि उसने अंदर कच्छि नही पहनी हुई थी मैं अपने हाथ को उसके गद्देदार कुल्हो पर फिराने लगा और उनको दबाने लगा महक की साँसे पल पल भारी और भारी होती जा रही थी
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10-07-2019, 12:32 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अब मैं उठा और सलवार को खीच लिया और साइड मे रख दिया महक पूरी तरह से नंगी मेरी आँखो के सामने थी उसने अपने आप को समेट सा लिया शरम के मारे तो मैने भी जल्दी से अपने कपड़ो को जिस्म से जुदा कर दिया महक अपनी आँखे बंद किए छुई-मुई सी बैठी थी मैं उसके पास गया और उसके हाथ को अपने मचलते हुवे लंड पर रख दिया तो उसने उसको हल्का सा दबा दिया



मैने कहा इसको अपने कोमल कोमल हाथो से सहलाओ तो महक अपना हाथ मेरे लंड पर फिराने लगी मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था कुछ दर तक ऐसे ही करने के बाद मैने उसको अपनी जाँघो पर बिठा लिया और उस के लबों का फिर से शिकार करने लगा महक जाँघो से थोड़ा सा उपर को सरक आई तो मेरा लंड उसकी गान्ड की दरार से रगड़ खाने लगा दो जिस्मो की गर्मी मिली तो करंट की तरंगे उठने लगी



मैं उसके निचले होठ को चबाए जा रहा था उसको हल्का हल्का सा दर्द भी हो रहा था पर वो अपनी गोरी बाहें मेरे गले मे डाले बस उस पल को जैसे जी रही थी मैं अपने हाथो से उसकी पीठ और निचले हिस्से को सहलाए जा रहा था उसके चेहरे का नूर जैसे अब चमकने को ही था मुझ पर भी उसकी रवानी अब हद से ज़्यादा चढ़ने लगी थी



मैने उसको बेड पर घोड़ी बना दिया और उसके मोटे मोटे चौड़े कुल्हो पर अपनी जीभ फिराने लगा महक आहें भरने लगी मैं उसकी पीठ उसके कुल्हो और मोटी मोटी जाँघो के कुछ हिस्से को लगातार चाटे जा रहा था मेरा थूक से उसके चूतड़ बेहद ही चिकने चिकने हो गये थे फिर मैने उसके कुल्हो को थोड़ा सा फैलाया तो उसकी चूत के दर्शन किए हल्के हल्के घुंघराले बालो से धकि



बड़ी ही खूब सूरत सी चूत थी उसकी मैने अपनी उंगलियो से उसकी फांको को फैलाया तो अंदर से गुलाबी हिस्सा बड़ा ही मनमोहक सा लगा मुझे और उपर से जो काले बालो की घटा छाई थी उस ने उसकी सुंदरता मे चार चाँद लगा दिए थे मुझ से रुका ही नही गया तो मैने अपनी एक उगली चूत के छेद पर रखी तो वो एक पल मे ही महक के रस से भीग गयी



मैं अपनी उंगली को अंदर बाहर करने लगा तो महक हल्की हल्की सिसकारिया लेने लगी अब मैं एक हाथ से उसके उभारों को दबाए जा रहा था और दूसरे हाथ से चूत मे उंगली कर रहा था महक का शरीर किसी गरम भट्टी की तरह से सुलग रहा था उसकी आँखे वासना के ज्वर से लाल सुर्ख हो गयी थी जैसे किसी नशे से भरी हुवी बोतल हो वो



अब वो भी पूरी तरह से गरम हो गयी थी तो शर्मो हया सब कही खो सी गयी थी वो भी अपने हुस्न का जाम आज मुझे पिलाने को आतुर हो गयी थी तो मैने उसको पटका और उसके कुल्हो के नीचे तकिया लगाते हुवे उसकी जाँघो को चौड़ा कर दिया किला मेरे सामने था बस फ़तेह करने की देर थी मैं उसकी जाँघो के बीच आया और अपने लंड को उसकी चूत की घाटी मे रगड़ने लगा

जैसे ही लिंग का स्पर्श योनि पर हुआ तो महक डार्लिंग के बदन मे जैसे चींटिया सी रेंगने लगी वो अपनी चूचियो को दबाते हुवे बोली कि आप यू ना हमे तडपाइये खुदा कसम आपने हमें छूकर इस बदन मे आग भर दी है बस अब आपसे इल्तीज़ा है कि हम पर आप मुहब्बत की बारिश करके हमे इस कदर भिगो दें कि बस रंग सा चढ़ जाए इस नाचीज़ पर



आप आज इस तरह हम मे समा जाएँ कि फिर सदियो सदियो तक मेरी रूह आपकी छुवन से गुलज़ार रहे आज इशाक़्क़्क़्क़ मुझ पे यू बरसा दी जीएएए की मेरी रूह बस फन्ना ही हो जाए मैने लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर उसको गीला किया और महक की चूत से सटा दिया महक ने एक झुरजुरी सी ली और मेरा सुपाडा उसकी चूत की फांको को अलग अलग करता हुवा अंदर जाने लगा

उसकी छूट बेहद ही चिकनी हो रखी थी तो लंड को कुछ खास परेशानी ना हुवी महक ने एक मस्ती से भरपूर आह भरी और अपनी बाहें मेरी पीठ पर कस दी दो जिस्म एक जान हो गये थे दो –तीन झटको मे मैने पूरा लंड उसकी चूत की जड़ तक पहुच गया था महक की चूत मुझे बड़ी मस्त लगी वो मेरे लंड पर कस्ति चली गयी मैने उसके माथे को हल्का सा चूमा



मैने लंड अंदर डाल दिया था पर मैं अभी धक्के नही लगा रहा था कुछ देर मैं बस ऐसे ही उसके उपर पड़ा रहा तो महक से बर्दाश्त नही हुवा और उसने अपनी कमर को उचका कर मुझे जताया कि वो क्या चाहती है तो मैने तुरंत अपने लंड को बाहर की ओर खीचा और पूरी ताक़त से दुबारा अंदर ठेल दिया महक चीख पड़ी उसी पल मैने उसके लबों को पीना शुरू कर दिया

मैं अपनी कमर को मचकाते हुवे उसको चोदने लगा उपर उसकी साँसे अब मेरे मूह मे चाशनी की तरह से घुल रही थी आज की रात महक ने मेरे लिए यादगार बना दी थी महक ने अपनी जीभ मेरे मूह मे सरका दी जिसे मैं लोली पोप की तरह से चूसने लगा तो उसकी जिस्म की आग मे जैसे घी डल गया वो वो कभी मेरी पीठ को सहलाती तो कभी मेरे कुल्हो को



मैं महक को रोन्दे जा रहा था और वो भी हर एक धक्के से जैसे बस टूटके बिखरने को ही थी कई दिनो बाद चूत मिली थी नसों मे खून कुछ ज़्यादा ही ज़ोर मार रहा था अब मैने महक को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड डाल कर उसकी चुदाई करने ल्गा महक भी पूरी तरह से चुदाई हो रही थी तो मज़ा मैने उसके जुड़े को खोल दिया और उसकी ज़ुल्फो को आज़ाद कर दिया
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10-07-2019, 12:33 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैं उसके मांसल कुल्हो को थामे लगातार तेज गति से अपने लंड को चूत के अंदर बाहर किए जा रहा था महक भी अपनी गाड़ को मटका मटका कर पूरा मज़ा ले रही थी और मुझे भी दे रही थी महक की चूत अब बहुत ही ज़्यादा पानी चोद रही थी और उसकी उफनती साँसे चीख चीख कर कह रही थी कि वो बस अब झड़ने ही वाली है तो मैने उसको लिटा दिया

और उसके उपर आके चोदने लगा उसकी बड़ी बड़ी चूचिया मेरे हर धक्के के प्रहार से झूल रही थी महक ने अब अपनी टाँगो को टाइट कर लिया था और आपनी आँखो को बंद कर लिया था मैं समझ गया था कि बस ये करीब ही आ गयी है तो मैने अपनी रफत्तार और भी बढ़ा दी पसीना हम दोनो के बदन से टॅप टॅप करके टपक रहा था चूत के पानी से मेरे टटटे भी भीग गये थे
लगभग 12-13 तूफ़ानी झटके और मारे मैने और महक की चूत मे बाढ़ आ गयी एक तेज चीख मारते हुवे महक निढाल हो गयी उसकी चूत से जैसे झेलम का पानी बह चला था शायद वो भी कई दिनो बाद झड़ी थी तो काफ़ी पानी निकाला था महक मीठी मीठी सिसकारिया लेटे हुए अपने झड़ने का आनंद ले रही थी आज कश्मीर की कली का रस भी पी लिया था इस भंवरे ने



पर मैं लगा हुआ था तो महक टूट ती हुवी आवाज़ मे बोली बस कीजिए मुझे ज़रा दम लेने दीजिए मैने कहा बस दो पल की और बात है होने ही वाला है तो पूरा दम लगाते हुए शॉट लगा ने लगा मुझे कसम से बड़ा ही मज़ा आ रहा था मैने कुछ देर और उसको छोडा फिर अपने लंड को बाहर निकाला और उसके कुल्हो पर अपना वीर्य छोड़ दिया एक के बाद एक कई धारें उसके पेट पा गिरती ही चली गयी

कई दिन बाद सेक्स करके आत्मा प्रसन्न हो गयी थी और दम भी निकल गया था तो मैंन उसके बगल मे लेट गया महक मेरी ओर मूडी और अपनी टाँग को मेरी टाँग पर चढ़ा लिया और मुझसे लिपट गयी मैने महक की छाती पर चुंबन अंकित किया और पूछा कि मज़ा आया तो वो शरमाते हुए बोली कि बहुत और अपने सुंदर मुखड़े को मेरे सीने मे छुपा लिया



मेरे हाथ उसकी पीठ पर कस गये कुछ देर हम एक दूसरे से यू ही लिपटे पड़े रहे फिर महक मुझ से अलग हो गयी और बेड पर बैठ गयी मैं भी बैठ गया मैने महक की आँखो मे झाँक कर देखा और फिर महक को अपने लंड पर झुका दिया उसने कुछ पल मेरे लंड को सूँघा और अपने मूह को खोलकर उसको अंदर ले लिया उसकी गरम खुरदरी जीभ का स्पर्श पाते ही लंड मे सुरसूराहट होनी शुरू हो गयी



और वो उस हसीना के मूह मे फूलने लगा महक को लंड को अपने मुँह लेने मे परेशानी होने लगी फिर भी वो उसे जैसे तैसे चूस्ति ही रही उसके थूक से लंड बड़ा ही चिकना हो गया था और उसकी नसे फूल कर बड़ी ख़तरनाक लग ने लगी थी महक अब जोश ख़रोश से लंड पे अपना मूह उपर नीचे चला रही थी वो मेरा लंड चूस रही थी



तो मैंन अपना हाथ उसके चुतड़ों पर फिरने लगा बड़ी ही कसी हुई गान्ड थी उस हसीना की तो मैं उसकी गान्ड को सहलाने लगा जैसे ही मैने अपनी उंगली से उसकी गान्ड के छेद को सहलाया महक ने मेरे लंड को अपने मूह में कस के दबा लिया मैने उसके कुल्हो को फैलाया और अपनी दो उंगलिया चूत के अंदर सरका दी महक ने अपनी जाँघो को भीच लिया



जितनी ज़ोर से मैं चूत मे उंगली करता उतनी ज़ोर से ही महक लंड को चूस्ती मैने उसके चुतड़ों को अच्छे से फैला दिया और मज़े से उंगलियो को अंदर बाहर करने लगा महक की टाँगे काँपने लगी थरथराती हुई उसकी मोटी मोटी टाँगे बड़ी ही प्यारी लग रही थी कुछ देर बाद उसने लंड को अपने मूह से निकाल दिया और मुझे हल्का सा धक्का देते हुवे मेरी छाती पर चढ़ गई



वो मेरे सीने पर झुक कर मुझे किस करने लगी तो मेरा लंड उसकी चूत से रगड़ खाने लगा लंड भी थूक से पूरी तरह गीला था और मशाल्लाह चूत के तो कहने ही क्या थे वो तो आज दरिया बनी हुवी थी तो महक अपना हट नीचे ले गयी और लंड को चूत के छेद पर सेट करते हुवे उस पर अपना बोझ डालने लगी महक ने एक तेज आह भरी और लंड को जड़ तक चूत मे ले लिया



वो अब आहिस्ता आहिस्ता से अपनी गंद को लचकते हुवे चुदाई का मज़ा लेते हुए मुझे किस कर रही थी चूत बेहद चिकनी होने की वजह से लंड बार बार फिसल रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा था दो सुलगते हुवे जिस्मो मे अब शोले भड़कने ही लगे थे मैने उसके कुल्हो को थाम लिया और उसको अपनी सवारी करवाने लगा उसको कोई जल्दी नही थी वो बेहद आराम से लंड पर झूल रही थी
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10-07-2019, 12:33 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
वो पूरे जोश से मेरी गोद मे बैठी हुवी अपनी गान्ड को मटका मटका कर चुदाई का सुख ले रही थी और मैं उसके शराबी होंठो को पीए जा रहा था महक की हर सांस मेरे अंदर घुले जा रही थी वो अब मंझधार तक पहुच गयी ती तो मैने उसको अपने उपर से उतार दिया और उसकी टाँगो को फैलाते हुवे अपने मूह को चूत पर लगा दिया महक इस हरकत से पागल हो गयी



उसकी चूत का दाना फूल गया था तो मैने उसको अपने दाँतों मे दबा लिया तो महक किसी पागल हिरनी की तरह बेड पर मचलने लगी कभी वो अपने बोबो को दबाए कभी मेरे सर को अपनी चूत पर दबाए कभी अपने बालो को नोचे सेक्स आज उसके सर चढ़ कर बोल रहा था जब उसका बस ना चला तो उसने अपनी जाँघो को मेरे मूह पर कस कर लपेट दिया और मस्त मस्त आहे भरने लगी



उसकी चूत से निरंतर खारा पानी बहे जा रहा था महक मस्ती के सागर मे आज डूब ही गयी थी अब मैने दाने को छोड़ा और चूत मे अपनी जीभ को सरका दिया महक की आँखे वासना से लाल सुर्ख हो गयी थी उसका बुरा हाल हो गया था वो एक ऐसी आग मे जले जा रही थी जिसमे जलने को हर कोई बेकरार रहता है महक की चूत का सारा पानी मैं चाट चाट कर सॉफ करने लगा




महक बोली रहम करो मुझ पर मैं बस फ़ना होने ही वाली हू आप मुझे यू ना तडपाइये और मेरी इस प्यास का कुछ इलाज कीजिए तो मैं खड़ा हुआ और उसकी टाँगो को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और उसको चोदने लगा महक हर पल पागल होती जा रही थी उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईईई हिय्ाआआईयईईईईईईईईईईईईईईई करती हुई वो मेरे शक्तिशाली प्रहारो को झेल रही थी मैं लंड को सुपाडे तक बाहर खीचता और फिर झट से अंदर डालता तो उसकी चूत का छेद फैल जाता



जिस से उसको दुगना मज़ा मिला रहा था महक मेरा जोश बढ़ाते हुवे बोल रही थी कि ऐसे ही कीजिए ऐसे ही कीजिए मैने कहा मेरी जान तुम फिकर ना करो बस मेर साथ बनी रहो महक की शानदार चुदाई चल रही थी मैं हर धक्के पर उसको पूरा मज़ा दे रहा था आलम ये था कि अब ऐसा लम्हा आ गया था कि हम दोनो ही पागल हो गये थे मेरे लंड की नस नस अकड़ गयी थी



तो बस अब हम दोनो टूट कर बिखरने ही वाले थे चुदाई तो मैने बहुत की थी पर इस कश्मीर की कली की बात थोड़ी जुदा जुदा सी थी उसने ऐसा मज़ा दिया था कि फिर बाकी सब बेकार सा लगने लगा था अब मेरा पानी निकलने को ही था तो मैं अब उसके उपर छा गया और तेज तेज धक्के लगाने लगा महक भी लास्ट मोमेंट पर आ गयी थी फिर कुछ देर बाद हम दोनो ने एक मज़े से भरपूर आह भरी और साथ साथ ही झड़ने लगे

कुछ देर मैं उस से चिपका पड़ा रहा फिर जब हवस की खुमारी उतरी तो मैं महक से अलग हुआ महक ने चादर से अपने नंगे जिस्म को धक लिया तभी मुझे ध्यान आया कि मुझे तो पोस्ट पर होना चाहिए था तो मैने जल्दी से अपने कपड़े पहने और महक को एक किस करके कहा कि अभी मैं चलता हू तो वो लेटे लेटे ही बोली कि फिर कब आओगे तो मैने कहा जल्दी ही और वहाँ से निकल गया



इस घनघोर चुदाई ने जिस्म से ताक़त का कतरा कतरा निचोड़ डाला था तो थकान महसूस लगी थी मैं पोस्ट पर पहुचा तो साथियो ने कहा कि सर आप कहाँ लापता थे थोड़ी देर का बोल कर गये थे और अब आ रहे हो तो मैने कहा यार कुछ अर्जेंट काम हो गया था वो बोले सर शूकर है कि चेकिंग नही आई वरना प्राब्लम हो जाती मैने थोड़ा पानी पिया



कुछ गहरी सांस ली और कहा कि यारो मैं बहुत तक गया हू अगर आप कहो तो मैं थोड़ी देर सो जाउ मैं कल डबल ड्यूटी कर दूँगा तो वो बोले अरे सर इसमे डबल ड्यूटी की क्या बात है आप आराम करे तो मैं सो गया अगले दिन मुझे बेस कॅंप जाना पड़ा कुछ काम से तो मैने सीओ से फिर पूछा कि सर छुट्टी का अड्जस्टमेंट करवा दो तो वो बोले कि शाम तक तेरी पर्मिशन सॅंक्षन हो जाएगी



तू जाकर अपनी पॅकिंग वग़ैरा कर ले और घर जाने की तैयारी कर ये सुनके मैं खुश हो गया समान के नाम पे तो अपने को बस एक बॅग ही ले जाना था दोपहर तक ही मुझे पर्मिशन मिल गयी और कुछ ज़रूरी प्रोटकोल्स के बाद उसी शाम मैं बेस कॅंप से घर के लिए निकल पड़ा दिल मे बड़ी खुशी थी इतने दिनो के बाद घर जाने की रिज़र्वेशन था नही
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10-07-2019, 12:33 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
तो ट्रेन के जनरल बोगी मे ही धक्के खाते खाते अपने शहर को पहुच ही गये जब मैं स्टेशन पर उतरा तो रात के 2 बज रहे थे इस टाइम गाँव के लिए कोई साधन मिलना मुश्किल था तो अपने बॅग को कंधे पर लट काया और मैं पैदल पैदल ही गाँव की ओर चल पड़ा रास्ता जाना पहचाना और फिर दिल मे जल्दी से घर पहुचने की उमंग तो आधे पोने घंटे बाद मैं आख़िर गाँव की हद मे आ ही गया



अब रुकना मुश्किल हो रहा था तो मैं तेज तेज चलते हुवे गलियों को पार करते हुए अपने घर के दरवाजे तक आ गया दिल कुछ अजीब सा हो गया था मैने कुण्डी खड़काई दो-तीन बार पर अंदर से कोई नही आया तो मैने घड़ी मे टाइम देखा तीन का टाइम हो रहा था लगभग तो मैने सोचा अभी सभी गहरी नींद मे सो रहे होंगे शायद मैं भी थका हुआ तो था ही तो मैं घर के बाहर बने चबूतरे पर सो गया



कुछ ही देर सोया था कि तभी किसी ने जगा दिया मैने आँखे मलते हुए देखा कि शीला थी जो दूध लेने जा रही थी मैने कहा क्या भाभी सोने भी नही दिया बड़ी नींद आ रही थी तो वो बोली देवर जी आप कब आए तो मैने कहा रात3 बजे वो बोले घर के अंदर नही गये तो मैने कहा किसी ने दरवाजा ही नही खोला वो बोली सुबह हो गयी है अब जागने ही वाले होंगे


मैने घड़ी देखी तो सवा पाँच हो रहे थे गाँव मे आज भी लोग अक्सर जल्दी ही उठ जाया करते थे तो मैं लगा फिर से दरवाजा पीटने तो थोड़ी देर बाद पापा आए और दरवाजा खोला मुझे खड़ा देख कर उनकी नींद एक दम से गायब सी हो गयी मैने उनके पैर छुए और घर के अंदर चला गया और जाते ही सबको जगा दिया हम जगन और तुम मज़े से सोओ



मम्मी बोली आ गयी तुझे हमारी याद कितने दिनो बाद आया है तू मैने कहा मम्मी अब आप अपना नाटक चालू मत करो पहले कुछ चाइ-पानी तो दो कल से कुछ नही खाया है तो वो उन्होने चाची को आवाज़ लगाई और नाश्ता तैयार करने को कहा कुछ देर बात चित करने के बाद मैं बाथरूम मे घुस गया और फिर नाश्ता करके सीधा सोने के लिए अपने कमरे मे चला गया



जैसे ही कमरे का दरवाजा खोल कर मैं अंदर हुआ मेरी नज़र दीवार पर बनी निशा की तस्वीर पर गयी तो दिल साला तड़प सा गया ना चाहते हुए भी मैं थोड़ा सा दुखी सा हो गया घर आते ही उसकी यादो ने आ घेरा बड़ी मुश्किल से उसको कुछ टाइम के लिए भूला था पर फिर से आज उसकी याद आ गयी थी मुझे उसपर बड़ा गुस्सा आता था ना जाने कहाँ गायब हो गयी थी वो मुझे कैसे भूल गयी थी वो



दिमाग़ बोझिल सा होने लगा तो मैं वापिस नीचे आ गया और बैठक मे ही सो गया एक बार आँख लगी तो फिर मैं घोड़े बेच कर ही सोया होश जब आया जब शाम को अनिता भाभी ने मुझे उठाया वो मुझे झींझोड़ते हुए बोली उठो भी अब शाम होने को आई है कितना सोओगे अधखुली आँखो से मैने भाभी को देखा और अपनी ओर खीच लिया तो वो बोली क्या करते हो जल्दी से उठो



मैने कहा भाभी थोड़ा सा पानी पिलाना तो वो बोली अभी लाती हूँ पर तुम जल्दी से उठ जाओ मैने पानी पिया और फिर भाभी के साथ हॉल मे आ गया तो सारे घर वाले उधर ही थे मैने साक्षी को अपनी गोदी मे लिया और खिलाने लगा कुछ देर उसको खिलाने के बाद मैने चाची के बेटे को भी गोद मे लिया मैने कहा चाची ये तो बिल्कुल आप पर ही गया है



तो बस हँस पड़ी भाभी ने चाइ पकड़ा दी तो उसकी चुस्किया लेने लगा फिर मैने कहा कि मम्मी मैं ज़रा घूम फिर के आता हू और अपनी बाइक को बाहर निकाल कर धूल सॉफ करने लगा तो मम्मी बोली कि घूमने बाद मे जाना पहले तू तेरी भाभी के साथ ज़रा खेतों की तरफ हो आ दो दिन हो गये है उधर जाना ही नही हो पाया है मेरा बिल्कुल मूड नही था पर भाभी साथ जा रही थी तो मैने हाँ कर दी

मैने बाइक स्टार्ट की और भाभी को लेकर चल पड़ा खेतो की ओर गाँव की हद से बाहर निकलते ही भाभी मुझसे चिपक कर बैठ गयी उनकी चूचियाँ जो अब पहले से कही ज़्यादा बड़ी हो चुकी थी मेरी पीठ मे चुभने लगी कच्चे रास्ते पर जब मैं ब्रेक लगाता तो भाभी पूरी तरह से अपना पूरा बोझ मेरी पीठ पर डाल रही थी वो भी मुझसे चुहलबाजी के मूड मे थी



कोई 15 मिनिट बाद हम खेतो मे पहुच गये मैं बाइक खड़ी करने लगा और भाभी कुँए पे बने कमरे का ताला खोलने लगी भाभी बोली खेत सूखे पड़े है तो मोटर चला देती हू मैने खाट बाहर निकाली और टीन के नीचे बिछा दी नीली साड़ी मे भाभी जबरदस्त दिख रही थी और फिर कुँए पर हम दोनो अकेले भी थे तो मैने शरारत करने की सोची



वो अभी कमरे के अंदर ही थी तो मैं वहाँ गया और उनको पीछे से पकड़ लिया और उनकी चूचियो को ब्लाउज के उपर से ही मसल्ने लगा तो भाभी मुझसे छूटने का प्रयास करती हुवी बोली कि क्या तुम भी आते ही शुरू हो गये हो अभी टाइम तो देखो मैने कहा भाभी आपसे प्यार करने मे टाइम क्या देखना हम तो आपके हुस्न के दीवाने बचपन से ही है
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10-07-2019, 12:33 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
भाभी ने अपनी गान्ड को पीछे की ओर कर लिया जिसे से मेरा लंड वहाँ पर दबाव बनाने लगा वो बोली अगर मेरे इतने ही दीवाने हो तो ड्यूटी पे से कभी फोन क्यू नही करते मैने कहा भाभी जब भी फ़ुर्सत मिलती है तो करता ही हूँ ना और फिर पिछला डेढ़ महीना तो बड़ा ही भारी था मुझ पे वो बोली ऐसा क्या हुआ तो मैने बात टालते हुवे कहा कुछ नही भाभी ड्यूटी थोड़ी सख़्त थी



मैने कहा भाभी आप तो अब और भी जबरदस्त हो गयी हो तो वो हँसते हुवे बोली कहाँ मैं तो अब बुढ्ढि होती जा रही हू मैने कहा अरे अभी तो आपकी जवानी गदराई है और आप अभी से बुढ़ापे की सोच रही हो वो बोली क्यू मुझे चने के पेड़ पर चढ़ा रहे हो मैने कहा हद है भाभी अब मैने उनको अपनी ओर किया और बिना कुछ कहे चुप चाप अपने होंठो को उनके होंठो से मिला लिया



अनिता भाभी के होठ आज भी शहद से ज़्यादा मीठे थे मुझे वो दिन याद आ गया जब मैने पहली बार उनके नरम गुलाबी होतो का चुंबन लिया था भाभी धीरे धीरे गरम होने लगी थी उनकी सांसो ने एक सरगम सी छेड़ दी थी उन्होने अपनी आँखो को बंद कर लिया और खुद को मेरी बाहों मे ढीला छोड़ दिया काफ़ी दिन बाद भाभी के साथ अकेला था इसी अहसास से मैं बेताब होने लगा



मैं लगातार उनको चूमे जा रहा था कि तभी बाहर कुछ आवाज़ हुई तो हम दोनो एक दूसरे से दूर हो गये भाभी अपनी साड़ी सही करने लगी और मैं बाहर निकल आया तो मैने देखा कि गीता हमारी ओर ही चली आ रही थी जैसी ही उसने मेरी ओर देखा तो उसके गालो पर लाली आ गयी मेरे पास आकर उसने खुशी भरे स्वर मे कहा कि तुम कब आए



मैने कहा आज सुबह ही आया हू वो बोली कुछ दिन रुकोगे मैने कहा डेढ़ महीने की छुट्टी है जम के मोज मारूँगा तो वो थोड़ा शर्मा गयी और बोली कि पिछली बार की तरह मैं कही इंतज़ार करती ही ना रह जाउ तो मैने कहा अब मैं आ गया हू ना तो बस आपका इंतजार भी ख़तम हम बात कर ही रहे थे कि अंदर से भाभी भी आ गयी तो गीता ने कहा



अनिता बहू तुम्हारा घी तैयार करके रखा है मैने पर दो दिन से तुम्हारे घर से कोई इधर आया ही नही आओ मेरे साथ चलो और अपना पीपा ले जाओ तो मैने कहा भाभी आप ट्यूबबेल मे पानी छोड़ दो मैं घी ले आता हू और गीता के पीछे पीछे उसके घर की तरफ चल पड़ा मेरी निगाह उसकी गान्ड पर पड़ी गीता अब थोड़ी मोटी हो गयी थी



उसके दोनो चूतड़ कुछ ज़्यादा ही चौड़े हो गये थे और घाघरा बेहद कसा हुआ था चुतड़ों वाले हिस्से पे कुछ देर में मैं उसके घर पहुच गया तो देखा कि उसने एक नया कमरा और बना लिया था और साइड मे कई भैंसे भी पाल ली थी मैने कहा गीता तुमने तो खूब तरक्की कर ली है तो वो बोली खाक तरक्की की है सारा दिन इन पशुओ मे ही लगी रहती हू



मैने कहा सही तो है तुम्हारा टाइम पास भी होता रहता है वो बोली वो तो है मैने कहा और बताओ क्या चल रहा है तो वो बोली बस जी ही रही हू तुम ऐसी लत लगा कर गये कि जीना मुश्किल हो गया है मैने कहा फिर किसी से सेट्टिंग क्यो नही कर लेती तो वो बोली तुम पर तो मुझे भरोसा है पर गाँव मे मैं बदनामी नही चाहती हू वो बोली बैठो मैं चाइ बनाती हू



मैने मना करते हुवे कहा कि नही चाइ की ज़रूरत नही है तुम अभी तो जल्दी से घी का पीपा दे दो ज़्यादा देर हो गयी तो अनिता भाभी पता नही क्या सोचेगी और फिर वैसे भी थोड़ी देर मे अंधेरा होने वाला है तो घर भी जाना है मैं एक दो दिन मे आउन्गा तुमसे मिलने फिर तसल्ली से लूँगा तुम्हारी तो शरमाते हुवे बोली क्या कुछ भी बोलते रहते हो



मैं उसके पास गया और घाघरे के उपर से ही उसकी चूत को दबा दिया ज़ोर से तो गीता के मूह से एक चीख सी निकल गयई और वो बोली तुम भी पूरे बदमाश हो ज़रा भी नही सुधरे हो मैने कहा जिसके पास तुम्हारे जैसा जबर माल हो वो सुधर के करेगा भी तो क्या मैं हँसने लगा उसने घी का पीपा मुझे दिया और कहा कि दिन मे मत आना डेरी का काम है तो लोग आते जाते रहते है
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